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बैडमिंटन पर निबंध (Badminton Essay in Hindi)

बैडमिंटन एक प्राचीनतम खेल है और इसे पूरे विश्व में खेलना बहुत पसंद किया जाता है। इस खेल की खास बात यह है की इसे हम अपने सहूलियत के हिसाब से नियम बना के खेल लेते हैं। आईये इसे विस्तार में जानते हैं।

बैडमिंटन पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Badminton in Hindi, Badminton par Nibandh Hindi mein)

बैडमिंटन पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

इस खेल को दो लोगों के बेच खेला जाता है, परंतु कई बार चार लोग भी इसमें शामिल रहते हैं। इसे शटल की सहायता से खेला जाता है और एक चिड़िया होती है जिसे कोई खिलाड़ी अपने प्याले में गिरने नहीं देता। यह चिड़िया, असल चिड़ियों के पंखो के बने होते हैं, जो की अत्यंत हलके होते हैं।खास तौर से सर्दियों के मौसम में लोग इसे खेलना पसंद करते हैं। बच्चे ही नहीं बड़े भी इस खेल हो बड़े चाव से खेलते हैं।

बैडमिंटन का इतिहास

बैडमिंटन की शुरुआत ब्रिटिश भारत में माना गया है और इसे ज्यादातर कुलीन वर्ग के लोग खेला करते थे। और भारत से बाहर ये उन अंग्रेज अधिकारियों के साथ गया जो रिटायर होने के बाद भारत से चले गए और जहाँ गए इस खेल को भी लेते गए। धीरे धीरे खेल के नियमों में परिवर्तन होने लगे और शटलकॉक व शटल में कई बदलाव आये।

बैडमिंटन खेलने के लाभ

बैडमिंटन खेलने से हमारा रक्तचाप नियंत्रित रहता है। हृदय आघात का खतरा भी काम रहता है। मांसपेशियां मजबूत होती है। शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक होता है। हमारा मन भी तरोताजा और प्रसन्न होता है।

बैडमिंटन को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है और हर वर्ष विभिन्न देशों द्वारा कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इसे ओलम्पिक में स्थान प्राप्त है। पी. वी. सिंधु, साइना नेहवाल, और श्रीकांत भारत के कुछ प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Badminton in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

बैडमिंटन एक आउटडोर खेल है, जिसे खेलने में बहुत ही मज़ा आता है और बच्चों के लोकप्रिय खेलों में से एक है। इस खेल की शुरुआत कई वर्षों पूर्व ब्रिटिश भारत में हुई थी और समय के साथ इस खेल में परिवर्तन आते गए और यह और भी बेहतरीन होता चला गया। यह एक ऐसा खेल है जिसे बच्चे से लेकर बड़े भी जानते हैं और खेलना पंसंद करते हैं।

सन् 1992 में अधिकारिक तौर पर इसे ओलिंपिक खेलों में जोड़ा गया, जो की बार्सिलोना में आयोजित किया गया था। इस ओलिंपिक में महिला एवं पुरुष सिंगल्स और डबल्स शामिल थे।

खेल के कुछ आयाम

इस खेल में उपयुक्त होने वाला सबसे प्रमुख वस्तु है रैकेट, जो की पहले लकड़ी का हुआ करता था परंतु समय के साथ इसमें कई परिवर्तन आये जैसे की, इसमें प्रयुक्त होने वाला धातु, धागा, आदि। अब इसे हलके से हलके धातु से बनाया जाता है, ताकि हवा में इसकी पकड़ अच्छी हो।

इसके अंदर लगने वाला धागा भी मोटा एवं पतला, दो प्रकार का होता है। धागा लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार लगवाते हैं।

खेल को एक कोर्ट में खेला जाता है जिसकी लम्बाई और चौड़ाई, उसमे खेलने वाले खिलाडियों की संख्या पर निर्भर करता है।

इस खेल में कुल 21 पॉइंट्स होते हैं और प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है अधिक से अधिक अंक प्राप्त करना। कई बार, बराबर अंक हो जाने पर इसे आगे कुछ और अंको तक भी खेला जाता है।

प्रत्येक खिलाड़ी रैकेट की सहायता से कॉक को हवा में उछालते है और कोशिश करता है की उसके प्रतिभागी के कोर्ट में उनका कॉक गिर जाये। जितने बार सामने वाले का कॉक प्रस्तुत दायरे के अंदर गिरता है, आपके उतने अंक बनते हैं।

जिसके अंक अंत में सबसे अधिक होते है, खेल का विजेता वाही होता है।

लोगों को अपने स्वस्थ्य का ख्याल रखते हुए कुछ न कुछ शारीरिक क्रिया करते रहना चाहिए। और ऐसे-ऐसे खेलों को अपने जीवन में अवश्य शामिल करना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा आउटडोर खेल है और एक बार जरुर खेल के देखे, आनंद आता है। लोगों को बाहर पैसे खर्च करने से अच्छा है की वे ऐसे खेल खेलना शुरू कर दें। स्वस्थ्य रहें और प्रसन्न रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें की वे खेलें और अपने स्वस्थ्य का स्तर बेहतर करें।

निबंध – 3 (500 शब्द)

बैडमिंटन दो लोगों के बीच खेले जाने वाला खेल है जिसमे एक शटलकॉक को शटल की सहायता से नीचे नहीं गिरने दिया जाता। इसे घर के अंदर गार्डन एरिया में भी खेला जा सकता है, या फिर बैडमिंटन कोर्ट में। देखा जाये तो इस खेल में ज्यदा नियम नहीं है और तो और लोग इसमें अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने नियम बना लेते हैं।

Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन से जुड़ी यादें

मुझे अभी भी बड़े अच्छे से याद है सर्दियों के वे दिन, जब दिन की शुरुआत दो शटल और एक कॉक के साथ हुआ करती थी। न दिन का पता चलता था न रात का, वो तो जब तक घर वाले डंडे लेकर ढूंढने न निकले, हम टस से मस न हुआ करते थे। दरसल यह खेल मेरा और मेरे दोस्तों का पसंदीदा खेल हुआ करता था। लेकिन देखा जाये तो अभी भी मेरे जज्बातों में कोई फर्क नहीं पड़ा है। जहाँ दो लोगों को खेलते देखती हूं एक बार हाथ जरुर आजमा लेती हूं, क्या करे मन में लालच आ जाता है।

चाहे कुछ भी हो जाये कॉक को अपने पाले में गिरने नहीं देती थी और इस चक्कर में कई बार गिर भी जाया करती थी, पर उस दौर में खेल के आगे क्या चोट और क्या बड़ों की डाट, सब सह लेती थी। वाकई यह एक लाजवाब खेल है। और हम सब को इसे जरुर खेलना चाहिए। बड़े अपना कुछ समय जिम में कसरत करते बिताते हैं, पैसे देकर कसरत करने से अच्छा है इस तरह के खेल खेले जाएँ। इससे सबकी सेहत भी ठीक रहती है और अप बच्चों के साथ समय भी बीता सकते हैं।

बैडमिंटन में उपयुक्त होने वाले उपकरण

रैकेट आमतौर पर बहुत हलके होते हैं, जो इन्हें बेहतरीन गति प्रदान करते हैं। इसमें लगने वाले तार भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जो खिलाड़ी अपने पसंद के लगवाते हैं। खेल में उपयुक्त होने वाली दूसरी सामग्री है शटलकॉक जिसे आम भाषा में हम चिड़िया भी कहते हैं। यह पंछियों के पंखो से बना होता है, पंखों को एक रबर के गोले पर इस प्रकार स्थापित किया जाता है की वह शंकु के आकर के बन जाते हैं। ये भी कई प्रकार के होते हैं जिसे लोग अपने आवश्यकता के अनुसार ले जाते हैं। तीसरा आवश्यक सामग्री है नेट, जो दोनों खिलाडियों के बीच लगाया जाता है।

बैडमिंटन के कुछ नियम

आम तौर पर हम अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने नियम बना के इसे खेल लेते हैं, पर इस खेल को अंतरराष्ट्रीय तौर पर ख्याति प्राप्त है और इसके कुछ नियम हैं जिनका पालन इसे खेलते समय किया जाता है।

इस खेल को कई प्रकार से खेला जाता है, जैसे की एक-एक या दो-दो खिलाडियों के बीच खेला जाता है। खिलाडियों के संख्या के आधार पर कोर्ट की लम्बाई एवं चौड़ाई होती है।

इस खेल में कुल 21 पॉइंट होते हैं, और हर खिलाड़ी का प्रयास होता है की, प्रस्तुत दायरे के अंदर सामने वाले का कॉक गिरा दिया जाये। कई बार अंको की बराबरी हो जाने पर खेल को आगे कुछ अंकों तक भी जारी रखा जाता है।

बैडमिंटन काफी लोकप्रिय खेल है और पूरे विश्व में लोग इसे बड़ी उत्सुकता से खेलते हैं, और हम सब को भी इसका आनंद जरुर लेना चाहिए। इससे पैरों और हाथों की बहुत अच्छी कसरात होती है और हमारे अंदर चुस्ती और स्पूर्ति आ जाती है। आप भी इसका आनंद जरुर ले और स्वस्थ्य रहें।

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Essay on Badminton in Hindi – बैडमिंटन पर निबंध

दोस्तों आज हम बैडमिंटन खेल पर निबंध लिखने जा रहे हैं आशा करते  है कि यह निबंध सभी विद्यार्थियों को पसंद आएगा. हमने इस निबंध को इस तरह से लिखा है कि सभी कक्षा के विद्यार्थी अपनी जरूरत के अनुसार चुन सकते है. Badminton खेल भारत में क्रिकेट के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है. 

Essay on Badminton in Hindi

Badminton Essay Hindi me School or College ke Student ke Liye – 100, 200, 300, 500 or 800 words.

Essay on Badminton in Hindi

(1) बैडमिंटन पर निबंध (100 शब्द) essay on badminton in hindi 100 words.

बैडमिंटन खेलना मुझे और मेरे दोस्तों को बहुत पसंद है, बैडमिंटन खेल मेरे सबसे प्रिय खेलों में से एक है.  यह खेल मुझे इसलिए भी पसंद है क्योंकि इसको खेलने के लिए ज्यादा लोगों की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बैडमिंटन को खेलने के लिए सिर्फ दो ही व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है. हमारे विद्यालय में रोज हमारे शिक्षक हमें बैडमिंटन खिलाते है.

मुझे बैडमिंटन खेलने वाले खिलाड़ी पी.वी संधू , साईना नेहवाल, पी गोपीचंद बहुत पसंद है और यह हर बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और मेडल जीतकर लाते है जिससे हमारे देश का नाम ऊंचा होता है और मुझे इस बात पर बहुत गर्व होता है. बैडमिंटन को खेलने के लिए दो रैकेट और शटलकॉक की आवश्यकता होती है.

(2) बैडमिंटन पर निबंध (200 शब्द) Badminton Par Nibandh 200 words

बैडमिंटन हमारे देश में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेलों में से एक है. बैडमिंटन खेल में ज्यादा रुल नहीं होने के कारण इसको कोई भी खेल सकता है. इस गेम को खेलने के लिए दो रैकेट और एक शटलकॉक की जरूरत होती है, हमारे यहां शटलकॉक को चिड़िया भी कहते हैं क्योंकि शटलकॉक में चिड़िया की तरह ही छोटे छोटे पंख लगे होते है.  इस खेल को खेलने के बाद शरीर में चुस्ती-फुर्ती आ जाती है और पूरे दिन भर थकान महसूस नहीं होती है.

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कुछ लोग तो अपने आप को फिट रखने के लिए भी बैडमिंटन खेलते हैं क्योंकि इससे हाथ और पैरों की कसरत एक साथ हो जाती है और इसे खेलने में ज्यादा शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बैडमिंटन को छोटे  बच्चों से लेकर बड़े लोग भी खेलते है यह सभी का पसंदीदा खेल है. मैं और मेरे दोस्त विद्यालय में रोज बैडमिंटन खेलते है. घर पर आकर रोज मैं शाम को अपने छोटे भाई बहनों के साथ यह खेल खेलता हूं.

बैडमिंटन खेल में ज्यादा चोट लगने का खतरा नहीं होता इसलिए मेरे पिताजी और उनके दोस्त भी बैडमिंटन खेलते है. बैडमिंटन को खेलने वाले हमारे देश में सबसे अच्छे खिलाड़ी साईना नेहवाल, पी गोपीचंद, पी.वी संधू जो कि हमारे देश भारत की तरफ से इस खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेलते है.

(3) बैडमिंटन पर निबंध (300 शब्द) Essay on Badminton in Hindi 300 words

बैडमिंटन खेल हमारे देश में पुराने जमाने से खेला जाता रहा है. इस खेल को खेलने के लिए ज्यादा स्थान की जरूरत नहीं होती इसलिए इसको शहरों और गांवों में कहीं पर भी खेला जा सकता है और इसीलिए यह सभी क्षेत्रों के बच्चों और लोगों को बहुत पसंद है. हमारे विद्यालय के सभी बच्चों को यह गेम खिलाया जाता है और हर साल खेल महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें हमारे विद्यालय और अन्य विद्यालयों के चयनित विद्यार्थी हिस्सा लेते है.

बैडमिंटन खेल को विद्यालय स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है . इस खेल को लड़के और लड़कियां दोनों खेल सकते है. भारत में यह क्रिकेट के बाद में खेले जाने वाला दूसरा सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है. बैडमिंटन खेलने से शारीरिक थकान दूर होती है और साथ ही दिमाग भी सुचारु रुप से कार्य करता है. कई बड़े लोग तो अपने मोटापे और शरीर की थकान को कम करने के लिए यह खेल रोज खेलते है.

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मैं रोज अपने दोस्तों के साथ अपने घर के आंगन में बैडमिंटन खेलता हूं इस को फैलने से मेरा स्वास्थ्य कभी खराब नहीं होता जिससे मैं रोज विद्यालय में बिना बीमार हुए जाता हूं. इस खेल को खेलने के लिए एक मैदान के दो समान भागों के बीचो-बीच एक जाली (प्लास्टिक का जाल) लगाया जाता है जो कि दोनों तरफ के खिलाड़ियों के लिए एक सीमा का काम करता है.

बैडमिंटन खेलने के लिए कम से कम दो खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है और दो लोहे के रैकेट होते हैं जिन पर प्लास्टिक का धागा लपेटा हुआ होता है. और एक शटलकॉक होती है जिसमें एक गेंद नुमा रबर में चिड़िया की तरह है पंख लगे होते है. इस गेम को खेलने के लिए पहले फोन की गेंद का इस्तेमाल भी किया जाता था. इस गेम को ज्यादातर देशों के लोग पसंद करते है.

(4) बैडमिंटन पर निबंध (500 शब्द)

बैडमिंटन एक इन – डोर (चारदीवारी के अंदर खेले जाने वाला खेल) खेल है, यह चारदीवारी के अंदर इसलिए किया जाता है क्योंकि जिस शटलकॉक से यह गेम खेला जाता है वह बहुत हल्की होती है और हवा की गति उसे प्रभावित कर सकती है और पेशेवर खिलाड़ी हमेशा इसे चारदीवारी के अंदर ही खेलते है. हम तो इस खेल को कहीं पर भी खेल लेते है.

बैडमिंटन खेलने में बहुत मजा आता है, इसको खेलने से शरीर में रक्त स्त्राव सही प्रकार से होता है जिससे दिल  संबंधी बीमारियां नहीं होती है. बैडमिंटन को खेलने के लिए एक इन- डोर मैदान की आवश्यकता होती है इसको करने के लिए कम से कम दो प्रतिभागियों की आवश्यकता होती है  और साथ में दो रैकेट और एक शटलकॉक की भी जरूरत होती है. इस खेल को 4 प्रतिभागी भी एक साथ खेल सकते हैं.

दोनों तरफ के प्रतिभागियों  को बराबर का मैदान प्रदान करने के लिए इसके बीचो-बीच एक जाली का नेट लगाया जाता है. जिससे जब भी शटलकॉक जिसके भी मैदान में गिरती है उस से हार जीत तय होती है. बैडमिंटन मेरा सबसे प्रिय खेल है क्योंकि यह मैं अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ खेल सकता हूं और इसे खेलने से किसी प्रकार की चोट लगने का भी खतरा नहीं रहता है.

इस खेल में “ड्राइव” और “फ्लिक” दो सर्विस होती हैं, इसमें सबसे ज्यादा पॉइंट बनाने वाले प्रतिभागी की जीत होती है. इस गेम के नियम बहुत सरल है इसलिए इस गेम को सभी लोग खेलना पसंद करते हैं. हमारे देश में प्रतिवर्ष पेशेवर खिलाड़ियों के खेलने के लिए खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जो कि अलग-अलग स्तर पर किया जाता है जैसे कि विद्यालय, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन किया जाता है.

इसमें जीतने वाले खिलाड़ी या टीम को मेडल प्राप्त होता है और साथ ही सम्मान की नजरों से देखा जाता है. आजकल बैडमिंटन खेल हमारे भारत देश में बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इस खेल को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति प्राप्त होने लगी है. 2016 के समर ओलंपिक में भारत में पहली बार महिला वर्ग की तरफ से पी.वी संधू ने सिल्वर मेडल जीता था. यह हमारे लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि हमारे देश की लड़कियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेल खेल रही है.

बैडमिंटन खेलने के बाद मेरा शरीर तंदुरुस्त हो जाता है और में एकाग्रता से पढ़ाई कर सकता हूं. मैं तो कहता हूं कि सभी लोगों को यह खेल खेलना चाहिए क्योंकि इसमें स्वास्थ्य के साथ साथ दिमाग भी तंदुरुस्त रहता है. बैडमिंटन खेल खेलने में थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन इसके लाभ को देखते हुए यह कुछ भी नहीं है. बैडमिंटन खेलने के लिए इसका सामान शहरों और गांवों में भी मिल जाता है. आजकल बैडमिंटन खेल को भी क्रिकेट की तरह ही गलियों और मोहल्लों में खेलते बच्चे मिल जाते है.

इस गेम का भारत में लोकप्रिय होने का एक दूसरा कारण यह भी है क्योंकि भारत में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है वैसे वैसे शहरों में जगह की कमी होती जा रही है इसलिए क्रिकेट खेलने के लिए बहुत अधिक जगह की जरूरत पड़ती है लेकिन बैडमिंटन थोड़ी सी जगह में भी खेला जा सकता है.

(5) बैडमिंटन पर निबंध (800 शब्द) Badminton Game Essay in Hindi 800 words.

बैडमिंटन मुझे और मेरे दोस्तों का सबसे पसंदीदा खेल है. बैडमिंटन खेल का नाम ग्लूसेस्टरशायर में बैडमिंटन  में ब्यूफोर्ड के ड्यूक के नाम पर पड़ा है. इस खेल की सर्वप्रथम शुरूआत 1870 में हुई थी. इस खेल को सेना के अधिकारी इंग्लैंड में खेला करते थे और जब वे भारत आए तब भारत में भी इस खेल को खेलने के कारण यह भारत में भी लोकप्रिय हो गया. इस खेल को खेलने के नियम बनाने के लिए 1893 में बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना की गई थी.

बैडमिंटन खेल खेलने के लिए मैदान की लंबाई 44 फीट और चौड़ाई 20 फीट होती है. इस मैदान को दो बराबर भागों में बांटने के लिए एक नेट लगाया जाता है यह नेट दोनों छोर के धरातल से 5 फीट 1 इंच ऊंचा बांधा जाता है. नेट की मध्य से 1.98 मीटर की दूरी पर एक सफेद रंग की सर्विस लाइन होती है जहां से खिलाड़ी इस खेल को प्रारंभ करता है. यह खेल चारदीवारी के अंदर ही खेला जाता है. इस खेल को पहले कौन सी टीम खेलेगी इसके लिए सभी गेमों की तरह सिक्का उछाल कर यह तय किया जाता है.

बैडमिंटन खेल को जीतने के लिए इसमें 21 पॉइंट निर्धारित की जाती हैं जो भी टीम सबसे पहले ज्यादा पॉइंट बना लेती है वही जीत जाती है. दोनों टीम नियम के अनुसार यह खेल खेल रही है इसके लिए नेट के पास एक अंपायर बिठाया जाता है जो कि दोनों टीमों के पॉइंट की गणना करता है और साथ ही खेल के नियम तोड़ने पर पेनल्टी भी देता है.

बैडमिंटन को खेलने के लिए कम से कम दो प्रतिभागी और अधिकतम चार प्रतिभागी हो सकते है. इस खेल को खेलने के लिए दो रैकेट और शटलकॉक को की आवश्यकता होती है रैकेट हल्के लोहे की धातु से बना होता है जिसकी लंबाई 680 मिलीमीटर और चौड़ाई 230 मिलीमीटर होती है और इस का वजन 70 से 80 ग्राम होता है.

शटलकॉक की बात करें तो यह शंकुनुमा वस्तु होती है जिसमें चिड़िया की तरह कॉक के नीचे के भाग में पंख लगे होते है. इसके पंखों को कलहंस के पंखों से या फिर नायलॉन से बनाया जाता है. इसमें कुल 16 पंख होते हैं इस का वजन 4 से 5 ग्राम के बीच में होता है.

बैडमिंटन खेल कि भारत में लोकप्रियता इतनी है कि क्रिकेट के बाद दूसरे नंबर पर इसी खेल को खेला और पसंद किया जाता है. मुझे यह खेल इसलिए पसंद है क्योंकि इसके नियम भी आसान है और खेल को सीखना भी बहुत आसान है साथ ही इसे सभी वर्ग के लोग खेल सकते है. हमारे विद्यालय में भी यह गेम खेलना सिखाया जाता है.

मैं रोज शाम को कभी अपने दोस्तों के साथ तो कभी अपने भाई बहन के साथ बैडमिंटन खेलता हूं इसके बाद में दूध पीता हूं और एकाग्र मन से पढ़ाई करता हूं.  इस खेल को खेलने में ज्यादा हो हल्ला नहीं होता इसलिए इस खेल से किसी को हानि नहीं होती है. बैडमिंटन खेल को लेकर हमारे विद्यालय में प्रतिवर्ष विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं. हमारे भारत देश में बहुत से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं.

प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद ने ऑल ओपन इंग्लैंड प्रतियोगिता को जीता है और साथ ही 1980 से लेकर 2001  मैं भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल को खेला है. वर्ष 2015 में पूरे विश्व में इंडियन वूमेन सिंगल प्लेयर में साइना नेहवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था इसके साथ ही 2012 में ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया था. और 2016 के समर ओलंपिक में पी.वी संधू ने सिल्वर मेडल जीता है.

इन खिलाड़ियों से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है मैं भविष्य में बैडमिंटन का एक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनना चाहता हूं.

मैं भी भारत देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं. भारत में बैडमिंटन समय के साथ बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है और भविष्य में यह क्रिकेट से भी ज्यादा लोकप्रिय हो जाएगा.

बैडमिंटन खेलने के लाभ – Badminton ke Labh

  • बैडमिंटन खेलने से शरीर चुस्त तंदुरुस्त रहता है.
  • इस खेल को खेलने से हमारे पूरे शरीर का विकास पूर्ण रूप से होता है.
  • बैडमिंटन खेलने से हमारी सोचने समझने की गति बढ़ती है.
  • इस खेल को खेलने से मोटापा भी दूर होता है.
  • इस खेल को खेलने से शरीर में रक्त स्त्राव सुचारु रुप से होता है.
  • बैडमिंटन खेलने से मुख्यत: दिल संबंधी बीमारियां नहीं होती है.
  • इस खेल को खेलने से हमारे शरीर की पैरों और हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती है.
  • इस खेल को खेलने से एकाग्रता बढ़ती है जिससे हमें पढ़ाई करने में या फिर किसी अन्य कार्य को करने में अधिक समय नहीं लगता है.
  • बैडमिंटन खेलने से हमारा मस्तिष्क शांत रहता है और हम खुश रहते हैं.
  • इस खेल को खेलने से हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के विकार के उत्पन्न होने की संभावना बहुत कम हो जाती है.

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34 thoughts on “Essay on Badminton in Hindi – बैडमिंटन पर निबंध”

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1Hindi

बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi

इस लेख में आप बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi के बारे में पढेंगे। यहाँ पर दिए गए बैडमिंटन के ऊपर निबंध को आप दो तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं पहला आप इसे बैडमिंटन खेल पर निबंध के रूप में लिख सकते हैं और दूसरा इसे मेरा प्रिय खेल के रूप में भी लिख सकते हैं।

दिए गए निबंध को आप पूछे गए परीक्षाओं में बेझिझक लिख सकते हैं और इन्हें पीडीऍफ़ फॉर्म में डाउनलोड भी कर सकते हैं।

Table of Content

बैडमिंटन खेल यह पूरी दुनियाँ में कुछ पसंद किये जाने वाले खेलों में शुमार है। खेल का मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है सबसे पहला की खेल किसी भी इंसान को यह बोध कराता रहता है की जीवन भी एक खेल के जैसे ही है जिसमे श्रम, समय और शक्ति का सही उपयोग करने की सीख मिलती है और सबसे बड़ी सीख कभी भी हार न मानने की मिलती है।

खेल हमें यह आभास कराते रहते हैं की अगर मेहनत अच्छे से किया जाय तो जीत मिलती है और अगर ध्यान और जागरूकता न बढ़ाई जाए तो हार भी मिलती है और कभी कभी मेहनत के बाद भी जीत नहीं मिलती तो कभी कम मेंहनत में भी जीत मिल जाती अर्थात खेल हमें संतुलित रहने की सीख देते हैं।

बैडमिंटन खेल का इतिहास History of Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल की शुरुवात लगभग उन्नीसवी सदी के बीच में अंग्रेजों द्वारा की गयी जब वे आज़ादी के पहले के पूना शहर जो ब्रिटिश छावनी थी वहाँ इस खेल को खेला करते थे। सन 1850 तक इसे बैट और ऊन के गोलों से खेला जाता था। इस खेल को रिटायर्ड अँगरेज़ सैनिक इंग्लैंड ले गए और उनके हिसाब से इसमें बदलाव किये तथा नियम बनाये।

1960 में एक अंग्रेज़ लेखक “इसहाक स्प्राट” ने बैडमिंटन बैटलडोर नामक एक किताब लिखी थी जिसमें इस खेल का विवरण दिया था लेकिन समय के साथ इस किताब का अस्तित्व समाप्त हो गया और बैडमिंटन खेल को 1873 में ग्लुटरशायर इंग्लैंड में अंग्रेजों द्वारा विकसित नए खेल के रूप में पहली बार खेला गया, तब तक इसे “बैडमिंटन के खेल” के नाम से जाना जाता था जिसे बाद में सुधार कर “बैडमिंटन” कर दिया गया।

1893 में इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन ने बैडमिंटन के नियमों की सूचि जारी की और 13 सितम्बर 1913 पहली बार बैडमिंटन को आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया और लगभग छः साल बाद 1899 में इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप भी शुरू की जो दुनियाँ की पहली बैडमिंटन प्रतियोगिता बनी।

अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ (IBF) जिसे अब विश्व बैडमिंटन संघ BWF के नाम से जाना जाता है उसे सन् 1934 में स्थापित किया गया। भारत देश सन् 1936 में एक सहयोगी के रूप में इसमें शामिल हुआ। बीडब्ल्युएफ अब अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खेल को नियंत्रित करता है और खेल को दुनिया भर में विकसित करता है।

इस खेल के नियम इंग्लैंड में बने परन्तु इस खेल में डेन्मार्क का दबदबा है। इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देश इस खेल के बेहतरीन खिलाड़ी तैयार कर रहें हैं और चीन जैसे देशों का आज भी इस खेलों में दबदबा है लेकिन भारत भी इस खेल में बहुत तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है।

बैडमिंटनखेल के नियम Rules of Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल यह सरलता से खेला जा सकने वाला और सस्ता खेल है इस खेल को खेलने के लिए कम से कम दो लोगों की आवश्यकता होती है दोनों खिलाडियों को एक-एक बैट दिया जाता है और एक शटलकॉक को उसी बैट के माध्यम से अपने पाले में गिरने से बचाने के लिए उसे बांधे हुए नेट के ऊपर से प्रतिद्वंदी के पाले में मारना होता है। बैडमिंटन खेलने वाले जगह को बैडमिंटन कोर्ट कहते हैं जिसकी लम्बाई 13.4 मीटर और चौड़ाई 6.1 मीटर होती है।

बैडमिंटन खेल के मुख्य नियम निम्न है-

  • बैडमिंटन मैच से पहले एक सिक्का उछाला जाता है और टॉस जितने वाला खिलाड़ी यह तय करता है की वह कोर्ट का कौन सा भाग चुनना चाहेगा और पहले सर्व करना चाहेगा या रिसीव।
  • बैडमिंटन का मैच 21 प्वाइंट का खेला जाता है तथा ज्यादा पॉइंट वाले खिलाड़ी को जीत दे दी जाती है।
  • खेल में एक सर्वर होता है जो पहले शटलकॉक को प्रतिद्वंदी के पाले में मारा जाता है और एक रिसीवर होता है जो पाले में आ रहे शटलकॉक को रोकता है।
  • जब सर्वर सर्व करता है, तब शटलकॉक प्रतिद्वंदी के पाले में शार्ट सर्विस लाइन के पार जाना चाहिए वरना इसे चूक मान लिया जाएगा।
  • सर्व करते समय दोनों पालों के खिलाडी अपने पैर को नहीं उठा सकते यानी की एक बार पहला सर्व हो जाए तो शटलकॉक के आधार पर हिट मार सकते हैं।
  • एक बार शटलकॉक को हिट करने के बाद उसे दुबारा हिट नहीं किया जा सकता।
  • रैकेट का वजन 79 ग्राम से लेकर 91 ग्राम के बिच होता है।

बैडमिंटन खेल के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Badminton in Hindi

हर खेल के कुछ फायदे और कुछ नुकसान जरुर होते हैं। बैडमिंटन खेल का सबसे बड़ा फायदा यह है की इसे खेलने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह सस्ता भी है।

इसे कम से कम दो लोगों की सहायता से खेला जाता है इस खेल में अति श्रम की आवश्यकता नहीं रहती इसलिए इसे हर कोई आसानी से खेल सकता है।

बैडमिंटन खेल के नुकसान के रूप में सबसे पहला नुकसान यह है की इसे खुले मैदान जहाँ हवादार मौसम हो मे वहाँ नहीं खेला जा सकता और साथ ही लम्बे समय तक इस खेल से जुड़े रहने के कारण एडियों में अतिरिक्त खिचाव आना शुरू हो जाता है। इसे खेलने के लिए शरीर फुर्तीला और नज़रें स्वस्थ होनी चाहिए अगर इनमें क्षति हो तो इस खेल में खेलने में मुश्किल होती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi हिंदी में पढ़ा जिसमें बैडमिंटन खेल के नियम, बैडमिंटन खेल के इतिहास तथा बैडमिंटन खेल के लाभ-हानियों को पढ़ा। इस निबंध को परीक्षाओं में लिख उचित अंक प्राप्त किया जा सकता है। अगर यह निबंध सरल तथा योग्य लगा हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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बैडमिंटन पर निबंध हिंदी में | Essay on Badminton in Hindi

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Essay on Badminton in Hindi | बैडमिंटन निबंध हिंदी में

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Hindi Essay: आज हम Essay on Badminton in Hindi | बैडमिंटन निबंध हिंदी में पढ़ेंगे । बैडमिंटन पर लिखा यह निबंध (Badminton) बच्चों (kids) जो class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसे Paragraph और Nibandh के रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं. आओ पढ़ते हैं Badminton पर निबंध Essay of Badminton in Hindi is Important for all classes 1st to 10th.

बैडमिंटन निबंध पर हिंदी में 10 पंक्तियाँ

  • भारत में क्रिकेट के बाद बैडमिंटन दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है।
  • यह एक इनडोर गेम है, लेकिन इसे बाहर भी कैजुअली खेला जा सकता है।
  • यह एक ऐसा खेल है जो नेट के दोनों ओर हल्के रैकेट और शटलकॉक का उपयोग करके खेला जाता है।
  • इस खेल को ब्रिटिश भारत में विकसित किया गया था, और यह पूरे एशिया में प्रसिद्ध हो गया।
  • इस खेल में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द सर्विंग और स्कोरिंग हैं।
  • बैडमिंटन कोर्ट या मैदान आयताकार होता है, और इसे दो बराबर भागों में बांटा गया है।
  • बैडमिंटन खेलते समय चोट लगने का खतरा बहुत कम होता है जिससे हर उम्र के लोग इस खेल को खेल सकते हैं।
  • बैडमिंटन खेलने के बाद शरीर फुर्तीला और लचीला बनता है, और दिन भर थकान महसूस नहीं होती है।
  • जैसे बैडमिंटन व्यक्तियों को अपने हाथों और पैरों को एक साथ व्यायाम करने में मदद करता है, वैसे ही बहुत से लोग इसे नियमित रूप से खेलते हैं।
  • बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई 44 फीट और चौड़ाई 20 फीट है।

बैडमिंटन पर निबंध हिंदी में | छात्रों और बच्चों के लिए बैडमिंटन निबंध हिंदी में

बैडमिंटन पर निबंध : बैडमिंटन फिटनेस के लिए एक बेहतरीन खेल है और सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए बहुत अच्छा है। यदि आप एक नया रैकेट खेल आज़माना चाहते हैं, तो यह एक बढ़िया विकल्प है। इसे आधिकारिक तौर पर दुनिया के सभी रैकेट खेलों में सबसे तेज चुना गया है। जिस गति से एक खिलाड़ी शटलकॉक को हिट कर सकता है वह अपने प्रतिद्वंद्वी की ओर 288kph तक है।

एक खिलाड़ी मैच के दौरान कोर्ट के चारों ओर 6.4 किमी या 4 मील तक दौड़ भी सकता है, इसलिए खिलाड़ियों को इस खेल के साथ बने रहने के लिए बड़ी चपलता होनी चाहिए। हालांकि प्रतिस्पर्धी स्तर पर इस खेल के लिए चपलता और सहनशक्ति आवश्यक है, फिटनेस और लचीलापन हासिल करने के लिए कोई भी इस खेल को खेल सकता है।

छात्रों और बच्चों के लिए बैडमिंटन पर हिंदी में लंबे और छोटे निबंध

हम निर्देश के लिए बच्चों और छात्रों को 500 शब्दों के लंबे निबंध और बैडमिंटन विषय पर 150 शब्दों के एक छोटे निबंध पर निबंध नमूने प्रदान कर रहे हैं।

बैडमिंटन पर छोटा निबंध 150 शब्दों में हिंदी में

बैडमिंटन पर छोटा निबंध आमतौर पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5 और 6 को दिया जाता है।

बैडमिंटन एक ऐसा खेल है जो बहुत आम है और दुनिया भर में खेला जाता है। इसमें मुख्य रूप से दो खिलाड़ियों या चार खिलाड़ियों के बीच नेट पर रैकेट की मदद से शटलकॉक को आगे और पीछे मारना शामिल है।

रैकेट को स्टील से बने एक वेब से टकराना होता है, जो आयताकार बैडमिंटन खेलने के कई फायदे हैं क्योंकि यह हमारे शरीर को अधिक लचीला बनाता है और हमारी मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है। यह एक स्ट्रेस बस्टर के रूप में भी काम करता है और चिंता, अवसाद के मुद्दों को कम करता है। यह उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह के खतरे को कम करता है। यह कैलोरी बर्न करता है और वजन कम करने में मदद करता है; इसलिए, हमारे शरीर को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। इसलिए, स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए खाली समय में बैडमिंटन खेलने का तरीका खोजना चाहिए।आकार का होता है। जिस कोर्ट में बैडमिंटन खेला जाता है उसे दो भागों में विभाजित किया जाता है, जिसके बीच में नेट होता है, और खिलाड़ी हल्के जूते पहनते हैं ताकि वे प्रतिद्वंद्वी के क्षेत्र में शटलकॉक को हिट करने के लिए तेजी से आगे बढ़ सकें।

बैडमिंटन पर लंबा निबंध 500 शब्दों हिंदी में

बैडमिंटन पर लंबा निबंध आमतौर पर कक्षा 7, 8, 9 और 10 को दिया जाता है।

बैडमिंटन एक ऐसा खेल है जो मुख्य रूप से एक हल्के रैकेट और एक शटलकॉक के साथ घर के अंदर खेला जाता है। प्राचीन समय में, शटलकॉक के बजाय एक गोलार्द्ध के साथ एक छोटा कॉर्क था, और इसमें 16 गीज़ लगे हुए थे, जिनका वजन लगभग 5 ग्राम था। लेकिन आजकल, शटल आमतौर पर सिंथेटिक सामग्री से बने होते हैं, जिसे BWF यानी बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा अनुमति दी जाती है।

बैडमिंटन का नाम इंग्लैंड में ब्यूफोर्ट के ड्यूक के लिए देश के निवास पर आधारित है। खेल 1873 में पहली बार निवास में खेला गया था। खेल की नींव ग्रीस, भारत और चीन जैसे देशों से आई थी, और क्या यह खेल बच्चों के खेल शटलकॉक और बैटलडोर से बहुत संबंधित है। दुनिया भर में बैडमिंटन का शासी निकाय बैडमिंटन विश्व महासंघ है जिसे BFW के नाम से जाना जाता है। यह शासी निकाय वर्ष 1934 में स्थापित किया गया था, और BWF के तहत पहली चैंपियनशिप 1977 में आयोजित की गई थी। यह खेल कई देशों में प्रसिद्ध है लेकिन मुख्य रूप से डेनमार्क, जापान, मलेशिया और इंडोनेशिया में है। कई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंट हैं जो कई देशों में आयोजित किए जाते हैं। ऑल-इंग्लैंड चैंपियनशिप, उबेर कप और थॉमस कप कुछ सबसे प्रसिद्ध टूर्नामेंट हैं।

खेल, बैडमिंटन, या तो एकल या युगल में खेला जा सकता है, जिसका अर्थ है कि या तो दोनों पक्षों का एक खिलाड़ी खेल सकता है या दोनों पक्षों के दोहरे खिलाड़ी बैडमिंटन कोर्ट पर खेल सकते हैं, जिसकी लंबाई 13.4 मीटर और चौड़ाई 6.1 मीटर है। अदालत के बीच में एक जाल मौजूद है। जब खिलाड़ी शटलकॉक को हिट करता है, तो शटलकॉक जमीन से टकराने पर प्रतिद्वंद्वी को पॉइंट मिल जाता है। अब आप बैडमिंटन और कई अन्य विषयों पर निबंध लेखन का उपयोग कर सकते हैं।

शटलकॉक नीचे की ओर मुख करके टकराता है क्योंकि नीचे का भाग सबसे भारी होता है और गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है। स्कोरिंग के लिए खिलाड़ी को शटलकॉक को हिट करना होता है ताकि प्रतिद्वंद्वी उसे वापस हिट न कर सके और शटलकॉक जमीन से टकराए। एक खिलाड़ी तब भी स्कोर कर सकता है जब उसका प्रतिद्वंद्वी शटलकॉक को इस तरह से हिट करे कि शटलकॉक कोर्ट के बाहर गिर जाए या नेट को छू ले। खेल एक निश्चित संख्या में अंक तक जारी रहता है। उस निश्चित बिंदु तक पहुंचने वाला खिलाड़ी पहले जीतता है ।

खेल की शुरुआत में टॉस होता है। टॉस जीतने वाला खिलाड़ी कोर्टसाइड और सर्विस तय करता है। जो खिलाड़ी पहले सर्व करता है उसे तिरछे बनाना चाहिए, और अगर वह चूक जाता है, तो उसे एक अंक देना पड़ सकता है। जब खेल अंत में शुरू होता है, तो खिलाड़ियों को कहीं भी जाने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा, सेवा कमर या अंडरआर्म के नीचे की जानी चाहिए क्योंकि ओवरआर्म सेवाओं की अनुमति नहीं है। इसलिए, खिलाड़ी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि एक अंक न गंवाएं। यदि खिलाड़ी नेट या शटलकॉक के किसी भाग को छूता है, तो प्रतिद्वंद्वी को एक अंक प्राप्त होता है। एक रेफरी है जो पूरे खेल की निगरानी करता है। बैडमिंटन खेलने के लिए गति और सहनशक्ति की आवश्यकता होती है क्योंकि खेलने वाले व्यक्ति को पूरे खेल में कोर्ट के विभिन्न किनारों पर चलते रहना होता है। इसलिए खेलने वाले को खेल में चमकने के लिए खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना होगा। 

हमें उम्मीद है आपको इस पोस्ट में बैडमिंटन पर निबंध (Essay on Badminton in Hindi) हिन्दी में अच्छा लगा होगा। यह बैडमिंटन पर निबंध Essay on Badminton in Hindi Class 3, 4, 5, 6 , 7, 8, 9, 10 मे  पूछा जा सकता है।

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essay on badminton for class 5 in hindi

Essay on Badminton in Hindi- बैडमिंटन पर निबंध

In this article, we are providing an Essay on Badminton in Hindi. बैडमिंटन पर निबंध- Essay on Mera Priya Khel Badminton in Hindi,  About Badminton in Hindi, Mera Priya Khel Badminton.

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भूमिका-  भारत में शुरू से ही खेलों को बहुत महत्तव दिया गया है। यह पढ़ाई लिखाई में मन लगाने के साथ साथ सामाजिक रूप से उभरने में भी मदद करता है। अक्सर बच्चों को रैकट और शटलकॉक के साथ खेलते हुए देखा जाता है जिसे बैडमिंटन का नाम दिया गया है। यह आजकल के बच्चों का सबसे पसंदीदा खेल है। इसे दो लोगों या फिर दों जोड़ो के बीच में खेला जाता है। एक आयतकार मैदान के बीच में नैट बाँधा जाता है जिसके दोनो तरफ अलग-अलग टीमें खड़ी होती है। दुसरी टीम के पाले में शटलकॉक गिराने पर प्वाइंटस मिलते है जिससे की ज्यादा प्वाइंटस कमाने वाली टीम जीत जाती है। इसमें रैकेट के साथ शटलकॉक जो की चिड़ियाँ के पंखो से बनी होती है को प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह हल्की होने के कारण आसानी से उड़ सकती है। शटलकॉक को चीड़ी के नाम से भी जाना जाता है। सानिया नेहवाल भारत से बैडमिंटन की बहुत ही अच्छी खिलाड़ी है। इन्होनें बैडमिंटन जगत में बहुत ही नाम कमाया है। बैडमिंटन शारीरिक बल के साथ साथ सुझ बुझ से सतर्क रहकर खेले जाने वाला खेल है। हवा की वजह से भी यह खेल प्रभावित होता है इसलिए ज्यादातर यह अंदर ही खेला जाता है। कभी कभी मनोरंजन के लिए यह बाहर खुले में भी खेला जाता है।

बैडमिंटन का इतिहास – बैडमिंटन का खेल अंगरेजी सैनिकों द्वारा खेला जाता था लेकिन वो शटलकॉक की जगह गेंद का इस्तमाल करते थे। इसकी शुरूआत 19 वीं सदी में हुई थी। सेनावृति के बाद सैनिक इसे अपने साथ इंग्लैंड ले गए और वहाँ पर इसके बहुत से नियम बनाए गए । शुरूआत में कुछ अमीर लोग ऊन के गोले से भी यह खेल खेलते थे। बाद में शटलकॉक ने अपनी जगह स्थापित कर ली। 1934 में बैडमिंटन बहुत से देशों द्वारा अपनाया गया जैसे की कनेडा,चीन आदि। 1936 में भारत भी बैडमिंटन के खेल से जुड़ गया। विश्व बैडमिंटन संघ के द्वारा इस खेल का आयोजन किया जाता है और खेल से जुड़ी सभी बातों का ध्यान रखा जाता है।

आज के दौर में बैडमिंटन – बैडमिंटन का खेल बच्चों द्वारा बहुत ही चाव से खेला जाता है। बहुत से देश बैडमिंटन खेलने के लिए अंतराष्टरीय स्तर पर खिलाड़ीयों को तैयार कर रहें है। पिछले कई सालों से इस खेल में चीन के खिलाड़ीयों ने जीत हासिल की है। लड़कियां का बैडमिंटन की तरफ लड़कों से कहीं ज्यादा लगाव हैं और वो इस खेल में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। सानिया नेहवाल उनके लिए एक प्रेरणा का माध्यम है।

खेल हमारे मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। बैडमिंटन मनोरंजन के लिए खेला जाता है। आजकल स्कूलों में भी खेल को बढ़ावा दिया जाता है। समय-समय पर बहुत सी प्रतियोगता आयोजित की जाती है। बैडमिंटन को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए क्योंकि यह हमें तंदरूस्त भी रखता है।

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Badminton in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

क्रिकेट पर निबंध- Essay on Cricket in Hindi

Essay on Hockey in Hindi- हॉकी पर निबंध

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essay on badminton for class 5 in hindi

बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in Hindi

Essay on Badminton in Hindi आज हम 500+ शब्द बैडमिंटन पर निबंध  हिंदी में लिखने वाले हैं। यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है।

बैडमिंटन एक इनडोर गेम है जो हल्के रैकेट और शटलकॉक के साथ खेला जाता है। ऐतिहासिक रूप से, शटलकॉक एक छोटा कॉर्क था जिसमें एक गोलार्ध था जिसमें 16 गीज़ लगे हुए थे और उनका वजन लगभग 5 ग्राम था। तो, इस प्रकार के शटल आजकल भी उपयोगी हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले शटल को सिंथेटिक सामग्रियों से बनाया जाता है, जिन्हें BWF द्वारा अनुमति दी जाती है, जो एक बैडमिंटन विश्व महासंघ का संक्षिप्त नाम है। तो, मेरे पसंदीदा खेल बैडमिंटन पर निबंध मेरे पसंदीदा खेल और दुनिया भर के नियमों और विनियमों में एक अंतर्दृष्टि है।

Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन नाम इंग्लैंड में ब्यूफोर्ट के ड्यूक्स के लिए देश की संपत्ति पर आधारित है। इसके अलावा, खेल 1873 में पहली बार वहां खेला गया था। इसके अलावा, खेल की जड़ें प्राचीन चीन, ग्रीस और भारत से जुड़ी हैं। इसके अलावा, इस खेल को बच्चों के खेल शटलकॉक और बैटलडोर के साथ निकटता से संबंधित कहा जाता है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के नाम से प्रसिद्ध बैडमिंटन विश्व महासंघ दुनिया भर में खेल के लिए शासी निकाय है। इसके अलावा, इस शासी निकाय का गठन वर्ष 1934 में किया गया था। इसके अलावा, बैडमिंटन इंडोनेशिया, जापान, डेनमार्क और मलेशिया में प्रसिद्ध है। BWF के तहत पहली चैंपियनशिप वर्ष 1977 में आयोजित की गई थी।

इसके अलावा, कई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंट हैं, जो कई देशों में आयोजित किए जाते हैं। बैडमिंटन में प्रसिद्ध टूर्नामेंट में से एक ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप है। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय और प्रसिद्ध टूर्नामेंट में उबेर कप और थॉमस कप शामिल हैं।

ओलंपिक में बैडमिंटन

बैडमिंटन को 1972 में पहली बार एक प्रदर्शन खेल के रूप में ओलंपिक में पेश किया गया था। 1992 के ओलंपिक में, यह खेल पूर्ण पदक श्रेणी में था। इसके अलावा, प्रतियोगिता में पुरुषों के साथ-साथ महिला युगल और मिश्रित युगल शामिल थे, जिन्हें 1996 के ओलंपिक में पेश किया गया था।

दुनिया भर में प्रतिस्पर्धात्मक बैडमिंटन को घर के अंदर खेला जाता है क्योंकि हवाओं की सबसे हल्की भी शटलकॉक के पाठ्यक्रम को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, मनोरंजक बैडमिंटन बाहर खेला जाता है और एक प्रसिद्ध आउटडोर गतिविधि है। बैडमिंटन के लिए कोर्ट 13.4 मीटर लंबा और एकल मैच के लिए 5.2 मीटर चौड़ा है। इसके अलावा, नेट 1.5 मीटर ऊंचा है और इसके केंद्र में कोर्ट की चौड़ाई में फैला है।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

इसके अतिरिक्त, अदालत के चारों ओर 1.3 मीटर का एक स्पष्ट स्थान है जो आवश्यक है। बैडमिंटन में खेलने के लिए पूरी तरह से नेट के पार शटलकॉक को पीछे से मारना और मारना शामिल है। इसके अलावा, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि शटलकॉक को अदालत की सीमाओं के भीतर जमीन या फर्श को नहीं छूना चाहिए।

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Essays - निबंध

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मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Hindi Essay)

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Essay In Hindi)

आज   हम मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (Essay On My Favourite Game Badminton In Hindi) लिखेंगे। बैडमिंटन पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Favourite Game Badminton In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Essay In Hindi)

बैडमिंटन एक ऐसा खेल है, जिसे हर आयु वर्ग के लोग आसानी से खेल सकते हैं और साथ ही साथ इसके माध्यम से हमारा व्यायाम भी होता है। स्कूलों व कॉलेजों में बैडमिंटन को एक खास महत्व दिया गया है, जिसमें बच्चे आगे बढ़कर बैडमिंटन सीख सकते हैं और फिर आगे जाकर खेल भी सकते हैं।

बैडमिंटन के खेल को दो विरोधी खिलाड़ियों या दो विरोधी जोड़ी खिलाड़ियों के द्वारा खेला जाता है और जीत हासिल की जाती है। यह खेल बहुत ही दिलचस्प होता है। जैसे-जैसे खेल में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे वैसे रोमांच काफी हद तक बढ़ जाता है।

कैसे खेला जाता है बैडमिंटन

बैडमिंटन को हमेशा दो विरोधी खिलाड़ियों के द्वारा खेला जाता है। जिसमें बीचो-बीच एक नेट के माध्यम से कोर्ट को विभाजित कर दिया जाता है। एक खिलाड़ी अपने रैकेट से शटल कॉक को मारते हुए, विरोधी पक्ष के आधे हिस्से में उसे गिराते हैं और पॉइंट हासिल करते हैं। यदि शटल कॉक मैदान के बाहर गिर जाती है, तो ऐसे में पॉइंट एक हिस्से में रह जाता है।

शटल कॉक को चिड़िया के नाम से भी जाना जाता है। जहां पर यह दो बैडमिंटन के बीच में उड़ते हुए खेल को अंजाम देती है। 1942 से बैडमिंटन को ओलंपिक में खेला जा रहा है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के एकल और युगल खेल होते हैं।

कैसे हुई बैडमिंटन की शुरुआत

जानकारों के अनुसार बैडमिंटन की शुरुआत 19 वीं सदी के मध्य में हुई ऐसा माना जाता है, जो ब्रिटिशर द्वारा भारत में शुरू किया गया था। शुरू शुरू में इसे उन के गोलों के साथ खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे उन की जगह शटल कॉक ने ले ली।

उसके बाद 1887 मैं ब्रिटिश द्वारा भारत में इस खेल के लिए कई सारे नियम बना दिए गए और यह सारे नियम इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन के माध्यम से बने।

बैडमिंटन खेल के नियम

अगर इस खेल को खेलना चाहते हैं, तो इसके नियम को जानना आवश्यक माना गया है। इसके तहत आप खेल को सही तरीके से खेल सकते हैं। इस खेल को युगल या एकल रूप से खेला जा सकता है। इसमें युगल कोर्ट ज्यादा चौड़े होते हैं। इस खेल के कुछ नियम कुछ इस प्रकार है –

  • अगर आप शटल कॉक की जांच करना चाहते हैं, तो इसके लिए फूल अंडर हैंड स्टॉक का उपयोग करना होगा। जो कि पिछले बाउंड्री रेखा तक ले जाता है।
  • हमेशा शटल कॉक को ऊपरी तौर पर और समानांतर दिशा में साइड लाइन की ओर मारना चाहिए।
  • सही गति के शटल कॉक के लिए वह पीछे की लाइन से कम से कम 530 मिली मीटर और 90 मीटर से ज्यादा दूर नहीं गिरना चाहिए।
  • इस खेल को 21 पॉइंट तक खेला जाता है, जहां पर खिलाड़ी को एक रैली जीतने पर 21 पॉइंट्स करना होता है।
  • जब भी बैडमिंटन को सर्व किया जाता है, तो कमर की ऊंचाई के नीचे से ही हिट करना चाहिए। क्योंकि इसमें शटल कॉक को बाउंस करने की अनुमति नहीं होती है।
  • अगर खेल को युगल रूप में खेला जा रहा है, तो सर्विंग पर एक रैली जीत जाता है तो वही खिलाड़ी फिर से सर्व करना जारी रखता है। लेकिन उसे सर्विस कोड को बदलना पड़ेगा ताकि वह बार-बार प्रतिद्वंदी के लिए सही खेल हो सके।

बैडमिंटन खेल का विवरण

यह मैच दो खिलाड़ियों द्वारा खेला जाता है, जिसमें शुरुआत में ही सिक्के को उछाल कर जीतने वाले को यह तय करने का मौका दिया जाता है कि वे पहले सर्व करना चाहते हैं या रिसीव करना चाहते हैं।

इसके साथ ही साथ वह कोर्ट के बारे में भी विवरण सही प्रकार से दे सकते हैं कि आखिर वे किस तरफ से खेलना पसंद करेंगे। कभी-कभी सिक्के की बजाय शटल कॉक के माध्यम से ही खेल का निर्धारण किया जाता है।

जो खिलाड़ी पिछले खेल में जीत गए हैं, उन्हें सर्व करने का मौका मिलता है। अगर इस खेल को युगल जोड़ी खेल रही हो, तो सर्विस जोड़ी फैसला कर सकती है कि पहले कौन सर्व करेगा और रिसीविंग जोड़ी फैसला कर सकती है कि पहले कौन रिसीव करेगा।

सरवर और रिसीवर दोनों को ही अपने सर्विस कोर्ट में सीमा रेखा को बिना छुए ही रहना पड़ता है, जब तक की सरवर शटल कॉक को स्ट्राइक नहीं करता।

बैडमिंटन में होने वाली गलतियां

कई बार ऐसा देखा जाता है कि गेम को एक बार जीतने के बाद जितने वाली पार्टी कोई ना कोई गलती जरूर करती है। अगर सर्विस करते समय शटल कॉक कमर के ऊपर है, तो इसे सबसे बड़ी गलती मानी जाती है।

इस खेल में एक यह भी गलती होती है कि सरवर या रिसीवर अपना एक पैर उठा देते हैं, जबकि यह गलत है। नेट के पास वापस भेजने के पहले हर खिलाडी शटल कॉक को सिर्फ एक बार स्ट्राइक कर सकता है। लेकिन कुछ नियमो के चलते कभी कभी खिलाड़ी शटल कॉक को दो बार संपर्क कर सकता है, इसमें कई बार गलतियां भी देखी गई हैं।

बैडमिंटन से संबंधित शासकीय निकाय

बैडमिंटन को हमारे देश के साथ ही साथ दूसरे देशों में भी बड़े ही सद्भावना के साथ खेला जाता है। जहां पर कई प्रकार के शासकीय निकायों को मान्यता प्राप्त है। जिनमें से बीएसडब्ल्यू के साथ पांच क्षेत्रीय परिसंघ जुड़े हुए हैं। जो की कुछ इस प्रकार है।

  • बैडमिंटन एशिया परिसंघ
  • अफ्रीका का बैडमिंटन परिसंघ
  • बैडमिंटन पेन नेम
  • बैडमिंटन यूरोप
  • बैडमिंटन ओसेनिया

बैडमिंटन के प्रमुख भारतीय खिलाड़ी

हमारे देश के खिलाड़ियों ने भी बैडमिंटन में अपना नाम रोशन किया है और साथ ही साथ देश को आगे भी बढ़ाया है। जिनमें मुख्य रूप से निचे दिए खिलाड़ियों के नाम शामिल है।

  • अपर्णा पोपट
  • ज्वाला गुट्टा
  • श्रीकांत किदांबी
  • पुलेला गोपीचंद
  • प्रकाश पादुकोण
  • साइना नेहवाल
  • अश्विनी  पोनप्पा
  • पारुपल्ली कश्यप

इस प्रकार से हमने देखा कि बैडमिंटन एक विश्व स्तरीय खेल माना जाता है, जिसके माध्यम से अपने शरीर को भी सुडौल और स्वस्थ बनाया जा सकता है। बैडमिंटन खेलना आसान है इसे हर आयु वर्ग के लोग खेल सकते है, साथ ही साथ इसके नियमों के बारे में जानना जरूरी है, ताकि सही तरीके से इस खेल को खेला जा सके।

विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर आप भी इस खेल में आगे बढ़ सकते हैं और देश का नाम रोशन कर सकते है। साथ ही साथ भविष्य में भी इस खेल को लेकर आगे बढ़ा जा सकता है।

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तो यह था मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन   पर निबंध (My Favourite Game Badminton Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि  बैडमिंटन पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Badminton) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Sunday, September 6, 2020

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध - essay on my favourite game badminton in hindi, मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (350 words), 10 comments:.

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आदित्य एल1 मिशन / Aditya-L1 Mission

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चंद्रयान 3 / Chandrayaan-3

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बैडमिंटन पर निबंध

essay on badminton for class 5 in hindi

By विकास सिंह

badminton essay in hindi

विषय-सूचि

बैडमिंटन पर निबंध (Essay on badminton in hindi)

बैडमिंटन मेरा पसंदीदा खेल है क्योंकि इसे खेलने से मैं दिन भर सक्रिय रहता हूं। बैडमिंटन खेलने के लिए गति, शक्ति और सटीकता की आवश्यकता होती है। एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए उसे अक्सर अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। जब मैं अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेलता हूं, तो मैं दिन भर ऊर्जावान महसूस करता हूं।

बैडमिंटन खेलने से मेरे शरीर को हर दिन गुज़ारने में मदद करने के लिए बहुत जरूरी ऊर्जा मिलती है। बैडमिंटन एक दिलचस्प खेल है क्योंकि हर बार जब मैं खेलता हूं, तो अंत में कुछ चिंता और उत्तेजना होती है। खेल के अंत में, विजेता बनना पड़ता है, इससे लड़ाई और अधिक रोमांचक हो जाती है।

मैंने बैडमिंटन खेलना तब शुरू किया जब मैं केवल 9 साल का था। मेरे चाचा एक पेशेवर खिलाड़ी थे, और वह मुझे अपने अभ्यास सत्र के दौरान उनके साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। उन्होंने बैडमिंटन खेलने के प्रति मेरे रवैये को प्रभावित किया। मैंने ज्यादातर पेशेवर टूर्नामेंट में अपने चाचा के खेल को देखकर कौशल सीखा, जहां वह आमतौर पर विजेता के रूप में उभरता है। मैंने बैडमिंटन खेलने में भी रुचि पैदा की क्योंकि खेलने के बाद मुझे लगता है कि सभी तनावों से छुटकारा पाकर आराम मिलेगा।

जब मैं दुखी महसूस करता हूं, तो मैं सिर्फ खरीदारी करने या कंप्यूटर गेम खेलने के बजाय बैडमिंटन खेलना पसंद करता हूं। बैडमिंटन खेलना अक्सर मुझे याद दिलाता है कि कैसे मेरे पिता ने मुझे गेंद से मारकर बैली से खुद का बचाव करने की कुछ सरल तकनीक सिखाई थी। यह मेरे पिता द्वारा स्कूल में मेरे बड़े भाई पर भरोसा करने के बजाय खुद को बचाने के लिए सिखाया गया पहला पाठ था।

बैडमिंटन खेलना आसान है बस आपको दो रैकेट और शटलकॉक चाहिए। शटलकॉक जो गेंद की तरह काम करता है, वह कॉर्क के एक छोटे टुकड़े से जुड़े हंस के पंखों से बनाया गया है। खेलने के लिए रैकेट 90 ग्राम के रैकेट के वजन को हल्का कर रहे हैं। खेलते समय, आपको प्रतिद्वंद्वी की दिशा में शटलकॉक को मारना होगा। खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है कि शटलकॉक विपरीत दिशा में नेट को पार करता है।

छह मुख्य शॉट होते हैं तो ये सर्व, क्लियर, ड्रॉप, स्मैश, बैकहैंड ड्राइव और फोरहैंड ड्राइव होते हैं। बैडमिंटन एक आयताकार कोर्ट पर खेला जाता है। नेट का उपयोग करके ग्राउंड को आधे में विभाजित किया गया है। बैडमिंटन टेनिस की तरह है; फर्क सिर्फ इतना है कि नेट ऊंचा उठा है और गेंद हल्की है। खेल बैडमिंटन इंग्लैंड में ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट के घर से लिया गया था, जहां बैडमिंटन का पहला खेल खेला गया था।

मैं अपने खाली समय के दौरान बैडमिंटन खेलता हूं क्योंकि यह वह मौका है जो मुझे अपने दोस्तों और परिवार के साथ निभाना होता है। मेरे दोस्त और मैं कई प्रतियोगिताओं में खेले हैं, लेकिन मैं कभी फाइनल तक नहीं पहुंचा था, जब हाल ही में जब मैं किशोरों के लिए ऑस्ट्रिया बैडमिंटन ओपन टूर्नामेंट में फाइनलिस्ट था, तो मैं दूसरे रनर अप था। बैडमिंटन खेलने के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि जितना अधिक आप खेलते हैं, उतना ही, आप अपने प्रतिद्वंद्वी से चुनौती महसूस करते हैं।

खेल को बार-बार खेलना, आपको अपने कौशल को पूर्ण करना और एक महान खिलाड़ी बनना चाहता है। बैडमिंटन खेलना अधिक मजेदार है, कंप्यूटर गेम खेलने से अधिक आकर्षक भी है। लंबे समय तक बैडमिंटन खेलने के बाद, मेरा शरीर काफी आकार में है, और मैंने रास्ते में कई दोस्त बनाए हैं। कोई भी बैडमिंटन खेल सकता है, यह केवल एक खेल नहीं है, बैडमिंटन मुझे प्रत्येक दिन सक्रिय रहने में मदद करता है, इसलिए यह मेरी ज़िन्दगी का ज़रूरी हिस्सा है।

बैडमिंटन पर निबंध, essay on badminton in hindi -2

badminton

बैडमिंटन एक असाधारण आउटडोर खेल है क्योंकि यह वास्तव में हमारी आत्माओं को शुद्ध बनाता है और अच्छे व्यायाम का एक रूप भी हो सकता है। मुझे बैडमिंटन खेलना पसंद है क्योंकि यह एक जोड़ी खेल है। खेल में दो रैकेट और एक शटलकॉक शामिल हैं। खेल में दो विरोधियों को रैकेट के साथ शटलकॉक को टॉस करने की आवश्यकता होती है। दोनों विरोधियों के बीच एक जाल हो सकता है या नहीं भी हो सकता है।

आउटडोर खेल न केवल एक अच्छा व्यायाम है, बल्कि यह एक मजबूत सामाजिक संबंध भी बनाता है। ज्यादातर लोग इस खेल को तब खेलते हैं जब वे या तो पिकनिक मना रहे होते हैं या फिर वे अपनी छुट्टियों में विलासिता का समय व्यतीत कर रहे होते हैं।

यह ज्यादातर स्कूलों, कॉलेजों और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में खेला जाता है। यह न केवल एक आउटडोर खेल खेल के रूप में गिना जाता है, बल्कि इसे एक अच्छी तरह से मांग वाले पेशे में भी बदल दिया जा सकता है। बैडमिंटन खेलते समय कई यादें बनती हैं और मैंने बैडमिंटन के माध्यम से कई यादें बनाई हैं क्योंकि यह मेरे पिता द्वारा सिखाया गया था। खेल के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव है क्योंकि इसके साथ बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं।

मुझे बचपन से ही बैडमिंटन खेलना पसंद था और यह मेरा पसंदीदा खेल रहा है। मैंने बहुत सारे कॉलेजिएट और अंतर-कॉलेजिएट प्रतियोगिताओं में भाग लिया था और बैडमिंटन के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। इस खेल ने मुझे एक व्यक्ति के रूप में विकसित किया है और मुझे अन्य बाहरी खेलों की कोशिश करने का भी मौका दिया है।

मुझे अपने परिवार और शिक्षकों द्वारा बहुत सराहा गया क्योंकि बैडमिंटन मेरे करियर का एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है और मुझे आज वह व्यक्ति बना दिया है। अपने साथियों और परिवार की वजह से, मैं इस असाधारण खेल को एक पेशे में बना सका, जो हमेशा मेरे साथ रहेगा।

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध, essay on my favourite game badminton in hindi

बैडमिंटन एक बहुत ही फिटनेस मांग वाला खेल है। सफल होने के लिए किसी व्यक्ति को जिन विशेषताओं की आवश्यकता होती है, उनमें बहुत कुछ होता है। मुख्य फिटनेस घटक चपलता, गति, मांसपेशियों के धीरज, मांसपेशियों की शक्ति और कार्डियो-श्वसन धीरज हैं। इस खेल में अच्छा हाथ आँख समन्वय एक सफल होने के लिए आवश्यक है। चपलता शरीर की स्थिति और शरीर की दिशा को जल्दी और सही तरीके से बदलने की क्षमता है।

यह शायद बैडमिंटन में सबसे महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि आपको कोर्ट के चारों ओर जाने में सक्षम होने की आवश्यकता है ताकि आप शटल वापस मार सकें। स्किल ड्रिल करके इस कंपोनेंट को बेहतर बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप पांच शटल को लाइन कर सकते हैं, और फिर उन्हें व्यक्तिगत रूप से 5 मीटर से दूसरी लाइन तक ले जा सकते हैं।

इस तरह के व्यायाम से आपकी चपलता में सुधार होगा, और वार्म-अप ड्रिल को भी बदला जा सकता है। गति शरीर, अंग या बाहरी वस्तु की गति की दर है। चुस्ती-फुर्ती के साथ यह संबंध बनाता है क्योंकि आपको हर समय शटल में जल्दी और ठीक चलने की आवश्यकता होती है। गति में सुधार करने का सबसे अच्छा तरीका शॉर्ट स्प्रिंट करना है। हालांकि यह तत्काल परिणाम नहीं लौटाता है, लेकिन क्योंकि बैडमिंटन कोर्ट बहुत बड़ा नहीं है, इसलिए आप अंततः तेज़ हो जाएंगे।

मांसपेशियों की धीरज एक मांसपेशी या मांसपेशी समूह की क्षमता है जो समय की विस्तारित अवधि के लिए एक लोड के खिलाफ बार-बार हिलने का प्रदर्शन करती है। बैडमिंटन में मुख्य रूप से रैकेट हाथ से, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और प्रकोष्ठ की मांसपेशियों का उपयोग करना आवश्यक है, क्योंकि वे पूरे मैच में बार-बार उपयोग किए जाते हैं।

बैडमिंटन के लिए इस घटक को बेहतर बनाने के लिए, उच्च स्तर के पुनरावृत्तियों के साथ कम आकार का वजन होना चाहिए। मस्कुलर पॉवर एक विस्फोटक मस्कुलर फोर्स है जिसका इस्तेमाल जल्दी किया जा सकता है। यह घटक बैडमिंटन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आप पूरे मैच में अपने पैरों और बाहों की अपनी मांसपेशियों का उपयोग करते हैं।

जब आप प्रत्येक शॉट खेलते हैं, तो आप शटल के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं और कूदते हैं और अपनी बाहों का उपयोग करते हैं। ओवरहैड स्मैश खेलते समय आपकी बाहों को बहुत अच्छी मस्कुलर पावर की जरूरत होती है, क्योंकि शटल को जबरदस्त तरीके से हिट करना होता है। बैडमिंटन के इस पहलू को बेहतर बनाने के लिए, आप एक वजन कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं, जहां आप अधिकतम वजन उठा सकते हैं।

कार्डियो-श्वसन धीरज पूरे शरीर में ऑक्सीजन लेने और देने में सक्षम होने के लिए कार्डियो-श्वसन प्रणाली की दक्षता है। यह बैडमिंटन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि लंबे खेलों में इसकी आवश्यकता होती है जहां आपको ऊर्जा को जल्दी से बहाल करने की आवश्यकता होती है।

आप एक उप-अधिकतम प्रयास में 30-45 मिनट रन के लिए इस घटक को बेहतर बना सकते हैं। बैडमिंटन एक बहुत ही शारीरिक रूप से मांग वाला खेल है। यह कई फिटनेस घटकों का उपयोग करता है, और खिलाड़ियों को इन घटकों में यथोचित क्षमता रखने की आवश्यकता होती है। रैकेट के मध्य में से प्रत्येक शॉट को हिट करने के लिए अच्छे हाथों और आँख का समन्वय भी आवश्यक है।

[ratemypost]

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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आपकी पोस्ट बहुत ही अच्छी है। मैंने आपकी पूरी पोस्ट पढ़ी मुझे बहुत ही अच्छा लगा। आप ऐसेही पोस्ट लिखिए।

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Essay on Badminton in Hindi – बैडमिंटन पर निबंध

October 16, 2017 by essaykiduniya

Get information about Badminton in Hindi Language. Here you will get Paragraph, Long and Short Essay on Badminton in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200, 300, 350, 400, 500 and 800 words.  यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में बैडमिंटन पर निबंध मिलेगा।

Essay on Badminton in Hindi

# 1 बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in Hindi 100 words

बैडमिंटन रैकेट और शटल से खेले जाना खेल है और स्वास्थय के लिए बहुत ही लाभदायक है। रैकेट हल्की धातु से बना होता है और शटल को चिड़िया के पंखो का प्रक्षैप्य माना जाता है और यह बहुत हल्की होती है। इसे खेलने के लिए कॉर्ट के बीच में नैट लगाया जाता है जो कॉर्ट को दो हिस्सों में विभाजित करता है। बैडमिंटन में प्रत्येक टीम में एक व्यक्ति या फिर दोनो टीम में दो- दो व्यक्ति होते हैं। एक टीम को अंक तब मिलता है जब वह रैकेट से वार करके शटल को दुसरी टीम के पाले में जमीन पर गिरा दे। बैडमिंटन के खेल पर नियंत्रण विश्व बैडमिंटन संघ द्वारा रखा जाता है।

#2 Short Essay on Badminton in Hindi Language – बैडमिंटन पर निबंध ( 200 words )

भारत में बहुत से खेल खेले जाते हैं जिनमें से बैडमिंटन भी एक प्रमुख खेल है। बैडमिंटन रैकेट के द्वारा खेले जाने वाला खेल है जो कि दो व्यक्तियों या दो व्यक्ति की टीमों के बीच में खेला जाता है। युगल टीम पुरूष पुरूष, महिला महिला या मिश्रित हो सकते हैं। मिश्रित युगल में एक पुरूष और एक महिला होते हैं। बैडमिंटन का खैल एक आयातकार मैदान में खेला जाता है जिसे नेट के द्वारा दो भागों में विभाजित किया जाता है। रैकेट से शटलकॉक पर प्रहार किया जाता है और शटल को दुसरे पाले में नीचे गिराना होता है जिसे प्वाईंट मिलता है। शटल को पंखो से बनाया जाता है जिस कारण वह बहुत ही हल्के और तेज गति से उड़ने वाली होती है। एक पारी तब खत्म होती है जब शटल जमीन पर गिर जाती है। बैडमिंटन के खेल ती देखरेख विश्व बैडमिंटन संघ के द्वारा की जाती है।

बच्चों को बैडमिंटन का खेल बहुत ही पसंद है और अक्सर उन्हें गलियों में यह खेल खेलते हुए पाया जाता है। स्कूलों में भी बैडमिंटन की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। बैडमिंटन के खेल से हमें स्फूर्ति और तंदुरूस्ती मिलती है। बैडमिंटन बहुत से बच्चों का पसंदीदा खेल है।

#3 बैडमिंटन पर निबंध –  Short Essay on Badminton in Hindi 300 words

बैडमिंटन मेरा पसंदीदा खेल है क्योंकि इसे खेलने से मैं पूरा दिन सक्रिय रहता हूँ। बैडमिंटन खेलने के लिए, इसमें गति, ताकत और सटीकता की आवश्यकता होती है। एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए उसे अक्सर अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। जब मैं अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेलता हूं, तो मैं पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करता हूं। बैडमिंटन खेलना मेरे शरीर को हर दिन जाने में मदद करने के लिए बहुत आवश्यक ऊर्जा के साथ फ़ीड करता है। बैडमिंटन एक दिलचस्प खेल है। खेल के अंत में, एक विजेता होना है, यह खेल को और अधिक रोमांचक बनाता है।

बैडमिंटन खेलने के लिए, आपको केवल दो रैकेट और शटलकॉक चाहिए। शटलकॉक जो गेंद की तरह काम करता है, कॉर्क के एक छोटे से टुकड़े से जुड़े हंस पंखों से बना होता है। रैकेट का वजन 90 से 100 ग्राम के बिच होता है। खेलते समय, आपको प्रतिद्वंद्वी की दिशा की ओर प्रकाश शटलकॉक को तोड़ने की जरूरत होती है। खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सारी ऊर्जा की आवश्यकता है कि शटलकॉक विपरीत दिशा की ओर नेट पर पार हो जाए।

बैडमिंटन खेलते समय छह मुख्य शॉट होते हैं, ये सेवा, स्पष्ट, ड्रॉप, स्मैश, बैकहैंड ड्राइव और फोरहैंड ड्राइव हैं। बैडमिंटन आयताकार अदालत में खेला जाता है। अदालत को नेट का उपयोग करके आधे हिस्से में बांटा गया है। बैडमिंटन टेनिस की तरह है; केवल अंतर यह है कि नेट ऊंचा उठाया जाता है और गेंद हल्का होता है। बैडमिंटन खेल इंग्लैंड में ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट के घर से लिया गया था, जहां बैडमिंटन का पहला गेम खेला गया था।

बैडमिंटन खेलना कंप्यूटर गेम खेलने से ज्यादा मजेदार और आकर्षक है। कोई भी बैडमिंटन खेल सकता है, यह सिर्फ एक खेल नहीं है, बैडमिंटन मुझे हर दिन सक्रिय रहने में मदद करता है।

#4 Short Essay on Badminton in Hindi Language – बैडमिंटन पर निबंध ( 350 words ) 

बैडमिंटन सबसे मजेदार रैकेट गेमों में से एक है जिसे पुरुषों और महिलाओं या किसी भी आयु या कौशल स्तर द्वारा खेला जा सकता है। खेल एकल या युगल द्वारा खेला जा सकता है। शटलकॉक और रैकेट का उपयोग कर बैडमिंटन नेट पर खेला जाता है। शटलकॉक को आपके कोर्ट पर जमीन से पहले, प्रतिद्वंद्वी की अदालत में वापस मारा जा रहा है। खेल से निपटने के लिए आपको त्वरित प्रतिबिंब और शारीरिक रूप से फिट शरीर की आवश्यकता है।

History of Badminyon in Hindi – बैडमिंटन का इतिहास 

बैडमिंटन पहली बार भारत में सदियों पहले पैदा हुआ जहां इसे पूना के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश सेना के अधिकारी इस खेल से बहुत प्रभावित थे, और इसलिए उन्होंने 1870 और 1880 के बीच कुछ समय इंग्लैंड में पेश किया। बैडमिंटन का आविष्कार ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट की बेटियों ने 1860 के दशक में किया था, जिन्होंने खुद को बच्चों के खेल के संस्करण के साथ मनोरंजन किया था युद्धपोत और शटलकॉक के रूप में। वे खेल जो वे खुद के लिए व्युत्पन्न हुए थे, वे जल्द ही घर के लिए बन गए, जिसमें उन्होंने इसे खेला, इंग्लैंड के ग्लूस्टरशायर में ड्यूक के बैडमिंटन हाउस। बहुत पहले, बैडमिंटन समाज और क्लब पूरे इंग्लैंड में उग रहे थे। 18 9 3 में, पहला बैडमिंटन एसोसिएशन बनाया गया था। छह साल बाद, ऑल-इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप खेला गया। आखिरकार, खेल महाद्वीपीय यूरोप में आ गया।

बैडमिंटन कैसे खेलें और किसके साथ खेलना है

प्लेयर- कोई भी व्यक्ति जो बैडमिंटन खेल रहा है।

मैच- खेल के 2 में से 2 या 5 गेमों में से 3 पर दो विरोधी पक्षों के बीच खेल उचित है।

सिंगल मैच- एक मैच जहां प्रत्येक विरोधी पक्ष पर केवल एक खिलाड़ी होता है।

डबल्स मैच- एक मैच जहां दो विरोधी पक्ष पर दो खिलाड़ी होते हैं।

पक्ष की सेवा – पक्ष को सेवा करने का अधिकार है।

रैली ( Serve )- सेवा के साथ शुरू होने वाले एक या अधिक स्ट्रोक का अनुक्रम, जब तक कि शटल खेल में नहीं रह जाती।

टेनिस रैकेट –  दोनों खिलाड़ी अपने अपने रैकेट से शटलकॉक को दूसरे खिलाड़ी के एरिया मई फेंकते है।

शटलकॉक- एक गोलाकार अंत के साथ एक छोटी सी रोशनी वस्तु जिसमें वास्तविक या कृत्रिम पंख तय किए जाते हैं और बैडमिंटन के खेल में नेट पर मारा जाता है।

#5 Mera Priya Khel Badminton Par Nibandh – Essay on Badminton in Hindi in 400 words 

विश्व में क्रिकेट, फ़ुटबॉल, बैडमिंटन, गोल्फ, रेसिंग स्केटिंग, और कई अन्य विदेशी खेल खेला जाता है। इनमें से कुछ खेल भारतीय हैं जैसे कबड्डी, खो-खो। मैं इन सभी खेलों का आनंद उठाता हूं। लेकिन मुझे बैडमिंटन खेलना सबसे ज्यादा पसंद है|

बैडमिंटन एक पश्चिमी खेल है| यह एक इनडोर गेम है यह एक हॉल में खेला जाता है, जिसे बैडमिंटन कोर्ट कहा जाता है| यह दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है जिसे ‘सिंगल्स’ कहा जाता है। यह चार खिलाड़ियों में भी खेला जाता है जो दो जोड़े बनाते हैं, जिसे डबल गेम कहा जाता है|

इस गेम को खेलने के लिए कुछ औजार की आवश्यकता है प्रत्येक खिलाड़ी को अपने हाथ में रैकेट होना चाहिए| खिलाड़ी एक-दूसरे के सामने खड़े होते हैं एक जाल उनके बीच लटका हुआ है। पंख और काग से बना शटल है विपरीत खिलाड़ियों ने शटल को नेट के ऊपर एक दूसरे के ऊपर टॉस किया और उनकी रैकेट टॉस करने में नाकाम रहने के कारण इसे एक बिंदु के रूप में गिना जाता है।

इस खेल के कुछ नियम हैं जीनका खिलाड़ियों को पालन करना चाहिए। रेफरी अंक की गिनती करता है| खिलाड़ी जो निश्चित समय सीमा के भीतर अन्य खिलाड़ी के ऊपर अधिकतम अंक हासिल करता है, वह मैच जीत जाता है| बैडमिंटन गेम 15 या 21 अंक में खेला जाता है। खेल शुरू होने से पहले खिलाड़ी फैसला करते हैं कि वे क्या खेलेंगे। 15 या 21 तक पहुंचने वाला पहला खिलाड़ी विजेता है। एक मैच में आमतौर पर 3 सर्वश्रेष्ठ गेम होते हैं।

आवश्यक उपकरण के कारण खेल थोड़ा महंगा है। लेकिन मुझे इसके लाभों की वजह से पसंद है यह गेम एक पूर्ण व्यायाम देता है बैडमिंटन खेलने के दौरान शटल के लिए सतर्क और सतर्क होना चाहिए। रैकेट को पकड़ने के लिए खिलाड़ी को मजबूत हाथ होना चाहिए और शटल को पूरी ताकत से वापस करना चाहिए। खिलाड़ी शटल तक पहुंचने के लिए पर्याप्त सक्रिय होना चाहिए। उसे चलाने चाहिए और उसका आंदोलन तेजी से होना चाहिए। वह कूद, मोड़ और कूदना चाहिए उसे पूरी तरह से निर्णय करना चाहिए और शटल्स को ऐसे स्थान पर लगा देना चाहिए कि वह एक बिंदु जीत लेता है। एक अच्छा बैडमिंटन खिलाड़ी के सभी गुण हमारे अंदर आते हैं यदि हम इस खेल को दैनिक अभ्यास करते हैं। यही कारण है कि मुझे यह गेम बहुत पसंद है और इसे खेलने के लिए कभी भी याद नहीं।

#6 Latest Essay on Badminton in Hindi Language – बैडमिंटन पर निबंध ( 500 words )

भूमिका- भारत खेलों का देश है जहाँ पर बहुत से खेल खेले जाते है। बैडमिंटन लोगों में बहुत ही प्रसिद्ध है। बच्चों को अक्सर गलियों में बैडमिंटन खेलते हुए पाया जाता है और स्कूल में भी बैडमिंटन की प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है। बैडमिंटन को दो व्यक्तियों या दो युगलों के बीच में खेला जाता है। युगल पुरूष पुरुष, महिला महिला या फिर मिश्रित भी हो सकते है। मिश्रित युगल में प्रत्येक टीम में एक पुरूष और एक महिला होती है।

उपकरण- बैडमिंटन को खेलने के लिए रैकेट और शटल की आवश्यकता होती है। रैकेट धातु से बना होता है जिससे शटल को मारा जाता है। शटल पंखो से बनी होती है क्योंकि यह हल्की और ज्यादा ऊँचाई पर उड़ सकती है। बैडमिंटन को एक आयातकार मैदान पर खेला जाता है जिसे नैट के माध्यम से दो बराबर हिस्सों में विभाजित किया जाता है। शटल प्लास्टिक का बना हुआ भी हो सकता है। बैडमिंटन खेलने के लिए रबड़ के बने हुए हल्के जुते ही पहने जाते है जो कि नॉन मार्किंग वस्तु के बने होते हैं।

बैडमिंटन का इतिहास- बैडमिंटन की शुरूआत 19वीं शताब्दी में ब्रटिश सेना द्वारा भारत के पूना शहर में हुई थी। ब्रिटिश सैनिक पुना में ऊन को गोले के साथ इस खेल को खेला करते है और सेनावृति के बाद सैनिक इस खेल को अपने साथ इंग्लैंड ले गए जहाँ इसके नियम बनाए गए। अब बैडमिंटन के खेल की देखरेख विश्व बैडमिंटन संघ के द्वारा की जाती है।

नियम- बैडमिंटन के खेल में खिलाड़ी को प्वाईंट तब मिलता है जब वह दुसरे खिलाड़ी के पाले में शटल को गिरा देते है। मैच के आरंभ में सिक्का उछाल कर फैसला किया जाता है कि कोनसी टीम सर्व करेगी और कौनसी टीम रिसीव करेगी। एक पारी तब खत्म होती है जब शटल जमीन पर गिर जाती है। शटल पर नेट के पार होने से पहले सिर्फ एक बार ही प्रहार किया जा सकता है।

बैडमिंटन कॉर्ट- बैडमिंटन जिस मैदान पर खेला जाता है उसे बैडमिंटन कॉर्ट कहा जाता है और यह पक्का फर्स होता है। एकल और युगल को लिए बैडमिंटन कॉर्ट का लंबाई समान होती है जबकि युगल के लिओ चौड़ाई एकल से ज्यादा होती है।

सावधानियाँ- बैडमिंटन का खेल होश के साथ साथ जोश से भी खेलना चाहिए। खिलाड़ी को हमेशा अपने पाले के बीचोबीच खड़ा होना चाहिए ताकि वह हर तरफ की शटल को हिट कर सके और सर्विस हमेशा छोटी देनी चाहिए। सामने वाले को दौड़ाते रहना चाहिए ताकि वह थक जाए।

फॉल्ट- बैडमिंटन के खेल में फॉल्ट करने से बचना चाहिए। शटल कॉर्ट सो बाहर नहीं जाना चाहिए और न ही वह नेट को छुना चाहिए। शटल पर नेट पार करने से पहले एक से ज्यादा बार प्रहार नहूं करना चाहिए।

निष्कर्ष- बैडमिंटन एक बहुत ही अच्छा खेल है जिसे होश और जोश दोनों के द्वारा खेला जाना चाहिए। बैडमिंटन महिलाओं के द्वारा भी खेला जाता है। बैडमिंटन के उपकरण महँगे नहीं है और सभी इन्हें खरीद सकते है। बच्चों को बैडमिंटन खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और अपने देश का मान सम्मान बढ़ाना चाहिए।

# 7 New Essay on Badminton in Hindi Language – बैडमिंटन पर निबंध ( 800 words )

भूमिका- बैडमिंटन एक बहुत ही लोकप्रिय खेल है जो कि बच्चे और बूढ़ो सभी के द्वारा पसंद किया जाता है। यह रैकेट और शटलकॉक द्वारा खेला जाने वाला खेल है। इसके कॉर्ट में बीच में नेट लगाकर उसे दो हिस्सों में विभाजित कर दिया जाता है। यह खेल बच्चों के द्वारा गलियों और घरों की छतों पर भी खेला जाता है। स्कूलों में भी अक्सर बैडमिंटन खेल प्रतियोगिता करवाई जाती है।

बैडमिंटन की टीम:

बैडमिंटन की चीम दो प्रकार की हो सकती है एकल और युगल। एकल टीम में दोनों तरफ एक एक खिलाड़ी होता है। युगल टीम में हर तरफ जोड़े होते हैं। यह जोड़े पुरूष – पुरूष के हो सकते है महिला- महिला के हो सकते हैं और मिश्रित हो सकते हैं जिसमें एक पुरूष और एक महिला होती है।

बैडमिंटन के उपकरण:

बैडमिंटन रैकेट और शटलकॉक के माध्यम से खेला जाता है। रैकेट हल्की धातु का बना होता है और शटलकॉल को चिड़ियो के पंखों का प्रक्षेप्य माना जाता है। यह पंखो से बनी होने के कारण हल्की होती है और ऊँचा उड़ सकती है और तेज गति से दुसरी तरफ जाती है। इसलिए किसी अन्य उपकरण के स्थान पर शटलकॉक का प्रयोग किया जाता है।

बैडमिंटन कॉर्ट:

बैडमिंटन कॉर्ट आयातकार होतालहै जिसे बीच में नेट लगाकर दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है। यह एकल और युगल टीम के लिए अलग होता है। युगल के लिए चौड़ाई ज्यादा होती है जबकि लंबाई उतनी ही रहती है। सामान्यत: कॉर्ट की चौड़ाई 20 फीट और लंबाई 44 फीट होती है।

बैडमिंटन में अंक:

खिलाड़ी को रैकेट से वार करके शटल को दुसरे खिलाड़ी के पाले में डालना होता है और यदि शटल दुसरे पाले में जाकर जमीन पर गिर जाए तो खिलाड़ी को अंक मिलता है। जिस खिलाड़ी के ज्यादा अंक होते हैं वह जीत जाता है लेकिन शटल के नेट से पार जाने से पहले खिलाड़ी केवल एक बार ही शटल पर वार कर सकता है।

History of Badminton in Hindi – बैडमिंटन का इतिहास:

बैडमिंटन की शुरूआत 19 वीं शताब्दी में ब्रिटिश भारत में हुई थी। इसे खेलना ब्रिटश सैनिकों ने शुरू किया था। यह खेल पुना में बहुत ही प्रसिद्ध था इसलिए इसे पुनाई के नाम से भी जाना जाता है। पहले इस खेल को बल्ले और ऊन के गोले के साथ खेला जाता था पर बाद में शटल से खेला जाने लगा। सेनावृति के बाद सैनिक इस खेल को अपने साथ इंग्लैंड ले गए जहाँ इसका विकास हुआ और इसकै नियम बनाए गए। सन् 1934 में नीदरलैंड और फ्रांस जैसे देशों ने मिलकर विश्व बैडमिंटन संघ की स्थापना की थी। 1936 में भारत भी सहयोगी के रूप में सम्मलित हुआ। 1992 में बैडमिंटन ऑलम्पिक खेलों में खेला जा रहा है।

Rules of Badminton in Hindi – बैडमिंटन के नियम:

बैडमिंटन 21 प्वाईंटो के लिए खेला जाता है और पूरे खेल को तीन रैली में बाँटा जाता है। अगर दोनों टीम 20-20 अंक रखती है तो खेल तब तक खेली जाता है जब तक स्कोर 24-22 न हो जाए। यदि फिर भी ऐसा नहीं होता तो खेल 29 प्वाईंटस तक खेला जाता है और उसके बाद गोलडन प्वाईंट के लिए खेला जाता है। यदि खिलाड़ी शटल को दुसरे खिलाड़ी के पाले में गिरा दे तो उसे अंक मिल जाता है। खेल को शुरू करने से पहले टॉस किया जाता है जिससे पता चलता है पहले सर्विस कौन करेगा। शुरूआत में दोनो खिलाड़ी अपने कॉर्ट में एक दुसरे से तिरछे खड़े होते है। एक रैली तब खत्म हो जाती है जब कोई फॉल्ट होता है। फॉल्ट सर्व करतो समय या रिसिवर द्वारा होता है। नेट पर हाथ लगने से और शटल के कॉर्ट को बाहर किसी वस्तु को छुने से भी फॉल्ट होता है।

बैडमिंटन खेलने का बेहतर तरीका:

शटल पर हमेशा रैकेट के बीच से वार करना चाहिए। हर बार शटल पर हीट करने का प्रयास करना चाहिए। हम जितना इस खेल को खेलेंगे उतने ही बहतरीन बनेंगे। हमेशा शॉर्ट सर्विस करनी चाहिए। शटल पर वार करते ही कॉर्ट के मध्य में आ जाना चाहिए और विरोद्धी खिलाड़ी को पूरे कॉर्ट में भगाते रहना चाहिए ताकि वह थक जाए। युगल के बीच में शटल को फेंके ताकि वो असमंजस में रहे कि किसने वह शॉट खेलना है।

बैडमिंटन के लाभ:

बैडमिंटन स्वास्थय के लिए बहुत ही लाभदायक है। इसे खेलने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है और मोटापा कम होता है। इसे शारीरिक और मानसिक वृद्धि में सहायता मिलती है। इससे हृदय का स्वास्थय भी अच्छा रहता है।

बैडमिंटन का खेल खेलने के लिए शारीरिक शक्ति के लिए मानसिक चुस्ती की भी आवश्यक्ता होती है। यह खेल मैदान, समुंद्र के किनारे भी खेला जाता है। बैडमिंटन हमारे स्वास्थय को बहुत लाभ देता है। बैडमिंटन का शोक बच्चों को बहुत ही ज्यादा होता है। हम सभी को भी बैडमिंटन खेलना चाहिए। बैडमिंटन के खेल में ध्यान देने की जरूरत हैं और यह मनोरंजन का भी एक अच्छा साधन है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Badminton in Hindi – बैडमिंटन पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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Essay on my favourite game badminton in Hindi - Mera priya khel badminton par nibandh

Today, we are sharing a simple essay on my favourite game badminton . This article can help the students who are looking for information about my favourite game badminton in Hindi . This essay is very simple and easy to remember. The level of this essay is medium so any students can write on this topic. This article is generally useful for class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, and class 10 .

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Essay on my favourite game badminton in Hindi

बैडमिंटन मुझे सभी खेलों में सबसे ज्यादा पसंद है। मै रोजाना अपने भाई के साथ बैडमिंटन खेलता हु। यह खेल मुझे सर्दियों में खेलना बहुत पसंद है। स्कूल में भी हमारे शिक्षक हमें बैडमिंटन खिलाते है। बैडमिंटन खेलने के लिए कम से कम दो लोगों की आवस्यकता होती है। और ज्यादा से ज्यादा चार लोग इस खेल को खेल सकते है। हमारे शिक्षक हमें इस खेल को खेलने के फायदे भी बताते है। इस खेल को खेलने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। केवल बैडमिंटन ही नहीं बल्कि कोई भी आउटडोर खेल हमारे स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। बैडमिंटन बहुत ही आसान और यह एक आउटडोर खेल भी है। इस लिए बैडमिंटन मेरा सबसे प्रिय खेल है।

यह खेल क्रिकेट के बाद दूसरा सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खेल है। इस खेल को खेलने के लिए क्रिकेट की तरह बड़े जगह की आवस्यकता नहीं होती। बल्कि इसे कम जगह पर भी खेला जा सकता है। हमारे स्कूल के सभी छात्रों को बैडमिंटन खेलाया जाता है। इस खेल को बड़ा या छोटा, लड़का या लड़की कोई भी खेल सकता है। इस खेल को खेलने के लिए कोर्ट बने होते है। हमारे स्कूल में दो बड़े बड़े बैडमिंटन कोर्ट है। हमारे घर के पास भी एक बैडमिंटन कोर्ट है। इस बैडमिंटन कोर्ट में लोग बैडमिंटन खेलने अपने दोस्तों के साथ आते है। हमारे स्कूल में हर वर्ष इस खेल की प्रतियोगिता भी करवायी जाती है। इस प्रतियोगिता में बहुत से छात्र हिस्सा लेते है। जीतने वाले छात्र को पुरुस्कार दिया जाता है।

बैडमिंटन एक बहुत ही पुराना खेल है इसकी शुरुआत ब्रिटिश भारत में हुई थी। ब्रिटिश भारत का मतलब जब भारत में ब्रिटिश ( अंग्रेजों ) का राज था। इस खेल में दो रैकेट और एक शटलकोक का उपयोग होता है। बहुत से बैडमिंटन कोर्ट में दोनों खिलाडी के बीच एक जाल भी लगा होता है। रैकेट में हलके पतले एवं मजबूत धागों का उपयोग किया जाता है। शटलकोक रबर एवं पंखों से बना होता है। खेल के दौरान इस शटलकोक को रैकेट की मदत से खिलाडी एक दुसरे की तरफ फेकते है। जिसके तरफ जितनी बार शटलकोक गिरता है सामने वाले खिलाडी को उतने अंक मिलते है। इस खेल में अधिकतम अंक 21 होते है। दिए हुए समय शीमा के अन्दर जो खिलाडी ज्यादा अंक बनाता है वो विजेता होता है।

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बैडमिंटन पर निबंध

Essay on Badminton in Hindi : ऐसा खेल जो बोल को ऊपर उचानले से या बैडमिंटन रेकेट से खेला जाने वाला गेम हो तो उस गेम को हम बैडमिंटन कहेंगे। इस गेम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता हैं।

Essay on Badminton in Hindi

हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में बैडमिंटन पर निबंध (Essay on Badminton in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

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बैडमिंटन पर निबंध | Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन पर निबंध (250 शब्द) .

यह एक सामान्य खेल की तरह ही खेला जाता हैं। यह एक ऐसा खेल हैं, जिसे दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता हैं। इस खेल को खेलने के लिए कोई बड़े मैदान की आवश्यकता भी नहीं होती हैं। इस खेल को खेलने के लिए गार्डन मैदान भी हो तो चल सकता हैं। इस खेल के लिए वर्तमान कई खिलाड़ी हैं, जो काफी चर्चा में रहते हैं। 

मुझे आज भी वे स्कूल के समय के सर्दियो के दिन याद हैं जब हमारे दिन की शुरुआत दो शटल और कॉक द्वारा होती थी। जब हम इस खेल को खेलना शुरू होते हैं तो हम ना तो दिन देखते न रात देखते, हम तो पूरे दिन इसी खेल को खेलते थे।

वर्तमान में भी हम ऐसी ही दुनिया में रहते हैं जब भी किसी और खेलता देखते हैं तो हम भी खेलते हैं। इस गेम को खेलने के लिए फुर्ती की जरुरत होती हैं जो कि आवश्यक हैं। बैडमिंटन खेलने के लिए हम जिन रेकेट क इस्तेमाल करते हैं वो आमतौर पर काफी हलके होते हैं और आसानी से इधर-उधर लाये जा सकते हैं।

इसके साथ ही इस खेल को खेलने के लिए एक शाताल्कोक यानी चिड़िया होती हैं, जो पंखुडियों के सामान होती हैं। यह दोनों सामान इस खेल को खेलने के लिए काफी आवश्यक हैं। यह चिड़िया हलकी प्लास्टिक की पंखुडियों से बनी होती हैं और यह भी काफी हलकी होती हैं। बैडमिंटन खेल को खेलने के लिए इन दोनों के साथ नेट की आवश्यकता होती हैं, जो दोनों खिलाड़ियों के क्षेत्रों के बीच में बाँधा जाता हैं। यह तीन चीजों के साथ यह खेल पूरा होता हैं।

बैडमिंटन पर निबंध (600 शब्द) 

बैडमिंटन एक ऐसा खेल जिसे हम आम भाषा में चिड़ी-बल्ला कहते हैं वो वास्तव में बैडमिंटन के नाम से जाना जाता है। इस खेल की खेलने के लिए 2 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती हैं जो एक-दूसरे छोर पर रहते हैं। यह दोनों खिलाड़ी चिड़ी यानी शातार्कोक को बल्ले से यानी रेक्केट से मारते हैं और चिड़ी को एक दूसरे के पाले मे फेकते है।

यह एक सामान्य खेल हैं, जिसके कोई विशेष नियम नहीं हैं परन्तु कुछ ऐसे भी नियम हैं, जिसे हम अक्सर नहीं जानते हैं। कोई खिलाड़ी अगर चिड़ी की दूसरे के पाले ने फेंकते हैं और सामने वाला खिलाड़ी उस वापस फेंकता हैं तो ठीक हैं नहीं तो उसको एक पॉइंट कम मिलता हैं, जिस खिलाड़ी को ज्यादा पॉइंट मिलते हैं वो जीत जाता हैं।

2 खिलाड़ियों के बीच में खेला जाता हैं मैच

यह एक ऐसा खेल हैं जो 2 खिलाड़ियों के बीच खेला जाता हैं ना कि दो टीमों के बीच। इस खेल को खेलने के लिय 2 खिलाड़ी एक दूसरे के सामने खेलते हैं और एक दूसरे से आगे जाने और ज्यादा पॉइंट बनाने के लिए सोचता हैं। इस मैच को खेलने के लिए एक विशेष प्रकार के मैदान की आवश्यकता नहीं होती हैं बल्कि यह इस खेल को गार्डन मैदान में भी आसानी से खेला जा सकता हैं।

आम भाषा में इसे हम चिड़ी बल्ला कहते हैं जबकि वास्तव में इस खेल का नाम बैडमिंटन हैं। इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं और इस खेल को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता हैं। इस खेल के बारे में काफी कुछ अच्छी बातें हैं।

बैडमिंटन खेलने में मेरी यादे

यह उस समय की बात हैं जब हम स्कूल में पढ़ते थे। हम जब भी स्कूल से वापस आते या जिस दिन स्कूल में अवकाश रहता उस दिन हम पूरे दिन इस खेल को खेलते हैं। इस समय शटल और एक कॉक हमारे हाथ से छुट्टे भी नहीं। हम पूरे दिन इसी खेल को खेलते। हमारे घर के पास एक छोटा सा बगीचा हैं, जिसमें हम रोज सुबह खेलते हैं और अपनी मोज लेते हैं।

बैडमिंटन खेल को खेलने के लिए हमें एक शटलकॉक और एक शटल की आवश्यकता होती हैं, जिसे हम हिंदी में चिड़ी बल्ला कहते हैं। इन चिड़ी बल्ला की सहायता से ही हमारा खेल पूरा करते हैं। इसमें हम बल्ले से यानी शटल से चिड़ी को यानी शटलकॉक को मारते हैं और उसे सामने वाले के पाले में फेंकते हैं।

इस खेल में जो खिलाड़ी ज्यादा बार बोल को नीचे गिरने से बचाता हैं, वो जीत जाता हैं। जिस खिलाड़ी के पाले से बोल में जमीं पर गिरती हैं और वो खिलाड़ी उसे रोक नहीं पाता हैं तो वो खेल में हार जाता हैं।

बैडमिंटन के नियम

राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस खेल को खेलने के लिए कुछ नियम होते हैं। इन नियम के अनुसार ही इस खेल को खेला जाता हैं। अन्य खेल की तरह इस खेल के भी नियम हैं, जैसे:

  • इस खेल को 1-1 खिलाडी या 2-2 खिलाड़ी के बीच खेला जाता हैं। यह खिलाड़ी के मैदान के दोनों छोर पर होते हैं। इन खिलाड़ियों के बीच में एक नेट होता हैं।
  • इस खेल में कुल 21 पॉइंट होते हैं। एक खिलाड़ी जब दूसरे खिलाड़ी की ओर मारता हैं और सामने वाला खिलाड़ी जब चिड़ी को वापस मारता हैं तब तक वह गेम सही चलता हैं। अगर कोई खिलाड़ी बोल को मारने से चुक जाता हैं और बोल नीचे गिर जाती हैं तो सामने वाले खिलाड़ी को पॉइंट मिलता हैं। ऐसे जिस खिलाड़ी के पास ज्यादा पॉइंट होते हैं, वह जीत जाता हैं।
  • इन खिलाड़ियों के बीच में एक नेट होता हैं अगर कोई खिलाड़ी बोल मारता हैं और वो बल नेट पर लग जाती हैं तो उस स्तिथि में वह पॉइंट सामने वाले खिलाड़ी को मिलता हैं।
  • इस खेल को खेलने के लिए नियम साधारण होते हैं। अगर कोई इन्हें फॉलो करता है तो वो इस खेल को आसानी से खेला जा सकता हैं।

निष्कर्ष 

राष्ट्रिय और अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वाला यह खेल 1-1 या 2-2 खिलाड़ियों के बीच खेला जाता हैं। इस खेल को खेलने के लिए शटलकॉक और शटल यानी चिड़ी को बल्ले की आवश्यकता होती हैं। यह एक सामान्य खेल हैं, जिसमें हर कोई हिस्सा ले सकता है और इस खेल को खेल सकता हैं।

अंतिम शब्द 

हमने यहां पर “बैडमिंटन पर निबंध (Essay on Badminton in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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Essay on Badminton for Students and Children

500+ words essay on badminton.

Badminton is an indoor sport . Because the shuttlecock is light in weight. As a result, it is easily blown away by the wind. Therefore it is an indoor sport. Furthermore, people play badminton with racquets. The racquets are of carbon fiber composites which has nylon strings.

This makes it lightweight and flexible. Furthermore, the shuttlecock is of goose feather. The goose feather is embedded in a cork shape. The cork has leather within it. There are certain rules of badminton and the people who play have to follow it.

Essay on Badminton

About the Sport

Most noteworthy the sport can be either of singles or doubles. Which means either a single-player on both the sides or double players can play. Also, the sport takes place within a badminton court which is 13.4 m long and 6.1 m wide.

Also, there is a net in the middle of the court. You can only hit the shuttlecock once. As a result, if it hits the ground then your opponent will get a point. The shuttlecock always gets hit facing the bottom. Because it is the heavier part and the gravity is responsible for it.

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To score a point the person has to hit the shuttlecock in a way that the opponent may not be able to hit it back. And the shuttlecock touches the ground.

Also, a person can score a point if their opponent hits the shuttlecock outside the court or on the net. The whole game continues a certain number of points. The player who reaches that limit wins. Because the points are the number fouls the opponent makes in the game.

The point limit is usually 20-21 points. Moreover, if the game gets tied at 20 then the point limit gets extended. The player who scores the next point will win the game.

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Rules of Badminton

Furthermore, at the beginning of the game, there is a toss. The winner of the toss decides the courtside and the service. Also, the player service should make a service diagonally on the other side of the court. If the player misses it then it may cost him a point.

However, once the game is in motion then the players can move anywhere. Moreover, the service should always be done underarm, that is it should be under the waist. Overarm service is not allowed. Therefore a player has to keep that in mind always so that he may not lose a point.

If the player touches the net or any part of the shuttlecock then the opponent gains a point. Furthermore, the referee monitors the game. He sits on a high chair so that each foul is visible to him.

Also, a set of other referees are there to take note of the close calls. And to tell the main judge if any fouls get neglected. Most Noteworthy the game has two rest periods, the first rest period is of 90 seconds. But the second one is of 5 minutes.

Badminton is a game of speed and stamina. The person has to move throughout the game at different sides of the court. As a result, a person has to keep himself physically fit in order to excel in this game.

FAQs on Badminton

Q1. Why is Badminton an indoor sport?

A1. Badminton is an indoor sport because the shuttlecock is light in weight. As a result, the wind can blow it away.

Q2. What happens when the shuttlecock hits the net?

A2. When the shuttlecock hits the net the opponent on the other side gets a point. Also if anybody part touches the shuttlecock then it would be a foul. that results in giving of a point.

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बैडमिंटन पर निबंध

Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन पर निबंध : Essay on Badminton in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘बैडमिंटन पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है। यदि आप बैडमिंटन पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

बैडमिंटन पर निबंध : Essay on Badminton in Hindi

प्रस्तावना :-

खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बचपन में खेलकूद हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है। खेल दो प्रकार के होते है, एक घर के अंदर के खेल व दूसरे घर के बाहर के खेल। वर्तमान समय में कईं प्रकार के खेल होते है, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है।

इन्हीं में से एक बैडमिंटन का खेल है। यह दो व्यक्तियों द्वारा खेला जाता है। यह एक बाहर खेला जाने वाला खेल है, लेकिन इसके लिए किसी मैदान की आवश्यकता नहीं होती है। यह कम जगह पर भी खेला जा सकता है।

बैडमिंटन का इतिहास :-

बैडमिंटन की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। इस खेल की शुरुआत सन 1873 में ग्लूस्टरशायर स्थित ब्यूफोर्ट के ड्यूक के स्वामित्व वाले बैडमिंटन हाउस में हुई थी। इस खेल को बैडमिंटन का खेल ही कहा जाता था।

सन 1887 तक इस खेल को समान्य नियमों द्वारा ही खेला जाता था, लेकिन सन 1887 में इसके लिए कुछ बुनियादी नियम बनाए गए। सन 1893 में इंग्लैंड के डनबर भवन में बैडमिंटन को आधिकारिक रूप से शुरू किया गया।

इस खेल का आविष्कार ब्रिटिश-भारत में माना जाता है। कहा जाता है कि एक ब्रिटिश सैनिक द्वारा इसका सर्जन किया गया था। प्रारम्भ में वह बल्ले से ऊन के गोले को एक-दूसरे के पास फेंका करते थे।

बैडमिंटन के नियम :-

प्रत्येक खेल को खेलने के कुछ नियम होते है, जिनका पालन करते हुए खिलाड़ी को वह खेल खेलना पड़ता है। इसी प्रकार बैडमिंटन को खेलने के भी कुछ नियम है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • बैडमिंटन खेल को 1-1 या 2-2 खिलाड़ियों के बीच में खेला जाता है। इसमें खिलाड़ी दो अलग-अलग छोर में होते है।
  • खिलाड़ियों में बीच में नेट लगाया जाता है, जिसके दोनों तरफ से खिलाड़ी खेलते है।
  • इस खेल को बैडमिंटन और चिड़ी से खेला जाता है।
  • इस खेल में कुल मिलकर 21 अंक होते है, उसके बाद खेल ख़त्म हो जाता है।
  • इसमें खिलाड़ी बैडमिंटन की सहायता से चिड़ी को दूसरे खिलाड़ी की तरफ फेंकता है और इसी तरह खेल चलता रहता है। लेकिन, यदि कोई खिलाड़ी उस चिड़ी को गिरा देता है या मार नहीं पाता है, तो दूसरे खिलाडी को एक अंक प्राप्त हो जाता है।
  • यदि कोई खिलाड़ी बीच में लगे नेट में चिड़ी को मार देता है, तो भी समाने वाले खिलाड़ी को ही इसका एक अंक प्राप्त होता है।
  • एक मैच को तीन भागों में विभाजित किया जाता है।
  • इस खेल को 29 अंक तक भी खेला जा सकता है, जिसे स्वर्ण अंक कहा जाता है, जिसे प्राप्त करने वाला खिलाडी विजेता माना जाता है।
  • यह खेल सामान्य नियम वाला खेल ही होता है। अंत में ज्यादा अंकल वाला खिलाड़ी इस खेल को जीत जाता है।

बैडमिंटन प्रतियोगिताएँ :- बैडमिंटन की भी अन्य खेलों की भांति प्रतियोगिताएँ होती है। यें प्रतियोगिताएँ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होती है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • बैडमिंटन विश्व कप
  • एशियाई बैडमिंटन प्रतियोगिता
  • इंडिया ओपेन सुपर सीरीज़
  • चाईनीज़ ताईपे ओपेन
  • डेनमार्क ओपेन
  • बीडब्ल्युएफ ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड व ग्रैंड प्रिक्स
  • बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज़ मास्टर्स फाइनल्स
  • मलेशिया ओपेन (बैडमिंटन)
  • विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता

बैडमिंटन खेल एक दिलचस्प खेल है, जिसे लोग अपने मनोरंजन के लिए खेलते है। इसके लिए खिलाड़ी नेट के दोनों तरफ खड़े होकर एक-दूसरे पर बैडमिंटन की सहायता से चिड़ी फेंककर खेलते है। बैडमिंटन खेल लोकप्रिय खेलों में से एक है, जिसे लोग देखना व खेलना पसंद करते है।

खेल हम सभी के लिए आवश्यक होते है, खेल खेलने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। खेल खेलने से व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक विकास होता है। इसलिए, हमें रोजाना कोई न कोई खेल खेलना चाहिए। इससे हम स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेंगे।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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