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क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi)

क्रिसमस

बच्चे क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार करते है। वो मानते है सांता आएगा और उन लोग के लिए ढेर सारा गिफ्ट लाएगा। क्रिसमस एक बड़ा त्योहार है जिसे लोगों द्वारा ठंड के मौसम में मनाया जाता है। इस दिन। पर सभी एक सांस्कृतिक अवकाश का लुत्फ उठाते है तथा इस अवसर सभी सरकारी (स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्र आदि) तथा गैर-सरकारी संस्थान बंद रहता है।

क्रिसमस पर 10 वाक्य  ||  क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य

क्रिसमस त्योहार 2021 पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Christmas Festival 2021 in Hindi, Christmas par Nibandh Hindi mein)

यहाँ मैंने क्रिसमस 2021 पर कुछ छोटे तथा कुछ बड़े निबंध दिए है, जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं, उम्मीद करती हूँ कि ये सभी निबंध (Christmas par Nibandh) आपको पसंद आयेंगे।

निबंध 1 (300 शब्द)

ईसाई समुदायों के लिये क्रिसमस एक महत्वपूर्ण त्योहार है हालाँकि ये पूरी दुनिया में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। ये एक प्राचीन उत्सव है जो वर्षों से शीत ऋतु में मनाया जाता है। ये प्रभु ईशु के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। पारिवारिक सदस्यों में सभी को सांता क्लाज़ के द्वारा क्रिसमस की मध्यरात्रि में उपहार बाँटने की बड़ी परंपरा है।

क्रिसमस का त्योहार (Christmas Festival)

सांता क्लाज़ रात के समय सभी के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है। वो अपने माता-पिता से पूछते है कि कब सांता आयेगा और अंततः: बच्चों का इंतज़ार खत्म होता है और ढ़ेर सारे उपहारों के साथ सांता 12 बजे मध्यरात्रि को आता है।

परंपरा और मान्यता (Traditions and Rituals on Christmas)

क्रिसमस के त्यौहार में यह एक परंपरा है कि लोग इस दिन अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को सुन्दर ग्रीटिंग कार्ड भेजते और देते हैं। हर कोई परिवार के लोग और दोस्त रात के दावत में शामिल होते है।

इस पर्व में मिठाई,  चॉकलेट,  ग्रीटींग कार्ड,  क्रिसमस पेड़, सजावटी वस्तुएँ आदि भी पारिवारिक सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदार और पड़ोसियों को देने की परंपरा है। लोग पूरे जनून के साथ महीने के शुरुआत में ही इसकी तैयारियों में जुट जाते है। इस दिन को लोग गाने गाकर, नाचकर, पार्टी मनाकर, अपने प्रियजनों से मिलकर मनाते है। प्रभू ईसा, ईसाई धर्म के संस्थापक के जन्मदिवस के अवसर पर ईसाईयों द्वारा इस उत्सव को मनाया जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति की रक्षा के लिये प्रभु ईशा को धरती पर भेजा गया है।

पूरी दुनिया में क्रिसमस, युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

निबंध 2 (400 शब्द)

क्रिसमस ईसाइयों का त्यौहार है यह पूरे विश्व में 25 दिसंबर को धूम-धाम से मनाया जाता है। लोगों द्वारा पूरी दुनिया में क्रिसमस को मनाया जाता है, इसे खासतौर से ईसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। इसे प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि लोग इसे पूरी मस्ती, क्रिया-कलाप और खुशी के साथ मनाते है। ये ईसाइयों के लिये एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के बाद ये पर्व खत्म होता है।

क्रिसमस पर केक का महत्व (Importance of Cake on Christmas)

इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। ईसाई लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार बाँटते है। इस दिन की मध्यरात्रि को 12 बजे सेंता क्लाज हर एक के घर आते है और चुपचाप बच्चों के लिये उनके घरों में प्यारे-प्यारे उपहार रखते है। अगली सुबह ही अपनी पसंद के उपहार पाकर बच्चे भी बहुत खुश होते है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय और दूसरे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान आदि बंद रहते है। पूरे दिन ढेर सारे क्रिया-कलापों द्वारा क्रिसमस अवकाश के रुप में लोग इसका आनन्द उठाते है।

लोग बड़े डिनर पार्टी का लुत्फ  उठाते है जिसे भोज कहते है। इस खास मौके पर ढ़ेर सारे लजीज़ व्यंजन, मिठाई, बादाम आदि बनाकर डाईनिंग टेबुल पर लगाते है। सभी लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है, नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार क्रिया-कलापों के द्वारा कर खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है।

क्रिसमस के विषय में कुछ तथ्य (Facts about Christmas)

  • क्रिसमस का त्यौहार व्यापारियों के लिए सबसे ज्यादा मुनाफा वाला समय होता है।
  • एक पुस्तक के अनुसार क्रिसमस के पेड़ की शुरुआत सन 1570 में किया गया था।
  • क्रिसमस के पर्व के लिए प्रति वर्ष यूरोप (Europe) में 60 लाख पेड़ उगाये जाते हैं।

क्रिसमस आनंद एवं खुशियों का त्यौहार है। इस अवसर पर ईसाई अपने मित्रों और निकट सम्बन्धियों को भोजन एवं पार्टी के लिए आमंत्रित करते है। यह लोगों को आपस में जोड़ता है। इसके साथ ही क्रिसमस के आनंद गान बहुत महत्वपूर्ण है। आनंद गीत ईसा मसीह के जन्म की कहानी से सम्बंधित होती है।

यह भी पढ़ें – स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध

Essay on Christmas in Hindi

निबंध 3 (500 शब्द)

क्रिसमस, यीशु के जन्म का सम्मान करने वाली एक ईसाई अवकाश,  दुनिया भर में धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष उत्सव में विकसित हुई है, जिसमें उत्सवों में कई पूर्व-ईसाई और मूर्तिपूजा परंपराएं शामिल हैं। हर्ष और खुशी का एक बड़ा उत्सव है क्रिसमस। ये प्रभु ईशा (ईसाई धर्म के संस्थापक) के जन्म दिवस के अवसर पर हर साल 25 दिसंबर को शीत ऋतु में मनाया जाता है। इस दिन को क्रिसमस डे के रुप में प्रभु ईशा को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये मनाया जाता है।

क्रिसमस के छुट्टी में पूरे दिन लोग नाचना, गाना, पार्टी मनाना और घर के बाहर डिनर करके खुशी मनाते है। इसे सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है, खासतौर से ईसाई समुदाय द्वारा। इस दिन सभी रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है और खूब मस्ती करते है। सभी एक-दूसरे को “मैरी क्रिसमस” कहकर बधाइयाँ देते है तथा एक-दूसरे के घर जाकर उपहार देते है। ईसाई लोग अपने प्रभु ईशु के लिये प्रार्थना करते है, वो सभी भगवान के सामने अपनी गलतीयों और पाप को मिटाने के लिये उसे स्वीकार करते है।

क्रिसमस की तैयारी (Christmas Preparations)

लगभग एक महीने पहले से ही क्रिश्चन इस त्योहार की तैयारियाँ करने लगते है। इस दिन पर घर, कार्यालय, चर्च आदि की सफाई करते है: पोताई करना और कागज तथा प्राकृतिक फूलों से अच्छे से सजाना, चित्र, दीवार पर ध्वज पट लगाना। आकर्षक दिखने के लिये बाजारों को भी सजाया जाता है और हम देख सकते है कि बाजार क्रिसमस कार्ड, सुंदर ग्लासेज़, उपहार, सीनरी, खिलौने आदि से भर जाता है। लोग अपने घरों के बीच में क्रिसमस के पेड़ को सजाते है और उसको ढ़ेर सारे उपहार जैसे कि चौकोलेट, कैंडिज़, गुब्बारे, गुड़ीया, चिड़ीया, फूल, लाइटें आदि से इसे चमकदार और सुंदर बनाते है।

भजन गाते है तथा अपने मित्र, सगे-संबंधियों, और पड़ोसियों में उपहारों का आदान-प्रदान करते है। इस दिन ये लोग एक बड़े भोज का आयोजन करते है जिसमें लजीज़ पकवानों से सभी का स्वागत किया जाता है। दावत के बाद सभी लोग गीत-संगीत पर झूमते है और रात में गाना गाते है। ये बहुत ही जोश और खुशी का उत्सव है जिसे पूरी दुनिया में मस्ती के साथ मनाया जाता है।

क्रिसमस का इतिहास (History of Christmas)

क्रिसमस एक पवित्र धार्मिक अवकाश और एक विश्वव्यापी सांस्कृतिक और वाणिज्य घटना दोनों है। दो सहस्राब्दी के लिए, दुनिया भर के लोग इसे परंपराओं और प्रथाओं के साथ देख रहे हैं जो प्रकृति में धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों हैं। ईसाई नासरी के यीशु के जन्म की सालगिरह के रूप में क्रिसमस दिवस मनाते हैं, एक आध्यात्मिक नेता जिनकी शिक्षाएं उनके धर्म का आधार बनाती हैं। लोकप्रिय रीति-रिवाजों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाने, चर्च में भाग लेने, परिवार और दोस्तों के साथ भोजन साझा करने और, निश्चित रूप से, सांता क्लॉज आने का इंतजार करना शामिल है। 25 दिसंबर-क्रिसमस दिवस 1870 से संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय अवकाश रहा है।

यह त्योहार सभी के मन और हृदयों को पवित्रता के भाव से ओतप्रोत करता है और नयी ऊर्जा के माध्यम से हमें प्रेरित करता है कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने पर भी हमें सन्मार्ग का त्याग नहीं करना चाहिए तथा दूसरों को भी पवित्रता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यथासंभव सहयोग करना चाहिए ।

निबंध 4 (600 शब्द)

ईसाइयों के लिये क्रिसमस एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है हालाँकि इसे दूसरे धर्मों के लोग भी मनाते है। इसे हर साल पूरे विश्व में दूसरे उत्सवों की ही तरह खुशी, हर्ष और जोश के साथ मनाया जाता है। ये हर साल 25 दिसंबर शीत ऋतु के मौसम में आता है। प्रभु ईशु के जन्मदिवस के अवसर पर क्रिसमस डे को मनाया जाता है। 25 दिसंबर को बेथलेहेम में ज़ोसेफ (पिता) और मैरी (माँ) के यहाँ प्रभु ईशा का जन्म हुआ था।

क्रिसमस कब और क्यों मनाया जाता है? (When and Why Christmas is Celebrated)

क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म का जश्न है। कुछ लोग क्रिसमस को अलग-अलग मनाते हैं, लेकिन यह सब मसीह के जन्म पर आधारित है। क्रिसमस 25 दिसंबर को है। यह वह दिन है जब यीशु का जन्म हुआ था। कोई भी वास्तव में यीशु की जन्म तिथि की सटीक तारीख को नहीं जानता है। फिर भी, 137 ईस्वी में, रोम के बिशप ने क्राइस्ट बच्चे के जन्मदिन को एक गंभीर दावत के रूप में मनाया जाने का आदेश दिया। 350 ईस्वी में, जूलियस प्रथम नाम का एक और रोमन बिशप 25 दिसंबर को क्रिसमस (मसीह की मास) के पालन दिवस के रूप में 25 दिसंबर का चयन करता है।

क्रिसमस की गीत और सजावट (Christmas – Song and Decoration)

आनंद गीत बहुत ही प्रसिद्ध है, ये क्रिसमस के दिन गया एवं बजाय जाता है। इस दिन पर सभी घर और चर्च की सफाई होती है, सफेद पुताई और ढेर सारे रंग-बिरंगे रोशनीयों, सीनरी, मोमबत्तियाँ, फूल और दूसरी सजावटी चीजों से इनको सजाया जाता है। सभी एक साथ इस उत्सव में शामिल होते है चाहे वो गरीब हो या अमीर और खूब धमाचौकड़ी के साथ इसको मनाते है। अपने घरों के बीच में सभी क्रिसमस के पेड़ को सजाते है। वो इसे इलेक्ट्रिक लाईट, उपहारों, गुबारों, फूलों, खिलौनों, हरी पत्तियों तथा दूसरे वस्तुओं से सजाते है। क्रिसमस का पेड़ बेहद सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। इस अवसर सभी लोग पर अपने दोस्त, परिवार, रिशतेदारों और पड़ोसियों के साथ क्रिसमस के पेड़ के सामने खुशी मनाते है। सभी नृत्य, संगीत, उपहारों को बाँटकर और लजीज़ पकवानों के साथ इस उत्सव में शरीक होते है।

क्रिसमस का उपहार (Christmas Gifts)

इस दिन ईसाई लोग भगवान से प्रार्थना करते है। प्रभु ईशा के सामने वो अपनी गलतीयों के लिये माफी माँगते है। अपने भगवान ईसा मसीह के गुणगान में लोग पवित्र भजन गाते है, बाद में वो अपने बच्चों और मेहमानों के लिये क्रिसमस के उपहार बाँटते है। इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा है। सभी क्रिसमस भोज के बड़े उत्सव में शामिल होते है और अपने पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ खुशबूदार पकवानों का लुफ्त उठाते है। बच्चे इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है क्योंकि उनको ढेर सारे उपहार और चौकेलेट मिलते है। क्रिसमस का उत्सव स्कूल और कॉलेजों में एक दिन पहले 24 दिसंबर को मनाया जाता है, उस दिन बच्चे सांता क्लाज की ड्रेस या टोपी पहनकर स्कूल जाते है।

इस दिन को लोग देर रात तक नृत्य-संगीत में झूम कर या मॉल और रेस्टोरेंट में जाकर मनाते है। ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईशू की पूजा करते है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु (भगवान के संतान) को लोगों के पास उनके जीवन को बचाने और उनको पाप और दुखों से रक्षा करने के लिये पृथ्वी पर भेजा गया था। ईसा मसीह के अच्छे कार्यों को याद करने के लिये क्रिसमस का ये उत्सव ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है और हम ढ़ेर सारा प्यार और सम्मान देते है। ये सार्वजनिक और धार्मिक अवकाश होता है जब लगभग सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान बंद रहता है।

Related Information:

  • क्रिसमस पर भाषण
  • क्रिसमस पर नारा
  • क्रिसमस डे पर कविता

क्रिसमस त्योहार पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Christmas Festival in Hindi)

उत्तर – 330 ई. में रोम देश के लोगों द्वारा सर्व प्रथम यह त्योहार मनाया गया।

उत्तर – क्रिसमस मुख्यत: ईसाइ धर्म के लोगों का त्योहार है परन्तु दुनिया के सभी धर्मो के लोग इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाते है।

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Christmas Essay in Hindi – क्रिसमस पर निबंध छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण विषय है। क्रिसमस दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक त्योहारों में से एक है, जिसमें अरबों लोग इसके सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेते हैं। त्योहार दिसंबर के महीने में यीशु मसीह के जन्म की याद दिलाता है; दिलचस्प बात यह है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड और न ही बाइबल में यीशु के जन्म के ठीक दिन का उल्लेख है। क्रिसमस समारोहों के सबसे पुराने रिकॉर्ड 25 दिसंबर, 336 ई. को रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से देखे जा सकते हैं। आज क्रिसमस पूरी दुनिया में एक ही समय पर मनाया जाता है, चाहे वे ईसाई हों या नहीं। समारोहों में परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, घरों को सजाना और उपहारों का आदान-प्रदान करना शामिल है। कार्यालय और कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए समय देती हैं, बच्चे अपने नए उपहारों या खिलौनों के साथ खेलने में दिन बिताते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री, लाइट, डेकोरेशन और टिनसेल से सजाते हैं। क्रिसमस के बारे में और दुनिया भर में इसे क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

क्रिसमस निबंध 10 पंक्तियाँ (Christmas Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो ईसाईयों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है।
  • 2) यह यीशु मसीह के जन्म के स्मरणोत्सव का उत्सव है।
  • 3) क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को पूरे जोश के साथ आता है।
  • 4) ईसाई धर्म में लोग ईसा मसीह को ईश्वर के पुत्र के रूप में पूजते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
  • 5) यीशु का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब समाज में हर जगह लोभ, घृणा और हिंसा थी।
  • 6) वह जगत का प्रकाश था और लोगों को सभी पापों से बचाने आया था।
  • 7) क्रिसमस एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार के रूप में पूरी दुनिया में एक उत्सव है।
  • 8) क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
  • 9) लोग, खासकर बच्चे, अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और एक पार्टी का आयोजन करते हैं।
  • 10) क्रिसमस भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक राजपत्रित अवकाश है।

क्रिसमस निबंध 20 लाइनें (Christmas Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है लेकिन अन्य समुदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
  • 2) यह सभी के लिए खुशी का त्योहार है।
  • 3) हम क्रिसमस पर ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं।
  • 4) हमने अपने घरों और बगीचों को उज्ज्वल रूप से रोशन किया।
  • 5) बच्चे परिवार के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने बाहर जाते हैं।
  • 6) क्रिसमस पर बच्चों को ढेर सारे तोहफे मिलते हैं।
  • 7) प्रत्येक बच्चा अपने घर में सांता क्लॉज के आने का इंतजार करता है।
  • 8) बच्चों को क्रिसमस पर उनकी माताओं द्वारा तैयार किए गए केक बहुत पसंद आते हैं।
  • 9) हमें गरीबों को उपहार भी देना चाहिए।
  • 10) क्रिसमस हमें प्यार करना और खुश रहना सिखाता है।
  • 11) क्रिसमस एक वार्षिक ईसाई त्योहार है।
  • 12) लोग अपने घरों और चर्चों में मोमबत्तियां जलाते हैं जो मसीह का प्रतीक है।
  • 13) क्रिसमस का जन्म विभिन्न मूर्तियों का उपयोग करके या कला और चित्रों के माध्यम से यीशु के जन्म का चित्रण है।
  • 14) क्रिसमस बारह दिनों तक चलता है जिसे ‘ट्वेलवेटाइड’ के नाम से जाना जाता है, जो 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक यीशु के जन्म का जश्न मनाता है।
  • 15) क्रिसमस पर व्हाइट हाउस, वाशिंगटन की सजावट लगभग 40 क्रिसमस ट्री और 14000 गहनों से बहुत मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।
  • 16) क्रिसमस समारोह से जुड़े मुख्य रंग लाल, सफेद, हरा, सोना, नीला और बैंगनी हैं।
  • 17) 24 दिसंबर क्रिसमस की पूर्व संध्या है और जब लोग मिडनाइट मास चर्च सर्विस में जाते हैं तो कई रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं।
  • 18) सदाबहार देवदार का पेड़ क्रिसमस ट्री की तरह दिन के समय आभूषणों, टिनसेल, उपहारों से सजाए जाने पर सुंदर दिखता है।
  • 19) कैंडलमास 02 फरवरी को क्रिसमस समारोह के 40 दिनों के अंत का प्रतीक है।
  • 20) लोग कैरोल गाते हैं, व्यंजनों का आनंद लेते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और यीशु को याद करते हैं, जिन्होंने लोगों को उनके पापों और दुखों से बचाया था।

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क्रिसमस के बारे में लघु निबंध (Short Essay About Christmas in Hindi)

“क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार ईसा मसीह – ईश्वर के मसीहा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह एक ईसाई त्योहार है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग इसे बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री एक कृत्रिम देवदार का पेड़ है जिसे रोशनी, कृत्रिम सितारों, फूलों, खिलौनों और घंटियों से सजाया जाता है। सजावट पूरी होने पर यह सुंदर दिखता है। क्रिसमस के दौरान चर्चों को रोशनी से सजाया जाता है और त्योहारी सीजन की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए लोग बाहर स्टार लालटेन लटकाते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ईसा मसीह की स्तुति में प्रार्थना करते हैं।

क्रिसमस के बारे में बच्चे विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि वे क्रिसमस की पूर्व संध्या और क्रिसमस के दिन के शुरुआती घंटों में सांता क्लॉज से मिलने और अपने घरों में उपहार लाने की उम्मीद करते हैं। उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रखा जाता है जिसे उपहार बक्से में लपेटा जाता है और क्रिसमस के दिन खोला जाता है।

बच्चे क्रिसमस कैरोल गाते हैं, जैसे “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे” और शुभ दिन का जश्न मनाते हुए विभिन्न स्किट करते हैं। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और धर्मों के लोग प्यार करते हैं। यह हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और शांति और सद्भाव में रहने के महत्व की याद दिलाता है। ”

क्रिसमस पर निबंध 100 शब्द (Essay on Christmas 100 words in Hindi)

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह ईसाई समुदाय का सांस्कृतिक त्योहार है। यह मदर मैरी के लिए यीशु के जन्म का प्रतीक है। कहा जाता है कि जीसस का जन्म अस्तबल में हुआ था और वे एक अच्छे चरवाहे थे। यीशु का जीवन कठिनाइयों और बलिदानों में से एक था, और क्रिसमस का उद्देश्य इस तथ्य को स्वीकार करना है। क्रिसमस सभी देशों में एक सार्वजनिक अवकाश है और गैर-ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाता है क्योंकि यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी संस्कृतियों के लोगों को एकीकृत करता है। क्रिसमस समारोह का केंद्रीय विषय एक दूसरे के प्रति साझा करने, दया और सहानुभूति की भावना रखना है।

क्रिसमस पर निबंध 150 शब्द (Essay on Christmas 150 words in Hindi)

क्रिसमस ईसाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पूरी दुनिया में घर में खुशी की भावना लाता है। क्रिसमस उस समय का है जब यीशु का जन्म मदर मैरी के एक छोटे से अस्तबल में हुआ था। यह त्योहार ईसा के इस दुनिया में आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म की भविष्यवाणी पहले की गई थी। इसलिए यह त्योहार पारंपरिक ईसाइयों को प्रिय है। इसने अपने धर्म या समुदाय के बावजूद सभी लोगों के बीच व्यापक लोकप्रियता पाई है। यह वह समय होता है जब परिवार एक साथ मिलते हैं और एक दूसरे के लिए स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। क्रिसमस ट्री क्रिसमस का एक बड़ा आकर्षण बिंदु है। लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और इसे घंटियों, गेंदों, चमक और सितारों से सजाते हैं। यह सब मीठे केक पकाने और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के बारे में है।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्द (Essay on Christmas 200 words in Hindi)

रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति की तारीख यीशु के जन्म का प्रतीक है। यह आमतौर पर पूरे विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। त्योहार हमें खुश रहने और खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका एकमात्र उद्देश्य हमें यह सिखाना है कि प्रभु का प्रकाश हमेशा हमारी रक्षा करता है और हमें कभी भी आशा नहीं खोनी चाहिए। यीशु का जन्म उत्पीड़ित जनता के लिए आशा की किरण के रूप में हुआ था। यीशु के जन्म ने बहुत से लोगों के कष्टों का अंत देखा। यह वह समय होता है जब लोग अन्य सभी कामों को छोड़कर एक साथ मिलकर त्योहार को खुशी से मनाते हैं।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे मजेदार गतिविधि है। यह क्रिसमस ट्री पर सुंदर ट्रिंकेट, घंटियां और आभूषण लगाकर किया जा सकता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, और कई माता-पिता अपने बच्चों को बताते हैं कि काल्पनिक सांता क्लॉज़ हर साल उनके लिए उपहार लाते हैं। बच्चों को एक-दूसरे की ज़रूरत में मदद करके साझा करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया जाता है। गरीब और जरूरतमंद, जो क्रिसमस नहीं मना सकते, उनकी सहायता की जाती है, इसलिए वे इस तरह के एक अद्भुत त्योहार को याद नहीं करेंगे।

क्रिसमस पर निबंध 250 शब्द (Essay on Christmas 250 words in Hindi)

क्रिसमस 12 दिनों तक चलने वाले त्योहार की समाप्ति की घटना है। बहुत से लोग पिछली घटनाओं को नहीं जानते हैं और केवल मुख्य त्योहार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। क्रिसमस के 12 दिन उपवास और तपस्या के बारे में हैं जो यीशु द्वारा झेली गई पीड़ा को याद करते हैं।

12-दिवसीय श्रृंखला का अंतिम दिन क्रिसमस के रूप में जाना जाता है और हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति के दिन पड़ता है और वर्ष का सबसे काला दिन होता है। यीशु का जन्म आशा की किरण के रूप में आता है और आत्मज्ञान की ओर एक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। क्रिसमस क्रिसमस ट्री को सजाने, परिवारों और दोस्तों के साथ खाने और ढेर सारी मस्ती करने के बारे में है। साझा करने के मूल मूल्य शुरू से ही बच्चों में पैदा होते हैं, और वे नैतिक मूल्यों की गहरी समझ रखना सीखते हैं।

क्रिसमस का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह समय है जब हमें उन लोगों की दुर्दशा के बारे में सोचना चाहिए जो हमसे कम भाग्यशाली हैं। यह वह समय है जब दुनिया भर में दान कार्य आयोजित किए जाते हैं, और उनसे उत्पन्न राजस्व का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए किया जाता है। लोग इस समय का उपयोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक स्वादिष्ट डिनर पर फिर से जुड़ने के लिए करते हैं; वे खेल खेलते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। यह लोगों के बीच पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देता है और उन्हें खुश और हर्षित बनाता है।

क्रिसमस पर निबंध 300 शब्द (Essay on Christmas 300 words in Hindi)

क्रिसमस एक विशेष मौसम है जिसे हर साल ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह चारों ओर प्रेम, आनंद और शांति के मौसम को दर्शाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या बहुत खुशी और खुशी के साथ मनाई जाती है।

क्रिसमस हमें मानवता, दान और ज्ञान की याद दिलाता है। यह अनिवार्य रूप से हमें मानव जाति की सेवा करके और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करके अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर देता है। यह हमें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने, देने और समय बिताने के मूल्य की भी याद दिलाता है। यह त्योहार जीवन में सकारात्मकता और बुरी आदतों से दूर रहने का है।

इससे पहले क्रिसमस को ईसाइयों के त्योहार के रूप में मनाया जाता था। लेकिन अब, यह त्यौहार विश्व स्तर पर सभी धर्मों और संस्कृतियों द्वारा मनाया जाता है और विविधता में एकता का प्रतीक बन गया है। सर्दियों को अब क्रिसमस के मौसम के रूप में जाना जाता है और लोग हमेशा इस त्योहार का बड़े उत्साह और उत्साह के साथ स्वागत करने के लिए उत्सुक रहते हैं।

क्रिसमस की अपनी अनूठी परंपराएं और उत्सव हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सजाया जा रहा क्रिसमस ट्री सबसे प्रसिद्ध है। यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही है और आज भी शाम का सबसे रोमांचक हिस्सा माना जाता है। माता-पिता और बच्चे मिलकर पेड़ को रोशनी, उपहार, मोजे, लघुचित्र और बहुत कुछ से सजाते हैं। बच्चे इस पल का आनंद लेते हैं और खूबसूरती से सजाए गए इस पेड़ के चारों ओर खेलते हैं। क्रिसमस के पेड़ के नीचे कई उपहार रखे जाते हैं और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर खोले जाने चाहिए।

दूसरी ओर, स्कूल और चर्च क्रिसमस से हफ्तों पहले अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। छात्र क्रिसमस के दिन प्रदर्शन किए जाने वाले क्रिसमस कैरोल, गाने और कृत्यों की तैयारी करते हैं। ये आमतौर पर प्रभु यीशु की कहानियों पर आधारित होते हैं। साथ ही क्रिसमस के मौके पर चर्चों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। उन्हें मोमबत्तियों, बाइबिल की मूर्तियों, सितारों, रोशनी और बहुत कुछ से सजाया गया है। एक बार जब आप चर्च में प्रवेश करते हैं, तो आप महसूस कर सकते हैं कि यीशु की दिव्य उपस्थिति और चारों ओर सकारात्मकता है।

लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अलग-अलग व्यंजन तैयार करते हैं जिसमें कपकेक, मफिन, फ्रूट पंच, क्रीम रोल शामिल हैं और सूची जारी है। बच्चे भी सांता क्लॉज़ से मिलने के लिए उत्साहित महसूस करते हैं- एक बूढ़ा व्यक्ति जो लाल और सफेद पोशाक पहने हुए है और बच्चों को उपहार देता है और चारों ओर खुशियाँ बाँटता है।

इसलिए, क्रिसमस चारों ओर शांति और आनंद लाता है, यह हमें यीशु द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है और हमें देखभाल और साझा करने के महत्व को समझने में मदद करता है। यह त्योहार सभी धर्मों को एकजुट करता है और चारों ओर जोश प्रदर्शित करता है।

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क्रिसमस पर निबंध 500 शब्द (Essay on Christmas 500 words in Hindi)

क्रिसमस दिसंबर में स्थापित एक प्रसिद्ध ईसाई अवकाश है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है और इसकी सजावट और सांता क्लॉज के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस का अर्थ है “मसीह का पर्व”। यह यीशु मसीह के जन्म को चिह्नित करने वाला एक वार्षिक उत्सव है; यह 25 दिसंबर को दुनिया भर में बहुत सारे लोगों के बीच एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है लेकिन प्रत्येक देश में इस तिथि को मनाने के तरीके में मतभेद हैं।

क्रिसमस के पीछे का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है; पहला क्रिसमस 336 ई. में रोम में मनाया गया था। 300 के दशक में हुए प्रसिद्ध एरियन विवाद के दौरान इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्य युग के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एपिफेनी ने इसकी देखरेख की।

क्रिसमस को लगभग 800 ईस्वी में फिर से सुर्खियों में लाया गया जब सम्राट शारलेमेन को क्रिसमस के दिन ताज मिला। 17वीं शताब्दी के दौरान, प्यूरिटन्स ने क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह नशे और अन्य अन्य दुर्व्यवहारों से जुड़ा था।

इसे 1660 के आसपास एक उचित अवकाश बना दिया गया था लेकिन फिर भी यह काफी विवादित था। 1900 की शुरुआत के आसपास, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च का ऑक्सफोर्ड आंदोलन शुरू हुआ और इससे क्रिसमस का पुनरुद्धार हुआ।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें बहुत सारी तैयारियां होती हैं। यह एक सार्वजनिक अवकाश है और इसलिए लोगों को इसे मनाने के लिए क्रिसमस का अवकाश मिलता है।

क्रिसमस की तैयारी ज्यादातर लोगों के लिए जल्दी शुरू हो जाती है ताकि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जश्न शुरू हो जाए। क्रिसमस की तैयारियों में बहुत सारी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। लोग आमतौर पर परिवार और दोस्तों के बच्चों के लिए सजावट, भोजन और उपहार खरीदते हैं। कुछ परिवार सभी के लिए मैचिंग क्रिसमस आउटफिट की खरीदारी करते हैं।

आम तैयारियों में क्रिसमस ट्री, लाइटिंग के साथ जगह की सजावट शामिल है। सजावट शुरू करने से पहले, घर को गहराई से साफ करना चाहिए। क्रिसमस ट्री घरों में क्रिसमस की भावना लाता है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए उपहार बक्से में रखा जाता है और क्रिसमस के दिन तक नहीं खोला जाना चाहिए। विशेष आयोजन के लिए चर्च को भी सजाया गया है। क्रिसमस की शुरुआत के लिए चर्चों की पूरी सफाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन गाने और स्किट का प्रदर्शन किया जाएगा।

लोग आमतौर पर क्रिसमस पर बहुत अधिक खर्च करते हैं और इसलिए इन योजनाओं के लिए पैसे बचाना इन सभी के बीच सबसे पहले की तैयारी होनी चाहिए। परिवार भी इस उत्सव की अवधि के दौरान एक साथ रहने के लिए यात्रा करने की योजना बनाते हैं। परंपरागत रूप से टर्की इस दिन दुनिया भर में आम भोजन है। दोस्तों और परिवार को एक खुश छुट्टी की कामना करने और प्यार दिखाने के लिए कार्ड भी लिखे जाते हैं।

क्रिसमस दिवस समारोह

दिन को चिह्नित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर क्रिसमस कैरोल बजाए जाते हैं। अधिकांश परिवार चर्च जाने से शुरू करते हैं जहां प्रदर्शन और गाने किए जाते हैं। फिर बाद में, वे उपहारों का आदान-प्रदान करने और भोजन और संगीत के साथ जश्न मनाने के लिए अपने परिवारों में शामिल हो जाते हैं। क्रिसमस के दौरान खुशी किसी और की तरह नहीं है।

क्रिसमस पर घर का बना पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन विशेष व्यंजन हैं। बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े पहनाए जाते हैं। वे ‘सांता क्लॉज़’ से भी मिलते हैं, जो एक लाल और सफेद पोशाक पहने हुए हैं, जो उन्हें गले लगाकर और उपहारों के साथ स्वागत करते हैं।

क्रिसमस हमें मित्रों और परिवार के साथ देने और साझा करने के महत्व की याद दिलाता है। क्रिसमस के माध्यम से, हम जानते हैं कि यीशु का जन्म दुनिया में महान चीजों की शुरुआत है। यह आम तौर पर प्रकृति और हमारे अस्तित्व के कारण के बारे में सोचने का अवसर है। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग ईसाई त्योहार होने के बावजूद दुनिया भर में मनाते हैं। यह इस त्योहार का सार है जो लोगों को इतना जोड़ता है।

क्रिसमस पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिसमस के 12 दिन कब होते हैं.

क्रिसमस के 12 दिन क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) से शुरू होते हैं और प्रकाशितवाक्य की पारंपरिक तिथि से एक रात पहले 5 जनवरी को समाप्त होते हैं।

“लिटिल क्रिसमस” क्या है?

लिटिल क्रिसमस, जिसे अन्यथा ओल्ड क्रिसमस कहा जाता है, 6 जनवरी के लिए आयरिश ईसाइयों और अमीश ईसाइयों के बीच पारंपरिक नामों में से एक है, जिसे क्राइस्टमास्टाइड के बारह दिनों के अंत के बाद जोड़ा और मनाया जाता है।

क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

क्रिसमस ईसा मसीह के परिचय को याद करने के लिए मनाया जाता है, क्योंकि ईसाइयों को भगवान के बच्चे के रूप में स्वीकार किया जाता है। क्रिसमस का नाम मास ऑफ क्राइस्ट से आया है। यह याद करने के लिए एक सामूहिक सेवा का आयोजन किया जाता है कि प्रभु यीशु हम मनुष्यों के कारण मरे और फिर जीवित हो गए।

क्रिसमस की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

क्रिसमस या क्राइस्ट का त्योहार पहली बार 336 में रोम में शुरू हुआ था, लेकिन यह 9वीं शताब्दी के अंत में एक लोकप्रिय ईसाई त्योहार बन गया।

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10+ क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

E ssay on Christmas in Hindi : आज हमने क्रिसमस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है।

क्रिसमस का आयोजन विश्व भर में बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है।

क्रिसमस शांति और खुशियों का प्रतीक है इसीलिए आज अन्य धर्म के लोग भी इसमें पूरे तन मन से हिस्सा लेते है। विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है उनकी सहायता के लिए अलग-अलग छोटे बड़े निबंध लिखे है।

Essay on Christmas in Hindi

Get Some Best Essay on Christmas in Hindi for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 Students,

10 Line Essay on Christmas in Hindi

(1) क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

(2) क्रिसमस का आयोजन ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में किया जाता है।

(3) यह उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

(4) इस दिन का बड़ा दिन भी कहते है।

(5) क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है।

(6) इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री रंग बिरंगी लाइटो, गुब्बारे, उपहार और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाते है।

(7) सांताक्लॉज बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते है।

(8) यह पूरे विश्व भर में मनाया जाता है और इस दिन अधिकांश देशों में राजकीय अवकाश होता है।

(9) क्रिसमस के दिन चर्च में विशेष पूजा के साथ मोमबत्तियां जलाई जाती है और प्रार्थना की जाती है।

(10) क्रिसमस के दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाई और उपहार देकर खुशी-खुशी इस उत्सव को मनाते है।

Short Essay on Christmas in Hindi 500 Words

भूमिका –

क्रिसमस का उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनके ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

इसलिए भी उनके जन्मदिवस को अपने सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाते है। क्रिसमस इंग्लिश की दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें Christ शब्द ‘क्रिस्टियन’ को दर्शाता है और Mass का मतलब “लोगों का समूह” होता है।

यह ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार होता है जिस को आम भाषा में बड़ा दिन भी कहा जाता है। वर्तमान में इस उत्सव को सभी देशों द्वारा अपना लिया गया है और सभी धर्म के लोग क्रिसमस को बड़े धूमधाम से मनाते है इसलिए अधिकांश देशों में 25 दिसंबर का राजकीय अवकाश होता है।

क्रिसमस का इतिहास –

क्रिसमस पर आयोजन यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने धरती पर रहने वाले लोगों को सही राह दिखाने के लिए ईश्वर के दूत के रूप में अवतार पृथ्वी पर लिया था।

जन्म से ही उनके अंदर कुछ अलौकिक शक्तियां थी इसलिए उन्होंने छोटी उम्र की आयु से ही लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित किया और ईश्वर के पास जाने का मार्ग दिखाने लगे। कुछ लोगों को उनकी बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी।

लेकिन ईसा मसीह के विचारों को कभी दबाया नहीं जा सका इसलिए आज भी उनके जन्मदिवस पर क्रिसमस का आयोजन किया जाता है।

जो कि हमें यह दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो अच्छाई हमेशा उसे हरा ही देती है। शायद इसीलिए आज पूरे विश्वभर में क्रिसमस मनाया जाता है।

क्रिसमस की तैयारी –

क्रिसमस की तैयारियां ईसाई धर्म के लोगों महीने भर पहले से ही करने लग जाते है। वे अपने घरों की साफ सफाई करके उन्हें पवित्र करते हैं रंग बिरंगी लाइटों द्वारा सजावट करते है। क्रिसमस के दिन गिरजा करो को विशेष तौर पर रंग बिरंगी फुलझड़ीओं, गुब्बारों, लाइटो और फूलों द्वारा लगाया जाता है।

चर्च में विशेष पूजा होती है जिसके बाद सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और उपहार देते है।सभी लोगों द्वारा चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती है,

जो की सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते है जैसे डांस अंताक्षरी, ईसा मसीह का नाटक इत्यादि कार्यक्रम होते है।

इस दिन पर विशेष तौर पर ईसा मसीह के जन्म दिवस पर केक काटा जाता है जो कि इस उत्सव का मुख्य व्यंजन होता है इसके बाद सभी लोगों में चॉकलेट बांटी जाती है

इस दिन सभी लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं जिसको विशेष तौर पर रंग बिरंगी लाइटों और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाया जाता है और उस पर छोटे-छोटे गिफ्ट भी लगाए जाते है जो कि बच्चों को दिए जाते है।

इस दिन सांता क्लॉज का भी बहुत महत्व होता है लोगों का मानना है कि लाल कपड़े पहन कर ईश्वर स्वयं बच्चों को उपहार देते है।

निष्कर्ष –

ईसाई समाज के लोगों के लिए यह विशेष दिन होता है जिसका वह पूरे साल भर बेसब्री से इंतजार करते है और पूरे हर्षोल्लास और प्रेम भाव से क्रिसमस को मनाते है।

क्रिसमस का उत्सव शांति का प्रतीक है और यह हमेशा नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पर बल देता है।

Long Essay on Christmas in Hindi 1000 Words

प्रस्तावना –

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है यह त्यौहार उनके लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। क्रिसमस प्रमुख रूप से यूरोपीय देशों में मनाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे इसको अब एशियाई देशों में भी अपना लिया गया है।

क्रिसमस का त्यौहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों के लिए क्रिसमस का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है उनका मानना है कि इस दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था और उन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष पर इस त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

परंपरा और मान्यता –

पुरानी कथाओं और मान्यताओं के अनुसार माता मरियम के पुत्र का जन्म ईसा मसीह के रूप में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरियम कुंवारी थी उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी यूसुफ़ नामक व्यक्ति से हुई थी।

कथाओं के अनुसार एक दिन माता मरियम के पास स्वर्गदूतआए उन्होंने माता मरियम को कहा कि जल्द ही उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो कि संसार में रहने वाले लोगों को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।

कुछ ही दिनों में माता मरियम की शादी हो गई उसके पश्चात वह और उनके पति यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम नामक (Bethlehem) जगह रहने लगे।

इसी स्थान पर वहां के अस्तबल में ईसा मसीह का जन्म हुआ। ईश्वर ईसा मसीह में जन्म के समय से ही एक आलौकिक शक्ति थी।

ईसा मसीह दीन दुखी लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग बताया उन्होंने सभी को भाईचारे से रहने और एक दूसरे से प्रेम भाव रखने को कहा। उन्होंने खास तौर पर लोगों को क्षमा करने और क्षमा मांगने पर जोर दिया।

कुछ लोगों को उनकी यह बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबाया जा सका इसी कारण आज भी उनके जन्म उत्सव को ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस का आयोजन –

क्रिसमस की तैयारियां लोग एक महीने पूर्व से ही करने लग जाते है। क्रिसमस आने से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है उनमें नया रंग करवाते है।

यह उत्सव इतना शानदार होता है कि इसके कारण बाजार में एक अनोखी रौनक देखने को मिलती है चारों तरफ रंग बिरंगी लाइटिंग और लोगों के खुशमिजाज चेहरे देखने को मिलते है।

इस उत्सव पर नौकरी पेशा लोगों को तनख्वाह के साथ बोनस मिलता है जिससे वह और अधिक खुश हो जाते हैं और खूब धूमधाम से क्रिसमस के इस उत्सव में हिस्सा लेते है।

क्रिसमस के 1 दिन पहले सभी लोग अपने घरों में रंग-बिरंगी लाइटे लगाते है पूरा बाजार रोशनी से नहाया हुआ होता है। चर्च को रंग बिरंगी रोशनीयो, रंग बिरंगे फूलों, सीनरी, मोमबत्तीया, रंग बिरंगे गुब्बारे और अन्य सजावटी सामानों से सजा दिया जाता है।

ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर की रात को हुआ था इसलिए क्रिसमस का आयोजन रात्रि से ही प्रारंभ हो जाता है जैसे ही 12 बजते है गिरजा घरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती है इसके पश्चात लोग अपने रिश्तेदारों और परिचित व्यक्तियों को क्रिसमस की बधाइयां देते है।

कई लोग इस उत्सव को समूह में मनाते है और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी इंतजाम करते हैं जिससे इस उत्सव में चार चांद लग जाते है। क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है जिस पर तरह-तरह की लाइटों मुबारक और उपहार लगाए जाते है।

ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस ट्री लगाने के पीछे एक पुरानी धारणा है जिसके अनुसार क्रिसमस ट्री लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह नष्ट हो जाती है।

क्रिसमस ट्री पर लगाए गए उपहार बच्चों में बांट दिए जाते है। बच्चों को खुश करने के लिए लोग सांता क्लॉज का रूप धारण करके सभी को गिफ्ट बांटते है। बच्चों को सांता क्लॉज द्वारा मिलने वाले गिफ्ट के लिए काफी उत्साह होता है क्योंकि वे सोचते है कि यह उपहार चीजें उन्हें ईश्वर द्वारा दिया गया है।

क्रिसमस के दिन केक काटने की पुरानी प्रथा है केक क्रिसमस का मुख्य व्यंजन होता है। यह सभी को पसंद होता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, फलों का रस, दूध क्रीम आदि मिला होता है जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

इस तरह क्रिसमस के उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है।

क्रिसमस का महत्व –

क्रिसमस का अन्य त्योहारों की तरह प्रमुख महत्व है, किस्मत के कारण लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकल कर खुशियां मनाते हैं और अपने आपको ईश्वर के करीब मानते है।

बाहरी देशों में संस्कृति के बदलाव के कारण एक-दूसरे से लोग कम ही मिल पाते है जिसके कारण मानव अपनी मूल प्रवृत्ति होता जा रहा है लेकिन किस्मत जैसे त्योहारों के कारण लोगों में एक अजब उत्साह होता है एक दूसरे से मिलते है।

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक प्रतीक है जिस पर उन्हें गर्व होता है। इस त्योहार का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह में एक दूसरे से प्रेम भाव से रहने का संदेश देता है। जिसके कारण लोग प्रभावित होते है और एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते है।

उपसंहार –

क्रिसमस का उत्सव हमें हर वक्त खुश रहना सिखाता है। यह हमें किसी के गलती करने पर उसे माफ करने की शिक्षा देता है। यह उत्सव हमें हमेशा एक दूसरे के साथ प्यार से रहना सिखाता है चाहे वो गरीब हो या अमीर हो।

इस उत्सव को मनाने से हमारे मन के सभी बेर दूर हो जाते है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह दिन और भी खास होता है क्योंकि एक दिन उनकी ईश्वर ईसा मसीह का जन्मदिन भी होता है।

यह उत्सव हमारे जीवन में नए रंग भी बिखेरता है जिससे आने वाले भविष्य में हम खुश और सुखी रहे इसीलिए आज क्रिसमस के इस उत्सव को सभी देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi

मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम मेरा प्रिय क्रिसमस निबंध आपकों बताने जा रहे हैं.

क्रिसमस निबंध को आप कक्षा 1, 2, 3, 4,  5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स को मेरे प्रिय त्योहार का निबंध याद करवा सकते हैं. 500 शब्दों में क्रिसमस पर दिया गया निबंध पढ़ते हैं.

Essay On My Favourite Festival Christmas In Hindi

मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi

हमारा भारत देश पर्वों एवं त्योहारों का देश है यहाँ सभी धर्मों के त्योहार एवं उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं. क्रिसमस उन सबसे मेरा प्रिय त्यौहार हैं.

जो मानवता, एकता व भाईचारे का संदेश देता हैं. आज में आपके साथ स्टूडेंट्स के लिए क्रिसमस पर छोटा निबंध प्रस्तुत कर रहा हूँ. आर्टिकल शुरू करने से पूर्व आप सभी को  क्रिसमस  की हार्दिक शुभकामनाएं.

जिस तरह होली, दीपावली रक्षाबंधन हिन्दुओं के मुख्य त्योहार है इसी तरह क्रिसमस इसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व हैं. यह त्यौहार हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं.

इसाई धर्म इतिहास में इस दिन को बड़े दिवस की संज्ञा दी गई हैं. इसी दिन धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इसलिए यह एक ख़ुशी का पर्व हैं.

दुनियां में सबसे अधिक लोगों द्वारा मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व के अवसर पर सभी लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं.

कई महीने पूर्व से उत्सव को जोर शोर से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. इस अवसर पर लोग बाजार की ओर रूख करते हैं नयें कपड़ों मिठाइयों तथा उपहारों की खरीद की जाती हैं.

क्रिसमस के अवसर पर समूचा मोहल्ला खुशी के साथ पर्व मना रहा होता हैं. घर रोशनी से जगमगा उठते हैं. लोग एक दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन गॉड ईसा मसीह को समर्पित होती है इस दिन पूजा स्थलों पर विशेष प्रार्थना में लोग शामिल होते हैं.

शहर के नुक्कड़ चौराहों से प्रभु मसीह की झांकिया निकाली जाती हैं. क्रिसमस पर सभी घरों में अच्छे अच्छे पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन हर इसाई के घर में एक क्रिसमस का पेड़ लगाया जाता है.

जो विभिन्न फूलों से सजा होता हैं इसे क्रिसमस ट्री कहा जाता हैं. लोग प्रभु के जन्मदिन को केक काटकर एक दूसरे को खिलाकर बड़े धूमधाम के साथ सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन बड़े लोग एक मजाकिया मुखोटा धारण कर बच्चों को हैप्पी क्रिसमस कहकर चाकलेट आदि देते हैं.

इस अवसर पर सांता क्लॉज का विशेष महत्व हैं. सांता क्लॉज पर लोग सवार होकर बच्चों को क्रिसमस पर उपहार देते हैं. सांता क्लॉज सात हिरणों द्वारा बिना पहिये द्वारा खीची जाने वाली एक तरह की गाड़ी हैं. हर बालक को क्रिसमस पर सांता क्लॉज का इन्तजार रहता है.

क्योंकि इसके साथ ही उसे एक शानदार गिफ्ट भी मिलने वाला होता हैं. इसलिए लोग सांता क्लॉज की परम्परा का पालन करते हुए एक अनोखी वेशभूषा में आकर बच्चों को उपहार देते है.

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  • क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें

Updated On: October 08, 2024 04:48 PM

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निष्कर्ष (Conclusion)

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क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने और क्रिसमस की सभी जानकारियों के बारें में बताने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। बहुत से छात्र/छात्राओं को निबंध लिखने में समस्या आती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप यहां से क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखना सीख सकते है। इस लेख के माध्यम से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी बल्कि आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा। ये भी पढ़ें: - दशहरा पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in 200 words)

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क्रिसमस- क्रिसमस एक प्रमुख पर्व है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि लोग इसे पूरी मस्ती, हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाते है।

ईसामसीह- क्रिसमस प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये ईसाइयों के लिये एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के बाद ये पर्व खत्म होता है। इस दिन ईसाई लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार बाँटते है। अवकाश: क्रिसमस के दिनों में छुट्टियां मनाई जाती हैं और धूम-धाम के साथ त्यौहार को मनाया जाता है। क्रिसमस के छुट्टी में पूरे दिन लोग नाचना, गाना, पार्टी मनाना और घर के बाहर डिनर करके खुशी मनाते है। घरों में सजावट की जाती है, अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है केक काटा जाता है। इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। प्रसाद: क्रिसमस में प्रसाद की विशेषता होती है, जिसमें केक, बिस्किट, और अन्य मिठाईयां शामिल होती हैं। प्रसाद पाकर बच्चें बहुत खुश होते है और इस दिन बहुत इन्जॉय करते है। यह पर्व बच्चों, बडें, बूढ़ों हर किसी के लिए खास होता है। इस दिन घरों में तरह-तरह के केक और पकवान बनाये जाते है और प्रसाद के तौर पर बाटें जाते है। उत्साह: क्रिसमस के दिनों में लोग उत्साह से भरे होते हैं और खुशी का माहौल बनाते हैं। इस दिन लोग चर्च जाते है और केक काटते है। अपने घरों में लोगों को भोज के लिए आंमत्रित करते है। जन्मदिन की तरह ही इस त्यौहार को भी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते है। परिवार: क्रिसमस के दिनों में परिवार के सभी सदस्य एकजुट होते हैं और साथ में खाने-पीने का आनंद लेते हैं। इस दिन सभी परिवार के लोग, सगे-सबंधी, दोस्त और सभी लोग गिले-शिकवे मिटा कर एकजुट होकर क्रिसमस का त्योहार मनाते है प्यार से गले मिलते है। इस दिन ईसाई लोग अपने प्रभु ईशु के लिये प्रार्थना करते है, वो सभी भगवान के सामने अपनी गलतीयों और पाप को मिटाने के लिये उसे स्वीकार करते है। ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध गीत: क्रिसमस में गीतों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जैसे कि "जिंगल बेल्स", "सांता क्लॉज आ रहा है", और "ओ कोम ऑल इ फेथफुल"। इस दिन लोग नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार क्रियाओं के द्वारा खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है। उपहार: क्रिसमस में विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा होती है, जिसमें लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और आपसी प्रेम और आदर्शों का प्रतीक बनाते हैं। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। दीपावली: क्रिसमस के दिनों में लोग अपने घरों को दीपावली की तरह सजाते हैं और उजाले के लिए कैंडल जलाते हैं। इस पर्व पर दिवाली की तरह ही अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है, घरों-ऑफिस बाजारों को सजाते है। क्रिसमस के दिन घरों से लेकर बाजारों तक में दिवाली की तरह ही रौनक रहती है। खुशियां: क्रिसमस में खुशियों का त्योहार मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं तथा एक-दूसरे के घर जाकर उपहार देते है। इस दिन सांता क्लाज़ रात के समय सभी के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है।

क्रिसमस पूरी दुनिया में युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे, बडें और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

क्रिसमस पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Christmas in 10 lines)

  • क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है।
  • यह पर्व ईसाई धर्म के लोग अपने भगवान यीशु मसीह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
  • यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • क्रिसमस का यह त्यौहार सभी देशों में बड़े ही जश्न के साथ मनाया जाता है।
  • यह एक धार्मिक उत्सव है जिसका आनंद दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग लेते हैं।
  • क्रिसमस पर कुछ लोग सांता क्लॉज की वेशभूषा में तैयार होते हैं और बच्चों को चाकलेट तथा उपहार बाटते हैं।
  • क्रिसमस के दिन विश्व के लगभग सभी देशों में सरकारी अवकाश रहता है।
  • क्रिसमस पर लोग एक ख़ास गाना गाते हैं जिसे ‘क्रिसमस कैरोल’ (Christmas Carrol) कहा जाता है।
  • ईसाई लोग इस दिन अपने घरों को रोशनी वाले झालर और लाइटों से सजाते हैं।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मेला घूमकर क्रिसमस का आनंद उठाते हैं।

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निस्संदेह, यीशु एक यहूदी थे। यीशु का जन्म दुनिया के यहूदी हिस्से गलील में एक यहूदी मां से हुआ था। उनके सभी मित्र, सहयोगी, सहकर्मी, शिष्य, सभी यहूदी थे। वह नियमित रूप से यहूदी सामुदायिक पूजा में पूजा करते थे, जिन्हें हम आराधनालय कहते हैं।

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस के त्यौहार पर पूरी दुनिया जश्न में डूब जाती है। यूरोपीय देशों में हफ्ते की भर की छुट्टी होती है।

क्रिसमस पारंपरिक रूप से यीशु के जन्म का जश्न मनाने वाला एक ईसाई त्योहार था, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में, यह एक धर्मनिरपेक्ष पारिवारिक अवकाश भी बन गया, जिसे ईसाई और गैर-ईसाइयों द्वारा समान रूप से मनाया जाता था।

किसी को क्रिसमस की सुखद छुट्टियों की शुभकामनाएँ देना होता है।

हर साल ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि सांता क्लॉस का असली नाम सांता निकोलस है। कहा जाता है सांता निकोलस बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यही कारण है कि उनकी याद में हम सभी क्रिसमस मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं।

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क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) - क्रिसमस पर निबंध 10 लाइन

क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) - क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है।

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - प्रस्तावना

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - विषय विस्तार, क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - उपसंहार, क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi), मैरी क्रिसमस का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi).

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) - क्रिसमस पर निबंध 10 लाइन

कई ऐसे छात्र होते हैं जिन्हें निबंध लिखने में समस्या होती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (essay on christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा क्रिसमस के बारे में जानकारी का अभाव भी एक वजह है जिस कारण से क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) या फिर क्रिसमस पर 10 लाइन हिंदी में (10 line about christmas in hindi) लिखना छात्रों के लिए एक कठिन कार्य बन जाता है।

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यदि आप भी ऊपर बताई गई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो ऐसा समझिए कि आज आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं क्योंकि क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपकी इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी, बल्कि इसकी सहायता से आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा। हालांकि हम आपसे निवेदन करेंगे कि आप क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख से निबंध लिखने की सिर्फ प्रेरणा लें तथा स्वयं की समझ का इस्तेमाल करते हुए ही क्रिसमस पर लेख हिंदी में (christmas essay in hindi) या फिर क्रिसमस पर 10 लाइन (10 line about christmas in hindi) लिखने की कोशिश करें।

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क्रिसमस दुनिया-भर में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसे बड़े-दिन के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से यीशु मसीह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। यीशु मसीह वो शख्स थे जिन्होंने न सिर्फ ईसाई धर्म की स्थापना की, बल्कि ईसाई मान्यताओं के अनुसार इन्सानों के गुनाह की खातिर खुद सूली पर चढ़ गए। यही वजह है कि दुनिया भर के इसाइयों के लिए यह त्योहार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यीशु मसीह का जन्म फिलिस्तीन के बेथलहेम शहर में लगभग 1 ईशा पूर्व हुआ था। उनके पिता का नाम जोसफ तथा माता का नाम मैरी था। यह शहर आज के जमाने में इजरायल की राजधानी येरुशलम से 10 किलोमीटर दूर सेंट्रल वेस्ट बैंक में स्थित है। यीशु मसीह के जन्म से ही अंग्रेजी कैलेंडर की भी शुरुआत हुई है जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

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चूंकि दुनिया भर में ईसाई धर्म में आस्था रखने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है, यही वजह है कि क्रिसमस की खुशी तथा इसका जश्न वैश्विक स्तर पर देखा जा सकता है। दुनियाभर के लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं। यकीनन विविधता में एकता के लिए प्रसिद्ध हमारा देश भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में भी ईसाइयों की एक बड़ी तादाद मौजूद है। प्रत्येक वर्ष क्रिसमस की तारीख के नजदीक आते ही दुनिया भर के बाज़ारों के साथ-साथ भारत के बाज़ारों में भी क्रिसमस को लेकर गहमागहमी बढ़ जाती है। लाल रंग की सांता क्लौज की टोपी व परिधान, जगमगाते बल्ब्स, चमकीले सितारे और क्रिसमस ट्री आदि जैसी समाग्रियों से भारतीय बाजार सज जाते हैं जिससे इनकी खूबसूरती देखने ही बनती है। केक व पेस्ट्रिज की दुकानों पर भीड़ बढ़ जाती है। इस दिन विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को गिफ्ट देने का चलन है।

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क्रिसमस के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च जाते हैं। भगवान यीशु मसीह के भजन गाते हैं व उनसे अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांगते हैं। इसके बाद मेहमानों व बच्चों को तोहफे व आकर्षक क्रिसमस कार्ड्स दिए जाते हैं। रिश्तेदारों व दोस्तों को इस दिन विशेष तौर पर क्रिसमस के भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है। रात्रि भोज के बाद सभी लोग क्रिसमस ट्री के चारों ओर नाचते हैं, गाना गाते हैं व जश्न मनाते हैं। भारत में तो यह पर्व सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं। इस दिन राष्ट्रीय अवकास भी होता है। सभी सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ प्राइवेट कार्यालय, स्कूल व कॉलेज भी इस दिन बंद रहते हैं। कई कार्यालयों व विद्यालयों में क्रिसमस से एक दिन पहले क्रिसमस के जश्न का आयोजन होता है।

क्रिसमस की खास बात ये भी है कि बड़े व बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी सबसे बड़ी वजहों में से एक है सांता क्लौज। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। छोटे बच्चे ये काम बड़े उत्साह के साथ करते हैं। घर में बनने वाले तरह-तरह के पकवान, विद्यालयों की छुट्टियाँ और नए कपड़े भी एक और बड़ा कारण है जिसकी वजह से बच्चों को इस त्योहार का काफी इंतजार रहता है।

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क्रिसमस का पर्व समाज को मानवता के लिए दिए गए प्रभु यीशु मसीह के संदेशों व उनके द्वारा किए गए कार्यों की याद दिलाता है। यह पर्व लोगों को यह संदेश देता है कि हम चाहे कितना भी कष्ट सहें, हम पर चाहे कितनी भी आपदा क्यों न आ जाए लेकिन इसके बावजूद भी हमें इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं के साथ-साथ लगातार दूसरों को भी इस बात केलिए प्रेरित करना चाहिए कि वे बुरे कार्यों को छोड़ कर सभी के साथ मिलकर समाज को बेहतर व सुंदर बनाने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

क्रिसमस की एक खास बात यह भी है कि इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि क्रिसमस के दिन लोग मैरी क्रिसमस क्यों बोलते हैं, हैप्पी क्रिसमस और मैरी क्रिसमस में क्या अंतर है या फिर क्या हैप्पी क्रिसमस बोलना गलत है। आपके इन सभी सवालों का जवाब आज आपको मिल जाएगा।

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सबसे पहले आपको बता दें कि मैरी क्रिसमस का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi) हैप्पी क्रिसमस के हिंदी में अर्थ के समान ही होता है। जहां 'हैप्पी क्रिसमस' का अर्थ होता है, आनंदित क्रिसमस, वहीं 'मैरी क्रिसमस' का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi) भी आनंदित क्रिसमस ही होता है। एक तरह से देखा जाए तो 'हैप्पी' व्यावहारिक अंग्रेजी में उपयोग किया जाने वाला शब्द है, जबकि 'मैरी' शब्द का उपयोग भावनात्मक एहसास देने के के लिए किया जाता है। जैसे कि हिंदी में 'रोना' शब्द व्यावहारिक कहा जा सकता है, लेकिन वहीं इसी अर्थ के लिए 'भावभीनी' का उपयोग भावनात्मक जुड़ाव के लिए किया जा सकता है। हालांकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि प्रभु यीशु मसीह की माताजी का नाम चूंकि मरियम उर्फ मैरी था इसलिए भी 'हैप्पी क्रिसमस' की जगह 'मैरी क्रिसमस' कहा जाता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख से आपकी क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) लिखने से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान हो गया होगा। आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

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Frequently Asked Questions (FAQs)

क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए आपको क्रिसमस के विषय में मूल जानकारी होना आवश्यक है। आप क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए सबसे पहले क्रिसमस पर 10 प्रश्नों को तैयार कीजिए जैसे कि क्रिसमस कब मनाया जाता है, क्रिसमस क्यों मनाया जाता है आदि। इसके बाद इन प्रश्नों का उत्तर ढूंढ कर लिखते ही आप क्रिसमस पर 10 लाइन आसानी से लिख पाएंगे। क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए आप इस लेख की भी सहायता ले सकते हैं।

क्रिसमस प्रभु यीशु मसीह के जन्म, जीवन और उनके बलिदान की कहानी बयां करता है। इस दिन प्रभु यीशु के सामने अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हुए इंसान अपने जीवन को एक बार फिर से नए सदकर्मों के रास्ते पर ले जा सकता है। यह पर्व हमें बताता है कि इंसानियत के लिए जियो और इंसानियत को बचाए रखो।

क्रिसमस पर्व लोगों को यह संदेश देता है कि हम चाहे कितना भी कष्ट सहें, हम पर चाहे कितनी भी आपदा क्यों न आ जाए लेकिन इसके बावजूद भी हमें इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं के साथ-साथ लगातार दूसरों को भी इस बात केलिए प्रेरित करना चाहिए कि वे बुरे कार्यों को छोड़ कर सभी के साथ मिलकर समाज को बेहतर व सुंदर बनाने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

क्रिसमस शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है - क्रिस्टेस और मैसे। 'क्रिस्टेस मैसे' एक साथ लिखने पर इसका अर्थ निकलता है 'क्राइस्ट मास' या फिर 'मास ऑफ क्राइस्ट'। मास शब्द लैटिन शब्द मिसा से लिया गया है जिसका अर्थ जश्न या उत्सव होता है, जबकि क्राइस्ट शब्द ग्रीक भाषा के शब्द 'क्रिस्तोस' से आया है, जिसका अर्थ होता है 'सुगंधित तेल से नहाया हुआ' और ग्रीक शब्द 'क्रिस्तोस' का अनुवाद हिब्रू भाषा के शब्द 'मसीह' से लिया गया है, जिसका अर्थ 'जिसका अभिषेक किया गया हो' होता है।

क्रिसमस के दिन यानि 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लो चर्च में जुटकर क्रिसमस केरोल्स गायन में शामिल होते हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। इस त्योहार पर लोग घरों में रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। घंटी, मोमबत्ती, केक व मोजे रखते हैं जिनका खास महत्व है।

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क्रिसमस पर अनुच्छेद लेखन - Paragraph on Christmas in Hindi - 25 December Christmas Day Paragraph in Hindi Language

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क्रिसमस (Christmas)

ईसाईयों के लिये क्रिसमस एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है हालाँकि इसे दूसरे धर्मों के लोग भी मनाते है। इसे हर साल पूरे विश्व में दूसरे उत्सवों की ही तरह खुशी, हर्ष और जोश के साथ मनाया जाता है। ये हर साल 25 दिसंबर शीत ऋतु के मौसम में आता है। प्रभु ईशु के जन्मदिवस के अवसर पर क्रिसमस डे को मनाया जाता है। 25 दिसंबर को बेथलेहेम में ज़ोसेफ (उनके पिता) और मैरी (उनकी माँ) के यहाँ प्रभु ईशु का जन्म हुआ था। इस दिन पर सभी घर और चर्च की सफाई होती है, सफेद पोताई और ढ़ेर सारे रंग-बिरंगे रोशनीयों, सीनरी, मोमबत्तियाँ, फूल और दूसरी सजावटी चीजों से इनको सजाया जाता है। सभी एक साथ इस उत्सव में शामिल होते है चाहे वो गरीब हो या अमीर और खूब धमा-चौकड़ी के साथ इसको मनाते है। अपने घरों के बीच में सभी क्रिसमस के पेड़ को सजाते है। वो इसे इलेक्ट्रिक लाईट, उपहारों, गुब्बारों, फूलों, खिलौनों, हरी पत्तियों तथा दूसरे वस्तुओं से सजाते है। क्रिसमस का पेड़ बेहद सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। इस अवसर सभी लोग पर अपने दोस्त, परिवार, रिशतेदारों और पड़ोसियों के साथ क्रिसमस के पेड़ के सामने खुशी मनाते है। सभी नृत्य, संगीत, उपहारों को बाँटकर और लजीज़ पकवानों के साथ इस उत्सव में शरीक होते है। क्रिसमस पर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होता है सांताक्लॉज, जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार और चॉकलेट्स लेकर आता है। यह एक काल्पनिक किरदार होता है जिसके प्रति बच्चों का लगाव होता है। ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है। यही कारण है कि कुछ लोग सांताक्लाज की वेशभूषा पहन कर बच्चों को भी खुश कर देते हैं। इस दिन आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। इसकी विशेष सज्जा की जाती है और इसके माध्यम से सभी एक दूसरे को उपहार भी देते हैं। इस त्योहार में केक का विशेष महत्व है। केक क्रिसमस का विशेष व्यंजन है, इसके बिना क्रिसमस अधूरा होता है। मीठे, मनमोहक केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत पुराना है। इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाने और केक बनाने का बेहद महत्व है। घर पर आने वाले मेहमानों एवं मिलनू-जुलने वाले लोगों को केक खिलाकर मुंह मीठा किया जाता है और क्रिसमस की बधाई दी जाती है।इस दिन ईसाई लोग भगवान से प्रार्थना करते है। प्रभु ईशु के सामने वो अपनी गलतीयों के लिये माफी माँगते है। अपने भगवान ईसा मसीह के गुणगान में लोग पवित्र भजन गाते है, बाद में वो अपने बच्चों और मेहमानों के लिये क्रिसमस के उपहार बाँटते है। इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा है। सभी क्रिसमस भोज के बड़े उत्सव में शामिल होते है और अपने पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ खुशबुदार पकवानों का लुफ्त उठाते है। बच्चे इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है क्योंकि उनको ढ़ेर सारे उपहार और चौकेलेट मिलते है। क्रिसमस का उत्सव स्कूल और कॉलेजों में एक दिन पहले 24 दिसंबर को मनाया जाता है, उस दिन बच्चे सांता क्लाज की ड्रेस या टोपी पहनकर स्कूल जाते है। इस दिन को लोग देर रात तक नृत्य-संगीत में झूम कर या मॉल और रेस्टोरेंट में जाकर मनाते है। ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईशू की पूजा करते है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु (भगवान के संतान) को लोगों के पास उनके जीवन को बचाने और उनको पाप और दुखों से रक्षा करने के लिये पृथ्वी पर भेजा गया था। ईसा मसीह के अच्छे कार्यों को याद करने के लिये क्रिसमस का ये उत्सव ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है और हम ढ़ेर सारा प्यार और सम्मान देते है। ये सार्वजनिक और धार्मिक अवकाश होता है जब लगभग सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान बंद रहता है।

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क्रिसमस भारत का एक जाना माना पर्व है। जो मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह हर साल दिसंबर के महीने में 25 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश दिया जाता है। क्रिसमस का अर्थ है “मसीह का पर्व”। यह यीशु मसीह के जन्म का वार्षिक उत्सव है। 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में बहुत से लोगों के बीच इस पर्व को एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है लेकिन प्रत्येक देश में इस तिथि को मनाने के तरीके में अंतर भी है।

क्रिसमस के पीछे का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास काफी पुराना है। बताया जाता है कि 336 A.D. में रोम में पहला क्रिसमस मनाया गया था। 300 के दशक में हुए प्रसिद्ध एरियन विवाद के दौरान इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्य युग के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एपिफनी ने इस पर्व को मनाना बन्द कर दिया था। लेकिन फिर 800 A.D के आसपास क्रिसमस फिर से सुर्खियों में आ गया जब सम्राट शारलेमेन ने क्रिसमस के दिन ताज प्राप्त किया।

17 वीं शताब्दी के दौरान, प्यूरिटन ने क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह नशे और अन्य दुर्व्यवहारों से जुड़ गया था। इसे 1660 के आसपास एक उचित अवकाश बना दिया गया था लेकिन यह इस समय में भी यह काफी विवादित था। 1900 की शुरुआत में, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च का ऑक्सफोर्ड आंदोलन शुरू हुआ और इसके बाद क्रिसमस का पुनरुद्धार हुआ।

क्रिसमस की तैयारियां

क्रिसमस एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसके लिए ढेर सारी तैयारियां करनी पड़ती हैं। यह एक सार्वजनिक अवकाश है और इसलिए इसे मनाने के लिए लोगों को क्रिसमस की छुट्टी मिलती है। ज्यादातर लोगों के लिए क्रिसमस की तैयारी जल्दी शुरू हो जाती है इसलिए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सेलिब्रेशन शुरू हो जाता है। क्रिसमस की तैयारी में बहुत सारी तैयारियां होती हैं।

लोग आमतौर पर परिवार और दोस्तों में ज्यादातर बच्चों के लिए सजावट, भोजन और उपहार खरीदते हैं। सामान्य तैयारियों में क्रिसमस ट्री के साथ उस जगह की सजावट, लाइटिंग भी शामिल है। सजावट शुरू करने से पहले, घर को गहराई से साफ करना चाहिए। क्रिसमस ट्री घरों में क्रिसमस की रौनक लाता है।

क्रिसमस दिवस समारोह

क्रिसमस के दिन को चिह्नित करने के लिए रेडियो और टीवी पर सूचना चलाई जाती हैं। इस पर्व पर लोग उपहारों का आदान-प्रदान करने और भोजन और संगीत के साथ जश्न मनाने के लिए अपने परिवारों में शामिल हो जाते हैं। क्रिसमस के दौरान खुशी का माहौल बना होता है।

क्रिसमस पर घर पर बने पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन्स खास ट्रीट दी जाती है। बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए परिधानों बनाए जाते हैं। बच्चों को क्रिसमस पर लाल और सफेद पोशाक पहने हुए ‘सांता क्लॉज’ से भी मिलने का मौका मिलता है, जो उन्हें गले लगाकर और उपहार देकर उनका स्वागत करता है।

क्रिसमस हमें मित्रों और परिवार के साथ मिलने और प्रेम बांटने के लिए एक अच्छा उत्सव है। क्रिसमस के माध्यम से हम जानते हैं कि यीशु का जन्म दुनिया में महान चीजों की शुरुआत है। यह आम तौर पर प्रकृति और अस्तित्व के बारे में सोचने का अवसर होता है।

क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जिसे सभी धर्मों और आस्था के लोग ईसाई त्योहार होने के बावजूद दुनिया भर में मनाते हैं। इस त्योहार का सार यह है कि यह पर्व सभी लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है।

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क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

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क्रिसमस, जिसे हिंदी में ‘नाताल’ के रूप में भी जाना जाता है, ईसाई धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और यह सिर्फ ईसाईयों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर में मनाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पर्व बन चुका है।

Table of Contents

क्रिसमस का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत का संबंध यीशु मसीह के जन्मदिन से है। इतिहासकारों और धार्मिक परंपराओं के अनुसार, ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह का जन्म करीब 2000 वर्ष पहले बेथलहम नगर में हुआ था। यीशु, ईसाई समुदाय के अनुसार, परमेश्वर के पुत्र और मानवता के उद्धारकर्ता माने जाते हैं।

प्रारंभिक ईसाईयों ने यीशु के जन्मदिन को विभिन्न तिथियों पर मनाया, लेकिन चौथी सदी के अंत तक, 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई। इसका कारण यह है कि इस तिथि को रोमन साम्राज्य में पहले से ही बहुत सारे त्योहार मनाए जाते थे, जैसे कि सैटर्नालिया और मिथ्रा का जन्मदिन। ईसाई धर्म के विस्तार के साथ, क्रिसमस भी यूरोप, एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में फैल गया और विभिन्न संस्कृतियों ने इसे अपने-अपने तरीके से मनाना शुरू किया।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस का पर्व केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि इसकी तैयारी कई सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। इस दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और अनेक प्रकार के उत्सव मनाते हैं।

क्रिसमस सजावट का प्रमुख अंग है क्रिसमस ट्री । यह एक पेड़ होता है जिसे रंग-बिरंगे बल्बों, तारों, और अन्य सजावटी सामग्री से सजाया जाता है। इसके अलावा, घरों में खूबसूरत रोशनी, जेबा (माला), और विशेष डेकोरेशन आइटम्स लगाए जाते हैं।

विशेष व्यंजन

क्रिसमस के अवसर पर कई प्रकार के विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं। इनमें टर्की, केक, कुकीज, और विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ शामिल होती हैं। अनेक परिवार इस दिन विशेष भोजन का आयोजन करते हैं और इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा करते हैं।

रिलीजियस गतिविधियाँ

क्रिसमस की शुरुआत धार्मिक सेवा (मास) से होती है, जहां चर्च में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। इन प्रार्थनाओं में प्रभु यीशु के जन्म का बखान और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होते हैं। ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाकर अपने भगवान की महिमा करते हैं और धन्यवाद ज्ञापन करते हैं।

क्रिसमस और सांता क्लॉस

क्रिसमस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है सांता क्लॉस , जिसे बच्चों में विशेष रूप से लोकप्रियता हासिल है। सांता क्लॉस की कहानी उत्तरी ध्रुव से है, जहां वह बच्चों के लिए उपहार बनाने में व्यस्त रहते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, सांता क्लॉस अपने रेनडियर के साथ यात्रा करते हैं और घर-घर जाकर बच्चों को उपहार बांटते हैं।

सांता क्लॉस की परंपरा का आरंभ यूरोप में हुआ और बाद में यह अमेरिका और अन्य देशों में भी प्रचलित हो गया। यह परंपरा संत निकोलस से जुड़ी हुई है, जो बच्चों को उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थे। सांता क्लॉस बच्चों के लिए खुशियों की प्रतीक है और क्रिसमस के उत्साह को और बढ़ा देता है।

विश्व भर में क्रिसमस

क्रिसमस का पर्व केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है जो दुनियाभर में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। आइए, देखते हैं कि विभिन्न देशों में क्रिसमस को कैसे मनाया जाता है:

अमेरिका में क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ इस दिन परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की परंपरा है। सांता क्लॉस का बच्चों को उपहार देना और क्रिसमस ट्री सजाना भी यहां बहुत प्रचलित है।

यूरोप के विभिन्न देशों में क्रिसमस को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जर्मनी में क्रिसमस बाजार बहुत प्रसिद्ध हैं, जहां से लोग क्रिसमस सजावट और उपहार खरीदते हैं। इंग्लैंड में क्रिसमस के दिन केक और पुडिंग बनाने की परंपरा है।

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस गर्मियों में आता है, इसलिए यहां की परंपराएँ थोड़ी अलग होती हैं। लोग समुद्र तट पर जाते हैं, पिकनिक मनाते हैं और बारबेक्यू करते हैं।

भारत में भी क्रिसमस मनाने का एक विशेष अंदाज है। यहाँ बड़े शहरों में चर्च सजाए जाते हैं और विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं। गोवा, केरल और मुंबई जैसे स्थानों में क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

क्रिसमस के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

क्रिसमस का समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव है। इस पर्व ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अपनी एक विशेष पहचान बनाई है।

समाजिक एकजुटता

क्रिसमस का पर्व धार्मिक भिन्नता के बावजूद लोगों को एकजुट करने का काम करता है। इस दिन लोग अपने परिवार, मित्र और समाज के अन्य सदस्यों के साथ समय बिताते हैं, जो सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देता है।

आर्थिक प्रभाव

क्रिसमस का आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण प्रभाव है। इस पर्व के दौरान बहुत सारी खरीदारी होती है, जिसमें उपहार, सजावट सामग्री, और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यह बाजार और व्यापार के लिए एक बूस्टर की तरह काम करता है।

संस्कृति का प्रसार

क्रिसमस के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और परंपराएँ समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं। इससे एक विश्वव्यापी सांस्कृतिक समृद्धि होती है।

क्रिसमस के आधुनिक पहलू

आज का क्रिसमस पारंपरिक मान्यताओं से हटकर एक आधुनिक उत्सव का रूप ले चुका है। इस दिन न केवल धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

मीडिया और मनोरंजन

क्रिसमस के समय मीडिया और मनोरंजन उद्योग भी काफी सक्रिय हो जाता है। फिल्मों, गानों, और कार्यक्रमों के माध्यम से क्रिसमस की खुशी को और बढ़ाया जाता है।

सामाजिक मीडिया

सोशल मीडिया के प्रसार के साथ, क्रिसमस का उत्साह अब ऑनलाइन भी देखा जा सकता है। लोग इस अवसर पर विशेष पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें शेयर करते हैं, जो क्रिसमस के आनंद को और बढ़ा देती हैं।

क्रिसमस के अद्वितीय परंपराएँ

क्रिसमस के अवसर पर कई ऐसी अद्वितीय परंपराएँ भी हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। आइए, जानते हैं कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में:

एडवेंट कैलेंडर

एडवेंट कैलेंडर एक विशेष प्रकार का कैलेंडर होता है जिसका उपयोग दिसंबर के महीने में क्रिसमस की गिनती करने के लिए किया जाता है। यह कैलेंडर खासकर बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसमें छोटे-छोटे उपहार या चॉकलेट्स छिपे होते हैं।

क्रिसमस पटाखे

क्रिसमस पटाखों का प्रचलन इंग्लैंड में हुआ और अब यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह पटाखे छोटे कैप्सूल होते हैं जो टूटते समय एक जोर का धमाका करते हैं और इनमें से छोटे-छोटे उपहार निकलते हैं।

मिस्टलेटो एक प्रकार की छोटी पौधे की डाल होती है, जिसे क्रिसमस के दौरान घर में टांगा जाता है। परंपरा के अनुसार, इसे देखकर जो दो लोग इसके नीचे खड़े होते हैं, उन्हें एक-दूसरे को किस करना होता है।

क्रिसमस न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह समाज, संस्कृति, और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें प्रेम, सौहार्द और एकजुटता का संदेश देता है। चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति के हों, क्रिसमस का उत्सव हर किसी के लिए ख़ुशियाँ और उमंग लेकर आता है।

आशा है कि यह विस्तृत निबंध आपको क्रिसमस के महत्व और उसकी विविधताओं के बारे में जानने में मदद करेगा।

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क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi - छोटी पंक्तियाँ और लंबे निबंध पैराग्राफ

क्रिसमस दिवस पर निबंध: यहां क्रिसमस दिवस पर निबंधों में क्रिसमस के महत्व और आनंद का अन्वेषण करें। परंपराओं, उत्सवों और शाश्वत भावना की खोज करें।.

Atul Rawal

क्रिसमस पर 10 पंक्तियाँ

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने का अवसर है, जिन्हें ईसाई ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं।
  • क्रिसमस, अन्य त्योहारों की तरह, प्यार, गर्मजोशी, हँसी और एकजुटता के क्षणों का जश्न मनाने का एक आनंदमय समय है।
  • क्रिसमस को लोग अपने अनोखे अंदाज में मनाते हैं, लेकिन घरों और सड़कों को जगमगाती रोशनी से सजाना एक आम परंपरा है जिसे हर कोई निभाना पसंद करता है।
  • उपहारों का आदान-प्रदान एक और परंपरा है जिसका पालन लोग क्रिसमस पर अपने प्यार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए करते हैं।
  • यह एक ऐसा अवसर है जो लोगों को एक साथ लाता है, समुदायों और संस्कृतियों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • क्रिसमस स्वादिष्ट दावतों का पर्याय है, जिसमें रोस्ट टर्की, जिंजरब्रेड कुकीज़ और एग्नॉग जैसे उत्सव के व्यंजन शामिल हैं।
  • परिवार जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और भोजन से भरी मेज पर शानदार पल बिताते हैं जो यादें बनाने के लिए एक कैनवास के रूप में काम करते हैं।
  • क्रिसमस लोगों को दयालुता, दान और स्वयंसेवा के कार्यों में शामिल होकर खुशी और सद्भावना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • शिक्षक, माता-पिता और बुजुर्ग छात्रों को इस अवसर के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  • यह धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे, दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वैश्विक अवसर है।
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क्रिसमस दिवस पर 150 शब्दों में निबंध

क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है। ईसाई धर्म में पूज्य ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर 2023 को यह दिन मनाया जाता है। ईसाई यीशु को ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं। क्रिसमस क्रिसमस की कहानी पर चिंतन करने, प्यार फैलाने, बंधनों को मजबूत करने और सद्भावना फैलाने का समय है।

अपनी धार्मिक जड़ों से परे, क्रिसमस एक वैश्विक सांस्कृतिक त्योहार के रूप में विकसित हुआ है। घरों और सड़कों को सजाना, उपहारों का आदान-प्रदान करना, पारिवारिक समारोह आयोजित करना और पारंपरिक भोजन बनाना कुछ ऐसी चीजें हैं जो लोग क्रिसमस पर करते हैं।

300 शब्दों में क्रिसमस उत्सव पर निबंध

क्रिसमस विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का मिश्रण है। क्रिसमस मनाने के कारणों की बात करें तो ईसाइयों की मान्यताओं के अनुसार यह ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह का जन्मदिन है। इस प्रकार इस दिन का गहरा धार्मिक महत्व भी है। बाइबिल में बताई गई जन्म कथा, बेथलहम में विनम्र जन्म के बारे में बताती है, जिसमें आशा, प्रेम और मोक्ष के विषयों पर जोर दिया गया है।

अपनी धार्मिक जड़ों के अलावा यह त्यौहार सामाजिक आस्था और प्रेम के निर्माण में भी महत्व रखता है। प्रतिष्ठित क्रिसमस ट्री, अक्सर एक सदाबहार शंकुवृक्ष (Christmas tree), छुट्टियों के मौसम के दौरान सजाया जाने वाला प्राथमिक पेड़ है। यह पेड़ सर्दियों के महीनों के दौरान जीवन और आशा का प्रतीक है। परिवार अपना स्वयं का क्रिसमस ट्री लाते हैं और अपने बच्चों के साथ इसे रोशनी, आभूषणों और टिनसेल से सजाते हैं। रिमझिम रोशनी पेड़ को रोशन करती है, और रंग-बिरंगे आभूषण उत्सव का माहौल जोड़ते हैं।

क्रिसमस चिंतन और कृतज्ञता के अवसर के रूप में कार्य करता है। यह व्यक्तियों को अपने जीवन में आशीर्वाद की सराहना करने और कम भाग्यशाली लोगों पर दया करने के लिए प्रेरित करता है। कैरोल्स, उत्सव समारोहों और प्रेम की अभिव्यक्ति के माध्यम से खुशियाँ फैलाने की परंपरा इस विचार को पुष्ट करती है कि क्रिसमस गर्मजोशी और एकजुटता का मौसम है।

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  • परिवार कैसे क्रिसमस मनाता है? + परिवार क्रिसमस को विशेष भोजन, उपहारों का आदान-प्रदान और उत्सवी गतिविधियों में एक साथ आकर मनाता है। सजावटें, कैरोल गायन, और धार्मिक सेवाओं को महत्वपूर्ण परंपराएं हैं।
  • क्रिसमस का महत्व क्या है? + क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म की स्मृति के रूप में है, जो प्रेम, शांति और अच्छाइयों के विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा, यह एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है जो पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
  • क्रिसमस ट्री को सजाने का कारण क्या है? + क्रिसमस ट्री को सजाना एक उत्सव सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। रौंगतें, आभूषण और टिंसल खुशी के समय का प्रतीक हैं, जबकि एक ट्री टॉपर अक्सर बेतलहम की मार्गदर्शिका को प्रतिष्ठानित करता है।
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क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): मानव सृष्टि का श्रेष्ठ प्राणी है. वह समाज में रहना पसंद करता है. अगर समाज में हर कोई एक दूसरे का सहयोग करें तो शांति स्थापित हो सकती है. लोगों में एकता होगी. कभी-कभी किसी कारण से समाज में अराजकता होती है. सामाजिक माहौल बिगड़ता है. यह सब देख कर हमारे पूर्वजों ने इसे ठीक करने की सोची. दूरदर्शिता का उपयोग करके धर्म के सिद्धांत कानून के भीतर लोगों को रखने की कोशिश की. सफल भी हुए. समाज से पूर्वाग्रह और अंधविश्वास को मिटाने का भी प्रयास किया गया. समय के साथ सामाजिक व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न धर्मों ने सही की ओर कदम बढ़ाया है. ऐसा ही एक धर्म ईसाई धर्म है. समाज से शोषण, अन्याय, अत्याचार मिटाने के लिए प्रभु यीशु मसीह आविर्भाव हुए. जिस दिन उनका जन्म हुआ उस दिन पवित्र क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है. और वह दिन है दिसंबर महीना का 25 तारीख. इसे X-mas के नाम से भी जाना जाता है. तो चलिए क्रिसमस पर निबंध (Christmas essay in Hindi) की ओर बढ़ते हैं.

प्रस्तावना      

हालांकि मानव जाति एक है, पृथ्वी के पृष्ठ पर रहने वाले लोगों के बीच धार्मिक विश्वासों में अंतर देखा जाता है. हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और विभिन्न धर्मों अपने-अपने धर्मों की परंपराओं और सिद्धांतों के अनुसार विभिन्न त्योहारों को मनाते हैं. प्रत्येक भक्त अपने स्वयं के धर्म के प्रचलित सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करता है और जीवन पथ का अनुसरण करता है. ईसाई धर्म दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण धर्मों में से एक है. दुनिया के ज्यादातर देशों में ईसाई रहते हैं. वे यीशु मसीह को भगवान के रूप में पूजते हैं और उनके द्वारा रखे गए विभिन्न सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते हैं. वे विभिन्न त्योहार मनाते हैं. क्रिसमस उनमें से एक है. वैसे तो यह त्यौहार सभी देशों में मनाया जाता है, खासकर पश्चिमी देशों जैसे इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में ईसाई धर्म का प्रसार हुआ और वर्तमान में, भारत के सभी हिस्सों में बहुत ईसाई रहते हैं. इसलिए, क्रिसमस का त्यौहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है.

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. ईसाई धर्म के प्रचारक, प्रभु यीशु मसीह का जन्म इसी दिन हुआ था. प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाने के लिए ईसाई इस क्रिसमस को मनाते हैं. प्रभु यीशु एक महान व्यक्ति थे, मानव जाति के मार्गदर्शक थे. वह मनुष्य रूप के साथ पैदा हुए थे, लेकिन उसके पास सभी दिव्य गुण थे. समाज से अन्याय, अत्याचार और अपराध को नष्ट करके और सभी प्रकार के दुखों और कष्टों को दूर करके पृथ्वी के अंदर सच्चाई, प्रेम और शांति स्थापित करने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था. उनकी यह सब काम उनके अनुयायियों को बारीकी से प्रेरित करने में सक्षम थी. उनका जन्म यरूशलेम के पास बेथलेहम में एक सामान्य परिवार में हुआ था. उनका प्रारंभिक बचपन ईश्वरीय व्यवहार से चिह्नित था. उनके व्यक्तित्व और आदर्शों की महानता से ईर्ष्या होकर, कई लोग ने उनसे शत्रुतापूर्ण व्यवहार करते थे.

क्रिसमस के लिए तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है. इस अवसर पर, ईसाई अपने घरों और पूजा स्थलों को साफ करते हैं. विभिन्न प्रकार के रंगीन कागज और चित्रों से चर्च को सजाते हैं जो इसके वातावरण को बहुत आकर्षक और लुभावना बनाते हैं. रात के आगमन के साथ, चर्च अधिक सुंदर दिखता है. क्रिसमस के मौके पर ईसाइयों अपने घरों को सजाते हैं. इस त्योहार का मुख्य आकर्षण क्रिसमस का पेड़ (क्रिसमस ट्री) है. यह क्रिसमस का पेड़ इस अवसर पर प्रत्येक ईसाई परिवार में लगाया जाता है. क्रिसमस ट्री के शरीर को जानवरों, पक्षियों, फूलों, फलों के चित्रों और विभिन्न खिलौनों से सजाया जाता है. रात में पेड़ की शाखाओं को रोशन करने के लिए मोमबत्ती या प्रकाश बल्ब जलाए जाते हैं. प्रत्येक परिवार के सदस्य अपने घर में क्रिसमस के पेड़ को अधिक आकर्षक बनाने के लिए ध्यान रखते हैं. इस दिन परिवार, दोस्त और रिश्तेदार एक साथ होकर प्रभु यीशु से प्रार्थना करते हैं. चर्चों में भी बहुत भीड़ होती है. हर कोई यहाँ आयोजित प्रार्थना सभा में जाता है और समाज की भलाई के लिए प्रभु यीशु से प्रार्थना करता है. हालांकि यह त्योहार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन यह शहरी क्षेत्रों में शानदार तरीके से मनाया जाता है.

क्रिसमस का महत्व

यह त्योहार दोस्ती और भाईचारे का प्रतीक है. इस अवसर पर, ईसाइयों एक-दूसरे को उपहार देते हैं और बधाई देते हैं. इससे उनकी आत्मीयता और रिश्तेदारी मजबूत होती है. ईसाइयों क्रिसमस दिवस पर यीशु मसीह के आदर्शों और बलिदानों का जश्न मनाते हैं. इसलिए यह त्योहार उन्हें निस्वार्थ सेवा और परोपकारी जैसे महान गुणों के लिए प्रेरित करता है.

मनोरंजन कार्यक्रम

ईसाईयों के लिए क्रिसमस एक लोकप्रिय और भव्य त्योहार है. यह त्योहार मनाने और दावतों और मनोरंजन के लिए ईसाई लोग बहुत पैसा खर्च करते हैं. ईसाई गृहिणियां विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करती हैं और अपने परिवार, दोस्तों और आमंत्रित मेहमानों को खिलाती हैं. इस अवसर पर कई स्थानों पर नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस तरह के आनंद के साथ क्रिसमस मनाया जाता है.

भले ही लोग अलग-अलग धर्मों के अधीन हैं, लेकिन दुनिया भर में मानव जाति एक ही है. ईश्वर की रचना में सभी समान हैं. जाति, धर्म या रंग की परवाह किए बिना सभी मनुष्यों के बीच सामंजस्य रहने से पृथ्वी पर शांति स्थापित की जा सकती है. यदि विभिन्न त्योहारों के दौरान हर कोई इसका अर्थ महसूस कर सकता है, तो दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित होने के साथ विभिन्न धर्मों के लोगों का शांतिपूर्ण सहअस्तित्व संभव होगा.

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तो, ये था क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi). उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आया होगा. अगर आपको क्रिसमस के बारे में और कुछ जानकारी है, तो हमे comment करके जरूर बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.

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क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi

essay on x mas in hindi

Christmas Essay In Points

1. क्रिसमस को ईसा मसीह यीसू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है यीसू जी का जन्म 25 दिसम्बर को ठीक रात के बारह बजे हुआ था। 2. क्रिसमस की महिमा बहुत ऊँची होती है इसी वजह से इसे बड़ा दिन कहा जाता है। 3. क्रिसमस ईसाइयों का त्यौहार है यह पूरे विश्व में 25 दिसंबर को धूम-धाम से मनाया जाता है। 4. 24 दिसम्बर की रात को 12 बजे 25 दिसम्बर के दिन की शुरुआत होते ही सारे गिरजाघरों के घंटे बजने लगते हैं। उसके बाद सभी गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएँ होती हैं। इन प्रार्थना सभा में सभी लोग प्रार्थना करते हैं और एक-दुसरे को बधाई देते हैं और इस पर्व को शुरू करते हैं। 5. इसे प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। 6. इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय और दूसरे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान आदि बंद रहते है। पूरे दिन ढेर सारे क्रिया-कलापों द्वारा क्रिसमस अवकाश के रुप में लोग इसका आनन्द उठाते है। 7. क्रिसमस का त्यौहार व्यापारियों के लिए सबसे ज्यादा मुनाफा वाला समय होता है। इस दौरान लोग बहुत जादा खरीददारी करतें हैं जिससे व्यापारियों को बहुत मुनाफा होता है 8. क्रिसमस आनंद एवं खुशियों का त्यौहार है। इस दिन को लोग देर रात तक नृत्य-संगीत में झूम कर या मॉल और रेस्टोरेंट में जाकर मनाते है। 9. ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईशू की पूजा भी करते है। इस अवसर पर ईसाई अपने मित्रों और निकट सम्बन्धियों को भोजन एवं पार्टी के लिए आमंत्रित करते है। यह लोगों को आपस में एक होने का त्यौहार है। 10. क्रिसमस आने से कुछ दिन पहले ही लोग घरों को सजाने और साफ-सफाई करने में लग जाते हैं। 11. 24 तारीख को ही रात को ईसा मसीह के आने की ख़ुशी में घरों को रौशनी से जगमगा देते हैं। 12. इस दिन स्त्री , पुरुष , बच्चे और वृद्ध सभी लोग अपने समर्थ के अनुसार नये कपड़े बनवाते हैं। 13. इस दिन घर में नए सामान को लाने की भी परम्परा है। 14. इस दिन घरों में मिठाईयां और अच्छे-अच्छे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और इस दिन के अवसर पर एक-दुसरे के घर में मिठाईयां बांटी जाती हैं। 15. इस दिन लोग घर-घर जाकर और गाने गाकर इस शुभ संदेश को देते हैं। 16. इस दिन बच्चे बड़े प्यार से सेंटाक्लॉंस को बहुत अधिक याद करते हैं। लोग सेंटाक्लॉंस बनकर बच्चों को गिफ्ट देते हैं जिससे बच्चे बहुत खुश हो जाते हैं। 17. क्रिसमस को मनाने का मूल उद्देश्य महान युवक ईसा मसीह जी को याद करना है जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार माने जाते थे।

Christmas Essay In Details

भूमिका : संसार में कुछ त्यौहारों को महान पुरुषों के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। बड़े दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। धरती पर प्रभु यीसू के जन्म की खुशियों में यह पर्व सारे विश्व में मनाया जाता है। दीन-दुखियों के दर्द को समझने वाले इस महान पुरुष के जन्मदिन को 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।

तात्पर्य व स्वरूप : प्रभु यीसू के जन्मदिन को बड़ा दिन या क्रिसमस के रुप में मनाया जाता है। अगर देखा जाये तो यह दिन महत्व की दृष्टि से सबसे बड़ा होता है। बड़े दिन की महिमा बहुत ऊँची होती है इसी वजह से इसे बड़ा दिन कहा जाता है। आज के दिन प्रभु यीसू का जन्म होने की वजह से यह दिन सबके लिए बहुत सौभाग्य का दिन था। इस दिन को पूरे संसार में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

बाइबल की कथा : बाइबिल की कथा के अनुसार नाजरेथ नगर में एक युसूफ नामक के व्यक्ति रहते थे। उनके साथ मरियम नामक लडकी की सगाई हुई थी। एक दिन सपने में एक दूत ने मरियम से कहा था कि आप पर प्रभु की कृपा है। आप गर्भवती होंगी और एक पुत्र को जन्म देंगी जिसका नाम ईसा रखा जायेगा।

वे बहुत महान होंगे और उन्हें प्रभु के पुत्र के नाम से जाना जायेगा। कुछ समय के बाद वहां के शासक ने जनगणना का आदेश दिया था। जब युसूफ और मरियम वैतलहम में नाम लिखवाकर वापस लौट रहे थे तो मरियम को प्रसव पीड़ा होने लगी।

मरियम ने घोड़ों के तबेले में संसार के महान बालक ईसा को जन्म दिया था। वह चरवाहों का क्षेत्र था। वहाँ पर चरवाहे रात के समय अपने जानवरों की सुरक्षा के लिए जागे रहते थे। एक स्वर्गदूत ने उन चरवाहों से कहा कि वैतलहम में तुम्हारे मुक्तदाता ईसा मसीह का जन्म हो चुका है।

उसने कहा कि तुम्हे लड़का कपड़े और चीरना में लेटा हुआ मिलेगा। उसी को मसीह समझो। चरवाहे स्वर्गदूत से डर गये थे लेकिन उसकी घोषणा पर बहुत खुश हुए थे। वे सब उसी समय वैतलहम के लिए चल दिए उन्होंने मरियम, युसूफ और बालक को देखा था।

बालक का जन्म : एक बार राजा के आदेश से जनगणना के लिए मरियम और उसके मंगेतर युसूफ दोनों वैतलहम नामक शहर में आये। वहाँ के सभी सराय और घर भर चुके थे इसलिए मरियम को एक गरीब आदमी ने एक जानवरों के रहने के स्थान में जगह दी थी, उसी जगह पर यीसू का जन्म हुआ था।

इस तरह से यीसू का जन्म किसी राजमहल में नहीं हुआ था बल्कि एक ऐसी जगह पर हुआ था मनुष्य के रहने के लिए नहीं बल्कि जानवरों के रहने के लिए थी क्योंकि संसार के प्रभु ने गरीबी में जन्म लेना अच्छा समझा होगा। जिस दिन यीसू का जन्म हुआ था उस दिन आकाश में एक तारा उदित हुआ था।

यीसू को गरीबों का हित करके गरीबों के दर्जे को उपर उठाना था। इसी वजह से इस महान मानव के इस दुनिया में आने की ख़ुशी में 25 दिसम्बर को बड़े दिन के रूप में मनाया जाता है। लेकिन यह पर्व सिर्फ ईसाई ही नहीं बल्कि हर जाति और घर्म के लीगों के लिए बहुत ख़ुशी का दिन है।

नामकरण : जन्म के आठवें दिन उस बालक का नाम जीसस क्राईस्ट और यीसू रखा गया था वो बाद में ईसा मसीह जी के नाम से जाने जाने लगे थे। वह बालक दिव्य था। उस बालक ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही शास्त्रार्थ में बड़े-बड़े ज्ञानियों को परास्त कर दिया था।

ईसा मसीह जी के बहुत से साल पर्यटन , चिन्तन-मनन और ओ एकांतवास में बीते थे। कई सालों की अथक तपस्या के बाद ही ईसा मसीह जी अपनी शुद्ध आत्मा के साथ गलीलिया लौटे थे। ईसा मसीह जी का यश पुरे देश में सुगंध की तरह फ़ैल गया था। वे सभागारों के बीच ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद उद्बोधन देने लगे थे।

दीन-दुखियों का सहायक : ईसा मसीह जी ने अनेक दुःखियों, रोगियों और पीड़ितों के दुखों को दूर किया था और उन्हें सांत्वना प्रदान की थी। ईसा मसीह जी ने अज्ञानियों को ज्ञान दिया था और अंधों को आँखें दी थीं। सभी लोगों ने इस बात पर पूर्ण विश्वास कर लिया था कि ईसा मसीह जी प्रभु के पुत्र हैं।

ईसा मसीह जी ने अपने समय में अन्चारों और पापों से देश को मुक्त किया था और गिरजाघरों को भी पवित्र करवाया था। ईसा मसीह जी ने दूसरों के दुखों को दूर करने के लिए खुद को सूली पर चढ़ा दिया था। वे दूसरों को हमेशा खुश रहने की प्रेरणा देते थे। पाप तथा पुन्य के बीच के अंतर को भी उन्होंने बहुत ही अच्छी तरह से समझाया था।

विरोधी : जिस तरह से ईसा मसीह जी का प्रभाव बढ़ता जा रहा था इस बात से तत्कालीन राजा बहुत चिंता में पड़ गये थे। उन्होंने जलन की वजह से ईसा को अपराधी बनाकर सभा में पेश करवाया। सभाध्यक्ष ईसा को निर्दोष मानकर उन्हें बन्धनमुक्त कराना चाहते थे।

सभाध्यक्ष के सामने कोई भी विकल्प नहीं था। उसने ईसा को सैनिकों के हवाले कर दिया था। ईसा मसीह जी को क्रूस का दंड दिया गया था। उनके सर पर काँटों का किरीट और हाथ-पांव पर कीलें थीं। ईसा मसीह जी के अंगों से खून बहने लगा था। ईसा जी को इस दशा में देखकर जनता बुरी तरह से रोने लगी थी। ईसा जी ने लोगों को सांत्वना दी थी। शुक्रवार को ईसा मसीह ने अपने प्राणों को त्यागा था।

त्यौहार का मनाना : क्रिसमस आने से कुछ दिन पहले ही लोग घरों को सजाने और साफ-सफाई करने में लग जाते हैं। ईसा मसीह जी के बाद उनके शिष्यों ने इस दिन को बहुत ही ख़ुशी के साथ मनाने लगे थे। तभी से यह पर्व हर साल 25 दिसम्बर को यीसू जन्म दिवस के रूप में मनाने की परम्परा बन गयी थी। जब 24 दिसम्बर की रात को 12 बजे जब 25 दिसम्बर के दिन की शुरुआत होती है तब सरे गिरजेघरों के घंटे बजने लगते हैं।

ये घंटे बजकर ख़ुशी का शुभ संदेश देते हैं। घंटों की ध्वनि के साथ सब श्रद्धालुओं के ह्रदय के तार आह्लाद के साथ झंकृत हो जाते हैं। गिरजाघरों के घंटों की यह ध्वनि प्रभु यीसू के जन्म का संदेश देती है। उसके बाद सभी गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएँ होती हैं। इन प्रार्थना सभाओं में सभी जन शामिल होते हैं।

इन प्रार्थना सभा में सभी लोग प्रार्थना करते हैं और एक-दुसरे को बधाई देते हैं और इस पर्व को शुरू करते हैं। 25 दिसम्बर के शुरू होते ही यह त्यौहार मनाना शुरू हो जाता है। क्योंकि यह धारणा है कि ईसा मसीह का जन्म ठीक रात के बारह बजे हुआ था। यह दिन बहुत ही शुद्ध और पवित्र होता है।

खासकर ईसाई लोग 25 दिसम्बर को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। 24 तारीख को ही रात को ईसा मसीह के आने की ख़ुशी में घरों को रौशनी से जगमगा देते हैं। इस दिन स्त्री , पुरुष , बच्चे और वृद्ध सभी लोग अपने समर्थ के अनुसार नये कपड़े बनवाते हैं। इस दिन घर में नए सामान को लाने की भी परम्परा है।

इस दिन घरों में मिठाईयां और अच्छे-अच्छे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन के अवसर पर एक-दुसरे के घर में मिठाईयां बांटी जाती हैं। इस दिन सभी घरों में बहुत चहल-पहल होती है। गिरजाघरों की शोभा का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है। इस दिन लोग घर-घर जाकर और गाने गाकर इस शुभ संदेश को देते हैं।

प्रेम व बन्धुत्व का पर्व : बड़ा दिन प्रेम और प्यार का दिन होता है जो सब लोगों को ईसा के प्यार का संदेश देता है। इस दिन लोग घर-घर जाकर एक-दुसरे को बधाई देते हैं। अन्य धर्म के लोग भी अपने ईसाई भाईयों को बड़े दिन की बधाई देने के लिए उनके घर जाते हैं और उनके गले मिलते हैं।

इस दिन ईसा मसीह जी ने धरती पर आकर सभी को प्यार का संदेश दिया था। उन्होंने पृथ्वी पर दुखी आत्माओं को प्यार की अमृत बूंद से शांति दी थी। इस दिन बच्चे बड़े प्यार से सेंटाक्लॉंस को बहुत अधिक याद करते हैं। लम्बे बालों , सफेद लम्बी दाड़ी और रंग-बिरंगे वस्त्र पहनने वाले सेंटाक्लॉंस इस दिन सभी को उपहार देने जरुर आते हैं। भूत से लोग सेंटाक्लॉंस बनकर बच्चों को गिफ्ट देते हैं जिससे बच्चे बहुत खुश हो जाते हैं।

उपसंहार : क्रिसमस को मनाने का मूल उद्देश्य महान युवक ईसा मसीह जी को याद करना है जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार माने जाते थे। विश्व में ईसा मसीह जी के जन्म से दिव्य संदेश से विश्व शांति की प्रेरणा मिलती है।

इस पर्व का फल तभी सफल होगा जब लोग इसके संदेशों को अपने जीवन में अपनाएंगे। ईसा मसीह जी ने लड़ना नहीं सिखाया था , उन्होंने जोड़ना सिखाया था, प्यार करना सिखाया था , और सबको सहनशीलता का पथ भी पढ़ाया था। हम सब लोग प्रभु यीसू को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं।

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Essay on christmas in hindi क्रिसमस पर निबंध हिंदी में.

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Essay on Christmas in Hindi 200 Words

क्रिसमस पर निबंध

क्रिश्चयन के लिए क्रिसमस एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हैं, हालांकि दुनिया भर के अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी यह मनाया जाता है। यह एक प्राचीन त्यौहार है जो सर्दियों के मौसम में वर्षों से मनाया जाता है। यह हर साल 25 दिसम्बर को पड़ता हैं। यह यीशु मसीह की जयंती पर मनाया जाता है। क्रिसमस की मध्य रात में सांता क्लॉस द्वारा परिवार के सभी सदस्यों में उपहार वितरित करने की एक बड़ी परंपरा है। सांता रात में हर किसी के घर जाता है और सभी बच्चों को विशेष रूप से मजेदार उपहार देता है। बच्चे उत्सुकता से इस दिन और सांता के उपहार की प्रतीक्षा करते हैं। वे अपने माता-पिता से पूछते हैं कि कब सांता आएगा और आखिरकार उनकी प्रतीक्षा 12 बजे खत्म होती है कई उपहारों के साथ।

परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मिठाई, चॉकलेट, ग्रीटिंग कार्ड, क्रिसमस पेड, सजावटी चीजे आदि जैसे उपहार देने की परंपरा भी है। लोग बड़े जुनून के साथ महीने की शुरूआत में ही तैयारी शुरू करते है। प्रत्येक व्यक्ति गायन, नृत्य, पार्टी और एक दूसरे के साथ बैठक करके क्रिसमस की छुट्टियों का आनंद लेता हैं। यीशु मसीह ईसाई धर्म के संस्थापक की जयंती पर इस उत्सव का जश्न क्रिश्चयन लोग मनाते हैं। लोग मानते हैं कि मानव जाति को बचाने के लिए यीशु मसीह को पृथ्वी पर भेजा गया था।

Essay on Christmas in Hindi 300 Words

क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। जिसे ईसाई समुदाय द्वारा ठंड के मौसम में मनाया जाता है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। जिन्हें हम जीसस क्राइस्ट भी कहते हैं। इस दिन का ईसाई लोग बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं।

यह त्योहार विश्वभर में फैले हुए ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है तथा ईसा मसीह द्वारा बताए हुए मार्गों व उच्च आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

इस त्यौहार पर सभी एक सांस्कृतिक अवकाश का लुफ्त उठाते है तथा इस दिन सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय आदि अवकाश रहता है। ताकि इस त्यौहार को धमधाम मना सकें। वैसे कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालयों में भी ये त्यौहार मनाया जाता है।

इस उत्सव को लोग बहुत उत्साह और ढेर सारी तैयारीयों तथा सजावट के साथ मनाते है। सभी लोग अपने-अपने घरों और गिरजाघरों को सजाते हैं। सभी अपने घरों में क्रिसमस ट्री रखते हैं और इसे रंगबिरंगे सितारों से सजाते हैं। क्योंकि 24 दिसम्बर को ठीक अधरात्रि (आधी रात) के बाद अर्थात 25 दिसम्बर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था| रात्रि के ठीक 12 बजे लोग गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए जाते हैं। उसके बाद क्रिसमस का त्यौहार शुरू हो जाता है। रात्रि 1 बजे से 25 दिसम्बर को बड़ा दिन शुरू हो जाता है। सभी ईसाई अनुयायी एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते है और मिठाई खिलाते हैं। इस त्यौहार का बच्चे भी बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्यूंकि क्रिसमस के पर्व के दिन सांताक्लॉज आते हैं जो बच्चों को ढेर सारा उपहार देते है। सांताक्लॉज को देख बच्चे बहुत प्रसन्न होते है। यह पर्व हमें सच्चाई और सदभावना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

Essay on Christmas in Hindi 400 Words

सोचिए, किसी दिन आप सुबह नींद से जागें और आपके तकिए के नीचे लाल-हरी चमकीली पन्नी में लिपटा कोई तोहफा रखा हो। स्कूल की छुट्टी हो, केक, चॉकलेट्स और स्वादिष्ट पकवान खाने को मिलें और पूरा घर सुंदर झालरों और बल्बों से सजा हो। ठीक ऐसा ही होता है, 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के दिन! यह दिन पूरी दुनिया में जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह ईसाइयों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। भारत में इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहते हैं। नए टेस्टामेंट में एक कहानी है। प्रभु ने मैरी के पास अपने देवदूत गैब्रियल को भेजा। गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र जीसस को जन्म देगी। वह बड़ा होकर राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी।

एक दिन बेथलेहेम जाते समय मैरी ने आधी रात को एक अस्तबल में जीसस को जन्म दिया। इसलिए क्रिसमस समारोह आधी रात के बाद शुरू होता है। माना जाता है कि ईश्वर ने इस संसार को बनाया है। और वे अपने दूतों के जरिए लोगों को संदेश देते हैं। जीसस भी ईश्वर के एक ऐसे ही दूतं माने जाते हैं। उन्होंने लोगों को बताया कि ईश्वर सभी से समान रूप से प्यार करते हैं और हमें भी सबसे प्यार और सबकी मदद करनी चाहिए। यही ईश्वर की सच्ची सेवा है। क्रिसमस का त्योहार हमें यही संदेश देता है।

माना जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस रोम में मनाया गया था। क्रिसमस की तैयारियाँ कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घर और दुकानें सजाई जाती हैं। तरह-तरह के केक, मिठाइयाँ बनाए जाते हैं। घरों में क्रिसमस ट्री लगाने और उसे खूब सुंदर सजाने का भी रिवाज है। चर्च में मोमबत्तियाँ जलाकर सामूहिक प्रार्थना की जाती है। नए कपड़े पहन बच्चे ड्रम्स और बाजों के साथ चमकीली छड़ियाँ थाम नृत्य करते हैं। सेंट बेनेडिक्ट यानी हमारे प्यारे सांता क्लॉज लाल और सफेद कपड़ों में रेडियर पर सवार होकर आते हैं और सब बच्चों के लिए उपहार लाते हैं। लोग एक-दूसरे को केक और उपहार बाँटते हैं। यह त्योहार सुख, शांति और खुशहाली का प्रतीक है।

Essay on Christmas in Hindi 500 Words

‘क्रिसमस’ ईसाइयों का प्रसिद्द त्यौहार है। यह 25 दिसंबर को प्रति वर्ष सम्पूर्ण विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस का त्यौहार ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ईसा मसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा मसीह को इस्लाम के अज़ीम तरीन पेगमबरों में से एक माना जाता है। वे संसार के दीन-दुखियों का दुःख दूर करने तथा ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को दूसरों के समक्ष प्रकट करने हेतु अवतरित हुए थे। प्रारंभ में उन्हें अनेक कठिनाइयाँ का सामना करना पड़ा परंतु धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से संसार में व्याप्त अंधविश्वास, अज्ञानता, दुख आदि को दूर करने का प्रयास किया।

ईसा मसीह के बारे में कहा जाता है कि यहूदियों को ईसा की बढ़ती लोकप्रियता से तकलीफ होने लगी। उन्हें लगने लगा कि ईसा उनसे सत्ता छीन सकते है इसलिए साजिश के तहत इन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। ईसाइयों का विश्वास है कि प्रभु ईसा मसीह अपने कथनानुसार तीसरे दिन पुनः जीवित हो गए थे। उन्होंने बड़े-बड़े चमत्कार किए, जो किसी इंसान के बस की बात नहीं क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उसे परमेश्वर से मिली थी।

यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा और खुशी का त्योहार है, इस कारण इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशहरा तथा दीपावली का है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय आदि में अवकाश होता है। इस उत्सव के आगमन से पहले ही लोग खूब तैयारीयों के साथ अपने घरों और चर्च आदि को सजाते है। लोग डिनर पार्टी की तैयारी करते है। इस खास मौके पर ढेर सारे लजीज़ व्यंजन, मिठाई, आदि बनाकर डाईनिंग टेबल पर लगाते है। सभी लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है, नृत्य करते है, गाते है, और धूमधाम के साथ खुशी मनाते है। इस त्योहार पर ‘क्रिसमस-ट्री’ सजाने का विशेष महत्व है । यूरोपीय देशों में तो इसकी सजावट व भव्यता देखने लायक होती है। परिवार के सभी सदस्य इस दिन ‘क्रिसमस-ट्री’ के चारों और एकत्रित होते हैं। सभी मिलकर प्रभु ईसा मसीह का स्तुतिगान तथा प्रार्थना करते है और अपनी सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, तथा ठीक 12 बजे एक-दूसरे को केक खिलाकर त्यौहार की बधाई देते हैं। बच्चो के लिए यह दिन ओर बेहतरीन बनाने के लिए सांता आता है और उनमे कई तरीके की मिठाई तथा उपहार बाट के जाता है।

प्रभु ईसा मसीह ने सादा जीवन व्यतीत करते हुए भी जो उच्च आदर्श इस संसार के सम्मुख रखे हैं वे आज भी अनुकरणीय हैं तथा आने वाले समय में भी अनुकरणीय रहेंगे। ईसा मसीह ने अपना सर्वस्व परमेश्वर के लिए समर्पित कर दिया था। संसार में व्याप्त दुख, विषमताओं तथा अज्ञानता को दूर करने के लिए वे सदैव प्रयासरत रहे।

यह त्योहार सभी के हृदयों में पवित्रता की भावना लाता है तथा हमें प्रेरित करता है कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने पर भी हमें सत्मार्ग का त्याग नहीं करना चाहिए तथा दूसरों को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

Essay on Christmas in Hindi 600 Words

रूपरेखा : ईसा मसीह का जन्मदिन, ईसा का जीवन, ईसा का अलौकिक रूप, विश्व भर में ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार, क्रिसमस को मनाने का ढंग, क्रिसमस का वर्तमान रूप।

विश्व भर में ईसा मसीह का जन्मदिन ‘क्रिसमस’ नाम से जाना जाता है। ईसा मसीह का जन्म प्रतिवर्ष पच्चीस दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है।

ईसाइयों के धर्म-ग्रंथ ‘बाइबिल’ में ईसा मसीह की जन्मकथा विस्तार से वर्णित है। ‘बाइबिल’ के अनुसार नज़रेथ नगर (फिलिस्तीन) में यूसुफ़ नाम का एक व्यक्ति था, जिसके साथ मरियम नामक कन्या की मँगनी (सगाई) हुई थी। एक दिन मरियम को स्वर्ग-दूत ने दर्शन देकर कहा, आप पर प्रभु की कृपा है। आप गर्भवती होंगी, पुत्र रत्न को जन्म देंगी तथा नवजात शिशु का नाम ‘ईसा’ रखेंगी। वे महान होंगे। प्रभु के सर्वोच्च पुत्र कहलाएँगे।”

कुछ समय बाद वहाँ के शासक ने अपने राज्य में जनगणना के आदेश दिए। यूसुफ़ और मरियम ‘बेथेलहेम’ नगर में नाम लिखवाकर लौट रहे थे कि मार्ग में मरियम को प्रसव पीडा होने लगी। संयोग से एक सराय के मालिक ने उन्हें सराय में जगह दे दी। वहीं मरियम ने इस अदभर बालक को अस्तबल की चरनी (पशुओं के लिए चारा डालने वाली जगह) में जन्म दिया। मरियम को स्वर्ग-दत से मिला संदेश सच निकला। बालक ईसा के जन्म का पवित्र दिन क्रिसमस की खुशियों के साथ मनाया जाने लगा।

‘क्रिसमस’ विश्व भर के ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। क्रिसमस के अवसर पर ईसा मसीह का समरण बड़े प्रेम और हर्ष के साथ किया जाता है। इस दिन क्रिसमस के स्तुतिगीत (केरॉल) गाते हुए लोग घर-घर पहुँचते हैं। बालक ईसा के जन्म पर स्वर्गाटनों ने जो गीत गया था। वही सबसे पहला ‘क्रिसमस कैरॉल’ माना जाता है।

क्रिसमस के अवसर पर ईसाई धर्मावलंबी अपने-अपने घरों में क्रिसमस पेड़ और क्रिसमस तारे की सजावट करते हैं। क्रिसमस पेड़ लगाने का प्रारंभ जर्मनी में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म के समय प्रकट हुए तारे की स्मृति में तारा सजाया जाता है। चरनी का रूप बनाकर उस पर इसा और मरियम की मूर्तियाँ भी सजाई जाती हैं। विशेष प्रार्थनाओं और गीत-संगीत के कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जाता है। ईसाई बंधुओं के घरों में क्रिसमस-केक बनाए जाते हैं, जिन्हें ये लोग मित्रों में भेंट स्वरूप बाँटते हैं।

क्रिसमस के दिन सारे विश्व के गिरजाघर अपनी अनोखी सजावट और रोशनी के कारण आकर्षण के केंद्र बन जाते हैं।

क्रिसमस के दिन नववर्ष के समान ही विश्व भर में ईसाई जन परस्पर शुभकामनाएँ भी प्रेषित करते हैं। अब क्रिसमस कार्ड का प्रयोग धीरे-धीरे समूचे विश्व में होने लगा है। यों तो सारे संसार में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, किंतु वेटिकन नगर में क्रिसमस का उत्सव अत्यंत आकर्षक होता है। यही कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्माधिकारी पोप का निवास स्थान है।

वस्तुतः क्रिसमस मनाने का मूल उद्देश्य ईसा मसीह का पावन स्मरण है, जो दया, प्रेम, क्षमा और धैर्य के अवतार थे। ईसा मसीह के दिव्य संदेश से हर व्यक्ति को विश्व शांति की प्रेरणा मिलती है।

मानवता के मसीहा का जन्मदिन दुनिया को करुणा और प्रेम के अपने संदेश से सदा अच्छा मानव बनने की प्रेरणा देता रहेगा – अभी दिलों में गूंज रहा है, क्रिसमस का पावन संदेश। ईसा सदा रहेंगे ज़िंदा, धर कर करुणा, प्रेम का वेश।

Essay on Christmas in Hindi 700 Words

भारत देश में अनेक जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें किसी भी व्यक्ति को कोई भी धर्म अपनाने की छूट है। हिन्दू, मुसलमान, सिख, इसाई सभी भारत में रहते हैं। इतने सारे धर्म और जातियों के होने पर भारत में समय-समय पर पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में क्रिसमस भी एक त्योहार है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है। यह त्योहार इसाइयों का एक पवित्र त्योहार है। जिस प्रकार हिन्दू समाज में जन्माष्टमी और रामनवमी का महत्व है, उसी प्रकार इसाई समुदाय में क्रिसमस का बहुत महत्व है। इसाई धर्म के लोग क्रिसमस को इसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार दिसम्बर महीने की 25 तारीख को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। विश्व के अधिकतर देशे इस पर्व को मनाते हैं। इसकाई समुदाय बड़े हर्ष और उल्लास के साथ क्रिसमस का पर्व मानाता है।

इस मसीह का जन्म बेतलहंम में हुआ था। इनके पिता का नाम जोसफ और माता का सिमरियम था। इनके पिता ज़ाति से यहूदी थे और अपनी पत्नी मरियम के साथ आश्रय की तलाश में एक नगर से दूसरे नगर में भटक रहे थे। येरूशलम जाते हुए ये बेतलेहमाम गांव में थक गए।जहीं पर इसा मसीह का जन्म हुआ इसा मसीह के जन्म की खबर तीन धार्मिक पुरषो को मिली और ये खबर उन्हें एक दैवी शक्ति से प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि आसमान में एक जगमगाता तारा उगा और तीनों महात्मा उस तारे का पीछा करते-करते इसा मसीह के जन्मस्थल पर पहुँच गए। उस अलौकिक बालक को देखते ही उन महात्माओं ने उसके चरणों में सिर झुका दिए। इसी दिन को इसा मसीह के जन्मदिन के रूप में आज भी इसाई धर्म के लोग मनाते हैं।

क्रिसमस के दिन लोग अपने-अपने घरों को सजाते हैं। घर की छतों और दरवाजों पर तारेनुमा लाइटें लगाते हैं। इस दिन दुनिया भर में दुकानें सजाई जाती हैं। इस दिन प्रात: काल होते ही लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। एक -दूसरे को भेंट और उपहार प्रदान करने हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाईयाँ देते हैं। क्रिसमस का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास का उत्सव है। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और उसे तरह-तरह के खिलौनों और रोशनी से सजाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन घर पर क्रिसमस ट्री लगाना शुभ होता है। लोग घरों में केक, बिस्कुट और तरह-तरह की मिठाइयाँ बनाते हैं। शाम के समय प्रीतिभोज का आयोजन होता है जिसमें परिवार के समस्त सदस्यों के साथ-साथ समस्त मित्रगण भी सम्मिलित किए जाते हैं। संगीत, नृत्य का आयोजन किया जाता है। शाम से ही सब लोग संगीत और नृत्य की मस्ती में झूम जाते हैं। चारों ओर ‘मेरी क्रिसमस’ और ‘जिंगल बेल’ की धुन सुनाई देती है। पूरा माहौल हर्षोल्लास में डूबा हुआ होता है।

बच्चों के लिए भी यह त्योहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बच्चों को इस दिन सेंटाक्लाज का इंतजार रहता है, जो तरह-तरह के खिलौने और उपहार बच्चों के लिए लाते हैं। शहर की दुकानें और होटल पूरी तरह से जगमगा उठते हैं। बच्चे अपने माता-पिता के साथ घूमने जाते हैं। इसी दिन से विद्यालयों में सर्दी की छुट्टियां भी शुरू हो जाती हैं।

इसाई धर्म में यह क्रिसमस ही सबसे बड़ा त्योहार है जो साल में एक बार धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सद्भावना को बढ़ावा देता है और आपसी रंजिश भुलाकर एक-दूसरे की सहायता करने का भाव जाग्रत कराता है। क्रिसमस का पर्व सुख और शांति का वाहक है। लोगों में प्रेमभाव को जाग्रत करना ही भगवान इसा मसीह के जीवन का लक्ष्य था। अत: यह त्योहार भी प्रेम भाव का ही संदेश देता है। आजकल यह त्योहार न सिर्फ इसाई समुदाय मनाता है अपितु समस्त जाति और धर्म के लोग इस त्योहार को प्रेम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

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Short Essay on 'Christmas' in Hindi | 'Christmas' par Nibandh (170 Words)

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Hindi Essay on “Christmas”, “क्रिसमस”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

प्रत्येक धर्म के कुछ मुख्य त्योहार होते हैं जो उस धर्म के इतिहास से जुड़े हुए। होते हैं। ये त्योहार उस धर्म के रीति-रिवाज भी बताते हैं। हिंदुओं के मुख्य त्योहारों में है दीपावली, मुसलमानों का ईद और इसी तरह ईसाइयों का मुख्य त्योहार है क्रिसमस।

क्रिसमस का त्योहार, ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसाई धर्म के अनुसार 25 दिसंबर को एक गोशाला में ईसा मसीह का जन्म हुआ।

क्रिसमस का त्योहार विश्व में कई जगहों पर बहुत धूम-धाम से मनाया। जाता है। गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। घरों में क्रिसमस-ट्री को सजाया जाता है। इस दिन एक व्यक्ति सांता क्लॉज बनकर बच्चों को उपहार भी बाँटता है।

ईसा मसीह ने अपने जीवन में अनेक बेसहारों को सहारा दिया और उन्हें पीड़ामुक्त किया। हमें उनका उपदेश मानकर अपने आसपास के लोगों की सहायता करनी चाहिए और भाईचारा बढ़ाना चाहिए।

25 दिसम्बर को पूरे विश्व में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन अच्छे-अच्छे कपड़े पहन कर लोग चर्च में प्रार्थना करने जाते हैं। यह आनन्द मनाने और समारोह का समय होता है। लोग खरीदारी करते हैं, उपहार बांटते हैं और केक बनाते, खाते और खिलाते हैं।

त्योहार का आयोजन क्रिसमस से कुछ दिन पूर्व ही प्रारम्भ हो जाता है। और क्रिसमस से एक दिन पूर्व सायं तक यह अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सामूहिक गान गाते हैं और एक-दूसरे के घर जाते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर चर्च (गिरजाघरों) में सामूहिक प्रार्थनायें होती हैं।

गिरजाघरों में ईसा मसीह के जीवन की घटनाओं का चित्रण किया जाता है और उससे सम्बन्धित गीत गाये जाते हैं। कई जगह मेले लगाये जाते हैं और दुकानों को नये ढंग से सजाया जाता है। ईसाई लोग अपने घरों को सजाते हैं और बिजली के रंग-बिरंगे बल्ब जलाते हैं। बाज़ारों, गिरजाघरों और होटलों को भी सजाया जाता है और रोशनी की जाती है। घरों में ‘क्रिसमस ट्री’ को भी सजाये जाने का प्रचलन है।

इस अवसर पर परिवार इकट्ठे होकर समारोह मनाते हैं। हालांकि क्रिसमस ईसाइयों का त्योहार है मगर आज विश्व में सभी इसे मनाते हैं और इस दिन खुशियों के गीत गाते हैं।

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  1. 10 Lines Essay on Christmas in Hindi

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  2. Essay on Christmas in Hindi

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  3. Essay On Christmas Day In Hindi || Hindi Essay on Christmas 500 words

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  4. क्रिसमस पर 10 लाइन का निबंध/10 Lines Essay On Christmas In Hindi/Essay On Christmas In Hindi l

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  5. Christmas Poem In Hindi

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  6. 15 Lines Essay on Christmas in Hindi

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  4. The X Factor: Why The Winners Don't Succeed

  5. 10 Lines On Christmas in Hindi

COMMENTS

  1. क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi)

    Christmas par Nibandh Hindi mein. ... (Long and Short Essay on Christmas Festival 2021 in Hindi, Christmas par Nibandh Hindi mein) यहाँ मैंने क्रिसमस 2021 पर कुछ छोटे तथा कुछ बड़े निबंध दिए है, जो की बहुत ही सरल भाषा ...

  2. क्रिसमस पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Christmas

    Christmas Essay in Hindi - क्रिसमस पर निबंध छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण विषय है। क्रिसमस दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक त्योहारों में से एक है, जिसमें

  3. 10+ क्रिसमस पर निबंध

    10 Line Essay on Christmas in Hindi (1) क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। (2) क्रिसमस का आयोजन ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में किया जाता ...

  4. मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas

    Essay On My Favourite Festival Christmas In Hindi हमारा भारत देश पर्वों एवं त्योहारों का देश है यहाँ सभी धर्मों के त्योहार एवं उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं.

  5. क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में

    क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है ...

  6. क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi)

    क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) - क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख ...

  7. क्रिसमस पर अनुच्छेद लेखन

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  8. क्रिसमस पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    क्रिसमस भारत का एक जाना माना पर्व है। जो मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह हर साल दिसंबर के महीने में 25 तारीख को मनाया जाता है। इस ...

  9. क्रिसमस पर निबंध

    Essay (निबंध) Biography (जीवनी) More Topics (अन्य विषय) Menu Toggle. Grammar (व्याकरण) Story (कहानी) Quotes (उद्धरण) About Us - हमारे बारे में; क्रिसमस पर निबंध - Essay on Christmas in Hindi. By The Editor / May 19, 2024 .

  10. क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi

    क्रिसमस पर निबंध (Christmas Day Essay in Hindi): हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस पूरे ...

  11. essay on christmas : बड़ा दिन/ क्रिसमस पर हिन्दी निबंध

    क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। क्रिसमस का त्योहार ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। - essay on Christmas in ...

  12. क्रिसमस पर निबंध

    इसे X-mas के नाम से भी जाना जाता है. तो चलिए क्रिसमस पर निबंध(Christmas essay in Hindi) की ओर बढ़ते हैं. क्रिसमस पर निबंध - Essay on Christmas in Hindi प्रस्तावना

  13. 25 दिसंबर : क्रिसमस पर हिन्दी निबंध । Hindi Essay On Christmas

    Essay On Christmas In Hindi; Written By WD 25 दिसंबर : क्रिसमस पर हिन्दी निबंध . क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 ...

  14. क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi

    क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi Christmas Essay In Points 1. क्रिसमस को ईसा मसीह यीसू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है यीसू जी का जन्म 25 दिसम्बर को ठीक रात के बारह बजे हुआ ...

  15. क्रिसमस पर निबंध

    क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi). इस लेख में क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है के बारे में जानेंगे I Essay on Christmas in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

  16. Essay on Christmas in Hindi क्रिसमस पर निबंध हिंदी में

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  17. Short Essay on 'Christmas' in Hindi

    Short Essay on 'Importance of Water' in Hindi | 'Jal ka Mahatva' par Nibandh (245 Words) 6:00 AM Short Essay on 'Independence Day: 15 August' of India in Hindi | 'Swatantrata Diwas' par Nibandh (125 Words)

  18. Hindi Essay on "Christmas", "क्रिसमस", Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8

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  19. Christmas Essay in Hindi

    essay on sharad purnima : शरद पूर्णिमा हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार माना गया है। आश्‍विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि के बाद की इस माह पड़ने ...

  20. Dhanteras Essay in Hindi: 100, 250 और 500 शब्‍दों में धनतेरस पर निबंध

    Dhanteras 2024; Dhanteras Essay in Hindi: पूरे देश में दिवाली को लेकर उत्साह है। पांच दिवसीय दीपावली का त्योहार धनतेरस के साथ शुरू होता है। धनतेरस का पर्व घरों में धन, समृद्धि और ...

  21. Christmas Essay: क्रिसमस डे पर हिन्दी में निबंध

    क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। यह ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस ...