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फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi

जंक फ़ूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi

क्या आपको पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे बाहर का खाना अच्छा लगता है? क्या आप हर दिन जंक फ़ूड खाते हैं?

हर किसी मनुष्य के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य एक अच्छे जीवन को जीने के लिए बहुत ही जरूरी होता है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन अच्छा पौष्टिक भोजन और अच्छी आदतों का होना बहुत आवश्यक होता है।

आज के आधुनिक युग में लगभग सभी लोग जंक फूड खा रहे हैं क्योंकि यह बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, आसानी से हर जगह उपलब्ध होते है और कम दाम में भी मिलते हैं। पहले लोग जंक फ़ूड को कभी-कभी ही बाहर जाने पर खाया करते थे पर अब धीरे-धीरे लोग इसे अपने हर दिन का खाना बनाते जा रहे हैं जिसके कारण लोगों को कई प्रकार के स्वास्थ्य से जुडी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Table of Content

जंक फ़ूड क्या होता है? What is Junk food in hindi?

जंक फ़ूड में बहुत ज्यादा कैलोरी की मात्र होती है और विटामिन, प्रोटीन और मिनरल की मात्रा बहुत अधिक होती है। विटामिन और मिनरल जरूरत के अनुसार ही शरीर के लिए सही है। अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है।

इस बाहर में मिलने वाले ज्यादा कैलोरी वाले खाना का नाम जंक फ़ूड (Junk Food), माइकल ऍफ़ जकोब्सन ने साल 1972 में पहली बार दिया। देखने में जंक फ़ूड जितना सुन्दर होता है उतना ही ज्यादा यह शरीर के लिए खतरनाक होता है।

आज के दिन में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई व्यक्ति जंक फ़ूड खाने की आदत बना चुके हैं। अब जंक फ़ूड हर गली-मोहल्ले में मिलने लगा है और जन्मदिन या विवाह पार्टी का यह एक ज़रूरी हिस्सा बन चूका है।

जंक फ़ूड के कुछ मुख्य उदाहरण हैं कोल्ड ड्रिंक, नूडल, बर्गर, पिज़्ज़ा, चिप्स, नमकीन, मंचूरियन, समोसा, पकोड़े, केक, आइस-क्रीम, चॉकलेट, आदि। ऐसे ही और कई प्रकार के जंक फ़ूड आज हर जगह मौजूद हैं। इनमे से किसी भी प्रकार के जंक फ़ूड में पौष्टिक तत्व नहीं है जिससे शरीर को कुछ लाभ मिले।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम Effects of eating junk food in hindi

एक बात तो साफ़ है ज्यादा और लगातार जंक फ़ूड खाने से कई प्रकार के स्वास्थ्य प्रोब्लेम्स होते हैं। चलिए जानते हैं जंक फ़ूड के सेवन से शरीर को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है?

वजन बढना या मोटापा होना Obesity or Weight gain

पढ़ें : मोटापा कम करने के आसान उपाय

घर में बनानें वाले भोजन या अनाज में बहुत कम कैलोरी की मात्र होती है। जबकि फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड को बनाने में हर जगह बार-बार तेल, घी, बटर का उपयोग होता है जो शरीर के लिए कुछ हद तक ही ज़रूरी होता है।

दूरी बात आज के लोग अब पुराने ज़माने के लोगों जितना काम में पसीना नहीं बहाते हैं जिसके कारण वही तेल,घी या चर्बी युक्त भोजन उनके मोटापा का कारण बन जाता है और आप सब तो जानते हैं मोटापा शरीर में और कई प्रकार की बिमारियों का कारण बनता है।

हाइपरटेंशन Hypertension

पढ़ें : ग्रीन टी पीने के फायदे

जंक फ़ूड या फ़ास्ट फ़ूड में सबसे ज्यादा नमक का इस्तेमाल होता है। घर में बने हुए भोजन में हम ज़रुरत के अनुसार नमक की मात्रा का उपयोग करते हैं परन्त बाहर जंक फ़ूड में ज़रुरत से कई ज्यादा नमक की मात्रा मिलाई जाती हैं। आप लोगों को यह तो पता ही होगा ज्यादा नमक के सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता है और हाइपरटेंशन के रोगियों की हालत बहुत बिगड़ सकती है।

टाइफाइड Typhoid

जब आपके घर में आपकी माँ या पत्नी खाना बनाती है आपने देखा होगा वह सब्जियों, दाल, चावल को पहले कितना साफ़ से धोते और छांटते हैं। सड़े-गले सब्जियों को फैंक देते हैं और स्वच्छ तरीके से खाना बनाते हैं।

आपको क्या लगता है होटलों और फ़ास्ट फ़ूड सेंटर पर मिलने वाले जंक फ़ूड भी उतने ही स्वच्छ तरीके से बनाये जाते होंगे? जी नहीं ! एसा नहीं होता है। बहार मिलने वाले जंक फ़ूड सबसे ज्यादा गंदे या अस्वच्छ तरीके से बनाये जाते हैं जिनसे टाइफाइड, और डायरिया होने का खतरा रहता है।

ह्रदय से जुड़े रोग Heart Diseases

जंक फ़ूड को बनाने के लिए सबसे ज्यादा तेल का उपयोग किया जाता है। घर के भोजन में जरूरत के अनुसार हम तेल का उपयोग करते हैं। ज्यादा तेल और घी युक्त भोजन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है। इससे कई प्रकार के ह्रदय रोग होने का खतरा रहता है और ह्रदय के रोगियों के लिए जंक फ़ूड का सेवन करना जानलेवा साबित हो सकता है।

कुपोषण Malnutrition

एक बात तो सच है जंक फ़ूड खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं और भूख भी अच्छे से मिटाते हैं। लम्बे समय तक बिना पौष्टिक तत्वों वाले – फास्ट फूड या जंक फ़ूड पर निर्भर रहने वाले व्यक्तियों का भूख कम हो जाता है जिससे उनकी इच्छा घर का पौष्टिक खाना न खा कर जंक फ़ूड खाने की इच्छा करते हैं।

इससे लोगों को कुपोषण जैसे स्वास्थ्य मुश्किलों से गुज़रना पड़ सकता है। बच्चे कुपोषण का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं क्योंकि जंक फ़ूड के कारण उनका विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में हम बस इतना कहना चाहते हैं जंक फ़ूड एक महीने में एक बार ठीक है पर इसकी आदत बना स्वयं के शरीर को स्वयं बर्बाद करना है। इसलिए घर का स्वच्छ, स्वस्थ भोजन खाएं और निरोगी जीवन व्यतीत करें।

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi)

जंक फूड

आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए,  क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।

जंक फूड पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Junk Food in Hindi, Junk Food par Nibandh Hindi mein)

जंक फूड पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

जंक फूड ऐसे फूड है जो उच्च कैलोरी और कम पोषकतत्वों से युक्त होते है। आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं।

जंक फूड के प्रकार

जंक फूड हमारे बीच बिस्कुट, चीज , बर्गर , पिज्जा आदि के रूप में पाए जाते है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। जंक फूड स्वाद से भरे होते है परन्तु उनमें पोषक तत्व नगण्य होता है।

जंक फूड के नुकसान

जंक फूड से हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लीवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।

अगर हम अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो हमें जंक फ़ूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। हमें भोजन करने के उद्देश्य को समझना होगा। हमें भोजन स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए करना चाहिए।

निबंध 2 (300 शब्द)

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।

स्वास्थ्य के लिए जहर है फ़ास्ट फ़ूड

जंक फ़ूड टाइफाइड, ह्रदय से जुड़े रोग, कुपोषण, हाइपरटेंशन जैसे जुडी भयानक बीमारियों का कारण बनता है। ये हमारे सोच से कई ज्यादा नुकसान दायक होता है। जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में काफी कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

निबंध 3 (400 शब्द)

जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था। हममें से लगभग सभी लोग जंक फूड से वाकिफ हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है।

फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि आखिर इसकी असलियत जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है।

यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्ज, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।

जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी

जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की काफी कमी होती है। इस कारण से  उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इसके साथ ही इनके पाचक क्रिया के लिए शरीर में काफी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और इसके साथ ही यह शरीर को भी नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण पेट तथा अन्य पाचन अंगों में खिंचाव होता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। जंक फूड खाने के कारण हमें वजन बढ़ना, मोटापा, टायफॉइड, कुपोषण, आदि जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान ही पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवन भर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड का सेवन नही करना चाहिए। कैलोरीज की मात्रा फास्ट फूड में अधिक होने के कारण मोटे व्यक्ति के लिए यह अधिक हानिकारक होती है।

निबंध 4 (500 शब्द)

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

जंक फूड से मोटापा का खतरा

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम

शोध के अनुसार,  बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

Essay on Junk Food in Hindi

निबंध 5 (600 शब्द)

जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।

वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।

जंक फ़ूड क्या होता है ?

अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।

कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।

जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम

प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।

जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।

जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।

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जंक फूड खाने के नुकसान – Junk Food ke Nuksan in Hindi

सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक व प्रिंट म... read full bio

इस आधुनिक जमाने में हर किसी की लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ये बदलाव आहार से भी जुड़े हुए हैं। हर किसी की डाइट का यह अहम हिस्सा बन चुका है। बात करें फास्ट फूड के फायदे और नुकसान की, तो जंक फूड के नुकसान कई सारे हैं। इससे लाभ होना मुमकिन नहीं है, लेकिन स्वाद के कारण यह बच्चे से लेकर व्यस्कों का प्रिय आहार बन चुका है। जंक फूड के नुकसान हिंदी में जानने के लिए अंत तक पढ़ें यह लेख।

पढ़ना शुरू करें

सबसे पहले जानेंगे जंक फूड यानी फास्ट फूड क्या है।

जंक फूड (फास्ट फूड) क्या है?

जंक फूड को फास्ट फूड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा खाद्य व पेय पदार्थ होता है, जिसमें पोषक तत्वों यानी विटामिन, खनिज और फाइबर की मात्रा कम होती है। इसमें स्वाद के साथ ही उच्च कैलोरी, संतृप्त वसा और अधिक मात्रा में चीनी या नमक होता है ( 1 )।

सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) में मौजूद जानकारी के अनुसार, फास्ट फूड अमेरिकी आहार का एक हिस्सा माना गया है। इसमें उच्च कैलोरी व खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ होते हैं ( 2 )। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जंक फूड पोषण युक्त आहार में से एक नहीं होता है।

अब समझिए कि फास्ट फूड खाने के नुकसान क्या-क्या हैं।

जंक फूड खाने के नुकसान – Fast Food Khane ke Nuksan in hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी और कैलोरी, वसा व चीनी की अधिकता होती है ( 1 )। ऐसे में इसके सेवन से स्वास्थ्य को क्या नुकसान हो सकते हैं, यह नीचे विस्तार से पढ़िए।

1. सिर दर्द की समस्या

जंक फ़ूड खाने से होने वाले नुकसान में सबसे पहले बात करेंगे सिरदर्द जैसी समस्या की। दरअसल, फास्ट फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) का उपयोग होता है। इस कंपाउंड से चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम हो सकता है। इसमें फास्ट फूड खाते ही सिरदर्द और अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं। रिसर्च के अनुसार, जंक फूड से मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिरदर्द होता है। यही कारण है कि माइग्रेन पीड़ितों को फास्ट फूड से परहेज करने की सलाह दी जाती है ( 3 )।

2. डिप्रेशन की समस्या

जंक फ़ूड खाने के नुकसान में डिप्रेशन की समस्या भी शामिल है। ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर हुए एक अध्ययन से पता चलता कि जंक फूड के सेवन से कई तरह की मानसिक समस्याएं होती हैं, जिनमें से एक अवसाद भी है। साथ ही इससे बच्चे का व्यवहार हिंसात्मक भी हो सकता है। इसके अलावा, कोला और कार्बोनेटेड पेय में मौजूद कैफीन की मात्रा बच्चों में अति सक्रियता/ध्यान की कमी के लिए जिम्मेदार होती है ( 3 )। इस आधार पर कह सकते हैं कि जंक फूड से डिप्रेशन के साथ ही मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है।

3. मुंहासों की परेशानी

एक शोध की मानें, तो वेस्टर्न डाइट यानी जंक फूड का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि इंस्टेंट नूडल्स, जंक फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, स्नैक्स, प्रोसेस्ड चीज , चिकन का सेवन करने वालों को मुंहासे की परेशानी अधिक होती है। वहीं, पौष्टिक आहार का सेवन करने वालों में मुंहासों का नियंत्रण अधिक पाया गया ( 4 )। इस आधार पर मान सकते हैं कि जंक फूड से होने वाले नुकसान में से एक मुंहासे का जोखिम भी है।

4. सड़न की समस्या

जंक फ़ूड खाने के नुकसान में दांतों की सड़न की समस्या को भी गिना जाता है। शोध की मानें, तो बच्चों के दांतों की सड़न मुख्य रूप से जंक फूड जैसे कि कैंडी, चॉकलेट, चिप्स, बिस्कुट व चीनी युक्त पेय पदार्थ के सेवन के कारण हो सकती है। बच्चे घर का बना हुआ खाना खाने की बजाय जंक फूड की ओर ज्यादा आकर्षित रहते हैं। ऐसे में उन्हें दांतों में सड़न का सामना करना पड़ता है ( 5 )।

5. हृदय रोग का जोखिम

अध्ययन की मानें, तो जंक फूड भी हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। यह धमनियों में प्लाक बनाता है, जिसकी वजह से हृदय के नीचे की ओर रक्त को पंप करते समय अधिक दबाव पड़ता है। वहीं, ऊपर की ओर हृदय में रक्त की वापसी में भी कमी होती है। इसकी वजह से हृदय को दो तरह के नुकसान हो सकते हैं। पहला हृदय में थकान और दूसरा ऑक्सीजन की आपूर्ति में नुकसान होना ( 1 )। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में हृदय रोग की समस्या को भी गिना जाता है।

6. रक्तचाप से जुड़ी समस्या

जंक फूड के नुकसान में रक्तचाप जैसी समस्या भी शामिल है। एक रिसर्च पेपर के अनुसार, जंक फूड के नियमित सेवन से शरीर में अधिक मात्रा में नमक पहुंचता है, क्योंकि फास्टफूट में नमक अधिक होता है। इससे रक्तचाप बढ़ने यानी उच्च रक्तचाप हो सकता है ( 1 )। ऐसे में उच्च रक्तचाप के जोखिम से बचने के लिए जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर ईरानी 6 से18 वर्ष की आयु के बच्चों व व्यस्कों पर किया गया रिसर्च प्रकाशित है। साल 2011-2012 में हुए इस रिसर्च के दौरान आहार में जंक फूड जैसे कि नमकीन स्नैक्स, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ और फास्ट फूड को शामिल किया गया। नतीजन जंक फूड खाने वालों में मोटापे का जोखिम बढ़ा हुआ मिला ( 6 )।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड में अधिक मात्रा में केमिकल्स जैसे कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट, फ्लेवर, कलर एडिटिव्स व प्रिजर्वेटिव मोटापे का कारण बन सकते हैं ( 1 )। इस आधार पर माना जा सकता है कि जंक फूड के नुकसान में से एक मोटापे की समस्या भी है।

8. कोलेस्ट्रॉल का स्तर

हृदय रोग व मोटापे के अलावा जंक फूड का सेवन कोलेस्ट्रॉल व लीवर को भी प्रभावित कर सकता है। रिसर्च में इस बात का जिक्र मौजूद है कि जंक फूड के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, जिससे लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है ( 1 )। अन्य रिसर्च पेपर में भी साफ तौर पर लिखा है कि जंक फूड से दूर रहना कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने का अच्छा तरीका है ( 3 )। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना भी शामिल है।

9. मधुमेह का जोखिम

जंक फूड के नुकसान में मधुमेह की समस्या भी शामिल है। मधुमेह एक क्रोनिक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है, जो हाइपरग्लेसेमिया, ग्लाइकोसुरिया, हाइपरलिपीमिया, नकारात्मक नाइट्रोजन संतुलन और कई बार केटोनीमिया (चयापचय विकार) का कारण बनता है। गौर हो कि डायबिटीज मेलिटस टाइप 1 और टाइप 2, इन दो प्रकार का होता है। जंक फूड के सेवन से 90% से अधिक मामले टाइप 2 मधुमेह के हो सकते हैं ( 1 )। इस आधार पर मान सकते हैं कि फास्ट फूड के सेवन से मधुमेह का जोखिम भी बढ़ता है।

लेख में आगे बढ़ते हुए कुछ अन्य फास्ट फूड के नुकसान पर नजर डालते हैं।

फास्ट फूड के अन्य नुकसान – Other Side Effects of Fast Food in Hindi

ऊपर विस्तार से बताए गए दुष्प्रभावों के अलावा भी जंक फूड के नुकसान में कई अन्य परेशानियां शामिल हैं। आइए, उनके बारे में नीचे जानते हैं ( 1 )।

  • जंक फूड आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन और फाइबर प्रदान नहीं करते हैं, जिसकी वजह से इसकी अधिकता होने पर ऊर्जा में कमी महसूस हो सकती है।
  • पोषक तत्व कम होने के कारण इसका अधिक सेवन करने से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है।
  • जंक फूड के सेवन से ध्यान केंद्रित करने यानी एकाग्रता में समस्या हो सकती है।
  • जंक फूड के नुकसान में अस्थमा की समस्या भी शामिल है। यह क्रॉनिक पल्मोनरी ऑब्सट्रक्टिव डिसऑर्डर है, जो आर्टिफिशल स्वाद और रंग वाले एजेंट के कारण होती है और जंक फूड में यह प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
  • बचपन में जंक फूड का सेवन करने से व्यवहार संबंधी समस्या जैसे कि अति सक्रियता, आक्रामकता आदि की समस्या हो सकती है।
  • जंक फूड के नुकसान में मानसिक विकार भी शामिल हैं। इसके अधिक सेवन से आलस महसूस करना, डिस्लेक्सिया, एकाग्रता में कमी की समस्या हो सकती है।

फास्ट फूड खाना कभी भी सही नहीं माना गया है। बावजूद इसके लोग इसका सेवन लगातार करते हैं। अब दोबारा इसके सेवन से पहले लेख में बताए गए फास्ट फूड खाने के नुकसान पर जरूर गौर करें। भले ही स्वाद में जंक फूड अच्छा हो, लेकिन जंक फूड खाने के नुकसान कई हैं। खाने का कभी मन भी हो, तो इसकी मात्रा एकदम सीमित रखें। वैसे हमेशा जंक फूड के बजाय पौष्टिक आहार को ही तवज्जो दें, क्योंकि आज की सतर्कता, कल के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान से बचा सकती है।

अक्सर पूछे जाने सवाल

क्या जंक फूड दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है?

हां, शोध की मानें, तो खराब आहार जैसे जंक फूड का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालकर विशेष रूप से स्मृति कार्यों को हानि पहुंचा सकता है ( 3 )।

जंक फूड डिप्रेशन का कारण कैसे बन सकता है?

ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जंक फूड से कई तरह की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें अवसाद यानी डिप्रेशन भी शामिल है ( 5 )। इसकी वजह कुछ और नहीं, बल्कि इसमें मौजूद केमिकल और हानिकरक तत्व हैं। साथ ही, इसमें पौष्टिक तत्व होते ही नहीं हैं, जिस वजह से अवसाद का जोखिम बढ़ जाता है ( 3 )।

जंक फूड मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

शोध की मानें, तो जंक फूड के सेवन से बच्चों व किशोरों में मानसिक परेशानी और हिंसक व्यवहार का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वस्थ आहार का सेवन प्रभावकारी हो सकता है ( 5 )।

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  • JUNK FOOD: IMPACT ON HEALTH https://www.researchgate.net/publication/308384822_JUNK_FOOD_IMPACT_ON_HEALTH
  • Fast Food Consumption Among Adults in the United States 2013–2016 https://www.cdc.gov/nchs/products/databriefs/db322.htm
  • Fast Food Addiction: A Major Public Health Issue https://www.opensciencepublications.com/wp-content/uploads/IJN-2395-2326-6-206.pdf
  • Dietary intervention in acne https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3408989/
  • Association of junk food consumption with high blood pressure and obesity in Iranian children and adolescents: the CASPIAN-IV Study https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25449791/

Saral Jain हेल्थ एंड वेलनेस राइटर

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जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को – Harmful effects of junk food (Fast Food) in Hindi

जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को - Harmful effects of junk food (Fast Food) in Hindi

Harmful effects of junk food in Hindi: फास्ट फूड या जंक फूड के दुष्‍प्रभाव जाने बिना ही लोगों ने इसे अपने लिए विशेष खाद्य पदार्थ के रूप में चुन लिया है। आज जंक फूड सभी के जीवन का हिस्‍सा बन चुका है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि लोग अपनी व्‍यस्त जीवन शैली के कारण स्‍वस्‍थ भोजन के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इसलिए वे जल्‍दी से जल्‍दी जो कुछ भी उपलब्‍ध होता है उसे अपने आहार के रूप में चुन लेते हैं। लेकिन जंक फूड आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से हृदय रोग , मोटापा , मधुमेह, पेट के अल्‍सर जैसी गंभीर समस्‍याएं हो सकती हैं।

इस लेख का आशय आपको जंक फूड खाने से रोकना नहीं है बल्कि यह बताना है कि जंक फूड आपके लिए कितना नुकसानदायक है। ताकि आप अपने बच्‍चों को इन नुकसानों से बचा सकें। आइए जाने जंक फूड के दुष्‍प्रभाव क्‍या हो सकते हैं।

फास्ट फूड (जंक फूड) क्या है – What is Junk Food in Hindi

  • फास्ट फूड के नुकसान पाचन और हृदय के लिए – Harmful effects of junk (Fast) food For Digestion and Heart in hindi

जंक फूड के नुकसान मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Junk Food Ke Nuksan Mansik Swasthya Ke Liye in Hindi

फास्ट फूड के नुकसान से बढ़ सकता है मोटापा – effects of fast food on obesity in hindi, जंक फूड के दुष्‍प्रभाव अवसाद को बढ़ाए – junk food or fast food disadvantages for depression in hindi, जंक फूड का बढ़ता चलन बढ़ाए मधुमेह को – junk food ka badhta chalan madhumeh ko badhaye in hindi, फास्ट फूड के हानिकारक प्रभावों से पेप्टिक अल्‍सर का खतरा – junk (fast) food ke nuksan se peptic ulcer ka khatra in hindi, जंक फूड का सेवन बढ़ाए सांस की समस्‍या – junk food side effects for breathing problems in hindi.

  • फास्ट फूड और जंक फूड के हानि त्‍वचा के लिए – Side Effects Of Fast Food For Skin In Hindi

जंक फूड के हानिकारक प्रभाव हड्डियों के लिए – Junk Food Harmful effects For Bones in Hindi

  • फास्ट फूड और जंक फूड के दुष्परिणाम सिर दर्द के रूप में – Junk Food Ke Dushparinam Sir Dard Ke Roop Me in Hindi

जंक फूड का उपभोग रक्‍तचाप को बढ़ाए – Junk Food Increases Blood Pressure in Hindi

जंक फूड का प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव – junk food ka prajanan pranali par prabhav in hindi.

फास्ट फूड (जंक फूड) क्या है – What is Junk Food in Hindi

बाजार में कई प्रकार के जंक फूड उपलब्‍ध हैं। जो आमतौर पर तले हुए या तेल की अधिक मात्रा बाले खाद्य पदार्थ होते हैं। जंक फूड आपके पेट को भर तो सकता है लेकिन यह आपके लिए विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को भी बढ़ा सकता है। आपके द्वारा अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन किये जाने पर यह पेट के साथ-साथ आपके दिल के लिए भी हानिकारक हो सकता है। जंक फूड का सेवन करने पर सकारात्‍मक और नकारात्‍मक दोनो ही प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। हम जिस जंक फूड का सेवन करते हैं उसमें चीनी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम , वसा और शरीर को प्रभावित करने वाले अन्‍य तत्‍वों की उपस्थिति होती है। अधिक मात्रा में जंक फूड (फास्‍ट फूड) का सेवन करने से हमें निम्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं।

जंक फूड के नुकसान हिंदी में – junk food ke nuksan hindi mein

आइये जानते है कि जंक फ़ूड आपके लिए किस प्रकार से नुकसानदायक और इसके अधिक सेवन से आपको क्या-क्या शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

फास्ट फूड के नुकसान पाचन और हृदय के लिए – Harmful effects of junk (Fast) food For Digestion and Heart in Hindi

फास्ट फूड के नुकसान पाचन और हृदय के लिए - Harmful effects of junk (Fast) food For Digestion and Heart in hindi

विभिन्‍न प्रकार के पेय पदार्थ सहित फास्‍ट फूड में कार्बोहाइड्रेट की उच्‍च मात्रा होती है जबकी इनमें फाइबर बिल्‍कुल भी नहीं होता है। फाइबर आपके पाचन के लिए बहुत ही आवश्‍यक घटक होता है। जब आपका पाचन तंत्र इन खाद्य पदार्थों को तोड़ता है तो कार्बोहाइड्रेट आपके रक्‍त प्रवाह में ग्‍लूकोज के रूप में शामिल हो जाता है। परिणाम स्‍वरूप आपके शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर में वृद्धि हो जाती है। आपका शरीर पैनक्रिया द्वारा इंसुलिन जारी करके ग्‍लूकोज में बढ़ोतरी को कम कर देता है। इंसुलिन आपके शरीर में चीनी को उन कोशिकाओं में स्‍थानांतरित करता है जिन्‍हें ऊर्जा के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन अक्‍सर कार्बोहाइड्रेट की उच्‍च मात्रा का सेवन करने से आपकी रक्‍त शर्करा में बार-बार बढ़ोतरी हो सकती हैं। इस तरह यदि अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करते हैं तो यह हमारे पाचन और हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर सकता है।

(और पढ़े –  दिल मजबूत करने के उपाय… )

जंक फूड के नुकसान मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए - Junk Food Ke Nuksan Mansik Swasthya Ke Liye in Hindi

2011 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि जिन स्‍वस्‍थ्‍य लोगों ने लगातार 5 दिनों तक जंक फूड का सेवन किया। उन पर किये गए परीक्षण में पाया गया कि उनके याद रखने, समझने और सीखने की क्षमता में कमी आई। इससे यह निष्‍कर्ष निकलता है कि जंक फूड को यदि पांच दिनों तक लगातार सेवन किया जाए तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। चीनी और वसा में उच्‍च आहार वाले खाद्य पदार्थ मस्तिष्‍क पेप्‍टाइड की गतिविधि को कम कर सकते हैं जिसे मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक (brain-derived neurotrophic factor) कहा जाता है। यह सीखने और समझने के लिए जिम्‍मेदार होता है। अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन आपके याद रखने और सीखने की क्षमता को कम कर सकता है।

(और पढ़े –  मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, और बचाव… )

फास्ट फूड के नुकसान से बढ़ सकता है मोटापा - Effects of fast food on Obesity in Hindi

किशोर जिनके पास खराब खाने की आदतें हैं, वे मोटे होने का उच्च जोखिम रखते हैं। एक अनुशंसित अनुपात से अधिक वजन होने से कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जंक फूड में चीनी और कैलोरी होती है जिससे इसके अधिक सेवन से वजन बढ़ जाता है। यह भी देखा गया है कि जो लोग अधिक फास्ट फूड वाले पदार्थ खाने के शोकीन होते हैं, वे फल और सब्जियों का उपभोग कम करते हैं और इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। और वे धीरे- धीरे मोटापे का सिकार हो जाते हैं।

(और पढ़े –  वजन और मोटापा कम करने के लिए क्या खाएं क्या न खाए… )

जंक फूड के दुष्‍प्रभाव अवसाद को बढ़ाए – junk food or fast food disadvantages for Depression in Hindi

फास्ट फूड मे वसा की अधिक मात्रा होती है जिसका अधिक सेवन करने पर कैलोरी भी अधिक मात्रा में प्राप्‍त होती है। मस्तिष्‍क की कार्य क्षमता आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर निर्भर करती है। यह आपके शरीर और मस्तिष्‍क को अवशाद और तनाव की ओर ले जाता है। इस प्रकार से आपका शरीर अवसाद और तनाव से प्रभावित हो सकता है। साथ ही एमिनो एसिड की पर्याप्‍त मात्रा न होने के कारण भी आप अवसाद ग्रस्‍त हो सकते हैं।

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जंक फूड का बढ़ता चलन बढ़ाए मधुमेह को - Junk Food Ka Badhta Chalan Madhumeh Ko Badhaye in Hindi

व्‍यस्‍त जीवन शैली के कारण कई लोगों को घर पर खाना पकाने और खाने में दिक्‍कते होती हैं। इस कारण वे फॉस्‍ट फूड का सेवन करने लगते हैं। लेकिन उन लोगों को सलाह दी जाती है कि आप अपने काम के बीच में अपने स्‍वास्‍थ्‍य को न लाएं। खराब जीवन शैली और अभ्‍यास की कमी के साथ जंक फूड का अधिक मात्रा में सेवन करना मोटापे का कारण भी बन सकता है जो बदले में टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकता है।

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फास्ट फूड के हानिकारक प्रभावों से पेप्टिक अल्‍सर का खतरा - Junk (Fast) Food Ke Nuksan Se Peptic Ulcer Ka Khatra In Hindi

यह एक ऐसी बीमारी है जो गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल ट्रैक्‍ट में होती है। इसके कारण पेट में असहनीय दर्द होता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि जंक फूड के रूप में आप अधिक मात्रा में नमकीन और तेल वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। आपके पेट में होने वाले अल्‍सर का एक और कारण अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना भी हो सकता है। इसलिए अधिक मात्रा में जंक फूड और शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।

(और पढ़े –  पेप्टिक अल्सर या पेट में अल्सर (छाले) क्या है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार… )

जंक फूड का सेवन बढ़ाए सांस की समस्‍या - Junk Food Side Effects for Breathing Problems in Hindi

फास्‍ट फूड का सेवन करने वालों के लिए इसका एक और प्रमुख दुष्‍प्रभाव श्वसन समस्या है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन मोटापा बढ़ सकता है जो श्वास की समस्‍या का भी कारण हो सकता है। जैसे जैसे आपका मोटापा बढ़ता है वैसे ही सांस लेने की समस्‍याओं में वृद्धि होती है। हाल ही के अध्‍ययन से पता चलता है कि सप्‍ताह में तीन से चार बार जंक फूड का सेवन करने वाले बच्‍चे अन्‍य बच्‍चों की तुलना में अधिक मोटे और अस्‍थमा रोग से ग्रसित होते हैं।

(और पढ़े –  सांस फूलने के कारण, लक्षण, जांच, उपचार, और रोकथाम… )

जंक फूड के हानि त्‍वचा के लिए – Side Effects Of Fast Food For Skin In Hindi

जंक फूड के हानि त्‍वचा के लिए - Side Effects Of Fast Food For Skin In Hindi

ऐसा माना जाता है कि जंक फूड आपकी त्‍वचा को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि आप जो जंक फूड का सेवन करते हैं वह कार्बोहाइड्रेट से भरा होता है, जो कि आपके शरीर में लंबे समय तक चीनी के स्‍तर को बनाए रखता है। चीनी के स्‍तर में वृद्धि आपके शरीर से संबंधित कई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह आपकी त्‍वचा समस्‍याओं और विशेष रूप से मुंहासों की वृद्धि करने में मदद करता है। इसलिए यदि आपको मुंहासे हो रहे हैं तो अपने आहार में ध्‍यान दें। कहीं अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करना आपकी सुंदरता को कम न कर दे।

(और पढ़े –  मुँहासों को दूर करने के घरेलू उपाय… )

जंक फूड के हानिकारक प्रभाव हड्डियों के लिए - Junk Food Harmful effects For Bones in Hindi

आपके शरीर को कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं देने के साथ-साथ जंक फूड आपकी हड्डियों को भी कमजोर बनाता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से आपके रक्‍त में रक्‍त शर्करा का स्‍तर बढ़ता है जो म‍धुमेह का कारण बनता है। रक्‍त में अधिक मात्रा में शर्करा होने के कारण यह हड्डियों को कमजोर और भंगुर बनाता है। निश्चित रूप से कमजोर हड्डियां आपके स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए अन्‍य किसी गंभीर नुकसान से बचने के लिए आपको जंक फूड खाने पर निय‍ंत्रण रखना चाहिए।

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जंक फूड के दुष्परिणाम सिर दर्द के रूप में – Junk Food Ke Dushparinam Sir Dard Ke Roop Me in Hindi

जंक फूड के दुष्परिणाम सिर दर्द के रूप में - Junk Food Ke Dushparinam Sir Dard Ke Roop Me in Hindi

फास्‍ट फूड के अन्‍य सभी दुष्‍प्रभावों की तुलना में सिर दर्द बहुत ही आम और सामान्‍य समस्‍या है। यदि आप ऐसा समझ रहे हैं तो इसके आपको गंभीर परिणाम प्राप्‍त हो सकते हैं। क्‍योंकि सिर का दर्द धीरे-धीरे एक गंभीर समस्‍या का रूप ले सकती है। यह आपके रक्‍त में मौजूद अतिरिक्‍त शर्करा के कारण होता है। यदि आप लगातार जंक फूड का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए अधिक तेज और निम्‍न दोनों स्‍तर के सिर दर्द का कारण बन सकता है।

(और पढ़े –  सिर दर्द दूर करने के घरेलू उपाय… )

जंक फूड का उपभोग रक्‍तचाप को बढ़ाए - Junk Food Increases Blood Pressure in Hindi

अधिक मात्रा में जंक फूड का लंबे समय तक सेवन करने से यह आपके रक्‍तचाप की दर को बढ़ा सकता है। जिसके कारण आपको दिल का दौरा और दिल से संबंधित अन्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं। यदि आप जवान हैं तो कुछ हद तक आपका शरीर इसका प्रतिरोध कर सकता है। लेकिन आपकी बढ़ती उम्र के साथ आपकी प्रतिरोध क्षमता भी कम हो सकती है जिसके कारण आपके रक्‍तचाप में एकाएक वृद्धि हो सकती है जो आपके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।

(और पढ़े –  हाइ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करगे ये आयुर्वेदिक हर्ब्‍स… )

जंक फूड का प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव - Junk Food Ka Prajanan Pranali Par Prabhav in Hindi

गलत जीवन शैली और गलत खान-पान आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन भी इस समस्‍या को बढ़ा सकता है। एक अध्‍ययन में पाया गया कि प्रसंस्‍कृत भोजन में थैलेट (Phthalates) शामिल होता है। यह ऐसे पदार्थ हैं जो आपके शरीर में काम कर रहें हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। इन रसायनों के उच्‍च स्‍तर में सेवन करने से जन्‍म दोष सहित प्रजनन संबंधी अन्‍य समस्‍याओं के बढ़ने का खतरा रहता है।

(और पढ़े –  क्‍या लगातार सेक्स पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है? )

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fast food khane ke nuksan in hindi

जानिए क्या रोज फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है?

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क्या रोज फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है – fast food khane ke nuksan in hindi

रोजाना फास्ट फूड खाना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। फास्ट फूड में कैलोरी, अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, और इसका बार-बार सेवन करने से मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

फास्ट फूड अक्सर संसाधित होता है और इसमें विटामिन , खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, कई फास्ट फूड भोजन बड़े हिस्से के आकार के होते हैं, जिससे अधिक भोजन और वजन बढ़ सकता है।

हालांकि कभी-कभार फास्ट फूड खाना ठीक है, लेकिन इसे अपने आहार का नियमित हिस्सा बनाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ अपने आहार को संतुलित करना महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं।

फास्ट फूड क्या होता है – fast food kya hota hai in hindi

फ़ास्ट फ़ूड का आशय ऐसे भोजन से है जो जल्दी से तैयार और परोसा जाता है, आमतौर पर एक रेस्तरां या फ़ास्ट फ़ूड चेन में। फास्ट फूड रेस्तरां अपनी त्वरित सेवा, सुविधा और कम कीमतों के लिए जाने जाते हैं।

फास्ट फूड रेस्तरां के मेनू में आमतौर पर बर्गर, फ्राइज़, चिकन सैंडविच, हॉट डॉग, पिज्जा, टैकोस और शीतल पेय जैसे लोकप्रिय आइटम शामिल होते हैं। भोजन अक्सर कैलोरी, संतृप्त वसा, सोडियम और चीनी में उच्च होता है, और फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्वों में कम होता है।

फास्ट फूड अक्सर गतिहीन जीवन शैली और मोटापे, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के विकास से जुड़ा होता है। हालांकि, स्वास्थ्यप्रद विकल्पों की जनता की मांग के जवाब में कई फास्ट फूड चेन ने स्वास्थ्यवर्धक विकल्प जैसे सलाद, ग्रिल्ड चिकन सैंडविच और फ्रूट कप पेश करना शुरू कर दिया है।

फास्ट फूड खाने के नुकसान – fast food khane ke nuksan in hindi

नियमित रूप से फास्ट फूड खाने के कई नुकसान हैं, जिनमें शामिल हैं

कैलोरी में उच्च – फास्ट फूड में अक्सर कैलोरी अधिक होती है, जिससे अधिक मात्रा में सेवन करने पर वजन और मोटापा बढ़ सकता है।

पोषक तत्वों में कमी – फास्ट फूड में विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्व कम होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अस्वास्थ्यकर वसा – फास्ट फूड में अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, जैसे ट्रांस वसा और संतृप्त वसा अधिक होती है, जो आपके हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है।

चीनी और नमक में उच्च – फास्ट फूड में अक्सर चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, जिससे उच्च रक्तचाप, टाइप 2 डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

संसाधित और कृत्रिम सामग्री – कई फास्ट फूड भोजन में संसाधित और कृत्रिम तत्व होते हैं, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

भाग के आकार – फास्ट फूड भोजन अक्सर बड़े हिस्से के आकार के होते हैं, जिससे अधिक भोजन और वजन बढ़ सकता है।

कुल मिलाकर, नियमित रूप से फास्ट फूड खाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और स्वस्थ और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में इसका सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए।

फास्ट फूड खाने से कैसे बचें – junk food khane se kaise bache

फास्ट फूड खाने से बचने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं

अपने भोजन की योजना बनाएं – आने वाले सप्ताह के लिए अपने भोजन की योजना बनाने के लिए कुछ समय निकालें। यह आपको भूख लगने पर फास्ट फूड के प्रलोभन से बचने में मदद कर सकता है और आपके पास कुछ और तैयार नहीं है।

घर पर खाना बनाएं – घर पर अपना खाना पकाना फास्ट फूड का एक स्वस्थ और अधिक किफायती विकल्प हो सकता है। आप सामग्री और हिस्से के आकार को नियंत्रित कर सकते हैं, और विभिन्न स्वस्थ व्यंजनों के साथ प्रयोग कर सकते हैं।

अपना भोजन खुद पैक करें – यदि आप काम पर जा रहे हैं या काम पर हैं, तो फास्ट फूड के प्रलोभन से बचने के लिए अपना स्वस्थ भोजन और स्नैक्स खुद पैक करें। इससे आप लंबे समय में पैसे भी बचा सकते हैं।

स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें – यदि आप फास्ट फूड खाते हैं, तो स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें जैसे कि ग्रिल्ड चिकन या मछली, सलाद और सब्जियाँ। तले हुए खाद्य पदार्थ, शक्कर युक्त पेय और बड़े हिस्से के आकार से बचें।

संतुलित आहार लें – भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा वाला संतुलित आहार खाने से आपको पेट भरा और संतुष्ट रखने में मदद मिल सकती है, जिससे फास्ट फूड खाने के प्रलोभन को कम किया जा सकता है।

तनाव से निपटने के वैकल्पिक तरीके खोजें – बहुत से लोग तनाव या भावनाओं से निपटने के लिए फास्ट फूड का सहारा लेते हैं। व्यायाम, ध्यान या शौक जैसे सामना करने के वैकल्पिक तरीके खोजने से फास्ट फूड खाने के प्रलोभन को कम करने में मदद मिल सकती है।

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The Conclusion

अंत में, प्रतिदिन फास्ट फूड खाना आमतौर पर आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा माना जाता है। फास्ट फूड में कैलोरी, अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है और इसमें विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। बार-बार फास्ट फूड खाने से मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि कभी-कभी फास्ट फूड में शामिल होना ठीक है, विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ अपने आहार को संतुलित करना और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फास्ट फूड का सेवन सीमित करना महत्वपूर्ण है।

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जंक फूड पर निबंध

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Table of Contents

जंक फूड पर निबंध | Essay on Fast/Junk food in Hindi

अच्छी सेहत के लिए अच्छा आहार बहुत ही आवश्यक है। हम जो भी खाते हैं उसमें संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अच्छा भोजन न केवल हमारी शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है।

पहले के जमाने में लोग केवल शुद्ध भोजन जैसे दूध, दही, शहद, आटा आदि से बने पौष्टिक आहार खाते थे। लेकिन आज के समय में लोग, खासकर नौजवान फास्ट फूड या जंक फूड की ओर बहुत ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। कभी-कभी जंक फूड खाना समस्या नहीं है लेकिन रोज़ या आवश्यकता से ज्यादा खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है।

जंक फूड क्या होता है? What is junk food?

Junk food meaning in Hindi

जंक फूड का नाम पहली बार 1972 में माइकल एफजेक ऑप्शन ने दिया था।

जंक फूड,जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस प्रकार का भोजन जो हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। जंक फूड में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। देखने में यह बहुत ही आकर्षक होता है और लोगों के बीच आसानी से उपलब्ध होता है, इसलिए आज लोगो का जंक फूड के तरफ ज्यादा झुकाव हो रहा है।

जंक फूड की श्रेणी में कौन कौन से खाद्य पदार्थ आते हैं यह अलग-अलग समुदाय के सामाजिक दर्जे पर निर्भर करता है। लेकिन आमतौर पर इसमे चिप्स, चॉकलेट, आइसक्रीम, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइस व अन्य तली भुनी चीजें शामिल होती है।

जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी, चीनी, तेल, चिकना, फैट और कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे पदार्थ होते हैं जो कि हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रोफेसर सुशील गुप्ता जो की संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर है, उनके अनुसार जंक फूड का अधिक सेवन करने से पिछले 10 वर्षों में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई हैं।

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जंक फूड खाने के दुष्परिणाम/जंक फूड के हानिकारक प्रभाव Junk food harmful effects /Junk food disadvantages

फ़ास्ट फूड में कैलोरी और शुगर ज्यादा होने के कारण यह वजन बढ़ाता है। मोटापा बढ़ने की वजह से बहुत सारी बीमारियों का जन्म होता है।

जंक फूड में पौष्टिक आहार की कमी होती है जो हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। जो लोग अधिक जंग फूड खाते हैं उनमें ज्यादा तनाव होता है।

आलस और थकान

हमारे शरीर को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है जोकि जंक फूड में नहीं होता है। जिस कारण हमारे शरीर में सही मात्रा में विटामिन और प्रोटीन की कमी होने के कारण हमें आलस और थकान महसूस होने लगती है।

हृदय से जुड़े रोग

जंक फूड में इस्तेमाल होने वाली सामग्री अच्छी क्वालिटी की नहीं होती है जो कि हमारे हृदय पर बुरा असर डालती है। अक्सर हार्ट अटैक का कारण जंक फूड भी होता है।

जंक फूड बनाने में कई कई बार उतना स्वच्छता का ध्यान नहीं दिया जाता है जिससे टाइफाइड, जोइंडिस आदि जैसी बीमारियां होती है।

किडनी पर बुरा असर

जंक फूड में अधिक मात्रा में नमक और चिकना होने के कारण हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो कि हमारे किडनी पर बुरा असर डालता है।

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जंक फूड खाने से बचने के उपाय How to get rid of eating too much junk food

आज हमें जंक फूड की लत लग चुकी है, कम पैसों में और आसानी से उपलब्ध होने के कारण हमें जंक फूड खाने की आदत लग गयी है। घर बैठे हम आसानी से जंक फूड ऑर्डर कर देते हैं। परंतु यह हमारी सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाल रहा है इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय जानते हैं-

घर पर बनाएं

बाहर से खरीद कर जंक फूड खाने की जगह हमे स्वयं यह सब चीज बनानी सीखनी चाहिए। घर की सामग्री और स्वच्छता से बनाने पर यह हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा।

एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें डाइट चार्ट फॉलो करना होगा। इस डाइट चार्ट में हमें केवल हफ्ते या दस दिन में एक बार ही फास्ट फूड खाना चाहिए। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर न हो या कम हो।

हमें नित्य रूप से व्यायाम करना चाहिए। हम यदि जंक फूड खाते भी हैं तो उसका पाचन बहुत ही आवश्यक है। रोज सुबह सैर पर जाना और व्यायाम करने से हमारे शरीर का फैट बर्न होगा।

आवश्यकतानुसार

हमें फास्ट फूड या जंक फूड तभी खाना चाहिए जब वह अति आवश्यक हो या कोई दूसरा भोजन का विकल्प मौजूद न हो। बिना वजह रोज-रोज केवल स्वाद के लिए खाना बहुत हानिकारक है।

घर का बना भोजन खाये

भूख लगने पर हमें बाहर से जंक फूड मांगकर खाने के जगह घर के बने भोजन का आनंद लेना चाहिए जो कि पौष्टिक भी होता है और हमारे शरीर के लिए सेहत कारी भी है।

अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करना चाहिए, हमारे शरीर में जितना ज्यादा प्रोटीन जाएगा हमें उतनी कम भूख लगेगी। जिससे हमारा ध्यान बार-बार जंक फूड की ओर नहीं जाएगा।

फल आदि का सेवन करें

यदि आपको एकदम भूख लगे और कुछ बनाने का मन न हो तो बाहर से मंगा के खाने की जगह फल आदि का सेवन करें। यदि एक बार आपको फल की आदत लग जाएगी तो एक समय के बाद आप स्वयं ही जंक फूड खाना कम कर देंगे।

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निष्कर्ष conclusion

यदि आप जंक फूड खाने के आदी है तो निश्चय ही आपको इस पर नियंत्रण करना आवश्यक है। यदि हम कम से कम जंक फूड खाये और अपनी सेहत का ध्यान रखें तो हमारे स्वास्थ पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा। लेकिन आवश्यकता से अधिक या बहुत जंक फूड खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। मां बाप को बच्चों को जंक फूड की लत लगने से रोकने के लिए उपाय सोचने चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं इसकी हानियों को समझना चाहिए। उपयुक्त उपायों को ध्यान मे रखकर जंक फूड खाने की अधिक आदत से स्वयं को बचाना चाहिए।

हमें अपने अंदर जंक फूड को लेकर नियंत्रण लाना होगा। यदि एक बार हमारे अंदर संयम आ जाए और हम रोज रोज जंक फूड खाने की आदत से बच जाए तो कभी कभी जंक फूड के मज़े ले सकते है।

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आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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जंक फूड के नुकसान - Junk Food Side Effects in Hindi

जंक फूड के नुकसान - Junk Food Side Effects in Hindi

fast food essay in hindi

आज के समय में हर कोई फास्ट या जंक फ़ूड का दीवाना होता जा रहा है। आजकल लोग पौष्टिक आहार को कम अहमियत देने लगे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को जंक फूड खाने का बहाना चाहिए। जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में सब अच्छे से जानते हैं, लेकिन बावजूद इसके इस चीज के सेवन में कमी नहीं आ रही है। कई अध्ययनों से पता चला है कि फास्ट फूड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचपन में मोटापे, हृदय रोग और मधुमेह और अन्य बीमारियों में वृद्धि हुई है।

(और पढ़ें -  वजन कम करने के लिए क्या खाएं और  मधुमेह में क्या खाना चाहिए )

फास्ट-फूड में मौजूद अतिरिक्त  कैलोरी  से वजन बढ़ता है। यह  मोटापे का कारण  हो सकता है। अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ सहित, यह कई प्रकार की श्वसन समस्याओं के लिए यह जोखिम को बढ़ाता है। अतिरिक्त वजन आपके दिल पर दबाव डाल सकता है। इससे आप चलने, सीढ़ियों पर चढ़ने या कसरत करने में परेशानी महसूस कर सकते हैं। विशेष रूप से बच्चों के लिए, श्वसन समस्याओं का खतरा अधिक बढ़ जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे सप्ताह में कम से कम तीन बार फास्ट फूड खाते हैं उन्हें  अस्थमा  होने की अधिक संभावना होती है। तो आइये जानते हैं जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में -

(और पढ़ें -  अस्थमा के उपाय )

जंक फूड बनता है सिरदर्द का कारण - Junk Food causes Headaches in Hindi

फास्ट फूड बन सकता है अवसाद का कारण - fast food can lead to depression in hindi, जंक फूड का सेवन है मुँहासे का कारण - fast food can cause acne in hind, दांतों की सड़न का कारण है जंक फूड - junk food causes tooth decay in hindi, हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है फास्ट फूड - fast food can cause heart disease in hindi, हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है फास्ट फूड - fast food causes high blood pressure in hindi, फास्ट फूड के नुकसान बढ़ाए मोटापा - fast food leads to obesity in hindi, फास्ट फूड है हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण - fast food is the cause of high cholesterol, जंक फूड बन सकता है डायबिटीज का कारण - junk food can cause diabetes in hindi, फास्ट फूड के अन्य नुकसान - other side effects of fast food in hindi.

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सोडियम से भरपूर फ़ास्ट फ़ूड का सेवन, जैसे कि फ्रेंच फ्राइज़ आदि से सिरदर्द का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आपको जंक फूड का अधिक सेवन न करके अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। 

(और पढ़ें - सिर दर्द के घरेलू उपाय )

फास्ट फूड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन अवसाद के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जंक फूड के अधिक सेवन से शरीर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। जिसके कारण डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। 

(और पढ़ें - डिप्रेशन के उपाय )

जंक फूड जैसे खाद्य पदार्थ आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि आपको इनका पता हों। चॉकलेट और अन्य फ़ास्ट फ़ूड को मुंहासे के लिए जिम्मेदार माना जाता है। फ़ास्ट फ़ूड में मौजूद कार्ब्स मुँहासे पैदा कर सकते हैं। फ्रेंच फ्राइज़, हैमबर्गर बन्स और आलू के चिप्स जैसे कार्ब-हैवी फास्ट फूड मुँहासे के ब्रेकआउट का कारण हो सकते हैं। 

(और पढ़ें - मुँहासे हटाने के घरेलू उपाय )

फास्ट फूड में मौजूद कार्ब्स और चीनी एसिड का उत्पादन करते हैं जो दाँत तामचीनी (Tooth enamel) को नष्ट कर सकते हैं। इसके अलावा ये कैविटीज़ का भी कारण बन सकते हैं। 

(और पढ़ें - बच्चों के लिए दांतों में कैविटी से बचने के उपाय )

हाई कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम बढ़ाने वाले दो मुख्य कारण हैं। फास्ट फूड आम तौर पर सोडियम से भरपूर होते हैं जो रक्तचाप को बढ़ा सकती हैं, जिसमें हृदय की विफलता भी शामिल है। 

(और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाएं )

सोडियम हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। सोडियम आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है और आपके दिल और हृदय प्रणाली पर तनाव डाल सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 90 प्रतिशत वयस्कों को यह पता नहीं लगा कि उनके फास्ट-फूड भोजन में कितना सोडियम है।एक अध्ययन 993 वयस्कों का सर्वेक्षण किया और पाया गया कि उनका अनुमान वास्तविक संख्या (1,292 मिलीग्राम) से छह गुना कम है। अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन ने वयस्कों को प्रति दिन 2,300 मिलीग्राम से अधिक सोडियम खाने से मना किया है। 

(और पढ़ें - हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज )

अतिरिक्त कैलोरी अधिक वजन का कारण हो सकती है। बिना व्यायाम कैलोरी में वृद्धि मोटापे को जन्म दे सकती है। मोटापे की वजह से श्वास में कमी हो सकती है। हालांकि यदि आपको लगता है कि आप स्वस्थ भोजन कर रहे हैं, फिर भी आपको कैलोरी की संख्या को कम नहीं आंक सकते हैं। इससे अनजाने में वजन बढ़ सकता है। 

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय  और  वजन घटाने के तरीके )

फ्राइड खाद्य पदार्थ ट्रांस वसा से भरे होते हैं। ये वसा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तरों को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। ट्रांस वसा की कोई मात्रा अच्छा या स्वस्थ नहीं होती है। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन, आपके एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है और एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम में वृद्धि कर सकता है। 

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाएं )

फ़ास्ट फ़ूड में मौजूद चीनी का स्तर ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन सकता है। यह शरीर की प्राकृतिक इंसुलिन प्रतिक्रिया को भी बदल सकता है। अधिकांश फास्ट फूड कार्बोहाइड्रेट से भरे हुए होते हैं और इसमें कोई फाइबर नहीं होती है। जब आपका पाचन तंत्र इन खाद्य पदार्थों को तोड़ता है, तो यह आपके रक्तप्रवाह में ग्लूकोज (चीनी) के रूप में रिलीज़ होते हैं। नतीजतन, आपका रक्त शर्करा बढ़ता है आपका अग्न्याशय इंसुलिन को रिलीज़ करके ग्लूकोज में बढ़ोतरी करता है। इसलिए फास्ट फूड का अधिक सेवन आपके पाचन और ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी हो सकता है। 

(और पढ़ें - डायबिटीज कम करने के घरेलू उपाय )

आपकी स्वास्थ्य के लिए हमारी myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट आसानी से उपलब्ध हैं। अपना आर्डर आज ही करें, और रक्त शर्करा को नियंत्रित करके स्वस्थ जीवन का आनंद लें!

  • फास्ट फूड कम समय के लिए भूख को संतुष्ट कर सकता है, लेकिन इसके परिणाम सकारात्मक नहीं होते हैं। जो लोग फास्ट फूड और प्रोसेसेड पेस्ट्री खाते हैं, उनको दूसरे लोगों की तुलना में 51 प्रतिशत अधिक अवसाद होने की संभावना अधिक होती है, जो उन खाद्य पदार्थों को नहीं खाते हैं या फ़ास्ट फ़ूड का सेवन बहुत कम करते हैं। (और पढ़ें -  भूख कम करने के उपाय )
  • जंक फूड और फास्ट फूड की सामग्री का आपकी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। फास्ट फूड का अधिक मात्रा में सेवन आपके शरीर में हार्मोन के कार्यों को बाधित कर सकता है। (और पढ़ें -  प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय )
  • मोटापा भी हड्डी घनत्व और मांसपेशियों की जटिलताओं को जन्म दे सकता है। जो लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं, उनकी हड्डियों के टूटने का अधिक जोखिम होता हैं। मांसपेशियों को बनाने के लिए वर्कआउट करना महत्वपूर्ण है, जो आपकी हड्डियों के लिए अच्छी होता है और साथ ही हड्डियों के नुकसान को कम करने के लिए स्वस्थ आहार भी जरूरी है।

(और पढ़ें -  संतुलित आहार किसे कहते है )

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जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food

जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi: जंक फूड बहुत हानिकारक है जो धीरे-धीरे वर्तमान पीढ़ी के स्वास्थ्य को दूर कर रहा है । यह शब्द ही बताता है कि यह हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका स्वाद इतना अच्छा होता है कि लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं। हालांकि, जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं फैली है।

जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi

समस्या आपके विचार से अधिक गंभीर है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इनमें कैलोरी, वसा और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके विपरीत, उनके पास बहुत कम मात्रा में स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं और आहार फाइबर की कमी होती है । माता-पिता को अपने बच्चों को जंक फूड का सेवन करने से हतोत्साहित करना चाहिए क्योंकि इससे किसी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

Harmful Effects of Junk Food

जंक फूड का प्रभाव

अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के लिए जंक फूड सबसे आसान तरीका है। भोजन में वसा और चीनी की मात्रा आपको तेजी से वजन बढ़ाती है। हालांकि, यह एक स्वस्थ वजन नहीं है। यह वसा और कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा है जिसका आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। आजकल मोटापा बढ़ने का एक मुख्य कारण जंक फूड भी है।

यह भोजन केवल अच्छा दिखता है और अच्छा लगता है, इसके अलावा, इसका कोई सकारात्मक बिंदु नहीं है। आपके शरीर को फिट रहने के लिए जितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है वह इस भोजन से पूरी नहीं होती है। उदाहरण के लिए, फ्रेंच फ्राइज़, बर्गर, कैंडी और कुकीज़ जैसे खाद्य पदार्थ, सभी में उच्च मात्रा में चीनी और वसा होते हैं। इसलिए, इससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ हो सकती हैं। इससे किडनी फेल भी हो सकती है।

इन सबसे ऊपर, आप आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, खनिजों और अधिक का उपभोग नहीं करने पर विभिन्न पोषण संबंधी कमियां प्राप्त कर सकते हैं। ख़राब कोलेस्ट्रॉल और फैट प्लस सोडियम के सेवन से आपको हृदय रोगों का खतरा हो जाता है। दूसरे शब्दों में, यह सब आपके दिल के कामकाज में हस्तक्षेप करता है।

इसके अलावा, जंक फूड में कार्बोहाइड्रेट का उच्च स्तर होता है। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा देगा। यह सुस्ती, निष्क्रियता और नींद में परिणाम देगा। एक व्यक्ति पलटा सुस्त हो जाता है और वे एक निष्क्रिय जीवन जीते हैं। चीजों को बदतर बनाने के लिए, जंक फूड आपकी धमनियों को भी बंद कर देता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देता है। इसलिए, अपने जीवन को बर्बाद होने से बचाने के लिए इसे पहली बार में टालना चाहिए।

जंक फूड से बचने के तरीके

जंक फूड के साथ मुख्य समस्या यह है कि लोगों को अब इसके बुरे प्रभावों का एहसास नहीं है। जब समय आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, मुद्दा यह है कि यह आपको तुरंत प्रभावित नहीं करता है। यह आपके ओवरटाइम पर काम करता है; आप जल्दी या बाद में परिणाम का सामना करेंगे। इस प्रकार, अब रोकना बेहतर है।

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आप अपने बच्चों को कम उम्र से हरी सब्जियां खाने के लिए प्रोत्साहित करके जंक फूड से बच सकते हैं। उनकी स्वाद की कलियों को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए कि वे स्वस्थ भोजन स्वादिष्ट लगें। इसके अलावा, चीजों को मिलाने की कोशिश करें। रोज एक ही हरी सब्जी को एक ही स्टाइल में न परोसें। विभिन्न व्यंजनों का पालन करते हुए विभिन्न प्रकार के स्वस्थ भोजन को अपने आहार में शामिल करें। यह उन्हें जंक फूड के प्रति आकर्षित होने के बजाय घर पर खाद्य पदार्थों की कोशिश करने में मदद करेगा।

संक्षेप में, उन्हें पूरी तरह से इससे वंचित न करें क्योंकि इससे मदद नहीं मिलेगी। बच्चों के पास इसे पाने का एक तरीका या दूसरा तरीका होगा। सुनिश्चित करें कि आप उन्हें जंक फूड सीमित मात्रा में और स्वस्थ समय पर दें।

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स्वस्थ भोजन पर निबंध (250 शब्द).

हर एक व्यक्ति के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ही जरूरी होता हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन को सही तरीके से आजकल कोई नहीं अपनाता हैं। सब अपने जीवन में इतने व्यस्त रहते हैं कि हर दिन फास्ट फूड खाते हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ भोजन को सब भूल रहे हैं लेकिन स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को जो- जो फायदे देता हैं, वह सब फायदे आजकल की जनरेशन में हमें देखने को नहीं मिलते हैं।

फास्ट फूड को अपनाने के कारण वर्तमान समय में हमारे बीच कई नई नई बीमारियां उत्पन्न होती हैं और उन बीमारियों से लोग अपनी जान भी गवां रहे हैं। अगर इसी जगह हर व्यक्ति अपने भोजन में स्वस्थ भोजन को शामिल करें, तो वह अपने जीवन भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। साथ ही उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं रहता हैं।

स्वस्थ भोजन केवल हमें बीमारियों से ही नहीं बचता हैं। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है, वैसे तो अगर देखा जाए तो हेल्दी फूड के अंतर्गत ही कई अलग-अलग प्रकार के फूड होते हैं लेकिन मुख्य रूप से यह निम्नलिखित पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

3. शुद्ध धान की रोटी

4. हरी सब्जियां

5. शुद्ध फल

स्वस्थ भोजन पर निबंध (800 शब्द)

भोजन हर किसी व्यक्ति के लिए जरुरी होता है। भोजन के बिना हम लोग जीवन कि कल्पना भी नही कर सकते हैं। भोजन जो हम लोग करते वो पेट में जाता है, फिर पूरी तरह से पचता हैं। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलते हैं। जिससे हम काम करते है और  यह मांशपेशियो को मजबूत करता हैं। हमारे शरीर में क्षतिग्रस्त अंगो के कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं। स्वस्थ भोजन उसे कहा जाता है जिसमें विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन आदि का भरपूर मात्रा उपलब्ध होते हैं।

स्वस्थ भोजन का महत्व

स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता हैं। स्वस्थ भोजन के अंदर रोटी, हरी, सब्जियाँ, चावल, दुध और दही आदि आते हैं। हमारे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन में फल को भी खाना चाहिए। अगर आप भी आपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते है, तो आपको स्वास्थ रहना जरुरी हैं। क्योंकि इस कविता में सही कहा है “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग बसता है” विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बहुत बड़ा महत्व हैं। यदि कोई विद्यार्थी पूर्ण रूप से स्वास्थ नही रहेगा, तो उसको पढाई में मन नही लगेगा और वो दूसरों से कमजोर महसूस करेगा।

नियमित रूप से व्यायाम जरुर करे, इससे मेटाबॉलिज्म होने के साथ साथ तेजी से कैलोरी बर्न होगा। जिससे वजन भी नियंत्रत रहेगा। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर के साथ साथ मस्तिक को तेज रखने में उपयोगी होते हैं। व्यायाम से तनाव, सिर दर्द आदि जैसी समस्या को ठीक किया जा सकते हैं।

स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से होने वाले नुकसान

आज के समय में लोग स्वस्थ भोजन का महत्व भूलते जा रहे है और फ़ास्ट फूड की और ज्यादा ध्यान दे रहे है, जिससे दांतों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं। आज कल लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फ़ूड भले ही खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन यह पौष्टिक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता हैं। फ़ास्ट फ़ूड जितना स्वादिष्ट होता है, उससे हमारे शरीर में उतना ज्यादा नुकसान होता हैं।

आज कल बहुत सारी बीमारीयां भी होती हैं। हमे हमारे जीवन में जंक फ़ूड को कम से कम सेवन करना चाहिए, और स्वस्थ्य भोजन को हमें हमारे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी अलग अलग तरीके से बनाकर खिलाना चाहिए चाहिए, जो देखने में देखने में अच्छी लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाएं। बच्चों के साथ के साथ साथ बड़े लोगों को भी स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। हेल्दी फूड शरीर को शक्तिशाली बनाता है, और रोगो से भी बचाता हैं। तीनों समय स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए। हमे कभी कभी बाहर का भोजन खाना चाहिए। जिससे हमारे शरीर में कम से कम नुकसान हो।

रोज सुबह दूध का सेवन करना चाहिए। दूध को एक अच्छा संतुलित आहार माना जाता हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोपहर को हमें चावल, दाल, सलाद आदि खाना चाहिए। रात को दाल रोटी, सब्जी आदि का सेवन चाहिए।

स्वस्थ्य भोजन की सारणी

नीचे लिखे कुछ ऐसे भोजन की सारणी है, जो खाद्य पदार्थ आसानी से बाजार में मिल जायेंगे हैं।

हरी सब्जियां :-

कई लोग हरी सब्जी को पसंद नही करते है, लेकिन वो भूल जाते है की हरी सब्जी में कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट आदि पाए जाते जाते है। जो हमारे शारीर को मोटापा, ह्रदय रोग के अलावा गंभीर बीमारी से बचाता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आहार में लेना चाहिए।

सब्जी की तरह फल भी हमारे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या वजन घटाना, इन सब के लिए फल आपको मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा यह दोनों दिनचर्या में जरुर शामिल करे और याद रहे फल का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। जिससे हमारे शरीर नुकसान न हो।

दूध या डेयरी पदार्थ :-

दूध में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे :- कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है।

अगर आप किसी फल को खाना नहीं चाहते है, तो आप उस फल का जूस बना कर उसका सेवन कर सकते हैं। जैसे :- आम, सेब, केला, गन्ना, मोसमी आदि फल जो बाज़ार में आसानी से मिल जायेगें। आप इनका जूस बना कर उपयोग कर सकते हैं।  जिससे पेट में होने वाले कई रोगों से छुटकारा मिलता है। जूस हमारे स्वास्थ्य के फायदेमंद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के कुच्छ टिप्स

जितना हो सके तेल वाले भोजन का सेवन करने से बचे, इनके लगातार सेवन से बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं।

पानी खूब पिएं :-

हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है । पानी की सही मात्रा से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जितना हो सकते है उतना पानी पिएं।

उपवास करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उपवास मोटापे को कम करता हैं। साथ ही बीमारी को दूर करने में मदद हो सकते हैं। उपवास के दोरान आप पानी पीते रहे है और फल खाते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहें।

स्वस्थ भोजन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आजकल स्वस्थ भोजन को कोई पूछता भी नहीं हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वस्थ भोजन का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है, उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।

आज के आर्टिकल में हमने  स्वस्थ भोजन पर निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi)   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

  • प्रातःकाल का भ्रमण निबंध
  • जंक फूड पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध

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fast food essay in hindi

जंक फूड नारे | स्लोगन- Slogans on Junk Food in Hindi

In this article, we are providing slogans about Junk Food in Hindi- Slogans on Junk Food in Hindi Language. जंक फूड नारे | स्लोगन

1. जंक फूड का सेवन छोड़ो स्वास्थय से नाता जोड़ो

2. फास्ट फूड को न कहो पूरे जीवन तंदरूस्त रहो

3.सड़ी गली सब्जी से बनाकर तेल में तला जाता है स्वास्थय के लिए हानिकारक भोजन को हर कोई मजा लेकर खाता है

4. चाऊमी, बर्गर और पिज्जा हमारी सभ्यता का नहीं है हिस्सा

5. फास्ट फूड मत खाओ ज्यादा वरना जीवन रह जाऐगा आधा

6. रहो स्वस्थ, लो संतुलित आहार जंक फूड का करो बहिष्कार

7. फास्ट फूड को खाना यानि कि बहुत सी बिमारियों को बुलाना

8. बिना पैष्टिक तत्वों के खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है तभी तो हर कोई इसकी तरफ आकर्षित हो चलता है

9. कभी कभी फास्ट फूड खाओ पर रोज की दिनचर्या का हिस्सा मत बनाओ

10. मोटापे से ग्रस्त रहते हैं जो फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं

Junk Food Slogan in Hindi

1. Junk food ka sevan chhodo svasthay se naata jodo

2. Fast food ko na kaho poore jeevan tandarust raho

3. Sadie galee sabji se banakar tel mein tala jaata hai svasthay ke lie hanikarak bhojan ko har koi maja lekar khata hai

4. Chaoomi, burgar aur pizza hamari sabhyata ka nahin hai hissa

5. Fast food mat khao jyada varna jeevan rah jaaiga aadha

6. Raho svasth, lo santulit aahar junk food ka karo bahishkar

7. Fast food ko khana yani ki bahut si bimariyon ko bulana

8. Bina paushtik tatvon ke khane mein bahut hi swadisht lagta hai tabhi to har koi iski taraf akarshit ho chalta hai

9. Kabhi kabhi fast food khao par roj ki dinacharya ka hisa mat banao

10. Motapae se grast rehate hain jo fast food jyada khate hain

Slogan on Health in Hindi- स्वास्थ्य पर नारे | स्लोगन

Slogan on Yoga in Hindi- योग पर नारे | स्लोगन

Anti Tobacco Slogans in Hindi- तम्बाकू विरोधी नारे

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Slogans on Junk Food in Hindi ( Article ) आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

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fast food essay in hindi

जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi)

फ़ास्ट फ़ूड, जंक फूड पर निबंध (Fast Food, Junk Food Essay In Hindi)

आज   हम जंक फूड पर निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) लिखेंगे। जंक फूड पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

जंक फूड पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

फ़ास्ट फ़ूड / जंक फूड पर निबंध (Fast Food / Junk Food Essay In Hindi)

आजकल लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है। आजकल सभी लोग जंक फूड खाना पसंद करते है। लोगो को दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी खाना पसंद नहीं है। लोग पौष्टिक आहारों की अवहेलना कर जंक फूड खाना पसंद करते है। जंक फूड खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाईनीज़ खाना इस तरह का भोजन लोग रेस्टोरेंट और होटलो में खाते है। दिन प्रतिदिन जंक फूड खाने की मांग बढ़ती जा रही है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर इसी तरह से लोग जंक फूड का सेवन करते रहे, तो वह अच्छी सेहत के साथ जिन्दगी नहीं बीता पाएंगे।

कभी कभी खाना ठीक है, लेकिन प्रतिदिन जंक फूड के प्रति जो लोगो का पागलपन है, वह ठीक नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाना ज़रूरी होता है। बच्चे हो या बड़े सभी को जंक फूड बेहद पसंद है। स्वास्थ्य की दृष्टि से जंक फूड बिलकुल अच्छा नहीं है।

लगातार जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। ह्रदय रोग, कैंसर, रक्त चाप की समस्या, हड्डी से संबंधित समस्याएं, समय से अधिक उम्र का लगना, लीवर से जुड़ी बीमारियां, मधुमेह और पाचन तंत्र की समस्या इत्यादि बीमारियां जंक फूड को निरंतर खाने से होती है।

अस्वस्थ वसा

जंक फूड में अस्वस्थ वसा होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की गिरावट होती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से ह्रदय में सुचारु रूप से रक्त संचार नहीं हो पाता है।

जंक फूड के प्रति बच्चो में जागरूकता

युवा अवस्था से ही व्यक्ति को संतुलित आहार खाना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा भी जंक फूड के आदि बनते जा रहे है। बच्चो को खासकर यह समझाने की ज़रूरत है कि जंक फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।

अभिभावकों को लेनी पड़ेगी जिम्मेदारी

माता पिता को हमेशा बच्चो के खाने के प्रति ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित भोजन बच्चो को ज़्यादा खिलाना चाहिए। अभिभावकों को जंक फूड खाने से जो नुकसान होता है, उसके विषय में अपने बच्चो को समझाना चाहिए। उन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जंक फूड के बीच के अंतर के विषय में समझाना चाहिए। जंक फूड कभी कभी खाने से ज़्यादा कुछ नहीं होता है। मगर जंक फूड को अपनी आदत बना लेना गलत है।

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है। जंक फूड में चीनी, नमक और खराब फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जंक फूड में अत्याधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

जंक फूड ज़्यादा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं होती है। ज़्यादा जंक फूड खाने से हाइपर टेंशन और टाइफाइड जैसे रोग होने की सम्भावना बन जाती है। बच्चे और युवा वर्ग इतना अधिक जंक फूड खाते है की जिसकी वजह से वह डाइबिटीज जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।

लोगो को नहीं मिलता है खाना बनाने का समय

जंक फूड या फिर फ़ास्ट फूड का स्वाद लज़ीज़ और अच्छा होता है, इसलिए जंक फूड और फ़ास्ट फूड अन्य देशो में भी लोकप्रिय है। आजकल लोग उन्नति के पीछे भाग रहे है और घंटो दफ्तर में व्यस्त रहते है और उन्हें खाना बनाने का वक़्त नहीं मिलता है, इसलिए लोग रेडीमेड फ़ास्ट फूड खाना ज़्यादा पसंद करते है। खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए वह जंक फूड खाना पसंद करते है।

रक्तचाप की वृद्धि

जंक फूड में अधिक मात्रा में कार्बोहायड्रेट होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है। ऐसा खाना रोज़ खाने से शरीर में सुस्ती आती है। लोग आलस महसूस करते है। अक्सर जंक फूड खाने से लोग बीमारियों से पीड़ित रहते है। अत्याधिक जंक फूड और फ़ास्ट फूड खाने से नींद ज़्यादा आती है और लोग सक्रीय नहीं रह पाते है। लोग बीमारियों से ग्रस्त हो जाते और काम में मन नहीं लगा पाते है।

दुनिया में जंक फूड और फ़ास्ट फूड की मांग

जिस तरह जंक फूड की मांग बढ़ रही है, उससे देशवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग चाहते है कि वह कम समय में अपना भोजन समाप्त कर ले और वह भोजन स्वादिष्ट हो। इसलिए जंक फूड के प्रति लोगो में क्रेज देखा जा सकता है।

लोग पार्टियों में, जन्मदिन में जंक फूड खाते है। शादियों में अक्सर लोग कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, बर्गर इत्यादि का मज़ा लेते है और अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है। जंक फूड सस्ता और स्वादिष्ट होता है और यही वजह है की लोग जंक फूड के दीवाने है। जंक फूड में कोई पौष्टिक तत्व नहीं होते है।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड से उत्पन्न समस्याएं

जंक फूड खाने से नींद की समस्या होती है। जंक फूड खाने से लोगो में एकाग्रता की कमी रहती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से मोटापा और ह्रदय से संबंधित समस्याए हो रही है। जंक फूड में बहुत तेल और चीनी अधिक मात्रा में होती है। जंक फूड को जल्दी पचाया नहीं जा सकता है। इससे मनुष्य के शरीर को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, जिससे जंक फूड खाने वाले लोगो को कब्ज़ की समस्या होती है। जंक फूड में कैलोरीज की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।

एक बड़ा प्रश्न

जंक फूड के खामियों को जानकर भी लोग इसे खाना पसंद करते है। ज़्यादातर लोगो को इसकी आदत हो चुकी है। आखिर क्यों लोग ऐसा कर रहे है। इसकी वजह है जंक फूड बहुत स्वादिष्ट और कम दाम में उपलब्ध हो जाता है। अक्सर गली नुक्कड़ में लोग फ़ास्ट फूड जैसे चाऊमीन इत्यादि चीनी खाना खाते हुए नज़र आएंगे।

घर पर बनी पौष्टिक दाल, सब्ज़ी, रोटी और दूध जैसे आहारों से लोग ऊब जाते है और जंक फूड पर निर्भर हो जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते है। हमे खुद इस आदत पर अंकुश लगाना चाहिए और अच्छा घर का पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड हमारे सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। अगर जंक फूड को हम इसी तरह से रोज़ाना खाते रहे, तो यह हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा। मनुष्य को स्वस्थ जीवन चाहिए तो जंक फूड का परहेज करना होगा। स्वस्थ जीवन जीने से मनुष्य हर कार्य कर सकता है और एक सुखद जीवन जी सकता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • योग पर निबंध (Yoga Essay In Hindi)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध (Health Is Wealth Essay In Hindi)

तो यह था जंक फूड   पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि फ़ास्ट फूड और जंक फूड पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Junk Food / Fast Food) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
  • हारवर्ड कोई भी संकेत सख्ती से मना करता है – स्पष्ट या अव्यक्त – जिस्से दूसरों को यह सुझाव आए, या जो दूसरों को यह विश्वास दिलाए कि हारवर्ड, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग, या पोषण स्रोत की वेबसाइट ने किसी भी माल, सेवाओं, वयक्तिओं, या संगठनों का समर्थन किया है। इस कारण, इस छवि के लिए उूपर दी गई विशिष्ट क्रेडिट लाइन की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने के अलावा, आप ‘‘हारवर्ड‘‘, ‘‘हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग‘‘, या ‘‘पोषण स्रोत‘‘ नामों, या कोई भी हारवर्ड के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का स्वस्थ भोजन की थाली के संबंध में, बिना पूर्व लिखित अनुमोदन के उपयोग नहीं कर सकते।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का किसी भी तरह से उपयोग नहीं कर सकते, जिस्से हारवर्ड की प्रतिष्ठा को हानी पहुंचें।
  • हारवर्ड स्वस्थ भोजन की थाली से जुड़ी हर प्रकार के वारन्टियों (स्पष्ट, अव्यक्त, या अन्यथा) को अस्वीकार करता है। इनमें शामिल है, बिना सीमा के, कोई भी व्यापारिकता की अव्यक्त वारन्टियाॅं, किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त्ता, और गैर उल्लंघन। आप हारवर्ड विश्वविद्यालय, और इसके संचालक मंडल के सदस्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, छात्रों, कर्मचारियों, और दलालों को सभी दावों, नुक़सानों, हानियों, उत्तरदायित्व, लागत, और खर्चों से क्षतिपूर्ति करने के लिए व हानिरहित मान्ने के लिए सहमत हैं।

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दा इंडियन वायर

जंक फूड पर निबंध

fast food essay in hindi

By विकास सिंह

Essay on junk food in hindi

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा भोजन नहीं है जिसे हर बच्चे और बच्चों को पता होना चाहिए क्योंकि वे आम तौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। जंक फूड के बारे में जागरूक करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता के दौरान स्कूली छात्रों को जंक फूड पर निबंध एक सामान्य विषय है अतः यहाँ से आप ऐसे निबंध लिखने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

जंक फूड पर निबंध, 100 शब्द:

अच्छा स्वास्थ्य हम में से हर एक के लिए एक स्वस्थ जीवन जीने की आवश्यकता है जो पूरे जीवन में स्वस्थ आहार और स्वस्थ आदतों को बनाए रखने से ही होता है। हालाँकि, कई लोगों में जंक फूड खाने का रिवाज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और हमारे भविष्य को और हमारी आने वाली पीढ़ियों को दुखी और रोगग्रस्त बनाता है।

माता-पिता को अपने बच्चों और बच्चों की खाने की आदतों के प्रति बहुत सचेत होना चाहिए क्योंकि बचपन में वे कभी भी अपने अच्छे या बुरे को नहीं जानते और तय करते हैं इसलिए यह माता-पिता हैं जो अपने बच्चों के बीच अच्छे या बुरे खाने की आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्हें अपने बच्चों को बचपन से खाने की आदतों के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए और उन्हें स्वस्थ और जंक खाद्य पदार्थों के बीच अंतर के बारे में स्पष्ट करना चाहिए।

जंक फूड पर निबंध, 150 शब्द:

आमतौर पर जंक फूड हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बहुत आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं। हालांकि, यह बहुत सच है कि वे अंदर से बहुत मोटे हैं। वे बाहर से जो देखते हैं वह अंदर से कभी नहीं बनते। जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, वे सभी तरह से अस्वास्थ्यकर साबित हुए हैं।

जंक फूड सेहत के लिए हानिकारक होते हैं और जो लोग जंक फूड खाने की प्रैक्टिस करते हैं, उनके स्वास्थ्य को कई विकार हो जाते हैं। इससे हृदय रोग, कैंसर, जल्दी बुढ़ापा, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्या, मधुमेह, मानसिक विकार, यकृत विकार, पाचन तंत्र की समस्याएं, कब्ज, दस्त, दिल का दौरा, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस और इतने सारे स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं।

शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि यौवन सबसे संवेदनशील उम्र है जिसके दौरान व्यक्ति को स्वस्थ खाने की आदतों का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि इस उम्र के दौरान शरीर में वयस्क आयु समूह में प्रवेश करने के लिए एक को तैयार करने के लिए कई परिवर्तन होते हैं।

जंक फूड पर निबंध, 200 शब्द:

जंक फूड शब्द का अर्थ है, कचरे के सामान खाना जोकि शरीर के लिए बिलकुल भी लाभप्रद नहीं है। यह कम पोषण और शरीर प्रणालियों के लिए हानिकारक है। जंक फूड्स के अधिकांश में संतृप्त वसा, चीनी, नमक और खराब कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होता है जो स्वास्थ्य के लिए विष है। वे आहार फाइबर की कमी हो जाती हैं, जिससे कब्ज और अन्य पाचन विकार पैदा करने में आसानी से शामिल हो जाते हैं।

अच्छे स्वाद और पकाने में आसान होने के कारण जंक फूड्स को इतनी लोकप्रियता मिली है। पॉलीबैग में पैक किए गए बाजार में कई रेडीमेड जंक फूड उपलब्ध हैं। अधिकांश लोग अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसे रेडीमेड खाद्य पदार्थों पर निर्भर हैं या वे घर पर खाना बनाना नहीं जानते हैं।

दुनिया भर में जंक फूड की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और वे आम तौर पर खाने के लिए चुनते हैं जब भी वे जन्मदिन की पार्टी, शादी की सालगिरह आदि जैसे परिवार के साथ विशेष समय का आनंद लेते हैं, तो वे आसानी से शीतल पेय, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, आदि लेने के आदी हो जाते हैं। पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़, चीनी व्यंजन और बाजार में उपलब्ध फास्ट फूड की अन्य किस्में।

जंक फूड पर निबंध, Essay on junk food in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

जैसा कि हम सभी जंक फूड्स के बारे में सच्चाई जानते हैं और इसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह एक सबसे दिलचस्प सवाल है कि हर कोई इसकी सच्चाई जानने के बाद भी जंक फूड खाना क्यों पसंद करता है। आजकल हममें से हर कोई जंक फूड का स्वाद अच्छी तरह से ले रहा है क्योंकि यह स्वादिष्ट, सस्ती और आसानी से उपलब्ध है। जंक फूड्स का कोई पोषण मूल्य और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक आवश्यक सामग्री नहीं है।

अगर नियमित रूप से सेवन किया जाए तो मैं स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हूं। यह शरीर के ऊर्जा स्तर में स्पाइक का कारण बनता है और नींद संबंधी विकार पैदा करता है। यह एकाग्रता के स्तर को कम करता है और पुरानी बीमारियों जैसे मोटापा, हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि को बुलावा देता है।

जंक फूड बहुत अधिक तैलीय हो जाते हैं और आहार तंतुओं की कमी हो जाती है, इसलिए वे पचाने में कठिन होते हैं और शरीर से इस प्रक्रिया को करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति को शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की कमी होती है जो अनुचित मस्तिष्क क्रियाओं की ओर ले जाती है। जंक फूड खराब कोलेस्ट्रॉल में उच्च होते हैं और दिल और यकृत को नुकसान पहुंचाते हैं। आहार फाइबर की कमी के कारण वे पेट और अन्य पाचन अंगों में खिंचाव पैदा करते हैं और इसके परिणामस्वरूप कब्ज होता है।

जंक फूड हमेशा स्वास्थ के लिए हानिकारक होते हैं और अगर कोई स्वास्थ्य लाभ प्रदान किए बिना नियमित रूप से लिया जाए तो स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ती है। हमें जीवन भर अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन का आनंद लेने के लिए जंक फूड खाने से बचना चाहिए।

जंक फूड पर निबंध, 300 शब्द:

कम उम्र में अपने शरीर में उच्च शर्करा संग्रह के कारण ऐसे बच्चों को मधुमेह और सुस्त होने का खतरा होता है। जंक फूड्स में सोडियम खनिज की उच्च मात्रा के कारण उन्हें उच्च रक्तचाप मिलता है। बच्चों और बच्चों को बचपन से ही स्वस्थ खान-पान का पालन करने के लिए उनके माता-पिता द्वारा प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

जंक फूड पर निबंध, Essay on junk food in hindi (400 शब्द)

जंक फूड्स का स्वाद अच्छा होता है और इसे ज्यादातर किसी भी आयु वर्ग के बच्चे और स्कूल जाने वाले बच्चे सभी पसंद करते हैं। वे आम तौर पर जंक फूड रोज मांगते हैं क्योंकि उनका रुझान बचपन से ही उनके माता-पिता से है। स्वास्थ्य पर जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में उनके माता-पिता ने कभी चर्चा नहीं की।

वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि जंक फूड्स का स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे आम तौर पर बाजार में मिलने वाले तला हुआ भोजन पैकेट में हैं। वे कैलोरी में उच्च, कोलेस्ट्रॉल में उच्च, स्वस्थ पोषक तत्वों में कम, सोडियम खनिज में उच्च, चीनी, स्टार्च, अस्वास्थ्यकर वसा, प्रोटीन की कमी और आहार फाइबर की कमी में उच्च हो जाते हैं।

प्रोसेस्ड और जंक फूड्स तेजी से और अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के साधन हैं और जीवन भर पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति को अत्यधिक वजन हासिल करने में सक्षम बनाता है जिसे मोटापा कहा जाता है। जंक फूड्स का स्वाद अच्छा लगता है और अच्छा लगता है लेकिन यह शरीर की स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।

कुछ खाद्य पदार्थ जैसे फ्रेंच फ्राइज़, तले हुए खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, शीतल पेय, पके हुए सामान, आइसक्रीम, कुकीज़, आदि उच्च चीनी और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं। यह रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार पाया जाता है कि जंक फूड खाने वाले बच्चों और बच्चों को टाइप -2 मधुमेह होने का अधिक खतरा होता है।

टाइप -2 डायबिटीज में हमारा शरीर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है। इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ता जा रहा है क्योंकि व्यक्ति अधिक मोटापा या अधिक वजन का हो गया है। यह गुर्दे की विफलता का खतरा बढ़ाता है। रोजाना जंक फूड खाने से शरीर में पोषण की कमी हो जाती है क्योंकि इसमें आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, आयरन, खनिज और आहार फाइबर की कमी होती है।

यह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि यह संतृप्त वसा, सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल से समृद्ध है। उच्च सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल आहार रक्तचाप बढ़ाता है और हृदय की कार्यप्रणाली को ओवरलोड करता है। जो लोग जंक फूड पसंद करते हैं, वे अतिरिक्त वजन पर डालते हैं और मोटे और अस्वस्थ हो जाते हैं।

जंक फूड्स में उच्च स्तर कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं और व्यक्ति को अधिक सुस्त, नींद और कम सक्रिय और सतर्क बनाते हैं। इस भोजन को खाने वाले लोगों की सजगता और होश दिन-ब-दिन सुस्त होते जाते हैं और इस प्रकार वे अधिक गतिहीन जीवन जीते हैं। जंक फूड्स पोषण में खराब होने के कारण कब्ज और अन्य बीमारी जैसे मधुमेह, हृदय रोग, भरा हुआ धमनियों, दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि का स्रोत हैं।

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