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Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध
दोस्तों आज के लेख में हमने Mera Priya Mitra पर Hindi निबंध लिखा है अर्थात My Best Friend Essay in Hindi. यहां पर प्रस्तुत किए गए ' मेर...
10 Lines on Mera Priya Mitra in Hindi
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- Essays in Hindi /
Best Friend Essay in Hindi : दोस्ती जैसे महान रिश्ते पर कैसे लिखे निबंध, जानिए यहाँ विस्तार पूर्वक फ्रेंडशिप डे और फ्रेंड पर निबंध के बारे में
- Updated on
- अगस्त 26, 2023
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई मतभेद नहीं होता है, Best Friend Essay in Hindi के माध्यम से आपको दोस्ती पर कुछ इंट्रस्टिंग निबंध पढ़ने को मिलेंगे, जिन्हें आप अपने दोस्तों को समर्पित कर सकते हैं। फ्रेंडशिप डे से जुड़ी जानकारी पाने और दोस्ती और Mera Priya Mitra पर लिखे निबंध को पढ़ने के लिए ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Mera Priya Mitra
Best Friend Essay in Hindi के माध्यम से आप निबंध लिखने की मंशा और निबंध के तरीके को जानने का प्रयास कर पाएंगे। निबंध का पहला विषय “मेरा प्रिय मित्र” है, जिसके बारे में निबंध निम्नवत है-
Mera Priya Mitra पर 100 शब्दों का निबंध
मेरा प्रिय मित्र!
जीवन में मिलने वाले दुखों में सबसे पहले खड़ा होने वाला कोई है तो वो है ‘मेरा प्रिय मित्र’, यही दोस्ती तो मुझे जीवन जीना सिखाती है। कभी-कभी गुस्सा करता है तो कभी बड़ा मजाकिया है, कैसा भी है मेरा दोस्त दिल का बड़ा साफ़ इंसान है। मैंने उसके चेहरे पर कभी हताशा या कोई निराशा नहीं देखी क्योंकि मेरा दोस्त आशाओं का किरणपुंज है।
मुझे गलत रास्ते पर जाने से रोकता है, मेरी खुशियों के लिए खुद को तकलीफों की भट्टी में झोकता है। ऐसा ही है मेरा प्यारा दोस्त जिसकी दोस्ती मेरे जीवन भर की कमाई है।
Mera Priya Mitra पर 200 शब्दों का निबंध
कैसे कह दूँ कि मैं कभी खुद से नहीं मिला, बात तो यह है कि मेरे दोस्त से मिलने के बाद मैंने जाना कि वो मेरा और मैं उसका साया हूँ। दोस्ती की कोई कीमत नहीं होती, दोस्ती में कोई मतलब नहीं होता, इस बात को बड़े अच्छे से जानता है मेरा प्यारा दोस्त।
हर एक नई सुबह में वो मेरी आँखों के देखे सपनों को पूरा करने के लिए निकल जाता है, उसकी आहाट ही मुझे मेरे वजूद से मिलाती है। उसके बिना मैं खुद की कल्पना तक नहीं कर सकता, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मेरा अस्तित्व मेरे दोस्त की खुशियों पर टिका हुआ है।
मेरी बातों को शब्द पूरे होने से पहले जान जाता है, मेरे सुख-दुःख को मेरा दोस्त अच्छे से पहचान जाता है। उसका मजाकिया अंदाज़ मुझे तकलीफों से लड़ने के लिए प्रेरित करता है, उस बातूनी का बेख़ौफ़ बोलना ही मुझ बेजान में जान फूँक जाता है। मैं सोच भी नहीं सकता कि मेरे ऐसे कौन से अच्छे कर्म रहे होंगे, जो मेरी उससे दोस्ती हुई।
ज़माने से थोड़ा अलग है मेरा दोस्त, जो किसी को भी तकलीफ में देखकर खुश नहीं रह सकता है। मेरा दोस्त मेरी पहचान है, मेरा दोस्त ही जान है। कैसे कोई इंसान रह सकता है दोस्ती के बिना कभी, बस यही सोचकर मैं घबरा जाता हूँ क्योंकि कोई इंसान अपने साए के बिना नहीं रह सकता है।
मेरी प्रिय सखी पर 300 शब्दों का निबंध
मेरी प्रिय सखी!
जीवन की परिभाषा में यदि दोस्ती के बिना सारे रिश्तें जोड़ दिए जाए, तो जीवन की परिभाषा अधूरी कहलाएगी। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें प्यार, गुस्सा, मजाक, तीखी-मीठी नोकझोक आदि भावनाओं का समावेश होता है। इंसान से निस्वार्थ भाव से जुड़ा रिश्ता ही दोस्ती कहलाता है।
मुझे कभी भी दुःखी नहीं देख सकती है, मेरी प्रिय सखी! मुझे हँसाने के लिए अतरंगी हरकतों को अंजाम देती है मेरी सतरंगी सी सखी। मेरी आँखों में आंसू देख दुनिया से भिड़ने को तैयार रहती है, वो मेरी ख़ुशी से लिए कभी मुझसे, कभी सबसे तो कभी खुद से लड़ने को तैयार रहती है।
मेरी प्रिय सखी! मेरी रूह की तरह मेरा हर अच्छे-बुरे काम में साथ देती है। मेरी सहेली मेरी पीड़ाओं को खुद पर हँसते-हँसते ले लेती है, उसका अंदाज़ ही इतना निराला है कि वो मेरी बातें सुनने को ज़माने को भी अनसुना कर देती है। मेरी अच्छी यादों को वो और भी अच्छे से सजोकर रखती है, मेरे दिल के आँगन पर वो जैसे अपना हक़ समझती है।
मेरी तबियत ख़राब में वो माँ की तरह मेरा ख्याल रखती है, मैं घर से दूर हूँ इसका मुझे जरा भी वो एहसास नहीं होने देती। मेरी हर परेशानी उसकी है वो मुझ पर कोई ऊँगली नहीं उठने देती। भाई और पापा के जैसे वो मुझे समाज की बुरी नज़रों से बचती है, तभी तो बस वो ही मेरी सबसे अच्छी और सबसे सच्ची सहेली कहलाती है।
उसके जैसी दोस्ती कहाँ मुझे कहीं और मिलेगी, उसकी आहाट में मेरा अस्तित्व छुपा है। उसकी बातों से मुझे प्रेरणा मिलती है, उसकी पलकों पर मेरा देखा हर ख्वाब बड़ी सहजता से सजा है। ऐसी दोस्त के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है क्योंकि वो मेरे अपार प्यार और इस सम्मान की इकलौती हक़दार है। मेरी प्रिय सखी मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है, एक ऐसा वरदान जिससे मुझे मेरी सच्ची खुशियों का पता मिलता है।
Best Friend Essay in Hindi 300 शब्दों में
प्रस्तावना .
मेरे सबसे अच्छे दोस्त का नाम वैभव है, एक ऐसा दोस्त जो मुझे मुझसे ज्यादा पहचानता है। यूं तो दोस्ती के पवित्र रिश्ते पर लिखने व दोस्तों की दोस्ती की एहमियत को समझने के लिए शब्दों के सागर कम पढ़ सकते हैं, लेकिन फिर भी इसके लिए एक सार्थक प्रयास तो किया ही जाना चाहिए। हमारी दोस्ती को आज 5 साल हो गए हैं। मेरा दोस्त मेरे जीवन के संघर्ष रथ का सारथी है।
मित्रता की विशेषता
एक साथ एक ही स्कूल से शुरू हुई यह दोस्ती आज अपने 5 साल पूरे कर चुकी है, जबकि हर साल एक सदी के समान बीता। इस दोस्ती की ये खासियत रही कि समझदारी के साथ, निस्वार्थ भाव से हमने इतना लंबा सफर तय किया। इस दोस्ती में हम एक दूसरे का आईना और साया बनकर कदम से कदम मिलकर चले।
इस दोस्ती की कुछ खास यादें
यूँ तो दोस्ती में हर पल खास ही होता है, पर सबसे ज्यादा खास लम्हें तब माने जाते हैं, जब आप चौतरफा परेशानियों से घिरें हों और कोई आपका न साथ दे, फिर भी जब आपका सच्चा दोस्त आपका साथ देता है तो वह लम्हें और भी खास हो जाते हैं। मुझे एक नई दुनिया से मिलाना हो या बेरोजगारी के दौर में मुझे रोजगार दिलवाना हो, या बुरे वक़्त में मुझे हमेशा प्रेरित करना हो, यह सब खास लम्हें हमारी अतरंगी यारी में रहे।
जीवन में एक न एक दोस्त तो ऐसा ही होना चाहिए जो आपकी रीढ़ की हड्डी बनकर आपको टैंकर चलना सीखा सके, आपको जीवन जीना सीखा सके। Best Friend Essay in Hindi का यह ब्लॉग हमारी यारी को ही समर्पित है।
My Best Friend Essay 10 Lines
Best Friend Essay in Hindi के माधयम से आप अपने सच्चे दोस्त के लिए My Best Friend Essay 10 Lines में निबंध कैसे लिखें, यह जान पाएंगे। जिसके उदाहरणस्वरुप आप निम्नवत निबंध को देख सकते हैं-
- मेरे सबसे अच्छे और सबसे सच्चे दोस्त का नाम “हरमन सिंह” है।
- कॉलेज के दौरान हुई हमारी यारी को आज तकरीबन 8 साल हो गए हैं।
- हमारी यारी में हरमन का होना ऐसा है जैसा कि इन फ़िज़ाओं में हवाओं का होना।
- जिस यारी में हम पहले बस यार थे, आज उसी यारी में हम यार से बढ़कर भाई बन चुके हैं।
- हरमन की समझदारी ने हमेशा मुझे एक सही राह दिखाया है।
- जैसे हवाओं के तेज झरोखों से दिए की लौ फड़फड़ाती है, ठीक वैसे ही हमारी यारी को देख तकलीफें फड़फड़ाने लगती हैं।
- हरमन जैसा मजाकिया यार मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
- ऐसी यारी है हमारी जैसे कि किसी बड़ी रियासत का कोई अनमोल खजाना हो।
- मेरे सपनों के पूरा हो जाने में मेरा दोस्त हरमन का बड़ा हाथ है।
- मेरे दोस्त, दोस्ती की परिभाषा को पूरी तरह सार्थक करता है।
बेस्ट Best Friend Essay in Hindi
नीचे बेस्ट बेस्ट Best Friend Essay in Hindi का एक सैंपल निबंध दिया जा रहा है –
यूँ तो मेरे पास बचपन से ही बहुत सारे दोस्त हैं लेकिन रमा मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। रमा स्कूल के टाइम से ही अपने माता-पिता के साथ मेरी कॉलोनी में रहती है। रमा जैसी सहेली का मिलना मेरे लिए गर्व की बात है, रमा का स्वाभाव बचकाना मगर दिल का साफ़ और मददगार है, उसके इसी पाक व्यवहार के लिए मैंने उसको अपनी सहेली बनाया था। जीवन को सही दिशा देने में और सफलताओं के शीर्ष तक पहुंचने के लिए सच्ची दोस्ती की आवश्यकता पड़ती ही है। मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे रमा जैसी दोस्त मिली।
हमारी यारी का ये सुहाना सफर
मेरी और मेरी दोस्त रमा की गहरी दोस्ती को 38 साल पूरे हो गए हैं, हम दोनों का जो हाल कभी बचपन में हुआ करता था वही आज भी जस का तस है। जीवन में अनेकों सुख दुःख देखने के बाद आज हमारी यारी अपने 38 साल पूरे कर चुकी है। रमा को देखकर लगता है कि नियति ने उसे सताया ही है, इतने दुखों और पीड़ाओं का भार उठाने के बाद भी उसने कभी भी अपना बचपना नहीं छोड़ा।
“कभी तो रमा खुलकर हँसती है, कभी-कभी वो खुलकर रोती है
वो जैसे संघर्षों की मूरत है, जो मासूमियत के आँगन में सोती हैं…”
सच्चे दोस्त सौभग्यशाली लोगों को ही नसीब होते हैं, जिस इंसान का कोई दोस्त नहीं होता वो हमेशा तन्हा, अधूरा और अकेला रहता है। यह अकेलापन आपको आप से ही दूर कर देता है, दोस्ती की एहमियत समझें और खुद की यारी पर गर्व महसूस करना सीखें।
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera Priya Mitra, Best Friend Essay in Hindi पढ़ने को मिली होंगी। Friendship Day से संबंधित अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।
मयंक विश्नोई
जन्मभूमि: देवभूमि उत्तराखंड। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई
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अच्छा दोस्त पर निबंध (A Good Friend Essay in Hindi)
आजकल के दौर में यदि आपके पास एक ऐसा मित्र है, जिसे आपने सदैव अपनी आवश्यकता के दौरान अपने समीप पाया हो। तो यकीन मानिये आप बहुत ही भाग्यशाली हैं और ऐसे ही मित्र सच्चे मित्र कहलाते हैं।
अच्छा दोस्त पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on A Good Friend in Hindi, Achha Dost par Nibandh Hindi mein)
अच्छा दोस्त पर निबंध – 1 (300 शब्द) – achha dost par nibandh.
एक अच्छा दोस्त 100 पुस्तकों के बराबर होता है; ऐसा स्वयं श्री ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी का मानना था। क्योंकि हम पुस्तकों को पढ़ सकते हैं, उनसे सीख सकते हैं परंतु उन बातों को प्रयोग में ला रहे हैं कि नहीं यह कोई और नहीं अपितु हमारे दोस्त ही समझ पाते हैं। हम पर हमारे संगत का असर इस कदर पड़ता है कि, कोई बच्चा या तो बन ही जाता है या बिगड़ ही जाता है।
अच्छा दोस्त – हमारा सच्चा मार्गदर्शक
अच्छे दोस्तों का होना जीवन में बहुत आवश्यक होता है। बच्चे जितना अपने अध्यापक या माता-पिता से नहीं सीखते, उससे कई गुना वे अपने दोस्तों से सीखते हैं। और ऐसे स्थिति में दोस्तों के महत्व को आप समझ ही सकते हैं।
कई बार जो एक अभिभावक नहीं सिखा पाते, बच्चे अपने दोस्तों से सीख जाते हैं। एक अच्छा दोस्त खुद तो अच्छे पथ पर चलता ही है और साथ ही अपने दोस्तों को भी अच्छी आदतें सिखाता है। और अपने दोस्तों को भी गलत मार्ग पर जाने से रोकता है। शायद इसी वजह से जीवन में अच्छे दोस्तों का होना बेहद आवश्यक होता है।
एक सच्चे मित्र के कुछ गुण होते हैं जैसे कि; वे कभी भी किसी से अपने मित्रों कि बुराई नहीं करते, वे आपके पीठ पीछे आपकी बातें नहीं करते, किसी भी तरह कि मुसीबत में आपको अकेला नहीं छोड़ते, बेमतलब की बातों पर बहस नहीं करते, आपकी हालातों का कभी फायदा नहीं उठाते, आदि।
हर व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी पड़ाव में एक अच्छे साथी कि आवश्यकता होती है। जो कि उचित समय पर हमारा उचित मार्गदर्शन करा के हमारे जीवन को भी रोशन करते हैं।
आजकल के दौर में सच्चे दोस्तों का मिलना बेहद मुश्किल है। इसी वजह से यदि आपके पास कोई सच्चा मित्र है तो अपनी दोस्ती को संभाल कर रखें और सदैव उसकी कद्र करें। अच्छा दोस्त मिलना किसी वरदान से कम नहीं होता।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on A Good Friend in Hindi
निबंध – 2 (400 शब्द) – Achha Dost par Nibandh
एक व्यक्ति के जीवन में कई महत्वपूर्ण रिश्ते होते हैं और दोस्ती उन सब में सबसे अहम भूमिका निभाती है। कोई भी इंसान अपनी सारी समस्याओं को केवल अपने दोस्तों से ही साझा कर पाता है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि दोस्त वह इंसान होता है जो हम सब के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाता है। और कहीं न कहीं हम सब के जीवन को प्रभावित करता है।
अच्छे दोस्त कि परिभाषा
एक अच्छा दोस्त वह नहीं जो सदैव आपके हां में हां मिलाये, अपितु वे आपकी गलती पर आपको टोकता भी रहें। वे आपको प्रेरित भी करते हैं, और आपको आगे बढ़ाने के लिए अपना पूरा प्रयास भी करते हैं। एक सच्चा मित्र खुद भी प्रगति के पथ पर चलता है और अपने सहयोगियों की भी भरपूर मदद करता है।
एक अच्छा दोस्त सदैव अपने साथियों का भला चाहता है और सब को अपने साथ लेकर चलता है। वे कभी किसी से अपने दोस्तों कि बुराई नहीं करता, न तो उन्हें नीचा दिखाता है। एक अच्छा दोस्त पाना सच में किसी वरदान से कम नहीं।
जीवन में अच्छे दोस्त का महत्व
सभी माता–पिता अपने बच्चों को अच्छा आचरण सिखाते हैं, परंतु उनको अमल में लाना बच्चों पर निर्भर करता है। आपका आचरण ठीक वैसा ही होता है जैसे कि आपके दोस्त होते हैं, अर्थात हमारे जीवन में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हमारे दोस्त ही होते हैं।
आपकी संगत या तो आपका जीवन बना ही देती है, या तो उसे बिगाड़ ही देती है। कोई भी व्यक्ति अपने हम उम्र दोस्तों के साथ अपनी बातें आसानी से साझा कर पाता है, और एक दूसरे के गुण एवं दोषों में पूरी तरह रच-बस जाता है। इसलिए अच्छे दोस्तों का होना जीवन में बहुत आवश्यक होता है।
अच्छे दोस्त के फायदे
आपने दोस्तों के ऊपर ढेरों कहावतें तो सुनी ही होंगी, और आपने स्वयं भी आपने दोस्तों का आपके जीवन में योगदान भी देखा ही होगा। एक अच्छे दोस्त का हमारी सफलता में बहुत बड़ा योगदान होता है। वे सदैव अपने दोस्तों के अवगुणों को उजागर करते हैं और उन्हें खत्म करते हैं साथ ही साथ उनके गुणों को निखारने में उनकी मदद करते हैं। और यह जरूरी नहीं कि आपका कोई हम उम्र हो, वह आपके अध्यापक, अभिभावक, कोई भी हो सकते हैं।
हम यह कह सकते हैं कि जीवन का सफर दोस्तों के बगैर अधूरा है और हमें स्वयं भी इन गुणों को जरूर अपनाना चाहिये। और हमें यदि कोई ऐसा शख्स मिलता है जो हमारे लिए सोचे और हर परिस्थिति में हमारा साथ दे, तो यकीन मानिये कि आप बहुत किस्मत वाले हैं।
निबंध – 3 (500 शब्द) – Achha Dost par Nibandh
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे चंद शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। यह कभी-कभी एक भाई से बढ़ कर प्रेम देता है, तो कभी मां का आंचल बन हमें मुसीबतों से निकालता है। ऐसा कोई कार्य नहीं जो एक मित्र न कर सके और यदि आपके जीवन में ऐसा कोई हो तो आप वाकई में भाग्यशाली हैं, क्यों कि आज कल के दौर में मित्र तो बहुत मिल जाएंगे परंतु अच्छे दोस्तों का मिलना आसान बात नहीं।
अच्छे दोस्त के गुण
- यह एक निश्छल रिश्ता होता है, जिसमें लोग एक दूसरे कि मदद खुशी से करते हैं और सब के आगे बढ़ने कि कामना करते हैं। वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में आपको अकेला नहीं छोड़ते एवं सदैव आपके साथ रहते हैं।
- एक अच्छा दोस्त सदैव आपको सही राह पर चलने को प्रेरित करता है, चाहे वह राह कितना भी कठिन ही क्यों न हो।
- वे आपकी सामाजिक एवं भावनात्मक दोनों रूप से मदद करते हैं।
- एक अच्छा दोस्त कभी भी आपके अनुपस्थिति में, आपके लिए अनुचित शब्दों का प्रयोग नहीं करता।
- अच्छे दोस्त कभी भी मुसीबत आने पर आपको कभी अकेला नहीं छोड़ते।
- एक अच्छा दोस्त आपसे अपेक्षा तो कर सकता है परंतु कभी आपकी उपेक्षा नहीं करता।
- हम अपने मित्रों से अपनी सभी बातें आसानी से साझा कर पाते हैं और आशा करते हैं कि वे हमें इस दुनिया में सबसे अधिक समझते हैं।
- एक अच्छा दोस्त किसी भी आयु, लिंग और जाती का हो सकता है। कई बार हमारे अभिभावक हमारे सबसे अच्छे मित्र बन जाते हैं, जो हमारा सही मार्गदर्शन तो करते ही हैं साथ ही साथ हमें सबसे अधिक समझते भी हैं।
- जीवन में अच्छे दोस्तों का होना किसी वरदान से कम नहीं होता। उन्हें सदैव सजो के रखें और उनका आदर करें।
अच्छा दोस्त – वफादारी का दूसरा नाम
दोस्तों को वफादारी का दूसरा नाम कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि वे कभी आपको धोका नहीं देते और समय-समय पर कुछ ऐसे मिसाल कायम कर जाते हैं कि, हमारे दिल के और भी करीब हो जाते हैं।
कई बार हम देखते हैं कि उम्र व समय के साथ हमारे कई नए दोस्त बनते हैं और खत्म हो जाते हैं। पर जो हमारे साथ रह जाते हैं वे ही हमारे परम मित्र बन जाते हैं। और ज्यादातर देखा गया है कि ऐसी दोस्ती बहुत आगे तक जाती है। ऐसे लोग जो जीवन के हर पड़ाव पर हमारे साथ होते हैं वे हमारे और भी करीब हो जाते हैं।
हम किसी के साथ अपना सुख-दुख तभी साझा करते हैं जब वह भरोसेमंद होता है और एक वफादार इंसान सदैव हमारे दिल में अलग स्थान रखता है जो एक सच्चा दोस्त कहलाता है।
दोस्ती के बारे में जितना कहा जाए कम ही होगा। वह एक ऐसा व्यक्ति होता है जो भले ही दूसरी मां से जन्मा हो पर आप दोनों कि सोच एक समान होती है। शायद यही वजह है कि हमारे बड़े बुजुर्ग कह गये हैं कि ‘जैसी संगत वैसी रंगत’। अर्थात हम पर अपने दोस्तों का असर बहुत ही जल्दी पड़ता है। इसलिए जीवन में एक अच्छा मित्र अवश्य कमायें। दोस्ती कमानी पड़ती है, ठीक उन्हीं आदतों को अपना कर जिसकी कामना आप अपने मित्र से करते हैं।
निबंध – 4 (600 शब्द)
दोस्ती शब्द अपने आप में इतना समृद्ध है कि इसका कोई एक अर्थ निकालना इसे कम आंकना कहलाएगा। शायद दुनिया में माता-पिता के बाद दोस्त ही होते हैं जो हमारे सबसे करीब होते हैं। और हमें सबसे अच्छे से समझते हैं, तथा ऐसे में किसी बेहतरीन व्यक्ति का साथ मिल जाए तो जीवन संवर जाता है। दुनिया का हर दूसरा व्यक्ति देखने, सुनने और समझने में एक दूसरे से भिन्न होता है। पर जहां दो लोगों कि सोच थोड़ी मेल खाए वहीं दोस्ती पनपती है।
अच्छे दोस्तों का हमारे जीवन पर असर
ज्यादातर लोग अपना पहला दोस्त अपने स्कूल में बनाते हैं और यकीन मानिये, यह ये भी दर्शाता है कि आप दुनियादारी सीख रहे हैं। जब बच्चे अपने बल-बूते पर दोस्त बनाते हैं तो उनमें एक अलग प्रकार का आत्मविश्वास जन्म लेता है। जो कि आगे चल कर उनके जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चूंकि बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं, इस लिए ऐसा पाया गया है कि जिन बच्चों ने स्कूल आकर सबसे पहले दोस्त बनाये उनमें सीखने कि क्षमता भी अधिक पाई गई। वे अपने दोस्तों का नकल करने लगते और नई-नई आदतें व बातें एक दूसरे से सीखते हैं।
मान लीजिए की एक बच्चे का परिवेश ऐसा है कि वह आए दिन अपने घर के आस-पास कहीं न कहीं गालियां सुनता रहता हो। तो वहीं एक ऐसा बच्चा भी हो जिसके घर अनुचित शब्दों के प्रयोग पर डाटा जाए तो यकीन मानिये वह अपने दोस्त को भी समझाएगा कि वह गलत है। ठीक इसी प्रकार चाहे वह जीवन का कोई भी पड़ाव क्यों न हो, दोस्तों से हम सीखते हैं।
दोस्त बनाना भी एक कला होता है जो शायद सब को नहीं आता। जिसमें खुद को भी झोंकना पड़ता है, तब जा के भरोसे कि चाशनी तैयार होती है और एक बार यह चाशनी तैयार हो जाए आप इसका आनंद सारी उम्र उठा सकते हैं।
अच्छी मित्रता के कुछ खास उदाहरण
यह जरूरी नहीं कि आप अपने दोस्तों से रोज बात करें परंतु आवश्यकता पड़ने पर आप सदैव उन्हें अपने समीप पाएंगे। हमारे इतिहास में कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो वाकई अच्छी दोस्ती के मिसाल हैं।
कृष्ण और सुदामा : शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो इतिहास के इस किस्से को नहीं जानता होगा। इनकी दोस्ती बाल्यावस्था में हुई थी जब दोनों बालक थे और अपनी-अपनी शिक्षा प्राप्त की। परंतु बाद में कृष्ण राजा बन गये और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण। परंतु जब सुदामा श्री कृष्ण से मिलने गये, तो श्री कृष्ण ने उनके सारे कष्ट हर कर अपनी मित्रता को अमर कर दिया।
राम एवं सुग्रीव , कृष्ण एवं अर्जुन, दुर्योधन एवं कर्ण , कुछ ऐसे ऐतिहासिक उदाहरण हैं जो मित्रता के रिश्ते को और भी खास बना देते हैं और जीवन में अच्छे दोस्तों के महत्व को और बढ़ा देते हैं।
जीवन में अच्छे दोस्तों का होना बेहद आवश्यक होता है, उनके होने मात्र से मन में हिम्मत आ जाती है, क्योंकि कई बार हमारे फैसले ऐसे होते हैं जिससे घर वाले हमारे खिलाफ हो जाते हैं, तब वे हमारे दोस्त ही होते हैं जो हमारी भावना को समझते हैं और सब को हमारे नजरिये से समझाने का प्रयास करते हैं। या फिर हमारे गलत होने पर हमें भी समझाते हैं।
एक अच्छा मित्र इतनी आसानी से नहीं मिलता थोड़ा त्याग खुद भी करना पड़ता है और अगर आपके पास ऐसा मित्र है तो उसकी कद्र अवश्य करें। वे स्वयं भगवान का प्रसाद होते हैं, जो जीवन के कठिन परिस्थितियों में इस कदर मदद कर जाते हैं कि आप आजीवन उन्हें भूल नहीं पाते। अगर भगवान ने आपको कुछ अधिक दिया है तो सदैव दूसरों कि मदद करें और एक अच्छे मित्र का उदाहरण आप भी बनें।
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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay In Hindi)
आज के इस लेख में हम मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (Essay On My Best Friend In Hindi) लिखेंगे। मेरा प्रिय मित्र पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।
मेरा प्रिय मित्र पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Best Friend In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।
Table of Contents
प्रस्तावना
हम सब के वैसे तो कई मित्र होते हैं, लेकिन एक सच्चे और अच्छे मित्र की जरूरत जीवन में सभी को होती है। कौनसा मित्र हमारा सच्चा मित्र है इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन समय बीतने पर हमें खुद ही एहसास हो जाता है कि कौन हमारा हितकारी मित्र है।
कई बार बहुत से लोग चिकनी चुपड़ी बातें करके हमें बहका लेते हैं और हमें लगने लगता है कि ये हमारा प्रिय मित्र है। लेकिन ऐसे व्यक्ति कभी अच्छे मित्र नहीं बनते और काम निकल जाने पर वे हमसे दूरियां बना लेते हैं।
जबकि एक अच्छा मित्र कभी ऐसा नहीं करता है वो जरूरत पड़ने पर हमारी मदद करता है और हमें वास्तविकता से परिचित करवाता है।
मेरा प्रिय मित्र
मेरा प्रिय मित्र का नाम रवि है। वह मेरे साथ मेरे विद्यालय में पढ़ता है। मेरे कई मित्र हैं जो बचपन से मेरे साथ स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन उन सबसे मेरी मित्रता इतनी गहरी नहीं हो पाई जितनी की रवि से 3 वर्षों में हो गई है। इन तीन सालों में ऐसी कई घटनाएं घटित हुई जिनसे मुझे ये एहसास हुआ कि रवि ही मेरा सच्चा मित्र है।
मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे इतना अच्छा मित्र मिला। उसमें वो सभी खूबियां हैं जो एक अच्छे मित्र में होनी चाहिए। हम दोनों एक दूसरे का हर अच्छी बुरी परिस्थितियों में साथ निभाते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी मित्रता आजीवन ऐसी ही रहेगी।
मेरे प्रिय मित्र की खूबियां
रवि एक मध्यम वर्गीय परिवार से सबंध रखता है, लेकिन उसका पूरा परिवार पढ़ा लिखा और संस्कारी है। वह मृदुभाषी है और बड़ों की इज्जत करता है। वो पढ़ाई में मुझसे बहुत अच्छा है और खेलों में भी रुचि लेता है।
वह सभी से आत्मविश्वास के साथ बातें करता है और जल्द ही सबसे घुल मिल जाता है। जब हम दोनों साथ बैठकर बातें करते हैं तो हमें समय का पता ही नहीं चलता। उसे कहानियां और कविताएं लिखने का शौक है और मुझे पढ़ने का, इसलिए हमारी खूब जमती है।
वो जब भी कोई नई कहानी या कविता लिखता है तो सबसे पहले मुझे सुनाता है। उसने हमारे दोस्ती पर भी कई कविताएं लिखी हैं, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। वो बहुत ही अच्छा इंसान है और सभी की सहायता करता है।
हमारे स्कूल में जब भी स्काउटिंग के टास्क दिए जाते हैं, या फिर समाज सेवा के कार्य करने के लिए कहा जाता है तो वही सबसे आगे होता है। वो सत्यवादी है और जितना मुझे पता है मैंने उसे कभी झूठ बोलते हुए नहीं देखा।
चाहे किसी को कटु ही क्यों ना लगे पर वो खुद अच्छा बनने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेता है। एक सच्चे मित्र की यही तो पहचान होती है कि वो आपको सच का रास्ता दिखाता है।
जब भी मुझे किसी बात में उलझन होती है तो मैं उसे ही बताता हूं और वो मुझे सही सलाह देता है। उसकी कई खूबियां हैं जो मुझे समय के साथ धीरे धीरे पता चलती गई और हमारी मित्रता भी प्रगाढ़ होती चली गई।
कुछ खास घटनाएं
मेरे बहुत से मित्र हैं लेकिन रवि उनमें से कैसे खास बन गया इसके बारे में जब भी मैं सोचता हूं तो मुझे कई बातें याद आती हैं। जिनमें से एक है जब उसने मेरा साथ दिया और एक सच्चे मित्र का फर्ज निभाया था।
जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता था तब रवि ने हमारे स्कूल में एडमिशन लिया था। उस समय मैं किशोरावस्था के अल्हड़पन में पढ़ाई को लेकर कुछ लापरवाह हो गया था और इसलिए यही सोचता था कि मुझे सब आता है।
जब अध्यापक कक्षा में पढ़ाते थे तब मैं ध्यान नहीं देता था। इसका परिणाम ये हुआ की अर्धवार्षिक परीक्षा में मैं दो विषयों में फेल हो गया। उस समय रवि ने मुझे समझाया और मन लगाकर पढ़ने को प्रेरित किया।
मुझे जब भी पढ़ाई में कोई दिक्कत होती थी तो वो मेरे घर आकर मुझे पढ़ने में मदद करता था, जिसकी वजह से दसवीं की वार्षिक परीक्षा में मैं अच्छे नंबरों से पास हुआ। एक बार हमारे विद्यालय में खेल समारोह आयोजित हुआ और हम दोनों ने उसमें भाग लिया।
हमें कबड्डी बहुत पसंद थी तो हमनें उसी खेल में हिस्सा लिया। अलग अलग विद्यालयों की टीमें हमारे विद्यालय में आई थीं। उनमें से कुछ छात्र काफी ईर्ष्यालु प्रकृति के थे, इसलिए कबड्डी के खेल के दौरान उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरीके से पकड़ा और धक्का दिया।
जिससे मुझे पैर में गहरी चोट आ गयी। तब रवि ने मुझे संभाला और अध्यापकों कि सहायता से अस्पताल पहुंचाया। उसने उन छात्रों की शिकायत प्रधानाध्यापक से भी कि, जिन्होंने ऐसा व्यवहार किया था।
फिर रवि बहुत बार मेरे घर आता और जब तक मुझे डॉक्टर ने स्कूल जाने को मना किया था, वो मुझे सारे महत्वपूर्ण टॉपिक जो स्कूल में पढ़ाए जाते थे, घर पर ही समझा देता था। इस प्रकार से बहुत सी ऐसी बातें इन तीन सालों में हुई जिनसे हम दोनों का रिश्ता गहरा होता चला गया।
हमारी मित्रता अमीरी गरीबी से परे
मेरा मित्र रवि क्योंकि एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है तो वह पैसों की कीमत अच्छे से समझता है और फिजूलखर्ची नहीं करता। इसके विपरित मैं एक धनी परिवार से हूं और जब मैं उससे मिला नहीं था तब तक बहुत फालतू खर्च करता था।
मैं कई बार अपने कक्षा के छात्रों के साथ मिलकर पार्टियां करता और महंगी महंगी चीजें खरीदता था। लेकिन जब मेरी रवि से मित्रता हुई तब उसने मुझे समझाया की धन कमाना बहुत मुश्किल है और हमारे माता पिता बहुत मेहनत करके पैसे कमाते हैं, तो हमें उस बर्बाद नहीं करना चाहिए।
अन्य सभी दोस्तों से विपरित उसने मुझे महंगे उपहार देने से भी मना किया और कहा अगर तुम्हारे पास पैसे बचते हैं, तो तुम उन्हें जमा करो या फिर उनसे किसी गरीब असहाय की सहायता करो।
उसकी बातों का मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा और मैं समझा की अमीरी और गरीबी मित्रता के रिश्ते पर असर नहीं डालती है। उसके लिए केवल एक दूसरे के प्रति सच्ची भावनाएं होना ही काफी है।
कृष्ण और सुदामा की मित्रता भी तो ऐसी ही थी, उनमें धन की दीवार कभी आड़े नहीं आयी। अब हम दोनों अपने जन्मदिन पर अपनी अपनी श्रद्धानुसार जरूरतमंदो की सहायता करते हैं, जिससे हमें असीम शांति और खुशी का अनुभव होता है।
विश्वासपात्र मित्र
मेरा प्रिय मित्र रवि पर मैं बहुत भरोसा करता हूं और हर एक बात बिना किसी झिझक के उसे बता सकता हूं। एक सच्चे मित्र की यह भी पहचान होती है कि वह आपके रहस्यों को सबके सामने उजागर नहीं करता है और आप उस पर विश्वास कर सकते हैं।
अगर आपको ऐसा महसूस हो कि आप अपनी कुछ खास बातें अपने मित्र को नहीं बता सकते, तो निश्चय ही वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। अतः जिस पर विश्वास हो उससे ही सब बातें साझा करनी चाहिए।
मैंने कई ऐसी बातें रवि को बताई जो मैं दूसरे लोगों के साथ नहीं बांटना चाहता था और उसने भी मेरी सभी बातों को सुना तथा किसी को बताकर मेरा मजाक नहीं बनाया, जो कि ज्यादातर व्यक्ति किया करते हैं।
सही सलाहकार
एक अच्छा मित्र वही होता है जो आपको उचित सलाह दे और आपको गलत राह पर जाने से रोके। हमें कई ऐसे व्यक्ति जीवन में मिलते हैं जो हमें अपनी अपनी तरह से समझाते हैं।कुछ लोग अच्छी सलाह देते हैं और कुछ दूसरों की परेशानी में भी अपना स्वार्थ सिद्ध करने में जुटे होते हैं और इसलिए सबको बहकाते हैं।
अतः मुझे जब भी लगा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस परिस्थिति में क्या करना चाहिए तो मैंने अपने माता पिता और अपने मित्र रवि की ही सलाह ली है। क्योंकि उसने हमेशा मुझे सही रास्ता दिखाया है।
उसने मुझे मेरे अच्छे कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया, मेरी तारीफ की और मुझसे कोई गलत कार्य ना हो इसके लिए सावधान किया। उसने मुझे अपनी गलती को स्वीकारना भी सिखाया और कहा कि हम सभी इंसान हैं और हमसे गलतियां हो सकती हैं, लेकिन हमें अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आगे से ऐसा ना हो।
मेरा जब भी मन उदास हो या मूड खराब हो तो वह एक जादू की तरह चुटकियों में मेरा मूड ठीक कर देता है। वह मेरे हर सुख दुख का साथी है और मेरे आत्मसम्मान की कद्र करता है।
उसकी सच्चाई और ईमानदारी से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है। हम जो भी काम करते हैं या करने के बारे में सोचते हैं उसके लिए साथ मिलकर प्लानिंग बनाते हैं। हम अपनी छुट्टियां साथ में ही बिताना पसंद करते हैं और साथ ही घूमने जाते हैं।
मैं चाहता हूं कि सभी को ऐसा सच्चा मित्र मिले। हमें मित्र की परख करना आना चाहिए और अगर कभी अच्छा मित्र मिले तो उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए तथा उसकी कद्र करनी चाहिए, क्योंकि अच्छे मित्र का होना जीवन में बहुत आवश्यक है ताकि आपको भावात्मक संबल मिले और आप सही राह पर चलें।
किसी कवि ने सही कहा है –
कुछ रिश्ते होते हैं बहुत अनमोल
जिनका नहीं होता है कोई तोल मोल
उन्ही में से एक रिश्ता है मित्रता
जिसे पाने तरसती है हर हस्ती
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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (Short Essay On My Best Friend In Hindi)
हमारे जिंदगी में एक अच्छा और ईमानदार दोस्त होना बहुत ज्यादा जरुरी हैं, लेकिन किस्मत वाले को ही एक अच्छा दोस्त मिलता हैं। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता हैं जो कहीं भी किसी से हो सकता हैं।
मेरा भी एक बहुत अच्छा दोस्त हैं, हम दोनों एक ही मुहल्ला में रहते थे। एक साथ स्कूल जाते थे और साथ में खेलते भी थे। हम अपने स्कूल का होम वर्क साथ में ही करते थे। हम दोनों गणित के सभी प्रशन एक साथ बैठ कर बनाते थे।
जिससे हम दोनों में से कोई प्रश्न का उत्तरनहीं बनता था, तो हम एक दूसरे से मदद लेते थे और सभी प्रश्नो को हल कर देते थे। हमारे स्कूल में भी सभी बच्चे और शिक्षक जानते थे की ये दोनों अच्छे दोस्त हैं। किसी को हम दोनों में से किसी से काम होता था तो किसी एक को बता देता था और समझता था दोनों को बता दिया। इतनी गहरी हमारी दोस्ती थी।
हम दोनों एक दूसरे के घर जाते थे और हमारे परिवार के सभी लोग हमारे दोस्ती से खुश रहते थे। हम दोनों दोस्त हमेशा ये कोशिश करते थे की कुछ गलत नहीं करे, जिससे हमारे परिवार को कोई दिक्कत हो और हम दोनों एक दूसरे के परिवार को अपना ही परिवार समझते है।
हम अपने दोस्त के घर जा कर कई -कई घंटे बैठे रहते थे और बाते करते रहते थे और उस वक़्त हमे समय का पता भी नहीं चलता था। मेरा दोस्त मुझे हर तरह से मदद करता हैं, वो मुझे हमेशा अच्छी चीजे सिखने के लिए प्रोत्साहित करता हैं। वो मुझे अच्छी राह पर चलना बताता हैं और मुझे मेरे जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कहता है।
हमारे स्कूल ख़तम होने के बाद हम दोनों रोज ट्रेन से अपने शहर कॉलेज के लिए जाने लगे थे। एक दिन मेरा दोस्त बिमार हो गया था तो मेरा भी कॉलेज जाने का मन नहीं था। लेकिन कॉलेज में कुछ विशेष काम होने के कारण मुझे अकेले ही कॉलेज जाना पड़ा।
इस कारन देर होने से मैं बिना टिकट लिए ही ट्रेन में चढ़ गया था। कुछ दूर ट्रैन चली और टीटी टिकट चेक करने आ गया था, लेकिन मेरे पास टिकट नहीं होने के बजह से टीटी ने मुज़पर फाइन लगा दिया था।
परन्तु मेरे पास फाइन देने के लिए उतने पैसे नहीं थे, तो उसने मुझे एक स्टेशन के लॉकर में कैदी के तरह बंद कर दिया। अब मैं सोचने लगा की अब क्या करे, मैं अपने परिवार के सदस्य को यह बात नहीं बता सकता था।
क्योकि पापा मुझे ही डाटने लगते क्योंकी वो हमेशा टिकट के लिए अलग से कुछ पैसे मुझे जरूर देते थे। उस समय मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया, वो बीमार था लेकिन यह सब सुनते ही वह बोला की मैं तुरंत पहुंचता हु तुम घवराना नहीं और वो घर से कुछ बहाना कर के तुरंत अपने मोटरसाइकल से मेरे पास पैसे लेकर पहुँच गया।
मेरे दोस्त के आते ही उसने तट को फाइन के पैसे दे दिए और फिर मैं उसके साथ घर चला गया। वो बीमार था लेकिन वो मेरे लिए बिना किसी देरी के आ गया, इसे ही सच्चा दोस्त कहते है और ऐसी होती है दोस्ती।
ऐसे दोस्तों का हमारे जिंदगी में होना ज्यादा जरुरी हैं, क्योकि कुछ बाते जो हम अपने परिवार के सदस्य को नहीं बोल सकते, वो बाते हम अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं। दोस्त हमे हमारे गलत समय में और अच्छे समय में साथ जरूर देते हैं।
हमारे जिंगदी में अनेक तरह के दोस्त मिलते हैं। कुछ दोस्त हमसे उम्र में बड़े होते हैं, वो हमसे अपने छोटे भाई के तरह व्यव्हार करते हैं। वह हमे बहुत कुछ सिखाते हैं, वो अपने जिंदगी से सीखी हुई बात हमें बताते हैं।
जिससे हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता हैं। कुछ दोस्त लगभग हमारे उम्र के होते हैं जो हमारे खास दोस्त होते हैं। जो हमारे सभी तरह के कामो में शामिल होते हैं, हम लोग ज्यादा से ज्यादा मस्ती करते हैं।
कुछ हम से छोटे उम्र के दोस्त भी होते हैं, जिन्हे हमें अपने जिंदगी में सीखी हुई बातो को सिखाते हैं। जिससे उन्हें उन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता जो हम अपने जिंदगी में करते है।
हमें दोस्ती हमेशा ईमानदारी से निभाना चाहिए, हमें अपने दोस्त की हमेशा सहायता करना चाहिए। उसे हमे वो सभी चीजे सीखानी चाहिए जिससे हमे जीवन में दिक्कतो से लड़ने में मदद हुई है।
दोस्ती एक ऐसा पवित्र रिश्ता है जो अच्छे और गलत सभी समय हमें मदद करता हैं। जब हमारा बुरा वक्त चल रहा होता हैं उस समय हमारा दोस्त ही हमारी मदद करता हैं। जब कभी हमारा दोस्त किसी दिक्कत में होता है तो उसे हमेसा मदद करनी चाहिए। दोस्ती में हमेसा ईमानदारी और भरोसा होना चाहिए।
जब भी मेरे दोस्त के जीवन में किसी भी बात की दिक्कत होती हैं तो हम दोनों एक साथ बैठ कर उसे सुलझाते हैं। अपनी दोस्ती किसी और की बातो से कभी ख़राब नहीं करनी चाहिए, क्योकि हमारे जिंदगी में कुछ ऐसे भी लोग मिलते हैं जो हमारे दोस्ती को तोडना चाहते हैं।
लेकिन अगर हम लोग एक दूसरे पर भरोसा रखेंगे, तो हमारी दोस्ती कभी भी किसी के कुछ कहने से नहीं टूटेगी और हम हमेशा अपने दोस्तों के साथ खुश रहेंगे।
तो यह था मेरा प्रिय मित्र पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Best Friend) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।
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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध
हर उम्र और हर जगह पर, हमारे नएं नएं दोस्त बनते रहते हैं। घर के पास, स्कूल में, कॉलेज में, ऑफिस में या समाज में हमारे कई मित्र होते हैं। जिस पर हम आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं और उसे अपने मन की हर बात बता सकते हैं। कोई भी समस्या आने पर हमें, सबसे पहले उसी की याद आती है। क्योंकि हमें विश्वास होता है कि, हमारा वही मित्र हमारा सही मार्गदर्शन करेगा। यहां हमने मेरा प्रिय मित्र पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं :
मेरा प्रिय मित्र पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Best Friend in Hindi)
प्रथम निबंध (150 शब्द)
मेरा नाम अजय है। मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं। मैं जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर बरेली में पढ़ता हूं। मेरा सबसे अच्छा मित्र आशीष है। वह हमारे पास रहने वाली हमारे पड़ोसी अंकल शर्मा जी का बेटा है। मेरी और आशीष की दोस्ती लगभग 7 साल पुरानी है। वह मेरा प्रिय मित्र है।
हम दोनों एक ही कक्षा में सहपाठी है। हम दोनों मित्र साथ-साथ विद्यालय जाते हैं आवश्यकता पड़ने पर हम एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते हैं। आशीष बहुत ही सरल एवं विनम्र स्वभाव का छात्र है। उसके बोलने का तरीका बहुत ही मधुर है जो हर किसी का आसानी से हृदय जीत सकता है यही कारण है कि वह मेरा परम मित्र है।
हम दोनों को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है । रोज शाम को हम स्टेडियम में क्रिकेट खेलने जाते हैं। आशीष काफी होनहार और होशियार लड़का है । वह हमारी कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। वह अपने माता पिता की सारी बातें मानता है। आशीष हर उठ कर अपने माता पिता की चरण स्पर्श करता है।
शारीरिक तौर पर भी वह काफी मजबूत है। वह प्रतिदिन सुबह उठकर व्यायाम करता है। मैं भी उसे अपने हृदय से पसंद करता हूं । कहा जाता है कि सच्चा मित्र भगवान का तोहफा होता है। मुझे हमारी मित्रता पर गर्व है।
द्वितीय निबंध (250 शब्द)
प्रस्तावना :.
मित्रों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। हम सभी के मित्र होते हैं और मित्रों के साथ हम बहुत ज्यादा खुश भी रहते हैं। हम सभी अपने जीवन में बहुत सारे मित्र बनाते हैं और उनके साथ ही अपना ज्यादा समय बिताते हैं। लेकिन, फिर भी उनमें से एक दोस्त ऐसा होता है, जो हमें बहुत ज्यादा अच्छा लगता है।
- मेरा प्रिय मित्र
मेरे बहुत सारे मित्र हैं। अजय भी मेरा मित्र हैं। वह मेरे सभी मित्रों में से मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। वह भी मुझे बहुत पसंद करता है। वह मेरे घर के बिल्कुल पास में रहता है। हमारी दोस्ती बहुत पुरानी और गहरी है।
बचपन से ही हम साथ खेलते हैं। हम एक ही स्कूल में पढ़ते है, और रोज साथ साथ ही स्कूल जाते हैं। पूरे मोहल्ले और स्कूल में हमारी दोस्ती बहुत प्रसिद्ध है। हम आपस में बहुत लड़ते भी है, लेकिन जल्दी ही फिर से एक हो जाते हैं।
वह मुझसे एक साल बड़ा है। अजय पढने में बहुत तेज है, इसलिए वह पढ़ाई में मेरी सहायता करता है। पड़ोसी होने के कारण हमारे माता-पिता में भी अच्छी मित्रता है। हम दोनों ही अपने माता-पिता की बात मानते हैं, और अच्छे बच्चों की तरह रहते हैं इसलिए वे भी हमारी दोस्ती से बहुत खुश हैं।
हमें सही मार्ग दिखाने वाला, मुश्किल में हमारा साथ देने वाला और हमारी बातों को सुनने और समझने वाला ही हमारा प्रिय मित्र यानी बेस्ट फ्रेंड होता है। जीवन में यदि सभी को मेरे मित्र जैसे अच्छे मित्र मिल जाएं, तो यह हमारे लिए बहुत ही अच्छी बात है। ऐसे मित्रों को हमेशा संभालकर रखें।
तृतीय निबंध (300 शब्द)
हम सभी बहुत से रिश्तों से जुड़े हुए होते हैं। और हर रिश्ता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। दोस्ती का भी एक रिश्ता होता है, जो कि हर व्यक्ति के लिए बहुत ही खास होता है। हम अपने मित्र से, अपने मन की बात खुलकर कह सकते हैं। मित्र हमारे हर सुख और दुख का साथी होता है। एक अच्छा मित्र, हर समय हमारी मदद करने के लिए तैयार रहता है, और हमें हमेशा सही सलाह देता है। हम बहुत सी बातों के लिए, अपने मित्रों पर निर्भर होते हैं।
मेरा सच्चा मित्र
यूं तो, घर के आसपास और विद्यालय में, मेरे बहुत सारे मित्र हैं और मैं सभी को पसंद करता हूं। लेकिन उन सभी में से, दीपक मुझे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। दीपक भी मुझे बहुत पसंद करता है। दीपक एक समझदार और होनहार लड़का है।
वह पढ़ने में बहुत तेज है, इसलिए वह पढ़ाई में हमेशा मेरी मदद करता है। उसके साथ रहकर, मैंने बहुत अच्छी बातें सीखी है। मेरे मम्मी पापा को भी दीपक बहुत अच्छा लगता है। वह मुझे हमेशा दीपक के साथ रहने के लिए कहते हैं। वह मेरे घर के पास ही रहता है।
कभी कभी दीपक, गलती करने पर मुझे डांटता भी है और समझाता भी हैं। वह भी हर बात में मेरी सलाह लेता है। हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहते हैं। सुबह हम साथ में स्कुल जाते हैं और शाम को, साथ में खेलते हैं और खुब मस्ती भी करते हैं। लेकिन खेलने के पहले अपना होमवर्क जरुर पूरा कर लेते हैं।
हम दोनों में कभी कभी छोटी मोटी लड़ाई भी हो जाती हैं, लेकिन हम जल्दी ही उसे सुलझा लेते हैं। दीपक और मेरी मित्रता, हमेशा ऐसी ही रहे और हम हमेशा एक दुसरे के मित्र बनें रहे यही मेरी भगवान से प्रार्थना है।
मित्र और मित्रता, हमारे जीवन में बहुत मायने रखते हैं। लेकिन मित्र बनाते समय हमेशा सोच समझकर ही मित्र बनाएं। एक अच्छा मित्र, हमें हमेशा बुराई से बचाता है और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
चतुर्थ निबंध (400 शब्द)
प्रस्तावना:.
हर व्यक्ति के जीवन में मित्र बहुत जरूरी होते हैं। मित्रों के बिना हमारा जीवन अधूरा सा होता है। मित्र हमारे सुख-दुख के साथी होते हैं, जिनके साथ हम अपनी हर बात कर सकते हैं। जरुरी नहीं है कि हमारे बहुत सारे मित्र हो, लेकिन कम से कम एक, अच्छा और सच्चा मित्र तो हर किसी की जिंदगी में होना ही चाहिए, क्योंकि एक सच्चा मित्र, हमारे जीवन का वह आधारस्तम्भ होता है, जो हमारे जीवन को आधार देकर, मजबूत बनाता है।
हमारी हर परेशानी को दूर करता है और हर परिस्थिति में हमारा साथ देता है। हमें सही गलत का अहसास कराने वाला भी हमारा सच्चा मित्र होता है, वह हमें गलत रास्ते पर जाने से रोकता है और हमारा सही मार्गदर्शन करता है।
मेरा मित्र, मेरी प्रेरणा
गौतम मेरा सबसे अच्छा मित्र हैं। हम दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। हमारे और भी कई मित्र हैं। हम उन सब के साथ भी घुल-मिल कर रहते हैं। लेकिन हमारी दोस्ती सबसे अलग है। हम हमेशा एक दुसरे का साथ देते हैं। हमारी रुचियां अलग अलग है, लेकिन इससे हमारी दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
उसे खेलकूद में रुचि है तो मुझे पढ़ाई करना अच्छा लगता है। वह बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता है, और स्कूल की क्रिकेट टीम का कप्तान भी है। गौतम पढ़ने में थोड़ा कमजोर है इसलिए, मैं समय पर पढ़ाई में उसकी मदद करता हूं।
गौतम से मैंने बहुत सी अच्छी बातें सीखी है। वह अपने मम्मी पापा की हर बात मानता है और कभी भी उनसे बहस नहीं करता है। वह सबसे मिलजुल कर और प्यार से रहता है। अपनी क्रिकेट टीम में भी वह सबके साथ एक जैसा व्यवहार करता है, इसलिए टीम के सभी खिलाड़ी उसकी हर बात मानते हैं।
गौतम के हंसमुख स्वभाव की वजह से, पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद, हमारे सभी शिक्षकों को वह बहुत प्रिय है। बड़ा होकर वह एक अच्छा खिलाड़ी या फिर एक शेफ बनना चाहता है और मैं साइंटिस्ट बनना चाहता हूं। हम दोनों के लक्ष्य अलग अलग है लेकिन हम एक दूसरे को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं।
हमारे कारण, हमारे मम्मी पापा की भी आपस में दोस्ती हो गई है। वे रोज तो नहीं मिलते हैं, लेकिन महिने में एक बार तो हम सभी खाने पर मिलते हैं। हमारी दोस्ती से, हमारे मम्मी पापा को भी खुशी होती है, और वे हमें हमेशा एक साथ रहने के लिए कहते हैं।
मेरा मित्र गौतम, बहुत ही मेहनती हैं। वह सुबह पांच बजे उठ जाता है और खेल की प्रेक्टिस करता है। हम दोनों के घर ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए वह रोज मुझे भी अपने साथ जॉगिंग के लिए लेकर जाता है। इससे मेरा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। उसकी मेहनत देखकर मुझे भी अपने लक्ष्य को पाने की प्रेरणा मिलती है। जिस तरह वह पूरी लगन और मेहनत से, अपने खेल पर ध्यान देता है, उससे प्रेरित होकर, मैं भी अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता हूं। मेरा मित्र गौतम, मेरा प्रिय मित्र ही नहीं, बल्कि मेरी प्रेरणा भी है।
हमारे जीवन की कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम सबको नही बता सकते हैं। लेकिन मन में भी नहीं रखना चाहते हैं, ऐसे में हमें जरुरत होती है किसी ऐसे व्यक्ति की, जो हमारी बात सुने, समझें और उसे अपने तक ही सीमित रखें, यानी कि किसी को भी ना बताएं। तब हमें हमेशा हमारे प्रिय मित्र की याद आती है।
जीवन में गौतम जैसे मित्र कभी कभी मिलते हैं, जो आपके मित्र होकर आपकी प्रेरणा बन जाते हैं। ऐसे मित्रों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और हमेशा उनके साथ रहना चाहिए।
आज आपने क्या सीखा ):-
यहां हमने आपको मेरा प्रिय मित्र पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।
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मेरा दोस्त पर निबंध 2022 | My Friend Essay In Hindi for Class 1, 2, 3, 4, के छात्रों के लिए 10 पंक्तियों पर निबंध
1. मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त गगनदीप है।
2. वह मेरा सहपाठी है।
3. हम साथ खेलते हैं।
4. हम अपना होमवर्क भी साथ में करते हैं।
5. हम अपना लंच साझा करते हैं।
6. वह पढ़ाई में अच्छा है।
7. वह गणित के प्रश्न हल करने में मेरी मदद करता है।
8. मेरे माता-पिता भी उसे पसंद करते हैं।
9. उसके माता-पिता मुझे बेटे की तरह मानते हैं।
10. मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त से प्यार करता हूं।
मेरा दोस्त पर निबंध 2022 | My Friend Essay In Hindi for Class 5, 6, 7, 8, के छात्रों के लिए
भूमिका- जीवन में एक अच्छे दोस्त की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक अच्छा दोस्त हमारे जीवन को बेहतर बनाने में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। इससे एक अच्छा दोस्त चुनना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मेरे कई दोस्त हैं। लेकिन सभी दोस्त सच्चे दोस्त नहीं हो सकते। एक कहावत है, “दोस्त मुसीबत के वक्त ही काम आता है।” इसलिए मेरा सबसे अच्छा दोस्त गगनदीप है। इसमें एक अच्छे दोस्त के सभी गुण हैं। इसलिए वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।
मेरे सहपाठी- मेरा मित्र भी मेरा सहपाठी है। हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते हैं। वह पढ़ाई में बहुत होशियार है इसलिए वह हमारी क्लास मॉनिटर भी है। यह पढ़ाई में हमेशा आगे रहता है। यह हर साल कक्षा में प्रथम आता है। इससे मुझे पढ़ाई में भी बहुत मदद मिलती है।
एक अच्छा पड़ोसी- मेरा सहपाठी होने के साथ-साथ मेरा दोस्त एक अच्छा पड़ोसी भी है। वह 13-14 साल का हैंडसम लड़का है। उनके पिता शिक्षक हैं। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उनकी माँ एक गृहिणी हैं और समाज सेवा गतिविधियों में अपने पति का पूरा समर्थन करती हैं। उसके माता-पिता भी मुझसे प्यार करते हैं। यह हमारी पढ़ाई में भी बहुत मदद करते हैं मैं अक्सर उनके घर जाता हूं। वे मुझे अपनी संतान मानते हैं।
अनुशासित- मेरा दोस्त अनुशासित है। इसने स्कूल के अनुशासन का सख्ती से पालन किया है एक मॉनीटर के रूप में यह अपनी कक्षा को पूर्ण नियंत्रण में रखता है। यह स्कूल उद्यान और अन्य सामानों का पूरा रख-रखाव करता है। सभी को अपने कक्षा कक्ष को हर समय साफ सुथरा रखने के लिए प्रेरित करती है।
गरीब बच्चों का सच्चा हमदर्द- मेरा दोस्त गरीब बच्चों का सच्चा हमदर्द है। वह न केवल उनकी पढ़ाई में मदद करता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उनकी मदद करता है। उनके लिए फीस, वर्दी, प्रवेश आदि की व्यवस्था करता है। उनके माता-पिता भी उन्हें इस काम में बहुत प्रोत्साहित करते हैं।
स्वस्थ – मेरे दोस्त की तबीयत बहुत अच्छी है। हम दोनों सुबह जल्दी उठते हैं और टहलने जाते हैं। दोनों हम एक साथ व्यायाम करते हैं और स्नान करते हैं। फिर हम स्कूल यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल जाते हैं। हम कभी भी स्कूल के लिए देर नहीं हुए। हमेशा समय से पहले स्कूल पहुंचें। हम प्रार्थना सभा और मन में प्रार्थना करते हैं।
शिक्षकों का प्यारा छात्रा- मेरे दोस्त को भी स्कूल के सभी कर्मचारी प्यार करते हैं। प्राचार्य हमेशा इसकी सराहना करते हैं। यह सभी कर्मचारियों से प्रिंसिपल का सम्मान भी करता है।
एक अच्छा खिलाड़ी- मेरा दोस्त पढ़ाई में भी अच्छा खिलाड़ी है। वह स्कूल की हॉकी टीम के कप्तान भी हैं। इसने स्कूल को खेलों में कई पुरस्कार दिए हैं। जब वह मैदान में खेलते हैं तो दर्शक उनके खेल की तारीफ करते नहीं थकते।
एक अच्छा गायक- मेरा दोस्त भी एक अच्छा गायक है। इसने स्कूल के कई गीत संगीत के कई मुकाबलों में हिस्सा लिया है और सब में पहला ईनाम प्राप्त किया है। यहाँ तक की इसने जी.टी.वी की तरफ से बच्चों के लिए करवाए जाते गीत संगीत मुकाबले में भी लिया है और पेहपहला ईनाम प्राप्त किया है।
सार-अंश– इन सब गुणों के कारण मुझे गगनदीप अच्छा लगता है। इस लिए यह मेरा पक्का दोस्त है। भगवान इसकी लम्बी उम्र करे और यह जिंदगी में खूब तरक़्क़ी करे।
हमें उम्मीद है आपको इस पोस्ट में मेरा दोस्त पर निबंध (Essay on My Friend in Hindi) हिन्दी में अच्छा लगा होगा। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरा दोस्त पर निबंध की खोज में हैं वे इस सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं। यह मेरा दोस्त निबंध Essay on My Friend in Hindi Class 1, 2, 3, 4, 5, 6 , 7, 8 मे पूछा जा सकता है।
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दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi
परीक्षाओं में कई बार बच्चों को दोस्ती या मित्रता पर निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पूछ लिया जाता है। यदि आप ऐसे किसी आर्टिकल की तलाश कर रहे हैं। यह निबंध बहुत ही सरल भाषा में दिया गया हो तो यह लेख आपके लिए लिखा गया है।
Table of Content
इस आर्टिकल में आप मित्रता की परिभाषा, सच्ची मित्रता के बारे में तथा महत्व और लाभ पढ़ेंगे साथ ही आप मित्रता पर पांच प्रख्यात दोहों को भी पढ़ेंगे।
मित्रता या दोस्ती क्या है? What is friendship in Hindi?
जब किसी बालक का जन्म होता है, तो ठीक उसके जन्म के पश्चात से ही कई रिश्ते-संबंध बनना प्रारंभ हो जाता है। माता-पिता , भाई बहन, दादा-दादी इत्यादि कई परिवार के लोगों से उस बालक का एक गहरा रिश्ता जुड़ जाता है। मृत्यु तक रिश्ते जुड़ने का सिलसिला ताउम्र चलता ही रहता है।
बच्चे जब बड़े होते हैं, तो वे आमतौर पर अपनी आयु वाले दूसरे बच्चों के साथ खेलना, पढ़ना और उनके साथ ही स्कूल जाना बहुत पसंद करते हैं। यहां तक की अपनी सभी यादगार बातों को उनके साथ साझा करना भी बच्चों को अच्छा लगता है।
मित्रता अथवा दोस्ती परिवार की तरह ही एक दूसरा रिश्ता होता है। जिस प्रकार परिवार के लोगों के साथ एक भावनात्मक लगाव जुड़ा होता है, उसी तरह अपने दोस्तों से भी एक अलग सा ही लगाव होता है।
मित्रता की परिभाषा किसी भी जाति, धर्म, लिंग, समुदाय इत्यादि से मुक्त होता है। बचपन में हम निर्जीव खिलौनों को ही अपना मित्र समझते थे। हम जहां कहीं भी जाते थे, उसे अपने साथ ही रखते थे। यहां तक कि बचपन में उन खिलौनों में हमारी जान बसती थी।
जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, जीवन में परिपक्वता के साथ नए-नए परिवर्तन भी आते हैं।
यह जरूरी नहीं है, कि किसी बाहर के व्यक्ति विशेष के साथ ही मित्रता हो। कई बार घर में माता-पिता, भाई बहन या अन्य कोई सदस्य भी हमारे एक मित्र जैसा होता है, जिसके साथ रहना और अपने विचारों को साझा करना हमें अच्छा लगता है।
सच्ची मित्रता / दोस्ती क्या होती है? What is true friendship in Hindi?
जिस प्रकार खजाने को ढूंढना एक कठिन काम होता है, उसी प्रकार एक सच्चे मित्र को ढूंढना भी बेहद मुश्किल कार्य होता है। हालांकि सच्ची मित्रता तो खून का रिश्ता नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी उससे भी बढ़कर साबित होता है।
जीवन में एक अच्छे मित्र का होना ईश्वर के किसी वरदान से कम नहीं है। कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जहां अपने भी साथ देने से पीछे हट जाते हैं। लेकिन एक सच्चा मित्र कभी भी अपने मित्र को मुश्किल हालातों में अकेला नहीं छोड़ता है।
जब सच्ची मित्रता की बात की जाए तो भला श्री कृष्ण और उनके सखा सुदामा को किस प्रकार भुलाया जा सकता है। जब तक इस संसार में जीवन रहेगा तब तक कृष्ण और सुदामा की अनोखी और अद्वितीय मित्रता को हमेशा स्मरण किया जाता रहेगा।
सच्ची मित्रता कभी भी समय की मोहताज नहीं होती है। क्योंकि दो मित्रों के जीवन के बाद भी उनकी निश्चल और कपट रहित दोस्ती को कोई नहीं भुलाता है। सच्ची मित्रता में वह ताकत होती है, जिससे एक समर्थ व्यक्ति भी घुटने टेक दे। क्योंकि गरीब ब्राह्मण सुदामा ने भी अपने सखा भगवान श्री कृष्ण को अपने आगे झुकने पर मजबूर कर दिया था।
किसी को अपना मित्र समझने से पहले उसकी दोस्ती का परीक्षण जरूर कर लेना चाहिए। अक्सर लोग दोस्ती की सही परिभाषा को नहीं समझ पाते हैं। वे ऐसे लोगों को भी अपना मित्र कहते हैं, जो कुछ समय तक उनके साथ रहता हो और बातचीत करता हो।
दो सच्चे मित्र हमेशा एक दूसरे के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित रहते हैं। समय बीतने के बाद भी धन दौलत, अभिमान, कामकाज, परिवार इत्यादि कोई भी चीज मित्रता के रास्ते में फूट नहीं डाल पाती है।
मित्रता का महत्व क्या है? What is the importance of friendship in Hindi
सच्ची मित्रता का जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इंसान के चारों तरफ का माहौल अथवा उसके आसपास रहने वाले लोगों के चरित्र रेखा जिस प्रकार की होगी, वैसा ही परिवर्तन मनुष्य में होता जाएगा।
अच्छे मित्र हमेशा ही हमें उचित दिशा में चलने के लिए प्रेरित करते हैं। जीवन में कोई भी तकलीफ हो केवल एक बार आवाज देने पर मित्र हमेशा ही उस मुश्किल भरी स्थिति से निकालने के लिए तैयार रहता है।
यदि एक ईमानदार और श्रेष्ठ मित्र की बात की जाए, तो वह सदा ही अपने मित्र को अंधकार भरे जीवन से निकाल कर एक उज्जवल भविष्य की तरफ दिशा निर्देश करता है। ऐसे लोगों का जीवन में होना वाकई में एक सौभाग्य की बात होती है, जो हमें हर पल बुरी परिस्थितियों तथा मानसिकता वाले लोगों से सचेत करते हों।
कई बार किसी कारणवश हम हताशा और दुखों से घिर जाते हैं। यह ऐसा समय होता है, जब हम अंदर से बहुत बुरा महसूस करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हम चाह कर भी किसी को अपने मन की बात नहीं बता पाते।
लेकिन अपने पक्के और सच्चे मित्र से अपनी बातें साझा करने में कोई परेशानी नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमें यह विश्वास होता है, कि हमारा मित्र अवश्य ही इस परेशानी का भी हल ढूंढ लेगा। इस प्रकार का अनोखा भावनात्मक लगाव और समर्थन कई बार परिवार की तरफ से भी नहीं देखा जाता है।
जितना अधिक मौज-मस्ती और आनंद का अनुभव हम अपने मित्र के साथ करते हैं उतना और किसी के साथ नहीं करते। अपने दोस्त के साथ बिताए गए प्रत्येक पल बड़े ही रोमांचक और मजेदार यादगारों से भरे होते हैं।
मानव प्रवृत्ति के अनुसार व्यक्ति अपने मित्र के साथ बेहद सहज तथा आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करता है। अपने मित्र के साथ ही मनोरंजन वाली गतिविधियां जैसे फिल्में देखना, यात्राएं करना, खरीदारी, गपशप और मौज-मस्ती करना सबसे अधिक प्रिय होता है।
जीवन में मित्रता या दोस्ती के लाभ Benefits of Friendship in Life in Hindi
एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, जिन लोगों के अच्छे और मजेदार दोस्त होते हैं उन्हें कभी भी डिप्रेशन अथवा मानसिक तनाव और ह्रदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाती हैं।
यदि आपके साथ एक इमानदार और छल कपट रहित कोई दोस्त है, तो आपको किसी भी परिस्थिति से बहुत कम समय में ही बाहर निकलने में सहायता मिलती है।
जीवन में एक अच्छा दोस्त होने का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि उससे अपनी दिल की सारी बातों और समस्याओं को कहकर एक सुकून और शांति महसूस होता है।
अच्छे लोगों के साथ रहने से हमेशा सकारात्मक भावना हमारे मन में प्रवेश करती रहती है तथा नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
बनावटी और लालची लोगों की बात की जाए, तो ऐसे लोग सिर्फ आपका साथ तभी तक देते हैं, जब तक आपके पास धन दौलत और रुतबा हो जिनसे उन्हें फायदा हो रहा हो। ऐसे लोग अपना काम निकलवाने अथवा स्वार्थ पूरा हो जाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं।
हर मुश्किल घड़ी में चाहे आपकी हालात कैसी भी हो यदि कोई मदद करने सबसे पहले आगे आता है, तो वह एक सच्चा मित्र होता है।
अच्छे मित्रों की यह सबसे बड़ी खासियत होती है, कि वे गलत को गलत और सही को सही कहने में संकोच नहीं करते हैं। यदि एक सच्चा मित्र अपने दोस्त को किसी बात के लिए डांटता अथवा आलोचना करता है, तो इसके पीछे उसका धेय केवल और केवल बुरे मार्ग पर भटकने से रोकना होता है।
अच्छे व बुरे मित्र की पहचान क्या है? What is the Difference Between a Good and a Bad Friend in Hindi?
संगति एक ऐसी चीज है जो किसी का भी जीवन बदल सकती है। यह साधारण बात है की लोगों की संगति अक्सर उनके परिवार तथा मित्रों के साथ सबसे अधिक होती है।
यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, कि शहद और मीठे खाद्य पदार्थ सबसे जल्दी खराब होते हैं। ठीक उसी प्रकार अगर कोई व्यक्ति जिसे आप मित्र मानते हैं, वह सदैव ही आपकी प्रशंसा करें, भले ही आप गलत की ही क्यों ना हो। ऐसे लोग स्वार्थ से भरे होते हैं। इसीलिए वह मित्र नहीं शत्रु की संज्ञा में गिने जाएंगे।
आज के समय की बात करें तो सच्चे मित्र की उपस्थिति एक भाग्यशाली बात है। ऐसे तथाकथित दोस्त हमें हर जगह और हर क्षण दिख जाएंगे जो सिर्फ ‘फ्रेंडशिप डे’ के दिन ही अपने मित्र को याद करेंगे।
यह बहुत निराशा की बात है कि मित्रता की मिसाल पेश करने वाले हमारी भारतीय संस्कृति को अब लोग भूलते जा रहे हैं और अंग्रेजों द्वारा बनाए गए त्योहारों को मनाने में अपनी शान समझते हैं।
सच्चे मित्र की पहचान सिर्फ कठिन परिस्थितियों में की जा सकती है। क्योंकि अच्छे दिनों में तो हर कोई हमारे साथ अच्छा व्यवहार करता है। लेकिन जो हमारे बुरे हालातों में भी हमारा साथ ना छोड़े और अच्छे से व्यवहार करें वही एक सच्चा मित्र होता है।
वे लोग जो सामने तो बहुत अच्छे और संस्कारी बनते हो और हमेशा अपने दोस्त के सामने उसकी बढ़ाई करते हों ऐसे ही लोग सबसे बड़े आलोचक होते हैं।
एक इमानदार मित्र कभी भी अपने संबंधों को झूठ और फरेब के आधार पर विकसित नहीं करता है। वे विरले लोग होते होंगे जिनका मित्र उनकी परेशानियों को बिना कहे ही समझ सकता हो।
मित्रता या दोस्ती पर 5 प्रमुख दोहे 5 main couplets on friendship in Hindi
- आगें कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई। जाकर चित अहिगत सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहि भलाई।
अर्थ : जो सामने मीठी-मीठी बातें करता है और पीठ पीछे इष्या भाव से बुराई करता है तथा जिसका मन साॅप की भांति टेढा है, ऐसे खराब मित्र को त्याग देने में ही हित है।
- देत लेत मन संक न धरई, बल अनुमान सदा हित करई। विपती काल कर सतगुन नेहा, श्रुति कह संत मित्र गुन एहा।
अर्थ: मित्रों से लेन-देन में शंका नहीं करनी चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार सदैव अपने मित्र की सहायता करनी चाहिए। वेदों के अनुसार विपत्ति के समय में जो स्नेह प्रेम करें और साथ ना छोड़े यह गुण एक सच्चे मित्र के होते हैं।
- कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बह रीत। विपति कसौटी जे कसे, तेई सांचे मीत।।
अर्थ: ऐसे लोग जो हमेशा सुख में साथ देते हो और सदैव आपके हितेषी बनते हो, विपत्ति काल में ऐसे लोग मुंह मोड़ लेते हैं। लेकिन जो लोग दुख में भी आपका साथ ना छोड़े वही सच्चे मित्र होते हैं।
- सौ सौ बार विचारिए, क्या होता है मित्र। खूब जाँचीये पराखिए, उसका चित्त चरित्र।।
अर्थ: मित्र बनाने से पहले उस व्यक्ति के विषय में सब कुछ जान लेना चाहिए। मन तथा चरित्र को परखने के बाद ही मित्र बनाने चाहिए।
- जिन्ह कें अति मति सहज न आई, ते सठ कत हरि करत मिताई। कुपथ निवारि सुपंथ चलावा, गुन प्रगटै अब गुनन्हि दुरावा।।
अर्थ: केवल मित्रता कर लेने से कोई मित्र नहीं होता है। अर्थात मित्र धर्म को निभाना और अपने कर्तव्यों का पालन करना की मित्रता कहलाती है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने मित्रता या दोस्ती पर हिंदी में निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पढ़ा। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
10 thoughts on “दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi”
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “ My Favourite Friend ”, “मेरा प्रिय मित्र”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.
मेरा प्रिय मित्र
( My Favourite Friend)
भूमिका- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से वह कभी अलग नहीं रह सकता। उसे प्रत्येक कार्य में लोगों के सहयोग की आवश्यकता होती है। इन लोगों में कुछ ऐसे भी होने चाहिएँ जो इसके सच्चे शुभेच्छ हों। अतः समाज में रहकर मनुष्य अपने जीवन के क्षणों को उत्तम ढंग से व्यतीत करने के लिए मित्र बनाता है।
मित्र शब्द का वास्तविक अर्थ- मित्र शब्द का अर्थ आजकल बहुत हल्का और सामान्य है। अचानक आपका परिचय हुआ और आपने उसको मित्र की संज्ञा दे दी। सच्चा मित्र मिलना बहुत कठिन है। मित्र का अर्थ उस साथी से लगाया जाता है, जो गुणों को प्रकट करे, अवगुणों को छिपा ले। सुख-दुःख में साथ दे। विश्वास और स्नेह के साथ उन्नति की कामना करे।
मित्र के लिए त्याग -यदि दो सच्चे मित्र हैं तो दोनों को मित्रता के लिए स्वार्थ का बलिदान करना पड़ेगा। जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मिलकर जूझना पड़ेगा। सच्ची मित्रता में उच्च परिवार वैभव लोलुपता का कोई स्थान नहीं। कृष्ण और सुदामा की मैत्री सच्ची मित्रता का आदर्श नमूना है।
मेरा प्रिय मित्र- जीवन का वास्तविक आनंद लेने के लिए मैंने भी सोच-समझ कर सावधानी से मित्र का चुनाव किया है। मेरा सर्वप्रिय मित्र है-रमेश मानक। ऐसा प्रतीत होता है कि हमारा संबंध कई जन्मों से चला आ रहा है। रमेश मानक में वे सभी लक्षण हैं जो एक सच्चे मित्र में होने चाहिएँ।
प्रथम भेंट- रमेश मानक जब नया-नया स्कूल में आया तो कुछ दिनों में उसने मुझे अपनी ओर आकर्षित कर लिया। इसका कारण था हमारी परीक्षाएँ। मैं प्रायः कक्षा में सबसे अधिक अंक प्राप्त करता था, परंतु उसने मुझसे भी अधिक अंक प्राप्त कर मुझे ईर्ष्या का पात्र बना दिया। ईर्ष्या अपना रूप बदलकर प्रेम में परिवर्तित हो गई। यहीं से रमेश मानक की और मेरी मित्रता का आरंभ हुआ।
मैत्री की नींव- ईर्ष्या प्रेम में परिवर्तित हो गई इसका कारण था रमेश मानक का मधुर स्वभाव, सद्व्यवहार तथा विनम्रता। धीरे-धीरे हम एक दूसरे के निकट आते गए। तन दो थे पर मन एक। हमारी मित्रता कक्षा में चर्चा का विषय बन गई।
परिवार परिचय -रमेश मानक साधारण परिवार से संबंध रखता है। उसके पिता एक प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं। रमेश मानक की माता जी सुशिक्षित सुशील गृहणी हैं। माता-पिता उसे उच्च पद पर सुशोभित देखता चाहते हैं। वह माता-पिता के मान का धन है।
रमेश मानक की विशेषताएँ- रमेश मानक अपनी कक्षा में प्रथम आता है, इसलिए वह कक्षा में सभी अध्यापकों व छात्रों के स्नेह का पात्र है। वह अपने विद्यालय की हॉकी ठीम का कप्तान भी है। खिलाड़ी के गुण होने के साथ-साथ वह अच्छा गायक और वक्ता भी है। उसके भाषण सभी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इन सब गुणों के बावजूद रमेश मानक को अभिमान छू तक नहीं गया है। कक्षा में कमजोर छात्रों की सहायता करना वह अपना धर्म समझता है।
उपसंहार- मेरी और रमेश मानक की मित्रता है। विनम्र स्वभाव, सादगी के गुणों से भरपूर, आधुनिक हवा से दूर रमेश मानक के प्रति मेरे माता-पिता भी बहुत स्नेह रखते हैं। मैं कामना करता हूँ रमेश मानक जीवन भर मेरा अभिन्न मित्र बना रहे, ताकि हम मिलकर संघर्षों का मुकाबला कर जीवन नैया को आगे ले जाएँ। मुझे अपने मित्र पर गर्व है।
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मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Nibandh in Hindi)
Updated On: January 02, 2024 10:53 am IST
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मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)
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10 Lines on My Best Friend in Hindi | मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन निबंध
In this article, we are providing 10 Lines on My Best Friend in Hindi for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. हिंदी में मेरा प्रिय मित्र पर 10 वाक्य | पंक्तियाँ, Short My Best Friend Essay in Hindi 10 lines.
इस लेख में आपको इन आपको इन question के answer जरूर मिल जाएंगे-
आप अपने बेस्ट फ्रेंड पर 10 लाइन कैसे लिखते हैं? बेस्ट फ्रेंड के बारे में क्या लिखें? अपने मित्र की दस अच्छी बातों को दस वाक्यों में लिखिए?
10 Lines on My Best Friend in Hindi Essay | मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन निबंध
( Set- 1 ) My Best Friend in Hindi 10 Lines | मेरा प्रिय मित्र पर 10 लाइन निबंध
1. आशीष मेरा प्रिय मित्र है।
2. वह मेरे साथ पढ़ता है।
3. हम दोनों इकट्ठे विद्यालय जाते हैं।
4. दोनों मिल कर विद्यालय का काम करते हैं।
5. शाम को मिल कर खेलते हैं।
6. उसका स्वभाव बहुत अच्छा है।
7. वह स्कूल (विद्यालय) के नियमों का पालन करता है।
8. आशीष बड़ों का आदर करता है।
9. गुणों के कारण मैं आशीष से प्यार करता हूँ।
10. हम दोनों की मित्रता बनी रहे, यह मेरी इच्छा है।
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1. आज के ज़माने में अच्छा मित्र मिलना बहुत मुश्किल है।
2. में बहुत भाग्यशाली हु की मेरे तीन – चार अच्छे मित्र है।
3. परन्तु मेरा सबसे प्रिये मित्र साहिल है।
4 . साहिल मेरे पड़ोस में ही रहता है।
5. हम एक साथ स्कूल में जाते है, एक ही कक्षा में पढ़ते है।
6. वह बहुत ही होनहार विद्यार्थी है।
7. वो मेरी पढ़ने-लिखने में भी सहायता करता है।
8. साहिल के माता पिता मुझे अपने पुत्र के सम्मान प्यार करते है।
9. मेरे माता पिता का भी साहिल से बहुत लगाव है।
10. में ईष्वर से यही प्राथना करता हु की हमारी मित्रता को किसी की नज़र न लगे।
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( Set- 3 ) Mera Priya Mitra Par 10 Lines | मेरा प्रिय मित्र पर 10 वाक्य निबंध
1. वैसे तोह मेरे बहुत सारे मित्र है पर कुणाल मेरा सबसे प्रिये मित्र है।
2. वह मेरा ही हमउम्र है और हम दोनों एक ही विद्यालय में पड़ते है।
3. हमारी मित्रता 5 साल पुराणी है।
4. कुणाल का स्वभाव बहुत अच्छा है।
5. मेरा मित्र एक लायक छात्र है, वह हमेशा पूरी कक्षा में अवल आता है।
6. हम दोनों साथ-साथ विद्यालय जाने के अलावा शाम को एक साथ खेलते भी है।
7. हम दोनों का एक शौक है- क्रिकेट खेलना।
8. खेलने के साथ ही हम दोनों एक साथ पड़ते भी है।
9. हम एक दूसरे का बहुत आदर करते है।
10. हम दोनों को एक दूसरे के बिना जीवन असंभव सा लगता है।
( Set- 4 ) 10 Lines on My Best Friend in Hindi | मेरा प्रिय मित्र पर 10 वाक्य निबंध
1. मेरे सबसे अच्छे दोस्त का नाम अमन है और वो मेरे कक्षा में ही पढ़ता है।
2. मै और मेरा दोस्त हर रोज स्कूल में एक साथ हीं बैठते हैं और साथ में ही लॉन्च करते हैं।
3. अमन मेरा सबसे सच्चा दोस्त है क्योंकी वो मेरे हर सुख दुख में साथ देता है।
4. अमन मेरे से पढ़ने में काफी अच्छा है और मुझे उससे काफी कुछ सीखने को मिलता है।
5. मेरा अमन दोस्त सब विद्यार्थीयो की हमेशा पढ़ने लिखने में मदद करता है।
6. मेरा अमन दोस्त बहुत दयालु, मेहनती, और ईमानदार हैं।
7. अमन मेरा भाई तो नही लेकिन मेरे भाई से कम भी नहीं है।
8. अमन मेरा ऐसा दोस्त है, जिस पर मैं अपने भाई से भी ज्यादा भरोसा करता हूं।
9. मेरा अमन दोस्त एक आईने की तरह है, जो मुझे मेरी ताकत और कमज़ोरी के बारे में बताता है।
10. मुझे बहुत गर्व होता है कि, अमन मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।
Extra Lines on my best friend
- वह भी मुझे बहुत सहायता देता है।
- ऐसे मित्र का साथ सौभाग्य से ही मिलता है।
- माता-पिता और गुरुजनों को खुश रखता है।
इस लेख के माध्यम से हमने 10 lines on My Best Friend in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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True Friend Essay In Hindi | सच्चा मित्र पर निबन्ध
- मनुष्य सामाजिक प्राणी
- सच्चा मित्र
- सच्चे मित्र के उदाहरण
- मित्र बनाना
मनुष्य अकेला नहीं रह सकता। उसे ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जिसके समक्ष वह अपने मन के भाव प्रकट कर सके। वह जिसके साथ सुख के आनंद भरे क्षण व्यतीत कर सके। उसके दुःख और कष्टमय जीवन में जो उसका सहायक हो। वह परिवार के सदस्यों के साथ जी सकता है परंतु मन के समस्त भावों को उन पर प्रकट नहीं कर सकता। वह केवल मित्र के साथ ही मन की भावनाएँ प्रकट कर सकता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में मित्र बनाता है।
मित्र को भाई से भी बढ़कर माना जाता है। सच्चे मित्र के विषय में प्रसिद्ध विद्वान भर्तृहरि ने सत्य ही लिखा है-
पापन्निवारयति, योजयते हिताय गुह्यानि गुह्याति गुणान प्रकट करोति। आपद्गतं च न जहाति, ददाति काले, सन्मित्र लक्षणमिदं प्रवदंति संतः।
सच्चा मित्र पापकर्म करने से रोकता है। कल्याण के कार्यों में प्रवृत्त करता है। दोषों को छिपाता है। गुणों को प्रकट करता है। विपत्ति के समय साथ नहीं छोड़ता। आवश्यकता पड़ने पर सहायता करता है।
सच्चा मित्र अपने मित्र का हितैषी होता है। वह अपने मित्र को उचित परामर्श देकर सुपथ पर ले जाता है। वह मित्र के अवगुणों को दूर करता है। उसका एकमात्र लक्ष्य मित्र को अधिक-से-अधिक लाभ पहुंचाना होता है। मित्रता पावन संबंध है। इसमें किसी प्रकार का स्वार्थ नहीं होता।
बाल्यकाल से ही मित्र बनाने की भावना जाग्रत होने लगती है। बालक-बालिकाएँ अपनी आयु के मित्र और सखियाँ बनाते हैं। कक्षा के सहपाठियों को मित्र बनाते हैं। मित्र बनाने की प्रक्रिया जीवनपर्यंत चलती रहती है। मित्र अवश्य बनाने चाहिए परंतु मित्र का चयन सावधानी से करना चाहिए। मित्र बनाने से पूर्व उसके गुणों, अवगुणों, स्वभाव और रुचियों को जान लेना चाहिए। उसकी आर्थिक स्थिति समान स्तर की होनी चाहिए। सच्चा मित्र नाविक के समान होता है जो मँझदार में फँसी नाव को किनारे पर लगा देता है।
श्री राम सीता की खोज करने निकले तो उन्होंने सुग्रीव से मित्रता की। श्री राम ने सुग्रीव को बालि के भय से मुक्त कराया तो सुग्रीव ने हनुमान के द्वारा सीता की खोज की। महाकवि तुलसीदास ने इस प्रसंग में सच्चे मित्र को परिभाषित करते हुए ‘रामचरितमानस’ में लिखा है-
कुपथ निवारि सुपंथ चलावा। गुन प्रगटै अवगुनहि दुरावा॥ देत लेत मन संक न धरई। बल अनुमान सदा हित करई॥ विपत्तिकाल कर सतगुन नेहा। श्रुति कह संत मित्र गुन एहा॥
श्री कृष्ण और सुदामा सहपाठी थे। श्री कृष्ण राजा बन गए। सुदामा निर्धनता का कष्टमय जीवन व्यतीत करने लगा। जब सुदामा कृष्ण के पास गया तो श्री कृष्ण ने मित्रता का निर्वाह करते हुए सुदामा को गले से लगाया। उसे राजसिंहासन पर अपने साथ बिठाया। उसका मान-सम्मान किया। उसके भवन को महल-सा भव्य बनवाकर उसे निर्धनता के अभिशाप से मुक्त कर दिया। कर्ण ने मृत्युपर्यंत दुर्योधन का साथ देकर मित्रता का निर्वाह किया था। सच्चा मित्र स्वयं कष्ट सह लेता है परंतु अपने मित्र पर आँच नहीं आने देता। वह मित्र के लिए छायादार वृक्ष बनकर उसे धूप और गर्म हवाओं से बचाता है। मित्रता की कसौटी विपत्तिकाल में होती है-
विपत्ति कसौटी जे कसै सोई साँचे मीत।
सच्चा मित्र वह होता है जो विपत्ति आने पर दृढ़ चट्टान के समान मित्र का साथ देता है। वह मित्र के सभी प्रकार के कष्टों को बाँट लेता है। प्रसिद्ध साहित्यकार रामचंद्र शुक्ल के अनुसार-‘जीवन में मित्रों की भीड़ एकत्र करने से श्रेष्ठ होता है एक ही मित्र बनाना। वह सच्चा मित्र होना चाहिए।’
सच्चे मित्र पर आँख मूंदकर विश्वास करना चाहिए। संदेह मित्रता का नाश कर देता है। मित्रता की दीवार में संदेह की तनिक-सी चोट से दरार पड़ जाती है।
मित्रता भावनाओं में बहकर नहीं अपितु भली-भाँति सोच-विचारकर करनी चाहिए। प्रायः देखा जाता है कि लोग बिना-सोचे समझे मित्र बनाते चले जाते हैं। ऐसे लोगों को बाद में पछताना पड़ता है। परखकर ही मित्र बनाना चाहिए। सच्चा मित्र अमूल्य धरोहर होता है। सौभाग्यशालियों को ही सच्चे मित्र मिलते हैं। ऐसे मित्रों पर गर्व करना चाहिए।
पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi
Trees Our Best Friend In Hindi पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध: जीवन में जो हमारा साथ निभाता है उसे हम मित्र कहते हैं. पेड़ पौधे भी हमारे जीवन के लिए अपना सब कुछ त्याग कर देते हैं.
trees are our friends पेड़ हमारे लिए एक मित्र के रूप में हमें अपनी ठंडी छाँव, प्राणदायी ऑक्सीजन, ईमारती लकड़ी व हमारे पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.
आज trees our best friend essay, Paragraph, Speech में हम पेड़ों के महत्व के बारे में विस्तार से जानेगे.
मानव का पेड़ पौधों के साथ अटूट रिश्ता रहा हैं. भारतीय संस्कृति में प्रकृति के अन्य चीजों की तरह पेड़ों की पूजा भी की जाती हैं. बरगद, तुलसी, नीम, खेजड़ी, पीपल जैसे पेड़ों में देवों का वास माना गया हैं.
हम पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. हमारी प्रकृति में पेड़ सबसे बड़े परोपकारी हैं वे हमारे लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दान कर देते हैं.
पेड़ हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान कर जीवन प्रदान करते ही हैं, साथ ही हरे भरे पेड़ वर्षा में ही सहायक हैं. घने जंगल बाढ़ आदि को रोकने तथा मिट्टी के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं.
पेड़ पौधे वातावरण को स्वच्छ बनाने तथा संतुलन बनाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हमारे द्वारा छोड़ी गई co2 को अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग कर बदले में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं.
यदि धरा पर पेड़ नहीं होंगे तो समस्त भूमि बंजर एवं मरुस्थल में तब्दील हो जाएगी. पेड़ों के कई लाभ हैं ये हमें फल फूल यूँ ही उपहार में देते हैं. हमारे घर बनाने की इमारती लकड़ी तथा ईधन के लिए लकड़ी भी वनों से ही प्राप्त होती हैं.
सुदूर हिमालय तथा वनों में कई जीवनउपयोगी प्रजाति के पेड़ व झाड़ियाँ पाई जाती हैं, जिनसे हमारे जीवन रक्षक दवाइयों का निर्माण होता हैं. इस तरह न केवल पेड़ हमें जीवन देते है बल्कि स्वास्थ्य में भी अपना योगदान देते हैं.
पेड़ हमारे मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi Language
पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, वे बेस्वार्थ हमें अपने अमूल्य रत्न देते हैं. मगर यह विडम्बना ही है कि हम पेड़ों को अपना दुश्मन मान बैठे हैं. निरंतर पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं, वन निरंतर समाप्त हो रहे हैं.
प्रदूषण की समस्या ने सम्पूर्ण पर्यावरण को जकड़ लिया हैं. हमने जिस सुरक्षा कवच को तोड़ने का साहस किया है, यदि समय रहते हमने अपनी नादानियाँ बंद नही की तो इसका परिणाम बेहद भयानक होगा.
हमें चाहिए कि हम पेड़ों को अपना मित्र समझे, समय समय पर वृक्षारोपण करे तथा लोगों को भी जागरूक करे, ताकि भविष्य में आने वाली बड़ी समस्याओं को समय रहते टाला जा सके.
पेड़ कई प्राकृतिक आपदाओं में हमारे रक्षक के रूप में पहरा देते हैं. हमें यह संदेश जन जन तक पहुचाकर तेजी से हो रही वृक्षों की कटाई पर रोकथाम लगानी होगी.
धरती पर पेड़ ही हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, हम उन्हें एक बाल्टी भर पानी और उसकी देखभाल तक नहीं कर सकते मगर पेड़ अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा के साथ निभाते हैं.
परोपकारी पेड़ों से सीखकर हमें उनकी इस ईमानदारी के साथ कर्तव्य पालन के गुण को अपनाना चाहिए. तेज गर्मी में जब शरीर तर बतर हो जाता है तो पेड़ ही हमारा सहारा बनते है तथा अपनी ठंडी छाव में हमें विश्राम करने का अवसर देते हैं.
व्यक्ति जब भी जीवन में थकावट महसूस करता हैं. तो वह हरी भरी हरियाली तथा घने पेड़ों से सुसज्जित प्रकृति की गोद में जा बैठता हैं. प्रकृति का यह हरा रंग, एकांत का माहौल, स्वच्छ वायु जीवन में नई ताजगी एवं उत्साह भर देते हैं.
हम पर्यटन के लिए वनों का रूख करते है, क्योंकि घने पेड़ों के बीच हमारे मन को शान्ति मिलती हैं. मगर हम इसी तरह प्रकृति के दुश्मन बनकर मित्र रुपी पेड़ों को काटना जारी रखेगे तो हरा रंग देखने तथा हरियाली के दर्शन को आँखे तरस जाएगी.
सोचिये यदि पेड़ नहीं होते तो क्या हम अपना घर, घर में काम आने वाली लकड़ी की वस्तुएं उपयोग में ले पाते. क्या जून महीने की दोपहरी में छायादार वृक्षों की छाया जैसा आनन्द हमें कोई एयरकंडिशनर दे पाएगा.
पेड़ों का सुकून उनके हमारे घरों बगीचों एवं खेतों में लहलहाते समय ही मिलता हैं. हमें तमाम तरह के फल और फूल इन पेड़ों की ही देन हैं जो पाताल से जल सोखकर आम, केला, नारियल, सेब जैसे हजारों फल व सब्जियां मुफ्त में देकर हमारा पेट भरने का काम करते हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवान् ने पेड़ों को हमारा सच्चा मित्र बनाकर भेजा हैं. वे एक सच्चे मित्र की तरह हमारे सूखी जीवन के लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दे देते हैं.
हम निस्वार्थी होकर उन्ही पेड़ों को काटने जैसा पाप करते हैं. आज हमें संकल्प लेना चाहिए, कि आज के बाद कोई भी हरा पेड़ हम न काटेगे बल्कि हर साल नयें पेड़ लगाएगे.
पेड़ मनुष्य के मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi
वृक्षों का महत्व – वृक्ष और मानव दोनों ही प्रकृत्ति की सन्तान हैं. वृक्ष अग्रज है जो उन पर निर्भर मानव उनके अनुज है. हमारे जीवन में वृक्षों का सदा से ही महत्व रहा हैं. वृक्ष हमारे सच्चे मित्र हैं.
सुख दुःख के साथी हैं. इनका ह्रदय बड़ा उदार हैं. ये हमें देते ही देते हैं. हमसे बदले में केवल मित्रता की अपेक्षा रखते हैं. ये पर्यावरण के संरक्षक हैं. वृक्षों के अभाव में सुखी और सम्रद्ध जीवन की कल्पना असम्भव हैं.
वृक्षों के लाभ- वृक्षों का सामूहिक नाम वन या जंगल हैं. प्रकृति ने मनुष्य को अपार वन सम्पदा की अमूल्य भेट दी हैं. हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में वृक्षों की महत्वपूर्ण उपस्थिति हैं. वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं.
- वृक्ष हमें सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का स्रजन करते हैं. मन की प्रसन्नता और शांति प्रदान करते हैं.
- वृक्षों से हमें अनेक प्रकार के लाभदायक और आवश्यक पदार्थ प्राप्त होते हैं. ईधन, चारा, फल, फूल, औषधियाँ आदि अनेक वस्तुएं हैं.
- अनेक उद्योग वृक्षों पर आश्रित हैं. फर्निचर उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ, तेल मसाले, अनाज आदि से सम्बन्धित उद्योग, औषधि उद्योग वृक्षों पर ही निर्भर हैं.
- वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करते हैं. बाढ़ों को रोकते हैं. वर्षा को आकर्षित करते हैं. उपयोगी मिटटी के क्षरण को रोकते हैं.
वृक्षों का विकास- ऐसे निष्कपट, परोपकारी सच्चे मित्रों का विकास करना हमारा नैतिक ही नहीं लाभप्रद दायित्व भी हैं.
यदपि प्रकृति स्वयं वृक्षों का विकास करती हैं. किन्तु आज के उद्योग प्रधान और सुख साधनों पर केन्द्रित मानव जीवन ने वृक्षों के विनाश में ही अधिक योगदान किया हैं.
मानव समाज का विकास वृक्षों के विकास का शत्रु सा बन गया हैं. अतः हमें वृक्षों के विकास और संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए.
वृक्षों का विकास अधिकाधिक वृक्षारोपण और वनों, उपवनों, पार्कों आदि के संरक्षण से ही संभव हैं. नई नई योजनाओं में वृक्षों की अविवेकपूर्ण और अंधाधुंध कटाई पर नियंत्रण आवश्यक हैं.
वृक्षों और वनों के साथ ही मानव जाति का कुशल क्षेम जुड़ा हुआ हैं. अतः वन संपदा का संरक्षण परम आवश्यक हैं. वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण को एक अभियान के रूप में चलाना शासन का दायित्व हैं.
हमारा दायित्व- यदपि शासन और प्रशासन के स्तर से वृक्ष संरक्षण की दिशा में अधिक सक्रियता की आशा हैं. तथापि हमारा अर्थात समाज के प्रत्येक वर्ग का, यह दायित्व हैं कि वह अपनी अपनी क्षमता और संसाधनों से वृक्षमित्रों की सुरक्षा में तत्पर हो.
वृक्षों को हानि पहुचाने वालों की सूचना ngt राष्ट्रीय हरित न्यायिकरण को दे. राष्ट्रीय, धार्मिक तथा सामाजिक पर्वों, उत्सवों दिवसों आदि पर वृक्षारोपण कराए जाए, छात्र छात्राएं वृक्षारोपण में विशेष रूचि ले.
गृहिणिया घरों में गृह वाटिकाएं लगाने में रूचि ले. विवाह में गोदान नहीं, वृक्ष दान की परम्परा चलाए. समाज के प्रतिस्थित और प्रभावशाली महाशय विभिन्न आयोजनों में तथा मिडिया के माध्यम से वृक्षों की सुरक्षा और आरोपण की प्रेरणा दे.
पर उपकारी विरछ सौ, नाहिं बिरछ सौ मित्र पाथर मारें देत फल, तरु की नीति विचित्र
- आम के पेड़ के बारे में
- पेड़ बचाओ पर स्लोगन
- पेड़ों का महत्व पर निबन्ध
आशा करता हूँ दोस्तों आपकों का यह लेख अच्छा लगा होगा. Trees Our Best Friend In Hindi पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध में ped Par Nibandh, Essay On Tree, Ped Humare Mitra, Importance Of Trees, Save Trees Essay In Hindi Language, 5 line, 10 Line का यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.
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