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Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.

(1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3

मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है . मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.

Mera Vidyalaya Essay in Hindi

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विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.

मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.

(2) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for class 4,5,6,7,8

मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.

विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है

जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.

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विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन , हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.

विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.

मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.

(3) Mera Vidyalaya Essay in Hindi 500 words

विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.

यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.

विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.

Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है. विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.

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विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.

विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.

विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.

मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो , कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.

Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.

(4) My School Essay in Hindi 1100 Words

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.

मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.

मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.

मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.

मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. ह मारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.

Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.

मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.

वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.

मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.

मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.

वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.

मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.

Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त , 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.

मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.

मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.

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38 thoughts on “Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध”

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Thank you Himanshi for appreciation

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Thank you Ishaan banerjee

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Welcome Roopesh Patel, thank you for appreciation.

Thanks for the essay aaj tumhare liye bach gya bhai teacher ne school se essay likne ko kaha thaa THANK U SOO MUCH🙂

Aap sab ki sahayta ke liye hi to hamne ye essay likha, hamari website ko itna payar dene ke liye Dhiman talukder aap ka bahut bahut dhanyawad

thanxxx fir give me essay

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Nice essay wonderful😀well done

Thank you MD.Aehtisham for appreciation.

I want 4th and 5th class level paragraph

Arshnoor Kaur, we have already provided paragraph for 4th and 5th class, please check again Thank you.

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पर दिया गया हैं.

मेरी स्कूल पर सरल निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में छोटा बड़ा माय स्कूल एस्से इन हिंदी के रूप में याद करवा सकते हैं.

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

Paragraph On My School In Hindi & English For Students: Here We Share With You Short Paragraph On My School For Students In English & Hindi Language.

Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers.

My School Paragraph In English In 100 Words

I Read In Government Upper Primary School. The Building Of The School Is Very Grand. It Is In The Center Of the City.

There Are Thirty Rooms In My School. All The Rooms Are Very Big And Airy. Our School Has a Big Hall. There Is A Good Library In Our School.

There Are Two thousand Books In It. There Is A Reading Room. We Read Newspapers And Magazines In It. Our School Has a Big Playground.

We Play Games There In The Evening. There Are Five Hundred Students In Our School. All Are Teachers Are Very Kind And Learned. Our Headmaster Is A Learned Men.

My School Paragraph In Hindi In 100 Words

मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. स्कूल की इमारत बहुत भव्य हैं. यह शहर के मध्य में हैं. मेरे स्कूल में तीस कमरे हैं. सारे कमरे बहुत बड़े और हवादार हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल हैं. हमारे स्कूल में एक अच्छा पुस्तकालय हैं. इसमें दो हजार पुस्तकें हैं. इसमें दो हजार पुस्तके हैं. एक वाचनालय हैं. हम इसमें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान हैं. हम शाम को वहां खेल खेलते हैं. हमारे स्कूल में पांच सौ विद्यार्थी हैं. सब अध्यापक बहुत दयालु और विद्वान हैं.

(मेरा विद्यालय) Essay On My School In English And Hindi

why I like my school- I read in ramjas senior secondary school no 5. it always shows good results. it is situated in Karol Bagh.

its pass percentages are cent percent. the teacher is good and able. they are hard-working. the principal is a good guide. the students are hard-working and sincere. the school discipline is good.

in has the grand building is good playgrounds. the rooms are big and the games are compulsory.

our school library is housed in a hall. there are 50,000 books in it.

moral teaching is imparted to the students in our school. our principal and teachers take personal care of the students. so I like my school very much.

मेरा विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi)

मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम देता है। यह करोल बाग में स्थित है।

हमारे यहाँ का पास शत प्रतिशत रहता है. सभी अध्यापक लग्न व मेहनत से शिक्षण कार्य करवाते है. हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य एक अच्छे गाइड के रूप में विद्यार्थियों को निर्देशित करते है. उनकी इमानदारी व् लग्न से विद्यालय में अच्छा अनुशासन का माहौल है.

मेरे विद्यालय में बड़ा स्कूल भवन है तथा एक अच्छा खेल मैदान है, जहाँ पर नियमित रूप से खेलों का आयोजन किया जाता है. स्कूल में कई बड़े कमरे है, जिनमें एक पुस्तकालय कक्ष भी है, जिनमें पढ़ने के लिए पचास हजार से अधिक विभिन्न विषयों की पुस्तकें है.

विद्यालय में एकेडमिक शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है. प्रधानाचार्य व सभी अध्यापक छात्र छात्राओं की देखभाल करते है. तथा विद्यालय में घर जैसा माहौल मिलता है. इस कारण मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है.

हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हमारा विद्यालय उदयपुर शहर के मध्य में स्थित है. इसका नाम महाराणा भूपालसिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय है. हमारे विद्यालय में लगभग 400 विद्यार्थी पढ़ते है. यहाँ पर शिक्षा का उत्तम प्रबंध है.

इसमें 15 बड़े कमरे, एक विशाल पुस्तकालय और एक वाचनालय है. वाचनालय में अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आती है. हमारे विद्यालय में खेलकूद के लिए एक विशाल मैदान है. और खेलकूद की अच्छी व्यवस्था है.

हमारा विद्यालय अनुशासन में श्रेष्ट है. इसमें आठ अध्यापक तथा सात अध्यापिकाएं है. एक शारीरिक शिक्षक तथा एक पुस्तकालय अध्यक्ष भी है.

हमारे सभी गुरुजनों के साथ छात्रों का अच्छा व्यवहार है, हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी विद्यालय की प्रगति का पूरा ख्याल रखते है. हमारे स्कूल में पढाई के अतिरिक्त कई विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.

अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलाप भी चलते रहते है. इन सब विशेषताओं से हमें अपने विद्यालय पर गर्व है.

500 Words विद्यालय पर निबंध Essay on School in Hindi

विद्यालय देश का वह पवित्र स्थान हैं जहाँ देश के भविष्य का निर्माण होता हैं, विद्यालय विद्या विद्या की देवी का पवित्र मंदिर हैं. जिस स्थान पर विद्यार्थी विद्याअध्ययन के लिए आते हैं.

वह स्थान ही स्कूल या विद्यालय कहलाता हैं. विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बनता हैं- विद्या+आली अर्थात विद्या का घर. विद्यालय में गुरू एवं शिष्य के सम्बन्ध अत्यंत मधुर होते हैं. मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. हमारे विद्यालय का नाम आदर्श विद्या मंदिर हैं.

मेरा विद्यालय भवन

हमारे विद्यालय का भवन अत्यंत सुंदर व विशाल है इसमें बीस कमरे हैं. प्रत्येक कमरा हवादार एवं प्रकाशयुक्त हैं. पुस्तकालय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद कक्ष, स्काउट कक्ष एवं एक बड़ा मीटिग हॉल भी हमारे विद्यालय में हैं.

शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम हैं. प्रधानाचार्य का कक्ष मुख्य द्वार के पास ही हैं, प्रत्येक छात्र के बैठने के लिए अलग अलग कुर्सी मेज की व्यवस्था हैं.

मेरे विद्यालय का वातावरण

हमारे विद्यालय में चालीस शिक्षक हैं. सभी शिक्षक अपने अपने विषय के विद्वान् हैं. छात्रों के साथ शिक्षक बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं. कक्षा में शिक्षक इतनी अच्छी तरह से समझाते हैं कि छात्रों को सब कुछ समझ में आ जाता हैं.

शिक्षक अपने साथ शिक्षण से सम्बन्धित सहायक सामग्री लाते हैं. जिससे हम सब छात्र अत्यंत रूचि के साथ पढ़ते हैं.

हमारे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण अत्यंत सुंदर हैं. जिस समय कक्षाएं चलती हैं. उस समय पूरे विद्यालय प्रांगण में शांति रहती हैं.

जिन छात्रों का समय खेलकूद का होता हैं वे चुपचाप पंक्तिबद्ध होकर मैदान में चले जाते हैं, जहाँ खेलकूद के शिक्षक तरह तरह के खेल सिखाते हैं. तथा साथ खेलते भी हैं.

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अत्यंत कुशल प्रशासक हैं. वे अनुशासनप्रिय हैं वे स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं. तथा अंग्रेजी विषय में पीएचडी हैं उनका व्यवहार हमेशा विद्यार्थियों तथा बच्चों के साथ अच्छा रहता हैं.

वे विद्यालय की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. विद्यालय की सफाई के लिए चार अनुचर भी हैं.

विद्यालय व्यवहारिक विषयों की जानकारी देते हैं. यहाँ हमें मिलकर रहना सिखाया जाता हैं. माता-पिता गुरूजनों का आदर करना हम यही से सीखते हैं. देश के प्रति प्रेम रखना तथा राष्ट्रीय एकता की बाते विद्यालय में ही सिखाई जाती हैं.

अपना विद्यालय मुझे कितना पसंद हैं, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन हैं. विद्यालय मेरा पूजाघर हैं. मैं इसकी वन्दना करता हूँ और नित्य प्रति इसे शीश झुकाकर नमन करता हूँ.

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरेव विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर हैं. इनकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती हैं. पढ़ाई खेल तथा अन्य गतिविधियाँ हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं. 30 से ज्यादा अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं. इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यहाँ कार्यरत हैं. अध्यापकगण अनुभवी विद्वान एवं परिश्रमी हैं.

हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी और अनुशासनप्रिय हैं. विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर हैं. समय समय पर वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते हैं.

मेरे विद्यालय की इमारत पक्की हैं. इसमें 25 हवादार कमरे हैं. विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य कार्यालय भी हैं. जो कि साफ़ सुथरा और भली भांति सजा हुआ हैं. कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो लगे हुए हैं.

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी हैं जहाँ से सभी छात्रों कप पढने के लिए पुस्तकें उपलब्ध होती हैं. विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी हुई हैं. मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहता हैं और कई विद्यार्थी मेरिट में भी स्थान पाते हैं.

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति भी उपलब्ध करवाई जाती हैं. मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता हैं. बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परम्परा हैं. मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व हैं.

मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मैं नवम कक्षा का विद्यार्थी हूँ. मैं राजेन्द्र नगर स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ. यह विद्यालय नगर के मध्य में एक लम्बे चौड़े स्थान में स्थित हैं. मेरे विद्यालय का दोमंजिला भवन बहुत विस्तृत हैं.

यह नगर के श्रेष्ट विद्यालयों में से एक हैं. इसका परीक्षाफल प्रतिवर्ष बहुत अच्छा रहता हैं. इस विद्यालय के भवन में लगभग ४० कमरें हैं. जो बहुत ही सुंदर हैं ये कमरे विद्यार्थियों को बहुत पसंद हैं. इन कमरों में विद्युत् वायु प्रकाश की उचित व्यवस्था हैं. विद्यालय के प्रांगण में एक सुंदर सी फुलवाड़ी हैं.

जिसकी हरी भरी घास रंग बिरंगे फूल और लहलहाती लताएं विद्यालय में आने वालों का मन मोह लेती हैं. विद्यालय के मध्य एक बहुत बड़ा मैदान हैं. जहाँ हमारी प्रार्थना होती हैं और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र एवं छात्राएं विद्या का अध्ययन करते हैं. यह विद्यालय प्रथम कक्षा से 12 वीं कक्षा तक हैं. मेरे विद्यालय में लगभग साठ अध्यापक तथा अध्यापिकाएं कार्यरत हैं. ये सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषय के पूर्ण ज्ञाता हैं.

मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप प्रधानाचार्य हैं जो बहुत अनुशासनप्रिय हैं. प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य जी के कमरों के साथ विद्यालय का कार्यालय भी हैं.

एक बड़े कमरे में पुस्तकालय तथा तीन बड़े बड़े कमरों में विज्ञान की प्रयोगशालाएं स्थित हैं. मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं बहुत ही दयालु तथा विद्यार्थियों की हितैषी हैं वे विद्यार्थियों की कठिनाइयों को सुलझाने का प्रयास करते हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरूजनों का बहुत सम्मान करते हैं.

विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय में चलाए जाते हैं. जैसे स्काउटिंग, रेडक्रोस, एनसीसी वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोक नृत्य आदि. इसके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलवाएं जाते हैं. जैसे वालीवाल, क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि.

प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय खेल कूद व भाषण प्रतियोगिता में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता हैं. स्वच्छता और अनुशासन तो मेरे विद्यालय की मुख्य विशेषताएं है. यहाँ विद्यार्थी अनुशासन, आज्ञाकारिता और सद्व्यवहार की शिक्षा ग्रहण करते हैं.

इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. यह सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

विद्यालय पर निबंध की रुपरेखा क्या होनी चाहिए?

इस निबंध की रुपरेखा देख सकते हैं.

एक आदर्श मेरे विद्यालय के निबंध की शब्द सीमा कितनी होनी चाहिए?

प्रश्न पत्र में निर्देशित शब्द सीमा के अनुसार ही निबंध लिखना श्रेयस्कर हैं.

मेरे विद्यालय से सम्बन्धित अन्य निबंध क्या हो सकते हैं?

मेरे विद्यालय के प्रिसिपल, चपरासी, कक्षाध्यापक, क्लास रूम, पुस्तकालय आदि पर भी निबंध लिखे जा सकते हैं.

  • स्कूल के विद्यार्थियों के लिए सुविचार
  • हमारे विद्यालय का चपरासी पर निबंध
  • मेरे विद्यालय का पुस्तकालय पर निबंध
  • स्कूल के छात्रों के लिए विदाई कविता गीत
  • विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध

आशा करता हूँ फ्रेड्स यहाँ दिया गया मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi अच्छा लगा होगा, यदि आपकों मेरा विद्यालय निबंध में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो प्लीज इसे अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर करे.

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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके।  

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

यह भी पढ़ें : जानिए परीक्षाओं पूछे जाने वाले वन महोत्सव पर निबंध

मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera School Essay in Hindi पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

यह मेरी पाठशाला या मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi – Class 3, 4, 5, 7 मे अधिकतर पूछा जाता है।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं ।

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। हमारे स्कूल में, 90 शिक्षक हैं , जो हमें ज्ञान देते हैं। और हमें प्यार भी करते है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है।

मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है।

प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है।

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव Education and Celebrations in My School

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरा विद्यालय बहुत ही सुन्दर है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है।
  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
  • मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
  • हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

42 thoughts on “मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi”

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मेरा विद्यालय निबंध – Mera School Hindi Essay

by Editor December 10, 2018, 12:45 PM 2 Comments

मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध | स्कूल पर हिन्दी निबंध | Mera School, Mera Vidyalay Hindi Essay

किसी भी विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक शिक्षा का मंदिर होता है और एक विद्यार्थी हमेशा अपने शिक्षा के मंदिर का ऋणी रहता है क्यूंकी उसके भविष्य का निर्माण वहीं से होता है। यहाँ हम “ मेरा विद्यालय ” पर निबंध लेकर आए हैं, परीक्षा में अकसर आपसे इसके बारे में पूछा जाता है। 

मेरा विद्यालय (150 शब्द) 

मेरे विद्यालय का नाम शारदा विद्यालय है। मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है। मेरा स्कूल मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है इसलिए मैं पैदल चलकर ही अपने स्कूल जाता हूँ। मेरा विद्यालय क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत विशाल है और इसके अंदर एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है। खेल के मैदान के बगल में सुंदर बगीचा भी है जहां सुंदर-सुंदर फूल और पेड़ लगे हुये हैं।

इसके साथ ही मेरे विद्यालय में एक बड़ी प्रयोगशाला और पुस्तकालय भी है जो हर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है।

हमारे स्कूल के सभी शिक्षक बहुत ही अच्छे हैं और हमें बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाते हैं। हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही विनम्र स्वभाव के हैं और हर रोज विद्यार्थियों से वार्तालाप करने क्लास में जरूर आते हैं।

हर वर्ष हमारे स्कूल मे तरह तरह के कार्यक्रम, नाटक, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। सच मुच मेरा विद्यालय सबसे अच्छा है और पढ़ाई के लिए अनुकूल।

मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध (300 शब्द) 

मेरे स्कूल का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है। मेरे घर से स्कूल की दूरी सिर्फ आधे किलोमीटर जितनी है इसलिए मैं पैदल चलकर ही अपने स्कूल जाता हूँ। मेरे स्कूल की इमारत पक्की है और किसी भी मौसम में हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती। बैठने की उचित व्यवस्था, पीने का साफ पानी, शौचालय आदि की अच्छी सुविधा है।

मेरे विद्यालय में खेल कूद के लिए विशाल मैदान है जहां हम लोग खेलते हैं। इसके साथ साथ एक सुंदर बगीचा भी है जहां सुंदर पुष्प और वृक्ष लगे हुये हैं।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अति विनम्र हैं और बड़ी अच्छी तरह से हमें पढ़ाते हैं। हमारे प्रधानाचार्य हमें सदा अच्छी बातें बताते हैं और हर रोज स्कूल की क्रियाओं का अवलोकन करते हैं।

हमारे विद्यालय में एक बड़ा पुस्तकालय है जहां सभी विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए अच्छी-अच्छी पुस्तकें हैं। साथ ही साथ एक बड़ी प्रयोगशाला भी है जहां विज्ञान से संबन्धित प्रयोग किए जाते हैं।

हमारा विद्यालय एक बड़े ही शांत वातावरण में स्थित है जहां किसी भी प्रकार का ध्वनि या वायु प्रदूषण नहीं है, इसलिए सभी विद्यार्थी एक अच्छे और शांत वातावरण में पढ़ाई करते हैं। हमारे विद्यालय में हर साल तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं ताकि विद्यार्थीगण अपने अंदर छुपी कला का प्रदर्शन कर सकें। हर वर्ष हम शिक्षक दिवस, बाल दिवस, गणतन्त्र दिवस, योग दिवस आदि को मनाते हैं।

हमारे स्कूल में सभी विद्यार्थी नियमित आते हैं और यहाँ अनुशासन का खास पालन किया जाता है। हर माह विद्यार्थियों के लिए परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है।

मैं प्रतिदिन अपने स्कूल जाता हूँ और पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग आयोजनों में भी भाग लेता हूँ। ये मेरा सौभाग्य है की मैं सरस्वती विद्या मंदिर का विद्यार्थी हूँ। शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेरा विद्यालय एक आदर्श है।

मेरा विद्यालय (600 शब्द) 

विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है और मेरा स्कूल भी मेरे लिए एक मंदिर के समान है। मेरे विद्यालय का नाम उन्नति विद्या विहार है और मेरे शहर के सबसे उच्च कोटी के विद्यालयों में से एक है। मेरे घर से मेरे स्कूल की दूरी बहुत कम है इसलिए मैं पैदल चलकर ही स्कूल जाता हूँ। प्रतिदिन स्कूल के कार्य की शुरुआत प्रार्थना और राष्ट्रगान से होती है। 

हमारे विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ने की व्यवस्था है और हिन्दी, इंग्लिश दोनों माध्यमों की पढ़ाई यहाँ होती है।

मेरा स्कूल बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है और पक्की इमारत का बना हुआ है। किसी भी मौसम में हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। सभी कक्षाओं में बैठने के लिए अच्छी सुविधा है और साथ ही पीने का साफ पानी, शौचालय आदि की सुंदर व्यवस्था है।

मेरे स्कूल के मध्य में एक बड़ा सा खेल का मैदान है जहां सभी विद्यार्थी खेलने का आनंद लेते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों के लिए यहाँ खेल कूद के कई साधन भी हैं। हर साल इसी मैदान में कई आयोजन किए जाते हैं।

मेरे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भी है जहां कई तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तकों की व्यवस्था है। एक बड़ी प्रयोगशाला पुस्तकालय के बगल में स्थित है जहां विज्ञान से संबन्धित प्रयोगों को किया जाता है। एक विशाल खंड भी है जहां सभी शिक्षकगण बैठक करते हैं।

कम्प्युटर के दौर को ध्यान मे रखते हुए  हमारे स्कूल मे एक बड़ा कम्प्युटर रूम भी है जहां विद्यार्थियों को कम्प्युटर की शिक्षा दी जाती है।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अति विद्वान, विनम्र और व्यवहारिक हैं। हमारे साथ बहुत ही अच्छा वर्तन किया जाता है और हम सभी विद्यार्थी भी अपने शिक्षकों का बहुत मान-सम्मान करते हैं। मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य एक अच्छे व्यक्तित्व के धनी हैं और हमेशा स्कूल के विधार्थियों का उत्साह बढ़ाते रहते हैं। यही नहीं स्कूल में काम करने वाले अन्य कामदार भी बहुत ही अच्छे हैं।

हमारे स्कूल में हर वर्ष कई तरह तरह के खेल कूद, नाटक, प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन किया जाता है और मैं भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेता हूँ।

किसी भी विद्यालय में पढ़ने-लिखने का अच्छा वातावरण का होना बहुत ही आवश्यक होता है इसी चीज को ध्यान में रखते हुये हमारा स्कूल ऐसी जगह पर स्थित है जहां किसी भी प्रकार का ध्वनि या वायु प्रदूषण नहीं है। एक बहुत ही सुंदर और शांत वातावरण हमें पढ़ाई करने के लिए प्रदान किया जाता है।

मेरे विद्यालय में दूर-दूर से विद्यार्थी भी पढ़ने के लिए आते हैं इसलिए उनके लिए खास बस का इंतजाम भी किया गया है। स्कूल के सभी विद्यार्थियों के लिए एक ही तरह की ड्रेस है जो की हमें हर रोज पहनकर जाना पड़ता है।

किसी भी विद्यालय में अनुशासन ना हो तो वहाँ शिक्षा का स्तर भी गिरता है इसलिए हमारे स्कूल में सभी विद्यार्थियों से अनुशासन का चुस्त पालन कराया जाता है और अनुशासन तोड़ने वाले को दंडित भी किया जाता है।

हर वर्ष हमारे विद्यालय में बाल दिवस, योग दिवस, गणतन्त्र दिवस, शिक्षक दिवस आदि का आयोजन किया जाता है और सभी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।

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My School Essay in Hindi

My School Essay in Hindi: मेरे स्कूल पर निबंध

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My School Essay in Hindi

यहां हम आपको एक शानदार my school essay in hindi उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक essay on school in hindi मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी mera vidyalaya par nibandh लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

essay on school in hindi (100 Words)

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। यहां पर बच्चों को ज्ञान का प्रकाश दिया जाता है, जिससे बच्चे उनके भविष्य को उज्जवल बना सके। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत जगह में स्थित है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर साधन उपलब्ध होता है।

यहां पर किसी प्रकार का शोर नही होता क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरे विद्यालय का भवन बहुत सुंदर है। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं। मुझे मेरे विद्यालय से अति प्रेम है।

mera school essay in hindi (200 Words)

हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा बचपन होता है जिसमें हम सभी चिंताओं से मुक्त होकर अपने लिए जीते हैं। हमारे बाल्यकाल का समय विद्यालय में ही व्यतीत होता है। विद्यालय की हमारे जीवन में बहुत अहमियत होती है। मेरे विद्यालय का नाम राम किशन मिशन स्कूल है। मेरा विद्यालय बड़ा है सुंदर है यह चारों ओर से प्रकृति से घिरा हुआ है।

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहां जाता है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है क्योंकि ज्ञान प्राप्त करने के लिए शांति और अच्छा वातावरण चाहिए होता है, जो कि आपको सिर्फ विद्यालय में ही मिल सकता है।

बच्चे स्कूल जाकर शांति से मन लगाकर पढ़ाई कर सकते हैं। मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आउटडोर खेल खेलने के लिए एक बड़ा और सुंदर खेल का मैदान है। इसके साथ मेरे विद्यालय में सप्ताह में एक बार शारीरिक परीक्षण रखा जाता है, जिसके अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं की शारीरिक क्षमता को नापा जाता है।

मेरे विद्यालय में काफी अनुभवी और दयालु शिक्षक हैं, जो बच्चों को बड़े ही प्रेम के साथ पढ़ाते हैं। विद्यालय में मेरे कई सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। मेरे विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी भी है जिसमें सभी छात्र किताबें पढ़ सकते हैं। मुझे प्रतिदिन विद्यालय जाना बहुत पसंद है।

essay writing in hindi mera vidyalay

mera vidyalaya par nibandh (300 Words)

विद्यालय को शिक्षा और ज्ञान का द्वार कहां जाता है। यह वही द्वार है, जो हमें भविष्य में आगे सफलता की ओर ले जाता है। सभी लोगों ने अपने जीवन में विद्यालय से बहुत कुछ सीखा है, उसी तरह में भी मेरे विद्यालय में अच्छे जीवन की सीख ले रहा हूं। मेरे विद्यालय का नाम ब्रिलिएंट अकेडमी है यह नगर के अच्छे विद्यालयों में से एक है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़-भाड़ से दूर खुली जगह पर स्थित है। मैं प्रतिदिन स्कूल बस से स्कूल जाता हूं। विद्यालय का भवन काफी बड़ा है और इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है। सुबह जल्दी विद्यालय पहुंचने के बाद सभी छात्र छात्राएं सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं। प्रार्थना के बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं।

विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। इसमें विज्ञान की प्रयोगशाला भी है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से संबंधित प्रयोग कराए जाते हैं। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सप्ताह में एक बार योगा भी कराया जाता है।

मेरे विद्यालय के शिक्षक बच्चों को इमानदारी समर्पण और अच्छे आचरण की शिक्षा देते हैं। यहां बच्चों को अच्छे व्यवहार के बारे में सिखाया जाता है। मेरे सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान हैं, जो अपने ज्ञान से हमें भविष्य में सफल होने योग्य बना रहे है। मेरे विद्यालय भवन की बनावट काफी सुंदर है इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है जिसमें सभी बच्चे हर तरह का आउटडोर गेम बड़ी आसानी से खेल सकते हैं।

बच्चों को अधिक ज्ञान देने के लिए यहां पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला भी है, जहां बच्चे आसानी से विज्ञान के सभी प्रयोग कर सकते हैं। विद्यालय में मेरे बहुत से मित्र हैं, मुझे मेरे विद्यालय से काफी स्नेह है और मुझे प्रतिदिन विद्यालय जा कर पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है। 

रक्षाबंधन पर निबंध
विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध
 मित्रता दिवस पर निबंध
प्रदूषण पर निबंध
वर्षा ऋतु पर निबंध

mera vidyalaya nibandh in hindi (400 Words)

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ है विद्या+ आलय मतलब विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां विद्या प्राप्त की जाती है। हमारी संस्कृति में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को मंदिर का। विद्यालय विद्यार्थी जीवन का एक ऐसा विषय है जिसे वह सबसे अधिक प्रेम करता है। विद्यालय में बिताए गए जीवन को विद्यार्थी कभी नहीं भूल सकता। इसी स्थान से हमारे भविष्य का निर्माण होता है। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक देवता के समान होते हैं जो अपनी जीवन भर की पूंजी हमें ज्ञान के स्वरूप में प्रदान करते हैं। मेरे जीवन में मेरे विद्यालय का बड़ा प्रभाव है।

मेरे विद्यालय का वर्णन 

मेरे विद्यालय का नाम आशुतोष पब्लिक स्कूल है। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मेरा स्कूल भवन काफी बड़ा है और इसमें एक हरा भरा खेल का मैदान भी है। स्कूल सुबह 7:00 बजे प्रारंभ होता है और सभी बच्चे सुबह खेल के मैदान में एक साथ एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं। मेरा विद्यालय मेरे लिए मेरा दूसरा घर है। यहां मेरे बहुत सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। विद्यालय के सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान है वह हमें हमारे अभिभावकों की तरह ही प्रेम से ज्ञान देते हैं। मेरे विद्यालय में बच्चों के लिए विज्ञान तथा बायलॉजी प्रयोगशाला भी हैं। इसके साथ ही विद्यालय में एक बड़ा सा पुस्तकालय है, जहां सभी बच्चे बड़ी आसानी से बैठकर एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं।

विद्यालय की भूमिका

विद्यार्थी के जीवन में विद्यालय की एक अहम भूमिका होती है। विद्यालय ही वह स्थान होता है, जहां से विद्यार्थी नियम, संयम शिष्टाचार स्वास्थ्य संबंधित सभी विषयों के बारे में सीखता है। स्कूल में आयोजित होने वाली तरह तरह की प्रतियोगिताओं से ही विद्यार्थी के कौशल और ज्ञान में वृद्धि होती है। मेरे विद्यालय में बच्चों को उन सभी नियमों के बारे में सिखाया जाता है, जो कि एक वास्तविक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जो क्षमताओं को बढ़ावा देता है हमें अवधारणाएं सिखाता है। यहां होने वाले आयोजन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करते हैं। हमें अपनी संस्कृति से अवगत कराते हैं। विद्यालय ही हमें भौतिक व वास्तविक ज्ञान देकर भविष्य के लिए तैयार करता है। मुझे मेरे विद्यालय और विद्यार्थी जीवन से बहुत प्रेम है। यह वही जगह है, जहां मैंने दोस्ती जैसे बंधन का निर्माण होते देखा है। मुझे मेरा विद्यालय भवन अति प्रिय है और मुझे यहां आकर पढ़ाई करना बहुत पसंद है। मेरा विद्यालय हम सभी विद्यार्थियों का गौरव है, और हम इस महान संस्था में अध्ययन कर रहे हैं, यह हमारा सौभाग्य है।

my school essay in hindi (500 Words)

विद्यालय का छात्र के जीवन में एक अलग स्थान होता है। यहां बच्चों के जीवन निर्माण की नीव रखी जाती है। एक अच्छा विद्यालय सबसे अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करता है, जो भविष्य में अपने विद्यालय और देश का नाम रोशन करते हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में विद्यालय और उनके शिक्षकों का काफी योगदान होता है। यहीं से देश के आने वाले नेता, साइंटिस्ट डॉक्टर, इंजीनियर तैयार होते हैं। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक हमारे जीवन के रचयिता होते हैं, वह हमें अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

मेरे विद्यालय का वर्णन

मेरे विद्यालय का नाम संत कबीरदास हाई स्कूल है। यह शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैं प्रतिदिन पैदल ही स्कूल जाता हूं, कभी-कभी मेरे पिताजी ऑफिस जाते समय मुझे विद्यालय तक छोड़ देते हैं। विद्यालय भवन बहुत ही बड़ा है, इसमें लगभग 45 कमरे हैं और बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान भी है। मेरा विद्यालय सुबह 7:00 बजे से प्रारंभ होता है। जहां सभी बच्चे खेल के मैदान में खड़े होकर प्रार्थना में भाग लेते हैं। इसके बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं। मेरे विद्यालय में बड़ा पुस्तकालय है जहां बच्चों को पढ़ने की पूरी आजादी है इसके साथ-साथ विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला खेल सामग्री नृत्य कक्षा जैसी कई कक्षाएं हैं। यहां का वातावरण हरियाली से भरा हुआ है और काफी साफ और स्वच्छ है। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए भी यहां कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर सप्ताह विद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं होती है, जिसमें बच्चे अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। मेरा विद्यालय शहर का सबसे अच्छा विद्यालय है और मुझे इसका विद्यार्थी होने पर गर्व है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। जहां बच्चे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान अर्जित करता है, जिस तरह लोग भगवान के मंदिर का सम्मान करते हैं और उसे साफ रखते हैं। उसी तरह हमें भी हमारे विद्यालय का सम्मान करना चाहिए, और उसे साफ स्वच्छ रखना चाहिए। विद्यालय में शिक्षा दे रहे सभी शिक्षक हमारे लिए गुरु के समान होते हैं, हमें हमारे गुरु का सम्मान करना चाहिए। हमें विद्यालय के नियमों का पालन करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने में हमें अपना योगदान देना चाहिए। विद्यालय की गरिमा को बढ़ाना हमारा कर्तव्य होता है। विद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद हमें अपने शिक्षक और विद्यालय को कभी भूलना नहीं चाहिए।

विद्यालय उसमें पढ़ने वाले सभी बच्चों की संपत्ति होती है, तथा उसका ध्यान रखना भी उन बच्चों का कर्तव्य होता है। विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि वास्तविक जीवन का ज्ञान भी है हमें यही से प्राप्त होता है। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद संगीत प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका दिया जाता है। जहां बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। जिससे बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। बच्चों को विद्यालय का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपनी पूरी निष्ठा से ज्ञान अर्जित करना चाहिए।  

समय का सदुपयोग पर निबंध
दशहरा पर निबंध

mera vidyalaya in hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस mera vidyalaya in hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह essay on school in hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह my school essay in hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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हिंदीपथ - हिंदी भाषा का संसार

“मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी में

“मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अपने विद्यालय को गहराई से समझना हर विद्यार्थी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि विद्यालय दूसरे घर के समान है। इस निबंध में यही कोशिश की गयी है कि तार्किक ढंग से छात्र-छात्राएँ अपने-अपने विद्यालय को समझें। पढ़ें “मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी में–

मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। मेरे विद्यालय का नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है। यह सेण्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजूकेशन, दिल्ली से सम्बद्ध है । इसमें लगभग 550 विद्यार्थी हैं, 20 अध्यापक हैं, दो क्लर्क हैं, 3 चपरासी, 2 माली, 2 सफाई कर्मचारी तथा वाटर-मैन हैं।

मेरे विद्यालय का भवन विशाल और सुन्दर है। श्रेणी कक्षों के अतिरिक्त प्राचार्य तथा क्लर्क रूम हैं। इनके अतिरिक्त एक बड़ा ‘टीचर्स रूम’ है तथा एक विशाल पुस्तकालय कक्ष भी है। स्वागत कक्ष, संगीत, आलेखन, इंडोरगेम, रैडक्रास, एन.सी.सी. के भी अलग-अलग कक्ष हैं। विद्यालय-भवन के साथ ही एक विस्तृत खेल का मैदान है।

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विद्यालय की विशेषताएँ

मेरा विद्यालय सबसे बड़ी विशेषता यह रखता है कि इसमें अनुशासन है। वैसे भी जीवन में अनुशासन का महत्व अत्यधिक है। विद्यालय का वातावरण अति शान्त है। कोई विद्यार्थी व्यर्थ में घूमता नहीं मिलेगा। कोई बाहरी आदमी अध्ययन के समय कक्षाओं के सामने से नहीं गुजर पाएगा। कोई कक्षा बिना अध्यापक के नहीं होगी। कोई अध्यापक ऐसा नहीं होगा जिसका ‘पीरियड’ हो और वह श्रेणी में न हो। वातावरण की यह विशिष्टता ही छात्रों को दत्तचित्त होकर अध्ययन की प्रेरणा देती है।

विद्यालय की दूसरी विशेषता है स्वच्छता। स्कूल आरम्भ होने से पूर्व प्रत्येक कमरा साफ होगा। शीशे दरवाजे साफ होंगे। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके गैलरी में नहीं मिलेंगे। कूड़ा-करकट डालने के लिए स्थान-स्थान पर लगे ‘डस्ट-बिन’ रखें हैं। पेशाब-घर तथा शौचालय दुर्गन्ध रहित हैं।

विद्यालय की तीसरी विशेषता है शिक्षण। शिक्षण एक कला है। कलात्मक शिक्षण विद्याध्ययन का सरल उपाय है। औसत विद्यार्थी को भी योग्य बनाने की विशिष्ट शैली है। शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देखते हैं। सीखने में धीमे छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवकाश के बाद आधा घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाता है। बोर्ड की परीक्षाओं से एक मास पूर्व डेढ़-डेढ़ घण्टे के दो अतिरिक्त पीरियड लगते हैं, जिनमें विद्यार्थी अपनी कमी को दूर करते हैं। यही कारण है कि हमारे विद्यालय का परीक्षा-परिणाम न केवल शत-प्रतिशत रहता है, अपितु 10-12 डिस्टिंकशन भी आती हैं।

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विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारना

विद्यालय की चौथी विशेषता शिक्षणेतर कार्य-कलाप हैं। इनमें वाद्यवृन्द तथा खेल-कूद का विशिष्ट स्थान है। हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीबॉल, कबड्डी का खेल, खो-खो, जिमनास्टिक शिक्षा की विशिष्ट व्यवस्था है। अत्याधुनिक खेल सामान तथा अंशकालीन शिक्षक खेल-दक्षता और प्रवीणता के सम्बल हैं। यही कारण है, मेरा विद्यालय नगर के विद्यालयों की प्रतियोगिता और प्रान्तीय प्रतियोगिताओं की अनेक वैजयन्ती (शील्ड) जीतकर लाता है।

हमारे विद्यालय के वाद्यवृन्द का तो जवाब नहीं। 51 छात्र-छात्राओं की ‘बैण्डटीम’ का बहुरंगी गणवेश, वाद्यों की स्वर लहरी तथा धुनों की कलात्मकता श्रोताओं और दर्शकों को मन्त्र-मुग्ध कर देती है। गणतन्त्र दिवस की परेड में सम्मिलित होने पर हमारे वाद्यवृन्द को सदा प्रथम पुरस्कार प्राप्ति का गौरव मिलता है।

विद्यालय की शनिवार-सभा विद्यार्थी-प्रतिभा के कपाट खोलती है। जीवन और जगत्‌ की विविधता की जानकारी देती है। विद्यार्थियों में छिपी वाक्‌-शक्ति को उद्घटित करती है। एक ओर प्रति शनिवार वीडियो फिल्म द्वारा एक विषय-विशेष की जानकारी दी जाती है, तो दूसरी ओर विद्यार्थी को कविता, कहानी, चुटकुला सुनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। मास के अन्तिम शनिवार को अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता, वादविवाद प्रतियोगिता अथवा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएँ होती हैं। प्रथम, ट्वितीय और तृतीय, इन तीन विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार से प्रोत्साहित किया जाता है।

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भारत यात्रा और वार्षिकोत्सव

मेरा विद्यालय देशाटन के महत्व को भी समझता है। वर्ष में एक बार प्रायः दिसम्बर-अवकाश में 100 विद्यार्थियों को भारत-यात्रा पर ले जाया जाता है। इसमें विद्यार्थी भारतमाता की विविधता के दर्शन भी करते हैं और अपने सहपाठी की चित्तवृत्ति को और अधिक समझने का अवसर प्राप्त करते हैं।

विद्यार्थियों के प्रोत्साहन का दिन होता है विद्यालय का वार्षिकोत्सव | इसमें विविध खेलों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों, संगीत के वाद्य-यन्त्रों में दक्ष विद्यार्थियों तथा वार्षिक परीक्षा में आए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय परीक्षार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इस अवसर पर छात्र रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत करते हैं, जिसमें गीत-संगीत, काव्य-पाठ, एकांकी- अभिनय प्रमुख होते हैं, जिसे देखकर दर्शक भाव-विभोर हो जाते हैं।

विद्यालय में वर्ष में एक बार शिक्षक-अभिभावक दिवस भी मनाया जाता है। इसमें विद्यार्थियों के माता-पिता या संरक्षक एकत्र होते हैं। अभिभावकों के साथ छात्र भी विद्यालय की कमियों और सुधारों पर खुले मन से विचार करते हैं। उनके विचारों को ध्यान से सुना जाता है और यथासम्भव कार्यान्वित करने की चेष्टा की जाती है।

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मेरा विद्यालय व उसकी कमियाँ

प्रभु की सृष्टि गुण-दोषमयी है। मेरे विद्यालय में भी लोगों को कुछ कमियाँ दीखती हैं। यहाँ प्रवेश पाना आकाश के तारे तोड़ लाने से कम नहीं। अपवाद छोड़ दें तो सिफारिश न किसी अधिकारी की चलती है, न धन की। योग्यता की दौड़ में जो जीत जाए, वह प्रवेश ले ले। दूसरे, विद्यालय के अनुशासन की कठोरता ने विद्यार्थियों का सैनिकीकरण-सा कर दिया है। परिणामतः विद्यार्थियों की सच्ची शिकायत की भी उपेक्षा होती रहती है। तीसरी ओर, विद्यालय के व्यय इतने अधिक हैं कि मध्यम वर्ग का विद्यार्थी इस पावन मन्दिर में प्रवेश की बात सोच ही नहीं सकता।

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“मेरा विद्यालय” पर 10 लाइन

  • मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। इसका नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है।
  • मेरा विद्यालय सबसे बड़ी विशेषता यह रखता है कि इसमें अनुशासन है। वैसे भी जीवन में अनुशासन का महत्व अत्यधिक है। विद्यालय का वातावरण अति शान्त है।
  • हमारे विद्यालय की विशेषता है स्वच्छता। स्कूल आरम्भ होने से पूर्व प्रत्येक कमरा साफ होगा। शीशे दरवाजे साफ होंगे। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके गैलरी में नहीं मिलेंगे।
  • स्कूल में शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देखते हैं। सीखने में धीमे छात्र-छात्राओं को अवकाश के बाद आधा घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाता है।
  • यहाँ वाद्यवृन्द तथा खेल-कूद का विशिष्ट स्थान है। हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीबॉल, कबड्डी का खेल, खो-खो, जिमनास्टिक शिक्षा की विशिष्ट व्यवस्था है।
  • हमारा स्कूल देशाटन के महत्व को भी समझता है। वर्ष में एक बार प्रायः दिसम्बर-अवकाश में 100 विद्यार्थियों को भारत-यात्रा पर ले जाया जाता है।
  • विद्यालय में वर्ष में एक बार शिक्षक-अभिभावक दिवस भी मनाया जाता है। इसमें विद्यार्थियों के माता-पिता या संरक्षक एकत्र होते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
  • हमारे विद्यालय के वाद्यवृन्द का तो जवाब नहीं। 51 छात्र-छात्राओं की ‘बैण्डटीम’ का बहुरंगी गणवेश, वाद्यों की स्वर लहरी तथा धुनों की कलात्मकता श्रोताओं और दर्शकों को मन्त्र-मुग्ध कर देती है।
  • विद्यार्थियों के प्रोत्साहन का दिन होता है विद्यालय का वार्षिकोत्सव | इसमें विविध खेलों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों, संगीत के वाद्य-यन्त्रों में दक्ष विद्यार्थियों तथा वार्षिक परीक्षा में आए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय परीक्षार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
  • मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है। यहाँ विविध विषयों को सीखने के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति करने की शिक्षा भी प्राप्त होती है।
  • मेरा प्रिय मित्र – हिंदी में निबंध
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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मेरा विद्यालय पर निबंध

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मेरा विद्यालय का नाम ज्ञानदीप पब्लिक विद्यालय है। इसमें पहली से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। यह सेण्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजूकेशन, महाराष्ट्र से सम्बद्ध है। मेरे विद्यालय का भवन विशाल और बहुत ही सूंदर है।

विद्यालय का वातावरण बहुत ही शांत है । कोई विद्यार्थी व्यर्थ में ना घूमता मिलेगा नाही कही बैठा हुआ मिलेगा। कोई बाहरी आदमी अध्ययन के समय कक्षाओं के सामने से नहीं गुजर पाएगा। कोई कक्षा बिना अध्यापक के नहीं होगी। वातावरण की यह विशेषता ही छात्रों को अध्ययन करने की प्रेरणा देती है।

विद्यालय आरम्भ होने से पहले प्रत्येक कमरा साफ होता है। शीशे, दरवाजे, तथा बेंच साफ होते है। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके फर्श तथा गैलरी में नहीं मिलेंगे। कूड़ा-करकट डालने के लिए स्थान-स्थान पर 'डस्ट-बिन' रखे गए हैं। पेशाब-घर तथा शौचालय दुर्गन्ध रहती हैं।

शिक्षण एक कला है और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। कलात्मक शिक्षण अथवा कला के संग शिक्षा प्रदान करना विद्यार्थी को सिखाने का सरल उपाय है। औसत विद्यार्थी को भी योग्य बनाने की विशिष्ट शैली है। शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देते है तथा अगले दिन उसे देखते हैं। कमजोर छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवकाश के बाद आधा घंटा ज्यादा समय दिया जाता है। यही कारण है कि हमारे विद्यालय का परीक्षा-परिणाम न केवल शत-प्रतिशत रहता है, दसवीं में कई छात्र राज्य में अवल भी आते है।

विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। विद्यालय बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। उन्हीं विषयों के मार्ग दर्शन के लिए शिक्षक होते हैं इसलिए विद्यार्थी को अपने स्कूलों से पूरा लाभ उठाना चाहिए।

विद्यालय हमें हर प्रकार के ज्ञान का प्रकाश मिलता है। इसीलिए हमारा विद्यालय हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत प्रिय है।

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मेरे स्कूल पर निबंध (Essay on my school in Hindi)

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मेरे स्कूल पर निबंध (mera vidyalaya essay in hindi) – बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ज्यादा अच्छा होता। एक अलग ही एहसास होता है बचपन के दिनों में। हमें ज्यादा टेंशन नहीं लेनी पड़ती किसी भी बात की। हां, बस उस समय स्कूल हमारे जीवन के लिए एक अहम पड़ाव होती है। स्कूल के दिन भी अपने आप में बहुत खास होते हैं। स्कूल में हमें हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में हमें अपना कौशल विकसित करने का अच्छा मौका मिलता है। आइये नीचे mera vidyalaya par nibandh पढ़ना शुरू करें।

स्कूल यानि कि विद्यालय। स्कूल एक प्रकार की संस्थान है जहां पर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। स्कूल बच्चों का भविष्य तैयार करने में मदद करता है। विद्यालय को विद्यार्थियों का मंदिर कहना गलत नहीं होगा। यह इस प्रकार का मंदिर है जहां पर बच्चों को पूर्ण रूप से तराशा जाता है। बिना विद्या के हमारे जीवन का ना तो कोई लक्ष्य हो सकता है और ना ही कोई महत्व। स्कूल हमें हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। हम शिक्षा को हासिल स्कूल जाकर ही कर सकते हैं। स्कूल की दुनिया एकदम अलग होती है। तो आज का हमारा विषय स्कूल पर आधारित है। तो आज हम अपने इस पोस्ट के जरिए जानेंगे मेरे स्कूल पर निबंध (hindi essay mera vidyalaya) हिंदी में। तो आइए हम निबंध पढ़ना चालू करते हैं।

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विद्यालय हमेशा से एक बच्चे को विद्यार्थी के रूप में ढालने में अग्रसर रहा है। हमारी स्कूल हमारे लिए ज्ञान के सागर की तरह होती है। यह हमें ज्ञान को हासिल करने में मदद करती है। स्कूल तो हमेशा से ही प्रचलन में थे। चाहे हम नालंदा विश्वविद्यालय की बात करें या तक्षशिला विश्वविद्यालय की। हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल तो स्कूल के दिनों से ही होती है। वहां पर हमें अलग अलग चीजें सीखने को मिलती है। हमारा कौशल निखरता है। हम हरफनमौला बनते हैं।

स्कूल का अर्थ

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें ज्ञान की बहुत जरूरत होती है। बिना ज्ञान के हमें कुछ हासिल नहीं हो सकता है। यह ज्ञान हमें या तो हमारे माँ बाप देते हैं या फिर स्कूल देती है। स्कूल का अर्थ एक ऐसे शिक्षण संस्थान से है जहां पर एक बालक शिक्षा हासिल करने के लिए जाता है। स्कूल सभी तरह के कौशल को निखारने में बहुत बड़ा योगदान देता है। फिर चाहे वह कोई भी कौशल हो जैसे शारीरिक, मानसिक या फिर बौद्धिक कौशल। स्कूल शब्द ग्रीक भाषा के Skohla या Skhole से पूरी दुनिया में प्रचलन में आया। स्कूल को संस्कृत में विद्यालयः कहते हैं।

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स्कूल का महत्व

स्कूल का महत्व हमारे जीवन में हमेशा से ही रहा है। बिना स्कूल के हम अपने जीवन के कोई तरह के लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते हैं। आज स्कूल की वजह से ही हमारा सुनहरा भविष्य तैयार होता है। आप एक बात खुद सोच कर देखो कि क्या हम घर पर बैठकर ही अपना भविष्य तैयार कर सकते हैं? नहीं, हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। जब हम बच्चे के रूप से निकलकर एक किशोर की अवस्था में पहुंचते हैं तो हम केवल घर पर सारे संसार का ज्ञान हासिल नहीं कर सकते हैं।

हमें इसके लिए शैक्षणिक संस्थान का दामन थामना ही पड़ता है। जो कोई भी विद्यार्थी अपने जीवन में सामाजिक उन्नति, आर्थिक उन्नति, या व्यक्तिगत उन्नति करता है तो वह सब स्कूल के योगदान की वजह से ही संभव हो पाता है। स्कूल आपको बहुत अच्छी शिक्षा देती है। वह आपको एक सच्चे हीरे की तरह तराशती है। एक बेहतरीन और उम्दा स्कूल बच्चों को बड़े से बड़े पदों पर पहुंचा देती है। स्कूली शिक्षा पाना ज्ञान की गंगा को पाने के समान है। हम सभी इसको पाने की लालसा रखते हैं।

स्कूली शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है। उचित प्रकार का ज्ञान हमें हर मुश्किल रास्तों को भी पार करना सिखाता है।

हम जब छोटे बालक होते हैं तो हमें हमारे अभिभावक स्कूल भेजने की तैयारी करते हैं। वह हमें स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि हम पढ़ लिखकर समाज में कुछ ऐसा मुकाम हासिल करे ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए हम आदर्श बन जाए। स्कूल में दाखिला मिलने के बाद बच्चे को हर तरह गुण सीखने को मिलता है। वह केवल किताबी ज्ञान को ही हासिल नहीं करता बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को भी अच्छे से सीख जाता है।

आज के समय में गरीब छात्रों के माँ बाप भी उन्हें अच्छा पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। क्योंकि वह इस बात को अच्छे से समझते हैं कि उनको स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं होने पर वह अनपढ़ रह गए। अनपढ़ लोगों की समाज में कोई कद्र नहीं होती। प्रगति वही इंसान करता है जिसको बुनियादी शिक्षा प्राप्त हो गई हो। पढ़े लिखे लोग समाज का उत्थान करते हैं। उनको अच्छे और बुरे की अच्छे से समझ होती है।

स्कूल में अच्छे टीचर कितना मायने रखते हैं?

यह एक साधारण सी बात है कि एक बच्चे को उसके जीवन में अगर कुछ बड़ा हासिल करना होता है तो वह अपने माता-पिता से ज्ञान हासिल करता है। उसके माता-पिता उसके जीवन के पहले गुरु होते हैं। लेकिन एक बच्चे के माँ बाप यही चाहते हैं कि उनका बच्चा सर्वश्रेष्ठ हो। इसलिए वह अपने बच्चे को स्कूल भेजने का मन बनाते हैं।

स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं। शिक्षक जो अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं उसी शिक्षा को वह अपने मन और दिमाग में पूरी तरह से अवशोषित कर लेते हैं।

स्कूल और शिक्षकों का यह बड़ा कर्त्तव्य बनता है कि वह बच्चों को उचित शिक्षा दे ताकि बच्चों को आगे चलकर कोई तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े। शिक्षकों की पढ़ाने की शैली ऐसी ना हो जिसके चलते बच्चे एक रोबोट के समान काम करने लग जाए। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कुछ इस प्रकार तैयार करे कि बच्चा आने वाले भविष्य में पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर अच्छा बने।

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन क्यों होते हैं?

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अलग दिनों में से एक होते हैं। हमें सबसे पहले स्कूल में ही डाला जाता है। स्कूल बहुत खास होता है हमारे लिए। हम जब छोटे होते हैं तो हमें लगता है कि हम कब जल्दी से बड़े हो रहे हैं। हम समय बीतने का इंतजार करते रहते हैं। स्कूल की उस सुबह वाली प्रार्थना लाइन में लगना, सुबह सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना, होमवर्क करना, और क्लास पीरियड बोरिंग लगना बचपन के दिनों में आम बात है।

लेकिन हम जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं हमें बचपन के दिनों की बहुत याद आने लगती है। स्कूल के बीते दिन बुरे भी होते हैं तो कोई अच्छे भी होते हैं। स्कूल के दिनों में जो सीख हमें मिलती है वह हमारे साथ ताउम्र रहती है। हमें स्कूल में नए शिक्षकों से शिक्षा मिलती है। हम स्कूल में नए दोस्त भी बनाते हैं। हम स्कूल में अनेक प्रकार की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं। हमारी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता स्कूल में बहुत ज्यादा निखरती है।

स्कूल के दिनों में आपको केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देना होता है। आपके ऊपर जॉब करने का किसी भी तरह से प्रेशर नहीं होता। आप खुलकर अपने जीवन का आनंद उठाते हैं। आप जब बड़े हो जाते हैं तब आपको आपके बचपन के दिन बहुत ज्यादा याद आते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि वह स्कूल के बीते हुए दिन काश वापिस से उनके पास लौट आए।

भारत के दस सबसे महंगे स्कूल

1) बिशप कॉटन स्कूल , पैसिफिक बिशप कॉटन स्कूल हिमाचल

2) बिड़ला पब्लिक स्कूल , पिलानी

3) स्टोनहिल इंटरनेशनल स्कूल , बैंगलोर

4) गुड शेफर्ड इंटरनेशनल स्कूल , ऊटी

5) वुडस्टॉक स्कूल , मसूरी

6) वेल्हम बॉयज स्कूल, देहरादून

7) इकोले मोंडियाल वर्ल्ड स्कूल, मुंबई

8) मेयो कॉलेज, अजमेर

9) सिंधिया स्कूल, ग्वालियर

10) द दून स्कूल, देहरादून

भारत में पहला स्कूल कब खुला था?

विद्या देने में हमारा देश हमेशा से अव्वल रहा है। लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि हमारे देश का पहला मॉडर्न स्कूल कब खुला था? शायद आपको इस बात का अंदाजा नहीं होगा। दरअसल भारत का पहला स्कूल खोलने का श्रेय सावित्री बाई फुले और फातमा शेख को जाता है। यह बात उस समय की है जब भारत को उसकी आजादी भी नहीं मिली थी।

सावित्री बाई फुले और फातमा शेख ने यह तय किया कि वह पुणे के भिडेवाड़ा में केवल ल़डकियों के लिए एक स्कूल खोलेंगे। सावित्रीबाई फुले ज्योतिराव फुले की पत्नी थी। ज्योतिराव फुले ने उन्हें पूरा समर्थन दिया था। सावित्रीबाई फुले और फातमा शेख एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता थी। 5 सितंबर, 1848 को अखिरकार देश की पहली अपनी स्कूल खुल गई थी। हालांकि शुरुआत में उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था। पर अंत में उनकी ही जीत हुई।

मेरा स्कूल में पहला दिन

सभी को अपने स्कूल का पहला दिन अक्सर याद रहता है। हालांकि कोई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपना पहला दिन याद ही नहीं रहता। मुझे आज भी याद है कि मेरे स्कूल का पहला दिन। मेरे स्कूल का पहला दिन ना ज्यादा अच्छा था और ना ही बुरा। मुझे आज भी याद है कि कैसे मेरे पापा मुझे ननिहाल से स्कूल लेकर गए थे।

उस दिन मैं ननिहाल आ रखी थी। मेरे पापा ने मेरी नानी को कहा कि वह मुझे जल्दी से तैयार कर दे। मैं तैयार हो गई। और पापा मुझे वहां से ले गए। आखिरकार मैं स्कूल पहुंची। स्कूल बहुत बड़ी थी। स्कूल में बहुत ज्यादा हरियाली थी। स्कूल का खेल का मैदान भी बहुत बड़ा था। वहां पर खूब सारे बच्चे खेल रहे थे।

मेरी स्कूल का नाम सोफिया स्कूल था। वहां पर पहुंचते ही मेरी मुठभेड़ मेरी क्लास टीचर से हो गई। पापा ने बताया कि वह मेरी क्लास टीचर है। मेरी क्लास टीचर का नाम ममता मेम था। अब मेरे पापा जब स्कूल से जाने लगे तो ना जाने क्यों मैं जोरों से रोने लगी। मेरी टीचर ने मुझे चॉकलेट देकर मुझे मुझे चुप करवाया। और फिर मुझे क्लास में ले गई। सच में, मेरा स्कूल का पहला दिन बहुत मुश्किल से बीता था। मैं बहुत ज्यादा भावुक हो गई थी।

मेरे स्कूल पर निबंध 150 शब्दों में

स्कूल दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है। स्कूल ही एक ऐसी जगह होती है जहां पर एक बच्चा पहली बार कदम रखता है। स्कूल जाना सबसे यादगार पल होता है एक बच्चे के लिए। वहां पर उसको हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में पहुंचकर वह अपने कौशल को और भी अधिक निखारता है।

स्कूल के दिनों को हम बहुत बेफिक्री के साथ जीते हैं। वहां पर हमारे अनेकों दोस्त बनते हैं। हम वहां पर पहुंचकर खूब मस्ती करते हैं। हमें स्कूल के दिनों में पैसा कमाने की कोई चिंता नहीं होती। हमें केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके अपना भविष्य उज्जवल करना होता है। स्कूल हमें यह अच्छे से सिखाता है कि हमारे लिए कौन सा मार्ग सही है और कौन सा मार्ग गलत। जब बच्चे स्कूल में दाखिला लेते हैं तो उन बच्चों के माता-पिता चैन की साँस लेते हैं। स्कूल में जाकर बच्चों के तौर-तरीकों में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। स्कूल में झूले होते हैं, खेल के मैदान होते हैं, लाइब्रेरी होती है।

मेरा स्कूल पर 10 लाइन

1) स्कूल एक बच्चे के लिए बहुत जरूरी संस्थान होता है।

2) स्कूल में दाखिला लेने के बाद एक बच्चे को स्कूल में कई गतिविधियों को सीखने का मौका मिलता है।

3) हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल से ही होती है।

4) स्कूल के शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ाना लिखाना होता है।

5) स्कूल जाने पर बच्चा बहुत ज्यादा होशियार हो जाता है। वहां पर उसके ज्ञान का दायरा बढ़ता है।

6) शिक्षकों का यह फर्ज होता है कि वह बच्चों को ऐसी शिक्षा दे कि जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके।

7) स्कूल में पहुंचकर एक बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सीखता है।

8) स्कूल की यादों को हमें हमेशा के लिए संजोकर रखना चाहिए।

9) स्कूल का पहला दिन सभी के लिए बहुत यादगार होता है।

10) स्कूल एक बच्चे को अनुशासन में रहना सिखाती है।

मेरे स्कूल पर निबंध FAQ’S

A1. स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है।

A2. हम स्कूल के जीवन से इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि स्कूल पहुंचकर हम अपने आप को बहुत खुशनसीब मानते हैं। स्कूल में प्रवेश करने के बाद हमें कई सारी नई चीजों का ज्ञान होता है। हमें स्कूल में हर प्रकार की गतिविधियों से परिचित करवाया जाता है। स्कूल का जीवन हमारे कौशल को निखारने में मदद करता है।

A3. मुझे अपना विद्यालय इसलिए पसंद था क्योंकि वहां पर एक बड़ा बगीचा था। वहां का प्लेग्राउंड बहुत सुंदर और बड़ा था। वहां का ऑडिटोरियम भी बहुत भव्य था। वहां पर मेरी टीचर्स भी बहुत अच्छी थी। स्कूल में एक शानदार लाइब्रेरी थी।

A4. विश्व का सबसे पुराना स्कूल तक्षशिला को माना जाता है। इसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व हुई थी।

A5. स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं।

A6. बच्चों को स्कूल जाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि स्कूल जाने पर उसको ढेरों सारी चीजें देखने को मिलती है। स्कूल जाने पर उसके शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है।

A7. स्कूल में बच्चों को सबसे ज्यादा चीज जो पसंद आती है वह है खेल कूद। स्कूल में बच्चों को क्रिकेट खेलने को मिलता है, टेनिस खेलने को मिलता है। वह कई प्रकार के खेलों को खेल के मैदान में खेल सकते हैं।

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Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh- मेरी पाठशाला पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Meri Pathshala Nibandh | Essay on My school in Hindi मेरी पाठशाला निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh in Hindi Essay लिखा है मेरी पाठशाला | मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

Meri Pathshala Nibandh – मेरी पाठशाला पर निबंध

Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi – मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में ( 200 words )

मेरी पाठशाला का नाम ‘विवेक हाईस्कूल’ है। यह लिंक रोड, शांति कुंज में है।

मेरी पाठशाला बहुत बड़ी है। इसमें कई कमरे हैं। इन कमरों में कक्षाएँ लगती हैं। कुछ कमरों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर रूम आदि हैं । एक कमरा कार्यालय है। यहाँ हमारे प्रधानाध्यापक बैठते हैं । मेरी पाठशाला के कमरे स्वच्छ और हवादार है।

पाठशाला में अनेक शिक्षक, शिक्षिकाएँ हैं। हमारे शिक्षक बड़े योग्य हैं। वे हमें प्यार से पढ़ाते हैं। हम अपने शिक्षकों का आदर करते हैं। मेरी पाठशाला में हमें अनेक विषय पढ़ाए जाते हैं जैसे, गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी और सामान्य ज्ञान। हमें कम्प्यूटर, चित्रकारी और संगीत की भी शिक्षा दी जाती है।

पाठशाला के सामने खेल का एक बड़ा मैदान है। खेल के घंटे में हम यहाँ खेलते हैं। यही हमारे पी.टी. सर हमें पी.टी. कराते हैं। मेरी पाठशाला सुबह 8:30 पर शुरू होती है और 2 बजे दोपहर को बन्द हो जाती है। मैं हर दिन स्कूल जाता हूँ।

हमारे प्रधानाध्यापक श्रीमान रजत शर्मा हैं। वे हम बच्चों से बहुत मधुर व्यवहार करते हैं । गलती पर वे सज़ा भी देते हैं। सारे विद्यार्थी एवं शिक्षक उनका आदर करते हैं।

मेरी पाठशाला सबसे अच्छी है। मैं वहाँ हर दिन नई बातें सीखता हूँ।

मेरी कक्षा पर निबंध- My Classroom Essay in Hindi

10 Lines on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध हिंदी में  ( 250 words )

मैं दिल्ली पब्लिक स्कूल का छात्र हूँ। यह विद्यालय नगर के प्रसिद्ध विद्यालयों में से एक है। इसका परीक्षा परिणाम पर प्रशंसनीय रहता है। खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में भी यह अग्रणी रहता है। मेरे विद्यालय की दो मंजिली इमारत तो देखते ही बनती है। इसकी एक निराली शान है। खेल के मैदान, तरणताल व छात्रावास की भी व्यवस्था है।

मेरे विद्यालय में लगभग तीन हजार छात्र-छात्राएँ शिक्षा पाते हैं। हमारे अध्यापक-अध्यापिकाओं की संख्या लगभग सौ से ऊपर है। दूसरे स्टाफ की संख्या भी बहुत है। दूर-दूर से छात्र बसों द्वारा यहाँ पढ़ने आते हैं। सारे अध्यापक बहुत अनुभवी, उच्च शिक्षा प्राप्त, प्रशिक्षित और परिश्रमशील हैं। हमारे प्रधानाचार्य तो गुणों की खान ही हैं। वे हमारे साथ बहुत ही मद् तथा पिता तुल्य व्यवहार करते हैं। अनुशासन के मामले में वे बड़े कठोर हैं। थोड़ी-सी भी लापरवाही या अव्यवस्था उन्हें सहन नहीं। लेकिन वे शारीरिक दण्ड में कम विश्वास करते हैं।

हमारे स्कूल का पुस्तकालय तो अपने आप में एक उदाहरण है। उसमें सभी विषयों की हजारों पुस्तकें हैं, विश्वकोष हैं, पत्र-पत्रिकाएँ हैं और एटलस, मानचित्र आदि हैं। वहाँ से हम पुस्तकें घर भी ले जा सकते हैं। विद्यार्थी अपना बहुत सा समय वहाँ पढ़ने-लिखने में व्यतीत करते हैं। पुस्तकालय में एक अध्यक्ष हैं और कई अन्य कर्मचारी। वे सभी हमारे साथ बड़ा सहयोग करते हैं।

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Mere Vidyalaya Par 10 Line

Meri Pathshala Nibandh

My School Essay in Hindi 10 Lines

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Mera Vidyalaya Nibandh – मेरा विद्यालय निबंध ( 300 words )

विद्यालय का दूसरा नाम पाठशाला या स्कूल है। बच्चों को शिक्षा देने का उत्तम स्थान है। यहाँ दूर-दूर से बच्चे पढ़ने आते हैं। शिक्षा ग्रहण करने पर बच्चे विद्वान बनते हैं और अपने भावी जीवन में सफल होते हैं।’

मेरा विदयालय रूप नगर में है। इसका नाम स डी पब्लिक स्कूल है। यह दिल्ली के माने हुए स्कूलों में से एक है। यहाँ तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं। यहाँ एक सौ अध्यापक तथा अध्यापिकाएँ पढ़ाती हैं।

मेरे विद्यालय के दो बड़े भवन हैं। इसमें 120 कमरे हैं। हर कमरे में हवा तथा रोशनी का प्रबन्ध है। हर कमरे में श्यामपट और बिजली का पंखा लगा हुआ है। अध्यापक तथा बच्चों के लिए मेजें और कुर्सियाँ बिछी हुई हैं। वहाँ बच्चों के खेलने के लिए तीन बड़े मैदान हैं जहाँ सवेरे तथा शाम बालक और बालिकाएँ खेलते हैं।

मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों और अनुशासन का भी ध्यान रखा जाता है। हर वर्ष हमारे स्कूल में बच्चों की परीक्षा का परिणाम बड़ा अच्छा निकलता है। यहाँ दो पी. टी. मास्टर हैं जो बच्चों को सवेरे तथा शाम कई खेलों का अभ्यास कराते हैं। यहाँ एक बड़ा हॉल है जहाँ गोष्ठियाँ, वाद विवाद, प्रतियोगिताएँ आदि होती हैं। यहाँ कभी-कभी शिक्षाप्रद चलचित्र भी दिखाए जाते हैं।

मेरा विद्यालय बारहवीं कक्षा तक है। यह सवेरे सात बजे लगता है और दोपहर एक बजे बन्द हो जाता है। स्कूल की अपनी बसें हैं जो बच्चों को उनके घर से ले आती हैं और छोड़ आती हैं। स्कूल में पुस्तकों की दुकान है जहाँ से हम पुस्तकें और अभ्यास पुस्तिकाएँ खरीदते हैं। यहाँ किट शाप भी है जहाँ हम स्कूल की तैयार पोशाक खरीद सकते हैं।

मेरे विद्यालय में वाचनालय का भी प्रबन्ध है जहाँ हम समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं। मि. नैयर हमारे स्कूल के प्रिंसिपल हैं। मुझे मेरा स्कूल बहुत अच्छा लगता है।

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Meri Pathshala Nibandh Essay in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध ( 500 words )

हमारा श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय, रूपनगर विष्णुपदी गंगा के पावन तट पर अवस्थित है। इसका नामकरण बिहार-केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के उदात्त व्यक्तित्व को उजागर करता है। पटना के अशोक राजपथ से लगभग तीस किलोमीटर पर निर्मित यह विद्यामंदिर राज्य का एक प्रमुख शिक्षा-केंद्र है।

हमारे विद्यालय में लगभग सात सौ छात्र हैं तथा तीस शिक्षक। अधिकांश शिक्षक एम. ए. तथा एम. एस-सी. योग्यतावाले हैं। हमारे प्रधानाध्यापक श्री रामयश सिंह को राज्य के प्रायः सभी शिक्षाप्रेमी जानते हैं। उनका जीवन साधना एवं त्याग का जीवन है। यही कारण है कि हमारे शिक्षकगण भी उनके नेतृत्व में काम करना अपना गौरव समझते हैं। यहाँ केवल सातवें से दसवें वर्ग के छात्र पढ़ते हैं। सातवीं और आठवीं श्रेणियों में चार-चार तथा नौवीं और दसवीं श्रेणियों में तीन-तीन उपवर्ग (sections) हैं।

हमारे विद्यालय में पढ़ाई का बहुत उत्तम प्रबंध है। छात्रों को गृहकार्य भी दिया जाता है और हमारे शिक्षक छात्रों की उत्तरपुस्तिका को मनोयोगपूर्वक देखते हैं। वर्ष में दो बार आवधिक परीक्षाएँ तथा एक बार वार्षिक परीक्षा होती है। परीक्षा में किसी प्रकार का पक्षपात न हो, इसलिए प्रधानाध्यापक प्रतीक-पद्धति द्वारा विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रथम पन्ना बदल देते हैं और नामों के बदले प्रतीक से काम लेते हैं। उनके इस कार्य में उपप्रधानाध्यापक सहायता पहुँचाते हैं। यद्यपि अधिकांश छात्र गाँवों से आते हैं, लेकिन दसवीं श्रेणी के सभी छात्रों का छात्रावास में रहना अनिवार्य कर दिया जाता है। छात्रावास में अंतिम कक्षा के छात्रों की विशेष पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है। यही कारण है कि हमारे यहाँ के अधिकांश छात्र मैट्रिकुलेशन परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारे विद्यालय का कोई छात्र योग्यता-छात्रवृत्ति (merit scholarship) न ले। यही कारण है कि कई बार बिहार के शिक्षामंत्री हमारे विद्यालय में शिक्षा-व्यवस्था देखने आये और हमारे सहपाठियों के उत्तर से प्रसन्न होकर उन्होंने कई सहस्र का अनुदान दिया।

हमारे विद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है, जिसमें सभी विषयों की पुस्तकें विद्यमान हैं। पुस्तकालय-भवन में ही वाचनालय है, जिसमें लगभग एक दर्जन दैनिक, मासिक तथा साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएँ आती हैं। विद्यालय तथा छात्रावास में रेडियो है। जब कभी आकाशवाणी से विद्यालयीय कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है, तो हम राज्य के विख्यात विद्वानों की वार्ताओं से लाभान्वित होते हैं।

हमारे विद्यालय के पीछे एक बड़ा-सा आयताकार क्रीडाक्षेत्र है, जिसमें छात्र फुटबॉल, पालीबॉल, क्रिकेट, बैडमिण्टन इत्यादि खेलते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारा विद्यालय कोई-न-कोई शील्ड न जीतता हो।

शिक्षण की एकरसता दूर करने तथा विशेष ज्ञानवर्द्धन के लिए हमारे प्रधानाध्यापक गोष्ठियों, पनववादों एवं भाषणों का आयोजन करवाते हैं। हमारे विद्यालय में गोस्वामी तुलसीदास की पता बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है। तुलसी-सप्ताह के अंतर्गत सात दिनों तक रामायण-पाठ चलता है। छात्रों के बीच निबंध तथा भाषण की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। अंतिम दिन तुलसी-साहित्य के किन्हीं वरिष्ठ विद्वान का हम प्रवचन सुनते हैं तथा उनका भाषण टेप कर लेते हैं और उसे हम अपने इच्छानुसार सुनते रहते हैं।

चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो या क्रीड़ा का, हमारे विद्यालय का नाम प्रथम रहता है। हम छात्र अपनी सारी शक्ति लगाकर अध्ययन करते हैं, ताकि हमारे विद्यालय की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगता रहे। हमारे आचरण पर भी हमारे गुरुजनों के सदाचरण की अमिट छाप रहती है। हमारे आचरण को देखकर “एटन’ और ‘हैरो’ के छात्रों का आचरण स्मरण हो आना स्वाभाविक-सा लगता है।

भारतवर्ष एक दिन जगद्गुरु के सर्वोच्च आसन पर विराजमान था। आज हमारे देश में शिक्षा में भले ह्रास हो गया हो, परंतु यदि हमारे विद्यालय-जैसे सभी विद्यालय हो जायँ, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश अपनी नष्टप्राय मर्यादा प्राप्त कर संसार में पुनः समादृत हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh | My school Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध

नमस्ते, 10Lines.co में आज हम बच्चों के लिए मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध अर्थात “in English, 10 Lines on my School in Hindi ” लेकर आए है तो लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें और My School 10 Lines in Hindi, My School Essay in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध और मेरा विद्यालय का महत्व क्या है इसकी जानकारी प्राप्त करें जिससे आपके ज्ञान का दीपक जल सके।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन निबंध

जब बच्चे निबंध लिखना शुरू करते हैं तब उन्हें छोटे-छोटे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। अकसर कक्षा 1 हो या कक्षा 5 किसी भी कक्षा के छात्रों को मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है लेकिन जिस तरह कक्षा अ का बच्चा निबंध लिखेगा उस तरह कक्षा 5 का नहीं लिख सकता है। क्योंकि जैसे-जैसे कक्षा बढ़ती जाती है वैसे-वैसे बच्चों को अच्छा निबंध लिखने की कला भी आनी चाहिए लेकिन छोटे बच्चों के लिए इस तरह के विषयों पर निबंध लिखना बहुत मुश्किल होता है।

यही कारण है कि इस लेख में हमने विद्यालय पर 10 पंक्तियां लिखने की कोशिश की है ताकि अगर आप से मेरा विद्यालय पर 10 वाक्य निबंध लिखने को कहा जाए तो आप आसानी से उस निबंध को लिख सके। हमने निबंध लिखने के लिए अलग-अलग लाइन का प्रयोग इसलिए किया है ताकि आप सभी लाइन को एक साथ जोड़ कर एक अच्छा सा निबंध लिख सके।

विद्यालय का अर्थ क्या है?

विद्यालय का अगर सामान्य अर्थ निकाला जाए तो इसका मतलब एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर विद्या ग्रहण की जाती है। विद्यालय को अंग्रेजी भाषा में स्कूल या फिर इंस्टीट्यूट कहा जाता है। विद्यालय में पढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के टीचर होते है और जो व्यक्ति विद्यालय के सारे कार्यभार को देखता है, उसे विद्यालय का प्रिंसिपल या फिर मुख्य कार्यवाहक अधिकारी कहा जाता है।

बता दें कि स्कूल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। ग्रीक में एक शब्द SKHOLE है और इसी शब्द से स्कूल शब्द की उत्पत्ति हुई।

वर्तमान के समय में विद्यालय एक सामाजिक संस्था के तौर पर काम कर रहा है, जहां पर बालक अपने कौशल, अपनी कैपेसिटी, अपने इंटरेस्ट, अपने रुझान और अपनी योग्यता के हिसाब से अपना डेवलपमेंट करता है। विद्यालय में पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को अपना एडमिशन कराना पड़ता है और इसके बाद ही उनकी शिक्षा चालू होती है और उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों को फीस के तौर पर जो विद्यार्थी पैसे देते हैं, उन्हीं में से सैलरी दी जाती है।

(SET 1) » My School Essay in Hindi 10 Lines for Class 1

  • 👉 मेरा स्कूल शहर के सबसे लोकप्रिय और बड़े स्कूलों में से एक है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का भवन बहुत विशाल और सुन्दर है, बच्चे वहां दौड़ते रहते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में एक विशाल खेल का मैदान है जहाँ मैं विभिन्न प्रकार के बाहरी खेल खेल सकता हूँ।
  • 👉 हम अपने स्कूल में स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्रता दिवस जैसे सभी राष्ट्रीय समारोह बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय है जहाँ हम किताबें पढ़ सकते हैं।
  • 👉 मेरा विद्यालय सप्ताह में एक बार शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं आयोजित की जाती है।
  • 👉 मेरे स्कूल में एक विज्ञान प्रयोगशाला है जो अच्छी तरह से सुसज्जित है।
  • 👉 मेरे स्कूल में मेरे कई दोस्त हैं जहाँ हम साथ पढ़ते और खेलते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल के शिक्षक बहुत दयालु हैं और सभी का ख्याल रखते हैं।
  • 👉 मुझे स्कूल जाना अच्छा लगता है क्योंकि मैं हर दिन नई चीजें सीखता हूं।

अगर आपको कोई प्रश्न पूछना है तो आप कमेंट के मध्यम से अपना प्रश्न पूछ सकते है और अगर आपको जानकारी पसंद आए तो इस जानकारी को अन्य छात्रों के साथ साझा जरूर करें।

(SET 2) » Essay on Mera Vidyalaya in Hindi 10 Lines

» मेरा विद्यालय पर 10 लाइन  (सेट 2)

  • 👉 मेरे विद्यालय का नाम सेंट मैरी डे स्कूल (आप अपने विद्यालय का नाम लिखे) है, मेरा स्कूल एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल है।
  • 👉 मेरा विद्यालय उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का कैंपस बहुत बड़ा है और इसके चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे लगाए हुए हैं जो देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।
  • 👉 मेरे विद्यालय में बहुत से शिक्षक और शिक्षिका आए हैं जो हमें बहुत ही अच्छे से पढ़ाते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में अनुशासन और समय की पाबंदी को सबसे ऊपर रखा जाता है। यही कारण है कि मेरे विद्यालय के सभी बच्चे बहुत ही अनुशासित हैं।
  • 👉 हमारे विद्यालय में एक स्टाफ रूम, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब और रसायन लैब भी है।
  • 👉 मेरा विद्यालय co-edu को बढ़ावा देता है जिसके कारण मेरे विद्यालय में लड़की और लड़कियां दोनों साथ में पढ़ते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में करीब 800 बच्चे पढ़ते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में 1 से लेकर 10 वी कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
  • 👉 मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है और मैं कभी भी स्कूल जाने से मना नहीं करता हूं।

आशा करता हूँ कि स्कूल के बारे में 10 लाइन हिंदी में पढ़ कर आपको सारी जानकारी मिल गई होगी। मेरे विद्यालय पर निबंध 10 लाइन अभी खत्म नहीं हुआ है, नीचे और भी स्कूल पर 10 वाक्य पढ़ने को मिलेंगे।

(SET 3) » M era Vidyalaya Nibandh 10 Line

  • 👉 मेरा स्कूल शहर के कुछ बेहतरीन स्कूलों में से एक है।
  • 👉 पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित हमारा विद्यापीठ स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा पहले आता है।
  • 👉 मेरा स्कूल तीन मंजिला ऊंचा है लेकिन इसमें साफ सफाई का बेहद ख्याल रखा जाता है।
  • 👉 मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित होती रहती हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल के सामने कई सारे पेड़ पौधे उगाए गए हैं जिससे वहां का वातावरण बहुत ही स्वच्छ रहता है।
  • 👉 मेरे स्कूल का यूनिफार्म में स्काई ब्लू शर्ट और डीप ब्लू पैंट है।
  • 👉 शिक्षा के साथ-साथ हमारे स्कूल में बच्चों को नैतिकता भी सिखाया जाता है।
  • 👉 हमारे स्कूल में शिक्षक बच्चों के साथ घुलमिल कर पढ़ाते हैं।
  • 👉 पढ़ाई के साथ-साथ बीच-बीच में बच्चों को खेल भी कराया जाता है।
  • 👉 सभी बच्चों को स्कूल जाना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है।

(SET 4) » मेरा विद्यालय पर 10 लाइन हिंदी में

  • 👉 मेरा स्कूल मेरे घर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
  • 👉 मेरा विद्यालय मेरे दूसरे घर के समान है, जहाँ मेरे शिक्षक मेरे अभिभावक हैं।
  • 👉 मुझे अपने स्कूल में रहना इतना अच्छा लगता है कि मैं छुट्टियों में भी जाना पसंद करूँगा।
  • 👉 मेरे स्कूल में खेलने और पाठ्येतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है।
  • 👉 मेरे विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी बहुत सहयोगी हैं और छात्रों की देखभाल करते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल में जूनियर, मिडिल और सीनियर सेक्शन के लिए अलग-अलग फ्लोर हैं।
  • 👉 मेरा विद्यालय गर्मी की छुट्टियों से पहले वार्षिक समारोह और खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करता है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का लक्ष्य प्रत्येक छात्र में से सर्वश्रेष्ठ निकालना है।
  • 👉 मेरे स्कूल ने व्यक्तिपरक ज्ञान के अलावा मेरे कौशल का भी विकास किया है।
  • 👉 मेरे स्कूल में मैंने बहुत सारे दोस्त बनाए हैं।

विद्यालय पर लिखी गई इन 10 पंक्तियों (Mera Vidyalaya Essay in Hindi) का अध्ययन करने के बाद अब हम विद्यालय पर निबंध पढ़ते हैं। स्कूल पर निबंध में आपको मेरे स्कूल के बारे में बहुत सी बातें जानने को मिलेगी।

Essay on School in Hindi

स्कूल एक ऐसी जगह होती है जहां हम पढ़ना लिखना शुरू करते है, इसी जगह पर हमारी नींव रखी जाती है। हम बड़े होकर कैसे व्यक्ति बनेंगे किस तरह से समाज का कल्याण करेंगे उन सभी चीजों की शुरुआत स्कूल के दिनों में ही हो जाती हैं। बचपन से हमें स्कूल में कैसे आचरण करना चाहिए यही सिखाया जाता है।

व्यक्ति के जीवन में विद्यालय की भूमिका

मेरा स्कूल मेरे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मैं अपने स्कूल के विषय में जो भी कहूं वह मेरे लिए कम ही पड़ जाता है क्योंकि यह एक छात्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान है और यह हमें नई चीजें सीखने में मदद करता है।

स्कूल में हमारे जो शिक्षक होते है वह हमें नई नई चीजें सिखाते है और जब हम गलती करते है तो हमारे शिक्षक हमें सही बातें सिखाते हैं। यही कारण है कि स्कूल को सबसे ऊपर रखा जाता है और सभी बच्चों को यही सिखाया जाता है कि उन्हें स्कूल हमेशा जाना चाहिए।

बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि रोजाना स्कूल जाना चाहिए क्योंकि अगर कोई रोजाना स्कूल नहीं जाता तो वह कक्षा में बताई जा रही बातों पर ध्यान नहीं दे पाएगा और इस समस्या से बचने के लिए रोजाना स्कूल जाने में ही समझदारी है जो बच्चे रोज स्कूल जाते है वही हमेशा अच्छे नंबर लाते हैं।

स्कूल में केवल किताबी बातें ही नहीं सिखाई जाती बल्कि यह भी सिखाया जाता है कि अच्छी संगति कैसे बनाई जाती है और समय का पाबंद कैसे बना जाता है! स्कूल में बच्चों को सिखाया जाता है कि अच्छे से आचरण करने से क्या होता है और खराब आचरण करने वालों के साथ क्या होता है। स्कूल ही पहली जगह होती है जहां हम बहुत से बच्चों से मिलते है और बातचीत करना शुरू करते है तो समाज में किस तरह से रहना चाहिए। सबसे बड़ा सबक हमें स्कूल ही सिखाता है।

स्कूल हमें एक बेहतर इंसान बनाता है और हमें इस योग्य बनाता है कि हम अपने से बड़ों के सामने खुद को बेहतर ढंग से पेश कर सके।

गुरु का महत्व

हम जो खुद ही सीखते है वह हमारे शिक्षकों की दी गई शिक्षा के कारण ही मुमकिन हो पाता है क्योंकि अगर वह शिक्षा नहीं देंगे तो हम कभी भी ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते हैं। बच्चे की ज्ञान को अर्जित करने की कला भी शिक्षक ने उन्हें सिखाते हैं। यही कारण है कि शिक्षा प्राप्ति में जितना बच्चे की भूमिका होती है उतनी ही भूमिका एक शिक्षक की भी होती है।

एक अच्छा शिक्षक एक छात्र का जीवन सफल बनाने और उसे एक अच्छा इंसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि मां बाप हमेशा बच्चों के बुनियादी स्कूल को ध्यान से सुनते है ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके। ‌ क्योंकि अगर बुनियादी अच्छी नहीं होगी तो आगे चलकर बिल्डिंग की नींव डगमगाने लगेगी।

मैंने बचपन से ही अपने स्कूल में पढ़ाई की है और अब मेरे स्कूल में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए हैं साथ ही साथ मेरे शिक्षकों के साथ भी काफी अच्छी बातचीत होती है और मैं रोजाना स्कूल जाता हूं जिससे मेरी पढ़ाई हमेशा अपडेट रहती है। मैं हमेशा होमवर्क करके जाता हूं जिससे मेरे शिक्षक हमेशा मुझसे खुश रहते हैं। मुझे मेरा स्कूल बहुत पसंद है इसीलिए मैं अपने स्कूल को अपना दूसरा घर मानता हूं।

विद्यालय के प्रकार क्या हैं?

विद्यालय यानी की स्कूल विभिन्न प्रकार के होते है और यह विभिन्नता उनके ढांचे, मैनेजमेंट, स्वरूप, उद्देश्य के आधार पर होती है।

1: केन्द्रीय विद्यालय

केंद्रीय विद्यालय का संचालन ऑल इंडिया लेवल पर किया जाता है और केंद्रीय विद्यालय में समान सिलेबस, समान लेवल पर संचालित होते है जिसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अंग्रेजी भाषा में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) कहा जाता है।

2: सरकारी विद्यालय

सरकारी विद्यालय को अंग्रेजी में गवर्नमेंट स्कूल (Government School) कहां जाता है, जहां पर विद्यार्थियों को आसान एजुकेशन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य के लिए हर 40 विद्यार्थी पर एक स्कूल को चलाने की योजना होती है और वर्तमान के समय में इंडिया के अधिकतर गांव में इस प्रकार के स्कूल चलाए जाते हैं।

इस प्रकार के स्कूल को गवर्नमेंट के द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है, साथ ही इस प्रकार के स्कूल में मिड डे मील योजना का संचालन भी होता है और इस प्रकार के स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गवर्नमेंट की तरफ से स्कॉलरशिप भी दी जाती है जिसे की वजीफा कहा जाता है। गवर्नमेंट स्कूल स्टेट गवर्नमेंट के एजुकेशन डिपार्टमेंट के द्वारा संचालित होते है और इन्हें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

3: नवोदय विद्यालय

नवोदय विद्यालय सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा सर्टिफाइड होते है और इस विद्यालय में होनहार विद्यार्थियों को पढ़ने का मौका दिया जाता है और उन्हें रहने के लिए बिल्कुल निशुल्क आवास, भोजन और एजुकेशन की व्यवस्था दी जाती है। इसे भी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

4: निजी विद्यालय

निजी विद्यालय को प्राइवेट विद्यालय कहा जाता है जिसे किसी प्राइवेट व्यक्ति के द्वारा संचालित किया जाता है। इस विद्यालय में जो टीचर होते है उन्हें कितनी सैलरी मिलेगी, इस बात का निर्णय विद्यालय का प्रशासन ही करता है। कुछ निजी विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा सर्टिफाइड होते है तो कुछ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा सर्टिफाइड होते हैं। वर्तमान के समय में निजी विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है। गवर्नमेंट विद्यालय की तुलना में निजी विद्यालय में महीने की फीस ज्यादा होती है।

5: संस्कृत विद्यालय

संस्कृत विद्यालय में अधिकतर हिंदू समुदाय के विद्यार्थी अध्ययन करते है। इनमें उन्हें आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है साथ ही पूजा, प्रार्थना, मंत्र और वेदों की शिक्षा भी दी जाती है और मुख्य तौर पर इस प्रकार के विद्यालय में पढ़ाई का माध्यम संस्कृत भाषा ही होती है।

6: मिशनरीज स्कूल

इस प्रकार के विद्यालय के कर्ताधर्ता क्रिश्चियन समुदाय के लोग होते है जिसे सीबीएसई बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त हुई होती है। इस प्रकार के विद्यालय में ईसाई धर्म का ज्यादा इफेक्ट देखा जाता है।

7: आर्मी वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित विद्यालय

इंडिया का डिफेंस डिपार्टमेंट इस प्रकार के स्कूल का मैनेजमेंट करता है और इस प्रकार के विद्यालय की देखरेख आर्मी के ऑफिसर करते हैं।

8: मिलट्री स्कूल

इंडिया के डिफेंस मिनिस्ट्री के द्वारा ही इस प्रकार के स्कूल को संचालित किया जाता है।

मुसलमान समुदाय के लोगों को यहां पर धार्मिक एजुकेशन मिलती है जिसमें उन्हें मौलाना पढ़ाते हैं।

10: आदर्श विद्या मंदिर

मुख्य तौर पर इस प्रकार के विद्यालय में हिंदी भाषा पर जोर दिया जाता है और विद्या भारती के द्वारा इसे संचालित किया जाता है। इसके अलावा आर्य समाज विद्यालय, बौद्ध मठ, चल विद्यालय है।

तो साथियों  मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध (My School Essay in Hindi 10 Lines) आपको कैसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से जरूर अवगत कराएं। साथ ही जानकारी को दूसरों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध को शुरू करने से पहले सर्वप्रथम आप सभी को 15 अगस्त 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं। आज के इस शुभ अवसर पर आप सभी के लिए हमेशा की तरह कुछ नया लेकर आया हूँ। 15 अगस्त 1947 की तारीख को कोई भी भूले नहीं भुला सकता है। 15 अगस्त के दिन हमारा भारत…

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Hindi Essay on “Mera Vidyalaya ” , ”मेरा विद्यालय” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मेरा विद्यालय, mera vidyalaya , essay no. 01.

प्रस्तावना – विद्यालय विद्वता का पवित्र स्थान होता है। इसे ‘मां भगवती सरस्वती का मन्दिर’ कहा जाता है। मैं चन्दौसी (मुरादाबाद) के बी०एम० कॉलेज में पढ़ता हूं।

मेरा आदर्श विद्यालय एक कॉलोनी के माकेंट के पास स्थित है। यह शोरगुल से । दूर है एवं एक ऊंची चारदीवारी से घिरा हुआ है। इस स्कूल में पचास कमरे और एक बड़ा खेल का मैदान है। जहां विभिन्न खेल खेले जाते हैं। विद्यालय की दीवारें बाहर से चॉकलेटी तथा अन्दर से सफेद रंग से पुती हुई हैं। स्कूल के सभी कमरे बहुत खुले हुए तथा फर्नीचरयुक्त हैं। हमारे विद्यालय में फूलों की विविध किस्म से युक्त चार बगीचे हैं।

विद्यालय की विशेषतायें – स्कूल में विज्ञान की तीन प्रयोगशालाएं और एक पुस्तकालय है जिसमें विभिन्न विषयों की हजारों कितावें हैं। यहां लगभग 1,500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। यहां 60 अध्यापक हैं जो उच्च शिक्षित हैं तथा अपने विषयों को अच्छी तरह पढ़ाते हैं। मेरे प्रधानाचार्य मिस्टर सुन्दर शर्मा विद्यालय को प्रगति के रास्ते पर ले जाने के लिए हर समय प्रयत्नशील रहते हैं। वे विद्यार्थियों को पुत्रवत् तथा शिक्षकों को सहयोगी की भांति मानते हैं।

बच्चों का स्वर्ग सामान  विकास – मेरे विद्यालय में पढ़ाई के अलावा बच्चों के सर्वागीण विकास की ओर ध्यान दिया जाता है। उन्हें खेल-कूद में हिस्सा लेने वाद-विवाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। यही वजह है कि मण्डलीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में हमारा विद्यालय अनेक पुरस्कार और ट्राफियां हर वर्ष जीतता है। उन ट्राफियों और शील्ड को कॉमन हॉल में, जहां शिक्षकगणों के साथ प्रधानाचार्य प्रत्येक सप्ताह मीटिंगें करते हैं, वहां सजाकर रखा गया है। उस कॉमन हॉल में चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त की गयी, विद्यार्थियों की बनाई ड्राइंग एण्ड पेण्टिंग्स दीवारों परशोभायमान हैं।उनकी संख्यातीस के आस-पास है। विद्यार्थियों द्वारा बनायीं वे पेण्टिंग्स विद्यालय की धरोहर और उन विद्यार्थियों की शान का प्रतीक हैं जिनके नाम पेण्टिंग्स के नीचे अंकित हैं साथ ही उस वर्ष का तथा प्रतियोगिता के नाम का भी अंकन है जिस प्रतियोगिता में शामिल होकर जिस वर्ष वे पुरस्कृत हुए हैं। जीती हुई ट्राफियों के नीचे भी वर्ष, प्रतियोगिता और विद्यार्थियों के नाम लिखे गये हैं।

उपसंहार – मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। मुझे अपने विद्यालय के अनुशासन । पर भी गर्व है। यद्यपि मैं क्रीड़ा प्रतियोगिता व चित्रकला में हिस्सा नहीं लेता क्योंकि मेरा स्वास्थ्य क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने योग्य नहीं मेरी चित्रकला भी अच्छी नहीं ह। पर में विद्यालय का मेधावी छात्र हूं, अध्यापक और प्रधानाचार्य आशा करते हैं कि इस वर्ष यू०पी० बोर्ड की प्रदेश में मेरिट लिस्ट में मेरा नाम आयेगा। मैं पढ़ाई के क्षेत्र में अपने विद्यालय का नाम रोशन करना चाहता हूं।

Mera Vidyalaya

Essay no. 02.

मेरे विद्यालय का नाम बाल विकास विद्यालय है। यह विद्यालय बिहार की राजधानी पटना के एक मुहल्ले में है। इस विद्यालय का भवन तीन खंडों में है। एक ओर शिक्षकों का आवास है। मध्य के दो खंडों में कार्यालय और कक्षाओं की व्यवस्था है। अंत में प्रधानाचार्य का आवास है। विद्यालय का भवन सरकार द्वारा निर्मित है। समय-समय पर सरकार द्वारा उसकी मरम्मत भी कराई जाती है।

विद्यालय में अष्टम वर्ग तक की पढ़ाई होती है। हमारे विद्यालय में कुल सोलह शिक्षक हैं। सभी शिक्षक योग्य और विद्वान हैं।

हमारा विद्यालय सुबह 8 बजे से आरंभ होता है। यहाँ में कक्षा प्रारंभ होने से पहले प्रार्थना होती है। कालांश (पीरियड) निर्धारित विषय के शिक्षक कक्षा में आकर पढ़ाते हैं। सभी छात्र-छात्राएँ खेल शिक्षक के निर्देशन से खेलों में भाग लेते हैं। हमारे विद्यालय में खेलने के लिए एक बड़ा मैदान है। विद्यालय में एक ओर अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हैं। छुट्टी की घंटी बजने पर सभी विद्यार्थी कतारबद्ध होकर अपने-अपने घर के लिए प्रस्थान करते हैं।

हमारे विद्यालय में हमेशा सफाई रहती है क्योंकि सभी विद्यालय को साफ-सुथरा रखने में मदद करते हैं। हमारे विद्यालय की पढ़ाई अति उत्तम है। सभी शिक्षक बच्चों को प्यार करते हैं। हमारा विद्यालय अच्छी पढ़ाई और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के विद्यार्थी प्रतिवर्ष छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करते हैं।

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Hindi Essay on “Vidyalaya me mera pehla din”, “विद्यालय में मेरा पहला दिन”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

विद्यालय में मेरा पहला दिन

Vidyalaya me mera pehla din

मुझे याद आ रही हैं फारसी के शायर शब्तसरी की ये पंक्तियाँ–

“ जे ते हर फेल कि अव्वल गश्त जाहिर।

वरां गर्दी बवारे ‘ चन्द कादिर।।”

अर्थात पहली बार जो भी काम किया जाए, वह कठिन लगता है, परन्तु ‘धीरे-धीरे वही काम सरल हो जाता है। सचमुच, जीवन में ऐसा ही तो है। पहली बार किसी नए काम को करो, पहली बार किसी यात्रा पर जाओ; पहली बार किसी से बातचीत करो, अवश्य ही विचित्र अनुभव होगा। यह अनुभव मधर भी हो सकता। है और कट भी। ऐसा ही खट्टा-मीठा अनुभव मुझे तय हुआ, जब मैं पहले दिन अपने वर्तमान विद्यालय में गया।

मैं चौदह वर्षीय नौंवी कक्षा का छात्र हैं। मेरी माताजी एक माध्यमिक विद्यालय में अध्यापिका हैं। पिताजी दिल्ली में एक सरकारी कर्मचारी हैं। हमारा सीमित और खुशहाल परिवार है। पिताजी सुबह रेलगाड़ी से दिल्ली जाते हैं और शाम को लौटते * माता जी भी गैरे विद्यालय जाने के उपरांत नौकरी पर चली जाती हैं। शाम। को हम सभी मिल-जलकर और बैठकर बातचीत करते हैं। पहले मैं भी अपनी माताजी। वाले विद्यालय में ही पढ़ता था, किन्तु वह विद्यालय केवल आठवीं कक्षा तक ही या। अतः मुझे नौंवी कक्षा में विद्यालय-परिवर्तन करना पड़ा और में हिन्दू विद्यापीठ में आ गया। चूंकि आठवीं कक्षा में मैंने 80% अंकों से उत्तीर्ण की थी। मेरा पर्व विद्यालय भी ‘सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन, नई दिल्ली’ से ही सम्बद्ध था। अतः विलम्ब हो जाने के बावजूद यहाँ प्रवेश लेने में मुझे कोई कठिनाई नहीं हुई। इस नए विद्यालय में प्रवेश के प्रथम दिन मेरे हृदयसरोवर में काफी हलचल मची हुई थी। मैं सोच रहा था न जाने कैसा विद्यालय होगा ? अध्यापक कैसे होंगे ? अन्य विद्यार्थी कैसा व्यवहार करेंगे ? आदि। पर साथ ही में इस आत्मविश्वास से भी भरा हुआ था कि शीघ्र ही स्वयं को इस नए माहौल में डाल लूंगा।

मैं विद्यालय के निर्धारित समय से 5 मिनट पूर्व कक्षा में पहुँचा। मैंने अपनी पुस्तकें एक डेस्क पर रखीं और कक्षा का जायजा लेने लगा। इतने में प्रार्थना के लिए घंटी बजी। मैं भी अन्य छात्रों के साथ-साथ प्रार्थना स्थल की ओर चल दिया। अपनी कक्षा की पंक्ति में जाकर खड़ा हो गया। प्रार्थना के उपरांत प्रत्येक कक्षा के छात्र-पंक्तियों ने अपनी-अपनी कक्षा की ओर चल दिए। मैं भी चुपचाप आकर | अपने स्थान पर बैठ गया। कक्षा का नया छात्र होने के कारण जहाँ मैं स्वयं को कुछ अजनबी या अनुभव कर रहा था, वहीं अन्य छात्र मुझे ऐसे घूर-दूर कर देख | रहे थे मानो कुछ अजुबा उपस्थित हो गया हो।

खैर, थोड़ी देर में कक्षाध्यापिका आई । हाजिरी लेनी शुरू की। मुझ पर दृष्टिपात करते ही उन्हें प्रश्नों की झड़ी लगा दी। नाम क्या है ? पिता का नाम ? कहाँ रहते। । हो ? पहले किस विद्यालय में थे ? आदि । इसके पश्चात् प्रथम पीरियड आरम्भ हुआ। अध्यापक ने बैठने का संकेत किया। बैठते-बैठते भी अध्यापक ने मेरी ओर प्रश्न उछाल दिया। ‘नए आए हो?’ ‘क्या नाम है ?’ मैं जिन प्रश्नों के उत्तर पहले। ‘हाजिरी-पीरीयड’ के दौरान दे चुका था, उन्हीं का उत्तर एक बार फिर देना पड़ा। मैंने स्वाभाविक रूप से समस्त उत्तर दिए। अध्यापक ने कार्यारम्भ किया। उन्होंने ‘चक्रवृद्धि ब्याज’ पर आधारित कुछ सवाल समझाए। फिर एक सवाल छात्रों को करने को दिया। मैंने तुरन्त करके दिखा दिया। अध्यापक ने मेरी पीठ थपथपाते। हुए कहा-‘शाबाश ! होशियार जान पड़ते हो।’ यह सुनते ही मेरा सीना गर्व सतन गया। शायद कुछ छात्रों को अध्यापक के ये वचन गले की फांस की तरह लगे। वे मुझ पर इस प्रकार दृष्टिबाण फेंकने लगे, जैसे कह रहे हों, कहाँ से आ टपका ? खर, पहला पीरियड बीत गया।

दुसरा पीरियड अंग्रेजी था। अंग्रेजी की अध्यापिका के आने पर फिर सारी कक्षा स्वागत-हेतु खड़ी हुई। अध्यापिका के ‘सिट डाउन’ और छात्रों के ‘बैंक्यू मैडम कहने के साथ कक्षाकार्य आरंभ हुआ। अध्यापिका ने ‘ग्रामर’ करवाई। अध्यापिका द्वारा पूछे गए प्रश्नों के समुचित उत्तर देने से जहाँ मेरी विद्वत्ता सिद्ध हो रही थी, वहीं, कुछ छात्रों को ऐसा अनुभव हो रहा था कि उनका एक और प्रतिद्वन्द्वी आ गया है। इसी तरह पीरियड बीतते रहे। चार पीरियड बीतने पर अद्धांवकाश हुआ। मैं अपनी बैंच पर बैठा हुआ भोजन निकालने की सोच ही रहा था कि एक छात्र ने मुझे खाने पर निमंत्रण दिया। ‘अंधा क्या चाहे दो आँखें ।’ मैंने झट अपना टिफ़िन लिया और पहुँच गया उस छात्र के पास। भोजन के दौरान उससे उसके कुछ मित्रों से मेरा परिचय हुआ। बातों-बातों में मुझे चार मित्र मिल गए। उन्होंने विद्यालय । व अध्यापकों के विषय में बड़ी मजेदार बातें बताई। उनको मैंने खूब आनन्द लिया।

उन्होंने ही बताया कि छात्रों ने हिन्दी-अध्यापिका का नाम श्रीदेवी’ और संस्कृत-अध्यापक का नाम ‘बच्चुराम’ रखा हुआ है। तभी घंटी बजी। शिक्षण-कार्य पुनः आरम्भ हो गया।

अब प्रथम पीरियड हिन्दी का था। तथाकथित ‘श्रेदेवी जी आई। सचमुच लम्बी-छरहरी, गोरी-चिट्टी इतनी सुन्दर अध्यापिका थीं। ऐसी आकर्षक कि कोई भी छात्र उनकी बात को अनसुना कर ही न पाए। उन्होंने कक्षा में आते ही पूछा-“कल। मैंने सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन-परिचय याद करके आने को कहा था, सभी को याद है ? छात्र एक दूसरे का मुँह ताकने लगे। तब उन्होंने प्रश्न किया-‘सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

मैंने हाथ ऊपर किया। अध्यापिका की स्वीकृति मिलने पर मैंने बताया-‘उत्तर प्रदेश के निहालपुर गाँव में 1904 ई. में हुआ था।

अध्यापिका तुरन्त प्रभावित हो गई। कक्षा को सम्बोधित करके बोलीं-‘देखा, केवल एक ही छात्र याद करके आया है। तब छात्रों ने कहा-‘मगर, यह तो आज ही इस विद्यालय में आया है।

यह सुनकर अध्यापिका का ध्यान मेरी ओर गया। उन्होंने मेरा नाम, माता-पिता औरा पूर्व विद्यालय का नाम पूछा। उन्होंने मुझे शावशी दी व अन्य छात्रों को भी मुझसे प्रेरणा लेने को कहा। मुझे लगा मेरा इस विद्यालय में प्रवेश सार्थक हो गया।

इसी प्रकार करते-करते अंतिम पीरियड आ गया। यह पीरियड़ ‘यच्यूराम जी का था। उन्हें देखकर ही में जाना पाया कि बच्चों ने उनका नाम बच्चराम क्यों। रखा ? वे इतने छोटे कद के अध्यापक थे कि बच्चों से अभिन्न जान पड़ते थे। कुल मिलाकर यह पीरियड भी खूब मजे में बीता।

घंटी बजने पर सब छात्र अपने-अपने घर की ओर चल दिए। मैं भी अपनी परतकें समेटकर घर को चलने लगा। तभी पीछे से किसी ने मुझे आवाज दी। मैंने मुड़कर देखा तो वह हर्ष था—मेरा बचपन का साथी । हम पांचवीं कक्षा तक एक साथ पढे थे। छठी में वह ‘हिंदू विद्यापीट में आ गया और मैं उसी विद्यालय में पढ़ता रहा। अपने पुराने मित्र को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। उसने बताया कि वह भी नौंवी कक्षा में ‘बी’ विभाग में पढ़ता है। हम बातें करते-करते कुछ दूर तक आए। फिर वह अपने घर की ओर मुड़ गया और मैं अपने घर की ओर।

अब मुझे इस विद्यालय में पढ़ते हुए एक साल होने वाला है, किन्तु विद्यालय में पहला दिन मेरे लिए अमिट यादगार बन गया है। वर्तमान के धरातल पर खड़ा होकर जब कभी मैं अतीत के झरोखे में झांकता है, तो बरसात की प्रथम फुहार के समान रोमांचक आनन्ददायक अनुभूति से भर उठता हैं।

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कक्षा 2 के लिए मेरे विद्यालय की 10 पंक्तियाँ निबंध – Essay My School 10 Lines For Class 2 In Hindi

Essay my school 10 lines for class 2 in hindi, कक्षा 2 के लिए मेरे विद्यालय की 10 पंक्तियाँ निबंध.

Essay My School 10 Lines for Class 2 – इस पोस्ट में कक्षा 2 के लिए मेरे विद्यालय पर निबन्ध बताने जा रहे है, जिसे कक्षा 2, 3, 4 या 5 के छात्र भी अपने स्कूल में मेरे विद्यालय पर निबन्ध लिख सकते है, तो चलिए मेरे विद्यालय पर कक्षा 2 के लिए निबन्ध, 10 Line Essay on My School को जानते है.

Essay My School 10 Lines for Class 2 in Hindi

2 – मेरे स्कूल में हिन्ढी माध्यम से पढाई किया जाता है.

3 – मेरे स्कूल में शिशु से लेकर 12वी तक की पढाई होती है.

Table of Contents :-

4 – हमारा स्कूल स्कूल शहर के सबसे अच्छे विद्यालयों में से विद्यालय है.

5 – हमारे स्कूल में पढाई का समय 10 बजे से 4 बजे तक है.

6 – हमारे स्कूल की इमारते पक्की बनी हुई है, जिसमे हर कक्षा के लिए अलग अलग कमरे है.

7 – हमारे स्कूल में विद्यालय सम्बन्धी कार्यालय, प्रिसिपल कक्ष, पुस्तकालय भी है.

8 – स्कूल के बीचोबीच बहुत बड़ा मैदान है, जिसमे हम सभी बच्चे तरह तरह के खेल खेलते है.

9 – विद्यालय में एक साथ प्रार्थना करने के लिए सभी बच्चो के लिए प्रार्थना स्थल बना हुआ है.

10 – हमारे स्कूल के सभी अध्यापक बहुत अच्छे है, जो की बहुत ही अच्छे से पढाई कराते है.

तो इस तरह अगर 10 Line में Essay My School 10 Lines for Class 2 लिखने को कहा जाय तो इस निबन्ध की सहायता से आप अपने स्कूल पर निबन्ध लिख सकते है.

इन्हें बारे में जानिए : –

  • हिंदी में स्कूल पर निबंध
  • हिंदी में मेरा सबसे अच्छा दोस्त पर निबंध
  • 26 जनवरी पर बच्चों का भाषण
  • छुट्टी के दिन पर हिन्दी निबंध

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Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in hindi| मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पर निबंध

आज के इस लेख में हम मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in Hindi ) लिखना जानेंगे। महात्मा गांधी की जयंती पर मनाए जाने वाले स्वच्छ भारत दिवस के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 अक्टूबर तक राज्य के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में “मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय” ( Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Abhiyan ) अभियान शुरू करने का फैसला किया है। अगर आपको भी स्कूल या कॉलेज में हमारा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय विषय ( Hamara Vidyalaya Swachh Vidyalaya Per Nibandh ) के ऊपर निबंध लिखने के लिए दिया गया है तो यह लेख आपके लिए बहुत ज्यादा उपयोगी होने वाला है आप इसकी सहायता से एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं और पुरस्कार भी जीत सकते हैं।

Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in Hindi 

Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya पहल के हिस्से के रूप में, बच्चों को विभिन्न स्कूल और समुदाय-आधारित गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘ मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय ‘ होगा।इससे पहले यूपी सरकार ने भी 1 सितंबर 2023 से 15 सितंबर 2023 तक राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ का आयोजन किया था, जो अब 2 अक्टूबर तक चलेगा। तो आईए जानते हैं “ Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in Hindi” विषय के ऊपर अच्छा निबंध कैसे लिखें।

Hamara Vidyalaya Swachh Vidyalaya Nibandh Overview

Mera vidyalaya swachh vidyalaya per nibandh (मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पर निबंध).

मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय: मेरा विद्यालय मेरे लिए एक दूसरा घर है। जहां हमें शिक्षा दी जाती है, वहीं हमें स्वच्छता की अध्ययन भी किया जाता है। जब मैं विद्यालय की प्रवेश द्वार पर पहुंचता हूँ, मुझे अच्छा लगता है क्योंकि मेरा विद्यालय स्वच्छ और सुसज्जित है। प्रत्येक कक्षा में डस्टबिन रखी गई है जिसमें विद्यार्थी कचरा डालते हैं।

Mera vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in hindi

हमें यह भी सिखाया जाता है कि कैसे हम स्वच्छता को बनाए रखें। प्रत्येक सप्ताह, स्वच्छता अभियान चलाया जाता है, जिसमें हम सभी विद्यार्थी स्वच्छता में योगदान करते हैं। विद्यालय के प्रांगण में पेड़-पौधे भी लगे हैं जो हरा-भरा और स्वच्छ दृश्य प्रस्तुत करते हैं। हमें यह सिखाया जाता है कि पेड़ों और पौधों का महत्व क्या है और उन्हें कैसे संरक्षित रखें। अगर हम अपने विद्यालय के प्रति अपने उत्तरदायित्वो की परिपूर्ति नही करेंगे तो हम अपने विद्यालय को एक आदर्श विद्यालय के तौर पर स्थापित नहीं कर सकेंगे।

 हमें हमारे विद्यालय की स्वच्छता को बनाए रखने एवं उसकी सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।

1. प्रतिदिन सफाई: विद्यालय की प्रतिदिन सफाई होनी चाहिए। कक्षा, टॉयलेट्स, और अन्य स्थल पर ध्यान देना चाहिए। 

2. डस्टबिन का उपयोग: प्रत्येक कक्षा और विद्यालय के प्रांगण में डस्टबिन रखना चाहिए। 

3. स्वच्छता अभियान: समय-समय पर स्वच्छता अभियान आयोजित करना, जिसमें विद्यार्थी भी शामिल हों। 

4. जल संरक्षण: टैंकी और नलों की नियमित जाँच कर जल की बर्बादी से बचना चाहिए। 

5. पेड़-पौधों की रोपण: विद्यालय के आसपास पेड़-पौधे लगाने से वातावरण स्वच्छ और ताजगी रहती है। 

6. जागरूकता अभियान: विद्यार्थियों में स्वच्छता की जागरूकता बढ़ाने के लिए सेमिनार और वर्कशॉप्स आयोजित करना। 

7. टॉयलेट्स की सफाई: टॉयलेट्स की नियमित सफाई और उनमें साबुन, टिश्यू पेपर आदि की व्यवस्था करना। 

8. विद्यार्थियों का प्रोत्साहन: विद्यार्थियों को स्वच्छता में योगदान के लिए प्रोत्साहित करना। 

9. स्वच्छता निरीक्षक: विद्यालय में कुछ विद्यार्थियों को स्वच्छता निरीक्षक के रूप में नियुक्त करना जो स्वच्छता की जाँच करें। 

10. जागरूकता पोस्टर: स्वच्चता संबंधित जागरूकता पोस्टर विद्यालय में लगाना ताकि विद्यार्थी स्वच्छता की महत्व को समझ सकें। 

इन सभी उपायों का पालन करके हम अपने विद्यालय को स्वच्छ और स्वस्थ रख सकते हैं। मेरे विद्यालय में उपरोक्त सभी बातों को ध्यान पूर्वक सभी विद्यार्थियों को समझाया जाता है एवं इसके महत्व के बारे में भी बताया जाता है। जिसके कारण सभी विद्यार्थी न केवल अपना समर्थन देते हैं बल्कि इसमें अपना सहयोग भी करते हैं।

हमारा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय निबंध निष्कर्ष : मेरा विद्यालय न सिर्फ शिक्षा देने का कार्य करता है, बल्कि वह स्वच्छता और पारिस्थितिकी मानवता की महत्वपूर्ण शिक्षा भी प्रदान करता है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे स्वच्छ विद्यालय का हिस्सा हूँ।

तो दोस्तों अगर आपको मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय ( Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay ) पर हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं और इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। आप निबंध को और बेहतर बनाने के लिए हमारा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय विषय के ऊपर स्लोगन भी लिख सकते हैं।

FAQs on Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay 

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In this article we also provide Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay pdf.

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  1. तोता पर निबंध

  2. मेरा विद्यालय hindi essay mera vidyalay nibandh

  3. mera vidyalay par nibandh

  4. Meri Maa essay in Hindi

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  6. मेरा घर पर 10 लाइन निबंध

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  1. Mera Vidyalaya Essay in Hindi

    (1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3. मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं.

  2. मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

    Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers. ... मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi.

  3. मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

    मेरा विद्यालय पर छोटे - बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein) मेरा विद्यालय पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)

  4. मेरा विद्यालय पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  5. Essay on My School in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध

    मेरा विद्यालय पर निबंध - Essay of my school in Hindi is Important for all classes 5th to 12th. Essay on My School in Hindi - इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है। विद्यालय और शिक्षा ...

  6. Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर

    मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में. Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है: मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है ...

  7. मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

    इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर ...

  8. मेरा विद्यालय निबंध

    मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध | स्कूल पर हिन्दी निबंध | Mera School, Mera Vidyalay Hindi Essay किसी भी विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक शिक्षा का मंदिर होता है और एक विद्यार्थी ...

  9. My School Essay in Hindi: मेरे स्कूल पर निबंध

    mera school essay in hindi (200 Words) हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा बचपन होता है जिसमें हम सभी चिंताओं से मुक्त होकर अपने लिए जीते हैं। हमारे ...

  10. मेरा विद्यालय

    मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। इसका नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है।. मेरा ...

  11. Paragraph on School in Hindi

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  12. मेरा विद्यालय पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  13. मेरे स्कूल पर निबंध (Essay on my school in Hindi)

    मेरे स्कूल पर निबंध (mera vidyalaya essay in hindi) - बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ज्यादा अच्छा ...

  14. Hindi Essay on "Mera Vidyalaya", "मेरा विद्यालय", Hindi Essay for Class

    मेरा विद्यालय . Mera Vidyalaya. निबंध नंबर : 01. मैं ज्ञान मंदिर विद्यालय में पाँचवी कक्षा में पढ़ता हूँ। साठ वर्ष पुराने इस विद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैली है ...

  15. Mera Vidyalaya

    Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi - मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में ( 200 words ) मेरी पाठशाला का नाम 'विवेक हाईस्कूल' है। यह लिंक रोड, शांति कुंज में है।. मेरी ...

  16. मेरा विद्यालय पर निबंध

    मेरे विद्यालय पर निबंध mere vidyaalay par nibandh Essay On My School In Hindi मेरे विद्यालय पर निबंध 200 ... तो आप सही जगह पर हैं। क्योंकि यहां आपको Mera Vidaalay Par Nibandh ...

  17. मेरा विद्यालय पर 10 लाइन

    विद्यालय पर लिखी गई इन 10 पंक्तियों (Mera Vidyalaya Essay in Hindi) का अध्ययन करने के बाद अब हम विद्यालय पर निबंध पढ़ते हैं। स्कूल पर निबंध में आपको मेरे ...

  18. Hindi Essay on "Mera Vidyalaya " , "मेरा विद्यालय" Complete Hindi Essay

    मेरा विद्यालय Mera Vidyalaya Essay No. 02. मेरे विद्यालय का नाम बाल विकास विद्यालय है। यह विद्यालय बिहार की राजधानी पटना के एक मुहल्ले में है। इस विद्यालय का भवन तीन ...

  19. Hindi Essay on "Vidyalaya me mera pehla din", "विद्यालय में मेरा पहला

    Hindi Essay on "Vidyalaya me mera pehla din", "विद्यालय में मेरा पहला दिन", for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations. Absolute-Study February 25, 2019 Hindi Essays No Comments

  20. मेरा विद्यालय पर 10 लाइन/10 lines Essay on My School in Hindi Writing

    Mera vidyalay par 10 line nibandh | मेरा विद्यालय पर 10 लाइन निबंध |mera vidyalay nibandh l Calligraphy Creators lYour Queries: mera vidyalay nibandh ...

  21. Essay My School 10 Lines For Class 2 In Hindi

    Hindi Essay; कक्षा 2 के लिए मेरे विद्यालय की 10 पंक्तियाँ निबंध - Essay My School 10 Lines For Class 2 In Hindi ... Tagged: Class 2 Essay School Essay School Nibandh Vidyalay Nibandh. LEAVE A RESPONSE Cancel reply. Your email address will not be published. Required ...

  22. 20 lines on my school essay in Hindi

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  23. Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in hindi| मेरा विद्यालय स्वच्छ

    Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya Essay in Hindi . Mera Vidyalaya Swachh Vidyalaya पहल के हिस्से के रूप में, बच्चों को विभिन्न स्कूल और समुदाय-आधारित गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व के बारे में ...