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मेरी दिनचर्या पर निबंध | Daily Routine Essay In Hindi

My Daily Routine Essay In Hindi नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत है आज हम मेरी दिनचर्या पर हिंदी निबंध और भाषण (स्पीच) के रूप में यह आर्टिकल दिया गया हैं.

हम सुबह से शाम तक जो कुछ करते है नियमित रूप से करते हैं, यह हमारी दिनचर्या यानी डेली रूटीन कहलाती हैं. स्कूल में पढने वाले बच्चों को जब मेरी दिनचर्या के बारे में निबंध लिखने को कहा जाए तो आप इस लेख की मदद ले सकते हैं.

मेरी दिनचर्या पर निबंध Daily Routine Essay In Hindi

मेरी दिनचर्या पर निबंध | Daily Routine Essay In Hindi

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निबंध 1 : मेरी दिनचर्या

मैं कक्षा चार का विद्यार्थी हूँ मेरी दिनचर्या बहुत साधारण है. सप्ताह के छः दिन एवं रविवार की दिनचर्या अमूमन एक सी ही रहती हैं. मैं नित्य सवेरे छः बजे उठता हूँ.

उठने के पश्चात दातुन करके शौच आदि से निवृत होने के पश्चात हल्का नाश्ता करता हूँ. नाश्ता करने के उपरान्त दादाजी के साथ सुबह की वाक पर जाता हूँ.

भ्रमण से लौटने के पश्चात नहा धोकर विद्यालय के लिए तैयार होता हूँ तथा माँ के साथ पाठ पूजा में बैठने के उपरान्त आशीर्वाद लेकर अपने दोस्तों के साथ विद्यालय को प्रस्थान करता हूँ.

सुबह 10 बजे मेरा विद्यालय खुलता है तथा चार बजे की छुटी के बाद घर लौट आता हूँ. माँ नाश्ता करवाती है इसके बाद खेलने चला जाता हूँ. आठ से नौ बजे तक अपने रीडिंग रूम में गृहकार्य करता हूँ तथा दस बजे खाना खाकर सो जाता हूँ.

इस तरह यह साधारण दिनचर्या हर दिन दोहराता रहता हूँ. छुट्टी के दिन कही बाहर परिवार के साथ घूमने जाता हूँ अथवा अपने दोस्तों के साथ खेलने में छुट्टी का दिन बीत जाता हैं.

निबंध 2 : दैनिक दिनचर्या

प्रस्तावना – मैं आठवीं क्लाश का विद्यार्थी हूँ इस कारण मेरी नित्य दिनचर्या बड़े नियमों में बंधी हुई हैं. विगत वर्ष आयोजित वार्षिकोत्सव के मौके पर जिला कलक्टर महोदय ने विद्यार्थी जीवन में दिनचर्या के महत्व पर दिए  महत्वपूर्ण  भाषण   से अत्यधिक प्रेरित होकर मैंने इसे अपने जीवन का मूल मन्त्र बना दिया हैं.

स्वास्थ्य, धन और बुद्धिमता जैसे गुणों के विकास में स्वस्थ और अनुशासित नित्य दिनचर्या का अहम योगदान हैं.

सुबह का कार्यक्रम – मैं कटिबद्ध रूप से अपनी दिनचर्या का पालन करता हूँ इसी कड़ी में मैं नित्य सवेरे पांच बजे उठता हूँ उठने के बाद शौच से निवृत होने के बाद ठंडे जल से नहाता हूँ फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर सवेरे भ्रमण के बाद मन्दिर में दर्शन के लिए जाता हूँ.

वापिस घर लौटने के बाद दो बिस्कुट या एक डबलरोटी का टुकड़ा और एक गिलाश दूध के साथ अपना नाश्ता लेता हूँ. सवेरे नौ बजे तक मैं अपने कक्ष में जाकर पढ़ाई करता हूँ.

पिछले दिन दिए गये गृहकार्य और पढ़ाई गयी विषयवस्तु को दोहराता हूँ. तथा अगले दिन के लिए पढाए जाने वाले पाठ को एक बार के लिए पढ़ लेते थे.

मैं एक विद्यार्थी होने के नाते मेरे विध्याध्यन का तरीका भी अलग हैं. कुछ लोग केवल परीक्षा के वक्त ही पढ़ते हैं मैं नियमित अध्ययन की ओर ध्यान देता हूँ तथा सत्र के पहले दिन से ही परीक्षा के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई में जुट जाता हूँ.

मेरी नियमित दिनचर्या के पहले पड़ाव में सुबह के नित्यादी कार्य के बाद २ घंटे की पढ़ाई के बाद 9;30 को मैं विद्यालय के लिए घर से निकल जाता हूँ.

स्कूल का कार्यक्रम – मेरे एक दिन का दूसरा सफर दस बजे स्कूल में प्रवेश से आरम्भ होता हैं. २० मिनट के पैदल सफर के बाद मैं समय पर स्कूल पहुँचता हूँ तथा प्रार्थना आदि में भाग लेने के बाद 10:30 बजे से हमारी स्कूल क्लाश आरम्भ हो जाती हैं. मेरा शिक्षा स्तर काफी अच्छा रहा है विगत वर्षों में मैंने प्रथम श्रेणी से उतीर्ण की हैं.

गणित तथा अंग्रेजी विषयों में मेरी अच्छी पकड़ हैं तथा मैं अध्यापक जी द्वारा पूछे गये हर सवाल का जवाब देता हूँ. इस कारण कक्षा में मेरी पहचान एक होनहार विद्यार्थी के रूप में भी हैं.

मेरी कक्षा में कई छात्र ऐसे हैं जिनका पढ़ाई को लेकर कोई आकर्षण नहीं हैं. वे ठीक से न तो क्लाश में पढ़ते है न शिक्षक द्वारा पूछे किसी सवाल का जवाब देते है.

परीक्षा के समय तैसे वैसे जुगाड़ करके पास होने के लिए माँ बाप या किसी पहचान वाले से सिफारिश करवाते हैं अथवा परीक्षा के समय में आगे पीछे बैठने वाले की तांक झांक में ही रहते हैं. मुझे ऐसे साथियों से हमेशा कड़ी शिकायत रहती हैं.

मेरी क्लाश में विद्यालय के टाइम टेबल के मुताबिक़ पढ़ाई होती हैं. बारी बारी से अलग अलग विषयों के अध्यापक हमे पढ़ते हैं पहले तीन कालांशों में गणित विज्ञान और अंग्रेजी की पढाई होती है. मैं पूर्ण एकाग्रता भाव से कक्षा में उपस्थित रहने का प्रयास करता हूँ.

स्कूल के बाद का कार्यक्रम – विद्यालय के समयानुसार चार बजकर तीस मिनट पर हमारी क्लाशे खत्म कर छुट्टी कर दी जाती हैं मैं अपने दोस्तों के साथ उसी वक्त घर के लिए निकल जाता हूँ.

घर आकर स्थानबद्ध कपड़े, जूते और स्कूल बैंग रखने के बाद हाथ धोकर खाने की टेबल पर जाता हूँ. सायं साढ़े पांच बजे पास ही के मैदान में खेलने के लिए निकल जाता हूँ.

खेल के मैदान में अपने साथियों के साथ क्रिकेट खेल खेलते हैं अगले दो घंटे तक हम क्रिकेट का भरपूर आनन्द लेते हैं. जब तक शरीर की ऊर्जा भी जवाब दे देती है और थके हारे पैर घर की तरफ चल पड़ते हैं. घर आकर ठंडे पानी से नहाने के बाद शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता हैं.

नहाने के बाद कुछ वक्त अपने दादाजी के साथ टहलने के लिए पार्क में चले जाते हैं. घर लौटने पर माताजी खाना बना चुकी होती हैं परिवार के सभी लोग साथ बैठकर खाना खाते हैं. खाने के बाद माँ और दादी के साथ हम टीवी देखते और रात नौ बजे अपने शयनकक्ष में सोने के लिए चला जाता हूँ.

रविवार का कार्यक्रम : हफ्ते का वह दिन जिसके आने का मुझे बड़ा इंतजार रहता हैं वह है रविवार. यह दिन रोजाना की दिनचर्या से हटकर कुछ अलग ही होता हैं, हालांकि सुबह उठने के बाद १० बजे तक मेरी दिनचर्या वही होती हैं जो सप्ताह के अन्य छः दिन की होती हैं.

स्कूल जाने के वक्त से रविवार के दिन मेरे कार्यक्रम बदल जाते हैं, सर्वप्रथम मैं अपने कमरे, अलमारी आदि की सफाई करने में लग जाता हूँ तथा बाद में अपने पापा के साथ सिनेमा के लिए जाते हैं. और सायं को अपने दोस्तों के साथ कहीं नजदीकी स्थान पर घुमने के लिए जाता हूँ. इस तरह रविवार का मेरी दिनचर्या में महत्वपूर्ण स्थान हैं.

उपसंहार – विद्यार्थी काल को जीवन का स्वर्णकाल माना गया हैं. इस पड़ाव में व्यवस्थित जीवन जीने की बहुत आवश्यकता हैं. जीवन जब तक नियमों और अनुशासन में बंधा नहीं होगा तब तक हम अपने इच्छित लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं.

अतः प्रत्येक विद्यार्थी को जीवन में एक स्वस्थ दिनचर्या बनाते समय जल्दी सोना और जल्दी उठना को अवश्य शामिल करना चाहिए.

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Hindi Essay on “My Daily Routine”, “मेरी दिनचर्या”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरी दिनचर्या.

My Daily Routine 

मैं चौथी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मेरी दिनचर्या बहुत ही साधारण है। एक बार मैंने अपने अध्यापक से सुना था कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसलिए मैं सुबह जल्दी उठता हूँ। मैं सुबह 5.30 बजे उठ जाता हूँ। उसके बाद आधा घंटा अपने बगीचे में सैर करता हूँ। तथा उसके बाद नहाता हूँ उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनकर मंदिर जाता हूँ। मेरी दादी जी ने मुझे सिखाया कि रोज सुबह भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए। मंदिर से आने के बाद मैं अपना नाश्ता करता हूँ। नाश्ते में मैं दूध और ब्रेड, फल इत्यादि खाता हूँ। उसके बाद मैं अपनी किताबों को बैग में लगाकर तैयार करता हूँ तथा 7.30 पर विद्यालय के लिए निकल जाता हूँ। मेरा विद्यालय 8.00 बजे शुरू होता है। मैं 7.45 पर विद्यालय पहुँच जाता हूँ और अपने विद्यालय में ध्यान से पढ़ाई करता हूँ।

विद्यालय की छुट्टी 2.00 बजे होती है। मैं घर में 2.15 तक पहुँच जाता हूँ। और उसके बाद खाना खाकर मैं 1 घंटे आराम करता हूँ। 3.00 बजे से 5.00 बजे तक मैं अपने विद्यालय का कार्य करता हैं और उसके बाद शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट या बैडमिंटन खेलने चला जाता हैं। जससे मझमें नई ताजगी आती है। दो घंटे खेलने के बाद 7.00 बजे मैं घर आ जाता हैं। उसके बाद मैं नहाता हूँ अब मैं अपने आपको बड़ा हल्का महसूस करता हूँ। रात का खाना खाने के बाद मैं थोड़ी देर अपने पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूँ। वहाँ से आने के बाद मैं अपनी माताजी के पास बैठ जाता हूँ वह मुझे अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। और 9.30 के करीब मैं सो जाता हूँ। रविवार के दिन मैं अक्सर अपने रिश्तेदार के घर घूमने चला जाता हूँ क्योंकि छुट्टी वाले दिन विद्यालय नहीं जाना होता। लेकिन मैं छुट्टी वाले दिन भी जल्दी उठना तथा जल्दी सोना कभी नहीं भूलता।

My Daily Routine

रूप – रेखा  

दिनचर्या का अर्थ , प्रात : काल की दिनचर्या , स्कूल की तैयारी , स्कूल में कार्य , दोपहर बाद की दिनचर्या , शाम की दिनचर्या , रात की दिनचर्या ।

सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम लोग प्रतिदिन जो कार्य करते हैं, उसे दिनचर्या कहते हैं । इस प्रकार नित्यप्रति किया जाने वाला कार्य व्यवहार दिनचर्या कहलाता है । दिनचर्या का नियमित होना बहुत होता है । यह जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है। एक छात्रा हूँ। मेरी दिनचर्या प्रातः पाँच बजे से आरंभ होती है । मैं बजे उठकर मुँह-हाथ धोती हूँ। फिर एक गिलास पानी पीकर शौच जाती हैं। इसके बाद मैं पिताजी और माँ के साथ सुबह की सैर के लिए निकल पडती हूँ। आधे घंटे की सैर से पूरा व्यायाम हो जाता है। प्रात: कालीन सूर्य के दर्शन में मन प्रफुल्लित हो उठता है। मैं सूर्य देवता को नमस्कार कर घर की राह पकड़ती हूँ।

सैर से लौटकर आधे घंटे में मैं स्कूल के लिए नहा-धोकर तैयार हो जाती हूँ। झटपट नाश्ता करती हूँ। स्कूल के पीरियड के अनुसार बस्ता तैयार करती हूँ। जूतों को ब्रश से झाडकर पहनती हूँ। फिर स्कूल बस पकड़ने के लिए सड़क के किनारे खडी हो जाती हूँ। लेकिन ये सारे काम स्कूल में छुट्टी होने की स्थिति में नहीं होते । छुट्टी के दिनों की दिनचर्या कुछ अलग होती है। नहा-धोकर नाश्ता करती हूँ और अध्ययन में जुट जाती हूँ।

स्कूल पहुँचने पर मेरी दिनचर्या सामूहिक दिनचर्या का रूप ले लेती है। मध्यावकाश में सभी विद्यार्थी प्रसन्न होकर लंच करते हैं। समय मिलने पर उछल-कूद भी खूब होती है । छुट्टी होने पर स्कूल बस मुझे समय पर घर तक छोड़ आती है। घर लौटकर बस्ते को सही जगह पर रखती हूँ। स्कूल ड्रैस, जूता आदि यथास्थान रखकर मुँह-हाथ धोती हूँ। फिर भोजन का कार्यक्रम होता है। भोजन के बाद आधे घंटे का विश्राम होता है।

शाम के तीन से पाँच बजे तक पढ़ाई करती हूँ । इसी समय से मिले गृहकार्य को निबटाती हूँ। माता जी गृहकार्य को पूरा करते पूरा सहयोग देती हैं । गृहकार्य से निबटकर पढ़ाए गए पाठों को दोहराती भी हूँ। दो घंटे बहुत जल्दी बीत जाते हैं । घर पर पढ़ाई के ये दो घंटे बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

शाम पाँच बजे से साढ़े छह बजे तक का समय मैंने खेल निश्चित कर रखा है। मैं अपनी सहेलियों के साथ बैडमिंटन खेलती हूँ। यह मेरा सबसे प्रिय खेल है । खेल के दौरान सहलियों से थोडी गप-शप भी होजाती है । खेल का कार्यक्रम समाप्त कर हाथ-मुंह धोती हूँ। इस समय घर में सामूहिक प्रार्थना होती है । में प्रार्थना और आरती में भाग लेती हूँ। इससे मन में शांति आती है।

सात से नौ बजे तक पढ़ाई चलती है । थोड़ी देर के लिए पिताजी का मार्गदर्शन भी मिलता है । यह समय एक या दो विषयों को विस्तार से पढ़ने का होता है । नौ बजते ही मैं टी.वी के सामने बैठ जाती हूँ । इस समय मैं अपना मनपसंद कार्यक्रम देखती हूँ। इसी दौरान माँ गरमागरम भोजन परोस देती है । खाना खाते-खाते दस बज जाते है । नींद के झोंके आने लगते हैं । मैं बिस्तर पर जाकर सो जाती हूँ। यही मेरी दिनचर्या है।

छुट्टी के दिनों में मेरी दिनचर्या में कुछ मनोरजक बदलाव आ जाता है । छुट्टी के दिनों में मैं घर के कामों में माँ का हाथ बँटाती हूँ । इन दिनों में अपनी चित्रकारी के शौक को भी पूरा करती हूँ । सहेलियों से मिलने-जुलने का कार्यक्रम भी इन्हीं दिनों में होता है।

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मेरी दिनचर्या पर निबंध

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मैं तीसरी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मेरी दिनचर्या बहुत ही साधारण है। एक बार मैंने अपने अध्यापक से सुना था कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसलिए मैं सुबह जल्दी उठता हूँ। मैं सुबह 6 बजे उठ जाता हूँ। उसके बाद आधा घंटा अपने बगीचे में सैर करता हूँ।

तथा उसके बाद नहाता हूँ उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनकर मंदिर जाता हूँ। मेरी दादी जी ने मुझे सिखाया कि रोज सुबह भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए। मंदिर से आने के बाद मैं अपना नाश्ता करता हूँ। नाश्ते में मैं दूध और ब्रेड, फल इत्यादि खाता हूँ। उसके बाद मैं अपनी किताबों को बैग में लगाकर तैयार करता हूँ तथा 8.00 पर विद्यालय के लिए निकल जाता हूँ।

मेरा विद्यालय 8.30 बजे शुरू होता है। मैं 8.15 पर विद्यालय पहुँच जाता हूँ और अपने विद्यालय में ध्यान से पढ़ाई करता हूँ। विद्यालय की छुट्टी 2.30 बजे होती है। मैं घर में 2.45 तक पहुँच जाता हूँ। और उसके बाद खाना खाकर मैं कुछ देर आराम करता हूँ। 3.30 बजे से 5.00 बजे तक मैं अपने विद्यालय का कार्य करता हैं और उसके बाद शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट या बैडमिंटन खेलने चला जाता हैं। जिससे मुझमें नई ताजगी आती है।

दो घंटे खेलने के बाद 7.00 बजे मैं घर आ जाता हैं। उसके बाद मैं नहाता हूँ अब मैं अपने आपको बड़ा हल्का महसूस करता हूँ। रात का खाना खाने के बाद मैं थोड़ी देर अपने पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूँ। वहाँ से आने के बाद मैं अपनी माताजी के पास बैठ जाता हूँ वह मुझे अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। और 9.30 के करीब मैं सो जाता हूँ।

रविवार के दिन मैं अक्सर अपने रिश्तेदार के घर घूमने चला जाता हूँ क्योंकि छुट्टी वाले दिन विद्यालय नहीं जाना होता। लेकिन मैं छुट्टी वाले दिन भी जल्दी उठना तथा जल्दी सोना कभी नहीं भूलता।

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मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध- Essay On My Daily Routine In Hindi

Essay On My Daily Routine In Hindi

Essay On My Daily Routine In Hindi : इस लेख में 3 अलग-अलग प्रकार के मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध  लिखे गए हैं। यह निबंध हिंदी भाषा में लिखा गया है और शब्द गणना के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। आप नीचे दिए गए पैराग्राफ में 100 शब्दों, 200 शब्दों, 400 शब्दों, 500 और 1000 शब्ब्दो तक के निबंध प्राप्त कर सकते हैं।

हमने अपने मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध  के बारे में बहुत सी बातें तैयार की हैं। यह कक्षा 1, 2,3,4,5,6,7,8,9 से 10वीं तक के बच्चों को मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध   लिखने में मददगार होगा।

मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध (100 शब्द) – Essay On My Daily Routine In Hindi In 100 words

सभी को दिनचर्या का पालन करना चाहिए। एक छात्र के रूप में, मैं अपने लिए एक बहुत ही सरल और आसान दिनचर्या का पालन करता हूँ। मैंने अपने भाई और अपने एक शिक्षक की मदद से यह दिनचर्या बनाई है। मेरा दिन सुबह बहुत जल्दी शुरू होता है।

मैं 5 बजे उठता हूं और मॉर्निंग वॉक पर जाता हूं। मैं अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक हूं। मैं खुद को फिट एंड फाइन रखने की पूरी कोशिश करता हूं। मॉर्निंग वॉक के बाद ठंडे पानी से नहाता हूं और फिर 10 मिनट आराम करता हूं।

आराम के बाद मैं अपना नाश्ता करता हूं। और फिर मैं अपने पढ़ने के कमरे में जाता हूँ। मुझे सुबह के समय विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ना अच्छा लगता है। पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। फिर मैं खुद को स्कूल के लिए तैयार करता हूं।

ठीक 9.30 बजे पापा मुझे स्कूल ले जाते हैं। मैं दोपहर 3 बजे स्कूल से वापस आता हूँ। मैं अपना दोपहर का भोजन स्कूल के अवकाश के समय में खाता हूँ, मैं अपना भोजन अपने पास रखता हूँ। फिर मैं अपने घर में आराम करता हूं और क्रिकेट खेलने के लिए बाहर जाता हूं।

फिर मैं बाहर अंधेरा होने से पहले घर वापस आ जाता हूँ। मैं शाम 6 बजे पढ़ना शुरू करता हूँ और रात 9 बजे तक पढ़ता हूँ। फिर मैं अपना रात का खाना खाता हूं। सोने से पहले मैं 30 मिनट तक टीवी देखता हूं। वह सब मेरी दिनचर्या है।

मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध (300 शब्द) – Essay On My Daily Routine In Hindi In (300 words)

अगर आप अपने काम का बेहतरीन परिणाम पाना चाहते हैं तो आपको समय का सही प्रबंधन करने की जरूरत है। और समय प्रबंधन इतना आसान हो जाता है जब आप एक दैनिक दिनचर्या का पालन कर रहे होते हैं। एक छात्र के रूप में, मैं बहुत सख्त लेकिन सरल दिनचर्या का पालन करता हूं और इससे मुझे अपनी पढ़ाई और अन्य चीजों को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिलती है। आज मैं अपनी दिनचर्या के बारे में सब कुछ साझा करूँगा।

मेरी दिनचर्या:

मेरा दिन सुबह बहुत जल्दी शुरू होता है। मैं 4 बजे उठता हूँ। मैं बहुत देर से उठता था, लेकिन जब मैंने जल्दी उठने के स्वास्थ्य लाभों के बारे में सुना तो मैं जल्दी उठने लगा। फिर मैं अपने दांतों को ब्रश करता हूं और सुबह की सैर के लिए जाता हूं।

मुझे टहलने में बहुत मज़ा आता है क्योंकि यह सुबह जल्दी अच्छा महसूस करने में मदद करता है। कभी-कभी मैं कुछ बुनियादी व्यायाम भी करता हूँ। फिर मैं नहा धो कर नाश्ता करता हूँ। फिर मैं अपने स्कूल के टास्क तैयार करता हूं। मुझे सुबह के समय गणित और विज्ञान पढ़ना अच्छा लगता है।

क्‍योंकि मैं उस दौर में बेहतर एकाग्रता दे सकता हूं। मैं 9 बजे अपने स्कूल के लिए तैयार हो जाता हूँ और मेरी माँ मुझे 9.30 बजे वहाँ छोड़ने जाती हैं। मैं अपने दिन का अधिकांश समय स्कूल में बिताता हूँ। मैं अपना दोपहर का भोजन स्कूल की छुट्टी के समय में वहीं खाता हूँ।

मैं दोपहर 3.30 बजे स्कूल से वापस आता हूं और फिर 30 मिनट आराम करता हूं। मुझे दोपहर में क्रिकेट खेलना पसंद है। लेकिन हर दिन मैं नहीं खेल सकता।

मेरी शाम और रात की दिनचर्या:

जब मैं मैदान में खेलकर घर वापस आता हूँ तो मुझे बहुत थकान महसूस होती है। और फिर मैं 30 मिनट के लिए धो कर आराम करता हूं। मैं कुछ जूस या कुछ और खाती हूं जो मेरी मां मेरे लिए बनाती हैं। मैं शाम को 6.30 बजे पढ़ना शुरू करता हूं।

मैं दिन में ज्यादातर 9.30 बजे तक पढ़ता रहता हूं। मेरे अध्ययन के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। मैं अपना सारा गृहकार्य तैयार करता हूँ और कुछ अतिरिक्त अध्ययन भी करता हूँ। और फिर मैं अपना रात का खाना खाता हूं और सोने से पहले टेलीविजन देखता हूं।

यह सब मेरी दिनचर्या के बारे में है। मैं हमेशा इस रूटीन को फॉलो करने की कोशिश करता हूं। लेकिन कभी-कभी मुझे रूटीन में कुछ बदलाव लाने की जरूरत होती है। और जब मैं छुट्टी और स्कूल से छुट्टी का दिन बिताता हूँ, तो मैं इस दिनचर्या का बिल्कुल भी पालन नहीं कर पाता हूँ। मुझे लगता है कि यह दिनचर्या है

Essay On My Daily Routine In Hindi

मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध (500 शब्द) – Essay On My Daily Routine In Hindi In 500 words

सफल होने के लिए, हर किसी को सख्त कार्यक्रम या दिनचर्या का पालन करना चाहिए। खासतौर पर विद्यार्थी जीवन में हमें अपने समय का ठीक से प्रबंधन करने की जरूरत है। यदि हम समय का ध्यान रखने में विफल रहते हैं तो हम परीक्षा में अच्छा परिणाम नहीं दे सकते हैं।

आज मैं यहां अपनी दिनचर्या और अपना अनुभव साझा करने जा रहा हूं। मैं एक बहुत ही नियमित लड़का हूँ जो एक दिनचर्या का पालन करता है। मैंने लगभग छह महीने पहले अपने बड़े भाई की मदद से वह रूटीन बनाया था।

मैं अपनी पसंद के हिसाब से कुछ छोटे-छोटे बदलाव करता हूं और दिनचर्या में बदलाव करता हूं।

मैं सुबह को दिन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मानता हूं। प्रात:काल में आपको अपार शांति और शांत वातावरण मिलेगा। मेरे क्लास टीचर ने मुझे सुबह जल्दी उठने की सलाह दी। मैंने यहां उस सुझाव का बहुत गंभीरता से पालन किया और इसने मेरा दिन बना दिया।

अब मैं हमेशा सुबह 5 बजे उठ जाता हूं। सबसे पहले मैं वॉशरूम जाता हूं और अपने दांतों को ब्रश करता हूं। मैं अपना चेहरा धोता हूं और तौलिए से पानी पोंछता हूं। फिर मैं एक छोटी मॉर्निंग वॉक के लिए जाता हूं। मैं जानता हूं कि अच्छी सेहत के लिए मॉर्निंग वॉक बहुत जरूरी है।

कभी-कभी मैं व्यायाम भी करता हूं। ज्यादातर समय मैं लगभग 30 मिनट चलता हूं और डॉक्टर ने कहा कि मेरे लिए काफी है। यह छोटा सा वर्कआउट मुझे बाकी दिनों के लिए मजबूत रखता है। मैं टहलने के बाद घर वापस आ जाता हूं और फिर से फ्रेश हो जाता हूं।

मैं तब अपना नाश्ता खाता हूं। नाश्ता करने के बाद सुबह के समय मैथ और साइंस की पढ़ाई करता हूं। मुझे लगता है कि पढ़ाई के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।

विद्यालय के समय:

मैं सुबह 9.30 बजे स्कूल जाता हूँ। मेरे पिता मुझे अपनी कार से यहां छोड़ते हैं। लगातार चार क्लास के बाद मुझे 1 बजे ब्रेक मिलता है। और अंत में, मैं अपनी माँ के साथ शाम 4 बजे घर जाता हूँ।

वह रोज मुझे स्कूल से लेने आती है। क्योंकि स्कूल से कार से घर जाने में करीब 20 मिनट का समय लगता है। मैं स्कूल के समय का बहुत आनंद लेता हूं।

खाने और सोने की दिनचर्या:

मैं अपना नाश्ता खाता हूं और फिर स्कूल के अवकाश के समय में अपना दोपहर का भोजन करता हूं। मैं अपना लंच अपने साथ ले जाता हूं। मेरी मां मेरे खाने को लेकर बहुत जागरूक हैं। वह हमेशा मेरे लिए कुछ दिलचस्प बनाती है। मुझे पिज्जा और बर्गर खाना बहुत पसंद है, लेकिन वह मेरे लिए उस तरह का फास्ट फूड नहीं खरीदती।

वह उन्हें मेरे लिए खाना बनाना पसंद करती है। मुझे उसका बना हुआ पिज़्ज़ा बहुत पसंद है। और अंत में रात को 10 बजे पढ़ने और टीवी देखने के बाद मैं सोने चला जाता हूं। जब मैं सोने जाता हूं तो मैं अपने पूरे दिन के बारे में सोचता हूं।

छुट्टी दिनचर्या:

जब मेरा स्कूल बंद होता है और मेरे पास बहुत सारा खाली समय होता है, तो मेरी दिनचर्या थोड़ी अलग हो जाती है। मैं वीडियो गेम के लिए समय जोड़ता हूं, दोस्तों के साथ मैदान में खेलता हूं और अपने चचेरे भाइयों के साथ अधिक समय बिताता हूं।

यह सब मेरी दिनचर्या के बारे में है। मुझे इस दिनचर्या का पालन करना अच्छा लगता है और मैं इसके बारे में बहुत गंभीर हूं। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए एकदम सही है। आप मेरी दिनचर्या का भी पालन कर सकते हैं।

मेरी दिनचर्या पर 10 पंक्तियाँ निबंध – 1o Lines On Essay On My Daily Routine In Hindi

1. एक अच्छी दिनचर्या का पालन करने वाला व्यक्ति अपने काम और समय को ठीक से संभाल सकता है। जब आप नियमित होते हैं तो अपना समय प्रबंधित करना आसान होता है।

2. यह छात्रों के लिए एक उच्च प्राथमिकता है। और इसलिए मैं अपने समय का प्रबंधन करने के लिए एक बहुत ही सरल दिनचर्या का पालन करता हूं।

3. मेरी दिनचर्या बहुत आसान और सरल है। यह मुझे ठीक से पढ़ने, समय पर खाने और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद करता है।

4. मैं सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले प्रार्थना करता हूँ। मेरी मां हमेशा मुझे सुबह जल्दी प्रार्थना करने की सलाह देती हैं।

5. और फिर मैं मॉर्निंग वॉक के लिए जाता हूं। 30 मिनट चलने के बाद मैं घर वापस आता हूं और नहाने जाता हूं और फिर मैं अपना नाश्ता करता हूं।

6. मैं 9 बजे स्कूल जाता हूँ और 3 बजे घर वापस आता हूँ। मैं अपना दोपहर का भोजन स्कूल के अवकाश के समय में खाता हूँ। मैं अपना खाना अपने पास रखता हूं।

7. मैं दोपहर में अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए बाहर जाता हूँ। मैं उस समय का भरपूर लुत्फ उठाता हूं। मुझे लगता है कि यह मेरे दिन का सबसे अच्छा हिस्सा है।

8. मैं रात में लगभग तीन घंटे पढ़ता हूँ। और फिर मैं अपना रात का खाना खाता हूं।

9. सोने से पहले मैं 30 मिनट तक टीवी देखता हूं। मुझे कार्टून चैनल देखना बहुत पसंद है।

10. यह सब मेरी दिनचर्या के बारे में है। यह बहुत ही सरल और आसान है।

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मेरी दिनचर्या पर निबंध। Essay on My daily routine in hindi

मेरी दिनचर्या पर निबंध। Essay on My daily routine in hindi-प्रातः काल उठने से लेकर रात्रि में निद्रा की गोद में खो जाने तक के दैनिक कार्य व्यवहार को दिनचर्या कहते हैं। दूसरे शब्दों में नित्य प्रति किए जाने वाले संपूर्ण कार्य व्यवहार दिनचर्या कहलाते हैं। मेरे दैनिक कार्यों का विवरण इस प्रकार है- मैं एक विद्यार्थी हूं। मेरी दिनचर्या मेरे विद्यालय पर निर्भर है, यह मेरी विवशता है और इस विवशता में खिन्नता नहीं है। उसी में आनंद और उत्साह लेने की मेरी प्रवृत्ति है। प्रातः 7:30 बजे मेरी पाठशाला प्रारंभ होती है। इसलिए मैं प्रातः 5:00 बजे उठता हूं, सैया पर बैठ कर दो मिनट के लिए परमपिता परमात्मा का ध्यान करता हूं। पृथ्वी की तीन बार वंदना करते हुए पृथ्वी माता से उस पर अपने चरण रखने के लिए क्षमा मांगता हूं। दोनों हथेलियों का दर्शन करते हुए श्लोक बोलता हूं-

मेरी दिनचर्या पर निबंध। E ssay on My daily routine in hindi

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Hindi Essay on “My Daily Routine”, “मेरी दिनचर्या” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

मेरी दिनचर्या

My Daily Routine

भले ही देखने में यह प्रकृति स्वतंत्र है परन्तु सारी सृष्टि एक नियम में बंधी है जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई सूर्य का चक्कर लगाती है जिससे रात-दिन बनते है. ऋतएं बनती-बदलती हैं। मानव जीवन भी एक क्रम में बंधकर चलता है और विकास की कई अवस्थाओं को पाता है। सबसे पहले बचपन आता है फिर लहलहाता यौवन तथा फिर शक्तिहीन बुढ़ापा तथा अन्त में मृत्यु की लम्बीनी आती है।

संसार का क्रम यहीं नहीं रुकता। जीवन के बाद मृत्यु, मृत्यु के बाद जीवन चलता रहता है। मनुष्य बुद्धिमान प्राणी है। जीवन मूल्यवान है। जीवन को सफल बनाने के लिए वह कुछ नियम बनाता है, ताकि वह अनुशासन में रह कर जीवन जिए और उसका जीवन समाज, देश के लिए लाभदायक हो। मैं अभी छोटी आयु का विद्यार्थी हूँ। फिर भी मैंने जीवन के लिए एक दिनचर्या बना रखी है। विद्यार्थी जीवन चंचल होता है। वह लकीर का फकीर नहीं बन सकता, अत: समयानुसार उसमें भी परिवर्तन आता रहता है।

सारे दिन की गतिविधियों को दिनचर्या कहते हैं। मैं हर मौसम में सुबह 5 बजे उठ जाता हूँ। गर्मियों में छत पर खली हवा में सोता हूँ ताकि मेरे फेफड़ों को स्वच्छ हवा मिलती रहे और मैं बीमारियों से बचा रहूँ। 5 बजे उठकर शौचादि से निवृत होकर, दांतों की सफाई करके, स्नान करता हूँ। फिर 10 मिन्ट के लिए योगाभ्यास करता हूँ। उससे मांस पेशियां मज़बूत होती हैं। दिमागी तनाव दूर होता है तथा शरीर में स्फूर्ति आती है। इसके बाद मैं 10 मिनट अपने भगवान की भक्ति करते हुए कुछ मंत्रों का उच्चारण करता हूँ और भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि वह मुझे सद्धबुद्धि के साथ-साथ सफलता दें। उसके बाद एक घंटा मैं अपने स्कूल के पाठ को याद करता हूँ। फिर तैयार होकर नाश्ता करके स्कूल चला जाता हूँ।

दिन का अधिक समय मेरा स्कूल में ही व्यतीत होता है। स्कूल का समय गर्मियों में 7 से 2 बजे तक होता है और सर्दियों में 9 से 4 बजे तक। स्कूल में सारा समय पढ़ाई में व्यतीत होता है। इस समय कक्षा में पढ़ाए जाने वाले पाठ को तल्लीनता तथा एकाग्रता से सुनता हूँ, आवश्यक बातों को लिख लेता हूँ। स्कूल में होने वाली दूसरी सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेता हूँ, जिनसे कई पुरस्कार भी प्राप्त कर चुका हूँ। मैं खेलों में भी भाग लेता हूँ।

छुट्टी होने पर मैं घर आकर चाय-पानी पीकर चुस्त हो जाता हूँ। इसके बाद माता जी के पास जाता हूँ। उनसे पूछ कर बाजार से ज़रूरी सामान ले आता हूँ। इसके बाद मैं स्कूल से दिया गृह-कार्य करता हूँ। इसमें मैं अपने माता-पिता की सहायता भी लेता हूँ। फिर मैं अपने मित्रों के साथ खेलने या घूमने या बाग की सैर को निकल जाता हैं। इस समय मैं ताजी हवा का सेवन करता हूँ। कभी तेज़ चलन लगता हूँ ताकि सारे शरीर के अंगों में स्वच्छ रक्त का संचार हो। अब जैसे ही अन्धेरा होने लगता है मैं घर वापिस आ जाता हूँ।

घर वापिस आकर मैं अपने परिवार के लोगों के साथ टी.वी. कार्यक्रम देखता हैं जिनमें क्विज प्रोग्राम, उपदेशात्मक नाटक शामिल होते हैं जो मेरे ज्ञान में वृद्धि करते हैं और पाठ्यक्रम में सहायक होते हैं। इसके बाद रात्रि का भोजन करके फिर से पढने बैठ जाता हूँ और गणित के प्रश्न हल करता हूँ ; अन्य विषयों को भी दोहराता हूँ। मैं यह दोहराई 9 बजे से लेकर साढे दस बजे तक करता हूँ। इसके बाद मैं अपने माता-पिता के साथ मीठी नींद में सो जाता हूँ और अगले दिन फिर 5 बजे उठकर अपनी दिनचर्या आरम्भ करता हूँ।

किसी भी दिनचार्य में बंध कर नहीं रहा जा सकता। कई बार परिस्थितियों के अनुसार इसमें परिवर्तन भी कर लिया जाता है।। जैसे छुट्टी के दिन कुछ समय अपने बाई-बहन, मित्रों से मेल-जोल करना, उनके दुख-सुख में सहायक होना मुझे अच्छा लगता है। इसके अतिरिक्त जब ग्रीष्म-कालीन अवकाश आता है तो मैं अपने माता-पिता के साथ किसी ऐतिहासिक या पर्वतीय स्थल की यात्रा को निकल जाता हँ। इससे मेरे ज्ञान में वद्धि होती है जो मेरी पढ़ाई में सहायक होती है। इस भ्रमण से मेरा मन-मस्तिष्क स्वस्थ हो जाता है। छुट्टियों में मैं अपना सारा पाठ्यक्रम दोहराता हूँ। मैं गणित और अंग्रेजी की ओर विशेष ध्यान देता हूँ क्योंकि यह दोनों ही मेरे प्रिय विषय हैं।

यह सच है कि दिनचर्या से जीवन सफल होता है, अध्ययन सफल होता है, इसलिए सफलता पाने के लिए हर विद्यार्थी को अपनी निश्चित दिनचर्या अवश्य बनानी चाहिए।

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Daily Routine in Hindi | अपनी दिनचर्या कैसे बनाए

आपकी डेली लाइफ में की जाने वाली गतिविधियां आपकी जिंदगी की सबसे ज्यादा महत्वपूरण गतिविधियां होती है क्योंकि यह गतिविधियां आपको जीवन में सफलता तक पहुंचने में मदद करती है। तो आज हम अपने इस लेख “Daily routine in hindi” के माध्यम से बतायेंगे कि हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए.

आप daily routine इसलिए सेट करते है कि आप जो भी गतिविधियां कर रहे है, उसका क्या परिणाम आएगा और वह परिणाम आपको किस दिशा में ले जाता है।

यह जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है । हर व्यक्ति को अपना दिनचर्या स्वस्थ और अनुशासित बनानी चाहिए ताकि वह अपना जीवन सही से गुज़ार सके।

यह भी पढ़ें: Pubg खेल के पैसे कैसे कमाए   

Daily Routine in Hindi

दोस्तो, आज मैं आपको दैनिक दिनचर्या और दैनिक गतिविधियों से सम्बंधित कुछ बताने वाला हूँ। तो आइए शुरू करते है:–

सुबह जल्दी उठना

Daily routine in hindi

यह बात तो हम सब स्कूल से पढ़ते और सुनते आ रहे हैं कि रात तो जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना चाहिए. इससे ना केप्वल हमारा शरीर और दिमाग स्वस्थ रहता है बल्कि हमें अपने लक्ष्य पर काम करने के लिए अधिक समय भी प्राप्त हो जाता है.

यह भी पढ़ें: टेलीग्राम से पैसे कैसे कमाए 

लेकिन हम में से कितने लोग इस बात का पालन करते हैं यह हम सभी जानते हैं. सुबह जल्दी उठ के कुछ मिनट व्यायाम और योग करने से हमे एक अलग उर्जा पमिलती है.

अगर आपको सुबह जल्दी उठने की आदत नहीं है तो आप इसे एक लक्ष्य बना लें और जब आप इस लक्ष्य को पूरा कर लेंगे तो आप में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और अनुशाशन में रहना भी सीख जाएंगे.

आलस्य से बचें

daily routine in hindi

दुनिया में हर एक व्यक्ति के पास 24 घंटे होते है। इन 24 घंटो में किए जाने वाले केवल वही काम महत्वपूरण है,जो आपको सफलता की और ले जाते है, इसके अलावा जो भी कार्य है वह सब बेकार है।

जो चीज आपके लिए अच्छी है हितकर है, कई बार आप उसकी तरफ आगे नहीं बढ़ पाते और उसे कल पर टालते रहते हैं और वो कल कभी आता ही नहीं है.

यह भी पढ़ें: पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए   

ऐसी सथितियाँ आलस्य के कारण बनती है हैं और यदि इस को समय रहते ठीक ना किया जाए तो हमारे जीवन का अधिकांश समय व्यर्थ चला जाता है.

छोटे-छोटे संकल्प करिए

यदि आप जिंदगी में सफल होना चाहते है तो आप यह मत सोचिए की आपने दिन में कितने घंटे कार्य किया, बल्कि यह देखो की हमने दिन में कितना कार्य किया और हमे क्या परिणाम मिला जो कार्य हमने किया।

सफलता केवल समय नही मांगती बल्कि काम के घंटे मांगती है और वह काम के घंटो का सकारात्मक नतीजे चाहती है।

इसलिए रोज़ छोटे छोटे संकल्प करिए और उन्हें पूरा करने की कोशिश करिए.

सकारात्मक कार्य करें

daily routine essay in hindi

अगर आप सकारात्मक दिशा में जाना चाहते है तो आपको रोज़ किए जाने वाले कार्य साकारात्मक करने होंगे और यही हमारी सही दिशा होती है,जो आपको सफलता की और ले जाती है।

यदि आप रोज की जाने वाले कार्य नकारात्मक करेंगे तो आप गलत दिशा में चले जाएंगे जिससे आप असफल बन जाएंगे।

अपने दिनचर्या को बेहतर बनाइए और उसमे किए जाने वालीं गतिविधियों को सकारात्मक बनाइए।

आपके सकारात्मक नतीजे ही आपको सफलता की और ले जाएगी। यदि आप सफलता पाना चाहते है तो आपकी गतिविधियां भी सकारात्मक होनी चाहिए। सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।

यह भी पढ़ें: प्यार और आकर्षण में क्या अंतर है   

हमेशा आगे बढ़ते रहिए

इस दुनिया का नियम यह है कि यहाँ कोई भी चीज़ रुकी हुई नही है हर एक चीज गतिमान constant है। यदि कोई चीज रुक गई तो उसका अस्तित्व अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

आपको हमेशा एक्टिव रहना पड़ेगा।आप की रोजाना गतिविधियां ऐसी होनी चाहिए जो हमेशा आपको एक्टिव रखे।

अगर आप एक्टिव है तो आप सफलता के बहुत करीब है।

समय का सदुपयोग

daily routine essay in hindi

अपने daily routine में ऐसी दैनिक गतिविधियां कीजिए जो आपको आपके मंजिल तक पहुंचा सके। हर एक पल और हर एक दिन आपका ही है और इस दिन और इस पल में आप क्या करते है, यह आपकी जिम्मेदारी है।

अपने दिन को बेहतर बनाइए क्योंकि सफलता आपका इंतजार कर रही है। तो डर किस बात का है दोस्तो आगे बढ़िए अपने दिनचर्या को बेहतर बनाइए।

व्यस्त रहिए

daily routine in hindi

दोस्तो, अपने daily routine को सही करने का एक बेहतर उपाय यह है कि आपसे जितना भी हो सके अपने आप को व्यस्थ रखे।

जितना व्यस्थ आप रहने लगेंगे उतना ही आपकी जिंदगी आरामदायक चलने लगेगी। यदि आप अकेले बैठे है और आपके पास करने को कुछ भी नही है तो आप योग करे, कसरत करे, ध्यान करे.

अपने परिवार के साथ बैठके बाते करिए, जिस चीज में आपका इंटरेस्ट है, वो करिए या किताबे पढ़ ले।

टाइम टेबल बनाएं

daily routine in hindi

यदि आप टाइम टेबल बनाकर अपना कार्य करते है तो आपका दिनचर्या बिलकुल ही अच्छा चलने लगेगा।

इसमें कोई भी बुराई नही है। टाइम टेबल बनाकर काम करना तो अच्छी चीज है। आप में से बहुत लोग जब स्कूल जाते थे टाइम टेबल बनाकर जाते थे लेकिन 2–3 दिन से ज्यादा इसे फॉलो नही कर पाते थे और अक्सर नया टाइम टेबल बनाया करते थे।

बरसो से चीजों को प्रभावी रूप से करने के लिए टाइम टेबल बना कर कम करने का approach करने का हमारे दिमाग में बैठा है उसे निकाल दीजिए।

वही कार्य करें जिससे आपका लक्ष्य जुड़ा हो

यदि आप सोचते है कि सफलता पाने के लिए व्यस्त रहना बहुत ही जरूरी है तो आप यह गलत सोचते है, आपको अपने विचार बदलने की जरूरत है।

महत्वपूरण यह नही है कि आप व्यस्त रहते है बल्कि महत्वपूरण यह है कि आप किस काम में व्यस्त रहते है। आपका व्यस्त रहना आपको सफलता नही दिलाता बल्कि आप जिस काम में व्यस्त है वह आपको सफल बनाता है।

माना की इस दिनचर्या का पालन करना आपके लिए बड़ा ही कष्टदायक होगा लेकिन अगर आप आलस न करके सुबह जल्दी उठें और स्वस्थ नाश्ता करे तो 7–8 दिन के अंदर आपका रूटीन बिल्कुल सही बन जायेगा। इसे कल-परसों पर न डाले।

दोस्तो, दिन के जिस भी वक्त आप यह आर्टिकल “Daily routine in hindi” आप पढ़ रहे है तो उसी वक्त से अपना रूटीन चालू कर दे।

यदि आपको हमारा यह आर्टिकल “Daily routine in hindi” पसंद आया हो तो कमेंट कर के ज़रूर बताएं।

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8 thoughts on “Daily Routine in Hindi | अपनी दिनचर्या कैसे बनाए”

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Nice article and very helpful 👍

I like this article 👍

  • Pingback: Future of Direct Selling in India in Hindi | Bharat me Direct Selling Ka Kya Future Hai

motivational ..

it’s wonderful routine and thank you so much 🙏

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मेरी दैनिक दिनचर्या पर निबंध Meri Dinacharya Essay in Hindi

My daily routine essay in hindi.

दोस्तों आज का ये विषय बहुत ही खास विषयों में से एक है दुनिया का हर इंसान सुखी रहना चाहता है वह अपने द्वारा किए गए कार्यों में सफल होना चाहता है

My Daily Routine Essay in Hindi

और उसमें सफलता पाने में उसकी दिनचर्या का बहुत बड़ा हाथ होता है क्योंकि जिस इंसान की दिनचर्या सही होती है और वह उसे फॉलो करता है,वह जिंदगी में एक सफल इंसान बन जाता है,बच्चों से लेकर बड़ो तक सभी की दिनचर्या होना चाहिए,दिनचर्या हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है जिसके जरिए हम अपने जीवन को सुखी समृद्ध बना सकते हैं.

दैनिक जीवन में करने योग्य कार्य

बात करते हैं बच्चों की तो बच्चों को भी सुबह जल्दी जागना चाहिए और नहा धोकर फ्रेश होने के बाद भगवान का स्मरण करना चाहिए और टाइम टेबल पर स्कूल जाना चाहिए वापस आने के बाद खेलने का टाइमटेबिल होना चाहिए और रात का भोजन करने के बाद सो जाना चाहिए रात में जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी जागना चाहिए इस तरह से दिनचर्या बच्चों की होना चाहिए.

इसके अलावा नौजवानों की भी इसी तरह की दिनचर्या होना चाहिए उनको भी सुबह जल्दी जागना चाहिए और नहा धोकर कॉलेज या फिर अपने काम पर जाना चाहिए इस तरह से नौजवानों की भी एक दिनचर्या होना चाहिए जिससे हम काम चिंता के साथ सही समय पर पूर्ण करें.

ये भी पढें- समयनिष्ठता पर निबंध

इसके अलावा बुजुर्गों का भी टाइम टेबल होना चाहिए ज्यादातर बुजुर्ग अगर घर पर रहते हैं तो उनको भी सुबह जल्दी जागने के बाद एक्सरसाइज करना चाहिए और अच्छी दिनचर्या बनाना चाहिए शाम को भी जोगिंग करना चाहिए जिससे उनका शरीर हष्ट पुष्ट रहे. इसके अलावा बच्चे,बुजुर्गों,नौजवानों को अपने जीवन में एक्सरसाइज भी करनी चाहिए,सुबह के टाइम में आप सभी को अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज के महत्व को समझना चाहिए और एक्सरसाइज करना चाहिए जिससे जिंदगीभर तक तंदरुस्त रह सकें

दिनचर्या का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है अगर आपकी सही दिनचर्या है तो आप जिंदगी में बहुत कुछ कर सकते हो अपनी पढ़ाई में अब्बल आ सकते हो, अपने काम में बहुत बड़ा लेवल हासिल कर सकते हो और लोगों की प्रशंसा के काबिल बन सको.

पुराने और आजकल के जमाने की दिनचर्या

दोस्तों पहले के जमाने में लोग दिनचर्या से सही से काम करते थे सुबह जल्दी जागते थे और स्कूल कॉलेज या अपने काम पर निकल जाते थे लेकिन पिछले जमाने से लेकर आजकल के जमाने तक हमारे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है आज के नोजवान हर कोई तो नहीं लेकिन बहुत से मैंने नौजवानों को देखा है जो सुबह काफी देर से जागते हैं और रात में काफी देर से सोते हैं ये एक कामयाब इंसान की निशानी नहीं है

आपको अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में अगर कामयाब होना है तो आपको आपकी अपनी दिनचर्या में इन दो चीजों को तो बिल्कुल त्यागना हीं होगा यानी आपको सुबह जल्दी जागने की आदत डालना होगा फिर आप देखोगे कि आपके दिन बदलने लगे हैं क्योंकि जितना समय आप सोने में बर्बाद करते हो उस समय मैं आपको कुछ अच्छा करना चाहिए.

कुछ नौजवान सुबह देर तक सोते हैं अगर वह फालतू के गवाए हुए समय में व्यायाम करें तो शरीर के लिए बहुत अच्छा हो इसलिए सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए और विशेषकर आजकल के लोगों को आलसी नहीं बनना चाहिए और अपने काम की ओर एक दिनचर्या के साथ करना चाहिए.

दोस्तों दरअसल क्या होता है कि हम जब भी किसी काम की दिनचर्या नही बनाते हैं या अपने जीवन की दिनचर्या नहीं बनाते हैं तो हमें अपने काम करने की या पढ़ाई करने की चिंता नहीं होती है सोचिये अगर आपने अपने दिनचर्या में सुबह 5:00 बजे से 7:00 बजे तक पढ़ाई करना है,अगर आप करते हो तो आपका समय भी बचता है और सुबह जल्दी याद करने से आपको सही से याद हो जाते हैं और अगर आप अपनी दिनचर्या में नियमित करते हो तो आपके जीवन में बहुत अच्छा होता है आपको चिंता भी होती है कि मुझे अब 4:00 या 5:00 बजे जागना है पढ़ाई करना है,एक्सरसाइज करना है,नहाना है

जब ये टाइम टेबल से होता है तो हमें इसके प्रति रोजाना चिंता लगने लगती है हम इसको करने की और जागरुक होने लगते हैं और अगर हम इसी टाइम टेबल के हिसाब से प्रतिदिन करते हैं तो हम अपने जीवन में बहुत कुछ अच्छा करते हैं और हमारे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन जल्द से जल्द आ जाता है.

लॉकडाउन में मेरी दिनचर्या पर निबंध

दरहसल lockdown में, मैं घर पर ही अपना समय बिताता था. मैं सुबह घूमने के लिए भी नजदीकी पार्क में नहीं जा पता था और ना ही अपने दोस्तों से मिल पाता था. कहते हैं की जब लोगो के पास कोई कार्य नहीं होता तोह दिनचर्या काफी बिगड़ सकती हैं lockdown में कार्य ना होने के कारण में ना तो समय पर जागता और ना ही टाइम पर नाश्ता या खाना खाता. वैसे मुझे सुबह ऑफिस पर जाना पड़ता था लेकिन lockdown में ऑफिस जाने की कोई चिंता नहीं थी जिस वजह से मेरी दिनचर्या बिगड़ चुकी थी. मैं सोचता था की काश ये lockdown नहीं लगता तोह कितना अच्छा होता.मैं घर पर ही अपने बच्चो के साथ खेलता और ज्यादा समय टीवी देखने में बिताता.

दिनचर्या से कामयाबी तक का सफ़र

इसके अलावा आप देखो जो शख्स कामयाब लोग हैं उनकी दिनचर्या होती है वह सुबह जल्दी जागते हैं,एक्सरसाइज करते हैं,नहाते हैं और अपनी दिनचर्या के अनुसार टाइम टेबल के अनुसार काम करते हैं.वह रोजाना ऐसे ही काम करते हैं एक कामयाब इंसान की यही निशानी है,किसी टॉपर विद्यार्थी को देख लो,वह भी सुबह जल्दी जागता है, नहाता है,पढ़ाई करता है,एक्सरसाइज करता है और सुबह अपने काम जल्दी निपटा लेता है और टाइम टेबल के हिसाब से अपने सभी काम करता है पढ़ाई करता है जिससे वह अपनी परीक्षा में टॉपर होता है,किसी बिजनेसमैन को देख लो.

एक सफल बिजनेसमैन हमेशा दिनचर्या के हिसाब से चलता है सुबह जल्दी जागता है,एक्सरसाइज करता है,अपने दैनिक जीवन का दोपहर का रुटीन बनाता है और फिर काम करता है जिससे उसे दिन भर के अपने द्वारा दिनचर्या में चुने गए काम की चिंता होती है और वह उन्हें सही से खत्म करता है,इस दुनिया में हर इंसान की एक दिनचर्या होना चाहिए तभी वह अपने जीवन में एक सही और एक महान इंसान बन पाएगा तभी वह अपने माता पिता भाई बहनों की नजर में एक अच्छा इंसान बन पाएगा इसलिए आप भी अपनी दैनिक जीवन को सुधारिए एक पैन और रजिस्टर लीजिए उसमें अपनी दिनचर्या लिख दीजिए और उस दिनचर्या को पूरी तरह से फॉलो कीजिए आपको जीवन में बहुत बड़ी सफलता पाने से कोई भी नहीं रोक सकेगा.

  • परिश्रम ही सफलता की कुंजी है पर निबंध

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मेरी दिनचर्या पर अनुच्छेद | Paragraph on My Daily Routine in Hindi

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प्रस्तावना:

मैं विद्यार्थी हूँ इसलिए मेरी दिनचर्या बड़ी साधारण और बंधी-बंधाई है । एक बार मेरे प्रिंसिपल ने एक भाषण के दौरान प्रातःकाल जल्दी उठने के लाभ बताये थे और कहा था कि ऐसा करने पर स्वास्थ्य, धन और बुद्धिमता जैसे जीवन के तीन मुख्य वरदान स्वत: प्राप्त हो जाते हैं । तब से मै हर दिन बड़े सवेरे बिस्तर से उठने लगा हूँ ।

प्रातःकाल का कार्यक्रम:

ADVERTISEMENTS:

उषाकाल में उठकर मैं शोच आदि से निपट कर ठंडे पानी से स्नान करता हूँ और स्वच्छ कपड़े पहन कर निकट के मंदिर में जाता हूँ । मेरी माँ की इच्छा है कि मैं ईश्वर की प्रार्थना के बाद ही दिन का काम प्रारभ करू । मंदिर से घर लौट कर मैं स्नान करता हूँ ।

नाश्ते में दो बिस्कुट या एक डबलरोटी का टुकड़ा और एक गिलास दूध पीता हूँ । तब तक प्रात: के सात बज जाते है । मैं अब पढने बैठ जाता हूँ और दस बजे तक पढ़ाई करता हूँ । इन तीन घंटो के दौरान मैं विभिन्न विषयों पर दिया गया होम वर्क पूरा कर लेता हूँ तथा पिछले दिन पढ़ाये गए पाठ को दोहरा लेता हूँ और उस दिन की पढ़ाई भी पहले से पड़ कर तैयार कर लेता हूँ ।

मैं परीक्षा के समय ही पढ़ाई करने में विश्वास नहीं करता । मेरा यह विश्वास है कि मेरी यह नियमितता मेरे जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी । पढाई समाप्त करके मैं खाना खाता हूँ और स्कूल के लिए रवाना हो जाता हूँ ।

स्कूल का कार्यक्रम:

मेरा रकूल साढ़े दस बजे से लगता है । घर से स्कूल का केवल पाँच मिनट का पैदल का रास्ता है । मैं हमेशा समय से दस मिनट पहले ही स्कूल पहुंच जाता हूँ । मैं पढ़ने में तेज हूँ और अपनी कक्षा में सदा प्रथम आता हूँ । स्कूल में कई शिक्षक विशेष रूप से गणित और अंग्रेजी के शिक्षक कमजोर लड़कों के प्रश्नो का उत्तर देने में बहुत-सा समय नष्ट कर देते हैं ।

मुझे इसका बड़ा दुःख होता है, लेकिन कुछ किया नहीं जा सकता । कक्षा में तो सभी के साथ चलना पड़ता है । कभी-कभी मुझे लगता है कि इस प्रकार की कक्षाओं का उद्देश्य क्या के अधिक-से-अधिक विद्यार्थियों को पास कराना होता है ।

कुछ भी क्यों न हो, मैं स्कूल में हर शिक्षक की बात बड़ी श्रद्धा और आदर के साथ सुनता हूँ । स्कूल टाइम-टेबल के हिसाब से अलग-अलग विषयों की पढ़ाई होती है । मेरे टाइम-टेबल में पहला पीरियड अंग्रेजी का व दूसरा गणित का है । अतिम पीरियड इतिहास का है ।

स्कूल के बाद का कार्यक्रम:

मेरा स्कूल साढ़े चार बजे बन्द हो जाता है । मैं रकूल से सीधे घर आता हूँ । बस्त्ता नियत स्थान पर रखकर अपने कपड़े बदलता हूँ और अच्छी तरह हाथ-मुँह धोकर मैं हल्का नाश्ता करता हूँ । इसके बाद कुछ देर आराम करने के बाद मैं खेल के मैदान में चला जाता हूँ ।

यही मैं तरह-तरह के खेल खेलता हूँ । हॉकी मेरा प्रिय खेल है । जब कभी साथियों की कमी से हॉकी नहीं खेल पाता, तो कबडी या अन्य कोई शारीरिक श्रम का खेल खेल खेलता हूँ । कभी-कभी क्रिकेट भी खेलता हूँ । 2 घंटे तक खेलने से खूब पसीना निकलता है और शरीर चुस्त हो जाता है । इसके बाद मैं घर लौट आता हूँ ।

घर आकर मैं स्नान करता हूँ । स्नान करके शरीर स्वच्छ और मन प्रसन्न हो जाता है । तब तक माँ खाना तैयार कर चुकती है और में गरमागरम खाना खाकर कुछ देर के लिए टहलने निकल जाता हूं । टहल कर लौटने तक माँ भी अपने रसोई के काम पूरे कर चुकी होती है । मैं माँ के पास बैठ कर कुछ देर गपशप करता हूँ । वह मुझे बड़ी रोचक कहानियाँ सुनाया करती हैं । कहानी सुनते-सुनते मुझे नींद के झोंके आने लगते हैं और शीघ्र ही मैं निद्रा की गोद में समा जाता हूं ।

रविवार और छुट्टी के दिनों का कार्यक्रम:

रविवार व छुट्टी के अन्य दिनों में भी सुबह उठने और रात को सोने के कार्यक्रम उसी नियत समय पर होते हैं । मंदिर जाने का कार्यक्रम भी यथावत रहता है । अक्सर सुबह की पढ़ाई भी मैं नहीं छोड़ता, लेकिन शेष कार्यक्रमों में परिवर्तन हो जाता है ।

कभी-कभी मैं रविवार या छुट्टी के दिन मनोरंजन के लिए सिनेमा चला जाता हूँ । अन्य दिनों मे मित्रों तथा रिश्तेदारों के घर जाने का कार्यक्रम बना लेता हूं । कभी-कभी किताबो की अल्मारी, कपडे आदि साफ करता हूँ । इन दिनों प्रतिदिन की बंधी-बंधाई जिन्दगी मे कुछ बदलाव आ जाता है ।

जो विद्यार्थी अपने शिक्षा काल में नियमित जीवन की आदत डाल लेते है, वे जीवनभर सुखी रहते हैं । “जल्दी सोना और जल्दी उठना व्यक्ति को स्वस्थ, समृद्ध और बुद्धिमान बनाता है ।” हम सभी को इसका पालन करना चाहिए ।

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10 Lines on Daily Routine in Hindi

दिनचर्या पर 10 वाक्य का निबंध-10 Lines on Daily Routine in Hindi

10 Lines on Daily Routine in Hindi – हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Hindidrive.com पर। आज हम आपके लिए दिनचर्या पर 10 वाक्य का निबंध लेकर आए हैं| दोस्तों’ हम सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक नियमित जो कार्य करते हैं| वह हमारी दिनचर्या कहलाता है| विद्यालय में बच्चों को कई बार दिनचर्या पर एक निबंध लिखकर लाने के लिए कहा जाता है| इसलिए आज हम अपने बच्चों के लिए एक लेख लाए हैं आप सभी इस लेख को जरूर पढ़ें। यह निबंध सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए उपयोगी होगा।

10 Lines on Daily Routine in Hindi। दिनचर्या पर 10 वाक्य का निबंध।

  • मैं रोजाना सुबह 5:00 बजे उठता हूं और फ्रेश होता हूं।
  • मैं फ्रेश होकर पास वाले गार्डन में टहलने जाता हूं और साथ में व्यायाम करता हूं।
  • घर वापस आकर नहाता हूं और विद्यालय के लिए तैयार होता हूं।
  • अच्छे से तैयार होकर भगवान से प्रार्थना करता हूं।
  • फिर नाश्ता करके 8:00 बजे विद्यालय के लिए निकल जाता हूं।
  • विद्यालय से 2:00 बजे आकर कपड़े बदलता हूं।
  • फिर खाना खाकर थोड़ी देर आराम करता हूं।
  • 3:00 बजे उठकर मैं विद्यालय द्वारा दिया गया गृह कार्य करता हूं।
  • शाम को 4:00 बजे मैं बाहर क्रिकेट खेलने जाता हूं।
  • घर आकर वापस 2 घंटे नियमित पढ़ाई करता हूं।
  • रात को परिवार के सभी सदस्यों के साथ टीवी देखते हुए खाना खाता हूं।
  • रात 9:00 बजे अपने बिस्तर लगा कर सोने जाता हूं।

निष्कर्ष  (conclusion)-

हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और रात को जल्दी सोना चाहिए| यह हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है। साथ ही सुबह नियमित व्यायाम और योगा करना चाहिए। विद्यालय में दिया गया गृह कार्य भी नियमित करना चाहिए। नियमित स्नान भी करना चाहिए।

यह भी जाने –  10 Lines on Hindi Diwas in Hindi  Myself In Hindi 10 Lines  

तो दोस्तों, आपको हमारे द्वारा लिखा गया 10 Lines on Daily Routine in Hindi लेख कैसा लगा| आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें| ऐसे अन्य लेख जाने के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं| हम आपके लिए ऐसी लेख लाते रहेंगे।

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2 Best Essay on My Daily Routine in Hindi | मेरी दिनचर्या पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Essay on My Daily Routine in Hindi | मेरी दिनचर्या पर 1 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

क्या आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते है या अच्छा निबंध पढ़ना चाहते है तो – Essay Writing in Hi ndi

10 Lines Essay on My Routine | Short Essay on My Routine in Hindi

  • मैं 5:00 बजे सुबह उठता हूं। सबसे पहले प्रार्थना करता हूं। तब हाथ पैर और मुंह धोता हूं।
  • उसके बाद टहलने जाता हूं। लौटने के बाद नाश्ता करता हूं। तब मैं पढ़ने बैठता हूं। मैं अपना गृह कार्य करता हूं।
  • 9:00 बजे में स्नान करता हूं। तब मैं खाना खाता हूं।
  • उसके बाद 10:00 बजे स्कूल जाता हूं।
  • मैं 4:00 बजे शाम को स्कूल से लौटता हूं।
  • हल्का सा नाश्ता करता हूं।
  • तब मैं खेल के मैदान में जाता हूं। 6:00 बजे वापस आता हूं।
  • मैं लिखता और पढ़ता हूं।
  • मैं 10:00 बजे रात में सो जाता हूं।
  • यही मेरा दैनिक जीवन है।

Essay on My Daily Routine in Hindi | मेरी दिनचर्या पर निबंध

महापुरुषों ने अपनी दिनचर्या से जन सामान्य को प्रेरणा दी है की व्यस्त रहिए और मस्त रहिए। निठल्ला मनुष्य अपने लिए समाज के लिए और देश के लिए बोझ स्वरूप होता है, और अनेक विधाओं का कारण भी होता है।

निठल्ला मनुष्य शारीरिक मानसिक और भौतिक रूप से विपन्न हो रहता है ऐसे मनुष्य का मन शैतान का घर होता है दूसरों की व्यस्तता और सुख को देख शैतानियां पर भी उतर आता है सामाजिक रूप से घृणित होता है अतः जिस व्यक्ति की दिनचर्या व्यस्तता नियमित नहीं होती उसके सारे सुख और लक्ष्मी पलायन कर जाती है।

वह व्यक्ति एकाकी जीवन व्यतीत करता हुआ घुटन और आसमान का जीवन जीने के लिए विवश होता है सर्वत्र दुत्कार ही मिलता है विवाद होता है अपने भी साथ छोड़ जाते हैं सर्वथा घृणा का पात्र बन जाता है। इसके विपरीत जिसने Apni Dincharya को सुव्यवस्थित कर लिया है वह उन सब विपदा से मुक्त रहता है जो अव्यवस्थित और आलस्य पूर्ण जीवन में अपना स्थान बना लेती है इसी कारण श्री कृष्ण ने कर्म के महत्व को समझा और कर्म करने के लिए प्रेरणास्रोत बने।

श्री कृष्ण ही नहीं जितने भी महापुरुष हुए उन्होंने कर्म के ही महत्व को स्वीकारा आचार्य तुलसी दास जी ने कर्म के महत्व को कर्म प्रधान विश्व करि राखा कहकर स्वीकार किया।

व्यस्त रहिए और मस्त रहिए इस प्रेरणा प्रद वाक्य ने मेरे जीवन को सुखद बना दिया। मैं सदैव आलस्य पूर्ण जीवन व्यतीत करते हुए हर कार्य को कल या फिर करने के लिए सोच लेता और कार्यों का बोझ भी बढ़ता गया जिसके साथ चिंता और चिंतन ने स्थान पा लिया।

आलस में पड़े रखने से धना भाव भी इतना हो गया कि सामान्य आवश्यकताओं के लिए दूसरों के मुंह ताकने लगा। उक्त मूल मंत्र ने मुझे प्रेरणा दी अब मैं अपने दैनिक कार्यों को यथा समय निपटा कर अन्य कार्य करने के लिए प्रेरित हुआ। परिवार से लेकर बाहर मेरी व्यवस्था को देखकर आश्चर्य ही नहीं करते अपितु मेरे इस बदलाव को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

मैं अब आत्मनिर्भर हूं। दुशिचंताओ ने किनारा कर लिया है। सामाजिक प्रतिष्ठा स्वयं ही मिलने लगी यद्यपि मैं विद्यार्थी हूं मुझे मुंशी प्रेमचंद्र से प्रेरणा मिली कि विद्यार्थी जीवन में ट्यूशन पढ़ाकर अपनी सामान्य आवश्यकता की पूर्ति स्वयं ही कर लिया करते थे। मैंने भी निश्चय किया कि अब अपने परिवार की स्थितियों को देखकर मैं उनके लिए भार नहीं बनूंगा।

मैं समय पर नियमित उठने लगा दैनिक प्रक्रियाओं को करके समीप के पार्क में व्यायाम करके उचित समय पर विद्यालय जाता हूं। संपूर्ण होमवर्क करके शाम को अपने ही घर में प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाता हूं मस्त रहता हूं और दूसरों को भी मस्त रहने के लिए कहता हूं। व्यर्थ की आदतों दूरदर्शन के सामने घंटों बैठे रहकर समय बर्बाद करने आदि से मुक्त हो गया हूं। सभी मुझसे स्नेह करते हैं मेरी बातों को महत्व देते हैं इस तरह मेरी प्रतिष्ठा है।

Meri Dincharya में जो भी कार्य है उनमें नियमितता है। चाहे ईश्वर वंदना हो चाहे खेल हो चाहे होमवर्क हो अथवा घर आए छात्रों को पढ़ाना हो कोई भी कार्य मुझसे छूट नहीं पाते हैं। मैं विद्यालय से आकर खाना खाकर होमवर्क निपटा लेता हूं। शाम को साथियों के साथ नियमित रूप से फुटबॉल या क्रिकेट खेलता हूं घर आता हूं तो पढ़ने के लिए आए छात्रों को पढ़ाता हूं।

सोने से पहले पढ़े हुए पाठों का अभ्यास करता हूं, इतना ही नहीं सभी कार्य करते हुए, मैं अपने विद्यालय के चारों वर्गों में द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करता हूं, व्यायाम करता हूं, खेलता हूं, सर्वदा प्रसन्न रहता हूं, शारीरिक रूप से स्वस्थ हूं, मन में उत्साह रहता है, धैर्य साथ नहीं छोड़ता है, उमंग पीछा नहीं छोड़ती है, साथियों में इसके कारण पूर्ण दबदबा है, साथियों में मेरे प्रति आत्मीयता है, मानसिक शारीरिक और बलिष्ठ मेरी इस प्रक्रिया से अपने और पराए प्रशंसा करते हुए नहीं थकते हैं। इस प्रकार मेरी नियमित दिनचर्या में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है।

व्यवस्थित जीवन उत्थान का पर्याय है, स्वास्थ्य का पर्याय है, प्रतिष्ठा का पर्याय है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं कि सामान्य होते हुए अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उस और निरंतर दृढ़ता के साथ प्रयत्न करते रहे और अनंत गंतव्य तक पहुंचने में सफल होए। इतिहास प्रसिद्ध अब्राहम लिंकन जंगलों में लकड़ी काटते हुए भी रात में ही लकड़ी जलाकर अध्ययन करना नहीं छोड़ता था। इसी बीच में लोगों के बीच परिचय के लिए नियमित समय निकालता था लक्ष्य को स्मरण करते हुए प्रयास करता रहा और एक दिन विशाल राष्ट्र का राष्ट्राधिश हुआ।

ऐसे ही अभावों में रहकर ईश्वर चंद्र विद्यासागर यथार्थ में ही विद्यासागर बने लोग उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रहते थे। नियमित व्यस्तता से अन्य अनेक लाभ हैं कि ऐसा व्यक्ति उदास हताश निराश नहीं होता है आत्मविश्वास सदैव बना रहता है सफलता ऐसे व्यक्तियों की प्रतीक्षा करती है मैं महान पुरुष के ऐसे व्यवहार आचरण से सदैव प्रेरित होता हूं।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेशु कदाचना: को स्मरण रखते हुए कार्य करने में रुचि रखता हूं और व्यस्त रहता हूं, प्रसन्न रहता हूं, धैर्य को अपना साथी बनाए हुए अपने नियमित कार्यों को सुचारु रुप से करता हूं, अत: मैं महाबली हनुमान के उस संदेश को भी याद रखता हूं।

रामकार्य किन्ही बिना मोहि कहां विश्राम

यह Essay on My Daily Routine in Hindi | मेरी दिनचर्या पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

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Daily Routine कैसे बनाये – 9 STEPS

हम अपने हर एक दिन को कैसे बिताते है इस बात से हमारा आने वाला भविष्य तय होता है| क्योंकि दिन भर आप जो काम करते है वो आप क्यों कर रहे है? और वो काम आपके लिए कितने important है? ये पता होना बहुत ज़रूरी है| कुछ लोग अपना पूरा दिन ऐसे कामों में गवा देते है जिनका भविष्य में जाकर उन्हें कोई फायदा नहीं होता और उलटा उनका कीमती समय बर्बाद हो जाता है|

तो हमारा पूरा दिन और दिन के 24 घंटे हम किन चीज़ों में लगा रहे है ये समझने के लिए हमें अपनी एक proper दिनचर्या (Daily routine ) बनानी बहुत ही ज़रूरी है| एक सही daily routine को follow करने से हम अपने दिन का और दिन भर में मिले समय का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर पाते है और पुरे समय को सही कामों में लगा पाते है और अपने दिन और समय को फालतू की चीज़ों में बर्बाद होने से बचा पाते है|

Table of Contents

Daily routine को follow करने के फायदे:

1) Daily routine से हमें अपने लक्ष्य के ऊपर काम करने में और उसे पाने में मदद मिलती है|

2) हम टालमटोल (Procrastination) करने से बच जाते है|

3) हमें पता चल जाता है की कौनसे काम हमारे लिए important है और कौनसे काम हमारे लिए important नहीं है|

4) हमें अपना पूरा दिन किस तरह से बिताना है इसका अंदाज़ा हो जाता है|

5) Daily routine को follow करने से हम ज्यादा क्षमता (Efficiency) से काम कर पाते है|

6) हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है|

7) Daily routine से हमारा कीमती समय बचता है|

8) हमारा तनाव कम होता है|

डेली रूटीन कैसे बनाये:

1) to do list बनाओ:.

Daily routine in hindi To do list

  • To do list बनाना और उस हिसाब से काम करना ये आपके daily routine की सबसे important बात है| To do list में आप ज़रूरी कामों को, अपने लक्ष्य से जुड़े कामों को और दिन भर के छोटे से छोटे काम को लिख सकते हो| इसलिए रात को सोने से पहले कल के कामों की to do list बनाओ जिससे की आप को कल दिन भर में कौन कौन से ज़रूरी काम करने है इसका अंदाज़ा हो जाएगा और वो काम वक़्त पर पुरे भी हो पाएंगे|

2) अच्छी नींद लो:

  • To do list बनाने के बाद आप सोने जा सकते हो और आप को कम से कम 6 से 7 घंटों की अच्छी और गहरी नींद लेनी है| याद रखो आप को देर रात तक नहीं जागना है बल्कि आप अपना daily routine ऐसे बनाओ की आप रात में लगभग 9 या 10 बजे तक सो पाओ जिससे की आपकी नींद पूरी हो सकें, आप fresh mood के साथ अपनी दिन की शुरुवात कर सकें और आपके शरीर में एनर्जी भी बने रहे|
  • रात के समय हलका आहार लें जिससे की खाना पचने में आसानी हो और अच्छी नींद के लिए आप सोने से पहले अच्छी किताब पढ़ सकते हो, मैडिटेशन या फिर deep breathing exercise कर सकते हो| एक और बात सोने से एक घंटा पहले आप मोबाइल चलाना छोड़ दो|

3) सुबह जल्दी उठो:

  • Daily routine में जल्दी सोने के साथ साथ आप को सुबह जल्दी भी उठना है| आप ब्रह्म मुहर्त में यानिकि सुबह 30 से 5.30 बजे तक उठ जाए या कम से कम सूरज निकलने के पहले उठ जाए| सुबह जल्दी उठने से आप को काम करने के लिए ज्यादा समय मिल पायेगा और वैसे भी सुबह का समय काम करने के लिए बहुत productive माना जाता है|
  • इसके अलावा सुबह जल्दी उठने से आपका stress level कम हो जाता है, आप खुद को ज्यादा energy से भरे हुए महसूस करते हो, आप अंदर से खुश रहते हो, आपकी sleep quality भी बेहतर हो जाती है और सुबह जल्दी उठना आपके mental health के लिए भी अच्छा है|

4) Morning routine:

  • सुबह उठने के बाद आप बिना ब्रश किये लगभग एक से दो गिलास तक गुनगुना पानी पीये इसे उषापान कहते है आप चाहे तो इसमें आधा निम्बू या एक चम्मच शहद मिलाकर भी पी सकते हो और ये आपके सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है| पानी पीने के लगभग 45 मिनट बाद आप अपना ब्रेकफास्ट कर सकते हो|
  • शरीर और दिमाग को चुस्त और तंदुरुस्त रखने के लिए आप एक्सरसाइज, मैडिटेशन, योगा और प्राणायाम को भी अपने daily routine में ज़रूर शामिल करो| ब्रेकफास्ट में आप डोसा, थेपला, उपमा, इडली सांबर जैसे डिशेस खा सकते हो|

5) अपने to do list को follow करो:

  • ब्रेकफास्ट खत्म होने के बाद आप अपने to do list के अनुसार एक एक काम को करते जाओ| पहले जो काम सबसे ज्यादा ज़रूरी है और जो काम आपके लक्ष्य से जुड़े है उन कामों को करो और सारे ज़रूरी काम खत्म होने के बाद आप अपने to do list में शामिल बाकी के कामों को पूरा करो| काम करते वक़्त हर एक काम के लिए एक विशेष समय सीमा निश्चित करो और ऐसे कर के आप अपने daily routine के जितने भी काम है उन्हें पूरा करो|

6) ब्रेक लें:

  • किसी भी काम को घंटो तक करते रहने से हम उस काम से बोर होने लगते है और फिर हम उस काम पर concentrate नहीं कर पातें इसलिए अपने daily routine में काम के दौरान हर एक से डेढ़ घंटे बाद आप 10 से 15 मिनट का ब्रेक लो और ब्रेक में आप अपनी पसंद की चीज़ें खा सकते हो, music सुन सकते हो, एक्सरसाइज कर सकते हो, डांस कर सकते हो, सिंगिंग कर सकते हो, किसी फ्रेंड से बात कर सकते हो या फिर आपकी मनपसंद की चीज़ कर सकते हो| ब्रेक लेने से आपका माइंड फ्रेश हो जाता है और ब्रेक के बाद आप दोबारा से अपने काम पर concentrate कर पाते हो|

7) खाली समय में ये चीज़ें करें:

Daily routine in hindi खाली समय में ये चीज़ें करें

  • आपके daily routine में अगर सब काम होने के बाद भी आपके पास खाली समय बचता है तो इस समय में आप अपने hobbies पर काम कर सकते हो, किसी ज़रूरी स्किल्स को सीख सकते हो, अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ समय बिता सकते हो, कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हो या फिर अपने कमजोरियों पर काम कर सकते हो जैसे मानलो अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी नहीं है या फिर किसी और चीज़ में आप कमजोर हो तो आप उस पर काम कर सकते हो|
  • याद रखो आप को अपने खाली समय में कोई भी ऐसी एक्टिविटी नहीं करनी है जिससे की आप का सिर्फ time waste हो बल्कि आप को अपने खाली समय को भी पूरी तरिके से utilize करना है|

8) एंटरटेनमेंट के लिए समय निकालो:

  • Daily routine में आप अपने एंटरटेनमेंट के लिए रोज़ आधा से एक घंटे तक का समय निकाल सकते हो | इसमें आप अपनी मनपसंद की चीज़ें कर सकते है जैसे की outdoor या indoor games खेलना, टीवी शोज देखना, दोस्तों के साथ घूमने जाना या फिर कोई भी ऐसे चीज़ करना जो आप को पसंद हो और जिससे आप को ख़ुशी मिलती हो|
  • एंटरटेनमेंट के कारण आपका stress कम होता है और आप अंदर से ख़ुशी महसूस करते हो इसलिए कुछ समय एंटरटेनमेंट के लिए भी देना ज़रूरी है लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए की इस एंटरटेनमेंट के चक्कर में आपका पुरा समय इसी में निकल जाए नहीं तो फिर आपके ज़रूरी कामों के लिए समय नहीं बच पायेगा इसलिए आप अपने एंटरटेनमेंट के लिए एक टाइम लिमिट सेट कर के रखें|

9) दिन विश्लेषण (Day analysis) करो:

daily routine in hindi Day analysis

  • दिन ख़त्म होने पर आपका दिन आज कैसे बिता? दिन भर में आपने कौन कौन से काम किये?, कितने काम अधूरे रह गए? और किन चीज़ों की वजह से आपका सिर्फ time waste हुआ इन सभी चीज़ों के बारे में सोचिये और जो भी गलतियां आपने की है उसे दोबारा न दोहराये और आपके जो भी ज़रूरी काम अधूरे रह गए है उसे कल के दिन करने की ठान लीजिये|
  • Day analysis करने से आप को पता चलता है की आप अपने दिनचर्या को ठीक से follow कर रहे हो या नहीं और ये जानकर आप अपने daily routine को सही कर सकते हो|

So guys आपको ये वाला article कैसे लगा ये comment section में ज़रूर बताना; साथ ही साथ कुछ suggestions हो तो बता देना और आपको किस topic पर article चाहिए ये भी बता देना|

आपका कोई personal question हो तो आप मुझे [email protected] पे मेल कर सकते हो| Thank you, stay connected & love you guys…

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Wonderful it’s very helpful for me so thanks for this article. Keep it up 👍👍👍❤️❤️.

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Monday 13 April 2020

मेरी दिनचर्या पर निबंध my daily routine essay in hindi.

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daily routine essay in hindi

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  • Essay on My Daily Routine | 200, 300, 400, 500 Words for Class 1-10

In our student life, we all need to follow a strict routine to get better output in the study and our health. We can manage time in a better way when we follow a daily routine. Here we have got some short and long essays on my daily routine for all class students. These essays are on every size, you can find a suitable one for yourself. 

In This Blog We Will Discuss

Essay on My Daily Routine in 200 Words

Everyone should follow a daily routine . As a student, I follow a very simple and easy routine for myself. I have made this routine with the help of my brother and one of my teachers. My day starts very early in the morning. 

I get up at 5 o’clock and go for a morning walk . I am very aware of my health. I try my best to keep myself fit and fine. After the morning walk, I bath with cold water and then take a rest for 10 minutes. 

After the rest, I eat my breakfast. And then I go to my reading room . I love to read science and English in the morning time. It’s the best time to concentrate on study. Then I prepare myself for school. 

Exactly at 9.30 o’clock, my father takes me to school. I come back from school at 3 PM in the afternoon. I eat my lunch in the school break time, I keep my food with me. Then I take a rest in my home and go out for playing cricket. 

Then I come back home before getting dark outside. I start reading at 6 PM and read till 9 PM. Then I eat my dinner. Before going to sleep, I watch television for 30 minutes. That’s all my daily routine. 

My Daily Routine Essay in 300 Words

Introduction: 

If you are following a daily routine that could bring some serious changes in your life. First of all, it will let you live a life in a fixed schedule and you can manage things in a better way. For the students, it’s a mandatory thing to follow. 

Because it can improve your study style and get better results for yourself. I also follow a daily routine as a student, and I am going to share things about my routine here. 

My Daily Routine: 

My routine is very simple but I follow it very strictly. Take a look at my daily routine here. 

4.00 AM – I get up early in the morning. 

4.00-4.20 AM – I brush my teeth and wash my face. 

4.20-5.00 – I go for a small morning walk and some basic exercises. And I get back to home. 

5.00-5.20 – I take a shower with cold water. 

5.20-7.00 – I prepare all my school tasks and homework. 

7.00-7.30 – I eat my breakfast. 

7.30-9.00 – Again I study and prepare my school tasks. 

9.00-9.30 – I prepare myself for going to school and got to school. 

9.30-3.30 – I spend all these hours in the school. I eat my lunch there. I keep my food with me. I love eating lunch with all my friends. 

3.30-4.30 – I get back to home and take rest. 

4.30-6.00 – I play cricket outside and then get back to home. 

6.00-9.00 – I study a lot in that time.

10.00 – I go to sleep after eating my dinner and watching TV for 20 minutes. 

That’s all about my daily routine. 

Conclusion:

I make some changes in the routine when I have free time or leisure time. Overall that’s a huge experience for me to follow this productive routine. 

My Daily Routine Essay in 400 Words

Introduction:

If you want to get the best result from your work, then you need to manage time properly. And time management becomes so easy when you are following a daily routine. As a student, I follow a very strict but simple routine and it helps me a lot to improve my study and other things. Today I will share everything about my routine. 

My Daily Routine:

My day starts very early in the morning. I wake up at 4 o’clock. I used to wake up very late, but when I heard about the health benefits of early rising , I started to get up early. Then I brush my teeth and go for a small morning walk . 

I enjoy the walk very much because it helps to feel good in the early morning. Sometimes I do some basic exercises too. Then I take a shower and eat my breakfast. Then I prepare my school tasks. I love to study math and science in the morning time. 

Because I can give better concentration on that period. I get ready for my school at 9 o’clock and my mom drops me there at 9.30 o’clock. I spend most of the time on my day at the school. I eat my lunch there in the school break time. 

I come back from the school at 3.30 PM and then I take a rest for 30 minutes. I love to play cricket in the afternoon. But every day I can’t play. 

My Evening and Night Routine:

When I get back home after the playing in the field, I feel very tired. And then I wash and take rest for 30 minutes. I eat some juice or something else that my mom prepares for me. I start to study at 6.30 PM in the evening. 

Most of the day, I keep reading till 9.30. That’s the most important part for my study. I prepare all my homework and do some extra studies too. And then I eat my dinner and watch Television before sleep. 

Conclusion: 

That’s all about my daily routine. I try to follow this routine always. But sometimes I need to bring some changes in the routine. And when I spend holiday and off day from school, I can’t follow this routine at all. I think this routine is helping me to use my time in the best work and complete my study tasks properly. 

Essay on My Daily Routine in 500 Words

Essay on My Daily Routine in 500 Words

To become successful, everybody should follow a strict schedule or routine. Especially in student life, we need to maintain our time properly. If we fail to maintain time then we can’t make a good result in the examination. 

Today I am going to share my daily routine and my experience here. I am a very regular guy who follows a routine. I made that routine almost six months ago with the help of my elder brother. 

I make some small edits and changes in the routine due to my own preference. 

I consider the morning is the most important part of the day. In the morning, you will find lots of peace and a calm environment. My class teacher suggested me to get up early morning. I followed here that suggestion very seriously and that made my day. 

Now I always get up at 5 o’clock in the morning. First of all, I go to the washroom and brush my teeth. I wash my face and wipe the water with a towel. Then I go for a small morning walk. I know the morning walk is very important for good health. 

Sometimes, I do exercise too. Most of the time I walk almost 30 minutes and the doctor said that’s enough for me. This little workout keeps me strong for the rest of the day. I come back to home after the walk and get fresh again. 

I eat my breakfast then. After eating breakfast, I study Math and Science in the morning time. I think morning is the best time to study. 

School Time: 

I go to school at 9.30 o’clock in the morning. My father drops me here with his car. I get a break at 1 o’clock after four classes in a row. And finally, I go home at 4 PM with my mom . 

She comes to pick me up from school every day. Because it takes almost 20 minutes to go home from school by car. I enjoy school time very much.

Eat and Sleep Routine: 

I eat my breakfast and then I eat my lunch in the school break time. I take my lunch with me. My mother is very aware of my food. She always cooks something interesting to me. I love eating Pizza and Burger, but she doesn’t buy me that kind of fast food. 

She prefers to cook them for me. I love her cooked Pizza very much. And finally, after reading and watching TV at night at 10 o’clock, I go for my sleep. When I go to bed, I think about my entire day. 

Holiday Routine: 

When my school is close and I have lots of spare time, my daily routine becomes a bit different. I add time for video games, playing in the field with friends, and spending more time with my cousins. 

That’s all about my daily routine. I love to follow this routine and I am very serious about it. I think It’s perfect for me. You can follow my routine too. 

10 Lines Essay on My Daily Routine

10 line essays are easy and short. Here is a 10 lines essay on my daily routine. I am sure you will be able to learn these 10 lines essay easily. 

1. A person who follows a good routine can handle his work and time properly. It’s easy to manage your time when you are on a routine. 

2. It’s a high priority for the students. And that’s why I follow a very simple routine to manage my time. 

3. My daily routine is very easy and simple. It helps me to study properly, eat on time, and take care of my health. 

4. I get up early in the morning and pray first. My mother always suggests me to pray in the early morning. 

5. And then I go for a morning walk. After a 30 minute walk, I come back home and go for a bath and then I eat my breakfast. 

6. I go to school at 9 o’clock and get back home at 3 o’clock. I eat my lunch in the school break time. I keep my food with me. 

7. I go outside to play cricket with my friends in the afternoon. I enjoy that time a lot. I think that’s the best part of my day. 

8. I read almost three hours at night. And then I eat my dinner. 

9. Before going to bed, I watch TV for 30 minutes. I love watching cartoon channels. 

10. That’s all about my daily routine. That is very simple and easy. 

How can I write my daily routine? 

If you want to write a daily routine, you can take suggestions from your teacher or someone elder from your family. When I wrote my first daily routine, I was very confused. But finally, I came with a very productive and successful schedule of my life. I suggest you look back on your day and think about how do you spend your time. You need to find where should you spend most of your time and where not. 

How important is a daily routine?

A daily routine is a very essential thing that will make your day easy. I hope you will be able to create a very useful and proper daily routine. 

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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My Mother Daily Routine Paragraph in English & Hindi

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My Mother Daily Routine Paragraph

My Mother has a well-established daily routine that she follows diligently. She begins her day early in the morning, rising at the crack of dawn. After freshening up, she spends some time practicing yoga and meditation to energize her body and calm her mind. Once she finishes her morning exercise, she prepares a wholesome and nutritious breakfast for the family. She takes great care in planning and cooking the meals, ensuring that we start our day with a healthy and balanced diet. She often includes fresh fruits, whole grains, and a variety of protein sources in our morning meal. After breakfast, my mother takes on the responsibilities of running the household. She manages the household chores efficiently, ensuring that everything is clean, organized, and in order. From cleaning and tidying up the house to doing laundry and grocery shopping, she handles it all with great attention to detail. In the afternoon, my mother makes a point to spend time pursuing her hobbies and interests. Whether it’s reading a book, working on a craft project, or tending to her garden, she dedicates this time to activities that bring her joy and fulfillment. This helps her recharge and find balance in her daily routine. In the evening, my mother focuses on preparing a delicious dinner for the family. She enjoys experimenting with different recipes and putting together meals that are not only tasty but also wholesome. She ensures that we all sit together as a family, sharing stories and catching up on our day while enjoying the meal she prepared with love. After dinner, my mother takes some time to relax and unwind. She may watch her favorite TV shows or engage in some light reading. Before retiring for the night, she practices a bedtime routine that includes skincare and a few minutes of quiet reflection. As I observe my mother’s daily routine, I am inspired by her dedication, discipline, and attention to detail. Her routine not only keeps our household running smoothly but also allows her to prioritize self-care and mindfulness. I am truly grateful to have such a hardworking and well-organized mother in my life.

My Mom is My Hero Essay in English & Hindi

My Mother is My Best Teacher Essay 200 Words In English & Hindi

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Daily Routine Essay For Students

daily routine essay in hindi

Table of Contents

Daily Routine Essay: Having a daily routine is important in our lives because it provides structure and stability. When we follow a routine, we know what to expect and can plan our time effectively. It helps us develop good habits and discipline, which are essential for success in school and beyond. Additionally, a daily routine can reduce stress and improve overall well-being by promoting a balanced lifestyle. With a consistent routine, we can prioritize tasks, allocate time for leisure activities, and ensure we get enough rest and relaxation. In this article, we’ll provide sample essays of varying lengths the significance of a daily routine to help you express your daily life effectively.

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Daily Routine Essay

My daily routine essay 1: 100 words.

Every day, I wake up at 6:30 am and start my day by getting ready for school. After brushing my teeth and taking a bath, I go downstairs to have a quick breakfast with my family. Then, I grab my backpack and head out to catch the bus. During my classes, I make sure to pay attention and take notes to stay on top of my schoolwork. Once the school day is over, I spend some time at the library studying or participating in extracurricular activities like sports or clubs. After that, I go home, have dinner, and spend the rest of my evening doing homework or relaxing before going to bed at around 10 pm. This is my daily routine that keeps me organized and helps me prioritize my responsibilities as a school student.

My Daily Routine Essay 2: 250 Words

As a high school student, my daily routine consists of a combination of school, extracurricular activities, and personal time. I usually wake up early in the morning, around 6:30 am, to get ready for school. After a quick shower and breakfast, I catch the bus and head to school. Once at school, I attend various classes throughout the day, including math, English, and science. I also participate in extracurricular activities like debate club and soccer practice after school. After a long day of learning and activities, I usually return home, complete my homework assignments, and relax by reading a book or watching a movie before going to bed around 10 pm. In addition to my academic and extracurricular commitments, I also try to find time for myself each day. This personal time allows me to unwind and recharge. I enjoy pursuing my hobbies, such as playing the guitar or painting, during this time. It helps me relax and relieve any stress accumulated during the day. I also use this time to connect with my family and friends, whether it’s having dinner together or chatting on the phone. Finally, before bedtime, I unwind with a good book or some soothing music. I believe in the importance of a good night’s sleep for overall well-being, so I ensure I get enough rest to prepare for the next day. Overall, my daily routine is a balance of education, activities, and personal time that helps me grow as a student and an individual.

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My Daily Routine Essay 3: 300 Words

My daily routine is like a well-oiled machine, a fine-tuned rhythm that helps me stay organized and focused throughout the day. First and foremost, as soon as I wake up, I stretch my limbs and take a deep breath, setting a positive tone for the day ahead. After freshening up and getting dressed, I head to the kitchen to fuel my body with a wholesome breakfast, consisting of whole grains, fruits, and a glass of milk. This provides me with the necessary energy to kickstart my day. Once I am nourished, I gather my school bag, ensuring that all my books and necessary materials are packed neatly. Then, I make my way to the bus stop, catching up with friends and chatting, making the ride to school an enjoyable one. Upon arrival, I attend my classes diligently, actively participating in discussions and taking notes to maximize my understanding of the subjects. During breaks, I make it a point to socialize with my peers, to forge stronger friendships and create a positive atmosphere within the school. After school, I participate in extracurricular activities such as sports or clubs, to engage in my passions and develop a well-rounded personality. In the evenings, I dedicate time to complete any pending assignments or study for upcoming tests, ensuring that I am well-prepared for academic challenges. However, I also value relaxation, and so I indulge in hobbies like reading or playing the guitar, which help me unwind and de-stress. Finally, before retiring to bed, I reflect on the day’s events, making mental notes on areas that may need improvement and areas where I succeeded. This allows me to grow and learn from my experiences, setting the groundwork for an even better routine tomorrow. Ultimately, my daily routine helps me navigate through the various aspects of my life, ensuring that I stay focused, organized, and balanced on my journey towards academic and personal success.

My Daily Routine Essay 4: 500 Words

A daily routine is a set of activities that we engage in regularly, following a specific schedule. It helps to structure our day and ensures that we utilize our time efficiently. Having a well-planned daily routine not only increases our productivity but also improves our physical and mental well-being. In this essay, I will describe my daily routine and how it helps me to achieve my goals and maintain a healthy lifestyle. 1. Morning Routine: I start my day early in the morning as it gives me a head start and allows me to accomplish more. My alarm clock goes off promptly at 6 am, and I immediately stretch, as it helps to awaken my body. After that, I freshen up and spend 15 minutes practicing meditation, which sets a calm and positive tone for the day. Following that, I do an hour of exercise, alternating between cardio and strength training. This energizes me and helps me stay fit. Finally, I have a nutritious breakfast consisting of fruits, oats, and eggs to fuel my body and mind. 2. Work/School Routine: After breakfast, I get ready for work or school. I organize my belongings, pack my lunch, and ensure that I have everything I need for the day. Transportation to my workplace or school takes approximately 30 minutes, during which I catch up on reading or listen to educational podcasts. Upon arrival, I review my schedule, prioritize my tasks, and create a to-do list. This helps me stay focused and organized throughout the day, ensuring that I complete all my assignments and projects efficiently. 3. Afternoon Routine: During my lunch break, I take time to relax and recharge. I have a healthy meal, preferably packed from home to ensure balanced nutrition. Afterward, I engage in a leisure activity for a short period, such as reading a book or going for a walk. This helps me to de-stress and re-energize for the second half of the day. In the afternoon, I attend classes or work on assignments, actively participating and seeking clarification whenever required. 4. Evening Routine: In the evening, I prioritize spending quality time with my family and friends. Depending on the day, I either attend extracurricular activities or have a quiet evening at home. This includes activities such as playing sports, watching a movie, or engaging in hobbies such as painting or writing. Regularly engaging in leisure activities helps me maintain a healthy work-life balance and keeps my mind stimulated. 5. Night Routine: To wind down for the night, I allocate time for personal care and relaxation. I ensure that I complete all pending tasks, review my to-do list for the next day, and plan accordingly. Afterward, I enjoy a homemade dinner with my family, engaging in light-hearted conversations. Following dinner, I spend time away from screens, allowing my mind to relax. This could be reading a book, practicing mindfulness, or writing in my journal. Finally, I maintain a consistent sleep schedule, ensuring I get at least 7-8 hours of sleep every night. Conclusion In conclusion, maintaining a disciplined daily routine helps me lead a healthy and balanced lifestyle. It allows me to accomplish my goals, stay focused, and make the most of my time. My daily routine consists of a structured morning, work/school schedule, leisure activities in the evening, and a restful night routine. By following this routine diligently, I have found myself more productive, happier, and physically healthier. Having a daily routine is not only beneficial to our work or academics but also contributes to our overall well-being.

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FAQs on My Daily Routine Essay

Why is having a daily routine important.

A daily routine provides structure, discipline, and organization to your day, helping you manage your time efficiently and achieve your goals.

How can I create a healthy daily routine?

To create a healthy daily routine, start with activities like exercise, proper nutrition, and adequate rest. Prioritize tasks, allocate breaks, and include time for hobbies and relaxation.

What are the benefits of a morning routine?

A morning routine, including activities like meditation and exercise, can boost energy, enhance focus, and set a positive tone for the day.

How can a daily routine improve productivity?

A daily routine helps improve productivity by providing a structured approach to tasks, reducing procrastination, and maintaining consistent work habits.

What should be included in a daily routine for students?

A student's daily routine should encompass study time, breaks, physical activity, healthy meals, and time for extracurricular activities.

How can I stick to my daily routine?

Sticking to a daily routine requires commitment and discipline. Set realistic goals, prioritize tasks, and maintain consistency to establish a routine that works for you.

Can a daily routine improve work-life balance?

Yes, a well-balanced daily routine can help improve work-life balance by allocating time for both professional responsibilities and personal well-being.

Is it necessary to have a fixed daily routine?

While having a fixed routine can be beneficial, flexibility is also essential. Adapt your routine to accommodate changes and unexpected events while maintaining its core structure.

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