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Khelo india essay in hindi खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना.

Hello guys today we are going to discuss Khelo India essay in Hindi/ खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना। Khelo India essay in Hindi was asked in many competitive exams as well as classes in 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Read Khelo India essay in Hindi to get better results in your exams.

Khelo India Essay in Hindi – खेलो इंडिया राष्ट्रीय योजना पर निबंध

hindiinhindi Khelo India Essay in Hindi

Khelo India Essay in Hindi 350 Words

भारत सरकार ने खेलो इंडिया स्कीम की घोषणा 2017 में सितम्बर माह में 20 तारीख को की थी। खेलो इंडिया 2017 में प्रस्तावित किया गया था जो की 31 जनवरी 2018 से शुरू किया गया है। इस स्कीम को पूर्ण रूप से सँभालने की जिम्मेदारी यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट मंत्रालय की होगी। देश में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘खेलो इंडिया’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ऐसे खिलाड़ियों का सहयोग करना चाहती है, जिन्हें खेल से प्यार है और जो समर्पण भाव से खेलते है।

इस योजना के जरिये सरकार उन सभी एथलीट को बेहतरीन सुविधा देगी जो गरीब परिवारों से निकलकर खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहते है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करेगी, जो देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिभा उजागर करने का दमखम रखते है, इसके लिए सरकार की तरफ से पैसे भी दिए जायेगे। सरकार का मुख्य लक्ष्य सिर्फ एथलीटस को ही प्रमोट करने का नहीं है बल्कि खेलों की अहमियत पूरे देश में फैलाना है।

खेलो इंडिया योजना के लाभ

1. इस योजना से खेल का स्तर ऊंचा होगा 2. इस योजना के तहत 1000 खिलाड़ी चुने जाएंगे और उन्हें 8 सालों में 5 लाख तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी 3. इस योजना के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही जल्द एथलेटिक्स ट्रैक हॉकी और फुटबॉल ग्राउंड तरणताल सहित बहुदेसी हाल का निर्माण कराया जाएगा 4.इस कार्यक्रम के तहत दस से अठारह साल आयु वर्ग के करीब बीस करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा

इस योजना का निर्माण गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु किया जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि फिटनेस से संबंधित गतिविधियों को भी समर्थन मिलेगा। इस योजना से उन खिलाड़ियों को सहायता मिलेगी जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन न मिलने से पीछे रह जाते है। इसकी सहायता से महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन दिया जायेगा।

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khelo india essay in hindi

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Yojana Scheme

खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम 2023 [यूथ गेम्स योजना] क्या है [रजिस्ट्रेशन]

खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम, कार्यक्रम [लिस्ट, रजिस्ट्रेशन, फॉर्म] Khelo India Youth Games (KIYG) 2023 in hindi [Registration Form, List, Venue, Result] खेलो इंडिया यूथ गेम्स योजना क्या है 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम का आगाज हो चूका है.  खिलाड़ियों की प्रतिभा को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए सरकार ने खेलो इंडिया स्कीम को लॉन्च किया है. इस महत्वपूर्ण कदम से ओलिंपिक में भी भारत की रैंकिंग सुधारने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन एवं सुविधाओं की कमी को पूरा करना है.

भारत खेल के क्षेत्र में एक बहु प्रतिभाशाली देश है, लेकिन क्रिकेट और हॉकी के अतिरिक्त अन्य खेलों में अभी तक उच्च स्थान प्राप्त करने में भारत को सफलता हाथ नहीं लगी है.  हालांकि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, किन्तु खिलाड़ियों को उचित व्यवस्था के अभाव में अच्छा प्रदर्शन करना काफी चुनौतियों भरा होता है. इसलिए होने वाली विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में उच्च श्रेणी हासिल करने में असफल साबित हो जाते है. इन सब समस्याओं के चलते भी कई भारतीय एथलीट काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते है.  खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रजिस्ट्रेशन फॉर्म, गेम्स लिस्ट, रिजल्ट, टीम इन सबकी जानकारी आपको हमारे इस आर्टिकल में मिलेगी.

Table of Contents

खेलो इंडिया प्रोग्राम की घोषणा (Launch Date)

खेलो इंडिया यूथ गेम का लक्ष्य.

खेलो इंडिया यूथ गेम की शुरुआत करने का लक्ष्य 2028 के ओलंपिक में भारत  को टॉप 10 देशों की सूची में शामिल कराना है. इस प्रोग्राम को अच्छी तरह से लागू करने के लिए सरकार द्वारा बेहतर प्रशिक्षण एवं उपकरण भी उपलब्ध कराये जाने की भी घोषणा की गई थी. और साथ ही पिछले साल खेल मंत्रालय द्वारा 1000 केन्द्र देश में शुरू करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. इससे हर जिले में एक केंद्र खोला जायेगा. अब तक 217 केंद्र खुल चुके हैं, और पूर्वोत्तर के राज्यों में 2 केंद्र खोले जाने का निश्चय किया गया है.

खेलो इंडिया यूथ गेम का उद्देश्य

इस खेल की शुरुआत करने पीछे सरकार एवं संबंधित मंत्रालय एवं विभाग का उद्देश्य केवल खेल को बढ़ावा देना है. इसके अलावा कुछ और उद्देश्य हैं जिसे यह प्रोग्राम पूरा करता है –

  • ऐसे खेल जोकि ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में खेले जाते हैं उन्हें बढ़ावा देना.
  • देश में शांति एवं देश का विकास करने के लिए खेल को प्रोत्साहित करना.
  • ऐसे विद्यार्थी जोकि विकलांग हैं उन्हें भी खेलों के लिए बढ़ावा देना है.
  • ऐसे खेल जोकि राज्य स्तर पर खेल जाते हैं उन्हें केंद्र के स्तर पर लाना.
  • महिलाओं के लिए विशेष रूप से खेल का आयोजन करना.
  • यह खेल का आयोजन हर साल किया जाये इसका ध्यान रखना.
  • ऐसे प्रशिक्षण एवं सामुदायिक कोचिंग सेंटर जहाँ पर खेलो की ट्रेनिंग दी जाती है, उनका विकास एवं उनमें वृद्धि करना.
  • इसके साथ ही खेलों के मैदानों का भी विकास करना.
  • सबसे जरुरी स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों को शारीरिक रूप से फिट बनाने के लिए खेल के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना. 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 की जानकारी ( Khelo India Youth Games 2021 )

इस साल खेलो इंडिया यूथ गेम का चौथा संस्करण आयोजित किया जाना था, जोकि अब टोक्यो ओलिंपिक के बाद होगा. और इस बार खेलो इंडिया यूथ गेम का आयोजन करने वाला मेजबान राज्य हरियाणा है. हरियाणा के पंचकुला में इसकी व्यवस्था किये जाने का निश्चय किया गया है. इस बात की घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय खेल मंत्री जो ने हालही में की है. उनका कहना है कि हर साल इन खेलों का आयोजन जनवरी माह में किया जाता रहा है, लेकिन कॉविड – 19 महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया है. और अब यह टोक्यो ओलिंपिक के बाद होगा.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से जुडी जानकारी (Khelo India Youth Games Details)

  • खेलो इंडिया प्रोग्राम कि सफलता के बाद इसका दूसरा चरण भी आ गया है, केन्द्रीय सरकार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने इस बार खेल के क्षेत्र को बढ़ाते हुए, प्रतिभागियों को दो केटेगरी में रखा है
  • पहली अंडर 17 (Under 17)
  • दूसरी अंडर 21 (Under 21)
  • इसके साथ ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार कॉलेज और युनिवर्सिटी के छात्र भी हिस्सा ले सकते है.
  • खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने महाराष्ट्र में आयोजित प्रोग्राम में बताया है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2019 में दिल्ली में न होकर पुणे के श्री शिव छत्रपति काम्प्लेक्स में 9 जनवरी से 20 जनवरी के बीच होगा. यहाँ 10 हजार से ज्यादा प्रतिभागी 29 प्रदेश और 7 केंद्र शासित क्षेत्र से पहुचेंगें.
  • पिछले साल की तरह इस बार खेल का सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स में रोजाना 8 घंटे होगा.
  • पिछले साल खेलो इंडिया प्रोग्राम में सरकार ने 1500 प्रतिभागी चयनित किये थे, जिन्हें 5 लाख रूपए इनाम राशी के साथ ट्रेनिंग भी दी गई थी.
  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स राष्ट्रीय खेल का मुख्य उद्देश्य यही है कि देश में छुपी हुई प्रतिभा को सामने लायें और उन प्रतिभागियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के गेम्स जैसे कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और यूथ ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके.
  • पिछले साल लगभग 3500 युवा खिलाडियों ने इस राष्ट्रीय खेल में हिस्सा लिया था, लेकिन इस साल 2019 में संख्या 3 गुना बढ़ गई है, और उम्मीद लगे जा रही है 10 हजार क उपर प्रतिभागी इस खेल पर्व का हिस्सा बनेगें.

खेलो इंडिया स्कीम की प्रमुख विशेषताएं  (Khelo India Program Information)

किस वर्ष से होगी लागू – .

हालांकि इस योजना को 2017 से ही सरकार द्वारा लागू कर दिया गया है, लेकिन सरकार इस योजना को 2017-18 से 2019-20 तक और भी बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है. जिसकी वजह से केवल एथलीटस को ही नहीं बल्कि देश में खेल का एक नया ढांचा बनाने की कोशिश की जा रही है.

देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए – 

कुछ देशों के मुकाबले हमारे देश में एक या दो खेल छोड़कर बाकी खेलों में भविष्य कम दिखायी देता है. अगर ग्रामीणों की बात करें तो बहुत कम संख्या में लोग अपना करियर खेलों में बनाना चाहते है, और हमारे देश की प्रतिभा पूरी तरह सामने आने में विफल हो जाती है. इसके चलते देश की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुधरने में काफी धीमी है, इस प्रोग्राम के जरिये सरकार उन सभी एथलीट को बेहतरीन सुविधा देगी जो गरीब परिवारों से निकलकर खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहते है. इस योजना की वजह से देश में खेलों के हालात बेहतर हो सकते है.

इस योजना में शामिल होने वाले खिलाड़ियों की संख्या – 

भारतीय खेल मंत्रालय के द्वारा इसकी संख्या अभी हाल में 1000 ही निर्धारित की गयी है, जो कि सिर्फ क्षमता रखने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों को प्रदान कराई जाएगी. जिसकी मदद से ये सभी खिलाड़ी अपने हुनर को एक नया मुकाम दे पायेंगे.

स्कॉलर्शिप मिलने की समय सीमा – 

सरकार ने इस प्रोग्राम के तहत चुने जाने वाले खिलाडियों को यह स्कॉलर्शिप 8 वर्ष तक देने की व्यवस्था की है. देखा जाये तो यह समय किसी भी खिलाड़ी को अपने टैलेंट को सुधारने के लिए काफी है, किसी भी स्पोर्ट्स मैन के लिए यह योजना एक आधारशिला का काम करेगी.

स्पोर्ट स्कॉलरशिप की व्यवस्था – 

यह स्कॉलरशिप खिलाड़ियों को उनकी खाद्य सम्बन्धी शारीरिक आपूर्ति एवं खेल सम्बन्धी उपकरणों की जरुरत पूरा करने के लिए दी जाएगी. इसके अंतर्गत 5 लाख तक की राशि हर वर्ष एक खिलाड़ी पर खर्च की जाएगी. 

खिलाड़ियों के भविष्य को मजबूती देने हेतु – 

इस योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करेगी, जो देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिभा उजागर करने का दमखम रखते है, इसके लिए सरकार की तरफ से पैसे भी दिए जायेगे. हालांकि भारतीय सरकार का मुख्य लक्ष्य सिर्फ एथलीटस को ही प्रमोट करने का नहीं है बल्कि खेलों की अहमियत पूरे देश में फैलाना है.

महिलाओं को समान अवसर प्रदान के लिए –

  इस स्कीम की सहायता से महिलाओं को बचपन से ही खेलों में भाग लेने के लिए हर तरह से मदद मिलेगी. इसमें लड़का और लड़की दोनों को उनके बचपन से ही अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान होगा. इस प्रोग्राम से हमारे देश की बच्चियों को भी एक नयी पहचान मिलेगी.  

प्रशिक्षण हेतू विश्वविद्यालय – 

मंत्रालय खेल प्रशिक्षण के लिए 20 विश्वविद्यालय का चयन करेगा, जोकि खेल प्रशिक्षण के साथ साथ शिक्षा सम्बन्धी पाठ्यक्रम भी चलाएगी अर्थात सरकार खिलाड़ियों को दोनों तरफ से लाभ पहुंचाने में कार्यरत है.

यूथ को गलत भविष्य का चुनाव करने से रोकना – 

हमारे देश के बहुत से नौजवान सुविधाएं न होने की वजह से मजबूरी में अपनी प्रतिभा से हटकर अपना करियर चुनते है. ऐसा अक्सर ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों में अधिकतर देखने को मिलता है जिसकी वजह से देश और समाज दोनों पर असर पड़ता है. इतना ही नहीं देश के काम आने वाली यह प्रतिभा सामने ही नहीं आ पाती और ये नौजवान भी अपने भविष्य में कुछ अच्छा नहीं कर पाते. इसलिए सरकार इस स्कीम से यंगस्टर्स को सही रास्ते का चुनाव करने में मदद करेगी.

प्रतिस्पर्धा की सोच को बढ़ावा देने के लिए  – 

केंद्र सरकार ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करेगी, जो अपने यहाँ से अधिकतम बेहतरीन खिलाड़ी देश के लिए तैयार करके देंगे.

तकनीकी का इस्तेमाल – 

भारतीय खेल मंत्रालय इस योजना को हर गांव तक पहुँचना चाहता है. इसके लिए मंत्रालय टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके सरलता से ‘खेलो इंडिया प्रोग्राम’ पूरे देश में कोने कोने तक फैला सके.

स्पोर्टस केंद्र की जगह पता करना  – 

इस अत्याधुनिक GIS तकनीकी के जमाने में किसी भी स्पोर्ट्स केंद्र की लोकेशन पता करना बेहद आसान है, जिसके फलस्वरूप जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण लेना चाहता हो अपने पास के केंद्र में जाकर प्राप्त कर सकता है. 

सेंट्रल थीम का प्रचार – 

फिलहाल केंद्रीय सरकार “स्पोर्ट फॉर एक्सीलेंस ” और “स्पोर्ट फॉर ऑल” इन दो वाक्या का प्रचार काने में लगी हुयी है, “सब खेलो और सब बड़ो” इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सरकार देश में खेलों का स्तर सुधारने में लगी हुई है.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स राज्यों को वितरित धनराशि

खेलो इंडिया    की पात्रता के लिए योग्यता (khelo india youth games eligibility criteria), आयु – .

जो भी आवेदक स्पोर्ट स्कालरशिप पाने के लिए सरकार ने 8 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच ही निर्धारित की गयी है. अर्थात इस आयु सीमा के बाहर वाले आवेदक का आवेदन खेलो इंडिया प्रोग्राम के लिए अमान्य माना जायेगा.

खेलों से सम्बंधित आवेदक –

  इस स्कीम के अंतर्गत केवल वही आवेदक चुने जायेंगे जो खेलों से जुड़े होने के साथ अपनी प्रतिभा को सुधारना चाहते है.

निवास प्रमाण पत्र – 

इस प्रोग्राम से स्कॉलरशिप राशि प्राप्त करने के लिए आवेदक का ग्रामीण, पिछड़े और सुविधाओं से वंचित क्षेत्र का निवास प्रमाण पत्र होना जरुरी है.

एक आवेदक कितने खेल चुन सकता है? – 

भारत सरकार की नियमावली पत्रिका में एक आवेदक खिलाड़ी केवल एक ही खेल का चुनाव कर सकता है. अर्थात जो भी आवेदक इसका हिस्सा बनना चाहता है उसे अपना एक ही खेल में प्रशिक्षण देने का प्रावधान है.

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में शामिल खेल

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में निम्न खेलों को शामिल किया गया है.

  • जिमनास्टिक्स
  • भारोतोल्लन (वेट लिफ्टिंग)

खेलो इंडिया यूथ गेम स्टेटस

खेलो इंडिया    यूथ गेम्स में आवेदन के लिए दस्तावेज (khelo india youth games required documents).

  • पहचान प्रमण पत्र
  • स्कूल का छात्र होने का प्रमाण
  • बैंक पासबुक
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • स्कूल बोनाफाइड प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम अधिकारिक वेबसाइट

यदि आपको भी खेलों में रूचि है और आप भी खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट में जाना होगा. यहाँ से आप आवेदन कर सकते हैं.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Khelo India Youth Games Registration Forms)

  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अपने को रजिस्टर करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल साईट पर जाना होगा, इसके लिए यहाँ क्लिक करें खेलो इंडिया रजिस्ट्रेशन पोर्टल .
  • साईट ओपन होने के बाद, बीच में रजिस्ट्रेशन पोर्टल में क्लिक करें,
  • यहाँ एक न्यू पेज खुलेगा, जहाँ खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए रजिस्टर कर सकते है.
  • यहाँ 4 केटेगरी है, कोच, एथिलिट, मेनेजर और टेक्निकल ऑफिसियल. आप जिस भी केटेगरी से है, उसे क्लिक करें.
  • अगर आप पहली बार खेलो इंडिया के लिए रजिस्टर कर रहे है, तो पूरी जानकारी भरें, जिससे आप रजिस्टर हो सकें. अगर आपके पास पहले से लॉग इन आईडी है तो उसे उपयोग करते हुए लॉग इन करें.
  • सारी जानकारी सही भरने के बाद सबमिट कर दे.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का शेड्यूल

कोरोना महामारी के चलते यह खेल जोकि हर साल जनवरी के महीने में आयोजित किये जाते हैं, इस साल स्थगित कर दिए गये हैं. हालही में टोक्यो ओलंपिक का भी समापन हो चूका है जल्द ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का शुभारंभ किया जायेगा. जिसके बाद इसके शेड्यूल की भी जानकारी संबंधित अधिकारीयों के द्वारा दे दी जाएगी. तब तक आप हमारे इस लेख के अपडेट होने का इंतेजार करिए, जोकि जल्द ही अपडेट किया जायेगा.

खेलो इंडिया योजना के लिए बजट (Budget of the Scheme)

अभी के लिए 500 करोड़ रु केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को व्यवस्थित रूप से शुरू करने के लिए दिए गए है, इसमें से 130 करोड़ रु स्टेडियम और प्रशिक्षण केन्द्रो में खेल सम्बन्धी उपकरण जुटाने एवं रख रखाव करने के लिए दिए जाएंगे. जबकि 230 करोड़ रु सरकार देश में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने में खर्च करेगी. इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 100 करोड़ रु प्रतिभा को ढूढ़ने वाली समितियों को दिए जायेंगे जिसकी सहायता से वो खेल प्रतिभा सम्बन्धी प्रतियोगिताओं का आयोजन करा सकें, अगर पूरे बजट की बात की जाय तो सरकार ने 1756 करोड़ रु सन् 2017 से लेकर सन् 2020 तक के लिए खर्च करने की योजना बनाई है.

खेलो इंडिया यूथ गेम टोल फ्री नंबर

यदि किसी व्यक्ति को इसमें रजिस्ट्रेशन करने में या फिर इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने में कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है तो निचे दी गई संपर्क की जानकारी से उसे हल कर सकता है –

  • टोल फ्री नंबर – 1800-208-5155
  • लैंडलाइन नंबर – 011 – 40051166

ईमेल आईडी – [email protected]

खेलो इंडिया योजना का निर्माण गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु किया जा रहा है. इस योजना की सहायता से सरकार भारत देश की प्रतिभा से पूरे विश्व को परिचय कराने की सोच रही है. खेलो इंडिया प्रोग्राम की मदद से उन खिलाड़ियों को मदद मिलेगी जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन न मिलने से पीछे रह जाते है. इस प्रोग्राम से खेलों में भारत की विश्व स्तरीय रैंकिंग तालिका में ऊपर जाने की सम्भावना की जा रही है.  इसके माध्यम से देश के सभी क्षेत्रो से प्रतिभा खोजने का अनुमान लगाया जा रहा है. खेलो इंडिया की सहायता से महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन दिया जायेगा. भारत सरकार के द्वारा यह कदम खेल क्षेत्र में सुधार के लिए उठाया है.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम की शुरुआत कब हुई ?

Ans : सन 2018 में लांच किया गया.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम का उद्देश्य क्या है ?

Ans : देश में खेल को बढ़ावा देना.

Q ; खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम 2021 में कहां होना है ?

Ans : हरियाणा के पंचकुला में.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम 2021 में कब होना है ?

Ans : टोक्यो ओलंपिक के बाद कभी भी हो सकता है, अभी डेट नहीं है.

Q : खेलो इंडिया यूथ गेम प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए क्या करें ?

Ans : अधिअक्रिक वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.

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1 thought on “खेलो इंडिया युवा खेल प्रोग्राम 2023 [यूथ गेम्स योजना] क्या है [रजिस्ट्रेशन]”

Sir me khelo india me admission lena chahta hu par me jis game ko lena hai us game ke bare me jankari nahi hai . Prayagraj

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जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay

In this article, we are providing an Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay in Hindi जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध हिंदी में | Essay in 200, 300, 500, 600 words For Students. Importance Of Sports In Life Essay in Hindi.

जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh

Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Essay in Hindi ( 300 words )

स्वस्थ शरीर जीवन की पहली आवश्यकता है। ठीक ही कहा गया हैं- पहला सुख निरोगी काया । स्वस्थ शरीर एक नियामत है। यदि मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक होगा तो वह सुखी रह सकेगा। निर्बल और अस्वस्थ व्यक्ति जीवन में कभी सफल तथा सुखी नहीं बन सकता। वह किसी भी काम को ठीक तरह से नहीं कर सकेगा। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य की ओर से कभी असावधान नहीं रहना चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि अनेक साधन हैं। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो रहता है, परन्तु इनसे मनोरंजन नहीं होता। ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। अतः व्यायाम और खेलकूद का गहरा सम्बन्ध है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेल- में अधिक रहती -कूद है। वे खेलकूद में भाग लेकर स्वस्थ रहते हैं।

खेल-कूद से स्वास्थ्य तो बनता ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कई लाभ भी हैं। खेलो से मनोरंजन होता है, शरीर चुस्त रहता है, बुद्धि का विकास होता है। सहयोग, उदारता, मेलजोल, अनुशासन की भावना आदि गुण खेलों में भाग लेने से अपने-आप आ जाते हैं। खेलकूद में भाग लेने से खिलाड़ियों में खेल भावना का विकास होता है। स्वामी विवेकानन्द जी के अनुसार – “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।”

खेलों से केवल खिलाड़ियों का ही नहीं देखने तथा सुननेवालों का भी मनोरंजन होता है। क्रिकेट, हॉकी आदि के मैचों के अवसर पर रेडियो तथा टी० वी० पर लगी भीड़ इस बात का प्रमाण है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। सभी देशों में खेलकूद पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाता हैं। विदेशों में खेलकूद पर अधिक ध्यान दिया जाता है। परन्तु बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में इस ओर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए, नहीं दिया जा रहा है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर हम अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही हैं साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Essay on Discipline in Hindi

Jivan Mein Khelon ka Mahatva Essay in Hindi ( 600 words )

आज के समय में ‘खेल’ स्कूली शिक्षा के अविभाज्य अंग बन गये हैं । हाल के दिनों में शिक्षाविदों, अध्यापकों और स्कूल प्रशासकों ने स्कूली जीवन में खेलों और क्रीड़ा के महत्व को अच्छी तरह से महसूस किया है । एक जमाना था जब खेलों को मांसपेशियों के लिए थोड़ा व्यायाम करने और छात्रों को विश्राम का समय देने के लिए ‘अवकाश का पीरियड’ भर माना जाता था, किन्तु आज इसके मूल्य को अच्छी तरह से स्वीकार कर लिया गया है और इसे स्कूल के पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।

खेलों को स्कूल की पढ़ाई के साथ जोड़े जाने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण या उद्देश्य है छात्रों की जन्मजात खेल प्रतिभा का विकास करना। यदि उचित अवसर प्रदान किये जाएँ तो ऊर्जा और उत्साह से भरे बच्चे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। स्कूल केवल ऐसा स्थान मात्र नहीं है जहाँ केवल छात्र की मानसिक क्षमताओं का ही विकास किया जाता है बल्कि वह ऐसा स्थान भी है जहाँ वे अपनी छुपी हुई खेल प्रतिभाओं का भी विकास कर सकते हैं। हमारे देश की पी.टी. उषा, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, अंजू बॉबी जार्ज आदि कोई चाँद से उतरी हुई खेल प्रतिभाएँ नहीं हैं। उन्होंने अपने स्कूली जीवन के दौरान ही अपनी प्रतिभा को जाना- पहचाना और तराशा था ।

स्कूली जीवन की एकरसता को तोड़ने में खेलों के महत्व की अनदेखी नहीं की जा सकती। सामान्य तौर पर कई पीरियड की पढ़ाई के बाद खेलने का अवसर दिया जाता है। यह छात्रों को थोड़ा विश्राम लेने में सहायता करता है । यह उन्हें उत्साह और नई ऊजा प्रदान करता है। खेलों के माध्यम से मन- मस्तिष्क को कुछ देर के लिए पढ़ाई के दबाव से मुक्त रखने से बच्चे की सीखने की प्रक्रिया को तेजी मिलती है। आज हमारे बच्चे पढ़ाई के अत्यधिक बोझ से दबे होते हैं। इस संदर्भ में खेल उनके लिए राहत और ऊर्जा का स्रोत बन सकते हैं।

खेलों के शारीरिक लाभ के पक्ष की भी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जब बच्चे आसपास दौड़ते हैं, घूमते-फिरते हैं और व्यायाम करते हैं और खेलों के जरिए खुली हवा में विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों में लगे रहते हैं तो इससे शरीर को लाभ मिलता है। उनका शरीर विकसित होता है, मांसपेशियों का विकास होता है और मस्तिष्क को विश्राम मिलता है। यह उन्हें शारीरिक रूप से फुर्तीला और स्वस्थ बनाता है। डाक्टर अक्सर कहते हैं कि जो बच्चे अपना अधिकांश समय आलस्य में अथवा बहुत अधिक पढ़ाई और अध्ययन में खर्च कर बिता देते हैं वे शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों की तुलना में शारीरिक परेशानियों के ज्यादा शिकार बनते हैं।

खेलों और क्रीड़ा का एक और अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान है छात्रों या खिलाड़ियों में अनुशासन की भावना भरना। खेलों और प्रतियोगिताओं में बच्चे नियमों से आबद्ध रहना, रेफरी के निर्णय को मानना और उकसाये जाने पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना जैसी बातें सीखते हैं। खेलों, विशेष रूप से खुले मैदानों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में काफी हद तक स्व-नियंत्रण, आज्ञाकारी व्यवहार और अनुशासित सहभागिता की आवश्यकता होती है। यह उन्हें जीत ही नहीं हार को भी सम्मानपूर्ण तरीके से स्वीकार करने की शिक्षा देता है।

हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आने वाले दिनों में स्कूल के पाठ्यक्रमों में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और वह स्वयं एक अकादमिक या शैक्षणिक विषय बन सकता है । शैक्षणिक पहलू के अलावा खेल छात्रों में अनुशासन का गुण रोपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कैरियर के अच्छे अवसर भी प्रदान करते हैं । ये विश्राम और मनोरंजन प्रदान करते हैं और स्कूली जीवन को जीवंत और उत्साहपूर्ण बनाने के साथ-साथ छात्रों को शारीरिक रूप सें फिट (स्वस्थ ) और मानसिक रूप से फुर्तीला बनाये रखते हैं ।

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दोस्तों इस लेख के ऊपर Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay ( विद्यार्थी जीवन पर निबंध ) आपके क्या विचार है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

Jeevan Mein Khelon Ka Mahatva Par Nibandh’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

khelo ka mahatva nibandh Essay on Importance of sports in Life in Hindi

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भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध | Future Of Sports In India Hindi Essay

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भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध | Future Of Sports In India Hindi Essay.

खेल रोजगार और राजस्व के मामले में विश्व स्तर पर सबसे बड़े उद्योगों में से एक माना जाता है । खेल का व्यवसाय एक बहु अरब डॉलर का वैश्विक उद्योग है जो भारी उपभोक्ता मांग से प्रेरित है । खेल व्यवसाय का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए कई अलग-अलग चीजें हैं। यह वास्तव में एक वैश्विक उद्योग है, और खेल दुनिया भर के देशों में एक जैसे दर्शकों और खिलाड़ियों के भीतर गहरी जुनून हलचल । लेकिन अतीत में यह भारत में सिर्फ घाटे का मामला था । अब, खेल भारत में अगला बड़ा उद्योग बनने जा रहा है । विकसित देशों में कुल रोजगार में खेलों का योगदान करीब 2 से 4 फीसदी है।इसमें एथलीट, कोच, प्रशिक्षक, इवेंट मैनेजर, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर्स, स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशंस के कोऑर्डिनेटर, मार्केटिंग कंसल्टेंट, प्रोग्राम एंड फैसिलिटी मैनेजर, प्रोफेशनल स्पोर्ट्स प्रमोटर, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट एंड प्रॉडक्ट सेल्स, स्पोर्ट इवेंट प्लानर और मैनेजर और स्पोर्ट्स स्पॉन्सरशिप स्पेशलिस्ट जैसे कई तरह के करियर प्रोफाइल शामिल हैं । आज, भारत के कुल रोजगार में खेल का योगदान सिर्फ .05% है। इंडियन प्रीमियर लीग (क्रिकेट), हॉकी इंडिया लीग, इंडियन बैडमिंटन लीग, प्रोकबाडी, इंडियन सुपर लीग (फुटबॉल) और गोटी, गिल्ली ढांडा, लागोरी, किलिथ, गट्टा गुस्ती जैसी शानदार पहल भारतीय खेलों का पुराना चेहरा बदल रही हैं।एक बार हमें विश्वास था कि भारत में सिर्फ क्रिकेट ही सफल होगा। लेकिन उपर्युक्त पहलों में भारतीयों को क्रिकेट से परे खेलों की दुनिया दिखाई गई है । इन पहलों से साबित होता है कि खेलों का भारत में एक व्यवसाय के रूप में भविष्य है ।

बच्चों की समस्या :

भारतीय खेल उद्योग का विकास और विकास प्रबंधन पेशेवरों के लिए विभिन्न प्रकार की सेटिंग्स में अवसर पैदा कर रहा है।विकसित खेलों की पेशेवर लीग, अविकसित खेलों के व्यावसायीकरण, विरासत खेलों के व्यावसायीकरण और कॉर्पोरेट क्षेत्र के निवेश में वृद्धि जैसी पहलों से बढ़ाया गया, खेल उद्योग को कम समय सीमा में तेजी से वृद्धि की उम्मीद है । इसमें हर पहलू में 2020 से पहले आईटी और संबंधित उद्योगों से आगे निकलने की क्षमता है।

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उपर्युक्त पहलों और सृजित होने वाले रोजगार के अवसर भारी हैं । नई खेल पहलों के लिए पेशेवर मानव पूंजी की आवश्यकता होती है ताकि उनके विकास को गति दी जा सके । लेकिन भारत में प्रोफेशनल स्पोर्ट्स मैनेजर्स की उपलब्धता कम या कम है। भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिए भारत सरकार पहल करती है। यह पेशेवर खेल प्रबंधकों के बिना महसूस नहीं किया जाएगा ।भारतीय खेल उद्योग में एक प्रभावशाली विकास की संभावना है, भले ही इसके बुनियादी सिद्धांत ठोस न हों । पेशेवर खेल प्रबंधक केवल भारत के खेल उद्योग के लिए एक ठोस आधार ला सकते हैं ।

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भारत में खेल सामान उद्योग:-

भारत में खेल वस्तु उद्योग लगभग एक सदी पुराना है और अपने कार्यबल के कौशल के कारण फला-फूला है । श्रम प्रधान प्रकृति होने के कारण यह उद्योग ५००,००० से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है । भारत में इस उद्योग का नाभिक पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में और उसके आसपास है।पंजाब राज्य में जालंधर और उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ में कुल उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा है। एक साथ, दोनों कस्बों में ३,० से अधिक विनिर्माण इकाइयां और १३० निर्यातक हैं । भारतीय खेल सामान उद्योग की मुंबई, कोलकाता और चेन्नई शहरों में भी उपस्थिति है, हालांकि कम पैमाने पर। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि खेल इंजीनियरिंग, यूनाइटेड किंगडम की भूमि भारतीय खेल वस्तुओं का प्रमुख आयातक है। यह भारत की खेल महाशक्ति के रूप में विकसित होने की क्षमता को दर्शाता है।

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भारत में खेल सम्बंधित होने वाले चुनौतियां:-

बुनियादी ढांचे की कमी।

प्रोत्साहन की कमी।

खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्कूलों की कमी।

राष्ट्रीय खेल संघों में राजनीति।

अपर्याप्त धन।

खिलाड़ियों को प्रोत्साहन का अभाव।

खेल के क्षेत्र में खेल कोचों और कर्मचारियों का कम वेतन ।

भारत में करीब 20 करोड़ बच्चों में कुपोषण। यह बड़ी चुनौतियों में से एक है, क्योंकि खेल के लिए शारीरिक के साथ-साथ मानसिक शक्ति भी जरूरी है ।

एक खेल व्यक्ति बनना गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लिए महंगा है क्योंकि यह महंगा खेल उपकरण और समर्पित कड़ी मेहनत के वर्षों की आवश्यकता है ।

भारत में बच्चों के साथ-साथ युवाओं में खेल प्रतिभाओं को हाजिर करने और विकसित करने के लिए उचित प्रणाली नहीं है ।

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यदि कोई खेल व्यक्ति अपने खेल में विफल रहता है, तो उसे भारत में रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता है । अधिकांश अन्य देशों में ऐसा नहीं होगा ।

अभी क्या किया जाना चाहिए:-

प्रशिक्षण के स्तर से खिलाड़ियों का समर्थन किया जाना चाहिए।

स्पोर्ट्स स्कूलों की स्थापना की जाए।

खेल हमारी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा होना चाहिए।

जिन विद्यार्थियों में खेल प्रतिभा है, उन्हें खेल छात्रवृत्ति दिए जाने की जरूरत है।

अविकसित भारतीय खेलों का व्यवसायीकरण होना चाहिए।

भारत को दुनिया भर में खेले जाने वाले खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए।

भारतीय युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए भारत में अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की मेजबानी की जानी चाहिए ।

अन्य देशों में स्थिति:-

चीन में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में व्यवस्थित खेल स्कूल हैं । चीन खेल क्षेत्र में भारी निवेश करता है । संयुक्त राज्य अमेरिका में, नेशनल कॉलेजिएट एथलेटिक एसोसिएशन (NCAA) छात्रों में खेल प्रतिभा का समर्थन करता है।

उपेक्षित खेलों के लिए लीग शुरू करने के साथ खेलों की वर्तमान स्थिति निश्चित रूप से पहले की तुलना में बेहतर है। हम अच्छे रास्ते पर हैं। लेकिन फिर भी, अधिक विश्व स्तरीय एथलीटों का उत्पादन करने और भविष्य की पीढ़ियों को खेल को करियर के रूप में लेने के लिए प्रेरित करने के लिए बहुत कुछ किया जाना है ।जिससे तेजी से बढ़ते खेल उद्योग से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे ।

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“जीवन में खेलों का महत्व” पर निबंध

Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

कई हजार सालों से खेल हमारे मानव समाज का हिस्सा रहे हैं। खेलों की महत्वता (Khelo ka Mahatva ) को कम नहीं आंका जा सकता है। खेलों से न सिर्फ बच्चों में सीखने की क्षमता का विकास होता है, बल्कि युवा और बुजुर्ग लोग भी खेल गतिविधियों में शामिल होकर एक स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।

खेलों के माध्यम से न सिर्फ मनुष्य शारीरिक रुप से स्वस्थ रह सकता है, बल्कि अपने मानसिक तनाव को भी दूर कर सकता है, मोटापे को कम कर सकता है, नींद में सुधार कर सकता है और तमाम बीमारियों से दूर रहकर एक स्वस्थ जिंदगी जी सकता है।

Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

“जीवन में खेलों का महत्व” पर निबंध – Jeevan Mein Khelo ka Mahatva

इसके साथ ही खेलों से सामाजिक बनने में भी सहायता मिलती है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यही नहीं खेलों से ही अनुशासन, सहनशीलता और धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है।

खेल हर किसी की जिंदगी में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि खेलों से ही स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। कोई स्वस्थ शरीर पाने के लिए खेल खेलता है तो, कई लोगों की खेलों में रुचि होने की वजह से इस क्षेत्र में ही अपना करियर बना लेते हैं और पेशेवर तरीके से खेलों को खेलते हैं।

तो कई लोग टेंशन फ्री रहने के लिए और अपने मनोरंजन के लिए खेल खेलते हैं। फिलहाल, पिछले कुछ सालों में हमारे देश में बड़े स्तर पर खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसके साथ ही खेलों से मिलने वाले लाभों को देखते हुए आजकल स्कूलों में भी पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी जगह दी जाती है, ज्यादातर स्कूल में एक स्पोर्ट्स पीरियड जरुर होता है, ताकि बच्चे खेल के प्रति जागरुक हो सकें और इसके मूल्य को अच्छी तरह समझ सकें और इससे खुद को स्वस्थ रख सकें।

यही नहीं आजकल स्कूल, कॉलेजों में कई तरह की खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं, जिसमें बच्चों को खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि उनमें खेल प्रतिभाओं का विकास हो सकें।

खेल दो तरह के होते हैं – इनडोर गेम्स, ऐसे गेम्स को घर के अंदर ही खेला जा सकते हैं जैसे कि- कैरम, लूडो, सांपसीढ़ी, नंबर गेम्स सुडोको , शतरंज आदि।

ये गेम्स मनुष्य की मानसिक क्षमता का विकास करने में और मन को एकाग्र करने में सहायता करते हैं, साथ ही काफी मनोरंजक होते हैं, इसलिए लोग अपने खाली समय में अपने बच्चों, दोस्तों और परिवार वालों के साथ खेलते हैं।

जबकि आउडोर गेम्स, ऐसे खेलों को घर से बाहर खेला जाता है, जैसे- क्रिकेट, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी, बॉस्केट बॉल और बॉलीबाल आदि। इस तरह के खेल मनुष्य के शारीरिक विकास में काफी सहायता करते हैं। यह गेम भी मानसिक तनाव को दूर करते हैं और मनोरंजन करते हैं।

जाहिर है कि आजकल लोग अपनी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गए हैं कि वे खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं, इसलिए आजकल तरह-तरह की बीमारियां भी फैल रही हैं और मोटापा की समस्या तो आम हो गई है। फिलहाल, खेल, शारीरिक गतिविधियों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं और इसके काफी फायदे भी हैं।

बच्चों के लिए खेलों का महत्व – Vidyarthi Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva

बच्चों के विकास में खेल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। बच्चों में खेल से ही सीखने और समझने की क्षमता का विकास होता है। बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में खेल काफी सहायता करते हैं।

खेलों से ही बच्चों में सामाजिक भावना का भी विकास होता है। इसके साथ ही बच्चों में सामाजिक गुणों को विकसित करने में भी खेल काफी सहायक सिद्ध होते हैं, क्योंकि खेल के दौरान ही बच्चा, अन्य बच्चों से मिलता है और बातचीत करता है।

इसके साथ ही बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने में भी खेल काफी सहायतागार हैं। खेलों के माध्यम से ही बच्चों में टीम वर्क के गुण विकसित होते हैं, जिस तरह पूरी टीम के सहयोग से जीत मिलती है, उससे बच्चों के अंदर टीम वर्क के गुण का विकास होता है।

इसके साथ ही खेल में जिस तरह पूरे नियमों को ध्यान में रखकर खेला जाता है और जीत हासिल करने के लिए सही चालें और सही प्रयास किए जाते हैं, उससे बच्चों को जीत का मूल्य समझने में भी सहायता मिलती है, जो कि आगे चलकर उन्हें सफलता हासिल करने में भी उनकी सहायता करती है।

युवाओं के लिए खेलों का महत्व – Importance of Sports for Youth

युवाओं को अपनी शारीरिक गतिविधियों में खेलों को जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे वह स्वस्थ और निरोग रहेंगे, साथ ही उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों में सफलता हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।

जाहिर है कि आज जीवन में तमाम तरह की चुनौतियां हैं, जिनका सामना स्वस्थ रहकर और शांत मस्तिष्कि के द्धारा ही किया जा सकता है। इसलिए, युवाओं की जिंदगी में भी खेलों का खास महत्व है। वहीं आजकल युवा न सिर्फ व्यक्तिगत विकास के लिए खेल खेल रहे हैं बल्कि पेशेवर तरीके से भी खेल खेल रहे हैं, और खेलों में करियर बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

वरिष्ठ लोगों के लिए खेलों का महत्व – Importance of Sports for Senior Citizens

खेल हमारे शरीर में होने वाली तमाम बीमारियों से हमें दूर करता है, इसलिए व्यस्क लोगों के जीवन में निरोग रहने के लिए खेलों का काफी महत्व है, व्यायाम की तरह कुछ ऐसे खेलों के माध्यम से उन्हें खुद को स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।

इसके साथ ही हार्टअटैक, ब्लडप्रेशर और श्वास संबंधी तमाम बीमारियों से भी लड़ने की क्षमता मिलती है। वहीं एक शोध में भी पाया गया है कि वीडियो गेम खेलने से कई बुजुर्गों की याद्दयाश्त, तर्क क्षमता और संज्ञानात्मक कार्यों में भी काफी हद तक सुधार हुआ है।

खेलों से मिलने वाले लाभ – Benefits of Sports

  • बीमारियों से दूर रखने और फिट रहने में सहायता करते हैं।
  • खेलों से शारीरिक विकास में सहायता मिलती है।
  • खेलों से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • खेलों से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • खेलों से ही मनुष्य के अंदर धैर्य और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास होता है।
  • खेलों से व्यक्ति के अंदर टीम के साथ काम करने की क्षमता विकसित होती है।
  • खेलों से मनुष्य के समय की पाबंदी और अनुशासन की भावना का विकास होता है।
  • खेल, मनुष्य को उत्साह और नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • खेलों से मनुष्य के शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति आती हैं।
  • खेल, स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

खेल, व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों से ही मनुष्य स्वस्थ रहता है और मानसिक तनाव से दूर रहता है।

इसलिए हर किसी को अपने जीवन में खेलों के महत्व को समझना चाहिए और हमारे देश की सरकार को भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए समय – समय पर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि बड़े स्तर पर देश के युवा खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चिक कर सकें और अपनी खेल प्रतिभा को निखार सकें।

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Hindi Essay on “Khelo ka Mahatva” , ”खेलों का महत्त्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

खेलों का महत्त्व

Khelo ka Mahatva

खेलें व्यक्ति के जीवन में बहत महत्त्वपर्ण रोल अदा करती हैं। यह भोजन से कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। यह आदमी को शारीरिक रूप से तंदरुस्त तथा दिमागी रूप से स्तर्क रखती है। खेलते समय वह अपने जीवन की परेशानियों को भूल जाता है। यह व्यक्ति के अंदर नई स्फूति पैदा करती हैं जिसके फलस्वरूप उसका दिमाग ठंडा रहता है।

खेलें आदमी के जीवन में अनुशासन भरती हैं। वह चीजों को अच्छे ढंग से करना सीखता है। खेलें व्यक्ति को सीमाओं के अंदर रहना सिखाती हैं। वह जीवन के नियमों का पालन करना सीखता है। वह खेल भावना से जीवन के खेल को जीता है।

खेलें व्यक्ति को अपने जीवन रूपी युद्ध को बहादुरी से लड़ना सिखाती है। वह उसे चरित्रवान बनाती हैं। वह जीवन में हार-जीत को समान रूप से स्वीकार करता है। जीवन के प्रति उसका नजरिया संतुलित बनता है। वह स्वार्थ को त्याग कर खुले मन का व्यक्ति बन जाता है। उसका मस्तिष्क इतना मजबूत बन जाता है कि जीवन में कोई भी कठिनाई उसे हिला नहीं सकती। खेलें उसे प्रसन्नचित रखती हैं।

खेलें व्यक्ति के अन्दर मित्रता एवं समझदारी का भाव पैदा करती हैं। अलग-अलग जगह के लोग इकठे खेलते हैं। वह एक-दूसरे के नजदीक आते हैं। इससे विभिन्न देश भी एक-दूसरे के समीप आते हैं। एक अच्छे खिलाडी की हर स्थान पर प्रशंसा की जाती है। इस प्रकार खेलें एकता पैदा करती हैं।

जहां एक तरफ खेलों से कसरत होती है वहीं दूसरी ओर मनोरंजन भी प्राप्त होता है। खेलें खाली वक्त को अच्छे से प्रयोग करने में सहायता करती हैं। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती हैं। यह तन तथा मन दोनों को मज़बूत बनाती हैं। इसलिए हर व्यक्ति को खेलों में भाग लेना चाहिए।

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Khelo India Programme

Khelo India Programme is a national yojana/scheme for the development of sports in India. It was launched in the year 2018 by the then Sports Minister Col. Rajyavardhan Singh Rathore in Delhi. This program has been launched to improve the sports culture in India.

Aimed at mainstreaming sports as a tool for national development, economic development, community development and individual development, the Union Cabinet approved the execution of the revamped ‘Khelo India’ program by consolidating the ‘Rajiv Gandhi Khel Abhiyan’ (formerly called the ‘Yuva Krida & Khel Abhiyan’), the ‘Urban Sports Infrastructure Scheme’ and the National Sports Talent Search System Programme’. The program strives to promote “Sports for Excellence” as well as “Sports for All”.

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As a government initiative, the programme is an important part of the UPSC Syllabus . Candidates can know the detailed information about the Khelo India National Programme for Development of Sports on the Official Website .

Kehlo India Programme Latest Updates- 

  • The Union budget reduced the allocation for sports by ₹230.78 crores for the financial year 2021-22. The ‘Khelo India’ scheme has taken a hit of ₹232.71 crores, with its allocation slashed to ₹657.71 from ₹890.42 crore.
  • Khelo India Youth Games 2021 are scheduled to take place in Panchkula (Haryana) after the 2021 Tokyo Olympics (which is set to open on July 23rd). The government has announced that Haryana will host the 4th edition of Kehlo India Youth Games.

All government exam aspirants must stay updated with the latest current affairs of national and international importance for the upcoming examinations.

Khelo Indian Programme is an important topic for IAS Exam and other government exams.

Aspirants of the upcoming UPSC examination can go through the following links to prepare for the exam even better-

To know more about other government schemes , refer to the linked article.

Daily News

Event Information

Khelo India Categories:

The different categories under the Khelo India program are given below:

  • Playfield Development
  • Support to National/ Regional/ State/ Sports Academics
  • Community Coaching Development
  • State Level Khelo India Centers
  • Physical education of school children
  • Sports for women
  • Annual Sports Competition
  • Promotion of sports amongst people with disabilities
  • Talent search and development
  • Sports for Peace and Development
  • Utilization and Creation/ Upgradation of Sports Infrastructure
  • Promotion of rural and indigenous/ tribal games

Aspirants must focus on the minor details of such government policies, as objective type questions can be asked in the UPSC prelims examination. The upgrades and budget allocation under these schemes are an important part of the syllabus.

Eligibility for Khelo India Programme

The eligibility criteria for the Khelo India program is given below:

  • Candidates below the age of 17 can participate in the under-17 category.
  • Candidates below the age of 21 can participate in the under-21 category.

Background of Khelo India Scheme

  • The Youth represent the most dynamic and vibrant segment of the population.
  • India is one of the youngest nations in the World, with about 65% of its population being under 35 years of age.
  • The youth in the age group of 15-29 years comprise 27.5% of the population.
  • To promote mass participation in sports and achieve effective implementation, the existing schemes of Rajiv Gandhi Khel Abhiyan (RGKA), Urban Sports Infrastructure Scheme (USIS) and National Sports Talent Search Scheme (NSTSS) were proposed to be dovetailed into a single scheme to be named as “Khelo India: National Programme for Development of Sports”.

Objectives of Khelo India

  • It will be a Central Sector Scheme (Scheme implemented by the Central Government machinery and 100% funding by the Union Government).
  • It is a Pan India Sports Scholarship scheme covering the 1000 most deserving and talented athletes across the sports discipline, every year.
  • Selected athletes will be entitled to a scholarship amount of Five Lakh Rupees for eight consecutive years.
  • It is an unprecedented scheme, a first-ever plan to be implemented for creating a long-term development pathway for athletes.
  • To enable the sportsman to pursue both studies and sports, the program aims at identifying and promoting 20 Universities in the country as centres of sporting distinction.
  • For sports promotion, the latest user-friendly technology would be used. Ex: Geographic Information System (GIS) for locating the sports infrastructure, a user-friendly website for indigenous sports, a National Sports Talent Search Portal and information dissemination for sports training through mobile apps.
  • To ensure maximum entries for organized sports competitions, the programme encourages the school and colleges to organize programmes of high standards.
  • Forming an active population with a healthy lifestyle is also the focus of this programme. For this purpose, a National Physical Fitness Drive is planned where children falling in the age bracket 10-18 years will be checked for physical fitness. Further, activities to support their physical fitness will be planned.
  • The aim is to impact the whole of the sports ecosystem inclusive of the sports economy, competition structure, talent identification, coaching and infrastructure.
  • The programme plans to engage youth living in deprived and disturbed areas into sporting activities so that they will be mainstreamed into the process of nation-building and weaned away from disruptive activities.

The objective with which the programme has been launched, emphasizes the importance of sports and related infrastructure in the country. Candidates can expect IAS questions based on its significance to boost the social and economic prospects of the country.

Impact of Khelo India Scheme

  • A comprehensive mechanism was created through Khelo India to build a sporting culture by identifying and developing talent by providing annual competitive platforms, infrastructure across the country.
  • Through the annual Khelo India Youth Games and University Games, athletes of age groups of U17 and U21 have got a chance to showcase their sporting talent annually, at the national level.
  • The Khelo India MobileApp launched by Hon’ble PM in 2019 has assessed the fitness parameters of more than 23 lakh school children, thus identifying future sporting talent from the age of 5 years.
  • Special scheme to promote indigenous games and athletes. Athletes of indigenous games are given Out-of-Pocket Allowance (OPA), training facilities in top-end centres.
  • Specific schemes were put in place to empower women to make a mark in sports, as well as strengthened support to divyangs in the form of financial grants, better training facilities.

FAQ about Khelo India Programme

Has the khelo india scheme been extended, what is the financial assistance provided under the khelo india scheme.

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खेल का महत्व पर निबंध: जानिए क्यों जरुरी है बच्चों के लिए खेल (Essay on Importance of Sports in Hindi)

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  • Updated on  
  • नवम्बर 22, 2023

खेल का महत्त्व

प्रगतिशील और आधुनिक बनने के दौड़ में हम अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। खेल का महत्व जैसे हम भूलते जा रहे हैं। आज के बच्चे मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स से ही खेलते हैं। परंतु खेल का महत्व बच्चों की बढ़ती ग्रोथ के साथ जानना आवश्यक है। खेल जितना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही खेल का महत्व पढ़ाई में भी है। अक्सर परीक्षाओं में तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल का महत्व पर निबंध लिखने को कहा जाता है। खेल के महत्व को समझाने के लिए तथा खेल के महत्व पर निबंध जो कि एक महत्वपूर्ण तथा पूछे जाने वाला विषय है, उसके बारे में छोटे और बड़े निबंध नीचे दिए जा रहे हैं। आइए देखते हैं हमारे जीवन में खेल का क्या महत्व हैI

This Blog Includes:

  • खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर निबंध 200 शब्दों में

खेल का महत्त्व पर निबंध (600 शब्द), खेल के महत्व पर निबंध 800 शब्दों में.

  • विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर स्लोगन

  • खेल के महत्व पर कविता (Essay on Importance of Sports in Hindi)

खेल के महत्व पर सुविचार

खेल में करियर, खेल में करियर विकल्प, खेलों के प्रकार, मौसम के आधार पर विभाजित , आदर्श खिलाड़ी के गुण, खेल का महत्व ( essay on importance of sports in hindi ).

खेल का हमारे जीवन में क्या महत्व है इसके बारे में हम बचपन से सुनते आए हैं और इसलिए स्कूल कॉलेज में अलग से स्पोर्ट्स टाइम दिया जाता है। इतना ही नहीं घर पर कई बार मम्मी भी बच्चों को डांटती रहती है कि थोड़ा बाहर जाके खेलों सारा दिन में घर में टीवी देखते हो।

अब मैं खेल के महत्व की बात करूँ तो शरीर और दिमाग काे विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ खेल आपके तनाव को भी दूर करता है। खेल आपके कंसन्ट्रेशन को बनाए रखने के लिए अच्छा है। इतना ही नहीं खेल आपकी नौकरी लगने में भी मदद करते हैं।

स्वामी विवेकानंद ने अपने देश के नवयुवकों को कहा था-“मेरे नवयुवक मित्रों। बलवान बनों। तुमको मेरी यह सलाह है। गीता को पढ़ने के बदले युवकों को फुटबॉल खेलना चाहिए।” इस कथन से स्पष्ट है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास संभव है और शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने के लिए खेल अनिवार्य है। मनोवैज्ञानिकों का मत है कि मनुष्य की खेलों में रुचि स्वाभाविक है। इसी कारण बच्चे खेलों में अधिक रुचि लेते है। पी.साइरन ने कहा है- ‘अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी समझ जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान हैं।’ इन दोनों की प्राप्ति के लिए जीवन में खिलाड़ी की भावना से खेल खेलना आवश्यक है। खेलने से शरीर को बल, माँस-पेशियों को उभार, भूख को तीव्रता आलस्यहीनता तथा मलादि का शुद्धता प्राप्त होती है। खेल खेलने से मनुष्य को संघर्ष करने की आदत लगती है। जीवन की जय-पराजय को आनंदपूर्ण ढंग से लेने की महत्त्वपूर्ण आदत खेल खेलने से ही आती है। खेल हमारा भरपूर मनोरंजन करते हैं। खिलाड़ी हो अथवा खेल प्रेमी दोनों को खेल के मैदान में एक अपूर्व आनंद मिलता है।

खेल के महत्व पर निबंध 400 शब्दों में

आज हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की चिंता है। वह चाहता है कि स्वस्थ रहकर जीवन बिताएं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम, योग, प्राणायाम, संतुलित पोषक-आहार आदि तो महत्वपूर्ण घटक हैं ही, इसके अलावा खेल बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन में खेलकूद का भी उतना ही महत्व है, जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेलकूद न केवल छात्रों का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे तो पढ़ाई लिखाई की ओर भी ध्यान देंगे। खेल के अंतर्गत शरीर बहुत अधिक परिश्रम करता है, परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। यही ऑक्सीजन हमारे रक्त को शुद्ध करती है तथा भोजन को पचाने में सहायता करती है। जिसने खेलों को महत्व दिया है वह सदैव प्रसन्न, स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, उसमें आत्मविश्वास रहता है, नेतृत्व की क्षमता उत्पन्न होती है, इच्छाशक्ति सदैव बलवती रहती है, संगठन की शक्ति का अहसास होता है। अत: खेल स्वास्थ्य का पर्याय है। स्वस्थ युवक खेल-सामग्री के अभाव में भी खेल सकता है। कई परिवार अपने स्तर को ऊंचा बनाए रखने के लिए बच्चों के खेल के विभिन्न साधन घर में ही जुटा कर उन्हें वहाँ कैद रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से  सामूहिक खेलों से बच्चे वंचित रह जाते हैं। आज के अधिकतर बच्चे कंप्यूटर पर अकेले वीडियो गेम खेलते रहते हैं। ऐसे खेलों से मानसिक अभ्यास तो हो जाते हैं, किंतु शारीरिक अभ्यास नहीं हो पाते हैं। थकान के बाद शीतल छाया में बैठकर सामान्य भोजन में भी जैसे आनंद की अनुभूति होती है, वैसे आनंद की अनुभूति रोगग्रस्त शरीर को विविध प्रकार के व्यंजनों में भी नहीं होती है। अतः जब बालक रुचि से खेलता है, तो उसकी पाचन-शक्ति बढ़ती है और उसे ज़ोर की भूख लगती है। ऐसे में किए गए भोजन का बिना किसी चूर्ण या पुड़िया प्रयोग किए पचना और शरीर का बलिष्ठ होना, ये सभी प्रक्रियाएँ स्वचालित यंत्र की तरह पूर्ण हो जाती हैं । ऐसे बालकों के लिए कभी चिकित्सकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार खेल एक और लाभ अनेक हैं।  वही राष्ट्र विकसित या सामर्थ्यवान बन पाता है, जिस देश का युवक स्वस्थ होता है। यह तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी लाख व्यस्तताओं के बावजूद खेल के लिए समय निकाले।

डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)

लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से की जाने वाली प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधियों को हम खेल कह सकते हैं। यह सभी की शारीरिक क्षमता और कौशल को सुधारने और बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। यह प्रतिभागियों के लिए मनोरंजन का एक तरीका है। खेल वास्तव में सभी के द्वारा विशेषरुप से बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं हालांकि, ये उनके लिए विभिन्न तरीकों से हानि भी पहुँचा सकते हैं। यह – खेल: चरित्र और स्वास्थ्य निर्माणबच्चों को आसानी से घायल कर सकता है या अध्ययन से भटका सकता है। फिर भी, बच्चे अपने मित्रों के साथ खेलने के लिए बाहर जाना पसंद करते हैं।

यदि हम इतिहास पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि, खेलों को प्राचीन समय से ही बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। आधुनिक समय में, अन्य मनोरंजन बढ़ाने वाली चीजों, जैसे- विडियो गेम, टीवी आदि की वृद्धी और प्रसिद्धी के कारण जीवन में खेलों की माँग कम हो रही है। यद्यपि, यह भी सत्य है कि, खेल बहुत से देशों के द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों की तरह माने जाते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि, भविष्य में खेल और स्पोर्ट्स का प्रचलन कभी खत्म नहीं होगा।

खेल गतिविधियों को स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के अच्छे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर भविष्य के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खेल उन सभी के लिए, जो इनमें पूरी लगन के साथ शामिल होता के लिए भविष्य में अच्छा कैरियर रखते हैं। यह विशेषरुप से विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि, यह शारीरिक और मानसिक विकास को सहायता प्रदान करता है। वे लोग जो खेलों में अधिक रुचि रखते हैं और खेलने में अच्छे हैं, वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। वे कार्यस्थल पर बेहतर अनुशासन के साथ ही नेतृत्व के गुणों को विकसित कर सकते हैं।

शारीरिक समन्वय और ताकत

यह माना जाता है कि, खेल और ताकत एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। यह सत्य है कि, खेल में भागीदारी करने वाले एक व्यक्ति के पास सामान्य व्यक्ति (जो व्यायाम नहीं करता हो) से अधिक ताकत होती है। खेलों में रुचि रखने वाला व्यक्ति महान शारीरिक ताकत विकसित कर सकता है और किसी भी राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में भागीदारी करने के द्वारा अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकता है। खेल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, शारीरिक समन्वय बनाए रखने, शरीर की ताकत को बढ़ाने और मानसिक शक्ति में सुधार करने में मदद करता है।

चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण

नियमित आधार पर खेल खेलना एक व्यक्ति के चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण में मदद करता है। यह आमतौर पर देखा जा सकता है कि, युवा अवस्था से ही खेल में शामिल रहने वाला एक व्यक्ति, बहुत ही साफ और मजबूत चरित्र के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य को विकसित करता है। खिलाड़ी बहुत अधिक समय के पाबंद और अनुशासित होते हैं, इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि, खेल राष्ट्र और समाज के लिए विभिन्न मजबूत और अच्छे नागरिक प्रदान करता है।

खेल आमतौर पर, एक दूसरे पर विजय प्राप्त करने की कोशिश के साथ दो प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है।खेल और स्पोर्ट्स के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें हम घर के बाहर खेलते हैं उन्हें आउटडोर (मैदानी खेल) खेल कहते हैं, वहीं जो घर के अन्दर खेले जाते हैं उन्हें इनडोर खेल कहा जाता है। दोनों में से एक प्रतिभागी विजेता होता है, वहीं दूसरा हारता है। खेल वास्तव में सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण गतिविधि है, विशेषरुप से बच्चों और युवाओं के लिए क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखता है।

खेल का महत्व पर 800 शब्दों में निबंध नीचे दिया जा रहा है :

संकेत बिंदु-

  • खेलों का महत्व 
  • खेलकूद और स्वास्थ्य
  • सच्चे खिलाड़ी का कर्तव्य 

खेल का महत्व

मानव संसार का सबसे महत्वपूर्ण प्राणी है। अन्य प्राणियों की अपेक्षा मानव में सोचने-समझने, चिंतन करने की शक्ति अधिक है, परंतु मस्तिष्क का एकांगी विकास किसी काम का नहीं है। मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ शारीरिक शक्ति का होना भी आवश्यक है। ‘शरोरामायं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात् शरीर कर्तव्य पालन का पहला साधन है। कालिदास का यह कथन पूर्णत: सत्य है। जीवन की पहली आवश्यकता स्वस्थ शरीर ही है। अच्छे स्वास्थ्य के अनेक साधन हैं जैसे-व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो अवश्य रहता है, परंतु न तो इनसे मनोरंजन होता है और न ही शरीर के स्वस्थ बनने के अतिरिक्त इसका कोई अन्य लाभ है। साथ ही ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेलकर में अधिक होती है। वे खेलकूद में भाग लेकर अपना स्वास्थ्य ठीक रखते हैं स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था- “मजबूत आत्मा और पक्के मन का मंदिर शरीर कल्पना में भी कैसे कच्चा हो सकता है?” खेलकूद स्वास्थ्य-रक्षा का निःशुल्क साधन है। स्वामी विवेकानंद जी ने स्वास्थ्य का मस्तिष्क पर प्रभाव के विषय में अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए थे “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। “ खेलों से स्वास्थ्य तो ठीक रहता ही है इनसे मनुष्य का चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है। खेलकर से पुष्ट और स्फूर्तिमय शरीर ही मन को स्वस्थ बनाता है। खेलकूद मानव मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाए रखते हैं। खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है और मन एकाग्र होता है। खेल में भाग लेने से खिलाड़ियों में सहिष्णुता,धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेलकूद अप्रत्यक्ष रूप से आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होते हैं ये जीवन संघर्ष का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करते है। खेलकूद से एकाग्रता का गुण आता है जिससे अध्यात्म साधना में मदद मिलती है। सच्चा खिलाड़ी हानि लाभ, यश अपयश सफलता असफलता को समान भाव से ग्रहण करने का अभ्यस्त हो जाता है। खेलों में भाग लेने से तन मन की शक्ति के साथ-साथ हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है। तन-मन से स्वस्थ आत्मविश्वासी व्यक्ति के लिए जीवन में कोई भी काम करना कठिन नहीं होता। मनुष्य अकेले किसी भी खेल को नहीं खेल सकता। दो या दो से अधिक व्यक्ति ही किसी खेल को खेल सकते हैं। मिलकर खेलने से हमारा दूसरे खिलाड़ियों में परिचय बढ़ता है। हमें मिलकर काम करने की आदत पड़ती है। मिलकर खेलने में व्यक्तिगत हार-जीत नहीं रहती। हार का दुःख तथा जीत की खुशी साथी खिलाड़ियों में बंट जाती है। खेल में जीत के लिए आवश्यक है कि खिलाड़ी व्यक्तिगत यश के लिए न खेले। वह अन्य खिलाड़ियों के साथ सहयोग से खेले। इस प्रकार खेलों से टीम भावना तथा सहकारिता की भावना से काम करने को शिक्षा स्वयंमेव मिलती रहती है।  अच्छे खिलाड़ियों को खेलने के लिए अपने स्कूल के अतिरिक्त दूसरे स्कूलों में, अपने नगर के अतिरिक्त दूसरे नगरों में, अपने प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेशों में यहाँ तक कि अपने देश के अतिरिक्त दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है। इससे उसके ज्ञान का विस्तार होता है। हमें दूसरे देशों की सभ्यता-संस्कृति,भाषा,खान-पान,रहन- सहन आदि को देखने समझने का अवसर प्राप्त होता है। अधिकतर खेल घर से बाहर निकलकर प्रकृति के खुले आँगन में खेले जाते हैं। इससे खुली हवा का आनंद भी मिलता है। खेलों में बच्चे, बूढ़े, युवक सभी आयु वाले भाग ले सकते हैं। खेल दो प्रकार के हैं- एक वे जो घर में बैठकर खेले जा सकते हैं या किसी हॉल में जैसे-शतरंज, लूडो, केरमबोड,टेबल टेनिस आदि। दूसरे प्रकार के खेल वे है जो घर से बाहर खुले स्थानों और मैदानों में खेले जाते हैं जैसे-हॉकी, क्रिकेट, बॉलीबॉल, फुटबॉल, लोन टेनिस, कबड्डी आदि। घर में खेले जाने वाले खेलों से केवल मनोरंजन होता है। इन से मन मस्तिष्क का व्यायाम तो हो जाता है, परंतु शरीर का व्यायाम नहीं होता। शारीरिक व्यायाम तो मैदान में खेले जाने वाले खेलों से ही होता है। आज संसार के सभी देशों ने खेल के महत्व को समझ लिया है, इसलिए खेलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्कूलों,कॉलेजों में खेलों पर अधिक खर्च किया जाने लगा है। अब हर स्तर पर खेलों का महत्व समझाने के लिए खेलों का आयोजन होने लगा है। इससे न केवल खिलाड़ियों बल्कि देखने वालों और सुनने वालों का भी मनोरंजन होता है। इससे जीवन रसमय बन जाता है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। विदेशों में खेल के महत्व को समझते हुए खेल पर बहुत ध्यान दिया जाता है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में सरकार खेलों पर उतना ध्यान नहीं देती जितना देना चाहिए। इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर खिलाड़ी अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही है साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।

विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व ( Essay on Importance of Sports in Hindi )

पुराने समय से ही खेल का महत्व है । विद्यार्थी जीवन में अनुशासन , पढ़ाई का जितना महत्व है उतना ही महत्व खेल खुद का भी हैं । ये पूरा दिन कक्षा में बैठे बैठे पढ़ाई करने से बॉडी का Posture ख़राब हो जाता हैं । खेल खुद बॉडी का Posture मेन्टेन रखने में मददगार साबित होता हैं । पहले जब  बच्चे जब गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। तो उनकेपढ़ाई के साथ-साथ अनेक प्रकार के खेल भी खिलाये जाते थे। जिससे अपने दिमाग के साथ तन की भी स्वस्थ रख सके । एक विद्यार्थी बचपन से प्रेरणा लेकर खेलना शुरू करता हैं । आज कल न सिर्फ लड़के बल्कि लडकिय भी बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेती है । खेल खुद आपके दिमाग को रिफ्रेशमेंट देता है जिससे विद्यार्थी अच्छे से अपना ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं । ये कंसंट्रेशन बढ़ाने में भी मदद करता हैं । जो विद्यार्थी बचपन से खेल खुद में भाग लेते हैं उनके शरीर का विकास आचे तरीके से होता हैं । विद्यार्थियों के अन्दर खेल भावना जगाती है। इससे वो एकजुटता, लीडरशिप की भावना जगाती है ।ये मानसिक रूप से विद्यार्थियों को टफ बनाती है और खेल को खेल की तरह देखना चाहिए चाहे जीत हो या हार उसे खुले दिल से एक्सेप्ट करना चाहिए । 

खेल का महत्व

खेल का महत्व और उस पर लिखे गए नारे इस प्रकार हैं:

  • खेल-कूद द्वारा होता है स्वास्थ्य का निर्माण, जरुरी है खेल क्योंकि स्वास्थ्य है जीवन का प्राण।
  • खेलों का महत्व समझती हैं नानी-दादी, इसीलिए उस जमाने में खेलने की थी आज़ादी।
  • जैसे-जैसे हो रहा है खेल-कूद की प्रवृति का लोप, वैसे-वैसे दिख रहा है रोगो का स्वास्थ्य पर कोप।
  • जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैं जिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे।
  • कभी भी हार को दिल पे मत लगाये और हार कर घर पर मत बैठ जाये, क्युकी कभी कभी एक अच्छा खिलाडी भी 0 पे आउट हो जाता हैं।
  • जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीज़ों से ऊपर उठना है जिन्हें हम अभी  बहुत ज्यादा महत्त्व देते हैं। 
  • मैं उस खिलाडी से नहीं डरूँगा जिसने 50 कलाएं सीख ली हैं, बल्कि उस खिलाडी से डरूंगा जो एक ही कला की 50 बार प्रैक्टिस करता है। 
  • खेल आपको स्वस्थ तो बनाते ही हैं इसके साथ करियर बनाने का भी एक बेहतर विकल्प है। 

खेल के महत्व पर कविता ( Essay on Importance of Sports in Hindi )

खेल का महत्व और लिखी कविता इस प्रकार है:

खेलों की दुनिया का जादू, खेल हमें सिखलाते आओ बच्चों आज तुम्हे मैं, एक बात बतलाऊं खेलों का कितना महत्त्व है? यह तुमको समझाऊं खेलों से सब कुछ मिल सकता, हमको हँसते गाते खेल… खेल-खेल में सारे बच्चे, सेहत खूब बनाते उछल कूद कर मस्ती करते, जीवन का सुख पाते यह आनंद बिना पैसे का, हम खेलों से पाते खेल.. खेल खेलने से ही बच्चों, खेल भावना आती खेल-खेल में जीवन के सब, बिगड़े काम बनाती हार जीत से उपर उठ कर, हम आदर्श बनाते खेल… रुपया-पैसा, धन-दौलत सब, खेलों से मिल जाता सचिन घुमा कर अपना बल्ला, लाखों लाख कमाता नाम और धन पाकर दोनों, फूले नहीं समाते खेल… खेलों की दुनिया का जादू, खेल हमें सिखलाते

खेल का महत्व और उसपे कुछ बेहतरीन सुविचार इस प्रकार हैं:

  • शिक्षा के अलावा आपको अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता है और उसके लिए आपको खेल खेलना चाहिए। कपिल देव
  • “जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैंजिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे…”
  • खेल में अपना प्रर्दशन इस प्रकार दिखाओ की सामने वाली विरोधी टीम का प्रत्येक खिलाड़ी आपके लिए तालियां बजाने लग जाये।
  • अपनी एक हार से इतना भी निराश मत होईये मौके और भी आएंगे जीतने के लिए, इसलिए अपना अभ्यास जारी रखे।
  • एक अच्छा खिलाड़ी कभी भी अपना मनोबल नीचे  नहीं गिरने देता है।
  • अगर आप भी स्पोर्ट्स में अपना कर्रिएर बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को परिश्रमी बनाना आवश्यक हैं।
  • अगर स्कूलों में खेलो को बढ़ावा नहीं दिया जायेगा, तो कोई भी देश एक बेहतर खिलाड़ी की खोज नहीं कर पायेगा।

खेल का महत्व और उससे होने वाले लाभों के बारे में नीचे बताया गया है-

  • खेल से व्यक्ति का शारीरिक और मासिक विकास होता है बच्चे  बड़ो की उपेक्षा चीजों पर जल्दी कंसन्ट्रेट कर पाते हैं।
  • खेल बच्चों में टीम स्पिरिट की भावना बढ़ाता है और उन्हें इसमें अपना नाम कैसे देख सकते हैं यह भी सिखाता है जो उन्हें आगे चलकर कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है।
  • शारीरिक गतिविधियों में बॉडी स्ट्रेच करते हैं जिससे हमारी हमारी शायद बनावट भी बनी रहती है। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को खेल और योगा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  •  खेल अपने जीवन में धैर्य कैसे बनाया जाए यह सकते हैं क्योंकि हर गेम उतार चढ़ाव आते हैं जिसमें धैर्य की भूत आवश्यकता होती है साथ ही धूप गर्मी पसीना इन सब समस्याओं से भी आप अपने धैर्य के साथ लड़ सकते हैं।
  •  खेलकूद हमारे व्यक्तित्व के विकास में बहुत बड़ा योगदान देता है जिससे इन में शारीरिक मानसिक क्षमता में बढ़ोतरी करता है।

खेल का महत्व में अब जानिए कि खेल में क्या क्या करियर संभावनाएं हैं :

पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब। पहले ये कहावत बहुत प्रचलित थी  l लेकिन बदलते दौर के साथ हर कोई मुझे बड़ा होगा अपना करियर बनाना चाहता है। आज के समय में आप खेल में अपना एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं जहां को एक अच्छी सैलरी मिलती है। खेल मैं कैरियर बनाना कई लोगों को लगता है के खेल में करियर बनाना सिर्फ एथलीट या किसी एक खेल में अच्छा परफ़ॉर्मर तक सीमित नहीं है  इसमें कई तरह की जॉब हैं जिनमें आपको  आपको एथलेटिक होने की जरुरत नहीं है । खेल में  हर किसी के लिए अवसर ही अवसर है। अब हम ये कह सकते है की-  खेलोगे-“कूदोगे तो होगे नवाब।”

खेल में करियर विकल्प कुछ इस प्रकार हैं:

  • खेल कमेंटेटर या एंकर – इनका काम कोच और प्लेयर्स का इंटरव्यू देना होता है यह लाइव रेडियो या टेलीविजन में आपको मुख्य भूमि निभाते हुए नजर आएंगे। इसके लिए आपको खेल की अच्छी जानकारी के साथ-साथ उसमें अच्छा अनुभव भी होना चाहिए।
  • खेल फोटोग्राफर – खेल आयोजन के दौरान खेल फोटोग्राफर फोटो खींचते हैं। खेल फोटोग्राफर फ्रीलांसरों के रूप में काम कर सकते हैं । एक खेल फोटोग्राफर के रूप में आप विभिन्न खेल आयोजनों की फोटो को कैप्चर कर सकते हैं। खेल फोटोग्राफरों को एक्शन को अच्छी क्वालिटी में कैप्चर करने के लिए रेफ्लेक्सेस अच्छे होने चाहिए ।
  • खेल राइटर- खेल लेखक का काम होता है खेल से जुड़ी ख़बरें या आर्टिकल, ब्लॉग लिखना। जो ऑनलाइन वेब मीडिया तथा अखबारों के लिए लिखते है। आज इस क्षेत्र में भी बहुत सारे विकल्प मौजूद है और अच्छी खासी सैलरी भी मिलती है।
  • फिटनेस डाइरेक्टर-  जो कि व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में फिटनेस एक्टिवीटी का ध्यान रखते है। जिसमें फिटनेस फेसिलिटी, होटल कॉर्पोरेशन भी शामिल है। 
  • खेल अंपायर – क्रिकेट की अंपायरिंग करने के लिए जाने जाते हैं। वहीं रेफरी फुटबॉल, टेनिस, हॉकी इत्यादि मैच में होते हैं। अंपायर के पास फील्ड में कोई भी निर्णय लेते हैं । वह जो भी निर्णय लेता है दोनों टीमों के खिलाड़ियों को उसे स्वीकारना ही होता है। इसमें थर्ड अंपायर भी होता है जो फील्ड अंपायर के डिसिशन बदल सकता हैं 
  • खेल कोच- आप कोच के लिए अप्लाई कर सकते है ।जिसके लिए आपके पास थोडा अनुभव होना चाहिए क्युकी इसमें कम्पटीशन काफी होता है । एक अच्छा कोच अपन खिलाडियों का मागदर्शन करता है ।

खेल का महत्व

खेलों के प्रकार नीचे बताए गए हैं-

  • शारीरिक खेल -जिनमें  शारीरिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन करते है उसे शारीरिक खेल कहा जाता है।जैसे – क्रिकेट, खो- खो, कबड्डी, क्रिकेट , बैडमिंटन आदि। 
  • मानसिक खेल -जिन खलों में मानसिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन किया जीता है उसे मानसिक खेल कहा जाता है। जैसे  – चैस, सुडोकू, केरम्, पासा, बकरी– बाघ खेल आदि। 
  • मशीनी खेल – मशीनी खेल उस खेल को कहा जाता है जिसमें मानसिक क्षमताओं के साथ उपकरणों का उपयोग किया जाता है!
  • ऑनलाइन खेल – ये खेल वाइड रेंज में पाए जाते है । इन्हें लैपटॉप, मोबाइल, टेबलेट पर खेला जाता है। आज कल के दौर में इसका प्रचलन बढ़ रहा है।

मौसम के आधार पर इन्हें समर विंटर गेम्स दो तरह  के खेला जाता हैं। 

  • समर गेम्स – जिस खेल को गर्मियों के महीने में खेला जाता है उसे समर गेम्स कहते हैं जैसे नौकायन आदि।
  • विंटर गेम्स – जिस खेल को सर्दियों के महीने में खेला जाता है उसे विंटर गेम्स कहते हैं जैसे आइस हॉकी तथा आइस स्केटिंग आदि।

खेल को इंडोर और आउटडोर खेल में भी बांटा गया हैं।

ये ऐसे खेल हैं जिन्हें आप घर में बैठ कर अपने परिवार या प्रियजनों के साथ खेल सकता है। जिससे आपका मनोरंजन होगा और एक दूसरे के साथ समय भी बिता सकते हैं। आइए देखें इंडोर खेल के उदहारण –

  • राजा मंत्री चोर सिपाही – इसमें चार किरदार है राजा,मंत्री,चोर, सिपाही।इसमें 4 चिट बनाई जाती हैं ।इसमें सबसे ज्यदा पॉइंट्स राजा, फिर मंत्री, फिर सिपाही और अंत में चोर आता हैं।
  • सांप-सीढ़ी- इसमें एक बोर्ड, गोटियों और डाइस की मदद से खेला जाता है। बोर्ड में 1 से 100 तक अंक होते है और डाइस में 1 से 6 तक के नंबर होते हैं, जहाँ बीच-बीच में सांप के चित्र होते हैं। डाइस में जितना नंबर आता है, उतने ही नम्बर चलना होता है। सांप के मुंह में गोटी कट मानी जाती है और वो नीचे उस बॉक्स में वापस चली जाती है, जहां सांप की पूंछ होती है। 
  • चैस (शतरंज)- चैस का खेल मानसिक रूप से दिमाग को मजबूत बनाने का खेल है है। इसमें एक चैस बोर्ड और मोहरे होती है।

जिसे हम घर से बाहर खेलते हैं, जिससे हमारा मानसिक और शारीरक विकास होता है। ये तरों ताज़ा रहने में भी मदद करता है – आए देखे कुछ आउटडोर खेल –

  • फुटबॉल – फुटबॉल दुनिया हर देश में खेलता है। इसमें 11 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। इसमें बॉल को फुटबॉल नाम से जाना जाता है।
  • क्रिकेट – क्रिकेट खेल में 11 खिलाड़ी होते है। ये कई देशों में खेला जाता हैं। भारत क्रिकेट खेल का क्रेज सबसे ज्यादा हैं। इसे बेट और बॉल का उपयोग करके खेला जाता है। इसमें एक अंपायर होता है जो इसके सारे निर्णय लेता है और सबको वो मानाने पड़ते है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है। 
  • हॉकी – हॉकी खेल में खिलाड़ियों की संख्या 11 होती है। ओलंपिक में हॉकी खेली जाती है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है। इस खेल में हॉकी स्टिक और बॉल होती है।
  • टेनिस – टेनिस खेल में दो या दो से अधिक लोग खेलते है। इस खेल को सिंगल या डबल में खेला जाता है। इसमें टेनिस रैकेट और बॉल होती है।
  • बैटमिंटन- बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक खेल है जिसमें शटलकॉक को नेट पर हिट करने के लिए रैकेट का उपयोग किया जाता है। 
  • कबड्डी – कबड्डी भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है । यह भारत और पाकिस्तान (भारतीय उपमहाद्वीप) का मूल खेल है। भारत में लोग प्राचीन काल से कबड्डी खेलते और देखते आ रहे हैं।
  • कुश्ती- कुश्ती, जिसे पहलवानी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे पुराने खेलों में से एक है। इस खेल में शारीरिक बल मायने रखता है।

Sachin Tendulkar

एक अच्छा खिलाड़ी सदैव अपने खेल के प्रति समर्पित रहता है। वो अपना , परिवार और देश का नाम रोशन करने का हर मुमकिन प्रयाश करते हैं। वह एक अच्छा लीडर होना चाहिए जो अपनी टीम को लीड करे। उसके एक पॉजिटिव सोच वाला होना चाहिए ताकि वो टीम को कॉन्फिडेंस दिला सके। उसे अपना मन शांत रखने की कला में निपुण होना चाहिए ताकि विपरीत परिस्तिथि में सयम बना सकते। एक अच्छे खिलाड़ी को विनम्र होना चाहिए ताकि वो अपने टीम में एक अच्छा वातावरण बना सके। उसके अन्दर खेल भावना होनी चाहिए ताकि वो हार या जीत को दिल से न लगाए। किसी भी अच्छे खिलाड़ी को इच्छा, अपने उत्साह और शरीर  में तालमेल बनाए रखें। उसे हमेशा अपने अभ्यास में कंसिस्टें होना चाहिए क्योंकि “Practice Makes a Man Perfect”

बैक स्ट्रोक

राहुल द्रविड़

रोहित शर्मा

बिलियर्ड्स में

साक्षी मलिक

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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खेल का महत्व पर निबंध (Importance of Sports Essay in Hindi)

खेल का महत्व

हम यहाँ दैनिक जीवन में खेल के महत्व पर विभिन्न शब्द सीमाओं में विद्यार्थियों के लिए बहुत से निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। आजकल, शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को आमतौर पर निबंध लेखन और पैराग्राफ लेखन का कार्य दिया जाता है। निबंध लेखन किसी भी विषय के बारे में विद्यार्थियों में लेखन क्षमता, कौशल और ज्ञान को बढ़ावा देता है। यहाँ दिए गए खेल के महत्व पर सभी निबंध सरल और आसान वाक्यों का प्रयोग करके लिखे गए हैं। इसलिए, विद्यार्थी इनमें से कोई भी निबंध अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हैं:

खेल का महत्व पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Sports in Hindi, Khel ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – खेल का महत्व.

यदि हम कुछ पलों के लिए इतिहास की ओर देखें या किसी सफल व्यक्ति के जीवन पर प्रकाश डालें तो हम देखते हैं कि, नाम, प्रसिद्धी और धन आसानी से नहीं आते हैं। इसके लिए लगन, नियमितता, धैर्य, और सबसे अधिक महत्वपूर्ण कुछ शारीरिक क्रियाओं अर्थात् स्वस्थ जीवन और सफलता के लिए एक व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है। नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए खेल सबसे अच्छा तरीका है। किसी भी व्यक्ति की सफलता मानसिक और शारीरिक ऊर्जा पर निर्भर करती है। इतिहास बताता है कि, केवल वर्चस्व (प्रसिद्धी) ही राष्ट्र या व्यक्ति पर शासन करने की शक्ति है।

खेल का महत्व

शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए खेल सबसे अच्छा तरीका है, जो बहुत लाभदायक है। बहुत से देशों में खेलों को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है, क्योंकि वे एक व्यक्ति के जीवन में खेल के वास्तविक लाभ और व्यक्तिगत व पेशेवर जीवन में इसकी आवश्यकता को जानते हैं। किसी धावक (एथिलीट) या पेशेवर खिलाड़ी के लिए शारीरिक गतिविधियाँ बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। यह उनके और उनके जीवन के लिए बहुत मायने रखती है। खेल खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छा अवसर रखता है। कुछ देशों में, कुछ अवसरों कार्यक्रमों और त्योहारों के आयोजन पर स्पोर्ट्स और खेल गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, उदाहरण के लिए; प्राचीन यूनान के ओलम्पियाड को सम्मान प्रदर्शित करने के लिए ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जाता है।

खेल सभी के व्यस्त जीवन में विशेष रुप से विद्यार्थियों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। यहाँ तक कि, पूरे दिन में से, कम से कम थोड़े से समय के लिए सभी को खेलों में सक्रिय रुप से भाग लेना चाहिए। खेल बहुत ही आवश्यक है क्योंकि, खेलों में नियमित रुप से शामिल होने वाले व्यक्ति में यह शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती लाता है। जिन व्यक्तियों की व्यस्त दिनचर्या होती है, वे बहुत ही आसानी व शीघ्रता से थक जाते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, एक सूकून और आराम का जीवन जीने के लिए हम सभी को स्वस्थ मस्तिष्क और स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है।

नाम, प्रसिद्धी, और पैसा प्राप्त करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। इसी तरह से, स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क प्राप्त करने के लिए, सभी को किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में अवश्य शामिल होना चाहिए, जिसके लिए खेल सबसे अच्छा तरीका है।

निबंध 2 (400 शब्द) – स्पोर्ट्स के मूल्य व लाभ

खेल बहुत ही अच्छी शारीरिक गतिविधि है जो तनाव और चिन्ता से मुक्ति प्रदान करता है। यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा भविष्य और पेशेवर जीवन का क्षेत्र प्रदान करता है। यह खिलाड़ियों को उनके आवश्यक नाम, प्रसिद्धी और धन देने की क्षमता रखता है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि, व्यक्तिगत लाभ के साथ ही पेशेवर लाभ के लिए भी खेल सकते हैं। दोनों ही तरीकों से, यह हमारे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को लाभ पहुँचाता है।

स्पोर्ट्स का मूल्य

कुछ लोग अपने शरीर और मस्तिष्क की तंदरुस्ती, आनंद आदि के लिए नियमित रुप से खेलते हैं हालांकि, कुछ अपने जीवन में बहुमूल्य दर्जा पाने के लिए खेलते हैं। कोई भी निजी और पेशेवर जीवन में इसके मूल्य को अनदेखा नहीं कर सकता है। पहले ओलम्पिक खेल 1896 में एथेंस में आयोजित हुए थे, जो अब नियमित रुप से हर चार साल बाद विभिन्न देशों में आयोजित होते हैं। इसमें इनडोर और आउटडोर दोनों प्रकार के खेल शामिल होते हैं, जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।

कुछ आउटडोर या मैदान में खेले जाने वाले खेल फुटबॉल, हॉकी, वालीबॉल, बेसबॉल, क्रिकेट, टेनिस, खो-खो, कबड्डी आदि है, जिन्हें खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है। इनडोर खेल कैरम, ताश खेलना, शतरंज, टेबिल टेनिस, पहेली, आदि हैं, जो घर में बिना किसी मैदान के खेले जा सकते हैं। कुछ खेल इनडोर और आउटडोर दोनों होते हैं जैसे – बैडमिंटन और टेबिल टेनिस।

स्पोर्ट्स के लाभ

खेल और स्पोर्ट्स हमारे लिए बहुत ही लाभदायक हैं क्योंकि वे हमें समयबद्धता, धैर्य, अनुशासन, समूह में कार्य करना और लगन सिखाते हैं। खेलना हमें, आत्मविश्वास के स्तर का निर्माण करना और सुधार करना सिखाता है। यदि हम खेल का नियमित अभ्यास करें, तो हम अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सकते हैं।

खेल गतिविधियों में शामिल होना, हमें बहुत से रोगों से सुरक्षित करने में मदद करता है; जैसे – गठिया, मोटापा, हृदय की समस्याओं, मधुमेह, आदि। यह हमें जीवन में अधिक अनुशासित, धैर्यवान, समयबद्ध और विनम्र बनाता है। यह हमें जीवन में सभी कमजोरियों को हटाकर आगे बढ़ना सिखाता है। यह हमें बहादुर बनाता है, और चिड़चिड़ेपन व गुस्से को हटाकर खुशी का अहसास देता है। यह हमें शारीरिक रुप से तंदरुस्त और मानसिक आराम प्रदान करता है, जिससे कि हम सभी समस्याओं से आसानी से निपट सकें।

खेल गतिविधियों में शामिल होना एक व्यक्ति के लिए बहुत से तरीकों से लाभदायक होता है। यह न केवल शारीरिक ताकत प्रदान करता है बल्कि, यह मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है। बाहर खेले जाने वाले खेल फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, हॉकी, दौड़ आदि शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तंदरुस्ती को सुधारने में मदद करते हैं। यद्यपि, कुछ घर के अन्दर खेले जाने वाले खेल जैसे; दिमागी खेल, शतरंज, सुडोकु आदि हमारी मानसिक शक्ति और मन एकाग्र करने की क्षमता के स्तर को बढ़ाते हैं।

निबंध 3 (500 शब्द) – स्वास्थ्य, धन और राष्ट्र के निर्माण में खेल की भूमिका

खेल और स्पोर्ट्स शारीरिक गतिविधि हैं, जो प्रतियोगी स्वभाव के कौशल विकास में मदद करती हैं। आमतौर पर, दो या अधिक समूह एक दूसरे के साथ मनोरंजन या इनाम प्राप्त करने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिति को बढ़ावा देता है। यह नागरिकों के चरित्र और स्वास्थ्य के निर्माण के द्वारा राष्ट्र को मजबूती प्रदान करने में महान भूमिक निभाता है। खेल मनुष्य के कार्य करने के तरीकों में गति और सक्रियता लाता है।

स्वास्थ्य, धन और राष्ट्र के निर्माण में खेल की भूमिका

खेल के महत्व और भूमिका को किसी के भी द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण विषय है। लोग अपने व्यक्तिगत विकास के साथ ही पेशेवर विकास के लिए खेल गतिवधियों में शामिल हो सकते हैं। यह लड़के और लड़कियों दोनों के लिए अच्छे शरीर का निर्माण करने के लिए बहुत अच्छा है। यह लोगों को मानसिक रुप से सतर्क, शारीरिक रुप से सक्रिय और मजबूत बनाता है।

खेल के दो सबसे अधिक महत्वपूर्ण लाभ; अच्छा स्वास्थ्य और शान्त मस्तिष्क हैं। विद्यार्थी देश के युवा हैं, और वे खेले गतिविधियों के द्वारा और अधिक लाभान्वित हो सकते हैं। वे और अधिक अनुशासित, स्वस्थ, सक्रिय, समयनिष्ठ हो सकते हैं और आसानी से व्यक्तिगत व पेशेवर जीवन में किसी भी कठिन स्थिति के साथ सामना कर सकते हैं। खेलों में नियमित रुप से शामिल होना आसानी से चिंता, तनाव और घबराहट से उबरने में मदद करता है।

यह शरीर के अंगों के शारीरिक कार्यों को बेहतर बनाता है और इस तरह, पूरे शरीर के कार्यों को सकारात्मक रुप से नियंत्रित करता है। यह शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है और इस प्रकार मन या दिमाग शांतिपूर्ण, तेज, और बेहतर एकाग्रता के साथ सक्रिय रहता है। यह शरीर व मन की शक्ति और ऊर्जा का स्तर बढ़ा देता है। यह हर किसी को नीरस जीवन से एक अच्छा अन्तराल (ब्रेक) देता है।

खेल उज्ज्वल पेशेवर कैरियर रखता है इसलिए, इसमें रुचि रखने वाले युवाओं को चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है, और उन्हें तो केवल पूरी लगने के साथ अपनी इस रुचि को नियमित रखना है। यह टीम में सहयोग और टीम निर्माण की भावना के विकास के द्वारा सभी को टीम में कार्य करना सिखाता है। खेलों के प्रति अधिक झुकाव एक व्यक्ति और एक राष्ट्र दोनों को स्वस्थ और वित्तीय रुप से अधिक मजबूत बनाता है। इसलिए, इसे अभिभावकों, शिक्षकों और देश की सरकार के द्वारा अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

निष्कर्ष: प्रख्यात खेल हस्तियों की भूमिका

अधिक प्रसिद्ध खेल हस्तियों को रखने वाला राष्ट्र कम समय में बहुत आसानी से दुनिया भर में अपनापन प्राप्त कर लेता है। देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। वे बहुत आसानी से पहले से ही प्रसिद्ध खेल हस्तियों को देखकर प्रेरित होते रहते हैं। इस तरह के देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में कैरियर बनाने में अधिक मौके मिलते हैं। सर्वविदित खिलाड़ी भी अपने देश के आगामी युवकों प्रोत्साहित करते हैं।

Importance of Sports Essay

निबंध 4 (600 शब्द) – खेल: चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण

लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से की जाने वाली प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधियों को हम खेल कह सकते हैं। यह सभी की शारीरिक क्षमता और कौशल को सुधारने और बनाए रखने में मदद करता है। यह प्रतिभागियों के लिए मनोरंजन का एक तरीका है। खेल वास्तव में सभी के द्वारा विशेषरुप से बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं हालांकि, ये उनके लिए विभिन्न तरीकों से हानि भी पहुँचा सकते हैं। यह बच्चों को आसानी से घायल कर सकता है या अध्ययन से भटका सकता है। फिर भी, बच्चे अपने मित्रों के साथ खेलने के लिए बाहर जाना पसंद करते हैं।

यदि हम इतिहास पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि, खेलों को प्राचीन समय से ही बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। आधुनिक समय में, अन्य मनोरंजन बढ़ाने वाली चीजों, जैसे- विडियो गेम, टीवी आदि की वृद्धी और प्रसिद्धी के कारण जीवन में खेलों की माँग कम हो रही है। यद्यपि, यह भी सत्य है कि, खेल बहुत से देशों के द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों की तरह माने जाते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि, भविष्य में खेल और स्पोर्ट्स का प्रचलन कभी खत्म नहीं होगा।

खेल गतिविधियों को स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के अच्छे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर भविष्य के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खेल उन सभी के लिए, जो इनमें पूरी लगन के साथ शामिल होता के लिए भविष्य में अच्छा कैरियर रखते हैं। यह विशेषरुप से विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि, यह शारीरिक और मानसिक विकास को सहायता प्रदान करता है। वे लोग जो खेलों में अधिक रुचि रखते हैं और खेलने में अच्छे हैं, वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। वे कार्यस्थल पर बेहतर अनुशासन के साथ ही नेतृत्व के गुणों को विकसित कर सकते हैं।

शारीरिक समन्वय और ताकत

यह माना जाता है कि, खेल और ताकत एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। यह सत्य है कि, खेल में भागीदारी करने वाले एक व्यक्ति के पास सामान्य व्यक्ति (जो व्यायाम नहीं करता हो) से अधिक ताकत होती है। खेलों में रुचि रखने वाला व्यक्ति महान शारीरिक ताकत विकसित कर सकता है और किसी भी राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में भागीदारी करने के द्वारा अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकता है। खेल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, शारीरिक समन्वय बनाए रखने, शरीर की ताकत को बढ़ाने और मानसिक शक्ति में सुधार करने में मदद करता है।

चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण

नियमित आधार पर खेल खेलना एक व्यक्ति के चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण में मदद करता है। यह आमतौर पर देखा जा सकता है कि, युवा अवस्था से ही खेल में शामिल रहने वाला एक व्यक्ति, बहुत ही साफ और मजबूत चरित्र के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य को विकसित करता है। खिलाड़ी बहुत अधिक समय के पाबंद और अनुशासित होते हैं, इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि, खेल राष्ट्र और समाज के लिए विभिन्न मजबूत और अच्छे नागरिक प्रदान करता है।

खेल आमतौर पर, एक दूसरे पर विजय प्राप्त करने की कोशिश के साथ दो प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है।खेल और स्पोर्ट्स के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें हम घर के बाहर खेलते हैं उन्हें आउटडोर (मैदानी खेल) खेल कहते हैं, वहीं जो घर के अन्दर खेले जाते हैं उन्हें इनडोर खेल कहा जाता है। दोनों में से एक प्रतिभागी विजेता होता है, वहीं दूसरा हारता है। खेल वास्तव में सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण गतिविधि है, विशेषरुप से बच्चों और युवाओं के लिए क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखता है।

सम्बंधित जानकारी:

खेल पर निबंध

खेल पर स्लोगन

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Sports (खेल के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- पियरे डी कुबर्तिन को

उत्तर- मुक्केबाजी के लिए

उत्तर- चीन ने

उत्तर- मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस को

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मानव जीवन में खेलो का महत्व पर निबंध

आपको यहां पर Essay On Importance Of Sports In Hindi पढ़ने को मिलेगा, हमने यहां पर अलग-अलग शब्द सीमाओं में निबंध दे रखे हैं, जो विद्यार्थियों के लिए काफी उपयुक्त है।

मानव जीवन में खेलो का महत्व पर निबंध

विद्यार्थियों के अलावा इसे आम लोग भी पढ़ सकते हैं क्योंकि इसमें जीवन Me Khelo Ka Mahatva क्या है इसका अच्छे से Hindi मैं व्याख्या किया गया है।

नीचे हमने दो निबंध दे रखे हैं एक 700 शब्दों में लिखा गया है और दूसरा 500 शब्दों में लिखा गया है। दोनों ही निबंधों को बहुत ही सरल भाषा में लिखा गया है जिससे विद्यार्थियों एवं आम लोगों को पढ़ने में आसानी होगी।

1. जीवन में खेलों का महत्व निबंध (Essay On Importance Of Sports In Life In Hindi)

पहला निबंध 700 शब्दों में

वर्तमान समय में खेल हमारे लिए उतना ही जरूरी है जितना कि खाना और पानी क्योंकि बढ़ते प्रदूषण और बीमारियों की संख्या से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है इसलिए खेल के बिना हर व्यक्ति का जीवन अधूरा है। 

यह उन्हें स्वस्थ, फिट और मजबूत रखता है। यह हमारे जीवन के प्रत्येक चरण के लिए आवश्यक है। यह व्यक्तित्व को भी निखार सकता है। खेलों में नियमित रूप से भाग लेने से हमारा हृदय और अंग स्वस्थ रहता है। 

खेल प्राचीन काल से प्राथमिकता रही है और अब यह अधिक दिलचस्प है। शारीरिक गतिविधि रक्तचाप और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। दैनिक गतिविधि भी शर्करा के स्तर को कम करती है और कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। 

हालांकि अलग-अलग लोगों की खेल में अलग-अलग रुचि हो सकती है, लेकिन उन सभी में क्रिया समान होती है। खेलों में रुचि रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, और वे अपने पूंजीगत धन को बढ़ाने का एक प्रमुख माध्यम बनते जा रहे हैं। 

खेल खेलना आपके जीवन को और अधिक सुखद बना सकता है और आपको कुछ बीमारियों से बचा सकता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में वृद्धि के कारण, खेल खेलकर खेल फेफड़ों के कार्य और स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। बुढ़ापे में भी खेलकूद से हड्डियों की मजबूती बढ़ती है।

जीवन में खेल से सीख

खेल जीवन में अनुशासन लाता है। यह आपको बोलना, बात करना और चलना सिखाता है। बिना खेलकूद के जीना उबाऊ लगता है। खेल सभी कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं और शरीर को फिट और सक्रिय रखते हैं। 

खेल से सोचने की क्षमता में सुधार होता है और तनाव कम होता है। जो लोग खेलों में रुचि नहीं रखते हैं, उनके सक्रिय होने की संभावना कम होती है, जीवन में जल्दी बीमारी विकसित होने की संभावना अधिक होती है, और काम में सुस्ती दिखाते हैं। 

यह महत्वपूर्ण है कि स्कूलों में खेल पढ़ाया जाए ताकि बच्चे खेल के लाभों को समझ सकें। लोग अपनी रुचि के आधार पर अपने पसंदीदा खेल खिलाड़ी भी चुनते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में क्रिकेट अन्य देशों की तुलना में अधिक लोकप्रिय है। कई खिलाड़ी आए हैं, लेकिन कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी जैसे नामों को अभी भी उतना ही प्यार मिलता है जितना कि पहले। 

कई लोगों के पास फुटबॉल में एक मूर्ति है, जैसे मेस्सी, रोनाल्डो और अन्य। खेल की प्रणाली को आम तौर पर एक ऐसी गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एथलेटिक्स पर आधारित होती है, जैसे ओलंपिक खेल। खेल सरकारी नियमों के अनुसार खेला जाता है। 

यह निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने में मदद करता है। खेल निष्पक्ष होना चाहिए, कोई नुकसान नहीं होना चाहिए, और सबसे उत्कृष्ट या सबसे सम्मानित एथलीटों को छोड़कर विजेता को नामांकित नहीं किया जाना चाहिए। शतरंज एक ऐसा खेल है जो सोच और याददाश्त में सुधार करता है। 21वीं सदी की शुरुआत से ही ट्रांसजेंडर लोगों को सभी खेलों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

खेलों में टेक्नोलॉजी के लाभ

टेक्नोलॉजी का उपयोग निष्पक्ष खेल में न्याय करने और विजेताओं को निर्धारित करने में मदद करने के लिए भी किया जाता है। यह कार रेसर्स को स्क्रीन पर स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है। क्रिकेट भी, जहां फिर से तय करना मुश्किल हो सकता है, तकनीक का उपयोग करता है। 

निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने और विजेताओं की घोषणा करने के लिए हर खेल में इसका इस्तेमाल किया गया है। खेलों में युवाओं को प्रेरित करने और सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करने की क्षमता है। 

किसी भी एथलीट के लिए उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उसकी रुचियों, कौशल और क्षमताओं को विकसित करना आवश्यक है। पिछले दो दशकों में, हमने देखा है कि महिलाओं की खेल में अधिक रुचि हो रही है और सरकार उचित मैचों का आयोजन करती है। खेल आपको सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता देता है और आपको अधिक सकारात्मक महसूस करा सकता है। 

हम घर के अंदर और बाहर खेल खेल सकते हैं। शतरंज और कैरम बोर्ड जैसे इनडोर खेल सोचने की क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं। रग्बी, क्रिकेट और कबड्डी जैसे आउटडोर खेल शारीरिक शक्ति में सुधार करते हैं। 

इसलिए, जो अधिक आउटडोर खेल खेलता है उसे स्वस्थ और पतला होना चाहिए। आज के युवा उन खेलों में रुचि दिखा रहे हैं जो 30-40 साल पहले मौजूद नहीं थे। खेल सुरक्षा और जीवन स्तर प्रदान करते हैं।

दुनिया में शीर्ष 10 सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले खेलों में सॉकर, बास्केटबॉल, हॉकी और टेनिस शामिल हैं। भारत में हॉकी हमारा पहला राष्ट्रीय खेल था और आज भी खेला जाता है। कुछ खेल कम लोकप्रिय हैं, जैसे कबड्डी और पोलो, तीरंदाजी या भारोत्तोलन। तैराकी सबसे सुरक्षित खेल है। 

क्योंकि यह हमें अपने स्वास्थ्य को स्थानांतरित करने और बेहतर बनाने की अनुमति देता है, इसलिए सभी को खेलों का आनंद लेना चाहिए। एक अध्ययन से पता चला है कि खेलों से हृदय रोग, मोटापा और फेफड़ों की कार्यप्रणाली जैसी कई बीमारियों को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। 

सबसे अधिक भुगतान किया जाने वाला खेल हॉकी और सॉकर है। हम कुछ खेल छोटे स्थानों में खेल सकते हैं जबकि अन्य को बड़े क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि हम किसी बीमारी से उबरने के बाद भी सक्रिय और ऊर्जावान बने रहें। नियमित रूप से खेलों में शामिल होना और खुद को फिट रखना महत्वपूर्ण है। हालांकि, इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

2. खेल का महत्व (Essay On Importance Of Sports In Hindi)

दूसरा निबंध 500 शब्दों में

खेल एक ऐसा चीज है जिसमें कौशल और शारीरिक गतिविधि शामिल है। दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। खेल मानव जीवन का अभिन्न अंग हैं। वे जीवन के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। 

खेल चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करता है। यह आपके शरीर को फिट रखने का एक शानदार तरीका है। खेल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह कई लाभ प्रदान करता है। हम उनके बारे में किताबें लिख सकते थे। खेल से मन और शरीर दोनों को लाभ हो सकता है।

शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार

खेल दिल को मजबूत करते हैं। नियमित खेलों से आपका दिल मजबूत होगा। खेल हृदय रोग के खिलाफ एक महान निवारक उपाय है। यह जीवन प्रत्याशा को बढ़ाता है। स्वस्थ हृदय का अर्थ स्वस्थ रक्तचाप भी होता है।

खेल एक शारीरिक गतिविधि है जिसमें पूरा शरीर शामिल होता है। यह शारीरिक गतिविधि रक्त वाहिकाओं को साफ रखती है। खेलकूद शरीर के कोलेस्ट्रॉल और वसा के स्तर को कम करता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों के लचीलेपन में वृद्धि के कारण है। यह शारीरिक परिश्रम में वृद्धि के कारण है।

खेल रक्त शर्करा के स्तर को भी कम करता है। स्पोर्ट्स एक्टिविटी से ब्लड शुगर जमा नहीं होता है।

खेल किसी की सांस लेने की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। खेलकूद से फेफड़े मजबूत होते हैं। खेलों से शरीर की फेफड़ों की क्षमता और कार्यक्षमता में वृद्धि होना निश्चित है। यह अधिक ऑक्सीजन को रक्त में प्रवेश करने की अनुमति देता है, जो बहुत फायदेमंद है। खेल फेफड़ों की बीमारी के विकास की संभावना को भी कम करता है।

खेल स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखना आसान बनाते हैं। खेल खेलने वाले लोगों के अधिक वजन या मोटे होने की संभावना नहीं है। खेलों में शामिल होकर शरीर पतला और फिट रह सकता है।

खेल आपकी हड्डियों की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है। खेल आपके बुढ़ापे में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में आपकी मदद कर सकता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि खेल कई बीमारियों को रोक सकते हैं। कई शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि खेल कैंसर के विकास और प्रसार को रोक सकते हैं।

खेलकूद के अन्य लाभ

आत्मविश्वास के निर्माण के लिए खेल एक महान साधन है। खेल प्रभावी ढंग से संवाद करने की आपकी क्षमता को बढ़ाता है। खेल संचार कौशल में सुधार करता है। खड़े होने, बैठने और सही ढंग से चलने में व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है। खेल व्यक्ति के सामाजिक जीवन को समृद्ध बनाता है।

खेल जीवन में अनुशासन लाते हैं। यह धैर्य और समर्पण सिखाता है। खेल लोगों को असफलता से निपटना भी सिखाता है। खेल आपको समय योजना का पालन करना भी सिखाता है।

खेल से सोचने की क्षमता में सुधार होता है। खेलों से दिमाग तेज होता है। खेल परीक्षा से ज्यादा बच्चों के लिए फायदेमंद है।

खेल तनाव को कम करता है। खेल खेलने वाले लोग कम अवसाद का अनुभव करेंगे। खेल से मन की शांति की गारंटी है। खेल लोगों के जीवन में खुशी और खुशी लाता है।

खेल मानव अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का एक तरीका है। स्कूलों को खेलों को अनिवार्य बनाना चाहिए क्योंकि यह शिक्षा की तरह ही महत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक खेल गतिविधि में संलग्न होना चाहिए।

पढ़ने योग्य निबंध

  • ताजमहल पर निबंध
  • मेरा गांव पर निबंध
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हमें आशा है कि आपको Essay On Importance Of Sports In Hindi के दोनों निबंध अच्छे लगे होंगे, जैसा कि हम सभी जानते हैं जीवन Me Khelo Ka Mahatva अत्यधिक है क्योंकि खेल से हमें आंतरिक आनंद महसूस होता है जिससे हम हमेशा स्वस्थ और सुदृढ़ रहते हैं।

आप Essay On Importance Of Sports in Hindi निबंध को फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, जिससे उन्हें भी खेल के के महत्व के बारे में पता चल सके।

1 thought on “मानव जीवन में खेलो का महत्व पर निबंध”

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Khel ka Mahatva Nibandh

खेल का महत्व पर निबंध Importance of Playing/Games/Sports Essay in Hindi

Khel ka Mahatva Nibandh अक्सर आपने स्कूल/कॉलेज में लिखने को कहा जाता है। वैसे तो हमारे जीवन में खेल काफ़ी महत्वपूर्ण हैं; लेकिन कई लोगों को Khelo ka Mahatva Essay in Hindi कैसे लिखना है, समझ ही नहीं आता है? आज का यह पोस्ट ‘ खेल का महत्व पर निबंध ‘ ही है।

यदि आप अंग्रेजी माध्यम में पढ़ते हैं, तो आपको Essay on Importance of Games/Sports/Playing लिखना भी कहा जा सकता है। दोनों का मतलब एक ही है, लेकिन भाषा अलग-अलग है। तो इस पोस्ट को आप अंत तक पूरा ज़रूर पढ़ें, क्योंकि एक बार समझ जाने से आप दोनों भाषाओं में एक ही कोंटेंट को लिख सकते हैं।

Khel ka Mahatva Nibandh (Essay)

सच बताऊँ तो खेलों का महत्व के बारे में निबंध लिखना भी एक खेल से कम नहीं है। मनुष्यों के जीवन में सबसे अधिक सुखद कोई लम्हा है तो वह है, खेल।

शारीरिक अंगों में स्फूर्ति और चंचलता, हृदय में आनंद और प्रसन्नता तथा मन में उत्साह और स्वतंत्रता का भाव भरनेवाला होता है खेल , क्योंकि इसका सिर्फ शारीरिक महत्व ही नहीं होता, बल्कि शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक महत्व भी हुआ करता है।

यही कारण है कि चाहे पशु हो या पक्षी या फिर सबसे संवेदनशील प्राणी मानव- सभी खेल-कूद को बेहद पसंद करते हैं। खेल-कूद हमारे शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाते हैं, हमारी मांसपेशियों को ताकतवर बनाते हैं और रक्त-संचार को नियंत्रित करते हैं। खेलने-कूदनेवाले बच्चे पढ़ने-लिखने में भी काफ़ी मन लगाते हैं। यह कहना बिलकुल तर्कसंगत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।

Importance of Games Essay in Hindi

खेल-कूद का मनोवैज्ञानिक महत्व भी हुआ करता है। किशोरावस्था में जो अतिरिक्त शक्ति होती है, वह खेल-कूद के द्वारा उचित स्रोतों में प्रवाहित होकर शुभ मार्ग ग्रहण करती हैं।

यदि बच्चों को खेल-कूद के पर्याप्त अवसर न मिले तो वही बच्चे भविष्य में अनैतिक, असामाजिक और असंस्कृत ही नहीं यौनरोगी बनकर रह जाते हैं, क्योंकि खेलों के माध्यम से काम-वासना , सामूहिक युयुत्सा तथा अपसंस्कृति का पूर्णतया शोधन हुआ करता है।

यही कारण है कि सामूहिक खेलों से मनोरंजन के साथ-साथ चरित्र-निर्माण भी होता है तथा इसके बहाने सहयोग, सहकारिता, और पारस्परिक निर्भरता की भावना परिपुष्ट होती है।

खेल-कूद बच्चों को कुशल नागरिकता का प्रशिक्षण देते हैं। कारण बच्चे इसके माध्यम से अपने अधिकारों को जानते हैं और कर्तव्यों का पालन करना सीखते हैं साथ ही वे दूसरे बच्चों के अधिकार और कर्तव्यों को भी महत्व देते हैं। समुचित रूप से नियम-पालन तथा आज्ञाकारिता की भावना ही तो अनुशासन का प्रथम पथ है, जो बच्चों को विभिन्न खेलों के माध्यम से ही प्राप्त हो पाता है।

खेलों का महत्व पर निबंध 

ख़ाली दिमाग तो शैतान का घर हुआ करता है। खेल-कूद में भाग लेना बच्चों के ख़ाली समय का सुंदरतम उपयोग है। इसके अभाव में दुर्व्यसनों का जन्म होना निश्चित ही है। इतना ही नहीं, खेल-कूद भावी जीवन-यापन का पूर्ण प्रशिक्षण है और है नेतृत्व की क्षमता प्रदान करनेवाला अद्भुत टूल।

अब बीत गया वह ज़माना जब लोग कहा करते थे कि खेलोगे-कूदोगे होगे ख़राब । क्योंकि खेलों के बढ़ते स्वरूप और क्षेत्रों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि अब यह महज़ मनोरंजन और शारीरिक सौष्ठव के लिए ही नहीं रहा, अर्थोपार्जन का भी नायाब क्षेत्र बनता जा रहा है और इसकी अपरिमित संभावनाएँ हैं।

खेल-कूद से एकाग्रचित्तता बढ़ती है। इसके माध्यम से बच्चे अपनी शक्ति और ध्यान को कार्य पर केंद्रित करने का प्रशिक्षण लेते हैं। यह किसी राष्ट्र की उन्नति का प्रमुख कारण है, क्योंकि इससे प्राप्त शारीरिक और मानसिक ताकत एवं अनुशासन और समाजिकता, अधिकार तथा कर्त्तव्यबोध ही देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।

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ESSAY KI DUNIYA

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Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध

September 22, 2017 by essaykiduniya

Khelo ka Mahatva in Hindi – Here You Will Get Various Paragraphs and Short Essay on Importance of Games in Hindi Language for Students of all Classes in 100, 150, 300, 500 and 1500 words. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में छात्र जीवन में खेलों के महत्व पर निबंध।

Essay on Importance of Games in Hindi

Paragraph & Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध ( 100 Words) 

हमारे जीवन में खेलों का बहुक महत्व है। यह हमारे मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक है। खेलने से व्यक्ति तंदुरूस्त रहता है और उसका विकास अच्छे से होता है। खेलने से व्यक्ति में अनुशासन की भावना, मिल जुलकर रहना, प्रतिस्पर्धा और नेता का कहना आदि मानने के गुण विकसित होते हैं। यदि हम सारा दिन सिर्फ पढ़ते रहेंगे को हम डरपोक और आलसी बन जाऐंगे जबकि खेलने से हम चुस्त रहते हैं। हर व्यक्ति को अपने जीवन में खेलों को अपनाना चाहिए। हमें काम के समय काम और खेल के समय खेलना चाहिए।

Short Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध ( 150 Words) 

खेल शिक्षा का अभिन्न अंग हैं वे अच्छे स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हैं और एक अच्छी कायाकल्प का निर्माण करते हैं। वे जीवन के प्रति एक स्वस्थ दृष्टिकोण विकसित करते हैं अतीत में  खेल को ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था लेकिन अब उनके महत्व को मान्यता दी गई है। शिक्षा का उद्देश्य एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास माना जाता है। शिक्षा का एक उद्देश्य चरित्र बनाने, नैतिक शिक्षा देने और कुछ विशेष गुणों को जन्म देने के लिए है, जो एक जिम्मेदार ज़िम्मेदार व्यक्ति की मदद में एक व्यक्ति की सहायता करता है, लेकिन उनके विकास में खेल की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रेरणा, कड़ी मेहनत, दृढ़ता, दृढ़ संकल्प ऐसे कुछ गुण हैं जो किसी के जीवन में सफलता के लिए आवश्यक हैं।

Khelo Ka Mahatva in Hindi –  Essay on Importance of Games in Hindi Language – खेलों का महत्व पर निबंध ( 300 Words ) 

खेल एक व्यक्ति को सक्रिय और स्मार्ट बनाते हैं उनके दिमाग में ताकत और ताजगी होती है वह जीवन की सभी गतिविधियों में अधिक सक्रिय हो जाता है ओलंपिक खेलों, क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता, हॉकी, फुटबॉल, टेनिस आदि जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन अलग-अलग देशों को एक साथ लाते हैं। देशों की सरकारें क्या हासिल नहीं कर सकतीं,  खेल से आसानी से हासिल की जा सकती हैं खेल न केवल लोगों को फिट और स्मार्ट बनाते हैं बल्कि देश को भी समृद्ध बनाते हैं। तो हमें खेल और खेलों के लिए “हां” और ड्रग्स के लिए “नहीं” कहें।

खेल हमारे लिए जरूरी हैं वे हमें ध्वनि और फिट रखते हैं वे रोज़मर्रा की नींद से हमें एक बदलाव की पेशकश करते हैं। उत्तेजना और शारीरिक कार्रवाई के लिए यह एक उपयोगी तरीका है  खेल चरित्र निर्माण में मदद करते हैं वे हमें जीवन शक्ति और गुणवत्ता देते हैं

खेल मानसिक और शारीरिक विकास के लिए तरीके हैं खेल के बीच, हम कई चीजें सीखने आते हैं। हम समझते हैं कि अपेक्षाओं और अवसाद के बीच मानसिक संतुलन कैसे बनाए रखना चाहिए। वे हमें यह समझते हैं कि परेशानी परिस्थितियों को कैसे संभालना है गेम्स मित्रता की भावना को बढ़ाते हैं वे हमारे साथ दोस्ती बनाएँ वे मानसिक और शारीरिक स्थायित्व पैदा करने में सहायता करते हैं वे हमारे शरीर को आकार देते हैं और इसे ठोस और गतिशील बनाते हैं। वे हमें ऊर्जा और ताकत देते हैं वे थकावट और निष्क्रियता का निष्कासन करते हैं वे रक्त के प्रवाह को बढ़ाते हैं इससे हमारी शारीरिक समृद्धि बढ़ जाती है

इन पंक्तियों के साथ, खेल में जीवन में एक भव्य प्रोत्साहन होता है। देश और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में खेलों की सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। कस्बों में खेल के क्षेत्र हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए खेल बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है। अलग-अलग गेम एसोसिएशन वैसे ही खेलों की उन्नति में अच्छी तरह से कर रहे हैं।

Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध ( 500 Words) 

खेल प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी है और लाभदायक भी है। पढ़ने के साथ साथ खेल की भी अपनी अहमियत है। यह हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं। खेलने से व्यक्ति चुस्त और तंदुरूस्त बनता है और वह आत्म रक्षा करने भी सक्षम होता है। खेल मनोरंजन का भी अच्छा साधन है। सारा दिन पढ़कर जब हम थक जाते हैं तो खेलने से हमारे मस्तिष्क को शांति मिलती है और हमें ताजगी का अनुभव होता है। हम बहुत से खेल खेल सकते हैं जिनमें से कुछ घर के अंदर ही खेले जाते हैं और कुछ के लिए खुले मैदान की आवश्यक्ता होती है। खेलने से हम एक तरह के व्यायाम करके हैं और खुले मैदान में खेलने से शुद्ध हवा भी मिल जाती है।

खेलों को अंतराष्ट्रीय स्तर भी स्वीकृत किया गया है। आज के समय में व्यक्ति खेलों में भी अपना भविष्य बना सकता है और देश के लिए खेलकर देशवासियों को गर्व महसूस करवा सकते हैं। खेलने से हमारा व्यक्तित्व भी मजबूत बनता है। रम खेल के दौरान बहुत से लोगों से मिलते हैं जिससे हमें समाज में होने वाली गतिविधियों का पता लगता है और विभिन्न लोगों की विचारधारा का भी पता चलता है। खेल में हम एक टीम में होते हैं जिससे हममें मैत्रीभावना विकसित होती है। हम एक दुसरे के निर्णय का सम्मान करना सीखते हैं और नेता की बात भी मानते हैं। खेल से हमारे में प्रतिस्पर्धा की भावना भी आती है।

खेल हमारी मास पेशियों को मजबूत रखते हैं और रक्त संचार भी सही रहता है। खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि सिर्फ सारा दिन पढ़ने से मनुष्य आलसी और डरपोक हो जाता है। इसलिए हमें कार्य के समय पर कार्य और खेल के समय पर खेलना चाहिए। खेल हमारे लिए बहुत ही स्वास्थय वर्धक होते हैं। खेलों से हमारा मानसिक विकास भी होता है। बहुत से खेल खेलने के लिए हमें एकाग्रता और चालाकी की आवश्यकता होती है जिससे हम जीवन में भी एकाग्र रहते हैं। खेलों से हमें बहुत खुशी मिलती है और हमें उतार चढ़ाव का सामना भी करना आता है। हमैं हार के समय सांत्वना और धैर्य से काम लेते हैं और यही धैर्य की भावना हमें जीवन में बहुत मदद करती है।

खेल हमें मजबूत और जिंदगी जीने का प्रशिक्षण सिखाते हैं। यह हमें सकारात्मक विचार रखना सिखाते हैं और निरंतर कर्म करने की प्रेरणा देते हैं। यह हमें हारने पर उदास होने की बजाय कठिन परिश्रम करनी सिखाते है ताकि हम अगली बार जीत सके। यह हमें दुसरों को एक साथ लेकर चलने और मिल जुलकर रहना सिखाते हैं। खेलों को खेलने से चिड़चिड़ापन और बहुत सी बिमारियाँ हमसे दुर चली जाती है। हममें आत्म विश्वास जागृत होता है और हमें अधिक लगन से कार्य करते हैं। खेलों को हमें अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए और कोई न कोई खेल अवश्य खेलना चाहिए। स्कूलों में भी शिक्षी के साथ साथ खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए। हमें खेलों को भी शिक्षा जितनी ही प्राथमिकता देनी चाहिए और बढ़ चढ़ कर इनमें भाग लेना चाहिए।

Long Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध (1500 words)  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ‘स्वास्थ्य संपूर्ण शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और साथ ही एक व्यक्तिगत जीवन की आध्यात्मिक कल्याण की स्थिति है। शिक्षाविद मन को बढ़ावा देने के उद्देश्य की सेवा करते हैं लेकिन एक स्वस्थ मन एक स्वस्थ शरीर में रहता है एक खेल में सक्रिय रूप से भाग लेने से स्वस्थ शरीर को विकसित और बनाए रख सकता है। मनोरंजन, विशेषकर खेल, भारत के लोगों के लिए अभी भी एक पैसा है, क्योंकि वे भविष्य की पीढ़ी के लिए पैसा कमाने और धन इकट्ठा करने में अधिक विश्वास करते हैं। इसलिए खेल, दिन-प्रतिदिन जीवन से उपेक्षित रहे हैं वे वास्तव में, उन्हें अनावश्यक मानते हैं और समय के रूप में व्यर्थ ही होते हैं।

जब कोई बच्चा अपने मुंह को खोलने के लिए जाने की इच्छा व्यक्त करता है, तो माता-पिता या फिर बुजुर्गों ने उसे बचना शुरू कर दिया कि उनकी परीक्षा में हाथ आता है या उन्होंने पिछली परीक्षा में अच्छा नहीं किया था। यह मानसिकता खेल के प्रति बच्चों की अनिच्छा के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। जिसने अपने बचपन में कोई खेल नहीं खेला है, वह अपने जीवन के उत्तरार्ध में ही उसके लिए रुचि पैदा कर सकता है। यह दुष्चक्र जारी है। लेकिन बेहतर तरीके से बदलना शुरू हो गया है खेल हमारे शरीर को सतर्क, सक्रिय, युवा और ऊर्जावान रखते हैं। वे हमें रोमांच की भावना पैदा करते हैं खेल रक्त के संचलन को बढ़ाते हैं, चयापचय को बढ़ावा देते हैं, कैलोरी जलाते हैं और श्वसन और पाचन तंत्र में सुधार करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति समय की लंबी अवधि के लिए उत्साहपूर्वक काम कर सकता है, और साहसपूर्वक खतरों का सामना कर सकता है खेलों में खिलाड़ियों को आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास, न्याय और निष्पक्ष खेल की भावना पैदा होती है।

वे उन्हें अनुशासन, ईमानदारी, वफादारी और देशभक्ति जैसे गुण पैदा करने में सक्षम बनाते हैं। खेल खेलते समय, शरीर की विभिन्न मांसपेशियों का प्रयोग किया जाता है और इस उद्देश्य के लिए एक व्यायामशाला में शामिल होने की आवश्यकता नहीं है। तेज चलना, चलना, साइकिल चलाना, लंघन, तैराकी और योग स्वयं को फिट रखने के लिए सामान्य गतिविधियां हैं। वे युवा और पुराने दोनों के शरीर को भी टोन करते हैं दिल का दौरा पड़ने वाले रोगियों और मोटापे, मधुमेह, रक्तचाप आदि से पीड़ित रोगियों के लिए हल्के अभ्यास फायदेमंद होते हैं। व्यायाम मन और शरीर को आत्मसात करता है और एक फिट रखने में मदद करता है। खेल मनोरंजन का उत्कृष्ट माध्यम है दुनिया भर में लाखों प्रशंसक फुटबॉल, क्रिकेट, लॉन टेनिस या कुश्ती देख रहे हैं जब हम खेल देखते हैं और खेलते हैं, तो हम अपनी सारी चिंताओं और चिंताओं को भूल जाते हैं।

वे हमें अपने विचारों को नकारात्मक विचारों से हटाने के लिए सक्षम करते हैं एक खेल व्यक्ति दल की भावना विकसित करता है, अन्य व्यक्ति की कमियों के साथ समायोजन करना सीखता है, और उस गेम के नियमों का पालन करता है और उसका अनुसरण करता है जिसमें वह खेलता है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन, वक्तव्य, कूटनीति और आत्म-अनुशासन प्रदर्शित करते हैं खेल हमारे जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास का निर्माण करते हैं और असफलताओं से डर नहीं पड़ते हैं, जो सफलता के लिए कदम पत्थर हैं इस तरह के दृष्टिकोण से किसी को वापस लेने के बाद किसी के कौशल को फिर से संगठित करने में मदद मिलेगी और किसी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नए सिरे से कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

खेलों में खेल की भावना पैदा होती है और एक के दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है। वे छात्रों के लिए बहुत आवश्यक हैं हमारे स्कूलों में, हालांकि, खेल को बहुत महत्व नहीं दिया जाता है आधे घंटे या चालीस-पांच मिनट की एक हफ्ते में एक या दो बार खेल के लिए दिया जाता है। बच्चों को निर्दिष्ट अवधि में उनकी पसंद के खेल का पीछा करना मुश्किल लगता है। कुछ स्कूल खेल उपकरणों के लिए धन नहीं उठा सकते हैं, जबकि अधिकांश स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है कई स्कूल बच्चों को विभिन्न खेलों में मार्गदर्शन करने के लिए किसी भी भौतिक प्रशिक्षक को रोजगार नहीं देते हैं।

वे महसूस करते हैं कि खेल बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं खेल में भाग लेने की कमी के कारण कई स्कूली बच्चे मोटे होते हैं मोटापा उन्हें मधुमेह, हृदय रोगों आदि जैसे संक्रमित रोगों की उच्च जोखिम वाली श्रेणी में डालता है। शिक्षा प्रणाली को सुधारने की जरूरत है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि खेल और खेलों को समान महत्व दिया जाता है। वर्तमान युग में शायद ही कोई है जो खेल खेलने के फायदे से अपरिचित है, फिर भी भारत में वयस्कों की अधिकांश जनसंख्या खेल खेलने के लिए कभी भी विकल्प नहीं देती है; यह छात्रों या बच्चों को जो विभिन्न प्रकार के खेल खेलना पाया जाता है; वे भी अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ खेलने के लिए जाते हैं।

सौभाग्य से, आईपीएल क्रिकेट के विज्ञापन के साथ धीरे-धीरे इसी तरह के लीग द्वारा “फुटबॉल, हॉकी, टेनिस, कुश्ती, कबड्डी, आदि जैसे अन्य खेलों में शामिल हुए, जो सभी खिलाड़ियों के लिए अच्छी चालें, खेल के साधन के रूप में आजीविका के लिए काफी कुछ लोगों के पक्ष में मिलना शुरू हो रहा है। खेल और खेल न केवल शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, बल्कि चयापचय और श्वसन की दर को बढ़ाते हुए रक्त परिसंचरण को भी गति देते हैं। संक्षेप में, खेल और खेल का एक अभिन्न अंग है जीवन और जो लोग इस से समझौता कर रहे हैं, उनके स्वास्थ्य से छेड़छाड़ करते हैं.सामान्य जनता की उदासीनता और खेल और खेल के अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हमारे देश के खराब प्रदर्शन से स्पष्ट दिखता है। बीजिंग ओलंपिक में, भारत का एक स्वर्ण जीतने का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देश के लिए एक ‘ऐतिहासिक सफलता’ के रूप में दो कांस्य पदक की प्रशंसा की गई।

तब भारत ने लंदन ओलंपिक में छह पदक प्राप्त किए थे। हालांकि, यह देखने के लिए बेहद निराशाजनक है कि दक्षिण कोरिया, रोमानिया आदि जैसे छोटे देशों के खिलाड़ियों को भी अब तक की एक बड़ी संख्या में पदक जीतने में सक्षम हैं। भारत कई खेलों में दूसरे देशों के पीछे है। इसके अलावा, धन और सुविधाओं की अनुपस्थिति में, खिलाड़ी उत्पादक तरीके से अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का उपयोग करने में असमर्थ हैं। उदाहरण के लिए, हॉकी ज्यादातर भारत में घास अदालतों पर खेले जाते हैं, भले ही पूरी दुनिया ने एस्ट्रोटर्फ को अपनाया हो। अंतर्राष्ट्रीय मानक के प्रशिक्षण की कमी भी है। खिलाड़ियों को पुरस्कारों और प्रोत्साहनों के अभाव में उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रेरणा नहीं है। वे आहार से अनजान हैं जिन्हें वे खुद को फिट रखने के लिए अनुसरण करना चाहिए क्रिकेट ही एकमात्र गेम है जिसे महत्व दिया गया है। लेकिन मैच-फिक्सिंग, दोषपूर्ण चयन प्रक्रियाओं और निधियों के दुरुपयोग के आरोपों में डरे हुए हैं, भारत में क्रिकेट की छवि। इसमें कोई संदेह नहीं है कि खेल के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन उनके पास कमियां भी हैं। कुछ खिलाड़ी फ्रैक्चर या उनके अंग खो देते हैं या खेल खेलते समय स्थायी रूप से अक्षम होते हैं।

कई छात्र खेल में बहुत रुचि लेते हैं और अपनी पढ़ाई को अनदेखा करते हैं। कुछ खेलों में पैसे का अभूतपूर्व प्रवाह, मुख्य रूप से क्रिकेट, ने धांधली चुनावों और मैच फिक्सिंग जैसी भ्रष्ट प्रथाओं को जन्म दिया है। सरकार ने 2001 में एक राष्ट्रीय खेल नीति बनाई थी। यह बड़े पैमाने पर जनता के बीच खेल की लोकप्रियता को बढ़ावा देती है। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास और बेहतर कोचिंग सुविधाओं का प्रावधान है। वर्ष 1982 में खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय कल्याण निधि की स्थापना की गई थी, जो कि उन दिनों के बकाया खिलाड़ियों की सहायता करने के लिए बनाई गई थी, जिन्होंने देश में खेल में महिमा लाई थी लेकिन वे उपेक्षा और चाहते थे हमारी आबादी का 70 प्रतिशत गांवों में रहता है खेल को लोकप्रिय बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को टैप करने के लिए, ग्रामीण खेल कार्यक्रम 1970-71 में शुरू किया गया था। इस योजना को संशोधित किया गया है।

प्रतिभाशाली लड़कों और लड़कियों को खेल छात्रवृत्ति दी जाती है प्रोत्साहन के वर्षों के बाद, कबड्डी, तीरंदाजी और कुश्ती जैसे कुछ ग्रामीण खेलों ने आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश किया है और एशियाड, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक में भी पदक उपलब्ध कराए गए हैं। खेल और खेल सामान्य अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के एक प्रभावी माध्यम हैं, खेल में लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। सरकार को एक दीर्घकालिक राष्ट्रीय खेल नीति तैयार करनी चाहिए। बच्चों को खेल खेलने के लाभों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से खेल खेलने के लिए बनाया जाना चाहिए विभिन्न खेलों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं पेश की जानी चाहिए। मौजूदा प्रशिक्षण सुविधाओं को उन्नत और विस्तारित किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ियों का चयन उचित होना चाहिए। इसके लिए, सरकार ने प्रतिभा खोज और प्रशिक्षण से संबंधित एक योजना शुरू कर दी है। इस योजना के अंतर्गत, भारत और विदेशों में प्रशिक्षण और प्रशिक्षण-सह-प्रतियोगिताओं के लिए होनहार खिलाड़ियों को सहायता प्रदान की जाती है, और उपकरणों की खरीद और वैज्ञानिक समर्थन प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

कोच, खेल वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, मालिशियों इत्यादि जैसे सहायक कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित किया जाता है, साथ ही सेमिनार और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेलों की घटनाओं में भाग लेने और योग्यता परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएटी) के माध्यम से लागू है। युवा मामलों और खेल मंत्रालय विभिन्न योजनाओं को खेल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रोत्साहन देता है। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार आदि जैसे विभिन्न पुरस्कारों को खिलाड़ियों के शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शनों की पहचान करने के लिए सम्मानित किया जाता है। इन सभी योजनाओं को उच्च उपलब्धियों के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और युवाओं को खेल को कैरियर के रूप में लेने के लिए प्रेरित करती है।

हम उम्मीद करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on Importance of Games in Hindi – खेलों का महत्व पर निबंध ) पसंद आएगा।

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भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – Future Of Sports Essay In India

भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – essay on future of sports in india.

  • प्रस्तावना,
  • खेलों के प्रति उदासीनता और उपेक्षा,
  • कारण और परिणाम,
  • विभिन्न आयोजन और भारत,
  • बाजारवाद और खेल,
  • स्थिति में सुधार की आवश्यकता,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – Bhaarat Mein Khelon Ka Bhavishy Par Nibandh

प्रस्तावना– खेल मनुष्य की जन्मजात प्रकृति है। बच्चे बचपन से ही किसी न किसी खेल का आनन्द उठाते हैं। विद्यालयों में भी उनको खेलने का अवसर मिलता है। किन्तु खेलों के प्रति जिस प्रोत्साहन की जरूरत है, उस ओर समाज और सरकार को ही गम्भीरता से आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता बनी हुई है।

खेलों के प्रति उदासीनता और उपेक्षा– हमारे देश में खेलों को शिक्षा में बाधक माना जाता है। परिवार के बड़े बच्चों को खेलकूद के प्रति हतोत्साहित करते हैं। उनका मानना है कि दूसरे बच्चों का ध्यान पढ़ाई–लिखाई से हट जाता है और वे जीवन में पिछड़ जाते हैं। कहावत प्रचलित है–’पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब।’

यद्यपि यह कहावत आधारहीन है। खेल जीवन को सँभालने के लिए जरूरी हैं और शिक्षा के समान ही आवश्यक हैं। इस मनोवृत्ति का परिणाम यह है कि खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हमारे यहाँ कोई व्यवस्था ही नहीं है। सरकार की खेलों को बढ़ावा देने की सुनिश्चित नीति न होने के कारण, खेलने के मैदानों में बस्तियाँ बस गई हैं। स्कूलों के पास कोई प्ले ग्राउण्ड बचा ही नहीं है। न खेलने का सामान है और न खेलों के लिए धन की कोई व्यवस्था है।

कारण और परिणाम– खेलों के प्रति इस उपेक्षा का कारण निर्धनता भी है। हम अपने बच्चों को पढ़ा–लिखाकर किसी धनोपार्जन के काम में लगाना अच्छा समझते हैं। उन्हें खेलकूद का प्रशिक्षण दिलाने की बजाय किसी व्यावसायिक शिक्षा केन्द्र में भरती कराना वे उचित समझते हैं। सरकार की ओर से भी इस विषय में किसी प्रोत्साहन की व्यापक व्यवस्था नहीं है।

परिणाम बहुत स्पष्ट है कि देश खेलकूद के क्षेत्र में अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ा है। खेलों के आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता का प्रतिशत ही कम ही रहा है। पदक प्राप्त करने वालों में छोटे–छोटे देश भी हमसे आगे रहते हैं।

अब भारत में वैश्विक आयोजन हो रहे हैं ओलम्पिक खेल, वर्ल्ड कप, अनेक प्रतियोगिताओं के साथ क्रिकेट का आई. पी. एल. संस्करण तो विश्वभर में लोकप्रिय बन चुका है। फुटबाल के क्षेत्र में भी लीग खेल आयोजित होते हैं।

बाजारवाद और खेल– खेलों में राजनीति और बाजारवाद के दखल के कारण भी भारत खेलों में पिछड़ा है। इसने खेलों के मूल उद्देश्य को ही क्षति पहुँचाई है। खिलाड़ियों में खेल भावना नष्ट हो गई है और खेल धनोपार्जन करके मालामाल होने का साधन मान लिए गए हैं। क्रिकेट के खेल में फिक्सिंग का जो रोग लगा है वह बाजारवाद के ही कारण है।

बाजार ने खेलों पर कब्जा कर लिया है और खेलों को बाजार बना दिया गया है। आई. पी. एल. खिलाड़ी नहीं सट्टेबाज पैदा करता है। श्रीनिवासन की अध्यक्षता वाले आयोग ने भारतीय क्रिकेट की जो दुर्दशा की है उसकी रिपोर्ट देखकर तथा श्रीनिवासन को अपने पद से न हटता देखकर ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपने पद से हटाने की बात कही है। क्रिकेट के खिलाड़ी अब राजनेताओं की तरह जनता का विश्वास खो बैठे हैं। साधारण जनता उनके खेल को एक प्रकार जुआ ही मानती है।

स्थिति में सुधार की आवश्यकता– भारत को यदि खेल जगत में चीन की तरह आगे बढ़ना है तो उसे इस स्थिति पर नियंत्रण रखना ही होगा। खेलों को खेल मानकर उनके प्रोत्साहन की व्यवस्था करना जरूरी है।

इसके लिए उचित प्रशिक्षण केन्द्र तथा आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करना भी जरूरी है। विद्यालय स्तर से ही इसमें सुधार की आवश्यकता है। खेलों से राजनीति के लोगों तथा व्यापारियों को दूर रखना जरूरी है। खेलों का नियंत्रण खेलों के प्रति समर्पित लोगों को ही दिया जाना चाहिए।

उपसंहार– भारत विभिन्न क्षेत्रों में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। खेलों की उपेक्षा करके वह अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता। खेलों को विकास का एक अंग मानकर ही वह विश्व के अन्य विकसित देशों के साथ खड़ा हो सकता है।

भारत में खेलों का स्तर पर निबन्ध | Essay on Standard of Sports in India in Hindi

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भारत में खेलों का स्तर पर निबन्ध | Essay on Standard of Sports in India in Hindi!

पिछले कुछ वर्षो में आयोजित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के परिणामों पर नजर डालने पर हमें ज्ञात होता है कि इनमें भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा है ।

सन् 1996 में अटलांटा में आयोजित ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन बहुत अधिक निराशाजनक रहा है । अंतिम पदक तालिका में भारत के नाम केवल एक रजत पदक था, जबकि डेनमार्क, पुर्तगाल, इंडोनेशिया, ईरान, हांगकांग और केन्या जैसे छोटे राष्ट्र भी पदक हासिल करने में सफल रहे ।

1998 के बैंकाक एशियाई खेलों में भारत 7 स्वर्ण, 11 रजत और 17 कांस्य पदक जीतकर कुछ बेहतर प्रदर्शन करके गिरते खेल स्तर में विराम लगाने की कोशिश में सफल रहा । 1954 और 1958 के एशियाई खेलों में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा । बैंकाक एशियाई खेलों में भारत का पांचवाँ सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा ।

क्रिकेट में भी हमारा पुराना गौरव समाप्त होता जा रहा है । 1983 में विश्व कप जीतने वाला भारत 1999 के विश्व कप के सुपरसिक्स में भी काफी कठिन प्रतिस्पर्धा के बाद स्थान पा सका । इसका खेल उच्च स्तरीय नहीं रहा । विश्व कप के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच एवं एक-दिवसीय श्रृंखला भी गंवा बैठी । हमारे क्रिकेट खिलाड़ियों की धार कुंद-सी होती जा रही है ।

आज हमें अपनी विजय का भरोसा ही नहीं होता । कभी-कभी हम स्वयं अपने प्रदर्शन पर चकित रह जाते हैं । यह भी सच है कि पिछले कुछ वर्षो में हमारे देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की योग्यता रखने वाले कुछ खिलाड़ी चमके हैं । साधारणतया हमें कुछ योग्य खिलाड़ियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है । टेनिस में हमारी आशा का केन्द्र लिएंडर पेस हैं । बैडमिंटन में भी हमारी आशाएं कई खिलाड़ियों पर टिकी हैं ।

दौड़ के क्षेत्र में तो पी.टी. उषा के संन्यास लेने के बाद शाइनी विल्सन, ज्योतिर्मयी सिकदर और अश्विनी नाचप्पा पर हमारी निगाहें टिकी हैं । इनके बाद हमारे खेलों का भविष्य क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है । खेल के क्षेत्र में राजनीति के प्रवेश के कारण कमियां उत्पन्न हो गई हैं । अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के चयन में राजनीति या बड़े अधिकारी का दबाव हानिकारक होता है ।

ADVERTISEMENTS:

यह सच है कि भारत में 1982 में एशियाई खेलों और 1987 में विश्व कप क्रिकेट श्रृंखला का आयोजन अत्यंत सफलतापूर्वक हुआ । लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इन प्रतियोगिताओं के आयोजन मात्र से खेल का स्तर उठ नहीं सकता ।

हमारा देश घनी आबादी वाला देश है । हम अधिक संख्या में महिलाओं और पुरुषों को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन दे सकते हैं । सर्वप्रथम, अच्छे खिलाड़ियों का चुनाव उनके बाल्यकाल से ही कर लिया जाना चाहिए । उनकी प्रतिभा और विभिन्न खेलों में रुचि की दृष्टि से उन्हें भिन्न-भिन्न वर्गो में विभाजित किया जाना चाहिए ।

तत्पश्चात उन्हें उचित प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए ताकि उनकी प्रतिभा का विकास हो सके । साथ ही सरकार को भी उन योग्य खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए । सरकार को इस कार्य को सामाजिक कल्याण के स्तर पर करना चाहिए । खेलों में सुधार के लिए पटियाला में स्थापित खेल संस्थान की भांति अन्य स्थानों पर भी संस्थान खोले जाने चाहिए । उचित प्रशिक्षण के द्वारा ही भारत में खेलों का स्तर ऊँचा उठ सकता है ।

हमारे देश में खेल के क्षेत्र की उपलब्धियाँ अत्यंत क्षीण हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है । यदि स्वस्थ वातावरण तैयार किया जाए और चयन उचित प्रक्रिया द्वारा किया जाए, तो हम इस क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकते हैं ।

किसी वरिष्ठ खिलाड़ी के सम्मान के लिए कार्यक्रम या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन द्वारा यह लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता । इसके लिए अपने खिलाड़ियों को प्रत्येक सुविधा प्रदान कराना जरूरी है, ताकि वे अंपने खेल को गंभीरतापूर्वक लें । इन आवश्यक प्रयासों के द्वारा ही विश्व के खेल मानचित्र पर भारत का नाम अंकित हो पाएगा ।

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जीवन में खेलों का महत्व निबंध | Importance of Sports Essay in Hindi,10 Lines (कक्षा-3 से 10 के लिए)

Importance of Sports Essay in Hindi

जीवन में खेलों का महत्व निबंध हिंदी में : हमारे जीवन में खेल का महत्व अत्याधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि खेल के द्वारा मनुष्य स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है। जब आप लोग खेल को खेलेंगे तो आप लोग मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे, जिससे आपकी एकाग्रता में वृद्धि होगी। अगर आप लोगों को एक अच्छी स्वास्थ्य की जरूरत है तो अपने जीवन में खेल के महत्व को समझे और अपने जीवन में किसी प्रकार के खेल को खेलना शुरू कर दें। जिससे आप लोग कई प्रकार की बीमारी से दूर रहेंगे। हम आपको लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से जीवन में खेलों का महत्व का छोटे बड़े निबंध को पेश कर रहे है, जो आप किसी भी खेलों का महत्व निबंध के लिए यूज कर सकते हैं। इस निबंध को आप स्कूल से लेकर कॉलेज से लेकर और किसी भी बड़ी निबंध प्रतियोगिता में इस्तमाल कर सकते हैं। इस लेख में लिखे गए निबंध कक्षा 3,4,5,6,7,8,9,10 से लेकर कॉलेज तक के लिए छोटे बड़े निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। जिसके माध्यम से आप लोग अपने जीवन में खेल के महत्व को समझ सकेंगे और साथ ही साथ जिन विद्यार्थी को जीवन में खेलों का महत्व का निबंध कैसे लिखें तो यह लेख आपके बहुत काम आएगा। खेलों का महत्व पर अच्छे निबंध को पढ़ने और पढ़ाने के लिए इस लेख को आखिर तक जरुर पढ़े।

जीवन में खेल का महत्व निबंध (300 शब्द) Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Nibandh

हमें अपने जीवन में खेलकूद को सम्मिलित करने चाहिए क्योंकि खेलकूद के द्वारा हमेशा सेहत स्वस्थ रह सकते हैं। जैसे कि आप लोगों को पता है खेल के महत्व को अभी पूरे विश्व के लोग समझ रहे हैं। खेल कई प्रकार के होते हैं आप किसी भी प्रकार का अगर खेल खेलेंगे तो आप लोग मानसिक रूप से काफी स्वस्थ रहेंगे। जिससे आप लोगों का व्यक्तिगत विकास होगा। वर्तमान समय में बच्चों एवं युवा वर्ग लोगों को किसी प्रकार के खेल को खेलना चाहिए। बच्चे अगर किसी प्रकार के खेल को खेलेंगे तो वह मानसिक रूप से काफी स्वस्थ रहेंगे, जिससे उनको पढ़ाई लिखाई में काफी सहायता मिलेगी।

हमारे जीवन में खेल का अधिक महत्व है। हम आप लोगों को बता दें कि जो व्यक्ति खेलकूद में सम्मिलित रहता है वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता है और वह सही रूप से काफी स्वस्थ रहता है। जैसे कि आप लोगों को पता है वर्तमान समय में जैसा खाना पीना हो गया है। जिससे अधिकतर लोग बीमार पड़ जाते हैं और वह कई प्रकार कि बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं। लेकिन जैसे ही आप लोग अपने जीवन में खेल के महत्व को समझेंगे और किसी प्रकार के खेल खेलेंगे तो आप इन सभी समस्याओं से मुक्त रहेंगे। अगर आप लोग किसी प्रकार के खेल को खेलेंगे तो मोटापा संबंधी समस्याओं से मुक्त रहेंगे। क्योंकि किसी प्रकार के खेल में परिश्रम लगता है और परिश्रम करने से आपका शरीर ज्यादा मोटापा नहीं हो पाएगा। हम लोगों को अपने जीवन में किसी भी प्रकार के खेल को सम्मिलित करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें:- शिक्षा का महत्व पर निबंध

जीवन में खेल का महत्व निबंध (500 शब्द) Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Nibandh

वर्तमान समय में शारीरिक रूप से स्वास्थ्य एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए आपको अपने जीवन में किसी प्रकार के खेल को सम्मिलित करना होगा क्योंकि अगर आप लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं रहेंगे तो आपका व्यक्तिगत विकास नहीं हो पाएगा और इस प्रकार आप लोग अपने कार्य क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाएंगे और साथ ही साथ छोटे बच्चे अगर अपने जीवन में खेल के महत्व को नहीं समझेंगे तो उनका मानसिक विकास नहीं हो पाएगा जिससे उनके पढ़ाई लिखाई के क्षेत्र में विकास नहीं कर पाएंगे इसलिए हम लोगों को अपने दैनिक जीवन में 24 घंटा में काम से कम एक-दो घंटा खेलकूद के लिए समय को निकालना चाहिए |

बच्चों एवं युवाओं के जीवन में खेल क्यों जरूरी है

 वर्तमान समय में हम लोगों के सभी वर्गों के लिए खेल काफी जरूरी है अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो उनको भी खेलना जरूरी है और अगर युवाओं है तो उनको भी खेलना जरूरी है क्योंकि छोटे बच्चों को खेलने से उसका शारीरिक एवं मानसिक विकास का भी तेजी के साथ होगा जो आगे चलकर उसे किसी प्रकार का समस्या नहीं होगा और साथ ही साथ युवा अगर किसी प्रकार के खेल को खेलेंगे तो वह शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे और उन पर किसी प्रकार का बीमारी हावी नहीं हो सकेगा

खेल के प्रकार

जैसे कि आप लोगों को पता है विश्व में कई प्रकार के खेल उपलब्ध है साधारणता खेल दो प्रकार की होते हैं, एक जो बाहर में खेले जाते हैं अर्थात मैदान में और दूसरा जो घर के अंदर खेले जाते हैं।मैदान में खेले जाने वाले खेल कबड्डी क्रिकेट फुटबॉल हॉकी बेसबॉल टेनिस बैडमिंटन इत्यादि खेल प्रमुख है और घर के अंदर खेलने वाला खेल शतरंज केरम लूडो ताश ताश इत्यादि गेम प्रमुख होते हैं इन दोनों ही प्रकार के खेल के द्वारा आप लोगों का शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे |

जैसे हमारे जीवन में खाना पीने के साथ-साथ व्यायाम करना जरूरी होता है। उसी प्रकार हमारे जीवन में किसी प्रकार का खेल खेलना भी उतना ही जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपको एक अच्छा स्वस्थ शरीर की जरूरत है, तो अपने जीवन में खेल के महत्व को समझना होगा। खेल एक ऐसी दवा है जो आपको कई प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करेगा और अगर आप लोगों का शरीर स्वस्थ रहेगा। तो आप लोग कई क्षेत्रों में विकास की सीढ़ी पर चढ़ते जाएंगे, जिससे आपका सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति दोनों ही अच्छे होंगे।

जैसे कि मैं इस आर्टिकल में है 500 शब्दों में आर्टिकल कैसे लिखें इसकी जानकारी प्रदान किया हूं जिसमें आप लोग बच्चे एवं युवाओं के जीवन में खेलकूद क्यों जरूरी है एवं खेल के कितने प्रकार है, और खेल के द्वारा क्या लाभ प्राप्त होता है संबंधी जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान की गई है जो आप लोगों काफी पसंद आया होगा |

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जीवन में खेल का महत्व निबंध (750 शब्द) Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Nibandh

हमारे दैनिक जीवन में खेल का काफी महत्वपूर्ण स्थान है प्राचीन काल से ही लोग खेल के प्रति काफी रुचि रखते थे और तरह-तरह के खेल खेलते थे जिससे पहले के लोग काफी तंदुरुस्त और ताकतवर और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते थे विभिन्न प्रकार के बीमारियों का रामबाण इलाज खेल होता है अगर आप अपने दैनिक जीवन में कम से कम 1 से 2 घंटा खेलेंगे तो आपको कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी इसलिए हम लोगों को अपने जीवन में खेल को अपना एक अभिन्न अंग बना लेना चाहिए

  खेल का विभिन्न प्रकार

खेल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-

  • इनसाइड खेल (Inside PLay)
  • आउटसाइड खेल Out Side Play)

इन दोनों प्रकार के खेलों का जानकारी विस्तार पूर्वक निम्न रूप से दे रहा हूं जिसको आप लोग फॉलो करें:-

  • इंसाइड खेल:- इनसाइड खेल का अर्थ हुआ जिस खेल को हम लोग अपने घरों में खेलते हैं उसे इनसाइड खेल कहते हैं इस प्रकार के खेल के अंतर्गत लूडो शतरंज केरम पासा इत्यादि आते हैं इस प्रकार खेल को खेलने से आप लोगों का मानसिक विकास होगा
  • आउटसाइड खेल:- आउटसाइड खेल का अर्थ हुआ जिस खेल को हम लोग अपने घरों से बाहर अर्थात मैदान में खेलते हैं उसे आउटसाइड खेल कहते हैं इस प्रकार के खेल के अंतर्गत कबड्डी, क्रिकेट, फुटबॉल ,टेनिस, बैडमिंटन, वॉलीबॉल ,हॉकी इत्यादि गेम आते हैं | इस प्रकार के खेल को खेलने से आप लोगों का शारीरिक रूप से विकास होगा एवं आपका स्वास्थ बिल्कुल तंदुरुस्त रहेगा |

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खेल को खेलने से प्राप्त होने वाले फायदे :-

Jivan Me Khel Ka Mahatav Hindi Me: जो लोग अपने दैनिक जीवन में खेल को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिए हैं वे लोग शारीरिक रूप से काफी स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रहते हैं अर्थात अगर आप लोग खेल को अपने दैनिक जीवन में  प्रत्येक दिन कुछ घंटा लगातार नियम के अनुसार खेलेंगे तो आप लोगों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होगा:-

अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति

अगर आप लोग अपने दैनिक जीवन में किसी प्रकार के खेल को खेलेंगे तो आपको एक अच्छा स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी खेल भी एक प्रकार का व्यायाम की तरह होता है जो हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का बीमारी को हावी नहीं होने देता है |

खेल के द्वारा मस्तिक विकास

मैं आप लोगों को बता दूं कि ऐसे कई प्रकार के खेल होते हैं जो हमारे मस्तिक के विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है जैसे शतरंज का खेल अर्थात अगर आप लोग अपने दैनिक जीवन में खेल को अपना एक हिस्सा बना लेंगे तो आप लोगों का मस्तिक विकास काफी तेजी के साथ होगा |

मनोरंजन का साधन

अगर आप लोग अपने दैनिक जीवन में खेल को एक अपना एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेंगे तो शारीरिक रूप से स्वास्थ के साथ-साथ मनोरंजन साधन भी प्राप्त कर सकेंगे अर्थात आप लोग जब किसी खेल को खेलेंगे तो काफी आनंद की प्राप्ति कर पाएंगे। मनोरंजन  प्राप्त करने वाले खेल जैसे लूडो खेल है |

शिक्षा एवं रोजगार प्रदान करने में सहायक

अगर आप लोगों के घरों में कोई छोटा बच्चा है तो उसे किसी प्रकार का खेल को खिलाना चाहिए ताकि उसका मानसिक रूप से विकास हो सके और मानसिक रूप से विकास होने में उसका शिक्षा को ग्रहण करने में काफी सहायता प्रदान होगा और साथ ही साथ अगर कोई युवा वर्ग के लोग हैं तो उनको भी किसी न किसी प्रकार का खेल को खेलते रहना चाहिए ताकि उनका शारीरिक रूप से वह स्वस्थ रहे क्योंकि रोजगार के क्षेत्र में जब आपका सिलेक्शन होगा तो आपका फिजिकल टेस्ट होगा जिसमें अगर आपका शारीरिक रूप में किसी प्रकार का समस्या होगा तो आपका सिलेक्शन नहीं हो पाएगा इसलिए आप लोगों को अपने दैनिक जीवन में खेल को महत्व देना चाहिए |

ऊपर दिए गए खेल के द्वारा प्राप्त होने वाले फायदे के अलावे भी और भी फायदे होते हैं इसलिए आप लोग अपने दैनिक जीवन में खेल को अपना एक हिस्सा बना ले |

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खेल के क्षेत्र में करियर

मैं आप लोगों को बता दूं कि वर्तमान समय में खेल के क्षेत्र में कई लोग अपना कैरियर बना रहे हैं और उनको सफलता भी मिल रही है जैसे की पहले के लोग खेलकूद को उतना महत्व नहीं देते थे और कहते थे ‘खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब और पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब’ लेकिन समय के साथ साथ परिवर्तन होते चला गया और वर्तमान समय में लो किसी भी एक प्रकार के खेल को अपने जीवन में ग्रहण करके उस खेल के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रहे हैं अगर आप लोग नौकरी करेंगे तो एक सीमित पैसा प्राप्त होगा लेकिन अगर आप लोग किसी भी खेल के क्षेत्र में सफल हो गए तो पैसा के साथ-साथ सम्मान की प्राप्ति होगी |

जीवन में खेल का महत्व पर निबंध (PDF Download )

जीवन में खेल का महत्व निबंध PDF Download करने का लिंक इस आर्टिकल में प्रदान की जाएगी जिस पर आप लोग क्लिक करके PDF को डाउनलोड कर सकेंगे |

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जीवन में खेल का महत्व निबंध (100 शब्द) Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Nibandh

अगर हम लोगों को एक अच्छा स्वास्थ प्राप्त करना है तो अपने दैनिक जीवन में खेल के महत्व को समझना होगा क्योंकि खेल एक ऐसा दावा है जो कई प्रकार के बीमारियों से मुक्ति प्रदान करती है अगर आप लोग अपने दैनिक जीवन में नियम अनुसार प्रत्येक दिन 1 से 2 घंटा खेलेंगे तो बिल्कुल तंदुरुस्त एवं स्वस्थ रहेगा खेल का अहमियत क्या होता है इसकी जानकारी हम लोगों  के प्रत्येक वर्ग को होनी चाहिए जैसे कि आप लोगों को बता दो वर्तमान समय में मोटापा एक भारी समस्या बन गई है लोग वजन को कम करने के लिए भारी मात्रा में पैसा खर्च करते हैं लेकिन अगर आप लोग अपने दैनिक जीवन में खेल को अहमियत देंगे तो आप लोगों को इस प्रकार की समस्याओं से जूझना नहीं पड़ेगा |

जीवन में खेल का महत्व निबंध 10 Lines

Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Nibandh, 10 Lines

  • खेल को खेलने से हम लोगों का शरीर स्वस्थ रहता है |
  • बच्चों को खेल को खेलने से उनका मस्तिक विकास होता है |
  • अगर हम लोग अपने दैनिक जीवन में नियम अनुसार खेल को खेलेंगे तो कई प्रकार के रोग से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा
  • खेल खेलना एक प्रकार का व्यायाम की तरह होता है |
  • खेल को किसी भी वर्ग के लोग खेल सकते हैं |
  • कुछ खेल ऐसे होते हैं जो हम लोगों का मस्तिक को विकास करता है  जैसे लूडो शतरंज |
  • खेल क्षेत्र में है आप लोग अपना करियर को बना सकते हैं |
  • अपने दैनिक जीवन में मनोरंजन साधन के रूप में खेल को खेल सकते हैं |
  • जब हम लोग किसी प्रकार से तानवयुक्त रहते हैं तो हम लोग अपने खेल के द्वारा अपने तनाव को दूर कर सकते हैं |
  • अगर हम लोगों को मोटापा जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो खेल को अपने जीवन में एक हिस्सा बना ले |

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल जीवन में खेल का महत्व निबंध संबंधी जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान की गई है जो आप लोगों काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप हमारे आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न आपके मन में है तो आप लोग हमारे कमेंट बॉक्स में आकर अपने प्रश्न को पूछ सकते हैं मैं आप लोगों प्रश्नों का जवाब जरूर दूंगा |

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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