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यौन उत्पीड़न क्या है? जानिए इससे जुड़े कानून और बचाव

sexual harassment essay in hindi

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya

shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/02/2022

यौन उत्पीड़न क्या है? जानिए इससे जुड़े कानून और बचाव

हमारे समाज में शायद ही ऐसी कोई महिला होगी,जो यौन उत्पीड़न या यौन शोषण से परिचित नहीं होगी। शर्म की बात तो ये है कि इसमें बच्चों को भी नहीं छोड़ा जाता। कुछ महिलाएं और बच्चे आए दिन यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) से होकर गुजरते हैं। यौन उत्पीड़न के जितने केस हमारे समाज में सामने आते हैं, उससे कहीं ज्यादा केस सामने आने ही नहीं दिए जाते हैं। यौन उत्पीड़न के मामले को अंदर ही दबा देने के कई कारण हैं, जिसमें समाज में बेइज्जती, कई साल न्याय पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटना या उत्पीड़न के बाद मिलने वाली धमकी इन सभी कारणों से कई बार ये मामले दबा दिए जाते हैं। इस मामले को छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है। यौन उत्पीड़न हमारे समाज में किसी कलंक से कम नहीं है। यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) के बारे बच्चों को शुरूआत से ही स्कूल में शिक्षा देनी चाहिए, जिससे उन्हें सही और गलत में फर्क पता हो।

और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में STD से बचाव: प्रेग्नेंसी में यौन संचारित रोगों से बचने के टिप्स

यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) क्या है?

कई लोग यौन उत्पीड़न और यौन शोषण में कन्फ्यूज रहते हैं। लेकिन इन दोनों में एक विशेष अंतर है। शारीरिक रूप से किए गए उत्पीड़न को यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) कहा जाता है। इसमें किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बिना छूना, जबरदस्ती या शक्ति का प्रयोग करना  और शारीरिक रूप से कोई यौन संबंधी कार्य करने के लिए मजबूर करना शामिल है। जबकि यौन शोषण में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसे यौन क्रिया में संलग्न करने के लिए बल, अवांछित जानबूझकर छूना, जबरदस्ती किसी को पकड़ना, किसी को लगातार घूरना या रास्ता रोकना, सामाजिक या सेक्शुअल लाइफ के बारे में पूछना, फोन करके अभद्र बातें करना, छूना और चूमना,किसी को देख कर सिटी बजाना आदि शामिल हैं।

  • बलात्कार यौन उत्पीड़न का एक रूप है, लेकिन यह एकमात्र प्रकार नहीं है। इसमें यौन उत्पीड़न, चुंबन लेना, और कुछ भी करने के लिए मजबूर करना शामिल कर सकते हैं। यह सबसे अधिक बार तब होता है जब आप किसी पार्टी, क्लब या किसी सामाजिक कार्यक्रम में होते हैं और आप ऐसे लोगों के साथ होते हैं जिन्हें आप जानते हैं और ऐसा नहीं लगता कि आपके पास डरने का कोई कारण है। कोई व्यक्ति चुपके से आपके पेय पदार्थ में किसी प्रकार की दवा मिला देता है। जब दवा घुल जाती है, तो यह गंधहीन होती है। यह रंगहीन भी हो सकती है या एक नीले रंग के अवशेषों को छोड़ सकता है, इसके अलावा यह स्वादहीन भी हो सकता है। जैसा कि आप पेय का सेवन करते हैं, दवा प्रभावी होती है। आप उनींदापन, चक्कर आना, भ्रम, कुछ समझने की कमी, सुस्ती और चेतना के कम स्तर का अनुभव कर सकते हैं।
  • अक्सर, ये दवाएं भूलने की बीमारी का कारण बनती हैं, और आपको याद नहीं रहता कि क्या हुआ था और किसने आपके साथ क्या किया है। नशीली दवाओं द्वारा यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) में इस्तेमाल होने वाली केवल एकमात्र दवा नहीं है। ऐसी कई तरह की दवाएं  हैं जो आपकी चेतना भंग कर सकती हैं। शराब वास्तव में यौन शोषण के अपराध  को सुविधाजनक बनाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। कानून की नजर में, आप शराब के प्रभाव में होने पर यौन संबंध बनाने के लिए सहमति नहीं दे सकते है। यह यौन उत्पीड़न का एक हिस्सा है, इस प्रकार के यौन उत्पीड़न से बचने के लिए आपको पार्टी जैसे स्थल पर चौकन्ना रहना चाहिए।

और पढ़ें : जानें बच्चे के लिए होम स्कूलिंग के फायदे

बाल यौन संबंध क्या है?

बाल यौन शोषण  किसी बच्चे के साथ किया जाने वाला कोई यौन कार्य है। जिसमें बच्चे को यौन क्रियाओं के लिए मजबूर करना, धोखा देना, रिश्वत देना,लालच देना, धमकी देना या दबाव डालना शामिल है। यह शारीरिक, मौखिक या भावनात्मक रूप से भी हो सकता है और इसमें यौन स्पर्श, बच्चे को अश्लील फिल्म दिखाना, बच्चे की अश्लील तस्वीरें लेने का प्रयास करने जैसे कार्य शामिल हैं।

वैवाहिक बलात्कार (Marital rape) क्या है?

वैवाहिक बलात्कार शब्द का उपयोग किसी व्यक्ति की सहमति के बिना या किसी व्यक्ति की इच्छा के खिलाफ किए गए यौन कार्यों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। जब अपराधी महिला का पति या पूर्व पति (या पुरुष की पत्नी या पूर्व पत्नी) होता है। इस प्रकार के बलात्कार कई कारणों से बहुत कम होते हैं। महिलाएं पति की प्रतिक्रिया से डर सकती हैं या वह कलंक और शर्म से डर सकती हैं, साथ ही साथ अपने या अपने बच्चों के संभावित नुकसान से भी डर सकती हैं। इस प्रकार के बलात्कार के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी वकील या सलाहकर से परामर्श लें।

और पढ़ें:  ये इशारे हो सकते हैं ऑफिस में यौन उत्पीड़न के संकेत, न करें नजरअंदाज

यौन शोषण (Sexual harassment) के शिकार व्यक्ति को क्या करना चाहिए?

यदि आप यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) का शिकार हो रहे हैं तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं। जो इस प्रकार से हैं-

  • यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना बहुत जरूरी है। यदि आप अपने द्वारा हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं, तो उत्पीड़क को और छूट मिल जाती है। इसलिए यौन उत्पीड़न  का शिकार न बने बल्कि इसके खिलाफ आवाज उठाएं।
  • उत्पीड़क से डरे नहीं उसका सामना करें। कभी दिमाग से तो कभी बल से सामना करने की कोशिश करें। उसे चेतावनी देकर यह जताएं की आप निडर हैं। यदि आप उसे चेतावनी नहीं देते हैं तो वह आपकी कमजोरी को भांप लेता है।
  • इसके खिलाफ अपने स्टेट ह्यूमन या सिविल राइट्स इस्टैब्लिशमेंट में चार्ज दाखिल करें।
  • यौन उत्पीड़न और यौन शोषण को लेकर कई नियम कानून बनाए गए हैं। इसलिए ऐसी समस्या में कानूनी एक्शन लेना न भूलें।

और पढ़ें: बनने वाले हैं पिता तो गर्भ में पल रहे बच्चे से बॉन्डिंग ऐसे बनाएं

यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) को रोकने में ध्यान दें 

  • अपने बच्चों के किसी के भरोसे पर कभी न सौपें।
  • अपने  बच्चे को बताएं  की उनके किसी अंग को किसी को छूने की अनुमति है या नहीं।
  • यदि आप अकेले किसी सूनसान जगह पर जा रही है या किसी से मिलने तो सावधानी के लिए अपनी करंट लोकेशन अपने किसी खास व्यक्ति को भेजकर रखें।
  • शुरूआत से ही अपने बच्चे को सिखाएं की यदि कोई उनके प्राइवेट अंग को छू रहा है या किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार कर रहा है तो यह आपसे शेयर करें।
  • अपने बच्चे को बताएं यदि कोई उसे  शारीरिक रूप से परेशान, रेप या चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। तो वह खुद को कैसे बचाएं।
  • बच्चों को बताएं की वह कभी किसी पर भरोसा न करें।
  • महिलाओं को किसी के साथ संबंध बनाने से पहले गुप्त कैमरे की तलाशी जरूर ले लेनी चाहिए।
  • कहीं कपड़े चेंज करते समय गुप्त कैमरे की तलाशी जरूर ले लेनी चाहिए।इससे कोई भी व्यक्ति आपको ब्लैकमेल करके आपसे जबरन कोई कार्य करा सकता है।
  • किसी पार्टी में कुछ खाने पीने को लेकर सावधानी बरतें।
  • अपने स्पीड डायल पर पुलिस हेल्प लाइन नंबर रखें।

ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

sexual assault/ https://www.womenshealth.gov/relationships-and-safety/sexual-assault-and-rape/sexual-assault /Accessed on 27-07-2020

sexual assault/ https://www.rainn.org/articles/sexual-assault/ Accessed on 27-07-2020

Rape and serious sexual assault/ https://www.cambs.police.uk/information-and-services/Serious-sexual-offences-and-rape/Rape-and-serious-sexual-assault /Accessed on 27-07-2020

What is sexual assault?/ https://www.wlsnsw.org.au/resources/sexual-assault/what-is-sexual-assault/ /Accessed on 27-07-2020

About Sexual Assault/ https://www.nsvrc.org/about-sexual-assault /Accessed on 27-07-2020

Sexual Assault and Harassment/ https://www.plannedparenthood.org/about-us/newsroom/campaigns/sexual-assault-and-harassment /Accessed on 27-07-2020

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shalu द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha

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sexual harassment essay in hindi

यौन शोषण - Sexual harassment in Hindi

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यौन शोषण सदियों से हमारे समाज में पैर पसारे हुए है। किसी के साथ दबाव व जबदस्ती से यौन गतिविधियां करना या इसमें शामिल होने के बदले इनाम का लालच देना भी यौन शोषण ही कहलाता है। यौन शोषण में कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। महिला व पुरुष दोनों ही इस तरह की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। यौन शोषण क्या होता है। इस पर क्या कानून बनाए गए हैं और इससे किस तरह बचाव करना चाहिए, इन सभी विषयों के बारे में हम आपको आगे विस्तार पूर्वक बता रहें हैं। 

(और पढ़ें -  सेक्स के बारे में जानकारी )

यौन शोषण क्या है? - What is sexual harassment in Hindi

ऑफिस या कार्यस्थल में यौन शोषण - sexual harassment in the office or workplace, यौन शोषण के प्रकार व इसमें शामिल गतिविधियां - types of sexual harassment and activities involved in it in hindi, यौन शोषण के लिए भारत में कानून - laws in india for sexual harassment in hindi, यौन शोषण को लेकर भारत में वास्तविकता - reality in india about sexual harassment in hindi, यौन शोषण (सेक्सुअल हरासमेंट) से पीड़ित व्यक्ति को क्या करना चाहिए - actions you can take in sexual harassment in hindi.

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किसी के द्वारा जबदस्ती यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए दबाव बनाना यौन शोषण कहलाता है। यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए आग्रह करना या सामने वाले व्यक्ति को इसके बदले इनाम देने की बात कहकर उसके समक्ष मौखिक या शारीरिक रूप में यौन व्यवहार को उजागर करना भी यौन शोषण का ही रूप माना जाता है। वैसे यौन शोषण पर रोक हेतु कई तरह के कानून बनाए गए हैं, लेकिन वह पूरी तरह से समाज में लागू नहीं हो पाते हैं। अक्सर कई मामलों में कार्यक्षेत्र में होने वाला निरंतर यौन शोषण आपके के लिए अपमानजनक स्थिति को बनाता है। इस शोषण के चलते कई बार कंपनी के द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालना, पदावनति करना या इस्तीफा लेने तक की कार्यवाही की जाती है, जो कानून के मुताबिक गैर कानूनी प्रक्रिया है।

(और पढ़ें - महिलाओं की यौन समस्याएं )

sexual harassment essay in hindi

ऑफिस या कार्यस्थल पर यौन शोषण रोधी कानून में कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। इसके कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित है-

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  • कर्मचारी की इच्छा के विरुद्ध किसी तरह का शारीरिक संपर्क।
  • यौन गतिविधि में शामिल होने का आग्रह करना। यौन संबंधी बातें करना।
  • अश्लील चित्रों व फिल्मों को दिखाना।
  • यौन इच्छाओं को उजागर करने वाली शारीरिक, मौखिक व गैर मौखिक क्रिया।

ऊपर बताई गई गतिविधि यौन शोषण में गिनी जाती है। इसके अलावा यौन गतिविधि में शामिल न होने पर किसी के कार्य में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करना, उसको डराना व अपमानजनक स्थिति पैदा करना भी इस शोषण के अंतर्गत आता है। कार्यस्थल में मौखिक (कुछ बोलकर), कुछ दिखाकर, शारीरिक व मानसिक इन चार तरीकों से भी यौन शोषण किया जा सकता है। कार्यस्थल में किसी के द्वारा यौन इच्छा व व्यवहार को उजागर करने वाली कोई भी क्रिया आपके साथ होती है, तो ऐसे में आप यौन शोषण संबंधी कानून की मदद ले सकती हैं। इससे संबंधित एक अन्य कानून में बताया गया है कि किसी भी कार्यस्थल में महिलाओं के साथ यौन शोषण नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी के भी द्वारा कार्यस्थल में महिलाओं के स्वास्थ्य व सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव डालने वाला माहौल उत्पन्न नहीं करना होगा, जैस- उनको डराना व अपमानजनक स्थिति बनाना।

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इसके तहत मुख्यतः दो प्रकार के यौन शोषण को शामिल किया जाता है-

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  • किसी यौन गतिविधि के बदले कर्मचारी को व्यक्तिगत फायदा पहुंचना – इसमें आपका उच्च अधिकारी आपसे यौन गतिविधि में शामिल होने के बदले आपको कुछ व्यक्तिगत लाभ देने का आग्रह कर सकता है। अगर किसी कर्मचारी को यह लगे कि उसकी पदोन्नति उच्च अधिकारी के साथ यौन गतिविधि रखने के कारण हुई है तो यह यौन शोषण का ही प्रकार माना जाएगा।
  • किसी कर्मचारी के लिए असहजपूर्ण वातावरण बनाना - कार्यस्थल पर किसी कर्मचारी के द्वारा दूसरे कर्मी को यौन गतिविधि के लिए मना करने के बाद उसे धमकाना या उसके कार्य में अपर्याप्त हस्तक्षेप करते हुए असहजपूर्ण वातावरण बनाने की कोशिश करना भी यौन शोषण का ही एक प्रकार माना जाता है।

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इसके अलावा यौन शोषण से संबंधित कुछ अन्य उदाहरण-

  • अवांछित यौन टिप्पणी करना – इसमें व्यक्ति के द्वारा किसी को अश्लील चुटकला सुनाना, शरीर के यौन अंग पर टिप्पणी करना, यौन गतिविधि की अफवाह फैलाना, अश्लील बातें करना, किसी तरह का कोई अश्लील चित्र दिखाना या लिख कर अश्लील विचार बताना आता है। अवांछित यौन टिप्पणी को व्यक्ति बोलकर, लिखकर या ईमेल, मैसेज, ब्लॉग व वेब पेज के माध्यम के अलावा अन्य तरीकों से भी व्यक्त कर सकता है।
  • अवांछित व्यक्तिगत आकर्षण – पत्र, मोबाइल कॉल, यौन गतिविधियों के लिए दबाव बनाना, व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए दबाव बनाना या कहीं बाहर मिलने के लिए जबरदस्ती करना अवांछित व्यक्तिगत आकर्षण में आते हैं।
  • अवांछित रूप से शारीरिक गतिविधि करना – इसमें छूना, किस करना, यौन क्रिया की इच्छा से किसी को छूना,दबाव डाल कर शारीरिक संबंध बनाना व अन्य प्रकार की यौन गतिविधि में शामिल होना शामिल है।

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sexual harassment essay in hindi

यौन शोषण के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के द्वारा भारतीय दंड संहिता में धारा 354 को शामिल किया गया। जिसमें यह बताया गया है कि यौन शोषण के अपराध में दोषी को क्या दंड दिया जाएगा। इसके निम्नलिखित मुख्य प्रावधान है-

(और पढ़ें -  स्वप्नदोष क्यों होता है )

  • इस अधिनियम में कार्यस्थल पर होने वाले यौन शोषण को परिभाषित किया गया है और इन शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र बनाया गया है। यह कानून गलत शिकायतों के लिए भी बचाव करता है।
  • इस अधिनियम में किसी को यौन गतिविधि के बदले व्यक्तिगत फायदा पहुंचना व यौन गतिविधि न करने पर किसी कर्मचारी के लिए 'असहजपूर्ण वातावरण बनाना' को शामिल किया गया है।
  • इस अधिनियम में पीड़ित महिला को परिभाषित करते हुए, उस महिला के बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके साथ ही निजी, सार्वजनिक व घरेलू क्षेत्र में कार्यरत सभी उम्र की महिलाओं को इस अधिनियम के तहत सुरक्षा देने का प्रावधान है। (और पढ़ें -  पहली बार सेक्स )
  • इसके अलावा इसमें कार्यस्थल के लिए विशाखा नियमावली को तैयार किया गया है। जिसमें ऑफिस के माहौल व कर्मचारियों के बीच के संबंधों को बताया गया है। इसके अलावा इसमें सभी तरह के कार्यस्थल, नर्सिंग होम, शैक्षिक संस्थान, खेल संस्थान व अन्य स्थानों के बारे में बताया गया है, जहां पर नौकरी के दौरान कर्मचारी को जाना पड़ सकता है।
  • इसके तहत शिकायत की जांच के लिए बनी कमेटी को अपनी जांच 90 दिनों के अंदर पूरी करनी होती है और संबंधित संस्थान के नियुक्तिकर्ता व जिला अधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपनी होती है। इसके बाद 60 दिनों की समय सीमा के अंतराल में शिकायत पर निर्णय लिए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। (और पढ़ें -  sex position in hindi )
  • संस्थान के मालिक या नियोक्ता के लिए भी इसमें दंड को निर्धारित किया गया है। इस अधिनियम को न मानने पर 50000 का जुर्माना तय किया गया है। जबकि दोबारा इसका उल्लंघन होने पर जुर्माने को बढ़ाते हुए संबंधित संस्थान के लाईसेंस को रद्द किया जा सकता है।

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इससे संबंधित कानून को हिंदी में विस्तार पूर्वक पढ़ें - 

भारत के हर क्षेत्र की कंपनी व उद्योग से यौन शोषण के सही आकंडे प्राप्त कर पाना बेहद ही कठीन है, लेकिन पूंजी बाजार में कुछ नियमों को शुरू करने के बाद बीते कुछ वर्षों से भारत की शीर्ष 100 कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आप यौन शोषण की मौजूदा स्थिति को थोड़ा-बहुत समझ सकते हैं। कई भारतीय कंपनियों ने किसी अन्य कंपनी के साथ विलय कर लिया है, जिसकी वजह से इनकी महिला कर्मचारियों का सही डाटा नहीं मिल पाया है। इसके साथ ही कई कंपनियों ने अपनी महिला कर्मचारियों व यौन शोषण के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की है। इसके बावजूद जो आकंड़े मौजूद है, उनके अनुसार पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले यौन शोषण के मामलों में इजाफा हुआ है। यौन शोषण के मामलो में इजाफा कंपनियों में महिला कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी के मुकाबले ज्यादा हुआ है।

(और पढ़ें - यौन संचारित रोगों की रोकथाम )

यौन शोषण होने पर पीड़ित कर्मचारी खुद को शक्तिहीन समझता है। कई पीड़ित इस तरह की समस्या में कुछ नहीं कर पाते हैं और ऐसे में उनके पास केवल चुप रहने के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं बचता, लेकिन वास्तव में यौन शोषण का शिकार हुए व्यक्ति के पास कई तरह के कानूनी विकल्प होते हैं, जिनके द्वारा वह इसके खिलाफ शिकायत कर सकता है। तो आइये जानते हैं यौन शोषण होने पर क्या करना चाहिए।

(और पढ़ें -  डिलीवरी के बाद सेक्स )

  • यौन शोषण के खिलाफ आगे आएं – यौन शोषण के खिलाफ आपको आगे आना होगा। विशेषकर यौन गतिविधि न करने पर कार्यस्थल को आपके लिए असहज बनाने वाली क्रिया के खिलाफ आपको आगे आना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको इसके दोषी को बताना चाहिए कि उनके आचरण से आप अपमान महसूस कर रहें हैं। अक्सर कई मामलों में इस तरह से होने वाले यौन शोषण की घटनाओं को इससे कम किया जा सकता है, लेकिन यदि इसके बावजूद भी यौन शोषण जारी है तो आप यौन शोषण करने वाले को नोटिस भी दे सकते हैं। (और पढ़ें -  सेक्स पावर  कैसे बढ़ाएं)
  • कंपनी की पॉलिसी के अनुसार शिकायत करें - यौन शोषण करने वाले को ऐसा न करने से मना करने के बाद भी वह इस क्रिया को बंद नहीं कर रहा है, तो आपको कंपनी की पॉलिसी के अनुसार यौन शोषण की शिकायत करनी चाहिए। कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक आप पत्र व नोट लिखकर भी कंपनी के अधिकारियों को इस बारे में बता सकते हैं। अगर आपकी कंपनी में इस तरह की कोई पॉलिसी नहीं है तो आप अपने अधिकारी को इस बारे में बताएं, यदि वह भी इस बारे में कोई निश्चित कदम नहीं उठा पाते हैं, तो आपको इस बात को अन्य उच्च अधिकारियों को बताना होगा। (और पढ़ें -  सेक्स करने के तरीके )
  • कानूनी विकल्प - कई कंपनियों मे इस तरह की पॉलिसी को लागू नहीं किया गया है। अगर इन कंपनियों में आपके साथ यौन शोषण होता है तो आप ऐसे में कोर्ट की मदद ले सकते हैं। यौन शोषण पर भारत सरकार की ओर से कानून बनाया गया है। जिसके आधार पर दोषी को सजा व जुर्माने का प्रावधान है। यौन शोषण से हुए मानसिक परेशानी के लिए भी आप कोर्ट की मदद ले सकती हैं। आइए जानें किन स्थितियों में कानून की मदद लेनी चाहिए। - यौन शोषण के चलते नौकरी छूट जाने पर - वेतन के अलावा मिलने वाली अन्य सुविधाओं से वंचित होने पर - मानसिक परेशानी के लिए
  • अन्य जगह पर शिकायत कैसे करें? आपको बता दें कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा कार्यस्थल पर यौन शोषण के खिलाफ शिकायत करने के लिए वेब पोर्टल की शुरूआत की गई है। इस पोर्टल में आप आपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत कर सकते हैं। मंत्रालय की ओर से http://www.shebox.nic.in/ पर आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

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Booklet on Sexual Harassment of Women at Workplace (Hindi) (2015) - Karyasthal Par Mahilaon Ka Yaun Utpeedan

Profile image of PLD India

The book ‘Karyasthal Par Mahilaon Ka Yaun Utpeedan’ is a comprehensive guide on The Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act, 2013. Written in simple language, it is accessible to grassroots workers, committee members, and lawyers alike, and enables the implementation of the Act in a gender-just manner. The guide explains the provisions of the legislation, and also administrative and civil procedures not spelled out in the Act, but necessary to conduct inquiries as per the rules of natural justice. The book was published in Hindi in 2015 and in Telugu in 2017.

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पीओएसएच अधिनियम (कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम)_0.1

पीओएसएच अधिनियम (कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम)

POSH अधिनियम 2013 अधिदेशित है कि प्रत्येक नियोक्ता को प्रत्येक कार्यालय या शाखा में 10 या अधिक कर्मचारियों के साथ एक आंतरिक परिवाद समिति (इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी/ICC) का गठन करना चाहिए। 

PoSH Act UPSC

Table of Contents

पीओएसएच अधिनियम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।

समाचारों में पीओएसएच अधिनियम 2013

  • ये कार्रवाइयां कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध पता निवारण) अधिनियम, 2013 के अनुरूप होनी चाहिए।
  • ऐसा करने में, न्यायालय ने रेखांकित किया कि फिल्म निर्माण इकाइयों को यौन उत्पीड़न के विरुद्ध निर्मित कानून का पालन करना चाहिए, जिसे आम तौर पर 2013 में संसद द्वारा पारित POSH अधिनियम कहा जाता है।

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम , निषेध तथा निवारण) अधिनियम

  • कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम , निषेध तथा निवारण) अधिनियम के बारे में: कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध तथा निवारण) अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था।
  • POSH अधिनियम 2013 ने विशाखा दिशानिर्देशों को भी विस्तृत किया, जो पहले से ही लागू थे।

POSH अधिनियम 2013 के तहत दिशा निर्देश

  • सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि उन्हें एक परिवाद समिति का गठन करना चाहिए, जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करेगी।
  • POSH अधिनियम 2013 अधिदेशित है कि प्रत्येक नियोक्ता को प्रत्येक कार्यालय या शाखा में 10 या अधिक कर्मचारियों के साथ एक आंतरिक परिवाद समिति (इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी/ICC) का गठन करना चाहिए।
  • POSH अधिनियम 2013 ने यौन उत्पीड़न के विभिन्न पहलुओं को परिभाषित किया है, जिसमें व्यथित पीड़िता भी शामिल है, जो “किसी भी आयु की महिला चाहे नियोजित हो अथवा न हो”, जो “यौन उत्पीड़न के किसी भी कार्य के अधीन होने का आरोप लगाती है”।
  • इसका तात्पर्य था कि किसी भी सामर्थ्य में कार्य करने वाली या किसी भी कार्यस्थल पर जाने वाली सभी महिलाओं के अधिकारों को अधिनियम के तहत संरक्षित किया गया था।

POSH अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न की परिभाषा

POSH अधिनियम 2013 के तहत, यौन उत्पीड़न में निम्नलिखित में से “कोई एक या अधिक” सम्मिलित है “अवांछित कृत्य अथवा व्यवहार” जो प्रत्यक्ष अथवा निहितार्थ से कारित किया गया है-

  • शारीरिक संपर्क एवं प्रयास
  • यौन अनुग्रह के लिए एक मांग या अनुरोध
  • यौन रंजित टिप्पणी
  • अश्लील साहित्य का प्रदर्शन
  • यौन प्रकृति का कोई अन्य अवांछित शारीरिक, मौखिक या गैर-मौखिक आचरण।

इसके अतिरिक्त , POSH अधिनियम में पांच परिस्थितियों का उल्लेख है जो यौन उत्पीड़न के समान है-  

  • उसके नियोजन में तरजीही व्यवहार का निहित या सुस्पष्ट वादा;
  • हानिकारक व्यवहार का निहित अथवा सुस्पष्ट खतरा;
  • उसकी वर्तमान या भविष्य की नियोजन स्थिति के बारे में निहित अथवा सुस्पष्ट धमकी;
  • उसके काम में हस्तक्षेप या एक आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण निर्मित करना;
  • अपमानजनक व्यवहार जिससे उसके स्वास्थ्य या सुरक्षा पर असर पड़ने की संभावना हो।

कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर पुस्तिका

  • यौन रूप से विचारोत्तेजक टिप्पणी या आक्षेप; गंभीर या बार-बार की जाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी;
  • किसी व्यक्ति के यौन जीवन के बारे में अनुचित प्रश्न अथवा टिप्पणी लिंग भेद द्योतक (सेक्सिस्ट) या आपत्तिजनक तस्वीरें, पोस्टर, एमएमएस, एसएमएस, व्हाट्सएप या ईमेल का प्रदर्शन
  • यौन संबंधों के इर्द-गिर्द डराना-धमकाना, धमकी देना, ब्लैकमेल करना; इसके अतिरिक्त, किसी कर्मचारी के विरुद्ध ,  भय, धमकी या प्रतिशोध जो इनके बारे में बोलता है
  • यौन अतिव्यापन के साथ अवांछित सामाजिक निमंत्रण, जिसे आमतौर पर छेड़खानी के रूप में देखा जाता है
  • अवांछित यौन प्रयास।
  • हैंडबुक कहती है कि “अवांछित व्यवहार” का अनुभव तब होता है जब पीड़िता असह्य या शक्तिहीन महसूस करती है; यह क्रोध/उदासी या नकारात्मक आत्म-सम्मान का कारण बनता है।
  • यह जोड़ता है कि अवांछित व्यवहार वह है जो “अवैध, अपमानजनक, लंघन कारी, एकपक्षीय एवं शक्ति आधारित” है।

POSH अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

  • अधिनियम कहता है कि वह ऐसा कर सकती है – और यदि वह नहीं कर सकती है, तो ICC का कोई भी सदस्य उसे लिखित रूप में शिकायत करने के लिए “सभी उचित सहायता” प्रदान करेगा।
  • यदि महिला “शारीरिक अथवा मानसिक अक्षमता या मृत्यु  अथवा अन्यथा” के कारण शिकायत नहीं कर सकती है, तो उसका विधिक उत्तराधिकारी ऐसा कर सकता है।
  • हालाँकि, ICC “समय सीमा में वृद्धि कर सकता है” यदि “यह संतुष्ट है कि परिस्थितियाँ ऐसी थीं जो महिला को उक्त अवधि के भीतर शिकायत दर्ज करने से रोकती थीं”।
  • ICC पूछताछ से पहले एवं “पीड़ित महिला के अनुरोध पर, सुलह के माध्यम से उसके तथा प्रतिवादी के मध्य मामले को निपटाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकती है” – बशर्ते कि “सुलह के आधार के रूप में कोई मौद्रिक समझौता नहीं किया जाएगा”।
  • किसी भी व्यक्ति को शपथ लेकर बुलाने तथा जांच करने  एवं दस्तावेजों की खोज तथा प्रस्तुतीकरण की आवश्यकता के संबंध में आईसीसी के पास सिविल न्यायालय  के समान अधिकार हैं।

पीओएसएच अधिनियम (कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम)_4.1

आईसीसी की रिपोर्ट तथा दंड

  • अधिनियम में कहा गया है कि महिला की पहचान, प्रतिवादी, गवाह, जांच, सिफारिश तथा की गई कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए।
  • ये प्रत्येक कंपनी के लिए भिन्न भिन्न हो सकते हैं।
  • आईसीसी यह भी सिफारिश करता है कि कंपनी दोषी पाए गए व्यक्ति के वेतन से कटौती करे, “जैसा कि वह उचित समझे”।
  • महिला को हुई पीड़ा एवं भावनात्मक संकट;
  • कैरियर के यह उपलब्धि अवसर में हानि;
  • उसका चिकित्सा व्यय;
  • प्रतिवादी की आय एवं वित्तीय स्थिति; तथा
  • इस तरह के भुगतान की व्यवहार्यता।
  • अपील का प्रावधान: सिफारिशों के बाद, पीड़ित महिला या प्रतिवादी 90 दिनों के भीतर न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
  • ऐसे मामले में, ICC नियोक्ता को “अनुशंसित” कर सकती है कि वह “सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार” महिला या शिकायत करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करे।
  • अधिनियम, हालांकि, यह स्पष्ट करता है कि “शिकायत को प्रमाणित करने या पर्याप्त साक्ष्य प्रदान करने” हेतु “केवल अक्षमता” के लिए कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

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महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर निबंध (Violence against Women in India Essay in Hindi)

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा

21वीं सदी के भारत में तकनीकी प्रगति और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा दोनों ही साथ-साथ चल रहे है। महिलाओं के विरुद्ध होती यह हिंसा अलग-अलग तरह की होती है तथा महिलाएं इस हिंसा का शिकार किसी भी जगह जैसे घर, सार्वजनिक स्थान या दफ्तर में हो सकती हैं। महिलाओं के प्रति होती यह हिंसा अब एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है और इसे अब और ज्यादा अनदेखा नहीं किया जा सकता क्योंकि महिलाएं हमारे देश की आधी जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं।

भारत में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर छोटे तथा बड़े निबंध  (Short and Long Essay on Violence against Women in India in Hindi, Bharat me Mahilaon ke Viruddh Hinsa par Nibandh Hindi mein)

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारतीय समाज के पुरुष-प्रधान होने की वजह से महिलाओं को बहुत अत्याचारों का सामना करना पड़ा है। आमतौर पर महिलाओं को जिन समस्याओं से लड़ना पड़ता है उनमे प्रमुख है दहेज़-हत्या, यौन उत्पीड़न, महिलाओं से लूटपाट, नाबालिग लड़कियों से राह चलते छेड़-छाड़ इत्यादि।

भारतीय दंड संहिता के अनुसार बलात्कार, अपहरण अथवा बहला फुसला के भगा ले जाना, शारीरिक या मानसिक शोषण, दहेज़ के लिए मार डालना, पत्नी से मारपीट, यौन उत्पीड़न आदि को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। महिला हिंसा से जुड़े केसों में लगातार वृद्धि हो रही है और अब तो ये बहुत तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं।

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा

हिंसा से तात्पर्य है किसी को शारीरिक रूप से चोट या क्षति पहुँचाना। किसी को मौखिक रूप से अपशब्द कह कर मानसिक परेशानी देना भी हिंसा का ही रूप है। इससे शारीरिक चोट तो नहीं लगती परन्तु दिलों-दिमाग पर गहरा आघात जरुर पहुँचता है। बलात्कार, हत्या, अपहरण आदि को आपराधिक हिंसा की श्रेणी में गिना जाता है तथा दफ़्तर या घर में दहेज़ के लिए मारना, यौन शोषण, पत्नी से मारपीट, बदसलूकी जैसी घटनाएँ घरेलू हिंसा का उदाहरण है। लड़कियों से छेड़-छाड़, पत्नी को भ्रूण-हत्या के लिए मज़बूर करना, विधवा महिला को सती-प्रथा के पालन करने के लिए दबाव डालना आदि सामाजिक हिंसा के अंतर्गत आते है। ये सभी घटनाएँ महिलाओं तथा समाज के बड़े हिस्से को प्रभावित कर रहीं हैं।

महिलाओं के प्रति होती हिंसा में लगातार इज़ाफा हो रहा है और अब तो ये चिंताजनक विषय बन चुका है। महिला हिंसा से निपटना समाज सेवकों के लिए सिरदर्द के साथ-साथ उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। हालाँकि महिलाओं को जरुरत है की वे खुद दूसरों पर निर्भर न रह कर अपनी जिम्मेदारी खुद ले तथा अपने अधिकारों, सुविधाओं के प्रति जागरूक हो।

निबंध 2 (300 शब्द)

भारत में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा बहुत पुराना सामाजिक मुद्दा है जिसकी जड़ें अब सामजिक नियमों तथा आर्थिक निर्भरता के रूप में जम चुकी है। बर्बर सामूहिक बलात्कार, दफतर में यौन उत्पीड़न, तेजाब फेकनें जैसी घटनाओं के रूप में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उजागर होती रही है। इसका ताज़ा उदाहरण है राजधानी दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 निर्भया गैंग-रेप केस।

23 साल की लड़की से किये गए सामूहिक बलात्कार ने देश को झकझोर कर रख दिया था। परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में भीड़ बदलाव की मांग करती हुई सड़कों पर उतर आई। ऐसी घटनाओं के रोज़ होने के कारण इससे महिलाओं के लिए सामाजिक मापदंड बदलना नामुमकिन सा लगता है। लोगों की शिक्षा स्तर बढ़ने के बावजूद भारतीय समाज के लिए ये समस्या गंभीर तथा जटिल बन गई है। महिलाओं के विरुद्ध होती हिंसा के पीछे मुख्य कारण है पुरुष प्रधान सोच, कमज़ोर कानून, राजनीतिक ढाँचे में पुरुषों का हावी होना तथा नाकाबिल न्यायिक व्यवस्था।

एक रिसर्च के अनुसार महिलाएं सबसे पहले हिंसा का शिकार अपनी प्रारंभिक अवस्था में अपने घर पर होती हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को उनके परिवारजन, पुरुष रिश्तेदारों, पड़ोसियों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है।

भारत में महिलाओं की स्थिति संस्कृति, रीती-रिवाज़, लोगों की परम्पराओं के कारण हर जगह भिन्न है। उत्तर-पूर्वी राज्यों तथा दक्षिण भारत के राज्यों में महिलाओं की अवस्था बाकि राज्यों के काफी अच्छी है। भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों के कारण भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 लड़कों पर केवल 940 लड़कियां ही थी। इतनी कम लड़कियों की संख्या के पीछे भ्रूण-हत्या, बाल-अवस्था में लड़कियों की अनदेखी तथा जन्म से पहले लिंग-परीक्षण जैसे कारण हैं।

राष्ट्रीय अपराधिक रिकार्ड्स ब्यूरो के अनुसार महिलाएं अपने ससुराल में बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के प्रति होती क्रूरता में एसिड फेंकना, बलात्कार, हॉनर किलिंग, अपरहण, दहेज़ के लिए क़त्ल करना, पति अथवा ससुराल वालों द्वारा पीटा जाना आदि शामिल है।

Essay on Violence Against Women in India in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

भारत में महिलाएं हर तरह के सामाजिक, धार्मिक, प्रान्तिक परिवेश में हिंसा का शिकार हुई हैं। महिलाओं को भारतीय समाज के द्वारा दी गई हर तरह की क्रूरता को सहन करना पड़ता है चाहे वो घरेलू हो या फिर शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, आर्थिक हो। भारत में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को बड़े स्तर पर इतिहास के पन्नों में साफ़ देखा जा सकता है। वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति आज के मुकाबले बहुत सुखद थी पर उसके बाद, समय के बदलने के साथ-साथ महिलाओं के हालातों में भी काफी बदलाव आता चला गया। परिणामस्वरुप हिंसा में होते इज़ाफे के कारण महिलाओं ने अपने शिक्षा के साथ सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक समारोह में भागीदारी के अवसर भी खो दिए।

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के कारण उन्हें भरपेट भोजन नहीं दिया जाता था, उन्हें अपने मनपसंद कपड़े पहनने की अनुमति नहीं थी, जबरदस्ती उनका विवाह करवा दिया जाता था, उन्हें गुलाम बना के रखा जाने लगा, वैश्यावृति में धकेला गया। महिलाओं को सीमित तथा आज्ञाकारी बनाने के पीछे पुरुषों की ही सोच थी। पुरुष महिलाओं को एक वस्तु के रूप में देखते थे जिससे वे अपनी पसंद का काम करवा सके। भारतीय समाज में अक्सर ऐसा माना जाता है की हर महिला का पति उसके लिए भगवान समान है।

उन्हें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखना चाहिए तथा हर चीज़ के लिए उन्हें अपने पति पर निर्भर रहना चाहिए। पुराने समय में विधवा महिलाओं के दोबारा विवाह पर पाबंदी थी तथा उन्हें सती प्रथा को मानने का दबाव डाला जाता था। महिलाओं को पीटना पुरुष अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते थे। महिलाओं के प्रति हिंसा में तेज़ी तब आई जब नाबालिग लड़कियों को मंदिर में दासी बना कर रखा जाने लगा। इसने धार्मिक जीवन की आड़ में वैश्यावृति को जन्म दिया।

मध्यकालीन युग में इस्लाम और हिन्दू धर्म के टकराव ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को बढ़ावा दिया। नाबालिग लड़कियों का बहुत कम उम्र में विवाह कर दिया जाता था और उन्हें हर समय पर्दे में रहने की सख्त हिदायत दी जाती थी। इस कारण महिलाओं के लिए अपने पति तथा परिवार के अलावा बाहरी दुनिया से किसी भी तरह का संपर्क स्थापित करना नामुमकिन था। इसके साथ ही समाज में बहुविवाह प्रथा ने जन्म लिया जिससे महिलाओं को अपने पति का प्यार दूसरी महिलाओं से बांटना पड़ता था।

नववधू की हत्या, कन्या भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा महिलाओं पर होती बड़ी हिंसा का उदाहरण है। इसके अलावा महिलाओं को भरपेट खाना न मिलना, सही स्वास्थ्य सुविधा की कमी, शिक्षा के प्रयाप्त अवसर न होना, नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न, दुल्हन को जिन्दा जला देना, पत्नी से मारपीट, परिवार में वृद्ध महिला की अनदेखी आदि समस्याएँ भी महिलाओं को सहनी पड़ती थी।

भारत में महिला हिंसा से जुड़े केसों में होती वृद्धि को कम करने के लिए 2015 में भारत सरकार जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन) बिल लाई। इसका उद्देश्य साल 2000 के इंडियन जुवेनाइल लॉ को बदलने का था क्योंकि इसी कानून के चलते निर्भया केस के जुवेनाइल आरोपी को सख्त सजा नहीं हो पाई। इस कानून के आने के बाद 16 से 18 साल के किशोर, जो गंभीर अपराधों में संलिप्त है, के लिए भारतीय कानून के अंतर्गत सख्त सज़ा का प्रावधान है।

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यौन दुराचार क्या होता है?

यौन दुराचार  कोई भी, मैथुनिक या कामुकीकरण काम होता है जिससे एक व्यक्ति बेआराम, अभित्रस्त या भयभीत महसूस करता हो। यह ऐसा व्यवहार होता है जिसे एक व्यक्ति ने आमंत्रित और चयनित नहीं किया होता। यौन दुराचार एक विश्वासघात तथा हरेक व्यक्ति के उस अधिकार का हनन होता है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर के साथ क्या होना चाहिये उस पर अपनी बात कह सकता/ती है। यौन दुराचार अधिकार या शक्ति का दुरुपयोग होता है। यौन दुराचार व्यस्कों तथा बच्चों, महिलाओं तथा पुरुषों, एवम् सभी प्रकार की पृष्ठभूमियों के लोगों के साथ किया जा सकता है। यौन दुराचार को यौन दुर्व्यवहार या यौन हिंसा के रुप में भी उल्लिखित किया जा सकता है। यौन दुराचार को वर्णित करने वाले शब्दों, जैसे कि बलात्कार या यौन दुराचार का दोनों तरह का मतलब होता है, दैनिक बातचीत में इसका एक सामान्य अर्थ होता है तथा दण्डनीय यौन अपराधों के विवरण के लिये उपयोग के समय इसका विशेष अर्थ होता है। इस वेबसाइट पर, हम इन शब्दों का उपयोग केवल सामान्य तरीके से तथा सामान्य सूचना प्रदान करने के लिए कर रहे हैं। यदि आपको लगता है कि एक दण्डनीय यौन अपराध हुआ है और आप उसकी शिकायत करना चाहते हैं तो, संभवतः आप आगे और सलाह भी लेना चाहेंगे। आप ऐसा  आपके क्षेत्र में यौन दुराचार सेवा (ईंग्लिश में) , पुलिस, आपके डॉक्टर या एक निजी वकील से संपर्क करके कर सकते हैं। इसमें समय एक कारक हो सकता है तथा यह सेवायें अधिकारों तथा विकल्पों के बारे में सूचना प्रदान कर सकती हैं।

यौन दुराचार कई रुपों में हो सकता है

यौन दुराचार क्या होता है यह मालुम होने से, जब हमारा कोई मित्र, परिवार का कोई सदस्य या ग्राहक जाहिर करता है कि उनके साथ दुराचार हुआ है तो, हमें प्रतिक्रिया व्यक्त करने में सहायता मिलती है। निम्नलिखित सूची में हमें यौन दुराचार के कुछ उदाहरण मिलते हैं:

यौन उत्पीड़न।

अनचाहा चुंबन या छुआ जाना।

दबाव डालकर या जबरदस्ती की गई यौन गतिविधियां, अथवा मैथुन संबंधी क्रिया-कलाप, इनमें वे  क्रिया-कलाप भी शामिल हैं जिनमें में हिंसा या दर्द सहित क्रिया-कलाप हों।

गुप्तांगों का प्रदर्शन 'झलक'  सहित।

पकड़ने के लिये पीछा करना।

जब आप नग्न हों या मैथुनिक गतिविधियां कर रहे हों उस समय आपकी अनुमति के बिना किसी का आपको देखना।

सहमति के बिना कामुक चित्रों को इंटरनेट पर डालना।

अश्लील साहित्य को देखने या उसमें हिस्सा लेने के लिये किसी के द्वारा दबाव डाला जाना या जबरदस्ती करना।

संभोग अथवा मैथुनिक गतिविधि के बारे में चयन करने की किसी व्यक्ति की क्षमता को कम या विकृत करने के लिये, पेय पदार्थों में मिलावट कर देना, अथवा नशीले पदार्थों या मदिरा का उपयोग।

किसी निद्रामग्न, मदिरा एवम्/अथवा अन्य नशीले पदार्थों से गंभीर रुप से प्रभावित व्यक्ति के साथ संभोग करना।

दबावपूर्ण, भयकारक अथवा शोषणपूर्ण बर्ताव के पैटर्न के एक हिस्से के रुप में कामुक या विचारोत्तेजक चुटकुले, कहानियाँ अथवा मैथुनिक तस्वीरें दिखाना।

बलात्कार (किसी भी छिद्र का किसी वस्तु से भेदन/प्रवेश)।

किसी बच्चे या दुर्बल व्यक्ति को किसी भी प्रकार की मैथुनिक गतिविधि में शामिल होने के लिये 'तैयार करना'।

एक बच्चे के साथ किसी भी प्रकार की मैथुनिक क्रिया।

यौन दुराचार, यौन भावाभिव्यक्ति के समान नहीं होता। यौन दुराचार एक अनचाहा मैथुनिक बर्ताव या कार्य होता है जिसमें बल जताने या किसी के चयन के अधिकार को नकारने के लिये भय, दबाव या शक्ति का उपयोग होता है। यौन दुराचार अथवा दुर्व्यवहार एक बार होने वाली घटना अथवा हिंसा के पैटर्न का एक हिस्सा हो सकते हैं। इसके शारीरिक, मानसिक तथा मनोवैज्ञानिक प्रभाव सहित विभिन्न तरह कर प्रभाव हो सकते हैं।

यौन दुराचार के बारे में तथ्य

यौन दुराचार के बारे में जिन महत्वपूर्ण बातों की जानकारी होनी चाहिये उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

अधिकांश यौन दुराचार पुरुषों द्वारा महिलाओं तथा बच्चों के साथ किये जाते हैं।

पुरुषों के साथ भी यौन दुराचार होते हैं; मुख्यतया अन्य पुरुषों द्वारा किये गये।

यौन दुराचार झेलने वालों में से अधिकांश व्यक्ति उस दुराचार के कर्ता को जानते हैं, या कुछ समय पूर्व ही उससे मिले होते हैं।

यौन दुराचार की कुछ क्रियायें दण्डनीय अपराध भी होती हैं।

पुलिस को इसकी रिपोर्ट करना एक कठिन निर्णय हो सकता है। हमारी न्याय प्रणाली की सीमायें, तथा प्रमाण एकत्रित करने के तरीके आमना-सामना कराने वाले (कनफ्रंटिंग) हो सकते हैं।

यौन दुराचार झेल चुके लोग विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया देते हैं, कभी अत्यधिक भावनाओं से तो कभी पीछे हटकर। अन्तर्वैयक्तिक (इंटरपर्सनल) हिंसा के सदमें को समझने से हमें उचित प्रतिक्रिया करने में सहायता मिलती है।

यौन दुराचार हमारे समाज में विद्यमान शक्ति असंतुलनों का दुरुपयोग है।  

अधिकांश यौन दुराचारों की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती।

यौन दुराचार के प्रभाव

अन्तर्वैयक्तिक (इंटरपर्सनल) हिंसा, जैसे कि यौन दुराचार, किसी व्यक्ति को होने वाले अत्यधिक घातक अनुभवों में से एक है। पीड़ित/सर्वाइवर में विश्वास जताकर तथा उन्हें गंभीरता से लेकर, उनकी तुरंत आवश्यकताओं का प्रत्युत्तर देने से, आगे और अधिक हानि को कम करने में सहायता मिलती है। लोगों के उबरने के साथ-साथ उन्हें निरंतर सहायता करना भी महत्वपूर्ण होता है; तथा ऐसा उनके तरीके से उनके समय में करना महत्वपूर्ण होता है। यदि आप एक पीड़ित/सर्वाइवर की सहायता करने के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो यौन दुराचार झेल चुके किसी व्यक्ति की सहायता कैसे की जाये पृष्ठ देखें।

जिस व्यक्ति के साथ यौन दुराचार हो चुका है उसकी सहायता कैसे करें?

यौन दुराचार सामान्य है - पाँच महिलाओं में से लगभग एक के साथ यौन दुराचार होता है। सहायता के लिये कुछ व्यवहारिक चीजें हैं जो आप कर सकते हैं।

 जिस व्यक्ति के साथ यौन दुराचार हो चुका है उसकी सहायता कैसे करें?

Developed with:  Victorian Centres Against Sexual Assault

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महिलाओं से साथ हिंसात्मक व्यवहार Essay on Violence against Women in Hindi

महिलाओं से साथ हिंसात्मक व्यवहार Essay on Violence against Women in Hindi

पूरे विश्व में महिलाओं के उपर ज़ुल्म होता रहता है। आजकल अनेक अपराध महिलाओं के उपर हो रहे है। बलात्कार, घरेलू हिंसा, मारपीट, कार्य-स्थल पर उत्पीड़न, दहेज़ के लिए ससुराल वालों का परेशान करना, यौन उत्पीड़न जैसी समस्याये आज भी हमारे देश में बनी हुई है।

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आज भारत में 65% महिलाये साक्षर है पर इसके बावजूद भी उन पर तरह-तरह के अत्याचार होते है। क्या स्त्री पुरुष के मुकाबले प्राकृतिक रूप से कमजोर होती है जो पुरुष स्त्री पर अत्याचार करता रहता है।

आज जमाना कितना आगे निकल चुका है, इंसान चाँद पर जा चुका है, कम्प्यूटर युग आ चुका है पर पुरुष की मानसिकता में कोई बदलाव नही हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली बलात्कार की राजधानी बन चुकी है। महिलाये वहां बिलकुल सुरक्षित नही है। एक आकडे के अनुसार दिल्ली में हर 18 मिनट में 1 बलात्कार हो जाता है।

निर्भया, कठुआ, बुलंदशहर जैसा काण्ड आज हमारे समाज पर कलंक बन चुका है। अपराधी वयस्क महिलाओं को तो शिकार बनाते ही है, छोटी बच्चियों को भी नही छोड़ते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है।  क्या अब देश में पुरुष की मानसिकता ही दूषित और विकृत हो गयी है। 2017 में समूचे भारत देश में कुल 28947 बलात्कार की घटनाये हुई। सबसे अधिक घटनाये मध्य प्रदेश में हुई।

कई घटनाओं में पुरुष स्त्री के साथ प्रेम और शादी करने का झांसा देकर उसका यौन शोषण कर लेता है। जब अपना स्वार्थ सिद्ध हो जाता है तो वो शादी करने से इंकार कर देता है। ऐसे में महिला अकेली पड़ जाती है।

आजकल महानगरों में लिव-इन-रिलेशनशिप Live-in relationship का चलन बहुत बढ़ गया है। इसमें लड़का लड़की बिना किसी शादी के बंधन के साथ में रहते है। कई बार इस तरह से भी महिला का शोषण हो जाता है।

महिलाओं के साथ किस प्रकार के अपराध होते है TYPES OF CRIME HAPPEN AGAINST WOMEN

महिलाओं के साथ अपराध –

  • लैंगिक, नस्लभेदी, स्त्री सूचक अपमानजनक टिप्पड़ी
  • घरेलू हिंसा
  • ऑफिस, दफ्तर पर शोषण, यौन उत्पीड़न
  • कन्या भ्रूण हत्या
  • दहेज उत्पीड़न
  • प्रेम और शादी का झांसा देकर किया गया यौन शोषण
  • मनपसंद विवाह से रोकना
  • पुरुष की तुलना में कम वेतन मिलना
  • विधवा होने पर पुनः शादी करने से रोकना
  • जेल में महिला कैदियों का शोषण, यौन उत्पीड़न
  • बसों, ट्रेन, मेट्रो ट्रेन जैसे सार्वनाजिक स्थान पर महिलाओं से छेड़ छाड़
  • धर्म के नाम पर धर्मगुरु, बाबाओ द्वारा किया जाने वाला शारीरिक शोषण

महिलाओं के साथ अपराध के कारण REASONS OF CRIME AGAINT WOMEN

इसकी सबसे बड़ी वजह है की आज भी पुरुषो की सोच में कोई अंतर नही आया है। आज का पुरुष मीडिया, टीवी और अखबार में तो बड़ी बड़ी बाते करता है। महिलाओं की आजादी और उनके हक की बात करता है पर घर के अंदर वो स्त्री को अपनी दासी ही समझता है। शादी के बाद पति अपनी पत्नी को पैर की जूती समझने लगता है। वो चाहता है कि पत्नी कमाकर भी लाये और घर के सारे काम भी करे। इ

ससे पता चलता है कि हमारा समाज आज भी पुरुष प्रधान है। आज भी हम लड़का जन्म होने पर ख़ुशी मनाते है पर लड़की होने पर शोक मनाते हैं। विवाह के बाद एक लड़की यह सोचकर ससुराल जाती है कि उसे एक अच्छा प्यार करने वाला पति मिलेगा, चाहने वाली सास मिलेगी पर ये सपना-सपना ही रह जाता है।

21वीं सदी में होने के बाद भी आज हमारे देश में रोज हजारो लड़कियों को जलाकर मार दिया जाता है क्यूंकि उनके माँ बाप दहेज नही दे पाये। ससुराली जन आये दिन कोई न कोई फरमाइश करते रहते हैं।

कभी कोई सामान, सोने के गहने मांगते है तो कभी कैश पैसा मांगते है। जब उनकी फरमाइश पूरी नही होती है तो लड़की को तरह तरह से परेशान करते है। ये सब बहुत ही दुखद है। व्यक्ति दूसरे की लड़की को खूब परेशान करता है पर जब खुद की लड़की के साथ ऐसा होता है तो उसे बुरा लगता है। आज हमारे देश में 70% महिलाये घरेलू हिंसा की शिकार है, जबकि अमेरिका में 40% महिलाये इसकी शिकार बनती है।

उनको तरह तरह से परेशान किया जाता है। पुरुष सोचता है कि आखिर एक अबला औरत उसका क्या कर लेगी। पुरुष अपनी पत्नियों को छोटी छोटी बात पर पीट देते हैं। हमारे समाज में एक महिला का उत्पीड़न सिर्फ पुरुष ही नही करता है बल्कि दूसरी महिला भी करती है।

आमतौर पर लड़की की सास, नन्द, भाभी, जेठानी उसे तरह तरह से परेशान करती है। इसलिए हमे समाज में बदलाव की जरूरत है। पुरुष महिलाये सभी को अपना नजरिया बदलना होगा तभी हालात सुधरेगा।

देश में महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए क्या अधिकार प्राप्त है WHAT RIGHTS WOMEN HAVE IN INDIA FOR HER SAFETY?

हमारे देश में महिलाओं के लिए अनेक अधिकार दिए गये है जिससे उनकी सुरक्षा हो सके-

  • समान वेतन पाने का अधिकार
  • ऑफिस, दफ्तर पर हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
  • यौन उत्पीड़न होने पर नाम न छापने का अधिकार
  • घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार
  • मातृत्व सम्बन्धी लाभ के लिए 6 महीने के सरकारी अवकाश का अधिकार जिसमे वेतन मिलता रहता है
  • कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार
  • मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार
  • रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार
  • गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार
  • सम्पत्ति पर अधिकार

समाज अपना नजरिया कैसे बदल सकता है HOW CAN SOCIETY CHANGE THE MINDSET ON WOMEN?

हमे अपनी विचारधारा, सोच और मानसिकता को बदलना होगा। कुदरत ने स्त्री को सिर्फ भोग-विलाश या शोषण के लिए नही बनाया है। उसे भी अच्छा जीवन जीने का हक है जैसे पुरुषो को है। उसके साथ दहेज़, पुत्र को जन्म देने, चारित्रिक संदेश के आधार पर शोषण उत्पीड़न नही करना चाहिये। हमे अपनी सोच बदलनी होगी।

सरकार को चाहिये कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाये जायें। बलात्कार के कानून को सख्ती से लागू करना चाहिये। आरोपियों को जमानत नही देनी चाहिये। कड़े कानून बनाने चाहिये। हमे महिलाओं की साक्षरता को बढ़ाना होगा।

जब 100% लड़कियाँ, महिलाये साक्षर होंगी तो वो अन्याय होने पर अपनी मदद खुद कर सकती है। पुलिस को चाहिये कि वो ऐसी घटना होने पर फौरन कार्यवाही करे। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करे।

निष्कर्ष Conclusion

कुदरत ने स्त्री पुरुष को समान बनाया है। हमे पुरुष को ताक़तवर और स्त्री को कमजोर समझने की भूल नही करनी चाहिये। क्या स्त्रियों के बिना यह दुनिया चल सकती है। जब एक स्त्री बच्चे को जन्म देती है तो ही सृष्टि आगे बढ़ती है। इसलिए हमे महिलाओं का सम्मान करना चाहिये। उसके साथ अत्याचार नही करना चाहिये।

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महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 ( Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act, 2013 )

महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 (PDF File)

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Sexual Harassment and Violence Against Women and Girls: Bakit may ganito?

Sep 01, 2021

By : Created in Partnership with Tiffany Jalalon Sprague

“Sa Pilipinas, 1 sa 20 kababaihan edad 15-49 years old ang nakakaranas ng pang-aabusong sexual.” (2017 National Demographics and Health survey)

Ano ang sexual harassment at violence?

Ito ang hindi kanais-nais na pagkilos o pananalita sa isang sexual at malaswang paraan. Sa ganitong mga kaso, palaging may harasser na pinipilit o kino-coerce ang kanyang mga biktima upang makuha ang sariling sexual needs. Tinatanggal ng harasser ang karapatan ng biktima na magdesisyon para sa sarili niyang katawan.

Ilan sa mga halimbawa nito ang verbal harassment (tulad ng catcalling at wolf-whistling na madalas nangyayari sa mga kalye), rape o ang pag-penetrate sa sex organ ng isang tao nang walang consent o pahintulot, panghihipo o paghawak sa katawan ng ibang tao, at ang pagpapakita ng private parts sa ibang tao kahit na labag ito sa kanilang kagustuhan. 

Sa bawat kwento ng sexual harassment at violence, hindi ginusto o hiningi ng biktima ang pang-aabusong nangyari sa kanya. Kahit na sino ay pwedeng makaranas nito, ngunit makikita sa mga datos na ang mga kababaihan at kabataan ang pinakananganganib na maging biktima.

Malaki ang epekto ng sexual harassment at violence sa mga taong nakakaranas nito.  

Palagi nating naririnig na puno ng pasa at sugat ang katawan ng mga biktima, lalo na sa kanilang private parts. Ngunit hindi natin masyadong napapansin ang mga psychological na epekto nito, tulad ng pagkakaroon ng depression at pagpapakamatay. Mas malaki rin ang posibilidad na maadik sa droga, alak, at sigarilyo ang mga biktima dahil sa bigat ng trauma na kanilang nararanasan. 

Pwede ring makita ang epekto nito sa pang-araw-araw na buhay at pagkilos ng mga biktima. Marami ang nahihirapang bumalik sa trabaho o paaralan upang mamuhay nang normal. Meron ding mga romantic at platonic relationships na nasisira dahil nawawalan ng tiwala ang mga biktima sa mga taong nasa paligid nila. At dahil na rin sa trauma na dala ng karanasang ito, marami ang nahihirapang bumuo ng magandang kinabukasan para sa kanilang sarili. 

Madalas, kung sino pa ang malapit sa mga biktima , sila pa ang nang-ha-harass o nang-aabuso . 

Pwedeng sila ay kaibigan, boyfriend/girlfriend, katrabaho, kapit-bahay, o kamag-anak ng biktima. Madalas ay hindi na-re-report ang ganitong klase ng harassment dahil sa takot at kahihiyan, o dahil hindi sila pinapaniwalaan ng ibang tao. Ito ang isang dahilan kung bakit hanggang ngayon maraming harasser pa rin ang malaya at maganda ang buhay. 

Talagang matindi ang pangangailangan na mawala ang mga harasser at matigil ang krimen na ito, upang hindi na tayo mabuhay sa isang mundo na puno ng takot. Pero para mangyari ito, dapat alamin muna natin kung bakit nagiging harasser ang isang tao.

Bakit nga ba may mga sexual harasser ?  

May tinatawag na “ risk factors ” o ang mga dahilan kung bakit lumalaki ang posibilidad na maging harasser ang isang tao. Ang halimbawa ng mga dahilang ito ay:

  • Ang paggamit ng alak at droga;
  • ang pagkilos sa agresibong paraan na nakakasakit sa ibang tao;
  • ang exposure sa mga sexual na mensahe o media;
  • ang hypermasculinity, o ang pagtanggap sa mga tradisyonal at toxic na paniniwala pagdating sa pagiging “tunay na lalaki”;
  • pagkakaroon ng hindi magandang relasyon sa pamilya (lalo na sa ama);
  • pag-te-take advantage o pagiging mapang-abusong kaibigan o kasintahan;
  • pagiging apektado ng kahirapan at kawalan ng trabaho
  • ang pagmamaliit ng mga lalaki sa kababaihan.

Kung mabibigyan ng solusyon ang risk factors na ito, pwede nating maiwasan ang pagkakaroon ng mga harasser at mabawasan ang mga biktima ng sexual harassment at violence.

Dapat nating tandaan na mawawala ang karahasan kung…

Mawawala ang karahasan kung habang maliit pa lamang, tinuturo na sa mga kabataan ang respeto, malasakit, permiso o consent mula sa ibang tao, at pagkakapantay-pantay . Kausapin natin ang mga bata habang maaga pa lamang para maintindihan na nila ang toxic na sistema sa lipunan at hindi na nila madala ito sa paglaki. 

Mawawala ang karahasan kung walang gagamit ng sariling kapangyarihan upang manakit ng ibang tao. Hindi dapat ginagamit ang sariling estado o antas sa buhay upang maliitin at abusuhin ang ibang tao.

Mawawala ang karahasan kung pakikinggan natin ang boses ng mga nabiktima ng sexual violence, upang hindi na ito maulit muli. Kung patuloy na isasawalang-bahala ang kwento ng mga biktima, patuloy ring lalakas ang loob ng mga harasser.

Mawawala ang karahasan kung gagawa tayo ng mga safe space para sa mga kababaihan at kabataan . Sa physical o online man na espasyo, dapat mabigyan sila ng kapangyarihan na ibahagi ang kanilang mga iniisip o nararamdaman.

Mawawala ang karahasan kung epektibo at patas ang mga batas laban sa sexual violence. Sikapin dapat ng gobyerno at lawmakers na mailabas ang katotohanan at mabigyang hustisya at lunas ang mga biktima.

Mawawala ang karahasan kung magiging mabuting halimbawa tayo sa isa’t isa . Sa anumang sitwasyon, responsibilidad natin ang maging magandang impluwensya sa ating pamilya, kaibigan, at kapwa.

At higit sa lahat: mawawala ang karahasan kung walang mang-ha-harass, mananamantala, at manggagahasa. 

Makikita natin na pagdating sa problema ng sexual violence, hindi lamang iisa ang solusyon o paraan upang mapigilan ang krimeng ito. Kinakailangan ng patuloy na pagtutulungan at pananagutan sa pagitan ng bawat tao, ng kanyang pamilya at komunidad, ng mga paaralan at opisina, at ng gobyerno para tuluyan nang maging ligtas ang ating kapaligiran. 

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  • #sexual-harrassment
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Essay on Sexual Harassment

500 words essay on sexual harassment.

Sexual harassment refers to any form of unwelcome sexual behaviour which is offensive, humiliating and intimidating. Further, it is against the law to sexually harass anyone. Over the years, sexual harassment has taken a lot of time to be recognized as a real issue. Nonetheless, it is a start that can protect people from this harassment. The essay on sexual harassment will take you through the details.

essay on sexual harassment

Sexual Harassment and Its Impacts

Sexual harassment comes in many forms and not just a single one. It includes when someone tries to touch, grab or make other physical contacts with you without your consent. Further, it also includes passing comments which have a sexual meaning.

After that, it is also when someone asks you for sexual favours. Leering and staring continuously also counts as one. You are being sexually harassed when the perpetrator displays rude and offensive material so that others can see it.

Another form is making sexual gestures towards you and cracking sexual jokes or comments towards you. It is also not acceptable for someone to question you about your sexual life or insult you with sexual comments.

Further, making an obscene phone call or indecently exposing oneself also counts as sexual harassment. Sexual harassment can impact a person severely. It may stress out the victim and they may suffer from anxiety or depression.

Moreover, it can also cause them to withdraw from social situations. After that, the victim also starts to lose confidence and self-esteem. There may also be physical symptoms like headaches, sleep problems and being not able to concentrate or be productive.

What Can We Do

No one in this world deserves to go through sexual harassment, whether man or woman. We all have the right to live freely without being harassed, bullied or discriminated against. It is the reason why sexual harassment is illegal.

To begin with, the person may try talking to the offender and convey their message regarding their unwanted behaviour. Further, it is also essential to stay informed about this issue. Make sure to learn about the policies and procedures regarding sexual harassment in your workplace, school or university.

Further, try to document everything to help you remember the name of the offenders and the incidents. Similarly, make sure to save any evidence you get which will help with your complaint. For instance, keeping the text messages, emails, photos or more.

Most importantly, always try to get external information and advice from people who will help you if you decide to file a lawsuit. Likewise, never deal with it on your own and share it with someone you trust to lighten your load.

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Conclusion of the Essay on Sexual Harassment

To conclude, sexual harassment is a very real issue that went unnoticed for a long period of time, but not anymore. It is essential for all of us to take measures to prevent it from happening as it damages the life of the victim severely. Thus, make sure you help out those who are suffering from sexual harassment and make the perpetrator accountable.

FAQ of Essay on Sexual Harassment

Question 1: What are the effects of sexual harassment?

Answer 1: Sexual harassment has major effects on the victim like suffering from significant psychological effects which include anxiety, depression , headaches, sleep disorders, lowered self-esteem, sexual dysfunction and more.

Question 2: How do you tell if someone is sexually harassing you?

Answer 2: It is essential to notice the signs if you feel someone is sexually harassing you. The most important sign is if you feel uncomfortable and experience any unwanted physical contact. If your ‘no’ does not have an impact and you’re being subjected to sexual jokes, you are being sexually harassed.

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Translation of harassment – English–Hindi dictionary

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  • Attitudes seem to be changing as a result of recent highly publicized cases of sexual harassment.
  • Allegations of sexual harassment have led to disciplinary proceedings being taken against three naval officers .
  • Sexual harassment in the workplace is not a trivial matter .
  • The law can now protect people from harassment.
  • The alleged harassment took place over two years .

(Translation of harassment from the Cambridge English–Hindi Dictionary © Cambridge University Press)

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  12. यौन दुराचार क्या होता है?

    यौन दुराचार एक विश्वासघात तथा हरेक व्यक्ति के उस अधिकार का हनन होता है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर के साथ क्या होना चाहिये उस पर अपनी ...

  13. महिलाओं से साथ हिंसात्मक व्यवहार Essay on Violence against Women in Hindi

    महिलाओं से साथ हिंसात्मक व्यवहार Essay on Violence against Women in Hindi. आज भारत में 65% महिलाये साक्षर है पर इसके बावजूद भी उन पर तरह-तरह के अत्याचार होते है। क्या स्त्री पुरुष ...

  14. Dalit Girls and Sexual Harassment in the University

    Academically, little is known about the frequency, severity and types of sexual harassment suffered by students from dalit communities in the sector of higher education. There is some literature on violence perpetrated on dalit students in general, specifically focusing on caste-based discrimination and extreme forms of violence. But there is a ...

  15. Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and

    Hindi Acts; महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 ( Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act, 2013 ) In English

  16. बलात्कार तथा यौन अपराधों पर कानून

    हाल में देश में बढ़ते हुए बलात्कार एवं हत्या के मामलों को देखते हुए इस बात पर बहस तेज़ हो गई है कि महिलाओं तथा बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों के खिलाफ ...

  17. PDF मिहला का कायर्स् थल पर लिगक उत् पीड़न िनवारण, पर्ितषेध और पर्िततोष 2013

    पिरवाद. 9. लिगक उत् पीड़न का पिरवाद. --(1) कोई व् यिथत मिहला, कायर्स् थल पर लिगक उत् पीड़न का पिरवाद, घटना की तारीख से. तीन मास की अविध के ...

  18. PDF The Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition

    5 (n) "sexual harassment" includes any one or more of the following unwelcome acts or behavior (whether directly or by implication) namely:— (i) physical contact and advances; or (ii) a demand or request for sexual favours; or (iii) making sexually coloured remarks; or (iv) showing pornography; or (v) any other unwelcome physical, verbal or non-verbal conduct of sexual nature;

  19. Sexual Harassment and Violence Against Women and Girls: Bakit may

    Sa bawat kwento ng sexual harassment at violence, hindi ginusto o hiningi ng biktima ang pang-aabusong nangyari sa kanya. Kahit na sino ay pwedeng makaranas nito, ngunit makikita sa mga datos na ang mga kababaihan at kabataan ang pinakananganganib na maging biktima. Malaki ang epekto ng sexual harassment at violence sa mga taong nakakaranas nito.

  20. Essay On Sexual Harassment in English for Students

    The essay on sexual harassment will take you through the details. Sexual harassment refers to any form of unwelcome sexual behaviour which is offensive, humiliating and intimidating. Over the years, sexual harassment has taken a lot of time to be recognized as a real issue. The essay on sexual harassment will take you through the details.

  21. यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा

    अप्रभावी विधान: हालाँकि भारत सरकार ने यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो अधिनियम) अधिनियमित किया है, लेकिन यह ...

  22. HARASSMENT in Hindi

    HARASSMENT translate: शोषण, उत्पीड़न. Learn more in the Cambridge English-Hindi Dictionary.

  23. Sexual Assault And Harassment In Correlation With Combat Arms

    According to the "Department of Defence Annual Report on Sexual Assault in the Military" reports of Sexual Assault and harassment are up over 5,000 cases annually since the year 2016.That year being, the same year of the female population combined in combat MOS's was started. About this sample 5/12/24, 9:24 PM Sexual Assault And Harassment In ...

  24. महिलाओं के विरुद्ध हिंसा: कब होगा इसका अंत?

    घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है। भारत में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत साल 2021 में केवल 507 मामले दर्ज किये गए, जो महिलाओं के खिलाफ ...