ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

ESSAY IN HINDI – निबंध

निबंध कैसे लिखें

त्योहारों पर निबंध – Essay on Festivals

महान व्यक्तियों पर निबंध – Essay on great personalities 

पर्यावरण के मुद्दें और जागरूकता पर निबंध – Essay on Environment 

स्वास्थ्य और तंदुस्र्स्ती पर निबंध – Essay on Health

 रिश्तो पर निबंध – Essay on Relations

खेल पर निबंध – Essay on Sports

सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध – Essay on Social Issues

निबंध – Essay in Hindi

भारत पर निबंध –  Essay on India

जानवर पर निबंध – Essay on Animals

हिंदी निबंध – Hindi Essay

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Class 6 Hindi Grammar Chapter 32 निबंध लेखन

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Class 6 Hindi Grammar Chapter 32 निबंध लेखन (Nibandh Lekhan). All the contents are updated for academic session 2024-25 CBSE, UP Board and other boards also. Here we will learn how to write a निबंध using suitable keywords in simple statements. It is an art to write a Nibandh including all important points related to the fact.

  • कक्षा 6 के लिए हिन्दी व्याकरण निबंध लेखन

निबंध गद्य की वह रचना है जिसमें व्यक्ति किसी विषय पर अपने विचार विस्तारपूर्वक प्रकट करता है। “निबंध” शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है। निबंध = नि + बंध अर्थात् व्याकरण के नियमों में बँधकर की गई रचना। एक अच्छा निबंध कैसे लिखा जाता है? एक अच्छा निबंध लिखने के लिए सर्वप्रथम निबंध को मुख्य तीन भागों में बाँट लेते हैं:

  • आरंभ या प्रस्तावना
  • अंत या उपसंहार
  • आरंभ या प्रस्तावना दिए गए किसी निबंध का आरंभ किसी कविता की पंक्तियों, किसी सूक्ति अथवा विषय से संबंधित किसी विचारक के कथन द्वारा किया जा सकता है। ऐसा करने से लेखक के बारे में अधिक जानकारी मिलती है अथवा सीधे भूमिका से भी आरंभ किया जा सकता है।
  • मध्य भाग प्रत्येक निबंध के मध्य भाग में ही निबंध की संपूर्ण विवेचना की जाती है। इस भाग में निबंध की विषय-वस्तु को नीचे की ओर क्रमबद्ध तथा व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
  • अंत या उपसहार प्रत्येक निबंध के अंत में उस विषय का सार अथवा निष्कर्ष लिखना चाहिए। यदि निबंध की समाप्ति पर विषय से संबंधित कविता की दो या चार पंक्तियाँ, सूक्ति अथवा किसी महापुरुष के कथन लिख दिए जाएँ तो निबंध में रोचकता आ जाती है।

एक अच्छा निबंध लिखते समय कुछ मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए। वे निम्नलिखित हैं:

  • सर्वप्रथम विषय की रूपरेखा बना लेनी चाहिए।
  • विषय से संबंधित जानकारी इकट्ठी कर लेनी चाहिए।
  • अपनी उस जानकारी को आरंभ, मध्य और अंत इन तीन भागों में अलग कर लेना चाहिए।
  • यह ध्यान रखना चाहिए कि निबंध में विचारों को कहीं दोहराया तो नहीं जा रहा है।
  • अपने विचारों को दिए गए शब्दों की सीमा के अंतर्गत ही लिखना चाहिए।
  • निबंध की भाषा सरल, मुहावरेदार तथा विचारों में मौलिकता होनी चाहिए।
  • निबंध लिखते समय विराम-चिह्नों का उचित प्रयोग करना चाहिए और वर्तनी की शुद्धता का ध्यान भी रखना चाहिए।
  • निबंध लिखने के दौरान समय का ध्यान रखना चाहिए।

रूपरेखा- 1. भूमिका, 2. विज्ञान की देन या उपहार- (क) विद्युत के क्षेत्र में (ख) यातायात के क्षेत्र में (ग) चिकित्सा के क्षेत्र में (घ) मनोरंजन के क्षेत्र में (ङ) गणना के क्षेत्र में 3. विज्ञान के दुरुपयोग 4. उपसंहार

“विज्ञान ने हम सबको, दिए बहुत उपहार, सेवक बनकर कर रहा, यह सब पर उपकार।”

वर्तमान युग विज्ञान के युग के नाम से या वैज्ञानिक युग के नाम से लोकप्रिय हुआ है। विज्ञान के अनेक प्रकार के आविष्कारों ने हमारे जीवन जीने के ढंग को पूरा ही बदल दिया है। आज प्रत्येक छोटी से छोटी तथा बड़ी से बड़ी वस्तु जो हम अपने जीवन में प्रयोग में लाते हैं, वे सभी विज्ञान की ही देन हैं। अगर सत्य कहा जाए तो वह यह है कि आज हम विज्ञान के बिना आगे नहीं बढ़ सकते। विज्ञान आज प्रत्येक मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता बन गई है।

विज्ञान के इस अद्भुत उपहार से कौन परिचित नहीं है जिसके कारण हम अनेक काम कर सकते हैं। रेडियो, टेलीविजन, कम्प्यूटर, वाशिंग मशीन, पंखे, कूलर, प्रिंटिग प्रेस आदि ऐसे ही छोटे-बड़े हजारों यंत्र विद्युत के द्वारा ही चलते हैं। बिजली से हमें देखने के लिए प्रकाश मिलता है और बड़े-बड़े उद्योग-धंधों में भी विद्युत को प्रयोग में लाया जाता है। विद्युत-रॉड से हम कुछ ही सेकंड में पानी को नहाने के लिए गर्म कर सकते हैं। आज जितने भी मोबाइल फोन हैं, उनकी बैटरी विद्युत से ही चार्ज की जाती हैं।

यातयात के क्षेत्र में विज्ञान ने तो अभूतपूर्व प्रगति की है। आज विज्ञान के कारण रेल, मोटर, वायुयान, जलयान आदि आरामदायक यातायात के साधनों का प्रयोग हो रहा है। इन साधनों के कारण महीनों की यात्रा कुछ ही घंटों में पूरी कर ली जाती है। आज की इक्कीसवीं शताब्दी में तो मनुष्य-निर्मित रॉकेट दूसरे ग्रहों तक पहुँच गए हैं। चंद्रमा पर मानव द्वारा बनाया गया रॉकेट आज से 40 वर्ष पहले उतर चुका था। वैज्ञानिक देन (चिकित्सा के क्षेत्र में)- चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान के आविष्कार मनुष्य के लिए वरदान सिद्ध हुए हैं। आज मनुष्य अपने पर किसी अन्य मनुष्य के अंग प्रत्यारोपित करा सकता है। एक्स-रे द्वारा मनुष्य के शरीर के भीतर के सभी अंगों के बारे में जाना जा सकता है। अल्ट्रासाउंड, सी.टी. स्केन के द्वारा विभिन्न रोगों का पता आसानी से लगाया जा सकता है। विज्ञान ने अनेक घातक एवं असाध्य रोगों का उपचार ढूँढ लिया है।

विज्ञान ने प्रत्येक क्षेत्र में अपना कदम रखा है। रेडियो, टेलीविजन, टेपरिकार्डर, डी. जे., कम्प्यूटर गेम्स आदि ने तो बैठे-बैठे मनुष्य को अत्यंत आनंद दिया है। मोबाइल में आप चलते-चलते आराम से अकेले में घंटों तक मनोरंजन कर सकते हैं।

अगर गणना के क्षेत्र में विज्ञान की अद्वितीय प्रगति कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। कम्प्यूटर इक्कीसवीं शताब्दी का एक मुख्य अंग बन गया है, इसके बिना किसी भी क्षेत्र में गणना नहीं की जा सकती। किताब लिखना, बैंकों में हिसाब करना, उपग्रहों संबंधी जानकारी लेना, चिकित्सा में चेक-अप करना, दुकानों में सामानों का बिल बनाना, विभिन्न खेलों के एक्शन देखना, यहाँ तक कि इंटरनेट के गूगल से बैठे-बैठे विश्व भ्रमण करना इसी से संभव हुआ है।

हम जानते हैं कि विकास के साथ विनाश भी समान रूप से जुड़ा है। विज्ञान से हमें केवल लाभ ही हो ऐसा संभव नहीं है। विज्ञान ने इतने भीषण अस्त्र-शस्त्रों (जैसे- परमाणु बम, मिसाइल, डायनामाइट) आदि का निर्माण किया है कि ये एक समय में सैकड़ों व्यक्तियों को मार सकते हैं, इनका प्रयोग निश्चित रूप से हमारे लिए एक अभिशाप है। ऐसा ही अणु बम अमेरिका ने विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी महानगरों पर फैंके थे जहाँ हजारों लोग मारे गए और लाखों का सामान नष्ट हो गया था।

विज्ञान अपनी हानि स्वयं नहीं करता। विज्ञान के आविष्कारों का दुरुपयोग करने वाले ही इसकी हानि के जिम्मेदार हैं। यदि इन आविष्कारों का केवल मानव कल्याण हेतु सोच-समझकर प्रयोग किया जाए तो निश्चित ही यह पृथ्वी स्वर्ग बन सकती है।

रूपरेखा:- 1. भूमिका, स्वाधीनता के लिए संघर्ष 2. मनाने की तिथि तथा कारण 3. मनाने का पूर्ण विवरण 4. मनाने का महत्त्व 5. उपसंहार

“शहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले। वतन पर मिटने वालों का, यही बाकी निशां होगा।।”

कभी सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा महान देश अपने राजाओं की आपसी फूट के कारण वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। भारत में असंख्य विदेशी घुस आए और यहाँ का संपूर्ण बहुमूल्य सामान ले गए। धीरे-धीरे उन्होंने यहाँ अपने पाँव जमा लिए और हमारे देश में अपना शासन शुरू कर दिया। अंग्रेजों की दोहरी नीति थी। “फूट डालो और राज करो” की नीति के चलते उनके विरुद्ध सन् 1857 से 1947 तक लगभग 100 वर्षों तक लगातार देशवासी संघर्ष करते रहे। इस दौरान कई भारतवासी अंग्रेजों की गोलियों का शिकार बने और न जाने कितने देशवासियों को कठोर यातनाएँ सहनी पड़ीं। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करके कई वीर सपूत शहीद हो गए। झाँसी की रानी, मंगल पांडे, तात्या टोपे से लेकर लाला लाजपत राय, तिलक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाषचन्द्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी जैसे अनेक देशभक्तों के अथक प्रयासों से 15 अगस्त, 1947 को हमें विदेशी शासन से मुक्ति मिली।

15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया था। इसी दिन से प्रत्येक वर्ष यह परंपरा चली आ रही है। मनाने का रूपः- स्वतंत्रता-दिवस वैसे तो देश के प्रत्येक कोने में उत्साह के साथ मनाया जाता है, परंतु दिल्ली में इस राष्ट्रीय पर्व को विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में इस दिन सरकारी इमारतों, स्कूलों, कॉलेजों, अन्य निजी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। राजधानी में तथा प्रत्येक राज्य में प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं तथा देश के अमर शहीदों को उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है। दिल्ली की ऐतिहासिक इमारत लाल किले पर ध्वजारोहण 15 अगस्त के दिन प्रतिवर्ष सुबह से ही हजारों लोग एकत्रित होने लगते हैं। ठीक प्रातः साढ़े सात बजे देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अपने देशवासियों को संदेश देते हैं जिसमें वे सरकार की विभिन्न गतिविधियों से जनता को अवगत कराते हैं। इस दिन पहले सुबह राष्ट्रगान गाया जाता है फिर तुरंत बाद देश की गरिमा के लिए इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। रात्रि में देश के सभी सरकारी कार्यालयों पर प्रकाश की अच्छी व्यवस्था की जाती है।

हमें अपने देश की स्वाधीनता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस दिन हमें एक जगह एकत्रित होकर अपने शहीदों को नमन करना चाहिए। हमें अपने देश में सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए तथा प्रत्येक व्यक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए। इस प्रकार देश में शांति और भाईचारा बना रहेगा और देश प्रगति कर सकेगा।

  • भूमिका, आस्था का प्रतीक
  • मनाने की तिथि या समय
  • मनाने के कारण (पौराणिक कथा)
  • मनाने का ढंग या रूप

“जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है और पाप बढ़ता जाता है, तब-तब प्रभु यहाँ अवतार लेते हैं और विश्व सुख पाता है।”

समय-समय पर भारत के त्योहार आकर हमें कोई न कोई संदेश अथवा प्रेरणा देते रहते हैं। ये त्योहार हमारे प्राचीन गौरव के प्रतीक हैं। इन त्योहारों के आधार पर ही हम अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति से जुड़े रहते हैं। भारत के विभिन्न त्योहारों में दशहरा भी एक विशेष त्योहार है जो विजयदशमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। त्योहार मनाने का समय- दशहरे का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन आता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथमा से नवरात्र आरंभ होते हैं। नवरात्र नौ दिन तक चलते हैं, इन नौ दिनों में मंदिरों में दुर्गा पूजा की जाती है। नवमी के बाद दशमी को दशहरे का पर्व मनाया जाता है।

प्रत्येक त्योहार या पर्व को मनाने के पीछे कुछ न कुछ कारण अवश्य होता है। विजयदशमी का पवित्र दिन श्री राम कथा से जुड़ा है। इसी दिन राजा दशरथ के पुत्र श्री राम ने लंका के अत्याचारी राक्षसराज रावण का वध किया था। रावण के साथ श्री राम ने समस्त अत्याचारियों का विनाश किया और तभी से संपूर्ण देश में रामराज्य स्थापित हो गया था। इसी घटना की याद में यह त्योहार विशेष रूप से हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। बंगाल में इसे दुर्गा-पूजा के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा पर्व से ठीक दस दिन पहले से उत्तर भारत में स्थान-स्थान पर श्री रामकथा (रामलीला) का आयोजन प्रारंभ हो जाता है। रामलीला रात्रि आठ बजे से शुरू की जाती है जो ग्यारह तक नियमित रूप से चलती है। रामलीला देखने गाँव-गाँव से शहर-शहर से विशाल जनसमूह उमड़ पड़ता है। इन्हीं दिनों स्थान-स्थान पर रामचरितमानस का पाठ भी दोहराया जाता है। लोग घर पर नवरात्रों के दिन व्रत रखते हैं और नौ दिन तक माँ दुर्गा की पूजा करते हैं। बंगाल में माँ दुर्गा की जिन प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की जाती है, उन्हें विजयदशमी के दिन नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है। इसी दिन श्री राम, लक्ष्मण, सीता तथा समस्त वानर-दल की आकर्षक झाँकियाँ निकाली जाती हैं। एक बड़े तथा खुले मैदान में लोग रावण, मेघनाद तथा कुंभकरण के बड़े-बड़े पुतले बनाते हैं। श्रीराम के रूप में एक व्यक्ति इन पुतलों पर अग्नि बाणों की वर्षा करता है। इन पुतलों में बहुत पटाखे होने के कारण वे फट-फट की आवाज करके धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं। बच्चे इस प्रकार का दृश्य देखकर फूले नहीं समाते।

समाज के क्षत्रिय लोग इस दिन अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करते हैं। व्यापारी लोग इस दिन को अत्यंत शुभ मानते हैं। विजयदशमी का त्योहार हमें प्रेरणा देता है कि धर्म की अधर्म पर, सत्य की असत्य पर, अच्छाई की बुराई पर सदा जीत होती है।

इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम जीवन में सत्य, धर्म और अच्छाई के मार्ग पर चलते रहेंगे और श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे।

Class 6 Hindi Grammar Chapter 32 निबंध लेखन

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CBSE Class 6 NCERT Hindi Books Free Download

The National Council of Educational Research and Training or NCERT is an autonomous organisation, which was established by the Government of India. It was set up in 1961. At present, NCERT is headquartered in New Delhi. The organisation was formed to promote a common education system in Indian schools.

NCERT drafts and publishes textbooks for classes 1 to 12. All these books follow the curriculum enlisted by the Central Board of Secondary Education (CBSE). NCERT books for class 6 Hindi and all other subject books follow a uniform pattern. The textbooks are precise, intelligible and help students score high marks. 

6th class NCERT Hindi book is also available in soft copy on the internet. Students can easily download it and prepare their lesson.

Teachers and parents also rely on NCERT books and PDFs to a great extent. 6th class Hindi textbook and all other NCERT books have helped students achieve their desired grades.

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NCERT Books for Class 6 Hindi help students improve their reading, writing, and comprehension skills, with their well-structured chapters, clear explanations, and ample examples. The greatest advantage is that these books can be freely downloaded in PDF format, making them accessible to all. You can download the NCERT Book for Class 6 Hindi. Get the link to download Class 6 Hindi NCERT Books from the table below.

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NCERT Books for Class 6 Hindi

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi

Ncert books for class 6, ncert solutions for class 6, chapters included in the ncert hindi books for class 6.

The second 6 class Hindi book in the series, Durva, has 28 chapters in total. The initial few chapters in this book teach students about Hindi grammar, dialect, pronunciations, spellings, and so on.

The third book Bala Ram Katha contains 12 chapters.  It has excerpts of the Ramayana. Each chapter in NCERT books for class 6 Hindi provides some textual questions at the end. Students are supposed to solve these questions to better understand the lesson better.

Hindi is our mother tongue, therefore, each student must know this language very well. Hindi is an easy language if it is studied with utmost concentration and dedication. Hindi is also a scoring language and can increase the percentage of students exponentially. Therefore, each student should study this subject really well because it can increase their academic performance to many folds. 

Chapter-Wise Details of The Vasant Hindi Book Class 6

Chapter 1: Woh Chidiya Jo

This is a poem in Hindi Vasant class 6. Here the poet projects himself like a bird. The poet wishes to be a bird with blue wings. She flies high in the sky and sings her heart out in the jungle. Calmness and courage are some of her other traits.

Chapter 2: Bachpan

This chapter in Vasant book class 6 is written by Krishna Sobati. She talks about the fond memories of her childhood. This chapter also teaches students about the lifestyle, food habits, and attire of the times when the author was a child.

Chapter 3: Naadan Dost

Chapter 3 in Hindi Vasant Class 6 book is a beautiful story written by Premchand. It is about two kids named Keshav and Shyama. They try hard to protect the eggs laid by a bird on their roof. However, their attempts fail. The story brings out the innocence in both of them.

Chapter 4: Chand Se Thodi Si Gappe

This chapter in NCERT books for class 6 Hindi is a fascinating poem composed by Shamsher Bahadur Singh. ‘Chand Se Thodi Si Gappe’ is a poem about the moon and a little girl’s conversation with it.

Chapter 5: Aksharo Ka Mahatva

The author Gunakar Muley in this chapter, talks about the significance of characters. He discusses some of the misconceptions which people have regarding certain Hindi words. He, in the Hindi textbook for class 6, goes on to explain how all these words came into existence.

Chapter 6: Par Nazar Ke

Chapter 6 in class 6 Vasant book is a story written by Jayant Vishnu Narlikar. It explores space and planets. This story revolves around the character named Chotu, whose father is a space scientist. Here the author projects Mars exactly like Earth to bring out the problems faced here.

Chapter 7: Saathi Haath Badhana

This poem in NCERT book for class 6 Hindi teaches about the power of unity and teamwork. It shows children how helping each other in work is important. By helping each other, they can achieve the impossible too.

Chapter 8: Aise Aise

Chapter 8, in this NCERT book of Hindi class 6, is a drama composed by Vishnu Prabhakar. It is about a child whose name is Mohan. He makes excuses so that he does not have to go to school. Later, his teacher reveals the truth. The drama is entertaining and carries a comic element.

Chapter 9: Ticket Album

Lesson 9 in this 6th class Hindi textbook is an educational text written by Vishnu Prabhakar. It teaches good virtues through a story about Nagarjuna and Rajappa. The lesson teaches students to be happy in others’ happiness.

Chapter 10: Jhansi Ki Rani

In this poem of 6 class Hindi books, the poet Subhadra Kumar Chauhan depicts the journey of the brave Rani Laxmi Bai. It is set in the year 1857 when India was under British rule.

Chapter 11: Jo Dekh Kar Bhi Na Dekhte

In this chapter of NCERT book for class 6 Hindi, the author talks about such people who are never content with what they have. It gives a beautiful message of how everyone should be happy with their possessions, capabilities, and achievements.

Chapter 12: Sansar Pustak Hai

This chapter in Vasant Book Class 6 is about Jawaharlal Nehru and his daughter Indira Gandhi. Students learn how he beautifully teaches his daughter about life. Children get to learn a lot about their surroundings through this lesson.

Chapter 13: Main Sabse Choti Hoyu

This chapter in NCERT Hindi book class 6 Vasant PDF is a poem about a little girl. She feels that her mother does not treat her in the same way as she used to when she was younger. Thus, she wants to be a kid all her life so that her mother takes care of her in the same way.

Chapter 14: Lokgeet

This lesson of Vasant Hindi book class 6 teaches students about the importance and significance of folk songs. It discusses the origin and characteristics of folk songs.  Students learn a great deal about India and its culture through this chapter.

Chapter 15: Naukar

In chapter 15 of NCERT Hindi book of class 6, the author wants to teach children that no job is petty. Every person irrespective of what work they do must be respected by us. The author cites the example of Mahatma Gandhi, who used to work as a barrister in London, to portray this message.

Chapter 16: Van Ke Marg Mein

This chapter in NCERT books for class 6 Hindi contains two savaiyas (short poems of 4 lines) composed by Tulsidas. In the first one, there is a depiction of Ram, Laxman, and Sita leaving for Ayodhya. The next one describes how Lord Rama and Sita become impatient after knowing each other’s misery.

Chapter 17: Saans Saans Mein Baans

This chapter has been composed by Alex M George and has been translated to Hindi by Shashi Sablok. It discusses the uses and importance of bamboo. The author also goes on to describe the useful objects made from bamboo in chapter 17 of Hindi textbook for class 6.

Chapter-Wise Discussion Of The Durva Hindi Book For Class 6 Students

Chapter 1: Kalam

Chapter 1 in this 6 class Hindi book, students learn about different characters in a simple way. Complex words have been broken into characters to explain different varnas. Students must recite these words repeatedly to get it right.

Chapter 2: Kitaab

The second chapter in 6th class NCERT Hindi book focuses on some specific varnas. Relevant Hindi words have been used to help students understand these varnas better. A thorough study of this lesson is important to identify the varnas correctly.

Chapter 3: Ghar

This chapter of Vasant Hindi book class 6 deals with another set of specific varnas. Various relevant words have been provided in these lessons. These words are to be studied properly to understand the usage of those varnas.

Chapter 4: Patang

Chapter 4 in NCERT books for class 6 Hindi explains the significance of some specific alphabets. The children have to recite these alphabets and identify them correctly. It is also important to get the pronunciation of these varnas correct.

Chapter 5: Bhalu

This lesson in class 6 Hindi NCERT book PDF uses certain varnas to teach their usage in Hindi grammar. Students will then have to find out new words forming the new varnas they learnt.

Chapter 6: Jharna

Some important characters have been explained in the 6 th chapter of this NCERT class 6 Hindi book PDF. With the help of different words, these varnas or characters have been presented. Students have to thoroughly understand this lesson to read and write these varnas appropriately.

Chapter 7: Dhanush

Certain important varnas have been detailed in this chapter of 6 Class Hindi Book. Students learn about these varnas with the help of some words like aurat, paudha, dhaga, baan, and dhanush.

Chapter 8: Rumaal

Using the words ritu, mrigaya, rupaya, and rumal, students learn some related characters. In this lesson of class 6 Hindi NCERT book PDF, students will also be asked to suggest some other related words.

Chapter 9: Kaksha

Lesson 9 in NCERT book for class 6 Hindi teaches students to read and write the words chaatra, vigyan, shramik, and kaksha proficiently. In the class, students would also be taught some other relevant words which follow the same pattern.

Chapter 10: Gubbara

This chapter in NCERT Hindi book of class 6 deals with tough words like kyari, ladoo, patta, pustak, gubbara, and billi. Students need to practice writing these words and pronounce these words until they get it correct.

Chapter 11: Parvat

Certain complex words such as chakra, samudra, truck, and parvat have been explained in the 11 th chapter of this NCERT class 6 Hindi book PDF. It teaches them to spell and pronounce these words correctly.

Chapter 12: Hamara Ghar

Chapter 12 in this NCERT book for class 6 Hindi is a story about Joseph and Rajiv. In this story, Rajiv talks about his new house and its locality. Overall, this is a lesson which teaches students how to use sarvanam and visheshan along with sangya in the correct manner.

Chapter 13: Kapde Ki Dukan

This chapter in 6th class NCERT Hindi book tells a story about two parents and their two kids, named Anita and Amar. They went to the market for Diwali shopping and came back home after buying their favourite clothes. This lesson focuses on words like Aao, Aaiye, Ana, and so on.

Chapter 14: Phool

This chapter in NCERT 6th class Hindi book is a poem. The poet here describes the beauty of flowers and how it keeps blossoming. He sends out the message that everyone should remain happy at all times.

Chapter 15: Baatcheet

Chapter 15 in the 6 Class Hindi book presents a conversation between Shobha and Tarun, who meet after a long time. They talk about their schools, teachers, classes, favourite sports, and so on. This lesson focuses on the usage of phrases like “main padhta/hun”, “tum padhte/tiho”, etc.

Chapter 16: Shillong Se Phone

This chapter in 6th class NCERT Hindi book is about five people whose names are Nanku, Amarnath, Rama, Suresh, and Shyamla. It unfolds a telephonic conversation between all of these characters.

Chapter 17: Titlee

Lesson 17 in NCERT books for class 6 Hindi is a poem composed by Narmada Prasad Khare. It portrays the beauty of a colourful butterfly. The poet asks the butterfly why it does not come close to people and why it is so shy.

Chapter 18: Ishwar Chandra Vidyasagar

In this chapter of 6th class NCERT Hindi book, students learn about the great scholar Ishwar Chandra Vidyasagar. It talks about an incident when a person comes to meet him. An amazing turn of events follows next in the story.

Chapter 19: Pradarshini

This chapter revolves around the characters Salma and Sujata. They discuss an exhibition taking place in the Pragati Maidan. Students learn about the different handicrafts made from wood, soil, bamboo, etc. in this lesson of 6th class Hindi textbook. It also talks about the different dance forms like Bharatnatyam, Odissi, Kuchipudi, and so on.

Chapter 20: Chitthi

Lesson 20 in 6th class NCERT Hindi book is a beautiful poem by Prakash Manu. It explains the importance of letters in human lives.

Chapter 21: Angulimal

This chapter in NCERT class 6 Hindi book PDF is a story about a groom named Angulimal. A saint named Mahatma Buddha comes to the village and hears about this goon. The story revolves around what happened next.

Chapter 22: Yatra Ki Taiyyari

Chapter 22 in the NCERT books for class 6 Hindi is about two kids named Nisha and Nishant. The story tells how they plan to celebrate their Dussehra holidays. Ultimately, they decide to visit Kanyakumari.

Chapter 23: Haathi

This chapter in NCERT books for class 6 Hindi is a poem written by Sarveshwar Dayal Saxena. It is a funny poem about an elephant and a mosquito. They try to decide who the better singer is between them.

Chapter 24: Doctor

The 24th chapter of this 6th class Hindi textbook has three characters. They are Doctor, Sushila, and Ramesh. Ramesh and Sushila visit the doctor to consult him about Ramesh’s fever.

Chapter 25: Jaipur Se Patra

This chapter of NCERT books for class 6 Hindi has been presented in the form of a letter. Amar writes a letter to his father, talking about his journey to Jaipur. The letter includes mentions of Hawamahal, Jantar Mantar, Ramniwas Bagh, Amar Qila, Sheesh Mahal, etc. 

Chapter 26: Badhe Chalo

Chapter 26 in 6th class Hindi textbook is a poem in which the poet Dwarika Prasad Maheshwari urges everyone to keep moving ahead in every situation. Students learn how to stay determined, put in efforts, and solve problems.

Chapter 27: Vyarth Ki Shanka

This chapter in NCERT books for class 6 Hindi talks about a couple living in a village. Since they do not have a child, they decided to raise a Nevla. The woman later gives birth to a girl child. The story reveals an engaging incident faced by the couple.

Chapter 28: Gadha Aur Siyar

In this chapter of NCERT class 6 Hindi book PDF, students read a story about a donkey and his jackal friend. Both of them go out in search of food and end up in a Kakdi farm. It unfolds an interesting turn of events when the farm owner comes in.

Chapters in NCERT Bal Ram Katha Hindi book for Class 6

Chapter 1: Awadhpuri Mein Ram

This chapter in NCERT 6th class Hindi book is set in Awadh, located near the Saryu River. It gives information about the kingdom ruled by King Dasharath. Students also get to know about his son's Ram, Laxman, Shatrughan, and Bharat.

Chapter 2: Jungle Aur Janakpur

Chapter 2 in NCERT books for class 6 Hindi begins with Maharishi Vishwamitra proceeding towards the jungle along with Ram and Laxman. It describes the swayamvara through which Lord Ram and Sita, the princess of Mithila get married.

Chapter 3: Do Vardaan

This lesson in NCERT class 6 Hindi book PDF teaches about King Dasharatha’s announcement of Lord Ram’s Rajya Abhishek. Later, it reveals the two boons of Kekayi because of which Ram is sent to vanvaas, and Bharat is made the new king.

Chapter 4: Ram Ka Van-Gaman

This lesson in 6th class NCERT Hindi book is about Lord Rama's vanvaas. Laxman and Sita also accompanied him in this vanvaas. Later, King Dasharath passes away in their absence, and Bharat is called immediately by Maharishi Varishtha.

Chapter 5: Chitrakoot Mein Bharat

In this chapter of 6 class Hindi books, Bharat returns to Ayodhya. He senses something wrong and asks his mother about it. He is disappointed to know the affairs and immediately rushes to the jungle to meet his brother. Bharat meets Ram, Sita, and Laxman in Chitrakoot.

Chapter 6: Dandak Vann Mein Dus Varsh

Chapter 6 in NCERT book for class 6 Hindi describes Ram, Sita and Laxman’s ten years’ exile in the Dandak Vann. It introduces Surpanakha and Ravana in the latter part of the chapter. 

Chapter 7: Sone Ka Hiran

In this NCERT book for class 6 Hindi, students get to know about the incident when Sita sees a golden deer and asks Ram to get it for her. This was, however, a trap set by Ravan to kidnap Sita in the absence of the two brothers.

Chapter 8: Sita Ki Khoj

In the 8 th chapter of this NCERT 6th class Hindi book, Ram and Laxman untiringly look for Sita. They meet Jatayu, who informs them about the kidnap of Sita. He advises them to visit Rishimuk Parvat. On the way, Ram first meets Shabri and eats the fruits offered by her.

Chapter 9: Ram Aur Sugriv

In this lesson of 6th class NCERT Hindi book, Ram reaches the Rishimuk Parvat. Here he meets Hanuman and Sugreev. Sugreev decides to return his favour by helping Lord Ram to find Sita. He sends Hanuman to save Sita from Ravan.

Chapter 10: Lanka Mein Hanuman

In Chapter 10 of NCERT books for class 6 Hindi, Hanuman reaches Lanka. He meets Sita and lets her know that Lord Ram has sent him to save her. Hanuman faces Ravan and warns him of Ram’s power. Then he burns the whole of Lanka.

Chapter 11: Lanka Vijay

Lanka Vijay is a depiction of the battle fought between Ram and Raavan. Students learn in this lesson of 6th class NCERT Hindi book how everyone favours Ram in the battle. Lord Ram kills Ravan and brings Sita back to Ayodhya. 

Chapter 12: Ram Ka Rajyabhishek

In the last chapter of this 6 class Hindi book, students read about the rajyabhishek of Lord Ram. Hanuman is also present in the celebration. Everyone in Ayodhya is happy and lights candles and diyas in joy. Ever since then, Diwali has been celebrated to commemorate the return of Lord Ram.

Best Features of NCERT Textbooks

NCERT books, study materials, and notes have consistently been a favourite of all students. Teachers as well recommend students to study from NCERT textbooks to understand the chapter in the best possible way. Here are some of the exclusive features of NCERT books:

Comprehensive and Detailed- Chapters included in the NCERT books are explained in a detailed way. So, students do not have to follow multiple reference books to understand one chapter. A comprehensive discussion of every topic makes it easier for students to grasp the lessons.

Lucid Approach- Text in which the NCERT books have been drafted, is easy to understand. Students find it simple to comprehend the chapters at one go when they read it from their NCERT books. The lessons also stay with them for a longer time because of its lucid and straightforward language.

Interesting with Fun Elements- NCERT books for class 6 Hindi and other textbooks have a very unique and attractive outlook. They contain pictographic presentations, colourful highlights, etc. to make the chapters engaging for students. Children are thus keen to read their chapters from NCERT books because of their non-monotonous semblance.

Systematic Guidance- Students rely on NCERT books for systematic assistance through their syllabus. These textbooks are indeed precise. Yet they follow a systematic procedure to explain the lessons to students.

Students can also search for NCERT Hindi book class 6 PDF download to read their lessons from anywhere at any point in time.

What are The Advantages of NCERT Class 6 Hindi Textbooks?

NCERT Class 6 Hindi textbooks are well-written textbooks that are very advantageous for Class 6 students. The advantages of NCERT Class 6 Hindi textbooks are:

The NCERT Class 6 Hindi textbooks are written in accordance with the syllabus of CBSE.

The NCERT textbook of class 6 is well structured and helps students understand all the concepts in detail.

Students can enhance their performance by practising questions from NCERT Class 6 Hindi textbooks.

The exercises of each chapter provided in NCERT Class 6 Hindi textbook covers all the important questions which make it easier for the students to learn the chapter easily.

Tips for Performing Well in Hindi

Since Hindi is a very scoring language, therefore, students must study this subject really well. Here are certain tips that can help students perform really well in this subject. These tips for class 6 students are:

Read all the poems and chapters included in your Hindi course very carefully.

Do not leave any chapter or poem from the syllabus.

Try imagining the stories you read, this way it will help you memorise events that have occurred in the story really well.

Read a lot of essays in Hindi. This way you will get accustomed to many Hindi words which you can later use to enhance your Hindi writing skills.

Make small notes of each chapter so that you can have a quick revision of all the chapters and poems just before the exam.

Attempt the questions given in Hindi NCERT as it will tell you the type of questions asked in the exam.

Solve previous year question papers as well. This will give you knowledge about the pattern of the question paper so that you can prepare for the exam accordingly.

How Does Vedantu Help Students In Their Academics?

Vedantu provides an excellent e-learning platform for school students. The idea is to help students in their academics and encourage them to bring out their best in CBSE exams. Starting from online classes, masterclasses, interactive sessions, and one-on-one classes, Vedantu opens a whole new world of learning for students.

Students can also look for NCERT solutions and PDFs like Class 6 Hindi NCERT book PDF in the Vedantu App. It provides precise, accurate, and error-free solutions to the NCERT books.

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FAQs on NCERT Books For Class 6 Hindi PDF: Download NCERT Textbook For 6th Hindi Here

1. How many NCERT Hindi books are there for class 6?

NCERT publishes three Hindi books for class 6 students. They are Vasant, Durva, and Bala Ram Katha. All these 3 books together comprise the CBSE-enlisted syllabus for 6th standard. Chapters included in these books teach students a great deal about life and their surroundings. The first book of class 6 NCERT Hindi is Vasant and it contains 17 chapters for the students. The second book of class 6 NCERT Hindi is Durva and it contains 28 chapters for the students. The third book of class 6 NCERT Hindi is Bala Ram Kathav and it contains 12 chapters.

2. Which class 6 NCERT Hindi book contains Ramayana?

NCERT Hindi class 6 Bal Ram Katha book contains lessons on Ramayana. It describes the journey of Lord Ram until he becomes the king of Ayodhya. Students learn about the 14 years’ exile of Ram, Sita, and Laxman. The book also reveals how Hanuman goes to Lanka and saves Sita from the hands of the evil Ravan. The chapters included in this book are Awadhpuri mein Ram, Jungle aur Janakpur, do vardaan, Ram ka Van-Gaman, Chitrakoot mein Bharat, Dandak vann mein dus varsh, sone ka hiran, sita ki khoj, Ram aur Sugriv, Lanka mein Hanuman, Lanka Vijay and Ram ka rajyabhishek.    

3. How many chapters are there in NCERT class 6 Durva book?

NCERT Durva book for class 6 has 28 chapters in total. Most of the chapters in this book teach students about Hindi varnas. Students also learn how to spell and pronounce some complex words correctly. The chapters included in class 6 NCERT Hindi book, Durva are kalam, kitaab, ghar, patang, bhalu, jharna, dhanush, rumaal, kaksha, gubbara, parvat, hamara ghar, kapde ki dukan, phool, baatcheet, shillong se phone, titlee, ishwar chandra vidyasagar, pradarshini, chitthi, angulimal, yatra ki taiyyari, haathi,doctor, jaipur se patra, badhe chalo, vyarth ki shanka and gadha aur siyar. Students must go through this book thoroughly in order to perform really well in their exams.

4. What is there in NCERT class 6 Vasant book?

NCERT Class 6 Vasant book contains 17 lessons. These chapters include stories, dramas, poems, etc. written by different authors and poets. These chapters are Who Chidiya Jo, Bachpan, Naadan Dost, Chaand Se Thodi Si Gappe, Aksharo Ka Mahatva, Par Nazar Ke, Saathi Haath Badhana, Aise Aise, Ticket Album, Jhansi Ki Rani, Jo Dekh Kar Bhi Na Dekhte, Sansar Pustak Hai, Main Sabse Choti Hoyu, Lokgeet, Naukar, Van Ke Marg Mein, and Saans Saans Mein Baans. The content of the book is very interesting for the students and therefore, students must not think of leaving any topic for their examination.

5. Can I get the PDF file of NCERT books for Class 6 Hindi?

Yes, the PDF file of NCERT books for Class 6 Hindi can be downloaded easily from the official website of Vedantu. Students who want to download the PDF file of any of the Hindi books can go to the official website of Vedantu and register at their website. The students will need to register at their website by using their email addresses. Once they have logged in, they can download the PDF files of all the study material available on the website free of cost.

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Hindi Essay | हिंदी में निबंध for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12

Hindi essay for classes 3 to 12 students.

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Benefits of essay writing:

To be efficient in any language it is crucial to enhance the writing power in that significant language. Essay writhing is the most positive way of developing students’ skills and knowledge upon writing. Students get to know about different topics when they research to write about any important fact. Besides that, essay writing is beneficial to increase the vocabulary power of students as they use various words to express their views and thoughts. From essay writing students will be encouraged to upgrade their other skills. They will be interested to participate in many events of writing which is effective to improve their talents in extra-curricular activities. When students get the correct guidance and suggestions from their school environment they will eventually start to focus on a specific aspect of learning more. So, it is teachers’ responsibility to encourage children for writing essays on their own language for expressing their thoughts. Essay writing in Hindi is equally important for students who have Hindi as a subject in school. If they focus on Hindi learning from the beginning level then they do not have to worry about learning critical chapters in higher studies. Besides that they should focus on enhancing their essay writing skills which will enable them to give better performance in final exam. As a result, they will score well in exam and feel satisfied with their learning outcomes. The most important fact is that, essay writing skill will reduce the fear of writing among students. They will feel more interested to write essay on any given topic at any time after gathering the knowledge about the perfect ways of writing essays.

Essay writing in Hindi:

It is quite natural that students having Hindi as important subject in school must learn Hindi from the basic concepts. We find Hindi as important basically in CBSE and ICSE schools where students have options to choose Hindi or any other regional language. But for schools governed by state boards the entire education mode comes in Hindi medium. So, in both cases students have to focus on learning their Hindi language from the starting level. Essay writing is the significant part of their Hindi curriculum like all other languages. It will be beneficial for themselves if they focus on writing Hindi essays from the beginning level. They should understand each part of Hindi essays including pattern, style, word count to present a compete essay. By understanding each part students will be efficient in writing Hindi essays which will affect their overall score in exam. Some students may find it difficult to write Hindi essays on any topic smoothly. For that we are advising to grasp the basic knowledge of writing pattern and expressing their thoughts in a definite way. It is not possible for students to write Hindi essays from the beginning of their academics. They first need proper guidance and suggestions which they can find in examples of Hindi essays on different topics. Students of state level boards have to write Hindi essays from the primary section whereas CBSE and ICSE students write Hindi essays after primary education. We have provided Hindi essays on significant topics for all classes based on different boards. Students will be definitely benefitted if they follow the writing pattern and style of using language in those essays completely. They can rely on the essays fully as all are prepared according to the board guidelines by expert teachers. We are hopeful that students will take the help of these Hindi essays for enhancing their writing quality and using of language. We have provided the direct links to download all essays in this article. So, students do not need to search here and there for getting list of Hindi essays. They can easily download all the essays from the links in pdf format and read according to their convenience.

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Conclusion:

It is mandatory for all students learning Hindi to follow essay writing pattern and styles closely. Students of all classes require study materials of Hindi essays for overviewing the knowledge on different topics and practice regularly before exam. With the aim of helping students to go through effectively in essay writing in Hindi we have attached many Hindi essays on significant and important topics. We are hopeful that students will find all the topics important from exam perspective and satisfied after reading the essays with its quality writing. Students will get chances of self-analysis from their essay writing which is essential for improving their writing skills. They should practice more by following the writing pattern in the given Hindi essays for enhancing their skills. They will feel more encouraged to writing Hindi essays after getting proper guidance. They will be efficient to solve all their queries regarding Hindi essay writing after practicing regularly. Students are advised to focus on Hindi essay writing from the basic level to grasp complete knowledge over writing.

FAQs:      

  • Who need to write Hindi essays?

Answer. Students studying in CBSE, ICSE and different state boards who have Hindi as a significant language in syllabus have to learn essay writing in Hindi language.

  • What is beneficial for Hindi essay writing?

Answer. Students should focus on learning Hindi language from the basic level with which they can understand the pattern and style of essay writing completely.

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Samvad Lekhan In Hindi For Class 6: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 6 NCERT, Examples

दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 6 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन की तलाश में हैं, तो यह लेख आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें मैंने Samvad Lekhan For Class 6 के लिए रखा है, ताकि आपकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और आप संवाद आदि प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत सकें।

Table Of Contents

  • 1 Samvad Lekhan In Hindi For Class 6
  • 2 संवाद लेखन के उदाहरण
  • 3 संवाद लेखन कक्षा ६ विद्यार्थी के लिए हिंदी में
  • 4 Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 Question
  • 5 कक्षा ६ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन
  • 6 Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 Example
  • 7.1 संवाद लेखन कक्षा 6 वर्कशीट
  • 7.2 संवाद किसे कहते हैं?
  • 7.3 संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
  • 7.4 निष्कर्ष

Samvad Lekhan In Hindi For Class 6

“Samvad Lekhan” कक्षा 6 के विद्यार्थी के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन में शामिल एक सामान्य विषय है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद या वार्तालाप लिखने की कला को संदर्भित करता है। यह अभ्यास विद्यार्थी को उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली पर उनकी पकड़ में सुधार करता है। तो बस लेख को नीचे स्क्रॉल करें और CBSE Samvad Lekhan For Class 6 Hindi पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 6: हिन्दी संवाद लेखन कक्षा 6 NCERT, Examples

संवाद लेखन के उदाहरण

#1) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक एक्सप्लोरेशन यात्रा की योजना

प्रश्न : हेल्लो, कैसे हो? उत्तर : हेल्लो, मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो?

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज एक एक्सप्लोरेशन यात्रा पर जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कहां जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “सागरमाला नेचर रिज़र्व” जाने की सोच रहे हैं, वहां पर्याप्त प्राकृतिक सौंदर्य है।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : यात्रा सुबह 7 बजे शुरू होगी, हम 6:30 बजे मिलेंगे ताकि हम तैयार हो सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें बहुत सारा देखने को मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेंगे और नए जगहों का अन्वेषण करेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक एक्सप्लोरेशन यात्रा की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे यात्रा की जगह का चयन, समय, और यात्रा के दौरान देखने की योजना बना रहे हैं।

संवाद लेखन कक्षा ६ विद्यार्थी के लिए हिंदी में

#2) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक कूदने की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज कूदने जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कूदने कहां जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “रिवर साइड पार्क” जाने की सोच रहे हैं, वहां बहुत ही शांति और सुंदरता होती है।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम 9 बजे मिलेंगे, ताकि हम सुबह की ताजगी के साथ कूदने का आनंद ले सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हम बहुत मज़े करेंगे! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम अच्छी व्यायाम और बिना स्ट्रेस के मनोरंजन का आनंद लेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच कूदने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे कूदने की जगह का चयन, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 Question

#3) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक कैम्पिंग ट्रिप की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज कैम्पिंग ट्रिप पर जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कैम्पिंग कहां करने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “वुडलैंड वॉली” जाने की सोच रहे हैं, वहां प्राकृतिक सौंदर्य और शांति होती है।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम प्रात: 6 बजे मिलेंगे, ताकि हम सुबह की रौशनी में कैम्पिंग की तैयारी कर सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें बहुत मज़े करने को मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम कैम्पिंग, बोनफायर, और नाच-गाने का आनंद लेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच कैम्पिंग ट्रिप की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे कैम्पिंग के स्थल, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

कक्षा ६ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन

#4) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक रेस्तरां में खाने की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज एक रेस्तरां में खाने जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कौनसे रेस्तरां में जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “लेबिएन फूड हौस” जाने की सोच रहे हैं, वहां का खाना बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम रात: 7 बजे मिलेंगे, ताकि हम खाने की तैयारी कर सकें और फिर खाना खा सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हम खाने का आनंद लेंगे! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम अच्छे समय का आनंद लेंगे और खाने का स्वाद उठाएंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक रेस्तरां में खाने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे रेस्तरां का चयन, समय, और खाने की योजना बना रहे हैं।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 Example

#5) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक छुट्टी की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम एक छुट्टी पर जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कैसे छुट्टी का सोच रहे हो? उत्तर : हम जिम्मेडार पहाड़ियों के बीच एक हाइकिंग ट्रिप पर जाने की सोच रहे हैं।

प्रश्न : कितने दिनों के लिए? उत्तर : हम 3 दिनों के लिए जा रहे हैं, ताकि हम अच्छे से खेल सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें खुद को स्वयंसेवक की तरह पूरी तरह से आराम करने का समय मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम आराम से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेंगे और छुट्टी का आनंद उठाएंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक छुट्टी की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे छुट्टी के स्थल, दिन, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 Topic

#6) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक रोज़ ट्रिप की योजना

प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज एक रोज़ ट्रिप पर जा सकते हैं।

प्रश्न : वाह, कौनसे स्थल पर जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम “सनसेट बीच” जाने की सोच रहे हैं, वहां समुंदर किनारे की शांति होती है।

प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम दोपहर: 1 बजे मिलेंगे, ताकि हम समुंदर के किनारे पर बर्तन लाने के लिए खरीददारी कर सकें और फिर खाना खा सकें।

प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, हमें समुंदर के किनारे पर आराम करने का और सैर करने का समय मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम समुंदर के तल पर आराम करेंगे और सैर करेंगे, सूरजसंक्रांति का आनंद लेंगे।

नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक रोज़ ट्रिप की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे ट्रिप के स्थल, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।

संवाद लेखन कक्षा 6 वर्कशीट

प्रश्नः 1) रोगी और वैद्य का संवाद।

  • रोगी – (औषधालय में प्रवेश करते हुए) वैद्यजी, नमस्कार!
  • वैद्य – नमस्कार! आइए, पधारिए! कहिए, क्या हाल है ?
  • रोगी – पहले से बहुत अच्छा हूँ। बुखार उतर गया है, केवल खाँसी रह गयी है।
  • वैद्य – घबराइए नहीं। खाँसी भी दूर हो जायेगी। आज दूसरी दवा देता हूँ। आप जल्द अच्छे हो जायेंगे।
  • रोगी – आप ठीक कहते हैं। शरीर दुबला हो गया है। चला भी नहीं जाता और बिछावन (बिस्तर) पर पड़े-पड़े तंग आ गया हूँ।
  • वैद्य – चिंता की कोई बात नहीं। सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं। कुछ दिन और आराम कीजिए। सब ठीक हो जायेगा।
  • रोगी – कृपया खाने को बतायें। अब तो थोड़ी-थोड़ी भूख भी लगती है।
  • वैद्य – फल खूब खाइए। जरा खट्टे फलों से परहेज रखिए, इनसे खाँसी बढ़ जाती है। दूध, खिचड़ी और मूँग की दाल आप खा सकते हैं।
  • रोगी – बहुत अच्छा! आजकल गर्मी का मौसम है; प्यास बहुत लगती है। क्या शरबत पी सकता हूँ?
  • वैद्य – शरबत के स्थान पर दूध अच्छा रहेगा। पानी भी आपको अधिक पीना चाहिए।
  • रोगी – अच्छा, धन्यवाद! कल फिर आऊँगा।
  • वैद्य – अच्छा, नमस्कार।

प्रश्नः 2) कक्षा में अनुशासन स्थापित करने के विषय पर कक्षा मॉनीटर और विद्यालय के प्रधानाचार्य के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।

  • अभिषेक – गुडमॉर्निंग सर !
  • प्रधानाचार्य – गुडमॉर्निंग अभिषेक ! आओ, बैठो।
  • अभिषेक – धन्यवाद सर ……………….
  • प्रधानचार्य – देखो, तुम्हारी कक्षा से कुछ शिकायतें आ रही है। पिछले सोमवार को एक डेस्क तोड़ दिया गया था, तुम्हे याद है ?
  • अभिषेक – जी हाँ, सर ! हमें उसका अफ़सोस है।
  • प्रधानाचार्य – कोई बात नहीं। मैं जानता हूँ कि तुम्हारी कक्षा बड़ी अनुशासित है, परन्तु पिछले कुछ दिनों से ही ऐसी गड़बड़ हो रही है।
  • अभिषेक – अब क्या हुआ है, सर ?
  • प्रधानाचार्य – आज पता चला है कि किसी ने बिजली के बोर्ड से छेड़छाड़ की है।
  • अभिषेक – ठीक है, सर ! मैं पता लगता हूँ कि ऐसा कौन कर रहा है और फिर आपको सूचित कर दूंगा।
  • प्रधानाचार्य – ठीक है, अब तुम जा सकते हो।

प्रश्नः 3) पिता और पुत्र में वार्तालाप।

  • पिता – बेटे अतुल, कैसा रहा तुम्हारा परीक्षा-परिणाम?
  • पुत्र – बहुत अच्छा नहीं रहा, पिताजी।
  • पिता – क्यों? बताओ तो कितने अंक आए हैं?
  • पुत्र – हिन्दी में सत्तर, अंग्रेजी में बासठ, कामर्स में अस्सी, अर्थशास्त्र में बहत्तर……
  • पिता – अंग्रेजी में इस बार इतने कम अंक क्यों हैं? कोई प्रश्न छूट गया था?
  • पुत्र – पूरा तो नहीं छूटा ….. सबसे अंत में ‘ऐस्से’ लिखा था, वह अधूरा रह गया।
  • पिता – तभी तो…… । अलग-अलग प्रश्नों के समय निर्धारित कर लिया करो, तो यह नौबत नहीं आएगी। खैर, गणित तो रह ही गया।
  • पुत्र – गणित अच्छा नहीं हुआ था। उसमें केवल पचास अंक आए हैं।
  • पिता – यह तो बहुत खराब बात है। गणित से ही उच्च श्रेणी लाने में सहायता मिलती है।
  • पुत्र – पता नहीं क्या हुआ, पिताजी। एक प्रश्न तो मुझे आता ही नहीं था। शायद पाठ्यक्रम से बाहर का था।
  • पिता – एक प्रश्न न करने से इतने कम अंक तो नहीं आने चाहिए।
  • पुत्र – एक और प्रश्न बहुत कठिन था। उसमें शुरू से ही ऐसी गड़बड़ी हुई कि सारा प्रश्न गलत हो गया।
  • पिता – अन्य छात्रों की क्या स्थिति है ?
  • पुत्र – बहुत अच्छे अंक तो किसी के भी नहीं आए पर मुझसे कई छात्र आगे हैं।
  • पिता – सब अभ्यास की बात है बेटे! सुना नहीं ‘करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।’ तुम तो स्वयं समझदार हो। अब वार्षिक परीक्षाएँ निकट है। दूरदर्शन और खेल का समय कुछ कम करके उसे पढ़ाई में लगाओ।
  • पुत्र – जी पिताजी! मैं कोशिश करूँगा कि अगली बार गणित में पूरे अंक लाऊँ।
  • पिता – मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।

प्रश्नः 4) दो मित्रों के बीच वार्षिकोत्सव पर संवाद लेखन।

  • अर्जुन – अंकुर! आज तुम विद्यालय क्यों नहीं जा रहे हो? समय तो हो गया है।
  • अंकुर – मित्र! आज दोपहर के बाद हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव होना है। इसलिए मैं देर से जाउंगा।
  • अर्जुन – आज तुम्हारे विद्यालय में उत्सव हैं तब तो वहां बड़ी रौनक होगी। उत्सव का प्रबंध कौन कर रहा है?
  • अंकुर – उत्सव के प्रबंध के लिए कुछ छात्र-छात्राएं तथा शिक्षक वहां उपस्थित हैं।
  • अर्जुन – चलो मित्र! हम दोनों चलते हैं। मुझे भी विद्यालय का समारोह देखना है।
  • (दोनों मित्र विद्यालय जाते हैं)
  • अंकुर – (विद्यालय पहुंचकर) यह हमारा विद्यालय है। यहाँ उत्सव की तैयारी में शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारी तथा कुछ छात्र-छात्राएं लगे हुए हैं।
  • अर्जुन – ऐसा लगता है की समारोह प्रारम्भ होने वाला है। आज उत्सव का कैसा कार्यक्रम है?
  • अंकुर – आज अनेक प्रकार का कार्यक्रम है। कुछ छात्र-छात्राएं गीत गायेंगे, कुछ अभिनय करेंगे तथा कुछ खेलों का प्रदर्शन करेंगे। फिर पुरस्कारों का वितरण होगा। अंत में सभाध्यक्ष का भाषण भी होगा।
  • अर्जुन – क्या सभापति तुम्हे भी पुरस्कार देंगे?
  • अंकुर – मैं वार्षिक परीक्षा में अपनी कक्षा में प्रथम आया था, मुझे भी पुरस्कार मिलेगा।
  • (थोड़ी देर बाद समारोह प्रारम्भ हो जाता है। दोनों दोस्त बैठ जाते हैं।)

प्रश्नः 5) सब्जीवाले और ग्राहक का वार्तालाप।

  • ग्राहक – ये मटर कैसे दिए है भाई ?
  • सब्जीवाला – ले लो बाबू जी ! बहुत अच्छे मटर है, एकदम ताजा।
  • ग्राहक – भाव तो बताओ।
  • सब्जीवाला – बेचे तो पंद्रह रुपये किलो हैं पर आपसे बारह रुपये ही लेंगे।
  • ग्राहक – बहुत महँगे है भाई!
  • सब्जीवाला – क्या बताएँ बाबूजी ! मण्डी में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं।
  • ग्राहक – फिर भी ……. । कुछ तो कम करो।
  • सब्जीवाला – आप एक रुपया कम दे देना बाबू जी ! कहिए कितने तोल दूँ?
  • ग्राहक – एक किलो मटर दे दो। और …… एक किलो आलू भी।
  • सब्जीवाला – टमाटर भी ले जाइए, साहब। बहुत सस्ते हैं।
  • ग्राहक – कैसे?
  • सब्जीवाला – पाँच रुपये किलो दे रहा हूँ। माल लुटा दिया बाबू जी।
  • ग्राहक – अच्छा ! दे दो आधा किलो टमाटर भी। ….. और दो नींबू भी डाल देना।
  • सब्जीवाला – यह लो बाबू जी। धनिया और हरी मिर्च भी रख दी है।
  • ग्राहक – कितने पैसे हुए?
  • सब्जीवाला – सिर्फ इक्कीस रुपये।
  • ग्राहक – लो भाई पैसे।

प्रश्नः 6) पुस्तक माँगने को लेकर एक छात्र और छात्रा के बीच हुए संवाद को लिखिए।

  • धीरज – रूचि ! मुझे अपनी पुस्तक दे दो।
  • रूचि – क्या तुम्हारे पास पुस्तक नहीं है ?
  • धीरज – नहीं, मेरे पास यह पुस्तक नहीं है।
  • रूचि – पर, तुम्हारी पुस्तक कहाँ गई ?
  • धीरज – मेरी पुस्तक खो गई है।
  • रूचि – ठीक है, तुम मेरी पुस्तक से काम कर लो।
  • धीरज – मैं अपना काम करके तुम्हारी पुस्तक वापस कर दूँगा।
  • रूचि – जब भी तुम्हे आवश्यकता पड़े, मेरी पुस्तक ले लेना।

प्रश्नः 7) किसी वस्तु को लेकर भाई – बहन के बीच होने वाले झगडे के संवाद लिखिए।

  • श्रेया – निखिल, तुमने मेरा खिलौना क्यों लिया ?
  • निखिल – मैं कुछ देर खेलकर इसे लौटा दूँगा।
  • श्रेया – नहीं, मुझे मेरा खिलौना अभी चाहिए।
  • निखिल – पर, क्यों ?
  • श्रेया – क्योंकि तुम ढंग से नहीं खेलते हो और मेरा खिलौना तोड़ दोगे।
  • निखिल – नहीं, दीदी ! मैं ढंग से खेलूँगा।
  • श्रेया – नहीं, तुम हर बार ऐसा ही कहते हो।
  • निखिल – मैं सच कह रहा हूँ दीदी ! इस बार खिलौना नहीं तोडूंगा।
  • श्रेया – अच्छा ठीक है, लेकिन ध्यान से खेलना।
  • निखिल – ठीक है दीदी, धन्यवाद।

प्रश्नः 8) दो दोस्तों के बीच जीवन लक्ष्य को लेकर संवाद लेखन।

  • अनिल : “तुम दसवीं कक्षा के बाद कौन सा विषय लेने की सोच रहे हो?”
  • आदित्य : “मैं तो विज्ञान के विषय पढूंगा।”
  • अनिल : “क्यों?”
  • आदित्य : “क्योंकि मैं बड़े होकर एक डॉक्टर बनना चाहता हूँ। तुम्हारे जीवन का क्या लक्ष्य है?”
  • अनिल : “मैं एक अध्यापक बनना चाहता हूँ।”
  • आदित्य : “एक डॉक्टर सबकी सेवा करता है, लोगों के दुःख दर्द दूर करता है। मैं भी बड़े होकर बीमार लोगों की सहायता करना चाहता हूँ।”
  • अनिल : “मैं विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करके उनके जीवन को उज्जवल बनाना चाहता हूँ। मेरे विचार में यह सबसे अच्छी मानव सेवा है।”

प्रश्नः 9) पिता और पुत्र के बिच संवाद।

  • राहुल – पिता जी, मुझे अपने दोस्तों के साथ बाजार जाना है।
  • पिता – नहीं राहुल, तुम अपने दोस्तों के साथ रहकर घुमक्कड़ होते जा रहे हो। तुमने पढ़ना लिखना तो बिलकुल ही छोड़ दिया है।
  • राहुल – नहीं पिता जी, अब मैं खूब पढ़ूँगा, वादा करता हूँ।
  • पिता – बेटे ऐसे वादे तो रोज करते हो।
  • राहुल – पर इस बार मैं पक्का वादा करता हूँ कि आपको 80% से ज्यादा अंक ला कर दिखाऊँगा।
  • पिता – और अगर नहीं लाए तो…….. !
  • राहुल – फिर आप जैसा कहेंगे, मैं वैसा ही करूँगा।
  • पिता – ठीक है। तुम्हें यह आखरी अवसर देता हूँ।

संवाद किसे कहते हैं?

संवाद को जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में विचार और जानकारी का आदान-प्रदान कहा जाता है, तो उसे ‘संवाद’ कहते हैं। संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कॉम्यूनिकेशन कौशल है, जिसमें विचारों, विचारों और जानकारी को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जा सकता है और दूसरे व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है। संवाद एक सुनने और बोलने का प्रक्रियात्मक प्रक्रिया होता है, जिसमें ज्ञान, विचार, और भावनाओं का आपसी आदान-प्रदान होता है।

संवाद किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत बातचीत, सामाजिक विषय, व्यवसायिक परिप्रेक्ष्य, शिक्षा, और कई अन्य। संवाद का मुख्य उद्देश्य जानकारी साझा करना, गहरे विचारों को व्यक्त करना, और दूसरों के साथ बातचीत करके विचारों को सुधारना और समझाना होता है।

संवाद के दो प्रमुख रूप होते हैं:

  • मौखिक संवाद (Oral Communication): मौखिक संवाद मौखिक भाषा का उपयोग करके होता है, जिसमें व्यक्तिगत बातचीत, बोलचाल, भाषण, और संवादिता शामिल होते हैं। इसमें आवाज, भाषा, भावनाओं का अभिव्यक्ति शामिल होता है। मौखिक संवाद का उदाहरण हैं – व्यक्तिगत बातचीत, व्यवसायिक मीटिंग, भाषण, और टेलीफोन कॉल इत्यादि।
  • लिखित संवाद (Written Communication): लिखित संवाद मौखिक भाषा की बजाय लिखित शैली में होता है। इसमें ब्रीफ, रिपोर्ट, पत्र, ईमेल, लिखित संदेश, और दस्तावेजों का उपयोग होता है। यह लिखित विचारों को स्पष्टता और निष्कर्षता के साथ प्रस्तुत करने का माध्यम होता है और स्थायी रूप से दस्तावेजों में रिकॉर्ड किया जा सकता है।

संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?

संवाद को सफल बनाने के लिए कुछ विशेषताएं होनी चाहिए:

  • सुनने की क्षमता (Listening Skills): संवाद में सुनने की क्षमता महत्वपूर्ण है। आपको ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए, ताकि आप दूसरे व्यक्ति के भावनाओं और विचारों को समझ सकें।
  • स्पष्टता (Clarity): संवाद की स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि दूसरे व्यक्ति समझ सकें कि आप क्या कहना चाह रहे हैं। अशब्द, अन्यायुक्त या अस्पष्ट भाषा से बचना चाहिए।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपनी बात को संक्षेप से प्रस्तुत करना चाहिए और समय पर बातचीत को समाप्त करना चाहिए।
  • संवादिक और अवसरवादी (Engagement and Adaptability): आपको संवादिक बनने का प्रयास करना चाहिए, जिससे कि आप दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद में रुचाना ला सकें। आपको परिस्थितियों के आधार पर अपने संवाद को समायोजित करने की क्षमता होनी चाहिए।
  • समझदारी (Empathy): संवाद में सामंजस्य और समझदारी होनी चाहिए। आपको दूसरे व्यक्ति की दृष्टिकोण समझने का प्रयास करना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
  • संवाद में सजीवता (Active Participation): आपको संवाद में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, न कि केवल बोलने वाले या सुनने वाले की भूमिका में रहना चाहिए।
  • संवाद के उद्देश्य का पालन (Objective): आपको संवाद के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए अपने संवाद को अनुकूलित करना चाहिए।
  • संवाद में संतुलन (Balance): संवाद में संतुलन बनाए रखना चाहिए, यानी कि आपको बातचीत के समय बातचीत के सभी पक्षों को महत्व देना चाहिए।
  • भाषा का उपयोग (Language Usage): संवाद में सामाजिक, व्यवसायिक या अन्य संदर्भों के हिसाब से उपयुक्त भाषा का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रतिक्रिया और पुनरावलोकन (Feedback and Reflection): संवाद के बाद प्रतिक्रिया और सोच-समझकर विचार करना चाहिए ताकि आप अपने संवाद कौशल में सुधार कर सकें।

इन विशेषताओं का पालन करके, आप संवाद को और भी प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं।

संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हो सकती हैं:

  • विषय का साफ़ संकेत (Clear Subject Line): अगर आप एक ईमेल या संदेश के माध्यम से संवाद कर रहे हैं, तो आपके संदेश के विषय को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए संकेत देना चाहिए।
  • उपयुक्त और सुविधाजनक भाषा (Appropriate and Conducive Language): संवाद में उपयुक्त भाषा का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपने प्राप्त करने वाले संवादके की भाषा और स्तर के आधार पर भाषा का चयन करना चाहिए।
  • संक्षेप और मुख्य बिंदु (Conciseness and Main Points): अपने संवाद को संक्षेप में लिखने का प्रयास करें और मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट करें।
  • उचित तारीख और समय (Appropriate Date and Time): संवाद में समय और तारीख को सही ढंग से उचितता के साथ उपयोग करें।
  • सटीक और योग्य प्राधिकृतियां (Accurate and Relevant Credentials): आपके संवाद के साथ उचित प्राधिकृतियां और संवादक के विचार को समर्थित करने वाली जानकारी को संबंधित रूप से प्रस्तुत करें।
  • उचित संवाद प्रारूप (Proper Dialogue Format): अगर आप किसी प्रकार के संवाद लेख रहे हैं, तो संवाद प्रारूप का उपयोग करें, जिसमें व्यक्तिगत वक्ताओं की बोलचाल को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
  • सजीव और रुचिकर संवाद (Engaging and Interesting Conversation): आपके संवाद को सजीव और रुचिकर बनाने के लिए उदाहरण, कथा, या उद्धरणों का उपयोग कर सकते हैं।
  • समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको संवाद को समय सीमित करके लिखना चाहिए, ताकि आपके संवादके को समय से पूरी जानकारी मिल सके।
  • प्रतिक्रिया के लिए खुला द्वार (Open Door for Feedback): संवाद में प्रतिक्रिया के लिए संवादके को खुला द्वार दें, ताकि वह आपके संवाद के साथ सहयोग कर सकें या संवाद को आगे बढ़ा सकें।
  • श्रीष्ठ संवाद कौशल (Excellent Communication Skills): अच्छे संवाद कौशल होने का प्रयास करें, जैसे कि सुनने, बोलने, और समझने की क्षमता।

इन सुझावों का पालन करके, आप संवाद लेखन में अधिक प्रभावी और प्रोफेशनल तरीके से संवाद कर सकते हैं।

तो आपको यह लेख CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 6 कैसी लगी नीचे Comment करके हमें जरूर बताएं तथा लेख को अपने दोस्तों मे शेयर जरूर से जरूर करें, क्योंकि HINDIDP.IN पर ही आपको सबसे सटीक जानकारी देने का काम हम कर रहें है और करते रहेंगे।

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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - Holi Par Nibandh 200, 300, 500 शब्दों में

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होली पर निबंध (holi per nibandh) - भारतीय संस्कृति में प्रत्येक मास की पूर्णिमा किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है। उत्सव के इसी क्रम में वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का पर्व भारतीय संस्कृति में बुराई को जलाकर भस्म कर देने का उत्सव है। यह भारतीय जीवन-शैली का अभिन्न हिस्सा है। होली पर निबंध (Holi per nibandh) से इस पर्व से जुड़ी विभिन्न पौराणिक कथाओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

होली पर निबंध (holi par nibandh): होलिका दहन का मुहूर्त

होली निबंध (essay holi in hindi) - होली के त्योहार की तैयारी कैसे करें, होली पर निबंध (essay holi in hindi) - होली में रंगों का क्या महत्व है, होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - उपसंहार (conclusion), होली पर निबंध (essay holi in hindi) - होली पर निबंध 10 लाइन (holi essay in hindi 10 lines), देश में होली के लिए प्रसिद्ध शहर (famous cities for holi in the country).

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) -  Holi Par Nibandh 200, 300, 500 शब्दों में

रंगों का त्योहार होली हमारे देश भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जैसै-जैसे होली का त्योहार नजदीक आता है, लोगों में खासकर बच्चों में इसको लेकर काफी उत्साह नजर आता है। सब अपने लिए होली खेलने की योजनाएं तैयार करने में जुट जाते हैं। होली पर हिंदी निबंध (Essay on holi in hindi) में होली के त्योहार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी दी गई है। उम्मीद है कि इस लेख में होली पर निबंध (holi par nibandh) उन छात्रों के लिए भी फायदेमंद होगा जो होली विषय पर निबंध तैयार करना चाहते हैं।

हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

रंगों का त्योहार होली संस्कृति के अनूठे उल्लास को समेटे हुए है। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। होली का त्योहार इसी विविधता में एकता तथा भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं और छोटे अपने बड़ों से शुभाशीष प्राप्त करते हैं। विविधतापूर्ण संस्कृति वाले भारत देश में हर धर्म-संप्रदाय के त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इनमें से आपसी प्रेम तथा सद्भावना की भावना को मजबूत करने वाला होली का पर्व विशेष महत्व रखता है। होली के लोकगीत एक माह पहले से ही सुनाई पड़ने लगते हैं।

होली पर निबंध (holi par nibandh) विषय पर केंद्रित होली पर लेख में हमने रंगों के त्योहार होली (Festival of colours) के सार को समेटने का प्रयास किया है। पाठक इस होली पर निबंध हिंदी (Essay on holi in hindi) में से जानकारी जुटाकर न केवल भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक होली के बारे में अपनी जानकारी को समृद्ध बनाएंगे, बल्कि स्कूलों में अध्ययनरत बच्चे अक्सर परीक्षा में पूछे जाने वाले निबंध के प्रश्न की तैयारी भी कर पाएंगे तथा होली पर हिंदी में निबंध (Essay on holi in hindi) सीख कर परीक्षा में भी उसका लाभ उठा सकेंगे।

होली पर निबंध (Essay on Holi Hindi) - होली की शुभकामनाएं (Holi Greetings in Hindi)

होली के अवसर पर लोग एक-दूसरे को होली शुभकामना संदेश भेजते हैं। नीचे कुछ होली के शुभकामना संदेश दिए गए हैं-

  • हर कदम पर खुशियां मिलें, दुख से कभी न हो सामना; जीवन में सारी खुशियां मिलें, होली की है यही शुभकामना!
  • खुशियों से भरी रहे सदा आपकी झोली, रंग-बिरंगी और मंगल हो आपकी होली।
  • जीवन में हो हर्ष के सभी रंगों की भरमार, सबसे हैप्पी होलो हो तुम्हारी मेरे यार।
  • होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
  • होली का त्योहार आपके जीवन को रंगों से सरोबार करे।
  • रंगों का त्योहार होली आपके जीवन को और भी रंगीन बनाए!
  • रंगों का त्योहार आपके जीवन को रंगीन बनाए!

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छात्र इस लेख के माध्यम से होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) भी जान सकते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है तथा उस दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में 24 मार्च को होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 7 मिनट तक है। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का अपना महत्व है। कहा जाता है कि होलिका दहन से आस-पास नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। विज्ञान की दृष्टि से देखें तो होली पहले ही मौसम अनुकूल हो जाने के चलते बीमारियां फैलाने के लिए जिम्मेदार घातक सूक्ष्मजीवों की बाढ़ आ जाती है, होलिका की आग से कफी हद तक इनका विनाश भी हो जाता है।

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होली की प्रचलित कहानियां (Famous stories related to Holi in hindi)

होली का त्योहार राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम से भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक समय में श्री कृष्ण और राधा की बरसाने की होली के साथ ही होली के उत्सव की शुरुआत हुई। आज भी बरसाने और नंदगाव की लट्ठमार होली विश्व विख्यात है। यह त्योहार जीवन के उत्साह, उल्लास तथा उमंग को दर्शाता है। होली के पर्व को सतयुग में विष्णु भक्ति के प्रतिफल के रूप में भी मनाया जाता है।

होली की एक कहानी भगवान शिव से भी जुड़ी है। इंद्र ने कामदेव को भगवान शिव की तपस्या भंग करने का आदेश दिया। कामदेव ने उसी समय वसंत को याद किया और अपनी माया से वसंत का प्रभाव फैलाया, इससे सारे जगत के प्राणी काममोहित हो गए। कामदेव का शिव को मोहित करने का यह प्रयास होली तक चला। होली के दिन भगवान शिव की तपस्या भंग हुई। उन्होंने रोष में आकर कामदेव को भस्म कर दिया तथा यह संदेश दिया कि होली पर काम (मोह, इच्छा, लालच, धन, मद) इनको अपने पर हावी न होने दें। तब से ही होली पर वसंत उत्सव एवं होली जलाने की परंपरा प्रारंभ हुई। इस घटना के बाद शिवजी ने माता पार्वती से विवाह की सम्मति दी। जिससे सभी देवी-देवताओं, शिवगणों, मनुष्यों में हर्षोल्लास फैल गया। उन्होंने एक-दूसरे पर रंग गुलाल उड़ाकर जोरदार उत्सव मनाया, जो आज होली के रूप में घर-घर मनाया जाता है।

होली पर हिंदी निबंध (Holi Essay in Hindi) - प्रस्तावना

विद्यार्थियों को परीक्षा में होली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Holi in 200 words in hindi) या होली पर लेख (holi par lekh) या होली पर निबंध 300 शब्दों में (Holi Essay in Hindi 300 words) या हिंदी में होली पर निबंध (holi per nibandh in hindi) लिखने को कहा जाता है। होली पर निबंध ( holi par nibandh) की शुरुआत इस त्योहार के बारे में बताकर कर सकते हैं। होली, जिसे "रंगो का त्योहार" के नाम से भी दुनिया भर में जाना जाता है, हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। फाल्गुन (फागुन) मास की पूर्णमासी के दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन चैत्र (चैत) मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को रंगोत्सव यानी होली का त्योहार मनाया जाता है।

आपमें से कई यह सोच रहे होंगे कि साल 2024 में होली कब मनाई जाएगी? साल 2024 में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों के द्वारा बेहद ही जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि यह हिंदुओं का त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी साथ मिलकर, उत्साह और उमंग के साथ बड़ों को भी बच्चा बना देने वाले इस त्योहार में मनोरंजक कार्य करते नजर आ जाते हैं।

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होली के त्योहार के लिए लोग अपने-अपने ढंग से तैयारी में जुट जाते हैं। फागुन मास की शुरुआत ठंड की विदाई का संदेश लेकर आती है और मौसम खुशनुमा होने लगता है। इस त्योहार पर फाग गाने की भी परंपरा रही है, फाग लोकगीतों के बिना कुछ अधूरा सा लगता है। पहले तो लोगों को फाग सुनकर ही ही पता लगता था कि होली आने वाली है। ढोलक, मंजीरे और हारमोनियम के साथ लोग अपने रसीले फाग गायन कौशल से दिल जीत लेते हैं। फाग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन इस अवसर पर किया जाता है। होली से पहले पहले और होली के दिन दोपहर तक फगुआ गाया जाता है। इसमें होली से जुड़े लोकभाषा के गीत होते हैं। होली के दिन रात में चैता गाने की भी परंपरा है।

होली के त्योहार को लेकर विशेषकर बच्चों में काफी उत्साह होता है। वे होलिका दहन के लिए काफी पहले से लकड़ियाँ जमा करने लगते हैं। गाँवों में तो हालांकि लकड़ियाँ आसानी से मिल जाती हैं, लेकिन शहर के बच्चे घरों के खराब फर्नीचर आदि की तलाश करते हैं और अमूमन वे दूसरों से माँगकर होलिका की व्यवस्था करते हैं। होलिका तैयार करने में सभी लकड़ियों का योगदान करते हैं। आजकल शहरों में आमतौर पर किसी चौक-चौराहे पर दो-चार दिन पहले से ही लोग पेड़ की सूखी टहनियां, लकड़ी, बांस आदि जमा करने लगते हैं। पहाड़ जैसे इस ढेर में मुहूर्त के अनुसार होलिका दहन करते हैं। लोगों के घरों में पकवान बनता है। होली के पर्व के लिए घर पर मिलने आने वाले लोगों के लिए महिलाएं मिठाइयां, नमकीन और गुझिया बनाने में जुट जाती हैं। रंग और गुलाल का स्टॉक तैयार किया जाता है।

फाल्गुन मास की पूर्णमासी को होलिका दहन के साथ त्योहार की शुरुआत होती है और अगले दिन होली का रंग-बिरंगा त्योहार मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएँ देते हैं। शहरी संस्कृति ने होली मिलन कार्यक्रमों को जन्म दिया है, जिसमें राजनैतिक दल, संस्थाएं होली मिलन कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।इस दिन तो ऐसा लगता है कि लोगों को एक-दूसरे को रंगने और पानी से भिगाने का लाइसेंस मिला होता है। साथ ही "बुरा न मानो, होली है" का जुमला यह बताता है कि आज के दिन लोगों को रंग-गुलाल लगाने की छूट है और इससे किसी को भी नाराज नहीं होना चाहिए।

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होली रंगों का त्योहार है। होली की पहचान, रौनक और आत्मा इन्हीं रंगों में बसी है। रंगों से सराबोर चेहरे, कपड़े सभी के चेहरों पर बरबस ही मुस्कान ले आते हैं। बुजुर्गों को भी बच्चा बना देने की ताकत इस त्योहार के रंगों में है। कई तरह की आभा वाले रंग होली के त्योहार की जान हैं। बड़े शहरों की बड़ी सोसायटियों में होली के अवसर पर खास आयोजन होने लगे हैं। इस सामूहिक आयोजन में लोग रेन डांस में रंगों से सरोबार होकर नाचते-झूमते हैं। शहरों के बाहर बने वाटर पार्क में भी होली को लेकर कई तरह के आयोजन होने लगे हैं।

होली अब विश्व प्रसिद्ध

राग-रंग के इस लोकप्रिय त्योहार होली को वसंत का संदेशवाहक भी कहा जाता है। होली अब भारत के साथ विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का यह त्योहार पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहते हैं। दूसरे दिन होली मनाते हैंं। इसे धुलेंडी व धुरड्डी व कई अन्य नाम से भी मनाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि लगाकर शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और एकता का संदेश देते हैं। कई प्रदेशों में रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिला कर खुशियां बांटते हैं।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ लोग बदनाम करने से नहीं चूकते हैं। कुछ असामाजिक तत्व इस दौरान मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ समाज के शरारती तत्व होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग तथा गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा।

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होली पर निबंध (Essay on Holi Hindi) - होली क्यों मनाते हैं - होली का इतिहास

होली की शुरुआत से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। विष्णुपुराण की एक कथा के अनुसार दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा प्रतिबंधित कर रखी थी। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त निकला और वह दिन-रात भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता। दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप को यह पसंद नहीं था। ऐसे में जब किसी भी तरह से प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोक पाने में उसे सफलता हाथ नहीं लगी, तो उसने प्रह्लाद को जान से मारने का आदेश दिया। हाथी के पैरों तले कुचलने और पहाड़ से फेंककर भी जब प्रहलाद को नहीं मार सका, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई।

होलिका को यह वरदान मिला था कि अग्नि में वह नहीं जलेगी। इसलिए लकड़ियों के ढेर पर वह प्रह्लाद को गोद में लेकर बैठ गई और उसमें आग लगा दी गई। इस होलिका की गोद में बैठा बालक प्रह्लाद भगवान का नाम जपता रहा और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ, जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट इच्छाओं के चलते जलकर भस्म हो गई। मान्यता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत की याद में तभी से ही होली का त्योहार मनाया जा रहा है।

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होली का त्योहार आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं।

होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ घुल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। छोटे-छोटे बच्चे अपनी इच्छानुसार रंग और गुलाल और पिचकारी खरीदते हैं और लोगों को रंगों से सराबोर करने का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि होली मिल-जुलकर, प्रेम से रहने और जीवन के रंगों को अपने भीतर आत्मसात करने का त्योहार है। इसलिए रंगों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए और पानी या रंग भरे बैलून चलाने से बचना चाहिए। होली का त्योहार हमें हमेशा सन्मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। होली का त्योहार सामाजिक सद्भावना का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता की भावना मजबूत होती है।

ये भी देखें :

1) होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है।

2) होली भारत के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार विष्णु भक्त प्रह्लाद को असुरों द्वारा आग में जलाने के प्रयास के विफल होने की याद में मनाया जाता है।

4) इस अवसर पर सांकेतिक रूप से होलिका रूपी बुराई को जलाया जाता है और अगले दिन बुराई के अंत और भक्त प्रह्लाद के प्रचंड ज्वाला में जीवित बच जाने का उत्सव एक-दूसरे पर रंग और गुलाल डालकर हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

5) बच्चे इस त्योहार पर रंग, गुलाल, पिचकारी और पानी वाले गुब्बारों को लेकर बहुत उत्साहित होते हैं।

6) होलिका रूपी बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए सभी भगवान की पूजा करते हैं।

8) इस अवसर पर अपने परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों पर रंग डालकर इसे मनाया जाता है।

9) होली के अवसर पर भारत में शासकीय अवकाश रहता है। लोग इस त्योहार का बड़े उत्साह के साथ आनंद लेते हैं।

10) होली (holi essay in hindi) हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है।

उम्मीद करते हैं कि होली पर निबंध हिन्दी में (holi par nibandh hindi mein) देने की हमारी कोशिश सफल रही होगी और छात्रों को holi ka nibandh hindi mein पढ़कर वांछित जानकारी मिल गई होगी। रंगों के त्योहार होली का निबंध हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) पढ़ने के बाद इस त्योहार की समग्र समझ विकसित करने में यह लेख मददगार होगा; अब आपकी होली पहले से अधिक रंगीन और सुखद होगी, ऐसी हम कामना करते हैं। हैप्पी होली!

हमें उम्मीद है कि आपको होली पर निबंध (holi par nibandh) लिखने में इस लेख से मदद मिलेगी। परीक्षा में हिंदी में होली निबंध (holi essay in hindi) या holi par nibandh in hindi भी पूछा जाता है। इस लेख की सहायता से आप होली पर निबंध ( holi per nibandh) लिख सकते हैं।

देश में कुछ शहरों में होली के आयोजन बहुत प्रसिद्ध हैं और उसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यूपी के बरसाना और नंदगांव में हर साल लट्‌ठमार होली का आयोजन होता है। इस दौरान देश-दुनिया के पर्यटक इस त्योहार को देखने और उसमें हिस्सा लेने पहुंचते हैं। इस त्योहार का आयोजन लगभग एक सप्ताह चलता है और रंगपंचमी के दिन संपन्न होता है। बरसाना की लट्‌ठमार होली सामान्यत: फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन नंद गांव के ग्वाल बाल बरसाना में होली खेलने आते हैं और अगले दिन फाल्गुन पक्ष शुक्ल दशमी को बरसाना के ग्वाल बाल नंदगांव में होली खेलने पहुंचते हैं।

इसी तरह मध्यप्रदेश के इंदौर में भी होली या धुलेंडी के पांच दिन बाद रंगपंचमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। रंगपंचमी होलकर शासनकाल के दौरान मनाया जाता था और यह परंपरा अब तक बरकरार है। इस दौरान इंदौर में छुट्‌टी घोषित रहती है और शहर के अलग-अलग दिशाओं से लोग रंगों में सरोबार होकर गेर यात्रा के साथ इंदौर के हृदयस्थल राजबाड़ा पहुंचते हैं। इस दौरान साथ चल रहे टैंकर के पानी में रंग घुला रहता है और उससे लोगों पर बौछार की जाती है। इस फाग यात्रा को गेर कहा जाता है। रंगारंग गेर चारों दिशाओं से आकर राजबाड़ा में इकट्‌ठा होती है और लाखों लोगों की भीड़ जुटती है। स्थानीय नगर निगम और जिला प्रशासन पूरा मुस्तैद रहता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न :

होली का त्योहार (holi ka tyohar) वर्ष 2024 में कब है?

अक्सर लोग यह पूछते हैं कि कब है होली? (Kab Hai Holi 2024)। तो इसका जवाब है कि होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समापन होगा। 24 मार्च को होलिका दहन होगा। वर्ष 2024 में होली का त्योहार (holi ka tyohar) 25 मार्च को मनाया जाएगा।

क्या होली के दिन चंद्रग्रहण लगेगा?

इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार होली के दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 24 मिनट से दोपहर 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह चंद्रग्रहण उत्तर पूर्व एशिया, यूरोप, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, इटली आदि में दिखाई देगा।

होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) कब है?

होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) जानें- फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और उसके दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में 24 मार्च को होलिका दहन के लिए मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 7 मिनट तक है।

  • बिहार बोर्ड 10वीं रिजल्ट
  • बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट

Frequently Asked Question (FAQs)

यह त्यौहार भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को असुरों द्वारा आग में जलाने के प्रयास के विफल होने की याद में मनाया जाता है। इस अवसर पर सांकेतिक रूप से होलिका रूपी बुराई को जलाया जाता है और अगले दिन बुराई के अंत और भक्त प्रह्लाद के प्रचंड ज्वाला में जीवित बच जाने का उत्सव एक-दूसरे पर रंग और गुलाल डालकर हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

साल 2024 में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी।

होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं।

बच्चों के लिए यह रंग, गुलाल, पिचकारी, पानी वाले गुब्बारों और ढेर सारी मस्ती का पर्याय है। वे सुबह से शुरू हो जाते हैं और दिन-भर लोगों को रंगने और भिगोने में व्यस्त रहते हैं। युवा अपनी टोलियों के साथ रंग की मस्ती में सरोबार रहते हैं। घर के बड़े-बुजुर्गों का त्योहार बच्चों और युवाओं के लिए होली के सामान दिलाने और बाद में उनका शिकार बनने से बचने में बीतता है। अपने हमउम्र लोगों के साथ वे भी मस्ती करते हैं। महिलाएं रसोईघर की भारी-भरकम जिम्मेदारियों के बीच भी समय निकालकर जोश-खरोश के साथ होली मनाती हैं, मनाएं भी क्यों न, रंगों से उनको सबसे अधिक प्यार जो होता है।

होली की पहचान, रौनक और आत्मा रंगों में छिपी है। रंगों से सराबोर चेहरे, कपड़े सभी के चेहरों पर बरबस ही मुस्कान ले आते हैं। बुजुर्गों को भी बच्चा बना देने की ताकत इस त्योहार के रंगों में है। कई तरह की आभा वाले रंग होली के त्योहार की जान हैं।

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। कुछ जगह इसे धुलेड़ी या धुलेंडी, धुरखेल, धुरड्डी, धूलिवंदन और चैत बदी भी कहा जाता है।

होली आपसी प्रेम और भाई-चारे का संदेश देने वाला मस्ती भरा त्योहार है। रंग में भंग न हो इसके लिए होली पर कुछ सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं-

  • होलिका में किसी भी ऐसी वस्तु को जलाने से बचें जिससे वायु प्रदूषण हो। प्लास्टिक और रबर की चीजों का पुनर्चक्रीकरण किया जा सकता है, इनको जलाकर प्रदूषण न फैलाएं।
  • रंग तथा गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है।
  • आंख, नाक जैसे संवेदनशील अंगों पर रंग-गुलाल लगाने से बचें।
  • पानी के गुब्बारों से किसी को न मारें, विशेषकर ऊंचे भवनों से नीचे जा रहे लोगों पर गुब्बारे न फेंके।
  • जबरदस्ती किसी के साथ होली न खेलें। 
  • मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें। होली हैप्पी बनी रहे इसे ध्यान में रखकर काम करें।

साल 2023 में होली 8 मार्च को मनाई गई।

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essay on diwali in hindi for class 6 (कक्षा 6 के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में)

भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति के हों या उत्सव में शामिल हों। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय।

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hindi essay for class 6

Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi- समय का सदुपयोग पर निबंध

In this article, we are providing Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi | Essay on importance of time in Hindi समय का महत्व या समय का सदुपयोग पर निबंध in 200, 300, 500, 600, 800 words. Samay Ka Sadupyog Nibandh for Students and Children.

‘समय का सदुपयोग | Samay Ka Sadupyog’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11, 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है।

Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi- समय का सदुपयोग पर निबंध

Samay Ka Sadupyog essay

समय का सदुपयोग पर निबंध ( 150 to 200 words )

समय, कोई भी व्यक्ति पैसों से समय को नहीं खरीद सकता और न ही बीते हुए समय को वापस पा सकता है।

आज का जो समय है उसमें हमें जीना चाहिए और आज के समय को हमें अपने सद्कार्यों में इस्तेमाल करना चाहिए।

साँसों का पता नहीं लेकिन समय का हिसाब जरूर होता है इसलिए समय को अपने उचित कार्यों में प्रयोग करना चाहिए नाकि इसे व्यर्थ करना चाहिए।

दुनिया में अलग पहचान पाने के लिए हमें अपने समय को भी अलग तरह से प्रयोग करना चाहिये।

जब हम आज अपने समय को जरूरी कामों में इस्तेमाल करते हैं तब ही हमें भविष्य में सफलता मिलती हैं।

समय हमेशा क्रिया के हिसाब से प्रतिक्रिया देता है, इसलिए हमें हमेशा अपनी क्रिया सही रखनी चाहिए।

स्वास्थ्य और धन दोनों को एक बार ख़ोकर दोबारा प्राप्त किया जा सकता है लेकिन समय को दोबारा प्राप्त नही किया जा सकता।

कोई व्यक्ति सफल होगा या असफल इस बात का अंदाजा उसके द्वारा खर्च किए जा रहे समय से लगाया जा सकता है।

जितना हो सके हमें कम समय में अधिक काम करना चाहिए क्योंकि तभी हम जल्दी सफल हो पाएंगे।

यदि आपको भविष्य में आराम चाहिए तो अपने आज के समय को उचित कार्यों में ही इस्तेमाल कीजिए।

Samay Ka Sadupyog Par Nibandh in Hindi – समय का सदुपयोग निबंध ( 300 words )

समय इस दुनिया में सबसे अमूल्य चीज़ है, समय के आगे दौलत भी हार जाती है। आप करोड़ों रुपए लगाकर भी समय के एक पल को भी नही खरीद सकते, इसलिए हमें हमारे हिस्से के समय को बड़ी ही सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि एक बार बीता समय कभी भी दोबारा वापस लौट कर नही आता।

कई कारण हैं जो हमारे समय को बर्बाद करने के जिम्मेदार होते हैं जैसे – आलस, अधिक निद्रा, बुरी आदतें आदि।

एक कहावत है – यदि तुम समय को बर्बाद करोगे तो समय तुम्हें बर्बाद कर देगी। इस दुनिया में समय ही सबसे ताकतवर चीज़ हैं क्योंकि जो इन्सान समय के साथ बदल जाता है वो जीत जाता है लिकिन वही कोई इन्सान समय के साथ नही बदलता वो पक्का हार जाता है और यही सत्य है, इसलिए हम सभी को समय का उपयोग अच्छे कार्यों में ही करना चाहिए।

समय बिना रुके निरन्तर चलता रहता है, यदि आप समय को सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे तो समय आपको सफलता प्रदान करेगा लेकिन जो व्यक्ति अपने शुरुआती जीवन में समय को सही तरीके से इस्तेमाल नही करता है, बाद में उस व्यक्ति को इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

हर व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में समय के सही उपयोग के लिए समय सारणी बनानी चाहिए, जिससे वो अपने समय को बर्बाद होने से बचा सके।

आपने कभी सोचा है कि हर व्यक्ति को उसके दैनिक कार्यों के लिए बराबर समय मिलता है, लेकिन उनमें से कुछ व्यक्ति ही सफलता प्राप्त क्यों करते हैं, क्योंकि हर किसी ने समय का सही उपयोग नहीं किया होता है।

समय में बहुत ताकत है, जब समय का उपयोग सद्कार्यों में किया जाता है, तब उसका परिणाम भी सुखद ही होता है। इसलिए समय का सदुपयोग बहुत ही जरूरी है।

जरूर पढ़े- Anushasan Ka Mahatva Essay

समय का सदुपयोग निबंध- Samay Ka Sadupyog Nibandh ( 400 words )

समय एक अमूल्य वस्तु है। भूली विद्या, गिरा हुआ स्वास्थ्य और नष्ट धन पुनः प्राप्त किये जा सकते हैं, किन्तु बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आ सकता। अतः व्यक्ति को चाहिए कि वह जीवन के एक-एक पल को महत्त्वपूर्ण मानकर उसका सदुपयोग करे।

जीवन की सफलता समय की उचित उपयोग करने में ही है। जो समय की गति को पहचान लेते हैं, आये हुए अवसर को हाथ से नहीं जाने देते, वे ही जीवन-संग्राम में सफलता प्राप्त करते हैं; किन्तु जो समय की गति को नहीं पहचानते, अवसर पर कार्य नहीं करते, वे बाद में पछताते ही रह जाते हैं।

कहावत है कि ‘बरसात का चूका किसान और डाल का चूका बन्दर कहीं का नहीं रहता’ ऐसे ही समय का सदुपयोग न कर सकने वाला व्यक्ति भी कहीं का नहीं रहता। जैसे मधु मक्खी शहद के छत्ते के नष्ट होने पर पछताती है, ऐसे ही अवसर का उचित उपयोग न कर सकने वाला भी बाद में पछताता ही रहता है।

आँधी और समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। ‘गया वक्त फिर आता नहीं’ इस उक्ति को ध्यान में रखते हुए उन्नति के अभिलाषी व्यक्ति को समय पर अपने काम में जुट जाना चाहिए। सारा समय गप्पें मारने में, आवारा घूमने में, दूसरों की निन्दा करने में या गन्दी पुस्तकें पढ़ने में या सोने समय नष्ट कर देने से जीवन ही नष्ट हो जाता है।

सफलता पाने के लिए आज का काम कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। कल तो कभी आता ही नहीं। जीवन में एक मिनट का भी बड़ा महत्त्व है। एक मिनट के विलम्ब से रेल या हवाई जहाज छूट जाता है एक-दो मिनट देर से उपचार होने पर रोगी मर जाता है। कुल पाँच मिनट का मूल्य न जानने के कारण आस्ट्रेलिया वाले नेपोलियन से पराजित हो गए। दूसरी ओर नेपोलियन के साथ ग्रुशी के केवल पाँच मिनट की देरी से युद्ध भूमि में पहुँचने के कारण नेपोलियन पराजित हो गया और वह कैद कर लिया गया।

जो छात्र वर्ष का सारा समय खेल-कूद, सिनेमा, सैर आदि में लगा देते हैं, वे बाद में असफल होकर रोते हैं, किन्तु जो वर्ष के आरम्भ से ही समय पर अध्ययन में लगे रहते हैं, वे सफलता को प्राप्त कर लेते हैं।

वास्तव में समय अमूल्य धन है। हमें सदा उसका सदुपयोग करना चाहिए।

समय का सदुपयोग निबंध- Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi ( 500 words )

प्रस्तावना- समय बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि ये किसी के हिसाब से नहीं चलता बल्कि अपनी एक अलग रफ्तार में चलता रहता है, और न ही किसी के लिए रुकता है। लेकिन जब तक व्यक्ति समय का महत्व समझ पाता है, तब तक वो अपने हिस्से का सारा समय खर्च कर चुका होता है।

इस दुनिया में समय से अधिक मूल्यवान न ही पैसा है और न ही ताकत, क्योंकि जब समय आपका साथ नही देता तो बाकी चीजें भी किसी काम नही आतीं। जीवन जीने के लिए दुनिया में सभी को बराबर समय दिया गया है। लेकिन हर व्यक्ति इसका उचित प्रयोग नही कर पाता।

कोई इसे अच्छे काम में इस्तेमाल करता है तो कोई बुरे काम में, हर व्यक्ति का परिणाम बताता है कि उस व्यक्ति ने समय का प्रयोग किस तरीके से और कहां पर किया है।

समय के साथ हर चीज बढ़ती जाती है लेकिन समय कम होता जाता है, व्यक्ति अपने जीवन भर की पूरी कमाई बेंचकर भी बीते समय का एक पल भी नही खरीद सकता। क्योंकि जो समय एक बार चला गया वो लौटकर दोबारा कभी नही आता।

समय के संदर्भ में कवि स्व. कुंवर बेचैन जी की एक लाइन बड़ी फेमस है-

” संबारा वक़्त ने उसको, वो जिसने वक़्त को समझा

   नही तो वक़्त क्या है, वक़्त का मारा बताता है वो “

जो व्यक्ति अपने शुरुआती जीवन में समय का प्रयोग अपने गैरजरूरी कामों में करता है, बाद में उस व्यक्ति को उतना ही कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

हर व्यक्ति को जीवन में अपने समय को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए एक समय-सारणी बनानी चाहिए, जहां उसे अपने प्रत्येक जरूरी कार्य को चिन्हित करना चाहिए और उस सारणी का अनुसरण भी करना चाहिए।

सफल लोग दुनिया में अलग काम नही करते, बस वो काम को अलग तरीके से करते हैं, वे लोग अपने समय के प्रत्येक हिस्से को जरूरी कामों में इस्तेमाल करते हैं। दुनिया मे असफ़लता का सबसे बड़ा कारण है समय पर सही कार्य न करना। आलस्य भी व्यक्ति को सफल नही होने देता। क्योंकि जब व्यक्ति के अंदर आलस्य होता है तब वो समय को महत्व नहीं समझ पाता।

एक पुरानी कहावत है-

” अब पछिताय का होत, जब चिड़िया चुंग गई खेत ”

अर्थात बीता हुआ समय कभी लौटकर वापस नहीं आता। समय में बहुत ताकत होती है वो किसी भिखारी को जाने कब अमीर बना दे और किसी अमीर को जाने कब भिखारी बना दे, कुछ कहा नहीं जा सकता।

समय मनुष्य के जीवन को कीमती बना देता है, जब हम समय को अपने सद्कार्यों में इस्तेमाल करते हैं, तो समय हमें उन्नति देता है लेकिन जब हम समय को व्यर्थ में बर्बाद करते हैं तब समय भी हमें बर्बाद कर देता है।

उपसंहार-  समय के प्रवाह के साथ लगातार चलते रहने से व्यक्ति अक्सर सफलता प्राप्त कर लेता है, लेकिन जो व्यक्ति समय के साथ नहीं चलता, जो समय के हिसाब से अपना जरूरी काम नही करता वो बाद में बहुत पछताता है। इसलिए हर जरूरी काम को समय पर करें और जितना हो सके समय को सिर्फ अपने अच्छे कार्यों में ही इस्तेमाल करें।

दोस्तों इस लेख के ऊपर Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi ( समय का सदुपयोग निबंध ) आपके क्या विचार है और क्या आप भी कोई कुत्ते को पालते है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

# समय का सदुपयोग पर आसान निबंध

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Essay on Importance Of Time Management In Hindi

# Samay Ka Sadupyog in Hindi for class 9, 10

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Hindi Essay on “Samay ka Sadupyog”, “समय का सदुपयोग”, Hindi Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

समय का सदुपयोग

Samay ka Sadupyog

Total Essay 4

निबंध नंबर : 01

समय एक ऐसा अमूल्य धन है जिसका लौटकर आना असंभव है। हर दिन हम अनेक वस्तुएँ खोकर पा सकते हैं, उन्हें बढ़ा सकते हैं परंतु खोया समय कभी लौट कर नहीं आता।

समय का उचित प्रयोग ही सदुपयोग है। अपने सभी कार्य सही समय पर करना व खाली समय का प्रयोग कुछ नया सीखने के लिए करना, सदुपयोग है।

समय का महत्त्व समझने पर हम निरंतर सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते जाते समय पर कार्य न करने वाले समय की तेज गति से पीछे रह जाते हैं। समय पर निकल जाने पर हाथ मलते रहने से कुछ नहीं मिलता, जैसे कहा भी गया है, ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’।

महान आविष्कारक जेम्सवाट, मैडम क्यूरी, एडीसन, सभी दिन-रात एक कर परिश्रम करते थे। सूर्य, धरती, चंद्रमा, ऋतुएँ सभी समय के अनुसार कार्य करती हैं। सही समय पर यदि कोई ऋतु न आए तो उसका भरपूर आनंद नहीं आता।

विद्यार्थी जीवन सीखने का समय है। हमें दुनिया की कई नई पुरानी बातें, ज्ञान-विज्ञान, खेल-कूद आदि सीखने हैं। अत: जो सभी समय हमारे पास है उसका सही-सही उपयोग कर ही हम पढ़ाई व अन्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

निबंध नंबर: 02

भूमिका- मानव जीवन में समय का बड़ा महत्त्व है। यह एक बहुमूल्य वस्तु है। बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता। क्षण-क्षण द्वारा निर्मित जीवन समय की धारा में वह जाता है। अतः जीवन के लिए एक-एक क्षण बड़ा महत्त्व रखता है। समय किसी का दास नहीं है वह अपनी गति से चलता है। समय का महत्त्व न पहचानने वाला व्यक्ति अपना ही सत्यानाश करता है। किसी ने सच ही कहा है- बीता वक्त हाथ नहीं आता।

समय एक अमूल्य धन- समय एक ईश्वरीय वरदान है। हमारा फर्ज बनता है कि सुबह उठ कर जो कार्य करना है उसको निश्चित कर लें और दिन भर कार्य करके उसे समाप्त कर डालें। विद्यालय में जो समय बचता है उसका सदुपयोग अन्य कलाओं को सीखने में व्यस्त करें। व्यर्थ की गप्पों से अपने समय को बर्बाद न करें। आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। समय कभी आता नहीं, यह तो जाता है। यह वह हिरण है जो एक बार हाथ से निकल गया तो लाख हरी-हरी पत्तियां दिखाने पर भी हाथ नहीं आएगा यह वह धन है जिसकी एक-एक कोड़ी करोड़ों कीमत की है। समय को खोना और जीवन से हाथ धोना एक ही बात है। भविष्य में क्या होगा, यह कहा नहीं जा सकता। इसलिए मानव को चाहिए कि वह अपने सभी कार्य नियत समय पर करता रहे।

समय एक ऐसा अमूल्य धन है जिसे खोना नहीं चाहिए। समय बहुतजल्दी व्यतीत हो जाता है। बाल्य काल म बालक नासमझ होता है। यौवन में जीवन की व्यवस्थाएं इतनी होती हैं कि वह कर्त्तव्य की ओर ध्यान ही नहीं दता और वृद्धावस्था में उसमें इतनी शक्ति नहीं होती। समय निकल जाने पर वह पश्चाताप करता है। समय को अमूल्य धन इसलिए कहा गया कि धन की हानि हो जाए तो उसकी क्षति पति हो सकती है। पर समय की हानि हो जाए तो उसकी क्षति पूर्ति नहीं हो सकती। एक बार एक मित्र ने दूसरे से पूछा कि तुम्हारे जीवन का क्या लक्ष्य है तो वह कहता है, कि मजे से समय गुजार रहे हैं। पता नहीं मजे का अर्थ वे क्या समझते हैं, पर जिसने समय के मूल्य को नहीं समझा, समझो उसने कुछ नहीं किया। इस तहरह मजे से रहने से समय गुजारना कोई महत्त्वपूर्ण बात नहीं है। कौआ भी जीता है, वह भी अपना पेट भरता है। आदर्श महापुरुषों की जीवनी पढ़िए, वे अपना एक क्षण का समय भी व्यर्थ नहीं गुजारते थे। देश-विदेश में लोग समय का कितना ध्यान रखते थे, ये उनके इतिहास से हमें ज्ञात होता है। जो समय का सदुपयोग करता है, जो सदा उद्योग में लगा रहता है, जो जीवन में देश या समाज के लिए कुछ करके दिखाता है। वह मरने पर अमर हो जाता है। महात्मा कबीर जी ने आलसी व्यक्ति को चेतावनी देते हुए कहा है- जो व्यक्ति रात सोकर, दिन खाकर गवां देते हैं। वे इस हीरे जैसे जीवन को व्यर्थ में गवां रहे हैं। इस प्रकार समय का ध्यान न रखने वाला मनुष्य पश्चाताप करता है।

सुखों की प्राप्ति- समय का सदुपयोग करने वाले को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति अपना कार्य समय पर करता है उसेकोई व्यग्रता नहीं रहती। समय पर कार्य करने वाला व्यक्ति अपना ही भला नहीं करता वरन् अपने परिवार, ग्राम तथा राष्ट्र को उन्नति में भी सहायक होता है। समय के सदुपयोग से मानव धनवान, अकलमन्द तथा शक्तिशाली हो सकता है। लक्ष्मी उसकी दासी बन जाती है। यदि ध्यानपूर्वक अपने इतिहास पर दृष्टि दौड़ाएं तो पता चलता है कि जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उनकी महानता के पीछे समय का मूल मन्त्र छिपा हुआ है।

समय का प्रत्येक क्षण बहुमूल्य- समय का मूल्य समय के बीत जाने पर ज्ञात होता है। समय की एक क्षण की देर भी कभी-कभी बड़ी महंगी पड़ती है। वायुयान, रेलगाड़ी एवं बस आदि वाहन कभी भी किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। समय के दुरुपयोग से दु:ख और दरिद्र ही हाथ लगते है। आज बहुत से नवयुवक अवकाश के दिनों में निठल्ले घर पर बैठे रहते हैं अथवा बुरी संगति में पड़ कर अपने समय को बर्बाद कर देते हैं। समय का दुरुपयोग एक पाप है जो इस पाप के कीचड़ में गिर जाता है, उसका उद्धार भी नहीं हो सकता। लखपति व्यापारी समय के चूक जाने से भिखारी बन सकता है। पाँच मिन्ट देर से स्टेशन पर पहंचने से गाड़ी छट जाती है और सारे कार्यक्रम धूल में मिल जाते हैं। देरी से गया हुआ छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकता। हमें सदा समय के दुरूपयोग से बचना। चाहिए।

समय का सदुपयोग वाल्यकाल से ही करना चाहिए – समय का महत्त्व समझते हुए, हमें इसका सदुपयोग। बचपन से ही करना चाहिए। हमें वाल्यकाल से ही सदुपयोग की आदत डालनी चाहिए। पढ़ने के समय पढ़ना चाहिए और खेलने के समय खेलना चाहिए। जो व्यक्ति स्वयं को दैनिक कार्यों में व्यस्त रखेगा, वह व्यक्ति कभी व्यर्थ केकामों के समय नष्ट नहीं करेगा।

उपसंहार- समय का सदपयोग प्रत्येक विद्यार्थी को नहीं अपित प्रत्येक व्यक्ति को भी करना चाहिए। जिस प्रकार तार और गोली निकल जाने पर वे वापिस नहीं आती हैं, उसी प्रकार बीता हआ समय वापिस नहीं आता है। मनुष्य का जीवन बड़ा छोटा है। इसे गंवाना नहीं चाहिए।

निबंध नंबर : 03

समय का सदुपयोग का अर्थ है-समय को बर्बाद न करना और उसे अच्छे कामों में लगाना। इसी के पालन द्वारा मानव अपने जीवन को सफल बना सकता है। विद्यार्थियों पुजारी होने से वे नियमति रूप से अध्ययन करते हैं। वे ठीक समय पर विद्यालय पहुंचते हैं। उन्हें परीक्षा के अवसर पर अधिक परिश्रम नहीं करना क्योंकि वे समय को गपशप या बेकार में बरबाद नहीं करते। जब भी  खाली समय मिलता है, वे उसे पढ़ने में लगा देते हैं। और अन्त में परीक्षा में अव्वल आते हैं।

अध्ययन के उपरान्त वे कोई व्यवसाय, व्यापार या नौकरी करते हैं। हर काम में समय की पाबंदी आवश्यक होती है। आप डॉक्टर या वकील के व्यवसाय को ही लीजिए। यदि डॉक्टर ठीक समय पर औषधालय न खोले तो रोगी दूसरे डॉक्टर के पास चले जाते हैं या ईलाज के अभाव में रोगी अपने प्राण गँवा बैठते हैं। और डॉक्टर को अपने यश एवं धन की क्षति उठानी पड़ती है। यही स्थिति वकीलों की भी है, यदि वे समय पर अपने चैंबर में न बैठे या अदालत न पहुँचे तो उनका हाल भी डॉक्टर जैसा ही होता है।

इसी प्रकार एक व्यापारी तभी उन्नति कर सकता है जब वह समय पर दुकान खोलता या बन्द करता है। नौकरी में तो समय की पाबंदी न करने से मालिक या अधिकारी नाराज़ हो जाते हैं और तंग आकर उसे नौकरी से निकाल देते हैं। उसकी इस गंदी आदत का दंड बेचारे उसके अबोध बच्चों पर पड़ता है जो कि पिता के रोज़गार के अभाव में भूखों मरते हैं। अतः प्रत्येक व्यक्ति को समयनिष्ठ होना चाहिए।

समयनिष्ठा मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। समय के पाबंद व्यक्ति के पास कभी भी समय का अभाव नहीं रहता। उसके सभी काम ठीक समय पर पूर्ण हो जाते हैं। वह समाज का सच्चा सेवक और विश्वासपात्र बन जाता है। जो मनुष्य समय का महत्व नहीं समझता, वह अपना जीवन कभी सुखी नहीं बना सकता।

अभिभावकों का घर पर और शिक्षकों का विद्यालय में यह है कि उनके बच्चे कभी आलसी न बनें। वे समय-समय पर अपने व को समय के सदुपयोग का पाठ पढ़ाते रहें।

समय का कोई मूल्य नहीं होता। वह अमूल्य होता है। अतः प्रत्येक विवेकशील व्यक्ति को समय का मूल्य समझकर उसका सदेव सदपयोग करना चाहिए।

निबंध नंबर : 04

समय एक अनमोल वस्तु है। संसार में खोई हुई वस्तु मिल सकती है, लेकिन खोया हुआ समय फिर हाथ नहीं आता। संसार में अभी तक ऐसी घड़ी नहीं बनी है, जो बीते हुए समय को वापस दिखा दे। हमें समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए। ईश्वर की ओर से हमें इस संसार में जो भी निश्चित समय दिया गया है, उसे बढ़ाना या कम करना हमारे वश में नहीं है, पर समय का सदुपयोग करना तो हमारे वश में है। समय सबके लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वह छात्र हो या कर्मचारी, चाहे वह कोई भी काम क्यों न करता हो।

दुख की बात यह है कि कई लोग समय का दुरूपयोग करते हैं। सुबह आठ बजे तक तो वे नींद में ही डूबे रहते हैं। फिर उठते ही आधा घंटा आलस्य उतारने में चला जाता है। दिन में जितने घंटे काम करते हैं उससे अधिक समय वे फिजूल बातों में व्यर्थ करते हैं। कई लोग तो सारा दिन ताश और शतरंज की बाजी में उलझे रहते हैं। एक बार एक व्यक्ति ने गांधी जी से पूछा कि जीवन में ऊँचा उठने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए-शिक्षा, शक्ति या धन? गांधी जी ने उत्तर दिया ये वस्तुएं जीवन को उठाने में सहायक अवश्य होती है, लेकिन मेरे विचार से जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है-समय की परख। यदि आपने समय को परखने की कला सीख ली तो फिर आपको किसी प्रसन्नता या सफलता की खोज में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। वे व्यक्ति जो अपने समय का एक-एक क्षण उपयोग में बिताते हैं, वे ही भाग्यवान हैं। ऐसे व्यक्ति ही जीवन में प्रसन्न, संतुष्ट और सुखी रहते है।

विद्यार्थी के लिए समय का सदुपयोग करना बहुत आवश्यक है। जो विद्यार्थी समय का सदुपयोग नहीं करते, वे अपना जीवन बिगाड़ लेते हैं। अंत में पश्चाताप के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं रह जाता, यदि आरंभ से ही विद्यार्थी समय की उपयोगिता को समझने लगे, तो वह अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुँच जाएंगे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, जगदीश चन्द्र बसु, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि अनेक नेता समय का सदुपयोग करते थे। वाटरलू के युद्ध में यदि एक सरदार चंद घडियों की देरी न करता तो नेपोलियन अपनी घोर पराजय से बच जाता। महर्षि अरविंद तो वर्ष भर ही साधना में लगे रहते थे। पंडित नेहरू प्रातः से रात के बारह बजे तक निरन्तर कार्य करते थे। उन्होंने जेल में रहकर भी अपना समय व्यर्थ नहीं खोया।

समय का सुदपयोग करने के लिए हमें प्रत्येक कार्य निश्चित समय में ही पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। कुछ दिनों के निरंतर अभ्यास से हमें समय का उचित उपयोग करने की आदत पड़ जाएगी और हमें जीवन को सफल बनाने की कुंजी मिल जाएगी।

समय के विभाजन से हम अध्ययन, मनोरंजन, सत्संग, व्यायाम, समाजसेवा आदि अनेक कार्य सरलतापूर्वक कर सकते हैं। इससे न तो हमें समय बोझ प्रतीत होगा और न कौन-सा काम करे, यह सोचने में समय नष्ट होगा। कबीर जी ने अपने दोहे में लिखा है कि

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलै होएगी, बहुरि करेगा कब।।

अर्थात जो काम तम्हें कल करना है. उसे आज की कर लें और जो काम आज करना है, उसे अभी समाप्त कर लें किसी पल में क्या घटित हो जाए कुछ पता नहीं फिर कब करोगे। जब बहुत काम इकट्ठा हो जाएगा तो कैसे करोगे। यदि हमें अपने जीवन से प्रेम है, तो अपने बहुमूल्य समय को नष्ट नहीं करना चाहिए। जो समय को नष्ट करता है, समय उसे ही नष्ट कर देता है। अतः समय के महत्व को ध्यान में रखकर जो व्यक्ति कार्य करते हैं, वे समाज में पथ-प्रदर्शक बनते हैं, समय के सदुपयोग में जो व्यक्ति जितना कुशल होता है, वह जीवन में उतनी अधिक उन्नति करता है। समय में शिथिलता चरित्र को बहुत बड़ी दुर्बलता हे. प्रत्येक व्यक्ति को समय की उपयोगिता का ध्यान रखना चाहिए। इसी में राष्ट्र की भलाई है। इसी से राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है। यदि आप समय का सदुपयोग करेंगे तो आप निरंतर उन्नति करते जाएँगे।

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Samaya ka sadupayog Class 9th Hindi

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  • Language Hindi
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Hindi is a language that is spoken as a native tongue by more than 260 million people! As a result, Hindi has been incorporated into the syllabi of middle and high schools across the country. A core skill associated with language learning is writing clear and concise essays.

Essay writing is the stepping stone to developing your written abilities and language comprehension skills. If you are looking for interesting college essay topics from classes 6 to 12 to practice with, keep reading! 

Hindi essay topics for class 6 students are largely generic and easy to write. Some of the most popular topics for Hindi essay writing can range from technology to entertainment & festivals. 

Here are some interesting Hindi essay topics for class 6 students to practice writing with- 

  • Why is science important? 
  • The benefits of reading newspapers. 
  • The benefits of the internet. 
  • A brief essay on India’s Independence Day. 
  • What is the importance of education? 
  • What is your favorite subject in school? 
  • Who is Mahatma Gandhi ? 
  • Write an essay on your favorite animal. 
  • Write an essay about your family. 
  • Who is your favorite teacher? 

Each of the above Hindi essay topics is designed to allow you the room to explore your creativity and basic Hindi vocabulary. In almost all cases, teachers will give students prompts to help them write essays in Hindi.  

What is a good college essay topic?

In classes 7th and above, you will be encouraged to explore your creativity and connect your thoughts with basic Hindi grammar and sentence formation. While the degree of complexity of the Hindi essay topics is relatively similar to class 6, they may have a larger word count. 

Some of the best Hindi essay topics for class 7 include- 

  • Who is the Missile Man of India? 
  • What are the benefits of yoga? 
  • Write an essay on water pollution. 
  • Write an essay on Christmas.
  • How do you celebrate your birthday? 
  • What is your aim in life? 
  • What is the importance of trees? 
  • Write an essay on your father. 
  • Which is your favorite book and why? 
  • Who is your best friend?

hindi essay for class 6

From class 8 onwards, Hindi essay topics get slightly more challenging and stimulating. 

Here are some of the top Hindi essay topics for class 8 students- 

  • Write an essay on sports. 
  • Write an essay on your favorite holiday. 
  • What is global warming? 
  • How can pollution be managed? 
  • What is your favorite school field trip?
  • Why is exercise important? 
  • Write about your visit to the Taj Mahal. 
  • What are the benefits of yoga?
  • Why are you proud to be an Indian? 

hindi essay for class 6

Some of the best Hindi essay topics for class 9 students are as follows- 

  • Why are examinations important? 
  • Write an essay on nature? 
  • Who is your favorite celebrity and why? 
  • Where did you travel last summer? 
  • Write an essay about yourself. 
  • What are the most important moral values students should learn? 
  • How is life living in the city? 
  • Where do you want to study in the future? 
  • Write an essay on global warming. 

What are the top Hindi essay topics for class 10?  

From class 10 onwards, the Hindi essay topics become slightly more complex. This is primarily because by now, students have a clear understanding and strong vocabulary of the language. 

The top Hindi essay topics for class 10 students are as follows- 

  • Write an essay on raising environmental awareness. 
  • Which is your favorite sport and why? 
  • What are the different monuments in India? 
  • Why are friendships important? 
  • What are the major festivals celebrated in India? 
  • Why is physical fitness important?
  • Who is the ‘Father of Science’? 
  • What pet would you like to adopt? 
  • What do you like about your school?
  • Which is your favorite event conducted in school? 

Depending on the school and board of education, different higher secondary institutions across India focus on refining Hindi language skills further. This is done with intensive training; you will be expected to write essays on different ‌topics. 

Some of the best Hindi essay topics to work on for classes 11th and 12th include- 

  • What is the importance of family? 
  • India – A land of culture and diversity 
  • What are the benefits of technology? 
  • What are the disadvantages of mobile phones? 
  • What are mangroves?
  • What are the causes of pollution ? 
  • Write an essay on National Flag Adoption Day. 
  • Cleanliness is next to Godliness – Explain. 
  • Who is Lal Bahadur Shastri? 
  • Write an essay on Narendra Modi. 
  • Essay writing is an important part of learning a new language, such as Hindi. 
  • Writing an essay in Hindi necessitates a good vocabulary and a strong understanding of the discussed topic. 
  • The above list of popular Hindi essay topics will help you practice your writing skills to the best of your abilities. 

Liked this blog? Let us know in the comments! Click here to reach out to us for more information on Hindi essay topics!

Liked this blog? Read next: My hobby essay | How to write an amazing one!

Q1. What is the basic structure of an essay? 

Answer – The basic structure of an essay includes the introduction, body, and conclusion. 

Q2. How do I deal with writer’s block when writing an essay?

Answer – If you are faced with writer’s block, you can take a quick 5-minute break to reassess your thoughts before trying to write again!  Q3. How many words is a typical essay in Hindi?

Answer – Essays in Hindi typically do not exceed 500 to 600 words.

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hindi essay for class 6

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दशहरा निबंध (Dussehra Essay in Hindi)

दशहरा

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी। लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है।

दशहरा पर 10 वाक्य

दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है।

ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है।

रामलीला का आयोजन

देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और परंपरा अलग-अलग है। कई जगहों पर पूरा दस दिन के लिए मनाया जाता है, मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने सुनाई जाती है साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन 7 दिन या मौसम तक किया जाता है। सारे शहर में रामलीला का आयोजन होता है। राम लीला पौराणिक महाकाव्य, रामायण का एक लोकप्रिय अधिनियम है। ऐसा माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम, राम की परंपरा शुरू की, जो भगवान राम की कहानी के अधिनियम था। उनके द्वारा लिखी गई रामचरितमानस आज तक रामलीला प्रदर्शन का आधार बनाती हैं। रामनगर राम लीला (वाराणसी में) सबसे पारंपरिक शैली में अधिनियमित किया गया है।

विजयदशमी मनाने के पीछे राम लीला का उत्सव पौराणिक कथाओं को इंगित करता है। ये सीता माता के अपहरण के पूरे इतिहास को बताता है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की हार और अंत तथा राजा राम की जीत को दर्शाता है। वास्तविक लोग राम, लक्ष्मण और सीता तथा हनुमान का किरदार निभाते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का पुतला बनाया जाता है। अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाने के लिये रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिये जाते है और पटाखों के बीच इस उत्सव को और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

निबंध 2 (400 शब्द)

दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे उत्साह के साथ पूरे देश में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा लगातार दस दिन तक मनाया जाता है। इसलिये इसे दशहरा कहते है। पहले नौ दिन तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है , दसवें दिन लोग असुर राजा रावण का पुतला जला कर मनाते है। दशहरा का ये पर्व सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के दो या तीन हफ्ते पहले पड़ता है।

हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा के द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है तथा इसमें प्रभु राम और देवी दुर्गा के भक्त पहले या आखिरी दिन या फिर पूरे नौ दिन तक पूजा-पाठ या व्रत रखते है। नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है।

क्यों ना हम पहले आपने अन्दर के रावण को मारें।

“रावण पर विजय पाने के लिए पहले खुद राम बनना पड़ता है”

हम बाहर रावण का पुतला तो जलाते है लेकिन अंदर उसे पोषित करते है। वो तो सतयुग था जिसमें केवल एक रावण था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की। यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण  नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।

ना जाने कई सालों सदियों से पूरे देश में रावण का पुतला हर साल जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण की मृत्यु सालों पहले हो गयी थी तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? आज तो कई रावण हैं। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरों पर चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनको ख़त्म करने के लिए साल में एक दिन काफी नहीं है इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने धनुष से मारा था, आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपनी इच्छा शक्ति से मारना होगा।

ये 10 दिन लंबा उत्सव होता है, जिसमें से नौ दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिये और दसवाँ दिन विजयादशमी के रुप में मनाया जाता है ये असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत के अवसर के रुप में भी मनाया जाता है। इसके आने से पहले ही लोगों द्वारा बड़ी तैयारी शुरु हो जाती है। ये 10 दिनों का या एक महीने का उत्सव या मेले के रुप में होता है जिसमें एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्रों में जाकर दुकान और स्टॉल लगाते है।

Essay on Dussehra in Hindi

निबंध 3 (500 शब्द)

पूरे देश में मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है दशहरा। ये हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में दीपावली के पर्व से 20 दिन पहले आता है। लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को दिखाता है दशहरा। भगवान राम सच्चाई के प्रतीक है और रावण बुराई की शक्ति का। देवी दुर्गा के पूजा के साथ हिन्दू लोगों के द्वारा ये महान धार्मिक उत्सव और दस्तूर मनाया जाता है। इस पर्व को पूरे देश में मनाने की परंपरा और संस्कार क्षेत्र दर क्षेत्र अलग-अलग है। ये पर्व बच्चों के मन में काफी खुशियां लाता है।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयाँ को ख़त्म किया जो हमारे अंदर, पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप में विराजमान है।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

रामलीला मंचन

हर तरफ जगमगाती रोशनी और पटाखों की शोर से गूँजता माहौल। बच्चे और बाकी सभी लोग रामलीला को पूरी रात देखते है। रामलीला मंचन के द्वारा वास्तविक लोग रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते है। हजारों की संख्या में आदमी, औरत और बच्चे रामलीला मैदान में अपने पास के क्षेत्रों से इस उत्सव का आनन्द उठाते है। राम, सीता और लक्ष्मण के किरदार के लिये वास्तविक कलाकार होते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के कागज के पुतले बनाये जाते है।

विजयादशमी एक ऐसा पर्व है, जिसे लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित और लोगों के मन में नई चाह और सात्विक ऊर्जा भी ले आता है। भगवान राम ने कैसे बुराई का अंत कर रावण पर विजय प्राप्त की। और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन पकवान आदि सबके घरों में बनाये जाते है।

निबंध 4 (600 शब्द)

दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण और लंबा उत्सव है। पूरे देश में इसे पूरे उत्साह, प्यार, विश्वास और सम्मान के साथ हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। सभी के द्वारा मस्ती करने के लिये ये वाकई अच्छा समय होता है। दशहरा के उत्सव पर स्कूल और कॉलेजों से भी कुछ दिनों की छुट्टी मिल जाती है। ये पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के 20 दिन पहले पड़ता है। लोगों को इस त्योहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है।

दशहरा से जुड़ी रीती रिवाज और परंपरा

भारत एक ऐसा देश है जो अपनी परंपरा और संस्कृति, मेले और उत्सव के लिये जाना जाता है। यहाँ हर पर्व को लोग पूरे जोश और खुशी के साथ मनाते है। हिन्दू पर्व को महत्व देने के साथ ही इस त्योहार को पूरी खुशी के साथ मनाने के लिये भारत की सरकार द्वारा दशहरा के इस उत्सव पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की जाती है। दशहरा का अर्थ है ‘बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के राजा राम की जीत’। दशहरा का वास्तविक अर्थ दस सर वाले असुर का इस पर्व के दसवें दिन पर अंत है। पूरे देश में सभी लोगों द्वारा रावण को जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवाँ दिन मनाया जाता है।

देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार इस उत्सव को लेकर कई सारी कहानियाँ है। इस उत्सव की शुरुआत हिन्दू लोगों के द्वारा उस दिन से हुई जब भगवान राम ने असुर राजा रावण को दशहरा के दिन मार दिया था (हिन्दू कैलंडर के अश्वयुजा महीने में)। भगवान राम ने रावण को इसलिये मारा क्योंकि उसने माता सीता का हरण कर लिया था और उन्हें आजाद करने के लिये तैयार नहीं था। इसके बाद भगवान राम ने हनुमान की वानर सेना और लक्ष्मण के साथ मिलकर रावण को परास्त किया।

दशहरा का महत्व

दशहरा का पर्व हर एक के जीवन में बहुत महत्व है इस दिन लोग अपने अंदर की भी  बुराइयों को ख़त्म करके नई जीवन की शुरुआत करते है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दशहरा त्यौहार जश्न के रूप में मनाया जाने वाला  त्यौहार है। सबकी जश्न की अपनी मान्यता है किसानों के लिए फसल को घर लाने का जश्न, बच्चों के लिए राम द्वारा रावण के वध का जश्न , बड़ो द्वारा बुराई पर अच्छाई का जश्न, आदि। यह पर्व बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। लोगों का मानना है की इस दिन अगर स्वामी  के पत्तों को घर लाये जाए तो बहुत ही शुभ होता है और इस दिन शुरू किये गए कार्य में जरूर सफलता मिलती है।

विजयादशमी से जुड़ी कथाएं

  • भगवान राम का रावण पर विजय।
  • पांडव का वनवास।
  • माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध।
  • देवी सती का अग्नि में समाना।

दशहरा का मेला

ऐसे कई जगह है जहां दशहरा पर मेला लगता है, कोटा में दशहरा का मेला, कोलकाता में दशहरा का मेला, वाराणसी में दशहरा का मेला, इत्यादि। जिसमें कई दुकानें लगती है और खाने पीने का आयोजन होता है। इस दिन बच्चे मेला घूमने जाते है और मैदान में रावण का वध देखने जाते है।

इस दिन सड़कों पर बहुत भीड़ होती है। लोग गाँवों से शहरों में दशहरा मेला देखने आते है। जिसे दशहरा मेला के नाम से जाना जाता है। इतिहास बताता है कि दशहरा का जश्न महारो दुर्जनशल सिंह हंडा के शासन काल में शुरू हुआ था। रावण के वध के बाद श्रद्धालु पंडाल घूमकर देवी माँ का दर्शन करते हुए मेले का आनंद उठाते है।

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये राजा राम ने चंडी होम कराया था। इसके अनुसार युद्ध के दसवें दिन रावण को मारने का राज जान कर उस पर विजय प्राप्त कर लिया था। अंततः रावण को मारने के बाद राम ने सीता को वापस पाया। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक असुर का वध किया था। हर क्षेत्र के रामलीला मैदान में एक बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है जहाँ दूसरे क्षेत्र के लोग इस मेले के साथ ही रामलीला का नाटकीय मंचन देखने आते है।

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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: March 07, 2024 12:55 pm IST

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  • होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in …

होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  लिखना सीख सकते हैं। 

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व , होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

प्रस्तावना .

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi):  होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं। 

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं। 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें- 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली  का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव 

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां 

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

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hindi essay for class 6

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Essay Writing Topics For Class 6

Essay Writing Topics For Class 6 Format, Examples, Topics, Exercises

Essay writing topics for class 6 in english.

Writing essays is a crucial part of the academic curriculum for students of all ages. As students progress through their academic journey, the complexity and length of essays increase. Class 6 students are typically expected to write essays that are between 500 and 1000 words long. The essays are usually written in a five-paragraph format and include an introduction, three body paragraphs, and a conclusion. In this article, we will discuss some essay writing topics for class 6 students, along with the English Grammar , format, and examples.

Also Read: Essay Writing For Class 8

Format Of Class 6 Essays:

Before we start discussing the essay topics, let’s take a look at the format of class 6 essays.

Introduction:

The introduction should be a brief paragraph that provides an overview of the topic. It should include a thesis statement that tells the reader what the essay is about.

Body Paragraphs:

The body paragraphs should be three in number, and each paragraph should focus on a specific idea related to the topic. Each paragraph should have a topic sentence that introduces the idea and supporting details that explain and support the topic sentence.

Conclusion:

The conclusion should be a summary of the main points discussed in the essay. It should restate the thesis statement and provide a final thought on the topic.

Essay Writing Topics For Class 6:

1. My Favorite Season 2. My Favorite Animal 3. My Best Friend 4. My Favorite Sport 5. My Favorite Food 6. My School Life 7. My Family 8. The Importance of Reading 9. My Favorite Movie 10. My Favorite Book 11. My Hobby 12. My Role Model 13. The Importance of Discipline 14. My Dreams and Aspirations 15. The Importance of Education 16. My Favorite Holiday 17. My Favorite Teacher 18. My Favorite Place 19. My Favorite Subject 20. My Favorite Color

Examples Of Essay Writing Topics For Class 6:

1. My Favorite Season:

My favorite season is winter. I love the cold weather, and I get excited when the first snowfall arrives. I enjoy making snowmen and having snowball fights with my friends. I also love the holidays that come during winter, such as Christmas and New Year’s. During winter break, my family and I like to go skiing, and we have a lot of fun together.

2. My Best Friend:

My best friend’s name is Sarah. We have been friends since kindergarten, and we have a lot in common. We both love animals and enjoy playing video games together. We also enjoy playing soccer and often compete against each other. Sarah is always there for me when I need her, and I feel lucky to have her as my best friend.

3. The Importance of Reading:

Reading is very important because it helps improve our vocabulary and comprehension skills. It also stimulates our imagination and creativity. By reading, we can learn about different cultures and explore new ideas. Reading is also a great way to relax and escape from our daily stresses.

Recommended Reading: Essay Writing Topics For Class 6

Conclusion On Essay Writing Topics For Class 6:

Writing essays is an essential skill for students to develop, and by practicing writing on different topics, students can become better writers. The above essay topics can be a starting point for class 6 students, and by following the essay format, they can write well-structured essays that effectively communicate their ideas.

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