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मेरी माँ पर निबंध और उनका मेरे जीवन में महत्व

शीर्षक: मेरी माँ पर निबंध –  Importance of Mother in Hindi

“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।

पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।

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माँ हमारे लिए इतना कुछ करती है, इसलिए आज मैंने अपनी माँ के लिए एक सुंदर सा माँ पर निबंध लिखा है जो इस प्रकार हैं:-

माँ पर निबंध हिंदी में – Essay on Mother in Hindi 200 Words

यहां मैंने Essay on My Mother in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखा हैं।

Mother Day Essay in Hindi For School Students

माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.

जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.

माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.

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माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.

माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.

माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.

माँ ही ऐसी होती है जो बच्चे की हर स्तिथि में बच्चे के साथ रहती है और उसका साथ देती है राह दिखाती है.

( Maa Shayari | Maa Quotes in Hindi )

10 Lines on Mother in English

Mother Day Essay in Hindi For School Students 250 Words

Best Speech on Mother in Hindi Language

“माँ” ये शब्द बड़ा अनमोल है। माँ शब्द ही नहीं बल्कि हमारे जीने का आधार है। बिना माँ के जीवन जीना बहुत मुश्किल है। जब सुबह सुबह आपकी आवाज न सुन लूँ तब तक ऐसा लगता है की सुबह हुई ही नही है या फिर लगता है की आज रविवार है।

माँ और भगवान में कौन बड़ा है ये सोच कर बड़ी असंजस में पड जाता हूँ, किसी के भी जीवन में एक माँ, सर्वश्रेष्ठ और सबसे महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उनके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। माँ हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है.

माँ के लिए उनके बच्चे बहुत किमती होते है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है.

जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख में हमारा साथ देती हैं और कोशिश करती है कि हमारी सारी परेशानियाँ हल कर दें.

मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है की जो मेरे मन में चल रहा होता है वो मेरी माँ को कैसे पता चल जाता है, माँ और बच्चों का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई भी माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में कमी नहीं लाती हैं.

“माँ” लोग कहते है की भगवान दिखाई नहीं देता लेकिन मैं कहता हूँ की आप ही मेरे भगवान हैं, माँ मैं आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी को आपके चरणों में ला दूंगा बस आप हमेशा मेरे साथ रहना मुझे कहीं छोड़ कर मत जाना।

  • मेरी प्यारी माँ पर कुछ प्रसिद्ध कविता
  • मेरी माँ पर दस वाक्य

Short Essay on Mother Day in Hindi 300 Words

“माँ” शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है लेकिन कैसे बताऊँ मैं इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है “माँ” ।

दुनिया की सबसे बड़ी गुरु माँ होती है, सही गलत का अर्थ माँ बचपन से ही बताती है, माँ ही होती है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है, माँ भगवान का दूसरा रूप होती है, माँ का कहना जो मान लेता है वो सच में कामयाब हो जाता है।

जीवन में चाहे कितनी भी तरक्की पा लो, पैसा कमा लो, लेकिन सच मायने में केवल यही कहूँगा की यदि “माँ” खुश नहीं तो कितना भी पैसा कमा लो सब रद्दी है।

माँ-पिता का होना जीवन का सबसे अहम भाग होता है। हर किसी के माँ-पिता नहीं होते। लेकिन जिसके होते है वो सच में किसमत वाला होता है। एक दोस्त, एक बहन, एक भाई, एक गुरु, और कभी कभी एक पिता का अभिनय निभाती है जो उसे “माँ” कहते है।

जब जेब खाली होती है तब पिता से लड़ कर हमें पैसे देती है, हमारे मन की चीजें पहले ही जान लेती है वो होती है “माँ”।

कहने को इतने शब्द हैं मगर सिर्फ इतना ही कहूँगा की “माँ” चाहे कुछ भी हो जाए मुझे मत छोड़ना, मैं तुम्हारे बिना अकेला नही जी सकता इस दुनिया में।

“माँ” कुछ नही है मेरे पास फिर भी बहुत कुछ हैं मेरे पास जब तक तुम मेरे साथ हो। इस दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ जाऊंगा मैं तुम्हारे लिए….।

“माँ” का रिश्ता केवल माँ ही निभा सकती है। माँ वो हैं जो खुद साधारण साड़ी पहनती है लेकिन अपने बच्चों को नए कपड़े दिलाती है। माँ वो होती है जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। माँ के बिना जीवन अधूरा है। माँ के लिए कुछ अगर कह सकूँगा तो किस्मत वाला मानूँगा अपने आप को।

10 Lines on Mother in Hindi

Some lines on mother in hindi.

बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते है तब भी माँ का आशीर्वाद साथ होता है।
खुद गीले में सोकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है।
थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर पूरा घर सिर पर उठा लेती है मेरे “माँ”
माँ का प्यार किस्मत वालों को मिलता है।
खुशियों का भंडार होती है “माँ”

Essay On Mothers Day In hindi | माँ पर निबंध हिन्दी में

“माँ” जिन्हे हम जननी भी कह कर बुलाते है। माँ शब्द हर किसी के मुख पर होता है और माँ शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्द है। इस दुनिया में भगवान का रूप ही होती है हमारी माँ। हम सभी के दिलों में अपनी माँ के लिए असीमित प्रेम होता है।

मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे और उनकी माता के लिए अहम दिवस होता है। माँ पर दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है। एक माँ के लिए उनके बच्चों की मुस्कान ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।

माँ हमेशा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ करती है। ऐसे में मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे के और उनकी माताओं के लिए बहुत ही खास होता है और इस दिन लोग अपनी माँ के लिए कुछ अच्छा करना चाहते है इसलिए मदर्स डे के लिए कुछ पंक्तियों को निबंध के रूप में लिखा गया है छोटे बड़े सभी मदर्स डे पर निबंध को अपने प्रयोग में ला सकते है।

मातृ दिवस पर छोटे और बड़े निबंध

जीवन में माँ का होना अत्यंत आवश्यक है जिस तरह एक मछ्ली के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है उसी तरह एक माँ के लिए उनके बच्चे और बच्चों के लिए उनकी माँ अत्यंत प्रिय है। माँ न होती तो इस संसार की कल्पना करना सच में बहुत ही मुश्किल हो जाता। जीवन के सफर में माँ ही चलना सिखाती है।

माँ ही वो शख्स है जो अपने बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार देती है और माँ बिना स्वार्थ के हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित रहती हैं। सच में अगर माँ नहीं होती तो इस संसार में किसी को भी जन्म नही मिलता।

माँ-पिता उस आसमान की तरह होते है जो कभी कभी अपने बच्चों के लिए बरसते है और जरूरत पढ़ने पर धूप की तरह आंखे भी खोल देते है लेकिन आसमान की तरह कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते हैं।

माँ आसमान की तरह हर वक्त हमारे साथ रहती हैं, माँ हमेशा से अपने बच्चों की देखभाल पालन पोषण से लेकर उनकी कामयाबी तक अपना योगदान देती है, माँ अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी खोज लेती है पता नहीं कैसे॥

माँ के इस प्रेम को हम सभी लोगों को धन्यवाद देना है। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी अपनी माँ के सेवा करें और उनका ख्याल रखें।

Must Read: मातृ दिवस कविता: 2020 Mother’s Day Poems in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में – Best Speech on Mother in Hindi Language 600 Words

Happy Mothers Day Images with Name

माँ शब्द हम सब के जीवन का पहला वो शब्द होता है जिसे हम हर दुःख दर्द में सबसे पहले लेते है| भगवान का नाम भी इंसान दुःख दर्द में भूल जाता है मगर माँ का नाम लेना कभी नहीं भूलता.

“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

माँ हमारे जीवन का वो हिस्सा होती है जिसके बिना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है, बेटे का प्यार माँ के लिए कम हो सकता है लेकिन माँ का प्यार अपने बच्चो के लिए कभी कम नहीं होता चाहे रात को माँ भूखी सो जाएँ मगर अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं सुलाती ऐसी होती है माँ .

माँ अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है चाहे खुद फटे पुराने कपडे पहन ले मगर अपने बच्चों के लिए नए कपडे खरीद कर देती है, खुद गिली जगह सो कर बच्चों को सूखे में सुलाती है माँ, माँ के बारे में कहना बहुत ही गर्व की बात है बड़े ही किस्मत वाले होते है जिनकी माँ होती है.

माँ हमेशा अपने बच्चो के साथ रहना चाहती है जब बच्चा स्कूल से आ जाता है तो माँ उसको खाना देती है उससे पूछती है की आज स्कूल में क्या क्या हुआ और खाना पूरा खाया की नहीं, और यदि आपको न पता हो तो मैं बता दूँ की एक माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती है जैसे की मेमने (बकरी का बच्चा) के लिए उसकी माँ शेर से भी लड़ने की हिम्मत रखती है, और अपने बच्चे की रक्षा करती है.

माँ अगर बच्चे से नाराज हो जाये तो ज्यादा देर तक बिना बोले नहीं रह पाती हैं| माँ अपने बच्चो की खुशी के लिए निर्जल उपवास रखती है और बिना खाए पानी पिए पूरा दिन रह लेती हैं| पता नहीं चलता की भगवान ही माँ हैं या फिर माँ के रूप में भगवान आते हैं इस दुनिया में, हमारी रक्षा के लिए.

माँ मुझे नहीं पता की मैं आज क्या हूँ और कल क्या बनूँगा मगर में भगवान से हमेशा ही आपके लिए आपकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करूँगा|

तुमने मुझे जन्म दिया है खुद की जान खतरे में डाल के हमें इस दुनिया में लाया है, मै कभी आपका कर्ज नहीं चुका पाऊँगा, मैं कभी आपकी आँखों में आंसू नहीं आने दूंगा, माँ कोई भी दुःख दर्द हो तो मुझे बताओ, माँ में आपके लिए यमराज से भी लड़ जाऊंगा.

आपके बिना कोई भी नहीं है मेरा साथी, आप हैं तो दुनिया की सारी ताकत मेरे हाथों मैं है| मैं कभी गरीब नहीं हो सकता जब तक आप मेरे साथ हो|

“माँ” मुझे अँधेरे से डर लगता है, मगर जब आप साथ होती हो तो मैं हमेशा बिना डरे सो जाता हूँ| “माँ”, माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी आपके चरणों में रखता हूँ.

धन्यवाद माँ मुझे इस दुनिया में लाने के लिए मैं कसम खाता हूँ… की आपकी आँखों में कोई आंसू नहीं आने दूंगा.

वो बहुत अमिर होते है जिनकी माँ होती है| बिना माँ के ये दुनिया उजड़ी उजड़ी सी लगती है| मैं कभी कभी सोचता हूँ की माँ अगर तुम न होती तो मेरा क्या होता इस जालिम दुनिया में मुझे कोन लाड प्यार करता, मुझे कोन खाने के लिए बार-बार पूछता…

जब कोई मुझे पिटता तो कोन मेरे लिए उनसे लड़ने जाता और मुझे अपनी गोद में रख कर लाड दुलार करता….. i love you so much maa….

लेखक: Shanu Gupta (शानू गुप्ता)

माँ पर निबंध का यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया करके जितना हो सके माँ के इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प इत्यादि पर शेयर जरुर करें और कमेंट के माध्यम से कुछ शब्द अपनी माँ के लिए लिखे| धन्यवाद ..!

अन्य भारतीय त्यौहार⇓

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  • भारतीय गणतंत्र दिवस – जानिये क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस का यह त्यौहार!

– Mother Essay in Hindi

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10 Comments

Sir yah apka post bahut hi achha laga. Maa pr Nibandh aapne achha likaha hain sach me Maa to Maa Hoti hain. Sir is post ke liye bahut – bahut dhnyabad.

Thank God bless you ?❤️??

sir its so nice eassy for mom

Mom is best to all world

Mom is the medicine for me

आप हमेशा ही बहुत अच्छी जानकारी शेयर करते है यह जानकारी मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार है

Sir i am a content writer now I am looking for new work if u have any work for me in content writing I am interested in that Waiting for ur reply

yes can you please email me regarding this

निबंध पढ़ने के बाद मुझे मां पर कुछ पंक्तियां याद आ गई, तो सुनिए : “माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है” 🥺. भाई आपके निबंध ने दिल छू लिया यार ♥️.

Regards, Jyotish

best ever this is a lot of thanks for this om

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Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

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कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

  • माँ पर कविता
  • माँ पर शायरी स्टेटस कविता
  • माँ बाप शायरी
  • माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं निबंध

हम आशा करते हैं दोस्तों मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.

यहाँ दिया गया शोर्ट निबंध आपकों कैसा लगा कमेंट कर जरुर बताए साथ ही पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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मेरी माँ पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi)

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मेरी माँ पर निबंध (Meri Maa Essay In Hindi) – आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है। आइये नीचे meri maa par nibandh पढ़ें।

ओ माँ माँ माँ

मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में

शीतल छाया दो दुःख के जंगल में

इस गाने के बोल को सुनते ही मैं पुराने दिनों में डूब जाती हूं। वह पुराने दिन कितने अलग हुआ करते थे। ना किसी बात की कोई फ्रिक थी ना ही चिंता। माँ सारा काम खुद संभाल लेती थी। मैं यही सोचती थी कि एक औरत ही पूरे घर की जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां (mother) पर आधारित है। आज हम इस निबंध के जरिए पढ़ेंगे माँ पर निबंध (essay about my mother in hindi) हिंदी में।

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मेरी माँ पर निबंध My Mother Essay In Hindi

इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।

माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।

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माँ का सही अर्थ क्या है?

माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।

वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।

माँ का प्यार कितना जरूरी है?

हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि

1) बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।

2) माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।

3) माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।

माँ का हमारे परिवार में महत्व

हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।

वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।

माता कितने प्रकार की होती है?

हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।

माँ पर कविता

शहीद की माँ

शहीद का जनाज़ा निकला था,

तिरंगे में लिपटा,

हज़ारों की भीड़ में।

काँधा देने की होड़ में

सैकड़ो के कुर्ते फटे थे,

पुट्ठे छिले थे।

भारत माता की जय,

इंकलाब ज़िन्दाबाद,

अंग्रेजी सरकार मुर्दाबाद

के नारों में शहीद की माँ का रोदन

डूब गया था।

उसके आँसुओ की लड़ी

फूल, खील, बताशों की झडी में

जनता चिल्लाई थी-

तेरा नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा।

गली किसी गर्व से

तीस बरस बाद

शहीद की माँ का जनाजा निकला है,

तिरंगे में लिपटा नहीं,

(क्योंकि वह ख़ास-ख़ास

लोगों के लिये विहित है)

केवल चार काँधों पर

राम नाम सत्य है

गोपाल नाम सत्य है

के पुराने नारों पर;

चर्चा है, बुढिया बे-सहारा थी,

जीवन के कष्टों से मुक्त हुई,

गली किसी राहत से छुई छुई।

-हरिवंश राय बच्चन

माँ पर शायरी

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

-मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

-इफ़्तिख़ार आरिफ़

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा

मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

-क़ैसर-उल जाफ़री

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

-अंजुम सलीमी

माँ के नाम समर्पित एक खास दिन

माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।

तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ बिना सब सूना है। माँ से ही हमारा संसार महकता है। माँ ही हमारी सच्ची दोस्त होती है। वह हमारी सर्वप्रथम गुरू भी होती है। उसके बिना हम दुनिया में कुछ भी नहीं सीख सकते हैं। हमारे जीवन का पहला अक्षर भी हम अपनी माँ से ही सीखते हैं। माँ के उचित मार्गदर्शन के बिना हमारा जीवन दिशाहीन हो जाता है। माँ से हमें हौसला मिलता है। माँ हमें जीवन के हर तरह के संकटों से उबार देती है। माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी होता है। इस प्यार से हमें एक अलग प्रकार के आनंद की प्राप्ति होती है। पहले के दौर में माँ की भूमिका केवल रसोईघर तक ही सीमित थी। लेकिन आज समय बदल गया है। आज के दौर की महिलाएं बखूबी से अपने करियर और बच्चे को अच्छे से संभाल रही है।

मेरी माँ पर 10 लाइनें

1) माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।

2) माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।

3) एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।

4) भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।

5) माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।

6) माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।

7) एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।

8) हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

9) माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।

10) मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।

A1. हमारे जीवन में माँ का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। वह हमें सहारा देती है। वह हमारे मुश्किल से मुश्किल दिनों में भी हमारे साथ खड़ी रहती है। भले ही हमसे सारी दुनिया मुंह मोड़ ले परंतु माँ अपने बच्चे का साथ कभी भी नहीं छोड़ती है।

A2. विज्ञान के अनुसार माँ गर्भधारण करके बना जाता है।

A3. औरत कोई भी भूमिका में हो सकती है जैसे कि एक पत्नी की भूमिका, दादी, नानी, बहन, बेटी, ताई, चाची आदि। लेकिन माँ की भूमिका एकदम अलग होती है। माँ का दर्जा सबसे बड़ा होता है।

A4. एक माँ अच्छी माँ तभी बन सकती है जब वह पूर्ण रूप से कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने बच्चे की अच्छी देखभाल करें। अच्छी माँ हमेशा मुश्किल दिनों में भी धैर्य के साथ काम करती है। वह साहसी होती है। वह अपने बच्चों की सबसे बड़ी गुरू होती है।

A5. दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है।

A6. माँ का प्यार बच्चे के लिए जादू की झप्पी की तरह काम करता है। वह बच्चे को बुरे हालातों से भी उबरने में मदद करता है। माँ का प्यार हमारे लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है। यह हमें हिम्मत और हौसला प्रदान करता है।

A7. दुनिया में सबसे बड़ी माता मां दुर्गा को कहा जाता है। माँ दुर्गा को समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में जाना जाता है। माता संपूर्ण संसार के दुखों को होती है।

A8. सिंगल मदर होने के फायदे भी है और नुकसान भी। हालांकि बदलते समय के साथ समाज में काफी परिवर्तन आया है। परंतु आज भी इस मॉर्डन दुनिया में सिंगल मदर को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वह अकेलेपन का जल्द शिकार हो जाती है।

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मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | Essay on Mother in Hindi

Maa per Niband

Essay on Mother in Hindi :- कोई भी निबंध कभी भी एक Mother का वर्णन करने के लिए सक्षम नहीं हो सकता। जब माँ के बारे में कुछ लिखना होता है तो शब्द हमेशा ही कम पढ़ जाते है। Mother के बिना हर घर और बच्चा अधूरा होता है। माँ की दांट में भी प्यार होता है तभी को माँ (Mother) को भगवान (Mother is God) कहां जाता है। पूत कपूत हो सकता है पर माँ कूमाता कभी नहीं। माँ – अक्सर अपने बच्चों के जीवन में एक जीवित देवी के रूप में चित्रित करती है, सभी पीड़ा और पीड़ा लेती है और इसे प्यार और देखभाल के साथ बदल देती है।

वह है जो रातों की नींद हराम कर देती है जब हम परेशान होते हैं या बीमार होते हैं, वह वह है जो हमारे खराब समय में हमारा सहारा बनती है और हमारी खुशियाों में सबसे ज्यादा उत्साहित महसूस करती है।हम आज इस लेख के जरिए उन्हीं माँ के उपर Essay प्रस्तुत कर रहे है। इस लेख में हमने माँ पर निबंध,माँ पर निबंध हिंदी में ,माँ पर निबंध PDF , essay on mother in Hindi ,माँ पर निबंध 10 लाइन ,माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 इस सभी पॉइन्ट पर जानकारी मिल जाएगी।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | meri maa par nibandh.

Importance of Mothers:- सबसे पहले, Mother घर की सबसे ज्यादा जिम्मेदार महिला होती हैं। वे निश्चित रूप से एक बच्चे के पालन-पोषण (Upbringing) में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सबसे उल्लेखनीय, माँ एक बच्चे के दृष्टिकोण (Outlook ) को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। भविष्य (Future) में बच्चा अच्छा होगा या बुरा, यह माँ पर निर्भर करता है। माँ द्वारा सिखाए गए नैतिक मूल्य (Moral Values) एक व्यक्ति के निर्माण के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। व्यक्ति अक्सर बुढ़ापे तक अपनी माँ के मूल्यों को याद करते हैं। इसलिए, Mother समाज की भलाई (good for society ) के लिए जिम्मेदार है। बड़े पैमाने पर Society का भविष्य एक माँ द्वारा बच्चें को दी गई Education का Result है।

Mother का अपने बच्चों के साथ गहरा संबंध होता है। यह Connection निश्चित रूप से किसी और के द्वारा मेल नहीं खाया जा सकता है। यहां तक कि Father भी उस प्रकार की समझ स्थापित करने में विफल रहते हैं। इस संबंध की उत्पत्ति शैशवावस्था (Infancy) से होती है। सबसे उल्लेखनीय, एक माँ बिना किसी  संचार के अपने शिशु, बच्चे को समझ सकती है। यह निश्चित रूप से एक माँ और बच्चे (Mother and Child) के बीच एक मजबूत भावनात्मक संबंध (Emotional Relations) विकसित करता है। यह बंधन वयस्क जीवन (Adult life) में ले जाता है।

एक माँ हमेशा बता सकती है कि उसके बच्चे को भूख कब लग रही है। यही कारण है जब हम माँ से दूर जाते है और जब माँ से बात करते है तो सबसे पहला सवाल माँ यही पूछती है कि बेटा खाना खाया। माँ की जगह आज तक इस दुनिया में ना कोई ले सकता है और ना ले पाएगा।

माँ पर निबंध PDF | Essay On Mother Pdf

माँ का हमारे जीवन में रोल

Role of Mother In Our life;- माँ शब्द खुद ईश्वर का प्रतीक (Symbol of God) है। जिस दिन हमने  गर्भधारण किया और फिर इस दुनिया में पहली बार अपनी आँखें खोलीं, एक व्यक्ति जिसने अपने दिल में सारा प्यार और स्नेह हम पर निछावर किया, वो माँ है। वह एक बच्चे के आने के दिन से उसके लिए क्या करती है, यह कोई और नहीं कर सकता है। सर्वश्रेष्ठ का पोषण करना, बिना किसी शर्त के प्यार करना, देखभाल करना, चलना सिखाना, बात करना और बचपन से जीवन की मूल बातें बताना कुछ भूमिकाएं हैं ।

एक Mother निस्संदेह हमारे पूरे विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारे जीवन में उसका महत्व अन्य सभी संपत्तियों से ऊपर और बड़ा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना सफल होते हैं, आपके लिए पर्दे के पीछे काम करने और प्रार्थना करने वाली हमेशा एक Mother ही होती है। Mother आपको हमेशा दुनिया की सारी खुशियां लाकर देती है चाहें वह उन्हें लाना में सक्षम हो या नहीं। आज हम जो भी है वह माँ की ही वजह से है। सबसे ज्यादा धन्यवाद अगर हमें किसी का करना चाहिए तो वह माँ है। माँ का प्यार बिना किसी शर्त के होता है। माँ का प्यार इस दुनिया में सबसे अतुल्य है।

who is Mother | माँ कौन होती है ?

एक Mother , क्या क्या नहीं होती है। वह अपने Family और Kids के लिए अपना सब कुछ Sacrifice कर देती है। अपनी नौकरी छोड़ देती है और वह बच्चे के लिए हाउसकीपर (Housekeeper), कुक (Cook), बेकर(Baker), ड्राइवर (Driver), मनोवैज्ञानिक (psychologicalist), डॉक्टर(Doctor) सब बन जाती है। वे वही हैं जो दिन वा दिन हर अच्छी और बुरी चीज का बोझ उठाती हैं। वे वे हैं जो पीछे छूट सकती है। जितना माँ अपने बच्चे के लिए करती है वह कोई नहीं कर सकता ये बात तो सब जानते है फिर भी हम उनकी उतनी सराहना नहीं करते है जितने की वह हकदार है।

एक Mother हमेशा आपके आँसू पोंछते हुए आपको करीब और प्यार से रखेगी।  एक माँ हमेशा  कोशिश करेगी कि वह आपके सभी दर्द और दुख को दूर करे सके और उन्हें अपना बना सके। वे आपके जीवन के बुरे समय में चट्टान बन कर खड़ी हो जाएगी और अपका हर वक्त समर्थन करेगी। एक माँ का बच्चा देखने में चाहे कैसा भी हो वह हमेशा अपने बच्चे पर प्यार लुटाती है।

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन

1) एक माँ एक ऐसी व्यक्ति है जो जीवन में किसी और चीज़ से पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है।

 2) एक माँ का प्यार निस्वार्थ है, और वह बदले में कुछ भी माँ गे बिना अपने बच्चों से प्यार करती है।

 3) वह वह है जो हमें अपने पैरों पर खड़ा करती है और हमें पहला कदम उठाने में मदद करती है।

 4) वह वह व्यक्ति है जो हमारी सोच को अत्यधिक प्रभावित करता है और हमें एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करता है।

5) वह अपने परिवार के लिए 24 घंटे काम करती है।

6) एक माँ को अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह हमेशा अपने बच्चों का स्वागत एक बड़ी मुस्कान के साथ करती है।

 7) वह परीक्षा के दौरान एक ट्यूटर, जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के दौरान एक गाइड और हमारी बीमारी के दौरान एक नर्स के रूप में कार्य करती है।

 8) दुनिया हमारी माँ को धन्यवाद देने और श्रद्धांजलि देने के लिए मातृ दिवस मनाती है।

 9) अन्ना जार्विस संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस की संस्थापक हैं। 10) एक माँ वह पहला व्यक्ति होता है जिसे एक बच्चा एक शिशु के रूप में पहचानता है और प्यार और स्नेह का यह बंधन जीवन भर जारी रहता है।

मेरी माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 

माँ के प्रति हमारी जिम्मेदारी | Our Responsibility for Mothers

हमे हमेशा अपनी माँ का सम्मान (Respect Mother) करना चाहिए क्योंकि वह ईश्वर का स्वरुप है और हमारे सबसे बड़े दाता है।माँ का सम्मान करने का मतलब है भगवान का सम्मान (Respecting God) करना। हमे कोशिश करनी चाहिए की हम कभी भी अपनी माँ का दिल ना दुखाएं। Mother अपने जीवन में बच्चें होने के बाद अपनी इच्छाओं को दबाने लग जाती है,तो हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम माँ की सभी Wishes को जाने और जितनी पूरी कर सके उन्हें पूरी करे। माँ के ऊपर पूरे घर की जिम्मेदारी  का बोझ होता है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि माँ के कंधे से कुछ बोझ हलका कर दें, यानि की उनकी काम में मदद कर दें ये देखे बिना ही हम लड़का है या लड़की।

माँ से हमेशा प्रेम से बात करें। हमें कोशिश करनी चाहिए की हम माँ के मन में चल रही सभी उलझनों को समझ कर उसे सुलझा सके। जिस तरह माँ अपने बच्चें की ढाल बन जाती है उसी तरह हमे कोशिश करना चाहिए कि हम माँ के बूरे समय में उनके सामने चट्टान बन कर उनकी रक्षा कर सकें।

FAQ’s:- Essay on Mother in Hindi

Q. माँ को किसका का प्रतीक कहा जाता है .

Ans. माँ को भगवान का प्रतीक कहा जाता है।

Q. दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा किसे कहा गया है ?

Ans. माँ को दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा कहा गया है।

Q. क्या दुनिया में माँ को समर्पित कोई दिन है ?

Ans.  जी हां, मदर्स डे माँ को समर्पित एक दिन है जिसको दुनिया भर में मनाया जाता है।

Q. मदर्स डे कब मनाया जाता है ?

Ans. हर साल मदर्स डे मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

Q. दुनिया में सबसे पहले मदर्स डे कब मनाया गया था ?

Ans. साल 1914 में पहली बार मदर्स डे मनाया गया था।

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हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

ये भी देखें – Essay on my family in Hindi

स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

ये भी देखें – Essay on women empowerment in Hindi

माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

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निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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मेरी माँ पर निबंध – Essay on My Mother in Hindi

आज के इस हिंदी निबंध के आर्टिकल में आप माँ पर निबंध हिंदी में ( My Mother Essay in Hindi ) पढ़ सकते हैं। हमने अपने पिछले Hindi Essay के आर्टिकल में अनुशासन पर निबंध पढ़ा था।

My Mother Essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10

Maa Par Nibandh in Hindi

हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है – “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात जननी (माँ) और जन्मभूमि स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है। वस्तुतः मां अत्यंत गरिमामयी होती है।

मां स्नेह और ममता की साक्षात मूर्ति होती है। बच्चा मां की स्नेहमयी गोद में तथा ममतापूर्ण शीतल आंचल की छांव में सबसे अधिक निरापद (सुरक्षित) रहता है।

मां की तुलना में स्वर्ग तथा सभी देवी-देवता तुच्छ है। कविवर विश्वनाथ प्रसाद ने अपनी “मां” शीषर्क कविता में सवर्था उचित कहा है –

सब देव, देवियाँ एक ओर। ऐ माँ, मेरी तू एक ओर।।

माँ अनेकानेक कष्ट झेलकर शिशु को जन्म देती है, उसका लालन-पालन करती है। वह अपने स्तन के अमृत्तुल्य दूध पिला कर शिशु की भूख शांत करती है।

शिशु की प्रसन्नता में ही माता की प्रसन्नता निहित रहती है। शिशु का खिला चेहरा माता के ह्रदय में नैसर्गिक आनंद की सृस्टि करता हैं। शिशु की थोड़ी सी भी उदासी मां को अत्यधिक बेचैन कर देती है।

बच्चे की थोड़ी-सी पीड़ा में मां तड़प उठती है। कई रातें उसके सिरहाने बैठकर आंखों में ही काट देती है। उसके लिए आराम हराम हो जाता है।

मां की सेवा और ममता निस्वार्थ होती है। मां अपनी सेवा, त्याग, स्नेह, वात्सल्य ममता का अपनी संतान से प्रतिदान नहीं चाहती है। वह प्रतिपल अपनी संतान की उज्जवल भविष्य की मंगलकामना ही करती है।

सही कहा गया है – “कुपुत्रो जायते क्वचिदपि कुमाता न भवति।” अर्थात पुत्र कुपुत्र हो सकता है, पर माता कुमाता नहीं हो सकती है। पुत्र से कष्ट पाकर भी माता उसका अहित नहीं मानती।

ऐसी माता का जो पुत्र अनादर करता है, वह निश्चय ही अभागा, नीच और पापी है। मां जीवनदायिनी होती है। उसकी सेवा करना, उसे प्रतिष्ठा प्रदान करना प्रत्येक संतान का परम धर्म है।

Final Thoughts – 

आपने इस आर्टिकल में माँ पर निबंध हिंदी में ( My Mother Essay in Hindi ) पढ़ा। मुझे विस्वास है की आपको यह निबंध जरूर पसंद आया होगा।

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Nibandh

मेरी माँ पर निबंध

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माँ एक परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती वीणा देवी है। उनकी उम्र 41 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी महिला हैं। मेरे पिता एक आयकर अधिवक्ता हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। हम दो बहनें और एक भाई है। हम दोनों बहनें एक ही स्कूल में पढ़ते है। में पाँचवी कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरी बहन दूसरी कक्षा में पढ़ती है। मेरा बड़ा भाई सेंट ज़ेवियर स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना अति आनंद लगता है।

मेरे कई दोस्त हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी दोस्त शीतल है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, मैं भी अपनी बहन की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी दोस्तों से प्यार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, बहन और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, मेरी और मेरे बड़े भाई की देखभाल करती है। माँ हमेसा हम सभी भाई बहनों को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वह सुबह जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें रामायण और महाभारत की कहानियां भी सुनाती है।

मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हैं। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। मुझे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेसा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेसा उनको खुश रखे।

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Essay on My Mother in Hindi | Meri Maa Par Nibandh In Hindi | मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी

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Table of Contents

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी (Essay on My Mother in hindi) और मेरे जीवन में उनका महत्व है

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी ( Essay on my mother In Hindi ) जीवन की पहली सीख देने वाला जो इंसान होता है वह माँ ही है। इसलिए माँ को जीवन का प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है। माँ है तो जीवन मे सब कुछ है। माँ के बिना जीवन में सबकुछ होते हुए भी कमी बनी रहती है।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – Meri Maa Par Nibandh (250 Words)

कई बड़े बड़े लेखकों की कलम रुक जाती है जब वह माँ के बारे में कुछ भी लिखने की कोशिश करते हैं, क्योंकि माँ एक शब्द या इंसान नही है बल्कि एक ऐसी भावना है जिसका बखान करना बहुत मुश्किल है।

हम सब को बचपन मे माँ के प्यार-दुलार और विशेष स्नेह की जरूरत होती है। माँ के इसी अटूट प्रेम की वजह से हमारे अंदर आत्मविश्वास आता है कि हम कुछ भी कर सकते हैं।

क्योंकि हमारी माँ की नजरों में हम कभी कमजोर नही होते। माँ किसी के जीवन की प्रथम गुरु होती है। माँ की गोद मे ही हम हसना सीखते हैं, उनकी उंगली पकड़ कर हम पहली बार चलना सीखते हैं।

जब थोड़ा बड़े हो जाते हैं तो माँ ही हमें सबसे पहले अच्छे बुरे का ज्ञान देती है। अपनी रोजमर्रा के काम किस तरह करते हैं, इसकी सीख हमें माँ ही देती है।

जीवन मे माता-पिता का स्थान ईश्वर के समान माना गया है। जिस तरह से ईश्वर इस पूरी सृष्टि को जन्म देते हैं ठीक उसी तरह से माता पिता हमें जन्म देते हैं और पालक बनकर हमारा पालन पोषण करते हैं।

हम अपने जीवन कई रिश्तों को निभाते हैं लेकिन एक माँ से बच्चे का जो रिश्ता होता है वह सबसे अनमोल होता है। इस रिश्ते की जगह दुनियाँ का कोई और रिश्ता नही ले सकता है।

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मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी  (400 Words)

( Essay on My Mother in Hindi ) मेरी माँ एक मात्र ऐसी इंसान है, जो मेरी खुशी के लिए हर कष्ट को सहन कर लेती है। दुनियाँ में कई रिश्ते देखे हैं, लेकिन माँ के जैसा कोई रिश्ता नही देखा है।

हम सब अपने जीवन की शुरुआती शिक्षा माँ के द्वारा ही सीखते हैं, ठीक उसी तरह मेरी माँ ने भी कई अहम चीजों का ज्ञान मुझे हर वक़्त दिया।

माँ ने ही मुझे बताया है कि जब हम मुसीबत के वक़्त में हो तो हमें धैर्य नही खोना चाहिए। इसके लिए माँ मुझे कई तरह के किस्से सुनाती हैं।

माँ मुझे हमेशा कई प्रेरणादायी कहानियां सुनाती रहती हैं। यह सिलसिला बचपन से ही चल रहा है, जो आज तक भी जारी है।

माँ का मैं जीवनभर आभारी रहूँगा मैं जो उन्होंने बचपन मे ही ऐसे संस्कार दिए जिनका महत्व उस वक़्त तो उतना नही था जितना आज मुझे लगता महसूस हो रहा है।

माँ ने मुझे बचपन मे ही सिखा दिया था कि किस तरह ईमानदारी से काम करने पर व्यक्ति हमेशा सफलता की सीढ़ी चढ़ता है। जीवन मे ईमानदारी का महत्व कितना अधिक है यह आज मुझे समझ आ रहा है।

जीवन मे आज मैं जब भी थोड़ी सी भी बेईमानी का खयाल भी मन मे लाता हूँ तो माँ की सिखाई वह सीख याद आ जाती है।

बचपन मे मैं जब किसी काम मे असफल हो जाता था तो मेरे अंदर निराशा आ जाती थी। मुझे लगता था कि मैं वह काम नही कर पाऊंगा।

लेकिन माँ मेरी असफलता को देखकर कभी भी निराश नही होती थी। बल्कि वो कहती थी कि क्या हुआ जो असफल हो गए, कोशिश तो की है न।

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इसके बाद माँ पूरे जोश के साथ हौसला बढ़ाती थी ताकि मैं और ऊर्जा के साथ वह काम कर सकूं और फिर मैं सफल होकर ही रुकता था।

माँ की हर एक सीख हमारे जीवन मे गहरी छाप छोड़ती है। माँ के सीख के बिना जीवन बहुत मुश्किल सा हो जाता है। क्योंकि इस दुनियाँ में माँ के जितना फिक्र करने वाला कोई दूसरा इंसान नही है।

माँ एक रचयिता है जिसकी रचना हम सब है। हम सबको अपने जीवन मे ऐसे काम करना चाहिए कि हमारी रचयिता यानी कि हमारी माँ का सिर हमेशा गर्व से ऊँचा रहे।

जीवन मे जब भी किसी उलझन में फसे हो और समझ न आये की क्या करें तो हमेशा अपनी माँ के नजरिये एक बार जरूर देखना चाहिए, समाधान जरूर मिल जाएगा।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – Essay on my mother In Hindi (500 Words)

हमारे जीवन को बनाने में और एक दिशा देने में एक इंसान जो सबसे अहम है वो माँ होती है। माँ जिनका जीवन अपने बच्चों के इर्द गिर्द घूमता है।

वो हमारी बचपन की सभी शरारतों को झेलतीं हैं फिर भी नही थकती हैं। घर मे हर किसी की छुट्टी जरूर होती है। जैसे कि हमें अपनी स्कूल से छुट्टी मिल जाती है , पापा को अपने आफिस से छुट्टी मिल जाती है, लेकिन एक माँ को कभी छुट्टी नही मिलती है।

उनका काम साल भर चलता रहता है और वो भी बिना थके और कोई छुट्टी के आशा के बिना हमेशा एक जैसी ऊर्जा के साथ काम करती रहती हैं। यही माँ की खूबी है।

दुनियाँ में शायद ही कोई और दूसरा इंसान एक माँ के जितना मेहनत और त्याग कर पाएगा।

माँ करुणा की मूर्ति है.

माँ को करुणा की मूर्ति कहा जाता है , यह किसी भी हालत में हमेशा सही ही होता है। माँ कभी भी अपने बच्चों को कष्ट में नही देख सकती है। ठीक इसी तरह मेरी माँ भी हैं।

वो खुद कष्ट में रह लेंगी लेकिन मुझे कष्टों से दूर रखती है। शायद ही कोई इस बात की व्याख्या कर सकता है कि आखिर माँ के अंदर ऐसी कौन सी शक्ति विराजमान है जो उन्हें इतनी ताकत देती है कि वह बच्चों के खातिर हर कष्ट सह सकें।

हर माँ ऐसी होती है। एक स्त्री के कई रूप होते है, कई अलग अलग किरदारों में वह रिश्ते निभाती है , लेकिन कहते हैं कि एक स्त्री सबसे ज्यादा खुश तब होती है जब वह एक माँ के रूप में होती है।

माँ है जीवन की प्रथम गुरु.

जीवन की पहली गुरु की संज्ञा माँ को दी गई है। माँ एक ऐसी गुरु होती है जिनकी सिखाई गई सीख जीवन के हर मोड़ पर काम आती है। ऐसा कभी नही देखने को मिलेगा जब माँ ने कोई गलत दिशा दिखाई हो।

जीवन मे मैं चाहे कितनी भी सफलता हासिल कर लूं, लेकिन उसकी खुशी तक तक महसूस नही होती है जब तक माँ के चेहरे पर उस सफलता से खुशी न दिखे।

कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ लोग पैसो की चकाचौंध में अपनी माँ को उचित सम्मान नही दे पाते लेकिन माँ को इसका कोई मलाल नही होता है। उनका बेटा जब भी माँ के पास आ जाए, माँ उसे गले ही लगाती है।

इसीलिए कहते हैं न कि माँ से ज्यादा करुणा किसी मे नही है, माँ के जैसा दयालु इस संसार मे कोई और नही है।

हम माँ के कई रूप देखते हैं अपने जीवन मे जैसे कि धरती माँ, भारत माँ आदि। लेकिन इन सब के प्रति हमारे अंदर जिम्मेदारी का भाव तभी आ पाएगा जब हम अपनी माँ का सम्मान करेंगे।

जब हम अपनी माँ के त्याग को सही मायने में समझ पाएंगे। हालांकि आजतक माँ त्याग को कोई भी समझ नही पाया है लेकिन उनके त्याग का कुछ प्रतिशत ही समझ जाएं और अपनी माँ को उसके बदले में खुशी देने की ठान ले तो यह दुनियाँ ही स्वर्ग हो जाएगी, फिर चाहें वह अपनी माँ हो, धरती माँ हो या भारत माँ हो। हम इन सब के ऋणी है, और हमें इनके त्याग को समझना चाहिये।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – essay on my mother In Hindi (1000 Words)

दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता होता है वह है एक मां और अपने बच्चे का। दुनिया में भले ही पिता कितना भी प्यार करता है परंतु मां की कमी पूरा नहीं कर सकता मां बच्चों को पूरी ममता के साथ में पालती है मां के रिश्ते को पूरी दुनिया सम्मान देती है मां वह होती है जो अपने बच्चे की हर जरूरत हो समझती है एहसास को समझती है। मां होती है जो हमें जन्म देती है और हमारा पालन – पोषण करती है। यही कारण है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मानित में से मां सबसे ज्यादा महत्व है। दुनिया में मां को प्रेम और त्याग की मूर्ति कहा जाता है क्योंकि मां अपने बच्चों के लिए सब कुछ करने को भी तैयार हो जाती है। इतिहास में बहुत सारी घटनाएं ऐसी हैं जिन्होंने मां का वर्णन किया है। मां ने अपने बच्चों के लिए सारे दुखों को सारी खुशियों को निछावर कर दिया है दुनिया में महत्वपूर्ण कोई रिश्ता नहीं हो सकता है।

मां का महत्व

मां का दुनिया में बहुत ही महत्व है मां एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में जितनी भी बात की जाए सारी कम है हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि मां अपने बच्चों के लिए कितना कुछ करती है। मां की महानता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि इंसान भले ही भगवान का नाम भूल जाए परंतु मां का नाम कभी नहीं भूल सकता चोट लगती है तब भगवान का नाम नहीं आता मां का नाम आता है कि क्युकी मां का प्रेम और करुणा बच्चों को हमेशा याद रहती है। मां दुनिया भर की कष्ट झेल लेती है और अपने बच्चों को सुख सुविधा देती है। मां पहले शिक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण होती है मां से ही बच्चा उसे पहले शिक्षा लेता है।

मां की मित्रता

( Essay on My Mother in Hindi ) मां अपने जीवन में बहुत सारी भूमिकाएं निभाती आई है कभी मां शिक्षक बन जाती है तो कभी मित्र बन जाते हैं। हर समस्या का सामना करने के लिए मां सबसे आगे खड़ी होती है। मां मां के फर्श के साथी मित्रता का फर्ज निभाती है जो बच्चे की हर बात को समझती है और मित्रता की तरह साथ निभाती है यदि बच्चा फेल भी हो जाता है तो भी मैं उसके साथ हमेशा खड़ी रहती है। आज अगर बच्चा सफल होता है या असफल होता है तब मां दोनों समय बच्चे के साथ में खड़ी थी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि मां से अच्छा मित्र इस दुनिया में कोई नहीं।

मां का रिश्ता

स्त्री अपने जीवन में एक अच्छी बहू एक अच्छी बेटी एक अच्छी पत्नी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती आई है उन्होंने हर रिश्तो में अपनी जान से ज्यादा फर्ज निभाया। इन रिश्तो के अंदर सबसे ज्यादा सम्मान मां को मिलता है। हम माता के रिश्ते को शब्दों में बयां किया नहीं जा सकता। मां अपने बच्चों को इसने करना कभी नहीं छोड़ती और ना ही मां बच्चों के प्रति कभी इसने कम कर सकती है। मां अपने बच्चों के लिए बड़ी से बड़ी आपदा का भी सामना करने को तैयार रहती है उसमें बच्चों को खुशी देने का साहस होता है बच्चों की तरह किसी तरीके आज नहीं आने देती है इसी कारण भगवान ने मां को पृथ्वी पर भेजा है। कहां जाता है ना कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं रह सकता इसके लिए उसने मां को बनाया है। मां पापा की डांट से और मार से बचाती है हर एक अच्छे से सभी के लिए बच्चे का साथ निभाती है कि मां बच्चे से बहुत प्यार करती है।

शिक्षक के रूप में 

कहां जाता है ना कि बच्चे का पहला स्कूल परिवार होता है और पहले शिक्षा देने वाली मां होती है। हम जन्म से ही मां के आंचल में बड़े होते हैं मां अपनी उंगली पकड़ कर हमें चलना सिखाती है मां हमें बोलना सिखाती है मां हमें खाना सिखाती है जूते पहनना सिखाती है जूते के फीते बांधने सिखाती है कपड़े पहनना सिखाती है ब्रश करना सिखाती है लोगों से कैसे बात करनी है वह सिखाती है मां बच्चे की पहली शिक्षा और पहली शिक्षक है। जो एक शिक्षक नहीं कर सकता वही मां कर देती है जब बच्चा फेल जाता है तो मां बच्चे में विश्वास जगह रखती है कि मैं जिंदगी में कभी फेल नहीं हो सकता। मां भले ही शिक्षा ना दे सके पर जीवन जीने का सही तरीका दे देती है जो शिक्षा से कम नहीं है समाज में किस तरह से व्यवहार करना है वह सिखाती है मां दुखों से लड़ने और तकलीफ हो को निपटने की शक्ति देती है यही कारण है कि मां को एक मित्र और एक अच्छे शिक्षक के रूप में जाना जाता है।

हर इंसान किसी ना किसी बात से या किसी ने किसी इंसान से प्रेरणा लेता है परंतु मां सबसे अलग होती है जो जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।   जब बच्चा शिक्षक से शिक्षा लेता है।   वह सिर्फ शिक्षा लेता है परंतु उसे प्रेरणा मां देती है।   यदि बच्चा सफल होता है तो उसके पीछे मां का हाथ होता है।   क्योंकि मां उसे सफल होने की प्रेरणा देती है बच्चे ने विश्वास जगाए रखना बच्चे को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सदैव आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देना मां निभाती है।

हर इंसान की जिंदगी में कोई ना कोई स्त्री आती है परंतु एक ऐसी ऐसी भी होती है जो जिंदगी में सबसे अलग होती है वह मां होती है। मां किसी प्रकार का स्वाद नहीं रखती है बल्कि बच्चे के लिए त्याग साहस और मेहनत करती है। मां बच्चे को सामाजिक व्यवहार सिखाती है ईमानदार बनाती है और मेहनत जैसी महत्वपूर्ण शिक्षा देती है यही कारण है कि मां को एक अच्छा शिक्षक मित्र और प्रेरित कहा जाता है। जिंदगी में पत्नी बेटी और बहू जितनी   से ज्यादा मां जरूर होती है क्योंकि मां से ही एक पेटी एक पत्नी एक बहू का निर्माण होता है मां एक घर को स्वर्ग बनाती है। बच्चे की पहली शिक्षा मां देती मां बच्चे को असफलताओं से लड़ना सिखाती है जिंदगी जीना सिखाती है बिन मां के जिंदगी अधूरी है। Essay on My Mother in Hindi

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माँ की ममता पर निबंध

essay on mother nibandh in hindi

By विकास सिंह

Essay on Mother’s Love in hindi

माँ का प्यार एक भावना है, ऐसी भावना जिसे समझाने के लिए असीमित शब्दों की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक महासागर जितना गहरा है। इस दुनिया मिएँ आने के बाद हम अपने आप को मान की गोद में सबसे सुरक्षित पाते हैं। बिना बोले भी वह समझ जाती है कि हम क्या चाहते हैं। माँ का प्यार हमें जीवन में आने वाले किसी भी पतन में हमेशा प्रोत्साहित करता है। वह केवल एक महिला है जिसके पास हमारे सर्वश्रेष्ठ भविष्य के अलावा कोई मांग नहीं है।

माँ की ममता पर निबंध, short essay on Mother’s Love in hindi (200 शब्द)

एक माँ वह व्यक्ति है जो हर एक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। एक माँ होने के नाते सबसे अच्छा एहसास एक औरत को अपने पूरे जीवन में कभी भी हो सकता है। माँ ही वह होती है जो अपने बच्चे को हर सुख-सुविधा देने के लिए पूरी कोशिश कर सकती है। विभिन्न चरणों में, एक बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखने की कोशिश करता है।

अपने बच्चे के लिए माँ का प्यार किसी की उम्मीदों से परे है। माँ अपने बच्चे की हर इच्छा को आसानी से पहचान सकती है यहाँ तक कि जब उसका बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पा रहा हो। किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे, सबसे अधिक प्रयास, जो किसी व्यक्ति का होता है वह है, माँ। माँ का प्यार उस गलत तरीके को बदल सकता है जिस पर उसके बच्चे ने चलना शुरू कर दिया है। उसका प्यार आसानी से उसके बच्चे को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते में बदल देता है। यह माँ के प्यार की शक्ति है

यह बच्चे और माँ के बीच एक प्रकार का मीठा संबंध है कि अगर बच्चे को चोट लगती है तो माँ को दर्द महसूस होता है। जब वह अपने बच्चे को जन्म देती है तो एक माँ को असहनीय दर्द होता है लेकिन जब उसने केवल अपने बच्चे का चेहरा देखा तो वह सभी दर्द और परेशानी भूल जाती है। यह एक माँ की महानता है।

माँ का प्यार पर निबंध, 300 शब्द:

प्रस्तावना:.

ब्रह्मांड पर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना माँ है। हमने हमेशा अपने बुजुर्गों से सुना या प्राचीन पुस्तकों में लिखा है, कि भगवान हर जगह नहीं जा सकते या सभी के साथ उपलब्ध नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने माता को बनाया है। माँ में सभी गुण हैं जैसे देखभाल करना, मीठा, निस्वार्थ प्रेम, धैर्य, क्षमा, दया, सरलता, दृढ़ता आदि।

देवकी और यशोदा माँ के रूप में:

जब बच्चे का जन्म होता है, तो यह माँ ही होती है जो बच्चे की सभी आवश्यकताओं को समझती है क्योंकि उनके संबंध विकसित होते हैं क्योंकि बच्चा उसके अंदर था। केवल माँ ही नहीं जिसने जन्म दिया है, जबकि जो लाया है वह भी महत्वपूर्ण है। जैसे कि भगवान कृष्ण की दो माताएँ थीं, एक जिसने उन्हें “देवकी” और दूसरी पालक माँ “यशोदा” जन्म दिया था, जो उनके बचपन में उनकी देखभाल करती थीं। दोनों माताओं का कृष्ण के प्रति समान प्रेम और स्नेह है। यह माँ की गुणवत्ता है, वह कभी भी अपने बच्चे और अन्य बच्चों के बीच अंतर नहीं करती है, वह हमेशा अन्य बच्चों को भी प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

माँ बच्चे के लिए पहली शिक्षिका होती है जो जीवन की अच्छी या बुरी चीजों के बारे में सिखाती है। वह अपने बच्चे को भविष्य के संघर्ष के लिए तैयार करती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह इतनी दयालु है कि वह किसी भी गलत काम के लिए अपने बच्चे को आसानी से माफ कर देती है।

जैसे हम दुनिया में किसी भी अन्य दर्द के साथ माँ के प्रसव के दर्द की तुलना नहीं कर सकते हैं, उसी तरह हम दुनिया में किसी भी अन्य प्यार के साथ अपने बच्चे के प्रति माँ के स्नेह की तुलना नहीं कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

पूरी दुनिया में एक व्यक्ति का एक ही महत्व है यानी माँ। उसका वही सम्मान है चाहे आप किसी भी देश, किसी भी जाति या किसी भी धर्म के हों। हिंदी में, हमने हमेशा “पुत्र कुपुत्र हो सक्ता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती” सुना। इसका अर्थ है “बेटा माँ के साथ कोई भी बुरा कर सकता है, लेकिन माँ अपने बच्चे के बारे में कभी भी गलत नहीं सोच सकती है” और यह हमेशा सच होता है।

माँ की ममता पर निबंध, Essay on Mother’s Love in hindi (400 शब्द)

माँ देखभाल, बलिदान या निस्वार्थता का पर्यायवाची है। अपने बच्चे के लिए माँ के प्यार की दुनिया के किसी भी प्यार से तुलना नहीं की जा सकती। एक बच्चे के लिए, माँ इतनी खास होती है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। एक बच्चे और मां के बीच का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि कोई भी उसे तोड़ नहीं सकता।

माँ- हमारे जीवन का एक विशेष व्यक्ति:

जब एक बच्चा पैदा हुआ; यह वह माँ है जो अपने बच्चे की भावनाओं या आवश्यकताओं को आसानी से समझती है। वह अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने बच्चे के आसपास हर पल बिताती है। बचपन से ही हमारी माँ हमें बताती है कि एक अच्छे इंसान के रूप में क्या गलत है और क्या सही है और हमें जीवन में अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह प्यार करती है और हमें बिना किसी लालच के परवाह करती है।

माँ हमेशा हमारी समस्याओं को समझती थी भले ही हम उसके साथ साझा न कर रहे हों। वह समस्या को दूर करने के लिए हम में आत्मविश्वास बढ़ाता है। वह हमेशा खुशी या दुख के दौरान हमारे साथ खड़ा रहता है। माताएं हमें खुश रखने के लिए बिना किसी शिकायत के चौबीसों घंटे काम करती हैं। वह हमेशा अपनी इच्छाओं को पूरा किए बिना अपने परिवार के सदस्यों के बारे में सोचती है।

ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना:

हमें हमेशा माताओं को अद्वितीय गुण देने के लिए धन्यवाद देना चाहिए जैसे देखभाल करना, मदद करने की प्रक्रति, बलिदान करना, क्षमा करना और हमेशा दूसरों को खुद के सामने रखना। एक माँ घर को घर में बदलती है और खुशी से रहने के लिए घर का वातावरण बनाती है। वह अपने बच्चे के लिए पहली शिक्षिका है और वह न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यवहार पाठ भी पढ़ाती है।

माँ अपने पूरे जीवन में बिना छुट्टी के घर का प्रबंधन करती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक घर के सारे काम बिना किसी शिकायत के करती है। अगर वह बीमार है तो भी वह शिकायत नहीं करती है और सभी काम करती है। उसने नौकरी करने के लिए कभी कोई पक्ष नहीं मांगा। वह हमेशा खुश रहती है और घर का माहौल जीवंत बनाती है ताकि जब कोई ऑफिस या दुकान से आए तो घर में सुकून महसूस करे।

निष्कर्ष

एक माँ होने के नाते यह अपने बच्चे के चरित्र को आकार देने और बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेती है। अगर कोई गलत काम करता है तो पूरी तरह से उसकी माँ पर आता है। अपने बच्चे को कोमल व्यक्ति के रूप में बनाने के लिए, एक माँ सभी अच्छे काम करती है जो वह कर सकती है। माँ का प्यार आपकी पूजा के आशीर्वाद की तरह है। उसे कभी चोट नहीं पहुंची वह वह है जो यदिअप बीमार होते हैं तो रात रात भर जागकर आपकी सेवा करती है।

माँ की ममता पर निबंध, 500 शब्द:

माँ, ईश्वर द्वारा मानव की अंतिम रचना केवल एक सामान्य महिला नहीं बल्कि अपने आप में एक सुपर महिला है। वह बिना किसी अपेक्षा के अपने पूरे जीवन में अपने बच्चे की परवाह करती है लेकिन बस एक ही उम्मीद होती है कि उसके बच्चे को सारी खुशियाँ मिले और उसके सपने सच हों।

माँ का प्यार: हार्दिक और अच्छा

एक माँ की खुशबू को उसके नए जन्मे बच्चे को आसानी से पहचाना जा सकता है। जन्म के बाद से एक बच्चे को उसकी माँ द्वारा देखा जा रहा है। बच्चे को सभी सुख प्रदान करने के लिए वह सभी जरूरतमंदों को करती है सभी माताएं दिल से पवित्र होती हैं और अपने बच्चे के जीवन में सभी सर्वोत्तम चीजें चाहती हैं चाहे वह कोई भी खिलौना, वस्त्र, शिक्षा और मूल्य हो।

माँ की परिभाषा कुछ ऐसी है जैसे प्यारी और मासूम, देखभाल और प्यार, अच्छी और गर्म। हर कोई जिसके पास माँ है वह दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति है क्योंकि वह जानता है कि उसे माँ का प्यार और उसका महत्व क्या है। एक माँ वह विशेष उपहार है जो एक व्यक्ति को सीधे भगवान द्वारा प्राप्त होता है।

यह केवल संबंध है जिसे किसी अन्य संबंध से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी एक माँ अपने बच्चे के लिए अपने बेहतर भविष्य के लिए सख्त हो जाती है जो उसके गुस्से के पीछे छिपे प्यार को दर्शाता है। यह माँ के प्यार की एक और मिठास है।

हर दिन एक मातृ दिवस है:

हालांकि एक दिन मातृ दिवस मनाने के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन हमें इसे हर समय मनाने की आवश्यकता है क्योंकि उसके प्रयास अनमोल हैं जो हमें जीवन में एक सफल और सौम्य व्यक्ति बनने में मदद करते हैं। पूरे शब्द में कोई भी हमारे सच्चे शुभचिंतक नहीं हैं सिवाय हमारे माता-पिता के और माँ हृदय से हमारे साथ जुड़ी हुई हैं। वह हमें उन नैतिक मूल्यों को सिखाती है जो जीवन के सफर में हमेशा हमारी मदद करते हैं।

मातृत्व जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा है जो एक महिला के पास हो सकता है। यह बिना किसी वेतन के पूर्णकालिक नौकरी है लेकिन यह एक बच्चे के लिए बहुत मायने रखता है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जिसे महसूस कर सकते हैं, माँ का प्यार भगवान के आशीर्वाद की तरह है, माँ का प्यार ही सब कुछ है। जो लोग अपनी मां के प्यार से बच जाते हैं वे वास्तव में बहुत दुर्भाग्यशाली होते हैं।

माँ के बिना ज़िन्दगी अधूरी है:

जैसा कि हम जानते हैं कि माता-पिता दोनों ही जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन माँ की भूमिका सर्वकालिक श्रेष्ठ होती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक वह परिवार के सभी सदस्यों की जरूरतों को पूरा करती रहती है जिसमें घर के अन्य काम भी शामिल हैं। हमारे लिए माँ का प्यार एक बच्चे के लिए असीमित, बिना शर्त और अविस्मरणीय है जो उसे जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिन परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देता है। माँ का प्यार इतना प्यारा होता है कि केवल उसके बच्चे की खुशी की इच्छा चाहे उसकी उम्र और उसके बच्चे की उम्र कोई भी हो।

हम एक बच्चे के रूप में हमेशा अपनी माँ को संभाले रखते हैं लेकिन उसके बिना हमारा जीवन बेकार हो जाता है। वह वह है जो हमेशा हम पर नज़र रखती है कि हम किसी बुरी आदत में शामिल न हों या किसी से परेशान न हों। पहला शिक्षक किसी भी बच्चे के लिए माँ होती है और अगर वह अपने मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखता है तो सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने में कुछ भी उसे रोक नहीं सकता है।

माँ की ममता पर निबंध, long Essay on Mother’s Love in hindi (600 शब्द)

माँ का प्यार मीठा, मासूम, प्यार, देखभाल और कुछ समय चिंताओं से भरा होता है। यह सरल शब्द माँ ’अपने आप में इतनी शक्ति रखता है कि अगर किसी बच्चे को चोट लग जाए तो वह सभी दर्द को दूर कर सकता है। माँ का प्यार उस शक्ति को दर्शाता है जो बच्चे को सभी कठिनाइयों या कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करती है। मैंने अपनी मां से विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है क्योंकि वह मेरे जीवन में एक दोस्त, एक साथी, एक संरक्षक और एक शिक्षक की तरह विभिन्न भूमिका निभाती है। आइए थोड़ा सा वर्णन करें:

एक दोस्त के रूप में माँ:

जन्म के बाद एक बच्चा अपनी माँ को पहले दोस्त के रूप में पाता है जो अतिरिक्त देखभाल और पोषण के साथ उसके साथ खेलता है। वह एक दोस्त के रूप में अपने बच्चे के साथ बातचीत करती है और अपने बच्चे की सभी गतिविधियों को देखती रहती है। एक माँ अपने बच्चे के साथ खेलते समय कभी भी थका हुआ महसूस नहीं करती है और हमेशा बिना सोचे समझे उसकी सभी मांगों को पूरा कर देती है। एक माँ अपने बच्चे के लिए एक परी की तरह होती है।

एक मेंटर के रूप में माँ

बिना किसी अपेक्षा के एक माँ अपने बच्चे की भलाई के लिए काम करती रहती है। वह एक माँ, एक शिक्षक, एक दोस्त, एक कार्यवाहक की तरह माँ सहित सभी भूमिकाएँ निभाती हैं। वह अपने बच्चे को इस दुनिया में किसी भी अन्य चीज से ज्यादा प्यार करती है, लेकिन जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से लड़ने के लिए उसे सक्षम बनाने के लिए कभी-कभी वह अपने बच्चे के प्रति थोड़ा सख्त हो जाती है। उनका जीवन चुनौतियों से भरा है और हमें उनका हर मंच पर सामना करने की जरूरत है। माँ हमें वह शक्ति प्रदान करती है जिसके साथ हम उन्हें स्वीकार करने और सफलता पाने में सक्षम हो जाते हैं।

एक कार्यवाहक के रूप में माँ:

एक माँ हमेशा अपने बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहती है और अपने बच्चे से संबंधित किसी भी चीज़ में कभी समझौता नहीं करती है। माता-पिता अपने बच्चे को किसी भी कठिन परिस्थिति से बचाते हैं और उसे वह सभी आराम प्रदान करते हैं जो वे वहन कर सकते हैं। माताओं का प्यार न केवल अपने बच्चे को लाड़ प्यार करना है, बल्कि अपने बच्चे को नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जानने देना भी है।

किसी व्यक्ति का चरित्र उसकी परवरिश के स्तर को दर्शाता है जो पूरी तरह से उसकी माँ द्वारा सीखे गए पाठों पर निर्भर करता है। एक अच्छी परवरिश एक व्यक्ति का बेहतर भविष्य बनाती है और एक माँ अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा भविष्य देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करती है।

माँ एक महिला है और माँ की भूमिका पिता से अधिक महत्वपूर्ण होती है। वह एक घर को घर में परिवर्तित करती है; वह एक सुपरवुमन के रूप में काम करती है क्योंकि हाउस होल्ड का काम संभालना और समय पर परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकता को पूरा करना आसान काम नहीं है। अगर हम कामकाजी महिलाओं की तुलना में बात करते हैं, तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह एक साथ सभी चीजों का प्रबंधन कैसे करेगी।

मुझे अपनी मां पर गर्व है, जिन्होंने मुझे नौकरी करने के साथ-साथ घर का प्रबंधन भी ठीक से किया है।

एक माँ के रूप में माँ

माता का प्रेम शुद्ध और दिव्य है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जो कभी नहीं मरता है यहाँ तक कि यह दिन पर दिन बढ़ता जाता है। माँ और बच्चे का यह रिश्ता भावनाओं से भरा है। इसमें कोई अपेक्षा नहीं और कोई मांग नहीं। वह हमें असीमित दर्द सहन करने के बाद जन्म देती है और जीवन भर देखभाल और प्यार से हमारा पालन-पोषण करती है।

आमतौर पर बड़े होने के बाद हम उसके सभी बलिदानों और प्रयासों को अनदेखा कर देते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ स्वार्थी लोग अपनी मां को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं जब वे बूढ़े हो जाते हैं। वे भूल जाते हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें स्थापित और सफल बनाने के लिए कितने प्रयास किए हैं।

माँ ईश्वर का एक अनमोल उपहार है जिसे हमें प्यार और देखभाल के साथ रखना चाहिए। जिन लोगों के पास माँ होती है वे बहुत भाग्यशाली होते हैं। वह शुद्ध मन और पूरी निष्ठा के साथ मातृत्व का काम करती है। यह कहना बहुत आम है कि ‘माँ आप समझती नहीं हो’ लेकिन वास्तव में माँ अपने बच्चे के बारे में एक-एक बात जानती है। माता-पिता का स्तर ईश्वर के बराबर है और इस तरह से आपकी माँ का सम्मान हमेशा करना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

Essay on My Mother in Hindi

यह भी पढ़े: मेरे पिता पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

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Meri Maa Essay in Hindi

Meri Maa Essay in Hindi: मेरी मां पर निबंध

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Meri Maa Essay in Hindi

यहां हम आपको Meri Maa Essay in Hindi उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक essay on mother in hindi मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी meri maa essay in hindi लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi (50 words)

मां भगवान का दूसरा रूप होती है। मां हमें सबसे अधिक प्रेम करती है। मां हमें जन्म देती है और इस धरती पर लाती है। वह हमारी पहली शिक्षक होती है जो हमें अच्छे बुरे का ज्ञान देती है। भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकता इसलिए उसने मां को बनाया है।

Meri Maa Essay in Hindi (100 words)

हम सभी को अपनी मां से बहुत प्यार होता है। मां को भी हमारे सुख दुख का साथी माना जाता है। मां हमारी हर चीज का ध्यान रखती है वह हमें स्वादिष्ट खाना बनाकर भी खिलाती है। मां हमारा हर मुसीबत में साथ देती है तथा हमें कठिनाइयों से सामना करने का साहस प्रदान करती है। मां घर के कामों में व्यस्त रहती है लेकिन हमारे आवाज देते ही सब काम छोड़कर हमारे पास थोड़ी चली आती है। हमें अपनी मां का ख्याल रखना चाहिए। हमें अपनी मां की घर के कामों में मदद करनी चाहिए। मां का प्यार हमारे लिए सबसे अमूल्य होता है।

Meri Maa Essay in Hindi (150 words)

मां वो शब्द है जिससे बच्चा सबसे पहले बोलना सीखता है मां वह औरत होती है जो हमें जन्म देती है और हमारा लालन पोषण करती है। दुनिया में मां के प्रेम को सबसे अधिक पवित्र और सम्माननीय माना गया है। मां अपने बच्चे के लिए सारा संसार होती है । मां को ही बच्चे का पहला गुरु माना जाता है। हमेशा से ही मां ने अपने बच्चे के सभी दुख दर्द को दूर करने के लिए अपना सब कुछ बच्चों पर निछावर कर दिया है। इसीलिए जीवन देने वाली सभी चीजों को मां कहा जाता है जैसे कि हमारी धरती मां, प्रकृति मां ,गो मां भारत मां यह सब एक नए जीवन को जन्म देती हैं तथा जीवन की संरचना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं इसलिए इन्हें मां कहकर संबोधित किया जाता है। सभी के जीवन में मां का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। अपने इसी निस्वार्थ और निश्छल प्रेम के कारण मां के रिश्ते को सर्वोपरि रखा गया है।

Meri Maa Essay in Hindi

Meri Maa Essay in Hindi (200 words)

मां एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर यह कहकर सभी के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है तथा मन में एक शांति महसूस होती है। मां को जीवन देने वाली माना जाता है मां ही वह औरत होती है जो इस संसार में एक नए जीव को जन्म देती है तथा अपनी पूरी निष्ठा से संतान का लालन-पालन करती है। मां अपने बच्चे को कभी भी संकट में अकेला नहीं छोड़ती वह स्वयं भूखी सो जाएगी लेकिन अपने बच्चे का पेट अवश्य भरेगी।

जीवन के किसी भी मोड़ पर जब हम निराश होते हैं तो मा हमें सहारा देकर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाती है। व्यक्ति के जीवन में जब सारा परिवार और संसार उसके खिलाफ हो जाता है तब मैं अकेली अपने बच्चे का साथ देती है और उसे सभी परेशानियों से बाहर निकालती है। मां अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए अपना जीवन कठिनाइयों में तक बिता लेती है। मां के प्यार की कोई सीमा नहीं होती ना ही किसी और के प्रेम से इसकी तुलना की जा सकती है। मां वैसे तो एक साधारण औरत होती है लेकिन यह अपने बच्चों के लिए देवी के समान होती है। जीवन मैं मां का स्थान सर्वोपरि होता है।

Meri Maa Essay in Hindi (250 words)

किसी कहावत में कहा गया है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकता इसलिए उसने मां बनाई। इसीलिए मां को देवी की तरह पूजा जाता है। एक औरत अपने पूरे जीवन में कई तरह के रिश्ते निभाती है वह किसी की बहन बेटी बहू का किरदार निभाती है लेकिन किसी औरत को सबसे ज्यादा मां के रूप में सम्मानित किया जाता है। मां एक ऐसा शब्द है जिसकी व्याख्या कर पाना शब्दों में संभव नहीं है। बच्चे मां के साथ कितना ही बुरा व्यवहार क्यों ना कर ले लेकिन मां का प्यार बच्चों के प्रति कभी कम नहीं होता। मां के लिए अपनी सभी संतान एक बराबर होती है वह बच्चों में कभी भेदभाव नहीं करती।

वैसे तो मां बड़ी शांत होती है लेकिन अपने बच्चे की रक्षा के लिए वह बड़ी से बड़ी विपत्तियो से लड़ जाती है। बच्चों के लालन पोषण के साथ मां उनके जीवन में अहम भूमिका निभाती है वह बच्चों की शिक्षक और अच्छी दोस्त होती है जो हमेशा उनका मार्गदर्शन करती है। जब भी व्यक्ति किसी मुसीबत से परेशान होता है तब मां विश्वास पैदा करती है वह हमें मुसीबत से लड़ने का साहस प्रदान करती है। जब भी मन अशांत और दुखी होता है तो मां की गोद में सर रखकर सोने से सारी समस्या खत्म सी हो जाती हैं व्यक्ति प्रेम और करुणा के भाव से भर आता है। मां एक सुखदाई शब्द है जिसे बोलने से ही मात्र मन प्रसन्न हो जाता है। इन्हीं कारणों के कारण मां को ईश्वर का दर्जा दिया गया है और ईश्वर की तरह उन्हें पूजा जाता है।

Meri Maa Essay in Hindi (300 words)

हमारे जीवन में मां की कितनी आम भूमिका होती है यह सब जानते ही हैं। घर में सुख शांति लाने वाली औरत मां ही होती है। मां स्वयं हजारों तकलीफ हो से घीरी रहेगी लेकिन अपने बच्चे पर एक आंच भी नहीं आने देगी। मां एक ऐसी औरत होती है जो अपने जीवन का बलिदान कर अपने बच्चे का जीवन बेहतर बनाने की कोशिश करती है। मां के बिना जीवन के बारे में सोचना असंभव है।

जीवन में मां का महत्व

जीवन को जीवन बनाने वाली मां ही होती है। मां के बिना जीवन जीना एक बुरे सपने के समान होता है। जीवन में हर चीज की कमी को पूरा किया जा सकता है लेकिन मां की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। इंसान अपने जीवन में भगवान का नाम लेना भूल सकता है लेकिन मां का नाम लेना कभी नहीं। मां को प्रेम और करुणा का प्रतीक माना जाता है वह हजारों कष्ट सहकर भी अपने बच्चे को अच्छी सुख सुविधा देना चाहती है।

बच्चों के लिए मां का प्रेम

मां अपने बच्चे को स्वयं से अधिक प्यार करती है वह खुद भूखी सो जाएगी लेकिन अपने बच्चे को भूखा नहीं सोने देगी। मां जीवन में हर काम छोड़ सकती है। हर काम भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खाना खिलाना और उसे प्यार करना कभी नहीं भूलती। हर व्यक्ति के जीवन में मां की एक अहम भूमिका होती है। मां ही बच्चों की पहली शिक्षक होती है, जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की राह दिखाती है।

व्यक्ति के जीवन में अगर सबसे अधिक महत्व रखने वाला कोई इंसान है, तो वह है मां। मां के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। मां स्वयं पीड़ा भोग कर अपने बच्चे को सुख देती है। इसलिए इस संसार में मां के रिश्ते को सबसे पवित्र कहा गया है। जीवन में बनने वाले सभी रिश्तो में मां के रिश्ते को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। मां का प्रेम हमारे लिए देवतुल्य है।

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Meri Maa Essay in Hindi (500 words)

मां हमारे जीवन का निर्माण करती है। मां को प्रथम शिक्षक के रूप में जाना जाता है क्योंकि बच्चे अपने जीवन का आरंभिक ज्ञान मां से ही प्राप्त करते हैं। मां ही बच्चों की पहली दोस्त होती है जिन्हें बच्चा अपनी सारी परेशानियां बताता है। वह उन परेशानियों को दूर कर उसे खुश कर देती है। मां हमेशा बच्चे को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उसे अच्छाई बुराई के बताकर उसे अच्छा इंसान बनाती है। वह हमें अपने जीवन में सबसे अधिक प्राथमिकता देती हैं। मां के जैसा सच्चा और वास्तविक प्यार हमें कोई नहीं दे सकता इसलिए मां को भगवान ने भी पूजनीय बताया है।

प्रेरणा का स्त्रोत मां

हर व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई प्रेरणा का स्त्रोत अवश्य होता है। लेकिन मां से बड़ा प्रेरणा का स्त्रोत कोई नहीं हो सकता। मां का जीवन कितना ही कठिन क्यों ना हो लेकिन वह अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने की पूर्ण कोशिश करती है। स्वयं कई तकलीफ हो से पीड़ित होकर भी बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाती है। हमने जीवन में मां को हर मुसीबत से लड़ते देखा मां ने कभी किसी भी मुसीबत के आगे घुटने नहीं टेके इसीलिए मां को प्रेरणा का स्रोत माना जाता है हमें मां से प्रेम करुणा सद्भावना का भाव सीखना चाहिए तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिए चुनौतियों का सामना करना सीखना चाहिए। मां अपने जीवन में सभी कर्तव्यों को निष्ठा के साथ निभाती है वह बिना किसी शिकायत के सभी की बुरी बातों को सुनकर भी बच्चों को प्रेम का पाठ सिखाती है इसीलिए मां को सबसे बड़ा प्रेरणा का स्त्रोत माना जाता है जिनसे प्रेरित होकर व्यक्ति अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकता है।

जीवन में मां की आवश्यकता

जिस तरह जीवन जीने के लिए हवा पानी खाने तथा अन्य चीजों की आवश्यकता होती है उसी तरह जीवन मैं सुख शांति बनाए रखने के लिए मां की आवश्यकता होती है। दुनिया में हर चीज की कमी किसी ना किसी इंसान से पूरी की जा सकती है लेकिन मां की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता जो प्रेम हमें मां देती है वह और कोई नहीं दे सकता। मां को ही बच्चे के जीवन का रचयिता कहा जाता है। बच्चे जीवन में कई तरह के शिक्षकों से जीवन का महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करते हैं वह इस ज्ञान को भूल सकते हैं लेकिन मां के द्वारा दिया गया ज्ञान और जीवन के लिए अमूल्य उपदेशों को कभी नहीं भूल सकते। मां बच्चे को सांसारिक पारिवारिक आध्यात्मिक भौतिक सभी ज्ञानो से परिचित कराती है तथा उसे एक अच्छे इंसान के रूप में ढालती है।

जीवन में व्यक्ति कितना ही अमीर और सफल क्यों ना हो जाए लेकिन उसे वास्तविक सुख की प्राप्ति मां की गोद में ही होती है। मां की गोद को भगवान की गोद के समान माना जाता है जिसमें सर रखने मात्र से सारी मुसीबत दूर होती दिखाई देती हैं। मां का प्रेम और आशीर्वाद हमें हर प्रकार की मुसीबत से बचाए रखता है तथा मां स्वयं के जीवन को खतरे में डालकर भी अपने बच्चे के जीवन को सुरक्षित रखने का प्रयास करती है। जीवन को सुखी और आनंदमय बनाए रखने के लिए मां का होना काफी महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए मां को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है।

maa par nibandh in hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस meri maa essay in hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह essay on mother in hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह meri maa essay in hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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माँ का महत्व पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

माँ पर निबंध | माँ का महत्व पर निबंध | essay on mother in hindi.

Best Essay on Mother in Hindi - Maa

बच्चों , जब आपको चोट लगती है तो सबसे पहले जिसकी याद आती है वह कौन है ? और किसे सुनाई थी आपने अपनी तोतली जुबान में पहली कविता ? और कोई नहीं, वह माँ ही तो है। जरा सोचो, अगर माँ सुबह जल्दी आपको न उठाए तो आप स्कूल कैसे पहुँच पाएंगे।

माँ ही तो है जो आपकी हर छोटी से छोटी जरूरत के लिए कई – कई बार टोकती है। किस व्यक्ति या वस्तु के प्रति कैसा दृष्टिकोण होना चाहिए, कैसे लोगों का आदर सम्मान करना है यह आपको माँ ही तो बताती है। धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का ज्ञान भी सर्वप्रथम माँ से ही मिलता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा, सिद्धांतवादी बनना और अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा इत्यादि सभी ज्ञान माँ ही सबसे पहले देती है।

माँ के कारण ही आपमें आत्मसम्मान की भावना पनपती है। आपको अपनी विशेषता का पता चलता है। जिंदगी में आगे चलकर आप जो कुछ बनते हैं उसमें सबसे अहम् भूमिका माँ की ही होती है। सर्वप्रथम माँ ही आपकी आदर्श गुरु बनती है साथ ही जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पाठ अपनी अनुभव की किताब से माँ ही सिखाती है।

व्यापक संदर्भों में देखें तो प्रात: से सायं तक दैनिक चर्या मेें हमें नित्य सावधान रखने वाली माँ ही है। अपने असीम प्रेम से हमारे अवगुणों को गुणरूप में परिवर्तित करके माधुर्य और चन्दन का रूप देने वाली वात्सल्यमूर्ति उदार-हृदया माँ ही है। विषम परिस्थितियों में भी मेरु पर्वत के समान निश्चल रहकर धैर्य का पाठ पढ़ाने वाली वात्सल्यवारिधि माँ ही हैं। अपने आध्यात्मिक ज्ञान से मानव जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने की सदा शिक्षा देने वाली ज्ञानमूर्ति माँ ही हैं। इस धरती पर इन्सान के रूप में माता-पिता, भाई-बहन, गुरु एवं भगवान के रूप में निरंतर साथ रहने वाली माँ ही हैं।

मां प्राण है, मां शक्ति है, मां ऊर्जा है, मां प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है। मां केवल जन्मदात्री ही नहीं जीवन निर्मात्री भी है। मां धरती पर जीवन के विकास का आधार है। मां ने ही अपने हाथों से इस दुनिया का ताना-बाना बुना है। सभ्यता के विकास क्रम में आदिमकाल से लेकर आधुनिककाल तक इंसानों के आकार-प्रकार में, रहन-सहन में, सोच-विचार, मस्तिष्क में लगातार बदलाव हुए। लेकिन मातृत्व के भाव में बदलाव नहीं आया। उस आदिमयुग में भी मां, मां ही थी। तब भी वह अपने बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करती थीं। उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा करना सिखाती थी। आज के इस आधुनिक युग में भी मां वैसी ही है। मां नहीं बदली। विक्टर ह्यूगो ने मां की महिमा इन शब्दों में व्यक्त की है कि एक मां की गोद कोमलता से बनी रहती है और बच्चे उसमें आराम से सोते हैं।

माँ ही ईश्वर से जोड़ती है, गुरु से मिलाती है। इसीलिए माँ को भारतीय संस्कृति में देवी स्वरूप स्थान प्राप्त है। उसमें धैर्य है, करुणा है। अपनाने का साहस है। त्यागने का जज्बा है। देखा होगा अपने घर में कि सभी लोगों को खिलाने के बाद ही माँ खाती है। व्यंजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों न हो, पर उसे खाने से पहले खिलाने में संतुष्टि मिलती है। तभी तो कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं-

सदियों से कवियों और लेखकों द्वारा माँ कि ममता पर अनमोल कथन कविता और सुविचार कहें जाते रहें है जो ये बताता है कि माँ और उसकी ममता सभी के लिए एक जैसी होती है। माँ का कोई धर्म नहीं होता। वह हर एक के जीवन में बड़ी स्पेशल होती है और उसकी जगह कोई भी नहीं ले सकता है। वेदों और पुराणों में भी ये व्यक्त है कि सबसे ऊपर भगवान और गुरु होते हैं लेकिन उनसे भी ऊपर माता पिता होते हैं और उनमे “माँ” सर्वोपरि है । माँ – गुरु भी है और एक बच्चे के लिए भगवान भी और अगर ज़रूरत पड़ती है तो वो पिता की तरह लालन पालन करने में भी अपने आपको सक्षम बना लेती है। 

हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है चाहे वह पांच महीने का हो या पचास साल का। मां पास हो या न हो उसका अहसास उसके दिल में रहता है। माँ से सदा प्यार व शक्ति दोनों मिलते रहते है । 

हमारे प्रसिद्ध धर्म शास्त्रों में मनुस्मृति का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है और इसके रचयिता राजऋषि मनु के विचार सर्वमान्य हैं। माँ की महिमा के संबंध में मनुस्मृति का (2/145) का यह श्लोक अनुकरणीय है- उपाध्यायान् दशाचार्य आचार्याणां शतं पिता। सहस्रं तु पितृन् माता गौरवेणातिरिच्यते। अर्थात दस उपाध्यायों से बढ़कर एक आचार्य होता है, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता होता है और पिता से हजार गुणा बढ़कर माता गौरवमयी होती है। गीता में भी कहा गया है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ की ममता से नहीं तोला जा सकता। मातृत्व दुनिया के लिए सबसे बड़ा वरदान है । माँ को बलिदान का प्रतीक माना जाता है और वह अपने बच्चों पर निस्वार्थ भाव से प्यार जताती है । वही तो है जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है। संसार में माँ के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं। सचमुच! रिश्ता जन्म से मिलता है मगर माँ हमें पहले ही मिल जाती है।

माता ही प्रथम गुरु है :-

माँ और बच्चे का रिश्ता इस संसार में सबसे अधिक भावनाओं से भरा होता है। तभी तो माँ के पेट से जन्म लेने से पहले ही वह  बच्चे को तालीम देना शुरू कर देती है। और माएँ जो तालीम देती हैं, वह नंबर एक की तालीम होती है। और जब तक माँ मौजूद है, तब तक बच्चों को ज्ञान मिलता रहेगा। परेमश्वर की योजना ही ऐसी है बनी है कि जहाँ उसने बच्चे को भूख दी, वहाँ माँ के स्तन में दूध भी पैदा किया। बच्चे को भूख के साथ माँ को दूध पिलाने की प्रेरणा दी। इस तरह बचपन से माँ के जरिये प्रेम की तालीम दी जाती है।

बच्चों को मातृभाषा सिखाने के लिए सरकार कितने करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन माँ तो दूध पिलाते-पिलाते बच्चे को मातृभाषा सिखाती है। दुनियाभर के बच्चे माँ से भाषा सिखते हैं। माँ बच्चे से कहती है कि ‘वह देखो चाँद !’ बच्चा सुनता है। माँ फिर उससे पूछती है कि ‘चाँद किधर है, बताओ।’ वह परीक्षा लेती है। बच्चा अँगुली से बताता है कि चाँद वहाँ है। बाद में वह बोलने लगता है। ‘च, च, च, न, द’ और फिर चाँद-चाँद कहता है। याने पहले वस्तु ग्रहण करता है, फिर बोलता है। यह जो सारा ज्ञान है, भाषा सीखने का ज्ञान है, क्या वह विद्यालयों की शिक्षा से कम है ? दो-ढाई साल में शून्य में से जो ज्ञान पैदा किया जाता है और माताएँ ही यह सब करती हैं।

शिक्षण-शास्त्री अनुभव और निरीक्षण से कहते हैं कि बच्चे को शुरू के साल-दो साल में जितना ज्ञान मिलता है, उतना ज्ञान आगे की सारी जिन्दगी में नहीं मिलता। इसलिए दुनियाभर के लोगों ने माना है कि माताएँ जब संस्कारवान बनेंगी, तभी दुनिया बचेगी। इसलिए सबसे प्रथम और सबसे श्रेष्ठतम गुरु तो माता है।

सदाचार की प्रतिमूर्ति :-

माताओं ने ही दुनिया में सदाचार जिन्दा रखा है, इसलिए उन पर बच्चों की जिम्मेवारी होती है। अच्छी आदतें डालना और प्रेम, सेवा, त्याग, अनुशासन सब कुछ बच्चे को उसकी मां ही सिखाती है। बच्चे के विकास में उसके पिता की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन मां सिर्फ़ दिमाग़ ही नहीं दिल के सहारे भी अपने बच्चे को संभालती है। इसलिए वह बच्चे के जीवन में दोस्त बन कर उसके सुख दुःख में शामिल होकर जीवन का पाठ पढ़ाती है।

बच्चे की सुरक्षा कवच :-

इस संपूर्ण संसार में विधाता के बाद अगर कोई सर्वश्रेष्ठ चीच बच्चें के लिए बनी है तो वो सिर्फ और सिर्फ माँ है। माता, जननी, माई, धात्री, महतारी एवं माँ के रूप में वह ईश्वर है या ईश्वर से भी बढ़कर है। कहते हैं कि ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने मां बना दी। जो हर किसी की होती है, हर किसी के पास होती है। शारीरिक उपस्थिति मां के लिए मायने नहीं रखती। वह होती है तो उसकी ईश्वरीय छाया सुख देती है जब ‘नहीं’ होती है तब उसके आशीर्वादों का कवच हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

एक माँ अपने बच्चे के लिए किस हद तक जा सकती है इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि जब वो बच्चा इस दुनिया में भी नही आया होता है उसके पहले से ही उसकी माँ उसको अपने खून से सींच रही होती है। मां का प्यार दुनिया में सबसे सच्छा होता है और मां के प्यार में कभी भी धोखा नहीं मिलता ।

परन्तु आज के समय में मां की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। बदलते परिवेश में अपने बच्चे को सही शिक्षा देना किसी चुनौती से कम नहीं। माएं कामकाजी हो रही हैं इसीलिए काम के साथ-साथ उसे अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है। वह खुद तो कामकाजी हैं ही, अपनी बेटी को भी उसी कामयाबी और बुलंदी पर पहु्ंचाने की भरसक कोशिश में लगी रहती हैं। एक मां जिंदगी के आखिरी वक्त तक अपने बच्चों को हर खुशी और हर कामयाबी को छूने में मदद करती है।  हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। इसलिए वह त्यागमूर्ति, ममतामयी, पूजनीय कही जाती है।

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MY MOTHER ESSAY IN HINDI

मेरी प्यारी माँ पर सुंदर सा निबंध (MY MOTHER ESSAY IN HINDI)

 मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi):   माँ शब्द से हर कोई रूबरू है। इस माँ शब्द का मतलब उसकी ममता है जो अपने बच्चों को देती है। क्योंकि माँ के द्वारा दिये गए हमारे जीवन का अर्थ सिर्फ माँ ही है।

आज हम मातृ दिवस पर दिये जाने वाले भाषण और निबंध को आपके लिए लेकर आए है जिसे आप अपने विद्यालय में प्रस्तुत कर सकते है। हमारे इस लेख में आपको Happy Mother’s Day Speech , Maa Par Kavita , Maa Shayari और मेरी माँ पर निबंध मिलेगा। ऊपर लिखे सभी विषय आपको इस लेख में सरल और मधुर शब्दों में मिल जाएगा जिसके लिए आपको हमारे दिये गए संपूर्ण लेख को पढ़ना होगा। तो चलिए माँ निबंध के इस लेख को पढ़ना शुरू करते हैं।

Mothers Day Kab Hai 2022

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  • My Mother Essay in Hindi 2022

My Mother Essay in Hindi

Short essay on maa in hindi, ⇓ essay on importance of my mother in my life ⇓, मेरी माँ पर निबंध हिंदी में.

कहते है की माँ भगवान का रूप होती है क्योंकि इस विश्व की रचना भगवान ने की है और धरती पर एक परिवार की रचना एक माँ करती है इसलिए तो माँ भगवान का रूप होती है। माँ एक बच्चे को नौ महीने अपनी गर्भ में रखती है और ध्यान रखती है की उसके बच्चे को गर्भ के अंदर भी किसी भी वजह से उसे पीड़ा ना पहुंचे। नौ महीने एक माँ उस पीड़ा को सहन करती है जो असहनीय होती है। कहते है उस माँ के अंदर सहने की क्षमता वो ईश्वर देता है और वो माँ अपने बच्चे को गर्भ में ही अपना संसार मानती है इसलिए जन्म से होने वाली असहनीय पीड़ा को वो सहन करती है।

इस दुनिया में आते ही बच्चा सबसे पहले अपनी माँ का चेहरा देखता है। जब वह बच्चा नौ महीने उस माँ की गर्भ में था तो उसे सिर्फ अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और जब इस दुनिया में आया तो सबसे पहले वह अपनी माँ के गले लगता है और जब बच्चा रोता है तो माँ उसे गले लगाकर चुप कराती है क्योंकि माँ के गले लगाने पर बच्चा सबसे पहले चुप होता है। जब बच्चा गर्भ में था तो उसे अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और वो अपनी माँ की धड़कन को सुनते ही चुप हो जाता है इसलिए माँ बच्चे के लिए भगवान होती है।

हमने आपके लिए माँ पर भाषण पेश किया है क्योंकि आप और हमारे जीवन में माँ का सबसे बड़ा महत्व है। हमारे जीवन का अस्तित्व है ‘माँ’ हमारे जीने की वजह है इसलिए जो भी माँ का महत्वपर निबंध हमने आपके लिए लिखा है वो बहुत ही महत्वपूर्ण और खास है इसलिए हमारे द्वारा लिखे गए इस my mother essay in hindi को आप अवश्य पढ़े। क्या पता शायद essay on my mother in hindi language में पढ़ने से आपको कुछ नया एहसास अपनी माँ के लिए हो। इसलिए हम आपसे इसे पढ़ने के लिए बोल रहे है तो देखते है कि इस निबंध, कहानी तथा माँ पर कविता में ऐसा क्या खास है।

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Essay on Mother in Hindi

⇓ my mother is my best friend essay in hindi for class 2, 3, 4 ⇓, मेरी प्यारी माँ पर हिंदी निबंध.

आज हम सब उस व्यक्ति की बात करने जा रहे है जो हमारे जीवन का अस्तित्व है। हमारी प्यारी माँ .

माँ, जिसने हमे जन्म देकर हमारा जीवन बनाया, वो माँ जिसने खुद धूप में रहकर अपने बच्चों को छाव दी वो माँ जो खुद गीले में रहकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है.

वो माँ जो हमारे उदास रहने पर पूछती है क्या हुआ बेटा तू इतना उदास क्यों है?

वो माँ जो हमे कभी रोता नहीं देख सकती है, वो माँ जो हमे चोट लगने पर भागी – भागी डॉक्टर के पास जाती है। हाँ वो सिर्फ एक माँ कर सकती है.

मेरी माँ के होने से मेरा जीवन है। मेरी माँ के होने से मेरी साँसे चलती है। वो सिर्फ मेरी माँ ही हैं.

दोस्तों, आपकी हमारी और सबकी प्यारी माँ जिस माँ ने हमे ज़िंदगी दी है उस माँ की बात कर रहे है।

ये मैंने माँ पर लाइन उस माँ के लिए लिखी है जिसने अपना सारा जीवन हमेशा अपने बच्चों पर नियोछावर किया है।

माँ पहले अपने बच्चों को खाना खिलाकर बाद में खुद खाती है। वो माँ जब हमारे घर लेट आने पर खुद रात भर बैठकर इंतजार करती है। हम सब की माँ जो हमे जीवन का वरदान देती है.

Meri Maa Essay in Hindi

मेरी माँ पर निबंध (500 शब्द):  मां को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी पर ईश्वर हर जगह नहीं उपलब्ध हो पाता है, इसलिए उसने अपनी मौजूदगी को दर्शाने के लिए मां को बनाया है और मां के अंदर भर भर के ममता प्यार और स्नेह दिया है, ताकि वह ईश्वर की अनुपस्थिति में अपनी संतान का ख्याल रख सके।

मां का दिल बहुत ही दयालु होता है। यह सिर्फ अपने संतान के प्रति दयालु नहीं होता है बल्कि दुनिया के अन्य जीवों के प्रति भी यह दयालु ही होता है। मां से बड़ा दुनिया में आज तक कोई परोपकारी ना तो पैदा हुआ है ना कभी पैदा होगा। इसलिए भगवान भी कहते है कि मेरे दर्शन जो लोग कर पाने में सक्षम नहीं है, वह अपने माता पिता की सेवा कर लेते है तो मेरा आशीर्वाद उन्हें अवश्य प्राप्त होता है क्योंकि कहीं ना कहीं माता-पिता भी भगवान का ही प्रतिबिंब होते हैं।

जिस प्रकार संसार को चलाने की जिम्मेदारी भगवान के ऊपर है, उसी प्रकार अपनी संतान को पालने की जिम्मेदारी माता-पिता के ऊपर होती है। इसलिए संतान के पालनहार को मां कहा जाता है।

माता को ना तो धन से मोह होता है ना ही दौलत से मोह होता है, उसे सिर्फ अपनी संतान से मोह होता है और वह यही चाहती है कि उसकी संतान हमेशा खुश रहे और जिंदगी में तरक्की करें तथा सफलता की ऊंचाइयों को छुए।

माता हमेशा अपने बच्चे की और अपने परिवार की सेवा में लगी हुई रहती है फिर चाहे दिन हो या रात, वह कभी भी यह नहीं कहती है कि उसे थकान लगी है या फिर वह काम नहीं कर सकती है। यहां तक की बीमारी की अवस्था में भी वह अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करती है और घर के सभी सदस्यों को खुश रखने का प्रयास करती है। मां जितना समर्पण कर सकती है उतना अन्य कोई व्यक्ति नहीं कर सकता है। इसीलिए मां को समर्पण और त्याग की मूरत कहा गया है।

लोग पुरुष को सबसे शक्तिशाली कहते हैं परंतु मेरी नजर में सबसे शक्तिशाली मां होती है, जो अपनी निडरता, बुद्धिमता, साहस और प्रेम भाव से सभी लोगों का दिल जीत लेती है। कहा जाता है कि एक नारी जब अपने सही रूप पर आती है तो वह 100 मर्दों के बराबर होती है और इसीलिए जगत जननी महाकाली को दुष्ट विनाशक कहा जाता है , क्योंकि वह भी एक स्त्री है परंतु इसके बावजूद उन्होंने अकेले ही कई दुष्टों का संहार किया था।

हर सामान्य नारी भी महाकाली के समान ही होती है और उसका यह रूप तब दिखाई देता है जब उसके परिवार के ऊपर या फिर उसकी संतान के ऊपर कोई आच जाती है।

माँ हमेशा अपनी संतान की ढाल बन कर के रहती है और अपने संतान की हर प्रकार से रक्षा करती है और बदले में ना तो वह कुछ मांगती है ना ही कुछ कहती है, उसकी सिर्फ एक ही मांग होती है वह है अपनी संतान का प्यार और इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बिना स्वार्थ के इतना सब कर सकें।

मां हमारे पैदा होने से लेकर के हमारे चलने तक हमारा ख्याल रखती है। इसके अलावा जब तक वह जिंदा रहती है तब तक उसके दिल और दिमाग में हमारा ही ख्याल रहता है। वह हमेशा यही सोचती रहती है कि मेरे बच्चे ने खाना खाया होगा या नहीं, मेरा बच्चा स्वस्थ होगा या नहीं, इत्यादि। इसलिए मां के चरणों में हमें रोजाना नमस्कार अथवा प्रणाम करना चाहिए और हमारा साथ देने के लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए।

M aa Par Nibandh

⇓ short paragraph on my mother in hindi ⇓, meri maa nibandh.

मेरे माननीय प्रधानाचार्य जी और सभी अध्यापक एवं भाई बहनों को मेरा नमस्कार…।

यह दिन हम सब के लिए बहुत बड़ा दिन है। इस महान दिवस पर हम सब यहाँ एकत्रित हुये है और में इसका हिस्सा बना मुझे इसकी बहुत प्रसन्नता है.

हम सब अपनी माँ को सम्मान देने के लिए और उनके सभी आदर्शो का पालन करके उनके लिए हम इस दिन को मातृ दिवस के रूप में मानते है। मैं इस दिन पर अपनी प्रिय माँ के लिए कुछ शब्द यहाँ बोलना चाहता हूँ.

10 Lines on Mother in Hindi For Class 4, 5, 6

मेरी माँ जो सबसे पहले मुझे प्यार से सुबह उठाती है और उसी मीठी सी आवाज से मुझसे कहती है “उठ जा मेरे बेटे सुबह हो गयी” और जब वो मुझे उठाती है तो मेरी सुबह और दिन दोनों मेरे लिए सुखमय होते है.

वो सबका ध्यान रखती है। सुबह जल्दी उठकर पापा के दफ्तर जाने के लिए खाना बनाती है। मेरी बहनों और मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है.

मुझे स्कूल छोड़ने जाती है, सबको अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाती है। लेकिन सबका ध्यान रखते रखते वो अपना ध्यान रखना और खाना खाना भूल जाती है.

अपनी प्रत्येक ज़िम्मेदारी को प्रसन्नता पूर्वक निभाती है, मेरी दादी बोलती है बेटा तेरी माँ मेरे घर की लक्ष्मी है। तब मुझे बहुत खुशी होती है.

पापा कहते है तुम सबका खयाल रखती हो पर अपना ख्याल रखना भूल जाती हो।

मैं अपनी माँ की हर बात का पालन करता हूँ, उनका सम्मान करता हूँ क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है…

कहते है माता – पिता भगवान का रूप होते है और मेरे घर में तो साक्षात भगवान का निवास है.

माँ को हम पूजते है वो ही दुर्गा, लक्ष्मी, काली सबका रूप होती है.

वो हमे अच्छी अच्छी सीख देती है और कहती है कि अपने से बड़ों का हमेशा पालन करो। जब मेरी बहन मुझसे लड़ती है तो माँ बोलती है तुम दोनों अच्छे बच्चे हो और अच्छे बच्चे कभी लड़ते नहीं है.

मेरी प्यारी माँ सबको हमेशा प्यार देती है और वो हमेशा मेरा ध्यान से होमवर्क कराती है और कहती है कि कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए हमेशा सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए इसलिए माँ भगवान का रूप होती है.

माँ पूरे परिवार को बनाती है और उसी माँ के बिना पूरा परिवार अधूरा है इसलिए अपनी माँ के सत्य वचनों और आदर्शों का पालन करे.

Maa Par Kavita Hindi Mein (Essay on Meri Maa in Hindi)

⇓ maa ki mamta heart touching shayari on mother in hindi ⇓, माँ पर कविता हिंदी में.

मदर्स डे के लिए बहुत ही सुंदर और अनोखे शब्दों में हमने आपके लिए ये माँ पर कविताएं  लिखी है तो आप इसे जरूर पढ़े.

My Mother Poem in Hindi

भावुक कर देने वाली माँ पर कहानी.

आज मैं आपको माँ के ऊपर भावुक कर देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। इस कहानी को आप पूरा पढ़े और शायद ये आपको भावुक भी कर सकती है.

एक माँ जिसका एक बेटा था जिसे वह बहुत प्यार करती थी उसका बच्चा छोटा था और उस बच्चे के पिता की मृत्यु हो गयी और उस छोटे बच्चे के सर से पिता का साया चला गया लेकिन पिता की कमी उसकी माँ ने पूरी की और बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए पूरी मेहनत की.

पिता की मृत्यु होने के बाद उस बच्चे की माँ के पास पैसे नहीं थे पर फिर भी उस माँ ने घर घर में जाकर बर्तन धोना शुरू कर दिया और अपने बच्चे को पढ़ाया और उसे अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया.

माँ अपने बच्चे और अपना पेट पालने के लिए रोज घरों में बर्तन धोया करती थी और बच्चे को इसी तरह पढ़ा लिखा कर बड़ा किया.

जब बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा तो उसे इस बात से बुरा लगने लगा की उसकी माँ घरों में जाकर बर्तन धोती है।

उसे अपने दोस्तों और लोगों के सामने यह बताने में शर्म आने लगी की यह उसकी माँ है।

लेकिन उसकी माँ को इस बात से कभी भी बुरा नहीं लगता था की उसका बेटा सबके सामने उसे अपनी माँ कहने में हिचकिचाता है इसलिए तो कहते है माँ जो कभी बच्चों की किसी भी बात पर नाराज नहीं होती है.

जब बेटा बड़ा हो गया उसके बेटे ने अपनी शादी कर ली उस माँ के लिए एक बहू आ गयी अब उसकी माँ बूढ़ी हो गयी थी और उस बूढ़ी माँ के लिए बहू तो आई लेकिन वो भी बहुत चालाक बहू थी.

बहू घर पर हमेशा आराम करती और उस बूढ़ी माँ से सारा काम करवाती थी।

उस माँ की उम्र हो चुकी थी लेकिन फिर भी बूढ़ी माँ धीरे धीरे सारा काम करती और सुबह उठकर झाड़ू, पोछा, बर्तन मांजना, नास्ता बनाना सब कुछ वही करती थी।

फिर भी उस बूढ़ी माँ को अपने बहू और बेटे से कोई शिकायत नहीं थी.

जब उस बूढ़ी माँ के बहू के बेटा हुआ तो वो बूढ़ी माँ बहुत खुश हुई।

वो बूढ़ी माँ जो दिन और दिन बूढ़ी होती जा रही थी जो अब ठीक से खड़े होने के लिए सहारा लेने लगी थी अब उस माँ के लिए और भी काम हो गया था इसलिए अपने बूढ़े शरीर की वजह से वो ठीक से काम नहीं कर पा रही थी.

उस बूढ़ी माँ का बेटा उससे कहता था तुम ठीक से कुछ भी काम नहीं करती हो और ना ही सुबह जल्दी खाना तैयार करती हो मुझे दफ्तर के लिए देर हो जाती है इस वजह से बहू ने भी माँ को डांट दिया.

उस बूढ़ी माँ की तबियत बहुत खराब थी और किसी को भी इस बात की कोई परवाह नहीं थी की वह बीमार है.

एक दिन अचानक उस बूढ़ी माँ का चश्मा गिर कर टूट गया जिसकी वजह से अब वह ठीक से देख भी नहीं पा रही थी। उन्होंने अपने बेटे से कहा मेरा चश्मा टूट गया है बेटा चश्मा बनवा दे।

बेटे ने कहा तुम्हारे फालतू खर्चे के लिए मेरे पास पैसे नहीं है और कह दिया और भी बहुत सारे काम है और वो बूढ़ी माँ बिना चश्मे के काम करती थी और एक दिन जब वह सीढ़ियों से उतर रही थी और अचानक गिर गयी.

अब इसकी वजह से वह चल फिर भी नहीं पा रही थी और बहू का उस बूढ़ी माँ का काम करना पड़ रहा था और बेटे का खर्चा बढ़ गया उसकी माँ के गिरने और बीमार पड़ने की वजह से अब वह बूढ़ी माँ उन दोनों को बोझ लगाने लगी.

पहले वह कम से कम घर का सारा काम कर देती थी लेकिन बहू और बेटे को उनका सारा काम करना पड़ रहा था।

उस बहू और बेटे ने उस माँ को मारने की साजिश बना ली और एक दिन जब रात में सब सो रहे थे तो उन दोनों ने अपनी माँ को मार दिया लेकिन उससे पहले बूढ़ी माँ ने पानी पीने के लिए गुजारिश की अपने बेटे से लेकिन उस ने उस बूढ़ी माँ को पानी तक नहीं पिलाया.

उन दोनों ने सबसे बड़ा अपराध किया था जिसकी उनको सजा भी मिली…

दोस्तों, कभी भी अपनी माँ के साथ ऐसा मत करना क्योंकि कभी कभी लोग अपना फर्ज भूल जाते हैं और अपने माता पिता की सेवा नहीं करते। आज की नयी युवा पीढ़ी ये भूलती जा रही है.

माँ और पिता बच्चे को जन्म देकर उनका पालन पोषण करते है उनको पैरो पर खड़े होने लायक बनाते है लेकिन बच्चे ही अपना फर्ज भूल जाते है.

हमने जो माँ पर कहानी बताई है क्या आपको उस कहानी में कुछ भी सत्य लगता हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताए.

मां के बारे में क्या लिखें

अपनी मां से काफी ज्यादा प्यार करता हूं, क्योंकि वह हमेशा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी रहती है और वह बिना किसी स्वार्थ के मुझे प्यार करती है। माँ ही मेरी पहली शिक्षक होती है जो मुझे जन्म से लेकर के तब तक सही राह दिखाती है, जब तक वह जिंदा होती है यानी कि हमारे साथ होती हैं।

मां हमें पैदा करने के लिए अनेक प्रकार के दर्द सहती है। यहां तक कि वह अपनी सुंदरता को भी हमारे लिए ही गवा देती है परंतु इसके बावजूद उन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं होता है, बल्कि वह तो और भी खुश होती है कि उनकी कोख से कोई संतान पैदा हुई है।

जब हम पैदा होते है तो उसके पहले से ही मां हमारे खाने पीने का ध्यान रखती है और पैदा होने के बाद वह हमारा और भी ध्यान रखने लगती है। उसके दिल और दिमाग में हर दम हम ही रहते हैं। वह समय से हमारी सेवा करती है और हमारी मालिश करती है और अपने व्यस्त समय से टाइम निकाल कर के वह हमारा ख्याल रखती है। जब हम रात में सोते नहीं है तो वह हमें रात भर जागकर के लोरियां या फिर कहानियां सुना कर के सुलाने का प्रयास करती है और उसके बाद ही खुद सोती है। हमें हमेशा अपनी मां को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि उनसे बड़ा हितकारी हमारा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है।

इस लेख में हमने आपको सब कुछ बताया है। इसमें आपके Speech on Mother in Hindi, Essay on my Mother in Hindi देने के समस्या तथा Maa Poem in Hindi के लिए होने वाली परेशानी को आसानी से दूर कर दिया। इसमें हमने आपको माँ के उन सभी फर्ज और कर्तव्य को बताया है जो एक माँ हमेशा निभाती है और आप भी अपने माँ तथा पिता के प्रति कर्तव्यों को निभाएंगे। मेरी माँ तो मेरे ज़िंदगी है आप अपनी माँ से कितना प्रेम करते है वो आप कमेंट में बताए और इस लेख को सभी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करे।  ( MY MOTHER ESSAY IN HINDI )

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मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi)

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

मदर टेरेसा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother Teresa in Hindi, Mother Teresa par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

मदर टेरेसा एक महान महिला थी जिनको हमेशा उनके अद्भुत कार्यों और उपलब्धियों के लिये पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा प्रशंसा और सम्मान दिया जाता है। वो एक ऐसी महिला थी जिन्होंने उनके जीवन में असंभव कार्य करने के लिये बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। वो हमेशा हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत रहेंगी। महान मनावता लिये हुए ये दुनिया अच्छे लोगों से भरी हुयी है लेकिन हरेक को आगे बढ़ने के लिये एक प्रेरणा की जरुरत होती है। मदर टेरेसा एक अनोखी इंसान थी जो भीड़ से अलग खड़ी दिखाई देती थी।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में हुआ था। जन्म के बाद उनका वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था लेकिन अपने महान कार्यों और जीवन में मिली उपलब्धियों के बाद विश्व उन्हें एक नये नाम मदर टेरेसा के रुप में जानने लगा। उन्होंने एक माँ की तरह अपना सारा जीवन गरीब और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।

वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। वो अपने माता-पिता के दान-परोपकार से अत्यधिक प्रेरित थी जो हमेशा समाज में जरुरतमंद लोगों की सहायता करते थे। उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थी जबकि पिता एक व्यापारी थे। राजनीति में जुड़ने के कारण उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। ऐसी स्थिति में, उनके परिवार के जीवनयापन के लिये चर्च बहुत ही महत्वपूर्ण बना।

18 वर्ष की उम्र में उनको महसूस हुआ कि धार्मिक जीवन की ओर से उनके लिये बुलावा आया है और उसके बाद उन्होंने डुबलिन के लौरेटो सिस्टर से जुड़ गयी। इस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिये उन्होंने अपने धार्मिक जीवन की शुरुआत की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

निबंध 2 (300 शब्द)

मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थी जो “गटरों की संत” के रुप में भी जानी जाती थी। वो पूरी दुनिया की एक महान शख्सियत थी। भारतीय समाज के जरुरतमंद और गरीब लोगों के लिये पूरी निष्ठा और प्यार के परोपकारी सेवा को उपलब्ध कराने के द्वारा एक सच्ची माँ के रुप में हमारे सामने अपने पूरे जीवन को प्रदर्शित किया। उन्हें “हमारे समय की संत” या “फरिश्ता” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाश” के रुप में भी जनसाधारण द्वारा जाना जाता है। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

उनका जन्म के समय अग्नेसे गोंकशे बोज़ाशियु नाम था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के रुप में प्रसिद्ध हुयी। एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में मेसेडोनिया के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 को उनका जन्म हुआ था। अपने शुरुआती समय में मदर टेरेसा ने नन बनने का फैसला कर लिया था। 1928 में वो एक आश्रम से जुड़ गयी और उसके बाद भारत आयीं (दार्जिलिंग और उसके बाद कोलकाता)।

एक बार, वो अपने किसी दौरे से लौट रही थी, वो स्तंभित हो गयी और उनका दिल टूट गया जब उन्होंने कोलकाता के एक झोपड़-पट्टी के लोगों का दुख देखा। उस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई थीं। उन्होंने झोपड़-पट्टी में दुख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरु कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था इसलिये सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिये वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगी।

10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाने के रास्ते पर ईश्वर से मदर टेरेसा को एक संदेश (आश्रम छोड़ने के लिये और जरुरतमंद लोगों की मदद करें) मिला था। उसके बाद उन्होंने कभी-भी पीछे मुड़ के नहीं देखा और गरीब लोगों की मदद करने की शुरुआत कर दी। एक साधारण नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी को पहनने के लिये को उन्होंने चुना। जल्द ही, निर्धन समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक दयालु मदद को उपलब्ध कराने के लिये युवा लड़कियाँ उनके समूह से जुड़ने लगी। मदर टेरेसा सिस्टर्स की एक समर्पित समूह बनाने की योजना बना रही थी जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहेगा। समर्पित सिस्टरों के समूह को बाद में “मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी” के रुप में जाना गया।

Essay on Mother Teresa in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।

उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।

दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।

अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

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essay on mother nibandh in hindi

मेरी मातृभूमि पर निबंध- Essay on My Motherland in Hindi

In this article, we are providing information about My Motherland in Hindi Language. Essay on My Motherland in Hindi Language- मेरी मातृभूमि पर निबंध, Short Mathrubhumi Essay in Hindi.

प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृभूमि बहुत ही प्यारी होती है क्योंकि उस भूमि पर उसका जन्म हुआ होता है। माँ की गोद की तरह ही वह उस भूमि पर खेलकर बढ़ा होता है और उसी मिट्टी से ऊपजे अन्न को खाकर उसका विकास होता है। मातृभूमि हमारे लिए हमारी माँ के समान ही होती है जिसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य होता है। अपनी जन्मभूमि के लिए प्यार और वहाँ कि मिट्टी की खुशबू प्रत्येक व्यक्ति के दिल में बसी हुई होती है।

मातृभूमि वह है जिससे हम सब की पहचान है और तभी इसकी रक्षा के लिए बहुत से लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। मातृभूमि के साहित्य और संस्कृति पर ही हमारे संस्कार निर्भर करते हैं। मातृभूमि स्वर्ग के समान है और इसकी तुलना किसी अन्य स्थान से नहीं की जा सकती है। यह हमारी माँ की तरह ही अनेकों प्राकृतिक आपदाओं को झेलते हुए भी हमें सुरक्षित रखती है। हमें भी हमारी मातृभूमि की रक्षा करनी चाहिए और इसकी शान में वृद्धि करनी चाहिए।

हमें कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हमारी मातृभूमि की मर्यादा को ठेस पहुँचे बल्कि हमें ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे इसके मान सम्मान में वृद्धि हो। यदि कोई व्यक्ति अरनी मातृभूमि से प्रेम नहीं करता है तो इसका अर्थ है कि उसमें मानवीय संवेदनाएँ नहीं हैं। मातृभूमि से हमारा एक गहरा रिश्ता होता है जिसमें केवल प्रेम और प्रेम ही होता है। मातृभूमि भी हमें कभी अनाज के रूप में, कभी पानी के रूप में तो कभा किसी रूप में अपना प्यार प्रदान करती है। हमें चाहिए कि यदि हमारी मातृभूमि पर कभी कोई संकट आए तो हम पीछे न हटे बल्कि उसका डटकर सामना करे और जन्मभूमि की शान को बनाए रखे। हम सबको अपनी मातृभूमि प्राणों से भी प्यारी है और प्रत्येक व्यक्ति अपने प्राण अपनी मातृभूमि में ही त्यागना चाहता है।

मेरा भारत महान पर निबंध- Mera Bharat Mahan Essay in Hindi

Essay on National Flag in Hindi- राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध

राष्ट्रभाषा पर निबंध- Essay on National Language in Hindi

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Francesca and Dorota Mani stand next to each other outside in front of foliage, both folding their hands at their waists.

Teen Girls Confront an Epidemic of Deepfake Nudes in Schools

Using artificial intelligence, middle and high school students have fabricated explicit images of female classmates and shared the doctored pictures.

After boys at Francesca Mani’s high school fabricated and shared explicit images of girls last year, she and her mother, Dorota, began urging schools and legislators to enact tough safeguards. Credit... Shuran Huang

Supported by

By Natasha Singer

Natasha Singer has covered student privacy for The Times since 2013. She reported this story from Westfield, N.J.

  • April 8, 2024

Westfield Public Schools held a regular board meeting in late March at the local high school, a red brick complex in Westfield, N.J., with a scoreboard outside proudly welcoming visitors to the “Home of the Blue Devils” sports teams.

But it was not business as usual for Dorota Mani.

In October, some 10th-grade girls at Westfield High School — including Ms. Mani’s 14-year-old daughter, Francesca — alerted administrators that boys in their class had used artificial intelligence software to fabricate sexually explicit images of them and were circulating the faked pictures. Five months later, the Manis and other families say, the district has done little to publicly address the doctored images or update school policies to hinder exploitative A.I. use.

“It seems as though the Westfield High School administration and the district are engaging in a master class of making this incident vanish into thin air,” Ms. Mani, the founder of a local preschool, admonished board members during the meeting.

In a statement, the school district said it had opened an “immediate investigation” upon learning about the incident, had immediately notified and consulted with the police, and had provided group counseling to the sophomore class.

A blue sign on manicured grounds says, “Westfield High School.” In the background, a large, low brick building sits under a blue sky.

“All school districts are grappling with the challenges and impact of artificial intelligence and other technology available to students at any time and anywhere,” Raymond González, the superintendent of Westfield Public Schools, said in the statement.

Blindsided last year by the sudden popularity of A.I.-powered chatbots like ChatGPT, schools across the United States scurried to contain the text-generating bots in an effort to forestall student cheating. Now a more alarming A.I. image-generating phenomenon is shaking schools.

Boys in several states have used widely available “nudification” apps to pervert real, identifiable photos of their clothed female classmates, shown attending events like school proms, into graphic, convincing-looking images of the girls with exposed A.I.-generated breasts and genitalia. In some cases, boys shared the faked images in the school lunchroom, on the school bus or through group chats on platforms like Snapchat and Instagram, according to school and police reports.

Such digitally altered images — known as “deepfakes” or “deepnudes” — can have devastating consequences. Child sexual exploitation experts say the use of nonconsensual, A.I.-generated images to harass, humiliate and bully young women can harm their mental health, reputations and physical safety as well as pose risks to their college and career prospects. Last month, the Federal Bureau of Investigation warned that it is illegal to distribute computer-generated child sexual abuse material, including realistic-looking A.I.-generated images of identifiable minors engaging in sexually explicit conduct.

Yet the student use of exploitative A.I. apps in schools is so new that some districts seem less prepared to address it than others. That can make safeguards precarious for students.

“This phenomenon has come on very suddenly and may be catching a lot of school districts unprepared and unsure what to do,” said Riana Pfefferkorn , a research scholar at the Stanford Internet Observatory, who writes about legal issues related to computer-generated child sexual abuse imagery .

At Issaquah High School near Seattle last fall, a police detective investigating complaints from parents about explicit A.I.-generated images of their 14- and 15-year-old daughters asked an assistant principal why the school had not reported the incident to the police, according to a report from the Issaquah Police Department. The school official then asked “what was she supposed to report,” the police document said, prompting the detective to inform her that schools are required by law to report sexual abuse, including possible child sexual abuse material. The school subsequently reported the incident to Child Protective Services, the police report said. (The New York Times obtained the police report through a public-records request.)

In a statement, the Issaquah School District said it had talked with students, families and the police as part of its investigation into the deepfakes. The district also “ shared our empathy ,” the statement said, and provided support to students who were affected.

The statement added that the district had reported the “fake, artificial-intelligence-generated images to Child Protective Services out of an abundance of caution,” noting that “per our legal team, we are not required to report fake images to the police.”

At Beverly Vista Middle School in Beverly Hills, Calif., administrators contacted the police in February after learning that five boys had created and shared A.I.-generated explicit images of female classmates. Two weeks later, the school board approved the expulsion of five students, according to district documents . (The district said California’s education code prohibited it from confirming whether the expelled students were the students who had manufactured the images.)

Michael Bregy, superintendent of the Beverly Hills Unified School District, said he and other school leaders wanted to set a national precedent that schools must not permit pupils to create and circulate sexually explicit images of their peers.

“That’s extreme bullying when it comes to schools,” Dr. Bregy said, noting that the explicit images were “disturbing and violative” to girls and their families. “It’s something we will absolutely not tolerate here.”

Schools in the small, affluent communities of Beverly Hills and Westfield were among the first to publicly acknowledge deepfake incidents. The details of the cases — described in district communications with parents, school board meetings, legislative hearings and court filings — illustrate the variability of school responses.

The Westfield incident began last summer when a male high school student asked to friend a 15-year-old female classmate on Instagram who had a private account, according to a lawsuit against the boy and his parents brought by the young woman and her family. (The Manis said they are not involved with the lawsuit.)

After she accepted the request, the male student copied photos of her and several other female schoolmates from their social media accounts, court documents say. Then he used an A.I. app to fabricate sexually explicit, “fully identifiable” images of the girls and shared them with schoolmates via a Snapchat group, court documents say.

Westfield High began to investigate in late October. While administrators quietly took some boys aside to question them, Francesca Mani said, they called her and other 10th-grade girls who had been subjected to the deepfakes to the school office by announcing their names over the school intercom.

That week, Mary Asfendis, the principal of Westfield High, sent an email to parents alerting them to “a situation that resulted in widespread misinformation.” The email went on to describe the deepfakes as a “very serious incident.” It also said that, despite student concern about possible image-sharing, the school believed that “any created images have been deleted and are not being circulated.”

Dorota Mani said Westfield administrators had told her that the district suspended the male student accused of fabricating the images for one or two days.

Soon after, she and her daughter began publicly speaking out about the incident, urging school districts, state lawmakers and Congress to enact laws and policies specifically prohibiting explicit deepfakes.

“We have to start updating our school policy,” Francesca Mani, now 15, said in a recent interview. “Because if the school had A.I. policies, then students like me would have been protected.”

Parents including Dorota Mani also lodged harassment complaints with Westfield High last fall over the explicit images. During the March meeting, however, Ms. Mani told school board members that the high school had yet to provide parents with an official report on the incident.

Westfield Public Schools said it could not comment on any disciplinary actions for reasons of student confidentiality. In a statement, Dr. González, the superintendent, said the district was strengthening its efforts “by educating our students and establishing clear guidelines to ensure that these new technologies are used responsibly.”

Beverly Hills schools have taken a stauncher public stance.

When administrators learned in February that eighth-grade boys at Beverly Vista Middle School had created explicit images of 12- and 13-year-old female classmates, they quickly sent a message — subject line: “Appalling Misuse of Artificial Intelligence” — to all district parents, staff, and middle and high school students. The message urged community members to share information with the school to help ensure that students’ “disturbing and inappropriate” use of A.I. “stops immediately.”

It also warned that the district was prepared to institute severe punishment. “Any student found to be creating, disseminating, or in possession of AI-generated images of this nature will face disciplinary actions,” including a recommendation for expulsion, the message said.

Dr. Bregy, the superintendent, said schools and lawmakers needed to act quickly because the abuse of A.I. was making students feel unsafe in schools.

“You hear a lot about physical safety in schools,” he said. “But what you’re not hearing about is this invasion of students’ personal, emotional safety.”

Natasha Singer writes about technology, business and society. She is currently reporting on the far-reaching ways that tech companies and their tools are reshaping public schools, higher education and job opportunities. More about Natasha Singer

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