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साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay in Hindi)

साइबर अपराध तकनीकी प्रगति का परिणाम है। यह एक खतरनाक अपराध है जिसमें इंटरनेट और कंप्यूटर का उपयोग शामिल है। प्रारंभिक चरण में साइबर क्राइम पकड़ में नहीं आता है, लेकिन अपने परिणामों के साथ यह सभी की नजर में आ जाता है। इसके माध्यम से, डेटा और जानकारी का अवैध हस्तांतरण किया जाता है, जो किसी व्यक्ति या समूह के लिए गोपनीय आर बहुमूल्य हो सकता है।

साइबर अपराध पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Cyber Crime in Hindi, Cyber Apradh par Nibandh Hindi mein)

साइबर अपराध पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

साइबर अपराध एक आपराधिक कृत्य है जो इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर के उपकरण या किसी अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करते हुए इस काम को अंजाम दिया जाता हैं। साइबर अपराध की बात आती है, तो इसे इंटरनेट द्वारा किए गए अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिससे किसी व्यक्ति, संगठन या सरकार को एक अस्थिर नुकसान हो सकता है। साइबर अपराध, साइबर अपराधियों द्वारा किया जाने वाला दंडनीय अपराध है।

साइबर अपराध का उद्देश्य

हैकर या अपराधीयों के पास इस अपराध को करने के विभिन्न उद्देश्य होते हैं। वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन या सरकार को भी नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं।साइबर अपराध के कई उदाहरणों में धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, साइबर स्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाना या भेजना या फिर पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना, आदि शामिल हैं। ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग उन्हें पैसे कमाने का एक आसान तरीका मानते हैं।

साइबर अपराध का रोकथाम

साइबर अपराध पर रोकथाम करने के सरकार को कुछ नियम बनाने चाहिए और आम लोगों को भी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। यहाँ तक कि बहुत से पढ़े-लिखे और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल होते हैं। अपने दिमाग को सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय वे साइबर अपराधिक गतिविधियों में खुद को नियुक्त करते हैं।

साइबर अपराध वर्तमान परिदृश्य में, इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला सबसे प्रचलित अपराध बन चुका है। इसलिए इस तरह के अपराधों से बचने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए। सतर्कतापूर्ण व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन केवल एक सहायक उपकरण की तरह है जो साइबर अपराध की घटनाओं पर कुछ हद तक काबू पा सकते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : साइबर अपराध

साइबर क्राइम पर निबंध 2 (400 शब्द)

प्रारंभिक अवस्था से ही मनुष्य, स्वभाव से एक अभिनव और आविष्कारशील रहा है। विभिन्न आवश्यकताओं ने नए उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को जन्म दिया। प्रौद्योगिकी भी काम को आसान बनाने के लिए मनुष्य की ही खोज है। प्रौद्योगिकी में उन्नति एक तरफ उपयोगी है और दूसरी तरफ कुछ हद तक इसके विनाशकारी प्रभाव भी है। साइबर अपराध भी इन तकनीकी विकासों का एक नकारात्मक पहलू है। व्यक्ति, संगठन और समूह ऐसी आपराधिक गतिविधियों को करने में शामिल हैं।

साइबर अपराधों का वर्गीकरण

  • एक व्यक्ति के खिलाफ अपराध – किसी व्यक्ति के खिलाफ उसके क्रेडिट कार्ड की जानकारी, गोपनीय डेटा और स्पैम ईमेल भेजना, आदि अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध मुख्य रूप से पैसा कमाने के लिए किया जाता है।
  • एक संगठन के खिलाफ अपराध – यह अपराध एक फर्म, कंपनी या संगठन के खिलाफ किया जाता है ताकि डेटा तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त हो सके। यह कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा और कर्मचारी के विवरण को चुराने या फिर पैसे बनाने के लिए किया जाता है।
  • सरकार के खिलाफ अपराध – यह राष्ट्रीय डेटा और रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त करके, राष्ट्र के खिलाफ अपराध करना होता है। यह अपराध मुख्य चिंता का विषय है क्योंकि इसका संबंध राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा से है।

साइबर अपराध के प्रभाव

साइबर अपराध ने कई लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया है। साइबर अपराध में शामिल लोगों को ‘हैकर’ के नाम से जाना जाता है।

  • यदि हम व्यक्तिगत स्तर पर चर्चा करते हैं, तो इससे प्रभावित लोग अभी भी नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ने तो आत्महत्या करने तक का विकल्प चुन लिया। पैसे की हानि और कोई भी डेटा जो गोपनीय है, व्यक्ति को असहाय बना देता है और उसे जीवन के दर्दनाक स्थिति में छोड़ देता है।
  • संगठन के स्तर पर, कंपनी के डेटा को चोरी करने या मैलवेयर द्वारा सिस्टम को नष्ट करने से भारी नुकसान होता है और अपराधियों द्वारा यह कुछ इस तरह से सेट किया जाता है कि यह तब तक काम न करे जब तक कि अपराधी के नियम और शर्तें पूरी न हो जाएं। इसकी वजह से कंपनियों को अधिक नुकसान होता है क्योंकि उनकी रणनीतियों और महत्वपूर्ण डेटा चोरी और लीक हो गए होते हैं।
  • यहाँ तक कि सरकार भी इस अपराध की शिकार है। राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालते हुए, सरकारी स्तर पर साइबर अपराध के परिणाम के रूप में कई गोपनीय डेटा लीक हो चुके है। यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि ऐसा हो सकता है कि राष्ट्र के लोगों के जीवन को खतरा और भय है। नुकसान आर्थिक स्तर पर भी हो सकता है। इन साइबर अपराधों के कारण राष्ट्र से कई लाख और करोड़ का नुकसान हुआ है।

साइबर अपराध इंटरनेट के उपयोग से संबंधित अपराध है। इसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ सार्वजनिक रूप से या पैसे कमाने के तरीके से लीक किया जाता है। इसलिए हमें इस अपराध को रोकने के लिए कुछ महत्वपुर्ण सुरक्षा उपायों और सुरक्षा अनुप्रयोगों का अभ्यास करना चाहिए।

निबंध 3 (600 शब्द) – Cyber Crime par Nibandh

साइबर अपराध को इंटरनेट और कंप्यूटर के अवैध उपयोग के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है। कंप्यूटर अपराधों का माध्यम हैं या फिर अपराध के लिए एक हथियार के रूप में उपयोग किया जाता है। ये अपराध हमारे दैनिक जीवन का एक आम हिस्सा बन गए हैं। हर दिन कोई न कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो रहा है। विभिन्न प्रयोजनों के लिए एक ही समय में कई लोगों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, ये हैकर्स इन अवसरों को अपना रास्ता बनाते हैं।

विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध

  • फ़िशिंग – इसमें स्पैम ईमेल भेजकर या फेक वेबसाइट के माध्यम से उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करना शामिल है।
  • पहचान की चोरी – इसमें क्रेडिट या डेबिट कार्ड या फिर बैंक विवरण के बारे में जानकारी प्राप्त करना शामिल है, जानकारी चुरा लेने के बाद आगे अवांछित धन आसानी से निकाला जा सकता है।
  • मैलवेयर अटैक – मालवेयर एक अवैध सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर या सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह मतलब की जानकारी तक पहुँचने के लिए या उस सिस्टम का उपयोग करके कुछ अपराध करने के लिए किया जाता है।
  • एटीएम धोखा – इस अपराध में एटीएम मशीन को पूरी तरह से हैक कर लिया जाता है। अपराधियों द्वारा कार्ड पर अंकित डेटा तथा पिन दोनों तक पहुंचने का तरीका विकसित कर लिया है, इससे वह कार्ड का डुप्लिकेट बनाने में सफल होते हैं और पैसे निकालने के लिए वो उसी का उपयोग करते हैं।
  • साइबर हैरेसमेंट – अपराधी ऑनलाइन उपायों के माध्यम से व्यक्ति का पीछा करने या परेशान करने में भी काफी सक्रीय है। वे मैलवेयर भेज कर, सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं और सटीक जानकारी प्राप्त करने में सामर्थ होते हैं।
  • पोर्नोग्राफी – अश्लील वेबसाइटों के माध्यम से यौन गतिविधि वाले वीडियो को प्रस्तुत करने का कार्य।
  • धोखा देना – इस तरह के अपराध में, आपको एक ईमेल मिलता है जो ऐसा लगता है कि किसी प्रामाणिक स्रोत से ही भेजा गया है, लेकिन यह ऐसा होता नहीं है, यह भ्रामक होता है।
  • पायरेसी – यह गोपनीय जानकारी तक पहुँचने का एक अनधिकृत तरीका होता है। कई बार सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया जाता है और फाइलों के महत्वपूर्ण डेटा की पायरेटेड कॉपी बना दी जाती है, जिससे काफी समस्या उत्पन्न होती है या फिर महत्वपूर्ण डाटा नष्ट हो जाता है।

राष्ट्रीय अपराध जांच और अपराध फोरेंसिक पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन

  • हमारे राष्ट्र भारत ने पहली बार 4 और 5 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली स्थित सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के मुख्यालय में आयोजित राष्ट्रीय अपराध जांच पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन किया था।
  • सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जांचकर्ताओं, फोरेंसिक टीमों और अन्य अधिकारियों के लिए एक मंच तैयार करना था जो साइबर संबंधित अपराधों से निपटने के लिए विभिन्न तरीकों और उपायों पर चर्चा करें।

साइबर अपराध जागरूकता

  • साइबर अपराध के भयावह कार्यों से सुरक्षित रहने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए।
  • मजबूत पासवर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए। पासवर्ड जटिल होना चाहिए, जिसका अनुमान लगाना संभव नहीं हो।
  • सिस्टम को मैलवेयर से मुक्त रखने के लिए एंटीवायरस प्रोग्राम (सॉफ्टवेयर) का उपयोग करना चाहिए।
  • सिस्टम को लगातार अपडेट करें।
  • सतर्क रहें और अपने पहचान तथा महत्वपूर्ण जानकारी की चोरी से बचने के लिए खुद को स्मार्ट और एक्टिव बनायें।
  • अपने बच्चों को इंटरनेट के बारे में अवगत कराएं, ताकि वे किसी भी दुरुपयोग या उत्पीड़न के बारे में तुरंत अवगत करा सकें, अगर वे ऐसी किसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो।
  • सोशल मीडिया पर गोपनीयता सेटिंग्स को बनाए रखें।

साइबर सुरक्षा

साइबर सुरक्षा हमारे सिस्टम, नेटवर्क, उपकरणों और कार्यक्रमों को द्वेषपूर्ण सॉफ़्टवेयर के हमले से बचाती है। इस प्रकार अपराधियों द्वारा डेटा की अवैध पहुंच को रोका जा सकता है।

महत्व – राष्ट्र के किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे या किसी भी डेटा के बारे में जानकारी जो व्यक्तिगत रूप से उपयोग करने के लिए है, अगर साझा किया जाता है तो कई समस्याएं पैदा होंगी। इसलिए अगर कई स्तरों पर सुरक्षा जांच लगाई जाएगी, तो सूचना और महत्वपूर्ण डेटा को लीक होने से बचाया जा सकता है।

साइबर सुरक्षा के प्रकार

  • नेटवर्क सिक्योरिटी – नेटवर्क को मैलवेयर द्वारा अटैक किए जाने से बचाता है और इसीलिए हमेशा सुरक्षित नेटवर्क का ही उपयोग करना चाहिए।
  • क्लाउड सुरक्षा – क्लाउड संसाधनों में डेटा की सुरक्षा के लिए साधन उपलब्ध कराये जाते हैं।
  • सूचना सुरक्षा – डेटा को अनधिकृत या अवैध पहुँच से बचाने में मदद करता है।
  • एंड-यूजर सिक्योरिटी – सिस्टम में किसी भी बाहरी डिवाइस को लगाने, किसी भी मेल या लिंक को खोलने के दौरान उपयोगकर्ता को सचेत रहना चाहिए।
  • एप्लीकेशन सिक्योरिटी – सिस्टम और सॉफ्टवेयर को किसी भी खतरे से मुक्त रखने में मदद करता है।

साइबर क्राइम दिन-प्रति-दिन अपने पैर फैलाते जा रहा है। इसके दुष्प्रभाव के शिकार बनने से सुरक्षित रहने का सबसे उचित तरीका सुरक्षा के उपायों का पालन करना है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपनी गोपनीय जानकारी को लीक होने से बचा सकते हैं। हालाँकि हमें हमेशा जागरूकता पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि, ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है’, खासकर तब जब इलाज उपलब्ध नहीं है।

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साइबर अपराध पर निबंध – 10 lines (Cyber Crime Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों में

cyber crime essay in hindi 250 words

Cyber Crime Essay in Hindi – साइबर क्राइम 21वीं सदी का सबसे चर्चित मुद्दा है. दुनिया भर में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्मार्टफोन और इंटरनेट के उपभोक्ताओं में तेजी देखी जा रही है, जिससे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इस कारण से, सभी उपयोगकर्ताओं के लिए साइबर अपराध और सुरक्षा के बारे में जानना बेहद आवश्यक है। परिणामस्वरूप, यह विषय परीक्षक का सबसे पसंदीदा विषय बन गया है और अक्सर परीक्षाओं में पूछा जा सकता है। इस दृष्टि से, छात्रों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी होनी चाहिए और हिन्दी पेपर में निबंध प्रश्न में ऐसे विषयों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

साइबर अपराध पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Cyber Crime Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) कंप्यूटर नेटवर्क की मदद से किया गया अपराध साइबर क्राइम कहलाता है।
  • 2) साइबर क्राइम आपकी गोपनीयता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • 3) साइबर क्राइम एक गैरकानूनी कार्य है जो आपके निजी डेटा को हैक कर लेता है।
  • 4) साइबर अपराधी अवैध तरीकों से पैसा कमाने की कोशिश करते हैं।
  • 5) फ़िशिंग, DoS अटैक, स्पूफिंग आदि कुछ सामान्य साइबर अपराध हैं।
  • 6) इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं।
  • 7) साइबर अपराध पीड़ितों के पैसे और साख चुराकर उन्हें असहाय बना देता है।
  • 8) इंटरनेट का उपयोग करते समय सचेत रहना चाहिए।
  • 9) साइबर अपराध किसी व्यक्ति, संगठन या यहां तक ​​कि सरकार को भी प्रभावित कर सकता है।
  • 10) साइबर अपराध उन्नत प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग है।

साइबर अपराध पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Cyber Crime in Hindi)

इक्कीसवीं सदी में साइबर क्राइम सबसे अधिक चर्चित समस्या है। दुनिया भर में सेलफोन और इंटरनेट का उपयोग नाटकीय रूप से बढ़ रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में सवाल पैदा हो रहे हैं। इस वजह से, सभी उपयोगकर्ताओं के लिए साइबर अपराध और सुरक्षा को समझना महत्वपूर्ण है। साइबर अपराध को हमलावरों द्वारा ऑनलाइन किए गए संगठित आपराधिक आचरण के रूप में परिभाषित किया गया है। साइबर अपराध कई रूपों में आता है, जैसे धोखाधड़ी, कंप्यूटर वायरस, साइबरस्टॉकिंग और अन्य। इनके कारण, व्यवसाय और सरकारी संगठन साइबर अपराध में पेशेवरों को बनाए रखने और नियोजित करने पर अधिक खर्च कर रहे हैं।

साइबर अपराध पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay on Cyber Crime in Hindi)

साइबरस्पेस के नाम से जाने जाने वाले विशाल समुदाय में लाखों और अरबों उपयोगकर्ता और वेबसाइटें हैं। लोग इसका उपयोग ई-कॉमर्स, लेनदेन, खरीदारी, फिल्में, संगीत और वीडियो गेम सहित विभिन्न गतिविधियों के लिए करते हैं। वर्तमान तकनीकी युग में सुलभ इंटरनेट कनेक्शन के कारण कोई भी व्यक्ति आसानी से कुछ भी ऑनलाइन एक्सेस कर सकता है। परिणामस्वरूप, सामान्य रूप से अपराध और विशेष रूप से साइबर अपराध में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, तेज़ इंटरनेट कनेक्शन ने डेटा सर्कुलेशन की दर को काफी बढ़ा दिया है। ये सभी समस्याएं जिम्मेदार हैं कि क्यों साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है।

सरकार ने अपराध के प्रसार को रोकने और लोगों के हितों की रक्षा के प्रयास में कई साइबर अपराध से संबंधित कानून बनाए हैं। ये कानून साइबर अपराध से भी बचाव प्रदान करते हैं। इसके अलावा, सरकार ने साइबर अपराध से जल्द से जल्द निपटने के लिए पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल की स्थापना की है।

साइबर अपराध एक ऐसा हमला है जो व्यक्ति और व्यवसाय दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां साइबर हमले के कारण डेटा लीक हुआ जिससे किसी व्यवसाय या व्यक्ति को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ। इन साइबर हमलों का देश और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारत और अन्य देशों में हुए साइबर हमलों की अनगिनत घटनाओं के कारण सुरक्षा उपायों को बढ़ाना आवश्यक हो गया है। एक लोकप्रिय परिभाषा के अनुसार, साइबर अपराध की चार मुख्य श्रेणियां हैं- हैकिंग, पैसा, गोपनीयता और साइबर आतंकवाद।

साइबर अपराध पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay on Cyber Crime in Hindi)

अपराध एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग गलत कार्य या अपराध के लिए किया जाता है, लेकिन जब साइबर अपराध की बात आती है, तो इसे व्यक्ति, संगठन या सरकार को अथाह नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट के माध्यम से किए गए अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। साइबर अपराध साइबर अपराधियों द्वारा किया गया एक दंडनीय अपराध है।

साइबर अपराध – समाज के लिए खतरा

साइबर अपराध वह आपराधिक कृत्य है जो हमारे काम को आसान बनाने के लिए उपकरण या लक्ष्य या अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट पर होता है। हैकर या अपराधियों के अपराध के विभिन्न उद्देश्य होते हैं। वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन या सरकार को नुकसान पहुंचाने में शामिल हो सकते हैं।

साइबर अपराध के कई उदाहरणों में धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, साइबरस्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाना और भेजना या पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना शामिल है। ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग इन्हें पैसा कमाने का एक आसान तरीका मानते हैं। यहां तक ​​कि बहुत से सुशिक्षित और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं। वे अपने दिमाग का सकारात्मक उपयोग करने के बजाय खुद को साइबर अपराध गतिविधियों में लगा देते हैं। यह दिन-प्रतिदिन हमारे समाज और राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है।

वर्तमान परिदृश्य में इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला साइबर अपराध सबसे प्रचलित अपराध है। इससे पीड़ित को गंभीर नुकसान होता है। इसलिए ऐसे अपराधों से बचने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए। सतर्क व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन केवल सहायक सहायता है जो साइबर अपराध की घटना को कम कर सकता है।

साइबर अपराध पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay on Cyber Crime in Hindi)

हर कोई यही सोचता है कि किसी का निजी डेटा चुराना ही साइबर क्राइम है। लेकिन परिभाषित शब्दों में हम कह सकते हैं कि ‘साइबर अपराध का तात्पर्य किसी के डेटा को चुराने या कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (कंप्यूटर, लैपटॉप, आदि) के उपयोग से है।

इसके अलावा, यह एक गैरकानूनी गतिविधि है जिसमें चोरी से लेकर अपराध करने के लिए एक उपकरण के रूप में आपके सिस्टम या आईपी पते का उपयोग करने तक कई मुद्दे शामिल हैं।

साइबर अपराध के प्रकार

मोटे तौर पर बात करें तो हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध को चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये हैं वित्तीय, गोपनीयता, हैकिंग और साइबर आतंकवाद।

वित्तीय अपराध के तहत वे उपयोगकर्ता या खाताधारकों का पैसा चुरा लेते हैं। इसी तरह, उन्होंने कंपनियों का डेटा भी चुराया जिससे वित्तीय अपराध हो सकते हैं। साथ ही, इनकी वजह से लेनदेन में भारी जोखिम होता है। हर साल हैकर्स बिजनेसमैन और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये चुरा लेते हैं।

गोपनीयता अपराध में आपका निजी डेटा चुराना शामिल है जिसे आप दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा, इसके कारण लोगों को बहुत परेशानी होती है और कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आत्महत्या भी कर लेते हैं।

हैकिंग में वे जनता या मालिक को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किसी वेबसाइट को विकृत करते हैं। इसके अलावा, वे मौजूदा वेबसाइटों का मूल्य कम करने के लिए उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनमें बदलाव कर देते हैं।

आधुनिक आतंकवाद 10-20 साल पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गया है। लेकिन साइबर आतंकवाद का संबंध सिर्फ आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों से नहीं है। लेकिन किसी व्यक्ति या संपत्ति को डर पैदा करने के स्तर तक धमकाना भी साइबर आतंकवाद है।

भारत में साइबर अपराध

वेब दुनिया या साइबरस्पेस लाखों-अरबों उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों का एक विशाल समुदाय है। साथ ही, लोग खरीदारी, फिल्में, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए इसका उपयोग करते हैं।

टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की आसान पहुंच के इस युग में कोई भी आसानी से इस तक पहुंच सकता है। पिछले दशक की तुलना में इस तीव्र गति से विकास के कारण। इसके अलावा, इंटरनेट ने सूचनाओं की एक ऐसी दुनिया खोल दी है जिससे कोई भी जुड़ सकता है।

इसके कारण अपराध की दर विशेषकर साइबर अपराध की दर कई गुना बढ़ गयी है। इसके अलावा, इंटरनेट की तेज़ गति के कारण डेटा के प्रसार की दर भी कई गुना बढ़ जाती है। सबसे बढ़कर, इन सभी मुद्दों के कारण, साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है।

साइबर अपराध से संबंधित कानून

साइबर अपराध को फैलने से रोकने और लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने साइबर अपराध से संबंधित कई कानून बनाए हैं। साथ ही, ये कानून साइबर अपराध के खिलाफ सुरक्षा के रूप में भी काम करते हैं। इसके अलावा, सरकार ने साइबर अपराध की समस्या का यथासंभव तेजी से मुकाबला करने के लिए पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल भी शुरू किए हैं।

साइबर क्राइम रोकने के उपाय

साइबर अपराध कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिससे हम स्वयं नहीं निपट सकते। इसी तरह, हम अपने सामान्य ज्ञान और तर्क के थोड़े से उपयोग से साइबर अपराधों को होने से रोक सकते हैं।

निष्कर्ष के तौर पर, हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध किसी की गोपनीयता या किसी भी सामग्री के लिए एक खतरनाक अपराध है। साथ ही, हम कुछ बुनियादी तार्किक बातों का पालन करके और अपने सामान्य ज्ञान का उपयोग करके साइबर अपराध से बच सकते हैं। सबसे बढ़कर, साइबर अपराध न केवल कानून का बल्कि मानवाधिकार का भी उल्लंघन है।

साइबर अपराध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:(FAQs)

Q.1 विश्व में साइबर अपराध की शुरुआत कब हुई.

उत्तर. दुनिया में साइबर क्राइम की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी.

Q.2 विश्व का पहला साइबर अपराधी कौन था?

उत्तर. इयान मर्फी दुनिया का पहला साइबर अपराधी था।

Q.3 साइबर अपराध का जनक किसे माना जाता है?

उत्तर. करुप्पन्नन जयशंकर को साइबर अपराध विज्ञान का जनक माना जाता है।

Q.4 भारत में पहला साइबर क्राइम मामला कौन सा था?

उत्तर. याहू बनाम आकाश अरोड़ा मामला भारत में पहला साइबर अपराध मामला था जो 1999 में हुआ था।

  • Study Material

cyber crime essay in hindi 250 words

साइबर क्राइम पर निबंध – Essay on Cyber Crime in Hindi

साइबर क्राइम निबंध – हर कोई सोचता है कि केवल किसी का निजी डेटा चोरी करना साइबर अपराध है। लेकिन शब्दों को परिभाषित करने में हम कह सकते हैं कि ‘साइबर अपराध किसी के डेटा को चुराने या कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (कंप्यूटर, लैपटॉप, आदि) के उपयोग को संदर्भित करता है।

साइबर क्राइम पर निबंध – Essay on Cyber Crime in Hindi

इसके अलावा, यह एक गैरकानूनी गतिविधि है जिसमें चोरी से लेकर आपके सिस्टम या आईपी पते का उपयोग अपराध करने के लिए एक उपकरण के रूप में मुद्दों की एक श्रृंखला शामिल है।

Essay on Cyber Crime in Hindi

साइबर अपराध के प्रकार

एक ब्रॉडवे में बोलते हुए हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध को चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये हैं फाइनेंशियल, प्राइवेसी, हैकिंग और साइबर टेररिज्म।

वित्तीय अपराध वे उपयोगकर्ता या खाताधारकों का पैसा चुराते हैं। इसी तरह, उन्होंने उन कंपनियों का डेटा भी चुराया जिनसे वित्तीय अपराध हो सकते हैं। साथ ही, लेन-देन के कारण उन्हें भारी जोखिम होता है। हर साल हैकर्स लाखों और करोड़ों रुपये के व्यवसायी और सरकार को चुराते हैं।

गोपनीयता अपराध में आपका निजी डेटा चोरी करना शामिल है जिसे आप दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा, इसके कारण, लोग बहुत पीड़ित हैं और कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आत्महत्या भी करते हैं।

हैकिंग में, वे जानबूझकर एक वेबसाइट को नुकसान पहुँचाते हैं जिससे जनता या मालिक को नुकसान या हानि होती है। इसके अलावा, वे मौजूदा वेबसाइटों में इसके मूल्य को कम करने के लिए नष्ट या परिवर्तन करते हैं।

10-20 साल पहले आधुनिक काल के आतंकवाद ने जिस तरह से आगे बढ़ाया है। लेकिन साइबर आतंकवाद का संबंध सिर्फ आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों से नहीं है। लेकिन डर पैदा करने के स्तर पर किसी व्यक्ति या संपत्ति को धमकी देना भी साइबर आतंकवाद है।

भारत में साइबर अपराध

वेब दुनिया या साइबरस्पेस लाखों और अरबों उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों का एक विशाल समुदाय है। इसके अलावा, लोग इसे खरीदारी, फिल्मों, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए उपयोग करते हैं।

इस एज ऑफ टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की आसान पहुंच के कारण कोई भी आसानी से इस तक पहुंच सकता है। इस वजह से पिछले दशक से तेज गति से विकास हुआ। इसके अलावा, इंटरनेट ने एक सूचना की दुनिया खोल दी है, जिस पर कोई भी कनेक्ट हो सकता है।

इसके कारण, अपराध की दर विशेष रूप से साइबर अपराध की दर में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। इसके अलावा, इंटरनेट की गति अधिक होने के कारण डेटा के सर्कुलेशन की दर भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। इन सभी मुद्दों के कारण, सबसे ऊपर, साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है।

साइबर अपराधों से संबंधित कानून

साइबर अपराध के प्रसार को रोकने और लोगों के हित को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने साइबर अपराधों से संबंधित कई कानून बनाए हैं। इसके अलावा, ये कानून साइबर अपराध के खिलाफ सुरक्षा के रूप में काम करते हैं। इसके अलावा, सरकार ने साइबर क्राइम की समस्या से निपटने के लिए पुलिस थानों में साइबर सेल की शुरुआत भी की है।

साइबर अपराध रोकने के तरीके

साइबर अपराध कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम अपने आप से नहीं निपट सकते। इसी तरह, हमारे सामान्य ज्ञान और तर्क के कम उपयोग से हम साइबर अपराधों को होने से रोक सकते हैं।

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निष्कर्ष निकालना, हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध किसी की निजता या किसी भी सामग्री के लिए एक खतरनाक अपराध है। इसके अलावा, हम कुछ बुनियादी तार्किक बातों का पालन करके और अपने सामान्य ज्ञान का उपयोग करके साइबर अपराध से बच सकते हैं। इन सबसे ऊपर, साइबर अपराध न केवल कानून का बल्कि मानव अधिकारों का भी उल्लंघन है।

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साइबर अपराध cyber crime in hindi

विषय-सूचि

साइबर अपराध परिभाषा (Cyber Crime definition in hindi)

परिभाषा – यह एक तरह का अपराध है जो की कम्प्युटर की मदद से नेटवर्क उपकरणों के माध्यम से अपराधी द्वारा किया जाता है।

ज़्यादातर साइबर अपराध ये साइबर अपराधी अपने पूंजीवाद फायदे के लिए करते है जिससे की उसका लाभ हो और काफी तरह के साइबर अपराध जो होते है वह दूसरे कम्प्युटर या नेटवर्क को पूरी तरह से तबाह करने के लिए भी होते हैं। इस तरह के अपराध में मालवेएर, अवैध जानकारी और फोटो आदि से होते हैं। इस अपराध को करने के लिए कुछ साइबर अपराधों में दोनों होते हैं जैसे की एक कम्प्युटर होता है वह वाइरस से संक्रमित हो जाता है और यह संक्रमण बाकी के आस पास की मशीनो और सारे के सारे नेटवर्क में फैल जाता है।

साइबर अपराध का प्राथमिक प्रभाव जो होता है वह पूंजीवाद होता है और साइबर अपराध काफी तरह के लाभ अपराधी को देता है। इसमे रेनसमवएर अटैक, ईमेल, इंटरनेट फ़्रौड, अकाउंट की पूंजी चुराना, क्रेडिट कार्ड और बाकी के कार्ड की जानकारी निकालना आदि साइबर अपराध में आते हैं। साइबर अपराधी जो होते हैं वह व्यक्तिगत जानकारी और ऑफिस आदि की जानकारी को चुराने और उसे अपने फायदे के हिसाब से बेचने का भी प्रयास करते हैं।

साइबर अपराध क्या है? (what is cyber crime in hindi?)

यूएस के न्यायालय ने साइबर अपराध को तीन भागों में बाटा है। पहला जिसमे कम्प्युटर उपकरण उसका निशाना है उदाहरण नेटवर्क को काबू में करना। दूसरा कम्प्युटर को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना उदाहरण डीओएस (डेनियल ऑफ सर्विस) अटैक और तीसरा कम्प्युटर को अपराध के लिए एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, उदाहरण कम्प्युटर के इस्तेमाल से अवैध डाटा को लेना।

यूरोप की साइबर अपराध की काउंसिल जो की यूएस के न्यायालय की मदद से काम करती है उसका मानना है की साइबर अपराध एक तरह की खतरनाक मालेसियस गतिविधि है यानि की वाइरस से फैलने वाली साजिश है जिसमे की अवैध तरीके से डाटा को लिया जाता है और दूसरों के सिस्टमों में घुसा जाता है और कॉपीराइट वाली चीजों को नुकसान पहुंचाया जाता है। बाकी तरह के साइबर अपराधों में जुआ, अवैध वस्तुओं को बेचना जैसे की हथियार, ड्रग्स आदि और बच्चों की पॉर्न डालना यह सभी एक तरह के साइबर अपराध हैं।

इंटरनेट की बढ़ती सुविधा की वजह ने साइबर अपराधों को बढ़ावा दे रखा है। क्योंकि इस वजह से अपराधी को खुद उसी जगह पर अपराध करने के लिए रहना जरूरी नहीं है। इंटरनेट की गति, सुविधा और आसानी से कनैक्शन मिलने के फायदे की वजह से वित्तीय अपराध, जैसे की फ़्रौड, मनी लौंडेरिंग आदि जैसे बेकार काम होते हैं इस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इस तरह के अपराध या तो किसी एक व्यक्ति या फिर व्यक्तियों के समूह द्वारा किए जाते है जिनहे काफी अच्छा तकनीकी ज्ञान होता है। इसमे काफी शिक्षित डेवलपर और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़े हुए होते हैं। इस तरह के अपराध ज़्यादातर उन देशों में किए जाते हैं जहाँ पर साइबर अपराध पर काफी कम नियम हैं और जहाँ का कानून थोड़ा ढीला है।

साइबर अपराध किस तरह काम करता है? (working of cyber crime in hindi)

इस तरह के साइबर अपराध को करने के लिए साइबर अपराधी काफी तरह के टेक्निकल हमले करते हैं और हमेशा नए नए तरीके खोजते रहते हैं जिससे की वह बिना पकड़े जाए अपने मुकाम को हासिल कर सकें।

  • डीडीओएस (distributed dos attack) – यह सिस्टम और नेटवर्क को बंद करने के काम आता है। इस तरह का हमला उसी नेटवर्क के प्रोटोकॉल को इस्तेमाल करके किया जाता है। इस तरह के हमले ज़्यादातर वाइरस हमलों से सिस्टम को नुकसान पहुँचाने के लिए किये जाते हैं। यह हमले कई बार लोगो को किसी और मुश्किल में फँसाके कुछ और अपराध करने के लिए भी किये जाते हैं।
  • सिस्टम और नेटवर्क को मालवेएर की मदद से संक्रमित किया जाता है। उदाहरण सिस्टम को खराब कर देना, जो भी सॉफ्टवेयर या फिर डाटा सिस्टम में रखा हुआ है उसे खराब कर देना।
  • फिशिंग कैम्पेन में फ़्रौड मेल द्वारा लोगो को पागल बनाया जाता है जिससे की वह दिये गए एटेचमेंट को डाउनलोड करें और या फिर दी गयी लिंक पर क्लिक करें जिससे की सिस्टम में वाइरस फैल जाए और उस सिस्टम से वह वाइरस उनकी कंपनी के नेटवर्क में भी फैल जाए।
  • कई बार क्रेडेंशियल हमला भी किया जाता है जिसमे उपयोगकर्ता के निजी अकाउंट के आईडी और पासवर्ड जान लिए जाते हैं और उसका सारा पैसा अपराधी फिर अपने अकाउंट में डाल लेता है। कई बार कुछ सॉफ्टवेयरों की भी मदद ली जाती है जिससे की किसी भी व्यक्ति का निजी अकाउंट हैक किया जा साके और उसके सारी पूंजी हड़पी जा साके।
  • साइबर अपराधी कुछ वैबसाइटो पर डाका भी डाल देते हैं जिससे की वह उस वैबसाइट पर जो जानकारी है उसे बदल सकें और उसमें अपने हिसाब से कुछ भी डाल सकें। उदाहरण के तौर पर कोई अपराधी एसक्यूएल इंजेक्शन(SQL Injection) का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे की वह वाइरस से भरा कोड़ वैबसाइट में डाल सके और वह वाइरस से भरा कोड वैबसाइट के डेटाबेस में फैल जाये और अपराधी सारे डाटा को हैक कारले और इसके बाद अपने हिसाब से वो उसमे बदलाव कर सके। यह उपयोगकर्ता के निजी पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर, पर्सनल आइडेंटिफिएब्ल जानकारी, प्रोपर्टी आदि की जानकारी को भी अपराधी इन तरिकों से पा सकता है।

साइबर अपराध के प्रकार (types of cyber crime in hindi)

काफी प्रकार के साइबर अपराध होते हैं। ज़्यादातर साइबर अपराध साइबर हमलों द्वारा धन को पाने के लिए किए जाते हैं।

  • एक होता है साइबर धमकी जिसमे अपराधी लोगों का डराता और धमकाता है उसमे वह कहता है या तो पैसे दो नहीं तो वह उन्हे साइबर हमले से तबाह कर देगा। एक तो होता है नेटवर्क की मदद से वह किसी कंपनी या फिर किसी संगठन को आघात पहुंचाता है और उस संगठन आदि की सारी फ़ाइल, डाटा और जितने भी जरूरी डॉकयुमेंट होते हैं उन्हे ले लेता है।
  • दूसरे में क्रिप्टोकरेंसी को वह सॉफ्टवेयरों की मदद से हत्याने का काम करता है।
  • तीसरे में वह कुछ सॉफ्टवेयर और नेटवर्क की मदद से बड़ी चालाकी से क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी निकाल कर सारी की सारी पूंजी को अपने अकाउंट में डाल लेता है।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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Upar diye gaye cyber attacks me se sabse dangerous attack konsa hota hai or hum isse bachne ke liye kya kya kar sakte hain?

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Cyber Crime Essay In Hindi

Cyber Crime Essay In Hindi: साइबर क्राइम पर निबंध

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Cyber Crime Essay In Hindi

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Cyber Crime Essay In Hindi 100 Words

तकनीकी विकास के कारण कई सारी समस्याएं भी विकसित हो रहे हैं। आजकल सारे काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं। ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करना हमारे लिए फायदेमंद भी है, और नुकसानदायक भी। साइबर क्राइम को हम तकनीकी विकास का एक परिणाम कह सकते हैं। वर्तमान में साइबर क्राइम खतरनाक अपराधों में से एक माना जाता है। दुनियां के सभी देशों में साइबरक्राइम काफी तेजी से बढ़ रहा है। भारत में आज साइबर क्राइम काफी बढ़ चुका है। साइबर क्राइम में किसी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी या पर्सनल डाटा चोरी होता है। साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को पकड़ना भी काफी मुश्किल होता है। हमें अपनी निजी सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल संभल कर करना चाहिए और कोई भी निजी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचना चाहिए।

मेरी अभिलाषा पर निबंध मेरे स्कूल पर निबंध दहेज प्रथा पर निबंध मुहर्रम पर निबंध विज्ञान के चमत्कार निबंध प्रदूषण पर निबंध

Essay on cyber crime and solution 200 Words

साइबर क्राइम आज हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। जैसे-जैसे व्यक्ति ऑनलाइन सुविधाओं का इस्तेमाल करता जा रहा है ,वैसे वैसे वह साइबर क्राइम का शिकार होते जा रहा है। साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है, जिसका पता लगा पाना बेहद मुश्किल होता है। एक व्यक्ति कब ऑनलाइन सुविधाओं के माध्यम से साइबर क्राइम का शिकार हो जाए, यह पता ही नहीं चलता। समाज में ऐसे कई सारे लोग मौजूद होंगे जो इस साइबर क्राइम का शिकार होकर अपना सब कुछ खो बैठे होंगे। जिस तरह आज टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो गई है।

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हर उम्र के लोगों के द्वारा किया जा रहा है। जब हम इंटरनेट या किसी अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, तो उस टेक्नोलॉजी का कनेक्शन हमारी पर्सनल डिटेल और डाटा के साथ जुड़ जाता है। साइबर क्राइम में किसी हैकर या अपराधी के द्वारा अपराध करने के कई सारे उद्देश्य हो सकते हैं। यह अपराधी तत्व आपको अस्थाई रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले हैंकर बिना आपकी अनुमति के आपके पर्सनल डाटा को चोरी कर आपसे पैसों की मांग भी कर सकते हैं। सरकार द्वारा भी साइबर क्राइम को कम करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सभी लोगों को ऑनलाइन सुविधाओं का इस्तेमाल काफी सावधानी के साथ करना चाहिए।

Causes and Effects of Cyber Crime Essay 300 Words 

आज हमारे देश और समाज में अपराधियों की संख्या काफी बढ़ गई है। अपराधियों की संख्या के साथ अपराध की संख्या भी बढ़ गई है। आजकल कई सारे अलग-अलग किस्म के अपराध देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक अलग किस्म का अपराध साइबर क्राइम है। साइबर क्राइम के बारे में लोग काफी कम जानते हैं। लोगों में इसके प्रति कम जागरूकता होने के कारण वह इसका शिकार हो जाते हैं। साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है, जो आपको शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। किसी अपराधिक तत्व द्वारा बिना आपकी अनुमति के आपकी डिजिटल जानकारी को चोरी किया जाता है।

साइबर क्राइम से नुकसान

अपराध किसी भी प्रकार का हो अपराध को करने का उद्देश्य सिर्फ व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना होता है। इस साइबर क्राइम में किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया जाता बल्कि उसकी व्यक्तिगत जानकारियों को चोरी कर उनका दुरुपयोग कर मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है। कई सारे नकली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैकर्स या आपराधिक तत्व किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जैसे की एटीएम का पिन ,ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का पासवर्ड, या अन्य किसी बैंक डिटेल को चोरी कर बिना अनुमति के उसके पैसों का लेनदेन कर लेते हैं। साइबर क्राइम का सबसे बड़ा नुकसान तो यह है, कि लोगों को साइबरक्राइम का पता ही नहीं चलता जब तक कि वह अपना नुकसान नहीं कर बैठते हैं।

आजकल हर दूसरा व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार होता जा रहा है। इस इंटरनेट की दुनियां में व्यक्ति इतना फस चुके हैं, कि वे बिना सोचे समझे किसी भी जगह अपनी पर्सनल डिटेल शेयर कर देते हैं। इंटरनेट पर ऐसे कई सारे हैकर्स मौजूद है, जो जाल बिछाकर व्यक्ति को शिकार बनाते हैं। वह व्यक्ति को ऑनलाइन लालच देकर व्यक्ति को अपनी पर्सनल डिटेल शेयर करने पर मजबूर कर देते हैं। जैसे ही किसी व्यक्ति द्वारा अपनी डिटेल शेयर की जाती है, वह साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं। साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर सेल द्वारा भी लोगों को अलग-अलग तरह से हर बार जागरूक किया जा रहा है। सभी लोगों को यह बताया जा रहा है कि वह ऑनलाइन सुविधाओं का इस्तेमाल करने से पहले पूरी जांच करना चाहिए।

Essay on Cyber Crime in Hindi 500 Words

इंटरनेट आधुनिक दुनियां के लिए एक वरदान है। इंटरनेट एक ऐसी चीज है, जिसके माध्यम से पृथ्वी के अलग-अलग कोने में मौजूद दो देशों को आपस मे जोड़ा जा सकता है। इंटरनेट का इस्तेमाल काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आजकल हर छोटे से छोटे काम को कंप्यूटर पर इंटरनेट की सहायता से किया जा रहा है। जिस तरह से इंटरनेट का उपयोग बढ़ता जा रहा है। उसी तरह से साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। साइबर क्राइम का शिकार होने वाले लोगों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि वह खुद ही अपनी व्यक्तिगत जानकारियां किसी अपराधी के साथ साझा कर रहे हैं। किसी आपराधिक तत्व द्वारा व्यक्ति को आर्थिक रूप से हानि पहुंचाने के लिए साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है।

साइबर क्राइम क्या है? (What is Cyber Crime?)

आज के इस आधुनिक युग में सभी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग किया जा रहा है। आजकल व्यक्ति अपना हर काम जैसे की शॉपिंग करना ,ऑनलाइन पढ़ाई करना ,गेम खेलना, किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना सब इंटरनेट की सहायता से कर रहे है। इंटरनेट का इस्तेमाल आज सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है। साइबर क्राइम भी इंटरनेट का ही एक अंग है। जब किसी व्यक्ति द्वारा बिना आपकी अनुमति के आपकी पर्सनल जानकारी देता जैसे कि बैंक डिटेल, आपका पता, आपकी गोपनीय पिक्चर्स जो आप इंटरनेट पर डालते हैं। वह चोरी की जाती है एवं इसका उपयोग कर आप को आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है इसे ही साइबरक्राइम कहा जाता है।

 साइबर क्राइम के प्रकार (Types of Cyber Crime)

हैकर्स द्वारा साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए इंटरनेट और कंप्यूटर जैसे उपकरणों का सहारा लिया जाता है। लेकिन इस अपराध को अंजाम देने के लिए किसी अपराधी द्वारा एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे वह लोगों को अपने जाल में फंसा सके। साइबर क्राइम के प्रकार अलग-अलग होते हैं, जैसे कि –

  • पहचान चोरी करना
  • मैलवेयर अटैक
  • क्रेडिट कार्ड स्कीम
  • साइबर हैरेसमेंट
  • पोर्नोग्राफी
  • गोपनीयता चोरी करना

साइबर क्राइम के माध्यम से मुख्य रूप से इन सभी अपराधों को अंजाम दिया जाता है। हैकर्स द्वारा आपको शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए आपको इन्हीं में से किसी एक अपराध का शिकार बनाया जाता है।

साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता

समाज में एक बहुत बड़ा हिस्सा है, जो साइबर क्राइम के प्रति बिल्कुल भी जागरुक नहीं है। उन्हें साइबर सिक्योरिटी के बारे में कोई जानकारी ना होने के कारण वे आसानी से साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं। युवा पीढ़ी भी साइबर क्राइम का शिकार हो रही है। लोगों में साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए साइबर सेल द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सभी लोगों को यह बताया जाता है, कि वह किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी जानकारी कभी साझा नहीं करना चाहिएं। व्यक्ति जिस भी उपकरण से इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। उसमें एक कठिन पासवर्ड लगा कर रखना चाहिए। इसके अलावा ऐसी चीजें जिसका इस्तेमाल वह इंटरनेट के लिए करते है, उन सभी में साइबर सिक्योरिटी का प्रोग्राम अवश्य रखना चाहिए।

अब साइबर क्राइम गंभीर अपराधों में से एक माना जाता है। लोगों को ऑनलाइन होने वाले इस क्राइम के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। आजकल सभी उम्र के लोगों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इंटरनेट का इस्तेमाल करते वक्त कई बार लुभावनी स्कीम या ऑफर देखकर व्यक्ति बिना किसी जांच पड़ताल के ऑफर का लाभ उठाने की जल्दी में अपनी पर्सनल जानकारी किसी अवैध वेबसाइट या उपकरण पर साझा कर देता है। दरअसल यह लुभावनी स्कीम या ऑफर हैकर द्वारा फैलाया गया जाल है। जिससे वह लोगों को शिकार बना सके। जैसे ही कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार हो उसे जल्द से जल्द साइबर सेल में शिकायत करना चाहिए । इसके अलावा इतनी जल्दी हो सके अपनी बैंक से संबंधित सभी चीजों को बंद करवा देना चाहिए।

Cyber Crime Essay 1000 Words

आज के इस आधुनिक युग में जितने भी उपकरणों का उपयोग मनुष्य द्वारा किया जा रहा है। वह सब किसी ना किसी कार्य को करने के लिए बनाए गए हैं। मनुष्य हमेशा से ही अपनी सुविधा के लिए नए-नए चीजों का आविष्कार करते रहा है। मनुष्य ने ही इंटरनेट और बाकी सभी अन्य सुविधाओं का अविष्कार अपनी सुविधा के लिए किया था। लेकिन सुविधा के अलावा यह तकनीक अब लोगों को नुकसान पहुंचा रही है। जिस तरह से आजकल व्यक्तियों द्वारा अंधाधुन इंटरनेट और सोशल मीडिया साइट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा करने वाले लोग साइबर क्राइम का शिकार भी हो रहे हैं। साइबर क्राइम में किसी व्यक्ति द्वारा बिना आपकी अनुमति के आपकी गोपनीयता चुराई जाती है। वह व्यक्ति आपको कई तरह से परेशान कर सकता है। अगर आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में भी आपकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हैं तो वह कभी भी चोरी हो सकती हैं।

साइबर क्राइम के कारण क्या है? 

किसी भी अपराध को करने का कारण या उद्देश्य सिर्फ किसी ना किसी व्यक्ति को शारीरिक मानसिक व आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाना है। साइबर क्राइम होने के कारण कई सारे में जैसे कि साइबर क्राइम के प्रति कम जागरूकता, इंटरनेट उपकरणों का उपयोग, बिना जांच किए इंटरनेट पर गोपनीय जानकारी साझा करना इत्यादि। इंटरनेट की इस दुनियां में कई सारे ऐसे व्यक्ति हैं। जिन्होंने एक विशेष टेक्निक की सहायता से इंटरनेट पर एक ऐसा जाल बनाया है,जिसमें व्यक्ति फस जाता है।

इन आपराधिक तत्वों द्वारा इंटरनेट पर व्यक्तियों को लुभावने ऑफर या स्कीम बनाई जाती है। जिससे कि व्यक्ति आकर्षित होकर उनके जाल में फंस सकें। आजकल बच्चों द्वारा भी इंटरनेट उपयोग किया जा रहा है, वह इन सभी चीजों में फस कर अपनी सारी गोपनीयता आपराधिक तत्व के साथ साझा कर देते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप बच्चों को एवं उनके माता-पिता को आर्थिक एवं मानसिक रूप से समस्या झेलनी पड़ती है।

साइबर अपराध कौन कौन से हैं?

साइबर अपराध कई सारे हैं। अपराधियों द्वारा अलग-अलग तरह से अलग-अलग अपराध कर आपको परेशान किया जा सकता है। साइबर अपराध इस प्रकार है–

  • फ़िशिंग – इस तरह के अपराध में स्पैम ईमेल या नकली वेबसाइट के माध्यम से किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारियां चोरी की जाती है।
  • पहचान की चोरी – इस तरह के अपराध में अपराधी द्वारा आपकी बिना अनुमति के आपके क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड या फिर बैंक डिटेल की जानकारी चोरी की जाती है।
  • मैलवेयर अटैक – इस अपराध में अपराधी द्वारा सॉफ्टवेयर के माध्यम से आपके सिस्टम या उपकरण को नुकसान पहुंचाया जाता है। मालवेयर एक अवैध सॉफ्टवेयर है,जिसे अपराध करने के लिए बनाया गया है।
  • एटीएम फ्रॉड – इस तरह के अपराध में अपराधी एटीएम मशीन को हैक कर लेते हैं एवं किसी भी व्यक्ति के एटीएम का पासवर्ड चोरी कर लेते हैं। वे एटीएम को हैक कर डुप्लीकेट एटीएम पासवर्ड बना लेते हैं और उसका उपयोग पैसे निकालने के लिए करते हैं।
  • साइबर हैरेसमेंट – इस तरह के साइबर अपराध में व्यक्ति द्वारा आपको ऑनलाइन अलग-अलग माध्यमों से परेशान किया जाता है। कोई भी अपराधी आपकी ऑनलाइन गोपनीयता को चुराकर उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको परेशान कर सकता है।
  • पोर्नोग्राफी – इस तरह के अपराध में अपराधी आपको अश्लील वेबसाइटों के माध्यम से या यौन गतिविधियों वाले वीडियो से आपको परेशान कर सकता है।
  • पायरेसी – यह एक सबसे बड़ा साइबर अपराध है। इसमें अपराधी द्वारा किसी भी व्यक्ति की गोपनीयता को हानि पहुंचाई जाती है। कई बार अपराधियों द्वारा सरकारी वेबसाइट को हैक कर महत्वपूर्ण फाइलों की जानकारी चोरी कर उन्हें बेच दिया जाता है।

साइबर अपराध का आतंक

आज के समय साइबर अपराध का आतंक काफी ज्यादा बढ़ गया है। साइबर अपराधियों द्वारा किसी भी आम व्यक्ति का डेटा उपयोग कर उसे हानि पहुंचाई जा रही है। आम व्यक्तियों के अलावा अब तो सरकारी वेबसाइटों को भी हैकर्स द्वारा हैक कर लिया जाता है एवं शासन की सुरक्षा होने के बावजूद भी सभी गोपनीय फाइलों को चोरी कर लिया जाता है। साइबर अपराध करने वाले अपराधियों का हौसला इसलिए इतना बढ़ चुका है क्योंकि उन्हें पकड़ना बेहद कठिन होता है। साइबर क्राइम का शिकार होने वाला व्यक्ति शिकायत करने से भी घबराता है जिसके कारण अपराधियों की हिम्मत और भी बढ़ जाती है। साइबर अपराध के आतंक की बात की जाए तो जब किसी व्यक्ति को लेकर द्वारा परेशान किया जाता है तो वह व्यक्ति अपनी इज्जत को बचाने के लिए हैकर्स को अपनी सारी गोपनीय जानकारी दे देता है। साइबर क्राइम का शिकार आजकल भारत मैं हर उम्र के लोग हो रहे हैं।

साइबर अपराधों का वर्गीकरण

साइबर अपराध अलग अलग तरह से अलग अलग व्यक्तियों के प्रति किया जाता है। इस साइबर अपराध के माध्यम से अपराधी किसी व्यक्ति को, किसी संस्था को ,किसी संगठन को नुकसान पहुंचाता है।

  • किसी व्यक्ति के साथ अपराध – किसी व्यक्ति के खिलाफ उसके डेबिट कार्ड ,क्रेडिट कार्ड की जानकारी को चोरी करना एवं स्पैम ईमेल भेजना अपराध माना जाता है। यह अपराध मुख्य रूप से किसी व्यक्ति को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए और पैसा कमाने के लिए किया जाता है।
  • किसी संगठन के साथ अपराध – इस श्रेणी में अपराधी द्वारा किसी संगठन ,कंपनी या फॉर्म के खिलाफ अपराध किया जाता है। अपराधी द्वारा कंपनी का महत्वपूर्ण डाटा चोरी कर उसे बेचकर पैसे कमाने का काम किया जाता है।
  • सरकार के साथ अपराध – साइबर अपराधी सरकारी एवं राष्ट्रीय डाटा तक पहुंच प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। राष्ट्रीय गोपनीय जानकारी के साथ अपराध एक चिंता का विषय है, क्योंकि राष्ट्रीय गोपनीय जानकारी के साथ लोगों की सुरक्षा जुड़ी हुई होती है।

साइबर अपराध के कारण एवं रोकथाम

साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए भारतीय साइबर सेल द्वारा काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को ऑनलाइन माध्यम से साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया जा रहा है एवं साइबर क्राइम से बचाने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए भी बताया जा रहा है।

साइबर क्राइम से बचाव

  • सबसे पहले अपने सिस्टम में साइबर सुरक्षा सिस्टम या सॉफ्टवेयर अपडेट करना चाहिए।
  • किसी भी वेबसाइट पर अपनी पर्सनल डिटेल या फिर अपने सिस्टम की जानकारी कभी भी शेयर नहीं करना चाहिए।
  • जितना हो सके अपने बैंक डिटेल को एवं पर्सनल डिटेल रखने वाले उपकरण जैसे कि एटीएम डेबिट कार्ड को शेयर नहीं करना चाहिएं।
  • किसी भी सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन को अपने सिस्टम में डाउनलोड करने से पहले उसकी पूरी जांच कर लेना चाहिए।
  • किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट पर लुभावनी स्कीम या ऑफर देखकर लालच में नहीं पड़ना चाहिए।
  • अपने बच्चों इंटरनेट का इस्तेमाल करने नहीं करने देना चाहिए। 
  • इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए भरोसेमंद ब्राउजर जैसे कि क्रोम ,ओपेरा का इस्तेमाल करें। किसी भी अनजान वाईफाई से अपना सिस्टम कनेक्ट नहीं करना चाहिए।

भारत में साइबर अपराध की समस्या

भारत में साइबर अपराध की समस्या में एक विकट रूप ले लिया है। यहां पर साइबर अपराध सबसे ज्यादा हो रहा है, क्योंकि लोगों में इसके प्रति जागरूकता काफी कम है। जिसके कारण लोग बिना सोचे समझे कहीं भी अपनी पर्सनल डिटेल शेयर कर देते हैं। छोटे बच्चों द्वारा भी इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे ऑफर या फिर प्राइस के चक्कर में अपनी एवं माता-पिता की गोपनीय जानकारी अवैध वेबसाइट पर साझा कर देते हैं। भारत में साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए साइबरसेल भी बनाया गया है। साइबर सेल सभी व्यक्तियों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखता है, एवं जब भी कोई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार होता है। तो साइबर सेल द्वारा जल्द से जल्द उनका डाटा रिकवर कराया जाता है।

हमारे भारत देश में साइबर क्राइम को खत्म करने के लिए काफी बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी विभागों द्वारा भी ऐसी संस्थाएं बनाई जा रही है, जो साइबर क्राइम से छुटकारा दिला सके। भारत में पहली बार 4 से 5 सितंबर 2019 को नई दिल्ली में सीबीआई के हेडक्वार्टर में एक राष्ट्रीय अपराध जांच एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जांचकर्ताओं के लिए, फॉरेंसिक टीमों के लिए एवं अन्य अधिकारियों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करना था। जो कि साइबर संबंधित अपराधो से निपटने के लिए विभिन्न उपायों एवं विभिन्न तरीकों पर चर्चा कर सके। साइबर से बचाव के लिए सरकार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए। कंप्यूटर एवं मोबाइल जैसे उपकरण हमारी सुविधा के लिए है। हमें अंधाधुन इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए एवं जितना हो सके अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को इंटरनेट पर साझा करने से बचना चाहिए।

Cyber Crime Essay

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Cyber Crime Essay In Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Cyber Crime in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Cyber Crime Essay In Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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साइबर क्राइम पर निबंध

Cyber Crime Essay In Hindi: हम यहां पर साइबर क्राइम पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में साइबर क्राइम के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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साइबर क्राइम पर निबंध | Cyber Crime Essay In Hindi

साइबर क्राइम पर निबंध (250 शब्द).

जब कभी इंटरनेट और कंप्यूटर की सहायता से  कोई काम किया जाता है, तो उस काम से किसी दूसरे व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक, या मानसिक  रूप से क्षति पहुंच सकती है। तब उसको साइबर अपराध (Cyber Crime) के नाम से  भी जाना जाता है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी की फोटो, वीडियो को इंटरनेट की मदद से सोशल मिडिया मे अपलोड कर देता है, तो एक तरह का क्राइम ही होता है। ऐसा करने वाले लोगो के ऊपर सख्त कार्यवाही की जाये ताकि दोबारा ऐसा करने के बारे मे सोचे तक नहीं।

जब कई लोग किसी देश के खिलाफ जाकर साइबर अपराध करने की प्लानिंग करते हैं, तब साइबर क्राइम बहुत भयानक रूप धारण कर लेता है।आज के समय मे बेरोजगार होने के कारण लोगो को कोई नौकरी ना मिलने के कारण कुछ व्यक्ति साइबर क्राइम का हिस्सा बनते जा रहे है, क्योंकि पैसे की तंगी आने के वजह से 18-25 साल के उम्र के नौजवान साइबर क्राइम का हिस्सा बनते जा रहे है। इस भयंकर साइबर क्राइम को आतंकवाद का नाम दे दिया गया है, क्योंकि छोटे -छोटे अपराध आगे चलकर एक भयंकर आंतकवाद का रूप धारण कर लेते है, इसी के कारण हमारे देश मे  दिन -प्रतिदिन बहुत ज्यादा आतंक फ़ैल रहा है।

इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे कर दुनिया भर की  सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है,और इंटरनेट के माध्यम से हम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जुड़ सकते है। आज के युग मे ज्यादातर लोग इंटरनेट के माध्यम से ही सोशल मिडीया का उपयोग बहुत तेजी से कर रहे है, 18-15 वर्ष के नौजवान फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर आदि का उपयोग  अधिक मात्रा मे करते है।

साइबर क्राइम पर निबंध (1400 शब्द)

इंटरनेट एक तरह का ऐसा माध्यम  होता है, जिसके माध्यम से लोग कंपनियां को दुनिया भर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जोड़ने मे कामयाब हो पाते  है।सामाजिक नेटवर्किंग, ऑनलाइन खरीद, जानकारी प्राप्त करना,गेम खेलना,ऑनलाइन पढ़ाई करना , ऑनलाइन नौकरियों की तलाश करना आदि इन सभी चीज के बारे में मनुष्य कल्पना कर सकता है।

इंटरनेट आज के युग में हर क्षेत्र में उपयोग मे लाया जाता है। इंटरनेट के बढ़ते फायदों के साथ साइबर अपराध जैसे भयानक क्राइम भी बढ़ रहे है। साइबर अपराध अलग-अलग तरीकों से बढ़ रहे होते हैं। कुछ सालों पहले  इन सब चीजों को लेकर  इतनी जागरूकता नहीं फैली थी,  लेकिन जैसे -जैसे समय बीतता गया वैसे -वैसे साइबर अपराध बढ़ता गया।अन्य  देशों के साथ- साथ भारत में भी साइबर अपराध की घटनाये घटित हो रही है।

साइबर क्राइम क्या है

साइबर क्राइम या कंप्यूटर अपराध ऐसा अपराध होते है जिसमें एक कंप्यूटर और एक नेटवर्क  दोनों शामिल होते है। साइबर क्राइम मे इंटरनेट, मोबाइल फोन आदि का अवैध रूप से उपयोग किया जाता है।व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के  खिलाफ अपराध किया जाता है तो ,उनको  हर तरह से पड़ातालित किया जाता है , जानबूझकर शारीरिक या मानसिक  रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है।

बड़े पैमाने पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तमाल करने वाली जनसंख्या साइबर क्राइम के खतरों से अनजान होते है। लेकिन विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सर्वर को अन्य देशों में ध्यान केंद्रित करके देखते रहते हैं, जिससे  यह डर बना रहता है कि कहीं ये हमारे देश लोगों की व्यक्तिगत जानकारी का गलत उपयोग ना कर रहे हो ये बात मन मे हमेशा खटकती रहती है।सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करते रहते  हैं, जिससे हैकर बहुत ही आसानी से इन सोशल नेटवर्किंग एकाउंट्स  की सारी जानकारी को हैक कर सकते हैं,और फिर प्राप्त जानकारी  का गलत उपयोग करने लग जाते है।

साइबर क्राइम के प्रकार

हैकिंग करने वाले लोग कंप्यूटर प्रोग्रामर होते है ,जैसे की हम सोशल मीडिया मे किसी भी वेबसाइट मे बिना जाँच पड़ताल किये उस वेबसाइट मे सीधे अपना अकाउंट बना कर अपने अकाउंट मे सारी जानकारी डाल देते है, जिससे अकाउंट हैक होने का खतरा बना रहता है। अपने अकाउंट की जानकारी को हैक होने से बचाना चाहते है।

तो आपको सबसे पहले उस वेबसाइट की सारी जानकारी का पता लगाना चाहिये कि जिस वेबसाइट मे आप अकाउंट बनना चाहते है वह पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं।ताकि आपका अकाउंट हैक होने से बच सके और आपके अकाउंट की जानकारी किसी को नहीं मिलेगी, और साइबर क्राइम होने से रोका जा सकता है।और हमेशा इंटरनेट का उपयोग करते समय हमें सुरक्षित हो कर ही सोशाल मिडिया मे फोटो, वीडियो पोस्ट करे ताकि कोई आपकी डाटा प्रोफाइल को हैक ना कर सके।

वायरस का प्रसार :-

हर मोबाइल, कंप्यूटर मे वायरस जरूर से जरूर मौजूद होते है। यह वायरस कंप्यूटर सिस्टम को चलाते समय रुकावट उत्पन्न करते है। और स्टोर डाटा को प्रभवित करता है, कंप्यूटर मे वायरस होने से हमारे सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर देते है। कंप्यूटर मे वायरस इंटरनेट के माध्यम से फैलता है, और कंप्यूटर सिस्टम के वायरस को खत्म करने के लिये हमें एंटीवायरस टूल का उपयोग किया जाना चाहिये इस टूल को विकसित करने मे काफ़ी खर्चा किया गया था।

जिस तरह से मछली पकडने के लिये कांटे में दाना डाला जाता है ,उसी तरह दाने को खाने के लालच में  मछली  आकर कांटे में फँस जाती है।  ठीक उसी प्रकार फ़िशिंग भी हैकर के द्वारा इन्‍टरनेट पर नकली वेबसाइट बनायीं जाती है जिससे यूजर अपना सारी जानकारी या ईमेल उस वेबसाइट मे शेयर कर देते है, और पूरी तरह से हैकर के जाल मे फंस जाता है।

और हैकर्स आपकी सारी जानकारी को धोखेबाजी के माध्‍यम से चुरा लेते हैऔर आपकी निजी जानकारी का  गलत उपयोग करते हैं |  आपके क्रेडिट कार्ड नंबर और अकाउंट नम्बर, एटीएम पिन और पैन कार्ड नम्बर आदि की गोपनीय जानकारी प्राप्त करने का यह सबसे अच्छा तरीका होता है। जिससे हैकर्स आपके बैंक बैलेंस की सारी डिटेल्स निकाल लेता है और अकाउंट भी खाली कर देता है। अत : आप सबसे यही अनुरोध है कि ऐसी धोकाधड़ी वाली वेबसाइटो से दूर रहे और आज कल ऑनलाइन नेटवर्किंग बिज़नेस का झांसा दे कर लोगो को लूटा जा रहा है ये सबसे  खुद को बचाये और खुद को सुरक्षित रखे।

एटीएम धोखाधड़ी :-

आज कल कुछ ऐसी वेबसाइट बनायीं गई है, जहाँ पर आपका एटीएम पिन और मोबाइल नंबर माँगा जाता है।उसमे भी कुछ लालच दे कर किसी चीज को खरीदने के लिये ऑफर देते है, तो उसको आर्डर करने के लिये उस वेबसाइट मे आपको अपनी सारी जानकारी भरनी  पडती है, और आप लालच मे आ कर अक्सर साइबर क्राइम का शिकार हो जाते है, जबकि हैकर ऐसी वेबसाइट जानबूझकर बनाते है और वहां पर कुछ ऑफर प्रोडक्ट के बहाने लोगो को लुटते  है।

यौन शोषण :-

इंटरनेट के माध्यम से आपराधी  बच्चों का भरोसा जीत कर उनसे सोशाल मिडिया मे दोस्ती के चक्कर मे फंसाते है फिर धीरे -धीरे गलत वीडियो भेजना शुरू करते है, ऐसे मे बच्चो के दिमाग़ मे गलत चीज़े आने लगती है और वह ये सब उनके कण्ट्रोल से बाहर होने लगता है। और वह सोशल मीडिया के जरिये अपना दोस्त बनाना शुरू कर देते है और बाते करते -करते उनका मिलना -जुलना शुरू हो जाता है और उनका गलत तरीके से शोषण होने लगता है, ऐसे मे हमें साइबर क्राइम को रोकने का प्रयास करना चाहिये ताकि साल भर मे यौन शोषण के हज़ारो मामले सामने आते है, उन सब पर नियंत्रण किया जा सके।

साइबर क्राइम के कारण

साइ बर क्राइम के बहुत से कारण हो सकते है जैसे कि हमारे देश मे दिन -प्रतिदिन क्राइम बढ़ते हुये चले जा रहे है,क्योंकि आज कल हर एक चीज मे धोखाधड़ी होती है।धोखाधड़ी  के बहुत से कारण होते है हमारे देश मे दिन -प्रतिदिन कोई ना कोई अपराध जरूर होते है। जैसे कि किसी भी बच्ची के साथ बलात्कार होना, उसको गलत तरीके से डराना कि अगर वह किसी को कुछ बताएगी तो उसको पूरी तरह से सोसाइल मीडिया मे उसका वीडियो अपलोड करने की धमकी देना  यह भी एक तरह का साइबर क्राइम ही होता है।

साथ ही हमारे देश मे आंतक फैलाने के लिये कुछ आंतकवादियों का एक जुट ग्रुफ होता है, जो एक साथ मिल कर तय करते है कि किस जगह पर हमें बम फिट करना होता है। और आतंकवादी बड़ी  बिल्डिंग मे बम फिट करते है क्योंकि उनको पता रहता है कि वहां के मालिक को गुमराह करेंगे तो बिल्डिंग मे बहुत लोग रहते है और उनकी जान बचाने के लिये वह उनके मुँह मांगी क़ीमत देगा। यह भी एक तरह का  साइबर क्राइम का कारण होता है।

और भी जगहों मे आंतकवादी हमला करते है जहाँ उनको पता होता है कि उस जगह उनको काफ़ी मात्रा मे फायदा मिलेगा वही जगह मे ज्यादा आतंक फैलाते है। जैसे कि स्कूलों और बड़े -बड़े मंत्री कार्यालयों पर हमला करते है क्योंकि उनको उन जगहों मे आंतक फैलाने के कारण अपने स्कूलों के बच्चो जान बचाने के लिये उनके मुँह मांगी रकम दी जाती है,जिससे आंतकवादियों को और अधिक अपराध करने के मौके मिलते है।

साइबर क्राइम को रोकने के उपाय

साइबर क्राइम को रोकने के कई उपाय मौजूद होते है,सिर्फ साइबर क्राइम को रोकने का कोई प्रयास नहीं करता। अगर इसको रोकने की कोशिश की जाये तो क्राइम को रोक सकते है। यदि अपने सोसाइल मीडिया मे आप किसी भी तरह की पोस्ट डालते है, तो अपने पोस्ट को सुरक्षित करके शेयर करे ताकि कोई दूसरा व्यक्ति उसका गलत उपयोग ना कर सके ऐसे करने से साइबर क्राइम को  काफ़ी हद तक रोका जा सकता है।

हमारे देश मे भी बहुत से अपराध  दहेज़ प्रथा, आत्याचार, भ्रष्टाचार, और बढ़ रहे है। इन सब अपराध को रोकने के बहुत सारे उपाय है, जो व्यक्ति किसी पर आत्याचार कर रहे होते है उनके खिलाफ हमें आवाज़ उठानी चाहिये ताकि सभी लोग आत्याचार के खिलाफ जागरूक होकर अपराध को रोकने का प्रयत्न करे।

अपने देश के बढ़ रहे क्राइम को कम करने के लिये सोशल मिडिया के जरिये हो रहे क्राइम पर रोक लगाने की कोशिश करनी चाहिये। सोशल मीडिया मे किसी वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाये हुये है, तो अपना एक पासवर्ड चुन कर लगाये ताकि आपका अकाउंट सुरक्षित रहे और किसी भी तरह से कोई उसे खोल ना पाये ताकि साइबर क्राइम का हिस्सा होने से बचाया जा सके।

साइबर क्राइम से बचने के लिये बहुत सारे व्यक्तियों का संगठन बना कर बहुत कुछ कर सकते है।सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी  जानकारी को शेयर ना करे, और पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल करते समय सावधान रहे।

हम आशा करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)   बहुत ही पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपकी पूरी तरह से सहायता करने की चेष्टा करेंगे।

  • सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान पर निबंध
  • इंटरनेट की लत पर निबंध
  • मोबाइल फोन पर निबंध

Ripal

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साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

इस लेख में हम साइबर सुरक्षा पर निबंध (Essay on Cyber Security in Hindi) के बारे में बताएँगे। इसमें हम आपको साइबर सुरक्षा क्या है, इसके प्रकार, इसकी ज़रूरत, साइबर अटैक और भारत की साइबर सुरक्षा कैसी है इसके बारे में भी बात करेंगें।

Table of Content

दोस्तों, हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे ही है और आज हर कोई अपने सभी काम इंटरनेट की मदद से करते है। हमारी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, हमारे डाटा को कोई चोरी न करे इसी के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) की जरूरत पड़ती है। आज के समय में पूरी दुनिया में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है इसी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। 

डाटा को चोरी होने से बचाने के लिए सभी देशों द्वारा कड़ी साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से हैकिंग हमारे बैंक अकाउंट और अन्य कई प्रकार के डाटा को चुरा लिया जाता है। जो हमारे लिए एक चिंता का विषय है। 

साइबर सुरक्षा क्या है? What is Cyber Security in Hindi?

आज हम एक आधुनिक दौर में रह रहे है, और यहाँ हमसे जुड़ी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। जिसको कोई भी हैक करके चुरा सकता है।

इस समस्या से बचने के लिए इंटरनेट से जुड़े सभी प्रकार के कार्यों के लिए एक प्रकार की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जिसे साइबर सुरक्षा कहा जाता है, जो हमारे डिवाइस के जरूरी डाटा, डिवाइस के हार्डवेयर और साफ्टवेयर के डाटा को साइबर अपराध से बचाने का कार्य करती है। 

इन गतिविधियों से हमारे डाटा और हमारे फाइलों को चोरी होने से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। जिससे साइबर अपराध को रोका जा सके।

दोस्तों,  साइबर अपराध या डाटा चोरी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के अंतर्गत कई प्रकार के स्तर पर कार्य किये जाते है। इनमें डाटा सुरक्षा (Data Security), मोबाइल सुरक्षा (Mobile Security), जानकारी सुरक्षा (Information Security), नेटवर्क सुरक्षा (Network Security), अप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security), यूज़र सुरक्षा (User Security), आपातकालीन सुरक्षा (Emergency Security) इसके साथ ही क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security) की व्यवस्था भी की गई है। जिससे इस बदलती दुनिया में हमें किसी भी प्रकार के साइबर अपराध के खतरे से कोई दिक्कत न हो।

साइबर सुरक्षा और भारत India and Cyber Security

आज भारत भी दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। इंटरनेट के उपयोग में भारत आज तीसरे स्थान पर है। इस बात से आप समझ सकते है कि भारत आज कितना आगे बढ़ चुका है।

आज हर चीज इंटरनेट के माध्यम से होती है इससे कई प्रकार के खतरे भी बढ़ जाते है जिससे निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए है। लेकिन फिर भी कई मामलों में भारत अभी भी पीछे है। इस बात का पता आप बीते पिछले कुछ वर्षों से लगा सकते है।

बीते हुए पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की घटनाएँ सामने आई है जैसे – रेलवे से डाटा चोरी, Zomato  के लगभग 17 मिलियन डाटा चोरी, कई प्रकार मशीनों में मालवेयर अटैक आदि।  

साइबर सुरक्षा भारत के लिए समस्या का विषय है जिस पर भारत सरकार कई प्रकार के कदम उठायें है लेकिन इस दिशा में भारत को और भी कई अन्य कदम उठाने की जरुरत है। जिससे किसी भी प्रकार की साइबर अपराध न हो पायें।

साइबर सुरक्षा की जरूरत क्यों? Importance of Cyber Security

आज के समय में दुनिया भर में इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से किया जा रहा है। समय के साथ इंटरनेट चलाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लोग अपने सारे कार्य इंटरनेट के मदद से ही करते है चाहे वो निजी कार्य हो या सरकारी कार्य। ऐसे में इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के हैकिंग से किसी का भी डाटा चुराया जा सकता है।

डाटा चोरी के अलावा कई प्रकार के साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की ज़रूरत पड़ती है। जिससे इंटरनेट यूजर के डिवाइस के साथ उसकी सभी प्रकार के जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके।   

आज इंटरनेट की दुनिया में हर रोज हैकिंग, फ्रॉड, डाटा चोरी जैसी समस्या लगातार आ रही है, ऐसे में साइबर सुरक्षा के द्वारा ही इन सारी समस्याओं से बचने के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच तैयार किया जाता है, जो इंटरनेट पर होने वाले साइबर अटैक को रोकता है।

साइबर अटैक क्या होता है? Information about Cyber Attack in Hindi

साइबर अटैक एक प्रकार का वर्चुअल अटैक होता है। जिस प्रकार किसी देश के किसी विशेष क्षेत्र को पाने के लिए कई देश लड़ाई लड़ते है उसी प्रकार डिजिटल दुनिया में भी किसी फाइल को हैक करने या किसी नेटवर्क को अपने कब्जे में लाने के लिए साइबर अटैक (Cyber Attack) किये जाते है।

दोस्तों साइबर आक्रमण करने के कई उद्देश्य होते है इनमें किसी व्यक्ति,संस्थाओं या देशों के महत्वपूर्ण जानकारी चुराने के लिए किये जाते है। इसे साइबर आतंकवाद का हिस्सा भी माना जाता है क्योंकि इसमें दो पक्षों के बीच आपस में साइबर अटैक किये जाते है। इसे साइबर युद्ध भी कहा जाता है।  

साइबर अटैक के प्रकार? Types of Cyber Attack in Hindi

बदलते समय के साथ हम अपनी सुरक्षा में भी बदलाव कर रहे है। क्योंकि समय के साथ तकनीकी में भी बड़े बदलाव हर किसी के लिए चुनौती भी है। जैसे जैसे तकनीकी में बदलाव हो रहे है साइबर अटैक के प्रकृति भी बदल रहे है। तो आइये जानते है साइबर आक्रमण कितने प्रकार होते है:

  • मालवेयर (Malware) –   किसी भी डिवाइस के डाटा को अपने कंट्रोल में लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी नेटवर्क को हैक करने के लिए स्रोत में लिंक और ईमेल अटैच होते है। जिस पर क्लिक करने पर सॉफ्टवेयर रन हो जाता है और यूज़र के डिवाइस का कंट्रोल हैकर के हाथों में चला जाता है। इसमें अंतर्गत Spyware, वायरस, वार्म, रैंसमवेयर आदि आते है।
  • फिशिंग –   ये एक प्रकार की डिजिटल धोखाधड़ी करने की प्रक्रिया है। जिसमे किसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम से किसी यूज़र को ईमेल की जाती है, उसकी निजी जानकारी मांग ली जाती है जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के साथ अन्य जानकारी। 
  • Man-in-the-middle attack (MitM) –  इस अटैक से अटैककर किसी भी दो पक्षों के बीच हुए बातचीत की जानकारी को हासिल कर लेते है। इससे तरह हमलों से बचने के लिए इंटरनेट की https वाली वेबसाइट का इस्तेमाल करे, इसके अलावा किसी भी App  को Google PlayStore से ही daownlod किया जाए।
  • Smishing – ये एक प्रकार से फिशिंग टैक के जैसे ही है, जिसमे मैसेज SMS के माध्यम से किया जाता है। इसमें आपके पास लॉटरी जितने का मैसेज आता है। लॉटरी के लालच में बहुत से अपनी सारी जानकरी अनजाने में इन्हें दे देते है।
  • SQL Injection and Cross-Site Scripting (XSS) – किसी वेबसाइट की संवेदनशील जानकारी के डाटा को चुराने के लिए हैकर SQL इंजेक्शन का इस्तेमाल करके वेबसाइट के डाटाबेस तक पहुँच जाते है। और इससे जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर लेता है।
  •  Zero Day – हम सभी जानते है कि हर किसी सॉफ्टवेयर में कुछ न कुछ कमी होती है, उसी का फायदा उठाकर हैकर्स उसमे छेड़ छाड़ कर दिया जाता है। जिससे वो उसका एक्सिस पा सके। 

साइबर अटैक का कारण? Reasons Behind Cyber Attack

दोस्तों अगर हम साइबर अटैक होने के कारणों के बारे बताया जाए, तो ऐसा करने के पीछे कई कारण हो सकते है जैसे लोगों के पर्सनल जानकारी के लिए, क्रेडिट कार्ड डाटा के लिए, डेबिट कार्ड डाटा, संवेदनशील जानकारी, किसी व्यापार की जानकारी आदि। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनके लिए साइबर अटैक किये जाते है। इनमे जासूसी, राजनैतिक कार्यों के लिए या रहस्यों का पता लगाने के लिए भी साइबर अटैक किये जाते है।

भारत में साइबर सुरक्षा कानून Cyber Security Laws in India

हम सभी जानते है कि साइबर अपराध एक गैर कानूनी काम है और इसमें कुछ आपराधिक गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती है। इनमें डाटा चोरी, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, के साथ अन्य कई कार्य भारतीय दंड सहिंता में अंतर्गत आते है। इन गैर कानूनी कार्यों को रोकने के लिए भारत में भी साइबर सुरक्षा ज़रूरत है।

साइबर अपराधों को संज्ञान में लेते हुए भारत में “सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” पारित किया गया। जिसके अंतर्गत साइबर हमलों को निपटाने के प्रबंध किये गये है।

“सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” में कई धाराएँ बनायीं गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से जुड़ी हुई है जैसे 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 आदि।

भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार द्वारा देश में होने वाले साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाये गए है जो इस प्रकार है-

  •   “ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 ” पारित किया गया, जिससे साइबर अपराध कम हो सके।
  •   इसके अंतर्गत ये धाराएँ 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 बने गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित है।
  • साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया है, इसके साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को भी नोडल एजेंसी बनी गई है।
  • भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की गई, इसके तहत राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure protection center-NCIIPC) का भी गठन किया गया है।
  • इसके अलावा भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)’ की स्थापना की गई, जो साइबर सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
  • भारत सरकार ने Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-I4C की स्थापना की है।

साइबर सुरक्षा के बीच में आने वाली मुश्किलें Obstacles During Cyber Security

साइबर सुरक्षा हर किसी के लिए एक गंभीर मुद्दा है। आज छोटी से छोटी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। इस पर सारा डाटा सुरक्षित रहे, साइबर सुरक्षा के लिए ये एक बड़ी चुनौती है।

इन चुनौतियों में रैंसमवेयर, मालवेयर, फिशिंग मामले इसके अलावा कई और भी है। दोस्तों अगर विश्व के स्तर पर देखा जाए तो भारत में साइबर हमलों के मामलें 11 वें स्थान पर है। 

निष्कर्ष Conclusion

दोस्तों आप सभी ने साइबर सुरक्षा और साइबर अटैक के बारे पढ़ा इससे आप समझ सकते है कि हर समय साइबर अपराध का ख़तरा बना रहता है।

आप सभी को इंटरनेट का उपयोग करते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपका डाटा चोरी होने से बच सके। आशा करते हैं साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi आपको अच्छा लगा होगा। लेख कैसा लगा कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं।

cyber crime essay in hindi 250 words

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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I am actually not much aware about Cyber System before your essay. But your essay imbibe so much motivation as well as inspiration to gain much about this function.So Iam thankful to you .

Waaahhh bete

Isse mahatvpoorn jankari ek hi lekh me ek jagah prat hui.parantu yah 10 th std. Ke bachcho ke liye prapat hai.parantu or adhik graduation level ke IQ hetu pr adhik ja kare ka samavesh kare.to padhne se or adhik gyan prapti hogi.

I want to learn about cyber security or ethical hacker.. can you please teach me about this

cyber crime essay in hindi 250 words

साइबर क्राइम पर निबंध Essay on Cyber Crime in Hindi

इस आर्टिकल ‘साइबर क्राइम पर निबंध ‘ में आप जानेंगे कि साइबर क्राइम का क्या मतलब है, साइबर अपराध के कारण और प्रकार | अंत में आप पढेंगे की साइबर क्राइम को कैसा रोका जा सकता है ।आपने सुना होगा’सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ । ऑनलाइन अपराध से बचने का एकमात्र तरीका है- सावधान रहें, सतर्क रहें ।

साइबर क्राइम, जिसे हम इंटरनेट और डिजिटल तकनीकों के माध्यम से किए जाने वाले अपराधों के रूप में जानते हैं, एक गंभीर समस्या है। यह अपराध व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर बच्चों और युवाओं को।

साइबर क्राइम के रूपों में फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, वेबसाइट हैकिंग, वायरस और मैलवेयर, इंटरनेट बुलिंग, ऑनलाइन चोरी आदि शामिल हैं। यह अपराधिक क्रियाओं से बचने के लिए हमें अपनी ऑनलाइन सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।

बच्चों को इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए सावधानियों का पालन करना चाहिए और वे किसी अज्ञात व्यक्ति से व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करना चाहिए। सरकार भी नए तकनीकी सुरक्षा के उपायों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।

इससे पहले कि साइबर क्राइम बढ़े, हमें सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाना और इससे बचाव के लिए सामाजिक जागरूकता बढ़ाना होगा। शब्द: (200 – 250)

साइबर क्राइम क्या है? What is Cyber Crime in Hindi?

जब इंटरनेट, और कंप्यूटर की मदद से किया गया कोई भी काम जिससे कि दूसरे व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक, या मानसिक क्षति पहुंच सकती है तब उसे साइबर अपराध (Cyber Crime) का नाम दिया जाता है। यानी कि ऐसा अपराध जिसमें एक कंप्यूटर और एक इंटरनेट नेटवर्क शामिल होता है।

साइबर अपराध एक व्यापक शब्द है -यह एक छोटे से मज़ाक से लेकर देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने तक की परिधि का हो सकता है। किसी व्यक्ति की कोई ऐसी हरकत जिससे दूसरे व्यक्ति की मान मर्यादा को नुकसान पहुंचे या कोई मानसिक व शारीरिक आघात पहुंचे; यह सभी साइबर क्राइम क्राइम के अंतर्गत आते हैं।

जब लोग किसी देश के खिलाफ साइबर अपराध करते हैं, तब साइबर क्राइम बहुत भयंकर रूप भी धारण कर सकता है, इतना भयंकर कि इसे साइबर आतंकवाद का नाम दे दिया जाता है।18 से 35 वर्ष की आयु के नौजवान इस साइबर अपराध से जुड़े हुए पाए गए हैं साल 2011 में साइबर क्राइम की दर बहुत बढ़ गई थी।

साइबर क्राइम के कारण (Reasons for Cyber Crime in Hindi)

आज दुनिया भर में लोग अपने बहुत से काम घर बैठे कर पा रहे हैं । ऐसा कैसे संभव हुआ ? यह संभव हुआ डिजिटलीकरण के कारण।आसान शब्दों में कहें, तो इंटरनेट के माध्यम से आज हम घर बैठे ही अपने बहुत से काम कर पा रहे हैं । इंटरनेट की मदद से आप बैंक में पैसा जमा करना, एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करना, अपने बिजली, पानी और फ़ोन के बिलों का भुगतान करना, ऑनलाइन शॉपिंग करना, या कोई ऑनलाइन फॉर्म भरना । यह सब काम हम घर बैठे एक क्लिक के द्वारा पूरे कर सकते हैं।

इंटरनेट के सस्ता होने के कारण ऐसा संभव हो पाया है । आज ज्यादातर व्यक्तियों के हाथ में स्मार्टफोन है । शायद, आपने सुना होगा हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं । एक ओर, जहाँ ज्यादातर लोग तकनीक का फायदा उठा रहे हैं, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो उस तकनीक का दुरुपयोग करते हैं । वे उस तकनीक का इस तरीके से इस्तेमाल करते हैं जिससे दूसरों को नुकसान पहुंचाया जा सके।आइये,जानते हैं कैसे ?

कैसे ऑनलाइन क्लास में बच्चे टीचर्स को परेशान करते हैं- जानने के लिए पढ़िए पहली ऑनलाइन क्लास का अनुभव’

साइबर क्राइम के प्रकार (Types of cyber crime)

साइबर अपराध कई तरीके से किया जा सकता है। आइये, जानते हैं प्रचलित तरीकों के बारे में –

1. हैकिंग (Hacking)

सरल शब्दों में, हैकिंग एक घुसपैठिये द्वारा आपकी अनुमति के बिना आपके कंप्यूटर सिस्टम तक पहुंच बनाकर किया गया एक कार्य है। हैकर्स ( हैकिंग करने वाले लोग) मूल रूप से कंप्यूटर प्रोग्रामर होते हैं, जिन्हें कंप्यूटर की उन्नत समझ होती है और आमतौर पर इस ज्ञान का दुरुपयोग करते हैं। हैकिंग एक नेटवर्क के माध्यम से की जाती है, इसलिए इंटरनेट का उपयोग करते समय सुरक्षित रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

2. वायरस का प्रसार

वायरस कंप्यूटर प्रोग्राम हैं जो खुद को सिस्टम या फाइलों से जोड़ते हैं। वे कंप्यूटर चालाने में बाधा पैदा करते हैं और संग्रहीत (saved) डेटा को प्रभावित करते हैं।

कंप्यूटर वायरस आमतौर पर हटाने योग्य मीडिया या इंटरनेट के माध्यम से फैलता है। एक फ्लैश डिस्क, सीडी-रॉम, मैग्नेटिक टेप या अन्य स्टोरेज डिवाइस जो एक संक्रमित कंप्यूटर में है । कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा के लिए एंटी-वायरस टूल को विकसित करने और लागू करने के लिए व्यक्तियों, फर्मों और अधिकारियों द्वारा काफी खर्च किया जाता है।

जिस प्रकार मछली पकडने के लिये कांटे में चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच में आकर मछली कांटे में फँस जाती है। उसी प्रकार फ़िशिंग भी हैकर्स द्वारा इन्‍टरनेट पर नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्‍यम से इन्‍टरनेट यूजर्स के साथ की गयी धोखेबाजी को कहते हैं। जिसमें वह आपकी निजी जानकारी को धोखेबाजी के माध्‍यम से चुरा लेते हैं और उसका गलत उपयोग करते हैं। क्रेडिट कार्ड नंबर और उपयोगकर्ता नाम पासवर्ड जैसी गोपनीय जानकारी निकालने की एक तकनीक है।

4. वेब जैकिंग

वेब जैकिंग का नाम “अपहरण” से लिया गया है। यहां, हैकर धोखाधड़ी करके वेब साइट पर नियंत्रण रखता है। वह मूल साइट की सामग्री को बदल सकता है। वेब साइट के मालिक के पास अधिक नियंत्रण नहीं रहता और हमलावर अपने स्वार्थ के लिए वेब साइट का उपयोग कर सकता है।

5. पहचान की चोरी और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी

पहचान की चोरी तब होती है जब कोई आपकी पहचान चुरा लेता है और आपके नाम पर क्रेडिट कार्ड, बैंक खाते और अन्य लाभ जैसे संसाधनों तक पहुंचने का दिखावा करता है। अन्य अपराधों को करने के लिए भी आपकी पहचान का उपयोग कर सकते हैं।

6. सॉफ्टवेयर चोरी

इंटरनेट पाइरेसी हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है जो जाने या अनजाने में हम सभी में योगदान करते हैं। इंटरनेट और टॉरेंट्स के द्वारा आप किसी भी फिल्म, सॉफ्टवेयर या गाने को मुफ्त में पा सकते हैं। इस तरह, संसाधन डेवलपर्स के मुनाफे में कटौती की जा रही है। सॉफ्टवेयर पायरेसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का अनधिकृत उपयोग और वितरण है। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स इन कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं ।

7. साइबर स्टैकिंग

स्टॉकिंग को हिंदी में आमतौर पर ‘पीछा करना’ कहा जाता है। साइबर क्राइम का ही एक चेहरा है साइबर स्टॉकिंग, जिसमें कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का इंटरनेट के जरिए पीछा करता है और उसे हर तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। इसमें इंटरनेट के जरिए किसी की गतिविधियों पर नजर रखना, धमकी देना, उसके डेटा या उपकरण के साथ छेड़छाड़ करना और उन्हें नुकसान पहुंचाना, एब्यूजिंग, सेक्सुअल हरासमेंट, आदि शामिल है।

साइबर अपराध को कैसे रोकें

  • सब कुछ अप टू डेट रखें- अधिकांश प्रमुख कंप्यूटर कंपनियां नई उभरती कमजोरियों से बचाने के लिए नियमित अपडेट जारी करती हैं। अपने सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें। इसे आसान बनाने के लिए, स्वचालित अपडेट चालू करें
  • मजबूत पासवर्ड रखें- पसंदीदा वाक्य से शुरू करने पर विचार करें और फिर प्रत्येक शब्द के पहले अक्षर का उपयोग करें। यदि आप चाहते हैं, तो जटिलता बढाने के लिए संख्या, विराम चिह्न या प्रतीक जोड़ें | फ़ैक्टरी में सेट किए गए किसी भी डिफ़ॉल्ट पासवर्ड को बदलना सुनिश्चित करें , जैसे कि आपके वाई-फाई राउटर या घरेलू सुरक्षा उपकरणों के इन बिल्ट पासवर्ड |
  • आपको अपने क्रेडिट को फ्रीज करने पर विचार करना चाहिए , जो किसी को भी आपकी व्यक्तिगत अनुमति के बिना आपके नाम पर क्रेडिट के लिए आवेदन करने से रोकता है ।
  • अपने डेटा का बैक-अप अपने पास सुरक्षित रखें | ताकि वेबसाइट चोरी होने की स्थिति में भी आपको ज्यादा परेशानी ना उठानी पड़े ।
  • पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल से सावधान रहें | सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय, आस-पास का कोई भी व्यक्ति जो उसी नेटवर्क से जुड़ा होता है, वह यह सुन सकता है कि आपका कंप्यूटर इंटरनेट पर क्या भेज रहा है और प्राप्त कर रहा है ।
  • फ़ायरवॉल और एंटी वायरस सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करें ।
  • अज्ञात मूल की फाइलों को ना खोलें और समझ से काम लें ।
  • सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी निजी जानकारी को साझा ना करें ।
  • साइबर कानून की जानकारी हासिल करें ।

उपसंहार : साइबर क्राइम पर हिंदी निबंध

बेशक, साइबर क्राइम से बचने के लिए एक व्यक्ति या संगठन बहुत कुछ कर सकता है। सतर्क, सक्रिय और सूचित रहें । DuckDuckGo जैसे खोज इंजन उपयोगकर्ताओं या उनकी खोजों को ट्रैक नहीं करते हैं। Windows और Mac OS दोनों में निर्मित फ़ायरवॉल सॉफ़्टवेयर अलग से डाउनलोड किया गया है – जो आपके सिस्टम में वायरस और कीड़ों को अपना रास्ता बनाने से रोकने में मदद कर सकता है । इन कदमों को उठाकर, आपको साइबर अपराध को रोकने में मदद मिलेगी, जिससे सभी लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से सुरक्षित हो सकते हैं।

आशा करते हैं कि साइबर क्राइम पर निबंध, (Essay on Cyber Crime in Hindi) आपको पसंद आये और परीक्षा में आपकी मदद हो सके ।

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HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Cyber Crime in Hindi – साइबर अपराध पर निबंध

March 20, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में साइबर अपराध पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph, Short Essay on Cyber Crime in Hindi Language for students and Kids of all Classes in 200 and 400 words.

Essay on Cyber Crime in Hindi – साइबर अपराध पर निबंध (200 words) :  साइबर क्राइम किसी भी गैरकानूनी व्यवहार है जो बिजली के संचालन के माध्यम से निर्देशित है जो कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा और उनके द्वारा संसाधित डेटा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। व्यापक अर्थों में, हालांकि, कंप्यूटर से संबंधित अपराध कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क के माध्यम से या उसके संबंध में किसी भी गैरकानूनी व्यवहार का हो सकता है। सामान्य तौर पर, “कंप्यूटर अपराध में कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क से सूचना की चोरी से लेकर अपराधों के दौरान एक उपकरण के रूप में एक कंप्यूटर के उपयोग के लिए कई मुद्दों को शामिल किया गया है।”

Essay on Cyber Crime in Hindi – साइबर अपराध पर निबंध

Essay on Cyber Crime in Hindi

वायरस हमलों नेटवर्क स्वास्थ्य की सुरक्षा को लक्षित करते हैं और अन्य सुरक्षा प्रयासों के साथ समन्वयित होना चाहिए। यहां तक कि कंप्यूटर अपराध से बचने और कंप्यूटरों की रक्षा के लिए कई उपायों को लेने के बाद भी, अभी भी कंप्यूटर अपराध किसी बिंदु या अन्य पर होते हैं। इसलिए रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साइबर अपराध सरल शब्दों में लेनदेन से उत्पन्न होने वाले संभव दुरुपयोग और प्रस्तावित कानून के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और आपराधिक दायित्व पर समाप्त हुए अन्य लेनदेन को संदर्भित करता है।

Essay on Cyber Crime in Hindi – साइबर अपराध पर निबंध ( 400 words )

हाल ही में, इंटरनेट दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण तकनीक बन गई है, जिसका उपयोग केवल एक-दूसरे के साथ संपर्क करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यावसायिक संगठनों द्वारा वैश्विक बनने के लिए भी किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य व्यापार मॉडल को चलाने के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट व्यावसायिक संगठनों को सक्षम करते हैं, जो बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। कंप्यूटर और इंटरनेट वैश्वीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सफलता में एक शक्तिशाली स्रोत हैं। कंप्यूटर दुनिया भर में उपयोग किए जा रहे हैं और इस वजह से, साइबर अपराध तेजी से तेजी से बढ़ रहा है। साइबर स्पेस लाखों लोगों का एक विशाल समुदाय है, जहां लोग स्कूलों तक पहुंचते हैं, फिल्मों के बारे में सीखते हैं, दुकानें करते हैं, संगीत सुनते हैं, वीडियो गेम देखते हैं, शेयरों और शेयरों की खरीद और बिक्री जैसे व्यवसाय लेनदेन करते हैं “ई-कॉमर्स।

कई लोग अपने स्वयं की साइटों का भी विकास करते हैं लोग इंटरनेट के माध्यम से टिकट खरीदते हैं, एटीएम के माध्यम से अपने बैंकों से पैसा कमाते हैं, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीदते हैं, ई-मेल के माध्यम से मित्रों और संबंधों को जानकारी भेजते हैं और अन्य व्यवसायों के मेजबान करते हैं।इस प्रकार दुनिया के हर कोने में कंप्यूटर और इंटनेट्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। यह विभिन्न शहरों, कस्बों, यहां तक कि अर्ध-कस्बों में साइबर कैफे की मशरूम से स्पष्ट है। इसलिए इसे “कंप्यूटर की उम्र” कहा जाता है।

साइबर क्राइम बढ़ने के कारण

आजकल कंप्यूटर के उपयोग की वजह से लोग तेजी से पहुंच सकते हैं, नौकरी और काम जल्दी से कम समय में और कम हाथों से किया जा सकता है। कम्प्यूटरों के प्रयोग से मैनुअल श्रम न्यूनतम तक कम हो जाता है। वैश्विक संपर्क के कारण कई परिवर्तन और विकास मानव जीवन के सभी क्षेत्रों में देखा जाता है। इंटरनेट ने कंप्यूटर और किसी कनेक्शन वाले किसी के लिए जानकारी की दुनिया खोल दी है।

आज की साइबर सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो गई है और साइबर कैफे और अन्य इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की अनुशासनात्मक विनियमन की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक कंपनियां अपने नेटवर्क को इंटरनेट से जोड़ती हैं, कंप्यूटर अपराधों के बारे में जागरूकता (साइबर अपराध) महत्वपूर्ण हो जाता है।

हम आशा करेंगे कि आप इस निबंध ( Essay on Cyber Crime in Hindi – साइबर अपराध पर निबंध )  को पसंद करेंगे।

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✍️Essay on Cybercrime: Free Samples in 100, 200, 300 Words

cyber crime essay in hindi 250 words

  • Updated on  
  • Apr 26, 2024

Essay on Cybercrime

The 21st century is a digital age, where any and every task is done on the internet. All thanks to the developments in technology which have been the main factor to ease human life on earth and maybe on other plants in future. But with the benefits of technology, there are several harmful effects, one of them which has recently gained popularity; Cyber Crime. 

Cybercrime has emerged as pervasive and evolved as one of the most dangerous threats to humans. There are several users on the internet who indulge in illegal and criminal activities, using computers and networks. To guide you through this hot debate topic, below we have discussed essays on cybercrime.

Table of Contents

  • 1 Essay on Cybercrime in 100 Words
  • 2 Essay on Cybercrime in 200 Words
  • 3 Essay on Cybercrime in 300 Words
  • 4 Short Essay on Cybercrime

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Essay on Cybercrime in 100 Words

Cybercrime involves illegal activities like hacking, ransomware, cyberbullying, online fraud, etc. People who are involved in cybercrime or any similar activities are called hackers, scammers or fraudsters. Cybercrime leads to financial loss for individuals who have fallen victim to one. Cybercrime often invades a person’s privacy by stealing their personal details, including sensitive data, photos, and communication records, which can be used for blackmailing or any malicious purpose.

There are several governmental and non-government organizations which are working 

To tackle cybercrime by raising awareness among the masses, cyber security training, implementing robust security protocols, and enacting comprehensive cybercrime laws.

Also Read: I Love My India Essay: 100 and 500+ Words in English for School Students

Essay on Cybercrime in 200 Words

Cybercrime is a criminal activity done online using a computer, network and internet. With the increasing use of the internet and mobile phones, the number of criminal activities has also gained pace.  These criminal-minded people steal the personal details of a person, which leads to financial losses and damages the reputation of the victims. Various scams and fraudulent schemes are offered on the internet like online auctions, advance fees, or any investment scam, which are all aimed at deceiving individuals into parting with their money.

Cybercrime is not limited to financial losses or reputational damage, a more discrete term has emerged; cyberbullying.  In cyberbullying, a person is harassed, humiliated, or threatened online. This can have severe psychological and emotional consequences. Ethical hackers or white hat hackers can help organizations identify vulnerabilities in their systems before malicious hackers exploit them. 

Cybercrime doesn’t have any boundaries and is an international issue and international cooperation is crucial for tracking and prosecuting cybercriminals who operate across borders. To combat cybercrime effectively, a multi-faceted approach is required, involving education, technology, legislation, and international cooperation. As technology continues to advance, our efforts to combat cybercrime must keep pace to protect our increasingly interconnected world.

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Essay on Cybercrime in 300 Words

Economists have termed cybercrime as ‘ A Hidden Threat to the Digital World.’ Modern humans are relying on the internet for their day-to-day activities and every macro and micro activity. In this sense, the term cybercrime comes to the front. Cybercrime refers to criminal activities conducted through the use of computers, networks, and the Internet. 

Cybercrime consists of various malicious activities like hacking, phishing, ransomware attacks, identity theft, online fraud, and cyberbullying. Hackers, fraudsters, scammers, criminals, and even state-sponsored actors exploit vulnerabilities in digital systems to steal sensitive information, disrupt operations, and cause financial and emotional harm to victims.

The consequences of cybercrime are far-reaching. Financial losses run into 10 digits annually, affecting individuals and organizations alike. Personal privacy is invaded as cybercriminals steal sensitive data, photos, and communication records. In cases of cyberbullying and harassment, victims suffer reputational damages, psychological distress, and emotional trauma, particularly in cases of cyberbullying and harassment.

It’s necessary to look for a multifaceted approach to deal with cybercrime, some of which are.

  • Raising public awareness through campaigns where people are informed about the risks of cybercrime and educate them on best practices for online safety.
  • Individuals and organizations should implement robust security protocols, regularly update software, and use multi-factor authentication to protect their digital assets.
  • Governments should enact and enforce cybercrime laws, providing law enforcement agencies with the resources and expertise needed to prosecute cybercriminals effectively.
  • Looking at the global nature of cybercrime, international collaboration is vital. Countries should work together to share threat intelligence and cooperate in the investigation and prosecution of cybercriminals.
  • Ethical hackers can help organizations identify and rectify vulnerabilities in their systems before malicious actors exploit them.

Tackling cybercrime requires proactive measures, including education, strong cybersecurity practices, legislation, international cooperation, and the active involvement of ethical hackers.

Also Read: Essay on Green Energy PDF: 150 and 250 Words

Short Essay on Cybercrime

Find the short essay on cyber crime from below:

Cybercrime is an illegal and unethical activity which is done by hackers and fraudsters to gain financial or any other benefits for themselves.

To tackle cybercrime, several measures can be taken. Some of these measures are education and public awareness, research and innovation, ethical hacking, etc.

To write an essay on cybercrime, you need to give details on how it works and the level of danger it poses to humans. Cybercrime consists of various malicious activities like hacking, phishing, ransomware attacks, identity theft, online fraud, and cyberbullying. Hackers, fraudsters, scammers, criminals, and even state-sponsored actors exploit vulnerabilities in digital systems to steal sensitive information, disrupt operations, and cause financial and emotional harm to victims.

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Cybersecurity means protecting data, networks, programs and other information from unauthorized or unattended access, destruction or change. In today’s world, cybersecurity is very important because of some security threats and cyber-attacks. For data protection, many companies develop software. This software protects the data. Cybersecurity is important because not only it helps to secure information but also our system from virus attack. After the U.S.A. and China, India has the highest number of internet users.

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Cyber Threats

It can be further classified into 2 types. Cybercrime – against individuals, corporates, etc.and Cyberwarfare – against a state.

Cyber Crime

Use of cyberspace, i.e. computer, internet, cellphone, other technical devices, etc., to commit a crime by an individual or organized group is called cyber-crime. Cyber attackers use numerous software and codes in cyberspace to commit cybercrime. They exploit the weaknesses in the software and hardware design through the use of malware. Hacking is a common way of piercing the defenses of protected computer systems and interfering with their functioning. Identity theft is also common.

Cybercrimes may occur directly i.e,  targeting the computers directly by spreading computer viruses. Other forms include DoS attack. It is an attempt to make a machine or network resource unavailable to its intended users. It suspends services of a host connected to the internet which may be temporary or permanent.

Malware is a software used to disrupt computer operation, gather sensitive information, or gain access to private computer systems. It usually appears in the form of code, scripts, active content, and other software. ‘Malware’ refers to a variety of forms of hostile or intrusive software, for example, Trojan Horses, rootkits, worms, adware, etc.

Another way of committing cybercrime is independent of the Computer Network or Device. It includes Economic frauds. It is done to destabilize the economy of a country, attack on banking security and transaction system, extract money through fraud, acquisition of credit/debit card data, financial theft, etc.

Hinder the operations of a website or service through data alteration, data destruction. Others include using obscene content to humiliate girls and harm their reputation, Spreading pornography, threatening e-mail, assuming a fake identity, virtual impersonation. Nowadays misuse of social media in creating intolerance, instigating communal violence and inciting riots is happening a lot.

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Cyber Warfare

Snowden revelations have shown that Cyberspace could become the theatre of warfare in the 21st century. Future wars will not be like traditional wars which are fought on land, water or air. when any state initiates the use of internet-based invisible force as an instrument of state policy to fight against another nation, it is called cyberwar’.

It includes hacking of vital information, important webpages, strategic controls, and intelligence. In December 2014 the cyberattack a six-month-long cyberattack on the German parliament for which the Sofacy Group is suspected. Another example 2008 cyberattack on US Military computers. Since these cyber-attacks, the issue of cyber warfare has assumed urgency in the global media.

Inexpensive Cybersecurity Measures

  • The simplest thing you can do to up your security and rest easy at night knowing your data is safe is to change your passwords.
  • You should use a password manager tool like LastPass, Dashlane, or Sticky Password to keep track of everything for you. These applications help you to use unique, secure passwords for every site you need while also keeping track of all of them for you.
  • An easy way for an attacker to gain access to your network is to use old credentials that have fallen by the wayside. Hence delete unused accounts.
  • Enabling two-factor authentication to add some extra security to your logins. An extra layer of security that makes it harder for an attacker to get into your accounts.
  • Keep your Softwares up to date.

Today due to high internet penetration, cybersecurity is one of the biggest need of the world as cybersecurity threats are very dangerous to the country’s security. Not only the government but also the citizens should spread awareness among the people to always update your system and network security settings and to the use proper anti-virus so that your system and network security settings stay virus and malware-free.

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Cyber Crime Essay

The unlawful act of gaining unauthorised access to computer systems or digital devices is known as cybercrime. A detailed grasp of how to stop or recover from cyberattacks is provided by cyber security. Online courses offer guidance on how to avoid, safeguard against, and recover from cybercrime risks. Here are a few sample essays on the topic ‘Cyber Crime’.

100 Words Essay on Cyber Crime

200 words essay on cyber crime, 500 words essay on cyber crime.

Cyber Crime Essay

Cybercrime is the most discussed problem in the twenty-first century. The usage of cellphones and the internet is increasing dramatically over the world, which is generating questions about consumers' security and privacy. Because of this, it is crucial for all users to understand cybercrime and security. Cybercrime is defined as organised criminal conduct carried out by attackers online. Cybercrime comes in numerous forms, such as fraud, computer viruses, cyberstalking, and others. Due to these, businesses and government organisations are spending more on maintaining and employing professionals in cybercrime.

There are millions and billions of users and websites in the vast community known as cyberspace. People utilise it for a variety of activities including e-commerce, transactions, shopping, movies, music, and video games. Anyone can simply access anything online in the current technological era owing to accessible internet connection. As a result, crime in general and cybercrime in particular have surged dramatically. Additionally, the faster internet connection has greatly boosted the rate of data circulation. All of these problems are responsible as to why cyber security has grown to be a significant issue for society.

The government has created a number of cybercrime-related laws in an effort to curb the spread of the crime and to protect people's interests. These laws also provide defence against cybercrime. Aside from that, the government has established cyber cells in police stations to combat cybercrime as quickly as possible.

Cybercrime is an attack that can be harmful to both an individual and a business. There have been several instances where a cyber attack led to a data leak that caused a significant loss for a business or a person. These cyber-attacks could have negative effects on the country and the business. The countless instances of cyberattacks that have taken place in India and other nations have necessitated increased security measures. There are four main categories of cybercrime, according to a popular definition—hacking, money, privacy, and cyber terrorism.

Cybercrime is a type of crime in which illegal activities are carried out online or using computers. Cybercrime comes in a variety of forms which involves harassing online users. Cybercrime is the most serious and rapidly expanding type of crime in this day and age. Any person's life may be negatively impacted for a very long time by becoming a cyber victim. Cybercrimes have a wide range of repercussions on financial and investment activity in digital organisations.

One typical tactic used by criminals is to lure online users in by creating attractive websites and sending phoney emails purporting to be from banks or other organisations and asking for personal information. It makes it easier for criminals to access a person's bank account and personal data. Due to viruses, mail fraud, account hacking, and software piracy, people have been victims of cybercrimes. They also run into problems with unauthorised access mailing, threats from pornographic emails, and video transmission.

Types of Cyber Crime

Cyberstalking | It is the use of electronic communication to track down a person or to make repeated attempts to get in touch with them in order to foster personal interaction despite their blatant lack of interest. Anyone who monitors the internet, email, or any other form of electronic communication is guilty of stalking.

Phishing | It is a sort of fraud that includes collecting personal data from recipients of emails that seem to be coming from a reliable source, including Customer ID, IPIN, Credit/Debit Card number, Card expiration date, CVV number, etc.

Vishing | It is an attempt when criminals attempt to obtain personal information over the phone, such as Customer ID, Net Banking password, ATM PIN, OTP, Card expiration date, CVV, etc.

Smishing | It is a sort of fraud that employs text messages sent to mobile devices to entice victims into dialling a fake phone number, going to a fake website, or downloading harmful software.

Impersonation And Identity Theft | This includes the dishonest or fraudulent use of another person's electronic signature, password, or other distinctive identification trait.

Virus, Worms, Trojan | A computer virus is a programme designed to infiltrate your computer, corrupt your files and data, and spread itself. Worms are malicious software applications that repeatedly duplicate themselves on local drives, network shares, etc. Trojan is a malicious programme that mimics a legitimate application. Trojans offer unauthorised people and applications access to your computer through a backdoor entry, allowing them to steal sensitive data.

How to Prevent Cyber Crime

Backup every piece of information—data, systems, and considerations—to make it easier for businesses to recover from unforeseen events with the help of prior data.

Pick a firewall that offers protection from viruses, malware, and dishonest hackers.

Never divulge private information to a stranger since they might exploit it for fraud.

To avoid cybercrime, check your security settings—in order to determine if someone has logged into your computer, a cyber firewall analyses your network settings.

Antivirus software aids in identifying potential threats and malware before they infect a computer system. Never use software that has been cracked since it poses a serious risk of data loss or malware attack.

Keep your information protected when accessing untrusted websites—information can readily bypass the data through phishing websites.

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साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)

साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)

आज   हम साइबर क्राइम पर निबंध (Essay On Cyber Crime In Hindi) लिखेंगे। साइबर क्राइम पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

साइबर क्राइम पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Cyber Crime In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

प्रस्तावना 

इंटरनेट के द्वारा हम अनगिनत कार्य करते है। इंटरनेट के द्वारा दफतर के कार्य, ऑनलाइन पढ़ाई, शॉपिंग, नौकरी खोजना, एक दूसरे से संपर्क साधना इस तरह के कार्य हम करते है। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल कुछ लोग गलत और अवैध कार्यो के लिए करते है।

कुछ अपराधी इंटरनेट का गलत उपयोग करके अन्य व्यक्तियों को मानसिक और शारीरिक हानि पहुंचाते है। इससे व्यक्ति के सम्मान तक को चोट पहुँच सकती है। इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करके जो अपराध किये जाते है, उसे साइबर क्राइम कहते है।

अक्सर कई लोग हर दिन साइबर अपराधों का शिकार हो रहे है। अब इसके विरुद्ध कुछ नियम बनाये गए है। जो व्यक्ति पकड़े जाते है उन्हें सज़ा मिलती है। साइबर अपराध दो तरीके के होते है। ऐसे अपराध जिसमे कंप्यूटर को एक लक्ष्य और दूसरा हथियार के हिसाब से उपयोग किया जाता है।

क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के मुताबिक़ साइबर अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है। रिपोर्ट के अनुसार २०११ के बाद से साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हुयी है। ऐसे लोग जो साइबर क्राइम कर रहे है, आंकड़ों के मुताबिक उनकी आयु तकरीबन 18 से ३० साल तक की है।

साइबर क्राइम के प्रभाव

लोग अपने निजी डेटा को दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। हैकर्स के कारण लोगों को बहुत नुकसान होता है। कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आहात हो जाते है और आत्महत्या तक कर लेते हैं।

साइबर अपराध इंटरनेट की मदद से होता है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति के कंप्यूटर नेटवर्क को बेकार ट्रैफिक और मैसेज से भर देते है। उनका मकसद सिर्फ उस व्यक्ति को परेशान करना होता है।

साइबर अपराधी यह सारे अपराध जो करते है, उनके पीछे अलग-अलग उद्देश्य होते है। कोई किसी व्यक्ति को निजी तौर पर नुकसान पहुंचाना चाहता है, तो कोई पैसे के लालच में करता है। साइबर अपराधी किसी सिस्टम को बर्बाद करने के लिए भी यह अपराध करते है। कोई अपराधी ऐसा किसी सरकार को बर्बाद करने के लिए भी कर सकता है।

साइबर अपराध के प्रकार 

पहचान की चोरी

आये दिन इंटरनेट पर कई लोगो के निजी डेटा चोरी हो जाते है। कुछ लोगो के इंटरनेट के द्वारा बैंक संबंधित जानकारी चोरी हो जाती है, जिसकी वजह से लोगो को काफी नुकसान होता है।

हैकिंग की समस्या

हैकिंग मे किसी के कंप्यूटर के डेटा को बिना अनुमति के गैरकानूनी ढंग से उसका उपयोग किया जाता है। हैकर्स घुसपैठ बनकर किसी के कंप्यूटर सिस्टम में घुसकर उसे हानि पहुंचाते है। यह एक बड़ा अपराध है।

इंटरनेट पर बच्चो के साथ गलत व्यवहार होता है। ऐसे कई मामले आये है जिसमे अपराधी बच्चो को अश्लील चीज़ें भेजते है और उनका गलत फायदा उठाते है। अपराधी उनका भरोसा जीतकर उनका शोषण करते है। ऐसे गलत साइबर अपराधों को रोकना बेहद आवश्यक है।

स्टॉकिंग अपराध

इंटरनेट पर साइबर स्टॉकिंग एक दूसरी बड़ी समस्या है, जिसके शिकार बहुत मासूम लोग हो चुके है। अपराधी किसी इंसान जिसे वह मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना चाहते है, उसका इंटरनेट के ज़रिये पीछा करते है। उसके बारे में गैरकानूनी ढंग से सब कुछ जान लेते है और इंटरनेट का उपयोग करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते है।

अपराधी उन्हें मैसेज या कॉल करके परेशान करते है। अपराधी का सिर्फ एक ही मकसद होता है, उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर तोड़ना और निरंतर परेशान करके पीड़ित व्यक्ति को धमकाना। साइबर स्टॉकिंग करना अपराध है।

वेबसाइट का गलत तरीके से नियंत्रण

कभी कभी अपराधी किसी के वेबसाइट को गलत तरीके से नियंत्रित कर लेते है। वेबसाइट के मालिक अपने वेबसाइट का अधिकार खो बैठते है। वह अपने वेबसाइट संबंधित सारी जानकारी खो बैठते है। इसके कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

वित्तीय अपराध

हैकिंग करके कुछ लोग उपयोगकर्ता या खाताधारकों के पैसे चुराते हैं। इस प्रकार वे कंपनियों का डेटा भी चुराते हैं। यह सब वित्तीय अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसके फलस्वरूप  लेनदेन में भारी जोखिम होता है। हर साल हैकर्स कारोबारियों और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये चुरा लेते हैं।

साइबर अपराधी बैंक कर्मचारी बनकर भी यह कर सकता है। वह हर व्यक्ति के बैंक अकाउंट से हर महीने पांच रूपए भी काट ले, तो वह किसी के नज़र में नहीं आएगा। हर महीने के आखिर में अपराधी के पास काफी रूपए इकट्ठा हो जायेंगे। यह एक सोचा समझा वित्तीय अपराध है।

वायरस द्वारा लोगो की जानकारी पर हमला

साइबर क्राइम में वायरस अटैक एक सबसे बड़ी समस्या मानी जाती है। यह एक ऐसा नुकसानदेह सॉफ्टवेयर होता है, जो कंप्यूटर में मौजूद जानकारी को तबाह कर देता है। वायरस अटैक से किसी व्यक्ति के सॉफ्टवेयर को दूसरे सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ दिया जाता है। वायरस कंप्यूटर को इतने बुरे तरीके से प्रभावित करते है कि उसे और इस्तेमाल ही नहीं किया जा सकता है।

साइबर अपराध में फिशिंग के ज़रिये किसी भी व्यक्ति की ज़रूरी जानकारी निकाल ली जाती है। इसमें झूठे वेबसाइट बनाकर या ईमेल भेजकर व्यक्ति की निजी जानकारी चुरा ली जाती है।

ऐसे में लोगो को सावधान रहना चाहिए। किसी अनजान स्पैम मेल में किसी लिंक को क्लिक करने से जानकारी चोरी होने का खतरा हो सकता है। साइबर अपराधी ऐसे जानकारी निकालकर वह पीड़ित व्यक्ति को तकलीफ पहुंचाते है।

एटीएम की धोखेधड़ी

आजकल अपराधी एटीएम मशीन से पिन और नंबर निकालकर झूठे कार्ड तैयार कर लेते है। यह लोग इतने चालाक होते है कि लोगो को आसानी से लूट लेते है और उनके परिश्रम से कमाया हुआ पैसा चोरी कर लेते है। एटीएम धोखेधड़ी से बहुत सारे लोग अपने पैसे गवा देते है।

पायरेसी की समस्या

साइबर अपराध के दौरान कुछ अपराधी सरकारी वेबसाइट को हैक कर लेते है। इससे महत्वपूर्ण डेटा लीक हो जाता है। अपराधी पायरेटेड डेटा की डुप्लीकेट कॉपी बना लेते है, जिसके कारण सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ता है।

सिस्टम पर अटैक

साइबर अपराधी कंप्यूटर के सिस्टम को क्षति पहुंचाने के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है, जिसे मालवेयर कहा जाता है। यह कंप्यूटर सिस्टम को बुरे तरीके से नुकसान पहुंचाता है। इसका उद्देश्य कंप्यूटर में मौजूद विशेष जानकारी तक पहुंचना होता है। उसके बाद वह उस जानकारी का गलत उपयोग करते है।

साइबर अपराध से बचाव के उपाय

कंप्यूटर हैकर्स से कंप्यूटर को बचाने के लिए उसकी सुरक्षा ज़रूरी है। इसके लिए फ़ायरवॉल का उपयोग करना चाहिए। एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने से कंप्यूटर और उसकी जानकारी सुरक्षित रहती है।

लोगो को अपने वित्तीय जानकारी कभी भी किसी से साझा नहीं करनी चाहिए। उपभोगकर्ताओं को सुरक्षित वेबसाइट पर ही शॉपिंग करनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड की कोई जानकारी इंटरनेट पर हरगिज़ ना दे।

यूज़र्स को एक ठोस पासवर्ड का चयन करना चाहिए, जिससे हैकर्स किसी के वेबसाइट या मेल आईडी को हैक ना कर पाए। आजकल बच्चे भी इंटरनेट का उपयोग करते है। अभिभावकों को अपने बच्चो को सीमित मात्रा में ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने देना चाहिए।

हमेशा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, यूटूब और इंस्टाग्राम इत्यादि के पासवर्ड और सेटिंग्स को सही से रखे और हमेशा सतर्क रहे। सोशल मीडिया पर गोपनीयता को बनाये रखने के लिए सेटिंग्स की हमेशा नियमित जांच करे। इससे लोगो की निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।

सार्वजनिक वाई फाई का इस्तेमाल करते समय लोगो को वित्तीय लेन देन नहीं करना चाहिए। इससे निजी जानकारी चोरी होने का भय रहता है। लोगो को नाम, पता, फ़ोन नम्बर या किसी तरह की वित्तीय जानकारी देते समय सचेत रहना ज़रूरी है।

यह हमेशा पता कर ले की जिस वेबसाइट पर आप अपनी निजी जानकारी साझा कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं। किसी भी अज्ञात मेल के लिंक को ना खोले। सन्देश कहाँ से आया है उसकी जांच पड़ताल के बाद ही कोई प्रतिक्रिया जाहिर करे।

साइबर अपराधो को रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी कोशिशें की गयी है। देश में साइबर सेल की शुरुआत हो गयी है, जहां आप साइबर अपराध की शिकायत कर सकते है। साइबर सेल अपराधियों को सजा देते है।

पुलिस विभाग ने साइबर क्राइम के विरुद्ध कड़े कानून बनाये है, ताकि अपराधी गुनाह करने से पूर्व दस बार सोचे। साइबर सुरक्षा हमारे निजी और गोपनीय जानकारी को लीक होने से बचाती है। साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए साइबर सेल अपना काम कर रहा है।

साइबर अपराध बेहद निंदनीय है। लोगो में जागरूकता फैलाना ज़रूरी है कि वह इंटरनेट का इस्तेमाल जानकारी प्राप्त करने और अच्छे कार्यो के लिए करे। उन्हें इंटरनेट का उपयोग किसी को भी नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसे कई तरीके है जिनका इस्तेमाल करके हम इंटरनेट पर गोपनीयता को बनाये रख सकते है। इंटरनेट का उपयोग सिर्फ ज्ञान विकसित करने के लिए करना चाहिए नाकि गलत चीज़ों के लिए।

इन्हे भी पढ़े :-

  • इंटरनेट की दुनिया पर निबंध (Internet Essay In Hindi)
  • सोशल मीडिया पर निबंध (Social Media Essay In Hindi)
  • मोबाइल फ़ोन पर निबंध (Mobile Phone Essay In Hindi)
  • संगणक पर हिंदी निबंध (Computer Essay In Hindi Language)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay In Hindi)

तो यह था साइबर अपराध पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि साइबर क्राइम पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Cyber Crime) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Essay on Cyber Crime

Cyber crime is the result of technological advancements. It is a dangerous crime involving the use of internet and computers. Cybercrime is undetectable at the initial phase but comes to notice with the consequences. Through this, the illegal transfer of data and information is made, which is of confidential value to an individual or a group.

Short and Long Essays on Cyber Crime in English

Essay on Cyber Crime for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and class 12 in English in 100, 150, 200, 250, 300, 500 words. Also find short Cyber Crime essay 10 lines.

Cyber Crime Essay 10 Lines (100 – 150 Words)

1) The crime done with the help of a computer network is termed as cybercrime.

2) Cybercrime can harm your privacy and security.

3) Cybercrime is an illegal act that tends to hack your private data.

4) Cybercriminals try to gain money through illegal methods.

5) Phishing, DoS attack, spoofing, etc are some common cybercrimes.

6) With the increasing use of the internet, cybercrimes are on the rise.

7) Cybercrime makes the victim helpless by stealing their money and credentials.

8) One should be conscious while using the internet.

9) Cybercrimes can affect a person, an organization, or even the government.

10) Cybercrime is the misuse of advanced technologies.

Essay 1 (250 Words) – Cyber Crime: A Threat to Society

Introduction

Crime is a word used for wrong deed or offence, but when it comes to cybercrime then, it can be defined as a crime done by internet to cause an immeasurable loss to the individual, organization, or the government. Cyber crime is a punishable offence committed by cyber criminals .

Cyber Crime – A Threat to Society

Cyber crime is the criminal act which takes place over the internet through computers as tools or targets or other smart devices meant for making our work easier. The hacker or criminals are having various motives of the crime. They may be involved to cause a loss to an individual, some organization or government.

Several examples of cyber crime include frauds, identity theft, cyberstalking, creating and sending malware like viruses for destroying the systems or steal the data to make money. People involved in such activities find them as an easy way of making money. Even many of the well-educated and knowledge full persons are involved in such activities. Instead of using their mind in a positive way they employ themselves in cyber crime activities. Day by day this is becoming a great threat to our society and nation.

Cybercrime is the most prevailing crime in the present scenario, done through the internet. It causes a severe loss to the victim. Therefore some of the measures should be taken by us to avoid such crimes. The vigilant behaviour and following the safety protocols are only helping aids which can reduce the occurrence of cybercrime.

Essay 2 (400 Words) – Cyber Crime: Classification and Impacts

Man has been innovative and inventive by nature, since early ages. The different needs gave rise to new devices, tools, and technologies. Technology is also a discovery of man for making work easier. The advancement in technology is useful on one side and on the other side has some devastating effects. Cybercrime is also a negative aspect of these technological developments. The individual, organization and groups are involved in committing such criminal activities.

Classification of Cyber Crimes

  • Crime Against an Individual – Crime committed against an individual by use of an individual’s credit card details, confidential data and sending of spam emails. This crime is mainly done for making money.
  • Crime Against an Organization – This is done against a firm, company or organization to get unauthorized access to the data. This is done either to reveal the important data and employee details of the company or for money-making.
  • Crime Against Government – This is the crime against the nation, by getting access to the national data and records. This crime is of main concern as it concerned with the safety of the people of the nation.

Impacts of Cyber Crime

Cyber crime has ruined up the lives of many. The people involved in cyber crime are called hackers.

  • If we discuss on an individual level, the people affected with this are still trying to adjust the loss. Some have opted to commit suicide. The ultimate loss of money and any data which is confidential make the person helpless and left out in a painful situation.
  • On an organization level, the loss is made by stealing the data of the company or destroying the system by malware so that it may not work till the terms and conditions of the criminal get fulfilled. The companies are at a greater loss as their strategies and important data is stolen and leaked out.
  • The government is also the victim of this offence. Much confidential data is leaked as the result of cyber crime at the government level, risking the nation’s sovereignty. This is a serious issue as it may happen that the lives of people of the nation are threatened and frightened.  The loss can be economical too. Many lakh and crore have been lost from the nation because of these cyber crimes.

Cyber crime is an offence related to the use of the internet. It is dealt with some important information to be leaked in public or money-making in an easy way. Therefore we should be practicing some safety measures and security applications to prevent the crime.

Essay 3 (500 – 600 Words) – Cyber Crime

Cybercrime can be mentioned as illicit use of the internet and computers. The computers are either the target of the crimes or used as a weapon for the crime. These crimes have become a common part of our daily lives. Each and every day one or the other person is becoming the victim of cybercrime. Internet is accessed by a number of people at the same time for various purposes, these hackers make their way out of these opportunities.

Different Types of Cyber Crimes

  • Phishing – This involves obtaining the personal information of the user by sending spam emails or by means of phishing website which resembles the same as authorized website.
  • Identity Theft – This involves getting the information about credit or debit cards or bank details, further unwanted money can be easily deducted after the information is hacked.
  • Malware Attacks – Malware is the hostile software which is designed to damage the computer or systems. This is done to access meaningful information or for doing some crime by using that system.
  • ATM Frauds – The ATM machine is totally hacked in this crime. The criminals have developed the way to access both the data on the card along with the pin, further they are successful in making the duplicate of the cards and use the same to withdraw money.
  • Cyber Stalking – The criminal is involved in following the person through online measures. They can even send malware to damage the systems to get the exact information. It involves harassment of the user.
  • Pornography – The act of presenting sexual activity containing video, through pornographic websites.
  • Spoofing – In this, an email is received and appears to be from some authentic source, but it is not the same. It is corrupted.
  • Piracy – It is unauthorized access to the information which is confidential. Many of the times the government websites are hacked and files are pirated containing important data.

The First National Conference on National Crime Investigation and Crime Forensics

  • Our nation India, for the first time had a national conference on national crime investigation held in New Delhi at headquarters of CBI (Central Bureau of Investigation) on 4 and 5 September 2019.
  • The main motive of the conference was to create a common platform for the investigators,   forensic teams and other officials involved to discuss various methods and ways to tackle the cyber-related crimes. The conference was of 2 days i.e. 4th and 5th September.

Cyber Crime Awareness

Different security measures should be followed to be safe from the dreadful act of cyber crime.

  • Strong passwords should be used. The password must be a complex one, could not be possible to guess.
  • Use antivirus programmes to keep the system free of malware.
  • Continuously update the system.
  • Be vigilant and use the presence of mind to avoid identity thefts.
  • Make your children aware of the internet, so that they can state any misuse or harassment if they are going through.
  • Maintain privacy settings over social media.

Cyber Security

Cyber security is saving our system, network, devices, and programmes from the attack of malicious software. Thus the illegal accessing of data can be stopped.

Importance – The information regarding any important issue of the nation or any data which is meant to be used personally, if gets shared will create several problems. Therefore if there will be a security check imposed at several levels, the information and important data can be saved from leaking.

Types of Cyber Security

  • Network Security – Protects the network from being attacked by malware and thus using a secure network .
  • Cloud security – Meant for safeguarding the data in the cloud resources .
  • Information security – Helps in protecting the data from unauthorized or illegal access.
  • End-user security – The user should be conscious of while inserting any external devices in the system, opening any mail or links.
  • Application security – helps in keeping the system and software free of any threat .

Cyber crime is spreading its arms day by day. The most appropriate way of being safe from becoming the victim of its ill effects is following security measures. There are various ways by which we can protect our confidential information from being leaked. We should always focus on awareness as – ‘Prevention is better than cure’, especially when the cure is not available.

FAQs: Frequently Asked Questions

Ans . Cybercrime started in the world in the 1970s.

Ans . Ian Murphy was the first cybercriminal in the world.

Ans . Karuppannan Jaishankar is regarded as the father of Cyber criminology.

Ans . The Yahoo v. Akash Arora case was the first cybercrime case in India that happened in 1999.

Ans . The United States of America has the highest number of cybercrimes in the world.

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अपराध और अपराधी पर निबन्ध | Essay on Crime and Criminals in Hindi

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अपराध और अपराधी पर निबन्ध | Essay on Crime and Criminals in Hindi!

प्रस्तावना:

कोई भी व्यक्ति अपराध जानबूझ कर नहीं करता वरन् उसके अपराधी कार्य के पीछे कोई न कोई कारण ऐसा होता है जिसके वशीभूत हो यह गलत कार्यों अथवा अपराधिक कार्यो की ओर अग्रसर होता है ।

कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि वह अपराध कर अपराधी बने और समाज उसे तिरस्कृत नजरों से देखे । हमारी विद्यमान सामाजिक, कानूनी, आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियाँ ही ऐसी हैं जो व्यक्ति को अपराधी बनने हेतु मजबूर करती हैं ।

चिन्तनात्मक विकास:

अपराध वास्तव में क्या है ? इस सम्बंध में अनेक विचारकों ने अपराध की परिभाषा अपने-अपने दृष्टिकोणों से दी है । किसी का मत है कि ‘अपराध एक साभिप्राय कार्य है’, अथवा किसी विचारक का मानना है कि यह एक ‘असामाजिक कार्य’ है आदि ।

अनेक विचारकों ने कानूनी, गैर-कानूनी एवं सामाजिक शब्दों में अपराध को परिभाषित किया है जहाँ तक अपराधी का सम्बंध है तो उसके अपराधिक व्यवहार को अच्छी तरह से समझने के लिए क्लासिक, जैविकीय, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक आधारों पर व्याख्या की गई है ।

हमारे समाज में आज विघटनकारी प्रवृत्तियाँ अत्यन्त प्रबल हैं । व्यक्ति को चारों ओर से कुण्ठाओं एवं तनावों ने घेर रखा है । राजनीतिक व्यवस्था उस पर हावी है परिणामस्वरूप वह सामाजिक एवं कानूनी प्रतिमानों का उल्लंघन कर रहा है, जिससे की समाज का स्वरूप विकृत होता जा रहा है ।

दिन-प्रतिदिन अपराध और अपराधियों की संख्या में वृद्धि हो रही है । भारत में प्रतिवर्ष भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत लगभग 14.5 लाख संज्ञेय अपराध होते हैं और लगभग 37.7 लाख अपराध स्थानीय एवं विशेष कानूनों के तहत होते हैं । हमारे समाज में अपराध को समाप्त करने एवं अपराधियों को दण्डित करने अथवा उपचार हेतु कारावास एवं परिवीक्षा कारावास की व्यवस्था की गई है ।

वस्तुत: समाज से इस समस्या को समाप्त करने हेतु अनेंक उपाय किये गए हैं किन्तु इसमें सन्देह ही है कि वास्तव में अपराध खत्म हो सकता है । अत: आज आवश्यकता इस बात की है कि जो भी उपाय व्यवस्था द्वारा अपनाये गये हैं उन्हें कारगर ढंग से लागू किया जाये, कठोरता से अपनाया जाये । कई संस्थाएँ भी इस ओर अग्रसर हैं ।

उन्हें भी अपने प्रयासों को संगत बनाने हेतु और अधिक रुचि दिखलानी पड़ेगी । कानूनी व्यवस्था को भी कड़े कदम उठाने पड़ेगे ताकि समाज से बुराई को दूर किया जा सके । अपराध किसे कहते हैं ? अपराध क्या हैं ? अपराधी कौन होते हैं ? इत्यादि प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व हमारे लिए ‘अपराध और अपराधी’ इन दोनों तत्वों की परिभाषा देना अत्यावश्यक है ।

ADVERTISEMENTS:

पॉल टप्पन ने अपराध की परिभाषा इस प्रकार दी है कि यह ‘एक साभिप्राय कार्य है या अनाचरण है जो दण्ड कानून का उल्लंघन करता है और जो बिना किसी सफाई और औचित्य के किया जाता है ।’  इस परिभाषा में पाँच तत्व महत्वपूर्ण हैं; प्रथम, किसी क्रिया को किया जाये या किसी क्रिया को करने में चूक होनी चाहिए, यानि कि किसी व्यक्ति को उसके विचारो के लिए दण्डित नहीं किया जा सकता ।

द्वितीय, क्रिया स्वैच्छिक होनी चाहिए और उस समय की जानी चाहिए जबकि कर्ता का अपने कार्यों पर नियन्त्रण है । तृतीय, क्रिया साभिप्राय होनी चाहिए, फिर चाहे अभिप्राय सामान्य हो अथवा विशेष । एक व्यक्ति का विशेष अभिप्राय चाहे दूसरे व्यक्ति को गोली मारना व उसको जान से मारना न हो, परन्तु उससे इस जानकारी की आशा की जाती है कि उसकी क्रिया से दूसरों को जोट लग सकती है ।

चतुर्थ, वह क्रिया फौजदारी कानून का उल्लंघन होनी चाहिए जोकि गैर-फौजदारी कानून या दीवानी या प्रशासनिक कानून से भिन्न है जिससे कि सरकार अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही कर सके । पंचम, वह क्रिया बिना किसी सफाई या औचित्य के की जानी चाहिए । इस प्रकार यदि यह सिद्ध हो जाता है कि क्रिया आत्मसुरक्षा के लिए या पागलपन में की गयी थी, तो उसे अपराध नहीं माना जायेगा चाहे उससे दूसरों को हानि हुई हो या चोट लगी हो ।

कानून की अनभिज्ञता को अधिकतर बचाव या सफाई नहीं माना जाता है । हाल जिरोम की परिभाषा के अनुसार अपराध ‘कानूनी तौर पर वर्जित और साभिप्राय कार्य है, जिसका सामाजिक हितों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, जिसका अपराधिक उद्देश्य है और जिसके लिए कानूनी तौर से दण्ड निर्धारित है ।’

इस प्रकार उसकी दृष्टि में किसी कार्य को अपराध नहीं माना जा सकता जब तक उसमें ये पाँच विशेषताएँ न हों; पहली, कानून द्वारा वह वर्जित हो । दूसरी, वह साभ्रिपाय हो । तीसरी, वह समाज के लिए हानिकारक हो । चौथी, उसका अपराधिक उद्देश्य  हो । पाँचवी, उसके लिए कोई दण्ड निर्धारित हो ।

अपराध की परिभाषा गैर-कानूनी और सामाजिक शब्दों में भी की गई है । मोरर ने उसे एक असामाजिक कार्य कहा है । काल्डवेल ने उसकी यह कहकर व्याख्या की है दवे कार्य या उन कार्यो को करने में चूक जोकि समाज में प्रचलित मानदण्डों की दृष्टि में समाज के कल्याण के लिए इतने हानिकारक हैं कि उनके संबंध में कार्यवाही किसी निजी पहलशक्ति या अव्यवस्थित प्रणालियों को नहीं सौंपी जा सकती, परन्तु वह कार्यवाही संगठित समाज द्वारा परीक्षित प्रक्रियाओं के अनुसार’ की जानी चाहिए ।’

थौर्सटन सेलिन ने उसे ‘मानकीय समूहों के व्युवहार के आदर्श नियमाचारों का उल्लंघन कहा है ।’ मार्शल क्लिनार्ड ने यह दावा किया है कि मानदण्डों के सभी विचलन अपराध नहीं होते । वह तीन प्रकार के विचलन की बात करते हुँ (1) सहन किये जाने वाले विचलन, (2) विचलन जिसकी नरमी से निन्दा की जा सकती है, (3) विचलन जिसकी कड़ी निन्दा की जाती है । वह तीसरे प्रकार के विचलन को अपराध मानते हैं ।

‘अपराध’ की उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सभी विचारकों ने इसकी परिभाषा अपने-अपने दृष्टिकोण से दी है । किसी ने इसे स्पष्ट करने के लिए समाजशास्रीय आधार लिया है, तो किसी ने कानूनी । अपराध की कानूनी और सामाजिक परिभाषाओं के मध्य समाधानात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुये रीड ने कहा है कि कानूनी परिभाषा का अपराध के आकड़ों का संकलन करने के लिए और अपराधी का लेबिल देने के लिए उपयोग किया आ सकता है, परन्तु अपराध के कारणों के अध्ययन के लिए किये जा रहे अध्ययनों में ऐसे व्यक्तियों को भी अपराधियों के प्रतिदर्शो में सम्मिलित किया जाना चाहिए जो अपना अपराध स्वीकार करते हैं, परन्तु न्यायालय से दोषी सिद्ध नहीं हुये हैं ।

जहाँ तक अपराधी का सम्बंध है तो वह किसी न किसी कारण के वशीभूत हो अपराध करता है । यह आवश्यक नहीं कि किसी अपराध के पीछे कोई ठोस कारण ही हो क्योंकि कई बार अनजाने में ही किसी व्यक्ति द्वारा अपराध हो जाता है परिणामस्वरूप वह ‘अपराधी वर्ग’ के अन्तर्गत आ जाता है ।

अत: यह जरूरी हो जाता है कि किसी व्यक्ति के अपराधी व्यवहार के पीछे कारणों पर गहनता से विचार किया जाए । कोई भी व्यक्ति स्वतन्त्र इच्छा शक्ति के वशीभूत हो अपराधी व्यवहार नहीं करता अपितु नियति के वशीभूत हो अपराध कर बैठता हे ।

हमारी सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था ही ऐसी है कि वह अपराध करने को मजबूर कर देती है । कानून एवं उसकी व्यवस्था भी किसी हद तक किसी निरपराधी को अपराधी में परिवर्तित कर देती है । प्राय: दण्ड नीति भी कई बार किसी को अपराध करने के लिए प्रेरित करती है ।

अपराधिक व्यवहार की सैद्धान्तिक व्याख्याओं को मुख्यत: छह वर्गों में विभाजित किया गया है: (1) जैविक या स्वभाव-सम्बंधी व्याख्याएं, (2) मानसिक अव-सामान्यता, बीमारी और मनोवैज्ञानिक-रोगात्मक व्याख्याएं, (3) आर्थिक व्याख्या, (4)स्थलाकृतिक व्याख्या, (5) मानव पर्यावरणवादी व्याख्या और (6) ‘नवीन’ और ‘रैडिकल’ व्याख्या ।

रीड ने सैद्धान्तिक व्याख्याओं का इस प्रकार वर्गीकरण किया है; (1) क्लासिकल और सकारात्मक व्याख्याएं, (2) शारीरिक, मनश्चिकित्सीय और मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त, और (3) समाजशास्त्रीय सिद्धान्त । इन्होंने समाजशास्रीय सिद्धान्तों को पुन: दो वर्गो में बांटा है: (1) सामाजिक संरचनात्मक सिद्धान्त, (2) सामाजिक प्रक्रिया सिद्धान्त । अपराधिक व्यवहार सम्बंधी इन सभी सिद्धान्तों को मुख्यत: चार भागों में वर्गीकृत कर समझा जा सकता है । (1) क्लासिक, (2) जैविकीय, (3) मनोवैज्ञानिक,  (4) सामाजिक ।

‘अपराध और दण्ड’ सम्बधी क्लासिक विचारधारा इटेलियन विचारक बैकेरिया द्वारा अठारहवीं शताब्दी के दूसरे अर्ध में विकसित की गई थी । क्लासिक विचारधारा यह मानती थी कि (क) मानव प्रकृति तार्किक एवं स्वतन्त्र है और अपने स्वार्थ से निर्धारित होती है, (ख) सामाजिक व्यवस्था मतैक्यता और सामाजिक अनुबंध पर आधारित है, (ग) अपराध सामाजिक प्रतिमानों का उल्लंघन नहीं बल्कि कानून संहिता का उल्लंघन है, (घ) अपराध का वितरण सीमित है और उसका पता उचित प्रक्रिया से लगाना चाहिए, (ड) अपराध व्यक्ति की तार्किक प्रेरणा से होता है, व अपराधी को दण्ड देते समय ‘संयम’ का सिद्धान्त अपनाना चाहिए ।

क्लासिक व्याख्या की कुछ कमियाँ थी जैसे; पहली, सब अपराधियों के साथ बिना उनकी आयु, लिंग अथवा बुद्धि में भेद करके समान व्यवहार किया जाना । दूसरी, अपराध की प्रकृति को कोई महत्व नहीं दिया गया (अर्थात अपराध साधारण है अथवा जघन्य) । इसी प्रकार अपराधी के प्रकार को भी महत्व नहीं दिया गया (अर्थात् उसका प्रथम अपराध था, या आकस्मिक अथवा पेशेवर अपराधी था) ।

तीसरी, एक व्यक्ति के व्यवहार की व्याख्या केवल ‘स्वतन्त्र इच्छा-शक्ति’ के सिद्धान्त पर करना और ‘उपयोगितावाद’ के सिद्धान्त पर दण्ड प्रस्तावित करना अव्यावहारिक दर्शन है जो अपराध को अमूर्त मानता है और जिसके निष्पक्ष एवं आनुभविक मापन में वैज्ञानिक उपागम का अभाव है ।

चौथी, न्यायसंगत अपराधिक कार्यो के लिये उसमें कोई प्रावधान नहीं था । पांचवीं, इन्हें फौजदारी कानून में सुधार करने में अधिक रुचि थी, बजाय अपराध को नियन्त्रित करने और अपराध के सिद्धान्तों का विकास करने में दण्ड की कठोरता को कम करना, जूरी व्यवस्था के दोषों को हटाना, देश निकाला और फांसी देने के दण्ड को समाप्त करना और कारागृह दर्शन को अपनाना, और नैतिकता को नियमित करना ।

क्लासिक सिद्धान्त में नव-कलासिकवादी अंग्रेज अपराधशासियों ने संशोधन कर यह सुझाव दिया कि अपराधी की आयु, मानसिक दशा ओर लघुकारक परिस्थितियों को महत्व दिया जाना चाहिए । सात वर्ष से कम आयु के बच्चों और मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों को कानून से मुक्त रखना चाहिए । जैविकीय व्याख्या के अन्तर्गत ‘नियतिवाद’ के सिद्धान्त पर बल दिया गया ।

लोझासो, केरी और गेरीफलो प्रमुख प्रत्यक्षवादी थे । जिन्होने अपराधिक व्यवहार के जैविकी से उत्पन्न होने वाले और वंशानुगत पहलुओं पर बल दिया । लोखासों को ‘अपराधशास्त्र का पिता’ कहा जाता हे । इनका मत था कि अपराधी का शारीरिक रूप गैर-अपराधी के शारीरिक रूप से भिन्न होता है, जैसे असममित चेहरा, बडे कान, बहुत लम्बी बाहे पिचकी हुई नाक, पीछे की ओर मुड़ा हुआ ललाट, गुच्छेदार और कुचित बाल, पीड़ की तरफ संज्ञाहीनता, आँखों में खराबी और अन्य शारीरिक अनूठेपन ।

साथ ही इन्होने उन विशेषताओं का भी जिक्र किया जो अपराध की किस्मों के अनुसार अपराधियो में भेद दर्शाते हैं । यद्यपि जीवन के अन्तिम दिनों में इन्होने अपने सिद्धान्त में परिवर्तन कर कहा कि द्र अपराधी जन्मजात’ नहीं होते वरन् साधारण अपराधी’ (जो सामान्य शारीरिक और मनोवैज्ञानिक बनावट के व्यक्ति होते हैं), आकस्मिक अपराधी और संवेगात्मक अपराधी भी होते हैं ।

इनके सिद्धान्त की भी कुछ आलोचनाएँ हुईं जैसे, इनके तथ्यों का संकलन जैविक कारकों तक सीमित था और इन्होंने मानसिक और सामाजिक कारकों पर ध्यान नहीं दिया, इनका सिद्धान्त वर्णनात्मक था, प्रयोगात्मक नहीं, पूर्वाजानुरूपता सिद्धान्त और विकृति सम्बंधी सामान्यीकरणों ने सिद्धान्त और तथ्य के बीच एक दरार बना दी । सिद्धान्त को ठीक दर्शाने के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया । यह अवैज्ञानिक क्योंकि इनका सामान्यीकरण एक अकेले प्रकरण से प्राप्त किया गया था ।

अपराध और अपराधी सम्बंधी मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त मन्द बुद्धिमता पर बल देता है, मनश्चिकित्सीय सिद्धान्त मानसिक रोगों पर बल देता है, और मनोवैश्लेषिक सिद्धान्त अविकसित अहम् या प्रेरणाओं और मूल प्रवृत्तियो या अपराध भावनाओं या हीन भावना पर बल देता है ।

हेनरी गोडर्ड ने विचलन और अपराध का सबसे बडा अकेला कारण मन्द बुद्धिमता बताया । इन्होने कहा कि मन्द बुद्धिमत्ता वशागत होती है और जीवन की घटनाओ से बहुत कम प्रभावित होती है । यहाँ इस बात पर बल दिया गया कि अपराधी पैदा नहीं होता वरन् बनाया जाता है । किन्तु वह इस बात में विश्वास नहीं करते थे कि प्रत्येक मन्दबुद्धि वाला व्यक्ति अपराधी होता है ।

वह सम्भावित अपराधी हो सकता है, परन्तु उसके अपराधी बनने का निर्धारण दो कारक करते हैं; उसका स्वभाव और उसका पर्यावरण । इसलिए मन्द बुद्धिमत्ता वंशानुगत हो सकती है, परन्तु अपराधिकता वंशानुगत नहीं है । इसके विपरीत समाजशास्त्री यह तर्क देते हैं कि अपराधिक व्यवहार सीखा जाता है और सामाजिक पर्यावरण के परिस्थितिवश होता है ।

समाज की परिस्थितियाँ अथवा वातावरण ऐसा होता है जिसके कारण व्यक्ति अपराध कर बैठता है । उदाहरणार्थ, आर्थिक परिस्थिति के अन्तर्गत जैसे पूंजीवादी व्यवस्था में आदमी केवल स्वयं पर ही सकेन्द्रित रहता है और इससे उसमे स्वार्थपरता उत्पन्न होती है । आदमी की रुचि केवल अपने ही लिये पैदा करने में होती है, विशेष रूप से अधिशेष प्राप्त करने में जिसका विनिमय वह लाभ से कर सकता है ।

उसे अन्य व्यक्तियों की आवश्यकताओं में रूचि नहीं होती । इस प्रकार पूजीवाद सामाजिक दायित्वहीनता को जन्म देता है, और परिणामस्वरूप अपराध होता है भौगोलिक व्याख्या अपराध का आकलन भौगोलिक कारको जैसे जलवायु, तापमान और आर्द्रता के आधार पर करती है । वस्तुत: इस बात मे कोई सन्देह नहीं है कि ‘अपराध और अपराधी’ सम्बधी सभी सिद्धान्तों मे कहीं न कहीं एवं कुछ न कुछ कमियां अवश्य हैं । कोई भी सिद्धान्त स्वयं मे पूर्ण नहीं है ।

हमारे समाज में प्राय: सभी श्रेणियों मे अशान्ति बढ रही है क्योकि सामाजिक सम्बधों एवं सामाजिक बंधनो मे विघटन हो रहा है । युवाओ, किसानों, औद्योगिक श्रमिकों, छात्रों, सरकारी कर्मचारियों और अल्पसंख्यको में अशान्ति व्याप्त है । यह अशान्ति तनावों और कुण्ठाओं में वृद्धि करती है जिससे कानूनी और सामाजिक प्रतिमानो का उल्लघन होता है ।

अत: हमारे समाज की विद्यमान उप-व्यवस्थाओं औ२ संरचनाओ का सगठन और कार्यप्रणाली अपराध की वृद्धि हेतु उत्तरदायी है । भारत में एक घंटे मे लगभग 175 संज्ञेय अपराध भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत और 435 अपराध स्थानीय और विशेष कानूनो के तहत होते हैं ।

एक दिन में लगभग 900 चोरियों, 250 दगों, 400 डकैतियो और सेध लगाकर चोरियो और 2,500 अन्य फौजदारी अपराधों से पुलिस जूझती रहती है (क्राइम इन इंडिया, 1990 : 14) । 1970 और 1980 के मध्य अपराध में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 1980 और 1990 के बीच अपराध केवल 80 प्रतिशत बढ़ा (1990 : 10) ।

अपराध की उठती हुई तरंग जनता मे भय उत्पन्न कर सकती है, परन्तु हमारी पुलिस और राजनीतिज्ञ बिगड़ती हुई कानून और व्यवस्था की स्थिति से अप्रभावित एवं अछूते रहते हैं । विपक्षी राजनैतिक दल इन आँकडों में रूचि तभी लेते हैं जब इन्होंने सत्ताधारी दल की नीतियों की आलोचना करनी होती है ताकि उन्हें सत्ता से हटाया जा सके ।

वास्तव में समाजशास्त्री और अपराधशास्री ही अपराध के कारणों का पढ़ा लगाने, अपराध को कम करने, दण्ड एवं न्याय व्यवस्था को प्रभावशाली बनाने में रूचि दिखलाते हैं और इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करते हैं ।

हाल ही में कुछ उग्र विचारो वाले विद्वानों ने अपराध सम्बंधी कानूनो को पारित करवाने, पुलिस व्यवस्था को सुधारने, न्यायिक सक्रियता, उत्पीडितों के हितो की सुरक्षा, कारागृह की स्थिति मे सुधार और विचलित व्यक्ति को मानवीय बनाने के सम्बंध में प्रश्न उठाये हैं ।

हमारे समाज में अपराधियों को दण्ड देने एवं उपचार हेतु मुख्यत: दो तरीके अपनाए जाते हैं-प्रथम कारावास, द्वितीय परिवीक्षा पर मुक्ति । यद्यपि कुछ भयंकर अपराधियों को फांसी की सजा भी दी जाती है और कुछ पर जुर्माने भी किये जाते हैं ।

1919-20 तक भारतीय कारावासों में स्थितियाँ भयावह थीं । 1919-20 की भारतीय रेल सुधार कमेटी के सुझावों के अचात् ही अधिकतम सुरक्षा कारागृह जैसे केन्द्रीय जेल, जिला जेल और उप-जेल में परिवर्तन किये गये । इन परिवर्तनों में शामिल थे वर्गीकरण, कैदियो का पृथक्करण, शिक्षा, मनोरंजन, उत्पादन कार्य का देना और परिवार एवं समाज में सम्पर्क रखने के अवसर ।

बाद में तीन राज्यों में तीन मध्यम-सुरक्षा कारागृह या आदर्श कारावास भी स्थापित किये गए जिनमें पंचायत राज, स्व-संचालित केन्टीन और मजदूरी पद्धति पर बल दिया गया, किन्तु इन्हें केन्द्रीय कारागृह मे परिवर्तित कर दिया गय । कारागृह सामान्यत: समान पोशाक पहनने वालों का ससार है । जहाँ के प्रत्येक निवासी पर कलंक लगा होता है और उसे अपरिचित साथियो के साथ निर्धारित कार्यो को नियत समय में करना होता है ।

इन्हे किसी भी प्रकार की आजादी, सुविधाओं, भावात्मक सुरक्षा और विषमलिगींय संबंधों से वचित किया जाता है । इन मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करने के लिए वही निवासी कैदी व्यवस्था की कैदी सहिता का पालन करते हैं, जोकि कारागृह पद्धति की औपचारिक संहिता के बिल्कुल विपरीत होती है ।

कैदियों को कारावास के द्वारा दण्डित करने एव उनका उपचार करने हेतु एक उदार और कठोर सन्तुलित नीति को अपनाना चाहिए । जेल व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने हेतु और अपराधियो को सुधारने के लिए जिन अन्य उपायो की आवश्यकता है ।

वे है, विचाराधीन कैदियो को सजायाफ्ता कैदियों के साथ एक ही जेल में नहीं रखना चाहिए, कैदियो को उनकी फाइलें प्राप्त करानी चाहिए, कैदियो को बैरक निर्धारण अथवा काम देने से पूर्व उनका उपयुक्त निदान होना चाहिए, कैदियो को अपनी इच्छानुसार कार्य चयन की स्वतन्त्रता होनी चाहिए, पैरोल पर रिहा करने को अधिक सरल एव प्रभावी बनाना चाहिए, निजी उद्योगों को कारागृह में लाने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए ।

कैदियों को अपनी शिकायतें व्यक्त करने के लिए प्रभावी माध्यम उपलब्ध कराने चाहिए, अनिश्चित सजा प्रणाली लागू करनी चाहिए, कैदियों को छ: माह से कम समय के लिए कारागृह भेजने को हतोत्साह करना चाहिए, राज्यस्तर पर एक जेल उद्योग ब्यूरो स्थापित करना चाहिए ।

अत: ऐसे कार्यक्रम बनाये जाने चाहिएं जो कैदियों को नया जीवन प्रारम्भ करने के लिए प्रोत्साहित करें । एक अन्य विकल्प है-परिवीक्षा कारागृह । परिवीक्षा कारागृह से आशय है अदालत द्वारा अपराधी की सजा को स्थगित करना और कुछ शर्तो पर उसे रिहा करना, जिससे वह समाज में परिवीक्षा अधिकारी की देख-रेख में या उसके बिना समाज में रह सके ।

कारागृह प्रणाली की अपेक्षा परिवीक्षा कारागृह में कुछ लाभ हैं । ये हैं; परिवीक्षा पर रिहा किये गए अपराधी पर कोई कलंक नहीं लगता, परिवीक्षार्थी का आर्थिक जीवन भंग नहीं होता, उसके परिवार को कष्ट नहीं सहन करना पड़ता, अपराधी भी कुंठित नहीं होता और यह आर्थिक रूप से कम महंगी है । इसमें कुछ कमियाँ हें जैसे, अपराधी उसी वातावरण में रहता है जहाँ उसने अपराध किया है, उसे दण्ड का कोई भय नहीं होता । किन्तु यह कमियां तर्कसंगत नहीं हैं ।

इसके अतिरिक्त परिवीक्षा को नये उपायों से अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है जैसे, परिवीक्षा की अवधारणा को परिवर्तित करना और उसको सजा का स्थगन मानने के स्थान पर सजा का विकल्प मानना, उन सब प्रकरणों में जिनमे अपराधियों को परिवीक्षा पर छोड़ दिया जाता है, उनके सामाजिक अन्वेषण को अनिवार्य करना, रिहाई की शती को लचीला बनाना, अनिश्चित सजा प्रणाली को लागू करना और परिवीक्षा सेवाओं को किसी अन्य विभाग से न जोड़ कर राज्य स्तर पर उनका एक अलग निदेशालय स्थापित करना ।

निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि सुधार व्यवस्था को अधिक कुशल बनाने हेतु प्रबंधकी: रुचि एवं मानवतावादी रुचि को ही अपनाकर व्यवस्था में सुधार निश्चित है ।

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  14. Essay on Cyber Crime in Hindi

    यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में साइबर अपराध पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph, Short Essay on Cyber Crime in Hindi Language for students and Kids of all Classes in 200 and 400 words.

  15. साइबर क्राइम पर निबंध हिंदी, Cyber Crime Essay in Hindi

    Cyber crime essay in Hindi: यदि आप साइबर क्राइम पर निबंध हिंदी, cyber crime essay in Hindi के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो यह लेख उपयोगी है।

  16. Cyber Crime Essay for Students and Children

    500+ Words Essay on Cyber Crime. Cyber Crime Essay - Everybody thinks that only stealing someone's private data is Cyber Crime. But in defining terms we can say that 'Cyber Crime refers to the use of an electronic device (computer, laptop, etc.) for stealing someone's data or trying to harm them using a computer.

  17. Essay on Cybercrime: Free Samples in 100, 200, 300 Words

    Essay on Cybercrime in 100 Words. Cybercrime involves illegal activities like hacking, ransomware, cyberbullying, online fraud, etc. People who are involved in cybercrime or any similar activities are called hackers, scammers or fraudsters. Cybercrime leads to financial loss for individuals who have fallen victim to one.

  18. Cyber Security Essay for Students and Children

    Cyber Security Essay. Cybersecurity means protecting data, networks, programs and other information from unauthorized or unattended access, destruction or change. In today's world, cybersecurity is very important because of some security threats and cyber-attacks. For data protection, many companies develop software.

  19. Cyber Crime Essay in English

    500 Words Essay on Cyber Crime. Cybercrime is a type of crime in which illegal activities are carried out online or using computers. Cybercrime comes in a variety of forms which involves harassing online users. Cybercrime is the most serious and rapidly expanding type of crime in this day and age. Any person's life may be negatively impacted ...

  20. साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)

    साइबर क्राइम पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Cyber Crime In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो ...

  21. Essay on Cyber Crime for all Class in 100 to 500 Words in English

    Essay on Cyber Crime for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and class 12 in English in 100, 150, 200, 250, 300, 500 words. Also find short Cyber ...

  22. अपराध और अपराधी पर निबन्ध

    Article shared by: अपराध और अपराधी पर निबन्ध | Essay on Crime and Criminals in Hindi! प्रस्तावना: कोई भी व्यक्ति अपराध जानबूझ कर नहीं करता वरन् उसके अपराधी कार्य के ...

  23. साइबर अपराध पर निबंध

    साइबर क्राइम पर निबंध | Essay on Cyber Crime in Hindi- आज के इस वैज्ञानिक युग में ऑनलाइन दस्तावेजो को सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है. पर हैकरो द्वारा आज इन दस्तावेजो की ...