भाषा का महत्व पर निबंध | Essay On The Importance Of Language In Hindi

नमस्कार फ्रेड्स आज हम  भाषा का महत्व पर निबंध Essay On The Importance Of Language In Hindi  पढ़ेगे.

आज के निबंध में जानेगे कि भाषा क्या होती है हिंदी भाषा का महत्व जीवन में भाषा की उपयोगिता के बारे में विस्तार से सरल भाषा में जानेगे.

भाषा का महत्व पर निबंध Essay On The Importance Of Language

भाषा का महत्व पर निबंध Essay On The Importance Of Language

भाषा भावों की वाहिका और विचारों की माध्यम होती है. अतएवं किसी भी जाति अथवा राष्ट्र की भावोंत्क्रष और विचारों की समर्थता उसकी भाषा से स्पष्ट होती है.

जब से मनुष्य ने इस भूमंडल पर होश संभाला है, तभी से भाषा की आवश्यकता रही है. भाषा व्यक्ति को व्यक्ति से, जाति को जाति से राष्ट्र को राष्ट्र से मिलाती है.

भाषा का महत्व पर निबंध Short Essay On The Importance Of Language

भाषा द्वारा ही राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है. राष्ट्र को सक्षम और धनवान बनाने के लिए भाषा और साहित्य की सम्पन्नता और उसका विकास परमआवश्यक है.

भाषा का भावना से गहरा सम्बन्ध है. और भावना तथा विचार व्यक्तिगत के आधार है. यदि हमारे भावों तथा विचारों को पोषक रस किसी विदेश अथवा पराई भाषा से मिलता है. तो निश्चय ही हमारी व्यक्तिगत भी भारतीय अथवा स्वदेशी न रहकर अभारतीय अथवा विदेशी हो जाएगा.

प्रत्येक भाषा और प्रत्येक साहित्य अपने देश काल और धर्म से परिचित तथा विकसित होता है. उस पर अपने महापुरुषों और चिंतको का, उनकी अपनी परिस्थतियों के अनुसार प्रभाव पड़ता है.

कोई दूसरा देश काल और समाज भी उस सुंदर स्वास्थ्यकारी संस्कृति से प्रभावित हो, यह आवश्यक नही है.

अतएवं व्यक्ति के व्यक्तित्व का समुचित विकास और उसकी शक्तियों को समुचित गति अपने पठन पाठन में मिल सकती है.

इसका कारण यह भी है कि मात्रभाषा में जितनी सहज गति से संभव है और इसमे जितनी कम शक्ति समय की आवश्यकता पडती है उतनी किसी भी विदेशी और पराई भाषा से संभव नही है.

यह भी सच है कि हमारे देश के प्रतिभाशाली और होनहार लोग पशिचमी भाषा और साहित्य में अपनी क्षमता को देखकर स्वयं भी चकिंत रह जाते है. जिसकी यह मातृभाषा नही है.

यह भी मानना पड़ेगा कि इन परिश्रमी लोगों ने अपनी शक्ति समय और तन्मयता पराई भाषा के लिए खपाई, वह यदि मातृभाषा के लिए प्रयोग की गई होती तो एक अद्भुत चमत्कार ही हो गया होता.

माइकेल मधुसूदन दत्त का द्रष्टान्त आपके सामने है. प्रतिभा के स्वामी इस बांगला कवि ने अंग्रेजी में काव्य रचना करके कीर्ति और गौरव कमाने के लिए भारी परिश्रम और प्रयत्न किया. यह तथ्य उनको तब समझ में आया जब वे इंग्लैंड यात्रा पर गये.

बहुत अच्छा लिखकर भी वह द्वितीय श्रेणी के लेखक और कवित से अधिक कुछ नही हो सके. यदि चाहते तो अपनी भाषा के कृतित्व के बल पर वह सहज ही प्रथम श्रेणी के कवियों में प्रतिष्टित हो सकते थे.

यह सब पता चलने के बाद उन्होंने अपनी भाषा में लिखने का निर्णय किया. प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण की क्या आवश्यकता है.

श्रीमती सरोजनी नायडू यदि अपनी मातृभाषा में काव्यरचना करती तो निश्चय ही श्रेष्ट कवयित्री होने का गौरव प्राप्त करती. मै देखती हु कि उच्च ज्ञान विज्ञान का माध्यम अंग्रेजी होने पर पिछले डेढ़ सौ वर्षो में अंग्रेजी में एक भी रवीन्द्रनाथ, शरतचंद्र, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पन्त और उमाशंकर जोशी आदि पैदा नही हो सके. राष्ट्रभाषा राष्ट्र की उन्नति की धौतक होती है.

मानव जाति के विकास के सिदीर्घ इतिहास में सर्वाधिक महत्व संप्रेषण के माध्यम का रहा है और वह माध्यम है भाषा. मनुष्य समाज की इकाई होता है तथा मनुष्यों से ही समाज बनता है.

समाज की इकाई होने के कारण परस्पर विचार, भावना, संदेश, सूचना आदि को अभिव्यक्त करने के लिए मनुष्य भाषा का ही प्रयोग करता हैं.

वह भाषा चाहे संकेत भाषा हो अथवा व्यवस्थित, ध्वनियों शब्दों या वाक्यों में प्रयुक्त कोई मानक भाषा हो. भाषा के माध्यम से ही हम अपने भाव एवं विचार दूसरे व्यक्ति तक पहुचाते हैं तथा दूसरे व्यक्ति के भाव एवं विचार जान पाते हैं.

भाषा ही वह साधन हैं. जिससे हम अपने इतिहास संस्कृति, संचित विज्ञान तथा महान परम्पराओं को जान पाते हैं.

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध Essay on importance of Hindi language

संसार में संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, बंगला, गुजराती, उर्दू, मराठी, तेलगू, मलयालम, पंजाबी, उड़िया, जर्मन, फ्रेंच, इतालवी, चीनी जैसी अनेक भाषाएँ हैं. भारत अनेक भाषा भाषी देश हैं.

तथा अनेक बोली और भाषाओं से मिलकर ही भारत राष्ट्र बना हैं. संस्कृत हमारी सभी भारतीय भाषाओं की सूत्र भाषा है तथा वर्तमान में हिंदी हमारी राजकीय भाषा हैं.

भाषा के दो प्रकार होते है, पहला मौखिक व दूसरा लिखित. मौखिक भाषा आपस में बातचीत के द्वारा, भाषणों तथा उद्बोधन के रूप में प्रयोग में लाई जाती हैं.

तथा लिखित भाषा लिपि के माध्यम से लिखकर प्रयोग में लाई जाती हैं. यदपि भाषा भौतिक जीवन के पदार्थों तथा मनुष्य के व्यवहार व चिंतन की अभिव्यक्ति के साधन के रूप में विकसित हुई हैं.

जो हमेशा एक सी नहीं रहती हैं अपितु उसमें दूसरी बोलियों, भाषाओं से सम्पर्क भाषाओं से शब्दों का आदान प्रदान होता रहता हैं.

जीवन के प्रति रागात्मक सम्बन्ध भाषा के माध्यम से ही उत्पन्न होता हैं. किसी सभ्य समाज का आधार उसकी विकसित भाषा को ही माना जाता हैं.

हिंदी खड़ी बोली ने अपने शब्द भंडार का विकास दूसरी जनपदीय बोलियों, संस्कृत तथा अन्य समकालीन विदेशी भाषाओं के शब्द भंडार के मिश्रण से किया हैं. किन्तु हिंदी के व्याकरण के विविध रूप अपने ही रहे हैं.

हिंदी में अरबी फ़ारसी अंग्रेजी आदि विदेशी भाषाओं के शब्द भी प्रयोग के आधार पर तथा व्यवहार के आधार पर आकर समाहित हो गये हैं. भाषा स्थायी नहीं होती उसमें दूसरी भाषा के लोगों के सम्पर्क में आने से परिवर्तन होते रहते हैं.

भाषा में यह परिवर्तन धीरे धीरे होता हैं. और इन परिवर्तनों के कारण नई नई भाषाएँ बनती रहती हैं, इसी कारण संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश आदि के क्रम में ही आज की हिंदी तथा राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, सिन्धी, बंगला, उड़िया, असमिया, मराठी आदि अनेक भाषाओं का विकास हुआ हैं.

भाषा के भेद प्रकार (Type of language)

जब हम आपस में बातचीत करते है तो मौखिक भाषा का प्रयोग करते है तथा पत्र, लेख, पुस्तक, समाचार पत्र आदि में लिखित भाषा का प्रयोग करते हैं. विचारों का संग्रह भी हम लिखित भाषा में ही करते हैं.

  • मौखिक भाषा (Oral language)
  • लिखित भाषा (written language)

मूलतः सामान्य जन जीवन के बीच बातचीत में मौखिक भाषा का ही प्रयोग होता हैं, इसे प्रयत्नपूर्वक सीखने की आवश्यकता नहीं होती हैं.

बल्कि जन्म के बाद बालक द्वारा परिवार व समाज के सम्पर्क तथा परस्पर सम्प्रेष्ण व्यवहार के कारण स्वाभा विक रूप से ही मौखिक भाषा सीखी जाती हैं.

जबकि लिखित भाषा की वर्तनी और उसी के अनुरूप उच्चारण प्रयत्नपूर्वक सीखना पड़ता हैं. मौखिक भाषा की ध्वनियों के लिए स्वतंत्र लिपि चिह्नों के द्वारा भी भाषा का निर्माण होता हैं.

भाषा और बोली में अंतर

एक सीमित क्षेत्र में बोले जाने वाले भाषा के स्थानीय रूप को बोली कहा जाता हैं, जिसे उप भाषा भी कहते हैं. कहा गया है कि कोस कोस पर पानी बदले पांच कोस पर बानी.

हर पांच सात मील पर बोली में बदलाव आ जाता हैं. भाषा का सीमित, अविक सित तथा आम बोलचाल वाला रूप बोली कहलाती हैं.

जिसमें साहित्य की रचना नहीं होती तथा जिसका व्याकरण नहीं होता व शब्दकोश भी नहीं होता, जबकि भाषा विस्तृत क्षेत्र में बोली जाती हैं, उसका व्याकरण तथा शब्दकोश होता हैं तथा उसमें साहित्य लिखा जाता हैं.

किसी बोली का संरक्षण तथा अन्य कारणों से यदि क्षेत्र विस्तृत होने लगता है तो उसमें साहित्य लिखा जाने लगता हैं. तो वह भाषा बनने लगती है तथा उसका व्याकरण निश्चित होने लगता हैं.

  • जाति का अर्थ परिभाषा महत्व
  • पुरुषार्थ का अर्थ व परिभाषा
  • भारत के राज्य और उसकी भाषाएँ
  • शिक्षा का अर्थ महत्व व परिभाषा

उम्मीद करता हूँ दोस्तों भाषा का महत्व पर निबंध Essay On The Importance Of Language In Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा.

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दा इंडियन वायर

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

importance of language essay in hindi

By विकास सिंह

importance of hindi language

विषय-सूचि

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Importance of hindi language)

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में काफी अधिक है।

हिंदी भाषा में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं और इसे “देवनागरी” नामक एक लिपि में लिखा जाता है। हिंदी एक समृद्ध व्यंजन प्रणाली से सुसज्जित है, जिसमें लगभग 38 विशिष्ट व्यंजन हैं। हालाँकि, ध्वनि की इन इकाइयों के रूप में स्वरों की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, बड़ी संख्या में बोलियों की मौजूदगी के कारण, जो व्यंजन प्रदर्शनों की सूची के कई व्युत्पन्न रूपों को नियोजित करती हैं।

हालाँकि, व्यंजन प्रणाली का पारंपरिक मूल सीधे संस्कृत से विरासत में मिला है, जिसमें अतिरिक्त सात ध्वनियाँ हैं, जिन्हें फारसी और अरबी से लिया गया है।

हिंदी भाषा किन क्षेत्रों में बोली जाती है?

500 मिलियन से अधिक बोलने वालों के साथ, चीनी के बाद हिंदी दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी को भारत के “राजभाषा” (राष्ट्रभाषा) के रूप में अपनाने से पहले इसमें काफी बदलाव आया है।

इंडो-आर्यन भाषाई वर्गीकरण प्रणाली के सिद्धांत के अनुसार, हिंदी भाषाओं के मध्य क्षेत्र में रहती है। 1991 की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी को “देश भर में एक भाषा” के रूप में भारतीय आबादी के 77% से अधिक द्वारा घोषित किया गया था। भारत की बड़ी आबादी के कारण हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

1991 की भारत की जनगणना के अनुसार (जिसमें हिंदी की सभी बोलियाँ शामिल हैं, जिनमें कुछ भाषाविदों द्वारा अलग-अलग भाषाएं मानी जा सकती हैं – जैसे, भोजपुरी), हिंदी लगभग 337 मिलियन भारतीयों की मातृभाषा है, या भारत के 40% लोगों की है। उस वर्ष जनसंख्या।  एसआईएल इंटरनेशनल के एथनोलॉग के अनुसार, भारत में लगभग 180 मिलियन लोग मानक (खारी बोलि) हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में मानते हैं, और अन्य 300 मिलियन लोग इसे दूसरी भाषा के रूप में उपयोग करते हैं।

भारत के बाहर, नेपाल में हिंदी बोलने वालों की संख्या 8 मिलियन, दक्षिण अफ्रीका में 890,000, मॉरीशस में 685,000, अमेरिका में 317,000 है। यमन में 233,000, युगांडा में 147,000, जर्मनी में 30,000, न्यूजीलैंड में 20,000 और सिंगापुर में 5,000, जबकि यूके, यूएई, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी हिंदी बोलने वालों और द्विभाषी या त्रिभाषी बोलने वालों की उल्लेखनीय आबादी है जो अंग्रेजी से हिंदी के बीच अनुवाद और व्याख्या करते हैं।

हिंदी भाषा का विकास (growth of hindi language)

1947 के विभाजन के बाद भारत सरकार द्वारा समर्थित संक्रांति दृष्टिकोण से हिंदी की वर्तमान बनावट बहुत प्रभावित है। स्वतंत्रता से पहले अपने मूल रूप में, हिंदी ने उर्दू के साथ मौखिक समानता की काफी हद तक साझा की है। हिंदी और उर्दू को अक्सर एक ही इकाई के रूप में संदर्भित किया जाता था जिसका शीर्षक था “हिंदुस्तानी”।

इसके साथ ही कई अन्य भाषाओं जैसे अवधी, बघेली, बिहारी (और इसकी बोलियाँ), राजस्थानी (और इसकी बोलियाँ) और छत्तीसगढ़ी। हालाँकि, यह दृष्टिकोण वस्तुतः प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक सूचना के माध्यम की वकालत करता है, जो वाराणसी बोली की तर्ज पर भारतीय विद्वानों द्वारा विकसित एक संस्कृत-उन्मुख भाषा को रोजगार देता है।

लिपि:

देवनागरी लिपि

महत्वपूर्ण लेखक:

रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन, हरिवंश राय बच्चन, नागार्जुन, धर्मवीर भारती, अशोक बजाज, अशोक बजाज, अशोक बजाज चंद्र शुक्ला, महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वर नाथ रेणु, हरिशंकर परसाई, रामवृक्ष बेनीपुरी, चक्रधर शर्मा गुलेरी, विष्णु प्रभाकर, अमृत लाल नागर, भीष्म साहनी, सूर्यकांत निराला आदि को हिंदी के सबसे मशहूर लेखकों में गिना जाता है ।

हिंदी स्थानीयकरण और सूचना प्रौद्योगिकी

हिंदी टाइपिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले कई लोकप्रिय फॉन्ट हैं; यूनिकोड, मंगल, क्रुतिदेव, आदि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की एक टीम पहले से ही मशीनी अनुवाद सॉफ्टवेयर को विकसित करने और हिंदी को मानकीकृत करने के लिए काम कर रही है, हालाँकि वे इसके माध्यम से कोई बड़ा तोड़ नहीं बना पाए हैं।

हिंदी भाषा की बढ़ती प्रोफ़ाइल के प्रति हाल की चेतना ने लाखों हिंदी बोलने वालों को आशा दी है और आशा है कि आने वाले समय में हिंदी को मान्यता मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक भाषा बन जाएगी। यह समय हिंदी केंद्र, हिंदी विश्वविद्यालयों, हिंदी गैर सरकारी संगठनों और लाखों हिंदी भाषियों को हिंदी की रूपरेखा बढ़ाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। हिंदी सिनेमा और बॉलीवुड ने पहले ही अच्छा योगदान दिया है, इसी तरह हिंदी मीडिया ने भी चमत्कार किया है।

वैश्विक मोर्चे पर हिंदी के बढ़ते महत्व के आधार पर, अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद और हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद के लिए भविष्य उज्ज्वल है। हालाँकि, भारतीय को अंग्रेज़ी शब्दकोश और अंग्रेज़ी से हिंदी शब्दकोश में ऑनलाइन हिंदी विकसित करने और ऑनलाइन हिंदी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के प्रयासों की आवश्यकता है।

[ratemypost]

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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धन्यवाद !

Finally I got a nice speech

thank you vikas singh bhai

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हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

यहां पर हिंदी का महत्व पर निबंध (Hindi Bhasha ka Mahatva Par Nibandh) के बारे में बताने वाले है। हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसके बारे जितना लिखा जाए उतना काम ही है।

Hindi Bhasha ka Mahatva

इस भाषा से हम कई और भाषाओं का ज्ञान भी ले सकते हैं। यहां पर हमने हिन्दी भाषा का महत्व (hindi bhasha ka mahatva nibandh) के जरिये आपको बताने का प्रयास किया है। आप इसे अंत तक जरूर पढ़े।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Hindi Bhasha ka Mahatva Essay In Hindi)

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (250 शब्द).

विश्व की प्राचीन और सरल भाषाओं की सूची में हिंदी को अग्रिम स्थान मिला है। हिंदी भारत की मूल है। यह भाषा हमारी संस्कृति और संस्कारों की पहचान है। हिंदी भाषा हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान और गौरव प्रदान करवाती है।

विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा में हिन्दी का स्थान दूसरा आता है। भारत देश में यह भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है, इसलिए हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 के दिन अधिकारिक रूप से राजभाषा का दर्जा दिया गया।

भारत ही एक ऐसा देश है, जिसकी राष्ट्रभाषा और राजभाषा एक ही है। जो यह साबित करता है कि  भारत देश में हिंदी का कितना महत्व है।

हिंदी भाषा का जन्म लगभग एक हजार वर्ष पहले हुआ था। ऐसा माना जाता है कि हिंदी का जन्म देवभाषा संस्कृत की कोख से हुआ है। संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, अवहट्ट, हिन्दी यह हिंदी भाषा का विकास क्रम है।

हिंदी एक भावात्मक भाषा है, जो लोगों के दिल को आसानी छू लेती है। हिंदी भाषा देश की एकता का सूत्र है। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार करने का श्रेय एक मात्र हिंदी भाषा को जाता है। भाषा की जननी और साहित्य की गरिमा हिंदी भाषा जन-आंदोलनों की भी भाषा रही है।

आज भारत में पश्चिमी संस्कृति को अपनाया जा रहा है, जिसके चलते अंग्रेजी भाषा का सभी क्षेत्रों में चलन बढ़ गया है। वास्तविक जीवन में भले ही हम हिंदी का प्रयोग जरूर करते है लेकिन कॉर्पोरेट जगत में ज्यादातर अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग होता है, जो हमारे लिए एक शर्मनाक बात है।

फिर भी दुनिया में हिंदी की बढ़ती पॉपुलरटी को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी भविष्य की भाषा है। एक भारतीय होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हमें भी हिंदी के महत्व को बढ़ाना देना चाहिए।

importance of language essay in hindi

  • राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध
  • राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (1200 शब्द)

एक स्वतंत्र देश की खुद की एक भाषा होती है, जो उस देश का मान-सम्मान और गौरव होती है। भाषा और संस्कृति ही उस देश की असली पहचान होती है। भाषा ही एक ऐसा जरिया है, जिसकी मदद से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

विश्व में कई सारी भाषाएँ बोली जाती है, जिसमें हिंदी भाषा का विशेष महत्व है। यह भाषा भारत में सबसे अधिक बोली जाती है और विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में दूसरा स्थान है।

हिंदी सिर्फ एक भाषा का काम ही नहीं करती है। यह सभी लोगों को एक दूसरे को आपस में जोड़े रखने का काम भी करती है। हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बोली जाने वाली भाषा है।

इसका अध्ययन विदेशों में भी होता है और विश्व के कोने-कोने से लोग भारत सिर्फ हिंदी सिखने के लिए आते है। ऐसा माना जाता है कि संस्कृत भाषा का सरलतम रूप हिंदी भाषा ही है। हिंदी भाषा में संस्कृत के काफ़ी शब्दों का समावेश देखने को मिल जाएगा।

हिंदी भाषा का विकास

विश्व में कुल 3 हजार भाषाएं बोली जाती है, उनमें से हिंदी एक भाषा है। रूप या आकृति के आधार पर हिंदी वियोगात्मक भाषा है। भारत देश में 4 भाषा के परिवार मिलते है, जो भारोपीय, द्रविड़, ऑस्ट्रिक व चीनी तिब्बती है। भारत में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषा परिवार भारोपीय परिवार है।

यह भाषा की आदि जननी संस्कृत है। संस्कृत पाली, प्राकृतिक भाषा से होती हुई और अपभ्रंश तक पहुंचती है। फिर अपभ्रंश से गुजरती हुई प्राचीन/प्रारंभिक हिंदी का रूप लेती है। सामान्यता हिंदी भाषा के इतिहास का आरंभ अपभ्रंश से माना जाता है।

हिंदी भाषा का विकास क्रम

संस्कृत⇾ पालि⇾ प्राकृत⇾ अपभ्रंश⇾ अवहट्ट⇾ प्राचीन/प्रारम्भिक हिन्दी

हिंदी भाषा का महत्व

यह एक ऐसी भाषा है, जो सभी धर्मों के लोगों को जोड़े रखने का काम करती है। यह सिर्फ एक भाषा का काम ही नहीं करती, यह एक देश की संस्कृती, वेशभूषा, रहन सहन, पहचान आदि है।

हमारे में से कई लोग ऐसी भी है, जो यह मानते है कि वह हिंदी नहीं सीखेंगे फिर भी उनका काम बन जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि भारत में हर व्यक्ति अन्य भाषाओं को मुख्य भाषा के रूप में प्रयोग में नहीं ला सकता है। लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसकी मदद से हर भारतीय आसानी से आपस में समझ सकते हैं।

हिंदी को संस्कृत की बड़ी बेटी का दर्जा प्राप्त है। हिंदी बहुत ही सरल भाषा है, जिससे हर कोई सिखकर इसका प्रयोग कर सकता है। यह सिखने में बहुत ही आसान है। हिंदी को सिखने के लिए आपको अधिक खर्चे करने की भी जरूरत नहीं है।

हिंदी को मात्र कुछ किताबों की मदद से सिखा जा सकता है। हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के लोग अपने बचपन से करना शुरू कर देते है।

हिंदी- एक भावात्मक भाषा

भारत एक ग्रामीण देश है और इसकी अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण इलाकों से तालुक रखती है। भारत में सभी अंग्रेजी नहीं जानते। इसलिए भारत में आपको किसी से भी बात करनी हो या फिर संवाद करना हो तो आपको पहले हिंदी का ज्ञान होना ही चाहिए।

यह एक ऐसी भाषा है, जिसकी मदद से हम अपनी भावनाओं को बहुत ही सरल तरीके से व्यक्त कर सकते हैं। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है, जिनको हिंदी की जानकारी होते हुए भी अन्य भाषओं का प्रयोग करते हैं क्योंकि उनको लगता है कि हिंदी बोलने से उनके चरित्र पर सवाल उठेंगे।

ये सोच रखने वाले हिंदी को अधिक महत्व नहीं देते लेकिन उनको यह जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसे सिखने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करके भारत आते है। हिंदी के महत्व को जानने के लिए यही मात्र काफी है।

इं‍टरनेट युग में हिन्दी

इंटरनेट एक ऐसी जगह है, जहां पर हम हर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और विश्व में इन्टरनेट जिस रफ़्तार से विकसित हुआ है, वो सही में बहुत तारीफ के काबिल है।

हिंदी भाषा भी अब इंटरनेट पर तेजी से अपना कब्ज़ा जमा रही है। आज के समय में हिंदी भाषा हर समाचार पत्र से लेकर हिंदी ब्लॉग तक अपनी पहचान हासिल कर रही है।

गूगल और विकिपीडिया जैसी बड़ी वेबसाइट हिंदी को हर व्यक्ति तक पहुँचाने में अपनी हर संभव कोशिश कर रही है। इन्होंने हिंदी भाषा के महत्व (Hindi ka Mahatva) को समझते हुए इंटरनेट पर ट्रांसलेटर, सर्च, सोफ्टवेयर आदि को विकसित किया, जिससे लोगों के लिए हिंदी को जानना और भी आसान हो गया।

आज के समय में इंटरनेट पर हर महत्वपूर्ण चीज की जानकारी हिंदी में मिल रही है, जिससे हिंदी और भी लोकप्रिय होती जा रही है। हर कोने में हिंदी की पहचान कायम हो रही है।

हिंदी भाषा के क्षेत्र

ऐसा माना जाता था कि हिंदी उत्तर भारत में ज्यादा बोली जाती है लेकिन अब हिंदी भारत के हर कोने में फैलती गई है और धीरे-धीरे हिंदी भाषा पूरे भारत में लोकप्रिय होती गई। आज के समय में हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। इसकी हर जगह पर सराहना हो रही है।

आज के समय में हिंदी मुख्य रूप से भारत के सभी राज्यों में बोली जाती है, इन राज्यों में मुख्य रूप से बिहार, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उतराखंड राजस्थान आदि आते है।

यह भाषा भारत के अलावा नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, अमेरिका, यमन, युगांडा, जर्मनी, न्यूजीलैंड, सिंगापुर आदि में भी बोलने वालों की संख्या लाखों में है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा और यूएई में भी हिंदी बोलने वाले और द्विभाषी या त्रिभाषी बोलने वालों की संख्या भी बहुत है।

हिंदी भाषा की विशेषताएं

  • इस भाषा को देवभाषा संस्कृत का सरलतम रूप कहा जा सकता है। इसकी लिपि देवनागरी लिपि है।
  • हिंदी भाषा एक ऐसी भाषा है, जिसमें हम दूसरी भाषा के शब्द भी आसानी से प्रयोग कर सकते है, जिससे हमें आसानी होती है।
  • इस भाषा के वर्णमाला में स्वर और व्यंजन दूसरी भाषाओं की वर्णमालाओं की तुलना में बहुत अधिक व्यवस्थित है।
  • हिंदी भाषा के वर्ण हम जो भी बोलते हैं, उन्हें आसानी से लिख भी सकते हैं जबकि दूसरी भाषाओं में ऐसी नहीं होता है।
  • यह एक ऐसी भाषा है, जिसमें निर्जीव वस्तुओं के लिए लिंग का निर्धारण होता है।
  • हिंदी भाषा को पढ़ने के साथ ही इसे आसानी से लिखा भी जा सकता है।
  • हिंदी भाषा के शब्दकोश में मौजूद शब्द हर काम के लिए अलग अलग है और ये शब्द बढ़ ही रहे है।
  • इस भाषा में साइलेंट लेटर्स नहीं होते हैं, जिसके कारण ही इसका उच्चारण और लेखन में शुद्धता होती है।
  • सोशल मीडिया पर हिंदी का प्रयोग हमेशा बढ़ता ही जा रहा है, इसलिए सभी बड़ी बड़ी सोशल मीडिया वेबसाइट ने हिंदी को महत्व देना शुरू कर दिया है।

हिंदी भाषा के प्रति हमारा सभी का यह कर्तव्य है कि हमें हिंदी के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें इसका भरपूर सम्मान करना चाहिए।

यह भाषा सभी धर्मों को जोड़े रखने का काम करती है। सभी को यह समझाना चाहिए कि हिंदी का प्रयोग करना हीनता का प्रतीक नहीं बल्कि यह हमारा गौरव है।

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Comments (2).

बहुत बढ़िया राहुल सर

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हिंदी का महत्व ( Importance of Hindi )

आज के युग में हम हिंदी के महत्व को उजागर करने जा रहे हैं। हिंदी के उद्भव , विकास और प्रसिद्धि इन सभी बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करने की कोशिश करेंगे। यह लेख हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए भी लाभदायक है , जिसके माध्यम से वह हिंदी को और विस्तार पूर्वक समझ सकेंगे।

यह लेख हिंदी के महत्व को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। जिसके माध्यम से आपके ज्ञान की वृद्धि और जिज्ञासा की शांति हो सके। ऐसा इस लेख का उद्देश्य  है –

Table of Contents

हिंदी का महत्व ( निबंध के रूप में प्रस्तुत )

पृष्ठभूमि – हिंदी की प्रसिद्धि आज देश ही नहीं अभी तो विदेश मे भी है। हिंदी का सरलतम रूप आज समाज में व्याप्त है।  हिंदी का अध्ययन देश ही नहीं अपितु विदेश में भी किया जा रहा है। हिंदी भाषी क्षेत्रों का दायरा व्यापक और विस्तृत होता जा रहा है , जिसमें संभावनाएं असामान्य रूप से बढ़ती जा रही है।

खड़ी बोली को पीछे छोड़कर हिंदी भाषा में एक नया रूप धारण किया , जिसमें इसके पाठकों और श्रोताओं का साथ मिलता गया। हिंदी भाषी लोग भारत में बेहद ज्यादा संख्या में उपलब्ध है , जिसके कारण भारतीय साहित्य में हिंदी भाषा ने अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली। वर्तमान शोध में यह पाया गया है कि इंटरनेट की दुनिया में गुणात्मक रूप से वृद्धि करने वाली भाषा हिंदी है।

जिसके अध्ययन के लिए विदेशी लोग भी लालाहित हैं।

माना जाता है हिंदी का जन्म उर्दू , अरबी और फारसी भाषाओं से हुआ है। मेरा ऐसा मानना है काफी शब्द उनसे ग्रहण किया गया है , किंतु संस्कृत का यह सरलतम रूप है। हिंदी मे  , संस्कृत और उर्दू के शब्दों भाषा के शब्दों का प्रयोग देखने को मिलता है।

हिंदी भाषा के उद्भव के कारण

हिंदी के उद्भव से पूर्व की जो भाषाएं भारत में प्रचलित थी वह सामान्य जनमानस की भाषा नहीं थी। संस्कृत पढ़े लिखे और विद्वानों की भाषा मानी जाती थी।  इस भाषा का प्रयोग सामान्य जीवन में नहीं किया जाता था। जिसके कारण इस भाषा से सामान्य जन परिचित नहीं थे। भारत की अधिकतर आबादी गांव में निवास करती थी , जहां के लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा में बातचीत किया करते थे। इन ग्रामीणों को बैंक अथवा कार्यालय में हिंदी भाषा का प्रयोग करने में सुविधा होती है। अतः ऐसे क्षेत्र बहुतायत संख्या में है जहां कार्यालय भाषा हिंदी है।

हिंदी के शब्द सरल और सुविधाजनक माने जाते हैं। इस प्रकार यह लोग सम्मानीय की भाषा बनती है। हिंदी का साहित्य में आगमन एक क्रांतिकारी चरण है। हिंदी से पूर्व प्राकृत , अपभ्रंश , खड़ी बोली आदि का प्रयोग था जो बेहद ही जटिल भाषा मानी जाती है। इसको लिखना और बोलना बेहद कठिन माना जाता है।

अतः नवजागरण काल में हिंदी भाषा का चलन आरंभ हुआ।

भारतेंदु हरिश्चंद्र और उनकी सहयोगी टोलियों ने हिंदी भाषा के क्षेत्र में बेहद सराहनीय कार्य किया। भारतेंदु को हिंदी भाषा के विकास का श्रेय दिया जाता है इससे पूर्व खड़ी बोली प्रचलन में थी।

जनसामान्य की रुचि को ध्यान में रखते हुए भारतेंदु ने हिंदी भाषा का चलन आरंभ किया।

तत्काल समय में कविता नाटक और उपन्यास की रचना हिंदी में की गई जिसे लोगों ने खूब सराहा और धीरे-धीरे मध्यमवर्गीय पाठकों का उदय हुआ। इन पाठकों की प्रमुख भाषा हिंदी थी।

अतः उन्होंने हाथों-हाथ इन उपन्यास और साहित्य को अपनाया।

हिंदी भाषी क्षेत्र की जानकारी

हिंदी भाषा का क्षेत्र आज व्यापक हो गया है , पूर्व समय में उत्तर भारत का संपूर्ण भाग हिंदी भाषी माना जाता था। जिसमें प्रमुख मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , बिहार आदि है। इन प्रदेशों में अधिक आबादी और संख्या होने के कारण हिंदी भारत में लोकप्रिय भाषा बन गई।  आज वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा उभर कर सामने आई है। वर्तमान समय में देश ही नहीं अपितु विदेश में भी हिंदी भाषा की सराहना की जा रही है। हिंदी भाषा इतनी सरल है कि जो शब्द का उच्चारण होता है वही शब्द लिखित रूप में होता है।

जबकि अन्य भाषाओं में शब्द का उच्चारण और लेख विभिन्न होते हैं।

विदेशी पाठक भी हिंदी का अध्ययन कर रहे हैं और इस क्षेत्र में उभरती संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।

इंटरनेट पर हिंदी भाषी लोगों का निरंतर गुणात्मक रूप से वृद्धि हो रही है।

जिसका यही कारण है कि हिंदी सरल और सुगम भाषा बनती जा रही है। यह एक विशाल समूह की भाषा है जो सरल और सुगम मानी गई है।

वैश्विक स्तर पर हिंदी का महत्व – Hindi ka mahatva vaishvik star par

भारत सदैव से विश्व गुरु माना गया है , बीच में कुछ कालखंड ऐसे रहे जहां भारत अपनी राजनीतिक परिस्थितियों में घिर गया था। किंतु वह आज भी विश्व गुरु बनने की राह में पीछे नहीं है। भारत में वैदिक गुरुकुल और शिक्षा को ग्रहण करने के लिए देश-विदेश से शिक्षार्थी आया करते थे यहां के गुरुकुल की शिक्षा दुर्लभ थी। नालंदा विश्वविद्यालय इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

  • भारत ने ही विश्व को वेद और योग तथा विज्ञान की शिक्षा दी।
  • भारतीय वेद पुराणों में निहित विज्ञानों को आज के वैज्ञानिक खोज कर रहे हैं।
  • जबकि उन सभी को भारतीय वेद पुराण में लिखा जा चुका था।

इसको आप झुठला नहीं सकते।

ठीक इसी प्रकार हिंदी की पकड़ विश्व स्तर पर हो गई है। इसके पाठकों के माध्यम से हिंदी भाषा का विस्तार हो रहा है। आज विदेशी लोग भी व्यापार करने के लिए भारत की ओर ताक रहे हैं। ऐसी स्थिति में वह हिंदी भाषा का गहन अध्ययन कर रहे हैं। आए दिन शोध में यह पाया जा रहा है कि भारतीय हिंदी भाषा का निरंतर गुणात्मक रूप से विकास हो रहा है। अतः इनकी आबादी और पाठकों की संख्या बेहद अधिक है ऐसे में विदेशी भी भारत की ओर अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं।

इंटरनेट पर इंग्लिश और चाइना भाषा के बाद हिंदी ही सबसे लोकप्रिय भाषा मानी जा रही है। देश विदेश के लोग हिंदी सीखने के लिए मोटी रकम खर्च कर रहे हैं।

हिंदी के साहित्य

हिंदी के साहित्य का वर्तमान में वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ गई है। हिंदी के साहित्य व्यक्ति के जीवन से जुड़े होते हैं। उसमें हर्ष , विषाद , संवेदना सभी प्रकार के भाव निहित होते हैं। हिंदी साहित्य मानवीय संवेदनाओं को प्रकट करने में सक्षम है। आप इन साहित्य को पढ़कर यह महसूस करेंगे कि यह हूबहू आपके सामने आपके आंखों के दृश्य को प्रकट कर रहा है। हिंदी से पूर्व खड़ी बोली और अवधी भाषा का प्रचलन जोर पर था।

किंतु इन साहित्य को पढ़ने में उनके शब्दों को समझने में काफी कठिनाई का अनुभव करना पड़ता था। तत्कालीन लेखकों और कवियों ने इस पर विचार विमर्श कर हिंदी भाषा में साहित्य का रूपांतरण और रचना आरंभ की। जयशंकर प्रसाद , भारतेंदु हरिश्चंद्र , प्रेमचंद , आदि प्रमुख कवियों ने सामाजिक जीवन को हूबहू हिंदी साहित्य में पाठक के सामने प्रकट किया है।

यही कारण है कि प्रेमचंद को कलम का सिपाही माना जाता है।

उनकी रचना ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुई थी , यह साहित्य ग्रामीण जीवन को प्रकट करने का सामर्थ्य रखती थी। इन कवियों के साहित्य को ग्रामीण जीवन का महाकाव्य भी माना गया है।

हिंदी साहित्य जनसामान्य का साहित्य है।

इस साहित्य के पाठक का दायरा बेहद विस्तृत और व्यापक है।

शब्द और उच्चारण

हिंदी विश्व की एक इकलौती ऐसी भाषा है जो शब्द उच्चारण किए जाते हैं वही शब्द लिखे जाते हैं। हिंदी के अतिरिक्त अन्य सभी भाषाओं में उच्चारण और लेखन में बेहद ही अंतर देखने को मिलता है।

कई बार शब्दों को पढ़कर उसके उच्चारण में अस्पष्टता होती है।

हिंदी को इन्हीं सभी कठिनाइयों को ध्यान में रखकर विस्तार मिला। हिंदी जन सामान्य और मध्यम वर्ग की सशक्त भाषा है। इस भाषा में अनेक भाषाओं के शब्दों को समाहित किया गया है।

जिसमें प्रमुख अरबी , फारसी , उर्दू , संस्कृत आदि भाषाएं शामिल है।

इंटरनेट पर भी हिंदी का प्रयोग इसलिए प्रसिद्ध है , क्योंकि इसके शब्दों का लिखना और उच्चारण करना पाठकों के लिए सुलभ है। दिन – प्रतिदिन इसी सुगमता के कारण हिंदी का निरंतर विकास होता जा रहा है।

वह दिन दूर नहीं जब हिंदी विश्व स्तर की सर्वश्रेष्ठ भाषा कहलाई जाएगी।

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5 thoughts on “हिंदी का महत्व ( Importance of Hindi )”

हिंदी का महत्व सिर्फ वही व्यक्ति समझ सकता है जो इसमें छुपे रास को ग्रहण कर सकने की क्षमता रखता है। आपका लेख वाकई काबिले तारीफ है। आशा है आपसे इसी प्रकार के लेखन की।

धन्यवाद शुभाष जी। हमें इस बात की ख़ुशी है कि ये लेख आपको अच्छा लगा।

आज के जमाने में हिंदी का महत्व बढ़ता ही जा रहा है और इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है की हिंदी विभाग की सहायता लेकर अपनी हिंदी मजबूत करें और अपने आप को बेहतर बनाएं।

बहुत अच्छा लेख तैयार किया है आपने, हिंदी का महत्व बहुत है अगर सामने वाला समझना चाहे तो

राष्ट्रपती रामनाथ कोविन्द जी ने कहा है.. “हिंदी अनुवाद की नहीं बल्कि संवाद की भाषा है। हिंदी मौलिक सोच की भाषा है।”

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हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध Essay On Hindi Language

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध Essay On Hindi Language Importance

दोस्तों, हिंदी भारत की सबसे आम बोलचाल भाषा है। हिंदी भाषा उत्तर भारत में ज्यादातर बोली जाती है। वैसे तो भारत देश में तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, उर्दू इत्यादि कई भाषाएं है जो एक खास राज्य में विशेषकर बोली जाती है। परंतु हिंदी भाषा का अपना एक विशेष महत्व है। संस्कृत से निकली हिंदी ने कई भाषाओं से शब्दों को ग्रहण किया है। चाहे वो भाषा विदेशी हो या फिर क्षेत्रीय, हिंदी ने सभी भाषाओं से शब्दों को लिया है। तो मित्रों हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध ( Hindi Bhasha Par Nibandh Hindi Me ) में इसकी महत्वत्ता पर चर्चा करते है।

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध Essay On Hindi Language –

हिंदी ( Hindi Language ) का उदय संस्कृत भाषा से हुआ है। देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा लिखी जाती है। यह दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भारत देश की राजभाषा भी है। भोजपुरी, मारवाड़ी इत्यादि भाषाएं हिंदी से ही निकली है। वर्तमान में हिंदी अपने मूल देश में ही अपना महत्व खोती जा रही है।

वर्तमान में दुनिया के लगभग हर कोने में हिंदी भाषी लोग मिल जाते है। भारत में मुख्य हिंदी भाषी राज्यों में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार इत्यादि आते है। वैसे दोस्तों हिंदी गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल इत्यादि राज्यों में भी बोली जाती है। इन राज्यों में हिंदी आम बोलचाल की प्रथम भाषा नही है। फिर भी हिंदी यहां पर समझी और बोली जाती है।

हिंदी भाषा भारत को एकता के सूत्र में बांधती है। भारत में हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी, बंगाली, असमी, उर्दू इत्यादि भाषाएं बोली जाती है। इतनी सारी भाषाओं के बावजूद हिंदी का खास महत्व है। क्योंकि गैर हिंदी भाषी राज्यों के लोग हिंदी सीखते है। हिंदी उत्तर भारतीयों की मातृभाषा है। दक्षिण भारतीयों के लिए हिंदी समझना मुश्किल होता है। इसका मुख्य कारण है कि हिंदी उनकी मातृभाषा नही है। दक्षिण भारत के लोग हिंदी सीखते है। भारत में विभिन्न भाषाओं का बोले जाना विविधता है। भारत में विविधता में ही एकता है।

हिंदी भाषा का महत्व Hindi Language Importance –

Essay On Hindi Language – संस्कृत भाषा से हिंदी का उदगम हुआ है। यह विश्व की प्राचीन भाषा है। हिंदी भाषा में कालांतर में काफी बदलाव भी हुआ है। समय समय पर कई भाषाओं का प्रभाव हिंदी पर रहा है। वर्तमान में बोली जाने वाली हिंदी भाषा शुद्ध नही है। भारत में प्रान्त, राज्य, स्थान पर हिंदी बोली बदल जाती है।

हिंदी की विशेषता यह भी है कि दूसरी भाषाओं के शब्द भी इसमें आसानी से समाहित हो जाते है। जैसे कि “बटन” एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है लेकिन हिंदी में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हिंदी शब्द का उद्गम सिंधु शब्द से हुआ है। ईरान के लोग “स” शब्द को “ह” कहते थे। इससे सिंधु का हिन्दू हुआ और हिन्दू से भाषा “हिंदी” कहलाई।

हिंदी भाषा की ग्रामर बहुत सरल है जिसे समझना बहुत आसान है। हिंदी में जैसा लिखा होता है, वैसा ही बोला जाता है। किसी भी भाषा की सुंदरता, उसकी सरलता होती है। भाषा जितनी सरल होगी, उतनी ही सुंदर होगी। हिंदी की व्याकरण में सभी तरह के भावार्थ है। मानवीय विचारों को भाषा के रूप में प्रकट करने के लिए हिंदी में काफी शब्दावली है।

भारतीय हिंदी भाषा में वर्णों की संख्या 52 है। इनमें 11 स्वर और और 41 कि संख्या में व्यंजन है –

  • हिंदी भाषा में स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
  • हिंदी भाषा में व्यंजन – क, ख, ग, घ …… क्ष, त्र, ज्ञ इत्यादि होते है।

भारतीय हिंदी भाषा पर निबंध Hindi Bhasha Par Nibandh –

हिंदी भाषा (Hindi Language) भारत के अलावा विदेशों में भी बोली जाती है। नेपाल, मॉरीशस, फिजी इत्यादि देशों में हिंदी अधिकतर बोली जाती है। मंदारिन और अंग्रेजी भाषा के बाद “हिंदी” तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। वर्तमान में गूगल और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी हिंदी कंटेंट को बढ़ावा दे रहे है। ऑनलाइन सर्वर पर लाखों की संख्या में हिंदी वेबसाइट है। आपका अपना नॉलेज डब्बा ब्लॉग भी हिंदी भाषा में है।

14 सितम्बर को हर वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस तिथि को हिंदी दिवस मनाने के पीछे का कारण 14 सितम्बर, 1949 में हिंदी को आधिकारिक राजभाषा के रूप में स्वीकार होना था। हिंदी दिवस के दिन विद्यालयों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इस दिन हिंदी भाषा का महत्व पर चर्चा की जाती है। हिंदी भाषा पर निबंध, विचार और कविता लेखन होता है। हिंदी दिवस के अवसर पर भारत सरकार राजभाषा कीर्ति पुरस्कार देती है।

भारतवासियों को हिंदी भाषा का सम्मान करना चाहिए। हिंदी को सम्मान देना, हमारे लिए गर्व और स्वाभिमान का विषय है। भाषा किसी भी राष्ट्र के लिए उसकी सांस्कृतिक पहचान होती है। हिंदी भारत की पहचान और हमारी संस्कृति है।

यह भी पढ़े – 

  • विद्यालय पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध
  • मानवता पर निबंध

Note – प्यारे दोस्तों, हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध ( Essay On Hindi Language ) आपको अच्छा लगा होगा। हिंदी का महत्व ( Hindi Language Importance ) और भाषा के बारे में जानकारी आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित हुई होगी। इस पोस्ट “Hindi Bhasha Par Nibandh” को शेयर भी अवश्य करे।

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3 thoughts on “हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध Essay On Hindi Language”

bahut shandar essay likha hai

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importance of hindi language nibandh

Importance Of Hindi Language | Short Essay

कई साहित्यकारों ने हिंदी Hindi Language को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया। 1919 में, गांधी जी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था। आजादी के बाद 1949 में किस भाषा को राष्ट्रभाषा बनाया जाए, इस पर काफी चर्चा हुई। आखिरकार भारतीय संविधान सभा ने तय किया कि संघ की राष्ट्रभाषा Hindi Language हिंदी होगी। हालाँकि, जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश किया गया था, तो गैर-हिंदी भाषी राज्यों ने इसका विरोध किया और अंग्रेजी को भी राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग की। इसके कारण अंग्रेजी को भी राष्ट्रभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस प्रकार हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भारत की राष्ट्रभाषा बन गई।

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हमारी राष्ट्रभाषा

हिंदी Hindi Language हमारी मातृभाषा है, हमारी राष्ट्रभाषा है। यह वह भाषा है जिससे अधिकांश उत्तर भारतीय संबंधित हैं। अधिकांश उत्तर भारतीय हिंदी बोलते हैं। मराठी, कन्नड़, मलयालम, आदि जैसी अन्य स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाएं भी हैं। हिंदी वह भाषा है जिसका हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं, हिंदी निश्चित रूप से हम भारतीयों की घरेलू भाषा है। हिंदी एक बहुत ही सुंदर भाषा है, इसके स्वर में बहुत सौंदर्य है। यद्यपि हम अंग्रेजी को एक सहयोगी भाषा के रूप में उपयोग करते हैं, अन्य क्षेत्रों के अन्य लोगों की तरह जो हिंदी नहीं समझते हैं, वे अंग्रेजी का उपयोग एक भाषा के रूप में भी करते हैं। वे अपने विचारों को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी में बातचीत करते हैं जो प्रमुख रूप से हिंदी या अंग्रेजी जानते हैं।

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सन 1947 में स्वतंत्रता की उपलब्धि के तुरंत बाद संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया था। लेकिन भारत में लाखों लोग अभी भी हिंदी नहीं जानते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें संस्कृत शब्दों को शामिल करने से इसे कठिन बना दिया गया है। राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस की अवधारणा हिंदुस्तानी की थी-हिंदी और उर्दू का मिश्रण। लेकिन वर्षों से हम हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दे पाए हैं।

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हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है, इसे 1947 में स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। हालांकि हमारी भाषा हिंदुस्तानी है, जो हिंदी और उर्दू का मिश्रण है।

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वैश्विक भाषा के रूप में हिंदीभाषा:

यह उल्लेख करना उचित होगा कि विदेशियों ने भी भारत की समृद्ध संस्कृति को समझने में रुचि बढ़ाई है। यही कारण है कि कई देशों ने यहां भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शैक्षिक केंद्रों की स्थापना की है।

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भारतीय धर्म, इतिहास और संस्कृति पर विभिन्न पाठ्यक्रमों के संचालन के अलावा, कई भारतीय भाषाओं जैसे हिंदी, उर्दू और संस्कृत में भी पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। वैश्वीकरण और निजीकरण के इस परिदृश्य में, अन्य देशों के साथ भारत के बढ़ते व्यापार संबंधों को देखते हुए, संबंधित व्यापारिक भागीदार देशों की अंतर-शिक्षा आवश्यकताओं की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

इस आयोजन ने अन्य देशों में हिंदी को लोकप्रिय और आसानी से समझ में आने वाली भारतीय भाषा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अमेरिका के कुछ स्कूलों ने फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन के साथ-साथ हिंदी को विदेशी भाषा के रूप में लॉन्च करने का फैसला किया है

हमारी मातृभाषा

अब, हालांकि हिंदी सीखना कम फैशनेबल हो गया है, लोग विदेशी भाषाओं से अधिक मोहित हो रहे हैं और हिंदी के सार को भूल रहे हैं। अंग्रेजी पर जोर व्यापक रूप से बढ़ रहा है और यह हिंदी के महत्व और महत्व के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। हिंदी अपने क्षेत्र में एक विदेशी भाषा बन गई है।

हिंदी वह भाषा है जो हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखती है। हां, अंग्रेजी वास्तव में एक वैश्विक भाषा है, यह आपको विविध क्षेत्रों और क्षेत्रों तक पहुंचने का एक रास्ता प्रदान करती है, लेकिन किसी को भी भारतीयों के महत्व और पहचान को नहीं भूलना चाहिए, जो कि भाषा-हिंदी में निहित है।

तकनीकी भाषा के रूप में हिंदी:

भाषाओं और विशेष रूप से हिंदी में भाषा प्रौद्योगिकी का विकास 1991 में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के तहत भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी विकास मिशन (टीडीआईएल) की स्थापना के साथ शुरू किया गया था। इसके बाद मिशन के तहत बड़ी संख्या में गतिविधियां संचालित की गईं। भारतीय भाषाओं की समृद्धि को ध्यान में रखते हुए 1991 में हिंदी सहित प्रत्येक संवैधानिक रूप से स्वीकार्य भाषा में तीन लाख शब्दों का संग्रह विकसित करने का निर्णय लिया गया। तदनुसार, IIT दिल्ली को हिंदी शब्द संग्रह के विकास का काम सौंपा गया था।

1981-1990 के दौरान मुद्रित पुस्तकें, पत्रिकाएँ, पत्रिकाएँ, समाचार पत्र और सरकारी दस्तावेज़ हैं। वे छह मुख्य श्रेणियों में विभाजित हैं: सामाजिक विज्ञान, भौतिक और व्यावसायिक विज्ञान, सौंदर्य, प्राकृतिक विज्ञान, वाणिज्य, सरकार और मीडिया भाषाएँ – और अनुवादित सामग्री भाषा स्तर टैगिंग, शब्द गणना, वर्णमाला गणना, आवृत्ति के लिए सॉफ़्टवेयर उपकरण गिनती चली गई। विभिन्न संस्थानों द्वारा लगभग 300,000 शब्दों द्वारा एक मशीन-पठनीय संग्रह विकसित किया गया है।

हिंदी तुलनात्मक रूप से एक जटिल भाषा है, दुनिया भर से लोग भारत आते हैं और अपना समय और जीवन हमारी भाषा- हिंदी सीखने में लगाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमें अपने हिंदी सीखने पर उतना ही जोर देना चाहिए जितना हम अंग्रेजी में करते हैं।

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Importance Of Hindi Language Essay In Hindi – हिंदी भाषा पर निबंध

Importance Of Hindi Language Essay In Hindi: हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है और भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। 300 मिलियन से अधिक बोलने वालों के साथ, हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत के लोगों की संस्कृति और पहचान का प्रतिनिधित्व करती है। हिंदी भाषा का महत्व भारतीय जीवन के कई पहलुओं जैसे व्यवसाय, मनोरंजन, शिक्षा और संस्कृति में देखा जा सकता है। इस व्यापक मार्गदर्शिका में, हम हिंदी भाषा के ऐतिहासिक महत्व, भारत और उसके बाहर इसके महत्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं में इसकी प्रासंगिकता का पता लगाएंगे।

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हिंदी भाषा पर निबंध का महत्व – Importance Of Hindi Language Essay In Hindi

इस ब्लॉग हिंदी भाषा निबंध के महत्व में, हम 100, 200, 250 और 300 शब्दों में हिंदी भाषा निबंध के महत्व के बारे में शामिल करते हैं। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 12वीं कक्षा तक और बच्चों, बच्चों और छात्रों के लिए हिंदी भाषा निबंध के महत्व को भी कवर करें। इस हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध में निम्नलिखित विशेषताओं को दिए गए तरीके से समझाया गया है।

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हिंदी भाषा का ऐतिहासिक महत्व

हिंदी भाषा की उत्पत्ति का पता 7वीं शताब्दी में लगाया जा सकता है जब यह भाषा संस्कृत से विकसित हुई। हिंदी का विकास स्थानीय बोलियों और फ़ारसी और अरबी भाषाओं के बीच परस्पर क्रिया के परिणामस्वरूप हुआ। हिंदी का अन्य भारतीय भाषाओं जैसे पंजाबी, गुजराती, बंगाली और मराठी से गहरा संबंध है। हिंदी भी अंग्रेजी से प्रभावित हुई है, जिससे कई नए शब्दों और वाक्यांशों का निर्माण हुआ है।

भारतीय इतिहास और संस्कृति में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुग़ल काल में हिंदी आम लोगों की भाषा थी, जबकि उर्दू कुलीन वर्ग की भाषा थी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने भी हिंदी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे देश में इसके व्यापक उपयोग के कारण स्वतंत्रता के बाद हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में चुना गया था।

भारत में हिंदी का महत्व – Importance Of Hindi Language Essay In Hindi

हिंदी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है, और यह देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत के कई हिस्सों में हिंदी सरकार, शिक्षा और व्यवसाय की भाषा है। हिंदी बॉलीवुड की भाषा भी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है। हिंदी भाषा का महत्व भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं में देखा जा सकता है।

  • भारत के कई राज्यों में सरकारी संवाद की भाषा हिंदी है। इसका उपयोग केंद्र सरकार और भारतीय संसद में भी किया जाता है। भारतीय न्यायपालिका की भाषा भी हिंदी है और कई कानूनी दस्तावेज़ हिंदी में लिखे जाते हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में, देश भर के कई स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा का माध्यम हिंदी है। कई शैक्षणिक संस्थान हिंदी को दूसरी भाषा के रूप में भी पेश करते हैं और छात्रों को हिंदी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • व्यापार में, भारत में संचार के लिए हिंदी एक आवश्यक भाषा है। कई व्यवसायों को अपने कर्मचारियों को हिंदी में पारंगत होने की आवश्यकता होती है, खासकर यदि वे देश के उत्तरी हिस्सों में काम करते हैं जहां हिंदी प्रमुख भाषा है।

व्यापार में हिंदी का महत्व

  • भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, और व्यापार में हिंदी भाषा के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है। भारत के कई हिस्सों में हिंदी व्यापार की भाषा है।
  • कई व्यवसायों को अपने ग्राहकों और ग्राहकों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए अपने कर्मचारियों को हिंदी में पारंगत होने की आवश्यकता होती है।
  • वैश्विक बाज़ार में हिंदी भी एक आवश्यक भाषा है। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, और दुनिया भर के कई व्यवसाय भारतीय बाजार में प्रवेश करना चाह रहे हैं। हिंदी जानने से भारत में व्यवसायों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है।
  • हिन्दी कूटनीति की भी भाषा है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की उपस्थिति बढ़ रही है और राजनयिक हलकों में हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है। हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक है और कई भारतीय राजनयिक हिंदी में पारंगत हैं।

संस्कृति एवं मनोरंजन में हिन्दी का महत्व

भारतीय संस्कृति और मनोरंजन में हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है। हिंदी बॉलीवुड की भाषा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है। बॉलीवुड फिल्में दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा देखी जाती हैं और हिंदी गाने पूरे भारत में लोकप्रिय हैं।

भारतीय साहित्य में हिन्दी भी एक महत्वपूर्ण भाषा है। कई प्रसिद्ध भारतीय लेखकों ने हिंदी में लिखा है और हिंदी साहित्य भारतीय संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है। हिंदी कविता और साहित्य ने भारतीय अस्मिता और संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

दूसरी भाषा के रूप में हिंदी सीखने का महत्व

  • दूसरी भाषा के रूप में हिंदी सीखने के कई फायदे हैं। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत में व्यापक रूप से बोली जाती है, और हिंदी जानने से आपको भारत में लोगों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद मिल सकती है। हिंदी संस्कृति और मनोरंजन की भाषा भी है और हिंदी जानने से आपको भारतीय फिल्मों, संगीत और साहित्य की सराहना करने में मदद मिल सकती है।
  • हिंदी सीखना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है जो भारत में काम करने या व्यवसाय करने की योजना बना रहे हैं। भारत में व्यवसाय के लिए हिंदी एक आवश्यक भाषा है, और हिंदी बोलने में सक्षम होने से आपको प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है।
  • हिन्दी कूटनीति की भी भाषा है। भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक उभरती हुई शक्ति है और राजनयिक हलकों में हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है। हिंदी जानने से आपको भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने में मदद मिल सकती है।

हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में चुनौतियाँ

हिंदी भाषा के महत्व के बावजूद, भाषा को बढ़ावा देने में कुछ चुनौतियाँ हैं। भारत में क्षेत्रीय विविधता मुख्य चुनौतियों में से एक है। भारत कई अलग-अलग भाषाओं वाला देश है और हिंदी को बढ़ावा देना कभी-कभी क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों के लिए खतरे के रूप में देखा जा सकता है।

दूसरी चुनौती भारत में अंग्रेजी का बढ़ता प्रभाव है। भारत के कई हिस्सों में अंग्रेजी व्यवसाय, शिक्षा और प्रौद्योगिकी की भाषा है, और कई लोग हिंदी के बजाय अंग्रेजी का उपयोग करना पसंद करते हैं।

निष्कर्षतः, हिन्दी भाषा भारतीय संस्कृति एवं अस्मिता का एक अनिवार्य अंग है। हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, और यह भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे सरकार, व्यवसाय, शिक्षा और मनोरंजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूसरी भाषा के रूप में हिंदी सीखना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो भारत में काम करने या व्यवसाय करने की योजना बना रहे हैं।

हालाँकि, हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे क्षेत्रीय विविधता और अंग्रेजी का बढ़ता प्रभाव। इन चुनौतियों के बावजूद, हिंदी भाषा के महत्व को कम नहीं किया जा सकता है, और भाषा को बढ़ावा देने और इसके सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।

हिंदी भाषा निबंध के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – Importance Of Hindi Language Essay In Hindi

प्रश्न 1. हिंदी भाषा का क्या महत्व है?

उत्तर: हिंदी भाषा कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • यह भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
  • यह भारत सरकार की आधिकारिक भाषा है।
  • यह संस्कृति और मनोरंजन की भाषा है।
  • यह भारत में संचार, व्यापार और कूटनीति के लिए फायदेमंद हो सकता है।

प्रश्न 2. अंग्रेजी में हिंदी हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: हिंदी भाषा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह भारतीय आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए संचार की भाषा है।
  • यह हमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने और उनकी सराहना करने में मदद करता है।
  • यह भारत में व्यापार और रोजगार के अवसर खोलता है।
  • यह कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण भाषा है।

प्रश्न 3. हिंदी सीखने के क्या फायदे हैं?

उत्तर: हिंदी सीखने के लाभों में शामिल हैं:

  • भारत में हिंदी भाषी लोगों के साथ बेहतर संचार।
  • भारतीय संस्कृति और मनोरंजन की बेहतर समझ और सराहना।
  • भारत में रोजगार के अवसर बढ़े।
  • भारत से जुड़ी कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बेहतर संभावनाएं।

प्रश्न 4. क्या आप हिंदी भाषा के बारे में तथ्य जानते हैं?

उत्तर: हिंदी भाषा के बारे में कुछ रोचक तथ्य शामिल हैं:

  • हिंदी दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
  • यह देवनागरी लिपि में लिखा गया है, जिसमें 47 अक्षर हैं।
  • “हिन्दी” शब्द फ़ारसी शब्द “हिन्द” से आया है, जिसका अर्थ है “सिंधु नदी की भूमि”।
  • हिंदी में अरबी, फ़ारसी और अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं के कई उधार शब्द हैं।

प्रश्न 5. हिंदी भाषा अद्वितीय क्यों है?

उत्तर: हिंदी भाषा कई कारणों से अद्वितीय है:

  • इसका एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति है, जो प्राचीन भारत से जुड़ा है।
  • यह देवनागरी लिपि में लिखी गई है, जो भारत में प्रयुक्त अन्य लिपियों से भिन्न है।
  • इसमें विविध शब्दावली है, जिसमें संस्कृत, फ़ारसी और अरबी के शब्द शामिल हैं।
  • इसकी एक अनूठी व्याकरण संरचना है, जिसमें क्रिया रूप लिंग और विषय की संख्या के आधार पर भिन्न होते हैं।

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100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

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Importance Of Hindi Language Essay: A Comprehensive Guide

Importance Of Hindi Language Essay: A Comprehensive Guide

Importance Of Hindi Language Essay: Hindi is an Indo-Aryan language and one of the official languages of India. With over 300 million speakers, Hindi is the fourth most spoken language in the world. Hindi is a language that represents the culture and identity of the people of India. The importance of Hindi language can be seen in many aspects of Indian life, such as business, entertainment, education, and culture. In this comprehensive guide, we will explore the historical significance of Hindi language, its importance in India and beyond, and its relevance in various aspects of life.

Table of Contents

Importance Of Hindi Language Essay

In this blog Importance Of Hindi Language Essay, we include About Importance Of Hindi Language Essay, in 100, 200, 250, and 300 words. Also cover Importance Of Hindi Language Essay for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, and up to the 12th class and also for kids, children, and students. You can read more  Essay Writing in 10 lines about sports, events, occasions, festivals, etc… Importance Of Hindi Language Essay is also available in different languages. In this Importance Of Hindi Language Essay, the following features are explained in the given manner.

Historical Significance Of Hindi Language

The origins of Hindi language can be traced back to the 7th century when the language evolved from Sanskrit. Hindi evolved as a result of interactions between the local dialects and the Persian and Arabic languages. Hindi is closely related to other Indian languages like Punjabi, Gujarati, Bengali, and Marathi. Hindi has also been influenced by English, which has led to the creation of many new words and phrases.

Hindi has played an important role in Indian history and culture. During the Mughal era, Hindi was the language of the common people, while Urdu was the language of the elites. The Indian independence movement also played a significant role in the development of Hindi. Hindi was chosen as the official language of India after independence due to its widespread use across the country.

Importance Of Hindi In India

Hindi is one of the official languages of India, and it is the most widely spoken language in the country. Hindi is the language of government, education, and business in many parts of India. Hindi is also the language of Bollywood, which is the largest film industry in the world. The importance of Hindi language can be seen in various aspects of Indian life.

  • In government, Hindi is the language of communication in many states of India. It is also used in the central government and the Indian parliament. Hindi is also the language of the Indian judiciary, and many legal documents are written in Hindi.
  • In education, Hindi is the medium of instruction in many schools and universities across the country. Many educational institutions also offer Hindi as a second language, and students are encouraged to learn Hindi.
  • In business, Hindi is an essential language for communication in India. Many businesses require their employees to be fluent in Hindi, especially if they operate in the northern parts of the country where Hindi is the dominant language.

Importance Of Hindi In India

Importance Of Hindi In Business

  • India is a rapidly growing economy, and the importance of Hindi language in business cannot be overstated. Hindi is the language of commerce in many parts of India.
  • Many businesses require their employees to be fluent in Hindi to communicate effectively with their clients and customers.
  • Hindi is also an essential language in the global marketplace. India has emerged as a major player in the global economy, and many businesses around the world are looking to enter the Indian market. Knowing Hindi can give businesses a competitive edge in India.
  • Hindi is also a language of diplomacy. India has a growing presence on the international stage, and Hindi is an important language in diplomatic circles. Hindi is one of the official languages of the United Nations, and many Indian diplomats are fluent in Hindi.

Importance Of Hindi In Culture And Entertainment

Hindi is an important language in Indian culture and entertainment. Hindi is the language of Bollywood, which is the largest film industry in the world. Bollywood movies are watched by millions of people around the world, and Hindi songs are popular across India.

Hindi is also an important language in Indian literature. Many famous Indian authors have written in Hindi, and Hindi literature is an essential part of Indian culture. Hindi poetry and literature have played a significant role in shaping the Indian identity and culture.

Importance Of Learning Hindi As A Second Language

  • Learning Hindi as a second language has many benefits. Hindi is a language that is spoken widely in India, and knowing Hindi can help you communicate more effectively with people in India. Hindi is also a language of culture and entertainment, and knowing Hindi can help you appreciate Indian movies, music, and literature.
  • Learning Hindi can also be beneficial for people who plan to work or do business in India. Hindi is an essential language for business in India, and being able to speak Hindi can give you a competitive advantage.
  • Hindi is also a language of diplomacy. India is an emerging power on the international stage, and Hindi is an important language in diplomatic circles. Knowing Hindi can help you communicate more effectively with Indian diplomats and officials.

Challenges In Promoting Hindi Language

Despite the importance of Hindi language, there are some challenges in promoting the language. One of the main challenges is the regional diversity in India. India is a country with many different languages, and promoting Hindi can sometimes be seen as a threat to regional languages and cultures.

Another challenge is the growing influence of English in India. English is the language of business, education, and technology in many parts of India, and many people prefer to use English over Hindi.

In conclusion, Hindi language is an essential part of Indian culture and identity. Hindi is the most widely spoken language in India, and it plays an important role in various aspects of Indian life, such as government, business, education, and entertainment. Learning Hindi as a second language can be beneficial for people who plan to work or do business in India.

However, there are also some challenges in promoting Hindi language, such as regional diversity and the growing influence of English. Despite these challenges, the importance of Hindi language cannot be overstated, and efforts should be made to promote the language and preserve its cultural significance.

Read More: Role Of Language In Education Essay

FAQ’s On Importance Of Hindi Language Essay

Question 1. What is the importance of Hindi language?

Answer: Hindi language is important for several reasons:

  • It is the most widely spoken language in India.
  • It is the official language of the Indian government.
  • It is a language of culture and entertainment.
  • It can be beneficial for communication, business, and diplomacy in India.

What is the importance of Hindi language?

Question 2. Why Hindi is important in our life in English?

Answer: Hindi language is important in our life because:

  • It is the language of communication for a significant portion of the Indian population.
  • It helps us understand and appreciate Indian culture and traditions.
  • It opens up opportunities for business and employment in India.
  • It is an important language in diplomacy and international relations.

Question 3. What are the benefits to learn Hindi?

Answer: The benefits of learning Hindi include:

  • Improved communication with Hindi-speaking people in India.
  • A better understanding and appreciation of Indian culture and entertainment.
  • Enhanced job opportunities in India.
  • Better prospects in diplomacy and international relations involving India.

Question 4. Did you know facts about Hindi language?

Answer: Some interesting facts about the Hindi language include:

  • Hindi is the fourth most spoken language in the world.
  • It is written in the Devanagari script, which has 47 characters.
  • The word “Hindi” comes from the Persian word “Hind”, which means “land of the Indus River”.
  • Hindi has many loanwords from other languages, including Arabic, Persian, and English.

Question 5. Why is Hindi language unique?

Answer: Hindi language is unique for several reasons:

  • It has a rich history and culture, dating back to ancient India.
  • It is written in the Devanagari script, which is distinct from other scripts used in India.
  • It has a diverse vocabulary, incorporating words from Sanskrit, Persian, and Arabic.
  • It has a unique grammar structure, with verb forms that vary depending on the gender and number of the subject.

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India National Language: Understanding the Importance of Hindi

India, with its diverse cultural heritage, is a land of many languages but Hindi is the de facto India National Language. The country recognizes 22 official languages, out of which Hindi is the most widely spoken and understood language. In this article, we will explore the history, importance, and controversies surrounding Hindi as India’s national language.

Table of Contents

India National Language: Origins

Hindi is a language with roots dating back to ancient India. The earliest known form of Hindi was Prakrit, a language spoken in the 3rd century BCE. Prakrit eventually evolved into Apabhramsha, which further gave rise to several modern languages, including Hindi. Hindi, as we know it today, is a standardized version of the Khari Boli dialect, spoken in and around Delhi.

Hindi as India National Language

Hindi became the official language of India in 1965, replacing English. This move was made to promote Hindi as a unifying language that would bridge the linguistic divide in the country. However, this decision was met with resistance from some states where Hindi was not widely spoken. To address this concern, the Indian government recognized all 22 official languages, including Hindi, as equal in status.

Today, Hindi is the most widely spoken language in India, with over 40% of the population speaking it as their first language. Hindi is also the language used in the Indian parliament and judiciary, making it an important language for governance.

The Importance of Hindi

Hindi is not just a language but a means of cultural expression. It is the language of Bollywood, India’s thriving film industry, which has made Hindi films popular around the world. Hindi has also contributed to the enrichment of the Indian culture through its literature, poetry, and music.

Hindi is also a language of education and employment. Many schools and universities across India use Hindi as a medium of instruction. Knowledge of Hindi is often a requirement for employment in the Indian government and public sector.

Controversies Surrounding Hindi

Despite its widespread use, Hindi has been a subject of controversy in India. Some states have expressed concern that the promotion of Hindi as a national language would lead to the marginalization of other languages. This has led to protests and demands for greater recognition of regional languages.

Another controversy surrounding Hindi is its association with Hindu nationalism. The use of Hindi as a symbol of national identity has been criticized by some as a means of promoting the Hindu religion and culture, thereby marginalizing other religious and cultural groups in India.

Hindi is an important language in India, both for its cultural significance and its practical uses. It is the de facto national language and an important language for governance, education, and employment. However, its promotion as a national language has been met with resistance, with some states demanding greater recognition of regional languages. Despite the controversies, Hindi remains an integral part of the Indian identity and will continue to play a vital role in the country’s future.

  • Is Hindi the only official language of India?

No, India recognizes 22 official languages, of which Hindi is one.

  • How many people speak Hindi in India?

Over 40% of the population speaks Hindi as their first language.

  • What is the controversy surrounding Hindi as a national language?

Some states have expressed concern that the promotion of Hindi as a national language would lead to the marginalization of other languages. Additionally, its association with Hindu nationalism has been criticized by some as a means of promoting the Hindu religion and culture.

  • Is knowledge of Hindi required for employment in the Indian government?

Yes, in many cases, knowledge of Hindi is a requirement for employment in the Indian government and public.

  • Can I learn Hindi as a second language?

Yes, Hindi is widely taught as a second language in schools and universities across India. There are also many resources available for learning Hindi online.

  • Are there any other languages that are widely spoken in India besides Hindi?

Yes, India is a diverse country with many languages spoken. Besides Hindi, other widely spoken languages in India include Bengali, Telugu, Marathi, Tamil, and Urdu.

  • “Hindi Diwas 2021: What is the history behind celebrating Hindi Diwas?” India Today, 14 September 2021, https://www.indiatoday.in/education-today/gk-current-affairs/story/hindi-diwas-2021-what-is-the-history-behind-celebrating-hindi-diwas-1852341-2021-09-14.
  • “Languages of India.” Wikipedia, Wikimedia Foundation, 4 April 2023, https://en.wikipedia.org/wiki/Languages_of_India.
  • “Hindi Language.” Encyclopædia Britannica, Encyclopædia Britannica, Inc., 18 January 2022, https://www.britannica.com/topic/Hindi-language.

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राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबन्ध | Essay on Hindi : Our National Language in Hindi

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राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबन्ध | Essay on Hindi : Our National Language in Hindi!

राष्ट्रभाषा का अर्थ है राष्ट्र की भाषा (Language of the nation) । अर्थात् ऐसी भाषा, जिसका प्रयोग देश की हर भाषा के लोग आसानी से कर सकें, बोल सकें और लिख सकें । हमारे देश की ऐसी भाषा है हिन्दी । आजादी के पहले अंग्रेजी सरकार ने अंग्रेज के माध्यम से सारा काम चलाया किन्तु अपने देश में सबके लिए एक भाषा का होना आवश्यक है, ऐसी भाषा जो अपने देश की हो । वह भाषा केवल हिन्दी ही है ।

2. विशेषताए:

हिन्दी को संस्कृत की बड़ी बेटी कहते हैं । हिन्दी का प्रमुख गुण यह है कि यह बोलने, पढ़ने, लिखने में अत्यंत सरल है । हिन्दी के प्रसिद्ध विद्वान जॉर्ज ग्रियर्सन ने कहा है कि हिन्दी व्याकरण के मोटे नियम केवल एक पोस्टकार्ड पर लिखे जा सकते हैं ।

संसार के किसी भी देश का व्यक्ति कुछ ही समय के प्रयत्न से हिन्दी बोलना और लिखना सीख सकता है । इसकी दूसरी विशेषता है कि यह भाषा लिपि (Script) के अनुसार चलती है । इसमें जैसा लिखा जाता है, वैसा ही बोला जाता है ।

इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि संसार की लगभग सभी भाषाओं के शब्द इसमें घुलमिल सकते हैं । कुर्सी, आलमारी, कमीज, बटन, स्टेशन, पेंसिल, बेंच आदि अनगिनत शब्द हैं जो विदेशी भाषाओं से आकर इसके अपने शब्द बन गए हैं ।

ADVERTISEMENTS:

हिन्दी संसार के अनेक विश्वविद्यालयों (Univercities) में पढ़ाई जाती है और इसका साहित्य (Literature) भी विशाल है । इसके अलावा, हिन्दी ने देश में एकता लाने में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है । उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक, भारत के अधिकतर विद्वानों ने भारत की एकता और अखंडता (Unity and Integrity) के लिए हिन्दी का समर्थन किया है ।

इतने अधिक गुणों से भरपूर होकर भी हिन्दी आज अंग्रेजी के पीछे क्यों चल रही है ? इसका सबसे बड़ा कारण है ऊँचे पदों पर बैठे व्यक्ति जो अंग्रेजी के पुजारी हैं वे सोचते हैं कि अंग्रेजी न रही तो देश पिछड़ जाएगा ।

अंग्रेजी देश की अधिकतर जनता के लिए कठिन है, इसलिए वे जनता पर इसके माध्यम से अपना रौब रख सकते हैं । दूसरा कारण है- क्षेत्रीय भाषाओं (Regional Languages) के मन में बैठा भय । उन्हें लगता है कि यदि हिन्दी अधिक बड़ी तो क्षेत्रीय भाषाएँ पीछे रह जाएँगी ।

वास्तव में ये दोनों विचार गलत हैं । ऊँचे पदों पर बैठे अधिकारी हिन्दी के माध्यम से देश की अधिक सेवा कर सकते हैं और जनता का प्रेम पा सकते हैं । आज अंग्रेजी क्षेत्रीय भाषाओं को पीछे धकेल (Push) रही है जबकि हिन्दी की प्रकृति (Nature) किसी को पीछे करने की नहीं, बल्कि मेलजोल की है । यदि हिन्दी का विकास होता है, तो क्षेत्रीय भाषाओं का भी विकास होगा ।

4. उपसंहार:

भारत की भूमि पर जन्म लेने के नाते हमारा यह कर्त्तव्य है कि हम भारत की भाषाओं के विकास पर बल दें और हिन्दी का विकास करके सभी भाषाओं को जोड़ने का प्रयास करें । तभी हिन्दी सचमुच राष्ट्रभाषा बन पाएगी ।

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Hindi Essay

हिंदी भाषा पर निबंध | Essay on Hindi Language in Hindi 1000 Words | PDF

Essay on hindi language in hindi.

Essay on Hindi Language in Hindi 1000 Words (Download PDF) हिंदी भाषा पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। हिंदी भाषा का क्या है और हम सभी के लिए इसका क्या महत्व है, इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे हिंदी भाषा पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखे, तो शुरू करते है – Essay on Hindi Language in Hindi

हिंदी भाषा पर निबंध 200 शब्द

हिंदी की लिपि “देवनागरी” है, जो कई अन्य भारतीय भाषाओं के लिए संयुक्त है।  इसमें कोई संदेह होना चाहिए है कि चीनी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत में रहने वाली एक बड़ी आबादी अपनी आम बोलचाल की भाषा के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करती है। हिंदी भाषा की उत्पत्ति प्राचीन संस्कृत भाषा से हुई है और इसके अधिकांश शब्द संस्कृत से आए हैं। हिंदी भाषा को समझने वालों की कुल संख्या लगभग 90 करोड़ है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वे अपनी आम बोलचाल की भाषा के लिए शुद्ध हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं।

भारत में आज भी केंद्र में सभी सरकारी कार्यों में अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आप हिंदी पढ़ और बोल नहीं सकते। आज भी पूरी दुनिया में लगभग 500 मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं और अधिकतर लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा का महत्व अधिक है, इसलिए हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन उनको यह जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है ना की राष्ट्रभाषा का, भारत में कई जगहों पर हिंदी भाषा का प्रयोग नहीं करते हैं और कुछ लोग यह समझते हैं कि हिंदी भाषा का इस्तेमाल सिर्फ आम बोलचाल की भाषा के लिए ही इस्तेमाल होना चाहिए।

हिंदी भाषा पर निबंध 1000 शब्द

प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी भाषा होती है जिसका उपयोग देश में आधिकारिक कार्यों और विचारों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। जब कोई देश दूसरे देश को गुलाम बनाता है तो वह उस देश की भाषा के स्थान पर अपने देश की भाषा का भी प्रयोग करता है ताकि गुलाम देश पर उसका प्रभाव बढ़ाया जा सके। जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हमारे संविधान निर्माताओं ने देश की राष्ट्रभाषा पर आधिकारिक कार्य के लिए राज्य भाषा के स्थान पर हिंदी की स्थापना की। इसलिए हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा है।

हिंदी देश की संपर्क भाषा

हिंदी ने आजादी की लड़ाई लड़ी है, हिंदी ने उत्तर से दक्षिण को जोड़ा है। यह भारत की एकमात्र संपर्क भाषा है। हिंदी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति भारत के किसी भी कोने में अपना काम चला सकता है। यह हिंदी भाषी प्रांतों में एक बहुत लोकप्रिय भाषा के रूप में बोली जाती है, लेकिन यह गैर-हिंदी भाषी प्रांतों में भी आमतौर पर बोली या समझी जाती है।

दक्षिण के किसी भी प्रांत में हर कोई हिंदी समझ सकता है। आंध्र, कर्नाटक, केरल, गोवा के लोग हिंदी को अच्छी तरह समझते हैं। अगर सर्वे ईमानदारी से किया जाए तो पूरे भारत में 80% लोग हिंदी भाषी समझ सकते हैं, लेकिन माहौल ऐसा हो गया है कि जनगणना के मौके पर लोग हिंदी भाषा जानने के बारे में भी नहीं लिखते हैं। तमिलनाडु में लोग हिंदी जानते हैं परंतु यदि उनसे हिंदी में बात की जाए तो वह जानते हुए भी उसका हिंदी में उत्तर नहीं देते हैं। यह हिन्दी के प्रति वर्तमान परिवेश का परिणाम है।

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हिंदी भाषा स्थान

हिंदी भाषा इस समय विश्व की उन भाषाओं में से एक है जो अधिकांश लोगों द्वारा बोली जाती है। वर्तमान में विश्व के प्रत्येक विकसित देश के रेडियो प्रसारणों में हिन्दी का अच्छा सम्मान है। दुनिया के लगभग सभी देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। अमेरिका के 26 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है और हॉलैंड के सभी 12 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है. इसी प्रकार हिन्दी को अन्य देशों में भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है।

भारत के सभी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। अधिकांश विश्वविद्यालयों में शिक्षा का माध्यम हिंदी है। हिन्दी देश की एक समृद्ध भाषा है जिसमें सभी प्रकार के साहित्य की रचना हुई है। हिन्दी साहित्य ने अब तक कई महान साहित्यकारों को जन्म दिया है। यह सभी विषयों में पूरी तरह से विकसित किया गया है। कबीर, सूर, तुलसी, बिहारी आदि प्राचीन कवि हिन्दी के पुत्र रहे हैं। हिन्दी ने भारतेंदु, द्विवेदी, प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, पंत, महादेवी वर्मा, दिनकर, प्रेमचंद आदि आधुनिक साहित्यकारों को जन्म दिया है। हिन्दी में साहित्य की सभी विधाओं में तीव्र गति से कार्य चल रहा है।

संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी को देश की राजभाषा बनाया गया है। अनुच्छेद 350 के अनुसार हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सदैव प्रयास करना केंद्र सरकार का दायित्व है। केंद्र सरकार अब तक संविधान में मंजूरी के बाद भी हिंदी को बढ़ावा देने में विफल रही है। हिंदी भाषी राज्यों में इसका इस्तेमाल सरकारी कामों के लिए बहुत कम होता है।

स्व-भाषा के प्रति उदासीनता

हिंदी हमारे देश में एक समृद्ध और लोकप्रिय भाषा होने के बावजूद, इसके प्रति हमारे शासकों और प्रशासकों की उदासीनता देश के लिए घातक साबित हो रही है। दुनिया में कोई छोटा या बड़ा देश नहीं है जिसने अपनी भाषा को इतना उपेक्षित कर दिया हो। हमारे देश के संविधान द्वारा स्वीकृत होने के बाद भी, लोकप्रिय हिंदी समृद्ध भाषा का काम न करके अंग्रेजी भाषा को एक प्रतिष्ठित स्थान मिला है। अंग्रेजी के प्रति इतना आकर्षण और हिंदी के प्रति उदासीनता देश की आजादी के बाद भी बढ़ी है। हमारे देश के नेताओं ने अपने क्षुद्र लाभ के लिए हिंदी को अपने विरोध का खिलौना बना लिया है।

स्व-भाषा संघर्ष के परिणाम

जो अपनी भाषा के प्रति उदासीन है, वह अपनी आत्म-संस्कृति के प्रति भी उदासीन है। जो अपनी भाषा और संस्कृति से प्यार नहीं करता वह अपने देश और समाज से प्यार नहीं करता। एक बच्चा जो अंग्रेजी माध्यम से शिक्षित होता है, वह अंग्रेजी भाषा, पश्चिमी संस्कृति के लिए महान और भारतीय भाषा और संस्कृति हो हिन् समझता है। इसलिए वे भारतीय लोगों को भी हिन् मानते हैं।

हमारे यहां भारतीय भाषा, संस्कृति व जनता को हेय समझने वाले तथा अंग्रेजी को प्राणों से प्यारी समझने वालों को ही उच्च प्रशासनिक पद प्राप्त होते हैं। नतीजतन, उनमें राष्ट्रीय भावना का एक निशान भी नहीं होता है। वे राष्ट्र के नुकसान को अपना नुकसान नहीं मानते, इसलिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। जनता के प्रति ईमानदारी और सहानुभूति, राष्ट्र के प्रति वफादारी नाम मात्र की भी नहीं रहती है। । देश की प्रगति रुक जाती है। यही कारण है कि आजादी के इतने लंबे समय के बाद भी हम आज सबसे गरीब देश में हैं। यही कारण है कि हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता खतरे में है।

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यदि वास्तव में हमारे नेता देश को बचाना चाहते हैं, तो उन्हें विदेशी भाषा का मोह छोड़ कर स्व-भाषा और आत्म-संस्कृति से जुड़ना चाहिए। शिक्षा में समानता लाने के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल को समाप्त कर देना चाहिए। हिंदी देश के संविधान की राष्ट्रभाषा और राजभाषा है, इसे अपना प्रतिष्ठित स्थान देकर संविधान के प्रति ली गई शपथ को पूरा करना चाहिए। जिस नेता ने संविधान के प्रति निष्ठा का वचन दिया है, वह संविधान द्वारा स्वीकार की गई भाषा का विरोध करके अपना वादा तोड़ देता है। भारत के लोगों को भी अपने दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य हिन्दी में करना चाहिए। सरकार को अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए हिंदी को उचित सम्मान देना चाहिए।

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एक बार जब आप हिंदी भाषा के निबंध को पीडीएफ में डाउनलोड कर लेते हैं, तो आप आसानी से extract text from pdf मुफ्त में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, डाउनलोड की गई पीडीएफ़ निबंध फ़ाइलों के लिए रूपांतरण करने के लिए आप इस online pdf converter का उपयोग कर सकते हैं।

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हिन्दी भाषा का महत्त्व एवं इसके लाभ Hindi Language Benefit Importance In Hindi

September 11, 2020 By Surendra Mahara Leave a Comment

Table of Contents

Hindi Language Benefit Importance In Hindi

सब भाषाओं की जननी संस्कृत की ज्येष्ठ पुत्री हिन्दी गुणों में देवभाषा संस्कृत के समान संस्कृति-संवाहिका व हर अर्थ के लिये चयनित सार्थक शब्दों की नदी है। शिक्षा व उच्चशिक्षितों के मध्य संवाद में एवं कार्यालय व विदेश में हिन्दी प्रयोग में हतोत्साहित होने अथवा दूसरों को हतोत्साहित करने में लगे हिन्दी भाषियों की आत्मा इस आलेख को पढ़कर अवश्य जाग जायेगी।

सकल भाषाओं की आदि जननी संस्कृत से होते हुए क्रमश: पालि, प्राकृत भाषा एवं अपभ्रंश, अवहट्ट से गुजरते हुए हिन्दी (Hindi) ने प्राचीन व प्रारम्भिक भाषा का रूप धरा तथा मूलतः हिन्दी भाषा का इतिहास (History Of Hindi Language) अपभ्रंश से आरम्भ माना गया है।

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प्राचीन संस्कृत से वर्तमान हिन्दी का प्रादुर्भाव

प्राचीन संस्कृत के बारे में जानकारी.

तदुपरान्त उपरोक्त का वर्गीकरण लौकिक संस्कृत व पहली प्राकृत में, तत्पश्चात लौकिक संस्कृत व पहली प्राकृत के संगम से दूसरी प्राकृत अथवा पाली, दूसरी प्राकृत अथवा पाली से शौरसेनी, अर्द्धमागधी एवं मागधी निकलीं जिनमें से शौरसेनी से क्रमषः नागर अपभ्रंष व पश्चिमी हिन्दी बनी एवं अर्द्धमागधी से अर्द्धमागधी अपभ्रंश बनी फिर पश्चिमी हिन्दी एवं पूर्वी हिन्दी से समागम से वर्तमान हिन्दी (एवं हिन्दुस्तानी) जन्मी।

हिंदी नाम की उत्पत्ति कैसे हुई ?

फ़ारस की खाड़ी से आने वाले ‘स’ के स्थान पर ‘ह’ उच्चारण कर देते थे, इस कारण वे ‘सिन्धु’ को हिन्दू एवं ‘सिन्धी’ को हिन्दी बोल बैठे, अर्थात् हिन्द से ही इन शब्दों का उद्गम हुआ जिनका तात्पर्य सिन्धु नदी के क्षेत्र से सम्बद्ध है।

हिन्दी में गर्व करने योग्य कुछ रोचक तथ्य

1. विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली अग्रणी भाषाओं में एक नाम हिन्दी का है, करोड़ों भारतीयों की मातृभाषा हिन्दी को बिल्कुल भी न जानने वाले बहुत कम होंगे। हिन्दी भाषा के जानकार व बोलने वाले मारीशस, फ़िज़ी, सुरीनाम, त्रिनिनाद व टोबेगो इत्यादि देशो में भी हैं।

2. हिन्दी की गणना उन चयनित भाषाओं में की जाती है जिनका उपयोग वेब एड्रेस बनाने में किया जाता है।

3. संविधान सभा ने हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में 14 सितम्बर-1949 में चयन किया था इस कारण 14 सितम्बर को प्रति वर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

4. सन् 1965 को हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया।

5. सन् 1981 में बिहार ने उर्दू के बजाय हिन्दी को कार्यालयों में अपना लिया, इस प्रकार हिन्दी अपनाने वाले राज्यों में बिहार प्रथम राज्य हुआ।

6. हिन्दी की बोलियाँ विविध रूपों में कई अँचलों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करती हैं.. मैथिली, खड़ी बोली, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, नेपाली, गढ़वाली, हरियाणवी, मालवी, मारवाड़ी इत्यादि।

हिन्दी के विविध रूप के बारे में

‘बोलचाल की भाषा’ बोली (डायलॅक्ट) को समझते हुए ‘बोलचाल की भाषा’ को समझा जा सकता है। ‘बोली’ उन सभी जनों के बोलचाल की भाषा के मिश्रित रूप को कहते हैं जिनकी भाषा में पारस्परिक भेद अनुभव नहीं होता। संसार में सब किसी जन-समूह का महत्त्व किसी कारण बढ़ता है तो उसकी बोलचाल की बोली को भाषा कहा जाने लगता है, अन्यथा वह ‘बोली’ ही रहती है।

इस प्रकार बोली का क्षेत्र भाषा के क्षेत्र एवं बोली के जन भाषा के जन से क्रमषः आकार व संख्या में कम रहते हैं। जब अनेक बोलियों में पारस्परिक सम्पर्क हो तो बोलचाल की भाषा का प्रसार होता है। इसे सामान्य भाषा भी कहते हैं। यह बड़े क्षेत्र अथवा पैमाने पर प्रयोग की जाती है।

हिंदी मातृभाषा के तौर पर

व्यक्ति घर में जिस भाषा को सर्वप्रथम सुनते-समझते-सीखते हुए पलता-बढ़ता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। व्यक्ति के मस्तिष्क में विचार इसी भाषा में आते हैं । हिन्दी हममें से बहुतों की मातृभाषा है ।

यह भाषा के अन्य अनेक रूपों के समान गौरव का विषय है तो फिर आप घर के बाहर हिन्दी के प्रति हीनता की जबरन अनुभूति क्यों करते हैं? क्यों स्वयं को हिन्दी भाषी सिद्ध करने की चेष्टा कर मातृभाषा का अपमान करते हैं ?

हिंदी मानक भाषा

भाषा का स्थिर व सुनिश्चित रूप मानक अथवा परिनिष्ठित भाषा कहलाता है। किसी भाषा की उस विभाषा को परिनिष्ठित भाषा कहा जाता है जो अन्य विभाषाओं पर अपना साहित्यिक व सांस्कृतिक वर्चस्व स्थापित कर लेती है तथा उन विभाषाओं को बोलने वाले भी उसे सर्वाधिक उपयुक्त समझने लगते हैं।

मानक भाषा शिक्षित वर्ग की शिक्षा, पत्राचार एवं व्यवहार की भाषा होती है। इसके व्याकरण व उच्चारण की विधि लगभग निश्चिन्त रहती है। मानकभाषा को टकसाली भाषा भी कहा गया है। इसमें पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है।

हिंदी सम्पर्क भाषा के तौर पर

अनेक भाषाओं के अस्तित्व के बावजूद जिस विशिष्ट भाषा के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति, राज्य से राज्य व देश से विदेश के मध्य संवाद किया जाता है उसे सम्पर्क-भाषा कहा जाता है। उदाहरणार्थ अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बहुसंख्य जनजातियाँ निवास करती हैं जिनकी भिन्न-भिन्न भाषाएँ व उपभाषाएँ हैं परन्तु प्रत्येक जनजाति अन्य जनजातियों से हिन्दी में संवाद करती है.

इस प्रकार हिन्दी अरुणाचल प्रदेश में विविध जनजातियों के मध्य सम्पर्क भाषा हुई। हिन्दी अधिकांश भारतीय अँचलों, विभाषाओं व संस्कृतियों के मध्य एक सुदृढ़ सम्पर्कभाषा है। राष्ट्रभाषा – देश के विभिन्न भाषा-भाषियों में पारस्परिक विचार-विनिमय की भाषा राष्ट्रभाषा कहलाती है। राष्ट्रभाषा को देष के अधिकांश नागरिक समझते, पढ़ते अथवा बोलते हैं।

हिंदी राजभाषा के रूप में

शासकीय-प्रशासकीय कार्यों का निष्पादन जिस भाषा में किया जाता है उसे राजभाषा कहते हैं। राजभाषा शासकीय कार्यपालन की भाषा होती है जबकि राष्ट्र भाषा सम्पूर्ण देश की सम्पर्कभाषा होती है।

समान देश के एक राज्य की राजभाषा अन्य राज्यों की राजभाषाओं से भिन्न हो सकती है। भारत के संविधानानुरूप हिन्दी भारत के संघीय शासन की भाषा है। राजभाषा जनता व शासन के मध्य संवाद का माध्यम अथवा सेतु होती है। भारत के कई राज्यों की राजभाषा हिन्दी है।

मेरी – आपकी – इसकी – उसकी – हम सबकी हिन्दी भाषा के लिये हमें क्या करना होगा ?

अ) हिन्दी को ऊपर वर्णित समस्त रूपों की भाषा के रूप में अपनायें।

आ) अपने हस्ताक्षर, यांत्रिक लेखन व हस्तलिपि को भी हिन्दी में बनायें, इसके लिये बैंक इत्यादि में जाकर अभी अपने हस्ताक्षर हिन्दी करने की वैधानिक प्रक्रिया सम्पन्न कर लें।

इ) यदि सुनने, समझने, पढ़ने वाले व्यक्ति को हिन्दी समझ आती है तो अनिवार्य रूप से हिन्दी का ही उपयोग करें।

ई) यदि हिन्दी का कोई शब्द कठिन लगे तो उसे कोष्ठक में सरल हिन्दी में भी लिखें एवं किसी का कोई शब्द यदि समझ न आये तो तत्काल उससे पूछ लें, ‘कठिन हिन्दी’ अथवा ‘इतनी शुद्ध हिन्दी’ जैसे शब्द-समूहों का प्रयोग किसी को हिन्दी प्रयोग के लिये हतोत्साहित करने में न करें, क्या आप आंग्लभाषा में बोलचाल के समय ऐसा करते हैं ?

हिन्दी विश्व जन के हृदय में बसी भाषा है, जानिए कैसे ? संस्कृत का पितृ, मीडी का पतर, फ़ारसी का पिदर, यूनानी का पाटेर, लैटिन में पेटर, आंग्लभाषा में फ़ादर एवं हिन्दी में पिता , संस्कृत का अस्मि, मीडी का अह्मि, फ़ारसी का अम, यूनानी का ऐमि, लैटिन का सम, आंग्लभाषा का एम एवं हिन्दी का हूँ अर्थात् विभिन्न भाषाओं के कौन-से शब्द कब कहाँ से कैसे परस्पर जुड़े व ग्रहण किये गये हैं यह विस्तृत शोध का विषय है परन्तु इतना तो निष्चित है कि हिन्दी है सबकी।

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता हैं Video

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The Importance of Hindi

Hindi is an ancient language that has not only had a tremendous impact on world history but continues to have a tremendous impact on the world today.

The Hindi language is very old and has a direct line of evolution to Sanskrit. As such it is part of one of the oldest religious and literary traditions in the world – traditions that have influenced other religions and works of art, whether we realize it or not.

As such, the Hindi language is incredibly important in the historic development of the world’s cultures and well worth not just honoring, but studying. Anyone with an interest in world history or languages would do well to do a little bit of intense reading on the subject of Hindi.

India is also a rising power in the world. It still struggles with poverty on a grand scale, but there is every indication that India is emerging as an economic powerhouse. If nothing else, its huge population means it is a market that no global business can hope to ignore, and India has additionally signaled clearly its desire to establish itself as a regional superpower.

This all means that you can expect India to have a larger and larger impact on the world in both political and artistic arenas – making Hindi more and more important as we move forward.

Finally, it might surprise some Westerners to know that India has one of the largest and most successful film industries in the world. Indian cinema has a distinct flavour and has contributed many innovations to the world of film. Any student of global culture – or any student of cinema, period – owes it to themselves to experience some of these amazing films. In order to truly appreciate them in their original glory, some knowledge of Hindi would be helpful.

In other cases, it’s also worth understanding Hinglish , as many films and songs either have some elements, or are written entirely in Hinglish.

Knowing something of Hindi immediately opens up literally thousands of films to your experience – films that have had a tremendous cultural impact in India and beyond.

Next time you read a story out of India, or hear about international relations between Pakistan and India, think of Hindi – one of our oldest and most complex languages, and a language that is still vital and evolving today.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
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  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
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  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
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  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
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  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
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  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
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  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

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  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

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अंग्रेजी के महत्व पर निबंध Importance of English language essay in Hindi

अंग्रेजी के महत्व पर निबंध Importance of English language essay in Hindi

इस लेख में हम आपको अंग्रेजी के महत्व पर निबंध Importance of English language essay के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

Table of Content

अंग्रेजी के महत्व पर निबंध Importance of English language essay

हमारे जीवन में अंग्रेजी का बहुत महत्व है। आज के समय जो लोग अंग्रेजी भाषा नहीं जानते हैं वह अपने आपको पिछड़ा हुआ पाते हैं। अंग्रेजी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है जबकि मंडारिन (चीन की भाषा) और स्पेनिश विश्व में सबसे अधिक बोली जाती है। अंग्रेजी 67 देशों में बोली जाती है।

हमारे देश में अंग्रेजी का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। सब जगह इंग्लिश मीडियम स्कूल खुल गए हैं। हर मां-बाप चाहता है कि उसके बच्चे को अंग्रेजी भाषा बोलना आये। आजकल कंप्यूटर से जुड़ी अधिकतर चीजें अंग्रेजी में होती हैं। सोशल मीडिया पर भी अंग्रेजी का इस्तेमाल बढ़-चढ़कर किया जाता है।

अंग्रेजी का महत्व नौकरी पाने के लिए भी बहुत अधिक है। संपूर्ण विश्व में 20% जनसंख्या अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करती है। अंग्रेजी एक ऐसी भाषा है जो हमें दुनिया से जोड़ती है।

इंग्लिश स्पीकिंग का महत्व Importance of english speaking

देश में अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को श्रेष्ठ समझा जाता है। आजकल तो इंग्लिश स्पीकिंग संस्थानों की बाढ़ सी आ गई है। हर छोटे-मोटे शहर में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स करवाए जा रहे हैं। सभी मां बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे फराटेदार अंग्रेजी बोले।

शिक्षा में अंग्रेजी भाषा का महत्व importance of English Language in education

शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा का विशेष महत्व है। इंजीनियरिंग मेडिकल एमबीए आईआईटी चार्टर्ड अकाउंटेंट एलएलबी वकालत कंप्यूटर शिक्षा इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी जैसी सभी उच्च शिक्षा के कोर्स अंग्रेजी भाषा में होते हैं। किताबें भी अंग्रेजी भाषा में होती हैं। इसलिए स्टूडेंट्स के लिए अंग्रेजी पढ़ना और भी अधिक जरूरी हो गया है।

अंग्रेजी भाषा का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह कंप्यूटर की भाषा भी है। कंप्यूटर की सारी चीजें सॉफ्टवेयर कोडिंग ग्राफिक डिजाइनिंग सोशल मीडिया सब कुछ अंग्रेजी में है। इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आजकल सोशल मीडिया पूरे विश्व में फैल चुका है। सभी लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। मजबूरन उन्हें अंग्रेजी सीखनी पड़ती है।

संवाद करने के लिए अंग्रेजी भाषा की आवश्यकता Importance of English communication skills

अंग्रेजी एक ऐसी भाषा है जो विश्व भर में बोली जाती है। जो लोग अंग्रेजी जानते हैं वह कहीं भी जाकर आराम से संवाद कर सकते हैं। भारत में अंग्रेजी का प्रचलन अंग्रेजों के आने के बाद शुरू हुआ। देखते ही देखते यहां इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलने लगे। जो शिक्षा पहले हिंदी में दी जाती थी अब अंग्रेजी में दी जाने लगी।

स्टूडेंट के लिए अंग्रेजी भाषा का महत्व  Importance of speaking English for students

स्टूडेंट के लिए अंग्रेजी किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि आजकल सभी परीक्षाएं अंग्रेजी भाषा में होती हैं। इसके अलावा भारत के बहुत से स्टूडेंट विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करते हैं। ऐसे में अंग्रेजी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि विदेशों में अंग्रेजी भाषा में ही शिक्षा दी जाती है।

विश्व में अंग्रेजी भाषा का महत्व Importance of English language in world

भाषा का बड़ा फायदा है कि इसके द्वारा विदेशों में आसानी से दूसरे लोगों से बात कर सकते हैं। भारतीय लोग अधिकतर हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं पर आजकल बहुत से भारतीय विदेशों में जाकर नौकरियां करते हैं। अमेरिका ब्रिटेन रूस सऊदी अरब जैसे देशों में भारतीयों की जनसंख्या बहुत अधिक है। वे सभी अंग्रेजी भाषा में वहां के लोगों से बात करते हैं।

इस तरह अंग्रेजी एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाषा है। इसे “ग्लोबल लैंग्वेज” भी कहते हैं। जिन लोगों को अंग्रेजी आती है वह विश्व में कहीं भी आ जा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में पांच भाषाओं में अंग्रेजी को भी मान्यता दी गई है।

भारत में अंग्रेजी भाषा का महत्व Importance of english in india

भारत में 10% जनसंख्या अंग्रेजी भाषा बोलती है। देश में अंग्रेजी का महत्व हर दिन बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर कम्पनियों में उन्ही लोगो को नौकरी दी जाती है जिन्हें अग्रेजी आती है। भारत में राष्ट्रभाषा हिंदी को माना गया है पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में काम अंग्रेजी भाषा में होते हैं।

भारत में दक्षिणी राज्य जैसे कर्नाटक तमिलनाडु केरला आंध्र प्रदेश उड़ीसा कोलकाता जैसे राज्यों में वहां की स्थानीय भाषा बोली जाती है। ऐसी स्थिति में अंग्रेजी का महत्व बढ़ जाता है। जिन लोगों को अंग्रेजी आती है वह वहां पर जाकर आसानी से लोगों से बात कर सकते हैं। जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती है उन्हें देश में भी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।

तमिलनाडु आंध्र प्रदेश केरला जैसे राज्यों में हिंदी बहुत ही कम लोग जानते हैं। वे स्थानीय भाषा या अंग्रेजी भाषा ही जानते हैं। ऐसे में अंग्रेजी का महत्व बढ़ जाता है। उत्तर भारतीय लोग अंग्रेजी में बड़े ही आसानी से दक्षिण भारतीय लोगों से बात कर लेते हैं। देश में अंग्रेजी इतनी जरूरी हो गई है कि मां बाप अपनी जीवनशैली में कटौती कर सकते हैं पर बच्चों को पढ़ने के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल में भेजते हैं।

व्यापार के लिए अंग्रेजी भाषा का महत्व English in business communication

यह बिजनेस (व्यापार) करने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। अधिकतर व्यापार अंग्रेजी भाषा में किया जाता है। कंप्यूटर और इंटरनेट के युग की शुरुआत होने के बाद अब अंग्रेजी का महत्व और अधिक बढ़ गया है। क्योंकि ज्यादातर व्यापार ऑनलाइन होने लगा है। बिस्कुट साबुन क्रीम पाउडर किताबें दवाये सभी कुछ ऑनलाइन बिकने लगा है।

ऐसे में जिन लोगों को अंग्रेजी आती है वो ऑनलाइन जाकर कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं। व्यापारियों के लिए तो अंग्रेजी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अपना प्रोडक्ट (माल) इंटरनेट पर बेचना पड़ता है। ऐसे में अंग्रेजी भाषा जानना उनके लिए जरूरी हो गया है। GST और दूसरे टैक्स की लिखा पढ़ी भी अंग्रेजी में होती है।

इसके साथ ही बैंकों में अंग्रेजी का इस्तेमाल बढ़-चढ़कर किया जाता है। पैसे निकालने और जमा करने के लिए भी लोग इंग्लिश में फॉर्म भरते हैं। देश में डिजिटल क्रांति होने के बाद पैसों का लेन-देन मोबाइल फोन और कंप्यूटर के द्वारा किया जाता है जिसमें अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए आज अंग्रेजी भाषा का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है  

6 thoughts on “अंग्रेजी के महत्व पर निबंध Importance of English language essay in Hindi”

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शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे को तीन भागों में बाँटा गया है। शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। हम सभी अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं, जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।

शिक्षा का महत्व पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Importance of Education in Hindi, Shiksha Ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – शिक्षा का महत्व.

जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है।

पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को भी बढ़ावा देती है।

शिक्षा का महत्व

आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, यहीं कारण है कि हमें शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है।

आज के आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा काफी अहम है। आजकल के समय में  शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके सारे तरीके अपनाये जाते हैं। वर्तमान समय में शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल चुका है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क में प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

शिक्षा स्त्री और पुरुषों दोनों के लिए समान रुप से आवश्यक है, क्योंकि स्वास्थ्य और शिक्षित समाज का निर्माण दोनो द्वारा मिलकर ही किया जाता हैं। यह उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक यंत्र होने के साथ ही देश के विकास और प्रगति में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह, उपयुक्त शिक्षा दोनों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करती है। वो केवल शिक्षित नेता ही होते हैं, जो एक राष्ट्र का निर्माण करके, इसे सफलता और प्रगति के रास्ते की ओर ले जाते हैं। शिक्षा जहाँ तक संभव होता है उस सीमा तक लोगों बेहतर और सज्जन बनाने का कार्य करती है।

आधुनिक शिक्षा प्रणाली

अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे; व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वस्थ में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना और अन्य सामाजिक मुद्दे आदि। दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के प्रयोग के कारण, आजकल शिक्षा प्रणाली बहुत साधारण और आसान हो गयी है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली, अशिक्षा और समानता के मुद्दे को विभिन्न जाति, धर्म व जनजाति के बीच से पूरी तरह से हटाने में सक्षम है।

विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

विद्या एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और नाही कोई छीन सकता। यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाँटने पर कम नहीं होता, बल्कि की इसके विपरीत बढ़ता ही जाता है। हमने देखा होगा कि हमारे समाज में जो शिक्षित व्यक्ति होते हैं उनका एक अलग ही मान सम्मान होता है और लोग उन्हें हमारे समाज में इज्जत भी देते हैं। इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि वह एक साक्षर हो प्रशिक्षित हो इसीलिए आज के समय में हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत अधिक महत्व हो गया है। इसीलिए आपको यह याद रखना है कि शिक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है इसकी वजह से हमें हमारे समाज में सम्मान मिलता है जिससे हम समाज में सर उठा कर जी सकते हैं।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है और समाज में लोगों के बीच सभी भेदभावों को हटाने में मदद करती है। यह हमारी अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में भी हमारी सहायता करता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – शिक्षा की मुख्य भूमिका

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है । हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा क्या है ?

यह लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है और नकारात्मक विचारों को हटाती है। बचपन में ही हमारे माता-पिता हमारे मस्तिष्क को शिक्षा की ओर ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था में हमारा दाखिला कराकर हमें अच्छी शिक्षा प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करते हैं। यह हमें तकनीकी और उच्च कौशल वाले ज्ञान के साथ ही पूरे संसार में हमारे विचारों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने का सबसे अच्छे तरीके अखबारों को पढ़ना, टीवी पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को देखना, अच्छे लेखकों की किताबें पढ़ना आदि हैं। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह समाज में बेहतर पद और नौकरी में कल्पना की गए पद को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।

शिक्षा की मुख्य भूमिका

आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा मुख्य भूमिका को निभाती है। आजकल, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके हैं। शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

यह हमें जीवन में एक अच्छा चिकित्सक, अभियंता (इंजीनियर), पायलट, शिक्षक आदि, जो भी हम बनना चाहते हैं वो बनने के योग्य बनाती है। नियमित और उचित शिक्षा हमें जीवन में लक्ष्य को बनाने के द्वारा सफलता की ओर ले जाती है। पहले के समय की शिक्षा प्रणाली आज के अपेक्षा काफी कठिन थी। सभी जातियाँ अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकती थी। अधिक शुल्क होने के कारण प्रतिष्ठित कालेज में प्रवेश लेना भी काफी मुश्किल था। लेकिन अब, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करके आगे बढ़ना बहुत ही आसान और सरल बन गया है।

Importance of Education Essay in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

घर शिक्षा प्राप्त करने पहला स्थान है और सभी के जीवन में अभिभावक पहले शिक्षक होते हैं। हम अपने बचपन में, शिक्षा का पहला पाठ अपने घर विशेष रुप से माँ से प्राप्त करते हैं। हमारे माता-पिता जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हैं। जब हम 3 या 4 साल के हो जाते हैं, तो हम स्कूल में उपयुक्त, नियमित और क्रमबद्ध पढ़ाई के लिए भेजे जाते हैं, जहाँ हमें बहुत सी परीक्षाएं देनी पड़ती है, तब हमें एक कक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण मिलता है।

एक-एक कक्षा को उत्तीर्ण करते हुए हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, जब तक कि, हम 12वीं कक्षा को पास नहीं कर लेते। इसके बाद, तकनीकी या पेशेवर डिग्री की प्राप्ति के लिए तैयारी शुरु कर देते हैं, जिसे उच्च शिक्षा भी कहा जाता है। उच्च शिक्षा सभी के लिए अच्छी और तकनीकी नौकरी प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

हम अपने अभिभावकों और शिक्षक के प्रयासों के द्वारा अपने जीवन में अच्छे शिक्षित व्यक्ति बनते हैं। वे वास्तव में हमारे शुभ चिंतक हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद की। आजकल, शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि, सभी की उपयुक्त शिक्षा तक पहुँच संभव हो। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व और लाभों को दिखाने के लिए टीवी और अखबारों में बहुत से विज्ञापनों को दिखाया जाता है क्योंकि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी और शिक्षा की ओर अधूरी जानकारी के कारण पढ़ाई करना नहीं चाहते हैं।

गरीबों और माध्यम वर्ग के लिए शिक्षा

पहले, शिक्षा प्रणाली बहुत ही महंगी और कठिन थी, गरीब लोग 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। समाज में लोगों के बीच बहुत अन्तर और असमानता थी। उच्च जाति के लोग, अच्छे से शिक्षा प्राप्त करते थे और निम्न जाति के लोगों को स्कूल या कालेज में शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। यद्यपि, अब शिक्षा की पूरी प्रक्रिया और विषय में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए गए हैं। इस विषय में भारत सरकार के द्वारा सभी के लिए शिक्षा प्रणाली को सुगम और कम महंगी करने के लिए बहुत से नियम और कानून लागू किये गये हैं।

सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण, दूरस्थ शिक्षा प्रणाली ने उच्च शिक्षा को सस्ता और सुगम बनाया है, ताकि पिछड़े क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भविष्य में समान शिक्षा और सफलता प्राप्त करने के अवसर मिलें। भलीभाँति शिक्षित व्यक्ति एक देश के मजबूत आधार स्तम्भ होते हैं और भविष्य में इसको आगे ले जाने में सहयोग करते हैं। इस तरह, शिक्षा वो उपकरण है, जो जीवन, समाज और राष्ट्र में सभी असंभव स्थितियों को संभव बनाती है।

शिक्षा: उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को बड़े स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है तथा इसके साथ ही यह समाज में लोगों के बीच के सभी भेदभावों को हटाने में भी सहायता करती है। यह हमें अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में हमारी सहायता करती है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Education (शिक्षा का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- तथागत बुध्द के अनुसार शिक्षा व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है।

उत्तर- शिक्षा तीन प्रकार की होती है औपचारिक शिक्षा, निरौपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा।

उत्तर- शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।

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I was born and grew up in India, and I’m trying to remember when I became Indian.

In the summer of 1986, a police constable on a bicycle came to my home in the city of Patna to conduct an inquiry. This visit was in response to my application for a passport. Two weeks later, my passport was ready. I was 23 years old, preparing to come to the United States to attend a graduate program in literature. Did I first become Indian when I acquired my passport?

If so, it would be paradoxical that I became Indian at the very moment I was most eager to get away from India.

But there must have been earlier occasions.

I was 8 when Bangladesh was liberated with the help of the Indian Army in December 1971. I had a vague sense that the Indian armed forces, and Prime Minister Indira Gandhi, had beaten the Pakistanis and that they had also outfoxed the rotund man with thick glasses in newspaper photographs, Henry Kissinger. Maybe it was then that I adopted my nascent national identity?

When I was a little older, my father’s job took us to Bokaro, a city in eastern India where the Russians had helped build a steel factory. One day, I met the Russian engineers and their families at an event where they were giving out gifts, including pins with Vladimir Lenin’s head on them. This first real encounter with foreigners, maybe this was the day when I thought of myself as Indian?

I’m forgetting something.

From my early childhood, my family would travel from our ancestral village in Champaran to a nearby town across the border in Nepal. This was in pre-liberalization India, when markets were closed to foreign products. In Nepal, we could buy Chinese and Japanese products. For our trip back, women hid new chiffon sarees under their garments. In my pockets, I would have anything from a new transistor radio to a sleek camera or just a pack of peppermint-flavored Wrigley’s gum. My first typewriter, a red portable Brother, was bought during one of these trips not long after I had entered college.

Passports were not required during these visits to Nepal. The cycle rickshaws we hired trundled past the customs crossing without rigorous checks. But what I want to say is that the knowledge that I was breaking the law (smuggling!) weighed on me more than the issue of national difference.

Now that I think about it, a sense of a self and the idea of this self also inhabiting a particular place, a place as large as a country, only came to me when I saw the outlines of a national literature, that is, when I had grasped the notion of a body of literature that told our stories. In other words, sometime during my late teens I became Indian because I had acquired a complex language—a gift given by writers who had come before me—that described the people and places around me.

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I admired the grasp that Khushwant Singh, Dom Moraes, Anita Desai, Nayantara Sahgal, Ved Mehta, and a young Salman Rushdie had on a broad but also intimate language that established them as Indian, one that embraced history, landscape, people, and their mixed identities. Singh’s 1956 novel, Train to Pakistan , in particular was instructive about the history of Hindus, Muslims, and Sikhs having lived together peaceably and then, caught in the cataclysm of history, transforming into each other’s murderers. Even V.S. Naipaul, born in distant Trinidad, was Indian because he had so accurately, if dyspeptically, depicted the spaces in which was staged the drama of our large and untidy collective identity.

I should clarify that I wasn’t at all fluent in that language myself. In fact, I felt quite inadequate. In the 1980s, when I entered my 20s, India saw riots, a huge industrial disaster in Bhopal, and the assassination of Indira Gandhi and the killings of Sikhs that followed it. But it was as if I was looking at these events standing mutely behind thick glass. More years would pass before I could employ a vocabulary to communicate in that language of national belonging and translate that trauma onto the page in hopes of a reckoning.

A planned effort by an organized, ultranationalist party had unleashed the demon of hatred in Indian society.

By the time a Hindu mob destroyed the old mosque in the city of Ayodhya on Dec. 6, 1992, I was ready to speak out. I recognized that a planned effort by an organized, ultranationalist party had unleashed the demon of hatred in Indian society. I was finishing my doctoral studies at the time and saw zealots from my own Hindu community in the United States donating gold bricks for the construction of a temple on the disputed site. In the books I wrote over the ensuing decade, Passport Photos and then Bombay-London-New York , I argued that in the Indian diaspora, the soft emotion of nostalgia had been turned into the hard emotion of fundamentalism.

In the early 1990s, I was also training to be a scholar of postcolonial literature—a term describing, for the most part, the literature of countries in Africa and Asia that had achieved freedom from colonialism. My peers included people from Ethiopia, Ireland, South Africa, Sri Lanka, and Pakistan. When we read, say, Rushdie or Jamaica Kincaid, Nadine Gordimer or Ngugi wa Thiong’o, Edward Said or Nawal El Saadawi, we were focusing on critiques of colonialism and its lingering history.

The freedom struggles of our own countries had been carried out under the flag of nationalism. But decades after independence, it was difficult to ignore the actions of our own governments run by the privileged and the powerful. We faulted our own postcolonial states for having produced parodies of nationalism.

But this produced a peculiar problem. If one said anything negative about India, for instance, one invited the charge of representing the “colonial mindset.” There was the criticism of writing in English, also that of living abroad. All variety of narrow nationalists accused my field of postcolonial studies of being inauthentic, a prisoner of the Western mentality that had traditionally looked down on the countries of the East. This situation was rich with irony.

In 2002, riots in the state of Gujarat killed, by official count, 790 Muslims and 254 Hindus, though other estimates place the total number killed as high as 2,000. The chief minister of Gujarat at that time was Narendra Modi, and his Bharatiya Janata Party (BJP) was also in power in New Delhi. In the aftermath of the riots, I reported from Ahmedabad’s relief camps for Muslim refugees and carried on my investigations into religious violence elsewhere, including in various parts of Kashmir. My writings earned me a place on a “hit list” run by Hindu ultranationalists in the United States, and BJP supporters accused me of being anti-Hindu and anti-India. India’s right wing saw me as a foreigner.

We faulted our own postcolonial states for having produced parodies of nationalism.

The Nobel Prize-winning poet Rabindranath Tagore, a part of whose song “Bharoto Bhagyo Bidhata” was adopted as India’s national anthem, wrote in a 1917 essay that “nationalism is a great menace.” The sense of a national identity always relies on the idea of an “other” who is the enemy; in the case of India, it is not only a traditional rival such as Pakistan but also the enemy within, the non-Hindu, most commonly the Muslim. Since the BJP’s rise to power under Modi in 2014, Muslims have been fixed as that dirty, undesirable “other.” In the nationalist consciousness, they are the true non-Indians.

Tagore was warning us against what he called “social slavery” that “impels us to make the life of our fellow-beings a burden to them where they differ from us even in such a thing as their choice of food.” More than a century after Tagore wrote his essay, his words appear like grim prophecy when mobs have lynched Muslims in different parts of India on the suspicion of eating beef. In 2014, Modi supporters attempted to send prominent writer U.R. Ananthamurthy a ticket for a flight to Pakistan when he expressed strong opposition to the election of Modi and the BJP that year. The Hindu ultra- nationalists would like to send to Pakistan—alongside India’s Muslims—all those Indian citizens who dare dissent and whom they call “anti-nationals.”

This year’s inauguration of the Ram temple at the site of the demolished mosque in Ayodhya, with the prime minister administering the rites, achieved the BJP’s goal of deifying the Indian nationalist identity as Hindu. The frenzied state-aided celebrations, the kowtowing in the media, and the establishment of a mythical history as a near-constitutional fact put the seal of majoritarianism on everyday life.

The recent events represent the culmination of a process that has upended all that was meant by “postcolonial.” For me and many others, to be postcolonial was to share a sense of historical kinship with others who had suffered under the lash of colonialism. Chinua Achebe spoke to us, and Kincaid was recognizable to us, because they were witnesses to what our countries, too, had experienced. To be postcolonial also entailed the right to critique our current regimes, because our tainted present wasn’t what we had been promised, and this mandated a fight for greater equality and the rule of law. Yet Hindu ultranationalists no longer talk of British rule as colonial conquest. Instead, for them, it is the arrival of Mughal armies 500 years ago, and the Islamic dynasty they established, that signals the onset of colonialism.

This is a cunning strategy on the part of the BJP and its increasing ranks of faithful followers. By painting the Muslim as the enemy, the Hindu right succeeds in consolidating the Hindu vote across caste and class lines, all unified in opposition to ever more marginalized minorities. Prices, unemployment, and economic inequality are all rising, but we need not address those problems because our leaders have told us that the real danger is 14.2 percent of India’s population.

Am I Indian? Yes, if it means finding the common cause of freedom across religious lines. No, if it means the idolatry of a nation built around a singular religious identity and the cult worship of a single leader.

Amitava Kumar is a professor of English at Vassar College and a Cullman fellow at the New York Public Library. He is the author of, most recently, the novel My Beloved Life .

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