जवाहरलाल नेहरू पर निबंध, लेख

जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

Essay on Jawaharlal Nehru in hindi-जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

देश की स्वाधीनता संग्राम से लेकर आधुनिक भारत के निर्माताओं में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रत्येक देशवासी सादर पूर्वक प्यार याद करते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम शांति के अग्रदूत और अहिंसा के संवाहक के रूप में भी विश्व के महान व्यक्तियों के साथ लिया जाता है इनका जन्म 14 नवंबर 1889 ई. में इलाहाबाद में हुआ था।इनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू पूरे भारत के सर्वश्रेष्ठ और विश्व के इने-गिने प्रतिभाशाली और सम्मानित बैरिस्टरों में से एक थे।

एक अत्यधिक संपन्न परिवार के होने के कारण पंडित जवाहरलाल नेहरु को किसी वस्तु का कोई अभाव नहीं हुआ उनकी माता श्रीमती स्वरूपा रानी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी इनके पिताजी की असाधारण बुद्धि प्रतिभा और तेज का एवं माता की धार्मिक प्रवृत्ति का पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गहरा असर पड़ा

पंडित जवाहर लाल नेहरू की आरंभिक शिक्षा अत्यधिक संपन्न व्यवस्था में घर पर ही हुई पढ़ाने के लिए एक अंग्रेज शिक्षक की व्यवस्था की गई थी उन्होंने बालक के मन में विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न कर दी आरंभिक शिक्षा समाप्त करके यह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सन 1905 में इंग्लैंड गए।उस समय इनकी आयु लगभग 15 वर्ष की थी।इंग्लैंड में रहकर इन्होंने विज्ञान और कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त की ।वहां रहते हुए और दूसरे विषयों से संबंधित गर्न्थो का विस्तार पूर्वक अध्ययन किया। इसके साथ ही साथ ये दूसरे देशों में चल रहे स्वाधीनता आंदोलन से भी परिचित होते रहे।इससे ये अ अपने देश की परतंत्रता और अंग्रेजी सत्ता की राजनीति भी बड़ी बारीकी से समझ गए।

इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से इन्होंने बी .ए की परीक्षा उत्तीर्ण की ।इसके बाद उन्होंने बैरिस्टर की भी परीक्षा उत्तीण कर ली।तत्पश्चात सन 1912 ईस्वी .में स्वदेश लौट आए। स्वदेश आकर जवाहरलाल नेहरू ने सन 1912 ईस्वी में ही इलाहाबाद में वकालत करने लगे। उसी वर्ष यह कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में सम्मिलित हुए। सन् 1916 में जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे, तब उनसे इन्होंने भेंट की। महात्मा गांधी के राजनीतिक प्रभाव को सुन चुके थे। लेकिन उन्हें निकट से नहीं पहचान सके। गांधीजी को देखते ही उन्होंने उनकी शांत प्रकृति और अहिंसक व्यवहार के पीछे जो महान शक्ति छिपी हुई थी, उसे पहचानने में तनिक भी देर नहीं की। इस प्रकार उनके प्रभाव में आकर इन्होने उनके अनन्य अनुयाई और सहयोगी बन गए। सन 1916 ई.में ही इनका विवाह पंडित कमला नेहरू से हो गया।

सन 1914 ई. से सन 1918 ई. तक प्रथम विश्व युद्ध विश्व काल रहा। युद्ध की समाप्ति पर बिट्रिश सत्ता ने अपनी दमन नीति के अंतर्गत “रॉलेट एक्ट”पास करके भारतीयों की स्वतंत्रता प्राप्त करने की भावना को कुचल दिया। इसके विरोध में गांधी जी ने आंदोलन चलाया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस आंदोलन में अपनी अच्छी भूमिका निभाई।

सन 1919 ई. में अंग्रेजी सत्ता में भारतीयों की स्वतंत्रता प्राप्त करने की भावनाओं को कुचलने के लिए अपनी दमनकारी कदमों को तेजी से बढ़ाया। इसके लिए उन्होंने पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थो पर जनरल डायर से गोली चलवा दी।अनेक निर्दोष मौत के घाट उतार दिए गए।इस हत्याकांड से क्षुब्ध होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन छेड़ दिया। तब पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अपनी वकालत को तुरंत ही तिलांजली दे दी।फिर अपने तन- मन बुद्धि – प्रतिभा और धन से स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में लग गए।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को स्वतंत्र करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने का दृढ़ संकल्प कर लिया ।इन्होंने अपनी आलीशान जिंदगी को स्वतंत्रता – संग्राम में संघर्षरत होकर झोंकने में किसी प्रकार की आनाकानी नहीं कि। सन 1921 ई. में “प्रिंस ऑफ वेल्स” के भारत आने पर उन्होंने उनका बहिष्कार किया। इसके लिए इनको गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया ।फिर भी जवाहरलाल नेहरू ने अपना दृढ़-व्रत को नहीं तोड़ा। स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष का प्रबल नायक होने के कारण इन्होंने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जवाहरलाल नेहरू ने राजनीतिक गुरु महात्मा गांधी की तरह खादी के कुर्ते और धोती पहनकर शहरों में ही नहीं अपितु गांव में भी स्वतंत्रता का बिगुल फूंकते रहे।

पंडित मोतीलाल भी महात्मा गांधी की असाधारण देशभक्ति से प्रभावित हुए बिना ना रह सके वह अपने सुपुत्र पंडित जवाहरलाल नेहरु की तरह स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में कूद पड़े। उन्होंने भी बेरिस्टरी करनी छोड़ दी ।फिर महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में देश के आजादी के लिए अपनी विदेशी वस्तुओं का परित्याग कर दिया।

देश की आजादी के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के द्वारा दिए गए दिशा बोध के अनुसार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 31 दिसंबर सन 1930 ईस्वी में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण में पंजाब की रावी नदी के तट पर स्पष्ट रूप से घोषणा कि “हम पूर्ण रूप से स्वाधीन होकर ही रहेंगे “उनकी इस घोषणा से पूरे देश में स्वाधीनता का प्रबल स्वर गूंज उठा। उससे स्वाधिनता-संग्राम का संघर्ष और तेज होकर प्रभवशाली बन गया ।इसके बाद नमक सत्याग्रह में भी इन्होंने अपना पूरा योगदान दिया।

सन 1942 ईस्वी में महात्मा गांधी ने “भारत छोड़ो का आव्हान किया ।पूरा देश इससे प्रभावित हो गया ।इस आंदोलन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई बार-बार अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वे अंग्रेजों की आंख की किरकिरी बन गए। इसलिए वह मौका पाते ही उन्हें जेल में बंद कर दिया करते थे। यही नहीं उन्हें कड़ी से कड़ी यातनाएं भी दी जाती थी इससे भी वे आजादी के संघर्ष से तनिक भी विचलित नहीं हुए। अपितु दिनों दिन और दिलेरी और लौह पुरुष बनते गए। फूल की तरह रहने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू काँटो रूपी यातनाओं में किस तरह मुस्कुराते रहें।यह आज भी लोग समझ नहीं पाते हैं।

महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमारा देश पूर्ण रूप से आजाद हो गया ।पंडित जवाहरलाल नेहरु के असीम त्याग तप को देखकर उन्हें देश का पहले प्रधानमंत्री के रूप में मनोनीत किया गया। इनके नेतृत्व में पूरे देश ने अभूतपूर्व उन्नति की। 23 मई सन 1964 ईस्वी को वे हमें इस संसार से छोड़कर चले गए ।लेकिन उनका शांति संदेश इस धरती से भी कभी नहीं जा सकेगा।

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

मेरा प्रिय कवि तुलसीदास पर निबंध

मेरी किताब मेरी प्रेरणा पर निबंध

सुभाष चंद्र बोस निबंध हिंदी में

पी.वी सिंधु के जीवन पर निबंध (प्रिय खिलाड़ी)

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध

Leave a Comment Cancel reply

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

इस लेख में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi) लिखा गया है।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के कारण पंडित नेहरू के विषय में छोटी बड़ी लगभग सभी परीक्षाओं में निबंध पूछा जाता है। यह निबंध बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है आशा है आपको यह निबंध जानकारी से भरपूर लगेगी।

Table of Contents

प्रस्तावना (पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

आज के समय में भारत पूरी दुनिया में एक अलग स्थान रखता है। भारत को इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए न जाने कितने लोगों ने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया है। 

जब भारत ब्रिटेन का गुलाम था तब महान राजनेताओं और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। पंडित जवाहरलाल नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

जवाहरलाल नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता पेशे से ब्रिटिश गवर्नमेंट में एक नामी वकील थे। इसीलिए मोतीलाल नेहरू चाहते थे कि उनका पुत्र भी एक प्रसिद्ध बैरिस्टर बने।

जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा विदेशों के सबसे जाने-माने शिक्षा संस्थानों पर संपन्न हुई। पंडित नेहरू उस समय विदेश जाकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे जिस समय  ब्रिटिश  सरकार भारत को एक गरीब और पिछड़ा देश समझती थी।

अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए। कुछ समय बाद गांधी जी के संपर्क में आकर उन्होंने कई सारे आंदोलनों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक जीवन Early Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो एक बहुत प्रख्यात बैरिस्टर थे। पंडित नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था जो लाहौर के प्रख्यात कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी।

मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे और 2 बेटियां थी जिनमें  जवाहरलाल नेहरू सबसे बड़े थे।

जवाहरलाल नेहरू के पिता वकील थे इसलिए वे अपने पुत्र को भी उसी दिशा में आगे बढ़ाना चाहते थे। अपने पिता के जैसे ही जवाहरलाल नेहरू भी उस समय देश के लिए कुछ करने की इच्छा रखते थे।

नेहरू बचपन से ही पढ़ने में रुचि रखते थे। अपने पिता के जैसे ही वह भी बड़े होकर एक प्रख्यात वकील बनना चाहते थे उन्होंने अपनी पढ़ाई विदेशों से की।

शिक्षा Education of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही संपन्न था, जिससे पंडित नेहरू को दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों से पढ़ने का मौका मिला।

उन्होंने अपनी  प्रारंभिक शिक्षा हैरो स्कूल से पूरी करने के बाद ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज जोकि लंदन के सबसे प्रख्यात विश्वविद्यालय में से एक है वहां अपनी पढ़ाई की।

कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की। जवाहरलाल नेहरू अंग्रेजी के बहुत अच्छे ज्ञाता थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं वापस अपने वतन भारत लौट गए।

राजनीतिक करियर Political Career of Jawaharlal Nehru in Hindi

1912 में जवाहरलाल नेहरू कानून की पढ़ाई पूरी करके भारत आ गए और वकालत का कार्य आरंभ कर दिया।

भारत लौटने के बाद पंडित नेहरू महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। देश की आजादी में अपना योगदान देने के लिए बाल तिलक द्वारा स्थापित होम रूल लीग में 1917 जुड़े।

कुछ समय बाद 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था। जवाहरलाल नेहरू ने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपना योगदान दिया।

ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन में  पंडित नेहरू की अहम भूमिका रही है। इसके बाद पूरे देश में जवाहरलाल नेहरू को जाना जाने लगा।

गांधी जी के उपदेशों से प्रभावित होकर जवाहरलाल नेहरू ने अपने पूरे परिवार के साथ ब्रिटिश सरकार के विरोध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा स्वदेशी अपनाने पर अधिक बल दिया तथा पश्चिमी देशों में बने वस्त्र त्याग कर खादी से बने कपड़े और टोपी धारण करने लगे।

अब तक के सभी आंदोलन में पंडित नेहरू प्रत्यक्ष रूप से आगे नहीं आए थे किंतु 1920 से 1922 तक चले असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए और ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खूब विरोध किया जिसके लिए उन्हें  जेल भी जाना पड़ा था।

 जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद में नगर निगम के प्रमुख चुने गए जहां उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और 1926 में त्यागपत्र दे दिया।

जवाहरलाल नेहरू की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि 1929 में लाहौर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुन लिए गए।

गांधी जी के नेतृत्व में पंडित नेहरू ने 1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए अन्याय पूर्ण कानून के खिलाफ दांडी मार्च में हिस्सा लिया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन  के बाद 1947 में कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव लड़े।

स्वतंत्र भारत में पहली बार हुए चुनाव में सरदार वल्लभ भाई पटेल को बहुमत मिला था किंतु गांधी जी के कहने पर पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।

जवाहरलाल नेहरू के कार्य Works of Jawaharlal Nehru in Hindi

भारत को जब ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता मिली तो वह कुल 565 देसी रियासतों में बटा हुआ था। अपने कुशल बुद्धि तथा रणनीति से जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और वीपी मेनन के भागीदारी में सभी 565 देसी रियासतों को भारत में विलय कर लिया गया।

भारत के आजाद होने के बाद चीन हमेशा से भारत के सीमा पर अपना अधिकार होने का दावा करता है। चीन ने जब तिब्बत पर कब्जा किया था तो वहां के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

दलाई लामा को भारत में शरण देने के कारण चीन भारत के सीमा पर भी अपना दावा करने लगा। 1962 में धोखे से चाइना ने अचानक से भारत पर हमला कर दिया और भारत के उत्तर पश्चिम मैं स्थित सीमा से लगने वाले कुछ भाग पर अपना कब्जा कर लिया।

 जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में भारत के इस प्रकार हादसे पूरा देश गुस्से में था और कांग्रेस पार्टी की बहुत अधिक आलोचना हो रही थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू को  भारत का यह जगह होने पर बहुत दुख था। 

निजी जीवन Personal Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे राजनीतिज्ञ की तरह बहुत अच्छे लेखक भी थे। पंडित नेहरू जब भारत आए थे तब 7 फरवरी 1916 में उनका विवाह कमला नेहरू से हुआ था।

कमला नेहरू दिल्ली के एक प्रमुख व्यापारी पंडित ‘जवाहरलालमल’ और राजपति कॉल की पुत्री थी। विवाह के कुछ समय बाद उनकी एक प्यारी सी पुत्री हुई  जिसका नाम इंदिरा रखा गया। इंदिरा गांधी आगे चलकर भारत की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी।

जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय लगते थे। उनका मानना था कि यह बच्चे ही आगे चलकर देश का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसलिए पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर 10 लाइन Best 10 Lines on Jawaharlal Nehru in Hindi

  • चाचा नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
  • पंडित नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। 
  • उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।
  • अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए।
  • पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था।
  • मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे।
  • कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की
  • 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के  विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था।
  • तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

मृत्यु Death

जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के सम्बन्ध में बहुत लोगों के अलग अलग तर्क हैं लेकिन जो बात भारतीय कांग्रेस पार्टी द्वारा कही जाती है वह यह है की जवाहर लाल चीन द्वारा मिले धोखे के बाद विरोधियों के निशाने पर आ चुके थे।

उसके बाद वे काफी बीमार रहने लगे थे और एक बार 26 मई 1964 की अगली सुबह नेहरु की पीठ में लगातार दर्द होना शुरू हो गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

जब तक उन्हें डॉक्टर देख पाते तब तक उनके प्राण निकल चुके थे 27 मई 1964 की दोपहर को लोकसभा ने यह ऐलान किया की नेहरु अब नहीं रहे। 

मृत्य के कारण में हार्ट अटैक बताया गया लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है की नेहरु की मौत की असली रिपोर्ट को छुपाया गया। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने जवाहरलाल नेहरु पर निबंध हिंदी में (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

Chhoti Badi Baatein

  • हिंदी निबंध संग्रह - Hindi Essay Collection

जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – आजादी से पहले और बाद में भारत की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले जवाहरलाल नेहरू भारत के सबसे उल्लेखनीय लोगों में से एक थे. इतिहासकारों के अनुसार उनकी पढ़ाई में विशेष रुचि थी.

बच्चों के प्रति उनके प्रेम और स्नेह के कारण ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है. भारत में उनकी लोकप्रियता के कारण जनता उन्हें “चाचा नेहरू (Chacha Nehru)” के नाम से भी संबोधित करती थी.

Table of Contents

नेहरू का प्रारंभिक जीवन – Nehru’s early life

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में एक संपन्न कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था. जवाहर लाल नेहरू तीन भाई-बहनों में इकलौते भाई थे, इनके अलावा उनकी दो बहनें (विजया लक्ष्मी पंडित और कृष्णा हुथीसिंग) थीं.

उनके पिता मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) शहर के जाने-माने वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे. उनकी माता स्वरूपरानी नेहरू (Swaroop Rani Nehru) लाहौर के एक जाने-माने कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थीं.

नेहरू जी का परिवार अपनी प्रशासनिक क्षमता और विद्वता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध था. जवाहरलाल नेहरू पंडित परिवार से होने के कारण लोग उन्हें “पंडित नेहरू” भी कहते थे.

पंडित जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा – Education of Pandit Jawaharlal Nehru

जवाहरलाल नेहरू ने 13 वर्ष की आयु तक अपने घर पर रहकर ही हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया था. उसके बाद जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला.

नेहरू ने अक्टूबर 1907 में कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश लिया और 1910 में वहां से प्राकृतिक विज्ञान (Natural Sciences) में डिग्री प्राप्त की. 

इस अवधि के दौरान उन्होंने देश और विदेश की राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास और साहित्य का भी अध्ययन किया. बर्नार्ड शॉ, वेल्स, जेएम कीन्स, मेरेडिथ टाउनसेंड के लेखन का उनकी राजनीतिक सोच पर गहरा प्रभाव पड़ा.

1910 में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, नेहरू कानून का अध्ययन करने के लिए लंदन गए और “इनर टेम्पल इन” से अपनी वकालत पूरी की. 1912 में, अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, नेहरू अपने देश भारत लौट आए.

जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक सफर – Political Journey of Jawaharlal Nehru

1912 में जवाहरलाल नेहरू ने बांकीपुर पटना में कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया था. उन्होंने बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) और एनी बेसेंट (Annie Besant) द्वारा स्थापित भारतीय होमरूल आंदोलन (Indian Home Rule movement) के साथ अपना राजनीतिक जुड़ाव शुरू किया.

जवाहरलाल नेहरू 1916 में राष्ट्रीय कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से मिले और उनके शालीन व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुए. बाद में, नेहरू महात्मा गांधी के मुख्य सहयोगियों में से एक बन गए.

जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए, और उन्होंने शहर के मुख्य कार्यकारी के रूप में दो साल तक सेवा की. उन्होंने दो साल के कार्यकाल के बाद 1926 में इस पद से इस्तीफा दे दिया.

इसके बाद, नेहरू ने 1926 से 1928 तक कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में पदभार संभाला. दिसंबर 1929 में लाहौर में कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में नेहरू को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उसी वर्ष उन्होंने “पूर्ण स्वराज” की मांग की.

1935 में, कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया. हालांकि नेहरू इस चुनाव का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए जोरदार प्रचार करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस को लगभग हर प्रांत से जीत हासिल हुई.

नेहरू 1935-1936 के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए. उन्हें 1942 में “भारत छोड़ो आंदोलन” के दौरान गिरफ्तार किया गया था और 1945 में रिहा कर दिया गया था.

उन्होंने 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

देश के आधुनिक कल को लेकर नेहरू ने 50 के दशक में जानबूझकर कई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक फैसले लिए.

स्वतंत्र भारत के आंदोलन में नेहरू जी का योगदान – Contribution of Nehru in the movement of independent India

जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन और ऐसे कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया. 1928 में, नेहरू और अन्य पर “साइमन कमीशन” के खिलाफ आंदोलन के नेता होने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था.

7 अगस्त 1942 को मुंबई में हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक में नेहरू के ऐतिहासिक संकल्प “भारत छोड़ो” के कारण उन्हें एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया. यह आखिरी बार था जब वह जेल जा रहे थे क्योंकि इस बार नेहरू को लंबे समय तक गिरफ्तार किया गया था.

अपने पूरे जीवनकाल में देश की सेवा करने के कारण नेहरू जी नौ बार जेल जा चुके हैं.

1929 में “लाहौर अधिवेशन” के बाद, नेहरू देश के बौद्धिक और युवा नेता के रूप में उभरे. एक भारतीय नेता के रूप में उन्होंने कई यातनाओं को सहकर भी अपनी भूमिका निभाई है.

नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने – Nehru became the first Prime Minister of independent India

जब महात्मा गांधी ने लाहौर में कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष के रूप में नेहरू को चुना, तो यह लगभग तय था कि जवाहरलाल नेहरू ही स्वतंत्र भारत के प्रधान मंत्री बनेंगे. वोटों की कम संख्या के बावजूद, नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री बने.

इसके बाद उनके आलोचकों ने उनकी जमकर आलोचना की, लेकिन अपने पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी शक्तियों का सही इस्तेमाल करते हुए देशहित में कई अहम फैसले लिए.

1947 में, ब्रिटिश सरकार ने लगभग 565 छोटी और बड़ी रियासतों को भी मुक्त किया. इन सभी रियासतों को पहली बार एक झंडे के नीचे लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन नेहरू अन्य महापुरुषों की मदद से इस कार्य में भी सफल हुए.

आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू का विशेष योगदान है, उनकी नीतियों के फलस्वरूप आज पंचवर्षीय योजना के माध्यम से कृषि और उद्योग में विकास देखा जा सकता है.

नेहरू के राजनीतिक जीवन के उतार-चढ़ाव और देश हित में लिए गए निर्णायक फैसलों के कारण यह कहा जा सकता है कि उन्हें स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री का पद उनकी योग्यता के आधार पर मिला था.

एक कुशल लेखक के रूप में नेहरू – Nehru as an accomplished writer

तमाम राजनीतिक विवादों से दूर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि नेहरू एक असामान्य लेखक भी थे. उनकी अधिकांश रचनाएं जेल में उनके कारावास के दौरान लिखी गई थीं.

Letters from a Father to His Daughter (1929), Glimpses of World History (1934), An Autobiography (नेहरू की आत्मकथा – 1936), India and the World (1936), The Discovery of India (1946) ये कुछ महान रचनाएं नेहरू की कलम से लिखे गए थे. ये रचनाएं आज भी लोगों के बीच उतनी ही लोकप्रिय हैं जितनी उस समय थीं.

चाचा नेहरू का जन्मदिन “बाल दिवस” के रूप में – Birthday of Chacha Nehru as “Children’s Day”

चाचा नेहरू के बच्चों के प्रति असीम प्रेम के कारण 14 नवंबर को उनके जन्मदिन को देश के सभी स्कूलों में “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाता है.

इस दिन बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और बच्चों के कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं और खेलों का आयोजन किया जाता है.

पंडित नेहरू का इच्छापत्र – Pandit Nehru’s wish letter

27 मई 1964 की सुबह जवाहरलाल नेहरू की तबीयत बिगड़ गई और दोपहर 2 बजे तक उनका निधन हो गया. 

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- “मैं चाहता हूं कि मेरी एक मुट्ठी राख प्रयाग संगम पर बहा दी जाए, जो भारत भूमि के दामन को चूमते हुए समुद्र में प्रवेश करेगी, लेकिन मेरी अधिकांश राख को विमान के ऊपर ले जाकर खेतों में बिखेर दिया जाए, वह खेत जहां हजारों मेहनतकश लोग काम में लगे हों, ताकि मेरे अस्तित्व का एक-एक अंश देश की धरती में मिल जाए…”

Enjoy this blog, Please share this

  • Share on Tumblr

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

an essay on jawaharlal nehru in hindi

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को उनकी दूरदर्शी सोच और प्रभावशाली व्यक्तित्व की वजह से आधुनिक भारत का शिल्पकार माना जाता है। उन्होंने न सिर्फ भारत की मजबूत नींव का निर्माण किया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के एक यशस्वी योद्धा के रुप में भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलवाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिय।

नेहरू जी ने अपने कुशल और प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर छोड़ा है। वहीं नेहरू जी बच्चों से अत्याधिक प्यार करते थे, जिसकी वजह से उनके जन्मदिन को बालदिवस के रुप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रभावशाली जीवन को समझने, उनके द्धारा किए गए संघर्षों से प्रेरणा लेने और उनके विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आजकल स्कूल / कॉलेजों में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं अथवा परीक्षाओं में पंडित नेहरू जी के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते है –

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

भूमिका

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दूरगामी सोच वाले बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश के बुनियादी ढांचे को बनाने में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया और कई सालों तक अंग्रजों की गुलामी और अत्याचार सह रहे भारत देश को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यही नहीं राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वे कभी अपने इरादे से पीछे नहीं हटे और सच्चे दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहे और अपने आजाद भारत का सपना पूरा किया।

पंडित नेहरू, भारत के एक सच्चे और महान देशभक्त होने के साथ-साथ एक प्रख्यात दार्शनिक, मशहूर इतिहासकार, सुविख्यात कानूनविद और राजनायिक भी थे। इसके अलावा उन्होंने अपनी पहचान एक महान लेखक के रुप में भी बनाई थी।

इसके साथ ही उन्होंने अपने दूरगामी और महान विचारों से आधुनिक और विकसित भारत के बीज बोए थे। इसलिए उन्हें एक समाजवादी, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र के वास्तुकार भी माना जाता है।

नेहरू जी का प्रारंभिक जीवन – Jawaharlal Nehru Information

आदर्शवादी छवि के महानायक और राष्ट्रनेता जवाहर लाल नेहरू ने 14 नवंबर, साल 1889 में इलाहाबाद के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया था। वहीं चाचा नेहरू का बच्चों से अत्याधिक स्नेह और प्यार होने की वजह से उनके जन्मदिवस को बालदिवस के रुप में भी मनाया जाता हैं।

पंडित नेहरू जी, महान स्वतंत्रता सेनानी , समाजसेवी और मशहूर वकील मोतीलाल नेहरू और स्वरुप रानी की सबसे बड़ी संतान के रुप में पैदा हुए थे। पंडित नेहरू जी बचपन से ही बाकी बच्चों से अलग थे और आसाधारण प्रतिभा वाले ओजस्वी महापुरुष थे, जो कि बाद में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के साथ एक सर्वश्रेष्ठ राजनेता, दूरगामी सोच वाले लेखक और आधुनिक भारत के निर्माता बने। जिनके कहना था कि –

“नागरिकता देश की सेवा में निहित होती हैं।”

वकील के रुप में नेहरू जी –

अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद जवाहर लाल नेहरू ने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज में लॉ में एडमिशन लिया। इसके बाद उन्होनें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। वहीं 1912 में वे भारत लौटे और वकालत शुरु की, लेकिन वे ज्यादा दिन तक वकालत नहीं कर सके।

क्योकिं उनके अंदर देश प्रेम की भावना निहित थी और वे अंग्रेजों के अत्याचार और दमनकारी नीतियों और गुलामी की बेड़ियों से भारत देश को आजाद करवाना चाहते थे। वहीं जलियांवाला हत्याकांड ने उन पर गहरा प्रभावा डाला था।

जिसके बाद वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और महात्मा गांधी जी के नेतृत्व वाले अहिंसात्मक आंदोलन में सक्रिय रुप से शामिल हो गए। और इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से खुद को देश की सेवा में समर्पित कर दिया।

नेहरू जी का प्रेरणादायक व्यक्तित्व –

जवाहर लाल नेहरू जी आदर्शों पर चलने वाले एक सैद्धान्तिक और नैतिकवादी छवि वाले महानायक थे, जिन्हें खुद पर पूर्ण भरोसा था, वहीं वे जिस काम को करने के बारे में सोचते थे, उसको पूरा करके ही छोड़ते थे।

उनके ह्रद्य में राष्ट्र प्रेम और देश की सेवा करने की भावना समाहित थी। नेहरू जी के जीवन का एकमात्र लक्ष्य भारत को उन्नति की पथ पर ले जाना और भारत को लोकतांत्रिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी रुप से संपन्न राष्ट्र बनाना था।

अपनी दूरगामी सोच और महान विचारों के चलते ही नेहरू जी ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में एक मजबूत भारत की नींव रखी, आज उसी का नतीजा है कि भारत की गिनती आर्थिक रुप से मजबूत, विकसित और शक्तिशाली राष्ट्रों में होने लगी है।

नेहरू जी ने अपने यशस्वी, ओजस्वी और प्रभावशाली और प्रेरणादायक व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर छोड़ा है, इसलिए आज भी लोग उनको अपना आदर्श मानकर उनके महान विचारों का अनुसरण करते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं।

उपसंहार

भारत के पहले प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के महानायक पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने जिस तरह अपने दूरदर्शी सोच, कठोर प्रयास और संघर्षों के बाद भारत को शक्तिशाली और मजबूत राष्ट्र बनानें में अपने अपूर्व योगदान दिया, उससे हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। वहीं हम सभी को उनके आदर्शों पर चलकर भारत के विकास में अपना सहयोग देना चाहिए।

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

प्रस्तावना-

14 नवंबर 1889 इलाहाबाद में जन्में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, भारतीय राजनीति का एक चमकता सितारा थे, जिन्होंने अपनी कुशल राजनीति से भारत की नींव मजबूत करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके साथ ही अपने कठोर प्रयास और तमाम संघर्षों के बाद गुलाम भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनैतिक करियर और राष्ट्रीय आंदोलन में नेहरू जी की भागीदारी:

जवाहर लाल नेहरु साल 1912 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। इसके बाद वे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से काफी प्रभावित हुए और फिर बाद में साल 1920-1922 के दौरान वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का हिस्सा बन गए। हालांकि इस आंदोलने के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

आपको बता दें कि नेहरू जी कांग्रेस के 6 बार अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। वहीं साल 1942 में वे भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी द्धारा चलाए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का हिस्सा बने।

और इस दौरान उन्हें ब्रिटिश पुलिस द्धारा गिरफ्तार कर लिया गया, करीब 3 साल के लंबे समय तक वे अहमदनगर के जेल में रहे। इस दौरान अपनी सबसे प्रसिद्ध किताब “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” लिखी। इस किताब में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान अपनी भारत यात्रा के अनुभवों के साथ-साथ भारत की संस्कृति, धर्म और भारत की आजादी के लिए संघर्ष के बारे में बखान किया है।

आपको बता दें कि नेहरू जी का राजनैतिक करियर और स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेना काफी संघर्षपूर्ण रहा, नेहरू जी को अपने जीवन में करीब 9 बार जेल जाना पड़ा।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में नेहरू जी:

साल 1947 में जब भारत गुलामी की बेडि़यों से आजाद हुआ, तब लोकतंत्रात्मक भारत के निर्माण के लिए देश में पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ, जिसमें कांग्रेस के सरदार वल्लभई पटेल और आचार्य कृपलानी को सबसे ज्यादा वोट मिले लेकिन, महात्मा गांधी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश को पहला प्रधानमंत्री चुना गया।

इसके बाद लगातार 3 बार वे प्रधानमंत्री बने, इस पद पर रहते रहते हुए उन्होंने आधुनिक भारत की भावी सोच के साथ एक मजबूत भारत की नींव रखी, भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की और विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को भी प्रोत्साहित किया।

इसके अलावा पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कांगो समझौते, कोरियाई युद्ध और स्वेज नहर विवाद सुलझाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और 27 मई साल 1964 को प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ही उनकी मौत हो गई।

उपसंहार-

पंडित नेहरू जी के प्रेरणादायक और प्रभावशाली व्यक्ति से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। इसके साथ ही हम सभी को उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, तभी हम भारत को आर्थिक रुप से मजबूत और सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में अपना सहयोग कर सकेंगे।

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru par Nibandh

पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी जी को अपना आदर्श मानते थे। भारत देश को आजाद करने के लिए गांधी जी के शांतिप्रिय आंदोलनो ने उन पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा था, जिसके चलते नेहरू जी ने खुद को पूरी तरह से राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया था और बाद में उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने का भी गौरव हासिल हुआ था।

नेहरू जी और महात्मा गांधी जी की मित्रता:

भारत रत्न से सम्मानित पंडित नेहरू साल 1916 में कांग्रेस की एक मीटिंग के दौरान महात्मा गांधी से मिले, जिसके बाद वे उनके महान विचारों औऱ उनके द्धारा चलाए गए शांतिप्रय आंदोलन से काफी प्रभावित हुए और फिर वे महात्मा गांधी जी के करीब आते चले गए औऱ बाद में दोनों के बीच काफी अच्छे परिवारिक संबंध बन गए थे।

दोनों के बीच गहरी मित्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महात्मा गांधी के कहने पंडित नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया था, जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल और आचार्य कृपलानी में से किसी एक को प्रधानमंत्री बनाया जाना तय किया गया था।

हालांकि नेहरू जी और गांधी जी की विचारधारा पूरी तरह मेल नहीं खाती थी, दरअसल नेहरू जी आधुनिक विचारधारा वाले महापुरुष थे और महात्मा गांधी प्राचीन भारत के धार्मिक और पारंपरिक सोच वाले महानायक थे।

पंडित नेहरु जी ने विदेश नीति के माध्यम से किया भारत का उत्थान:

भारत को एक विकसित, समृद्ध और अर्थव्यवस्था से मजबूत राष्ट्र बनाने में नेहरू जी का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने भारत के कल्याण के लिए विदेश नीति के माध्यम से दुनिया के छोटे-बड़े सभी राष्ट्रों से अच्छे संबंध स्थापित किए और दुनिया के सभी गुटों से सहयोग लेकर गुट निरपेक्ष आंदोलन की नींव डाली थी, और भारत को विदेश नीति में पूरी दुनिया के सामने एक नायक के रुप में दिखाया।

एक प्रभावशाली लेखक के तौर पर पंडित नेहरू:

पंडित जवाहर लाल नेहरू राष्ट्र के महानायक, एक प्रभावशाली वक्ता और आधुनिक भारत के निर्माता होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी थे। जिन्होंने अपनी दूरगामी सोच और महान विचारों के माध्यम से कई ऐसी रचनाएं लिखी, जिनका लोगों पर गहरा असर पड़ा था।

आपको बता दें कि उन्होंने अपनी कई महत्वपूर्ण किताबों की रचना जेल में ही थी। साल 1944 में उन्होंने अपनी सबसे मशहूर और लोकप्रिय किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया की रचना की। जिसमें उन्होंने आजादी के लिए भारत के संघर्ष, भारत की संस्कृति परंपरा आदि का बेहद सजीव तरीके से वर्णन किया किया है।

साल 1936 में उनकी आत्मकथा प्रकाशित की गई। ‘भारत और विश्व’, ‘भारत की एकता और स्वतंत्रता’, ‘विश्व इतिहास एक झलक’ आदि नेहरू जी की प्रमुख रचनाएं थी।

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी ने अपने ओजस्वी विचारों और दूरदर्शी सोच से आधुनिक भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया, उनकी आधुनिक विचारधारा की बदौलत ही हम सभी आज आधुनिक तकनीकों से लैस और आर्थिक रुप से मजबूत भारत में रह रहे हैं।

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

Sudhbudh

हिन्दी निबंध : जवाहर लाल नेहरु निबंध (Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

hindi essay jawaharlal nehru

हिन्दी निबंध : पंडित जवाहरलाल नेहरू लेख

सुधबुध में आपका स्वागत है  आज आप  “Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi ”, “पंडित जवाहर लाल नेहरू पर लेख”, Hindi Essay for Class 5 ,6 ,7 ,8 ,9 ,10 , Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations के लिए लेकर आये हैं।आइये   Hindi Essay  on “ Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi “, “ Pandit Jawahar Lal Nehru Speech in Hindi ”. 

पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध हिंदी भाषा में | Chacha Nehru essay in Hindi | Pandit Jawaharlal Nehru 

hindi essay jawaharlal nehru

Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi | पंडित जवाहर लाल नेहरू पर लेख निबंध

पंडित जवाहर लाल नेहरू पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi, Jawaharlal Nehru par Nibandh Hindi mein)

भूमिका – भारत माता लगभग दो सौ वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ी रही।माँ भर्ती के अनेकों सपूतों ने भारत माँ की लिए अपनी ज़िंदगियाँ दांव पर लगा दी  उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक पंडित जवाहरलाल नेहरू भी थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम भी बड़े गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है, जिन्होंने भारत माता की आज़ादी के लिए अपना सुखी समृद्ध जीवन त्याग दिया। आखिरकार सभी महापुरुषों की बदौलत भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। पंडित जी को देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया गया, जिसे उन्होंने पूरे समर्पण के साथ किया।

जन्म और बचपन – पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawahar Lal Nehru) का जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। इलाहाबाद (अब प्रयागराज ) उत्तर प्रदेश में पंडित मोती लाल नेहरू जी के घर हुआ था। नेहरू के पिता उस समय के एक नामी वकील थे। उनकी माता का नाम श्रीमती स्वरुप रानी था। एक धनी परिवार में जन्म होने के कारण उनका लालन-पालन एक राजकुमार की तरह हुआ। उनका बचपन बहुत सहज था।नेहरू जी को पढ़ने के लिए किसी स्कूल में जाने की जरूरत नहीं पड़ी। शीर्ष और अनुभवी अंग्रेजी शिक्षक घर पर खुद पढ़ाने आते थे।

उच्च शिक्षा के लिए लंदन जाना – आप उच्च अध्ययन के लिए जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawahar Lal Nehru) इंग्लैंड गए। उन्होंने वहां के सबसे अच्छे स्कूलों में पढ़ाई की और 1912 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से बैरिस्टर पास करके भारत लौट आए। 1916 में, उनका विवाह श्रीमती कमला से हुआ, जिनके पवित्र गर्भ से श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म हुआ। जिन्होंने लगभग 17 वर्षों तक एक मंत्री और प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा की और देश को महानता के पथ पर अग्रसर किया।

hindi essay jawaharlal nehru

राष्ट्रीय सेवा की ओर झुकाव – जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawahar Lal Nehru) ने भारत आने के बाद वकालत शुरू की। उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी से मरना बेहतर समझा। नतीजा यह हुआ कि एक दिन उन्होंने वकालत को ठोकर मार दी और देश की सेवा में शामिल हो गए। उनकी पत्नी श्री मती कमला ने भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश सेवा में काम करना शुरू किया और देश सेवा करते हुए भगवान के चरणों में चलीं गईं।

आजादी की लड़ाई – एक अधिवेशन में जब आप महात्मा गांधी जी से लखनऊ मिले तो आपका काफी हौसला बढ़ा। 1929 ई लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में आप ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की। इस उद्देश्य को सफल बनाने के लिए उन्होंने दिन-रात एक किया। उन्हें काफी दिक्क्तों  और मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वह कई बार जेल भी गए। लेकिन वह अपने विश्वास से पीछे नहीं हटे। महात्मा गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ते रहे। आखिरकार अंग्रेजों को उनके सामने घुटने टेकने पड़े और देश आजाद हो गया। लेकिन अंग्रेजों की कुटिल नीति ने देश को दो भागों में बांट दिया, जिससे आपको बहुत पीड़ा हुई।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री – 15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawahar Lal Nehru) ने देश की बागडोर संभाली। उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन पर जिम्मेदारियों का पहाड़ आ गया। वह एक ऐसा देश बनाना चाहते थे, जिसमें किसी को कष्ट न हो, सभी के पास पर्याप्त भोजन हो, सभी के पास रहने के लिए घर हो। आप ने इन कार्यों को लागू करने के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ बनाईं। उन्होंने दिन-रात मेहनत करके देश में कारखानों, बांधों, रेलवे और सड़कों का जाल बिछाया।

बच्चों का चाचा नेहरू –  बच्चे उन्हें ‘ चाचा नेहरू’ कहकर बुलाते थे और वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि विदेशी बच्चे भी उसे बहुत प्यार करते थे। जब वे विदेश जाते थे तो बच्चों के लिए कई तरह के उपहार लेते थे। बच्चे खुद को उपहार भी देते हैं। इसलिए उनके जन्मदिन को हर साल ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपने प्यारे चाचा नेहरू को बड़े गर्व से याद करते हैं।

प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी – जवाहरलाल नेहरू का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि देश के बड़े-बड़े नेता भी उन पर विश्वास करते थे। चीन ने जब भारत के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की तो उसने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि उसकी भारत की तरफ देखने की हिम्मत ही नहीं हुई। उन्होंने पूरी दुनिया को ‘जियो और जीने दो’ और ‘आराम है हराम’ का अमर संदेश दिया। वे एक प्रसिद्ध लेखक भी थे। ‘भारत एक खोज’ और ‘पिता से बेटी को पत्र’ उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

स्वर्गवास – 27 मई 1964 ई. का वो दुर्भाग्यपूर्ण दिन, जिसदिन आपका देहांत हुआ। उनके निधन से पूरा देश शोक के माहौल में डूब गया। बच्चों के ‘चाचा नेहरू’ उन्हें हमेशा के लिए छोड़ गए। लेकिन चाचा नेहरू की मृत्यु नहीं हुई, वे हमेशा के लिए अमर हो गए। उनकी समाधि दिल्ली में ‘शांति वन’ में बनी है। देश को एक नई दिशा देकर जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता इस भारत भूमि में सदा के लिए समा गए। 

ऊपर दिए गए लेख की मदद से आप निम्नलिखत निबंधों को आसानी से लिख सकते हैं  

  • Short essay on Jawaharlal Nehru in hindi, जवाहरलाल नेहरू पर निबंध, (100 शब्द) 
  • Essay on Jawaharlal Nehru in hindi, जवाहरलाल नेहरू पर निबंध,(150 शब्द)
  • Essay on Jawaharlal Nehru in hindi, जवाहरलाल नेहरू पर निबंध,(200 शब्द)
  • Essay on Jawaharlal Nehru in hindi, जवाहरलाल नेहरू पर निबंध,(300 शब्द)
  • Essay on Jawaharlal Nehru in hindi, जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (300 शब्द)

Read More Hindi Essay and Hindi Lekh

Share this:

' src=

Sudhbudh.com

Related posts.

National Technology Day

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई : परिचय, महत्व और भूमिका

Labour Day Speech Essay In Hindi

Labour Day Speech Essay In Hindi | मजदूर दिवस पर भाषण निबंध

Earth Day Speech in Hindi

Earth Day Speech in Hindi : विश्व पृथ्वी दिवस पर आसान भाषण

Hum Ko Man Ki Shakti Dena

School Prayer: हमको मन की शक्ति देना / Humko Man ki Shakti Dena

Daya Kar Daan Vidya Ka

School Prayer: दया कर दान विद्या का / Daya Kar Dan Vidya Ka

water day speech

World Water Day Speech: विश्व जल दिवस पर भाषण

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Terms and Conditions

IMAGES

  1. पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध हिंदी भाषा में

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

  2. जवाहर लाल नेहरू

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

  3. Essay on Jawaharlal Nehru In Hindi

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

  4. 10 Lines Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

  5. Hindi Essay On Jawaharlal Nehru

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

  6. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध। jawaharlal nehru essay in hindi

    an essay on jawaharlal nehru in hindi

VIDEO

  1. 5 lines on Jawaharlal Nehru in Hindi

  2. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

  3. Biography of jawaharlal nehru || Essay on jawaharlal nehru in english| 10 lines on jawaharlal nehru

  4. Jawaharlal Nehru: More Important Than Ever?

  5. Jawaharlal Nehru par nibandh Hindi mein /Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi / Nehru ji par nibandh

  6. 10 Lines Essay on pandit Jawaharlal Nehru/Essay On Pandit Nehru/Essay Jawaharlal Nehru/Nehru Essay l

COMMENTS

  1. जवाहर लाल नेहरू पर निबंध (Pandit Jawaharlal Nehru …

    परिचय स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व तथा उसके बाद भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 में हुआ। लोगों के अनुसार पढ़ाई में इनका विशेष रु…

  2. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध 10 lines (Jawaharlal Nehru Essay in …

    Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान व्यक्ति, नेता, राजनीतिज्ञ, लेखक और वक्ता थे। वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे और गरीब लोगों के …

  3. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध, लेख » हिंदी निबंध, Nibandh

    सन 1942 ईस्वी में महात्मा गांधी ने “भारत छोड़ो का आव्हान किया ।पूरा देश इससे प्रभावित हो गया ।इस आंदोलन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई बार-बार अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वे अंग्रेजों की …

  4. जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय, निबंध, भाषण, इतिहास

    प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय. 14 नवम्बर 1889 नेहरू जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता मोतीलाल नेहरू और माता स्वरूप रानी नेहरू थे। …

  5. पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal …

    इस लेख में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) लिखा गया है। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के.

  6. जवाहरलाल नेहरू

    जवाहरलाल नेहरू. 05 Dec 2018. 1 min read. संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।. अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है; लोकतंत्र अच्छा है। मैं ऐसा इसलिये कह रहा हूँ, …

  7. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

    Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – आजादी से पहले और बाद में भारत की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले जवाहरलाल नेहरू भारत के सबसे उल्लेखनीय लोगों ...

  8. जवाहर लाल नेहरु पर निबंध

    भूमिका. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दूरगामी सोच वाले बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश के बुनियादी ढांचे को बनाने में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया और कई सालों …

  9. हिन्दी निबंध : जवाहर लाल नेहरु निबंध (Pandit …

    पंडित जवाहर लाल नेहरू पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi, Jawaharlal Nehru par Nibandh Hindi mein)