डिजिटल बैंकिंग पर निबंध Digital banking essay in hindi

Digital banking essay in hindi.

डिजिटल बैंकिंग से तात्पर्य डिजिटल तरीके से यानी बैंक द्वारा प्रदान किए गए कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल के जरिए पैसों का लेन देन करना होता है इस डिजिटल बैंकिंग की सुविधा ने सब कुछ आसान कर दिया है पहले जहां हम बैंकों में पैसे निकालने के लिए घंटों तक प्रतीक्षा करते थे आजकल Atm कार्ड के जरिए हम आसानी से पैसे निकाल सकते हैं, अपने किसी दूसरे दोस्त या रिश्तेदार को इसके जरिए पैसे ट्रांसफर भी कर सकते हैं और इसके जरिए हम कुछ भी खरीद सकते हैं दरअसल ATM पर प्रदान की गई कुछ जानकारी से ही हमारे अकाउंट की पहचान होती है और हमारे अकाउंट से लेन देन करना आसान होता है।

Digital banking essay in hindi

इस डिजिटल दुनिया ने सब कुछ आसान बना दिया है हम किसी भी शहर में जाकर इस डेबिट कार्ड के जरिए कोई भी चीज बिना नगद पैसे चुकाए इस डेबिट कार्ड से पैसे चुकाकर खरीद सकते हैं जिससे नगद रखने की समस्या से छुटकारा भी मिल सकता है और चोरी होने का खतरा भी नहीं होता। डिजिटल बैंकिंग की सुविधाएं आजकल बहुत ही तेजी से बढ़ रही है नई युवा पीढ़ी आजकल इन डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठाता है।

अगर हमें बिजली का बिल जमा करने जाना होता है तो घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता था लेकिन इस डिजिटल बैंकिंग की वजह से आज कल हम लाइट का बिल भी जमा कर सकते हैं, किसी को रुपए भेज सकते हैं और आसानी से निकाल सकते हैं इसने सबकुछ सरल बना दिया है आजकल हम देखें तो डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कई सारी मोबाइल की ऐप्स आ चुकी हैं जिनके जरिए हम आसानी से लेन देन कर सकते हैं।

सबसे बड़ी बात ये होती है कि हमें कुछ भी लेनदेन करने के लिए अच्छा डिस्काउंट भी मिलता हैं इससे हमें फायदा भी होता है और हमारा समय भी बचता है हमें भी डिजिटल बैंकिंग की सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और देश को डिजिटल बनाने की कोशिश करना चाहिए।

  • बैंकर्स पर कविता Poem on bankers in hindi

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Digital Banking in Hindi- डिजिटल बैंकिंग क्या है ? इसके फायदे और विशेषताएं

Digital Banking को परिभाषित करते हुए, यह एक आधुनिक वित्तीय समाधान है जो व्यक्तियों को बैंकिंग की सभी सेवाओं तक आसानी से पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है। इसका उदय डिजिटल युग में हुआ है, जहां सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है।

Digital Banking in Hindi- डिजिटल बैंकिंग क्या है ?

डिजिटल बैंकिंग एक आधुनिक बैंकिंग प्रणाली है जो इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करके विभिन्न बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को सुविधाजनक और तेजी से सेवाएं प्रदान करना है जिससे वे बैंकिंग कार्यों को आसानी से संपन्न कर सकें।

डिजिटल बैंकिंग के अंतर्गत, ग्राहक अपने बैंक खाते की स्थिति को ऑनलाइन चेक कर सकता है, विभिन्न लेन-देन कर सकता है, और इंटरनेट या मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से अपने बैंक से जुड़े कई अन्य कार्यों को संपन्न कर सकता है। यह सुरक्षित और तेजी से होता है, जिससे ग्राहकों को समय और श्रम की बचत होती है।

इसमें ऑनलाइन फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान, लोन की अनुप्रयोग, और अन्य बैंक सेवाएं शामिल हो सकती हैं। डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से ग्राहक विभिन्न डिवाइसों का उपयोग करके बैंकिंग से जुड़े कार्यों को कहीं से भी कर सकता है, जो उन्हें अधिक सुविधा और व्यापकता प्रदान करता है।

डिजिटल बैंकिंग कैसे काम करते है ?

डिजिटल बैंकिंग काम कैसे करती है, यह समझाने के लिए हमें विभिन

ता पहलुओं को देखना चाहिए:

Online Registration: डिजिटल बैंकिंग का प्रारंभिक कदम है ऑनलाइन पंजीकरण करना। यदि आपके पास पहले से ही बैंक खाता है, तो आप बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। यह स्थिति परिप्रेक्ष्य में बदल सकती है।

Log-in: पंजीकृत होने के बाद, आप बैंक की ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लॉग-इन कर सकते हैं। इसमें आपको अपना यूज़रनेम और पासवर्ड डालना होता है।

Account operations : डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से आप अपने बैंक खाते को संचालित कर सकते हैं, जैसे कि जमा या निकासी करना, लेन-देन का इतिहास देखना, और अन्य संबंधित गतिविधियाँ कर सकते हैं।

Online Transactions: आप डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से अपने खाते से ऑनलाइन लेन-देन कर सकते हैं, जैसे कि बिल भुगतान, फंड ट्रांसफर, और अन्य संबंधित लेन-देन।

Digital Security: यहां बैंकें एक ऊचे स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं ताकि आपके वित्तीय लेन-देन में कोई सुरक्षा समस्या नहीं हो। यह साइबर अपराधियों से बचने के लिए एकाधिक सुरक्षा परत भी शामिल कर सकती है।

Mobile Banking: डिजिटल बैंकिंग का एक हिस्सा मोबाइल बैंकिंग है, जिससे आप अपने स्मार्टफोन के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। इसमें ऐप्स के माध्यम से बैंक से जुड़ी गतिविधियों को संचालित करने का विकल्प शामिल है।

What is Digital Mining in Hindi? डिजिटल माइनिंग क्या है?

Digital Banking की विशेषताएँ ( Features of Digital Banking in Hindi)

डिजिटल बैंकिंग की कुछ मुख्य विशेषताएँ:

ऑनलाइन खाता पहुंच(Online Account Access):

डिजिटल बैंकिंग के जरिए ग्राहक अपने बैंक खाते की स्थिति और विविध सेवाओं को ऑनलाइन चेक कर सकता है।

इंटरनेट बैंकिंग(Internet banking):

ग्राहक इंटरनेट के माध्यम से बैंक से जुड़े कई कार्यों को संपन्न कर सकता है, जैसे कि फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान, और लोन की अनुप्रयोग।

मोबाइल बैंकिंग(mobile banking):

डिजिटल बैंकिंग मोबाइल ऐप्लिकेशन्स के माध्यम से भी उपलब्ध है, जिससे ग्राहक अपने स्मार्टफोन से बैंक से जुड़े कार्यों को कर सकता है।

ऑनलाइन सुरक्षा(Online Security):

डिजिटल बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म्स प्रगतिशील सुरक्षा के साथ काम करती हैं, जिससे ग्राहक की वित्तीय सूरक्षा को सुनिश्चित किया जाता है।

ऑटोमेटेड सेवाएं(Automated Services):

स्वचालित प्रक्रियाएँ और सेवाएं, जैसे कि नियमित भुगतान और ई-नोटिफिकेशन, ग्राहकों को बैंकिंग कार्यों को स्वतंत्रता से प्रबंधित करने में मदद करती हैं।

डिजिटल वित्तीय सलाह(Digital Financial Advice):

डिजिटल बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म्स ग्राहकों को निवेश और वित्तीय योजनाओं के लिए आत्मनिर्भरता से विचार करने में मदद करने के लिए ऑनलाइन वित्तीय सलाह प्रदान करती हैं।

विचार क्षमता(Thinking Ability):

ग्राहक अपने खाते की विविध गतिविधियों का अनुसरण कर सकता है और वित्तीय रिपोर्ट्स तैयार कर सकता है, जो उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को समझने में मदद करता है।

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डिजिटल बैंकिंग के फायदे

सुरक्षितता और गोपनीयता.

डिजिटल बैंकिंग सुरक्षितता में वृद्धि करती है और गोपनीयता सुनिश्चित करने में मदद करती है। अनेक तरीकों से डेटा सुरक्षित रहता है, जिससे आपके वित्तीय लेन-देन की निगरानी बनी रहती है।

सुविधा और सहुलियत

डिजिटल बैंकिंग से आप अपने खाते को कहीं से भी संचालित कर सकते हैं, चाहे वह खरीदारी हो या बिल भुगतान। इससे बैंकिंग की सभी जरूरीताएँ आपके उच्चरित क्षेत्र में होती हैं।

ऑटोमेटेड लेन-देन

डिजिटल बैंकिंग में लेन-देन की प्रक्रिया स्वचालित होती है, जिससे कारोबारिक लाभ होता है और समय की बचत होती है।

संबंधपूर्ण जानकारी

आपको अपने खाते की स्थिति और लेन-देन का तात्पर्यक जानकारी मिलती रहती है, जिससे आप अपने वित्तीय परिस्थितियों को स्वचालित रूप से ट्रैक कर सकते हैं।

बैंक सेवाएँ 24/7 उपलब्ध

डिजिटल बैंकिंग से आप हमेशा जगह और समय की परेशानी के बिना बैंक सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको सारे समय बैंक जाने की आवश्यकता को कम करता है।

इसके अलावा, डिजिटल बैंकिंग से जुड़ी और भी कई फायदे हैं जो आपको एक सुविधाजनक और तेज़ तरीके से बैंकिंग का आनंद लेने में मदद करते हैं।

Q: क्या डिजिटल बैंकिंग सुरक्षित है?

हां, डिजिटल बैंकिंग में उच्च सुरक्षा स्तर होता है, जिसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग होता है।

Q: क्या डिजिटल बैंकिंग से मेरा समय बचेगा?

हां, डिजिटल बैंकिंग से आप अपने खाते को कहीं से ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है।

Q: क्या ऑनलाइन बैंकिंग के लिए SEO महत्वपूर्ण है?

हां, SEO डिजिटल बैंकिंग को ऑनलाइन दृष्टिगत बनाए रखने में मदद करता है और वित्त क्षेत्र में अच्छे रैंकिंग प्राप्त करने में सहायक होता है।

Q: क्या भविष्य में डिजिटल बैंकिंग में और बदलाव होने वाला है?

हां, भविष्य में हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के और इंटीग्रेशन की दिशा में बदलाव देख सकते हैं।

Q: कैसे मैं डिजिटल बैंकिंग को अपने व्यापार के लिए अपना सकता हूँ?

आप डिजिटल बैंकिंग को व्यापार के लिए अपना सकते हैं और इसे वित्तीय प्रक्रियाओं को सरलता से संगठित करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

Conclusion:

डिजिटल बैंकिंग ने वित्तीय समाधानों के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित की है। इसने लोगों को बैंकिंग के क्षेत्र में आसानी और उच्च सुरक्षा के साथ सुविधा प्रदान की है।

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Essay – Digital Banking – Pros & Cons | Descriptive Paper Writing for Mains

Hello and welcome to  exampundit . Here are the winners of EP’s Descriptive Contest Part 2. The topic “Digital Banking Essay – Pros & Cons” is topped by Pallavi and the runner-up is Pruthvi Ghanta.

Digital Banking Essay – Pros & Cons by Pallavi (Winner)

The drastic digitalization over the past few years has indeed affected almost every sphere of our lives. One of the most recent effects has been the move towards a cashless economy in India. Starting with the note ban in November 2016 due to the sudden withdrawal of the notes of Rs.500 and Rs.1000 denominations from the economy overnight, the Indian economy is going cashless.

In other words, least paper transactions will be involved, substituted by more digital transactions with the help of internet banking, digital wallets, Point-of-Sale machines, credit and debit cards, etc. These are having multiple implications on the economy with the following advantages and disadvantages.

ADVANTAGES:

  • A cashless economy will allow less tension of tackling a wallet full of notes along with us, which is not at all safe in a world full of anti-socials. We can rather use our mobile as a one-stop solution for all kinds of transactions such as bill payments, fees payments, funds transfer, recharge, etc.
  • It will ensure a ‘black-money free India’ or rather the so-called ‘parallel economy’ where people collect money in their closets at home without coming under the purview of tax .
  • Crime rates have already started diminishing due to cash ban as most of the terrorist activities are funded with black money that has bore the brunt of this. In addition to this, other crimes such as burglary, extortion, bank robbery, etc. are also declining.
  • One of the biggest advantages is the increase in the span of the income tax. Due to least involvement of cash, transactions have to be done through banks where proper KYC verifications will be done prior to banking transactions and hence, it will be easier for the Government to monitor and mend the income tax evasion by the unscrupulous persons. This will, in turn, enhance the revenue received by the Government.

Above all, the cashless economy will lead to the most convenient and secure economy for all.

DISADVANTAGES:

Apart from the brighter side of the digital economy , there are also some darker side associated with it as explained below :

  • The cashless economy will see a hike in the hacking of the personal information over the internet such as credit and debit card numbers, PINs, passwords and other sensitive information due to an increase of digital transactions. In short, cyber crimes will escalate like anything if proper internet security measures are not taken.
  • The poor section of India who is in majority and is scarcely covered under conventional banking system will suffer a lot, as they are solely dependent on cash for their daily wages.
  • Sectors such as real estate, retail, restaurants, cement and other MSMEs, where huge cash transactions are involved are going to be affected terribly.
  • Inadequate internet facility, low internet speeds, limited smartphone and broadband penetration, very less PoS machines are the roadblocks towards achieving full digitalization that is here the main substitute for cash transactions.

In short, a cashless economy can only be possible with sufficient infrastructure and planning that are required for supporting an economy like India.

Digital Economy – Pros & Cons by Pruthvi Ghanta

The term digital economy was first coined by Don Tapscott in his book “ The Digital Economy : Promise and Peril in the age of Networked Intelligence.

Few decades ago India faced severe problem , Nearly half of our country’s population didn’t have any form of identification, later Aadhar Cards provided digital identity to our people. Likewise now India is facing another problem of tax evasion and black money. So to curb these pitfalls Finance Minister Arun Jaitley in his Budget 2017-18 speech promoted digital economy with a string of measures to make e-transactions easier. Also Ratal.P.Watal who headed the committee on Digital Payments termed “ Digital payments are to finance what the wheel is to transport.”

Indian government is spending huge money for schemes to make people use digital currency like Digi Dhan Melas, schemes like Lucky Grahak Yojana, Digi Dhan Vyapar Yojana, No cash transaction above 3 lakh rupees, referral and cash back schemes to use BHIM app,etc., Government decided to remove all the duties on point of sale machines to promote digital transactions which is a part of govt’s target of 2500 crore transactions in 2017-18. Also banks have targeted to introduce additional 10 lakh PoS terminals by March 2017.

This is a good business opportunity for new companies like payments banks, Digital economy increases India’s tax base so that this amount can be utilised for more developmental activities. The cost benefit ratio is high using digital currency as there is no printing, manual security, life duration to the currency.

But in other aspects there are  several problems using digital economy , the first and foremost one is security from hackers as many confidential passwords are stored online there is high probability that hackers may steal one’s personal information.  In addition to this operational costs are high as the services offered charges as per your transactions like gateway fee, transaction fee etc. Another biggest problem vests with the illiterate as majority of Indians are living in rural and are illiterates, as they don’t know how to use these and they even don’t believe all this stuff.

So, by increasing banking penetration towards the masses, Decreasing the costs of Point of sale terminal, ensuring high security features to the digital economy may paves way to a New India.

Team ExamPundit

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hindi essay on digital banking

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Digital Banking in India: A Review of Trends, Opportunities and Challenges

Profile image of Interal Res journa  Managt Sci Tech

The banking sector has been the backbone of every economy whether developed or emerging. It plans and implements the economic reforms. Any change in this sector through the adoption of technology will have an extensive impact on an economy " s growth. Nowadays, banks are seeking unconventional ways to provide and differentiate amongst their diverse services. Both corporate as well as retail customers are no longer willing to queue in banks, or wait on the phone, for the basic banking services. They require and expect a facility to conduct their banking activities at any time and place. Plastic money (Credit Cards, Debit Cards and Smart Cards); internet banking including electronic payment services, online investments, online trading accounts, electronic fund transfer and clearing services, branch networking; telephone banking; mobile applications and wallet are some of the recent products and services acting as the drivers to the growth of banking sector. Towards this, the paper aims to examine the recent digital banking trends in India along with identifying the challenges faced by banks in incorporating these digital banking trends. The study is analytical and based on secondary data. The concept of digital banking is still evolving in the Indian banking sector and is likely to bring numerous opportunities as well as unprecedented risks to the fundamental nature of banking in India. Thus, this paper also aims to present the opportunities and challenges of going digital in the Indian banking sector alongwith some recommendations to overcome these challenges. The paper concludes that in future, digital banking will not only be acceptable but the most demanded mode of conducting transactions. It will be useful to the academicians, banking and insurance personnel, financial advisors, professionals, students and researchers.

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Digital transformation is changing every industry and unsurprisingly banking is at the forefront of this trend. Banks need to improve the customer experience, increase operational efficiency and respond faster to changing business environments. Digital technology is dramatically changing how banks interact with their customers. In just a few years, the financial services industry has evolved from traditional brick-and-mortar operations to online bill payment and deposits to the emerging world of mobile banking. Two trends enabled by digital technology are at the heart of this transformation. One is the growing incursion of new, non-bank players into the industry. The second trend is the emergence of customer experience as a central consideration for banks as they create and execute their competitive strategies. They want digital banking to be as easy and seamless as ordering an item online or booking a flight with a mobile app. There has already seen major disruptive trends in the banking sector and these trends are set to accelerate. Banking customers' preferences and expectations are fragile in nature. There is a great amount of interest from banks how they can use block chain technology. It is not only seem to present huge opportunities and provide potential to improve processes to enable customers to transact more efficiently but also to combat fraud and money laundering. In this context the researcher intended to study the pulse and prospectus of digital banking and also the suspecting factors in the minds of the customers.

hindi essay on digital banking

A revolutionary change has taken place in our financial set up with the digitalisation of the payment system. With time, this has been moulded again and again in an unending process to come up with newer modes of electronic transactions and payments. However the result of the effort put into by the system for this purpose is far from satisfactory with the probable reason being widespread alienation from this entire modernised set up. This paper would dwell into the various modes of electronic transactions and payments. Further, the study would stress on the consumer attitude towards such electronic transactions and payments and would try to bring out any difficulties faced by a person with ordinary knowledge while performing electronic transactions in the North Eastern region of India. This initiative will only see success when such hindrances would be overcome with wider public participation in this digitalisation movement at every corner of the country.

Pasquale Lops

Abstract. Algorithms designed to support users in retrieving relevant information base their relevance computations on user profiles, in which representations of the users interests are maintained. The idea proposed in this paper is the integration of general linguistic knowledge in the process of learning semantic user profiles able to represent users' interests in a more effective way with respect to classical keyword-based profiles.

It is generally agreed that, humans are now living in a high energy consumption era. The whole of human society is like a huge engine operating at full capacity. Tons of fuel is put into the " industrialization " melting pot for generating the enormous energy required by the promoting progress of the era. Shinzo Saito (2010) indicated that the consumption of oil equivalent energy in the whole world is more than 10 billion tons per year and over 80% of total is given by fossil fuels. Although industrialization has brought to mankind great benefits, there are also some serious problems created by the use of fossil fuels like global warming and air pollution et al. Actually, in recent society, the shortage of energy resources and the environmental pollution caused by traditional fuels are the two main problem which limits the development of human society seriously. That is the reason why scientists are now committed to the discovering of new and clean energy to replace traditional fossil fuels. Due to that, bio-ethanol is increasingly concerned as an emerging clean and renewable energy by both scientists and governments. In this article, the writer will discuss the advantages and limitations of bio-ethanol as a substitute to replace alternative fossil fuels. The economic benefit, social efficiency, limitations and producing method of obtaining ethanol by using plant cell wall polysaccharides will be included.

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Commun. math. Phys. 49, 277—288

We define a canonical system as a canonical manifold M plus a canonical vectorfield on M. For such systems a unique kinematical interpretation is deduced from a set of Kinematical Axioms satisfied by the algebra of differentiable functions on M. This algebra is required to contain a subalgebra which is maximal commutative under the Poisson bracket. M is shown to be diffeomorphic to the cotangent bundle over its quotient manifold, which is defined by the given subalgebra. Canonical systems satisfying these axioms are then classified. If the "phase space interpretation" is adopted they are shown to describe the motion of masspoints in some configuration space under the influence of and interacting by arbitrary vector and scalar potentials.

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ABSTRACT.- Karam FSC, Soares MP, Haraguchi M., Riet-Correa F., Méndez MC & Jarenkow JA 2004. [Epidemiological aspects of seneciosis in southern Rio Grande do Sul, Brazil. Epidemiological aspects of seneciosis in southern Rio Grande do Sul, Brazil. Epidemiological aspects of ...

Recent investigations have begun to elucidate the function of dendritic arbors, revealing that the geometry of dendrites and the presence of dendritic spines play important roles in both simulated and actual dendritic function (Midtgaard, 1994). The present study attempts to correlate dendritic complexity with cortical function under the assumption that connectivity in a local cortical area may determine its more holistic functional properties. Two human brains (ages: 23 and 69 years) were used for the present study. Four cortical areas (Brodmann's [1908] areas 3, 1, and 2; area 22; area 44; and area 10), respectively representing Benson's four levels of cortical function (primary, unimodal, heteromodal, and supramodal; 1993, 1994), were stained with the modified rapid Golgi technique (Scheibel & Scheibel, 1978). Twenty supragranular pyramidal cells per cortical level were selected (N = 80). Basilar dendritic systems were analyzed using the Neurolucida computer/microscope in...

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Essay On Digital Banking In Hindi

- Last updated on Jan 7, 2024

Essay On Digital Banking: आज के तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में, वित्तीय उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकासों में से एक डिजिटल बैंकिंग का आगमन है। यह निबंध डिजिटल बैंकिंग के विभिन्न पहलुओं, इसके लाभों, चुनौतियों और हमारे रोजमर्रा के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की पड़ताल करता है।

Essay On Digital Banking In Hindi

Essay On Digital Banking

डिजिटल बैंकिंग, जिसे ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, बैंकिंग गतिविधियों को संचालित करने के लिए इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों जैसे डिजिटल चैनलों के उपयोग को संदर्भित करता है। बैंकिंग के इस आधुनिक दृष्टिकोण ने काफी लोकप्रियता हासिल की है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अपने घर से ही अपने वित्त का प्रबंधन करने की सुविधा मिलती है।

डिजिटल बैंकिंग का विकास

डिजिटल बैंकिंग की जड़ें 1980 के दशक में देखी जा सकती हैं जब एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) की शुरुआत हुई थी। हालाँकि, 21वीं सदी तक इंटरनेट की व्यापक उपलब्धता और स्मार्टफोन के प्रसार के साथ डिजिटल बैंकिंग की वास्तविक क्षमता सामने नहीं आई थी।

डिजिटल बैंकिंग की मुख्य विशेषताएं

ऑनलाइन खाता पहुंच.

डिजिटल बैंकिंग उपयोगकर्ताओं को अपने खातों तक 24/7 पहुंच प्रदान करती है, जिससे वे शेष राशि की जांच कर सकते हैं, लेनदेन इतिहास देख सकते हैं और किसी भी समय अपने वित्त का प्रबंधन कर सकते हैं।

मोबाइल बैंकिंग ऐप्स

मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन के उदय ने उपयोगकर्ताओं के लिए अपने स्मार्टफ़ोन पर बैंकिंग गतिविधियाँ करना और भी सुविधाजनक बना दिया है। मोबाइल चेक जमा और तत्काल फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं आम हो गई हैं।

ई-भुगतान और स्थानांतरण

डिजिटल बैंकिंग निर्बाध इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती है। बिल भुगतान से लेकर पीयर-टू-पीयर लेनदेन तक, उपयोगकर्ता कुछ ही क्लिक के साथ विभिन्न वित्तीय लेनदेन निष्पादित कर सकते हैं।

डिजिटल बैंकिंग के लाभ

शायद डिजिटल बैंकिंग का सबसे महत्वपूर्ण लाभ इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा है। उपयोगकर्ताओं को अब भौतिक शाखाओं में जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे अपने कंप्यूटर या स्मार्टफ़ोन से बैंकिंग कार्य कर सकते हैं।

डिजिटल बैंकिंग लंबी कतारों में प्रतीक्षा करने या पारंपरिक बैंकिंग घंटों का पालन करने की आवश्यकता को समाप्त करती है। लेनदेन तेजी से संसाधित होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं का बहुमूल्य समय बचता है।

डिजिटल लेनदेन से जुड़ी लागत बचत से बैंकों और ग्राहकों दोनों को लाभ होता है। भौतिक बुनियादी ढांचे और कागजी कार्रवाई की कम आवश्यकता बैंकों के लिए कम परिचालन लागत का अनुवाद करती है, और ग्राहक अक्सर कम या कोई लेनदेन शुल्क का आनंद नहीं लेते हैं।

सुरक्षा बढ़ाना

उन्नत सुरक्षा उपाय, जैसे एन्क्रिप्शन और दो-कारक प्रमाणीकरण, सुनिश्चित करते हैं कि डिजिटल बैंकिंग लेनदेन सुरक्षित हैं। उपयोगकर्ताओं को यह जानकर मानसिक शांति मिल सकती है कि उनकी वित्तीय जानकारी अच्छी तरह से सुरक्षित है।

Also Read : Gantantra Diwas Essay In Hindi

डिजिटल बैंकिंग की चुनौतियाँ

सुरक्षा चिंताएं.

हालाँकि डिजिटल बैंकिंग में मजबूत सुरक्षा सुविधाएँ हैं, लेकिन यह साइबर खतरों से प्रतिरक्षित नहीं है। फ़िशिंग हमले, मैलवेयर और अन्य साइबर अपराध उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी के लिए जोखिम पैदा करते हैं।

डिजिटल साक्षरता

हर कोई प्रौद्योगिकी से अच्छी तरह वाकिफ नहीं है, और कुछ व्यक्तियों, विशेष रूप से पुरानी पीढ़ियों को डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म को अपनाने में कठिनाई हो सकती है। यह डिजिटल विभाजन कुछ जनसांख्यिकी के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को सीमित कर सकता है।

प्रौद्योगिकी पर निर्भरता

प्रौद्योगिकी पर निर्भरता अपनी तरह की चुनौतियाँ लेकर आती है। सिस्टम आउटेज, गड़बड़ियां या तकनीकी समस्याएं बैंकिंग सेवाओं को बाधित कर सकती हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को असुविधा हो सकती है।

डिजिटल बैंकिंग का भविष्य

डिजिटल बैंकिंग का प्रक्षेपवक्र एक ऐसे भविष्य का संकेत देता है जहां प्रौद्योगिकी वित्तीय परिदृश्य को आकार देने में केंद्रीय भूमिका निभाती रहेगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों से डिजिटल बैंकिंग की क्षमताओं और पेशकशों में और वृद्धि होने की संभावना है।

अंत में, Essay On Digital Banking हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गई है, जिससे हमारे वित्त प्रबंधन के तरीके में बदलाव आ गया है। हालाँकि यह कई लाभ प्रस्तुत करता है, चुनौतियाँ बनी रहती हैं, जो चल रहे नवाचार और अनुकूलन की आवश्यकता पर बल देती हैं। जैसे-जैसे हम इस डिजिटल युग में आगे बढ़ रहे हैं, सभी के लिए एक सहज और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सुविधा और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना सर्वोपरि है।

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Words: 1759 |

Published: Oct 11, 2018

Words: 1759 | Pages: 4 | 9 min read

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hindi essay on digital banking

1Hindi

डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi

डिजिटल भारत या डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi

इस अनुच्छेद मे हमने डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi हिन्दी मे लिखा है। साथ ही डिजिटल भारत मिशन का महत्व और मुख्य उद्देश्यों के विषय मे भी हमने बताया है।

Table of Content

डिजिटल भारत क्या है? डिजिटल भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक मुहिम है ताकि भारत में लोगों को टेक्नोलॉजी और डिजिटल दुनिया का ज्ञान दिया जा सके। आज भारत डिजिटल दुनिया से बहुत दूर है क्योंकि ज्यादातर लोग ऑनलाइन दुनिया से अभी तक बहुत दूर हैं इसलिए यह मुहिम शुरू की गयी है।

डिजिटल इंडिया मुहिम का लक्ष्य खासकर सभी सरकारी सुविधाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध और इंटरनेट से जोड़ने का कार्य शुरू किया गया है। इससे ना सिर्फ हर भारतीय का डिजिटल लेन-देन का ज्ञान बढ़ेगा बल्कि साथ ही देश भी भ्रष्टाचार मुक्त बनेगा ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 1 जुलाई, 2015 को डिजिटल इंडिया पहल की शुरुवात की थी। सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को साल 2019 तक पूरे भारत में डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने की योजना है।

साथ ही इस योजना के अनुसार ग्रामीण इलाकों को तेज़ इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जाएगी। डिजिटल इंडिया के मुहिम से कागज़ों में लेखा-पढ़ी होने वाला समय भी बचेगा और कार्यालयों में लोगों की लंबी कतारों में कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका ‘संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ का है जो इसके पीछे काम में लगे हुए हैं।

डिजिटल भारत मिशन के मुख्य उद्देश्य Main objectives of Digital India Mission

1. डिजिटल व्यवस्था को सुरक्षित बनाना safe and secure digital infrastructure.

अगर यह योजना भारत में पूर्ण रूप से सफल हो जाती है तो इससे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा। इससे लोग ऑनलाइन के सभी सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे जिससे देश में उनकी पूंजी और सुरक्षित रहेगी।

साथ ही डिजिटल इंडिया मुहिम के अनुसार भारत में छोटे गाँव से शहरों तक सभी जगह हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जायेगी जिसकी मदद से लोग ऑनलाइन की सुविधाओं का उपयोग करना सीखेंगे और उसे जीवन का एक हिस्सा बनायेंगे।

2. सरकार की सेवाएं भी ऑनलाइन होगी Providing all government services online

आज ज्यादातर कार्यालयों में इंटरनेट के माध्यम से काम हो रहा है। पर अभी भी कुछ सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन काम शुरू नहीं हुआ है। इस मुहिम के अनुसार सभी गवर्नमेंट आर्गेनाईजेशन में बहुत जल्द सभी सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया जायेगा। ऑनलाइन सेवाओं की मदद से लोगों को ज्यादा देर इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा, भ्रष्टाचार नहीं हो पायेगा।

3. डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहन Digital Literacy encouragement

सरकार ने इस मुहिम के साथ-साथ आधार कार्ड से मोबाइल नंबर , PAN, बैंक अकाउंट , जीवन बीमा , जैसी सेवाओं को जोड़ चुकी हैं जिसकी मदद से अब हर भारतीय की पहचान सही प्रकार से हो पायेगा और लोग इन सेवाओं को आधार से लिंक होने के कारण आसानी से उपयोग कर पाएंगे। साथ ही अब नौकरी के लिए और स्कूलों में आवेदन देना बहुत आसान हो गया है क्योंकि अब सब कुछ डिजिटल रूप से लिंक किया जा रहा है।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभ 9 major pillars of Digital India program

1. ब्रॉडबैंड हाइवेज.

इसके अंतर्गत सरकार के योजना बनाई है कि देश के लगभग 2.5 लाख पंचायतों मे ब्रॉड्बैन्ड की सेवा प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रव्यापी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (National Optical Fibre Network) को शहर से गाँव तक पहुंचना है जिससे देश का कोना-कोना डिजिटल दुनिया से जुड़ सके।

2. मोबाईल फोन सुविधा

इसके अंतर्गत भारत की सरकार ने लगभग सभी गाँव और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र मे मोबाईल फोन टावर लगाने की योजना बनाई है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोबाईल फोन इंटरनेट सेवा मिल पाएगा और लोग डिजिटल चीजों का उपयोग सीखेंगे।

3. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम

इसके अंतर्गत सभी सार्वजनिक सुविधाओं वाले ऑफिस और क्षेत्रों मे इंटरनेट सेवाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्य रूप से डाक घर, बैंक, जन सेवा केंद्र (CSC) सेंटर, जैसे जगहों पर तेज इंटरनेट सेवा प्रदान करना है।

4. ई-गवर्नेंस

सभी सरकारी ऑफिसों मे लेन-देन की प्रक्रियाओं को बेहतर और आसान बनाने के लिए ई-गवर्नेंस को लाया गया है। अब ज्यादातर सरकारी जगहों पर आप पाएंगे की अनलाइन सर्विसेज़ के माध्यम से चालान और सर्विस दी जा रही है।

5. ई-क्रांति

देश के शहर से लेकर गाँव, हर क्षेत्र मे इलेक्ट्रॉनिक क्रांति (ई-क्रांति) को बढ़ावा देना है। ई क्रांति से शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, वित्तीय क्षेत्र को इंटरनेट से जोड़ने मे बढ़ावा मिलेगा।

6. इंफ़ोर्मेशन फ़ॉर ऑल

इसके तहत भारत की जनता को सभी प्रकार की सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी अनलाइन पहुंचाई जाएगी। साथ ही सभी सोशल मीडिया और अनलाइन पोर्टल पर सभी अपडेट लोगों को दी जाएंगी। यह सब MyGov के माध्यम से अब किया जा रहा है।

7. इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन

आज भी भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा प्रतिशत दूसरे देशों से आयात दूसरे देशों से कर रहा है। परंतु इस योजना से बहुत से इलेक्ट्रॉनिक सामग्री उत्पादकों को भारत मे कंपनी स्थापित करने मे बढ़वा मिल है। साथ ही इससे भारतीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है और हमारा देश इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने मे आत्मनिर्भर बैन रहा है।

8. आईटी फ़ॉर जॉब्स

इसके तहत आईट (इनफार्मेशन टेक्नॉलजी) के क्षेत्र में बढ़वा लाना है। इससे बड़ी-बड़ी आईटी कॉम्पनियां भारत में अपने छोटे ब्रांच और व्यापार को स्थापित कर रही हैं जिससे देश के आईटी इंजीनियर को रोजगार और आईटी से क्षेत्र मे तेजी देखि गई है।

9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम

इसके तहत सभी केंद्र सरकार के कार्यस्थलों में आधार अनुमोदित फिंगरप्रिंट के माध्यम से कार्यक्रम को शुरू करना है। अब बैंक से ले कर सभी आर्टिओ ऑफिस मे आप ऐसी सुविधाओं को देख सकते हैं। साथ ही इससे जुड़े सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम भी इसके अंतर्गत आता है।

डिजिटल इंडिया मुहिम के लाभ Benefits of Digital India in Hindi

  • इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सबसे पहले सरकार ने आधार की मदद से लोगों का बायोमेट्रिक डाटा लिया जिससे उनका अद्वितीय पहचान मिल सके अद्वितीय पहचान।
  • सभी भारतीय लोगों का अद्वितीय पहचान (Unique Identification) मिलने के बाद भारतीय नागरिकों से सभी सेवाओं जैसे मोबाइल नंबर, PAN , बैंक अकाउंट, जीवन बिमा, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन , ड्राइविंग लिसेंस को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है।
  • उसके बाद आधार की मदद से लोगों को सभी सुविधाएँ दी जा रही है।
  • इससे लोगों की पहचान सही प्रकार से हो पा रही है और साथ ही बिच में भ्रष्टाचार करने वाले कम हो गए हैं।
  • अब आप घर बैठे आधार की मदद से मोबाइल सिम खरीद सकते हैं, अपना PAN अप्लाई कर सकते हैं, अपने व्यापार को Udyog Aadhaar की मदद से पंजीकृत कर सकते हैं, अपना जीवन बिमा ऑनलाइन ले सकते हैं, और ऐसी कई सेवाएं हैं जो Online KYC और OTP की मदद से कुछ ही मिनटों में पूरे हो रहे हैं जिनके लिए कभी लोगों को महीनों तक इंतज़ार करना पड़ता था।
  • अब लगभग सभी भारतीय बैंकों में ऑनलाइन बैंकिंग और ATM की सुविधा है जिसकी मदद से लोग घर बैठे सभी पैसों लेन-देन कर सकते हैं।
  • अब PAN को भी Aadhar से जोड़ा जा रहा जिसकी मदद से कोई भी आयकर (Income Tax) चोरी नहीं होगा और साथ ही लोग TDS (स्रोत पर कर-कटौती/tax deducted at source) भी घर में बैठे भुगतान  कर सकते हैं।
  • अगर आपको बिना किसी दुकान गए ही घर बैठे कम दाम में सामान मिले तो आप ज़रूर खरीदेंगे। अब ऑनलाइन शौपिंग वेबसाइट पर घर बैठे सामन खरीद सकते हैं और अपना समय और पैसा बचा सकते हैं। पर ख़ास बात है लोगों को डिजिटल रूप से शिक्षित होने की।
  • अब आप DigiLocker की सुविधा से अपने सभी ज़रूरी डाक्यूमेंट्स को Verify करके मोबाइल फ़ोन में रक् सकते हैं। इससे आपके डाक्यूमेंट्स घूम हो जाते खतरा दूर होता है।

निष्कर्ष Conclusion

सबसे ज़रूरी बात यह है कि सरकार यह सब डिजिटल सुविधाएँ और सेवाएँ लोगों के लिए शुरू कर रही हैं। ऐसे में हर भारतवासी का कर्तव्य है कि वह डिजिटल लेन-देन का इस्तेमाल करना सीखें क्योंकि यह सरल, सुरक्षित और सफल जीवन की शुरुवात है।

इससे हम लोगों का समय तो बचता ही है साथ ही भ्रष्टाचार पर भी रोक लगता है। आप जानते हैं आज की दुनिया में – पैसों से भी ज्यादा समय का मूल्य है। चलिए दोस्तों इंटरनेट तथा डिजिटल दुनिया से जुड़े और भारत को एक सफल और विकसित देश बनायें।

4 thoughts on “डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi”

Nice short note

Thanks it’s very helpful

Thanks for this .It is very beneficial for me

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Essay on Digital India in Hindi : डिजिटल इंडिया पर निबंध 100, 200 और 600 शब्दों में 

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  • Updated on  
  • सितम्बर 11, 2023

Essay on Digital India in Hindi

डिजिटल इंडिया ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल थी। डिजिटल इंडिया मिशन को 1 जुलाई 2015 को मेक इन इंडिया, भारतमाला, सागरमाला, स्टार्टअप इंडिया, भारतनेट और स्टैंडअप इंडिया सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थी के रूप लॉन्च किया गया था। डिजिटाइज़ेशन समय की मांग है। आईये जानें कुछ डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India in Hindi) के कुछ सैंपल निबंध।  

This Blog Includes:

Essay on digital india in hindi 100 शब्दों में  , essay on digital india in hindi 200 शब्दों में, प्रस्तावना , डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का विस्तार, डिजिटल इंडिया लक्ष्य , निष्कर्ष , डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स , डिजिटल इंडिया स्लोगन .

100 शब्दों में डिजिटल इंडिया पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

“डिजिटल इंडिया” एक महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल प्लेटफार्म पर ले जाना है। इस पहल के तहत, सरकार ने डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने और डिजिटल सर्विसेज को पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इससे नागरिकों को आसानी से विभिन्न सरकारी सेवाओं और जानकारी का उपयोग करने का मौका मिलता है। यह भारत को एक डिजिटल युग में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है और साथ ही देश के विकास को गति दे रहा है। “डिजिटल इंडिया” का महत्व आज की तकनीकी दुनिया में बढ़ता जा रहा है और हमारे देश के साथ ही हम सभी के लिए भी एक मजबूत भविष्य बना रहा है। 

200 शब्दों में डिजिटल इंडिया पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

“डिजिटल इंडिया” एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जो भारत को डिजिटल युग में लाने का प्रयास कर रही है। भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए सरकारी सेवाओं तक पहुंचना है।

“डिजिटल इंडिया” के तहत बड़े ही परिश्रम से डिजिटल सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं, जैसे कि जनधन योजना, आधार, डिजिटल रोजगार और डिजिटल विद्या। इससे गांवों और शहरों के लोग आसानी से सरकारी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, जो समृद्धि और सुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण है।

“डिजिटल इंडिया” के माध्यम से भारत में डिजिटल शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे तकनीकी ज्ञान और कौशलों का संवर्धन हो रहा है। इससे देश का विकास और सामाजिक न्याय में सुधार हो रहा है।

समापक रूप से, “डिजिटल इंडिया” भारत को ग्लोबल तकनीकी नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है और देश के विकास को सुनिश्चित रूप से गति दे रहा है। इसका महत्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।

Essay on Digital India in Hindi 600 शब्दों में 

600 शब्दों में डिजिटल इंडिया पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। किसी भी देश के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती आज के वक्त में प्राथमिकता वाला मुद्दा है. डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही भारत विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। 

डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत ने 8 साल पहले एक ऐसा फैसला लिया था, जिसकी बदौलत हम आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के चमकते सितारे बन चुके हैं। एक जुलाई 2015 को देश में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इस अभियान को और भी मजबूती देने की जरूरत है। इसी पहलू को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार का फैसला किया है। 

केंद्रीय कैबिनेट ने 16 अगस्त को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार मंजूरी दे दी। इस पर 14, 903 करोड़ रुपये खर्च होंगे. डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पहले से जारी कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। कुछ नए पहल भी होंगे।  बजट खर्च को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल के लिए स्वीकार किया गया है। 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार का फैसला कुछ लाभ को रखकर किया गया है.  डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत कुछ लक्ष्य तय किए गए हैं. ये इस प्रकार हैं:

  • फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के तहत 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को आधुनिक टेक्नोलॉजी के हिसाब से प्रशिक्षित कर उनके स्किल को बेहतर किया जाएगा। 
  • सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (ISEA) कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में ट्रेनिंग दी जाएगी। 
  • राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के आधुनिकीकरण के तहत इसमें 1,787 शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा। 
  • डिजीलॉकर के तहत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन की सुविधा अब  सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ दूसरे संगठनों के लिए भी होगी। 
  • यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (UMANG) ऐप पर फिलहाल 1,700 से ज्यादा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।  अब इस निःशुल्क मोबाइल ऐप उमंग पर इनके अलावा 540 अतिरिक्त सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। 
  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत  टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप्स को  वित्तीय मदद दी जाएगी। 
  • तीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे, जो स्वास्थ्य, कृषि और टिकाऊ शहरों की ज़रूरतों पर आधारित होंगे। 
  • साइबर-जागरूकता पाठ्यक्रम चलाकर 12 करोड़ कॉलेज छात्रों को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाएगा। 
  • साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहल शुरू की जाएगी. इसके तहत उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों का एकीकरण किया जाएगा। 
  • राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत फिलहाल 18 सुपर कम्प्यूटर काम कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत अब इस मिशन में 9 और सुपर कंप्यूटर जुड़ जाएंगे. भारत सरकार ने मार्च, 2015 में राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत 4,500 करोड़ रुपये की लागत से 2022 तक 70 सुपर कंप्यूटर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बहु-भाषा अनुवाद उपकरण ‘भाषिणी’  को सभी 22 अनुसूची और 8 भाषाओं में शुरू किया जाएगा। फिलहाल ये 10 भाषाओं में उपलब्ध है। 

भारत में फ्यूचर डिजिटल टेक का विस्तार हो, इसमें स्पेस, मैपिंग, ड्रोन, गेमिंग और एनिमेशन की भूमिका काफी ज्यादा रहने वाली है। यही कारण है कि केंद्र सरकार इन क्षेत्रों में इनोवेशन को लगातार बढ़ावा दे रही है. इसके लिए नीतिगत कदम के साथ आर्थिक सहायता भी मुहैया कराया जा रहा है। IN-SPACe और नई ड्रोन पॉलिसी जैसे कदमों से अगले 10 साल में भारत के टेक पोटेंशियल को नई ऊर्जा मिलने की भरपूर संभावना है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार में इन बातों का भी ख्याल रखा गया है। 

Essay on Digital India in Hindi

  • “डिजिटल इंडिया” भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल है। 
  • यह भारत को तकनीकी विकास की ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रही है। 
  • इसका उद्देश्य भारत को डिजिटल और तकनीकी युग में ले जाना है।
  • डिजिटल इंडिया के अंतर्गत, सरकार ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है। 
  • इस पहल से गांवों और शहरों के लोग डिजिटल सेवाओं और जानकारी का आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
  • इस पहल के तहत, आधार, जनधन योजना, डिजिटल बैंकिंग, और डिजिटल पेमेंट्स जैसी डिजिटल सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।
  • डिजिटल इंडिया ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी तकनीकी सुधार किया है और डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित किया है। 
  • इस पहल से भारत के नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा में सुधार हुआ है और उन्हें अधिक सुविधाएँ मिल रही हैं।
  • “डिजिटल इंडिया” भारत को तकनीकी दुनिया में गर्वित स्थिति दिलाने का माध्यम बन चुका है और देश के विकास को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
  • डिजिटल इंडिया का महत्त्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।
  • “डिजिटल इंडिया, डिजिटल भविष्य!”
  • “डिजिटल इंडिया: तकनीकी सुविधा सभी के लिए!”
  • “बदल रहा है भारत, डिजिटल इंडिया के साथ!”
  • “डिजिटल इंडिया, समृद्धि की ओर कदम बढ़ाता है!”
  • “स्मार्ट इंडिया, डिजिटल इंडिया!”
  • “डिजिटल इंडिया: तकनीकी क्रांति का प्रतीक!”
  • “जुड़ो और बढ़ो, डिजिटल इंडिया के साथ!”
  • “आओ, हम सभी बनाएं डिजिटल इंडिया!”
  • “डिजिटल इंडिया, हमारी पहचान!”
  • “तकनीक का जादू, डिजिटल इंडिया के साथ है!”

डिजिटल इंडिया भारत सरकार का एक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके भारत को आगे बढ़ाना है। इसका उद्देश्य डिजिटल अद्यतन तकनीकी और सभी नागरिकों को डिजिटल जीवन के साथ मिलाने का है।

डिजिटल इंडिया के तहत कई मुख्य योजनाएँ हैं, जैसे कि Digital India Platform, BharatNet, e-Governance, Digital Locker, e-Hospital, e-Sign, और अन्य। ये योजनाएँ इलेक्ट्रॉनिक सरकार की दिशा में कई उपायों के साथ सरकार की सेवाओं को डिजिटल रूप से पहुँचाने का काम करती हैं।

BharatNet भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य गांवों और शहरों को उच्च गति वाले इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना है। इसके तहत फाइबर ऑप्टिक केबल और वायरलेस तकनीक का प्रयोग किया जाता है ताकि अधिक लोग डिजिटल जीवन का आनंद ले सकें।

Digital Locker एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो नागरिकों को उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आदि) को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा प्रदान करता है।

e-Governance सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रदान करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिए अधिक पहुँचने और ट्रांसपैरेंट बनाना है।

आप डिजिटल इंडिया के अधिकारी वेबसाइट पर जा कर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं और वहां से इसके विभिन्न योजनाओं और सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने स्थानीय सरकारी निकायों से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यह था डिजिटल इंडिया पर निबंध, Essay on Digital India in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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बैंक पर निबंध (Bank Essay in Hindi)

बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो मौद्रिक लेनदेन में सौदा करते हैं। बैंक किसी भी समाज का अभिन्न अंग हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक स्थित हैं। हालांकि पहले भारत में बड़े शहरों और कस्बों में कुछ शाखाओं के साथ सीमित संख्या में बैंक थे पर पिछले कुछ दशकों में कई नए बैंकों ने देश के हर जगह और कोने-कोने में शाखाएं खोल दी हैं।

बैंक पर लंबे और छोटे निबंध (Long and Short Essay on Bank in Hindi, Bank par Nibandh Hindi mein)

बैंक पर निबंध – (250 – 300 शब्द) – bank par nibandh.

सदियों से बैंकिंग प्रणाली चली आ रही है। यह प्रणाली भारत में और साथ ही दुनिया के अन्य भागों में भी प्रचलित है। बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं और कार्य समय के साथ बढ़ते चले आ रहें हैं।

बैंकों का इतिहास

14वीं सदी में इटली के कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवा शुरू हुई थी। यह प्राचीन युग के बाद से लोगों के बीच उधार देने और उधार लेने की अवधारणा की तर्ज पर शुरू की गई थी। प्राचीन समय में व्यापारियों ने बनियों और किसानों को अनाज का कर्ज दिया था। इसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता था। समय बीतने के साथ धन जमा करने और धन उधार देने की प्रणाली विकसित होती चली गई।

फागर्स, मेडिसिस, बीरेनबर्ग्स, रोथस्चिल्स बैंकिंग राजवंशों में से हैं जो बैंकिंग के इतिहास में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं। सदियों से उन्होंने इस क्षेत्र पर राज़ किया है। 17वीं सदी में बैंकनोट्स और रिजर्व बैंकिंग जारी करने जैसी कुछ आधुनिक बैंकिंग सेवाएं शुरू हुईं। बैंक ऑफ इंग्लैंड और द रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड दुनिया के कुछ सबसे पुराने बैंकों में से एक हैं।

भारत में बैंकों का इतिहास

भारत में बैंकिंग प्रणाली वैदिक सभ्यता के ज़माने से है। उस युग में जरूरतमंदों को ऋण दिया जाता था। उस अवधि में ऋण को ऋणलेख या ऋणपत्र के नाम से जाना जाता था।

पहले के समय में बड़े व्यापारी और जमींदार छोटे व्यापारियों और किसानों को ब्याज पर पैसे देते थे। यह संस्कृति अभी भी देश के कुछ गांवों में प्रचलित है। जो लोग राशि का भुगतान करने में असमर्थ होते थे उन की भूमि या अन्य मूल्यवान संपत्ति जब्त कर ली जाती थी जैसे आज कल बैंक कर लेते हैं।

बैंक ऑफ हिंदुस्तान भारत में स्थापित पहला बैंक था। यह 1770 में कलकत्ता में खोला गया था। बैंक ऑफ बंबई, बैंक ऑफ कलकत्ता और बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई थी।

विभिन्न ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर देश में कई प्रकार के बैंक होते हैं। वे विभिन्न सेवाओं और देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सहायता करते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : बैंक

Bank par Nibandh (400 – 500 शब्द)

बैंक एक ऐसा संस्थान है जो जनता से धन जमा करता है और व्यक्तियों के साथ-साथ फर्मों को भी धन उपलब्ध कराता है। ये एक बैंक के प्राथमिक कार्य हैं लेकिन एकमात्र नहीं हैं। वे अपने ग्राहकों को कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं जैसे कि लॉकर सुविधा, धन का हस्तांतरण, ड्राफ्ट और पोर्टफोलियो प्रबंधन जारी करना आदि।

बैंकों का महत्व

बैंक व्यक्तियों के लिए और साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि इन संस्थानों का निम्न महत्व हैं:

  • भय से राहत और सुरक्षा प्रदान करता है

घर पर रखा धन सुरक्षित नहीं है। इसकी चोरी होने का डर बना रहता है। जब आप अपने पैसे बैंक में रखते हैं तो बैंक की ज़िम्मेदारी इसकी रक्षा करना है। आपको इसकी सुरक्षा के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

  • बचत की आदतों को प्रोत्साहित करता है

बैंक समय-समय पर विभिन्न योजनाओं की पेशकश करते हैं ताकि लोगों में बचत की आदतों को प्रोत्साहित किया जा सके। बैंक में जमा धन सुरक्षित ही नहीं बल्कि बढ़ता है। आपके पास इसे किसी भी समय वापस लेने का विकल्प होता है।

  • व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाता है

व्यापारियों को ऋण और अग्रिम प्रदान करके बैंक देश में व्यापार को बढ़ावा देते हैं। यह विभिन्न देशों के बीच व्यापार की प्रक्रिया को आसान बनाता है। वे इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरल तरीके से धन के लेनदेन का विकल्प प्रदान करते हैं। उन्नत बैंकिंग प्रणाली में कहीं भी धनराशि भेजना और प्राप्त करना आसान है।

  • कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देता है

कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष बैंक हैं जो कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज पर किसानों को ऋण प्रदान करते हैं। इस प्रकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में बैंक सहायता प्रदान करते हैं।

  • उद्योगों के विकास में सहायता करता है

बैंक व्यक्तियों और व्यवसायों से धन स्वीकार करते हैं और उद्योगों को ऋण देते हैं। इस प्रकार वे इस तरह से विभिन्न उद्योगों के विकास में सहायता करते हैं। ऋण को आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है।

  • रोजगार के अवसर प्रदान करता है

बैंक कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और प्रगति के लिए ऋण प्रदान करते हैं। जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में विस्तार होता है वैसे-वैसे सार्वजनिक रूप से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

बैंक किसी भी देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आधुनिक बैंकिंग सेवाओं ने व्यापार, उद्योगों के विकास और अन्य गतिविधियों की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद की है जो देश की अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करते हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान जो व्यवसायों के विकास को बढ़ावा देते हैं और व्यक्तियों के धन और अन्य मूल्यवान संपत्तियों की रक्षा करते हैं, निश्चित रूप से किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं।

बैंक पर निबंध (500 – 600 शब्द)

देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अपने वित्त को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में आपकी सहायता करने के लिए कई सेवाएं प्रदान करते हैं। ये संस्थाएं समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

बैंकों के कार्य

बैंकों के कार्यों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ये प्राथमिक कार्य और माध्यमिक कार्य हैं। यहां इन पर विस्तृत जानकारी दी गई है:

प्राथमिक कार्य

प्राथमिक कार्य बैंकों के मुख्य कार्य हैं। इनमें धन को स्वीकार करना और ऋण प्रदान करना शामिल है। यहां इन कार्यों का एक संक्षिप्त रूप है:

  • धन स्वीकार करना

ये खाते मूल रूप से चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं:

बचत खाते: ये खाते जनता को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इनसे पैसा आसानी से वापस लिया जा सकता है और बिना किसी प्रतिबंध के बचत खाते में जमा किया जा सकता है। इन खातों में ब्याज दर काफी कम है।

वर्तमान खाते: यह खाता विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए हैं। ये खाते ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं जो व्यवसायों के लिए फायदेमंद होते हैं। इस खाते में कोई ब्याज भुगतान नहीं किया जाता है।

मियादी खाते: मियादी खाते में एक निश्चित धन राशि निश्चित अवधि के लिए जमा की जाती है। ऐसी जमा राशि में ब्याज दर अधिक है।

आवर्ती खाता: एक निश्चित राशि ऐसे खाते में नियमित अंतराल पर जमा की जाती है। ब्याज दर उच्च होती है। हालांकि किसी निश्चित अवधि से पहले राशि वापस नहीं ली जा सकती।

  • ऋण प्रदान करना

यहां बैंकों द्वारा दिए गए ऋण और उधार के प्रकार हैं:

ऋण: थोड़े समय और ज्यादा समय दोनों के लिए ही ऋण दिया जाता है। शुल्क पर लगाए गए ब्याज की दर भिन्न-भिन्न प्रकार के ऋण और आधार पर अलग-अलग होती है। इसे किश्तों में चुकाया जा सकता है।

नकद क्रेडिट: ग्राहकों को एक निश्चित राशि की नकदी लेने की सुविधा है जो पैसों की सीमा में तय की गई है। इसके लिए एक अलग कैश क्रेडिट खाता बनाए रखा जाना चाहिए।

ओवरड्राफ्ट: यह सुविधा व्यापारियों के लिए है। इस प्रकार वर्तमान खाता धारकों को यह प्रदान किया जाता है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उन्हें अलग खाते बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।

द्वितीयक कार्य

द्वितीयक कार्य जिसे गैर-बैंकिंग कार्यों के रूप में भी जाना जाता है दो प्रकार के होते हैं। ये एजेंसी कार्य और सामान्य उपयोगिता कार्य हैं। यहां इन दोनों प्रकार के कार्यों पर एक संक्षिप्त नज़र डाली गई है:

  • एजेंसी के कार्य

बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। इस संस्था द्वारा कई एजेंसी कार्यों को अंजाम दिया जाता है। इसमें चेक, आवधिक भुगतान, पोर्टफोलियो प्रबंधन, आवधिक संग्रह और धन के हस्तांतरण का संग्रह शामिल है। बैंक अपने ग्राहकों के लिए निष्पादक, प्रशासक, सलाहकार और न्यासी के रूप में भी कार्य करते हैं। वे अपने ग्राहकों को अन्य संस्थानों से निपटने में भी मदद करते हैं।

  • सामान्य उपयोगिता कार्य

बैंक सामान्य उपयोगिता कार्य भी करते हैं जिसमें लॉकर सुविधा, शेयरों का हिसाब-क़िताब, विदेशी मुद्रा में काम करना, क्रेडिट के पत्र और ड्राफ्ट जारी करना, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, सार्वजनिक कल्याण अभियान और वयस्क साक्षरता कार्यक्रम जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का उपक्रम शामिल हैं।

इस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली एक और सेवा बिल के एक्सचेंज की छूट है।

हालांकि शुरू में बैंकों के कार्यों में केवल धन जमा करने और ऋण प्रदान करना शामिल था। उन्होंने अब कई अन्य सेवाएं भी मुहैया कराई हैं। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य ग्राहकों को अपने वित्त के साथ मदद करना है।

Essay on Bank in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द)

बैंक वित्तीय संस्थाएं हैं जो आम जनता को धन उधार देते हैं और उनका धन जमा करने के लिए स्वीकार करते हैं। बैंक देश में धन के प्रवाह को बनाए रखते हैं और साथी ही देश के आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न प्रकार के बैंक हैं जो व्यक्तियों के साथ-साथ व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।

बैंकों के प्रकार

यहां विभिन्न प्रकार के बैंक और उनके कार्य बताए गए हैं:

  • नेशनल/राष्ट्रीय बैंक

इस नाम के अलावा इन बैंकों को केन्द्रीय या संघीय बैंक नाम से भी जाना जाता है। ये बैंक सरकार की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन करते हैं। ये गैर लाभकारी संस्थान दूसरे बैंकों में बैंकरों के रूप में सेवा करते हैं। प्रत्येक देश में एक सेंट्रल बैंक होता है। राष्ट्रीय बैंकों के कुछ कार्यों में विदेशी मुद्रा की निगरानी करना, देश की मुद्रा को नियंत्रित करना और कागजी मुद्रा जारी करना शामिल है। वे सामान्य जनता के साथ सौदा नहीं करते।

यह बैंकों का सबसे सामान्य प्रकार है। ये आम तौर पर आम जनता की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ये बैंक बचत खाते खोलते हैं, क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराते हैं, ऋण प्रदान करते हैं और अन्य सेवाओं के साथ लॉकर सुविधा प्रदान करते हैं।

  • सेविंग/बचत बैंक

ये विशेष रूप से लोगों के बीच पैसे बचाने की आदत पैदा करने के लिए स्थापित किए गए हैं। इन बैंकों में ग्राहकों से जमा धन को प्रतिभूतियों और बांड में बदल दिया जाता है। ये 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में वापस स्थापित किए गए थे। इसके अलावा ये बैंक लोगों की जमाराशियां स्वीकार करते हुए कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।

  • कमर्शियल/व्यवसायिक बैंक

इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय वर्ग को सहायता करना है। वे व्यापारियों को ऋण प्रदान करते हैं और उन्हें अन्य सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं जो व्यापारिक पुरुषों के लिए उपयोगी होती हैं। इनमें से कुछ सेवाओं में बिल का आदान-प्रदान, ओवरड्राफ्ट और चेक संग्रह शामिल है।

  • इन्वेस्टमेंट/निवेश बैंक

इन बैंकों को भी व्यवसायों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है। इन बैंकों की मदद से व्यापारियों ने वित्तीय बाजारों में मजबूती स्थापित की है। इन्वेस्टमेंट बैंक उन व्यवसायियों को सुविधा प्रदान करते हैं जिन्हें निवेशकों को कर्ज बेचने की आवश्यकता होती है या अपने व्यवसाय के लिए सार्वजनिक जनता से पैसे प्राप्त करना चाहते हैं।

  • लैंड मोर्टगेज /भूमि बंधक बैंक

इन्हें कृषि बैंक या भूमि विकास बैंकों के रूप में भी जाना जाता है। मुख्य रूप से इसे वित्तपोषित करके कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए स्थापित किया गया है। ये बैंक भूमि विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बैंकों की इस विशेष श्रेणी में आने का कारण यह है कि कृषि क्षेत्र के वित्तपोषण में बहुत जोखिम है और अन्य व्यवसायों का समर्थन करने वाले वाणिज्यिक बैंक ऐसे जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं।

  • कोआपरेटिव/सहकारी बैंक

कोआपरेटिव/सहकारी बैंक छोटे-छोटे किसानों, छोटे-छोटे व्यवसायों और वेतनभोगी लोगों को ऋण प्रदान करते हैं। वे लोगों को वाणिज्यिक और खुदरा सेवाएं प्रदान करते हैं। ये बैंक सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1912 के तहत पंजीकृत हैं।

  • कंज्यूमर/उपभोक्ता बैंक

ये बैंक विशेष रूप से टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं जैसे कि कार, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, फर्नीचर आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं। ये बैंक अपने उपभोक्ताओं को आसानी से किश्तों में ऋण चुकाने का लाभ दे देते हैं। ये ज्यादातर दूसरे देशों में पाए जाते हैं।

  • इंडस्ट्रियल/औद्योगिक बैंक

इन्हें विकास बैंक नाम से भी जाना जाता है। इन बैंकों की स्थापना औद्योगिक क्षेत्र की सहायता के लिए की गई है। ये बैंक शेयर और डिबेंचर जारी करके नकद धन स्वीकार करते हैं। ये बैंक उद्योगों को अपने विस्तार और उन्हें विकसित करने में मदद करने के लिए दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते हैं। आजादी के बाद देश में ऐसे कई बैंक स्थापित किए गए हैं।

  • एक्सचेंज/विनिमय बैंक

ये बैंक विशेष रूप से विदेशी व्यापार के वित्तपोषण का काम करते हैं। इन बैंकों के कुछ मुख्य कार्यों में विदेशी बिलों की छूट, चांदी और सोने की बिक्री और खरीद तथा निर्यात और आयात व्यापार को चलाने में सहायता प्रदान करना शामिल है।

सामान्य जनता के साथ-साथ पूरे देश के वित्तीय मुद्दों को कम करने के लिए बैंकों की स्थापना की जाती है। विभिन्न प्रकार के बैंक विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं और विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए हैं।

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बैंक पर निबंध

Essay on Bank in Hindi

बैंक पर निबंध : Essay on Bank in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘बैंक पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है। यदि आप बैंक पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

बैंक पर निबंध : Essay on Bank in Hindi

प्रस्तावना :-

बैंक वह संस्था होती है, जो जनता के धन को सुरक्षित रखने का कार्य करती है। यह संस्था जनता के पैसे के बदले उसे ब्याज भी प्रदान करती है। यह पैसे को सुरक्षित रखने के साथ ही इस पैसे को कमाई का जरिया भी बनाती है।

यह जनता के जमा धन को उद्योगपतियों या धन की जरूरत रखने वाले व्यक्तियों को उधार देती है, जिसके बदले यह संस्था उनसे ब्याज लेती है। बैंक एक भरोसेमंद संस्था होती है, तभी तो लोग अपनी कमाई हुई पूंजी बैंकों में रख देते है।

कुछ वर्षों में ही इसकी विश्वसनीयता काफी अधिक बढ़ गई है, जिससे इसका विकास भी काफी हो रहा है। आज प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना एक बैंक खाता है। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी आवश्यक होती है।

बैंक किसे कहते है?

बैंक एक ऐसी संस्था होती है, जो मुख्य रूप से जनता के धन को जमा करती है व उन्हें समय पर ऋण भी प्रदान करती है। इसके लिए वह अपने बैंक में उस व्यक्ति के नाम पर एक खाता खुलवाती है।

जिसके बदले खाताधारक व्यक्ति को एक खाता नंबर दिया जाता है। यह नंबर एक यूनिक नंबर होता है, जो कि सम्पूर्ण बैंक में सिर्फ उसके नाम पर ही दर्ज होता है। इसी नंबर के खाते में उस व्यक्ति का धन जमा होता है।

बैंक का महत्व :-

आज इस आधुनिक समय में बैंक का महत्व काफ़ी अधिक बढ़ गया है। इस समय ज्यादातर धनराशि का आदान-प्रदान ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाता है, जिसके लिए बैंक में खाता होना अनिवार्य है।

आज प्रत्येक व्यक्ति अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों पर निर्भर है। घर में रखे हुए धन के चोरी होने का डर रहता है। इसलिए, इस डर से बचने के लिए ही लोग अपने धन को बैंकों में सुरक्षित रखते है। इससे उस धनराशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंकों पर हो जाती है।

बैंक व्यापार को भी बढ़ावा देते है :-

यदि वर्तमान समय मे हमें व्यापार करना है, तो हमें इसके लिए धन की आवश्यकता होती है, यह धन हमें बैंक प्रदान करते है। इससे व्यापार में काफी फायदा होता है।

आज प्रत्येक व्यापार धन के लिए बैंकों पर निर्भर रहता है। बैंकों के कारण लेन-देन की प्रक्रिया भी काफी अधिक आसान हो गई है। आजकल नकद काफी कम हो गया है और ऑनलाइन लेन-देन की प्रकिया बढ़ने लगी है।

बैंक धन की बचत को भी प्रोत्साहित करते है। बैंक में रखे हुए धन पर ब्याज भी प्राप्त होता है, जिससे लोग अपने धन को बैंक में रखना फायदेमंद मानते है।

बैंक मनुष्य को स्वरोजगार के लिए भी प्रोत्साहित करता है और कुछ बैंक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर रक़म मुहैया करवाते है। आज सरकार अपनी विभिन्न प्रकार की योजनाओं के लाभ भी लोगों तक बैंक के माध्यम से ही पहुँचाती है।

बैंक के कार्य :-

बैंक के सभी कार्य विस्तारपूर्ण रूप से निम्नलिखित है:-

  • धनराशि जमा करना :- बैंक का मुख्य कार्य जनता की धनराशि को जमा करना होता है। यह खाताधारकों के धन को सुरक्षित रखने का कार्य भी करता है। बैंक के मुख्य खाता प्रकार निम्नलिखित है:-
  • बचत खाता :- यह खाता धनराशि को सुरक्षित रखने के लिए खोला जाता है। यह खाता सामान्य नौकरी करने वाले लोगों के द्वारा ही खोला जाता है। इसमें उन्हें ब्याज भी दिया जाता है। इसमें हम एक दिन में सीमित संख्या में ही धनराशि निकाल सकते है।
  • चालू खाता :- इसे ज्यादातर व्यापारियों द्वारा ही खोला जाता है। वें इसमें दिन में बिना किसी सीमा के अनेकों समय धनराशि निकाल सकते है। इसमें खाताधारकों को ब्याज नहीं मिलता है बल्कि, इसमें उन्हें एक निश्चित राशि बैंक को देनी पड़ती है।
  • सावधि जमा खाता :- यह खाता बचत खाता और चालू खाता दोनों से अलग होता है। इसमें खाताधारकों द्वारा अपने धन को लम्बे समय तक बैंक में जमा किया जाता है। इसे निकालने का समय भी निश्चित ही होता है और इसमें बचत खाता से अधिक ब्याज दिया जाता है।
  • उधार देना :- बैंक लोगों द्वारा जमा किये हुए धन को ऋण में देकर उनसे लाभ कमाते है। यह उद्योगपतियों एवं धन की आवश्यकता रखने वाले लोगों को ब्याज पर पैसे उधार देते है। इससे बैंक अपने पास रखे हुए धन का निवेश कर देता है। बैंक लम्बे समय के लिए उधार देते है और इसे वापस किस्तों के माध्यम से लेते है, जिससे देने वाले पर यह ज्यादा भार न पड़े।
  • ऋण लेना व देना :- बैंक लिए हुए धन व दिए हुए धन दोनों पर ब्याज देती व लेती है। इसी से ही बैंक चलता रहता है और उसे लाभ भी होता है। लेकिन, इसमें ब्याज की दर अलग-अलग होती है।
  • अन्य सुविधाएँ प्रदान करना :- बैंक इसके अलावा भी कईं प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करता है। इसमें खाताधारकों को लॉकर की सुविधा भी दी जाती है, जिसमें खाताधारक अपनी आवश्यक वस्तुएँ रख सकते है। बैंक खाते से किसी भी तरह का लेन-देन होने या इससे संबंधित सूचनाएं खाताधारकों को प्रदान करता रहता है। बैंक से खाताधारकों को चेकबुक, एटीएम कार्ड एवं और भी अन्य सुविधाएँ प्रदान करता है।

बैंक खाता खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज :- बैंक में खाता खुलवाने के लिए बैंक द्वारा एक आसान प्रक्रिया रखी गई है। जिसमें आपके पास कुछ आवश्यक दस्तावेजों का होना आवश्यक है।

जिसके साथ आपको बैंक द्वारा दिया जाने वाला फॉर्म भरकर बैंक अधिकारी को जमा करवाना होता है। ये सभी आवश्यक दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित है:-

  • तीन पासपोर्ट साइज फोटो
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • वोटर आईडी कार्ड
  • टेलीफोन बिल

बैंक का इतिहास :-

बैंक का इतिहास आज का ही नहीं बल्कि काफी पुराना है। दुनिया का सबसे पहला बैंक इटली में खोला गया था, जिसका नाम सेंट जॉर्ज बैंक था। तब से ही इस दुनिया में बैंकों का प्रचलन शुरू हुआ था।

भारत में यह प्रणाली काफी समय से चल रही है। इसमें जरुरतमंदों को उधार दिया जाता था। यह काफी पुरानी रीती से चला आ रहा है लेकिन, समय बदलने के साथ बैंकों का विकास होने लगा। भारत में पहला बैंक, बैंक ऑफ़ हिनुस्तान था।

जो सन 1770 में कलकत्ता में स्थापित किया गया था। इसके बाद समय-समय पर अन्य बैंक भी खुलने लगे। जैसे:- बैंक ऑफ़ मद्रास, बैंक ऑफ़ बंबई और बैंक ऑफ़ कलकत्ता, आदि। प्रारम्भ में बैंकों की विश्वसनीयता इतनी अधिक नहीं थी।

लोग इन पर बिलकुल भी विश्वास नहीं करते थे। उन्हें डर था कि कहीं उनके पैसे डूब न जाए। जिस वजह से बैंकों को कठनाईयों का सामना करना पड़ा। लेकिन, धीरे-धीरे समय बदलने के साथ इनकी विश्वसनीयता बढ़ने लगी।

आज बैंक सुविधा से आगे बढ़कर आवश्यकता बन गए है। आजकल ज्यादातर लेन-देन बैंकों के द्वारा ही की जाती है। लोग नकद का झंझट रखना पसंद नहीं करते है क्योंकि, इसे रखने में भी परेशानी आती है और इसके चोरी होने का डर भी होता है।

बैंक में पैसे सुरक्षित रहने के साथ-साथ इससे लाभ भी प्राप्त होता है। आजकल लोगों की विभिन्न आवश्यकताओं को देखते हुए अलग-अलग बैंक खुल गए है। जो अलग-अलग प्रकार की सुविधाएँ भी प्रदान करते है।

यह देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन सभी बैंकों पर नियंत्रण रखने के लिए भी एक संस्था होती है। भारत में बैंकों पर नजर रखने के लिए RBI की स्थापना की गई है।

जिससे बैंक अपनी मनमर्जी न कर सके और किसी के साथ भी गलत न हो। इसके साथ ही बैंक के होने से सरकार द्वारा दी गई सुविधा लोगों तक सीधे तौर पर पहुँच पाती है।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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Essay on Bank in Hindi - बैंक पर निबंध ✅

Today in this post we are posting a simple essay on Bank in Hindi . This essay can help the students who are looking for an essay on Bank. This essay is very simple and easy to remember. The level of this essay is medium so any students can write on this topic.

Essay on Bank in Hindi

बैंक एक संसथान है जहां पैसों का लेन देन होता है । यह बैंकिंग प्रणाली (system) पुरे विश्व स्तर पर प्रचलित है । किसी भी देश में बैंक  एक अहम् भूमिका निभाता है । लोग बैंक में पैसे जमा करते है और जब जरुरत पड़े तब उसे निकाल सकते है । जमा किये गए पैसो पर बैंक कुछ ब्याज भी देता है । जमा पैसो पर ब्याज देने का यह प्रचलन लोगो को बैंक में पैसे जमा करने के लिए प्रोत्साहित करता है । पैसे जमा करने और  निकालने की प्रक्रिया बहुत ही आसान होता है ।

सबसे पहले बैंक में व्यक्ति के नाम से खाता (account) खुलवाया जाता है । खाता   खुलने के बाद व्यक्ति को खाता नंबर मिल जाता है । इसी खाता नंबर की मदत से व्यक्ति बैंक में पैसो का लेन देन कर सकता है । बैंक में खातो के भी कई प्रकार होते है जिसमे मुख्य दो प्रकार है एक बचत खाता (savings account) और दूसरा चालू खाता  (current account)। खाता धारको को बैंक के द्वारा एटीएम कार्ड दिया जाता है । जिसकी मदत से व्यक्ति अपने खाते से पैसे  एटीएम मशीन द्वारा निकाल सकता है ।

एटीएम मशीन पुरे सप्ताह खुला रहता है जबकि बैंक पुरे सप्ताह खुला नहीं रहता है । एटीएम मशीन के आने से पैसे निकालने में काफी आसानी हो गयी है । बैंक समाज का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है । बैंक लोगो को पैसे उधार भी देता है जिसे हम लोन कहते है । लोन की रकम व्यक्ति के योग्यता के ऊपर निर्भर करता है । व्यक्ति की योग्यता इस बात पर निर्भर करता है की वह लोन को चूका पायेगा या नहीं । तो हमें बैंक से उतना ही लोन लेना चाहिए जितना हम चूका सके ।

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बैंक पर निबंध- Essay on Bank in Hindi

In this article, we are providing information about Bank in Hindi- Short Essay on Bank in Hindi Language. बैंक पर निबंध, Bank par Nibandh.

भूमिका- आज के युग में बैंक हमारे समाज में एक अहम भूमिका निभाते है। बैंक वितीय संस्थान होते है जहाँ पर मुद्राओं का लेन देन किया जाता है और यहाँ हमारे कोष को भी सुरक्षित रखा जाता है। बैंक लोगो के बहुत ही अच्छे साथी है और यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। पहले समय में बैंक में केवल पैसों का लेन देन होता था पर समय के साथ साथ बैंक ने भी प्रगति कर ली है। अब यह रिण देने, स्वर्ण लोन, बीमा और बहुत सी अन्य सुविधाएँ भी प्रदान करता है।

भारत में बैंक का इतिहास ( History of Bank in Hindi )- बैंकों का इतिहास भारत में बहुत ही प्राचीन है। सबसे पहला बैंक कोलकता में 1770 बैंक ऑफ हिंदुस्तान खोला गया था।

बैंक के लाभ- बैंक हमारे समाज के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह सभी लोगों को बहुत सी सुविधाएँ देता है। यह बहुत ही सुरक्षित है और यहाँ पर हमारा धन सुरक्षित रहता है और बैंक लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित करता है। यह लेगों को आसान शर्तों पर उधार देकर उन्हें व्यापार को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं। किसानों को भी कृषि कार्यों के लिए निम्न ब्याज दर पर रिण दिया जाता है। यह लोगों को नए उद्योगों शुरू करने के लिए भी धन देता है और साथ ही लोगों को इनसे लेन देन करना सुरक्षित लगता है।

बैंको के प्रकार ( Types of Bank in Hindi )- बैंक बहुत से प्रकार के होतें हैं और इनकी विभिन्न स्थानों पर बहुत सी शाखाएँ है। इनके निम्नलिखित प्रकार कुछ इस प्रकार है–

1. राष्ट्रीय बैंक- इन बैंको को केंद्रीय बैंक के नाम से भी जाना जाता है और इनका मुख्य कार्य विदेशी मुद्रा के लेन देन पर निगरानी रखना होता है।

2. बचत बैंक- यह वह बैंक है जिनमें लोगों के धन को रखा जाता है और उन्हें ब्याज भी दिया जाता है।

3. सहकारी बैंक- सहकारी बैंक वह बैंक है जो किसानों या व्यापारियों को पैसे देते हैं।

ओनलाईन बैंकिंग- बैंकिंग एक ऐसी प्रिक्रिया है जिससे बैंको के साथ लेन देन किया जाता है। ओनलाईन बैंकिंग की प्रिक्रिया ने लोगों को ज्यादा सुविधा दी है और किए जाने वाले लेन देन और पैसों के स्थानांतरण को सरल बना दिया है।

बैंक हमारे देश का एक अहम हिस्सा है और यह पूरे देष के वितीय मुद्दों को कम करते है। बैंक हमारे लिए बहुपयोगी और सुरक्षित है। हर व्यक्ति को बैंक की सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहिए।

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"Essay - The Challenges of Black Students..."

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  1. डिजिटल इंडिया पर निबंध कैसे लिखें? Essay on Digital India in hindi

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  3. बैंक पर निबंध हिंदी में

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  4. Challenges of E-Banking in India Essay Example

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  6. डिजिटल इंडिया पर निबंध ।। Essay On Digital India

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COMMENTS

  1. डिजिटल बैंकिंग पर निबंध Digital banking essay in hindi

    Digital banking essay in hindi. डिजिटल बैंकिंग से तात्पर्य डिजिटल तरीके से यानी बैंक द्वारा प्रदान किए गए कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल के जरिए पैसों का लेन देन करना होता है ...

  2. Digital Banking in Hindi- डिजिटल बैंकिंग क्या है ? इसके फायदे और

    Digital Banking को परिभाषित करते हुए, यह एक आधुनिक वित्तीय समाधान है जो व्यक्तियों को बैंकिंग की सभी सेवाओं तक आसानी से पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है। इसका ...

  3. Promoting Digital Banking

    Through 'Door Step Banking', customers can avail major Banking transaction services at their Doorstep. Current Status: Now, nearly 72% of financial transactions of PSBs are done through digital channels, with doubling of customers active on digital channels from 3.4 crore in FY 2019-20 to 7.6 crore in FY 2020-21.

  4. निबंध- भारत का डिजिटल भुगतान आंदोलन

    Essay on Indias Digital Payment Revolution.निबंध- भारत का डिजिटल भुगतान आंदोलन ... Movies Bollywood News In Hindi Live- कल्कि हुई पोस्टपोन, ... Paytm Bank FAQs जारी करने से पहले RBI ने इनसे मांगी मदद ...

  5. Digital Banking Essay

    Digital Banking Essay - Pros & Cons by Pallavi (Winner) The drastic digitalization over the past few years has indeed affected almost every sphere of our lives. One of the most recent effects has been the move towards a cashless economy in India. Starting with the note ban in November 2016 due to the sudden withdrawal of the notes of Rs.500 ...

  6. Digital Banks

    A DBU is a specialised fixed point business unit or hub housing certain minimum digital infrastructure for delivering digital banking products and services as well as servicing existing financial products and services digitally in self-service mode at any time. Digital banks will be subject to prudential and liquidity norms on a par with ...

  7. ई-बैंकिंग पर निबंध

    ईबैंकिंग पर निबंध | Essay on E-Banking in Hindi. ईबैंकिंग पर निबंध | Essay on E-Banking Essay # 1. ई ...

  8. Digital Banking in India

    Abstract. In the present scenario, Digital Banking is one of the most significant things in the banking industry in India. It smoothen the day-today financial transactions of customers from entire ...

  9. डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay in Hindi)

    डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. डिजिटल भारत प्रोग्राम भारत को समृध्द करने की दिशा में भारत सरकार की नई पहल ...

  10. Digital India Essay for Students

    200 Words Essay On Digital India. Digital India is also making a huge impact on the educational sector. It has improved the quality of education and made it more accessible by providing online resources and services. It is a government initiative that aims to make India a global leader in the digital revolution.

  11. Digital Banking in India: A Review of Trends ...

    PROSPECTIVE OPPRTUNITIES AND CHALLENGES ASSOCIATED WITH DIGITAL BANKING 7.1 Opportunities The internet user base is expected to reach to 120 billion by 2020 with 70% urban consumers already using digital banking services [4] Government of India has established and open API architecture as the backbone for digital innovation in financial ...

  12. Essay On Digital Banking In Hindi

    Essay On Digital Banking परिचय. डिजिटल बैंकिंग, जिसे ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, बैंकिंग गतिविधियों को संचालित करने के लिए इंटरनेट ...

  13. PDF Digital Banking in India: A Literature Review

    Sharma (2015) stated that digital banking will be a watershed moment in the Indian economy. The study is analytical in nature and is based on secondary data. According to her, digital banking has an impact on the Indian economy. The economy is changing as a result of advances in financial technology. It can deliver better services to their ...

  14. Digital Evolution in The Indian Banking System

    Digital Evolution in The Indian Banking System. With nearly 47 Million internet users and a GDP rate of 6-7 percent, India represents a digital economy. India has proved to be the biggest market potential for global players. This digital revolution is expected to generate new market growth opportunities, jobs and become the biggest business ...

  15. डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi

    इस अनुच्छेद मे हमने डिजिटल इंडिया पर निबंध Essay on Digital India in Hindi हिन्दी मे लिखा है। साथ ही डिजिटल भारत मिशन का महत्व और मुख्य उद्देश्यों के विषय मे भी हमने बताया ...

  16. Essay on Digital India in Hindi

    Essay on Digital India in Hindi 200 शब्दों में. 200 शब्दों में डिजिटल इंडिया पर निबंध कुछ इस प्रकार है -. "डिजिटल इंडिया" एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जो भारत ...

  17. बैंक पर निबंध

    बैंक पर निबंध - (250 - 300 शब्द) - Bank par Nibandh. प्रस्तावना. सदियों से बैंकिंग प्रणाली चली आ रही है। यह प्रणाली भारत में और साथ ही दुनिया के अन्य ...

  18. बैंक पर निबंध : Essay on Bank in Hindi

    बैंक पर निबंध : Essay on Bank in Hindi: आज के इस महत्वपूर्ण जानकारी से परिपूर्ण लेख में हमनें 'बैंक पर निबंध' से सम्बंधित शुरूआत से अंत तक जानकारी प्रदान की है।

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