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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें –  माँ पर शायरी – Maa Shayari in Hindi

जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

यह भी पढ़ें – Best Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता

मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

Welcome Saniya, we glad you like our content.

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मेरी माँ पर निबंध और उनका मेरे जीवन में महत्व

शीर्षक: मेरी माँ पर निबंध –  Importance of Mother in Hindi

“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।

पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।

इसे भी पढ़े: मेरी प्यारी माँ पर कविताएं

माँ हमारे लिए इतना कुछ करती है, इसलिए आज मैंने अपनी माँ के लिए एक सुंदर सा माँ पर निबंध लिखा है जो इस प्रकार हैं:-

माँ पर निबंध हिंदी में – Essay on Mother in Hindi 200 Words

यहां मैंने Essay on My Mother in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखा हैं।

Mother Day Essay in Hindi For School Students

माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.

जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.

माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.

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माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.

माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.

माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.

माँ ही ऐसी होती है जो बच्चे की हर स्तिथि में बच्चे के साथ रहती है और उसका साथ देती है राह दिखाती है.

( Maa Shayari | Maa Quotes in Hindi )

10 Lines on Mother in English

Mother Day Essay in Hindi For School Students 250 Words

Best Speech on Mother in Hindi Language

“माँ” ये शब्द बड़ा अनमोल है। माँ शब्द ही नहीं बल्कि हमारे जीने का आधार है। बिना माँ के जीवन जीना बहुत मुश्किल है। जब सुबह सुबह आपकी आवाज न सुन लूँ तब तक ऐसा लगता है की सुबह हुई ही नही है या फिर लगता है की आज रविवार है।

माँ और भगवान में कौन बड़ा है ये सोच कर बड़ी असंजस में पड जाता हूँ, किसी के भी जीवन में एक माँ, सर्वश्रेष्ठ और सबसे महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उनके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। माँ हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है.

माँ के लिए उनके बच्चे बहुत किमती होते है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है.

जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख में हमारा साथ देती हैं और कोशिश करती है कि हमारी सारी परेशानियाँ हल कर दें.

मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है की जो मेरे मन में चल रहा होता है वो मेरी माँ को कैसे पता चल जाता है, माँ और बच्चों का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई भी माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में कमी नहीं लाती हैं.

“माँ” लोग कहते है की भगवान दिखाई नहीं देता लेकिन मैं कहता हूँ की आप ही मेरे भगवान हैं, माँ मैं आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी को आपके चरणों में ला दूंगा बस आप हमेशा मेरे साथ रहना मुझे कहीं छोड़ कर मत जाना।

  • मेरी प्यारी माँ पर कुछ प्रसिद्ध कविता
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Short Essay on Mother Day in Hindi 300 Words

“माँ” शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है लेकिन कैसे बताऊँ मैं इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है “माँ” ।

दुनिया की सबसे बड़ी गुरु माँ होती है, सही गलत का अर्थ माँ बचपन से ही बताती है, माँ ही होती है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है, माँ भगवान का दूसरा रूप होती है, माँ का कहना जो मान लेता है वो सच में कामयाब हो जाता है।

जीवन में चाहे कितनी भी तरक्की पा लो, पैसा कमा लो, लेकिन सच मायने में केवल यही कहूँगा की यदि “माँ” खुश नहीं तो कितना भी पैसा कमा लो सब रद्दी है।

माँ-पिता का होना जीवन का सबसे अहम भाग होता है। हर किसी के माँ-पिता नहीं होते। लेकिन जिसके होते है वो सच में किसमत वाला होता है। एक दोस्त, एक बहन, एक भाई, एक गुरु, और कभी कभी एक पिता का अभिनय निभाती है जो उसे “माँ” कहते है।

जब जेब खाली होती है तब पिता से लड़ कर हमें पैसे देती है, हमारे मन की चीजें पहले ही जान लेती है वो होती है “माँ”।

कहने को इतने शब्द हैं मगर सिर्फ इतना ही कहूँगा की “माँ” चाहे कुछ भी हो जाए मुझे मत छोड़ना, मैं तुम्हारे बिना अकेला नही जी सकता इस दुनिया में।

“माँ” कुछ नही है मेरे पास फिर भी बहुत कुछ हैं मेरे पास जब तक तुम मेरे साथ हो। इस दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ जाऊंगा मैं तुम्हारे लिए….।

“माँ” का रिश्ता केवल माँ ही निभा सकती है। माँ वो हैं जो खुद साधारण साड़ी पहनती है लेकिन अपने बच्चों को नए कपड़े दिलाती है। माँ वो होती है जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। माँ के बिना जीवन अधूरा है। माँ के लिए कुछ अगर कह सकूँगा तो किस्मत वाला मानूँगा अपने आप को।

10 Lines on Mother in Hindi

Some lines on mother in hindi.

बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते है तब भी माँ का आशीर्वाद साथ होता है।
खुद गीले में सोकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है।
थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर पूरा घर सिर पर उठा लेती है मेरे “माँ”
माँ का प्यार किस्मत वालों को मिलता है।
खुशियों का भंडार होती है “माँ”

Essay On Mothers Day In hindi | माँ पर निबंध हिन्दी में

“माँ” जिन्हे हम जननी भी कह कर बुलाते है। माँ शब्द हर किसी के मुख पर होता है और माँ शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्द है। इस दुनिया में भगवान का रूप ही होती है हमारी माँ। हम सभी के दिलों में अपनी माँ के लिए असीमित प्रेम होता है।

मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे और उनकी माता के लिए अहम दिवस होता है। माँ पर दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है। एक माँ के लिए उनके बच्चों की मुस्कान ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।

माँ हमेशा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ करती है। ऐसे में मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे के और उनकी माताओं के लिए बहुत ही खास होता है और इस दिन लोग अपनी माँ के लिए कुछ अच्छा करना चाहते है इसलिए मदर्स डे के लिए कुछ पंक्तियों को निबंध के रूप में लिखा गया है छोटे बड़े सभी मदर्स डे पर निबंध को अपने प्रयोग में ला सकते है।

मातृ दिवस पर छोटे और बड़े निबंध

जीवन में माँ का होना अत्यंत आवश्यक है जिस तरह एक मछ्ली के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है उसी तरह एक माँ के लिए उनके बच्चे और बच्चों के लिए उनकी माँ अत्यंत प्रिय है। माँ न होती तो इस संसार की कल्पना करना सच में बहुत ही मुश्किल हो जाता। जीवन के सफर में माँ ही चलना सिखाती है।

माँ ही वो शख्स है जो अपने बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार देती है और माँ बिना स्वार्थ के हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित रहती हैं। सच में अगर माँ नहीं होती तो इस संसार में किसी को भी जन्म नही मिलता।

माँ-पिता उस आसमान की तरह होते है जो कभी कभी अपने बच्चों के लिए बरसते है और जरूरत पढ़ने पर धूप की तरह आंखे भी खोल देते है लेकिन आसमान की तरह कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते हैं।

माँ आसमान की तरह हर वक्त हमारे साथ रहती हैं, माँ हमेशा से अपने बच्चों की देखभाल पालन पोषण से लेकर उनकी कामयाबी तक अपना योगदान देती है, माँ अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी खोज लेती है पता नहीं कैसे॥

माँ के इस प्रेम को हम सभी लोगों को धन्यवाद देना है। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी अपनी माँ के सेवा करें और उनका ख्याल रखें।

Must Read: मातृ दिवस कविता: 2020 Mother’s Day Poems in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में – Best Speech on Mother in Hindi Language 600 Words

Happy Mothers Day Images with Name

माँ शब्द हम सब के जीवन का पहला वो शब्द होता है जिसे हम हर दुःख दर्द में सबसे पहले लेते है| भगवान का नाम भी इंसान दुःख दर्द में भूल जाता है मगर माँ का नाम लेना कभी नहीं भूलता.

“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

माँ हमारे जीवन का वो हिस्सा होती है जिसके बिना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है, बेटे का प्यार माँ के लिए कम हो सकता है लेकिन माँ का प्यार अपने बच्चो के लिए कभी कम नहीं होता चाहे रात को माँ भूखी सो जाएँ मगर अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं सुलाती ऐसी होती है माँ .

माँ अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है चाहे खुद फटे पुराने कपडे पहन ले मगर अपने बच्चों के लिए नए कपडे खरीद कर देती है, खुद गिली जगह सो कर बच्चों को सूखे में सुलाती है माँ, माँ के बारे में कहना बहुत ही गर्व की बात है बड़े ही किस्मत वाले होते है जिनकी माँ होती है.

माँ हमेशा अपने बच्चो के साथ रहना चाहती है जब बच्चा स्कूल से आ जाता है तो माँ उसको खाना देती है उससे पूछती है की आज स्कूल में क्या क्या हुआ और खाना पूरा खाया की नहीं, और यदि आपको न पता हो तो मैं बता दूँ की एक माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती है जैसे की मेमने (बकरी का बच्चा) के लिए उसकी माँ शेर से भी लड़ने की हिम्मत रखती है, और अपने बच्चे की रक्षा करती है.

माँ अगर बच्चे से नाराज हो जाये तो ज्यादा देर तक बिना बोले नहीं रह पाती हैं| माँ अपने बच्चो की खुशी के लिए निर्जल उपवास रखती है और बिना खाए पानी पिए पूरा दिन रह लेती हैं| पता नहीं चलता की भगवान ही माँ हैं या फिर माँ के रूप में भगवान आते हैं इस दुनिया में, हमारी रक्षा के लिए.

माँ मुझे नहीं पता की मैं आज क्या हूँ और कल क्या बनूँगा मगर में भगवान से हमेशा ही आपके लिए आपकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करूँगा|

तुमने मुझे जन्म दिया है खुद की जान खतरे में डाल के हमें इस दुनिया में लाया है, मै कभी आपका कर्ज नहीं चुका पाऊँगा, मैं कभी आपकी आँखों में आंसू नहीं आने दूंगा, माँ कोई भी दुःख दर्द हो तो मुझे बताओ, माँ में आपके लिए यमराज से भी लड़ जाऊंगा.

आपके बिना कोई भी नहीं है मेरा साथी, आप हैं तो दुनिया की सारी ताकत मेरे हाथों मैं है| मैं कभी गरीब नहीं हो सकता जब तक आप मेरे साथ हो|

“माँ” मुझे अँधेरे से डर लगता है, मगर जब आप साथ होती हो तो मैं हमेशा बिना डरे सो जाता हूँ| “माँ”, माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी आपके चरणों में रखता हूँ.

धन्यवाद माँ मुझे इस दुनिया में लाने के लिए मैं कसम खाता हूँ… की आपकी आँखों में कोई आंसू नहीं आने दूंगा.

वो बहुत अमिर होते है जिनकी माँ होती है| बिना माँ के ये दुनिया उजड़ी उजड़ी सी लगती है| मैं कभी कभी सोचता हूँ की माँ अगर तुम न होती तो मेरा क्या होता इस जालिम दुनिया में मुझे कोन लाड प्यार करता, मुझे कोन खाने के लिए बार-बार पूछता…

जब कोई मुझे पिटता तो कोन मेरे लिए उनसे लड़ने जाता और मुझे अपनी गोद में रख कर लाड दुलार करता….. i love you so much maa….

लेखक: Shanu Gupta (शानू गुप्ता)

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– Mother Essay in Hindi

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10 Comments

Sir yah apka post bahut hi achha laga. Maa pr Nibandh aapne achha likaha hain sach me Maa to Maa Hoti hain. Sir is post ke liye bahut – bahut dhnyabad.

Thank God bless you ?❤️??

sir its so nice eassy for mom

Mom is best to all world

Mom is the medicine for me

आप हमेशा ही बहुत अच्छी जानकारी शेयर करते है यह जानकारी मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार है

Sir i am a content writer now I am looking for new work if u have any work for me in content writing I am interested in that Waiting for ur reply

yes can you please email me regarding this

निबंध पढ़ने के बाद मुझे मां पर कुछ पंक्तियां याद आ गई, तो सुनिए : “माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है” 🥺. भाई आपके निबंध ने दिल छू लिया यार ♥️.

Regards, Jyotish

best ever this is a lot of thanks for this om

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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हम आशा करते हैं दोस्तों मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.

यहाँ दिया गया शोर्ट निबंध आपकों कैसा लगा कमेंट कर जरुर बताए साथ ही पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे

essay on mother nibandh in hindi

माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay

मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

  • My Best Friend Essay
  • My School Essay
  • pollution Essay
  • Essay on Diwali
  • Global Warming Essay
  • Women Empowerment Essay

मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
  • गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
  • प्रसवपूर्व देखभाल
  • संकेत व लक्षण
  • जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स)
  • प्रसवोत्तर देखभाल
  • महीने दर महीने विकास
  • शिशु की देखभाल
  • बचाव व सुरक्षा
  • शिशु की नींद
  • शिशु के नाम
  • आहार व पोषण
  • खेल व गतिविधियां
  • व्यवहार व अनुशासन
  • बच्चों की कहानियां
  • बेबी क्लोथ्स
  • किड्स क्लोथ्स
  • टॉयज़, बुक्स एंड स्कूल
  • फीडिंग एंड नर्सिंग
  • बाथ एंड स्किन
  • हेल्थ एंड सेफ़्टी
  • मॉम्स एंड मेटर्निटी
  • बेबी गियर एंड नर्सरी
  • बर्थडे एंड गिफ्ट्स

FirstCry Parenting

  • प्रीस्कूलर (3-5 वर्ष)
  • बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

In this Article

मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Meri Maa Essay In Hindi) – आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है। आइये नीचे meri maa par nibandh पढ़ें।

ओ माँ माँ माँ

मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में

शीतल छाया दो दुःख के जंगल में

इस गाने के बोल को सुनते ही मैं पुराने दिनों में डूब जाती हूं। वह पुराने दिन कितने अलग हुआ करते थे। ना किसी बात की कोई फ्रिक थी ना ही चिंता। माँ सारा काम खुद संभाल लेती थी। मैं यही सोचती थी कि एक औरत ही पूरे घर की जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां (mother) पर आधारित है। आज हम इस निबंध के जरिए पढ़ेंगे माँ पर निबंध (essay about my mother in hindi) हिंदी में।

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मेरी माँ पर निबंध My Mother Essay In Hindi

इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।

माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।

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माँ का सही अर्थ क्या है?

माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।

वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।

माँ का प्यार कितना जरूरी है?

हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि

1) बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।

2) माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।

3) माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।

माँ का हमारे परिवार में महत्व

हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।

वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।

माता कितने प्रकार की होती है?

हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।

माँ पर कविता

शहीद की माँ

शहीद का जनाज़ा निकला था,

तिरंगे में लिपटा,

हज़ारों की भीड़ में।

काँधा देने की होड़ में

सैकड़ो के कुर्ते फटे थे,

पुट्ठे छिले थे।

भारत माता की जय,

इंकलाब ज़िन्दाबाद,

अंग्रेजी सरकार मुर्दाबाद

के नारों में शहीद की माँ का रोदन

डूब गया था।

उसके आँसुओ की लड़ी

फूल, खील, बताशों की झडी में

जनता चिल्लाई थी-

तेरा नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा।

गली किसी गर्व से

तीस बरस बाद

शहीद की माँ का जनाजा निकला है,

तिरंगे में लिपटा नहीं,

(क्योंकि वह ख़ास-ख़ास

लोगों के लिये विहित है)

केवल चार काँधों पर

राम नाम सत्य है

गोपाल नाम सत्य है

के पुराने नारों पर;

चर्चा है, बुढिया बे-सहारा थी,

जीवन के कष्टों से मुक्त हुई,

गली किसी राहत से छुई छुई।

-हरिवंश राय बच्चन

माँ पर शायरी

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

-मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

-इफ़्तिख़ार आरिफ़

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा

मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

-क़ैसर-उल जाफ़री

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

-अंजुम सलीमी

माँ के नाम समर्पित एक खास दिन

माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।

तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ बिना सब सूना है। माँ से ही हमारा संसार महकता है। माँ ही हमारी सच्ची दोस्त होती है। वह हमारी सर्वप्रथम गुरू भी होती है। उसके बिना हम दुनिया में कुछ भी नहीं सीख सकते हैं। हमारे जीवन का पहला अक्षर भी हम अपनी माँ से ही सीखते हैं। माँ के उचित मार्गदर्शन के बिना हमारा जीवन दिशाहीन हो जाता है। माँ से हमें हौसला मिलता है। माँ हमें जीवन के हर तरह के संकटों से उबार देती है। माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी होता है। इस प्यार से हमें एक अलग प्रकार के आनंद की प्राप्ति होती है। पहले के दौर में माँ की भूमिका केवल रसोईघर तक ही सीमित थी। लेकिन आज समय बदल गया है। आज के दौर की महिलाएं बखूबी से अपने करियर और बच्चे को अच्छे से संभाल रही है।

मेरी माँ पर 10 लाइनें

1) माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।

2) माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।

3) एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।

4) भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।

5) माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।

6) माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।

7) एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।

8) हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

9) माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।

10) मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।

A1. हमारे जीवन में माँ का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। वह हमें सहारा देती है। वह हमारे मुश्किल से मुश्किल दिनों में भी हमारे साथ खड़ी रहती है। भले ही हमसे सारी दुनिया मुंह मोड़ ले परंतु माँ अपने बच्चे का साथ कभी भी नहीं छोड़ती है।

A2. विज्ञान के अनुसार माँ गर्भधारण करके बना जाता है।

A3. औरत कोई भी भूमिका में हो सकती है जैसे कि एक पत्नी की भूमिका, दादी, नानी, बहन, बेटी, ताई, चाची आदि। लेकिन माँ की भूमिका एकदम अलग होती है। माँ का दर्जा सबसे बड़ा होता है।

A4. एक माँ अच्छी माँ तभी बन सकती है जब वह पूर्ण रूप से कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने बच्चे की अच्छी देखभाल करें। अच्छी माँ हमेशा मुश्किल दिनों में भी धैर्य के साथ काम करती है। वह साहसी होती है। वह अपने बच्चों की सबसे बड़ी गुरू होती है।

A5. दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है।

A6. माँ का प्यार बच्चे के लिए जादू की झप्पी की तरह काम करता है। वह बच्चे को बुरे हालातों से भी उबरने में मदद करता है। माँ का प्यार हमारे लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है। यह हमें हिम्मत और हौसला प्रदान करता है।

A7. दुनिया में सबसे बड़ी माता मां दुर्गा को कहा जाता है। माँ दुर्गा को समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में जाना जाता है। माता संपूर्ण संसार के दुखों को होती है।

A8. सिंगल मदर होने के फायदे भी है और नुकसान भी। हालांकि बदलते समय के साथ समाज में काफी परिवर्तन आया है। परंतु आज भी इस मॉर्डन दुनिया में सिंगल मदर को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वह अकेलेपन का जल्द शिकार हो जाती है।

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मेरी माँ पर निबंध

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माँ एक परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती वीणा देवी है। उनकी उम्र 41 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी महिला हैं। मेरे पिता एक आयकर अधिवक्ता हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। हम दो बहनें और एक भाई है। हम दोनों बहनें एक ही स्कूल में पढ़ते है। में पाँचवी कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरी बहन दूसरी कक्षा में पढ़ती है। मेरा बड़ा भाई सेंट ज़ेवियर स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना अति आनंद लगता है।

मेरे कई दोस्त हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी दोस्त शीतल है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, मैं भी अपनी बहन की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी दोस्तों से प्यार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, बहन और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, मेरी और मेरे बड़े भाई की देखभाल करती है। माँ हमेसा हम सभी भाई बहनों को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वह सुबह जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें रामायण और महाभारत की कहानियां भी सुनाती है।

मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हैं। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। मुझे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेसा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेसा उनको खुश रखे।

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मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | Essay on Mother in Hindi

Maa per Niband

Essay on Mother in Hindi :- कोई भी निबंध कभी भी एक Mother का वर्णन करने के लिए सक्षम नहीं हो सकता। जब माँ के बारे में कुछ लिखना होता है तो शब्द हमेशा ही कम पढ़ जाते है। Mother के बिना हर घर और बच्चा अधूरा होता है। माँ की दांट में भी प्यार होता है तभी को माँ (Mother) को भगवान (Mother is God) कहां जाता है। पूत कपूत हो सकता है पर माँ कूमाता कभी नहीं। माँ – अक्सर अपने बच्चों के जीवन में एक जीवित देवी के रूप में चित्रित करती है, सभी पीड़ा और पीड़ा लेती है और इसे प्यार और देखभाल के साथ बदल देती है।

वह है जो रातों की नींद हराम कर देती है जब हम परेशान होते हैं या बीमार होते हैं, वह वह है जो हमारे खराब समय में हमारा सहारा बनती है और हमारी खुशियाों में सबसे ज्यादा उत्साहित महसूस करती है।हम आज इस लेख के जरिए उन्हीं माँ के उपर Essay प्रस्तुत कर रहे है। इस लेख में हमने माँ पर निबंध,माँ पर निबंध हिंदी में ,माँ पर निबंध PDF , essay on mother in Hindi ,माँ पर निबंध 10 लाइन ,माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 इस सभी पॉइन्ट पर जानकारी मिल जाएगी।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | meri maa par nibandh.

Importance of Mothers:- सबसे पहले, Mother घर की सबसे ज्यादा जिम्मेदार महिला होती हैं। वे निश्चित रूप से एक बच्चे के पालन-पोषण (Upbringing) में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सबसे उल्लेखनीय, माँ एक बच्चे के दृष्टिकोण (Outlook ) को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। भविष्य (Future) में बच्चा अच्छा होगा या बुरा, यह माँ पर निर्भर करता है। माँ द्वारा सिखाए गए नैतिक मूल्य (Moral Values) एक व्यक्ति के निर्माण के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। व्यक्ति अक्सर बुढ़ापे तक अपनी माँ के मूल्यों को याद करते हैं। इसलिए, Mother समाज की भलाई (good for society ) के लिए जिम्मेदार है। बड़े पैमाने पर Society का भविष्य एक माँ द्वारा बच्चें को दी गई Education का Result है।

Mother का अपने बच्चों के साथ गहरा संबंध होता है। यह Connection निश्चित रूप से किसी और के द्वारा मेल नहीं खाया जा सकता है। यहां तक कि Father भी उस प्रकार की समझ स्थापित करने में विफल रहते हैं। इस संबंध की उत्पत्ति शैशवावस्था (Infancy) से होती है। सबसे उल्लेखनीय, एक माँ बिना किसी  संचार के अपने शिशु, बच्चे को समझ सकती है। यह निश्चित रूप से एक माँ और बच्चे (Mother and Child) के बीच एक मजबूत भावनात्मक संबंध (Emotional Relations) विकसित करता है। यह बंधन वयस्क जीवन (Adult life) में ले जाता है।

एक माँ हमेशा बता सकती है कि उसके बच्चे को भूख कब लग रही है। यही कारण है जब हम माँ से दूर जाते है और जब माँ से बात करते है तो सबसे पहला सवाल माँ यही पूछती है कि बेटा खाना खाया। माँ की जगह आज तक इस दुनिया में ना कोई ले सकता है और ना ले पाएगा।

माँ पर निबंध PDF | Essay On Mother Pdf

माँ का हमारे जीवन में रोल

Role of Mother In Our life;- माँ शब्द खुद ईश्वर का प्रतीक (Symbol of God) है। जिस दिन हमने  गर्भधारण किया और फिर इस दुनिया में पहली बार अपनी आँखें खोलीं, एक व्यक्ति जिसने अपने दिल में सारा प्यार और स्नेह हम पर निछावर किया, वो माँ है। वह एक बच्चे के आने के दिन से उसके लिए क्या करती है, यह कोई और नहीं कर सकता है। सर्वश्रेष्ठ का पोषण करना, बिना किसी शर्त के प्यार करना, देखभाल करना, चलना सिखाना, बात करना और बचपन से जीवन की मूल बातें बताना कुछ भूमिकाएं हैं ।

एक Mother निस्संदेह हमारे पूरे विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारे जीवन में उसका महत्व अन्य सभी संपत्तियों से ऊपर और बड़ा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना सफल होते हैं, आपके लिए पर्दे के पीछे काम करने और प्रार्थना करने वाली हमेशा एक Mother ही होती है। Mother आपको हमेशा दुनिया की सारी खुशियां लाकर देती है चाहें वह उन्हें लाना में सक्षम हो या नहीं। आज हम जो भी है वह माँ की ही वजह से है। सबसे ज्यादा धन्यवाद अगर हमें किसी का करना चाहिए तो वह माँ है। माँ का प्यार बिना किसी शर्त के होता है। माँ का प्यार इस दुनिया में सबसे अतुल्य है।

who is Mother | माँ कौन होती है ?

एक Mother , क्या क्या नहीं होती है। वह अपने Family और Kids के लिए अपना सब कुछ Sacrifice कर देती है। अपनी नौकरी छोड़ देती है और वह बच्चे के लिए हाउसकीपर (Housekeeper), कुक (Cook), बेकर(Baker), ड्राइवर (Driver), मनोवैज्ञानिक (psychologicalist), डॉक्टर(Doctor) सब बन जाती है। वे वही हैं जो दिन वा दिन हर अच्छी और बुरी चीज का बोझ उठाती हैं। वे वे हैं जो पीछे छूट सकती है। जितना माँ अपने बच्चे के लिए करती है वह कोई नहीं कर सकता ये बात तो सब जानते है फिर भी हम उनकी उतनी सराहना नहीं करते है जितने की वह हकदार है।

एक Mother हमेशा आपके आँसू पोंछते हुए आपको करीब और प्यार से रखेगी।  एक माँ हमेशा  कोशिश करेगी कि वह आपके सभी दर्द और दुख को दूर करे सके और उन्हें अपना बना सके। वे आपके जीवन के बुरे समय में चट्टान बन कर खड़ी हो जाएगी और अपका हर वक्त समर्थन करेगी। एक माँ का बच्चा देखने में चाहे कैसा भी हो वह हमेशा अपने बच्चे पर प्यार लुटाती है।

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन

1) एक माँ एक ऐसी व्यक्ति है जो जीवन में किसी और चीज़ से पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है।

 2) एक माँ का प्यार निस्वार्थ है, और वह बदले में कुछ भी माँ गे बिना अपने बच्चों से प्यार करती है।

 3) वह वह है जो हमें अपने पैरों पर खड़ा करती है और हमें पहला कदम उठाने में मदद करती है।

 4) वह वह व्यक्ति है जो हमारी सोच को अत्यधिक प्रभावित करता है और हमें एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करता है।

5) वह अपने परिवार के लिए 24 घंटे काम करती है।

6) एक माँ को अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह हमेशा अपने बच्चों का स्वागत एक बड़ी मुस्कान के साथ करती है।

 7) वह परीक्षा के दौरान एक ट्यूटर, जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के दौरान एक गाइड और हमारी बीमारी के दौरान एक नर्स के रूप में कार्य करती है।

 8) दुनिया हमारी माँ को धन्यवाद देने और श्रद्धांजलि देने के लिए मातृ दिवस मनाती है।

 9) अन्ना जार्विस संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस की संस्थापक हैं। 10) एक माँ वह पहला व्यक्ति होता है जिसे एक बच्चा एक शिशु के रूप में पहचानता है और प्यार और स्नेह का यह बंधन जीवन भर जारी रहता है।

मेरी माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 

माँ के प्रति हमारी जिम्मेदारी | Our Responsibility for Mothers

हमे हमेशा अपनी माँ का सम्मान (Respect Mother) करना चाहिए क्योंकि वह ईश्वर का स्वरुप है और हमारे सबसे बड़े दाता है।माँ का सम्मान करने का मतलब है भगवान का सम्मान (Respecting God) करना। हमे कोशिश करनी चाहिए की हम कभी भी अपनी माँ का दिल ना दुखाएं। Mother अपने जीवन में बच्चें होने के बाद अपनी इच्छाओं को दबाने लग जाती है,तो हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम माँ की सभी Wishes को जाने और जितनी पूरी कर सके उन्हें पूरी करे। माँ के ऊपर पूरे घर की जिम्मेदारी  का बोझ होता है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि माँ के कंधे से कुछ बोझ हलका कर दें, यानि की उनकी काम में मदद कर दें ये देखे बिना ही हम लड़का है या लड़की।

माँ से हमेशा प्रेम से बात करें। हमें कोशिश करनी चाहिए की हम माँ के मन में चल रही सभी उलझनों को समझ कर उसे सुलझा सके। जिस तरह माँ अपने बच्चें की ढाल बन जाती है उसी तरह हमे कोशिश करना चाहिए कि हम माँ के बूरे समय में उनके सामने चट्टान बन कर उनकी रक्षा कर सकें।

FAQ’s:- Essay on Mother in Hindi

Q. माँ को किसका का प्रतीक कहा जाता है .

Ans. माँ को भगवान का प्रतीक कहा जाता है।

Q. दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा किसे कहा गया है ?

Ans. माँ को दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा कहा गया है।

Q. क्या दुनिया में माँ को समर्पित कोई दिन है ?

Ans.  जी हां, मदर्स डे माँ को समर्पित एक दिन है जिसको दुनिया भर में मनाया जाता है।

Q. मदर्स डे कब मनाया जाता है ?

Ans. हर साल मदर्स डे मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

Q. दुनिया में सबसे पहले मदर्स डे कब मनाया गया था ?

Ans. साल 1914 में पहली बार मदर्स डे मनाया गया था।

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

Essay on My Mother in Hindi

यह भी पढ़े: मेरे पिता पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

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maa par nibandh in hindi

Maa Par Nibandh in Hindi

हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है – “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात जननी (माँ) और जन्मभूमि स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है। वस्तुतः मां अत्यंत गरिमामयी होती है।

मां स्नेह और ममता की साक्षात मूर्ति होती है। बच्चा मां की स्नेहमयी गोद में तथा ममतापूर्ण शीतल आंचल की छांव में सबसे अधिक निरापद (सुरक्षित) रहता है।

मां की तुलना में स्वर्ग तथा सभी देवी-देवता तुच्छ है। कविवर विश्वनाथ प्रसाद ने अपनी “मां” शीषर्क कविता में सवर्था उचित कहा है –

सब देव, देवियाँ एक ओर। ऐ माँ, मेरी तू एक ओर।।

माँ अनेकानेक कष्ट झेलकर शिशु को जन्म देती है, उसका लालन-पालन करती है। वह अपने स्तन के अमृत्तुल्य दूध पिला कर शिशु की भूख शांत करती है।

शिशु की प्रसन्नता में ही माता की प्रसन्नता निहित रहती है। शिशु का खिला चेहरा माता के ह्रदय में नैसर्गिक आनंद की सृस्टि करता हैं। शिशु की थोड़ी सी भी उदासी मां को अत्यधिक बेचैन कर देती है।

बच्चे की थोड़ी-सी पीड़ा में मां तड़प उठती है। कई रातें उसके सिरहाने बैठकर आंखों में ही काट देती है। उसके लिए आराम हराम हो जाता है।

मां की सेवा और ममता निस्वार्थ होती है। मां अपनी सेवा, त्याग, स्नेह, वात्सल्य ममता का अपनी संतान से प्रतिदान नहीं चाहती है। वह प्रतिपल अपनी संतान की उज्जवल भविष्य की मंगलकामना ही करती है।

सही कहा गया है – “कुपुत्रो जायते क्वचिदपि कुमाता न भवति।” अर्थात पुत्र कुपुत्र हो सकता है, पर माता कुमाता नहीं हो सकती है। पुत्र से कष्ट पाकर भी माता उसका अहित नहीं मानती।

ऐसी माता का जो पुत्र अनादर करता है, वह निश्चय ही अभागा, नीच और पापी है। मां जीवनदायिनी होती है। उसकी सेवा करना, उसे प्रतिष्ठा प्रदान करना प्रत्येक संतान का परम धर्म है।

Final Thoughts – 

आपने इस आर्टिकल में माँ पर निबंध हिंदी में ( My Mother Essay in Hindi ) पढ़ा। मुझे विस्वास है की आपको यह निबंध जरूर पसंद आया होगा।

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Essay on My Mother in Hindi | Meri Maa Par Nibandh In Hindi | मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी

essay on my mother in hindi

Table of Contents

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी (Essay on My Mother in hindi) और मेरे जीवन में उनका महत्व है

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी ( Essay on my mother In Hindi ) जीवन की पहली सीख देने वाला जो इंसान होता है वह माँ ही है। इसलिए माँ को जीवन का प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है। माँ है तो जीवन मे सब कुछ है। माँ के बिना जीवन में सबकुछ होते हुए भी कमी बनी रहती है।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – Meri Maa Par Nibandh (250 Words)

कई बड़े बड़े लेखकों की कलम रुक जाती है जब वह माँ के बारे में कुछ भी लिखने की कोशिश करते हैं, क्योंकि माँ एक शब्द या इंसान नही है बल्कि एक ऐसी भावना है जिसका बखान करना बहुत मुश्किल है।

हम सब को बचपन मे माँ के प्यार-दुलार और विशेष स्नेह की जरूरत होती है। माँ के इसी अटूट प्रेम की वजह से हमारे अंदर आत्मविश्वास आता है कि हम कुछ भी कर सकते हैं।

क्योंकि हमारी माँ की नजरों में हम कभी कमजोर नही होते। माँ किसी के जीवन की प्रथम गुरु होती है। माँ की गोद मे ही हम हसना सीखते हैं, उनकी उंगली पकड़ कर हम पहली बार चलना सीखते हैं।

जब थोड़ा बड़े हो जाते हैं तो माँ ही हमें सबसे पहले अच्छे बुरे का ज्ञान देती है। अपनी रोजमर्रा के काम किस तरह करते हैं, इसकी सीख हमें माँ ही देती है।

जीवन मे माता-पिता का स्थान ईश्वर के समान माना गया है। जिस तरह से ईश्वर इस पूरी सृष्टि को जन्म देते हैं ठीक उसी तरह से माता पिता हमें जन्म देते हैं और पालक बनकर हमारा पालन पोषण करते हैं।

हम अपने जीवन कई रिश्तों को निभाते हैं लेकिन एक माँ से बच्चे का जो रिश्ता होता है वह सबसे अनमोल होता है। इस रिश्ते की जगह दुनियाँ का कोई और रिश्ता नही ले सकता है।

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मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी  (400 Words)

( Essay on My Mother in Hindi ) मेरी माँ एक मात्र ऐसी इंसान है, जो मेरी खुशी के लिए हर कष्ट को सहन कर लेती है। दुनियाँ में कई रिश्ते देखे हैं, लेकिन माँ के जैसा कोई रिश्ता नही देखा है।

हम सब अपने जीवन की शुरुआती शिक्षा माँ के द्वारा ही सीखते हैं, ठीक उसी तरह मेरी माँ ने भी कई अहम चीजों का ज्ञान मुझे हर वक़्त दिया।

माँ ने ही मुझे बताया है कि जब हम मुसीबत के वक़्त में हो तो हमें धैर्य नही खोना चाहिए। इसके लिए माँ मुझे कई तरह के किस्से सुनाती हैं।

माँ मुझे हमेशा कई प्रेरणादायी कहानियां सुनाती रहती हैं। यह सिलसिला बचपन से ही चल रहा है, जो आज तक भी जारी है।

माँ का मैं जीवनभर आभारी रहूँगा मैं जो उन्होंने बचपन मे ही ऐसे संस्कार दिए जिनका महत्व उस वक़्त तो उतना नही था जितना आज मुझे लगता महसूस हो रहा है।

माँ ने मुझे बचपन मे ही सिखा दिया था कि किस तरह ईमानदारी से काम करने पर व्यक्ति हमेशा सफलता की सीढ़ी चढ़ता है। जीवन मे ईमानदारी का महत्व कितना अधिक है यह आज मुझे समझ आ रहा है।

जीवन मे आज मैं जब भी थोड़ी सी भी बेईमानी का खयाल भी मन मे लाता हूँ तो माँ की सिखाई वह सीख याद आ जाती है।

बचपन मे मैं जब किसी काम मे असफल हो जाता था तो मेरे अंदर निराशा आ जाती थी। मुझे लगता था कि मैं वह काम नही कर पाऊंगा।

लेकिन माँ मेरी असफलता को देखकर कभी भी निराश नही होती थी। बल्कि वो कहती थी कि क्या हुआ जो असफल हो गए, कोशिश तो की है न।

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इसके बाद माँ पूरे जोश के साथ हौसला बढ़ाती थी ताकि मैं और ऊर्जा के साथ वह काम कर सकूं और फिर मैं सफल होकर ही रुकता था।

माँ की हर एक सीख हमारे जीवन मे गहरी छाप छोड़ती है। माँ के सीख के बिना जीवन बहुत मुश्किल सा हो जाता है। क्योंकि इस दुनियाँ में माँ के जितना फिक्र करने वाला कोई दूसरा इंसान नही है।

माँ एक रचयिता है जिसकी रचना हम सब है। हम सबको अपने जीवन मे ऐसे काम करना चाहिए कि हमारी रचयिता यानी कि हमारी माँ का सिर हमेशा गर्व से ऊँचा रहे।

जीवन मे जब भी किसी उलझन में फसे हो और समझ न आये की क्या करें तो हमेशा अपनी माँ के नजरिये एक बार जरूर देखना चाहिए, समाधान जरूर मिल जाएगा।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – Essay on my mother In Hindi (500 Words)

हमारे जीवन को बनाने में और एक दिशा देने में एक इंसान जो सबसे अहम है वो माँ होती है। माँ जिनका जीवन अपने बच्चों के इर्द गिर्द घूमता है।

वो हमारी बचपन की सभी शरारतों को झेलतीं हैं फिर भी नही थकती हैं। घर मे हर किसी की छुट्टी जरूर होती है। जैसे कि हमें अपनी स्कूल से छुट्टी मिल जाती है , पापा को अपने आफिस से छुट्टी मिल जाती है, लेकिन एक माँ को कभी छुट्टी नही मिलती है।

उनका काम साल भर चलता रहता है और वो भी बिना थके और कोई छुट्टी के आशा के बिना हमेशा एक जैसी ऊर्जा के साथ काम करती रहती हैं। यही माँ की खूबी है।

दुनियाँ में शायद ही कोई और दूसरा इंसान एक माँ के जितना मेहनत और त्याग कर पाएगा।

माँ करुणा की मूर्ति है.

माँ को करुणा की मूर्ति कहा जाता है , यह किसी भी हालत में हमेशा सही ही होता है। माँ कभी भी अपने बच्चों को कष्ट में नही देख सकती है। ठीक इसी तरह मेरी माँ भी हैं।

वो खुद कष्ट में रह लेंगी लेकिन मुझे कष्टों से दूर रखती है। शायद ही कोई इस बात की व्याख्या कर सकता है कि आखिर माँ के अंदर ऐसी कौन सी शक्ति विराजमान है जो उन्हें इतनी ताकत देती है कि वह बच्चों के खातिर हर कष्ट सह सकें।

हर माँ ऐसी होती है। एक स्त्री के कई रूप होते है, कई अलग अलग किरदारों में वह रिश्ते निभाती है , लेकिन कहते हैं कि एक स्त्री सबसे ज्यादा खुश तब होती है जब वह एक माँ के रूप में होती है।

माँ है जीवन की प्रथम गुरु.

जीवन की पहली गुरु की संज्ञा माँ को दी गई है। माँ एक ऐसी गुरु होती है जिनकी सिखाई गई सीख जीवन के हर मोड़ पर काम आती है। ऐसा कभी नही देखने को मिलेगा जब माँ ने कोई गलत दिशा दिखाई हो।

जीवन मे मैं चाहे कितनी भी सफलता हासिल कर लूं, लेकिन उसकी खुशी तक तक महसूस नही होती है जब तक माँ के चेहरे पर उस सफलता से खुशी न दिखे।

कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ लोग पैसो की चकाचौंध में अपनी माँ को उचित सम्मान नही दे पाते लेकिन माँ को इसका कोई मलाल नही होता है। उनका बेटा जब भी माँ के पास आ जाए, माँ उसे गले ही लगाती है।

इसीलिए कहते हैं न कि माँ से ज्यादा करुणा किसी मे नही है, माँ के जैसा दयालु इस संसार मे कोई और नही है।

हम माँ के कई रूप देखते हैं अपने जीवन मे जैसे कि धरती माँ, भारत माँ आदि। लेकिन इन सब के प्रति हमारे अंदर जिम्मेदारी का भाव तभी आ पाएगा जब हम अपनी माँ का सम्मान करेंगे।

जब हम अपनी माँ के त्याग को सही मायने में समझ पाएंगे। हालांकि आजतक माँ त्याग को कोई भी समझ नही पाया है लेकिन उनके त्याग का कुछ प्रतिशत ही समझ जाएं और अपनी माँ को उसके बदले में खुशी देने की ठान ले तो यह दुनियाँ ही स्वर्ग हो जाएगी, फिर चाहें वह अपनी माँ हो, धरती माँ हो या भारत माँ हो। हम इन सब के ऋणी है, और हमें इनके त्याग को समझना चाहिये।

मेरी माँ पर निबंध इन हिंदी – essay on my mother In Hindi (1000 Words)

दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता होता है वह है एक मां और अपने बच्चे का। दुनिया में भले ही पिता कितना भी प्यार करता है परंतु मां की कमी पूरा नहीं कर सकता मां बच्चों को पूरी ममता के साथ में पालती है मां के रिश्ते को पूरी दुनिया सम्मान देती है मां वह होती है जो अपने बच्चे की हर जरूरत हो समझती है एहसास को समझती है। मां होती है जो हमें जन्म देती है और हमारा पालन – पोषण करती है। यही कारण है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मानित में से मां सबसे ज्यादा महत्व है। दुनिया में मां को प्रेम और त्याग की मूर्ति कहा जाता है क्योंकि मां अपने बच्चों के लिए सब कुछ करने को भी तैयार हो जाती है। इतिहास में बहुत सारी घटनाएं ऐसी हैं जिन्होंने मां का वर्णन किया है। मां ने अपने बच्चों के लिए सारे दुखों को सारी खुशियों को निछावर कर दिया है दुनिया में महत्वपूर्ण कोई रिश्ता नहीं हो सकता है।

मां का महत्व

मां का दुनिया में बहुत ही महत्व है मां एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में जितनी भी बात की जाए सारी कम है हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि मां अपने बच्चों के लिए कितना कुछ करती है। मां की महानता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि इंसान भले ही भगवान का नाम भूल जाए परंतु मां का नाम कभी नहीं भूल सकता चोट लगती है तब भगवान का नाम नहीं आता मां का नाम आता है कि क्युकी मां का प्रेम और करुणा बच्चों को हमेशा याद रहती है। मां दुनिया भर की कष्ट झेल लेती है और अपने बच्चों को सुख सुविधा देती है। मां पहले शिक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण होती है मां से ही बच्चा उसे पहले शिक्षा लेता है।

मां की मित्रता

( Essay on My Mother in Hindi ) मां अपने जीवन में बहुत सारी भूमिकाएं निभाती आई है कभी मां शिक्षक बन जाती है तो कभी मित्र बन जाते हैं। हर समस्या का सामना करने के लिए मां सबसे आगे खड़ी होती है। मां मां के फर्श के साथी मित्रता का फर्ज निभाती है जो बच्चे की हर बात को समझती है और मित्रता की तरह साथ निभाती है यदि बच्चा फेल भी हो जाता है तो भी मैं उसके साथ हमेशा खड़ी रहती है। आज अगर बच्चा सफल होता है या असफल होता है तब मां दोनों समय बच्चे के साथ में खड़ी थी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि मां से अच्छा मित्र इस दुनिया में कोई नहीं।

मां का रिश्ता

स्त्री अपने जीवन में एक अच्छी बहू एक अच्छी बेटी एक अच्छी पत्नी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती आई है उन्होंने हर रिश्तो में अपनी जान से ज्यादा फर्ज निभाया। इन रिश्तो के अंदर सबसे ज्यादा सम्मान मां को मिलता है। हम माता के रिश्ते को शब्दों में बयां किया नहीं जा सकता। मां अपने बच्चों को इसने करना कभी नहीं छोड़ती और ना ही मां बच्चों के प्रति कभी इसने कम कर सकती है। मां अपने बच्चों के लिए बड़ी से बड़ी आपदा का भी सामना करने को तैयार रहती है उसमें बच्चों को खुशी देने का साहस होता है बच्चों की तरह किसी तरीके आज नहीं आने देती है इसी कारण भगवान ने मां को पृथ्वी पर भेजा है। कहां जाता है ना कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं रह सकता इसके लिए उसने मां को बनाया है। मां पापा की डांट से और मार से बचाती है हर एक अच्छे से सभी के लिए बच्चे का साथ निभाती है कि मां बच्चे से बहुत प्यार करती है।

शिक्षक के रूप में 

कहां जाता है ना कि बच्चे का पहला स्कूल परिवार होता है और पहले शिक्षा देने वाली मां होती है। हम जन्म से ही मां के आंचल में बड़े होते हैं मां अपनी उंगली पकड़ कर हमें चलना सिखाती है मां हमें बोलना सिखाती है मां हमें खाना सिखाती है जूते पहनना सिखाती है जूते के फीते बांधने सिखाती है कपड़े पहनना सिखाती है ब्रश करना सिखाती है लोगों से कैसे बात करनी है वह सिखाती है मां बच्चे की पहली शिक्षा और पहली शिक्षक है। जो एक शिक्षक नहीं कर सकता वही मां कर देती है जब बच्चा फेल जाता है तो मां बच्चे में विश्वास जगह रखती है कि मैं जिंदगी में कभी फेल नहीं हो सकता। मां भले ही शिक्षा ना दे सके पर जीवन जीने का सही तरीका दे देती है जो शिक्षा से कम नहीं है समाज में किस तरह से व्यवहार करना है वह सिखाती है मां दुखों से लड़ने और तकलीफ हो को निपटने की शक्ति देती है यही कारण है कि मां को एक मित्र और एक अच्छे शिक्षक के रूप में जाना जाता है।

हर इंसान किसी ना किसी बात से या किसी ने किसी इंसान से प्रेरणा लेता है परंतु मां सबसे अलग होती है जो जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।   जब बच्चा शिक्षक से शिक्षा लेता है।   वह सिर्फ शिक्षा लेता है परंतु उसे प्रेरणा मां देती है।   यदि बच्चा सफल होता है तो उसके पीछे मां का हाथ होता है।   क्योंकि मां उसे सफल होने की प्रेरणा देती है बच्चे ने विश्वास जगाए रखना बच्चे को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सदैव आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देना मां निभाती है।

हर इंसान की जिंदगी में कोई ना कोई स्त्री आती है परंतु एक ऐसी ऐसी भी होती है जो जिंदगी में सबसे अलग होती है वह मां होती है। मां किसी प्रकार का स्वाद नहीं रखती है बल्कि बच्चे के लिए त्याग साहस और मेहनत करती है। मां बच्चे को सामाजिक व्यवहार सिखाती है ईमानदार बनाती है और मेहनत जैसी महत्वपूर्ण शिक्षा देती है यही कारण है कि मां को एक अच्छा शिक्षक मित्र और प्रेरित कहा जाता है। जिंदगी में पत्नी बेटी और बहू जितनी   से ज्यादा मां जरूर होती है क्योंकि मां से ही एक पेटी एक पत्नी एक बहू का निर्माण होता है मां एक घर को स्वर्ग बनाती है। बच्चे की पहली शिक्षा मां देती मां बच्चे को असफलताओं से लड़ना सिखाती है जिंदगी जीना सिखाती है बिन मां के जिंदगी अधूरी है। Essay on My Mother in Hindi

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Best Essay on Mother in Hindi - Maa

बच्चों , जब आपको चोट लगती है तो सबसे पहले जिसकी याद आती है वह कौन है ? और किसे सुनाई थी आपने अपनी तोतली जुबान में पहली कविता ? और कोई नहीं, वह माँ ही तो है। जरा सोचो, अगर माँ सुबह जल्दी आपको न उठाए तो आप स्कूल कैसे पहुँच पाएंगे।

माँ ही तो है जो आपकी हर छोटी से छोटी जरूरत के लिए कई – कई बार टोकती है। किस व्यक्ति या वस्तु के प्रति कैसा दृष्टिकोण होना चाहिए, कैसे लोगों का आदर सम्मान करना है यह आपको माँ ही तो बताती है। धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का ज्ञान भी सर्वप्रथम माँ से ही मिलता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा, सिद्धांतवादी बनना और अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा इत्यादि सभी ज्ञान माँ ही सबसे पहले देती है।

माँ के कारण ही आपमें आत्मसम्मान की भावना पनपती है। आपको अपनी विशेषता का पता चलता है। जिंदगी में आगे चलकर आप जो कुछ बनते हैं उसमें सबसे अहम् भूमिका माँ की ही होती है। सर्वप्रथम माँ ही आपकी आदर्श गुरु बनती है साथ ही जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पाठ अपनी अनुभव की किताब से माँ ही सिखाती है।

व्यापक संदर्भों में देखें तो प्रात: से सायं तक दैनिक चर्या मेें हमें नित्य सावधान रखने वाली माँ ही है। अपने असीम प्रेम से हमारे अवगुणों को गुणरूप में परिवर्तित करके माधुर्य और चन्दन का रूप देने वाली वात्सल्यमूर्ति उदार-हृदया माँ ही है। विषम परिस्थितियों में भी मेरु पर्वत के समान निश्चल रहकर धैर्य का पाठ पढ़ाने वाली वात्सल्यवारिधि माँ ही हैं। अपने आध्यात्मिक ज्ञान से मानव जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने की सदा शिक्षा देने वाली ज्ञानमूर्ति माँ ही हैं। इस धरती पर इन्सान के रूप में माता-पिता, भाई-बहन, गुरु एवं भगवान के रूप में निरंतर साथ रहने वाली माँ ही हैं।

मां प्राण है, मां शक्ति है, मां ऊर्जा है, मां प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है। मां केवल जन्मदात्री ही नहीं जीवन निर्मात्री भी है। मां धरती पर जीवन के विकास का आधार है। मां ने ही अपने हाथों से इस दुनिया का ताना-बाना बुना है। सभ्यता के विकास क्रम में आदिमकाल से लेकर आधुनिककाल तक इंसानों के आकार-प्रकार में, रहन-सहन में, सोच-विचार, मस्तिष्क में लगातार बदलाव हुए। लेकिन मातृत्व के भाव में बदलाव नहीं आया। उस आदिमयुग में भी मां, मां ही थी। तब भी वह अपने बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करती थीं। उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा करना सिखाती थी। आज के इस आधुनिक युग में भी मां वैसी ही है। मां नहीं बदली। विक्टर ह्यूगो ने मां की महिमा इन शब्दों में व्यक्त की है कि एक मां की गोद कोमलता से बनी रहती है और बच्चे उसमें आराम से सोते हैं।

माँ ही ईश्वर से जोड़ती है, गुरु से मिलाती है। इसीलिए माँ को भारतीय संस्कृति में देवी स्वरूप स्थान प्राप्त है। उसमें धैर्य है, करुणा है। अपनाने का साहस है। त्यागने का जज्बा है। देखा होगा अपने घर में कि सभी लोगों को खिलाने के बाद ही माँ खाती है। व्यंजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों न हो, पर उसे खाने से पहले खिलाने में संतुष्टि मिलती है। तभी तो कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं-

सदियों से कवियों और लेखकों द्वारा माँ कि ममता पर अनमोल कथन कविता और सुविचार कहें जाते रहें है जो ये बताता है कि माँ और उसकी ममता सभी के लिए एक जैसी होती है। माँ का कोई धर्म नहीं होता। वह हर एक के जीवन में बड़ी स्पेशल होती है और उसकी जगह कोई भी नहीं ले सकता है। वेदों और पुराणों में भी ये व्यक्त है कि सबसे ऊपर भगवान और गुरु होते हैं लेकिन उनसे भी ऊपर माता पिता होते हैं और उनमे “माँ” सर्वोपरि है । माँ – गुरु भी है और एक बच्चे के लिए भगवान भी और अगर ज़रूरत पड़ती है तो वो पिता की तरह लालन पालन करने में भी अपने आपको सक्षम बना लेती है। 

हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है चाहे वह पांच महीने का हो या पचास साल का। मां पास हो या न हो उसका अहसास उसके दिल में रहता है। माँ से सदा प्यार व शक्ति दोनों मिलते रहते है । 

हमारे प्रसिद्ध धर्म शास्त्रों में मनुस्मृति का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है और इसके रचयिता राजऋषि मनु के विचार सर्वमान्य हैं। माँ की महिमा के संबंध में मनुस्मृति का (2/145) का यह श्लोक अनुकरणीय है- उपाध्यायान् दशाचार्य आचार्याणां शतं पिता। सहस्रं तु पितृन् माता गौरवेणातिरिच्यते। अर्थात दस उपाध्यायों से बढ़कर एक आचार्य होता है, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता होता है और पिता से हजार गुणा बढ़कर माता गौरवमयी होती है। गीता में भी कहा गया है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ की ममता से नहीं तोला जा सकता। मातृत्व दुनिया के लिए सबसे बड़ा वरदान है । माँ को बलिदान का प्रतीक माना जाता है और वह अपने बच्चों पर निस्वार्थ भाव से प्यार जताती है । वही तो है जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है। संसार में माँ के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं। सचमुच! रिश्ता जन्म से मिलता है मगर माँ हमें पहले ही मिल जाती है।

माता ही प्रथम गुरु है :-

माँ और बच्चे का रिश्ता इस संसार में सबसे अधिक भावनाओं से भरा होता है। तभी तो माँ के पेट से जन्म लेने से पहले ही वह  बच्चे को तालीम देना शुरू कर देती है। और माएँ जो तालीम देती हैं, वह नंबर एक की तालीम होती है। और जब तक माँ मौजूद है, तब तक बच्चों को ज्ञान मिलता रहेगा। परेमश्वर की योजना ही ऐसी है बनी है कि जहाँ उसने बच्चे को भूख दी, वहाँ माँ के स्तन में दूध भी पैदा किया। बच्चे को भूख के साथ माँ को दूध पिलाने की प्रेरणा दी। इस तरह बचपन से माँ के जरिये प्रेम की तालीम दी जाती है।

बच्चों को मातृभाषा सिखाने के लिए सरकार कितने करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन माँ तो दूध पिलाते-पिलाते बच्चे को मातृभाषा सिखाती है। दुनियाभर के बच्चे माँ से भाषा सिखते हैं। माँ बच्चे से कहती है कि ‘वह देखो चाँद !’ बच्चा सुनता है। माँ फिर उससे पूछती है कि ‘चाँद किधर है, बताओ।’ वह परीक्षा लेती है। बच्चा अँगुली से बताता है कि चाँद वहाँ है। बाद में वह बोलने लगता है। ‘च, च, च, न, द’ और फिर चाँद-चाँद कहता है। याने पहले वस्तु ग्रहण करता है, फिर बोलता है। यह जो सारा ज्ञान है, भाषा सीखने का ज्ञान है, क्या वह विद्यालयों की शिक्षा से कम है ? दो-ढाई साल में शून्य में से जो ज्ञान पैदा किया जाता है और माताएँ ही यह सब करती हैं।

शिक्षण-शास्त्री अनुभव और निरीक्षण से कहते हैं कि बच्चे को शुरू के साल-दो साल में जितना ज्ञान मिलता है, उतना ज्ञान आगे की सारी जिन्दगी में नहीं मिलता। इसलिए दुनियाभर के लोगों ने माना है कि माताएँ जब संस्कारवान बनेंगी, तभी दुनिया बचेगी। इसलिए सबसे प्रथम और सबसे श्रेष्ठतम गुरु तो माता है।

सदाचार की प्रतिमूर्ति :-

माताओं ने ही दुनिया में सदाचार जिन्दा रखा है, इसलिए उन पर बच्चों की जिम्मेवारी होती है। अच्छी आदतें डालना और प्रेम, सेवा, त्याग, अनुशासन सब कुछ बच्चे को उसकी मां ही सिखाती है। बच्चे के विकास में उसके पिता की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन मां सिर्फ़ दिमाग़ ही नहीं दिल के सहारे भी अपने बच्चे को संभालती है। इसलिए वह बच्चे के जीवन में दोस्त बन कर उसके सुख दुःख में शामिल होकर जीवन का पाठ पढ़ाती है।

बच्चे की सुरक्षा कवच :-

इस संपूर्ण संसार में विधाता के बाद अगर कोई सर्वश्रेष्ठ चीच बच्चें के लिए बनी है तो वो सिर्फ और सिर्फ माँ है। माता, जननी, माई, धात्री, महतारी एवं माँ के रूप में वह ईश्वर है या ईश्वर से भी बढ़कर है। कहते हैं कि ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने मां बना दी। जो हर किसी की होती है, हर किसी के पास होती है। शारीरिक उपस्थिति मां के लिए मायने नहीं रखती। वह होती है तो उसकी ईश्वरीय छाया सुख देती है जब ‘नहीं’ होती है तब उसके आशीर्वादों का कवच हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

एक माँ अपने बच्चे के लिए किस हद तक जा सकती है इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि जब वो बच्चा इस दुनिया में भी नही आया होता है उसके पहले से ही उसकी माँ उसको अपने खून से सींच रही होती है। मां का प्यार दुनिया में सबसे सच्छा होता है और मां के प्यार में कभी भी धोखा नहीं मिलता ।

परन्तु आज के समय में मां की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। बदलते परिवेश में अपने बच्चे को सही शिक्षा देना किसी चुनौती से कम नहीं। माएं कामकाजी हो रही हैं इसीलिए काम के साथ-साथ उसे अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है। वह खुद तो कामकाजी हैं ही, अपनी बेटी को भी उसी कामयाबी और बुलंदी पर पहु्ंचाने की भरसक कोशिश में लगी रहती हैं। एक मां जिंदगी के आखिरी वक्त तक अपने बच्चों को हर खुशी और हर कामयाबी को छूने में मदद करती है।  हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। इसलिए वह त्यागमूर्ति, ममतामयी, पूजनीय कही जाती है।

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Hindi Essay

मेरी माँ पर निबंध | Essay On My Mother In Hindi 500 Words | PDF

Essay on my mother in hindi & paragraph.

Essay On My Mother In Hindi 500 + Words (Download PDF) मेरी माँ पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि अपने माँ के बारे में एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

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स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

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माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

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निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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दा इंडियन वायर

माँ की ममता पर निबंध

essay on mother nibandh in hindi

By विकास सिंह

Essay on Mother’s Love in hindi

माँ का प्यार एक भावना है, ऐसी भावना जिसे समझाने के लिए असीमित शब्दों की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक महासागर जितना गहरा है। इस दुनिया मिएँ आने के बाद हम अपने आप को मान की गोद में सबसे सुरक्षित पाते हैं। बिना बोले भी वह समझ जाती है कि हम क्या चाहते हैं। माँ का प्यार हमें जीवन में आने वाले किसी भी पतन में हमेशा प्रोत्साहित करता है। वह केवल एक महिला है जिसके पास हमारे सर्वश्रेष्ठ भविष्य के अलावा कोई मांग नहीं है।

माँ की ममता पर निबंध, short essay on Mother’s Love in hindi (200 शब्द)

एक माँ वह व्यक्ति है जो हर एक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। एक माँ होने के नाते सबसे अच्छा एहसास एक औरत को अपने पूरे जीवन में कभी भी हो सकता है। माँ ही वह होती है जो अपने बच्चे को हर सुख-सुविधा देने के लिए पूरी कोशिश कर सकती है। विभिन्न चरणों में, एक बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखने की कोशिश करता है।

अपने बच्चे के लिए माँ का प्यार किसी की उम्मीदों से परे है। माँ अपने बच्चे की हर इच्छा को आसानी से पहचान सकती है यहाँ तक कि जब उसका बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पा रहा हो। किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे, सबसे अधिक प्रयास, जो किसी व्यक्ति का होता है वह है, माँ। माँ का प्यार उस गलत तरीके को बदल सकता है जिस पर उसके बच्चे ने चलना शुरू कर दिया है। उसका प्यार आसानी से उसके बच्चे को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते में बदल देता है। यह माँ के प्यार की शक्ति है

यह बच्चे और माँ के बीच एक प्रकार का मीठा संबंध है कि अगर बच्चे को चोट लगती है तो माँ को दर्द महसूस होता है। जब वह अपने बच्चे को जन्म देती है तो एक माँ को असहनीय दर्द होता है लेकिन जब उसने केवल अपने बच्चे का चेहरा देखा तो वह सभी दर्द और परेशानी भूल जाती है। यह एक माँ की महानता है।

माँ का प्यार पर निबंध, 300 शब्द:

प्रस्तावना:.

ब्रह्मांड पर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना माँ है। हमने हमेशा अपने बुजुर्गों से सुना या प्राचीन पुस्तकों में लिखा है, कि भगवान हर जगह नहीं जा सकते या सभी के साथ उपलब्ध नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने माता को बनाया है। माँ में सभी गुण हैं जैसे देखभाल करना, मीठा, निस्वार्थ प्रेम, धैर्य, क्षमा, दया, सरलता, दृढ़ता आदि।

देवकी और यशोदा माँ के रूप में:

जब बच्चे का जन्म होता है, तो यह माँ ही होती है जो बच्चे की सभी आवश्यकताओं को समझती है क्योंकि उनके संबंध विकसित होते हैं क्योंकि बच्चा उसके अंदर था। केवल माँ ही नहीं जिसने जन्म दिया है, जबकि जो लाया है वह भी महत्वपूर्ण है। जैसे कि भगवान कृष्ण की दो माताएँ थीं, एक जिसने उन्हें “देवकी” और दूसरी पालक माँ “यशोदा” जन्म दिया था, जो उनके बचपन में उनकी देखभाल करती थीं। दोनों माताओं का कृष्ण के प्रति समान प्रेम और स्नेह है। यह माँ की गुणवत्ता है, वह कभी भी अपने बच्चे और अन्य बच्चों के बीच अंतर नहीं करती है, वह हमेशा अन्य बच्चों को भी प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

माँ बच्चे के लिए पहली शिक्षिका होती है जो जीवन की अच्छी या बुरी चीजों के बारे में सिखाती है। वह अपने बच्चे को भविष्य के संघर्ष के लिए तैयार करती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह इतनी दयालु है कि वह किसी भी गलत काम के लिए अपने बच्चे को आसानी से माफ कर देती है।

जैसे हम दुनिया में किसी भी अन्य दर्द के साथ माँ के प्रसव के दर्द की तुलना नहीं कर सकते हैं, उसी तरह हम दुनिया में किसी भी अन्य प्यार के साथ अपने बच्चे के प्रति माँ के स्नेह की तुलना नहीं कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

पूरी दुनिया में एक व्यक्ति का एक ही महत्व है यानी माँ। उसका वही सम्मान है चाहे आप किसी भी देश, किसी भी जाति या किसी भी धर्म के हों। हिंदी में, हमने हमेशा “पुत्र कुपुत्र हो सक्ता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती” सुना। इसका अर्थ है “बेटा माँ के साथ कोई भी बुरा कर सकता है, लेकिन माँ अपने बच्चे के बारे में कभी भी गलत नहीं सोच सकती है” और यह हमेशा सच होता है।

माँ की ममता पर निबंध, Essay on Mother’s Love in hindi (400 शब्द)

माँ देखभाल, बलिदान या निस्वार्थता का पर्यायवाची है। अपने बच्चे के लिए माँ के प्यार की दुनिया के किसी भी प्यार से तुलना नहीं की जा सकती। एक बच्चे के लिए, माँ इतनी खास होती है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। एक बच्चे और मां के बीच का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि कोई भी उसे तोड़ नहीं सकता।

माँ- हमारे जीवन का एक विशेष व्यक्ति:

जब एक बच्चा पैदा हुआ; यह वह माँ है जो अपने बच्चे की भावनाओं या आवश्यकताओं को आसानी से समझती है। वह अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने बच्चे के आसपास हर पल बिताती है। बचपन से ही हमारी माँ हमें बताती है कि एक अच्छे इंसान के रूप में क्या गलत है और क्या सही है और हमें जीवन में अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह प्यार करती है और हमें बिना किसी लालच के परवाह करती है।

माँ हमेशा हमारी समस्याओं को समझती थी भले ही हम उसके साथ साझा न कर रहे हों। वह समस्या को दूर करने के लिए हम में आत्मविश्वास बढ़ाता है। वह हमेशा खुशी या दुख के दौरान हमारे साथ खड़ा रहता है। माताएं हमें खुश रखने के लिए बिना किसी शिकायत के चौबीसों घंटे काम करती हैं। वह हमेशा अपनी इच्छाओं को पूरा किए बिना अपने परिवार के सदस्यों के बारे में सोचती है।

ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना:

हमें हमेशा माताओं को अद्वितीय गुण देने के लिए धन्यवाद देना चाहिए जैसे देखभाल करना, मदद करने की प्रक्रति, बलिदान करना, क्षमा करना और हमेशा दूसरों को खुद के सामने रखना। एक माँ घर को घर में बदलती है और खुशी से रहने के लिए घर का वातावरण बनाती है। वह अपने बच्चे के लिए पहली शिक्षिका है और वह न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यवहार पाठ भी पढ़ाती है।

माँ अपने पूरे जीवन में बिना छुट्टी के घर का प्रबंधन करती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक घर के सारे काम बिना किसी शिकायत के करती है। अगर वह बीमार है तो भी वह शिकायत नहीं करती है और सभी काम करती है। उसने नौकरी करने के लिए कभी कोई पक्ष नहीं मांगा। वह हमेशा खुश रहती है और घर का माहौल जीवंत बनाती है ताकि जब कोई ऑफिस या दुकान से आए तो घर में सुकून महसूस करे।

निष्कर्ष

एक माँ होने के नाते यह अपने बच्चे के चरित्र को आकार देने और बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेती है। अगर कोई गलत काम करता है तो पूरी तरह से उसकी माँ पर आता है। अपने बच्चे को कोमल व्यक्ति के रूप में बनाने के लिए, एक माँ सभी अच्छे काम करती है जो वह कर सकती है। माँ का प्यार आपकी पूजा के आशीर्वाद की तरह है। उसे कभी चोट नहीं पहुंची वह वह है जो यदिअप बीमार होते हैं तो रात रात भर जागकर आपकी सेवा करती है।

माँ की ममता पर निबंध, 500 शब्द:

माँ, ईश्वर द्वारा मानव की अंतिम रचना केवल एक सामान्य महिला नहीं बल्कि अपने आप में एक सुपर महिला है। वह बिना किसी अपेक्षा के अपने पूरे जीवन में अपने बच्चे की परवाह करती है लेकिन बस एक ही उम्मीद होती है कि उसके बच्चे को सारी खुशियाँ मिले और उसके सपने सच हों।

माँ का प्यार: हार्दिक और अच्छा

एक माँ की खुशबू को उसके नए जन्मे बच्चे को आसानी से पहचाना जा सकता है। जन्म के बाद से एक बच्चे को उसकी माँ द्वारा देखा जा रहा है। बच्चे को सभी सुख प्रदान करने के लिए वह सभी जरूरतमंदों को करती है सभी माताएं दिल से पवित्र होती हैं और अपने बच्चे के जीवन में सभी सर्वोत्तम चीजें चाहती हैं चाहे वह कोई भी खिलौना, वस्त्र, शिक्षा और मूल्य हो।

माँ की परिभाषा कुछ ऐसी है जैसे प्यारी और मासूम, देखभाल और प्यार, अच्छी और गर्म। हर कोई जिसके पास माँ है वह दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति है क्योंकि वह जानता है कि उसे माँ का प्यार और उसका महत्व क्या है। एक माँ वह विशेष उपहार है जो एक व्यक्ति को सीधे भगवान द्वारा प्राप्त होता है।

यह केवल संबंध है जिसे किसी अन्य संबंध से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी एक माँ अपने बच्चे के लिए अपने बेहतर भविष्य के लिए सख्त हो जाती है जो उसके गुस्से के पीछे छिपे प्यार को दर्शाता है। यह माँ के प्यार की एक और मिठास है।

हर दिन एक मातृ दिवस है:

हालांकि एक दिन मातृ दिवस मनाने के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन हमें इसे हर समय मनाने की आवश्यकता है क्योंकि उसके प्रयास अनमोल हैं जो हमें जीवन में एक सफल और सौम्य व्यक्ति बनने में मदद करते हैं। पूरे शब्द में कोई भी हमारे सच्चे शुभचिंतक नहीं हैं सिवाय हमारे माता-पिता के और माँ हृदय से हमारे साथ जुड़ी हुई हैं। वह हमें उन नैतिक मूल्यों को सिखाती है जो जीवन के सफर में हमेशा हमारी मदद करते हैं।

मातृत्व जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा है जो एक महिला के पास हो सकता है। यह बिना किसी वेतन के पूर्णकालिक नौकरी है लेकिन यह एक बच्चे के लिए बहुत मायने रखता है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जिसे महसूस कर सकते हैं, माँ का प्यार भगवान के आशीर्वाद की तरह है, माँ का प्यार ही सब कुछ है। जो लोग अपनी मां के प्यार से बच जाते हैं वे वास्तव में बहुत दुर्भाग्यशाली होते हैं।

माँ के बिना ज़िन्दगी अधूरी है:

जैसा कि हम जानते हैं कि माता-पिता दोनों ही जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन माँ की भूमिका सर्वकालिक श्रेष्ठ होती है। वह सुबह जल्दी उठती है और आधी रात तक वह परिवार के सभी सदस्यों की जरूरतों को पूरा करती रहती है जिसमें घर के अन्य काम भी शामिल हैं। हमारे लिए माँ का प्यार एक बच्चे के लिए असीमित, बिना शर्त और अविस्मरणीय है जो उसे जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिन परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देता है। माँ का प्यार इतना प्यारा होता है कि केवल उसके बच्चे की खुशी की इच्छा चाहे उसकी उम्र और उसके बच्चे की उम्र कोई भी हो।

हम एक बच्चे के रूप में हमेशा अपनी माँ को संभाले रखते हैं लेकिन उसके बिना हमारा जीवन बेकार हो जाता है। वह वह है जो हमेशा हम पर नज़र रखती है कि हम किसी बुरी आदत में शामिल न हों या किसी से परेशान न हों। पहला शिक्षक किसी भी बच्चे के लिए माँ होती है और अगर वह अपने मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखता है तो सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने में कुछ भी उसे रोक नहीं सकता है।

माँ की ममता पर निबंध, long Essay on Mother’s Love in hindi (600 शब्द)

माँ का प्यार मीठा, मासूम, प्यार, देखभाल और कुछ समय चिंताओं से भरा होता है। यह सरल शब्द माँ ’अपने आप में इतनी शक्ति रखता है कि अगर किसी बच्चे को चोट लग जाए तो वह सभी दर्द को दूर कर सकता है। माँ का प्यार उस शक्ति को दर्शाता है जो बच्चे को सभी कठिनाइयों या कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करती है। मैंने अपनी मां से विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है क्योंकि वह मेरे जीवन में एक दोस्त, एक साथी, एक संरक्षक और एक शिक्षक की तरह विभिन्न भूमिका निभाती है। आइए थोड़ा सा वर्णन करें:

एक दोस्त के रूप में माँ:

जन्म के बाद एक बच्चा अपनी माँ को पहले दोस्त के रूप में पाता है जो अतिरिक्त देखभाल और पोषण के साथ उसके साथ खेलता है। वह एक दोस्त के रूप में अपने बच्चे के साथ बातचीत करती है और अपने बच्चे की सभी गतिविधियों को देखती रहती है। एक माँ अपने बच्चे के साथ खेलते समय कभी भी थका हुआ महसूस नहीं करती है और हमेशा बिना सोचे समझे उसकी सभी मांगों को पूरा कर देती है। एक माँ अपने बच्चे के लिए एक परी की तरह होती है।

एक मेंटर के रूप में माँ

बिना किसी अपेक्षा के एक माँ अपने बच्चे की भलाई के लिए काम करती रहती है। वह एक माँ, एक शिक्षक, एक दोस्त, एक कार्यवाहक की तरह माँ सहित सभी भूमिकाएँ निभाती हैं। वह अपने बच्चे को इस दुनिया में किसी भी अन्य चीज से ज्यादा प्यार करती है, लेकिन जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से लड़ने के लिए उसे सक्षम बनाने के लिए कभी-कभी वह अपने बच्चे के प्रति थोड़ा सख्त हो जाती है। उनका जीवन चुनौतियों से भरा है और हमें उनका हर मंच पर सामना करने की जरूरत है। माँ हमें वह शक्ति प्रदान करती है जिसके साथ हम उन्हें स्वीकार करने और सफलता पाने में सक्षम हो जाते हैं।

एक कार्यवाहक के रूप में माँ:

एक माँ हमेशा अपने बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहती है और अपने बच्चे से संबंधित किसी भी चीज़ में कभी समझौता नहीं करती है। माता-पिता अपने बच्चे को किसी भी कठिन परिस्थिति से बचाते हैं और उसे वह सभी आराम प्रदान करते हैं जो वे वहन कर सकते हैं। माताओं का प्यार न केवल अपने बच्चे को लाड़ प्यार करना है, बल्कि अपने बच्चे को नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जानने देना भी है।

किसी व्यक्ति का चरित्र उसकी परवरिश के स्तर को दर्शाता है जो पूरी तरह से उसकी माँ द्वारा सीखे गए पाठों पर निर्भर करता है। एक अच्छी परवरिश एक व्यक्ति का बेहतर भविष्य बनाती है और एक माँ अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा भविष्य देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करती है।

माँ एक महिला है और माँ की भूमिका पिता से अधिक महत्वपूर्ण होती है। वह एक घर को घर में परिवर्तित करती है; वह एक सुपरवुमन के रूप में काम करती है क्योंकि हाउस होल्ड का काम संभालना और समय पर परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकता को पूरा करना आसान काम नहीं है। अगर हम कामकाजी महिलाओं की तुलना में बात करते हैं, तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह एक साथ सभी चीजों का प्रबंधन कैसे करेगी।

मुझे अपनी मां पर गर्व है, जिन्होंने मुझे नौकरी करने के साथ-साथ घर का प्रबंधन भी ठीक से किया है।

एक माँ के रूप में माँ

माता का प्रेम शुद्ध और दिव्य है। माँ का प्यार एक ऐसी चीज़ है जो कभी नहीं मरता है यहाँ तक कि यह दिन पर दिन बढ़ता जाता है। माँ और बच्चे का यह रिश्ता भावनाओं से भरा है। इसमें कोई अपेक्षा नहीं और कोई मांग नहीं। वह हमें असीमित दर्द सहन करने के बाद जन्म देती है और जीवन भर देखभाल और प्यार से हमारा पालन-पोषण करती है।

आमतौर पर बड़े होने के बाद हम उसके सभी बलिदानों और प्रयासों को अनदेखा कर देते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ स्वार्थी लोग अपनी मां को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं जब वे बूढ़े हो जाते हैं। वे भूल जाते हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें स्थापित और सफल बनाने के लिए कितने प्रयास किए हैं।

माँ ईश्वर का एक अनमोल उपहार है जिसे हमें प्यार और देखभाल के साथ रखना चाहिए। जिन लोगों के पास माँ होती है वे बहुत भाग्यशाली होते हैं। वह शुद्ध मन और पूरी निष्ठा के साथ मातृत्व का काम करती है। यह कहना बहुत आम है कि ‘माँ आप समझती नहीं हो’ लेकिन वास्तव में माँ अपने बच्चे के बारे में एक-एक बात जानती है। माता-पिता का स्तर ईश्वर के बराबर है और इस तरह से आपकी माँ का सम्मान हमेशा करना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरी माँ का नाम मानसी है। मेरी माँ सबसे अच्छी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती है। वो सुबह सबसे पहले उठ जाती है और सबके लिए स्वादिस्ट खाना बनती है। वो घर में सबका ध्यान रखती है।

वो मेरी गुरु भी है जिससे मुझे शिक्षा मिलती है, जिससे मैं एक अच्छा इंसान बन सकू। मेरी माँ मेरी आदर्श है। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। मैं अपनी माँ को बहुत प्यार करती हूँ। मेरी माँ ईश्वर द्वारा दिया गया वरदान है। मैं भगवान का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मुझे सबसे अच्छी माँ दी।

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मेरी माँ का नाम आरती है। वह बहुतही प्यारी और हसमुख है। मेरी माँ हर सुबह सबसे पहले उठ जाती है। वह घर में सबके लिए स्वादिष्ट खाना पकाती है। मेरी माँ हर रोज मुझे स्कूल जाने के लिये तैयार करती है। पढाई के साथ साथ वह मुझे सही मार्ग पर चलने की सिख भी देती है। मेरी माँ हमारे पूरे परिवार का अच्छा ख्याल रखती है। वह परिवार की खुशी में ही अपनी खुशी मानती है। अगर कभी मैं बीमार पड़ती हूँ तो वह रात भर जागती है और भगवान से मेरे ठीक होने की प्रार्थना करती है।

मेरी माँ मेरी अच्छी दोस्त भी है। अगर कभी मैं दुखी हो जाऊं तो वह प्यारी बातें बताकर मेरे चेहरे पर मुस्कराहट लाती है। मैं अपनी माँ से बहत प्यार करती हूँ और अपने आप को भाग्यशाली समझती हूँ की भगवान ने मुझे इतनी प्यारी माँ दी है।

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“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

मेरी माँ बहुत सुन्दर है और हमारे जीवन में देखभाल करती है। वह हर समय हमारी जरूरतों की देखरेख करती है। वह बहुत ही सीधी सादी है। वह सवेरे जल्दी उठ जाती है। वह स्नान करके भगवान से प्रार्थना करती है। वह बहुत ही सक्रिय है। वह हमेशा खुश रहती है। वह सुबह हमें आवाज देकर बिस्तरे से उठाती है और रात को सुन्दर कहानियॉ सुनाती है। वह हमें स्कूल जाने के लिए तैयार करती है और हमें बढिया नाश्ता देती है। वह हमारे लिये खाना बनाने में ज्यादातर समय व्यतीत करती है। वह दोपहर का खाना भी देती है। हमारे घर में हमारे रिश्तेदार और दोस्त आते है वह उनके लिये भी खाना बनाती है। वह हमारी सारी जरूरतों में हमारा ध्यान रखती है जैसे कि वह पढाई में हमारी मदद करती है। वह हमारी पढ़ाई में हमारी मदद भी करती है। वह हमारे स्कूल का काम करने में हमारी मदद करती है।

मेरी माँ एक बहुत व्यस्त महिला है। वह सारे घर का काम देखती है। वह हमारे कपडे भी घोती है। मैं घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ। जब भी हमारे यहाँ मेहमान या रिश्तेदार आते है तब मैं भी घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ और जब भी मेहमान या रिश्तेदार वापस चले जाते है, तो उनके साथ सारा सामान सही जगह में रखने में मदद करता हूँ।

माँ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है मगर जब उन्हें पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर प्यार से समझाती है और अगर बच्चा न समझे तो जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है।

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मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi)

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

मदर टेरेसा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother Teresa in Hindi, Mother Teresa par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

मदर टेरेसा एक महान महिला थी जिनको हमेशा उनके अद्भुत कार्यों और उपलब्धियों के लिये पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा प्रशंसा और सम्मान दिया जाता है। वो एक ऐसी महिला थी जिन्होंने उनके जीवन में असंभव कार्य करने के लिये बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। वो हमेशा हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत रहेंगी। महान मनावता लिये हुए ये दुनिया अच्छे लोगों से भरी हुयी है लेकिन हरेक को आगे बढ़ने के लिये एक प्रेरणा की जरुरत होती है। मदर टेरेसा एक अनोखी इंसान थी जो भीड़ से अलग खड़ी दिखाई देती थी।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में हुआ था। जन्म के बाद उनका वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था लेकिन अपने महान कार्यों और जीवन में मिली उपलब्धियों के बाद विश्व उन्हें एक नये नाम मदर टेरेसा के रुप में जानने लगा। उन्होंने एक माँ की तरह अपना सारा जीवन गरीब और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।

वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। वो अपने माता-पिता के दान-परोपकार से अत्यधिक प्रेरित थी जो हमेशा समाज में जरुरतमंद लोगों की सहायता करते थे। उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थी जबकि पिता एक व्यापारी थे। राजनीति में जुड़ने के कारण उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। ऐसी स्थिति में, उनके परिवार के जीवनयापन के लिये चर्च बहुत ही महत्वपूर्ण बना।

18 वर्ष की उम्र में उनको महसूस हुआ कि धार्मिक जीवन की ओर से उनके लिये बुलावा आया है और उसके बाद उन्होंने डुबलिन के लौरेटो सिस्टर से जुड़ गयी। इस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिये उन्होंने अपने धार्मिक जीवन की शुरुआत की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

निबंध 2 (300 शब्द)

मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थी जो “गटरों की संत” के रुप में भी जानी जाती थी। वो पूरी दुनिया की एक महान शख्सियत थी। भारतीय समाज के जरुरतमंद और गरीब लोगों के लिये पूरी निष्ठा और प्यार के परोपकारी सेवा को उपलब्ध कराने के द्वारा एक सच्ची माँ के रुप में हमारे सामने अपने पूरे जीवन को प्रदर्शित किया। उन्हें “हमारे समय की संत” या “फरिश्ता” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाश” के रुप में भी जनसाधारण द्वारा जाना जाता है। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

उनका जन्म के समय अग्नेसे गोंकशे बोज़ाशियु नाम था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के रुप में प्रसिद्ध हुयी। एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में मेसेडोनिया के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 को उनका जन्म हुआ था। अपने शुरुआती समय में मदर टेरेसा ने नन बनने का फैसला कर लिया था। 1928 में वो एक आश्रम से जुड़ गयी और उसके बाद भारत आयीं (दार्जिलिंग और उसके बाद कोलकाता)।

एक बार, वो अपने किसी दौरे से लौट रही थी, वो स्तंभित हो गयी और उनका दिल टूट गया जब उन्होंने कोलकाता के एक झोपड़-पट्टी के लोगों का दुख देखा। उस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई थीं। उन्होंने झोपड़-पट्टी में दुख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरु कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था इसलिये सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिये वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगी।

10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाने के रास्ते पर ईश्वर से मदर टेरेसा को एक संदेश (आश्रम छोड़ने के लिये और जरुरतमंद लोगों की मदद करें) मिला था। उसके बाद उन्होंने कभी-भी पीछे मुड़ के नहीं देखा और गरीब लोगों की मदद करने की शुरुआत कर दी। एक साधारण नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी को पहनने के लिये को उन्होंने चुना। जल्द ही, निर्धन समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक दयालु मदद को उपलब्ध कराने के लिये युवा लड़कियाँ उनके समूह से जुड़ने लगी। मदर टेरेसा सिस्टर्स की एक समर्पित समूह बनाने की योजना बना रही थी जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहेगा। समर्पित सिस्टरों के समूह को बाद में “मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी” के रुप में जाना गया।

Essay on Mother Teresa in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।

उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।

दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।

अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

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माता पिता भगवान की दिए हुए सबसे अनमोल उपहार है। माता पिता का स्थान हर व्यक्ति के जीवन में भगवान से भी पहले आता है और यह पूजनीय है। माता पिता का प्यार निस्वार्थ होता है और वह हमारी खुशियों के लिए अपनी खुशियों को त्याग देते हैं। बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए पर वह माँ बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते हैं। दुनिया का कोई भी रिश्ता झूठा हो सकता है लेकिन माँ बाप का रिश्ता हमेशा सच्चा होता है। माता पिता हमेशा अपने बच्चों को सफल होते हुए देखना चाहते हैं और उनकी जरूरतें पूरी करते हैं।

माता पिता दिन रात हमारे लिए कार्य करते हैं और हर मुसीबत को हमारे तक आने से पहले ही रोक देते हैं। माता पिता का अपने बच्चों के साथ एक पवित्र रिश्ता होता है। सिर्फ माता पिता ही होते हैं जो हमें जीवन देते हैं और अच्छे संस्कारों से सींचते हैं। हमारे जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक वह हर कदम पर हमारे साथ होते हैं। वह हमें संस्कार देकर इस समाज में रहने योग्य बनाते हैं और हमारा सही मार्गदर्शन करते हैं। माता पिता की ममता और त्याग का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते हैं पर हमें भी उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। आधुनिक समय में लोग माता पिता के महत्व को भूलते जा रहे हैं और उनसे सही तरीके से बात भी नहीं करते हैं। बच्चे बड़े होते माँ बाप का प्यार भूल जाते हैं और उन्हें वृदाश्रम छोड़ आते हैं जो कि बहुत गलत है।

माता पिता का निरादर भगवान के निरादर के समान हैं। हमें अपने माता पिता का कहना मानना चाहिए और उन्हें खुश रखना है। माता पिता अद्वितीय है उनके समान दुनिया में दुसरा कोई भी नहीं है। हमें हमेशा अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलते हैं।

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10 Lines On Education: शिक्षा पर 10 लाइन और शिक्षा का महत्व 

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  • Updated on  
  • मई 27, 2024

10 Lines On Education in Hindi

मानव जीवन में भोजन, वस्त्र और घर जितने आवश्यक हैं, उतनी ही शिक्षा भी है। इसलिए ऐसा कहा भी जाता है कि शिक्षा मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा ही ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा आदमी को जीवन जीने का सही तरीका सीखता है। शिक्षा के बिना एक अच्छे जीवन के बारे में सोचना भी मुश्किल है। इस लेख में 10 Lines On Education in Hindi दी जा रही हैं। इनकी मदद से छात्र अपने होम असाइनमेंट के लिए शिक्षा पर 10 लाइन का निबंध लिख सकते हैं। 

10 Lines On Education in Hindi: शिक्षा पर 10 लाइन 

यहाँ 10 Lines On Education in Hindi दी जा रही हैं: 

  • नॉलेज, सही व्यवहार, टेक्निकल स्किल्स, विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को शिक्षा कहते हैं। 
  • शिक्षा एक अनमोल रत्न है। 
  • शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। 
  • हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। 
  •  शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। 
  • शिक्षा जीवन का सार है। 
  • शिक्षा अंधकार में प्रकाश की किरण है।
  •  शिक्षा अच्छे जीवन की आशा है। 
  • शिक्षा लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है। 
  • शिक्षा नकारात्मक विचारों को हटाती है। 

यह भी पढ़ें: मणिपुर के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य

10 Lines On Education in Hindi: शिक्षा का महत्व 

यहां शिक्षा के महत्व पर 10 लाइन दी जा रही हैं: 

  • शिक्षा अज्ञानता का अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलती है। 
  • शिक्षा सफलता की कुंजी है। 
  • एक शिक्षित समाज अपराध मुक्त होता है। 
  • शिक्षा करियर के नए द्वार खोलती है। 
  • शिक्षा रचनात्मकता में वृद्धि करती है। 
  • शिक्षा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देती है। 
  • शिक्षा बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करती है। 
  • शिक्षा से मनुष्य में वैज्ञानिक सोच का विकास करती है। 
  • शिक्षा मनुष्य के चरित्र का निर्माण करती है। 
  • शिक्षा एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करती है। 

यह भी पढ़ें: माउंट एवरेस्ट के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य 

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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

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