गांधी जयंती पर निबंध (Gandhi Jayanti Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

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गांधी जयंती पर निबंध(Gandhi Jayanti Essay in Hindi) – महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाया जाता है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत की राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक के रूप में घोषित किया गया था, और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था।

उनकी स्मृति में चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। अहिंसक आंदोलन महात्मा गांधी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के प्रयास का जश्न मनाने के लिए इसे लागू किया जाए और पुरस्कृत किया जाए।

आमतौर पर उनकी याद में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन (रघुपति राघव राजा राम) गाए जाते हैं। पूरे भारत में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है और कुछ लोग उस दिन मांस और शराब का सेवन करने से परहेज करते हैं। सार्वजनिक भवन, जैसे बैंक और डाकघर, दिन के लिए बंद रहते हैं।

महात्मा गांधी जयंती निबंध पर 10 लाइन (10 Lines Essay On Mahatma Gandhi Jayanti in Hindi)

  • प्रत्येक वर्ष, 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती को भारत के राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन को हम अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अपनाया है।
  • यह भारत में आधिकारिक तौर पर घोषित छुट्टियों में से एक है।
  • दुनिया भर के लोग उस दिन महात्मा गांधी के योगदानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी शिक्षाओं की प्रशंसा करते हैं।
  • भारत के निवासी, गांधी की मूर्तियों को फूलों से सजाते हैं।
  • राज घाट स्मारक के पास, राजनीतिक दल और लोग राष्ट्रपिता को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होते हैं।
  • विभिन्न स्कूल और कॉलेज महात्मा गांधी की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • महात्मा गांधी ने अहिंसा और शांति का विचार दिया।
  • उन्होंने हमेशा शराब पीने जैसी बुरी आदतों का विरोध किया।
  • उस दिन हम उनकी विचारधारा और शिक्षाओं को याद करते हैं, जो उन्होंने समाज को दी।

गांधी जयंती पर निबंध 100 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 100 words in Hindi)

यह राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी, जिन्हें बापू भी कहा जाता है) की जयंती है। गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को पूरे भारत में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाई जाती है। यह स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, समुदायों, समाज और अन्य स्थानों में कई उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों का आयोजन करके मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन, पूरे भारत में सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, कंपनियां आदि बंद रहते हैं लेकिन इसे बड़े उत्साह और ढेर सारी तैयारियों के साथ मनाया जाता है।

गांधी जयंती पर निबंध 150 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 150 words in Hindi)

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। यह दिन उनकी जयंती का प्रतीक है। गांधी जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हम इस दिन को देश के लिए किए गए उनके बलिदान की याद में मनाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। सत्याग्रह प्रसिद्ध आंदोलनों में से एक था। भारत छोड़ो आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन अन्य दो प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण आंदोलन हैं जिन्होंने हमें 1947 में आजादी दिलाई।

इस दिन, कई छात्र लोगों को अहिंसा का संदेश देने वाले नाटक करते हैं। कई छात्र उनकी जयंती को चिह्नित करने के लिए इस दिन देशभक्ति के गीत गाते हैं। कई छात्र गांधीजी और उनकी शिक्षाओं के विषय पर पेंटिंग करते हैं। यह दिन देशभक्ति के उत्साह में डूबा हुआ है और हम उनकी बुद्धिमान शिक्षाओं को याद करते हैं- “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो”। इस दिन उनके जीवन पर केन्द्रित कई फिल्में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर प्रसारित की जाती हैं। जल्द ही हम हिंदी, मलयालम में गांधी जयंती पर पैराग्राफ अपडेट करेंगे।

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गांधी जयंती पर निबंध 200 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 200 words in Hindi)

गांधी जयंती प्रत्येक 2 अक्टूबर को पड़ती है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। मोहनदास करमचंद गांधी अपने शिक्षण में अहिंसा का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। स्वदेशी और सत्याग्रह सहित उनके विभिन्न आंदोलन अहिंसा की उनकी धारणाओं पर आधारित थे।

वह बहुत पहले से ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा में विश्वास करते थे और इसलिए उन्होंने अपने साथी लोगों को चरखे के रूप में जाने जाने वाले हाथ के पहिये के माध्यम से कपड़े बुनने के लिए कहा। उन्होंने खादी के कपड़े पहने और विदेशी उत्पादों को त्याग दिया। वे न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसे सामाजिक कलंक को दूर किया। उन्होंने तत्कालीन अछूतों को हरिजन या ईश्वर की संतान का नाम दिया।

उनकी शिक्षाओं को चिह्नित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पूरे काउंटी में गांधी जयंती पूरे दिल से मनाई जाती है। विभिन्न छात्र ‘अहिंसा’ या अहिंसा और स्वदेशी आंदोलन की शिक्षाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नाटकों और नुक्कड़ नाटकों में अभिनय करते हैं। छात्र इस दिन पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते हैं और उनकी तस्वीरें भी बनाते हैं।

उनके सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहते हैं। सिद्धांत और छात्र उनकी शिक्षाओं पर भाषण देते हैं। फिल्मों का प्रसारण उनके जीवन पर केन्द्रित होता है। अन्य नेताओं के साथ-साथ उनके अथक प्रयासों के कारण ही आज हम अपने देश में खुलकर सांस ले सकते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 250 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 250 words in Hindi)

गांधी जयंती भारत में हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और कॉलेज, स्कूल और कार्यालय बंद रहते हैं।

गांधी जयंती कैसे मनाई जाती है?

गांधी जयंती को राष्ट्रपिता और सत्य और अहिंसा के साथ उनके प्रयोग के प्रति बहुत सम्मान के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में कई स्थानों पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता और अन्य जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गांधी जयंती दक्षिण अफ्रीका में भी मनाई जाती है, जहां गांधी जी ने भारतीयों और मूलनिवासी अश्वेतों के अधिकारों की वकालत करते हुए 21 साल तक लड़ाई लड़ी। दुनिया के अन्य हिस्सों में भारतीय दूतावासों में विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महात्मा गांधी की जन्म तिथि, 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति और अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया, जिसे पूरे विश्व में मनाया जाता है।

गांधी जयंती का महत्व

अपने पूरे सार्वजनिक जीवन में, महात्मा गांधी ने दैनिक गतिविधियों और आचरणों में सख्त अनुशासन का अभ्यास किया था। उन्हें अपनी नीतियों पर अगाध विश्वास था, जो जनता में भी परिलक्षित होता था। वह एक महानायक थे जिन्होंने दुनिया को दमन और अन्याय से लड़ने के लिए एक नया हथियार दिया – “असहयोग”। सत्य, अहिंसा और असहयोग की उनकी संयुक्त नीतियां जनता के बीच एक त्वरित हिट थीं। उनका जन्मदिन मनाना और उनके मूल्यों को याद रखना हमें एक समाज और एक राष्ट्र के रूप में और अधिक विकसित होने में मदद करता है।

गांधी जयंती एक राष्ट्रीय त्योहार है जब राष्ट्र अपने महान योद्धा को याद करता है जिन्होंने लाखों लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश को अंग्रेजों के दमनकारी शासन से मुक्त कराया।

गांधी जयंती पर निबंध 300 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 300 words in Hindi)

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1969 को हुआ था। हम उनकी जयंती और हमारे देश को ब्रिटिश राज के चंगुल से मुक्त कराने के उनके प्रयासों को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती मनाते हैं। राष्ट्रपिता के रूप में भी जाने जाने वाले, उन्होंने अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने और ‘भारत’ के सार को बनाए रखने के लिए विभिन्न आंदोलनों में अपना योगदान दिया है। अहिंसा और सादा जीवन उनके दो बुनियादी सिद्धांत थे जिनका उन्होंने पालन किया।

अफ्रीका में कानून की शिक्षा प्राप्त एक व्यक्ति अपने देशवासियों को आजाद कराने के लिए भारत लौटा। सिर्फ एक धोती पहने, उसे एक जोड़ी गिलास और एक छड़ी के साथ जोड़कर, वह साथी भारतीयों के साथ नमक निकालने और ब्रिटिश उपनिवेशों को यह दिखाने के लिए मीलों पैदल चलकर दांडी गए कि हमारे पास अपार शक्तियाँ हैं। सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रचारक, उन्होंने अपने देशवासियों को अस्पृश्यता जैसी तत्कालीन मौजूदा सामाजिक बुराइयों से भी मुक्त कराया।

वह आत्मनिर्भरता में विश्वास करते थे और इसलिए अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कपड़े पहनने के बजाय अपने खुद के कपड़े बुनने की अवधारणा को बढ़ावा दिया। इसने भारतीय महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया, इसलिए उन्हें मुक्ति मिली।

भारत इस तरह गांधी जयंती मनाता है:

  • स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बच्चों और लोगों को उनके योगदान से अवगत कराने के लिए नाटकों, नृत्य प्रदर्शनों, भाषणों और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
  • सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहे।
  • राजघाट, नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है।
  • उनके जीवन को दर्शाने वाली फिल्में टेलीविजन पर प्रसारित की जाती हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र ने अहिंसा में अपने विश्वास को चिह्नित करने के लिए 2 अक्टूबर को अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया है।

गांधी जी ने हमें आत्मनिर्भरता, ईमानदारी और अहिंसा का महत्व सिखाया। छात्र उनके पसंदीदा भजन- ‘रघुपति राघव’ को गाने के अलावा विधानसभाओं में इसका पालन करने की शपथ लेते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 500 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 500 words in Hindi)

गांधी जयंती एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जिसका उत्सव भारत में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। सबसे उल्लेखनीय, यह त्यौहार मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती मनाता है। इसके अलावा, गांधी जयंती भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया गया है। त्योहार निश्चित रूप से भारत में एक महत्वपूर्ण अवसर है।

महात्मा गांधी का जन्म ब्रिटिश शासन के तहत भारत में हुआ था। वह निश्चित रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे प्रमुख व्यक्ति थे। महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके निरंतर सर्वोपरि प्रयासों के कारण था।

गांधी का व्यापारी वर्ग का परिवार था। यह आत्मविश्वासी व्यक्ति 24 वर्ष की आयु में दक्षिण अफ्रीका चला गया। वह वहां कानून की पढ़ाई करने गया था। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से उनकी वापसी हुई। फिर वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। अपने अथक परिश्रम के कारण वे जल्द ही कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए।

महात्मा गांधी के प्रयास केवल भारतीय स्वतंत्रता तक ही सीमित नहीं थे। मनुष्य ने विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों से भी संघर्ष किया। ये सामाजिक बुराइयाँ अस्पृश्यता, जातिवाद, स्त्री अधीनता आदि थीं। इसके अलावा, उन्होंने गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए।

महात्मा गांधी को भारत में ब्रिटिश शासन के प्रति घोर अरुचि थी। हालांकि, वह हिंसा के रास्ते के पक्ष में नहीं थे। गांधी अहिंसा (अहिंसा) के दर्शन में सख्ती से विश्वास करते थे। नतीजतन, उस व्यक्ति ने शांतिपूर्ण तरीके से ब्रिटिश शासन का विरोध किया। इसके अलावा, गांधी के शांतिपूर्ण विरोध और आंदोलन अत्यधिक प्रभावी थे। उनके तरीके और योजनाएँ बहुत कुशल थीं। अपनी अविश्वसनीय प्रभावशीलता के कारण, गांधीजी अन्य विश्व नेताओं के लिए प्रेरणा बन गए। एक बार फिर, गांधी को महात्मा की एक और उपाधि से सम्मानित किया गया। महात्मा शब्द का अर्थ महान आत्मा है। उनके जन्मदिन को शानदार स्मरण और उत्सव के दिन में बदल दिया गया।

महात्मा गांधी की स्मृति

सबसे पहले, गांधी जयंती और कुछ नहीं बल्कि महात्मा गांधी की एक भव्य स्मृति है। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत के राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। देशभक्ति के इस अवसर का उत्सव हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में आयोजित किया जाता है।

गांधी जयंती के अवसर पर प्रार्थना सेवा और श्रद्धांजलि होती है। ये प्रार्थना सेवाएं और श्रद्धांजलि पूरे देश में होती हैं। इसके अलावा, गांधी जयंती पर विभिन्न प्रार्थना सभाएं और स्मारक समारोह भी होते हैं। ये आयोजन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी संस्थानों में होते हैं। खास बात यह है कि इस तरह के आयोजनों में हर तबके के लोग हिस्सा लेते हैं।

जगह-जगह चित्रकला, निबंध आदि की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। इसके अलावा, ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कारों का वितरण होता है। कई स्कूलों और कॉलेजों में छात्र महात्मा गांधी के जीवन पर वृत्तचित्र और प्रदर्शन भी देखते हैं। नतीजतन, युवाओं के बीच अहिंसक जीवन शैली को बढ़ावा मिल रहा है। गांधीजी के पसंदीदा भजन (हिंदू भक्ति गीत) के गायन कार्यक्रम भी हैं। एक अन्य अनुष्ठान गांधी प्रतिमाओं को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। अंत में, कुछ व्यक्ति गांधी जयंती पर मांस खाने या शराब पीने से बचते हैं।

गांधी जयंती महात्मा गांधी के महान व्यक्तित्व का सम्मान करती है। यह इस महान व्यक्तित्व के जीवन को प्रतिबिंबित करने और संजोने का अवसर है। इसके अलावा, सभी को इस दिन उनकी तरह जीने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत में एक बहुत ही देशभक्ति का दिन है।

गांधी जयंती निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

Q.1 गांधीजी ने अपने प्रथम सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया था.

उत्तर. गांधीजी ने अपना पहला सत्याग्रह 1906 में दक्षिण अफ्रीका में प्रयोग किया।

Q.2 महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे?

उत्तर. लियो टॉल्स्टॉय महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु थे।

Q.3 हम अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाते हैं?

उत्तर. अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2 अक्टूबर को गांधीजी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

Q.4 गांधीजी को किस विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना दिवस पर आमंत्रित किया था?

उत्तर. गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के लिए बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था।

Q.5 गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे थे?

उत्तर. गांधीजी 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और इस दिन को प्रवासी भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Q.6 आरबीआई द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंक नोट कब जारी किए गए थे?

उत्तर. 1996 में RBI द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंकनोट जारी किए गए थे।

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गाँधी जयंती निबंध (Gandhi Jayanti Essay in Hindi)

गाँधी जयंती

हर वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाने वाला कार्यक्रम गाँधी जयंती, महात्मा गाँधी का जन्म दिवस भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों में से एक है। गाँधी के व्यापक जीवन को समझने के लिये हम यहाँ पर सरल और आसान शब्दों में स्कूल जाने वाले विद्यार्थीयों और छोटे बच्चों के लिये विभिन्न शब्द सीमाओं तथा अलग-अलग कक्षा के बच्चों के लिये निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। इसका प्रयोग विद्यार्थी किसी भी स्कूल प्रतियोगिता, निबंध लेखन या किसी भी अन्य अवसर के लिये कर सकते है।

गांधी जयंती पर 10 वाक्य

गाँधी जयंती पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Gandhi Jayanti in Hindi, Gandhi Jayanti par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में गाँधी जयंती पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 शब्द)

मोहनदास करमचन्द गाँधी के जन्म दिवस को चिन्हित करने के लिये 2 अक्टूबर को हर वर्ष पूरे भारत में मनाये जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश है गाँधी जयंती। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है।

ये उपाधि उन्हें आधिकारिक रुप से प्राप्त नहीं है क्योंकि किसी को भी राष्ट्र के पिता के रुप में स्थान देना भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को घोषित किया गया। गाँधी जयंती पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में जबकि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में को मनाया जाता है।

इस दिन पूरे देशभर में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इसे पूरे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। ये भारत (स्वत्रंता दिवस-15 अगस्त, गणतंत्र दिवस-26 जनवरी) के 3 में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है। नई दिल्ली में गाँधी स्मारक (दाह संस्कार) पर राजघाट पर सरकारी अधिकारियों के द्वारा श्रद्धांजलि, प्रार्थना सेवा के रुप में जैसे कुछ महत्वपूर्णं गतिविधियों सहित इसे चिन्हित किया जाता है।

दूसरे क्रियाकलाप जैसे प्रार्थना, सभा, स्मरणीय समारोह, नाट्य मंचन, भाषण व्याख्यान (अहिंसा के विषय-वस्तु पर, शांति की स्तुति करना तथा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गाँधी के प्रयासों पर), निबंध लेखन, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता पाठ आदि स्कूल, कॉलेज, स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में होते है। गाँधी जयंती के दिन किसी भी प्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को सबसे श्रेष्ठ ईनाम दिया जाता है। सामान्यत: इस दिन उत्सव मनाने के दौरान गाँधी का सबसे प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया जाता है।

निबंध 2 (300 शब्द)

तीसरे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में हर साल गाँधी जयंती को मनाया जाता है। महात्मा गाँधी जन्म दिवस पर को उनको श्रद्धांजलि देने के लिये पूरे देश के भारतीय लोगों द्वारा 2 अक्टूबर को इसे मनाया जाता है। गाँधी देश के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है। वो एक देशभक्त नेता थे और अहिंसा के पथ पर चलते हुए पूरे देश का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया। उनके अनुसार, ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की लड़ाई जीतने के लिये अहिंसा और सच्चाई ही एकमात्र हथियार है। वह कई बार जेल भी गये हालाँकि देश को आजादी मिलने तक उन्होंने अपने अहिंसा आंदोलन को जारी रखा। वह हमेशा सामाजिक समानता में भरोसा रखते थे इसीलिये अस्पृश्यता के घोर खिलाफ थे।

सरकारी अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में गाँधीजी की समाधि या राजघाट पर बहुत तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। राजघाट के समाधि स्थल को फूलों की माला तथा फूलों से सजाया जाता है तथा इस महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है। इसे पूरे देशभर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थीयों के द्वारा खासतौर से राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

महात्मा गाँधी के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाट्य ड्रामा, कविता व्याख्यान, गायन, भाषण, निबंध लेखन तथा दूसरी प्रतियोगिता में भाग लेना जैसे प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता आदि के द्वारा विद्यार्थी इस उत्सव को मनाते है। उनकी याद में विद्यार्थीयों के द्वारा गाँधी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” भी गाया जाता है। इस दिन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र को पुरस्कृत किया जाता है। वह बहुत सारे राजनीतिक नेताओं खासतौर से देश के युवाओं के लिये प्रेरणादायी और अनुकरणीय व्यक्ति है। दूसरे महान नेता जैसे मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, जेम्स लॉसन आदि महात्मा गाँधी की अहिंसा और स्वतंत्रता की लड़ाई के लिये शांतिपूर्ण तरीकों से प्रेरित हुए।

निबंध 3 (400 शब्द)

गाँधी जयंती एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष मनाया जाता है। पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी इसे मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गाँधी जयंती को घोषित किया गया है। मोहनदास करमचन्द गाँधी (2 अक्टूबर 1869 में जन्म) के जन्म दिवस को याद करने के लिये पूरे देश में गाँधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है। उनके भारतीय स्वतंत्रता के लिये किये गये अहिंसा आंदोलन से आज भी देश के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ देशी तथा विदेशी युवा नेता भी प्रभावित होते है।

पूरे विश्व में बापू के दर्शन, अहिंसा में भरोसा, सिद्धांत आदि को फैलाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गाँधी जयंती को मनाने का लक्ष्य है। विश्वभर में लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये उचित क्रियाकलापों पर आधारित विषय-वस्तु के द्वारा इसे मनाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता में उनके योगदानों और महात्मा गाँधी के यादगार जीवन को समाहित करता है गाँधी जयंती। इनका जन्म एक छोटे से तटीय शहर (पोरबंदर, गुजरात) में हुआ था, इन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिये समर्पित कर दिया जो आज के आधुनिक युग में भी लोगों को प्रभावित करता है।

इन्होंने स्वराज्य प्राप्ति, समाज से अस्पृश्यता को हटाने, दूसरी सामाजिक बुराईयों को मिटाने, किसानों के आर्थिक स्थिति को सुधारने में, महिला सशक्तिकरण आदि के लिये बहुत ही महान कार्य किये है। ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्ति में भारतीय लोगों की मदद के लिये इनके द्वारा 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आदि आंदोलन चलाये गये। अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिये उनका भारत छोड़ो आंदोलन एक आदेश स्वरुप था। हर वर्ष पूरे देश में विद्यार्थी, शिक्षक, सरकारी अधिकारियों आदि के द्वारा गाँधी जयंती को बहुत ही नये तरीके से मनाया जाता है। सरकारी अधिकारियों के द्वारा नई दिल्ली के राजाघाट पर गाँधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर, उनका पसंदीदा भक्ति गीत “रघुपति राघव राजा राम” गाकर तथा दूसरे रीति संबंधी क्रियाकलापों के साथ इसे मनाया जाता है।

यह हर साल स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं आदि में मनाया जाने वाला देश के 3 राष्ट्रीय अवकाशों(स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस बाकी के दो) में से एक है। भारत के इस महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, बैंक आदि बंद रहते है। गाँधी जयंती मनाने के द्वारा हमलोग बापू और उनके महान कार्यों को याद करते हैं। विद्यार्थियों को महात्मा गाँधी के जीवन और उनके कार्यों से संबंधित बहुत सारे कार्य दिये जाते हैं जैसे कविता या भाषण पाठ, नाट्य मंचन करना, निबंध लेखन, नारा लेखन, समूह चर्चा आदि।

Gandhi Jayanti Essay

निबंध – 4 (600 शब्द)

सविनय अवज्ञा का अर्थ नागरिक कानूनो की अवज्ञा करना अर्थात उन्हें ना मानना होता है। सविनय अवज्ञा के तहत प्रदर्शनकारियों द्वारा अपनी मांगो के लिए अंहिसा पूर्वक आंदोलन किया जाता है। महात्मा गांधी ने भी शांति पूर्वक ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा करते हुए आंदोलन किया था। उन्होंने अंग्रेजी सरकार के कई कठोर अधिनियमों और कानूनो के खिलाफ सविनय अवज्ञा के कई आंदोलन किए। यह गांधी जी के अवज्ञा आंदोलन ही थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को भारतीय जनता के संयुक्त शक्ति का एहसास कराया और देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया।

महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन

गाँधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का उपयोग भारत से ब्रिटिश शासन को उखाड़ने के लिए किया। उनका मानना था कि अंग्रेज भारत में शासन करने में इसलिए सफल रहे, क्योंकि उन्हें भारतीयों का सहयोग मिला। गांधी जी के अनुसार अंग्रेजों को प्रशासन चलाने के अलावा अन्य कई आर्थिक और व्यापारिक कार्यों में भारतीयों के सहयोग की आवश्यकता थी। इसलिए गाँधी जी भारतीय नागरिकों से अंग्रेजी उत्पादों का पूर्ण तरीके से बहिष्कार करने की अपील की।

सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य कारण

साइमन कमीशन और रोलेट एक्ट जैसी ब्रिटिश सरकार की क्रूर नीतियों के कारण महात्मा गाँधी के पूर्ण स्वराज के सपने को एक गहरा धक्का लगा। इसके साथ ही अंग्रेजी सरकार भारत को डोमिनयन स्टेटस देने के भी पक्ष में नही थी। इन्हीं सब  बातो के विरोध को लेकर गांधी जी ने पहले ही अंग्रेजी सरकार को चेतावनी दे दी थी, कि यदि भारत को पूर्ण स्वतंत्रता नही मिली तो अंग्रेजी हुकूमत को सामूहिक नागरिक अवज्ञा का सामना करना पड़ेगा। इन्हीं सब राजनैतिक और समाजिक कारणों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को जन्म दिया।

महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन का उदय

सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत 1919 में असहयोग आंदोलन के साथ जलियावाला बांग कांड के विरोध में हुई थी। नमक सत्याग्रह के बाद इसे काफी प्रसिद्धि मिली। महात्मा गाँधी द्वारा शुरु की गयी नमक सत्याग्रह या दांडी यात्रा को हम इसका आरंभ भी कह सकते हैं। नमक सत्याग्रह की यह यात्रा 26 दिन तक चली थी, यह यात्रा 12 मार्च 1930 से शुरु होकर 6 अप्रैल 1930 को दांडी के एक तटीय गाँव में समाप्त हुई थी।

देखते ही देखते इसने एक बड़े अवज्ञा आंदोलन का रुप ले लिया और लोगो ने अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाये हुए कानून को चुनौती देने के लिए भारी मात्रा में खुद से नमक बनाना शुरु कर दिया। हांलाकि इस आंदोलन के फलस्वरुप काफी ज्यादे संख्या में लोगो के गिरफ्तारियां की गई, फिर भी इस अंग्रेजी हुकूमत इस आंदोलन को रोकने में असमर्थ रही।

इस आंदोलन के कारण लोगो ने अंग्रेजी वस्तुओं का विरोध शुरु कर दिया और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को अधिक महत्व देने लगे। इसके साथ ही पूरे देश भर में लोगो ने अंग्रेजी वस्त्रों को जलाना शुरु कर दिया तथा किसानों ने अंग्रेजी सरकार को कर चुकाने से भी मना कर दिया। इन सब कार्यों ने अंग्रेजी हुकूमत को झकझोर के रख दिया।

इसके साथ ही गांधी जी के आदेश पर अपने विरोध की आवाज और बुलंद करने के लिए लोगो ने अंग्रेजी प्रशासन के महत्वपूर्ण ओहदों से इस्तीफा देना शुरु कर दिया। जिससे की शिक्षकों, सैनिकों और महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदो पर कार्यरत लोगो ने देश भर हो रहे, इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए अपने पदो से इस्तीफा दे दिया। औरतो ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, ऐसा पहली बार देखने को मिला जब महिलाओं ने इतनी बड़ी संख्या में किसी आंदोलन में हिस्सा लिया हो।

सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रभाव

सविनय अवज्ञा आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की नीव हिलाकर दी और उसे आर्थिक तथा प्रशासनिक स्तर पर काफी बड़ा झटका दिया। अंग्रेजी उत्पादों के बहिष्कार ने ब्रिटेन से आयात होने वाले उत्पादों को काफी बड़े स्तर पर प्रभावित किया, जिससे अंग्रेजी वस्त्रों और सिगरेट का आयात घटकर आधा हो गया। इसके साथ ही लोगो ने सरकार को कर देने से मना कर दिया और नमक के उत्पादन का कार्य भी शुरु कर दिया, जिससे कि ब्रिटिश सरकार को आर्थिक रुप से काफी क्षति पहुंची। 8 अगस्त 1942 को शुरु हुआ यह आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत में आखरी कील बना। जिससे अंग्रेजो को अंततः द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात भारत को स्वतंत्रता देने के लिए राजी होना पड़ा।

सविनय अवज्ञा आंदोलन वह अंहिसक आंदोलन था, जिसमें रक्त का एक कतरा भी नही बहा, फिर भी इसने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाया। वह महात्मा गांधी ही थे, जिनके कारण भारतीय स्वाधीनता संग्राम को अंतरराष्ट्रीय मंच मिला और उनके इस दृढ़ संकल्प तथा इच्छा शक्ति का लोहा पूरे विश्व ने माना। उन्होंने विश्व को अंहिसा की शक्ति दिखाई और लोगो को यह समझाया कि हर लड़ाई हिंसा से नही जीती जा सकती, बल्कि की कुछ लड़ाईया बिना खून की एक भी बूंद बहाये अंहिसा के मार्ग पर चलकर भी जीती जा सकती है।

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गाँधी जयंती पर निबंध (Essay On Gandhi Jayanti In Hindi)

गाँधी जयंती पर निबंध (Essay On Gandhi Jayanti In Hindi)

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गाँधी जयंती पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Gandhi Jayanti In Hindi)

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महात्मा गाँधी भारत के वो महान योद्धा थे, जिन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर लोगों को चलने की प्रेरणा दी है और इसी सत्य और अहिंसा के रास्ते को अपनाकर देश की आजादी में कई अहम भूमिका निभाई है। उनके इस अहम योगदानों को याद करते हुए हर साल उनके जन्म दिवस पर यानी कि 2 अक्टूबर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गाँधी जयंती मनाई जाती है। गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिला में हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतली बाई था। भारत में गाँधी जयंती हर साल बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है और यह देश के महत्वपूर्ण राष्ट्रिय कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। पूरे भारत में गाँधी जी को राष्ट्रपिता और बापू का दर्जा दिया गया है और यह दिवस उनके द्वारा किए गए बलिदानों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस गाँधी जी द्वारा दी गई सीख को याद करने और उनका पालन करने के लिए मनाया जाता है। गाँधी जी एक अहिंसावादी इंसान थे और उन्हें सत्य की राह पर चलना पसंद था क्योंकि उनका मानना था इस रास्ते पर देर से ही सही लेकिन सफलता जरूर मिलेगी। इस लेख में गाँधी जयंती से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में जानकारी मिलेगी और छात्रों को निबंध लिखने में मदद मिल सकेगी।

महात्मा गाँधी के संघर्षों और कार्यों की कहानियां हर किसी ने सुनी है और भारत में उन्हें याद करते हुए हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है। ऐसे में यदि आपके बच्चे को गाँधी जयंती के बारे में जानना है या निबंध लिखने में मदद चाहिए तो वह नीचे दी गई 10 लाइनों की सहायता ले सकता है।

  • हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है।
  • इस दिन को गाँधी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • 2 अक्टूबर को गाँधी जी के संघर्षों और बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए जयंती मनाई जाती है।
  • गाँधी जी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते थे और दूसरों को भी इसे अपनाने की शिक्षा देते थे।
  • यह अहिंसा के पुजारी थे और 2 अक्टूबर को पूरा विश्व अहिंसा का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाता हैं।
  • देशवासियों के बीच गाँधी जी बापू, राष्ट्रपिता के नाम से प्रसिद्ध हैं।
  • महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है।
  • महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
  • हर साल दिल्ली के राजघाट में गाँधी जयंती धूम-धाम से मनाया जाता है।
  • इस दिन महात्मा गाँधी के स्मारक के आगे प्रार्थना सभा की जाती है।

महात्मा गाँधी ने हमारे देश के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और लोगों को सच्चाई की राह में चलने के प्रोत्साहित किया है। गाँधी जयंती जैसे अहम महोत्सव में उनके कार्यों को याद करते हुए आप निबंध लिखना चाहते हैं या फिर अपने बच्चे को गाँधी जयंती के महत्व को समझाना चाह रहे हैं तो नीचे कम शब्दों में दिए गए निबंध की मदद जरूर ले सकते हैं।

भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन देश के महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी ने गुजरात के पोरबंदर में जन्म लिया था। महात्मा गाँधी के पिता का नाम करम चंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इसलिए महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी था। अंग्रेजों से आजादी दिलाने के संघर्ष में महात्मा गाँधी का अहम योगदान रहा है और इसलिए उनको याद करने और श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्र अवकास घोषित किया जाता है। गाँधी जी ने हमेशा से अहिंसा और सत्य की राह चुनी थी और वह लोगों से भी इसी मार्ग पर चलने का आग्रह करते थे। गाँधी जी का मानना था कि हिंसा से किसी का भी भला नहीं होता है और यदि हम अहिंसा और सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं तो हमें सफलता देर से ही सही लेकिन जरूर मिलेगी। गाँधी ने समाज में हर वर्ग, जाती, लिंग आदि सबको एक समान दर्जा देने का शुरू से आग्रह किया है। भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ इन्होंने कई अहम आन्दोलनों की शुरुआत की थी, जिसकी वजह से वह कई बार जेल भी जाकर आए हैं। यह दिन गाँधी जी भक्तों के लिए बेहद अहम क्योंकि वह गाँधीवाद का पालन आज भी कर रहे हैं। हर साल गाँधी जी को श्रद्धांजलि देने के उपलक्ष्य में दिल्ली के राजघाट में गाँधी जयंती बहुत धूम-धाम से मनाई जाती है। गाँधी जी स्मारक के सामने प्रार्थना सभा होती है जिसमे देश के प्रधानमंत्री के साथ अन्य मंत्री मंडल मौजूद होते हैं। गाँधी जी को याद करते हुए लोग रघुपति राघव राजा राम गीत गाते हैं। भारत में हर विद्यालय और दफ्तर में गाँधी जयंती मनाते हैं। गाँधी जी द्वारा किए गए कार्यों और बलिदानों का याद करते हुए यह दिन खुशी के साथ मनाया जाता है।

गाँधी जयंती पर निबंध

देश में कई राष्ट्रीय त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमे हम भारत के सभी वीरों को याद करते हैं। ऐसे ही गाँधी जयंती महात्मा गाँधी के जन्म दिवस के दिन मनाई जाती है। इस दिन सभी लोग बापू की वीरता और उनके भारत के लिए किए गए बलिदानों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। स्कूल और दफ्तर में वैसे तो राष्ट्रीय अवकास होता है लेकिन उसके पहले ही इसे मनाया जाता है। गाँधी जी लड़ाई लड़ने के लिए हिंसा का साथ नहीं लिया और सच्चाई के मार्ग पर चलते रहें। हमारे देश के राष्ट्रपिता के लिए ये दिन बहुत खास तरीके से मनाया जाता है। यदि आप भी गाँधी जयंती पर अच्छे निबंध की तलाश कर रहे हैं तो 400-500 शब्दों में सिमित नीचे दिए गए निबंध पर पढ़कर और अपने शब्दों में एक बेहतरीन निबंध लिख सकते हैं।

गाँधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन महात्मा गाँधी ने गुजरात के पोरबंदर जिले में जन्म लिया था और उनके जन्म दिवस को खास बनाने और उन्हें याद करने के लिए यह दिन चुना गया था। गाँधी जयंती मनाने का मुख्य कारण महात्मा गाँधी द्वारा देश को आजादी दिलाने के पीछे किए गए संघर्षों, बलिदानों और अहम योगदानों को याद किया जाये। अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए गाँधी जी ने कई आंदोलन भी किए और परिणाम स्वरूप वह कई बार जेल भी जा चुके थे। अहिंसा के रास्ते पर चलना उन्हें पसंद था इसलिए लोग उन्हें अहिंसा के पुजारी भी कहते थे। इसी रास्ते को अपनाकर उन्होंने भारत को आजादी दिलाई है। उनके इसी संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए है हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाई जाती है।

महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में कई आंदोलन शुरू किए थें, क्योंकि गाँधी जी हमेशा से अहिंसा के मार्ग में चलते रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने अपनी लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलनों का सहारा लिया था। यह रहे कुछ प्रमुख आंदोलन-

  • चंपारण सत्याग्रह आंदोलन
  • खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन
  • असहयोग आंदोलन
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन
  • भारत छोड़ो आंदोलन

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गाँधी है और उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सभी देशवासी उन्हें राष्ट्रपिता और बापू के नाम से भी संबोधित करते हैं। महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के शासन से आजादी दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किए हैं और अपना पूरा जीवन आजादी की लड़ाई में बिता दिया। गाँधी जी शुरुआत से ही अहिंसा और सत्य की राह पर चलने के लिए प्रेरणा देते थें। क्योंकि वह नए भारत का निर्माण बिना किसी हिंसा के करना चाहते थें। गाँधी जी कहना था कि “अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है। समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को समान दर्जा और अधिकार मिलना चाहिए भले ही उनका लिंग, धर्म, रंग या जाति कुछ भी हो।” इसलिए गाँधी जयंती का महत्व हमें यह समझाता है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आ जाएं व्यक्ति को हमेशा अहिंसा और सत्य का मार्ग ही चुनना चाहिए और गाँधी जी के सिद्धांतों का पालन बकर्ण चाहिए।

गाँधी जी आयरिश लहजे में अंग्रेजी बोलते थे क्योंकि उनके पहले शिक्षक आयरिश थे। गाँधी जी को पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, लेकिन उन्हें एक बार भी जीत हासिल नहीं हुई। 2 अक्टूबर को गाँधी जी अलावा, लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्मदिन होता है। देश के बाहर 48 और देश भर में कुल 53 सड़कों का नाम गाँधी जी के नाम पर रखा गया है। महात्मा गाँधी के जन्मदिन को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। गाँधी ने पहले भारतीय थें जिन्होंने टाइम मैगजीन में भी जगह बनाई और उन्हें1930 में मैन ऑफ द ईयर का खिताब मिला।

भारत की आजादी में महात्मा गाँधी का अहम योगदान रहा है। उन्होंने हमेशा से लोगों को अहिंसा और सत्य की राह पर चलना सिखाया है। उनका हमेशा से मानना था कि हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता है। इस निबंध से आपके बच्चे को गाँधी जयंती मनाई जाने की अहमियत समझ आएगी और वो भी बड़ा होकर गाँधी वाद अपना सकता है।

1. महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता का खिताब किसने दिया था?

सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता का खिताब दिया था।

2. गाँधी जी को महात्मा का खिताब कहा से मिला था?

महात्मा गाँधी को महान लेखक रविंद्र नाथ टैगोर ने महात्मा का खिताब दिया था।

3. महात्मा गाँधी के गुरु कौन थे?

महात्मा गाँधी के गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे।

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गांधी जयंती पर इन 5 प्वाइंट्स की मदद से लिखें निबंध, हर कोई होगा मुरीद !

Gandhi jayanti essay in hindi: गांधी जयंती हर वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन भारत के राष्ट्रपिता के नाम से प्रसिद्ध महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। इस मौके पर स्कूलों में कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। साथ ही कई अन्य तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।.

  • 2 अक्टूबर, 2023 को महात्मा गांधी की 154वीं जयंती समारोह है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती भारत हर साल 2 अक्टूबर को मानाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' घोषित किया है। गांधी जी का पसंदीदा भजन, रघुपति राघव राजा राम भी इस 2 अक्टूबर को बजाया जाता है।
  • इस दिन महात्मा गांधी की स्टैच्यू, सड़कों और बापू के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण स्थानों (साबरमती आश्रम, उनके दाह संस्कार का स्थान और बहुत कुछ) को मालाओं, कंफ़ेटी और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया गया है।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त करने में बापू के योगदान को याद करने के लिए यह दिन पूरे देश में मनाया जाता है। उन्होंने हमें आत्मनिर्भरता, साहस, अहिंसा, सादगी, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा का पाठ पढ़ाया।
  • महात्मा गांधी ने कहा था, "ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो।" ऐसे सीखें जैसे कि आप हमेशा जीवित रहेंगे”, ऐसे में इस गांधी जयंती पर हम सभी ऐसे व्यक्ति बनें, ताकि उनका सपना साकार हो सकें।

नीरज कुमार

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गांधी जयंती पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - गांधी जयंती राष्ट्रीय पर्व के रूप में - गांधी जी में अद्भुत नेतृत्व शक्ति - हरिजन सेवा संघ की स्थापना - हिंदू-मुस्लिम एकता - सत्य-अहिंसा का मार्ग - गांधी जी में विचारों व क्रियाओं का विरोध और सांमजस्य - उपसंहार।

गांधी जयंती एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष मनाया जाता है। पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी इसे मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गांधी जयंती को घोषित किया गया है। मोहनदास करमचन्द गांधी (2 अक्टूबर 1869 में जन्म) के जन्म दिवस को याद करने के लिये पूरे देश में गांधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है। उनके भारतीय स्वतंत्रता के लिये किये गये अहिंसा आंदोलन से आज भी देश के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ देशी तथा विदेशी युवा नेता भी प्रभावित होते है।

2 अक्टूबर, 1869 को गांधी जी भारत-भू पर प्रगटे थे। इसलिए कृतज्ञ राष्ट्र उनके जन्म-दिवस को, राष्ट्रीय-पर्व के रूप में मनाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। अर्चना के अगणित स्वर मिलकर इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महामानव की वंदना करता है। राष्ट्र को उनकी देन, उपकार तथा वरदान के लिए 'गांधी मेलों' द्वारा उनका पुनीत स्मरण करता है।

अपने हाथ से कते सूत की लंगोटी पहनने वाले, चरखे को अहिंसा के प्रतीक के रूप में स्वीकार करके भारत के प्राचीन ग्राम्योद्यम एवं ग्राम्य-जीवन की महत्ता को मशीनों के वर्तमान युग में भी उज्ज्वल करने वाले, सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी की मूर्ति बापू के जीवन की छाप आज हमारे खान-पान, रहन-सहन, भाव-विचार, भाषा और शैली, परिच्छद और परिधान, काव्य और चित्रकारी, दर्शन और सामाजिक व्यवहार धर्म-कर्म, राष्ट्रीयता और अन्तरराष्ट्रीयता, उनमें से प्रत्येक पर कहीं न कहीं देखी जा सकती है।

गांधी जी में अदभुत नेतृत्व-शक्ति थी। उन्होंने भारत को स्वतन्त्र करवाने के लिए कांग्रेस पार्टी के माध्यम से स्वतंत्र आंदोलन का नेतृत्व किया। सविनय अवज्ञा भंग, असहयोग, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, रॉलेट- एक्ट, नमक कानून, हरिजन एवार्ड आदि का विरोध राष्ट्रीय आन्दोलन के 'माइल-स्टोन' थे। जनता ने उनके नेतृत्व में जेलें भरी, लाठिया-गोलियाँ खाईं, जीवन बलिदान कर दिए। अहिंसात्मक आन्दोलन को अपनाकर आस्था रूप में खिली जवानी के पुष्प समर्पित किए। 1942 का आन्दोलन 'करो या मरो' स्वतंत्र समर का निर्णायक आन्दोलन था, जो गांधी जी के नेतृत्व-सफलता का सर्वोत्कृष्ट प्रमाण है।

गांधी जो ने शराब को शरीर और आत्मा का शत्रु बताकर उसका विरोध किया। हजारों महिलाएँ और पुरुष शराब की दुकानों पर धरना देने लगे । लाखों शराबियों और शराब का आस्वादन करने वालों ने जीवन में मद्य-निषेध का व्रत लिया।

गांधी जो ने 'हरिजन-सेवा-संघ' की स्थापना की । हरिजनों के आत्मबल को ऊँचा उठाने के लिए' अद्ठ्तोद्धार ' कार्यक्रम शुरू किए। स्वयं हरिजन बस्ती में रहने लगे। अछूतों के प्रति की जाने वाली घृणा को प्रेम में बदला। कुएँ का पानी और मंदिर के पट उनके लिए खुले । 'निषेध' प्रवेश में परिवर्तित हुआ । हरिजनबन्धु न केवल हिन्दू धर्म के अविभाज्य अंग बने रहे, अपितु गाँधो जी के व्यवहार, कृत्य और कार्यक्रमों से वे सामाजिक और सांस्कृतिक सम्मान के पात्र भी बने।

गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं से प्रेम करना सिखाया | विदेशी-वस्त्रों की होली जलवाई। विदेशी-वस्तुओं का बहिष्कार करने की प्रवृत्ति बनाई । परिणामत: घर-घर में चरखा चला। खद्दर का प्रयोग बढ़ा। खद्दर हमारे शरीर की आन, बान और शान बना। खादी-आश्रम खुले। करधे चले, लाखों लोगों को रोटी-रोजी का साधन मिला। राष्ट्रीयता की एक पहचान बनी।

गांधी जी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का श्रीगणेश किया। मुसलमानों को राष्ट्रीयता के प्रवाह में प्रवाहित होने क्रे लिए प्रेरित किया। हिन्दू-मुस्लिम ऐक्य के लिए अनेक बार उपवास किए। 'हिन्दू-मुस्लिम भाई भाई' उनका आदर्श वाक्य बना। हिन्दुओं ने हठधर्मिता छोड़ी। मुस्लिम-सुविधा के लिए अपने धार्मिक-सामाजिक, सिद्धान्तों की बलि चढ़ाई। मुस्लिम आत्मा को चोट पहुँचाने वाले कृत्यों से सावधान-सचेत रहे । परिणामत: राष्ट्र भक्त अनेक मुसलमान कांग्रेस के कंठहार बने। जैसे--मौलाना अबुल कलाम आजाद, खान अब्दुलगफ्फार खाँ, शौकतअली बंधु।

सत्य, अहिंसा और सादगी गांधी जी के जीवन की त्रिवेणी थी, जिनका संगम थी उनकी काया। जीवन-भर एक लंँगोटी में जीवन बिताया। रेल की तीसरी श्रेणी के डिब्बे में यात्रा की। खान-पान, वचन और कर्म में सात्विकता बरती। गांधी जी सत्य मैं परमेश्वर के दर्शन करते थे, वे उसे मुक्ति-मार्ग समझते थे। सत्य को प्राण और आत्मा कांविशिष्ट गुण मानते थे। जीवन में सत्य के प्रयोग करके वे मानव से महामानव बन गए। अहिंसा उनके आचरण का मंत्र था जीवन शैली का मार्ग था।

गांधी जी में विचारों व क्रियाओं का विरोध और सांमजस्य गांधी जी हिन्दी को राष्ट्र की आत्मा मानते थे। उन्होंने दक्षिण मैं हिन्दी प्रचार और प्रसार के लिए राष्ट्र-भाषा प्रचार समिति तथा दक्षिण हिन्दी-प्रचार सभा जैसी संस्थानों की नीव डालीं। उनके प्रोत्साहन से लाखों लोगों ने हिन्दी सीखी, हिन्दी को आजीविका का साधन माना।

विश्व कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर गांधी जीवन में विचारों और क्रियाओं का विरोध एवं सामंजस्य प्रदर्शित करते हुए लिखते हैं, 'वे स्वयं निर्धन और दरिद्र हैं, किन्तु सबको सुखी एवं सम्पन्न बनाने को दिशा में वे सबसे अधिक क्रियाशील हैं । वे घोर रूप से क्रान्तिकारी है, किन्तु क्रान्ति के पक्ष में वे जिन शक्तियों को जाग्रत करते हैं, उन्हें अपने नियन्त्रण में भी रखते हैं। वे एक साथ प्रतिमापूजक और प्रतिमा-भंजक भी हैं । मूर्तियों को यथास्थान रखते हुए वे आराधकों को उच्च स्तर पर ले जाकर प्रतिमाओं के दर्शन करने की शिक्षा देते हैं । वे वर्णाश्रम के विश्वासी हैं, किन्तु जाति-प्रथा को चूर्ण किये जा रहे हैं। भाव-भावना को वे भी मनुष्य की नैतिक प्रगति का बाधक मानते हैं, किन्तु टालस्टॉय की भान्ति वे सौन्दर्य और नारी को संदेह की दृष्टि से नहीं देखते। गांधी जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जो सुधार वे दूसरों को सिखाते हैं, उन सुधारों की कीमत पहले वे आप चुका देते हैं।

गांधी जयंती गांधी जी को स्मरण करने का पुण्य दिन है। इस दिन स्थान-स्थान पर गांधी-मेले लगते हैं । इनमें गांधी जो के जीवन को झाँकियाँ दिखाई जाती हैं, उनके जीवन की विशिष्ट घटनाओं के चित्र लगाए जाते हैं। गांधी जी पर प्रवचन और भाषण होते हैं। मुख्य समारोह दिल्ली के राजघाट पर होता है। राष्ट्र के कर्णधार, मुख्यतः राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री और नेतागण तथा श्रद्धालु-जन गांधी जी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना-सभा में राम धुन तथा गांधी जी के प्रिय-भजनों का गान होता है। विभिन्‍न धर्मों के पुजारी प्रार्थना करते हैं, अपने-अपने धर्म-ग्रन्थों से पाठ करते हैं। श्रद्धा-सुमन चढ़ाने और भजन-गान का कार्यक्रम 'बिड़ला हाउस' में भी होता है, जहाँ गांधी जी शहीद हुए थे।

गांधी जी आज भी राजनीतिज्ञों के लिए विध्ननाशक, मंगलदाता गणेश जी हैं। भोली- भाली जनता को ढगने, सम्पन्नता और सत्ता का भोग भोगने का गुरु-मंत्र हैं।

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Gandhi Jayanti Essay In Hindi – गाँधी जयंती पर निबंध

September 21, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Gandhi Jayanti in Hindi Language. Gandhi Jayanti Essay in Hindi Language for students of all classes in 100, 200, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गांधी जयंती पर निबंध मिलेगा।

Gandhi Jayanti Essay In Hindi – गाँधी जयंती पर निबंध

Gandhi Jayanti Essay In Hindi

Gandhi Jayanti Essay In Hindi – गाँधी जयंती पर निबंध ( 100 words )

गाँधी जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाई जाती है क्योंकि इस दिन 1869 में एक महापुरूष महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। गाँधी जयंती के दिन लोग गाँधी जी को श्रदांजली अर्पित करते हैं और सत्य और अहिंसा के दिखाए उनके मार्ग को याद करते हैं। इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकास होता है और इस दिन को अंतराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन खादी और हथकरघा से बने कपड़ो की प्रदर्शनी लगाई जाती है। इस दिन सभी नेता राजघाट पर गाँधी जी के स्माधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रदांजली अर्पित करते हैं।

Gandhi Jayanti Par Nibandh – Gandhi Jayanti Essay In Hindi ( 200 words ) 

गाँधी जयंती भारत के एक महापुरूष महात्मा गाँधी जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात में हुआ था जिस कारण प्रत्येक साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन को अंतराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकास रहता है। इस दिन लोग गाँधी जी को उनके सत्य और अहिंसा के दिखाए गए मार्ग के लिए याद करते हैं और उन्हें श्रदांजली अर्पित करते हैं। दिल्ली में राजघाट पर गाँधी जी का स्माधि स्थल है जहाँ पर नेता लोग जाकर फूल चढ़ाकर गाँधी जी को श्रदांजलि अर्पित करते हैं।

इस दिन स्कूलों में भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कुछ बच्चे गाँधी जी की वेशभूषा भी धारण करते हैं। खादी कपड़ो और हथकरघा सामानों की परदर्शनी लगाई जाती है। गाँधी जी के पसंदीदा गाने गाए जाते हैं। इस दिन लोग अच्छे कार्य करते हैं और सरकार के द्वारा भी बहुत सी योजनाओं की शुरूआत इस दिन की जाती है। गाँधी जयंती लोगों को महात्मा गाँधी जी के जीवन का स्मरण करवा जाती है जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर आजाद करवाने में समर्पित कर दिया था।

Gandhi Jayanti Essay In Hindi Language – गाँधी जयंती पर निबंध ( 300 words ) 

यह लेख महात्मा गांधी का संक्षिप्त जीवन इतिहास देता है। जो लोग गांधी जयंती पर स्कूल भाषण खोज रहे हैं उनके लिए यह सबसे अच्छा है। निश्चित रूप से इस लेख को बच्चों को उनके स्कूलों में महात्मा गांधी के जीवन पर भाषण के लिए बनाया गया है।

मोहनदास करमचंद गांधी, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख नेता हैं, को “महात्मा गांधी” के रूप में मशहूर कहा जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था जो भारत में उत्तर पश्चिमी राज्य है। गांधीजी, जो महान कांग्रेस के नेता थे, ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया और भारतीयों को शांतिपूर्ण हमले चलाने के लिए प्रेरित किया। यह गांधीजी को “महात्मा” कहा जाता है (जिसका अर्थ है “महान आत्मा”)। यद्यपि महात्मा गांधी का हिस्सा जल्द ही वर्णित नहीं किया जा सकता है, कुछ महत्वपूर्ण आंदोलनों और कार्यों ने गांधीजी को कई भारतीयों के लिए प्रेरित किया है:

महात्मा गांधी ने भारतीयों के मन में “स्वराज” के विचार को विकसित करने की कोशिश की थी। महात्मा गांधी ने सभी भारतीयों को अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रतिरोध के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त करने का रास्ता दिया। महात्मा गांधी ने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का बहिष्कार करने के लिए अपनी “स्वदेशी नीति” को रखा और इसके बजाय हमारे भारतीय माल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह (नमक मार्च से ढांडी) में भारतीयों का नेतृत्व किया, जब 1930 में, ब्रिटिश ने नमक पर कर पेश किया महात्मा गांधी ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया और बाल विवाह, “सती” व्यवस्था और हिंदू विधवाओं के उत्पीड़न के खिलाफ पूरी तरह से विरोध किया। गांधी जी ने लोगों को भी उपदेश दिया कि “अस्पृश्यता एक पाप है”

उपर्युक्त के अलावा, महात्मा गांधी ने पूरे भारतीयों को अपरंपरागत मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया है।

Gandhi Jayanti Essay In Hindi – गाँधी जयंती पर निबंध (500 words) 

महात्मा गांधी गुजरात में पोरबंदर नामक गांव में 2 अक्टूबर, 1896 को जन्मे थे। उनके पिता करमचंद गांधी और मां पुतलीबाई थे। अपनी प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने एक बैरिस्टर बनने के लिए रुचि ली। इसलिए, कानून में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें 1888 के दौरान इंग्लैंड भेजा गया था। चार साल की कठिन संघर्ष के बाद उन्होंने 1891 में अपनी क़ानून की डिग्री पूरी कर भारत लौट दी।

इंग्लैंड से लौटने के तुरंत बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पास काम की तलाश में रवाना किया। उन दिनों में, दक्षिण अफ्रीका में भारतीय वकीलों की भारी मांग थी। उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें वहां काम करने का अवसर मिला। उन्होंने लगभग 20 वर्षों के अपने जीवन काल के अनमोल जीवन काल बिताए। इन दिनों के दौरान, दक्षिण अफ्रीका में जातिवाद प्रचलित था। वह इस नस्लवाद का शिकार बन गया। प्रथम श्रेणी के आरक्षण में वैध टिकट प्राप्त करने के बाद भी उन्हें दौड़ने वाली ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया था। इस अधिनियम ने बुरी तरह से अपनी आत्मा को प्रभावित किया और उन्होंने जातिवाद की सामाजिक बुराई का विरोध करना शुरू कर दिया। इन दिनों गांधीजी के लिए बहुत यादगार थे क्योंकि इन दिनों कस्तूरबा गांधी के साथ उनकी शादी हुई थी। वह जीवन के सभी क्षेत्रों में उसे समर्थन किया।

वह 1915 में भारत लौट आए, उनकी वापसी के तुरंत बाद उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले से मुलाकात की और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों के बारे में चर्चा की। उन्होंने खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल किया और भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने 1920 में गैर-सहयोग क्षण शुरू किया, जिसमें भारतीयों से कहा गया कि वे ब्रिटिश के किसी भी काम में सहयोग न करें। 1930 में उन्होंने लगभग 400 किमी की लंबी दूरी पर चलने से एक दंडी मार्च बनाया। उन्होंने नमक के उत्पादन के खिलाफ ब्रिटिश के कानून को तोड़ दिया। 1942 में उन्होंने ‘काफी भारत आंदोलन’ को चिल्लाया जिसके माध्यम से उन्होंने सत्तारूढ़ ब्रिटिशों को एक संदेश भेजा कि हमारे देश को छोड़ दिया जाए और हम अपने देश का शासन करने में सक्षम हैं। इन सभी क्षणों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को वापस पैर पर खुद को स्थापित करने के लिए बनाया। अंत में, भारत को 15 अगस्त, 1947 को अपनी स्वतंत्रता मिली।

न केवल इस क्षण को ध्यान में रखते हुए, उन्हें 30 जनवरी 1948 को नथुराम गोडसे ने गोली मार दी थी। महात्मा गांधी को “राष्ट्र पिता” के रूप में वर्णित किया गया है और उनके जन्मदिन को हर साल “गांधी जयंती” के रूप में मनाया जाता है। उनके जन्मदिन को हमारे देश में एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। इसके अलावा, महात्मा गांधी का जन्मदिन पूरे विश्व में “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Gandhi Jayanti Essay In Hindi – गाँधी जयंती पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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गांधी जयंती पर निबंध (Essay On Gandhi Jayanti In Hindi)- हमारे देश में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिन्होंने अपने कार्य और विचारों से हम सभी को प्रेरित किया है। इन्हीं महापुरुषों में से एक नाम साबरमंती के संत कहे जाने वाले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का भी शामिल है। गांधी जी (Gandhi Ji) का पूरा जीवन हम सभी के लिए एक सीख है कि कैसे उन्होंने अपने बनाए हुए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर अटल रहकर ही देशहीत के कार्य किए। गांधी जी का जीवन इतना साधारण और सरल न था, लेकिन फिर भी उनकी सरलता उनके व्यक्तित्व में हमेशा ही झलकती थी, जिसकी चर्चा आगे की गई है।

गांधी जयंती पर निबंध (Essay On Gandhi Jayanti In Hindi)

अगर आप गांधी जी के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर निबंध (Gandhi Jayanti Essay In Hindi) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप महात्मा गांधी पर निबंध पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में (Gandhi Jayanti Hindi Essay) पढ़कर जान सकते हैं कि गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है और गांधी जयंती कब है। हमनें Gandhi Jayanti Par Nibandh एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Hindi Essay On Gandhi Jayanti को आसानी से समझ सकें।

स्कूल और कॉलेज में छात्रों को अक्सर 2 अक्टूबर गांधी जयंती (2 October Gandhi Jayanti) के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में गांधी जी पर निबंध या 2 October Gandhi Jayanti Essay In Hindi लिखने के लिए दिया जाता है, जिसमें वह About Gandhi Jayanti In Hindi में लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Gandhi Jayanti Nibandh को पढ़कर Gandhi Jayanti In Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और एक बेहतर Gandhi Jayanti Per Lekh लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप हिंदी में गांधी जयंती पर निबंध के साथ-साथ गांधी जयंती पर 10 लाइन भी नीचे से पढ़ सकते हैं।

महात्मा गांधी जैसी महान आत्मा का जन्म इस धरती पर केवल एक ही बार होता है लेकिन उनके आदर्श, सिद्धांत और विचार आने वाली न जाने कितनी पीढ़ियों तक अपनी छाप छोड़कर जाते हैं। महात्मा गांधी एक ऐसी शख़्सियत थे जिन्होंने न केवल हमारे देश के भीतर बल्कि देश के बाहर भी लोगों को प्रेरित किया और बताया कि हिंसा किए बिना भी अपनी हक़ की लड़ाई लड़ी जा सकती है और उस पर विजय भी प्राप्त की जा सकती है।

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गांधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है?

भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस यानी कि गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 में हुआ था इसलिए 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। महात्मा गांधी के सम्मान में हर साल 2 अक्टूबर का दिन अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। अहिंसा दिवस की शुरुआत वर्ष 2007 से हुई थी। गांधी जयंती पर विशेष रूप से पूरे देश में सरकारी अवकाश होता है।

गांधी जयंती का महत्त्व

गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी है और उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सभी उन्हें राष्ट्रपिता बापू के नाम से भी संबोधित करते हैं। गांधी जी ने भारत की आज़ादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया। वह अहिंसा और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही एक नये और स्वच्छ भारत का निर्माण करना चाहते थे। उनका कहना था कि “अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है। समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को समान दर्जा और अधिकार मिलना चाहिए भले ही उनका लिंग, धर्म, रंग या जाति कुछ भी हो।” गांधी जयंती का महत्त्व हमें बताता है कि व्यक्ति को हमेशा अपने जीवन में अहिंसा के धर्म का पालन करना चाहिए और गांधी जी के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

निष्कर्ष के तौर पर यही कहा जा सकता है कि गांधी जी के गांधी से महात्मा गांधी बनने तक के सफर को और उनके विचारों को हमेशा याद रखा जाएगा और समय समय पर उन्हें दोहराया जाता रहेगा।

गांधी जयंती पर निबंध 300 शब्द में

हर साल राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में गांधी जयंती मनायी जाती है। गांधी जयंती महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये पूरे देश के लोगों द्वारा 2 अक्टूबर को मनायी जाती है। गांधी जी हमारे देश के राष्ट्रपिता और बापू के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। वो एक सच्चे देशभक्त नेता थे और अहिंसा के पथ पर चलते हुए पूरे देश का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया। गांधी जी के अनुसार ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की लड़ाई जीतने के लिये अहिंसा, सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता ही एकमात्र हथियार था।

गांधी जी को कई बार जेल भी जाना पड़ा था हालांकि देश को आजादी मिलने तक उन्होंने अपने अहिंसा आंदोलन को जारी रखा था। उनका विश्वास हमेशा सामाजिक समानता में था और वह अस्पृश्यता के भी खिलाफ थे। देश की राजधानी नई दिल्ली में गांधीजी की समाधि या राजघाट पर बहुत सी तैयारियों के साथ गांधी जयंती मनायी जाती है। राजघाट के समाधि स्थल को फूलों की माला से सजाया जाता है और गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है। इसे पूरे देशभर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के द्वारा राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाट्य ड्रामा, कविता व्याख्यान, गायन, भाषण, निबंध लेखन आदि प्रतियोगिताएं भी होती हैं। महात्मा गांधी की याद में लोग गांधी जी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” भी गाते हैं।

महात्मा गांधी देश के नेताओं और खासतौर से देश के युवाओं के लिये प्रेरणादायी स्रोत हैं। कई महान नेता जैसे मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, जेम्स लॉसन आदि भी गांधी जी के अहिंसा और स्वतंत्रता की लड़ाई के लिये शांतिपूर्ण तरीकों से प्रेरित हुए। भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के लोग भी महात्मा गांधी के विचारों का अनुसरण करते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 500 शब्द में

भारत में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इसी दिन वर्ष 1869 को गांधीजी का जन्म हुआ था। हमारे देश की आजादी में राष्ट्रपिता का योगदान सबसे अहम था, इसीलिए हर साल उनके सम्मान में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय उत्सव और अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सरकारी छुट्टी होती है। इस अवसर पर स्कूलों और सरकारी संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में तो खासतौर से निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। सभी सरकारी जगहों पर गांधीजी को श्रद्धांजलि दी जाती है। गांधी जयंती पर लोग गांधी जी के आदर्शों के महत्त्व को समझते हुए अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करते हैं।

देश की आजादी में गांधीजी का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर ही ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद करवाया। गांधी जी ने न सिर्फ देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई बल्कि वह भारत के साथ कई अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गए। गांधी जी ने 4 महादेशों और 14 देशों में लोगों को नागरिक अधिकार आंदोलनों के लिए प्रेरित करने का काम भी किया, तो वहीं भारत में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों की शुरुआत की। देश की आजादी के लिए गांधी जी हमेशा आगे रहे और हर भारतीय की आवाज़ बने। गांधी जी का सपना न केवल देश की आजादी था बल्कि वह देश को भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ देखना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की।

गांधी जी अपने सिद्धांतों के प्रति अपनी अंतिम सांस तक प्रतिबद्ध रहे। महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके समय में थे। गांधी जी के विचार और सिद्धांत ऐसी कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जिनका सामना आज हम सब कर रहे हैं। गांधी जी ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय संयम और करुणा, दोनों का अनुपालन करने की सलाह दी और स्वयं इनका पालन करके मिसाल कायम करते हुए नेतृत्व प्रदान किया। गांधी जी अपना शौचालय स्वयं ही साफ किया करते थे और वह चाहते थे कि सभी को अपने आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ बनाकर रखना चाहिए। वह पानी को भी कम से कम बर्बाद करने की सलाह देते थे। गांधी जी ने भारत की आज़ादी के साथ-साथ ग्रामीण विकास, कृषि प्रधान देश, साफ-सफाई को बढ़ावा, खादी को प्रोत्साहन, महिलाओं का सशक्तीकरण और आर्थिक समानता सहित कई महत्त्वपूर्ण चीज़ों पर भी विशेष ध्यान दिया। गांधी जी की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने हर भारतीय को इस बात का अहसास दिलाया था कि वे देश की आज़ादी के लिए ही काम कर रहे हैं। उन्होंने अध्यापक, वकील, डॉक्टर, किसान, मजदूर, उद्यमी आदि सभी लोगों के में ये आत्मविश्वास भर दिया था कि जो कुछ भी वे कर रहे हैं उसी से वे भारत के स्वाधीनता संग्राम में अपना योगदान दे रहे हैं। गांधी जी के इन्हीं महान विचारों के लिए दुनिया उन्हें युग-युगांतर तक याद करती रहेगी।

गांधी जयंती पर 10 लाइनें

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  •  भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  •  महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
  •  उन्हें बापू या राष्ट्र का पिता भी कहा जाता था।
  •  बापू का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नाम के एक छोटे से गांव में हिंदू परिवार में हुआ था।
  •  उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और मां का नाम पुतिलिबाई था।
  •  2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  • उन्होंने भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लगातार धैर्य और साहस के साथ लड़ाई लड़ी।
  •  गांधी जी ने देश को आजाद करवाने के लिए असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी मार्च, खिलाफत आंदोलन आदि अन्य कई आंदोलन चलाए।
  •  गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे और वह कई बार जेल भी गए थे।
  • 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी।

गांधी जयंती पर अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

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उत्तर : गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है क्योंकि इस दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्मदिवस होता है।

उत्तर : अक्टूबर के दिन गांधी जी का जन्म हुआ था।

उत्तर : हर साल 2 अक्टूबर का दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस यानी कि गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।

उत्तर: 2 अक्टूबर।

उत्तर : 2 अक्टूबर को ही गांधीजी का जन्म हुआ था। देश की आजादी में राष्ट्रपिता के योगदान को देखते हुए हर साल उनके सम्मान में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है।

उत्तर: महात्मा गांधी का जीवन परिचय पढ़ने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

उत्तरः चंपारण सत्यग्रह।

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