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पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi Language

Essay On Tourism In Hindi Language पर्यटन पर निबंध:  देशाटन अथवा पर्यटन किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक क्षेत्र हैं.

Essay On Tourism में हम जानेगे कि भारत में पर्यटन का स्तर  स्थिति देशाटन के लाभ हानियाँ प्रमुख दर्शनीय स्थल आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे.

पर्यटन के महत्व पर निबंध में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए यहाँ निबंध बता रहे हैं.

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

पर्यटन पर निबंध (300 शब्द)

पर्यटन एक ऐसी यात्रा को कहते है जो मनोरंजन या फुरसत के समय का आनंद उठाने के लिए की जाती है। पर्यटन से व्यक्ती को जीवन में एक नई उमंग और उत्साह भर जाता है।

जब हम किसी स्थान पर पर्यटन के लिए घूमने के लिए जाते है तो हमें वहां की संस्कृति और लोक जीवन के बारे में जानने को मिलता है।

हमें इस चीज का एहसास होता है की इस दुनिया में कितनी विवधता है , हमारे और इनके लोक जीवन और संस्कृति में कितना अंतर है। इस से हमारे दिमाग का दायरा बढ़ता है और सोचने समझने की एक गहरी समझ विकसित होती है।

पर्यटन से हमें हमारी दैनिक जीवन की परेशानियां को भूलकर एक रचनात्मक प्रवृति जागृत होती है , जिस से जीवन में अनेक रास्ते खुल जाते है। 

अगर हम भारत में प्रमुख पर्यटक स्थलों की बात करे तो ऐसे बहुत से स्थल है जहां आप अपनी रुचि और सुविधानुसार जा सकते है। भारत के प्रत्येक राज्य में धार्मिक , प्राकृतिक, ऐतिहासिक महत्व के पर्यटक स्थल मिल जाएंगे जो भारत की विशाल और धनी प्राचीन विरासत को दर्शाते है।

जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में जहां पहाड़ी राज्यों का अपना अलग पर्यटक महत्व हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान अपने थार के मरुस्थल और सम के धोरों के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश अपने धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। गोवा अपने समुंद्री पर्यटन के लिए विख्यात है। 

भारत में कई ऐसे एतिहासिक पर्यटक स्थल है , जो हमें हमारे गौरवशाली इतिहास को संजोये हुए है, उनमें अनेक दुर्ग, स्मारक और छतरियां शामिल है। भारत विश्व का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है।

वर्तमान सरकार भारत में पर्यटन के महत्व को समझते हुए अनेक नए कॉरिडोर निर्माण कर रही है। पर्यटन से हमारे रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। इस प्रकार पर्यटन का जीवन में बहुत महत्व है।

पर्यटन पर निबंध 500 शब्दों में

मानव प्रवृत्ति और पर्यटन – मानव मन कौतुहल एवं जिज्ञासा नामक वृतियों से आक्रान्त रहता हैं. इन वृतियों के कारण वह नवीन वस्तुओं को देखने, समझने, नवीन स्थलों के प्रति आकृष्ट होने एवं नवीन स्थानों की सैर करने के लिए सचेष्ट रहता हैं.

इस प्रकार नवीन स्थानों तथा विभिन्न भू भागों में भ्रमण करना ही पर्यटन कहा जाता हैं. पर्यटन करने से मनुष्य को भिन्न भिन्न भौगोलिक परिवेशों को देखने को सुअवसर प्राप्त होता हैं. और उनके ज्ञान की वृद्धि होती हैं.

पर्यटन की व्यवस्था -पर्यटन मानव की स्वच्छंद एवं उन्मुक्त जीवन पद्धति का एक अंश हैं. इसकी व्यवस्था प्रत्येक व्यक्ति की रूचि एवं देश विशेष के आधार पर हो सकती हैं.

वर्तमान युग में पर्यटन की व्यवस्था का काफी प्रसार हो गया हैं. और सारे विश्व के देशों का भ्रमण आसानी से किया जा सकता हैं.

फिर भी प्रत्येक यात्री के लिए यह आवश्यक हैं कि वह जिस देश की यात्रा पर जा रहा हो, वहां की रीती नीति, भाषा, खान पान तथा शिष्टाचार आदि का उसे ज्ञान हो.

उसे वहां के दर्शनीय स्थानों, ऐतिहासिक स्मारकों का भी ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए उसे उस स्थान का मानचित्र एवं वहां की परिचयात्मक पुस्तिका अपने पास रखनी चाहिए.

यात्रा के लिए कुछ आवश्यक सामान साथ में ले जाना चाहिए. धन की व्यवस्था भी पूर्णरूप से होनी चाहिए. इस तरह की आवश्यक व्यवस्था हो जाने पर यदि कोई साथी या परिचित सहयात्री मिल जाए तो उसकी भी व्यवस्था करनी चाहिए.

सहयात्री मिल जाने पर बहुत सी सहायता मिल जाती हैं एवं मार्ग की परेशानियों का सामना किया जा सकता हैं.

पर्यटन से लाभ – मनुष्य को पर्यटन से अनेक लाभ होते हैं. इससे मनुष्य के ज्ञान का विस्तार होता हैं. विद्यार्थी जिन धार्मिक अथवा ऐतिहासिक स्थानों का वर्णन पुस्तकों में ही पढ़ पाते हैं.

उन स्थानों को प्रत्यक्ष रूप से देखने पर ज्ञान और अधिक बढ़ जाता हैं. दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर हड़प्पा और सारनाथ के भग्नावशेष अजन्ता और एलोरा की गुफाएं आगरा का ताज महल, दिल्ली का लाल किला, जयपुर का हवा महल एवं जंतर मन्तर आदि का साक्षात ज्ञान पर्यटन से ही किया जा सकता हैं.

विभिन्न भागों के रीती रिवाज खान पान सामाजिक परम्परा सभ्यता एवं प्राकृतिक वातावरण आदि समस्त बातों का ज्ञान पर्यटन से ही हो सकता हैं. पर्यटन से मनोरंजन भी होता हैं.

तो नयें लोगों से परिचय भी बढ़ता हैं. इससे अनुभव परिपक्व होता हैं. इस तरह पर्यटन काफी लाभकारी रहता हैं.

उपसंहार – इस नश्वर संसार में आकर मनुष्य ने यदि भिन्न भिन्न भागों को नहीं देखा, प्रकृति के सौन्दर्य का नजदीकी से अवलोकन नहीं किया, तो उसका अमूल्य जीवन वास्तव में व्यर्थ हैं.

पर्यटन से ऐसे कई नवीन मित्र बन जाते हैं. जो जीवन भर सहायता सहयोग करते रहेगे. अतः हमे चाहिए कि हम अपनी आर्थिक शक्ति तथा पारिवारिक स्थिति के अनुसार पर्यटन करें, अपना लोकानुभव निरंतर बढाते रहे. जीवन की सफलता के लिए पर्यटन परमावश्यक हैं.

700 शब्द : पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi

शिक्षा के प्रसार ने लोगों में विश्व के अलग अलग हिस्सों में जाकर वहां की जानकारी एकत्र करने की प्रबल इच्छा पैदा की. नयें अनुभव एवं ज्ञान का तो कारण हैं ही साथ ही हवाई परिवहन में प्रगति एवं पर्यटक सुविधाओं में विकास ने भी सीमाओं से बाहर निकलकर विचरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया हैं.

विशेष रूप से दूरस्थ एव पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के तंत्र के रूप में पर्यटन के महत्व को विश्व भर में पहचान मिली हैं. सकल राजस्व के साथ साथ विदेशी मुद्रा आय के मामले में यह सम्पूर्ण विश्व में एक वृहत सेवा उद्योग हैं.

पर्यटन के कई लाभ हैं. पर्यटन से न सिर्फ मनोरंजन होता हैं बल्कि यह शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त करने का भी एक अच्छा साधन है. इसलिए स्कूल कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों को पर्यटन के लिए किसी न किसी स्थान पर ले जाया जाता हैं. पर्यटन से व्यक्ति में नवजीवन का संचार होता हैं.

इसलिए लोग वर्ष में एक बार पर्यटन के लिए अवश्य समय निकालते हैं. जिन्दगी की इस भागदौड़ में पर्यटन का महत्व भी बढ़ गया हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यस्ततम जीवन में से समय निकालकर किसी न किसी स्थान पर घूमने के लिए जाते रहना चाहिए. इससे उस व्यक्ति के जीवन का वातावरण में भी बदलाव आता हैं.

ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन की स्थिति में इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं. इससे ऐतिहासिक घटनाओं को अनुभव करने का आभास होता हैं, जिन बातों का अनुभव हम ताजमहल और कुतुबमीनार को देखकर कर सकते हैं. उसे किसी भी किताब के माध्यम से बताया नहीं जा सकता.

पर्वत, पठारों, झीलों, नदियों की तस्वीरों या पाठ्यसामग्रियों से हमें इसके वास्तविक स्वरूप का ज्ञान नहीं हो सकता. नदी के पानी को छूकर देखने, पहाड़ों की सैर करने झीलों में नौका विहार का आनन्द लेने के बाद इनके बारे में जो अनुभव होता हैं, वह विभिन्न प्रकार की किताबों से भी प्राप्त नहीं हो सकता.

आधुनिक समय में पर्यटन का एक और लाभ यह हैं कि यह रोजगार का अच्छा साधन बन चुका हैं. भारत में भी यह एक बड़े सेवा उद्योग का रूप ले चुका हैं.

इसका योगदान देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में 6.23 प्रतिशत हैं एवं कुल रोजगार में 8.78 प्रतिशत हैं. भारत में हर वर्ष 50 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं तथा 50 लाख से अधिक घरेलू पर्यटक भी पर्यटन के लिए आते हैं.

पर्यटन के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्र समुद्री तट एवं जंगल काफी महत्वपूर्ण एवं आनन्ददायक होते हैं. समुद्री तट की सैर एवं सूर्य स्नान का अपना अलग ही आनन्द हैं.

जंगल के विविध प्राणियों को देखने का रोमांच ही अलग होता हैं. गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की सैर का आनन्द दुगुना हो जाता हैं.

भारत में प्रायः हर राज्य पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. आंकड़े बताते हैं कि आगरा का ताजमहल देखने प्रतिवर्ष लाखों देशी विदेशी पर्यटक आते हैं.

लोगों के पर्यटन के प्रति रुझान के कारण ही पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 ई में अतुल्य भारत इनक्रेडिबल इंडिया की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत अतुल्य भारत सम्बन्धी विज्ञापन जन संचार के माध्यमों में प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाता हैं.

इसमें भारतीय पर्यटन की विशेषताओं का उल्लेख किया जाता हैं. विश्वभर में इस प्रचार अभियान ने भारत को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप में दर्शाया है जिसमें कलाप्रेमियों, संस्कृति प्रेमियों, फिल्म प्रेमियों और रोमांच की तलाश में निकले पर्यटकों की खासी दिलचस्पी हुई.

दुनियाभर के पर्यटकों के समक्ष भारत को एक उत्कृष्ट पर्यटक स्थल के रूप में पेश करने वाले इस अतुल्य भारत विज्ञापन अभियान को ब्रिटेन द्वारा सर्वाधिक सृजनात्मक मीडिया अभियान के रूप में सम्मानित किया गया.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पुरानी हवेलियों, किलों, दुर्गों के अलावा 1950 से पूर्व निर्मित आवासीय भवनों में चल रहे होटलों के लिए हेरिटेज होटल नाम का नया वर्ग बनाया हैं.

इसके अलावा भारत सरकार ने 2002 में नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति घोषित की हैं, जिसमें देश को इस क्षेत्र में एक ग्लोबल ब्रांड बनाने की बात कही गई थी.

बहरहाल भारत मनमोहक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों तथा शानदार शहरों, सुनहरें तटों, धुंध वाले पर्वतों, रंग बिरंगे लोगों, सम्रद्ध संस्कृति और त्योहारों का देश हैं. यह विदेशी यात्रियों के लिए लोकप्रिय गन्तव्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी पहचान बना रहा हैं.

भारत की यात्रा पर्यटकों के लिए असाधारण होती है, क्योंकि आश्चर्यों से भरे इस देश में दक्षिण के सुंदर समृद्ध तट उत्तर में प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, विशाल पर्वत, लम्बी घाटियाँ, हरे भरे मैदान एवं उष्णकटिबंधीय वर्षावन जैसे दिलकश नजारे लोगों का मन मोहते हैं.

इसलिए कहा जाता हैं कि यदि आप विश्वभ्रमण कर चुके हैं, तो आपने अब तक केवल आधी दुनियां ही देखी है, और यदि आपने भारतीय उप महाद्वीप का भ्रमण कर लिया हैं.

तो आपने पूरी दुनियां देख ली हैं. अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और परम्परागत आध्यात्मिकता के कारण भारत प्राचीन काल से ही विश्वभर के उत्साही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा हैं.

पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद भारत में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई हैं. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की साख बढ़ी हैं.

इस तरह पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत वास्तव में दुनिया में अतुल्य हैं. आने वाले कुछ वर्षों में भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में निसंदेह और वृद्धि होगी.

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भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019 – निबंध

Essay in hindi.

Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ – Full Essay 2019 in Hindi |  भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |

आधार-बिंदु : 1. एक पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता 2. विश्व पर्यटन और भारत 3. भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ 4. भारत में पर्यटन की समस्याएंँ 5. स्वतंत्रता के बाद पर्यटन 6. भारत की पर्यटन नीति 7. पर्यटन विकास के लिए आयाम 8. पर्यटन विकास के लिए जरूरी क़दम

पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

विश्व अब एक गांँव की तरह है । दुनिया के देशों के आपसी संबंध उनके बीच ज्ञान, संस्कृति एवं भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान दो मोहल्लों के बीच के आदान-प्रदान की तरह हो गया है । परिवहन एवं दूरसंचार ने दुनिया के देशों को सचमुच निकट ला दिया है । फिर दुनिया में बढ़ती जा रही मनुष्य की आर्थिक सामर्थ्य और जिज्ञासा एक देश के लोगों को दूसरे देश के निकट लाती जा रही है, इसलिए संपूर्ण विश्व में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है । अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन न केवल आधुनिक युग की देन है बल्कि इसके प्रसार की गति भी आधुनिकता की रफ्तार से जुड़ी हुई है । बिना कुछ निर्यात किए पर्यटन से आमदनी तो प्राप्त होती ही है इससे रोजगार की वृद्धि, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तथा सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता भी मिलती है । इसलिए पर्यटन एक आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उद्योग है । दुनिया के सभी देश पर्यटन को विकसित करने की ओर सजगता से उन्मुख है । विश्व पर्यटन और भारत :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली इत्यादि सर्वाधिक पर्यटकों को आकृष्ट करने वाले देश है, किंतु भारत का स्थान काफी नीचे हैं । विश्व में पर्यटन से होने वाली आय 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में भारत का हिस्सा मात्र 0.44 प्रतिशत है । भारत की भौगोलिक विविधता, सुदीर्ध एवं सांस्कृतिक परंपरा की समृद्धि तथा कम खर्च के बावजूद हम भारत को पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक नहीं बना सके है और संसार के कुल पर्यटकों में से मात्र 0.33 प्रतिशत पर्यटकों को ही भारत की ओर आकृष्ट कर पा रहे हैं ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत पर्यटकों को स्वर्ग हो सकता है । हमारे यहांँ हिमालय, सागर, रेगिस्थान, पहाड़, जंगल, नदिया, झीले हैं । हजारों वर्षों की परंपरा लिए हुए गुफाएंँ, किले, महल, हवेलियांँ, बावड़ीयाँ, पनघट हैं । उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सांस्कृतिक विभिनता लिए वेशभूषा, पूर्व-त्योहार, मेले-उत्सव, रीति-रिवाज है । देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इतनी कौतुकभरी समृद्ध विविधता है कि भारत पर्यटक की दृष्टि से अग्रणी देश हो सकता है और भारत के अन्य उद्योगों को चमकाता हुआ पर्यटन उद्योग अपनी चमकदार छटा बिखेर सकता है । भारत में पर्यटन की समस्याएंँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर भारत के पर्यटन में कुछ गंभीर समस्याएं भी हैं । भारत में बढ़ रहा आंतकवाद आरामदेह और तीव्रगामी परिवहन साधनों की कमी, रेल तथा हवाई यात्रा की अनिश्चितता, वायु तथा रेल यातायात में समन्वय की कमी, प्रतिवर्ष यात्रा किराये में वृद्धि, सस्ते, आरामदेह, शांत, स्वच्छ एवं सुविधाजनक आवास की कमी, प्रशिक्षित एवं सुसभ्य गाइडों का अभाव, गंदगीयुक्त वातावरण का होना, विद्युत एवं संचार व्यवस्था में अव्यवस्था, पर्यटन संबंधी सूचनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार की कमी, पर्यटन सूचना केंद्रों की कमी एवं उनमें व्याप्त अराजकता, पर्यटकों की इच्छा अनिच्छा की समझ का अभाव, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा की अपर्याप्तता, पर्यटको की सुरक्षा की कमी तथा पर्यटकों के साथ शालीन एवं ईमानदार व्यवहार की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण भारतीय पर्यटन उद्योग तेजी से उन्नत नहीं हो पा रहा है । उक्त समस्याओं के कारण विशेषकर विदेशी पर्यटक भारत में आने से हिचकिचाता है । स्वतंत्रता के बाद पर्यटन :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पर्यटन के विकास पर ध्यान देना प्रारंभ किया है । 1949 में परिवहन मंत्रालय में ही ‘पर्यटक आवागमन कमेटी’ का गठन किया गया । 1955-56 में उसका नया नाम पर्यटन विभाग रखा तथा 1965 में परिवहन एवं पर्यटन विभाग कर दिया गया । 1966 में पर्यटन विभाग को नागरिक उड्डयन विभाग से जोड़ दिया गया और इसी वर्ष ‘भारतीय पर्यटन विकास निगम’ की स्थापना की गई जिसने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत कार्य किया । भारतीय पर्यटन विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र में एक अर्द्ध स्वायतशासी संस्था है जो पर्यटन विभाग से निकट संपर्क रखती हैं । यह संस्था देश में होटलों व यात्री-आवासों की एक श्रृंखला को चलाती एवं नियंत्रित करती है । पर्यटकों के लिए परिवहन सुविधाओं, प्रचार-प्रसार सामग्री, उनके मनोरंजन के साधन तथा हवाई-अड्डों पर शुल्क मुक्त दुकानों का संचालन करती है । इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को विकसित करने का कार्य भी इस ‘निगम’ द्वारा संपन्न होता रहा है ।

भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019  

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भारत की पर्यटन नीति :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8 नवंबर, 1982 को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन की प्रथम राष्ट्रीय नीति को संसद में प्रस्तुत करने में आया । नीति के जो मुख्य उद्देश्य रखे हुए हैं उनमें- आपसी भ्रमण के माध्यम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाना; पर्यटन के विकास के माध्यम से विश्व की विचारधारा, जीवन के तरीकों और विकास की तकनीकी का ज्ञान करना; पैतृक संपदा एवं संस्कृति को बनाए रखने, नष्ट होने से बचाने और समृद्ध बनाने के लिए प्रचार-प्रसार करना, पर्यटन के समुदाय के लिए आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्राप्त करना अर्थात रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आय का सृजन, राजस्व की प्राप्ति, विदेशी विनियम का अर्जन और मानव व्यवहार में सुधार करना तथा पर्यटन के विकास से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की विचारधारा को युवक-युवतियों में विकसित करना एवं मेलों-खेलों आदि के द्वारा राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं । हाल ही में भारत सरकार पर्यटन को संविधान की समवर्ती सूची में सम्मिलित करना चाहती है ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की भागीदारी बन सके । पर्यटन विकास के लिए आयाम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर्यटन नीति से युवकों हेतु होस्टल और अन्य विकास पर बल दिया गया है, चयनात्मक यात्रा-भ्रमण-पद्धति को अपनाया गया है तथा पर्यटकों के लिए सुविधाओं की आधारभूत संरचनाओं में वृद्धि करने पर जोर दिया गया है । नीति के विपणन व्यूह रचना से यात्री सुविधा बढ़ाने पर बल दिया है, बौद्ध धर्म-स्थलों पर यात्री सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया है । पर्यटन को एक अंतर-अनुशासन का विषय बनाया गया है ताकि विभिन्न स्तर की सरकारें विभिन्न स्तर के व्यापारियों के साथ समन्वित रूप से कार्य कर सकें ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com सातवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय पर्यटन उद्योग के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर रही है । इस योजनावधि के दौरान पर्यटन को विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की भावी संभावनाओं के रूप में स्वीकारा गया तथा इसे उद्योग का दर्जा भी दिया गया । 11वीं पंचवर्षीय योजना में अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे उद्योग घोषित कर दिया है तथा पर्यटन के कार्य-कलापों में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को बहुत से प्रोत्साहन उपलब्ध कराए गए हैं । सन 1989 में ‘पर्यटन वित्त निगम’ की स्थापना की गई जो होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क आदि पर्यटन सुविधाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराता है । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए सहायता योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है । वर्ष 1991 को ‘भारतीय पैटर्न वर्ष’ घोषित कर के पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर जोर दिया गया । आठवीं पंचवर्षीय योजना में पर्यटन सेवा हेतु निजीकरण को अपनाने पर विशेष बल दिया गया है । इस योजना में विदेशी पर्यटन के साथ-साथ देशी पर्यटन के विकास पर भी बल दिया गया । ‘विशेष पर्यटन क्षेत्र’ योजना के अंतर्गत पर्यटन की संभावनाओंवाले नए क्षेत्र स्थलों की तलाश कर विकास प्रारंभ किया । बिहार में भगवान बुध्द से संबंधित स्थानों और महाराष्ट्र में अजंता एलोरा के विकास हेतु परियोजनाएं विदेशी वित्तीय सहायता से आरंभ की गई है । ‘आगरा सांस्कृतिक विकसित परियोजना’ भी चल रही है । फिर भी भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 2% पर्यटन से प्राप्त होता है जबकि हम पर्यटन विकास पर प्रतिवर्ष कुल सार्वजनिक व्यय का मात्र 0.2 प्रतिशत खर्च करते हैं । इस प्रकार निवेश की कमी भी पर्यटन के समुचित विकास में बाधक है । पर्यटन विकास के लिए ज़रूरी कदम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

वर्तमान में भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए एक ओर देश में फैले पर्यटन केंद्रों को तीव्र एवं सुविधाजनक परिवहन साधनों से जोड़ना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ना जरूरी है । पर्यटन से जुड़े सभी संस्थानों में योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी एवं दुर्व्यवहार करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर करनेवाले करवाने में मदद करनी चाहिए । विश्राम गृहों एवं सूचना केंद्रों पर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान रखनेवाले प्रशिक्षित गाइड नियुक्त करने चाहिए । देश में सुरक्षा एवं शांति का माहौल भी पर्यटन के लिए बहुत आवश्यक है । कई बार पर्यटकों के अपरहण हो जाने से भारतीय पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । पूर्व में भारत-पाक संबंधों के तनावपूर्ण रहने एवं आतंकवादी गतिविधियों ने भारतीय पर्यटन को दुष्प्रभावित किया है किंतु अब इस दिशा में हो रहे अनुकूल वातावरण से भारतीय पर्यटन में चमक आ रही है ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन देश की सांस्कृतिक पहचान एवं आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण एवं विकासशील उद्योग है ही साथ ही यह भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संस्कृति का विश्व-संस्कृति के साथ आदान-प्रदान करने का भी महनीय कार्य है किंतु इसकी गति तीव्र करने के लिए सरकार के पर्यटन विभाग एवं पर्यटन निगम के अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं, निजी उद्यमियों एवं आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है । यदि हम हमारे मेहमानों के प्रति भारतीय परंपरा के अनुसार ‘अतिथि देवोभव’ के भाव में शालीन-सुसंस्कृत व्यवहार करेंगे तो हमें अर्थ को प्राप्त होगा ही साथ ही भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को विश्वभर में पहुंचा कर गौरवान्वित भी होंगे ।

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पर्यटन पर निबंध – Essay on tourism in Hindi

पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi): पर्यटन का दूसरा नाम भ्रमण है. हम पुस्तक पढ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं. पर उससे अधिक ज्ञान हमें पर्यटन से मिलता है. पुस्तक से पढी हुई बातें पर्यटन से प्रत्यक्ष हो जाती है. पर्यटन ज्ञानवृद्धि का उत्तम साधन होता है. प्राचीन काल में पर्यटन की सुविधा नहीं थी. उस समय पैदल चल कर भी लोग पर्यटन करते थे. लेकिन आजकल पर्यटन के लिए मोटर, रेलगाडी, हवाई जहाज आदि साधन हमें मिलते हैं. पर्यटन से हमारा बहुत लाभ होता है. हमारी दृष्टी विशाल हो जाती है. हमारे शरीर पर भी पर्यटन का गहरा प्रभाव पडता है. स्वास्थ्य परिवर्तन के लिए कुछ लोग पर्यटन करते हैं. हमें शिक्षा संबंधी ज्ञान प्राप्त होता है. विभिन्न प्राकृतिक दृश्य देखने से हमे अपार आनंद मिलता है. मन की थकावट दूर होती है. पर्यटन से भातृभावना बढती है.

तो चलिए हमारे लेख के और बढ़ते हैं जो है पर्यटन पर निबंध (Tourism essay in Hindi).

विशिष्ट लक्ष्यों और दृष्टिकोणों के साथ देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करना और उस स्थान की सभी घटनाओं की खोज करना और अनुभूति पाप्त करना को पर्यटन कहा जाता है. हालांकि पर्यटन प्राचीन काल से ही मानव समाज में प्रचलित रहा है, समय के साथ इसमें अप्रत्याशित विकास हुआ है. आधुनिक मानव जीवन में पर्यटन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आजकल पर्यटन किसी व्यक्ति की कल्पना तक सीमित नहीं है. आधुनिक युग में, इसे एक उद्योग माना जाता है. दुनिया के अधिकांश देश पर्यटन उद्योग के विकास के लिए कदम उठा रहे हैं.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

यात्रा एक प्राचीन मानव की प्रवृत्ति थी. भोजन की तलाश में वह विभिन्न स्थानों की यात्रा करता था. प्राचीन मनुष्य के खानाबदोश जीवन से उसकी विभिन्न स्थानों की यात्रा की जानकारी मिलती है. केवल पर्यटन की पृष्ठभूमि पर सभी प्राचीन सभ्यताएं विकसित हुई थी. इतिहास पढ़ने से यह पता चलता है की मेगस्थनीज, फाहियान, ह्वेन त्सांग आदि देशों के पर्यटक विभिन्न देशों की यात्रा करके उसी देश के शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति, शासन और सामाजिक जीवन पर ज्ञान प्राप्त किये थे. इसलिए, प्राचीन समय से, पर्यटन मानव जिज्ञासा और अनुसंधान को पूरा करने और विकास के मार्ग में मानव समाज का मार्गदर्शन करने में मदद करने में सक्षम रहा है.

paryatan par nibandh

पर्यटन के लाभ

पर्यटन का क्षेत्र बहुत विस्तृत है. यह आपका राज्य या देश के विभिन्न स्थानों से शुरू होकर पृथ्वी की सतह पर कहीं भी यात्रा करने के लिए पर्याप्त है. पर्यटन के परिणाम स्वरूप, विभिन्न स्थानों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित होता है. इसलिए यह पर्यटकों के ज्ञान और दृष्टिकोण को समृद्ध करता है. विभिन्न स्थानों और देशों की यात्रा करने से उस सब स्थान के सभ्यता, संस्कृति,  सामाजिक रीति-रिवाजों आदि का सटीक ज्ञान प्राप्त होता है. इन सबका लाभ पर्यटकों को मिलता है. इसलिए, पर्यटन देशों के बीच प्रेम, सद्भावना, भाईचारे और दोस्ती को बढ़ाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है. विभिन्न स्थानों की यात्रा करने से पर्यटकों को बहुत अधिक मानसिक संतुष्टि मिलती है. बहुत सी नई जगहों और चीजों को देखकर और अजनबियों के संपर्क में आने से इंसान के मन को खुशी मिलती है. पर्यटन द्वारा विभिन्न स्थानों में आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार बनाता है. इससे पर्यटकों के आर्थिक विकास और राजनीतिक चेतना का विकास होता है. पर्यटन धर्म के प्रचार और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है.

शिक्षा और अनुसंधान में पर्यटन की आवश्यकता

पर्यटन शिक्षा और अनुसंधान के लिए आवश्यक है. साहित्य, भूगोल, इतिहास आदि का अध्ययन करने के लिए पाठ्य पुस्तकें पर्याप्त नहीं हैं. तो इन सभी विषय में प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने के लिए पर्यटन की आवश्यकता है. आप ताजमहल के बारे में चाहे जितनी भी जानकारी इकट्ठा कर लें, जब तक आप उस जगह की यात्रा नहीं करते हैं तब तक आपको उस जगह के बारे में पर्याप्त ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते. पर्यटन शिक्षा प्रणाली से निकटता से जुड़ा हुआ है. पर्यटन के परिणामस्वरूप, एक छात्र का ज्ञान बढ़ता है और उसका सामाजिक दृष्टिकोण बदल जाता है. यह उसकी मानसिक शक्ति के विकास को गति देता है. किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पर्यटन की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रासंगिक अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा करना आवश्यक है.

आधुनिक युग में पर्यटन उद्योग का विकास

आधुनिक युग में, पर्यटन को एक उद्योग माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विभिन्न पर्यटन स्थलों का विकास होने से यह बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करेगा नतीजतन, यह अप्रत्यक्ष रूप से राज्य या देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा. इसलिए, आज दुनिया भर के कई देश पर्यटन उद्योग के विकास पर ध्यान दे रहे हैं. हमारे देश भारत के पास इसके लिए एक विशेष विभाग है.

पर्यटन मानव जीवन के सभी पहलुओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल देश के भीतर राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में मदद करता है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना की स्थापना को भी मजबूत करता है. अगर सरकार और जनता इस बारे में जागरूक होंगे और एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे तो पर्यटन उद्योग के और बढ़ने की उम्मीद है.

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ये था पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi). उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.    

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भारत में पर्यटन पर निबंध हिंदी में Essay On Tourism In India In Hindi

विश्व पर्यटन दिवस कब मनाया जाता हैं | World Tourism Day Kab Hai

विश्व पर्यटन दिवस के बारे जानकारी व अहम बाते.

  • हर साल 27 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता हैं. इस साल 2022 में भी 27 सितम्बर 2022 को इसे मनाया जाएगा.
  • विश्व स्तर पर मनाए जाने वाले इस दिन को मनाने का मुख्य कारण लोगों एक दूसरे स्थानों पर आने जाने के लिए प्रेरित करना हैं. विश्व पर्यटन संगठन द्वारा इसका आयोजन हर साल एक नई थीम के साथ किया जाता हैं.
  • वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 27 सिंतबर को विश्व पर्यटन दिवस को हर साल मनाने का निर्णय किया गया था.
  • भारत पर्यटन की दृष्टि से काफी सम्रद्ध देश है यहाँ के दर्शनीय स्थल, प्राकृतिक सौदर्य, धार्मिक स्थलों एवं ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए हर साल सालों पर्यटक भारत आते हैं.

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पर्यटन पर संक्षिप्त में निबंध || Short Essay on Tourism in Hindi

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पर्यटन पर निबंध

पर्यटन  एक ऐसा साधन है। जिसका उपयोग मनुष्य  मनोरंजन  या  आनंद  उठाने के लिए करते हैं।  पर्यटन का दूसरा नाम भ्रमण है।  पर्यटन से मनुष्य के जीवन में नई उमंग एवं उत्साह भर जाता है। मनुष्य पुस्तक पढ़ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं पर उससे अधिक ज्ञान पर्यटन से मिलता है। पुस्तक से मिली हुई जानकारी पर्यटन से  प्रत्यक्ष  हो जाती है।  आधुनिक  युग में मनुष्य नए-नए जानकारियों पाने का आदि हो गया है। एक नई बातों को सुनना, नए  स्थानों को देखना, नए लोगों से मिलना और  नवीन वातावरण में रहना पसंद करता है। इन सारी बातों की पूर्ति के लिए  पर्यटन  आवश्यक है। इसीलिए मनुष्य  प्राचीन काल  से ही पर्यटन की ओर उन्मुख है। प्राचीन काल में पर्यटन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उस समय  पैदल  चल कर ही मनुष्य  पर्यटन  करते थे।  आधुनिक युग  में पर्यटन की ओर अधिक दिलचस्पी को देखते हुऐ।  पर्यटन  के लिए अनेक साधन उपलब्ध कराएं गये। अतः पर्यटन से मनुष्य अपने दैनिक दिनचर्या को छोड़कर जीवन का भरपूर आनंद लेता है।

पर्यटन का महत्व 

पर्यटन का इतिहास अति प्राचीन है।  यातायात के साधनों का  अभाव  रहने पर भी मनुष्य पैदल चलकर पर्यटन किया करते थे। उस समय मार्ग  खतरनाक  थे। मार्ग  कंकरों  एवं  पत्थरो  से भरा हुआ था। फिर भी मनुष्य  पर्यटन  से मुंह नहीं मोड़ते थे। क्योंकि उनमें पर्यटन के लिए उत्साह था। आधुनिक युग में पर्यटन के कई सुविधाएं प्राप्त है।  विज्ञान  ने समय और दूरी पर  विजय  प्राप्त कर ली है। अपने-अपने इच्छा अनुसार मनुष्य  पर्यटन  के लिए  स्थानों का चयन करते हैं। पर्यटन मानव मस्तिष्क को विकसित करता है। पर्यटन से मनुष्य को व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। इससे मनुष्य जीवन की वास्तविकता से  परिचित होता है। पर्यटन हमारे  मनोरंजन  का साधन है। जीवन का असली मजा घूमने–फिरने तथा नए वातावरण में प्रवेश करने में आता है। अपने आसपास और हर उस पर  प्रसिद्ध स्थानों  का कोना– कोना देखना कई  मनुष्य  का सपना होता है। यही कारण है कि हर मनुष्य के अंदर पर्यटन अथवा भ्रमण करने की इच्छा उत्पन्न होती है। पर्यटन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य  देश-विदेश  की जानकारियां प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त कर सकता है।

  • "सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां। जिंदगी गर रही तो, नौजवानी फिर कहां।"
  • पर्यटन मानव–मस्तिष्क   को विकसित  करता है। ज्ञानार्जन से मानव–मस्तिष्क  विशाल  बनता है।
  • पर्यटन  के दौरान  मनुष्य जीवन  की वास्तविकता से परिचित होता है। कहीं  महात्माओं  के सद्  दर्शन  होते हैं तो कहीं  दूरात्माओं  से  साक्षरता  होता है।  पर्यटन  के दौरान मनुष्य तनाव  मुक्त  हो जाता है।
  • इससे हमारा  ह्रदय  उदार और विस्तृत होता है। इससे हमारे हृदय में  देशप्रेम  और  विश्व– बंधुत्व  की भावना बढ़ती है।

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essay on tourism in india in hindi

Essay on Tourism in India in Hindi

भारत देश के बारे में कौन नहीं जानता है, यहां हर कोई भारत देश के लोगों के व्यवहार और घूमने की जगहों को लेकर की हमेशा रोचक तत्व को जानते रहते हैं। वैसे तो भारत में घूमने फिरने के लाखों जगह है जहां पर मन को शांत कर देने वाला और दिल को खुश कर देने वाला ऐसा ऐसा दृश्य है जिसे देखकर मंकी जो तसल्ली है वह पूरी हो जाती है। यहीं तक नहीं भारत (Essay on Tourism in India in Hindi) में तो दूसरे देशों से भी लोग आकर यहां की सुंदरता का दर्शन करते हैं और मन को मोह लेने वाला मनोरम दृश्य को देखकर के प्रसन्न होते हैं। हर वर्ष भारत में विदेशों से आने वाले ऐसे लाखों पर्यटक है जो भारत की सुंदरता में अपनी अपनी टिप्पणी या और अपनी अपने विचारों की धारा समर्पित करते हैं।

वर्तमान समय में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाने वाले देश का नाम भारत के नाम से ही जाना जा रहा है। घूमने फिरने के तो और भी लाखों जगह है परंतु जो प्रेम और सम्मान भारत में मिलता है वह कहीं नहीं। शायद यही कारण है कि लाखों की तादाद में हर साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगती है और उनके हृदय को छू लेने वाला यह मनोरम दृश्य उन्हें हर वर्ष यहां खींच लाता है। ऐसे ही पर्यटकों का आना-जाना भारत देश में लगा रहता है परंतु पहले हम जानते कि किस प्रकार के पर्यटक और कैसी भावना लेकर के यहां पर आते हैं और उसे हमारे देश को क्या लाभ होता है?

Table of Contents

कहा से आते है पर्यटक:-

भारत देश में ऐसे तो हर तरफ से ही लोगों का आना जाना और मेलजोल लगा रहता है। परंतु पर्यटकों (Essay on Tourism in India in Hindi) के आने जाने के लिए संसाधनों और वाहनों के जमा हुए भीड़ को देखकर हमें पता चल जाता है कि कहां कहां से कौन-कौन से पर्यटक हमारे देश को भ्रमण करने आ रहे हैं। पर्यटक यहां तक की उन देशों से भी भारत पहुंच जाते हैं जहां से यहां आना नामुमकिन के बराबर होता है।भारत कुछ है ही ऐसा जो लोगों को अपनी तरफ खींच लाता है।यहां का ताजमहल ,चार मीनार ,लाल किला यह सब ही मन को मोह लेने वाली एक ऐसी दृश्य है जो यदि कोई एक बार देख ले तो उनके मन में बस जाए। इतना ही नहीं यहां तो इतने सारे झंडों के स्त्रोत हैं जिसे देख कर के ही उसकी सुंदरता में डूब जाने को जी करता है।

हमारे भारत देश में पर्यटक हर दिशा और हर राज्य और हर क्षेत्र हर देश से आते हैं। ज्यादातर पर्यटक अमेरिका और दुबई के होते हैं। जो कि यहां पर भारत की सुंदरता को देख कर के अपने देश की सुंदरता को सुधारने का कार्य करते हैं। हालांकियहां की सुंदरता वहां पहुंचता नहीं पाती परंतु कुछ ऐसे दृश्यों को वह अपनी नजरों में उतार लेते हैं जो उन्हें वहां जाने के बाद कार्य आती है। घूमने फिरने की सलाखों नहीं परंतु भारत में अफ्रीका, जापान, चाइना ,वेस्ट बंगाल, बेंगलुरु, ऑस्ट्रेलिया ,इराक ,यहां तक कि यूरोप और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों से भी लोग घूमने आते हैं।इन देशों से आने वाले लोगों को यहां आने के लिए जो साधनों की जरूरत पड़ती है वह वे खुद ही अपने पैसों से खर्च करके आते हैं।

पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह भारत में :-

दुनिया भर में वैसे तो सबसे ज्यादा पर्यटक स्थान भारत को माना गया है परंतु पर्यटकों की भी यहां अपनी अपनी पसंद होती हैं। भारत में ऐसे तोघूमने की इतनी जगह है कि यदि कोई आदमी अपने जीवन भी निकाल ले तो भी सारे जगहों को यहां पर नहीं देख सकता।परंतु पर्यटकों की जो सबसे लुभावनी जगह है भारत में यह उनके लिए ही केवल यहां आते हैं और उसको देखते हैं। भारत के हिसाब से और पर्यटन जनसंख्या के हिसाब से भारत में सबसे ज्यादा पर्यटन जगह है-ताजमहल (आगरा), खुजराहों(छत्तीसगढ़), जगर्नाथपुरी (ऑर्रिशा), चारमीनार(हैदराबाद) ,लालकिला(दिल्ली), आदि जैसी जगहों पर पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ लगती है। ऐसे भी हैं जो भारत के और भी दूसरे मनोरम जगहों को देखना पसंद करते हैं।

पर्यटक वैसे तो हर वर्ष अलग ही अलग जगह पर घूमने के लिए आते हैं परंतु उनके द्वारा पसंदीदा जगहों में से कुछ ऐसे भी जगह है जो स्वयं भारत के लिए ही गर्व का स्वरूप है।भारत में ऐसे तो लाखों जगह है जहां पर पर्यटकों की भीड़ लगती है परंतु जहां पर सबसे ज्यादा फिर है उन जगहों के नाम हमने आपको बताएं। सबसे ज्यादा पर्यटकों की भीड़ लगने के कारण भारत के इतना सारा चर्चित और प्रसन्न चित्त देश माना गया है।

पर्यटको के आने से भारत को फायदा:-

भारत में वैसे तो पर्यटकों के आने से बहुत सारे फायदे हैं परंतु जो फायदे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और देश के हित में है।पर्यटकों के आने से भारत का वैसे तो एक तरह से प्रसिद्धि हो रही है हर देश और विदेश में।दूसरी ओर पर्यटकों के आने के कारण ही देश में होने वाली सब सुख सुविधाओं के चर्चे बाकी दूसरे देशों में भी किए जा रहे हैं। पर्यटकों के आने से भारत के आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी होती है।अब मन में यही सवाल उठेगा कि पर्यटकों के आने से हमारे आर्थिक स्थिति में कैसे बढ़ोतरी होगी? पर्यटक (Essay on Tourism in India in Hindi) के कारण हमारे देश की आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी हो रही है जैसे कि पर्यटक देश विदेश से हमारे देश भारत घूमने आते हैं और अपने साथ अपने देश के पैसे लाते हैं। वह पैसा भारत के मुद्राओं से दुगना या 3 गुना ज्यादा होता है जिसे वे जमा कराकर भारतीय मुद्राएं लेते हैं। तो जिस कारण भारत के आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी हो रही है। दूसरी ओर से देखा जाए तो भारत के सभी घूमने फिरने वाले जगहों की बातचीत हर देश में चल रही है यहां के संस्कार और व्यवहारों की बातें हर किसी को बताए जाने के लिए भी पर्यटक की बहुत सारी जरूरत होती है।

क्यों पसंद है पर्यटकों को भारत?:-

जैसे की हम सब जानते हैं भारत इतना मनोरम देश है यहां अगर कोई आ जाए तो उसका यहां से जाने को मन ही नहीं करता। यहां की हवाई, पेड़ पौधे ,झरने ,नदियां ,और लोगों का व्यवहार देख कर ही यहां हर वर्ष लाखों की तादात में दूसरे देशों से और दूसरे जगहों से लोग आते हैं।भारत की संस्कृति को देखकर ही दूसरे देशों में भी बौद्ध धर्म और आदि देवताओं की बातें की जाती है।हर वर्ष होने वाली पूजा में सम्मिलित होने के लिए लाखों पर्यटक यहां आते हैं क्योंकि वह सादृश्य उन्हें दोबारा देखने नहीं मिलता।भारत की एक और खासियत है जिस कारण पर्यटक यहां आते हैं वह है अतिथि देवो भावा जिसका अर्थ होता है मेहमान भगवान समान है। दूसरे देश से आने वाले पर्यटक ही हमारे देश के लिए मेहमानों का स्वरूप है।यहां के लोगों द्वारा किया गया उनका मान सम्मान उनके मन को छू जाता है जिस कारण वह हर बार यहां आना चाहते हैं।

जैसे की हम सब ने देखा भारत में आने वाले पर्यटकों के द्वारा भारत को कई सारे फायदे मिलते हैं परंतु इन फायदों के लिए उनको लूटना या उनसे गलत व्यवहार करना गलत बात है।कई बार देखा गया है कि दूर विदेशों से आए हुए पर्यटकों को यहां के कुछ लुटेरे लोग लूट कर चले जाते हैं। जिस कारण भारत (Essay on Tourism in India in Hindi) के तारीफ के साथ-साथ यहां की कुछ गलत बातें भी दूसरे देश चली जाती है। इसमें हानि हमारी है। आमतोर पर लोग यहां पर अपने विचलित मन को शांत और सुंदर दृश्य को देखने आते हैं।परंतु यदि उनके साथ ऐसी कोई घटना हो जाए तो उनका मन और भी ज्यादा अशांत और परेशान हो जाता है। जिस कारण वह फिर उस द्वारा जगह पर नहीं जाते हैं। कुछ ऐसे ही लोगों के कारण भारत में अतिथि देवो भवाह का भी अनादर किया गया है। पर्यटकों को उठाकर अपने घर ले जाना और वहां उनके साथ दुर्व्यवहार करना कुछ लोगों की यही करतूतें देश को नीचे करने में लग जाता है।

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भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध | Essay on Tourism Business in India in Hindi

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भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध | Essay on Tourism Business in India in Hindi!

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है । घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनंद से भर देता है इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था । पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लंबी-लंबी दूरियाँ तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे ।

कुछ लोग ऊँटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे हालांकि ऐसी कई यात्राएँ व्यापार के उद्‌देश्य से भी की जाती थीं । परंतु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परंतु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण बन जाती थी । ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे ।

सेल्युकस के दूत मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में मौर्यकालीन भारत का बड़ा अच्छा वर्णन किया है । इसी तरह हवेनसांग, क्रिस्टोफर कोलंबस आदि व्यक्तियों की यात्राएँ भी इतिहास में बड़ी प्रसिद्‌ध रही हैं | जहाँ तक भारत के लोगों की बात है, हमारे यहाँ धार्मिक दृष्टि से की गई यात्राओं की बड़ी महत्ता रही है । यहाँ के लोग धर्मस्थानों की यात्रा को बहुत महत्व देते रहते हैं। आदि शंकराचार्य अल्प आयु में ही पूरे देश का भ्रमण कर देश के चार कोनों में चार धर्मपीठों की स्थापना की ।

इन धर्मपीठों की व्यवस्था आज भी कायम है । सम्राट अशोक ने बौद्‌ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने विभिन्न दूत एशियाई देशों में भेजे । उनका यह धार्मिक अभियान इतिहास में काफी सफल माना गया । परंतु मध्य युग में स्थिति में काफी बदलाव आ गया ।

भारतीय लोगों में यह भ्रांत धारणा उत्पन्न हो गई कि समुद्र लाँघकर की गई यात्रा से धर्म भ्रष्ट हो जाता है । अत: किसी भी भारतीय की समुद्रपारीय यात्रा का वर्णन नहीं मिलता है । फिर भी अंतर्देशीय यात्रा के उदाहरणों की कोई कमी नहीं रही है ।

आधुनिक युग में पर्यटन संबंधी सभी भ्रांतियाँ समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भरी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है । विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहाँ की सभ्यता और संस्कृति को निकट न देखने-समझ्ने का प्रयास करते हैं ।

अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन उद्‌योग को समुन्नत बनाने में योगदान देते हैं । आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्‌धि का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है ।

ADVERTISEMENTS:

पर्यटन में अच्छा-खासा धन व्यय होता है, अत: धनी और उच्च मध्यवर्गीय श्रेणी के लोग ही प्रमुख रूप से पर्यटन में दिलचस्पी दिखाते हैं । इन्हीं साधन-संपन्न लोगों की बदौलत दुनिया का पर्यटन व्यवसाय टिका हुआ है ।

भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं परंतु दुर्भाग्यवश इन संभावनाओं का पूरा-पूरा दोहन नहीं हो पाया है । हमारा देश बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है, यहाँ पर्यटन स्थलों की भी भरमार है परंतु दुनिया भर के पर्यटन व्यवसाय में से भारत का हिस्सा नगण्य ही कहा जा सकता है ।

थाईलैंड जैसा छोटा सा एशियाई देश हमारी तुलना में कई गुणा अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम है । पर्यटन की दृष्टि से हमारे पिछड़ेपन के कई कारण हैं जिसमें से प्रमुख कारण है पर्यटकों को आकर्षित करने वाली सुविधाओं का अभाव।

पर्यटन स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुँच को सुगम एवं आकर्षक बनाना, लोगों के निवास भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क एवं संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करके ही देश के पर्यटन उद्‌योग को विकसित किया जा सकता है ।

देश में सुदृढ़ आधारभूत ढाँचे का न होना, अत्यधिक भीड़-भाड़, सर्वत्र बिखरी गंदगी विदेशी पर्यटकों को भारत में आने से हतोत्साहित करती है । हमारी खस्ताहाल सड़कें, ट्रेनों में शीघ्र आरक्षण न मिलना, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं । दूसरी ओर कश्मीर, आसाम तथा अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में व्याप्त हिंसा देश के पर्यटन के लिए नुकसानदेह सिद्‌ध हो रही है ।

देश में ऐतिहासिक स्थल तो बहुत हैं परंतु आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण और गंदगी की चपेट में है । देश की राजधानी दिल्ली को ही लें । लाल किले तथा जामा मस्जिद का क्षेत्र बाजार और संकीर्ण गलियों के कारण आकर्षण से विहीन बना हुआ है जबकि इस क्षेत्र को दिल्ली का हृदयस्थल कहा जा सकता है ।

विश्व की आश्चर्यजनक एवं अलौकिक इमारत ताजमहल की भी घोर अपेक्षा की गई है । आगरा शहर देश के सर्वाधिक गंदे शहरों में से एक है तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि देश का पर्यटन व्यवसाय दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करे। ये तो कुछेक प्रमाण भर हैं, पूरे देश में पर्यटन स्थलों की यही स्थिति है ।

यदि देश के पर्यटन को सचमुच बढ़ाना हो तो हमें इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे। इस क्षेत्र में निजी उद्‌यमियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है क्योंकि केवल सरकारी प्रयास कारगर नहीं हो सकते हैं ।

सरकारी योजनाओं को बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार आदि कई कारणों से लंबा समय लग जाता है जो पर्यटन उद्‌योग की वृदधि को रोक देता है । यह शुभ लक्षण है कि अब सरकार वस्तुस्थिति को समझकर हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है ।

यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएँ तो अगले पाँच वर्षों में ही भारत में पर्यटन व्यवसाय के विकसित होने से देश को बेशकीमती विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी तथा भुगतान संतुलन की स्थिति को सुधारने में बहुत मदद मिलेगी । आज दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहाँ की अर्थव्यवस्था में पर्यटन व्यवसाय का अंशदान काफी बड़ा है । सुनियोजित प्रयत्न से हम भी अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं ।

भारतीय पर्यटन उद्‌योग को विकसित करने में एक बड़ी बाधा जो वर्तमान समय में दिखाई दे रही है वह है आतंकवाद । आतकवाद भारत के सभी प्रमुख स्थानों में अपनी जड़ें जमा चुका है । कश्मीर में पर्यटन उद्‌योग आतंक के साए में दम तोड़ चुका है जबकि इस स्थान को धरती के स्वर्ग के नाम से संबोधित किया जाता है ।

यहाँ का अद्‌भुत प्राकृतिक सौंदर्य बंदूकों क शोर में पर्यटनों की नजरों से ओझल हो चुका है । दूसरी ओर देश के विभिन्न हिस्सों में उग्रवाद की समस्या व्याप्त है जिसके कारण राज्यों की कानून और व्यवस्था की स्थिति लड़खड़ा गई है ।

विदेशी पर्यटकों का उपहरण, उनके साथ ठगी, दुर्व्यवहार आदि घटनाओं में वृदधि हो रही है जिसके कारण भारत की छवि दुनिया में धूमिल होती है । पर्यटन विकास में वाधक इन तत्वों को दूर करने के लिए हमें त्वरित उपाय करने होंगे, साथ-साथ दीर्घकालीन रणनीति भी अपनानी होगी ।

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Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध

January 18, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Tourism in India in Hindi Language/ Paryatan ka Mahatva in Hindi Language for students of all Classes in 1000 to 1500 words.

Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध : एक देश के आर्थिक विकास में पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन भारत में दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक है। पर्यटन उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को, कुशल और अकुशल दोनों में रोजगार मिलता है। यह राष्ट्रीय एकता और अंतर्राष्ट्रीय भाईचारे को बढ़ावा देता है। भारत ने हमेशा अपने धर्मनिरपेक्षता और उसकी संस्कृति की विविधता के साथ दुनिया भर से लोगों को मोहित किया है। ऐतिहासिक स्मारक, समुद्र तट, धार्मिक रुचि के स्थान, पहाड़ी रिज़ॉर्ट, आदि हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हर क्षेत्र को अपनी हस्तकला, मेल, लोक नृत्य, संगीत और इसके लोगों के साथ पहचाना जाता है।

Essay on Tourism in India in Hindi

पर्यटन विभाग देश में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देता है। पर्यटन सलाहकार बोर्ड ने भारत में पर्यटन यातायात को बढ़ावा देने के उपायों की सिफारिश की है। आतंकवाद, दलित और प्रदूषण से भारतीय पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ईमानदारी से प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग को और विकसित करने में मदद मिल सकती है। पर्यटन दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। यह एक देश के आर्थिक विकास में निहितार्थ भूमिका निभाता है। भारत एशिया में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

उत्तर में हिमालय पर्वत से घिरा हुआ है और घिरा हुआ है, पानी (अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर) द्वारा तीन तरफ, भारत कई जगहों को देखने और चीजें करने की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। पहाड़ी स्टेशनों और परिदृश्य ने भारत को एक सुंदर देश बनाया। ऐतिहासिक स्मारकों, किलों, आदि, देश की भव्यता को जोड़ते हैं। वे दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं पर्यटन भारत में दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक है।

पर्यटन उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को, कुशल और अकुशल दोनों में रोजगार मिलता है। अन्य मॉडेम सेवा क्षेत्रों की तुलना में, पर्यटन लाभों का एक उच्च अनुपात महिलाओं को जमा करता है एयरलाइनों सहित होटल, ट्रैवल एजेंसियां, परिवहन इस उद्योग से बहुत लाभान्वित हैं। पर्यटन राष्ट्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय समझ को बढ़ावा देता है।

यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। पर्यटन पारंपरिक हस्तशिल्प क्षेत्र को भी बढ़ावा देता है। पर्यटक भारत के समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत में एक अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हैं। भारत में एक समग्र संस्कृति है, जिसमें एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। कला, धर्म और दर्शन का। हालांकि भारत को कई तरह के आक्रमण के अधीन किया गया है, लेकिन बाहरी प्रभावों का सर्वश्रेष्ठ अवशोषित करने के बावजूद उन्होंने अपनी मौलिकता बरकरार रखी है।

ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और पारसी धर्म जैसे धर्म भारत में मौजूद हैं। भारत ने अपने धर्मनिरपेक्षता और उसकी संस्कृति की विविधता के साथ दुनिया भर से लोगों को मोहित किया है। भारत के विविध भौगोलिक लोकल पर्यटकों को प्रसन्न करते हैं स्मारकों, संग्रहालयों, किलों, अभयारण्य, धार्मिक रुचि के स्थान, महलों, आदि, एक की आँखों के लिए एक संधि प्रदान करते हैं हर क्षेत्र को अपने हस्तशिल्प, मेल, लोक नृत्य, संगीत और उसके लोगों के साथ पहचाना जाता है।

आगरा, जयपुर, झांसी, हैदराबाद, नालंदा, मैसूर, दिल्ली, महाबलेश्वर, औरंगाबाद आदि हरिद्वार, उज्जैन, शिर्डी, वाराणसी, इलाहाबाद, पुरी, अजमेर, अमृतसर, वैष्णो देवी आदि पर्यटकों की संख्या में भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। , बद्रीनाथ, केदारनाथ, रामेश्वरम आदि आदि धार्मिक महत्व के स्थान हैं। श्रीनगर, कुल्लू, मनाली, देहरादून, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग, ऊटी आदि प्रसिद्ध और सुंदर पहाड़ी रिज़ॉर्ट हैं। देश में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग का गठन किया गया है। यह बुनियादी ढांचा प्रदान करता है और प्रचार अभियान चलाता है। Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध (Continues)

यह विश्व बाजार में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जानकारी प्रदान करता है। यह भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और कार्यक्रम तैयार करता है। इसमें भारत और विदेशों में कार्यालय हैं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, द नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी इत्यादि, उद्योग को पेशेवर प्रशिक्षित कर्मचारी प्रदान करते हैं। पर्यटन सलाहकार बोर्ड ने भारत में पर्यटन यातायात को बढ़ावा देने के उपायों की सिफारिश की है।

यह पर्यटन के रुझानों की समीक्षा करता है और उपयुक्त उपाय सुझाता है। कुछ महलों, हवेली और महल विरासत होटल में परिवर्तित कर दिए गए हैं। इन होटलों में, पर्यटकों को एक बीते युग की विदेशी जीवन शैली का अनुभव मिलता है शानदार ‘महल पर पहियों’, एक पर्यटन ट्रेन जो राजस्थान के माध्यम से यात्रा करती है, कई विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) लोक नृत्य और गाने जैसे मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन करता है और पर्यटकों के लिए खरीदारी की सुविधा प्रदान करता है। आज, मेक ट्रिप, स्टर्लिंग छुट्टियाँ, क्लब महिंद्रा आदि जैसी कई निजी कंपनियां घरेलू और साथ ही विदेशी पर्यटन की व्यवस्था करती हैं। शहरी पेशेवर मध्यम वर्ग की वृद्धि के साथ, भारत में पर्यटन समृद्ध है। कई राज्यों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं गोवा नौकायन, स्कूबा डाइविंग और सर्फिंग जैसे पानी के खेल को बढ़ावा देता है। जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, स्कीइंग और पर्वतारोहण जैसे सर्दियों के खेल की खुशी प्रदान करते हैं।

केरल, कश्मीर के बाद, ने अपने लैगूनों में हाउसबोट्स की अवधारणा को पेश किया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जगहों के रूप में स्मारकों को हाइलाइट करना, इन दिनों पर्यटकों को आकर्षित करने का एक लोकप्रिय माध्यम बनता जा रहा है। वर्ष 2005 के बाद से, भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) भारत में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘अविश्वसनीय भारत’ नामक एक अभियान चला रहा है। इस अभियान का नारा ‘अत्री देवो भाव’ है बेहतर विकास के लिए, आईटीडीसी ने विभिन्न पर्यटन जैसे ‘आध्यात्मिक पर्यटन’, ‘स्पा टूरिज्म’, ‘इकोटोरिज्म’ और ‘साहसिक पर्यटन’ के तहत विभिन्न स्थानों का वर्गीकरण किया।

अब हालात भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए उज्ज्वल दिखना शुरू हो गए हैं। पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों की पहल में शामिल हैं- स्वच्छ भारत स्वच्छ स्मारक ई पोस्टर, प्रधान मंत्री के संदेश के साथ एक विशेष पोस्टर जो पर्यटकों और देश के लोगों को पूरे दिल से अपने परिवेश की सफाई में संलग्न करने के लिए अनुरोध करते हैं और एक स्वच्छ भारत, स्वच्छ बनाने में मदद करते हैं।

स्मारक; स्वागत कार्ड, यह सभी पर्यटकों को सौंप दिया जाएगा, 9 अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंडिंग जहां इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण सुविधा के साथ आगमन पर पर्यटक वीजा परिचालन में है। यह कार्ड स्थानीय भारत पर्यटन कार्यालय की जानकारी को ऑनलाइन और ऑफलाइन संपर्क जानकारी के साथ ले जाएगा जो कि किसी भी प्रश्न के मामले में पर्यटकों का उपयोग कर सकते हैं; स्वच्छ भारत स्वच्छ पक्षी (हुनर जयाका), एक कार्यक्रम जिसका लक्ष्य सड़क के खाद्य विक्रेताओं के कौशल और स्वच्छता मानकों को उन्नत करने के लिए है, ताकि वे भारतीय पर्यटन का एक विशिष्ट पहलू बन सकें; अविश्वसनीय भारत हेल्पलाइन, किसी भी आपातकाल के दौरान पर्यटकों को संबोधित करने और निर्देशित करने के लिए, जिसमें चिकित्सा, अपराध, प्राकृतिक आपदाओं या फंसे हुए हो सकते हैं; ग्वालियर में पर्यटन के विकास के लिए ग्वालियर का मेगा प्रोजेक्ट-डेस्टिनेशन विकास, जो कम से कम विकसित हुआ है।

दूसरी ओर, संस्कृति मंत्रालय द्वारा उठाए गए कुछ अन्य पहल में शामिल हैं- वेब आधारित ई-टिकिंग शुरू करना, बेहतर पहुंच पाने में स्मारकों के लिए आगंतुकों की सुविधा; 25 मॉडल स्मारक (आदर्श स्मारक), जिसके तहत 25 पहचाने गए स्मारकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं जिनमें वाई-फाई, सुरक्षा, साइंस, अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र, व्याख्या केंद्र शामिल हैं, जो स्वच्छ भारत अभियान के स्मारकों और साइनबोर्ड के महत्व के बारे में लघु फिल्में दिखाते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री और पर्यटन मंत्री आगमन पर 11 वीं सदी मील का पत्थर पर्यटक वीजा की शुरूआत करते हुए, 43 दिनों के 43 देशों के नागरिकों को पर्यटन के लिए 30 दिन की छोटी अवधि के लिए भारत यात्रा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ईटीए) योजना के साथ सक्षम किया गया।

वीजा व्यवस्था को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें विदेशी की लगातार दो यात्राओं के बीच दो महीने की दूरी के प्रतिबंध को समाप्त करना, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वीजा शुल्क का भुगतान करना, चारों से टीवीओए के लिए हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि नौ, वीजा फॉर्म का सरलीकरण, ऑनलाइन वीज़ा आवेदन पत्र भरने में विदेशियों के लिए स्थानीय भाषा की सहायता, विदेशों के लिए प्रस्थान (गर्भपात) कार्ड को बाहर करने वाले विदेशियों द्वारा आगमन और आने वाले भारतीयों द्वारा आगमन (डिस्कोगाक्शन) कार्ड और नौकरी के सरलीकरण / सामूहिक लैंडिंग परमिट की शुरुआत के अलावा, जहाज़ उतरने का कार्ड पर्यटन और आतिथ्य को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना गया है, जो कि भारत की कुशल जनसंख्या के लिए महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता रखता है।

कौशल अंतर को पुल करने के लिए इस क्षेत्र में रोजगार चाहने वालों को रोजगार प्रदान करना टीएससी (पर्यटन और आतिथ्य – क्षेत्र कौशल परिषद) का मुख्य उद्देश्य है। पर्यटन देश में सबसे बड़ा सेवा उद्योग है और इसमें देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता है। पर्यटन मंत्रालय ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 24.9 मिलियन नौकरियां पैदा करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि क्षेत्र के विकास में 9% से 12% वृद्धि हो सके।

हालांकि, भारतीय पर्यटन उद्योग से निपटने में कुछ समस्याएं हैं, इनमें से प्रमुख प्रदूषण होने के कारण हैं। मथुरा रिफाइनरी से उत्सर्जन ने पीड़ित पीएफ ताजमहल को अग्रता में ले लिया है। हालत पीएफ कई अन्य स्मारकों के कारण संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण भी बिगड़ रही है। दूसरी तरफ, समुद्र तट पर्यटकों से भरे कचरे के डंपिंग मैदान बन गए हैं। इस उपद्रव की जांच की जानी चाहिए। आतंकवाद आज एक प्रमुख वैश्विक समस्या है। हमारा देश कोई अपवाद नहीं है।

पर्यटन के विकास के तहत आतंकवादी हमलों, आंदोलन और अलगाववादी आंदोलन कश्मीर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। हालांकि, इस घाटी में लगातार आतंकवाद ने पर्यटन की वृद्धि को रोक दिया है जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्मारकों की प्राचीन भव्यता को बहाल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ईमानदारी से प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग को और विकसित करने में मदद मिल सकती है। वास्तव में, यह उच्च क्षमता वाले क्षेत्र, जिसका आय और रोजगार सृजन पर बहुत अधिक प्रभाव है, अभी भी अपेक्षाकृत अप्रयुक्त है।

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Essay on importance of tourism in hindi.

Essay on tourism in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing essay on new topics but you don’t need to worry now. Read and write this essay in your own words. Learn about an essay on Tourism in Hindi 1000 words. पर्यटन का महत्त्व पर निबंध।

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Essay on Tourism in Hindi 200 Words

पर्यटन का महत्त्व – विचार – बिंदु – • पर्यटन का आनंद • पर्यटन के लाभ • पर्यटन : एक उद्योग • पर्यटन के प्रकार।

पर्यटन का अर्थ है – घूमना। बस आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना। ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है। ऐसा पर्यटक दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है। वह रसपिपासु होता है। पर्यटन से हमें देश विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। इससे हमारे मन में बैठे हुए कुछ अंधविश्वास टूटते हैं, पर्वधारणाएँ समाप्त होती हैं। हमें यह विश्वास होता है – विश्व-भर का मानव मूल रूप से एक है। राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है।

वर्तमान समय में पर्यटन एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू काश्मीर आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थ-व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। आज पर्यटन करना सुविधापूर्ण हो गया है। प्रायः सभी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर होटलों, भोजनालयों, विश्रामगृहों, मनोरंजन-स्थलों यातायात के साधनों की भरमार हो गई है। पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। कुछ धार्मिक महत्त्व के हैं। कुछ पर्यटन-स्थल ऐतिहासिक महत्त्व के हैं। जैसे-लाल किला, ताजमहल आदि। कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक अन्य महत्त्व रखते हैं।

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Essay on Tourism in Hindi 800 Words

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। वास्तव में मानव की प्रगति का इतिहास उसकी जिज्ञासु प्रवृत्ति का ही परिणाम है। अपनी जिज्ञासा के कारण ही वह प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का पता लगा सका। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। देश-देशांतर की संस्कृति, सभ्यता, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के प्रत्यक्ष ज्ञान की जिज्ञासा ही उसे घर के ऐशो-आराम, सुख-सुविधा छोड़कर अनजान, दुर्गम और बीहड़ रास्तों पर घुमाती रही है।

यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता, किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कुछ ऐसा ही होता है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के घने देवदार के वनों और हिमगिरि के उत्तुंग शिखर के सौंदर्य, रूप, गंध का अनुभव करना।

पर्यटन, घुमक्कड़ी का ही आधुनिक नाम है। आज के पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की वही पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आज भी जब वह देश-विदेश के विभिन्न स्थानों की खूबियों के बारे में सुनता-पढ़ता है, तो उन्हें निकट से देखने, जानने के लिए उत्सुक हो उठता है और वह अपनी सुविधा और अवसर के अनुसार उस ओर निकल पड़ता है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट-साध्य नहीं जितनी घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रताप से सुलभ साधनों के कारण आज पर्यटन पर निकलने के लिए अधिक सोच-विचार की आवश्यकता नहीं होती। मात्र सुविधा और संसाधन चाहिए, किंतु इतना अवश्य मानना पड़ेगा कि पर्यटक बनने का जोखिम भरा आनंद तो उन पर्यटकों को ही आया होगा जिन्होंने अभावों और विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश-विदेश की यात्राएँ की थीं। फाह्यान, वेनसांग, अलबेरुनी, इब्नबतूता, मार्को पोलो आदि ऐसे ही यात्री रहे होंगे।

आज पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं।

सारे विश्व भर में पर्यटकों की सुवधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। कई महत्त्वपूर्ण, पर अब तक उपेक्षित ऐतिहासिक स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। हमारे देश का पर्यटन विभाग, पुरातत्त्व विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में विशेष तौर पर क्रियाशील है। मनोरम पहाड़ी स्थलों पर पर्यटक आवास स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यटकों के निवास और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए नए-नए होटलों, लॉजों और पर्यटन-गृहों का निर्माण एवं विकास किया जा रहा है। यातायात के सभी प्रकार के सुलभ एवं आवश्यक साधनों की व्यवस्था की जा रही है।

विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी देश अपने दूतावासों के माध्यम से अपने-अपने देश की भव्यता, दर्शनीयता के बारे में विदेशों में व्यापक एवं सुनियोजित प्रचार करते हैं। इस प्रकार पर्यटन-संस्कृति का विकास हो रहा है। इतना ही नहीं, आज पर्यटन पर्याप्त लाभ देने वाला उद्योग बन चुका है। यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक बड़ा स्रोत बन गया है। जैसे उद्योगपति या व्यापारी अपनी वस्तु की बिक्री के लिए ईश्तहारबाजी करता है, उसी तरह पर्यटन को भी एक वस्तु बनाकर उसका प्रदर्शन और प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए रंगीन पुस्तिकाएं, आकर्षक पोस्टर, रंगदार ब्रोशर, पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्र, उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा आदि प्रचार सामग्री विमानपत्तनों, रेलवे स्टेशनों, बड़े-बड़े होटलों और देश-विदेश के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर देखी जा सकती हैं। इसे नि:शुल्क वितरित एवं प्रदर्शित किया जाता है।

पर्यटन के प्रति रुचि जागृत करने के लिए कई बार वृत्तचित्र भी तैयार किए या करवाए जाते हैं। इसमें किसी एक विशिष्ट स्थल की झाँकी प्रस्तुत की जाती है। विशेष स्थलों या प्रदेशों में बने कथाचित्र भी प्रदर्शन के बाद लोगों के मन में प्रदर्शित स्थल को देखने की लालसा जगा देते हैं। कई बार देश-विदेश में भ्रमण करने वाली नृत्य-संगीत आदि की मंडलियाँ भी इस कार्य में सहायक होती हैं। इन सबके परिणामस्वरूप आज पर्यटन के प्रति निश्चय ही अभिरुचि की वृद्धि हो रही है।

आनंद प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय के अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं। पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है और विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता और संस्कृतियों का परिचय मिलता और बढ़ता है। पर्यटन के माध्यम से किसी देश और उसकी संस्कृति के सम्बन्ध में फैली भ्रांतियों का भी निराकरण हो जाता है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय युग में जी रहे हैं। आज जिस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, पर्यटन उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है, उसे अपनी वास्तविकता का अहसास होता है। अपने पर्यावरण से बाहर कठिन परिस्थितियों में जीने का अभ्यास होता है। आत्म-साक्षात्कार का अवसर मिलता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर, एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। पर्यटन मनुष्य को उसकी कल्पना की दुनिया से निकालकर यथार्थ की भूमि से जोड़ता है।

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Essay on Tourism in Hindi 1000 Words

पर्यटन व्यवसाय

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है। घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनन्द और मस्ती से भर देता है। इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था। पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लम्बी-लम्बी दूरियां तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे। कुछ लोग ऊंटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे, हालांकि ऐसी कई यात्राएं व्यापार के उद्देश्य से भी की जाती थीं। परन्तु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार, शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परन्तु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण बन जाती थी। ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे।

जहाँ तक भारत के लोगों की बात है, हमारे यहां धार्मिक दृष्टि से की गई यात्राओं की बड़ी महत्ता रही है। यहां के लोग धर्म स्थानों की यात्रा को बहुत महत्त्व देते रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने अल्प आयु में ही पूरे देश का भ्रमण कर देश के चारों कोनों में चार धर्मपीठों की स्थापना की। इन धर्मपीठों की व्यवस्था आज भी कायम है। सम्राट् अशोक ने बुद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने विभिन्न दूत एशियाई देशों में भेजे। उनका यह धार्मिक अभियान इतिहास में काफी सफल माना गया। परन्तु मध्य युग में स्थिति में काफी बदलाव आ गया। भारतीय लोगों में यह भ्रांत धारणा उत्पन्न हो गई कि समुद्र लांघ कर की गई यात्रा से धर्म भ्रष्ट हो जाता है। अत: किसी भी भारतीय की समुद्रपारीय यात्रा का वर्णन नहीं मिलता।

आधुनिक युग में पर्यटन सम्बन्धी सभी भ्रांतियां समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भारी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहां की सभ्यता और संस्कृति को निकट से देखने-समझने का प्रयास करते हैं। अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन व्यवसाय को उन्नत करने में अपना योगदान देते हैं। आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। पर्यटन में अच्छा खासा धन व्यय होता है। अत: धनी और उच्च मध्यवर्गीय श्रेणी के लोग ही प्रमुख रूप से पर्यटन में दिलचस्पी दिखाते हैं। इन्हीं साधन-सम्पन्न लोगों की बदौलत दुनिया का पर्यटन व्यवसाय टिका हुआ है।

भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं परन्तु दुर्भाग्यवश इन संभावनाओ का भरपूर दोहन नहीं हो पाया है। हमारा देश बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है। यहां पर पर्यटन स्थलों की भी भरमार है परन्तु दुनिया भर के पर्यटन व्यवसाय में से भारत का हिस्सा नगण्य ही कहा जा सकता है। थाईलैंड जैसा छोटा सा एशियाई देश हमारी तुलना में कई गुणा अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम है। पर्यटन की दृष्टि से हमारे पिछड़ेपन के कई कारण हैं, जिसमें से प्रमुख कारण है – पर्यटकों को आकर्षित करने वाली सुविधाओं का अभाव।

पर्यटक स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुंच को आकर्षक बनाना, लोगों के निवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क और संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप देकर ही देश के पर्यटन उद्योग को विकसित किया जा सकता है।

हमारी खस्ताहालत सड़कें, ट्रेनों में शीघ्र आरक्षण न मिलना, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर कश्मीर, आसाम तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में व्याप्त हिंमा देश के पर्यटन के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। देश में ऐतिहासिक स्थल बहुत है परन्तु आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण और गंदगी की चपेट में है। देश की राजधानी दिल्ली को ही लें। लाल किले तथा जामा मस्जिद का क्षेत्र, बाजार और संकीर्ण गलियों के कारण आकर्षण से विहीन बना हुआ है जबकि इस क्षेत्र को दिल्ली का हृदयस्थल कहा जाता है। विश्व की आश्चर्यजनक एवं अलौकिक इमारत ताजमहल की भी घोर अपेक्षा की गई है। आगरा देश के सर्वाधिक गंदे शहरों में से एक है तो हम कैसे आशा कर सकते हैं कि देश का पर्यटन व्यवसाय दिन-दुगनी रात चौगुनी उन्नति करे। ये तो कुछेक प्रमाण भर हैं, पूरे देश में पर्यटन स्थलों की यही स्थिति है।

यदि देश के पर्यटन को सचमुच बढ़ावा देना है तो हमें इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे। इस क्षेत्र में निजी सैक्टर को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है क्योंकि केवल सरकारी प्रयास कारगर नहीं हो सकते। सरकारी योजनाओं को बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार आदि कई कारणों से लम्बा समय लग जाता है। जो पर्यटन उद्योग की वृद्धि को रोक देता है। यह शुभ लक्ष्ण है कि अब सरकार वस्तु स्थिति को समझ कर हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। यदि सही दिश में प्रयास किए जाएं तो अगले पाँच वर्षों में ही भारत में पर्यटन व्यवसाय के विकसित होने से देश को बेशकीमती विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी तथा भुगतान संतुलन की स्थिति को सुधारने में बहुत मदद मिलेगी।

भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने में एक बड़ी बाधा को वर्तमान में दिखाई दे रही है – वह है आतंकवाद। आतंकवाद भारत के सभी प्रमुख स्थानों में अपनी जड़ें जमा चुका है। काश्मीर में पर्यटन उद्योग आतंक के साए में दम तोड़ चुका है। जबकि इस स्थान को धरती के स्वर्ग के नाम से संबोधित किया जाता रहा है।

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पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) देशाटन के लाभ पर निबंध (2) पर्यटन और उसका महत्व पर निबंध (3) देशाटन का महत्व पर निबंध (4) पर्यटन की आवश्यकता क्यों है पर निबंध

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पहले जान लेते है पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) आधुनिक सुविधाएं (3) पर्यटन के लाभ (क) शैक्षणिक लाभ (ख) व्यापारिक लाभ (ग) वैज्ञानिक लाभ (4) पर्यटन से अन्य लाभ (5) उपसंहार

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देशाटन से अभिप्राय है-देश-विदेश में भ्रमण करना। किसी चीज का वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसको प्रत्यक्ष देखना आवश्यक है।

यह कार्य देश विदेश में भ्रमण करने से ही सम्भव हो सकता है। घर बैठे-बैठे हम काल्पनिक ज्ञान, ही प्राप्त कर सकते है लेकिन यथार्थ स्वरूप का ज्ञान तो उस वस्तु को प्रत्यक्ष देखने से ही प्राप्त हो सकता है; अतः भौगोलिक, ऐतिहासिक, पुरातत्व, आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक ज्ञान की वृद्धि के लिए देशाटन अवश्य करना चाहिए।

जो व्यक्ति जितना अधिक देशाटन करता है। उसका ज्ञान तथा अनुभव उतना ही अधिक यथार्थ होता है। आधुनिक सुविधाएँ-प्राचीन काल में जब मनुष्य इधर-उधर जाने की सोचता था, तव रास्ते की कठिनाइयां उसके सामने आ खड़ी होती थीं।

उपयुक्त सवारी का अभाव, राते में लुटेरों का भय, बरसात में नदी-नाले चढ़ जाने का डर, जंगली रास्तो में हिंसक जन्तुओं का खतरा, समय का अधिक लगना कुछ ऐसी बाधाएँ थीं जिनके कारण इच्छा होने पर भी अधिकांश व्यक्ति भ्रमण नहीं कर पाते थे।

वर्तमान युग में ऐसे अनेक आविष्कार हो चुके हैं जिनके कारण ये बाधाएँ दूर हो गयी है तथा अनेक नयी सुविधाएँ प्राप्त हो गयी हैं। मोटर, रेल और वायुयान के द्वारा अब हम बहुत थोड़े समय में इच्छित स्थान पर पहुँच सकते हैं।

वातानुकूलित सवारियों का प्रबन्ध हो जाने से सर्दी-गर्मी की बाधाएँ भी दूर हो गयी हैं। अब कम समय में अधिक यात्राएँ की जा सकती हैं। इन सब सुविधाओं के हो जाने के कारण ही वर्तमान युग के लोग अधिक यात्राएँ करने लगे हैं।

“शान वृद्धि कर जन जीवन में,भर देता है मृदू उल्लास । नीरस जीवन में देशाटन,ला देता हर्षिते मधुमास ।। वेश जाति उद्योगों से भी,चिर परिचित होता मानव। जीवन लीला जगत मंच पर,रम्य सुखद होती अभिनव।।

देशाटन के लाभ

घूमना-फिरना मनुष्य का स्वभाव है, घ्ुमक्कड़ होना कई दृष्टियों से उपयोगी है।

इसके बिना क्रियात्मक ज्ञान नहीं होता। देशाटन के बिना मनुष्य उंदासीन, सुस्त, निष्क्रिय, अनुभव-शून्य और कूप-मण्डूक बन जाता है।

यही कारण है किं आधुनिक समय में ज्ञानवृद्धि और साथ में मनोरंजन के लिए देशाटन को आवश्यक समझा जाने लगा है।

(क) शैक्षणिक-लाभ

अब विद्यार्थी मंडल भ्रमण के लिए देशं-विदेश में जाने लगे है जिससे उन्हें विभिन्न स्थानों एवं जातियों के रहन-सहन, आचार-विचार और रीति-रिवाजों को प्रत्यक्ष देखकर समझने का अवसर मिलता है।

वे भिन्न-भिन्न स्थानों की अच्छी बातें हृदयंगम करते हैं । विदेशी विद्यालयों के भ्रमण से वे उन देशों की शिक्षा पद्धति से परिचित हो, जाते हैं।

उन देशों की शिक्षा पद्धति को जानकर वे यहाँ की शिक्षा पद्धति में सुधार के सूझाव दे सकते हैं। उन्हें अनेक ऐतिहासिक तथा भौगोलिक महत्त्व, के स्थानों को देखने का अवसर मिलता है। इससे वे इतिहास, भूगोल तथा वहाँ की शासन व्यवस्था का ज्ञान प्राप्त करते हैं।

(ख) व्यापारिक-महत्त्व

व्यापारिक दृष्टि से भी भ्रमण करना बहुत लाभदायक है। इससे व्यापारियों को यह पता लग सकता है कि हमारा कौन-सा माल कहाँ खप सकता है?

हम किस माल को कहाँ से खरौदकर कितना लाभ उठा सकते हैं? विभिन्न स्थानों की औद्योगिक स्थिति का भी भ्रमण से पता लगाया जा सकता है।

(ग) वैज्ञानिक-लाभ

देशाटन करने से हम जान सकते है कि विश्व में कृषि तथा उद्योग-धन्धों के विकास में जो नये-नये प्रयोग काम में लगाये जा रहे हैं, वे हमारे देश के लिए कहाँ तक उपयोगी हो सकते हैं ।

प्रगतिशील राष्ट्रों में भ्रमण करने से विज्ञान के नये-नये प्रयोगों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

देशाटन से अन्य लाभ

स्वास्थ्य की दृष्टि से पर्वतीय स्थानों तथा अनुकूल जलवायु वाले स्थानों की यात्रा करना लाभदायक है। विचित्र वस्तुओं को देखने से मनोरंजन भी होता है।

पारस्परिक प्रेम, मित्रता तथा सहानुभूति का वातावरण भी तैयार होता है। एक-दूसरे के विचारों से परिचित हो जाने से संघर्ष की सम्भावना कम हो जाती है।

देशाटन से हम वस्तुओं और स्थानों का जैसा प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करते हैं केवल पुस्तको को पढ़ने या सृनने से उनका वैसा यथार्थ ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।

अतः विभिन्न क्षेत्रों में अपने ज्ञान का विस्तार करने तथा जीवन में साहस और मनोरंजन को प्राप्त करने के लिए देशाटन करना आवश्यक है।

राजनैतिक नेताओं की विदेश यात्राओं से सौहार्द्रं एवं बन्धुत्व के भाव दृढ़ होते हैं जिससे युद्धों का खतरा कम होता है। अतः देशाटन से जीवन में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं।

किसी ने ठीक कहा है-

“मन का रंजन और साथ में देह समर्थन, अनायास ही प्राप्त करो करके देशाटन।

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Importance of Tourism in India In Hindi – भारत में पर्यटन का क्या महत्व है

What is the importance of tourism in india  , 1. importance of tourism in india in hindi  , आर्थिक प्रगति .

पर्यटन उद्योग विदेशी मुद्रा भंडार की सहायता और समर्थन करता है। यह हमारे देश को विदेशी मुद्रा उत्पन्न करने में मदद करता है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक भारत और अन्य जगहों पर घूमने आते हैं। वे स्थान जहाँ वे जाते हैं; हमारे देश में रहें और खरीदारी करें।

यह सब विदेशी मुद्रा की एक महत्वपूर्ण राशि में योगदान देता है। वैश्विक मंदी के बावजूद, भारतीय पर्यटन 2015 में 9% बढ़कर 42 बिलियन डॉलर हो गया।

2. Importance of Tourism in India in Hindi?  

आय का स्रोत.

पर्यटन सार्वजनिक और निजी आय के लिए आय का एक सतत स्रोत है। सरकार ने विभिन्न प्रकार के कर लगाए हैं जिन्हें सरकारी राजस्व कहा जाता है। इन करों के माध्यम से उत्पन्न आय सामान्य है।

पर्यटकों के लिए, एक विक्रेता द्वारा अर्जित लाभ, स्थानीय वस्तुएँ जैसे कलाकृतियाँ, हस्तशिल्प वस्तुएँ आदि व्यक्तिगत आय कहलाती हैं। पर्यटन रोजगार सृजन में भी मदद करता है।

इसने विशेष रूप से होटल उद्योग, आतिथ्य उद्योग, सेवा क्षेत्र, मनोरंजन और परिवहन उद्योग में रोजगार का मार्ग प्रशस्त किया।

3. Importance of Tourism in India in Hindi?  

बुनियादी ढांचे का विकास.

क्या आपने कभी गौर किया है कि जब किसी स्थान को पर्यटन स्थल घोषित किया जाता है तो उसका रंगरूप कैसे बदल जाता है? वास्तव में, पर्यटन बांधों, सड़कों, कनेक्टिविटी, हवाईअड्डे में सुधार, और किसी भी अन्य गतिविधि के लिए रास्ता बनाकर बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता करता है और प्रोत्साहित करता है जो एक पर्यटक को बेहतर तरीके से किसी स्थान पर जाने में मदद करता है!

4. Importance of Tourism in India in Hindi?  

सामाजिक प्रगति.

पर्यटन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक शानदार तरीका है। यह सामाजिक प्रगति को भी प्रोत्साहित करता है क्योंकि पर्यटक नई जगहों पर जाने पर एक-दूसरे के प्रति सम्मान, सहिष्णुता और प्यार दिखाना सीखते हैं।

5. Importance of Tourism in India in Hindi?  

सांस्कृतिक विरासत.

पर्यटन हमारे देश की सुंदरता, कला, इतिहास और संस्कृति को स्पष्ट करने में मदद करता है। किसी भी देश में आने वाले अलग-अलग लोग अपने साथ सुंदर सांस्कृतिक अवधारणाएँ लेकर जाते हैं और उन अवधारणाओं को अन्य स्थानों पर जाकर अन्य लोगों तक पहुँचाते हैं।

इसी तरह, स्थानीय कौशल, भाषा और कला को पर्यटन के माध्यम से व्यापक प्रदर्शन मिलता है।

The role of regional tourism in India

भारतीय पर्यटन व्यवसाय – भारत में क्षेत्रीय पर्यटन की भूमिका.

क्षेत्रीय पर्यटन वह पर्यटन है जो पूरी तरह से इस क्षेत्र में केंद्रित है। इसे एक क्षेत्रीय पर्यटक के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है जो एक महत्वपूर्ण संशोधन के साथ सामान्य निवास के अलावा किसी क्षेत्र या विशेष स्थान का दौरा करता है।

पर्यटन हमेशा क्षेत्रीय उद्योग के विकास के लिए एक प्राथमिक सकारात्मक क्षेत्र है। इसे विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए प्रमुख प्रावधानों के साथ एक महत्वपूर्ण विकासात्मक उपकरण माना जाता है।

क्षेत्रीय पर्यटन की अवधारणा के कारण, प्रमुख कृषि पर्यटन का भी उत्थान हुआ है। केरल में स्थित वज़हकुलम के अनानास शहर पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित करना, जिसमें महत्वपूर्ण अध्ययन शामिल हैं, क्षेत्रीय पर्यटन का एक प्रसिद्ध उदाहरण है।

सेवाओं के माध्यम से पर्यटन के क्षेत्र में भी भारी वृद्धि और विकास हुआ है। एक महत्वपूर्ण स्तर पर, भारत में पर्यटकों को प्रदान और प्रदान की जाने वाली सेवाएं, साथी और विदेशी देशों से आने वाले पर्यटकों को अविश्वसनीय और धर्मनिरपेक्ष के रूप में रैंक करते हैं।

राष्ट्र की गर्मजोशी, स्वागत करने वाली प्रकृति ने हमेशा प्रत्येक पर्यटक के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना का मिश्रण किया है। भारत के पर्यटन मंत्रालय ने भी भारत में पर्यटन उद्योग के विकास में एक निश्चित भूमिका निभाई है।

भारतीय विकास निगम, जिसे पर्यटन विभाग बनाता है, ने भी भारत के पर्यटन उद्योग को उच्च गति से प्रोत्साहित किया है।

इसके अलावा, आतिथ्य क्षेत्र और महत्वपूर्ण होटलों का प्रमुख स्थान पर्यटन उद्योग को प्रमुख लाभ प्रदान करता है।

भारत में हिल स्टेशन और इसका ऐतिहासिक महत्व – Hill station in India and its Historical importance in hindi

भारतीय-मंदिर-यात्रा.

भारत सभी के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। भारत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक समृद्ध पर्यटन स्थल रहा है।

भारत को कल्पना के रूप में और विभिन्न परिदृश्यों और धर्मनिरपेक्षता के कारण जाना जाता है। पर्यटकों को जो सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मिलती है, वह है विभिन्न संस्कृति और रूप।

प्राकृतिक परिदृश्य, खूबसूरत हिल स्टेशन और अन्य ऐतिहासिक स्मारक, समुद्र तट और धार्मिक स्थान भारत को पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान और पसंदीदा स्थान बनाते हैं।

शिमला , हिमाचल प्रदेश , नैनीताल, उत्तराखंड, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर, मनाली, मुन्नार, केरल, ऊटी, तमिलनाडु, मसूरी, उत्तराखंड जैसे अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ बेहतरीन हिल स्टेशनों के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। , महाबलेश्वर, शिलांग, मेघालय, माउंट आबू और अंत में राजस्थान।

इन सभी स्थानों का ऐतिहासिक स्मारकों और धार्मिक कारकों से कुछ अन्य संबंध हैं। प्रमुख मंदिर और अन्य धार्मिक स्मारक हमेशा महत्वपूर्ण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं।

भारत में पर्यटन उद्योग की भूमिका – Role of the tourism industry in Heritage management in India in Hindi

पर्यटन पूरी दुनिया में सबसे तेजी से और सबसे बड़े बढ़ते उद्योगों में से एक के रूप में जाना जाता है। यह आय और रोजगार के स्रोत के शक्तिशाली उपकरणों में से एक है। पर्यटन उद्योग के माध्यम से महत्वपूर्ण राजस्व सृजन संभव है।

पर्यटन का लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और उन्हें विभिन्न संस्कृति यों और सभ्यताओं और उनके धार्मिक महत्व को समझने में मदद मिलती है। भारत जैसे प्रमुख देश राजस्व सृजन के लिए कुछ हद तक पर्यटन उद्योग पर निर्भर हैं।

पर्यटन के माध्यम से प्राथमिक राजस्व निर्यात व्यवसाय है जिसे प्रमुख रूप से उजागर नहीं किया जाता है, लेकिन भारत में राजस्व सृजन पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

आंतरिक संसाधनों के पर्याप्त नुकसान के बिना देश के विकास पर विदेशी मुद्रा का काफी प्रभाव पड़ता है।

पर्यटन उद्योग को भारत में अत्यधिक श्रम प्रधान उद्योग के रूप में जाना जाता है। यह विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में सफल है जो आने वाले और आने वाले पर्यटकों द्वारा आवश्यक और अपेक्षित हैं।

भारत में पर्यटन उद्योग ने लोगों को रोजगार के लिए सफलतापूर्वक व्यापक अवसर प्रदान किया है और विभिन्न प्रकार के उत्थान, गरीबी को कम करने और निरंतर मानव संसाधन प्रदान किए हैं।

पर्यटन ने भी बढ़ावा दिया है और भारत की छोटी और स्थानीय हस्तशिल्प संस्कृति में लाभकारी हाथ है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार और प्लेटफार्मों में प्रमुख राष्ट्र की अखंडता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

“अतुल्य भारत” जैसे विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अभियानों और विज्ञापन के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ने पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा उत्थान किया है।

एक और “स्वच्छ भारत” अभियान भी भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए विज्ञापन और आमने-सामने प्रचार का एक सफल माध्यम रहा है।

भारत में पर्यटक रुझान

Tourist trends in india in hindi.

विभिन्न संस्कृति यों और रीति-रिवाजों, त्योहारों की एक पूरी गाथा, धार्मिक स्मारकों और मूर्तियों के प्रति आस्था और प्रेम, विभिन्न पैटर्न के साथ बहुत गर्मजोशी से स्वागत ने हमेशा पर्यटकों के दिल को पिघला दिया है।

तरह-तरह के कपड़े और परिधानों के साथ तरह-तरह के खान-पान भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। विभिन्न पारंपरिक लोक नृत्यों, पारंपरिक परिधानों और व्यंजनों ने हमेशा प्रमुख विदेशी पर्यटकों का दिल जीता है।

अध्ययनों और आंकड़ों के अनुसार, 2019 में, विदेशी पर्यटकों को प्रमुख रूप से रिकोड किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 10.89 मिलियन विदेशी पर्यटक भारत आए हैं। पर्यटन उद्योग ने देश में लगभग कुल 3.20% की वृद्धि की है।

भारत में, सरकार ग्रामीण पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन और साहसिक पर्यटन जैसे विभिन्न स्तरों के पर्यटन के महत्वपूर्ण तत्वों को बढ़ावा देकर पर्यटन का समर्थन करती है।

वर्तमान परिदृश्य में, पर्यटन उद्योग द्वारा चिकित्सा पर्यटन भी विकास क्षेत्र में समान रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। कई पड़ोसी देश और साथी देश सस्ती कीमतों के कारण भारत में चिकित्सा उपचार पसंद करते हैं और इसका लाभ उठाते हैं।

आतिथ्य के महत्वपूर्ण लाभ और उचित संस्कृति के लिए आसान पर्यटन उद्योग में उनके विकास के लिए जाना जाता है।

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Tourism In India Essay

One of the most significant and fastest-growing industries in the world is tourism. It generates extensive foreign exchange without materially depleting domestic resources. It provides both income and employment. There are certain nations whose primary source of income is tourism. Here are a few sample essays on “Tourism In India”.

Tourism In India Essay

100 Words Essay On Tourism In India

One of the most well-liked tourist destinations in Asia is India. India's secularism and culture have captivated people from all over the world. India, therefore, has a lot of potential for tourism. India offers a variety of sights to see and things to do. The Himalayan ranges border it in the north and the Arabian Sea, Bay of Bengal, and the Indian Ocean on three sides. India is beautiful because of its picturesque backwaters, hill towns, and landscapes. Thus it has a lot to offer to the tourist. Both skilled and unskilled workers are employed in the tourism sector. It encourages global fraternity and national integration.

200 Words Essay On Tourism In India

India's vast natural and cultural diversity has given it a special place on the global tourism map. The third-largest industry in India is tourism, which directly or indirectly employs about 10 million people.

What Draws Tourists To India

Tourists are drawn to India because of its welcoming customs, diverse way of life, cultural legacy, and vibrant fairs and festivals. From the beginning, the kings of various regions of India constructed opulent palaces, magnificent temples, evergreen gardens, lofty forts, and graves. Tourism-friendly natural and cultural settings abound in India. Some of India's tourist attractions include its stunning beaches, animals, national parks, sanctuaries, snow-covered mountains, rivers, and mountain peaks, as well as its technical parks and places of worship. Tourists are drawn to historical trains, yoga, meditation, Ayurveda, Siddha, and natural health resorts.

My Trip To Kashmir

I had Kashmir on the itinerary for my Navarathri holidays. I took a flight to Srinagar from Delhi. I was thrilled to see the snow-capped mountains and lovely valleys outside my window. I visited Shalimar Bagh and Nishant Bagh that evening before taking a shikara ride on the Dal Lake. There were floating markets on the Dal Lake. In the following days, I went to Gulmarg, Pahalgam and Sonmarg. After visiting all those places, this trip was one of the best trips of my life. I met a lot of new people who were international tourists coming here for the first time.

500 Words Essay On Tourism In India

India offers a tremendous deal of variety and tourist attractions. Goa is one of many places in India that attracts a lot of foreign visitors.

Benefits Of Tourism

What are the benefits of being an attractive tourist destination for India?

Revenue | People travel to various nations worldwide, which generates revenue for the tourism industry. As we've already seen, tourism is a sizable business with numerous social and economic advantages. It generates employment in the hospitality, dining, and other travel-related sectors. Additionally, it supports operations so visitors can get the most out of their trips.

Creates Jobs | Tourism generate more jobs, which can also be a substantial source of cash for nearby towns. Many new jobs are created businesses in the hotel and agricultural sectors. The housing market is also helped by tourism, which promotes economic growth and job prospects in other sectors.

Economic Growth | For many countries, tourism has been a critical driver of growth. It supports economic expansion and is advantageous for the environment. However, there are numerous strategies to promote tourism. Many nations provide tax rebates or low corporation tax rates as investment incentives. These incentives enable businesses to spend money on building the country's infrastructure for transportation, real estate, and other sectors.

Global Connect | Tourism does just that, it fosters a global connect. New friendships are formed through tourism. Travelling allows tourists to comprehend their destination more thoroughly. Additionally, they get to take in their location's sights, sounds, and flavours.

Global Value | The nation's economy is stimulated by tourism. It offers a wide range of advantages, including new technology, the development of jobs, the sharing ideas, and cultural enrichment. Many nations have begun to invest in the tourism industry to make it simpler for people to travel internationally for personal or professional reasons.

My Holidays In Goa

Last year, I travelled to Goa. I truly enjoyed the trip, which was one of the best of my life. Goa is a fantastic location for a fun vacation. I was eager for the holiday. As I began to enter Goa, I noticed a wonderland. Goodness, what a scene! One thing I was really impressed by was how many green trees there were along the route. The highway was not at all noisy. People gather and start having fun on the beach as the day transitions into the evening.

I also visited Panjim, where I saw a lot of lovely things. I went to a well-known church in Goa. There were plenty of people on the beaches, in restaurants, pubs, etc., and I realised Goa is a very choosing option for tourists around the globe. And thus, it helps to promote Indian tourism.

The travel and tourism sector has expanded significantly in recent years. Due to India's extensive natural and cultural legacy, the tourism industry has enormous growth potential. The tourism sector has several difficulties. These difficulties must be reduced for the industry to reach its full potential. The policies implemented in the tourism industry today will influence tourism in the future.

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