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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: March 07, 2024 12:55 pm IST

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होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  लिखना सीख सकते हैं। 

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व , होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

प्रस्तावना .

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi):  होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं। 

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं। 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें- 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली  का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव 

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां 

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

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Essay On Holi In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

होली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम सभी भारत वासी हैं और हमारे देश को उसके भिन्न-भिन्न त्यौहारों की वजह से जाना जाता है जिसमें हिंदुओं का पर्व होली एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। होली एक रंगों का त्यौहार है जो बसंत ऋतू में अथार्त फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के दिन सभी लोग छोटे-बड़े, युवा-बूढ़े आदि एक-दूसरे को रंग लगाते हुए होली की बधाईयाँ देते हैं।

होली को एक-दूसरे के प्रति स्नेह का प्रतिक माना जाता है क्योंकि आज के दिन सभी लोग अपने आपसी मत-भेद भूलकर एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं। होली पर सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं जिसके दौरान सभी लोग मिलकर ढोलक, डी.जे., आदि की धुन पर नाचकर अपने उत्साह को प्रकट करते हैं।

होली के दिन सभी घरों में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। होली त्यौहार से एक दिन पहले रात के समय होलिका दहन किया जाता है जिसके अगले दिन लोग मौज-मस्ती और उत्साह के साथ एक-दूसरे को रंग लगाते हैं।

होली निबंध 2 (200 शब्द) :

भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर विभिन्न धर्मों को मानने वाले और विभिन्न त्यौहार मनाने वाले लोग रहते हैं। भारत के त्यौहारों में से एक प्रमुख त्यौहार है होली का त्यौहार जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के त्यौहार को भक्त प्रहलाद के आग से बचने और उनके पिता की बहन होलिका के आग में जलने की खुशी में मनाया जाता है।

आज के दिन प्रहलाद के पिता की बहन प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठी थी क्योंकि होलिका को एक चुंदरी के रूप में यह वरदान प्राप्त था कि जब तक वह चुंदरी उसके पास है आग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

लेकिन आज के दिन भक्त प्रहलाद के प्राण बच गए थे और होलिका के पास वरदान होते हुए भी वह आग में जलकर राख हो गई थी जिसकी खुशी में लोगों में एक-दूसरे पर गुलाल और रंग बिखेरे थे जिसकी वजह से आज के दिन को होली के नाम से मनाया जाने लगा था। हर साल की तरह होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसके अगले दिन लोग खुशी से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।

होली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : जिस तरह भारत में दीपावली के त्यौहार को मनाया जाता है उसी प्रकार भारत में होली को भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है क्योंकि आज के ही दिन भक्त प्रहलाद के पिता की बहन की आग में जलकर मृत्यु हुई थी जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में माना गया था और उसी दिन से इस उत्सव को हर साल मनाया जाने लगा था जिसकी वजह से इसका इतिहास और महत्व अधिक हो गया है।

होलिका दहन : होली का त्यौहार फाल्गुन मास के आखिरी दिन पर होलिका दहन से शुरू होता है और अगले दिन को रंगों से रंग दिया जाता है। होलिका दहन के लिए बहुत से लोग छोटे-छोटे उपलों की माला बनाकर उसे एक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है जिसके बाद रात के समय पंडित जी के बताए गए समय पर उपलों की माला के ढेर में आग लगा दी जाती है जिसे लोग होलिका दहन के नाम से जानते हैं।

इसके अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और रंगों से भरे गुब्बारे और पिचकारी से भीगा हुआ रंग फेंकते हैं। आज के दिन लोग सभी तरह के भेद-भाव भूलकर एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : होली एक प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत देश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार रंगों से भरा एक पर्व है जिसे हिंदुओं के द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

भारत में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन होली का त्यौहार बाकि सभी त्यौहारों से कुछ अलग तरह का त्यौहार है। होली का त्यौहार हम सभी को मौज-मस्ती, मनोरंजन, खुशी, उत्साह आदि का संदेश देता है। होली के त्यौहार को दुखों, उलझनों और संतापों को भूलकर अपनी संपूर्णता के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं।

होली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग एक-दूसरे को रंग या गुलाल लगाते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार को हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। होली को रंगों का उत्सव कहा जाता है जो भारत के हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली के त्यौहार को हर साल बसंत ऋतू के समय फाल्गुन मास में आता है जो दीपावली की तरह ही अधिक खुशी प्रदान करने वाला त्यौहार है। होली का यह दिन हर साल चैत्र मास के एक दिन पहले आता है जिस दिन पूरी प्रकृति और वातावरण बहुत ही सुंदर और रंगीन नजर आती है।

होली का उद्देश्य : होली के त्यौहार को होलिकोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होलिका शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के होल्क शब्द से हुई थी जिसका अर्थ होता है भुना हुआ अन्न जिससे होलिका शब्द से होली शब्द की उत्पत्ति हो गई।

पुराने समय में जब लोग अपनी नई फसल को काटते थे तो उससे कोई भी काम करने से पहले भगवान का भोग लगाते थे इसलिए नवान्न को आग के प्रति समर्पित करके उसे भूना जाता था। अन्न के ठीक प्रकार से भुनने के बाद उसे सभी लोगों में प्रसाद के रूप में बाँट देते थे और आग से सेक लेते हुए बड़े ही स्वाद से खाते थे इसी वजह से आज भी बहुत से क्षेत्रों में होलिकोत्सव मनाया जाता है।

ऐतिहासिकता : होली के त्यौहार के पीछे एक ऐसे भक्त की कहानी है जिसने कभी अपनी भक्ति को हारने नहीं दिया था। पुराने समय में एक राजा थे हिरण्यकश्यप उनका एक पुत्र था जो विष्णु देव की भक्ति करता था लेकिन उसके पिता को यह अच्छा नहीं लगता था इसलिए उन्होंने अपनी बहन होलिका को यह आदेश दिया कि वह उसको लेकर चिता पर बैठेगी।

होलिका को ब्रह्मा देव ने यह वरदान दिया था कि आग उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु का नाम लेकर अपनी बुआ के साथ चिता पर बैठ गए जिसमें भक्त प्रहलाद को कोई चोट नहीं पहुंची लेकिन होलिका जलकर राख हो गई उसी की खुशी में हर साल इस दिन को होली के रूप में मनाया जाने लगा।

उपसंहार : होली को खुशियों, उत्साह, रंगों और एकता का प्रतिक माना जाता है क्योंकि होली के दिन सिर्फ खुशियाँ होती हैं। होली को भारत देश में एक राष्ट्रिय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि होली के दिन सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कार्यालयों, बैंकों, और दूसरे सभी संस्थानों में होली की शुभकामनाएं दी जाती हैं लेकिन होली के दिन ये सभी स्थान बंद रहते हैं ताकि लोग होली के दिन सभी तरह की चिंताओं से मुक्त होकर होली का आनंद ले सकें।

होली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : होली भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक त्यौहार है क्योंकि यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन सभी लोग एक-दूसरे का खुलकर मजाक उड़ाते हैं। होली के दिन सभी बच्चे, बूढ़े, युवा रंगों से खेलते हैं।

होली के पर्व को हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। सभी लोगों के द्वारा इस दिन को एकत्र, प्यार, खुशी, सुख और जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होली के पर्व को एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी जाहिर करने के लिए चमकीले और आकर्षक रंगों से होली को खेला जाता है।

रंगों का त्यौहार : भगवान श्री कृष्ण के जन्म से पहले होली को सिर्फ होलिकोत्सव के रूप में मनाया जाता था जिसमें होलिका दहन में नवान्न अर्पित किए जाते थे लेकिन जब भगवान श्री का जन्म हुआ तो उन्होंने इस त्यौहार को रंगों के त्यौहार में परिवर्तित कर दिया।

एक बार होलिकोत्सव के दिन भगवान श्री कृष्ण के घर पूतना नाम की राक्षसी आई थी लेकिन कृष्ण ने उसका वध कर दिया था। जब कृष्ण युवा अवस्था में पहुंचे थे तो उन्होंने इस पर्व को गोपी-गोपिकाओं के साथ रासलीला और रंग खेलने के साथ-साथ रात में समय होलिका दहन करने की परंपरा बन गई थी।

बसंत का आगमन : जब प्रकृति में बसंत का आगमन होता है तो प्रकृति के अंग-अंग में यौवन फूटने लगता है तब होली का त्यौहार बसंत ऋतू का श्रंगार करने के लिए आता है। होली का पर्व एक ऋतू से संबंधित त्यौहार है।

जब एक ऋतू यानि शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो ग्रीष्मकाल ऋतू का आगमन होता है और जब ये दोनों ऋतुएं मिलती हैं तो इन दोनों के मिलने से होने वाले संधिकाल को होली का त्यौहार कहा जाता है। जब शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो सभी किसान आनंद से भर जाते हैं क्योंकि यही वह समय होता है जब उनका साल भर यानि पूरी साल किया गया कठोर परिश्रम सफल होता है और उनकी फसल पकनी शुरू हो जाती है।

(और पढ़ें : होली पर निबंध ,  होली से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें )

होली की तैयारियां : होली त्यौहार से एक दिन पहले सभी लोग गोबर, लकड़ी, घास आदि के ढेर को एक निश्चित स्थान पर लगा देते हैं। रात के समय निश्चित समय पर उस ढेर में आग लगा दी जाती है और उसके साथ पौराणिक कथाओं को भी याद किया जाता है।

बहुत से लोगों का तो यह भी मानना है कि अगर आज के दिन परिवार के सभी सदस्यों के शरीर पर सरसों के उबटन से मसाज की जाए तो घर और मन से सारी गंदगी दूर हो जाती है और खुशियों तथा सकरात्मक शक्तियों का संचार होता है।

होलिका दहन के अगले दिन सभी लोग अपने मित्र, परिवार, सगे-संबंधियों को होली के त्यौहार की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन बच्चों के लिए गुब्बारे, रंग, पिचकारियाँ, गुलाल आदि खरीदा जाता है जिसे देखकर बच्चे बहुत अधिक खुश होते हैं। होली के दिन सभी घरों में तरह-तरह की मिठाईयां, व्यंजन, पकवान बनाए जाते हैं।

उपसंहार : होली त्यौहार को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है जो हर साल फाल्गुन मास के महीने में मनाया जाता है। होली को हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार कहा जाता है लेकिन यह सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि सभी लोगों का त्यौहार है।

होली को सभी लोग एक नए उत्साह, आशा और जोश के साथ मनाते हैं। होली के त्यौहार पर लोग आपस में गले मिलते हैं, एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली के पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन लोग खासतौर पर पापड़, हलवा, गुजिया, पकोड़े आदि व्यंजन खाते हैं।

होली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : होली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी के लिए सुख, खुशियों के साथ-साथ अनेक संकेत लेकर आता है। होली के त्यौहार का इंतजार सभी लोग बहुत ही उत्साह के साथ करते हैं क्योंकि होली के दिन सभी लोग बेफिक्र होकर रंगों के साथ खेलते हैं। होली के त्यौहार को भक्त प्रहलाद की भक्ति और होलिका के आग में जलकर राख होने की खुशी में मनाया जाता है जिस दिन सभी लोग अपने गिले, शिकवे भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं।

होली का यथार्त उद्देश्य : प्राचीन समय में जब भी किसानों की फसल पककर तैयार होती थी तो भगवान पर भोग के रूप में थोड़े से अन्न को भूनकर भगवान को चढाया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद बाकि के भूने हुए अन्न को सभी लोगों में प्रसाद की तरह बाँट दिया जाता है और सभी लोग आग की सेंक लेते हुए उस प्रसाद को ग्रहण करते हैं और साथ-साथ बहुत से गीत, भजन, गाते हैं। एक-दूसरे के दुःख-सुख की बातें करते हैं, मौज-मस्ती के साथ बहुत सारा समय एक-दूसरे के साथ व्यतीत करते हैं।

होली का महत्व : होली के त्यौहार का हिंदू समाज के लिए बहुत अधिक महत्व है क्योंकि होली का पर्व दुश्मनों को भी दोस्त बना देता है। होली के त्यौहार पर अमीर-गरीब, क्षेत्र, जाति और धर्म में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। होली त्यौहार के दिन सभी लोग एक-दूसरे के घर जाकर लोगों के साथ रंगों से खेलते हैं।

जो लोग अपनों से दूर रहते हैं वो इस पर्व के माध्यम से एक-दूसरे से मिल जाते हैं। होली के दिन सभी लोग अपने गम, नफरत, नाराजगी भुलाकर आपस में एक नए रिश्ते को कायम करते हैं। जिस तरह दीपावली का पर्व अपने साथ बहुत से उद्देश्य और संदेश लेकर आता है उसी तरह होली भी बहुत से संदेश लेकर आता है। होली का त्यौहार सभी को भेदभाव और बुराईयों से दूर रहने की सलाह देता है।

भक्त प्रहलाद की कहानी : पुरातन काल में एक राजा हिरण्यकश्यप था जो अपने आप को भगवान मानता था। राजा अपनी पूरी प्रजा पर कहर बरसाता था क्योंकि वह चाहता था कि सभी लोग उसे ही भगवान मानें। लेकिन राजा का बेटा प्रहलाद अपने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ना चाहता था। उस पर बहुत सारे अत्याचार किए गए लेकिन फिर भी वह अपने दृढ निश्चय से पीछे नहीं हटा।

अंत में राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद लेकर चिता पर बैठने का आदेश दिया क्योंकि उसे कभी न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका प्रहलाद को लेकर चिता पर बैठ गई जिसमें प्रहलाद अपनी भक्ति में लीन हो गया और उसे कोई चोट भी नहीं आई लेकिन होलिका उसी आग में जलकर राख हो गई इसी वजह से भक्त प्रहलाद की भक्ति को याद करते हुए इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।

होली मनाने की विधि : होली को दो दिन का त्यौहार माना जाता है क्योंकि होली से एक दिन पहले किसी स्थान को निश्चित कर दिया जाता है। पूरा गाँव उस निश्चित जगह पर गोबर, घास, लकड़ियाँ आदि का ढेर लगा देता है। भारत के हिन्दू धर्म के अनुसार इस जगह की पूजा करने के बाद इस ढेर में आग लगा दी जाती है जिसे सभी लोग होलिका दहन कहते हैं।

इसी आग में सभी किसान अपने खेत की सबसे पहली फसल को भूनकर उसे प्रसाद के रूप में सभी को बांटते हैं। इसी की वजह से सभी में मिलन और भाईचारे की भावना पैदा होती है। अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं जिसकी वजह से अगले दिन को धुलेंडी कहते हैं।

उपसंहार : होली एक पवित्र और शुद्धता का त्यौहार माना जाता है लेकिन आजकल लोग प्राकृतिक रंगों की जगह पर रासायनिक रंगों का प्रयोग करते हैं जिसकी वजह से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। होली के इस दिन लोग भांग-ठंडाई पीने की जगह पर नशेबाजी करते हैं और लोक संगीत सुनने की जगह पर आधुनिक गानों को सुनते हैं।

होली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : होली का त्यौहार ढेर सारी मौज-मस्ती और मजाक का त्यौहार माना जाता है क्योंकि आज के दिन सभी लोग अपने शिष्टाचार के बंधनों को तोडकर एक-दूसरे का खुलकर मजाक उड़ाते हैं क्योंकि आज के दिन कोई भी नाराज नहीं होता है।

होली के इस पर्व को भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। होली के इस पावन पर्व पर सभी लोगों के चेहरे पर अपने-आप ही मुस्कान आ जाती है यहाँ तक कि वृद्ध लोगों में भी इसके नाम से उल्लास का संचार होता है।

होली क्यों मनायी जाती है : होली एक खुशी और उत्साहपूर्ण त्यौहार है जो होलिका के आग में जलकर राख होने की वजह से इसे होली के नाम से हर साल मनाया जाता है। तभी से हिन्दू धर्म के लोग बुराई या शैतानी शक्ति पर अच्छाई या ईश्वरीय शक्ति की विजय के रूप में इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाने लगे थे। जब कृष्ण जी का जन्म हुआ तो उन्होंने गोपियों के साथ रासलीला करके होली के इस त्यौहार को रंगों के त्यौहार में बदल दिया था।

होली का उत्सव : होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार है। होली के त्यौहार से एक दिन पहले सभी लोक होलिका दहन करके अपने देश के प्राचीन काल को या अतीत को याद करते हैं जिसकी वजह से आज हम होली जैसे पवित्र त्यौहार को मना पाते हैं।

आज के दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंगों और गुलाल से रंग देते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं। आज के दिन सभी घरों में मिठाईयां, व्यंजन और तरह-तरह के पकवान बनवाते हैं और सभी लोग आपस में मिलजुलकर नाश्ता करते हैं। आज के दिन बहुत सी जगहों पर कार्यक्रम भी किए जाते हैं।

होली की मनोवैज्ञानिक दृष्टि : होली को आनंद का सरोवर और खुशी का बेसकीमती खजाना होता है जो कभी खत्म नहीं होता है। इस तरह का खजाना सब लोगों के अंतःकरण में विद्यमान होता है लेकिन वह कुछ कारणों या शिष्टाचार के बंधनों की वजह से पूर्ण रूपेण व्यक्त नहीं हो पाता है।

जब किसी व्यक्ति के शिष्टाचार के बंधन टूट जाते हैं तो उस व्यक्ति का खुशी का खजाना फूट पड़ता है और वह व्यक्ति आनंद से विभोर हो उठता है। होली के त्यौहार पर सभी लोग शिष्टाचार के बंधन को तोडकर एक-दूसरे पर रंग बरसाते हैं इसमें कोई भी व्यक्ति कुछ कहकर, खुद नाचकर, गाकर अपने अंतःकरण की खुशियों को व्यक्त करते हैं।

होली के दोष : होली का त्यौहार एक खुशियों का त्यौहार है लेकिन किसी भी त्यौहार में समय के साथ विकार उत्पन्न हो ही जाते हैं। आज के समय में लोग होली जैसे पवित्र त्यौहार पर शराब पीते हैं और शराब के नशे में चूर होकर लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं।

कई बार तो ऐसा होता है कि लोग त्यौहार से अधिक महत्व अपनी शत्रुता को देते हैं जिसकी वजह से वे अपना बदला लेने के लिए अनुचित साधनों का प्रयोग करते हैं। जिसकी वजह से रंगों का पर्व रंज के पर्व में बदल जाता है। बहुत से लोग तो ऐसे भी होते हैं जो इधर-उधर गंदगी फैला देते हैं जिसकी वजह से यह त्यौहार दूषित हो जाता है और इसमें विकार उत्पन्न हो जाते हैं।

होलिका दहन : रंगों के त्यौहार होली को फाल्गुन मास के आखिरी दिन होलिका दहन की शाम से शुरू किया जाता है और अगले दिन रंगों में रंगने का होता है। होली के पर्व को सभी बच्चे, बूढ़े, और जवान बहुत ही खुशी और उत्सुकता के साथ मनाते हैं। होली के आने से पहले ही लोग रंग, पिचकारी और गुब्बारे आदि खरीदकर तैयारी कर लेते हैं तथा साथ ही सडक के चौराहे पर लकड़ी, घास और गोबर के ढेर को विधि पूर्वक जलाकर होलिका दहन किया जाता है। इस समय पर लोग गीत, भजन और संगीत से सभी लोगों का मनोरंजन करते हैं जिसकी वजह से उस जगह का माहौल खुशनुमा बन जाता है।

उपसंहार : होली एक रंगों का त्यौहार है जिस पर सभी लोग अपने आपस की मत-भेद या भेदभाव भूलकर अपने नए जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा का संचार करते हैं।

भारत और हिन्दू समाज इस खुशी के त्यौहार का बहुत ही उत्साह और बेसब्री के साथ इंतजार करता है। होली के दिन सभी जगहों पर रंग-ही-रंग दिखाई देते हैं। पूरा शहर ऐसा लगता है जैसे पूरा शहर रंगों से रंग गया हो। होली के दिन शाम के समय सभी लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और रंग लगाकर होली की बधाई देते हैं।

होली निबंध 8 (1000 शब्द) :

भूमिका : होली का त्यौहार बसंत ऋतू का एक बहुत ही हर्षोल्लास वाला त्यौहार है जिसे बसंत का यौवन भी कहा जाता है। दुनिया अथार्त प्रकृति सरसों की पीली साडी पहनकर किसी का रास्ता देखती हुई प्रतीत होती हैं।

पुराने समय में होली के पर्व को आपसी प्रेम का प्रतीक माना जाता है जिसमें सभी छोटे-बड़े लोग मिलकर पुराने भेदभावों को भूल जाते हैं। जब पूरी प्रकृति रंग से सराबोर होने लगती है तो मनुष्य एक अलग तरह के आनंद में झूमने लगता है।

होली का महत्व : होली त्यौहार का सभी लोगों के लिए समान महत्व होता है लेकिन भारत देश के हिंदुओं के लिए इसका अधिक महत्व होता है क्योंकि आज के ही दिन होलिका नाम की राक्षसी जलकर राख हो गई थी जिसकी खुशी में सभी हिंदुओं ने जश्न मनाया था और उस दिन से इसे हर साल होली के नाम से मनाया जाने लगा।

होली का त्यौहार सभी लोगों को आपस में भेदभाव, अमीरी-गरीबी, क्षेत्र, जाति, धर्म आदि को भूलकर एक-दूसरे पर रंग फेंकने का उपदेश देता है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि हम सभी मनुष्य हैं और सभी मनुष्य एक समान होते हैं इनमें कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। होली के त्यौहार की वजह से जिन लोगों में वर्षों से दुश्मनी चलती है वे भी आपस में दोस्त बन जाते हैं।

होली से जुड़े तथ्य : होली के पर्व को मनाने से एक दिन पहले होलिका जलाना बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर होलिका दहन नहीं किया जाएगा तो लोग अपने प्राचीनकाल के नियमों या रीति-रिवाजों को भूल जाएँगे जिससे उन्हें अपने देश के इतिहास का पता नहीं होगा और वे अपने देश के वीर पुरुषों और भक्तों से अनजान रह जाएंगे इसलिए अपने देश के इतिहास को याद रखने के लिए होलिका दहन करना बहुत जरुरी होता है। अगले दिन होली को केवल दोपहर तक खेलने की परंपरा होती है। जब ऋतुराज बसंत का आगमन होता है तो होली के त्यौहार को मनाया जाता है।

होली का इतिहास : एक बार हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था जिसकी बहन को बहुत-सी शैतानी शक्तियाँ और वरदान प्राप्त थे जिनके बल पर वह देश पर शासन करना चाहता था। वह अपने आप को भगवान समझता था। वह चाहता था कि सभी उसे भगवान समझें और उसकी पूजा करें लेकिन प्रहलाद अपनी विष्णु भक्ति नहीं छोड़ना चाहता था जिसकी वजह से उसके पिता ने उसपर बहुत अत्याचार किए लेकिन वह अपने दृढ निश्चय पर अड़ा रहा।

राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद में लेकर चिता पर बैठने के लिए कहा लेकिन उस चिता में होलिका जलकर राख हो गई और प्रहलाद को कोई चोट नहीं आई इसी वजह से इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।

होली की तैयारियां : भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन होली का त्यौहार बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है जिसमें लोग बहुत से साधनों के द्वारा एक-दूसरे को रंगों से रंग देते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन की तैयारी की जाती है जिसमें सभी लोग घास, लकड़ी और गोबर का ढेर लगते हैं।

शाम के समय इस ढेर में आग लगा दी जाती है जिसके अगले दिन के लिए लोग अपने से ही लोग रंग, गुब्बारे, पिचकारी, आदि खरीदकर रखते हैं। होली के दिन सभी लोग तरह-तरह के व्यंजन और पकवान बनाते हैं जिसका सभी लोग मिलजुलकर आनंद लेते हैं।

होली का रंगों में परिवर्तन : होली एक ऐसा त्यौहार है जिसके पास आते-आते सभी के ह्रदय में एक नए प्रकार के उत्साह का संचार होने लगता है। पहले समय में इस त्यौहार को रंगों से नहीं मनाया जाता था लेकिन जब श्रीकृष्ण जी ने अपनी रासलीला से गोप-गोपिकाओं को मंत्रमुग्ध किया तब से इस पर्व को रंगों का पर्व कहा जाने लगा और हर साल इसे रंगों से खेला जाने लगा। होली के इस पर्व पर सभी लोग अपने सगे-संबंधियों से मिलते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

अपनेपन की होली : होली के त्यौहार को अपनेपन की होली इसलिए कहा जाता है क्योंकि आज के दिन को रंगों, खुशियों, मिठाईयों और पकवानों का दिन कहा जाता है। होली के त्यौहार से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन एक ऐसा समय होता है जब सभी लोग आपस में मिलकर सभी प्रकार के भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत करते हैं। होली के दिन बच्चे अपने लड़ाई-झगड़े भूलकर एक-दूसरे के ऊपर गुब्बारों और पिचकारियों से रंग फेंकते हैं। होली के दिन कोई भी किसी की बात का बुरा नहीं मानता है।

होली के आधुनिक दोष : त्यौहार का महत्व चाहे कितना भी हो लेकिन कालातंर में उसमें दोष उत्पन्न हो ही जाते हैं। होली जैसे खुशियों के दिन भी बहुत से लोग शराब पीते हैं, जूआ खेलते हैं और घरों में लड़ाई-झगड़ा करते हैं। कई बार तो लोग अपनी दुश्मनी का बदला लेने के लिए इस होली जैस पवित्र दिन को भी छोड़ते हैं।

आज के दिन लोग सूखे और हल्के रंगों का प्रयोग करने की जगह पर काली स्याही और तवे की कालिख का प्रयोग करते हैं जिसकी वजह से उसे निकालने में त्वचा भी छिल जाती है। बहुत से लोग तो आज के दिन इधर-उधर गंदगी फैला देते हैं जिसकी वजह से आज के दिन में अस्वच्छता फैलती है।

प्रेम और एकता का प्रतीक : होली एक ऐसा पर्व है जिस दिन सभी लोग अपने शिष्टाचार के बंधनों को तोड़कर बच्चों, बूढों, राजा या रंक आदि सभी का खुलकर मजाक उड़ा सकते हैं क्योंकि आज के दिन कोई बुरा नहीं मानता है। आज के दिन सभी लोग मिलजुलकर गीत गाते हैं, नाचते हैं और भोजन भी करते हैं।

होली के पर्व के दिन सभी लोग एक-दूसरे के साथ एकता के बंधन में बंध जाते हैं। होली के दिन किसी भी बात का बुरा मानना गलत समझा जाता है। होली के दिन सभी लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं और अपने दिल की बातें लोगों से करते हैं। आज के दिन को मेल और प्रेम की एकता का प्रतीक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली की तरह होली भी भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक होता है। होली को मेल, एकता, प्रेम, खुशी, उत्साह और आनंद का पर्व माना जाता है। होली के दिन की खुशी की वजह से सभी में एक नए जीवन को जीने की प्रेरणा आ जाती है।

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होली पर निबंध 200 शब्दों में - Holi Essay in Hindi 200 words

होली एक ऐसा त्यौहार है जो मुख्य रूप से भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के अलावा इसे दूसरे देशों में भी सेलिब्रेट किया जाता है। यह उत्सव बच्चों और बड़ों में उत्साह भर देता है। लोग गली - मोहल्ले में अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस ख़ास पर्व को मनाते हैं। इस आर्टिकल में आपको होली पर 200 शब्दों में निबंध पढ़ने को मिलेगा। यह मुख्यतः कक्षा 1, कक्षा 2, कक्षा 3, कक्षा 4 और कक्षा 5 के लिए बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है।

होली पर निबंध 200 शब्दों में (Holi Essay in Hindi 200 words, Holi par Nibandh 200 shabdo mein)

निबंध 1: होली क्या है (200 शब्दों में).

होली रंगों का उत्सव है जो पूरे भारतवर्ष में हर्ष उल्लास से मनाया जाता है। यह मार्च के महीने में पड़ने वाला रंगीन त्यौहार है जिसमें रंग - गुलाल के साथ बच्चे, नौजवान और बड़े बुजुर्ग होली खेलते हैं।

होली का माहौल ऐसा होता है की व्यक्ति अपनी सारी चिंताओं को भूलकर उसके रंगों में रंग जाता है और वो पल केवल खुशियों का होता हैं जहां चिंताओं-निराशाओं के लिए कोई जगह नहीं होती।

खुशियों से भरे इस त्योहार का रंग बच्चों में दो-तीन दिन पहले ही दिख जाता है। बच्चे क्या, बड़े क्या हर कोई इस उत्सव का आस लगाए प्रतीक्षा करता है।

इस मौके पर पाठशाला की छुट्टी होती है ताकि बच्चे इस उत्सव का हिस्सा बनके परिवार के साथ वक्त बिताए। होली के त्योहार से एक दिवस पूर्व होलिका दहन किया जाता है। होली के संदर्भ में पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिसमें होलिका दहन के पीछे की रोचक कहानी का उल्लेख मिलता है।

शीत ऋतु के पश्चात जब वसंत ऋतु का आगमन होता है तो पशु पक्षियों और मनुष्य का मन प्रफुल्लित हो उठता है। इसी खास मौसम में होली का रंगीन त्योहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है जिससे हम पूरे दिन सक्रिय और खुश महसूस करते हैं।

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निबंध 2: होली का इतिहास - 200 शब्दों में

होली त्यौहार को मनाने के पीछे एक प्रचलित कथा है जो भक्त प्रहलाद और होलिका से जुड़ा है।

हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था जो स्वयं को भगवान मानता था उसका एक पुत्र भी था जो उसे भगवान नहीं मानता था और वह विष्णु की पूजा करता था।

यह देख हिरण्यकश्यप उसपर क्रोधित हो जाता था क्योंकि वह विष्णु को अपना दुश्मन मानता था। उसने अपने पुत्र को समझाया कि वह विष्णु की आराधना ना करें किंतु उसके पुत्र ने उसकी एक न मानी और फिर उसने प्रहलाद को खत्म करने का प्रयास किया। 

हिरण्यकश्यप की एक बहन, जिसे आग से न जलने का वरदान प्राप्त था, ने कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर जलती हुई चिता में बैठेगी, जिससे प्रह्लाद जलकर भस्म हो जायेगा। यह सुनकर हिरण्यकश्यप ने होलिका को प्रह्लाद को भस्म करने का आदेश दिया।

होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाया और चिता पर बैठ गयी। इस दौरान भी भक्त प्रह्लाद अपने आराध्य भगवान विष्णु की पूजा करते रहे। जब चिता में आग लगाई गई तो प्रह्लाद पर भगवान विष्णु की ऐसी कृपा थी कि उस पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा, उल्टे होलिका उस आग में जलकर भस्म हो गई। इसके बाद से होली का त्योहार मनाने का सिलसिला शुरू हुआ और इसीलिए होली से एक दिन पहले होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

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निबंध 3: होली का महत्व (200 शब्दों में)

होली हिंदुओं का त्यौहार है जो अत्यंत प्रसिद्ध होने के कारण भारत के साथ-साथ विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाने लगा है।

यह दिन खुशियां बांटने का होता है इसलिए लोग अपने मित्रों से गले मिलकर होली की मुबारक बात देते हैं। यह भारतीय संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 

यह उत्सव सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखता है। इस विशेष अवसर पर बच्चे अपने मित्रों संग होली खेलते हैं।

बड़े भी एक-दूसरे के गाल पर गुलाल लगाकर इस अदभुद दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। कई जगहों पर लोग एक जगह इकट्ठा होकर रंग-बिरंगे गुलाल और रंग-बिरंगी पिचकारी से होली खेलते हैं, इस दौरान लोग सफेद कपड़ों में नजर आते हैं।

वृंदावन और मथुरा में तो होली का अलग ही उत्साह देखा जाता है। वहां लोग सप्ताह पहले ही होली खेलना प्रारंभ हो जाता है। कृष्ण की नगरी मथुरा, वृंदावन, ब्रज में प्रत्येक वर्ष होली की धूम लगी रहती है जिसमें सम्मिलित होने के लिए लोग विदेशों से आते हैं।

होली को पूरे भारतवर्ष में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे रंगवाली, उकुली, होली धुलेटी, शिगमो, डोल पूर्णिमा आदि। भारत के महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा आदि राज्यों में होली का त्योहार (Holi festival) धूमधाम से मनाया जाता है। 

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पौष्टिक आहार पर निबंध - Paushtik Aahar Par Nibandh in Hindi

होली पर निबंध 10 lines (Holi Essay in Hindi) 100,150, 200, 250, 300 शब्दों मे Long and Short Essay in Hindi

holi essay in hindi 200 words

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली रंगों का त्योहार है जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह एकता का त्योहार भी है क्योंकि यह लोगों को जाति, जातीयता या धर्म की परवाह किए बिना त्योहार मनाने के लिए एक साथ लाता है। मार्च में पूर्णिमा के दिन भारत में होली दो दिनों तक मनाई जाती है। लोग पहले दिन “ होलिका दहन ” (Holika Dahan) मनाते हैं और चारों ओर इकट्ठा होते हैं और लकड़ी और गाय के गोबर के ढेर जलाते हैं, और होली से संबंधित भजन गाते हैं।

फिर अगले दिन, सभी उम्र के लोग “गुलाल” नामक रंगों और “दुलाहांडी” नामक रंगीन पानी के साथ खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं। लोग एक साथ दावत करते हैं और “गुजिया” नामक दिन के लिए बनाई गई विशेष मिठाई खाते हैं और “ठंडाई” या कोल्ड ड्रिंक और “भांग” परोसते हैं। लेकिन होली सावधानी से खेली जानी चाहिए। उपयोग किए गए गुलाल को व्यवस्थित रूप से तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि रासायनिक गुलाल त्वचा में जलन पैदा कर सकता है और जहां भी यह संपर्क में आता है। लोगों को होली खेलते समय अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सावधान रहना चाहिए कि किसी को नुकसान न पहुंचे।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – भारत में कुछ जगहों पर होली को पांच दिनों तक भी मनाया जाता है। होली एक राष्ट्रीय अवकाश है और इस दिन सभी शिक्षण संस्थान और कार्यालय बंद रहते हैं।

होली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Holi 10 lines in Hindi)

  • होली भारत में मुख्य रूप से हर साल हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है।
  • मार्च वह महीना है जब देश में ज्यादातर होली मनाई जाती है, कभी-कभी यह त्योहार दो दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है,
  • भारत के विभिन्न राज्य अलग-अलग तरीकों से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता है।
  • होली से एक दिन पहले, एक अनुष्ठान किया जाता है जिसे ‘होलिका दानन’ कहा जाता है, यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसे हर कोई खेलता है।
  • लोग एक विशाल अलाव बनाते हैं और विभिन्न समारोह करते हैं, और इस तरह ‘होलिका दानन’ दिखाया जाता है।
  • होली एक खुशी और खुशी का त्योहार है जो सभी को खुश करता है।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के उत्सव की शुरुआत राधा और कृष्ण ने की थी।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार से मिलते हैं और दोस्त एक दूसरे को उत्सव के रूप में रंग लगाते हैं।
  • उत्तर भारत में होली मनाने के तरीके के रूप में गीत गाने की परंपरा है।
  • होली के लिए कई अनोखी मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, और सबसे आम में से एक है ‘गुजिया’।

होली पर निबंध 100 शब्दों में (short Essay on Holi in 100 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह रंगों, खुशी और दोस्ती का त्योहार है। यह मार्च के महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को रंग लगाकर त्योहार मनाते हैं। होली को और रंगीन बनाने के लिए लोग वाटर गन, पिचकारी और पानी के गुब्बारों से खेलते हैं।

लोग अपनी दुश्मनी भूलकर रंगों का त्योहार मनाते हैं। लोग सफेद कपड़े पहनकर एक दूसरे के घर जाते हैं। होली के दिन मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। लोग अपनों को उपहार बांटते हैं। होली एकता, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
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  • New Year Speech
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होली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Holi in 150 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) -होली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रंगों का त्योहार है। होली का त्योहार वसंत ऋतु में दो दिनों तक मनाया जाता है। उत्सव की शुरुआत त्योहार से एक रात पहले होलिका दहन से होती है और अगले दिन को होली कहा जाता है।

होली के मौके पर लोगों में काफी खुशी है। वे अपनी चिंताओं और चिंताओं को भूल जाते हैं। वे स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। उन्होंने नए कपड़े पहने। वे एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे दूसरों के चेहरों पर रंगीन पाउडर बिखेरते हैं। वे गाते हैं, नाचते हैं और उछल-कूद करते हैं। वे ढोल बजाते हैं और होली के गीत गाते हैं। वे लगभग खुशी से पागल हैं। वे भूल जाते हैं कि वे क्या हैं। शाम को वे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलने जाते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। वे दूसरों के चेहरे पर अबीर का धब्बा लगाते हैं।

होली एक खुशी का अवसर है जब हम सभी के साथ खुलकर घुलमिल जाते हैं। हम अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक भेद को भूल जाते हैं। त्योहार का यह रंग लोगों को एक करता है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।

होली निबंध 200 शब्दों में (Holi Essay in 200 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं। होली का त्योहार उनमें से एक है। होली रंगों का त्योहार है। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह वसंत की शुरुआत में आयोजित किया जाता है। प्रकृति अपनी गहरी नींद से जागती हुई प्रतीत होती है। पेड़ नए पत्ते लाते हैं। फूल खिलने लगते हैं।

इस दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर और हाथ में सूखा पाउडर लेकर सड़कों पर घूमने लगते हैं। उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के चेहरे पर गुलाल और रंग मलकर उनके सुखी और समृद्ध जीवन की कामना की। बच्चे रंगीन पानी से भरे झरनों को लेकर जाते हैं जिसे वे राहगीरों के कपड़ों पर छिड़कते हैं। वे कूदते हैं, नाचते हैं और आनंदित होते हैं। हर दिल में खुशी का वास है। जो लोग परेशान नहीं होना चाहते वे घर के अंदर ही रहें। लेकिन बहुत बार उन्हें बख्शा नहीं जाता है और उनकी इच्छा के विरुद्ध रंगीन पानी में धोए जाते हैं।

लेकिन कुछ लोग होली को बहुत ही अश्लील तरीके से मनाते हैं। वे शराब पीते हैं और हंगामा करते हैं। वे झगड़ा करते हैं और दूसरों का अपमान करते हैं। वे दूसरों पर कीचड़ और गंदगी फेंकते हैं। ऐसी बुराइयों को रोकना चाहिए। लोगों के लिए समस्याएँ पैदा करने के बजाय खुशी और उल्लास लाने के लिए त्योहार मनाए जाने चाहिए।

होली निबंध 250 शब्दों में (Holi Essay in 250 words in Hindi)

Essay on Holi – कई संस्कृतियों, जातियों और धर्मों के देश के रूप में, भारत पूरे वर्ष अपने कैलेंडर में अनगिनत त्योहार मनाता है। सबसे व्यापक रूप से ज्ञात त्योहारों में, हम होली को सरल शब्दों में रंगों का उत्सव पाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हम थोड़ा गहरा गोता लगाते हैं, होली अपने साथ कई अर्थ और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व लेकर आती है।

होली, कुछ लोगों के लिए, राधा और कृष्ण द्वारा साझा किए गए प्रेम का त्योहार है – प्रेम का एक रूप जिसे किसी विशिष्ट नाम, रूप या आकार की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरों के लिए, यह एक कहानी है कि कैसे हम में अच्छाई हमेशा बुराई पर विजयी होकर उभरती है। जबकि कई अन्य लोगों के लिए, होली मस्ती, मस्ती, क्षमा और करुणा का अवसर है। तीन दिनों में फैली, होली की रस्में पहले दिन अलाव के प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होती हैं और दूसरे दो दिनों में रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य और आशीर्वाद के साथ उत्सव मनाया जाता है। उपयोग किए जाने वाले प्राथमिक रंग विभिन्न भावनाओं और तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसे भगवान कृष्ण के लिए नीला, प्रजनन क्षमता और प्रेम के लिए लाल और नई शुरुआत के लिए हरा।

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होली निबंध 300 शब्दों में (long Essay on Holi in 300 words in Hindi)

Essay on Holi – होली का त्योहार हर साल मार्च (फागुन) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे एकता, प्रेम, खुशी, खुशी और जीत के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। हम एक दूसरे के साथ प्यार और खुशी का इजहार करने के लिए इस त्योहार को चमकीले और आकर्षक रंगों में खेलते हैं। इसका अपना महत्व है साथ ही इसे मनाने के कई कारण, कहानियां और मान्यताएं भी हैं।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – बहुत समय पहले, एक राजा हिरण्यकश्यप, उसकी बहन होलिका और उसका पुत्र प्रह्लाद था। प्रह्लाद एक पवित्र आत्मा थे जो भगवान विष्णु के भक्त थे, जबकि उनके पिता चाहते थे कि प्रह्लाद सहित सभी उनकी पूजा करें। लेकिन भक्त प्रह्लाद को यह ज्ञान नहीं था और वे हमेशा भगवान विष्णु की पूजा करते थे। इससे नाराज होकर उसके पिता ने उसे जलाने की योजना बनाई। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गया क्योंकि होलिका को भगवान से वरदान मिला था कि आग उसे नहीं जला सकती, अपने भाई की बात मानकर होलिका आग में बैठ गई लेकिन प्रह्लाद को इस आग से कोई नुकसान नहीं हुआ हुआ यूं कि इस आग में होलिका जल गई। इसी कथा से होली पर्व की उत्पत्ति हुई।

इस त्योहार के मौके पर सभी अपने अपनों से मिलते हैं, रंग और अबीर से होली खेलते हैं, साथ ही कई ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं जो एक दूसरे के लिए खुशी दर्शाती हैं। ऐसे में लोग रंगों के इस त्योहार में अपनों के साथ जश्न मनाते हैं.

होली निबंध से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हिंदी में (FAQs)

होली किस महीने में मनाई जाती है.

जिस महीने मार्च में होली मनाई जाती है वह देश में गर्मी का चरम होता है।

होली का त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है?

होली का त्योहार ज्यादातर पांच दिनों तक मनाया जाता है। हालांकि, कुछ जगहों पर इसे पांच दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है।

क्या होली सिर्फ भारत में ही मनाई जाती है?

होली भारत में मनाई जाती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, सभी धर्मों के लोगों ने भी अपने देश में इस त्योहार के आयोजन में हिस्सा लिया है।

प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की सिफारिश क्यों की जाती है?

देश ने कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ विभिन्न तीव्रता के त्वचा रोगों में वृद्धि देखी है।

होली मनाने के लिए भारत में सबसे अच्छी जगह कौन सी हैं?

भारत का हर हिस्सा अपने तरीके से मनाता है लेकिन मथुरा, दिल्ली, जयपुर और आगरा में होली का भव्य उत्सव मनाया जा सकता है।

होली पर निबंध

Essay on Holi in Hindi: होली भारत में मनाए जाने वाला एक ऐसा पर्व है, जिसे भारत के संपूर्ण राज्यों में बड़ी ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली को एक अन्य नाम रंगीला त्यौहार से भी जाना जाता है।

होली के दिन सभी लोग अपनी दुश्मनी को भूल कर के एक दूसरे को रंग लगाते हैं और उनसे गले मिलते हैं। आज किस दिन दुश्मन लोग भी एक मित्र की तरह रहना पसंद करते हैं।

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यहां पर अलग अलग शब्द सीमा में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) शेयर कर रहे हैं, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक है।

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होली पर निबंध 150 शब्दों में

होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भारत समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। होली का त्योहार बसंत पंचमी के आगमन का प्रतीक होता है। यह त्योहार हर साल फागुन महीने के बसंत पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

रंगों का यह त्यौहार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है और पंचमी तक रहता है, इसलिए पांचवें दिन को रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है।

होली के 1 दिन पहले संध्या को होलिका दहन होता है, जिसमें सभी लोग लकड़ियों को इकट्ठा करके उसका ढेर बनाते हैं और होलिका दहन करके बुराई का अंत करते हैं। दूसरे ही दिन सुबह लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं।

होली के दिन सभी के घर पर स्वादिष्ट व्यंजन भी बनते हैं। लोग एक दूसरे के घर पर जाते हैं, अबीर का टीका लगाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। इस दिन गाना बजाना भी होता है।

होली का त्योहार आपसी मनमुटाव को दूर करके एकजुट होने का त्यौहार है। इस दिन लोग अपने जात-धर्म, रंग, अमीरी-गरीबी सब कुछ भूल करके एक सामान्य मनुष्य की तरह रंगों के इस त्यौहार में डूब जाते हैं।

होली पर निबंध 200 शब्दों में

होली का त्योहार भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। लेकिन अन्य धर्म के लोग भी इस त्यौहार को मना कर आनंद बटोरते हैं।

होली का त्योहार हर साल फागुन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का त्योहार दो दिन का होता है। होली के 1 दिन पहले संध्या में होलिका दहन होता है और उसके दूसरे ही दिन धूलैंडी का त्यौहार मनाया जाता है।

धुलैंडी के दिन लोग सुबह उठकर सफेद कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं। गाना बजाना होता है, मौज मस्ती होती है। लोग भांग मिलाकर ठंडी छाछ पीते हैं। मीठे के रूप में इस दिन गुजिया व्यंजन काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जो सबके घर पर बनता है।

शाम के समय नहा धोकर नए कपड़े पहन कर लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और अभी को टिका लगाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं।

हर एक हिंदू त्योहारों की तरह होली त्यौहार को मनाने के पीछे भी एक प्रचलित पौरानीक कथा है और यह कथा राक्षस हिरणकश्यप से जुड़ा हुआ है।

कहा जाता है इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर राक्षस हिरणकश्यप का वध करके असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म का विजय प्राप्त की थी। होली का त्योहार देश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

हालांकि इस त्यौहार को मनाने का तरीका भले ही अलग हो लेकिन हर जगह इस त्यौहार को रंगों से ही मनाया जाता है। होली का त्योहार प्रेम और भाईचारा को फैलाने का त्यौहार है। यह त्यौहार सद्भाव और खुशहाली लाता है। आपसी शत्रुता को भुलाकर मित्रता स्थापित करता है।

होली पर निबंध 250 शब्दों में

होली रंग बिरंगा त्यौहार है क्योंकि यह रंगों का त्यौहार है, इस दिन रंगों से खेला जाता है। एक दूसरे को रंग लगाया जाता है, इसीलिए इसे रंगोत्सव भी कहा जाता है। होली का त्यौहार फागुन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है।

इससे सर्दियों का अंत हो जाता है और ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। होली के त्यौहार के बाद चारों ओर खेतों में सरसों के पीले फूल दिखने लगते हैं, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, प्रकृति का रंगीन वातावरण लोगों में नई उमंग ले आता है।

प्यार भरे रंगों से सजाया यह त्यौहार सामाजिक महत्व रखता है। क्योंकि यह त्यौहार सभी लोगों के बीच भाई चारा का संदेश देता है। लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल जाते हैं और एक दूसरे को गले लगा कर फिर से दोस्त बन जाते हैं।

इसलिए यह त्यौहार दोस्ती का त्यौहार है। यह त्योहार न केवल हिंदू धर्म के लोग बल्कि अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं।

होली के पूर्व संध्या पर होलिका दहन विशेष महत्व रखता है। होलिका दहन अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक है। होलिका दहन करके लोग असत्य पर सत्य के विजय का संदेश देते हैं और अगले दिन एक दूसरे को रंग लगा के आपसी मतभेद को भुला देते हैं।

इस दिन सभी के घर पर अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं। सुबह रंगों से होली खेलकर शाम के समय एक दूसरे के घर जाकर अबीर से टीका लगाते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। 1 दिन की होली का त्योहार लोगों में एक महीने पहले से ही उत्साह ला देता है।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

होली का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार फागुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह हर साल आमतौर पर मार्च के महीने में ही आता है। होली को वसंत ऋतु का आगमन माना जाता है।

यह त्यौहार आपसी प्रेम, एकता को स्थापित करने और आनंद भरे जीवन का आनंद लेने की शिक्षा देता है। सभी हिंदू त्यौहार की तरह ही होली त्यौहार को मनाने के पीछे भी कई सारी पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। लेकिन इसकी एक प्रचलित कथा सतयुग से जुड़ा हुआ है।

इस कथा के अनुसार सतयुग में हिरणकश्यप नाम का एक राक्षस हुआ करता था, जिसका बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। वह अपने बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से मन करता है लेकिन प्रहलाद अपने पिता की बात नहीं सुनता है।

तब हिरण कश्यप प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद लेता है। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाती है। होलिका को वरदान के रूप में चुनरी मिली होती है, जिसे ओढ़ कर अग्नि में बैठने से अग्नि उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

लेकिन भगवान की कृपा से उस दिन होलिका की ओढनी उड़ जाती है, जिससे वह अग्नि में जलकर राख हो जाती हैं और प्रहलाद भगवान की कृपा से बच जाते हैं।

उसी दिन भगवान विष्णु नरसिंह का अवतार लेकर हिरण कश्यप का वध करते हैं और अधर्म पर धर्म का विजय स्थापित करते हैं। उसी दिन से होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है।

होली के 1 दिन पहले संध्या को शहर गांव के मुख्य चौराहे पर लकड़ी को इकट्ठा करके होलिका दहन करते हैं, जिसमें गांव के लोग, शहर के लोग इकट्ठा होकर चारों तरफ परिक्रमा करते हैं, अग्नि देव को जल अर्पित करते हैं।

होलिका दहन होने के दूसरे दिन को धुलैंडी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुलाल और अबीर से लोग एक दूसरे को रगंते हैं। बच्चे गुबारे में पानी भरकर एक दूसरे के ऊपर फेंकते हैं, पिचकारी से एक दूसरे के ऊपर रंग लगाते हैं।

पहले होली का त्यौहार एक पवित्र और आनंदमय पर्व हुआ करता था। लेकिन आज के समय में होली का रूप विकृत होते जा रहा है। आज के लोग इस त्यौहार को आनंद और खुशी के उद्देश्य से ना खेलकर अलग ही मकसद से बना खेलते हैं।

आजकल होली में शोषण, दरिंदगी, आतंकवाद के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। लोग प्राकृतिक रंगों के बजाय केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल करके एक दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं। युवा अत्यधिक मदिरा का सेवन करती है।

इस तरह के हरकतों से लोग होली के पावन महत्व को कम कर देते हैं। लेकिन सभी को होली के महत्व को समझते हुए एक साथ मिलकर प्रेम, खुशी और एकता से इस पर्व को मनाना चाहिए ताकि एक दूसरे की प्रती सद्भाव विकसित हो सके।

होली पर निबंध 500 शब्दों में

होली का त्योहार रंगों का त्यौहार होता है। हर साल यह त्यौहार फागुन महीने के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जित और अधर्म पर धर्म के विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के उन तमाम देशों में इस त्यौहार को मनाया जाता है, जहां पर हिंदू लोग रहते हैं। होली त्यौहार का लुफ्त उठाने के लिए हर साल विदेश से भी लोग फागुन महीने में भारत घूमने आते हैं।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

होली के पूर्व संध्या पर होलिका दहन होता है। होलिका दहन अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए हर साल होली के एक दिन पहले संध्या में होलिका दहन किया जाता है और लोगों को असत्य पर सत्य के विजय की शिक्षा दी जाती हैं।

होलिका दहन के लिए गली मोहल्ले के लोग लड़कियां लाकर चौराहे पर इकट्ठा करते हैं। उसके बाद संध्या काल में शुभ समय में होलिका दहन होता है। उस समय गांव शहर की औरतें होलिका दहन वाले स्थान पर पहुंचती है। वे थाली में पूजा के लिए कुछ सामग्री और एक लोटे में जल लेकर आती है।

सभी लोग होली को अर्घ्य देते हुए चारों ओर परिक्रमा करते हैं। होलिका दहन के समय नव विवाहित जोड़े भी परिक्रमा करते हैं, इससे कहा जाता है कि बुरी आत्माएं और बुरी नजर उनसे दूर रहती है।

होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह धूलैंडी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन रंग और अबीर का दिन होता है। पूरे दिन लोग रंगों से खेलते हैं, एक दूसरे पर रंग डालते हैं। बच्चे पिचकारी और बैलून में रंग भर के एक दूसरे पर फेंकते हैं। चारों तरफ लोग हर्ष और उल्लास के रंग में रंगे होते हैं।

दोपहर तक रंगों से होली खेलने के बाद लोग नहा धोकर साफ सुथरे कपड़े पहनते हैं और फिर उनके घर पर बने हुए पकवान खाते हैं। इस दिन गुजिया, पोरन पोली, दही वड़ा जैसे कुछ व्यंजन काफी प्रचलित है।

इस दिन लोग भांग मिला हुआ ठंडा छाछ भी पीते हैं। शाम के समय लोग एक दूसरे के घर पर जाकर अबीर से टीका लगाते हैं और आपसी मतभेद को भूलकर गले मिलते हैं।

होली के विभिन्न रूप

भारत विभिन्नताओं में एकता वाला देश है। यहां पर हर एक राज्य में रहने वाले लोगों का रहन-सहन, खान पान सब कुछ अलग होता है। ऐसे में उनके त्यौहार को मनाने के तरीके भी अलग होते हैं।

होली के त्यौहार भी भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। जहां वृंदावन और मथुरा की लठमार होली प्रसिद्ध है तो वहीं गुजरात, महाराष्ट्र की मटकी फोड़ होली प्रसिद्ध है।

देश के हर कोने में अलग-अलग नाम से और अलग-अलग तरीके से होली के त्यौहार को मनाया जाता है लेकिन चारों तरफ एक समान हर्ष और उल्लास होता है।

आज के समय में होली का महत्व

भारत में हर एक त्यौहार का अपना ही महत्व है। होली का विशेष महत्व है क्योंकि होली न केवल रंगों का त्यौहार है बल्कि यह खुशियों का रंग फैलाता है। होली का त्यौहार जात-धर्म, रंगभेद, उच्च नीच सब कुछ भूला कर एक दूसरे को इंसान के रूप में देखना सीखाता है।

यह त्यौहार शत्रुता भूलाकर मित्रता स्थापित करने का त्यौहार है। लेकिन आज के इस बदलते दौर में लोगों के लिए त्यौहार को मनाने का तरीका और उनकी नजर में त्यौहार की महत्वता भी बदलता जा रहा है।

आज की युवा पहले की तरह सांस्कृतिक त्योहारों में रुचि नहीं रखते हैं, उनका क्रेज और इंटरेस्ट टेक्नोलॉजी और पार्टी की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है। जिसके कारण वे त्योहारों को भी पार्टी समझते हैं। इन सब चीजों ने होली जैसे त्यौहार को भी अभद्र आकर दे दिया है।

जहां इस त्यौहार में खुशियों का रंग लगाना चाहिए तो लोग अपने मौज मस्ती के लिए केमिकल रंगों का इस्तेमाल करके दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं त्यौहार के बहाने दरिंदगी, छेड़खानी जैसे ना जाने कितने ही अभद्र घटनाएं घटित होती है।

त्योहार को हर्ष उल्लास, खुशी और आनंद के उद्देश्य से मनाया जाता है। होली का त्यौहार भी एक दूसरे की शत्रुता को भुलाकर गले मिलने और एकता स्थापित करने का दिन होता है।

किसी को भी अपने मतलब के लिए, अपने स्वार्थ के लिए, अपने मौज मस्ती के लिए किसी और के त्यौहार को खराब नहीं करना चाहिए। होली का त्योहार रंगों का त्यौहार है तो इस रंग के त्यौहार में अपनों के जीवन में खुशी के रंग लाने की कोशिश करें।

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holi essay in hindi 200 words

होली पर निबंध Essay on Holi in Hindi

Essay on Holi in Hindi

रंगों का त्योहार होली, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार न सिर्फ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि पूरे देश में सभी धर्मों के लोग इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। होली, फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो सर्दियों के मौसम के अंत और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

होली का अर्थ है जीवन के रंग भरना। इसे भारतीय विरासत में विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां रंग, प्यार और हंसी के संगीत में लोग खुशी से नाचते हैं। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली के पर्व की शुरुआत होलिका दहन के साथ होती है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है। इस अवसर पर लोग मिलकर होलिका की प्रतिमा को जलाते हैं, जो हिरण्यकशिपु की बहन और प्रह्लाद की आंतरिक शक्ति होलिका का उपयोग कर उसे नष्ट करने के लिए प्रयास किया था।

होली के दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। इस दिन के माहौल में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खुशी, उमंग और प्यार का एहसास करते हैं। इसे ‘फाग मेला’ के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें लोग गाने और नृत्य के साथ होली का आनंद लेते हैं।

होली का यह पर्व न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी देता है। यह एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है कि लोग भूल जाते हैं कि वे किसी भी धर्म या जाति के हैं, और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता के भाव को महसूस करते हैं।

होली का महत्व (Importance of Holi In Hindi)

होली का महत्व कई रूपों में है:

भाईचारा और सौहार्द (Brotherhood and Harmony):

होली एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को आपस में मिलाता है। इस दिन लोग अपने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलते हैं। यह त्योहार समाज में सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है।

बुराई पर अच्छाई की विजय (Victory of Good over Evil):

होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से एक भक्त प्रह्लाद और राजा हिरण्यकश्यप की कथा है। प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, जबकि हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। भगवान विष्णु ने अपने नरसिंह अवतार में हिरण्यकश्यप का वध किया और प्रह्लाद की रक्षा की। अतः होली को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी देखा जाता है।

नए जीवन की शुरुआत (Beginning of New Life):

वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होने के नाते, होली नए जीवन की शुरुआत का भी संदेश देती है। जिस प्रकार पेड़-पौधे वसंत में नया जीवन प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार होली हमें भी पुराने गिले-शिकवे भुलाकर नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है।

होली का उत्सव (Celebration of Holi)

होली का उत्सव दो दिनों तक चलता है। पहली रात को लोग होलिका दहन करते हैं, जो बुराई के नाश का प्रतीक है। इसके बाद अगले दिन धुलंडी मनाई जाती है, जिस दिन लोग रंग खेलते हैं, पानी की पिचकारियों से एक-दूसरे को भिगोते हैं, और मिठाई खाते हैं। होली के दौरान ढोल और नाच-गाना का भी खूब धूम रहता है।

होली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक खास हिस्सा है। यह त्योहार हमें खुशियां बांटने, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने और नए जोश के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

होली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Holi in 150 Words in Hindi)

होली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का महत्व रंग और प्रेम की भावना को उत्सवी रूप में व्यक्त करने में है। इस दिन लोग गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। होली के माहौल में सभी खुशी और उमंग से भर जाते हैं। यह त्योहार एकता, समरसता और प्यार का प्रतीक है। होली का उत्सव न केवल रंगों का है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी है। इसे मनाने से हम समाज में एकता और भाईचारा बढ़ाते हैं। इस प्रकार, होली हमारे जीवन में रंग और प्रेम की भावना को जगाती है।

होली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Holi in 200 Words in Hindi)

रंगों का त्यौहार होली, भारत के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

होली का महत्व कई रूपों में है। यह त्यौहार भाईचारा, सौहार्द, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। वसंत ऋतु के आगमन के साथ, यह त्यौहार नए जीवन की शुरुआत का भी संदेश देता है।

होली का त्यौहार दो दिनों तक चलता है। पहली रात को लोग होलिका दहन करते हैं, जो बुराई के नाश का प्रतीक है। अगले दिन धुलंडी मनाई जाती है, जिस दिन लोग रंग खेलते हैं, पानी की पिचकारियों से एक-दूसरे को भिगोते हैं, और मिठाई खाते हैं।

होली के रंग:

होली के रंगों का भी विशेष महत्व है। लाल रंग प्रेम का प्रतीक है, पीला रंग खुशी का प्रतीक है, और हरा रंग उर्वरता का प्रतीक है।

होली सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक खास हिस्सा है। यह त्यौहार हमें खुशियां बांटने, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने और नए जोश के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

इसके अलावा:

  • होली के त्यौहार में कई गीत और नृत्य भी होते हैं।
  • होली के त्यौहार के दौरान लोग विशेष प्रकार के व्यंजन भी बनाते हैं।
  • होली के त्यौहार को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

यह त्यौहार हमें सिखाता है:

  • हमें भेदभाव भुलाकर एकजुट होकर रहना चाहिए।
  • हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों को भी खुशी देनी चाहिए।
  • हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देना चाहिए।

होली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay on Holi in 300 Words in Hindi)

होली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है और रंग, प्यार और उत्साह का प्रतीक है। होली का महत्व रंगों की खेलते हैं।

होली के दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। इस दिन के माहौल में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खुशी, उमंग और प्यार का एहसास करते हैं।

होली का उत्सव न केवल रंगों का है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी है। यह एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है कि लोग भूल जाते हैं कि वे किसी भी धर्म या जाति के हैं, और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता के भाव को महसूस करते हैं।

इस प्रकार, होली एक अद्वितीय त्योहार है जो रंग, उमंग और प्यार के साथ हमारे जीवन को रंगीन बनाता है। इस त्योहार को मनाकर हम न केवल समाज में एकता का संदेश देते हैं, बल्कि हम भावनात्मक रूप से भी अपने प्यार और भगवान के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।

होली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Holi in 500 Words in Hindi)

होली, रंगों का त्योहार, भारत के सबसे प्रिय और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च में आता है। होली वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो रंगों, उत्साह और खुशी का त्योहार है।

होली का महत्व:

होली का महत्व कई धार्मिक और सांस्कृतिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे, जबकि उनके पिता हिरण्यकश्यप एक क्रूर राजा थे जो स्वयं को भगवान मानते थे। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसे बचाया। अंत में, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जो आग में जलने से अक्षत रहने का वरदान प्राप्त कर चुकी थी, प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई।

लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। इसी घटना की याद में होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली के त्यौहार की रस्में:

होली का त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका दहन कहा जाता है। इस दिन लोग लकड़ी और गोबर के ढेर को इकट्ठा करके होलिका का प्रतीक बनाते हैं और शाम को उसे जलाते हैं। इस अवसर पर लोग भगवान विष्णु और प्रह्लाद की पूजा करते हैं।

दूसरे दिन को रंगों वाली होली या धुलंडी कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, पानी और गुब्बारे फेंककर उत्सव मनाते हैं। बच्चे पिचकारी और रंगों से खेलते हैं, और लोग मिठाइयां और गुझिया जैसी विशेष व्यंजन बनाते हैं।

होली का सामाजिक महत्व:

होली का त्योहार सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार सभी सामाजिक और धार्मिक बाधाओं को मिटाकर लोगों को एकजुट करता है। होली का त्योहार लोगों के जीवन में खुशी, उमंग और उत्साह लाता है।

होली का त्योहार भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है और उन्हें एक दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे का भावना से जीने के लिए प्रेरित करता है।

होली का त्योहार भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

होली के त्योहार को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि रंगों का त्योहार, वसंत का त्योहार और प्रेम का त्योहार।

होली के त्योहार के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जैसे कि गायन, नृत्य और नाटक।

होली के बदलते स्व रूप:

हाल के वर्षों में, होली के त्योहार में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं। पहले के समय में, प्राकृतिक रंगों, जैसे कि हल्दी, कुमकुम और इंडिगो का इस्तेमाल किया जाता था। ये रंग त्वचा के लिए हानिरहित होते थे और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते थे।

हालांकि, अब बाजार में सिंथेटिक रंगों की भरमार है। ये रंग त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, ये रंग पर्यावरण प्रदूषण में भी योगदान देते हैं।

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम होली के पारंपरिक रंगों का उपयोग करने की परंपरा को बनाए रखें। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।

होली की सुरक्षा:

होली के उत्साह में कभी-कभी सुरक्षा का ध्यान रखना छूट जाता है। तेज आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसे पटाखे पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और साथ ही चोट भी पहुंचा सकते हैं।

होली खेलते समय ज्यादा पानी का इस्तेमाल भी कम करना चाहिए। जल संरक्षण आज के समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। होली को एक सार्थक त्योहार बनाने के लिए हमें पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।

होली का भविष्य:

होली का त्योहार सदियों से भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। यह त्योहार हमें प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देता है। भविष्य में भी हमें इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते रहना चाहिए, लेकिन साथ ही पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।

Class 5, Class 6 और Class 7 के लिए Holi Par Nibandh

होली (Holi)भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो रंग और प्यार की भावना को साझा करता है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह समाज में एकता, सद्भावना और प्रेम की भावना को प्रकट करता है।

होली का उत्सव प्राचीन कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, हिरण्यकशिपु नामक राक्षस अपने पुत्र प्रह्लाद के प्रति विरोध था। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे, जिससे उनके पिता को क्रोध आया। उन्होंने अपनी बहन होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की, परंतु भगवान की कृपा से प्रह्लाद संरक्षित रहे और होलिका की आग में वहीं खुद जल गई। इसे होलिका दहन कहा जाता है और होली का उत्सव इस घटना की याद में मनाया जाता है।

होली के पर्व के दिन, लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। यह एक प्रकार का खुशी का उत्सव है, जिसमें सभी भाग लेते हैं। इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खेलते हैं और एक-दूसरे को रंगों से रंगते हैं। होली के माहौल में हर कोई खुश होता है और सभी एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी का आनंद लेते हैं।

होली के उत्सव में गीत, नृत्य और रंगों का खेल होता है। सभी गाते हैं, नाचते हैं और आपस में रंग फेंकते हैं। यह एक वास्तविक रंगीन उत्सव है जिसमें सभी भाग लेते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशी का आनंद लेते हैं।

समाप्तित में, होली एक ऐसा त्योहार है जो जीवन में रंग और प्यार की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने से हम न केवल समाज में एकता का संदेश देते हैं, बल्कि हम भावनात्मक रूप से भी अपने प्यार और भगवान के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।

होली पर निबंध 10 लाइन में (Holi Par Nibandh 10 Line Me)

  • होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  • यह रंगों का उत्सव होता है और फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है।
  • होली उत्सव में लोग रंगों से खेलते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।
  • यह त्योहार एकता, सद्भावना और प्यार की भावना को प्रकट करता है।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाईयाँ खाते हैं।
  • इस उत्सव में सभी भाग लेते हैं और रंगों का खेलते हैं।
  • होली के दिन लोग खुशियों की खातिर बदले में आपस में मिलते हैं।
  • यह त्योहार हमें समाज में जुड़ने और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता की भावना को महसूस कराता है।
  • होली का उत्सव हर साल उत्साह से मनाया जाता है और सभी को खुशियों से भर देता है।
  • यह उत्सव हमें खुशियों का महत्व और साझा करने की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

होली दो दिन तक क्यों मनाई जाती है.

होली दो दिन तक मनाई जाती है, जिसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।

पहला दिन (First Day):

  • होलिका दहन (Holika Dahan):  यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भक्त प्रह्लाद को उनकी भक्ति के कारण आग में जलने के लिए भेजा गया था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वे बच गए, जबकि उनकी बुआ होलिका जल गईं। इस घटना की याद में होलिका दहन किया जाता है।

दूसरा दिन (Second 2) :

  • धुलंडी (Dhulandi):  यह दिन रंगों का त्योहार है। यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो प्रकृति के नवीनीकरण का समय है। लोग एक दूसरे पर रंग डालकर खुशियां मनाते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर भाईचारा स्थापित करते हैं।

अन्य कारण :

  • पूर्णिमा:  होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। पूर्णिमा को चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है, जो खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है।
  • लोककथाएं:  होली से जुड़ी कई लोककथाएं भी हैं, जो इस त्योहार को दो दिन तक मनाने का कारण बताती हैं।

होली के बारे में निबंध कैसे लिखें?

1. प्रस्तावना:.

होली के बारे में निबंध लिखने के लिए सबसे पहले एक आकर्षक प्रस्तावना लिखें। इसमें होली के त्योहार का महत्व, इसकी उत्पत्ति और इसके विभिन्न नामों का उल्लेख करें।

2. त्योहार का महत्व:

होली के त्योहार के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाएं। भक्त प्रह्लाद और होलिका की कहानी का उल्लेख करें। होली को वसंत ऋतु के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बताएं।

3. त्योहार की रस्में:

होली के त्योहार की विभिन्न रस्मों का वर्णन करें। होलिका दहन, रंगों वाली होली, धुलंडी, मिठाइयों का वितरण, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उल्लेख करें।

4. सामाजिक महत्व:

होली के त्योहार का सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालें। यह त्योहार सामाजिक समरसता, भाईचारा, और प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार सभी सामाजिक और धार्मिक बाधाओं को मिटाकर लोगों को एकजुट करता है।

5. पर्यावरण और सुरक्षा:

होली के त्योहार के दौरान पर्यावरण और सुरक्षा का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने और तेज आवाज वाले पटाखों से बचने पर जोर दें।

6. निष्कर्ष:

होली के त्योहार के बारे में सारांश लिखें। यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और हमें इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते रहना चाहिए।

होली: रंगों का त्योहार

होली, रंगों का त्योहार, भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।

होली का महत्व

होली का त्योहार कई धार्मिक और सांस्कृतिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे, जबकि उनके पिता हिरण्यकश्यप एक क्रूर राजा थे जो स्वयं को भगवान मानते थे। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसे बचाया। अंत में, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जो आग में जलने से अक्षत रहने का वरदान प्राप्त कर चुकी थी, प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई।

होली की रस्में

दूसरे दिन को रंगों वाली होली या धुलंडी कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, पानी और गुब्बारे फेंककर उत्सव मनाते हैं। बच्चे पिचकारी और रंगों से खेलते हैं, और लोग मिठाइयां और गुझिया जैसी विशेष व्यंजन बनाते हैं। शाम के समय लोग एकत्रित होकर होली के गीत गाते हैं और नाचते हैं। होली के दौरान कई क्षेत्रों में विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

होली का त्योहार सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार सभी धर्म, जाति और वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है। रंगों के इस उत्सव में लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर खुशियां मनाते हैं। होली का त्योहार हमें यह संदेश देता है कि जीवन में प्रेम और सद्भाव का होना कितना जरूरी है।

पर्यावरण और सुरक्षा:

हालांकि होली खुशियों का त्योहार है, लेकिन हमें पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। पहले के समय में प्राकृतिक रंगों, जैसे कि हल्दी, कुमकुम और इंडिगो का इस्तेमाल किया जाता था। अब बाजार में सिंथेटिक रंगों की भरमार है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं और पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं। इसलिए, होली के त्योहार को मनाते समय प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करना चाहिए। साथ ही, तेज आवाज वाले पटाखों से बचना चाहिए और पानी की बर्बादी भी कम करनी चाहिए।

होली का त्योहार रंगों, खुशियों और उल्लास का प्रतीक है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रेम तथा सद्भाव का संदेश देता है। भविष्य में भी हमें होली के इस पर्व को परंपरागत तरीके से मनाते रहना चाहिए और पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।

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होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

होली

अपडेट किया गया: 20 फरवरी 2023

होली भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो विश्वभर मेंबड़े धूमधाम सेमनायाजाता है। यहमुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।नेपाल की तराई होलीविश्वप्रसिद्ध है। मंजीरा, ढोलकवमृदंग की ध्वनि से गूंजताऔर रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च का महीना जैसे होली कीउत्साह कोऔरभी बढ़ा देता है। इस त्यौहार में सभी की ऊर्जा देखतेही बनती है। होली के अवसर पर बच्चोंमें अलग ही उमंग देखने को मिलता है,वे रंग-बिरंगी पिचकारी को अपने सीने से लगाए, सब पर रंग डालते हैं और जोर-जोर से “होली है..” कहते हुए पूरे मोहल्ले में भागते फिरते हैं।

होली पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Holi in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

अक्सर, बच्चों को विद्यालयमें होलीपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहाँ हमने आपकी आसानी के लिए होली पर कई निबंध दिए है, उम्मीद करते है की ये सभी निबंध आपको पसंद आयेंगे-

होली पर निबंध – 1 (100 -150 शब्द )

होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है।यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है।होली का त्यौहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।

होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।

होली पर निबंध 2: (250 – 300 शब्द)

होली का उत्सव अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और आसमान में बिखरे गुलाल की तरह ऊर्जा को चारों ओर बिखेर देता है। इस पर्व की ख़ास तैयारी में लोगों के अंदर बहुत अधिक उत्साह को देखा जा सकता है।

होली की तैयारी

होली की विशेष तैयारी में एक दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते हैं जिसमें गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुनआदि प्रमुख हैं। लोग महीनो पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार भी इस त्यौहार पर अपने बच्चों के लिए कपड़े अवश्य खरीदता है।

होली कैसे मनाई जाती है

होली पर सभी बहुत अधिक उत्साहित होते हैं। बड़े भी बच्चे बन जाते हैं,हम, लोगों का चेहरा रंगों से ऐसे रंगते हैं की पहचानना मुश्किल हो जाता है वहीं बड़ों को गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। झूमने का एक अन्य कारण भांग और ठंडाई भी है यह होली पर विशेषतौर पर पीया जाता है। घर की महिलाएं सारे पकवान बना कर जहां दोपहर से होली खेलना प्रारंभ करती है वहीं बच्चे सुबह उठने के साथ ही उत्साह के साथ मैदान में आ जाते हैं।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन

होली के एक दिन पहले गांवों  व शहरों के खुले क्षेत्र में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है। यह भगवान की असीम शक्ति का प्रमाण तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का बोध कराती है।

होली आनंद से भरा रंगों का त्यौहार है, यह भारत भूमि पर प्राचीन समय से मनाया जाता है। त्योहारों की ख़ास बात यह है, की इसकी मस्ती में लोग आपसी बैर तक भूल जाते हैं एवं होली त्योहारों में विशेष स्थान रखता है।

यूट्यूब पर देखें: Holi par nibandh

होली पर निबंध– 3  (300 शब्द)

होली रंगो का त्यौहार है, जो भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पुरे विश्व में बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।यह त्यौहार शरद ऋतू के अंत और वसंत ऋतू के आरम्भ का प्रतिक भीमाना जाता है।होली का त्यौहार भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्तम और भावपूर्ण उदाहरण हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है।

होली का त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है ?

होली के इस पावन त्यौहार को मनाने के पीछे कई कथाये प्रचलित है, परन्तु सबसे मान्य कथा भक्त प्रह्लाद की है। प्रह्लाद का पिता हिरण्यकश्यप था, जो की क्रूर और आततायी था।  उसने स्वयं को ही भगवान मान लिया था और चाहता था की उसकी प्रजा भगवन की जगह उसकी पूजा करे , परन्तु उसका पुत्र प्रह्लाद जो की विष्णु का अनन्य भक्त था उसने अपने पिता को पूजने से इंकार कर दिया। इससे क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने उसे तरह तरह की नीति अपनाकर वश में करने का प्रयत्न किया, परन्तु प्रह्लाद अडिग रहा ।

  अतः उसने अपनी बहन होलिका का सहारा लेकर एक षड़यंत्र रचा, परन्तु आग की होली में होलिका के प्रह्लाद को गोंद में लेकर बैठने पर भगवन के चमत्कार से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया । तब से ही होली का पर्व मनाया जाता है, होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है। फिर दूसरे दिन रंग और गुलाल से बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी मनाई जाती है।

होली का हमारे जीवन में महत्व

होली के त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। होली का त्यौहार हमें हर वर्ष एक प्रतिक के रूप में यह सन्देश देता है की हमें सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। फिर चाहे हमारे पथ में हिरण्यकश्यप या होलिका जैसी विपत्तियां क्यों न आये ,जीत सदा सत्य की ही होती है। यह कथा और त्यौहार हमारे जीवन का मार्गदर्शन करती है।

अतः हमें यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ मनाना चाहिए और अपने से छोटो को इस त्यौहार के महत्व को बताना चाहिए, जिससे की होली के त्यौहार की तरह उनके जीवन में भी खुशियों के विभिन्न रंग और गुलाल भर जाये।

यूट्यूब पर देखें : Holi par nibandh

होली पर निबंध 4: 400 शब्द

प्राचीन समय में होली के अवसर पर जहां मंदिरों में कृष्ण और राम के भजन गूंजते थे, वहीं नगरों में लोगों द्वारा ढोलकव मंजिरों के ताल पर लोकगीत गाए जाते थे। पर बदलते समय के साथ इस त्योहार का स्वरूप भी बदलता नज़र आ रहा है।

कार्यस्थलों तथा विभिन्न संस्थानोंमें होली

होली पर सभी संस्थान, संस्था व कार्यस्थल में छुट्टी दी जाती है मगर छुट्टी से पहले स्कूलों में बच्चे तथा कार्यस्थल पर सभी कार्मचारी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।

होली की संध्या में मित्रों से मेल-मिलाप

दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं और अपने पड़ोसी व मित्रों के घरों में उनसे मिलने और होली की शुभकामना देने जाते हैं।

होली की हलचल का सभी टीवी चैनलों पर प्रसारण

होली पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है।

बाजारों की रौनक में, होली की परंपरागत रीति कहीं खो न जाए

होली पर सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने दुकानों के आगे स्टैंड आदि लगा कर विभिन्न प्रकार के चटकीले रंग, गुलाल, पिचकारी व होली के अन्य आकर्षक सामग्री जैसे रंग बिरंगे विग से अपने स्टॉल को भर देते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। पर समय बितने के साथ ज्यादातर लोग अब स्वयं से कोई पकवान नहीं बनाते वे हर प्रकार की मिठाइयां बाजार से ही खरीद लेते हैं। इससे त्योहार की धूम का बाजारीकरण में खो जाने का भय है।

समय के साथ होली का बदलता स्वरूप

परंपरागत विधि से आज इस त्यौहार का स्वरूप बहुत अधिक बदल गया है। पहले लोग होली की मस्ती में अपनी मर्यादा को नहीं भूलते थे। लेकिन आज के समय में त्योहार के नाम पर लोग अनैतिक कार्य कर रहें हैं। जैसे एक-दूसरे के कपड़े-फाड़ देना, जबरदस्ती किसी पर रंग डालना आदि।

होली पर हुड़दंग

होली पर वह भी रंगों से भीग जाते हैं जो अपने घरों से नहीं निकलना चाहते और जैसे की भिगोने वालों का तकिया कलाम बन चुका होता है “बुरा ना मानो होली है”। कुछ लोग त्यौहार का गलत फायदा उठा कर बहुत अधिक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और सड़क पर चल रहीं महिलाओं को परेशान करते हैं। यह सरासर गलत व्यवहार है।

होली पर सभी मस्ती में डूबे नज़र आते हैं। जहां सामान्य व्यक्ति अनेकों प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तथा ठंडाई का सेवन करते हैं। वहीं मनचलों को नशे में धुत्त होकर अपनी मनमानी करने का एक अवसर प्राप्त हो जाता है। होली रंगों का त्योहार है इसे प्रेम पूर्वक खेलना चाहिए।

Holi Essay

होली पर निबंध 5: 500 शब्द

अपना घर चलाने के लिए जो पेशेवर घरों से दूर रहते हैं, वह भी होली के समय पर अपने परिवार के पास लौट आते हैं। यह त्योहार हमें हमारे संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है, अतः इस दृष्टी से यह हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

होली का इतिहास व मनाए जाने का कारण

पुराणों के अनुसार, विष्णु भक्त प्रह्लाद से क्रोधित होकर प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने, पुत्र प्रह्लाद को ब्रह्मा द्वारा वरदान में प्राप्त वस्त्र धारण किए बहन होलिका के गोद में आग से जला देने की मंशा से बैठा दिया। किन्तु प्रभु की महिमा से वह वस्त्र प्रह्लाद को ढ़क लेता है और होलिका जल कर भस्म हो जाती है। इस खुशी में नगरवासियों द्वारा दूसरे दिन होली मनाया गया। तब से होलिका दहन और होली मनाया जाने लगा।

होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्य को उबटन (हल्दी, सरसों व दही का लेप) लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है की उस दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं व गांव के सभी घरों से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगों के सभी विकार भी जल कर नष्ट हो जाते हैं। होली के कोलाहल (शोर) में, शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिल कर के आपसी रंजिश भूल जाते हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों की होली

ब्रजभूमि की लठमार होली

“सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात सारे जग से अनूठी ब्रज की होली है। ब्रज के गांव बरसाना में होली प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस होली में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव से थे और राधा बरसाना से। जहां पुरुषों का ध्यान भरी पिचकारी से महिलाओं को भिगोने में रहता है वहीं महिलाएं खुद का बचाव और उनके रंगों का उत्तर उन्हें लाठियों से मार कर देती है। सच में यह अद्भुत दृश्य होता है।

मथुरा और वृंदावन की होली

मथुरा और वृंदावन में होली की अलग छटा नज़र आती है। यहां होली की धूम 16 दिन तक छाई रहती है। लोग “फाग खेलन आए नंद किशोर” और “उड़त गुलाल लाल भए बदरा” आदि अन्य लोक गीत का गायन कर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।

महाराष्ट्र और गुजरात की मटकी फोड़ होली

महाराष्ट्र और गुजरात में होली पर श्री कृष्ण की बाल लीला का स्मरण करते हुए होली का पर्व मनाया जाता है। महिलाएं मक्खन से भरी मटकी को ऊँचाई पर टांगती हैं इन्हें पुरुष फोड़ने का प्रयास करते हैं और नांच गाने के साथ होली खेलते हैं।

पंजाब का “ होला मोहल्ला”

पंजाब में होली का यह पर्व पुरुषों की शक्ति के रूप में देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान “आनंदपुर साहेब” में छः दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष भाग लेते हैं तथाघुड़सवारी,तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।

बंगाल की “ डोल पूर्णिमा” होली

बंगाल और उड़ीसा में डोल पूर्णिमा के नाम से होली प्रचलित है। इस दिन पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को डोल में बैठा कर पूरे गांव में भजन कीर्तन करते हुए यात्रा निकाली जाती है और रंगों से होली खेली जाती है।

मणिपुर की होली

होली पर मणिपुर में “थबल चैंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह पर्व पूरे छः दिवस तक नाच-गाने व अनेक तरह के प्रतियोगिता के साथ चलता रहता है।

फाल्गुन की पूर्णिमा से उड़ते गुलाल व ढोलक की ताल से शुरू हुई होली भारत के कोने- कोने में विभिन्न प्रकार से हर्षोंल्लास के साथ मनाई जाती है। इस पर्व के आनंद में सभी आपसी मन-मुटाव को भूल कर एक-दूसरे के गले लग जाते हैं।

उम्मीद करते हैं कि ये सभी होली के निबंध आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमे से कोई भी निबंध इस्तेमाल कर सकते हैं। धन्यवाद!

Frequently asked questions (FAQS) होली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर- प्रह्लाद की बुआ होलिका के नाम पर इस त्यौहार का नाम होली पड़ा।

उत्तर- लठमार होली श्री कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतिक होने के कारण विशेष है।

उत्तर- प्रह्लाद विष्णु भगवान ( नरसिंह अवतार ) का उपासक था।

उत्तर- होली त्यौहार के प्रमुख व्यंजन गुजिया , गुलाब जामुन , ठंडाई आदि हैं।

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Holi 2024 : होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

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  • Updated on  
  • मार्च 21, 2024

Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi : भारत में सभी त्योहारों की अलग प्रसिद्धि है और ये अलग-अलग राज्यों में अलग रूप में दिखाई देते हैं। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। इनमें रंगों का त्योहार होली भी शामिल है। होली का त्योहार विविधता में एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। होली के बारे में या होली पर निबंध अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है और इसलिए यहां हम 100, 250, 500 शब्दों में होली पर निबंध लिखना सीखेंगे।

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रंगों का त्यौहार  होली , खुशी और उमंग का प्रतीक है। भारत के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय त्यौहारों में से एक होली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 50 से अधिक देशों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। होली, भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वालों या मानवता के पक्षधरों द्वारा मनाये जाने वाला ऐसा पर्व है, जिसका उद्देश्य केवल बेरंग उदासी या मायूसी को खुशियों और सकारात्मक रंग से भरना होता है।

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्यौहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम, रंगों और ठंडाई के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं। 

  • होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।
  • हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।
  • हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है।
  • होली के दिन सभी लोग अपने घरो में पकवान बनाते है और रिश्तेदारों के घर जाकर एक दूसरे को रंग लगाते है।
  • होली सामाजिक मतभेद को मिटाकर उत्साह बिखेरने का पर्व माना जाता है।
  • होली के दिन सभी बिना किसी हीनभावना के एक-दूसरे को रंग लगाकर इस पर्व को मनाते है।
  • पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप एक घमंडी राजा था जिसने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र प्रह्लाद कि हत्या करवाने के लिए प्रह्लाद सहित आग में बैठजाने को कहा था जिसके परिणाम हेतु होलिका वरदान होने के बाद भी जल गयी। इसलिए हर साल होलिका जलाई जाती है।
  • होली पर गुलाल रंग घमंड पर भक्ति की, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। इसलिए इस पर्व पर सभी रंगो से खेल कर खुशियां होली मनाते है।
  • इस पर्व पर हमें अपने भीतर कि सभी बुराई को ख़त्म कर प्रेम भाव से सभी का आदर सत्कार करने का प्रण लेना चाहिए।
  • भक्त प्रहलाद ने भी भगवान विष्णु जी को रंग लगाकर अपनी भक्ति को पहले से ज्यादा मज़बूत किया और सभी में प्रेम का सन्देश दिया।

Holi Essay in Hindi

150 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली बुराई पर अच्छाई की जीत को उत्साह से मनाने का त्योहार है लेकिन हर त्यौहार कि तरह अब माइने बदल गए है। जहां अब भी कुछ जगहों पर होली को तरीके से खुशियां मनाने और बांटने के लिए होली के त्यौहार का स्वागत किया जाता है। होली का त्यौहार दो दिन तक मनाए जाने वाला त्यौहार है। जिसमें एक दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगो कि होली खेली जाती है। होलिका जो हरिण्यकश्यप कि बहन थी उसे वरदान था कि अग्नि उसका बाल भी बाक़ा नहीं कर सकती। जिसका फायदा उठाते हुए राजा ने प्रह्लाद को मारने कि साज़िश रची जिसमे उसने होलिका कि गोद में प्रह्लाद को बिठाकर उसे अग्नि में बैठ जाने को कहा। उसे लगा कि होलिका नहीं जलेगी और प्रह्लाद कि मृत्यु हो जाएगी लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका न हुआ और होलिका कि मृत्यु होगी। इसी ख़ुशी में होली खेलकर मानाने से एक रात पहले महूरत अनुसार होलिका जलाई जाती है। फिर अगले दिन खेली जाती है।

200 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली को रंगो के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में आने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में इस त्यौहार का आगमन होता है। इस त्यौहार को पसंद करने वाले लोग हर साल होली के आने का बेसब्री से इंतज़ार करते है। होली एक प्रेम से भरा त्यौहार है जो पूरा परिवार व सभी दोस्त मिलकर मनाते है।

होली के इतिहास कि बात करें तो माना जाता है कि हरिण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। जिसे अपनी ताकत का बेहद घमंड था। उनका एक बेटा था जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। प्रह्लाद विष्णु भगवान का भक्त था। शैतान राजा को ब्रह्मा का आशीर्वाद था कि कोई भी आदमी , जानवर या हथियार उसे मार नहीं सकता था। लेकिन ये आशीर्वाद उसके लिए अभिशाप बन गया। घमंड के कारण हरिण्यकश्यप ने अपनी प्रजा को ये आदेश दिया कि राज्य में भगवान कि नहीं राजा कि पूजा कि जाए और इसी आदेश के चलते राजा ने अपने पुत्र को मार डालने का भी प्रयास किया क्योकि वे विष्णु भगवान कि पूजा में विश्वास रखता था। लेकिन उसकी ये चाल कामयाब न हो पाई।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

होली: रंगों का त्योहार

होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है, जो बसंत ऋतु में मनाया जाता है । प्रकृति में रंग-बिरंगे फूल बसंत के आगमन का  मानो हृदय से स्वागत करते हैं। बसंत के रंगों का प्रतीक बनकर यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसीलिए फागुन का महीना मौज-मस्ती का महीना कहा जाता है। 

भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या किस्सा प्रच्वलित होता है। होली मनाए जाने के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि हिरण्यकश्यप नामक राजा बड़ा ही अत्याचारी था, जो ख़ुदको भगवान समझता था। उसने सारी प्रजा को आदेश दिया था कि सब लोग ईश्वर की आराधना छोड़कर केवल उसी की आराधना किया करें, पर उसका बेटा प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात ना मानी। उसने ईश्वर की भक्ति में ही अपने को लगाए रहा। पिता की क्रोध की सीमा न रही हिरण्यकश्यप प्रहलाद को मरवाने के बहुत उपाय किए लेकिन ईश्वर की कृपा से कोई भी उपाय सफल ना हो सका।  हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था होलिका। उसे यह वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गोदी में बिठा कर आग लगा दी गई पर ईश्वर की महिमा अपरंपार होती है। प्रह्लाद तो बच गया पर होलिका जल गई।इसी घटना की याद में हर साल रात को होली जलाई जाती है और अगले दिन रंगों का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

होली का त्यौहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरंभ हो जाता है। लोग अपने अपने गांव,मोहल्ले में उपलो,लकड़ियों का ढेर इकट्ठा करते हैं । फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसी अग्नि में लोग नए अनाज की बाली भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते हैं।

होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं।सड़कों पर मस्त युवकों की टोली गाती बजाती निकलती है। एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।

इसी प्रकार होली एक ऐसा पवित्र त्यौहार है। जिसमें छोटे-बड़े ,अमीर-गरीब आदि सभी प्रकार के भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे को गले लगा लेता है। लोग पुरानी से पुरानी शत्रुता भी होली के दिन भुला देते हैं। 

Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में होली पर निबंध इस प्रकार हैः

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

राग-रंग का पर्व होली हिंदुओं का लोकप्रिय पर्व है। होली आनंद उत्साह का, मौज, मस्ती और रंगों से सराबोर महोत्सव है। वास्तव में होलिका दहन और होलिकोत्सव, नास्तिकता पर आस्तिकता का, बुराई पर भलाई का, पाप पर पुण्य का तथा दानवता पर देवत्व की विजय का मांगलिक पर्व है ।

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह पर्व बसंत के आगमन का संदेशवाहक है। यह त्यौहार पूर्णिमा से पूर्व बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोपियों के साथ रास रचाया तब से होली का प्रचलन हुआ, परंतु होली के विषय में सबसे प्रसिद्ध कथा इस प्रकार है

प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक अत्यंत बलशाली राजा था। अपनी शक्ति के घमंड में चूर होकर वह स्वयं को भगवान मानने लगा। वो चाहता था कि उसकी प्रजा भगवान के स्थान पर उसकी पूजा करे, परंतु उसका अपना पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था । हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद का वध करने के अनेक उपाय किए, परंतु वह सफल ना हो सका। फिर उसने प्रहलाद को आग में जलाकर मार डालना चाहा। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था।होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं  जल सकती। हिरण्यकश्यप के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर में बैठ गई। उस ढेर में आग लगा दी गई परंतु भगवान की लीला तो अद्भुत है ।जिस होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, वह तो जल गई और प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं हुआ।

फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन स्त्रियां व्रत रखती है और होली पूजने जाती है। किसी चौक में अथवा खुले स्थान पर लकड़ियों के ढेर या उपलो से होली बनाई जाती है। रात्रि के समय निश्चित समय पर होलिका जलाई जाती है और होली की आग में गेहूं तथा चने की बालियां डाली जाने की परंपरा है।  इसे होलिका दहन कहते हैं।

होली से अगला दिन अर्थात चैत्र की प्रतिपदा को लोग रंग खेलते हैं। इसे धुलैंडी कहते हैं । लोग एक दूसरे से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं जहां गुलाल और रंग से उनका स्वागत किया जाता है इस दिन लोग अपनी शत्रुता भूलकर शत्रु को भी गले लगाते हैं। होली के रंग में रंगकर धनी-निर्धन, काले-गोरे, ऊंच-नीच, बालक-वृद्ध के बीच  की सीमा टूट जाती है, और सभी खुले भाव से एक दूसरे का सत्कार ,आदर करते हुए इस पर्व का आनंद लेते है।

वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध है। सूरदास, नंददास आदि कृष्ण भक्त कवियों ने श्री कृष्ण और राधा के होली खेलने का बड़ा ही मनोहर वर्णन अनेक पदों में किया है। आज भी वृंदावन की कुंज गलियों में जब सुनहरी पिचकारियों  से  रंग बिरंगे  फव्वारे छूटते है  तथा गुलाल बिखरता है तो स्वयं देवता भी भारत भूमि में जन्म लेना चाहने लगते हैं। देश विदेश से अनेक लोग वृंदावन की होली देखने आते हैं।

 बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आजकल होली का रूप बिगड़ गया है। लोग रासायनिक रंगों का प्रयोग करने लगे हैं, बच्चे गुब्बारे मारते हैं। कुछ लोग कीचड़ आदि भी डालते हैं। अनेक व्यक्ति शराब,गांजा,भांग,चरस आदि का सेवन करते हैं, गंदे गाने गाते हैं तथा गाली-गलौज करते हैं। हमें शीघ्र-अतिशीघ्र इस त्यौहार से इन बुराइयों को दूर करना चाहिए तभी हम होली जैसे पवित्र त्यौहार कि पवित्रता को संजो के रख सकते है।

 होली प्रेम व भाईचारे का त्यौहार है, रंगों का त्यौहार है, हर्षोल्लास का त्यौहार है। होली का गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। होली मनुष्यों को आपस में जोड़ने का त्यौहार है कवि मैथिलीशरण गुप्त होली का सजीव चित्रण इन पंक्तियों में प्रकट करते हैं:

काली- काली कोयल बोली, होली, होली, होली । फूटा यौवन फाड़ प्रकृति की पीली, पीली, चोली। । 

होली का त्योहार भारत ही बल्कि कई देशों में काफी महत्व रखता है। भारत में मथुरा की होली को विश्व प्रसिद्ध होली माना जाता है। होली के त्योहार पर हम सब एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देकर बुराई पर अच्छाई की विजयी याद करते हैं।

Holi Essay in Hindi for Class 2 इस प्रकार हैः

होली भारत और नेपाल में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला कार्यक्रम है । रंगों का त्योहार, जो मार्च में होता है, रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। होली तीन दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें होली पूर्णिमा (पूर्णिमा का दिन) सबसे पहले होती है। पुनो का दूसरा दिन, या छोटी होली। पर्व, या होली दिवस, त्योहार का तीसरा दिन है। लोग इस दिन सफेद कपड़े पहनते थे और जमीन पर इकट्ठा होते थे। इस त्योहार के लिए वे प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं और पेंटिंग गन से खेलते हैं। वे मीठी लस्सी पीते हैं और तरह-तरह के खोया, मावा और पिस्ता से बनी मिठाइयां खाते हैं।

Essay on Holi in Hindi Class 4 यहां बताया जा रहा हैः

भारत, कई अलग-अलग भाषाओं, जातियों, परंपराओं, विचारधाराओं, संस्कृतियों, विश्वासों, धर्मों आदि के साथ एक राष्ट्र के रूप में साल भर त्योहारों की अधिकता रखता है। यह वास्तव में भूमि और विविधता की एक इकाई है। होली भारत में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो न केवल यहां बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है और वास्तव में भारत की संस्कृति और मान्यताओं से प्रेरित और प्रभावित है। मूल रूप से यह रंगों, उल्लास और खुशियों का त्योहार है। इतना ही नहीं, त्योहार हमारे चारों ओर बसंत के मौसम की शुरुआत की टिप्पणी करता है और इसीलिए लोग रंगों या गुलाल से होली खेलते हैं, चंदन लगाते हैं, पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं जो केवल होली के अवसर पर बनाए जाते हैं और निश्चित रूप से, भूलने के लिए नहीं ठंडाई का प्रसिद्ध पेय। लेकिन जैसा कि हम इस होली निबंध में गहराई से उतरते हैं, ऐसा लगता है कि इसमें असंख्य अर्थ और ऐतिहासिक हैं।

भारत के हर राज्य में होली खेलने या मनाने का अपना अलग तरीका है। साथ ही रंगों और खुशियों के इस त्योहार को मनाने के पीछे हर किसी या हर समुदाय के लिए मायने बदल जाते हैं. आइए अब इस होली निबंध में होली मनाने के कुछ कारणों के बारे में जानें। कुछ लोगों और समुदायों के लिए, होली और कुछ नहीं बल्कि राधा और कृष्ण द्वारा मनाया जाने वाला प्रेम और रंगों का एक शुद्ध त्योहार है – एक ऐसा प्रेम जिसका कोई नाम, आकार या रूप नहीं है। अन्य इसे एक कहानी के रूप में देखते हैं कि कैसे हम में अच्छाई अभी भी बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दूसरों के लिए, होली फुरसत, खिलवाड़, क्षमा और करुणा का भी समय है। होली के अनुष्ठान तीन दिनों तक चलते हैं, पहले दिन अलाव द्वारा प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होता है और दूसरे और तीसरे दिन रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य, भोजन और आशीर्वाद के त्योहार के साथ समाप्त होता है। 

Essay on Holi in Hindi Class 5

Essay on Holi in Hindi Class 5 यहां दिया जा रहा हैः

होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

होली की कहानी और किंवदंती दानव राजा हिरण्यकश्यप के समय की है। उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में जाने के लिए कहा ताकि उसका पुत्र भगवान विष्णु के बजाय उसकी पूजा करे। होलिका लपटों और आग के लिए प्रतिरोधी हो सकती है। होलिका तब राख में बदल गई जब वह प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में आगे बढ़ी, लेकिन भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचा लिया क्योंकि होलिका का श्राप तभी काम करता जब वह अकेले यानी अकेले आग में शामिल होती। तब से, इस दिन को भारत में होली के रूप में जाना जाता है, और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान, लोगों ने होलिका की मृत्यु के उपलक्ष्य में अलाव जलाया।

दिन भर के उत्साह के बाद लोग शाम को दोस्तों और परिवार के साथ खान-पान और शुभकामनाएं साझा करते हुए बिताते हैं। कहा जाता है कि होली सभी के मन में भाईचारे की भावना पैदा करती है। त्योहार के दिन की शुरुआत तरह-तरह के व्यंजनों की तैयारी के साथ होती है। लोग एक-दूसरे को गुलाल, पानी के रंग और गुब्बारों से रंगते हैं। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि हर कोई अपनी शर्म को छोड़कर मस्ती में शामिल होने का फैसला करता है। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे को ‘हैप्पी होली’ की शुभकामनाएं देते हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी अपने लॉन में होली का आयोजन करती हैं। पूरे लॉन को ढकने के लिए पीले, हरे, लाल, गुलाबी, ग्रे और बैंगनी जैसे चमकीले और सुंदर रंगों का उपयोग किया जाता है। यह बताना मुश्किल है कि कौन कौन है क्योंकि हर कोई अलग-अलग रंगों के कपड़े पहने हुए है।

होली फाल्गुन के महीने में मनाया जाने वाला प्यार और खुशी का एक हिंदू त्योहार है जो गेंहू की फसल से भी मेल खाता है और धन और खुशी का प्रतिनिधित्व करता है। वसंत का मौसम सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है; नतीजतन, वसंत जलवायु विशेष रूप से सुखद होती है, खासकर जब फूल प्रचुर मात्रा में होते हैं। नतीजतन, होली को प्रकृति की वसंत सुंदरता और समृद्ध फसल का सम्मान करने के लिए रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

होली रंगों का त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होली को न केवल हिंदू बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं जो इसे और भी रोचक और महत्वपूर्ण बनाती हैं। सबसे लोकप्रिय किंवदंती कहती है कि राजा हिरण्यकशिपु का अपने पुत्र प्रह्लाद के साथ विवाद हो गया था क्योंकि प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की पूजा करने पर जोर दिया था। इससे राजा नाराज हो गया और उसने अपने बेटे को मारने का फैसला किया।

हिरण्यकश्यप ने अपने भतीजों को प्रह्लाद को आग में फेंकने के लिए कहा क्योंकि वह उसके राज्य के लिए खतरा था। उनके भतीजे उनके प्रति वफादार थे, इसलिए उन्होंने प्रह्लाद को लकड़ी के एक टुकड़े से बांधकर आग में फेंक दिया। हालांकि, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने उसके साथ जलती चिता पर बैठकर उसे बचा लिया।

होली पर निबंध

 होली पर आधारित अन्य ब्लॉग्स

हरिण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था की वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हरिण्यकश्यप ने आदेश दिया की होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई , पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

जो कीटाणुओं को प्रसार करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। ऐसे में रंगों का प्रयोग रोग फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। दूसरी ओर रंग लगने पर शरीर की सफाई अच्छे से हो पाती है जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

भूमिका : होली बसंत का एक उल्लासमय पर्व है। … हमारे पूर्वजों में भी होली त्यौहार को आपसी प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसमें सभी छोटे-बड़े लोग मिलकर पुराने भेदभावों को भुला देते हैं। होली रंग का त्यौहार होता है और रंग आनन्द पर्याय होते हैं।

होली का उत्सव होलिका दहन अनुष्ठान के साथ शुरू होता है जो कि होलिका, दुष्ट दानव, और उस अग्नि से भगवान विष्णु द्वारा प्रह्लाद की रक्षा के सम्मान में मनाया जाता है। लोग लकड़ी इकट्ठा करके अलाव जलाते हैं और उसके चारों ओर गीत गाकर खुशियां मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होली से एक दिन पहले, लोग ‘होलिका दहन’ नामक एक अनुष्ठान करते हैं। होली के दूसरे दिन को छोटी होली या नंदी होली के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है “रंगों से खेलना”। लोग समूहों में इकट्ठा होते हैं और एक दूसरे पर रंगों से खेलते हैं। परंपरागत रूप से, महिलाएं पुरुषों पर सुगंधित रंग डालती हैं और बच्चे एक-दूसरे पर रंगीन पाउडर फेंकते हैं। होली के तीसरे दिन लोग सुबह जल्दी स्नान करते हैं और फिर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। वे प्यार के प्रतीक के रूप में मिठाइयों और नमकीन का आदान-प्रदान करते हैं। यह दिन होली समारोह के अंत का प्रतीक है। होली पूरे भारत और दुनिया भर में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है। त्योहार में आम तौर पर गायन, नृत्य, रंगों और पिचकारी (पानी की बंदूकें) के साथ खेलना और गुजिया और लड्डू जैसे व्यंजनों का आनंद लेना शामिल होता है।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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Holi Essay in Hindi: होली पर आकर्षक निबंध

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Holi Essay in Hindi: त्योहार भारतीय जीवन-शैली का एक अटूट हिस्सा है, जहां विभिन्न प्रकार के रंगीन और विविध त्योहारों का आयोजन होता है। इनमें से होली, जो साथी प्रेम और सद्भावना की भावना को मजबूत करने का महत्वपूर्ण पर्व है, विशेष महत्व रखती है। होली, जो भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जीवन के उत्साह, खुशी, और उमंग को बढ़ावा देने में मदद करती है। होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) में हमने होली के इस महत्वपूर्ण पर्व के सभी पहलुओं की जानकारी प्रदान की है। यह आशा है कि इस होली के निबंध का उपयोग वे छात्र भी करेंगे जो होली हिंदी होली पर निबंध तैयार करना चाहते हैं या होली पर निबंध के लिए सामग्री खोज रहे हैं।

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होली पर निबंध 100 शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली हिंदी होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। होली का त्योहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।

होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।

होली पर निबंध 200- 300शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली सबसे रंगीन और प्रसिद्ध भारतीय त्योहारों में से एक है। यह दर्शाता है कि वसंत आ गया है और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है। लोग इस त्योहार पर एक दूसरे को रंगों और पानी से रंगते हैं, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है। होली पर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर एक दूसरे पर पानी और रंग फेंकते हैं। वे ढोल बजाकर गाते और नाचते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं। यह त्योहार पिछले दुखों को भूलने और माफ करने और नए दोस्त बनाने और पुराने लोगों के साथ रिश्तों को मजबूत करने का भी समय है।

होली एक खुशनुमा और मस्ती भरा त्योहार है, लेकिन इसके कई धार्मिक और सांस्कृतिक मायने भी हैं। ऐसा माना जाता है कि यह हिंदू पौराणिक कथाओं से आया है, जहां भगवान विष्णु ने राक्षस राजा हिरण्यकश्यप को हराया था। भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा के बीच प्रेम भी त्योहार से जुड़ा हुआ है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में बहुत सारी ऊर्जा और खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग त्योहार में एक साथ मिलते हैं, जो एकता, सद्भाव और खुशी को बढ़ावा देता है। यह समय अपनी सभी चिंताओं को दूर करने और जीवन का पूरा आनंद लेने का है।

होली का इतिहास होली के त्यौहार का जिक्र पुराने ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। इससे हमें होली के त्यौहार का महत्त्व और प्राचीनता का आभास भी होता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही प्रसिद्ध कथा है। पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था। जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया, जिसके बाद ब्रह्मा जी के वरदान स्वरूप हिरण्यकश्यप को ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से मारा जा सकता था।

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था इसलिए अपनी प्रजा से कहता था कि वह उसकी पूजा करें भगवान विष्णु की पूजा ना करें। वह अपनी प्रजा से क्रूरता पूर्ण व्यवहार करने लगा। प्रजा के कुछ लोग भय वश उसकी पूजा भी करने लगे। समय बीतने के साथ ही हिरण्यकश्यप के घर एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था। प्रह्लाद हिरण्यकश्यप को ईश्वर नहीं मानता था। बहुत समझाने पर भी वह नहीं समझा तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के कई उपाय किये, पर वह नहीं मरा। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए उसने अपने भाई का साथ देते हुए प्रहलाद को लेकर जलती हुई आपकी चिता में बैठ गई। प्रहलाद यह देखकर घबरा गया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगा। भगवान विष्णु की ऐसी कृपा हुई थी प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी के बाद से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

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होली पर निबंध 350 शब्दों में (Holi Essay in Hindi)

होली, भारतीय सांस्कृतिक कला और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जो भारत और भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है। होली का त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इसे ‘रंगों का त्योहार’ के रूप में जाना जाता है।

इस अद्वितीय त्योहार की महत्वपूर्ण धारा रंग का खेल है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर विभिन्न रंगों का पाउडर फेंकते हैं और खुशियों का इज़हार करते हैं। होली का महत्व न केवल एक त्योहार मात्र है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है और यह दुनिया भर के लोगों के लिए एक रंगीन और आनंददायक त्योहार के रूप में पहचाना जाता है।

होली का महत्व

होली का महत्व भारतीय समाज के लिए गहरा है और यह एक ऐसा त्योहार है जिसे लोग साल भर बेताबी से इंतजार करते हैं। यह त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ मिलकर मनाया जाता है, और इसके तहत लोग अपने दोषों को धो देते हैं और नई शुरुआत करते हैं।

होली के त्योहार का महत्व हिन्दू पौराणिक कथाओं से भी जुड़ा हुआ है। इसका सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक कथा है, जिसमें होली को हिरण्यकशिपु के खिलवाड़े और प्रह्लाद के भक्ति की जीत के रूप में मनाने का प्रतीक माना जाता है। हिरण्यकशिपु, एक दुष्ट राक्षस राजा थे, जो भगवान विष्णु के खिलवाड़े से डरते थे। वे अपने पुत्र प्रह्लाद के भक्ति को बंद करने का प्रयास करते थे, लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु के प्रति अपनी अद्भुत श्रद्धा में अटल रहे। होली के दिन, हिरण्यकशिपु की बहन होलिका ने प्रह्लाद को उसके साथ बांधकर आग में डालने की कोशिश की, लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद बिना कोई कष्ट उठाए बच गए। होली के इस घड़ीघड़ी मोमें, होलिका जलकर मर गई, जबकि प्रह्लाद अस्तित्व में बने रहे। इसी प्रकार, होली का त्योहार भक्ति और सच्चे दर्शन की जीत का प्रतीक बन गया, और यही कारण है कि होली को विजय दिवस के रूप में भी मनाते हैं।

इसके अलावा, होली का महत्व भारतीय ऋतुओं के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है। यह त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारत में बसंत ऋतु की आगमन का समय होता है। बसंत ऋतु के साथ आती हैं खुशियों की बहार और फूलों की महक, और होली इस ऋतु का आगाज़ और खुशियों का स्वागत करने का एक तरीका होता है। इसलिए, होली का महत्व भारतीय जीवन में बसंत के आगमन के साथ जुड़ा हुआ है और यह एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है।

होली का आयोजन

होली का आयोजन विभिन्न तरीकों से भारत के विभिन्न हिस्सों में किया जाता है, और हर स्थान पर इसे अपने तरीके से मनाया जाता है। होली के पहले दिन, जिसे होलिका दहन के रूप में जाना जाता है, लोग होलिका के मूर्ति को आग में जलाते हैं। इसके पीछे का सन्देश है कि बुराई का अंत हमेशा अच्छाई की जीत पर होता है।

होली के दूसरे दिन, लोग रंगों के साथ खेलने और एक-दूसरे को रंगने का आनंद लेते हैं। यह दिन गुलाल, अबीर, और अन्य रंगीन पाउडर के साथ खेलने का होता है। होली के इस रंगीन खेल में लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आनंद और खुशी का आनंद लेते हैं। इसके साथ ही, लोग विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाइयों का स्वाद लेते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियों का साथ मनाते हैं।

कुछ स्थानों में, होली के खेल में संगीत और नृत्य का आनंद लिया जाता है। लोग रंगीन वस्त्र पहनकर नृत्य करते हैं और गीतों का आनंद लेते हैं।

होली के खास पकवान

होली के खास पकवान और मिठाइयाँ इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। गुझिया, मालपुआ, दही-बड़े, और मिठाई जैसे विभिन्न पकवान खाए जाते हैं। इन पकवानों का आनंद लेना होली के त्योहार को और भी मजेदार बनाता है।

निषेध: खतरनाक रंगों का उपयोग

होली के खेल में खतरनाक या हानिकारक रंगों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे रंगों का उपयोग करने से क्षति हो सकती है और त्वचा को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमें होली के खेल में सुरक्षित और प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करना चाहिए।

होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह एक अद्वितीय त्योहार है जो खुशियों की खोज में लोगों को जोड़ता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ आनंद और खुशी का साथ मनाते हैं, और वे अपने दोषों को धो देते हैं और नई शुरुआत करते हैं। होली का महत्व भारतीय संस्कृति, परंपरा, और रंगीनता का प्रतीक है, और यह एक त्योहार के रूप में विश्वभर के लोगों के लिए बहुत खास है। इसलिए, होली का त्योहार भारतीय समाज में गहरा महत्व रखता है और यह एक खुशी और एकता भरा समाजिक त्योहार होता है।

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होली पर निबंध FAQs

होली के बारे में निबंध कैसे लिखें.

होली के बारे में निबंध लिखते समय, पहले होली का महत्व और इसका इतिहास पर बताएं, फिर इस त्योहार के विभिन्न पहलुओं और महत्व को विस्तार से व्यक्त करें।

होली क्यों मनाई जाती है 10 लाइन?

होली को मनाई जाती है क्योंकि यह वसंत ऋतु का स्वागत करने और रंग-बिरंगे जीवन की खुशियों का प्रतीक है, साथ ही हिन्दू धर्म में प्रेम, भाईचारा और सामाजिक मेलजोल को प्रमोट करने का मौका प्रदान करता है।

होली पर क्या लिखें?

होली पर रंगों का खेल और खुशियों का त्योहार मनाते हुए सभी को प्यार और खुशियाँ बांटने की शुभकामनाएं!

होली पर निबंध होली कैसे मनाई जाती है?

होली को भारत में फागुन माह के पूनम के दिन रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग रंग फेंककर आपसी खुशियों का जश्न मनाते हैं।

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होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi : दोस्तों आज हमने होली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है इस Holi Par Nibandh की सहायता से हमने होली त्योहार को कैसे मनाया जाता है,

इसका इतिहास क्या है और वर्तमान में Holi को किस तरह से भारत और अन्य देशों में मनाया जाता है इस पर हमने विस्तारपूर्वक निबंध लिखा है। यह निबंध हमने विद्यार्थियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए अलग- अलग शब्द सीमा में लिखा है।

Holi Essay in Hindi

Get Some Essays on Holi in Hindi for students under 150, 300, 500 and 1500 words।

Short Holi Essay in Hindi 150 Words

होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। Holi का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल बांग्लादेश अमेरिका ऑस्ट्रेलिया कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है।

यह त्यौहार प्रमुख रूप से दो दिनों का होता है जिसने पहले दिन होली दहन किया जाता है जिसमें लकड़ियां और गोबर के कंडे डालकर होलिका दहन किया जाता है।

Holi के दूसरे दिन को धुलण्डी कहा जाता है जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंग लगाते है इस दिन भारत में लोग कोई भी जात-पात नहीं देखते सभी एक दूसरे से गले मिलकर खूब धूमधाम से होली को मनाते है।

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इस त्यौहार को प्रेम का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि जिस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर दोस्ती कर लेते हैं और पूरे हर्षोल्लास से इस त्योहार को मनाते है। भारत में नंदगांव, वृंदावन और बरसाने की होली बहुत अधिक प्रसिद्ध है इसे देखने के लिए विदेशों से भी पर्यटक आते है।

Essay on Holi in Hindi 300 Words

हिंदू धर्म का होली का त्योहार विश्व प्रसिद्ध है यह त्यौहार मार्च के महीने में मनाया जाता है हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास में इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाया जाने के पीछे एक पौराणिक कथा है

जिसके अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था जिसने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसे कोई भी नहीं मार सकता है इसलिए फिर वह वरदान पा कर इतना कुरुर हो गया कि वह अपने आप को ही भगवान मानने लगा वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा दुश्मन था।

हिरण्यकश्यप का एक बेटा था जो कि भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था काफी समझाने के बाद भी वह भगवान विष्णु की पूजा करना नहीं छोड़ रहा था तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से उसे मारने की कोशिश की,

होलिका को आग में नहीं जलने का वरदान था इसलिए वह प्रहलाद को लेकर जलती आग की चिता पर बैठ गई थी लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ और होलीका जलकर भस्म हो गई।

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इसे बुराई पर अच्छाई की जीत माना गया और होली त्यौहार का उदय हुआ। इसीलिए वर्तमान में लोग अब जगह जगह होली के दिन होलिका का दहन करते है। होलिका का दहन करने के लिए घास फूस और सूखी लकड़ियां साथ में गोबर की बहुत सारे कंडे इस्तेमाल में लिए जाते है।

होलिका दहन से पहले महिलाएं होली की पूजा करती है और इसके बाद होलिका दहन कर दिया जाता है। होली का दूसरा दिन मौज मस्ती का होता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को गुलाल रंग लगाते है और एक दूसरे को रंग बिरंगे रंगों से रंग देते है।

वृंदावन में फूलों की होली भी खेली जाती है यह त्योहार सच में सौहार्द का त्यौहार है क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने देश में भूलाकर दोस्ती कर लेते है।

Holi Par Nibandh 500 Words

प्रस्तावना –

हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए होली का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है हिंदू धर्म को मानने वालों के अनुसार होली का त्यौहार हिंदुओं का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है।

इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग बनाते हैं वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते है।

यह खुशियां बांटने वाला त्यौहार है इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी खुशी इस त्योहार को मनाते है इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है।

होली मनाने का कारण –

हिंदू धर्म में Holi मनाने का एक प्रमुख कारण है इसके पीछे एक पुरानी कथा जुड़ी हुई है इस कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस था जो कि अपनी भक्ति और शक्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध था।

उसे देवताओं से एक वरदान मिला हुआ था जिसके अनुसार उसकी मृत्यु कभी नहीं हो सकती है।

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यह वरदान मिलने के बाद उसमें अहंकार आ गया और वह अपने आप को ही भगवान मानने लगा और अपनी प्रजा से स्वयं की पूजा करने को कहने लगा। प्रजा उसके क्रोध के कारण उसकी पूजा भी करने लगी लेकिन कुछ समय पश्चात ही हिरण्यकश्यप के एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया।

प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त बन गया अपने पिता हिरण्यकश्यप के लाख समझाने के बावजूद भी है भगवान विष्णु की ही पूजा करता था इसलिए हिरण्यकश्यप ने क्रोध में आकर अपनी बहन होलिका को अपने ही बेटे को मारने का फरमान सुना दिया। होलिका को वरदान था कि वह किसी भी प्रकार की अग्नि उसे जला नहीं सकती।

होलीका प्रहलाद को लेकर जलती चिता पर बैठ गई लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ और होलिका जलकर राख हो गई।

जिसके बाद यह माना गया कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो हमेशा अच्छाई की जीत होती है। इसके बाद से ही होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

होली की मनाने की प्रक्रिया –

होली त्योहार की तैयारियां लोग कई दिनों पहले से ही करने लग जाते हैं बाजारों में रंग बिरंगे गुलाल नए कपड़े और मिठाइयां बिकने को आ जाती है। बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है।

होली का त्यौहार 2 दिनों तक चलता है होली के पहले दिन संध्या के समय होलिका दहन किया जाता है। सभी लोग होलिका दहन के बाद एक दूसरे को गले मिलकर होली की शुभकामनाएं देते हैं और पूरे मोहल्ले भर में मिठाइयां बांटते है।

होली का दूसरा दिन धुलण्डी के रूप में जाना जाता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंग से रंगते है। और पूरे दिन भर रंगो से खेलते है। इस दिन लोग खूब मौज मस्ती करते हैं और नई मिठाईयां खाते है।

उपसंहार –

होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्यौहार से में एक और सीखने को मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है।

हमें होली का त्यौहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब धूमधाम से मनाना चाहिए।

Long Essay on Holi in Hindi 1500 Words

रूपरेखा –

भारत त्योहारों का देश है इसीलिए आप प्रत्येक दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की जनसंख्या अधिक है इसलिए यहां पर बहुत त्योहार मनाए जाते है। होली का त्यौहार भी एनी त्योहारों में से एक है लेकिन यह त्यौहार अपनी एक अलग पहचान रखता है।

ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार हजारों वर्षों से मनाया जाता है जा रहा है होली के त्यौहार की कृष्ण की रासलीला में भी जिक्र किया गया है भगवान कृष्ण को भी होली का त्योहार बहुत अधिक प्रिय था। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है साथ ही यह मौज मस्ती का भी प्रतीक है।

होली कब मनाई जाती है –

होली का त्योहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस जोहार को फाल्गुन मास में मनाने की प्रथा है। इस वर्ष 2019 में होली का त्यौहार 20 मार्च 2019 को मनाया जाएगा ।

होली का इतिहास –

होली के त्यौहार का जिक्र है पुराने ग्रंथों में इसे भी देखने को मिलता है जो कि यह बतलाता है कि होली का त्यौहार बहुत बड़ा है। इस त्योहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही अच्छी और प्रसिद्ध कथा है।

पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया जिसके बाद ब्रह्मा जी ने हिरण्यकश्यप को वरदान मांगने के लिए कहा तो विनय कश्यप ने वरदान में मांगा कि उसे ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से उसकी हत्या नहीं की जा सकती है।

हिरण्यकश्यप को यह वरदान मिलने के बाद उसमें अहंकार आ गया और वह सोचने लगा कि वही इस सृष्टि का दाता है और वही सबसे बड़ा भगवान है। वह अपनी प्रजा से क्रूरता पूर्ण व्यवहार करने लगा।

वह भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था इसलिए अपनी प्रजा से कहता था कि वह उसकी पूजा करें भगवान विष्णु की पूजा ना करें। प्रजा के कुछ लोगों ने भय वश उसकी पूजा भी करने लगे।

समय बीतने के साथ ही हिरण्यकश्यप के एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम पहलाद रखा गया। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था वह सुबह शाम की पूजा करता था। जैसे ही हिरण्यकश्यप को पता चला कि उसका बेटा भगवान विष्णु का भक्त है तो उसने अपने बेटे को समझाने की कोशिश की लेकिन प्रहलाद में अपने पिता की एक बात ने सुनी।

हिरण्यकश्यप को इस बात को लेकर बहुत क्रोध आया और उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया और अपने ही बेटे को मारने को कहा। होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए उसने अपने भाई का साथ देते हुए प्रहलाद को लेकर जलती हुई आपकी चिता में बैठ गई।

प्रहलाद यह देखकर घबरा गया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगा भगवान विष्णु की ऐसी कृपा हुई थी प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी के बाद से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

होली कैसे मनाई जाती है –

होली का पर्व भारत के साथ साथ नेपाल अमेरिका ऑस्ट्रेलिया भूटान कनाडा मॉरिशस जैसे देशों में भी खूब धूमधाम से मनाया जाता है होली के त्यौहार की तैयारियां कई दिनों पहले से ही होनी प्रारंभ हो जाती है। महीनों पहले ही बाजारों में रौनक आ जाती है और बाजार रंग बिरंगी रंगों से सजे जाते है।

Holi मनाने के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं और खूब सारी मिठाइयां खरीदते है। होली के दिन एक जगह चिन्हित कर ली जाती है जहां पर होली जलाई जानी होती है वहां पर पूरे दिन भर लोग लकड़ियां और गोबर के कंडे इकट्ठे करते है शाम तक यह एक बड़े ढेर में बदल जाता है। इस ढेर के बीचो-बीच पहलाद के प्रतीक के रूप में एक लकड़ी लगाई जाती है।

संध्या के समय महिलाओं द्वारा होली की पूजा की जाती है लोटे से जल अर्पण किया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर होलिका दहन कर दिया जाता है जैसे ही आग की लपटें बढ़ने लग जाती हैं पहलाद के प्रतीक वाली लकड़ी को निकाल दिया जाता है और दर्शाया जाता है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत ही होती है।

होलिका दहन होते समय कुछ लोग इसमें मीठे व्यंजन भी डालते हैं सब लोग अपनी प्रथा के अनुसार होलिका दहन में वस्तुएं डालते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होली का धुआं जिस दिशा की ओर जाता है उस दिशा में उस साल बहुत अच्छी फसल होती है। होलिका दहन के पश्चात सभी लोग एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते है और खूब सारी मिठाइयां बांटते है।

धुलण्डी –

होली का दूसरा दिन जिसे धुलण्डी का नाम दिया गया है यह दिल मौज मस्ती का दिन होता है इस दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी मौज मस्ती करते हैं और एक दूसरे को रंग बिरंगी रंग लगाते है। सभी लोग एक दूसरे को ऐसे रंग देते हैं कि शाम होते-होते यह समझ ही नहीं आता है कि कौन सा व्यक्ति कौन है।

कुछ लोग इस दिन पक्के रंगों का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे लोगों की सेहत खराब हो जाती है तो हमें पक्के रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए हमेशा गुलाल से ही धुलण्डी खेलनी चाहिए। बच्चे जिन पार्टियों में पानी भर लेते हैं और पिचकारी उसे एक दूसरे के ऊपर रंग उड़ाते है।

सभी लोग अपनी-अपनी टोलियां बनाकर पूरे मोहल्ले भर में सभी को रंग लगाते फिरते हैं और एक बार आग लगाने के बाद उसे अपनी टोली में शामिल कर लेते हैं और ढोल नगाड़े बजाते हुए निकलते है। इस दिन लोग इतनी मौज मस्ती करते हैं कि सड़कों पर ही नाचने गाने लग जाते है।

भारत की प्रसिद्ध होली –

हमारे भारत देश में कुछ ऐसी जगह है जहां पर Holi का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है यहां की होली जो भी एक बार वे दूसरी बार यहां पर जरूर आना चाहता है इनमें से कुछ जगह इस प्रकार हैं

वृंदावन की होली – यहां के लोग रंगों की वजह फूलों से होली खेलते हैं सभी लोग एक दूसरे पर रंग बिरंगे फूल उड़ाते है। भगवान श्री कृष्ण भी यहां पर होली खेला करते थे और वृंदावन भी उन्हीं की नगरी है इसीलिए लोगों में उत्साह है और बढ़ जाता है।

यहां की होली देखने कई विदेशों से पर्यटक आते हैं जो कि यहां पर आकर बहुत ही धूमधाम से होली खेलते है।

बरसाने की होली – यह माता राधा का जन्म स्थान है यहां पर भगवान श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ नंद गांव से बरसाने में होली खेलने आते थे। उसी तरह आज भी लोग नंद गांव से बरसाने में होली खेले जाते हैं यहां की होली इसलिए प्रमुख है क्योंकि यहां पर महिलाएं पुरुषों पर रंगो की वजह लकड़ी की लाठियों से उन्हें पीटती है।

यह देखने में बहुत ही सुंदर लगता है इसीलिए यहां की होली को लठमार होली भी कहा जाता है। कुछ इसी तरह की होली हरियाणा राज्य में भी खेली जाती है जहां भाभी देवर पर लाठियां बरसाती है। इसमें किसी को चोट नहीं आती क्योंकि पुरुषों के पास बचाव के लिए ढाल होती है।

राजस्थान की होली – राजस्थान की होली हमारे देश के साथ साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर होली का त्यौहार आने से महीनों पहले ही ढप और चंग की ताल पर पौराणिक होली के प्रसिद्ध गीत गाए जाते है। यहां पर लोग मोहल्लों में इकट्ठा हो जाते हैं और पूरी रात रात भर गीत गाते हैं और नाचते है।

राजस्थान की होली जो भी एक बार देख लेता है उसका मन यहां पर आने काम दूसरी बात भी करता है।

होली के त्यौहार का महत्व –

होली का ऐतिहासिक महत्व – होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो हमेशा अच्छाई की जीत होती है इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को अपनाते है।

सामाजिक महत्व – होली एक सौहार्दपूर्ण त्यौहार है जिसमें लोग वर्षों पुरानी दुश्मनी लड़ाई झगड़ा भुलाकर एक दूसरे से गले मिल जाते है इसीलिए इस त्यौहार को दोस्ती का भी प्रतीक कहा गया है। इस दिन समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं देखता सभी लोग एक दूसरे को गले लगा कर होली का त्यौहार मनाते है।

इसे समाज में ऊंच-नीच की खाई कम होती है इसलिए यह त्योहार सामाजिक महत्व भी रखता है।

वर्तमान में होली का रूप –

वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्योंकि युवा लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं और इसी सौहार्दपूर्ण त्योहार की जगह है नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं

आजकल की युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करके बैठे रहते है कुछ लोगों को तो इसे गंभीर नुकसान भी हो जाते हैं लेकिन वह इसकी परवाह नहीं करते है।

इस दिन अब युवाओं में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गई है। लोग होली के त्यौहार पर दुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने लगे है। आजकल युवा लोग रंग की जगह गोबर नाली का पानी और पक्के रंगों का इस्तेमाल करते हैं जो कि होली की शोभा को धूमिल करते है

यह सब चीजें Holi के त्यौहार की छवि को खराब कर रहे है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा।

निष्कर्ष –

होली का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है यह दोस्ती का त्योहार है इसलिए इसे दोस्ती का त्यौहार ही बने रहना देना चाहिए इसे कोई और रूप देने का हमें कोई हक नहीं होता है।

वर्तमान में भटके हुए युवाओं को हमें इस त्यौहार के महत्व और विशेषता के बारे में बताना चाहिए ताकि उनके विचार विचार के प्रति बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे।

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Holi Essay in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

20 thoughts on “होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi”

Very nice essay on holi

Thank you Rubi devi

needs imporvement but overall its ok

thank you Kenisha

ভালো খুব ভালো । Good very good essay. अच्छा है काफी अच्छा है निबन्ध।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदित्य दास, ऐसे ही हिंदी यात्रा पर आते रहे

Very good essay

thank you Mayank for appreciation.

Hey the full stop in hindi is | not this’.’

We have corrected all the mistakes, thank you Sparsh.

Write the fifty line essay on Holi in Hindi and English

We will soon write fifty lines essay on Holi

Very good essay. Super!

Thank you Charchit for appreciation.

bahut hi achha nibandh tha

Dhanyawad Aman ji aise hi website par aakar hamara manobal badhate rahe

bahut hi acha tyohar hai holi ka

Holi ka lekh aap ko pasand aaya hame bhut khushi hui, aise hi website par aate rahe, Dhanyawad.

बहुत ही अच्छा लेख है, एक लेख ऐसा ही मैंने लिखा है अगर आपको पसन्द आये तो ज़रूर बताइये ये रहा

प्रखर जी आप को हमारे द्वारा लिखा गया होली पर निबंध पसंद आया हमे बहुत खुशी हुई, प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

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  • निबंध ( Hindi Essay)

holi essay in hindi 200 words

Essay on Holi in Hindi | होली पर निबंध हिंदी में

Essay on holi in Hindi

आज आपके लिए लेकर आएं हैं Essay on Holi in Hindi. जिसमे आपको 10 Lines on Holi in Hindi, Paragraph on Holi in Hindi के साथ साथ Short Essay on Holi in Hindi और Long Essay On Holi In Hindi भी मिलेगा।

यह निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 तक के विद्यार्थी उपयोग में ला सकते हैं।

Table of Contents

10 Lines On Holi In Hindi

Set-1. यह Set कक्षा 1,2,3,4 और 5 के विद्यार्थियों के लिए है।

  • होली पर्व प्रति वर्ष भारत मे हिंदुओं के द्वारा मनाया जाता है।
  • होली का पर्व प्रतिवर्ष मार्च महीने में मनाया जाता है , कभी कभी यह त्यौहार दो दिनों से भी ज्यादा चलता है।
  • हर प्रदेश में होली पर्व अलग अलग तरीक़े से मनाया जाता है।
  • होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।
  • होलिका दहन के दिन लोग लकड़ी इकट्ठा करके आग जलाते है और उसके चारों तरफ परिक्रमा करते हैं।
  • होली एक खुशी का त्यौहार है जो सबके जीवन मे प्रसन्नता लाता है।
  • ग्रंथो के आधार पर होली की शुरुआत कृष्ण और राधा रानी ने की थी।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार , दोस्त से मिलते हैं, उन्हें रंग लगाते है।
  • होली के दिन उत्तर भारत मे गाना गाने का रिवाज है।
  • होली के लिए कई मिठाईयां बनती है , जिसमे से गुझियाँ सबसे आम है।

Set-2 यह कक्षा 6,7 और 8 के लिए उपयोगी है।

  • होली एक ऐसा त्यौहार जिसे पूरे भारत मे खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • होली एक ऐसा त्यौहार है जो लोगो को जोड़ता है, उनमें भाईचारा बढ़ाता है, जिससे शांति और खुशियाँ बढ़ती है।
  • होली में सब एक साथ मिलकर जश्न मनाते है , जिससे लोगो मे एकता बढ़ती है।
  • यह त्यौहार प्रति वर्ष हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास में मनाया जाता है।
  • फाल्गुन माह को गर्मी और ठंडी का संधिकाल कहा जाता है।
  • होली में कई अलग अलग रंग खेले जाते हैं जो अलग अलग भावनाओं की व्याख्या करते हैं।
  • होली को लेकर एक सबसे प्रचलित बात यह है कि इस दिन लोग अपने दुश्मनों को भी माफ कर देते हैं और उन्हें भी गले लगा लेते हैं।
  • यदि होली का असली रंग देखना है तो शाम को देखना चाहिये जब सबसे ऊपर प्रेम का रंग चढ़ा होता है। सभी एक साथ गाना गाते हैं और नृत्य करते हैं।
  • होली पर्व हमें तीन बड़े संदेश देता है, असत्य कभी अमर नही है, दुख हमेशा नही रह सकता और हमेशा अच्छे की ही जीत होती है।
  • वयस्क लोग एक दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते है, और बहुत ही मस्ती भरे अंदाज में त्यौहार मनाते हैं।

Paragraph on My Favourite Festival Holi

भारत और नेपाल में मनाया जाने वाला होली एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। होली का पर्व प्रति वर्ष मार्च माह में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने अपने घरों पर मिठाई, गुझिया, नमकीन जैसे तरह तरह के पकवान बनाते हैं।

होली के दिन छोटे बच्चों को यह पूरी छूट रहती है कि वह किसी पर भी रंग डाल सकते हैं, क्योंकि उनके हाथ मे पिचकारी रहती है। हर तरफ नजारा बिलकुल रंगीन होता है , किसी का चेहरा पहचानना बहुत मुश्किल होता है। यही एक ऐसा दिन है जब लोग किसी की शक्ल से ज्यादा प्रेमभाव को अहमियत देते हैं। इस त्यौहार की यही विशेषता है। इसी वजह से होली का पर्व पूरे देश मे इतने उल्लास के साथ मनाया जाता है।

Short Essay On Holi in Hindi (300 Words)

हमारा देश त्योहारों का देश है जहाँ त्यौहार आते ही रहते हैं। लेकिन कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जिनका सबसे ज्यादा इंतजार रहता है। ऐसा ही एक त्यौहार होली का त्यौहार है जो आपसी भाईचारे को बढ़ाने वाला त्यौहार है।

प्रतिवर्ष बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक सभी को होली के आगमन का इंतजार रहता है क्योंकि यह त्यौहार है ही कुछ खास जिसका आनंद सभी उठाते हैं।

दो दिन मनाते हैं होली का त्यौहार

होली का उत्सव दो दिनों तक चलता है। इस पावन त्यौहार की शुरुआत होलिका दहन से हो जाती है , जिस दिन प्रतीकात्मक होलिका बनाकर उसका दहन किया जाता है, और सभी लोग ऐसी कामना करते हैं कि होलिका दहन के साथ उनके जीवन के सभी दुखों का भी दहन हो गया है।

कुछ लोग घर मे ही होलिका दहन करते हैं। इसके लिए वो गाय के गोबर से छोटे छोटे गोल आकार के उपले बना लेते हैं और उन्हें सुखवा लेते हैं।

फिर होलिका दहन के दिन उन्ही उपलों का दहन करते हैं। होलिका दहन के दूसरे दिन रंग, अबीर, गुलाल खेला जाता है।

इस दिन को होली धुलेंडी कहते हैं। इस दिन क्या बच्चे, क्या युवा सभी मस्ती में चूर होते हैं। सुबह से लोग रंग खेलना शुरू कर देते हैं।

लोग सभी के घर जाते हैं, रंग लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं। करीब दोपहर तक रंग खेलने का कार्यक्रम चलता है।

इसके बाद सब लोग नहाकर और नए वस्त्र धारण करते हैं। शाम के वक़्त लोग अपने सगे संबंधियों से मिलते हैं और उन्हें होली पर्व की शुभकामनाएं देते हैं।

विद्यालयों और कार्यालयों में होली

सभी विद्यालयों में होली के पहले ही छुट्टी घोषित कर दी जाती है, लेकिन बच्चे अपने मित्रों को रंग लगाने से बिलकुल भी नही चूकते।

स्कूल का समापन होने के बाद विद्यार्थी स्कूल प्रांगण में ही जमकर रंगों की बारिश कर देते हैं। जो बच्चे सुबह साफ सुथरे स्कूल परिधान में घर से निकले थे उन्हें अब पहचानना भी बहुत मुश्किल हो रहा होता है।

वही कार्यालयों में लोग मर्यादित रहते हैं। होली के वक़्त जो लोग एक दूसरे से नही मिल पाएंगे वो पहले से ही होली की बधाई दे देते हैं।

माथे पर अबीर और गले लगकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन सभी कार्यलयों का अवकाश रहता है।

होली आनंद और मस्ती का त्यौहार है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन लोग आपसी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं। यही इस त्यौहार की सबसे बड़ी खूबी है।

Essay On Holi in Hindi (600 Words)

रंगों का त्यौहार होली हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैसे तो यह त्यौहार हिंदुओं का त्यौहार है लेकिन फिर भी देश के अलावा विदेशों में भी होली खेली जाती है।

सबसे ज्यादा हिन्दू भारत मे ही रहते हैं। भारत के अलावा नेपाल में भी होली काफी धूमधाम से मनाई जाती है। पाकिस्तान और बाकी के अन्य देश जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक है वहाँ भी होली का पर्व सब मिलजुल कर मनाते हैं।

होली कब मनाई जाती है? | When is Holi celebrated?

हिन्दू कैलेंडर के आधार पर होली का पर्व प्रति वर्ष मार्च के फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यदि आम कैलेंडर के अनुसार देखे तो यह कभी कभी फरवरी में भी पड़ जाता है।

होली एक ऐसा पर्व है जिसमे लोग अपने सभी दुख भूलकर खुलकर हँसते है, मस्ती करते हैं और अपने गिले शिकवे भूलकर गले मिलते है, एक साथ वक़्त गुजारते है और परिवार के लोगो से मिलते जुलते हैं।

होली मनाने के पीछे की वजह | Why we Celebrate Holi in Hindi.

होली त्यौहार मनाने के पीछे की अनेक वजहें है लेकिन सभी का सार यही निकलता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत ही होती है।

सच कभी हारता नही है, परेशान भले हो सकता है, लेकिन अंत मे विजय सत्य की ही होती है। फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला त्यौहार होली फगवाह नाम से भी जाना जाता है।

होली त्यौहार ठंडी और गर्मी के संधिकाल में मनाया जाता है। इसी दौरान खेतों में फसलें लहराने लगती है, सरसों खेतों में पूरी तरह खिल चुकी होती है।

धान की बालियां अब पक चुकी होती है। होली का संबंध भी फसलों से है। होली शब्द की उत्पत्ति होला से हुई है। इसका शाब्दिक अर्थ है भगवान की पूजा करना ताकि नई और अच्छी फसल मिल सकें।

होली से जुड़ी पौराणिक कहानियाँ | Mythological stories related to Holi.

कोई हिन्दू त्यौहार हो और उसके पीछे कोई पौराणिक कहानी न हो ऐसा बहुत कम होता है। होली से संबंधित भी कई पौराणिक कहानियाँ प्रचलित है जो निम्नलिखित है:-

होलिका की कहानी

होलिका की कहानी सबसे ज्यादा लोकप्रिय कहानी है होली के संबंध में। बहुत पहले की बात है एक दैत्य था जिसका नाम हिरणकश्यप था, उसकी एक बहन होलिका और पुत्र प्रह्लाद था।

हिरणकश्यप खुद को भगवान मानता था और सभी को यह कहता था कि उसकी पूजा करें लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त थे और उन्ही की आराधना करते थे।

हिरणकश्यप को यह बात बिलकुल भी अच्छी नही लगती, इसलिए वह प्रह्लाद को जान से मारने की कोशिश करने लगा।

इसके लिए पहले उसने प्रह्लाद को पहाड़ से नीचे फिकवाया लेकिन भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया। इसके बाद उन्हें गर्म तेल के कड़ाहे में डाल दिया पर प्रह्लाद वहाँ भी बच गये।

अपने सारे तरीके असफल होते देखकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका के पास एक साड़ी थी। उसे पहनकर यदि वो आग में भी बैठ जाती तो भी नही जलती।

इसलिए वह प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई। लेकिन तभी तेज हवाएं चलने लगी और वह साड़ी होलिका के शरीर से अलग हो गई और प्रह्लाद के शरीर से लिपट गई, जिससे प्रह्लाद तो आग से बच गए लेकिन होलिका जल गई।

होलिका का दहन होना इस बात का प्रतीक था कि बुराई कभी भी अच्छाई को हरा नही सकती। इसी वजह से हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है।

कामदेव से जुड़ी एक कहानी

होली और होलिका दहन की एक कहानी कामदेव से भी जुड़ी है। शिव से ध्यान में लीन थे, पार्वती बहुत कोशिश कर रही थी कि शिव ध्यान से उठे क्योंकि उन्हें विवाह करना था लेकिन वह सफल नही हुई।

तब उन्होंने कामदेव से मदद माँगी। कामदेव ने एक पुष्प बाण चलाई, और वह जाकर शिव जी की तीसरी आँख में लग गई।

शिव जी गुस्सा हो गए और तीसरी आँख खोल दी जिससे कामदेव भस्म हो गए। लेकिन उनकी पत्नी रति का रो रो कर बुरा हाल हो गया।

अगले दिन शिव जी का गुस्सा जब शांत हुआ तो उन्होंने कामदेव को वापस जीवनदान दिया। जिस दिन कामदेव भस्म हुए थे उस दिन होलिका दहन मनाई जाने लगी और जिस दिन उन्हें दूसरा जीवन मिला, वह होली के तौर पर मनाई जाने लगी।

कृष्ण और पूतना की कहानी

कंस कृष्ण को मारना चाहता था इसीलिए उसने पूतना को गोकुल भेजा। कृष्ण को मारने के मकसद से पूतना नामक राक्षसी ने कृष्ण को अपनी गोद में लिया और उसे स्तनपान कराने लगी।

स्तनपान के दौरान उसने श्रीकृष्ण को विषपान कराया लेकिन कृष्ण को कुछ नहीं हुआ बल्कि पूतना की मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है उसी वक्त से होली का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कृष्ण से जुड़ी नगरी जैसे ब्रज, मथुरा,वृंदावन,बरसाने,काशी आदि शहरों में होली की एक अलग ही छटा देखने को मिलती है।

महाभारत से जुड़ी एक प्राचीन कहानी

एक कथा महाभारत से भी जुड़ी है एक कथा के मुताबिक युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण को बताया कि जब श्री राम के पूर्वज रघु का शासन हुआ करता था उस वक्त एक महिला को कोई मार नहीं सकता था वह महिला एक असुर थी और बहुत अत्याचार करती थी।

तभी एक दिन गुरु वशिष्ट ने कहा कि उस औरत को भी मारा जा सकता है लेकिन इसके लिए बच्चों को विशेष कार्य करने होंगे।

उन्होंने बताया कि यदि बच्चे लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े लें और शहर के बाहर किसी इलाके में जाएं और उन लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों को घास से ढक कर उन्हें जला दें और फिर उस जलती हुई आग के चारों तरफ जश्न मनाए, तालियां बजाए, गाने गाए और परिक्रमा करें। जब उन बच्चों ने ऐसा किया तो उस राक्षसी की मृत्यु हो गई।

पहले रासायनिक रंगों का चलन इतना ज्यादा नही था। अधिकतर रंग प्राकृतिक होते थे। लेकिन आज होली में जिन रंगों का उपयोग किया जाता है वो पक्के रंग होते हैं जो महीनों बाद भी नही छूटते। इसलिए होली खेले, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किसी को यदि रंगों से दिक्कत है तो उसे जबरन न रंगे, किसी पर पक्का रंग न लगाएं और पूरे मर्यादित तरीके से यह त्यौहार मनाएँ।

मेरा प्रिय त्यौहार होली पर निबंध (My Favorite Festival Essay on Holi in Hindi)

होली के त्यौहार में ना सिर्फ लोगों को रंगा जाता है बल्कि यह त्यौहार लोगों के जीवन में नई खुशियाँ लेकर आता है।

भारत जैसे देश में जहां हर माह कोई न कोई त्यौहार आता है, वहां होली जैसे त्यौहार का विशेष तौर पर इंतजार रहता है यह इस बात का घोतक है कि हमारे जीवन में होली का कितना ज्यादा महत्व है।

होली का त्यौहार एक जश्न है, एक उमंग है, एक आशा है, एक उम्मीद की किरण है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें निर्धन और अमीर के बीच कोई भेद नहीं रहता क्योंकि सभी एक रंग में रंगे नजर आते हैं।

रंगो के इस पवित्र त्यौहार से जुड़ी कई प्राचीन मान्यताएं हैं। वक्त के साथ यह त्यौहार अपने नए-नए रूप भी दिखाता रहा है, त्योहार को मनाने के तौर तरीकों में आज भले ही बदलाव आ गया हो लेकिन भावना वही है जो पहले हुआ करती थी।

होली त्यौहार से जुड़ी कुछ प्राचीन परम्पराएं | Some ancient traditions related to Holi festival.

होली त्योहार से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जिनको जानने के बाद हमें यह पता चलता है कि यह त्यौहार कितना प्राचीन है। इस त्यौहार की जड़े उतनी ही पुरानी है जितना पुराना हमारे देश का इतिहास है।

प्राचीन काल में यह त्यौहार महिलाओं के द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता था। इस त्यौहार के दिन महिलाएं चंद्र देव की पूजा करती थी और अपने घर एवं परिवार की सुख समृद्धि की कामना करती थी।

धीरे-धीरे यह त्यौहार किसानों के द्वारा भी मनाया जाने लगा। किसान अपने कच्चे अन्न का यज्ञ में दान किया करते थे और उसका प्रसाद लेते थे। ऐसा करने का उद्देश्य था फसल की पैदावार अच्छी हो।

उस जमाने में अन्न को होला नाम से पुकारा जाता था इसी वजह से इस त्यौहार का नाम होलिकोत्सव पड़ गया।

भारतीय कैलेंडर के हिसाब से देखें तो चैत्र नवरात्रि से नव वर्ष प्रारंभ हो जाता है होली का पर्व चैत्र नवरात्रि के कुछ पहले ही मनाया जाता है। इस आधार यह भी कहा जा सकता है कि होली पर्व नवसंवत और वसंत मौसम के आगमन का भी प्रतीक है।

ऐसा भी कहा जाता है कि इसी दिन पृथ्वी के प्रथम पुरुष मनु जन्मे थे इसी वजह से इस दिन को मन्वादि तिथि भी कहा जाता है।

भारत में मनाए जाने वाली कुछ विशिष्ट होली | Some special Holi celebrated in India.

मथुरा और वृंदावन में होली का उत्सव.

भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और उनकी लीलास्थली मथुरा और वृंदावन में होली का एक अलग ही जश्न देखने को मिलता है।

यहां मनाई जाने वाली होली इतनी प्रसिद्ध है कि देश के कोने-कोने से लोग होली के पर्व में सम्मिलित होने के लिए यहां आते हैं।

मथुरा और वृंदावन में मनाई जाने वाली होली प्रेम और भक्ति का अनोखा संगम है, जिसमें होली मनाते वक्त तरह-तरह की प्रेम लीलाएं की जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि होली पर्व की शुरुआत श्री कृष्ण और राधा रानी के द्वारा ही की गई थी।

बरसाने की लठमार होली

बरसाना उत्तर प्रदेश का एक गांव है जहां पर मनाई जाने वाली लठमार होली पूरे देश में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके चर्चे हमें हर जगह सुनने को मिल जाते हैं।

बरसाने के आस-पास के गांव में रहने वाले लोग इस होली को देखने के लिए विशेष रूप से होली के दिन एकत्रित होते हैं। यह होली बरसाना और नंदगांव कि महिलाओं और पुरुषों के बीच खेली जाती है।

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण जब अपने बाल्यावस्था में थे तब वह राधा रानी को देखने के लिए बरसाने आए थे लेकिन इस दौरान उन्होंने राधा रानी को तो परेशान किया ही साथ ही साथ उनकी सखियों को भी छेड़ दिया था जिसके बाद सखियां उनके पीछे दौड़ी थी ऐसा कहा जाता है तभी से यहां लट्ठमार होली की प्रथा चली आ रही है।

इस दिन महिलाएं पुरुषों को लाठी से मारती हैं। इस होली को मनाने के लिए सभी लोग बरसाने की राधा रानी मंदिर में एकत्रित हो जाते हैं। जिसके बाद नंदगांव के चरवाहे बरसाने की महिला चरवाहों के साथ और बरसाने के चरवाहे नंदगांव की महिला चरवाहों के साथ होली खेलते हैं। यह होली देखने में बहुत ही मनोरंजक लगती है।

बंगाल में मनाई जाने वाली डोल पूर्णिमा होली.

यह होली बंगाल और ओडिशा में मनाई जाती है। इस होली की खासियत यह है कि कृष्ण और राधा रानी को होली के दिन पहले एक डोल में बैठाया जाता है, इसके बाद पूरे गाँव मे घुमाया जाता है। साथ में भजन-कीर्तन और रंगों वाली होली भी चलती रहती है।

युगांश होली

भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर में पूरे 6 दिनों तक होली मनाई जाती है इस होली को युगांश होली के नाम से जाना जाता है।

इस होली की शुरुआत भी होलिका दहन के दिन से होती है लेकिन यहां होलिका दहन के दिन घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है जिसके बाद उसमें आग लगाई जाती है और होलिका दहन मनाया जाता है।

इसके बाद अगले दिन लड़कों की टोलियां लड़कियों की टोलियों के साथ होली खेलते हैं। होली खेलने के बाद वह लड़कियों को उपहार भी देते हैं।

होली के पर्व के दौरान लोग भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में पीले और सफेद रंग के परिधान ही पहन कर जाते हैं और थाबल चोंगबा वाद्ययंत्र के साथ संगीत एवं नृत्य करते हैं।

यहां होली का पर्व विशेष इस वजह से भी होता है क्योंकि होली के पर्व के दिन लड़के-लड़कियों को एक दूसरे से मिलने का अवसर दिया जाता है।

लड़के-लड़कियां एक दूसरे के ऊपर गुलाल लगाते हैं और ढोल-ढोलक-चोलाम नामक नृत्य एक साथ करते हैं।

पंजाब की होली मोहल्ला

होली के अगले दिन पंजाब की एक जगह होलगढ़ में होला मोहल्ला मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सिख गुरु के द्वारा की गई थी होला-मोहल्ला एक तरह का बनावटी हमला है,जिसमें पैदल, घुड़सवार, तीरंदाज दो अलग-अलग गुटों में बढ़ जाते हैं और फिर एक दूसरे पर हमला करते हैं।

होला-मोहल्ला मे मोहल्ला शाब्दिक अर्थ है मय हल्ला जहां पर मय अर्थात बनावटी और हल्ला का मतलब हमला है।

सिख समुदाय के लिए होला-मोहल्ला का बहुत ज्यादा महत्व है। श्री गुरु गोविंद सिंह ने होला-मोहल्ला की शुरुआत इस वजह से की थी ताकि सिख समुदाय के लोगों मैं युद्ध कौशल का विकास हो सके।

मटकी फोड़ होली.

देश के कई राज्यों में मटकी फोड़ होली का बहुत ज्यादा चलन है खासकर महाराष्ट्र और गुजरात मे। मटकी फोड़ होली में एक मटकी को ऊँचाई पर बांध दिया जाता है जो मक्खन से भरी होती है। मटकी ऊँचाई पर टाँगने का काम महिलाएं करती है।

इसके बाद पुरुष टोली बनाकर इस मटकी तक पहुँचने का प्रयास करते हैं। पुरुषों की कई अलग अलग टोलियाँ इसे छूने का प्रयास करती है, लेकिन सभी सफल नही हो पाते। देखने मे यह बहुत ही दिलचस्प लगता है।

आपसी प्रेम और सद्भाव बढ़ाने वाला त्यौहार बड़ी ही सादगी से मनाया जाना चाहिए। जैसा कि आज हम सब जानते है कि दुनियाँ शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में हमारा यह दायित्व बनता है कि रंगों की जगह गुलाल से होली खेले और बेशकीमती पानी को बचाएं।

Holi Quotes in Hindi

होली का पर्व तभी आनंददायक लगता है जब अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं, बात करते हैं। लेकिन यदि वो हमसे बहुत दूर रह रहे हो तो फिर शुभकामनाएं संदेश भेजना सबसे बेहतर रहता है। होली त्यौहार से जुड़े कुछ प्रसिद्ध Quotes इस प्रकार है:-

रंगों के त्यौहार में सभी की हो भरमार, ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार, यही दुआ है भगवान् से हमारी हर बार, होली मुबारक हो मेरे यार|

राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी , प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी , ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली मुबारक हो आपको रंग भरी होली !!

ये रंगो का त्यौहार आया है साथ अपने खुशियाँ लाया है हमसे पहले कोई रंग न दे आपको इसलिए हमने शुभकामनाओं का रंग सबसे पहले भिजवाया है हैप्पी होली।।

होलिका दहन क साथ बीते पूरे वर्ष की सारी कड़वी यादों, अनुभवों और दु:खों को जलाकर आने वाले नववर्ष में प्रेम, उल्लास, आनंद, उमंग और भाईचारे के साथ जीवन व्यतीत करें। होली की हार्दिक शुभकामनायें | |

रंगों के त्यौहार में सभी रंगों की हो बहार, ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार, यही दुआ है भगवान से हमारी हर बार, होली मुबारक हो आपको दिल से हर बार। “Happy Holi

आज की होली में आपके सब सुख दर्द जल जाए और कल की रंगपंचमी के सारे रंग आपके जीवन में खुशियों से भर जाए। “Happy Holi.

इससे पहले की होली की शाम हो जाए, बधाईंयो का सिलसिला आम हो जाए.. और सारा नेटवर्क जाम हो जाए… क्यों ना एडवांस में होली की राम-राम हो जाए।

खाले गुजिया और पीले थोड़ी ठंडाई; सुंदर लगे तू रंगों में नहाई; मेरे संग भी खेल ले होली; और बन जा मेरी लुगाई! हैप्पी होली मुबारक हो!

साधे रंग को गलती से आप ना कोरा समझो, इसी में समाये इन्द्रधनुषी सातों रंग, जो दिखे आपको जिंदगी सादगी भरी किसी की, तो आप यूँ समझो सतरंगी है दुनिया उसकी, होली आयी सतरंगी रंगों की बौछार लायी, ढेर सारी मिठाई और मीठा-मीठा प्यार लायी। “Happy Holi

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होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay in Hindi

by Editor January 31, 2019, 2:30 PM 21 Comments

होली पर हिन्दी निबंध | Holi Essay in Hindi 

बुरा ना मानो होली है- रंगो का पर्व होली सभी का सबसे प्रिय त्योहार है। युवा और बच्चे खासकर इस दिन बड़े उत्साह में रहते हैं। रंगो से भरे इस त्योहार के बारे में हम लेकर आए हैं होली पर विशेष निबंध। 

होली पर निबंध (100 शब्द)

होली का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हर साल यह पर्व मार्च महीने में आता है। होली के पहले दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है जिसमे लोग लकड़ी, गोबर के उपले आदि एकत्र कर होलिका दहन करते हैं।

होली का दूसरा दिन रंगों का उत्सव के रूप में मनाया जाता है, इस दिन सभी लोग आपसी बैर भाव भूलकर एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं। होली को पूरे भारत भर में फगुआ, धुलेटी, दोल आदि नाम से भी जाना जाता है।

होली पर निबंध (200 शब्द)

रंगो का उत्सव होली भारत और नेपाल में बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के खास त्योहारों में से एक है। हर साल मार्च महीने में और हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा में होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली का पर्व दो दिन का होता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है जिसके पीछे पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। असुर राज हिरण्यकशिपु अपने ही पुत्र प्रहलाद जो की भगवान विष्णु का भक्त था, उसे मारने के लिए अपनी बहन होलिका से कहते हैं। होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ जाती है, किन्तु श्री नारायण की कृपा से भक्त प्रहलाद बच जाता है और होलिका अग्नि में भष्म हो जाती है, तभी से होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन में लोग लकड़ी, गोबर के उपले आदि एकत्र कर उसका दहन करते हैं।

होली के दूसरे दिन धुलेटी अर्थात रंगों का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग एकत्र होकर अपने सगे-संबंधियों को रंग-गुलाल लगाते हैं। होली का मुख्य पकवान गुजिया खास तौर पर बनाया जाता है। इस दिन सभी लोग आपस का बैर भूलकर एक होकर होली मनाते हैं। बुरा ना मानो होली है – यह कहकर लोग अपने सभी गिले-शिकवे इस दिन भूल जाते हैं।

होली पर निबंध (400 शब्द)

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है जिसे हर धर्म के लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। प्रेम से ओत-प्रोत यह रंगों के त्योहार हर धर्म, जाति और संप्रदाय के बंधनों को खोलकर आपसी भाई-चारे का संदेश देता है। होली के दिन सभी लोग अपने लड़ाई-झगड़े आदि भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं और एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं।

होली का पर्व फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली के प्रथम दिन होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है जिसमें हमें होली का महत्व समझ में आता है।

भगवान विष्णु भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपु स्वयं को भगवान मानते थे और वे श्री विष्णु को अपना परम शत्रु मानते थे। अपने पुत्र प्रहलाद को विष्णु भक्ति करते हुये उन्होने देखा तो उन्होने कई बार प्रहलाद को मारने का प्रयास किया लेकिन सभी प्रयास विफल हुये। अंत में हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से प्रहलाद को मारने के लिए मदद मांगी। होलिका भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर जलती हुई चिता में बैठ गयी। किन्तु श्री हरी विष्णु की कृपा से प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।

यह कथा यही संदेश देती है कि बुराई के सामने अच्छाई की विजय हमेशा होती है। तभी से होली के पहले दिन शाम को होलिका दहन किया जाता है।

होली का दूसरा दिन रंगो का त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें सभी लोग अपने सगे-संबंधियों के साथ मिलकर अबीर, गुलाल और तरह तरह के रंगो से धुलेटी मनाते हैं और सभी एक दूसरे को रंग लगाकर आपसी बैर भाव को भूल जाते हैं।

होली के दूसरे दिन सभी लोग प्रातः जल्दी उठकर अपने सगे-संबंधियों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ रंगों की होली खेलते हैं। बच्चे और युवा इस दिन बहुत उत्साह में रहते हैं। इस दिन बाज़ारों में तरह-तरह की मिठाइयाँ बिकनी शुरू हो जातीं हैं। पिचकारी और रंगों की  खूब बिक्री होती है।

इस दिन सभी लोग अपने बैर-भाव को भूलकर आपस में गले मिलते हैं। घर में होली का विशेष पकवान गुजिया खास तौर पर बनाई जाती है। इस दिन होली के गीत भी गाये जाते हैं। ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।

होली का पर्व रंगों का पर्व है लेकिन आजकल के रंगों में केमिकल का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जो कि हमारी त्वचा के लिए नुकसानदेय है। अतः हमें होली के दिन प्रकृतिक रंगो का ही इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही साथ हमें होली के दिन पानी का व्यय भी करने से बचना चाहिए।

होली पर निबंध (700 शब्द)

होली हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है और यह पर्व फाल्गुन (मार्च) के महीने में पूर्णिमा के दिन हर साल मनाया जाता है। यह त्योहार आपसी प्रेम और भाई चारे का पर्व है और भारत में हर धर्म जाति से परे होकर सभी लोग मिल जुलकर यह त्योहार मानते हैं। यह त्योहार बसंत ऋतु के समय आता है। होली का  त्योहार दो दिन का होता है, पहला दिन होलिका दहन का होता है और दूसरा दिन रंगों के साथ उत्सव मनाने का होता है।

होली से जुड़ी पौराणिक कथा

हिरण्यकशिपु नाम का असुर बहुत बलशाली था और अपने बल से उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर रखा था। वह स्वयं को ईश्वर मानने लगा था और जो भी इसका विरोध करता उसे मृत्यु दंड देता था। हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु को अपना परम शत्रु मानता था।

हिरण्यकशिपु का पुत्र बचपन से ही श्री विष्णु का परम भक्त था और उनका ही नाम जपता रहता था। जब हिरण्यकशिपु को इस बात का पता चला तो क्रुद्ध होकर उसने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयत्न किए, किन्तु श्री विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद हर समय सुरक्षित ही लौटता था।

इसी बीच हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में भस्म नहीं हो सकती। होलिका अपने भाई की बात मानकर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए उसे अपनी गोद में लेकर जलती हुई चिता पर बैठ गयी। लेकिन यहाँ भी श्री हरी विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की और वो अग्नि से सुरक्षित बाहर आ गया और होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गयी। तभी से होली के दिन होलिका दहन किया जाता है।

होलिका दहन से हमें यही संदेश मिलता है की आप ईश्वर की शरण में हैं तो कोई भी संकट आपको छू भी नहीं सकता।

होली का पहला दिन होलिका दहन

होली का पहला दिन होलिका दहन का दिन कहलाता है। इस दिन शाम के समय चौराहों पर, खेतों में और खुले मैदानों में लकड़ी और गोबर के उपले को एकत्र कर होलिका का दहन किया जाता है। इसमें लकड़ियाँ और उपले का प्रमुख रूप से उपयोग होता है। जलती हुई होली का सभी लोग पूजन करते हैं और अपने अंदर की बुराई को समाप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। गांवो में लोग होली के गीत गाकर होलिका दहन करते हैं।

होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है। यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है।

होली का दूसरा दिन रंगोत्सव

होली का दूसरा दिन एक दूसरे को रंग लगाने का होता है। यह दिन धुलेटी या धूलिवंदन भी कहलाता है। इस दिन लोग तरह-तरह के रंगों से खेलते हैं। सुबह होते ही सब अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने निकल पड़ते हैं। गुलाल और रंगों से सबका स्वागत किया जाता है। बाज़ार रंगों और पिचकारियों से सज जाते हैं।

लोग अपनी ईर्ष्या-द्वेष की भावना भुलाकर प्रेमपूर्वक गले मिलते हैं तथा एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। इस दिन जगह-जगह लोगों की टोलियाँ एक दूसरे को रंग लगातीं हुई नाचती गाती हुईं दिखाई पड़तीं हैं। बच्चे पिचकारियों से रंग छोड़कर अपना मनोरंजन करते हैं। सारा समाज होली के रंग में रंगकर एक-सा बन जाता है। रंग खेलने के बाद देर दोपहर तक लोग नहाते हैं और शाम को नए वस्त्र पहनकर सबसे मिलने जाते हैं। प्रीति भोज तथा गाने-बजाने के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

होली (टीका टिप्पणी)

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स्वामी विवेकानन्द पर निबंध - Swami Vivekananda Hindi Essay

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  • हिंदी निबंध संग्रह - Hindi Essay Collection

होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) – होली क्यों मनाई जाती है?

Holi par nibandh in Hindi (Essay on Holi in Hindi) – साल भर मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार भारतीय जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हमारे संस्कृति प्रधान देश में कई रंग-बिरंगे और विविध त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से होली का त्योहार भी विशेष महत्व रखता है, जिसे आपसी प्रेम और सद्भावना की भावना को मजबूत करने का पर्व कहा जाता है।

होली भारत की विविध संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो जीवन में उमंग, उल्लास और उत्साह को बनाए रखने की भूमिका निभाता है।

इस लेख में हम होली पर निबंध हिंदी में (Holi Essay in Hindi) होली के त्योहार के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी साझा करने जा रहे हैं। हम आशा करते हैं कि विभिन्न शब्द संख्याओं में उपलब्ध यह Holi ka nibandh (होली पर निबंध) सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

(होली की जानकारी और छोटे-बड़े निबंध – Short and Long Essay on Holi in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

Table of Contents

होली पर निबंध – 1  (250 शब्दों में) (Holi Essay in Hindi)

प्रस्तावना:

होली भारत में मनाया जाने वाला रंगों का एक बहुत लोकप्रिय त्योहार है। होली का मुख्य दिन फाल्गुन पूर्णिमा है, जो मार्च या अप्रैल के बीच में पड़ता है।

होली त्योहार क्या है?

होली एक हिंदू त्योहार (Hindu festival) है जो भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इसे “फागू पर्व (Fagu festival)” भी कहा जाता है क्योंकि इस त्योहार में लोग एक दूसरे पर अगरके फेंकते हैं और यह रंगों से भरा होता है। 

यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो फरवरी या मार्च के महीने में आता है। 

लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंगों से रंगते हैं। बच्चे अपनी इच्छा के अनुसार रंग और गुलाल और पिचकारी खरीदते हैं और लोगों को रंगों से सराबोर करने का आनंद लेते हैं।

इसके अलावा होली पर लोग एक दूसरे के साथ मिठाइयां खाने का भी लुत्फ उठाते हैं। 

भारत के अलग-अलग हिस्सों में होली अलग-अलग रूपों में मनाई जाती है, जैसे उत्तर भारत में लोग लोहड़ी जलाते हैं और मथुरा और वृंदावन में ब्रज भूमि के रंगोत्सव का आयोजन किया जाता है।

हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन इस त्योहार में विभिन्न समुदायों के लोग उत्साह और उमंग के साथ एक साथ आते हैं, जो वयस्कों को भी बचकाना बना देता है।

होली का उत्सव और वसंत ऋतु का आगमन अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और ऊर्जा को चारों ओर फैला देता है जैसे आकाश में गुलाल बिखर जाता है।

निष्कर्ष: 

होली एक सामाजिक और धार्मिक त्योहार है, जो लोगों को एक साथ आने और पुरे उत्साह के साथ आनंद का अनुभव करने का मौका देता है।

होली पर निबंध – 2  (600 शब्दों में) (Essay on Holi in Hindi)

भारत देश में विविध संस्कृति के साथ कई त्यौहार मनाए जाते हैं। होली, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है और इस दिन लोग एक दूसरे पर अगरके फेंकते हैं, रंग लगाते हैं और एक दूसरे को मिठाइयां भी बांटते हैं। होली के दिन लोग रंगों से खेलते हैं, गीत गाते हैं, नाचते हैं और मिठाई खाते हैं। 

होली का आगमन और उत्सव

होली का त्योहार आने के कुछ दिन पहले से ही बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी अपने-अपने तरीके से होली के त्योहार की तैयारी में लग जाते हैं। इस समय फागुन मास की शुरुआत ठंड को विदाई का संदेश लेकर आती है और मौसम सुहावना होने लगता है।

इस पर्व पर फाग गीतों की भी परंपरा रही है; फाग लोकगीतों के बिना यह पर्व कुछ अधूरा सा लगता है। पहले फाग सुनने से ही लोगों को पता चल जाता था कि होली आने वाली है।

खासकर बच्चों में होली के त्योहार को लेकर खासा उत्साह होता है। वे काफी पहले से ही होलिका दहन के लिए सुखी लकड़ियां इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं। 

वैसे तो गांवों में लकड़ियां आसानी से मिल जाती है, लेकिन शहर के बच्चे घरों के खराब फर्नीचर, लकड़ी के बेकार सामान आदि से ही होलिका दहन की व्यवस्था करते हैं। इसके साथ ही होलिका तैयार करने में सभी वर्ग के लोग लकड़ी का योगदान करते हैं।

लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ तरह-तरह के रंग और गुलाल की खरीदारी करने लगते हैं। महिलाएं होली के त्योहार पर घर आने वाले लोगों के लिए मिठाई, नमकीन और गुजिया बनाने में जुट जाती हैं।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के साथ त्योहार की शुरुआत होती है और अगले दिन होली का रंग-बिरंगा त्योहार मनाया जाता है।

लोग समूह में एक-दूसरे के घर जाते हैं और रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही, “बुरा ना मानो, होली है” का जुमला यह बताता है कि लोग इस दिन रंग और गुलाल लगाने के लिए स्वतंत्र हैं और इससे किसी को नाराज नहीं होना चाहिए।

होली में रंगों का क्या महत्व है?

होली रंगों का रंगीन त्योहार है और इसकी पहचान, रौनक और उत्साह भी इन्हीं रंगों पर आधारित है। तरह-तरह के रंगों में सराबोर चेहरे, कपड़े सबके चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं। इस त्योहार के रंगों में बुजुर्गों को भी बच्चों में बदलने की ताकत है।

होली को और किन नामों से जाना जाता है?

होली को आमतौर पर सभी राज्यों में होली के नाम से जाना जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर होली को आका, डोल भी कहा जाता है। इसके अलावा भारत और नेपाल में होली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • होली: भारत में होली नाम से जाना जाता है और यह फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
  • फागु पूर्णिमा: उत्तर प्रदेश और बिहार में यह फागु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
  • दोल यात्रा: बंगाल में होली को दोल यात्रा के नाम से जाना जाता है।
  • बसंतोत्सव: होली को भारत के कुछ हिस्सों में बसंतोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।
  • फाल्गुन महोत्सव: नेपाल में होली को फाल्गुन महोत्सव के नाम से जाना जाता है।

शहरी संस्कृति ने “होली मिलन” कार्यक्रमों को जन्म दिया है जिसमें राजनीतिक दल, संगठन बड़े पैमाने पर होली मिलन कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिसमें सैकड़ों लोग भाग लेते हैं।

  • भारत के अलावा कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश आदि कई देशों में भी होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली खुशी और एकता के साथ मनाया जाने वाला एक पारंपरिक त्योहार है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ रंगों से खेलते हैं, मस्ती करते हैं और सभी गिले-शिकवे भूलकर एक नई शुरुआत करते हैं।

होली पर निबंध – 3  (1300 शब्दों में) (Holi par nibandh in Hindi)

होली एक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो फरवरी और मार्च के बीच आता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करता है।

होली का इतिहास

पुराणों के अनुसार होली की शुरुआत से जुड़ी एक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। विष्णु पुराण की एक कथा के अनुसार दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप ने स्वयं को देवता मानकर अपने राज्य में विष्णु पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन उसका अपना पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और दिन-रात हरि भक्ति में लगा रहता था।

राजा हिरण्यकश्यप को प्रह्लाद का यह व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं आया और उसने प्रह्लाद का मन बदलने की हर संभव कोशिश की। ऐसे में जब प्रह्लाद को किसी भी तरह से भगवान की पूजा करने से रोकने में सफलता नहीं मिली तो उसने प्रह्लाद को मारने का आदेश दे दिया।

जब हाथी के पैरों तले कुचलकर पहाड़ से फेंके जाने पर भी प्रह्लाद को नहीं मारा जा सका तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई।

दरअसल होलिका को भगवान ब्रह्मा से यह वरदान मिला था कि वह आग में नहीं जलेगी। इसलिए वह प्रह्लाद को गोद में लेकर लकड़ी के ढेर पर बैठ गई और उसमें आग लगा दी गई।

होलिका की गोद में बैठा बालक प्रह्लाद भगवान का नाम जपता रहा और उसे किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट कामनाओं के कारण जलकर राख हो गई। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में होली का त्योहार मनाया जाने लगा।

होली मनाने के इतिहास के बारे में कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह पर्व प्राचीन आर्यों के समय से मनाया जाता रहा है। जबकि कुछ अन्य लोगों का मानना है कि होली फाल्गुन के महीने में भारत में प्रचलित लोक नृत्यों और गीतों से जुड़ी है।

होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली एक सामाजिक त्योहार है जो बहुत सारी रंगीन और मनोरंजक गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। हालांकि, कुछ सामाजिक कुरीतियां भी होती हैं जो होली के दौरान देखी जाती हैं। 

कुछ असामाजिक लोग होली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार को भी बदनाम करने से नहीं चूकते। कुछ नशेड़ी और दुराचारी लोग नशीले पदार्थ का सेवन कर बेकाबू हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं।

कुछ लोग होलिका में हानिकारक पदार्थ जैसे टायर, प्लास्टिक आदि जलाते हैं, उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता कि इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। 

कुछ अति मौज-मस्ती करने वाले लोग होली के दौरान नाभिक रंग, केमिकल रंग या अन्य अनुचित रंगों का उपयोग दूसरों को लगाने का गंदा काम करते हैं, जिससे लोगों को शारीरिक हानि होने की संभावना रहती है।

यदि इन बुराइयों को होली से दूर रखा जाए तो होली का त्योहार वास्तव में मनुष्य और पर्यावरण के लिए हैप्पी होली बन जाएगा।

भारत के विभिन्न राज्यों की होली परंपराएं

ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृन्दावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। होली की विभिन्न परंपराएं भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों में भी पाई जाती हैं।

ब्रजभूमि की लट्ठमार होली (Lathmar Holi of Braj Bhoomi):- “सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात ब्रज की होली सारे विश्व से निराली है। ब्रज के बरसाना गांव में होली को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 

इस होली में बड़ी संख्या में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव के थे और राधा बरसाना की।

जहां पुरुषों का ध्यान महिलाओं को पिचकारी से सराबोर करने पर होता है, वहीं महिलाएं अपना बचाव करती हैं और उनके रंगों का जवाब लाठियों से मारकर देती हैं।

मथुरा और वृंदावन की होली (Holi of Mathura and Vrindavan):- पूरे भारतवर्ष से परे मथुरा और वृंदावन में होली का एक अलग ही रंग होता है। यहां होली की धूम 16 दिनों तक रहती है। लोग “फाग खेलन आयो नंद किशोर” और “उदत गुलाल लाल भाए बदरा” जैसे लोक गीत गाकर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।

बिहार की फगुनवा होली (Phagunwa Holi of Bihar):- बिहार में तीन दिनों तक होली का त्योहार मनाया जाता है। पहले दिन रात को होलिका दहन होता है, जिसे यहां संवत्सर दहन भी कहा जाता है और लोग इस अग्नि के चारों ओर नृत्य करते हैं। अगले दिन इसकी राख से होली खेली जाती है, जिसे धुलेटी कहा जाता है और तीसरा दिन रंगों से भरा होता है।

पुरुषों और महिलाओं के समूह घर-घर जाते हैं और डोल की ताल पर नृत्य करते हैं। फागुन का अर्थ लाल रंग होता है, इसलिए इसे फगुवा होली भी कहा जाता है।

मध्य प्रदेश की भगोरिया होली (Bhagoria Holi of Madhya Pradesh):- मध्य प्रदेश में रहने वाले भील आदिवासियों के लिए होली खास होती है। इस भील होली को भगोरिया कहा जाता है। इस दिन बड़े हो रहे लड़कों को अपना मनपसंद जीवन साथी चुनने की छूट होती है।

भीलों का होली मनाने का एक विशेष तरीका है। इस दिन वे आम के बाग, टेसू के फूल और गेहूं की बालियों की पूजा करते हैं और नए जीवन की शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं।

महाराष्ट्र की रंगपंचमी (Rangpanchami of Maharashtra):- महाराष्ट्र में मछुआरों की बस्ती के लिए इस त्योहार का मतलब है नाचना, गाना और मस्ती करना होता है। क्योंकि इस त्योहार पर सभी मछुआरे एक-दूसरे के घर जाते हैं और मौज-मस्ती में काफी समय बीत जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन पूरन पोली नामक स्वादिष्ट मीठा पकवान बनाया जाता है।

गुजरात की मटकी फोड़ होली (Gujarat’s Matki Phod Holi):- गुजरात में होली के मौके पर जोशीले युवाओं की टोलियां सड़कों पर नाचती-गाती चलती है। गुजरात में होली का त्यौहार श्री कृष्ण की बाल लीला के उपलक्ष्य में होली के दिन मनाया जाता है। महिलाएं माखन से भरे मटकियों को गलियों में ऊंचाई पर टांगती हैं, पुरुष उन्हें तोड़ने की कोशिश करते हैं और गीत-नृत्य के साथ होली खेलते हैं। 

पंजाब का “होला मोहल्ला” (“Hola Mohalla” of Punjab):- पंजाब में होली के इस पर्व को मर्दों की ताकत के तौर पर देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिखों के पवित्र तीर्थ “आनंदपुर साहिब” में छह दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं और घुड़सवारी, तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।

हरियाणा की धुलंडी होली (Dhulandi Holi of Haryana):- हरियाणा, भारत में, होली को धुलंडी और सूखी होली के रूप में मनाया जाता है – इसे गुलाल और अबीर के साथ खेला जाता है। इस दिन भाभियों को साल भर परेशान करने वाले अपने देवर को सजा देने की पूरी आजादी होती है।

भाभियां अपने देवरों को तरह-तरह से प्रताड़ित करती हैं और बेचारे देवर चुपचाप सब सह लेते हैं, क्योंकि यह दिन भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है।

राजस्थान में तमाशा होली (Tamasha Holi in Rajasthan):- राजस्थान में होली के अवसर पर तमाशे की परंपरा है। इसमें कलाकार नुक्कड़ नाटक की शैली में मंच को सजाकर आते हैं और नृत्य और अभिनय से भरपूर अपने पारंपरिक कौशल का प्रदर्शन करते हैं। तमाशा की विषयवस्तु पौराणिक कथाओं और पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है और इन पात्रों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर व्यंग्य भी करती है।

बंगाल की “डोल पूर्णिमा” होली (“Dol Purnima” Holi of Bengal):- बंगाल और उड़ीसा में होली “डोल पूर्णिमा” के नाम से प्रचलित है। इस दिन भजन-कीर्तन गाते हुए पूरे गांव में राधा-कृष्ण की मूर्ति को जुलूस के लिए निकाला जाता है और रंगों से होली खेली जाती है।

मणिपुर की होली (Holi of Manipur):- होली पर मणिपुर में “थबल चोंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह उत्सव पूरे छह दिनों तक चलता है जिसमें नृत्य-गीत और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होती हैं।

होली के दिन लोग अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं और दुश्मनी खत्म करते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल और अन्य रंगों से रंगते हैं जो खुशी, प्रेम और मेल-मिलाप की अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं। 

इसके अलावा, होली का अधिक महत्व है क्योंकि यह मानवता के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह ऐसा पर्व है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति की बंधनों की सीमाओं से परे जाकर लोगों को भाईचारे का संदेश देता है।

होली पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on Holi in Hindi)

  • होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है।
  • यह हिंदुओं के सबसे पसंदीदा और आनंददायक त्योहारों में से एक है।
  • यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करता है।
  • होली भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है।
  • यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • रंग, गुलाल, पिचकारी और रंग-बिरंगे पानी के गुब्बारों से बच्चे इस त्योहार को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • होली रंगों का रंगीन त्योहार है और इसकी पहचान, रौनक और उत्साह भी इन्हीं रंगों पर आधारित है।
  • इस त्योहार के अवसर पर, सभी लोग जीवन में सभी बुराईयों पर अच्छाई की जीत के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।
  • इस मौके पर अपने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों पर रंग डालकर त्योहार मनाया जाता है।

Q – होली का नाम किसके नाम पर रखा गया है? A – होली का नाम हिरण्यकशिपु की बहन होलिका के नाम पर रखा गया है।

Q – साल 2023 में होली कब मनाई जाएगी? A – इस वर्ष होली 08 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।

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होली पर निबंध - holi essay in hindi 2024 (holi par nibandh).

March 12, 2024 by: Jamshed Khan

Holi Essay in Hindi 2024: हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार (festival of colours) भी कहते हैं। इस आर्टिकल में हम विद्यार्थियों के लिए होली पर हिंदी निबंध लेकर आए हैं। यहाँ से students अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार होली पर निबंध का चयन कर सकते हैं। यदि आपने भी अपने स्कूल में होली के अवसर पर निबंध लेखन प्रतियोगिता (Essay writing competition) में भाग लिया है तो आप हमारे द्वारा प्रस्तुत कराए गए essays की मदद से होली पर एक शानदार निबंध लिख सकते हैं। Essay on Holi in Hindi for students.

Holi Essay in hindi

होली को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हर साल मार्च के महीने में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा उत्साह के साथ होली मनाई जाती है। जो लोग इस त्योहार को मनाते हैं, वे हर साल रंगों के साथ खेलने के लिए उत्सुकता से इंतजार करते हैं।

दीपावली की तरह होली जैसे त्यौहार पर भी स्कूल आदि में शिक्षकों (Teachers) द्वारा बच्चों को निबंध लिखने के लिए कहा जाता है ऐसे में सभी विद्यार्थी एक उत्कृष्ट निबंध (Excellent essay) लिखने की कोशिश करते हैं।

इस आर्टिकल में हमने 1 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों के लिए होली पर छोटे, बड़े, आसान और सरल निबंध प्रस्तुत कराए है जो छात्रों की होली पर निबंध लिखने में बहुत सहायता कर सकते हैं।

Table of Contents

  • 1.1 Holi Essay in Hindi 2024 (निबंध 1) of 50 Words
  • 1.2 होली पर निबंध 2 (100 Words)
  • 1.3 Beautiful Essay on Holi in Hindi font for kids
  • 1.4 My Favourite Festival Holi Essay in Hindi
  • 1.5 Holi Essay In Hindi 10 Lines
  • 1.6 Short Essay on Holi in Hindi for Class 1, 2, 3, 4 to 5 Students
  • 1.7 Paragraph On Holi in Hindi (150 words)
  • 1.8 10 Lines on Holi Festival in Hindi Language
  • 1.9 Holi par nibandh in hindi
  • 1.10 Holi Essay hindi mein (200 Words)
  • 1.11 You might also enjoy...
  • 1.12 Sample Essay on Holi in Hindi language
  • 1.13 Holi par Essay in Hindi
  • 1.14 Simple Essay on Holi in Hindi for Children
  • 1.15 How to Write an Essay on Holi in Hindi (250 Words)
  • 1.16 Essay Writing on Holi in Hindi
  • 1.17 Short and Long Essay on Holi in Hindi (300 Words)
  • 1.18 Write a Short Essay on Holi in Hindi
  • 1.19 Holi Essay in Hindi for Students and Children
  • 1.20 Essay on Holi in Hindi (350 Words)
  • 1.21 Holi Festival Essay in Hindi (400 Words)
  • 1.22 Best Essay on Holi in Hindi (450 Words)
  • 1.23 Essay on Festival of Colours in Hindi (500 Words)
  • 1.24 निष्कर्ष, (Conclusion)

होली पर हिन्दी निबंध (Holi Essay in Hindi for Students, Essay on Holi 2024 in Hindi, Holi par nibandh hindi mein)

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Holi Essay in Hindi 2024 (निबंध 1) of 50 Words

होली का त्यौहार बच्चों के लिए विशेष रूप से मजेदार और आनंदमय होता है। होलिका दहन के दिन लकड़ी एकत्र की जाती है। सभी महिलाएं होलिका दहन के दिन शाम को होली जलाने से पहले होली की पूजा करती हैं।

सभी धर्मों के लोग एक साथ होली मनाते हैं। होली के दिन हर कोई एक-दूसरे को रंग (colour) लगाकर एक-दूसरे के प्रति प्यार जताता है।

होली पर निबंध 2 (100 Words)

होली हमारे देश का प्रमुख त्योहार है। यह हिंदू धर्म का त्योहार है लेकिन सभी धर्मों के लोगों द्वारा इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। होली के दिन सभी एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। होली के एक दिन पहले होलिका दहन (holika dahan) किया जाता है, जो रात में होता है।

होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा (mythology) है जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। होली के दिन, लोग सभी शिकायतों को भूल जाते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। होली का त्यौहार एक साथ मिलजुल कर मनाया जाता है।

Beautiful Essay on Holi in Hindi font for kids

होली का त्यौहार एक बहुत ही खूबसूरत त्यौहार (beautiful festival) है। यह पूरे भारत में मनाया जाता है। इसे रंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होली दो दिन का त्योहार है। इस दिन हम शाम को होलिका दहन करते हैं और दूसरे दिन हम एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाते हैं।

यह होली का त्यौहार वसंत के मौसम (Spring season) के आगमन पर मनाया जाता है। हमारे भारत में, यह त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हम इस त्योहार पर रंगों और गुलाल से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।

इस दिन हमारी माँ विशेष मिठाइयाँ बनाती हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

My Favourite Festival Holi Essay in Hindi

होली एक प्रसिद्ध त्योहार (famous festival) है। यह रंगों का त्योहार है। होली दो दिवसीय त्योहार है। हम पहले दिन की रात को होलिका दहन करते हैं। दूसरे दिन लोग रंगों से खेलते हैं। होली हर साल फालुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।

यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। इस दिन सभी लोग पके हुए खाद्य पदार्थों जैसे गुझिया, पापड़, दही भल्ले आदि का सेवन करते हैं।

इस दिन भगवान विष्णु ने अपने महान भक्त प्रह्लाद को होलिका से बचाया था। होली बुराई पर अच्छाई की जीत को चिन्हित करता है।

Holi Essay In Hindi 10 Lines

होली पूरे भारत में और दक्षिण एशिया के अन्य देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली रंगों का त्यौहार है और लोग इस दिन रंग लगाते हैं। होली खुशी का त्योहार है जो वसंत के आगमन का प्रतीक है।

होली को आशा और आनंद का प्रतीक माना जाता है। यह एक अच्छी फसल के लिए धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

यह त्योहार मार्च के महीने में और कभी-कभी फरवरी के महीने में आता है। होली का त्यौहार हम सभी को मिलकर मनाना चाहिए।

Short Essay on Holi in Hindi for Class 1, 2, 3, 4 to 5 Students

होली रंगों का त्योहार है। यह हिन्दुओं के त्योहार के रूप में है, लेकिन अब हर कोई एक-दूसरे पर रंग उड़ाने के माध्यम से प्यार को साझा करने की इस सुंदर संस्कृति में लिप्त है।

होली प्यार में एक दूसरे को रंग देने का प्रतीक है। होली को सभी संस्कृतियों और राज्यों (Cultures and states) द्वारा व्यापक रूप से भारत में मनाया जाता है। वैसे भी, होली एक मजेदार त्योहार (fun festival) है।

छोटे बच्चे पानी के रंगों के साथ खेलना पसंद करते हैं, बुजुर्ग एक-दूसरे के घरों में जाते हैं, अच्छा भोजन और पल साझा करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोग होली के इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

Paragraph On Holi in Hindi (150 words)

होली का त्यौहार एक हिंदू त्यौहार (hindu festival) है जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है। रंगों का त्योहार प्रेम, हंसी, दोस्ती, आशा और खुशी का उत्सव (celebration of happiness) है।

यह व्यापक रूप से भारत (India) के सबसे रंगीन त्योहार (colorful festival) के रूप में जाना जाता है, और इसे आमतौर पर गुलाल, रंगीन पाउडर के साथ वसंत के रंगों की नकल करते हुए मनाया जाता है।

आमतौर पर हिंदू कैलेंडर में फाल्गुन (मार्च) की पहली पूर्णिमा को मनाया जाता है, होली सभी उम्र के लोगों के लिए एक बहुत अच्छा पर्व है।

एक ऐसा पर्व जो एक दूसरे के साथ जुड़ने, एक दूसरे के साथ गाने और नृत्य करने, भोजन साझा करने के लिए, और आगे आने वाले दिनों की आशा जगाता है। अब इसे पूरे विश्व में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

10 Lines on Holi Festival in Hindi Language

होली वसंत के मौसम में हर साल मनाया जाने वाला रंगों का त्यौहार है। यह पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। लोग अपनी पुरानी दुश्मनी को भूल जाते हैं और होली के दौरान एक दूसरे के साथ रंगों से खेलते हैं।

होलिका दहन पूर्णिमा के दिन शाम को किया जाता है जहाँ होलिका दहन के प्रतीक के रूप में लकड़ी का एक बड़ा ढेर जमीन पर जलाया जाता है। महिलाएं इस दौरान पारंपरिक गीत (traditional songs) गाती हैं।

अगले दिन सुबह लोग रंगों से खेलते हैं। छोटे बच्चे (small children) रंगीन पानी से गुब्बारे (balloons) भरते हैं और एक दूसरे पर फेंकते हैं। लोग इस त्योहार का आनंद गाते हुए, नाचते हुए और स्वादिष्ट भोजन (delicious food) करके लेते हैं।

हर कोई इस दिन परिवार (family) और दोस्तों (friends) से मिलता है और अपनी खुशी का इजहार करता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

Holi par nibandh in hindi

होली को रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों (important festivals) में से एक है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में हिन्दू धर्म के अनुयायियों (followers) द्वारा उत्साह और उमंग के साथ होली मनाई जाती है।

जो लोग इस त्यौहार को मनाते है वे हर साल रंगों के साथ खेलने और मनोहर व्यंजनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली दोस्तों और परिवार के साथ खुशियाँ मनाने के बारे में है।

लोग अपनी परेशानियों को भूल जाते है और भाईचारे का त्योहार मनाने के लिए इस त्यौहार का आनंद लेते है। दुसरे शब्दों में हम अपनी दुश्मनी भूल जाते है और त्यौहार की भावना में खो जाते है।

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि लोग रंगों के साथ खेलते है और त्यौहार के सार में रंग पाने के लिए उन्हें एक दुसरे के चेहरे पर लगाते है।

Holi Essay hindi mein (200 Words)

हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं। होली का त्यौहार सारे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

होली प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन रात में होलिका दहन होता है। होलिका दहन के अगले दिन सुबह सभी एक दुसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं।

प्रत्येक घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं। बच्चे उन्हें खाकर बहुत प्रसन्न होते हैं। रंग खेलने के बाद सभी नहा धोकर नए-नए वस्त्र पहनते हैं। सभी इर्ष्या-द्वेष भुलाकर एक-दुसरे के घर जाकर आपस में गले मिलते हैं।

इस दिन लोग एक दुसरे को होली की बधाई देते हैं। होली का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो समाज में प्रेम और भाईचारे को बनाए हुए है।

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Sample Essay on Holi in Hindi language

परिचय: भारत मेलों और त्योहारों का देश है। हिन्दुओं, मुसलमानों और ईसाईयों के अपने त्योहार हैं। होली हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह खुशी और दोस्ती का त्योहार (festival of friendship) है।

उत्सव का समय: यह मार्च-वसंत के मौसम में मनाया जाता है। वसंत वर्ष के सभी मौसमों में सबसे अच्छा है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है।

इसके पीछे की पौराणिक कथा: यह भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। उसे ईश्वर पर बहुत भरोसा था। उसके पिता हिरण्यकश्यप ने उसे यातनाएं दीं लेकिन उसने भगवान में अपना विश्वास नहीं छोड़ा। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रह्लाद के साथ अग्नि की ज्वाला में बैठने को कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद ने लपटों से अछूते को हटा दिया।

यह कैसे मनाया जाता है: शहर के कई स्थानों पर रात में होली जलाई जाती है। ढोल पीटा जाता है। लोग नाचते और गाते हैं। वे गुलाल से एक-दूसरे का मुंह रंगीला बना देते हैं। वे खाते हैं, पीते हैं, नाचते हैं और आनंद लेते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। उन्होंने घर में तैयार मिठाइयों को साझा किया।

निष्कर्ष: वास्तव में, होली रंगों का त्योहार है। अगर हमारे दिल में उमंग और खुशी है।

Holi par Essay in Hindi

होली हिंदुओं का लोकप्रिय त्योहार (popular festival) है। यह प्रत्येक वर्ष पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह बहुत ही मनोहर त्यौहार है। एक-दुसरे पर रंग डालने और अपने साथियों के चेहरे को रंगीन बना देने में बड़ा आनंद आता है।

यह त्यौहार सभी के लिए ख़ुशी और मौज-मस्ती का त्यौहार है। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन शाम को किसी चौराहे पर लकड़ी आदि जलाते हैं।

इस दिन किसान (farmers) अन्न के नये दाने होलिका की अग्नि में चढ़ा कर नया अन्न खाना शुरू करते हैं। रंग के दिन लोग एक-दुसरे पर गुलाल डालते हैं। इस दिन बड़ा मजा आता है।

बच्चे इस मौके का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि कब वो अपने दोस्तों को रंग सके। होली मेल व एकता का पर्व है इसलिए इस मौके पर किसी पर कीचड़ आदि फेंकना या शराब पीना अनुचित है।

केवल प्यार से रंग खेलना चाहिए, मतलब होली का त्यौहार मनाना चाहिए। स्वादिष्ट पकवानों का मिलकर आनंद लेना चाहिए और दुश्मनों को भी दोस्त बना लेना चाहिए। इस त्यौहार की सभी को मुबारकबाद देनी चाहिए।

Simple Essay on Holi in Hindi for Children

होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाई जाती है। होली का त्यौहार पुरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। होली का त्यौहार लोग आपस में गले लगकर और एक दुसरे को रंग लगाकर मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फाल्गुन गीत (phalgun song) भी गाये जाते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास (ancient history) है। प्राचीन समय में हिरनकश्यप नाम का एक असुर था जो भगवान् विष्णु विरोधी था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था।

कश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान् विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे इसी कारण कश्यप ने अपनी बहन होलिका से पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के लिए आग में लेकर बैठने को कहा क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था।

उसके बाद होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ जाती है लेकिन प्रहलाद आग में सुरक्षित बच जाते हैं जबकि होलिका आग में चलकर भस्म हो जाती है।

How to Write an Essay on Holi in Hindi (250 Words)

होली हँसी-खुशी का त्यौहार है। यह एकता और भाई -चारे, मिलन और खुशी का प्रतीक है। होली का त्यौहार फाल्गुन महीने की पूर्णमासी को मनाया जाता है। इसमें एक-दुसरे पर रंग डालते हैं। सूखा, गुलाल रंग भी मलते हैं। रंग पानी में घोलकर पिचकारी चलाने से बड़ा आनंद आता है।

सबके मन मस्त हो जाते हैं। लोग नाचते-गाते हैं और विभिन्न प्रकार के स्वांग रचते हैं। आपस में गले मिलते है। कहते हैं कि, प्रहलाद ईश्वर भक्त था। उनके पिता हिरण्यकश्यप कहता था कि "मुझे ईश्वर मानो।" परन्तु उसका पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था।

पिता के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यप की बहिन होलिका थी जिसे आग से नहीं जलने का वरदान प्राप्त था। अत्याचारी हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई थी पर होलिका तो जल गई, प्रहलाद बच गया।

होली उस प्राचीन घटना (ancient event) की भी याद दिलाती है। कई बच्चे और कई बड़े भी मिट्टी उड़ाते हैं, गुब्बारे मारते हैं, कालिख मलते हैं, गालियाँ बकते हैं और भद्दे शब्द (ugly words) बोलते है। इससे कभी-कभी लड़ाई-झगड़ा भी हो जाता है।

कुछ लोग नशा करते हैं। ये बुरी बातें हैं। होली ख़ुशी मनाने का पर्व है। इस दिन पुरानी दुश्मनी भूल जानी चाहिए। रूठे हुए लोगों को मनाना चाहिए और इस तरह प्रेम प्रीति का जीवन (life of love) व्यतीत करने का संकल्प करना चाहिए।

Essay Writing on Holi in Hindi

होली एक रंगों का त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संदेश वाहक (संदेशवाहक = संदेश लाने वाला) है। इसके आगमन पर सभी प्राणी (creature) और यहाँ तक कि प्रकृति भी आनंद और उमंग से इठला जाती है। हिन्दू लोग इसे हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

यह त्यौहार एकता, मिलन और पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस त्यौहार को किसान लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इन दिनों किसानों की वर्ष भर के परिश्रम (labor) से उगाई गई फसल पक कर तैयार होती है। वे अपनी फसल को लहराई हुई देखकर फुले नहीं समाते हैं।

सभी किसान मिलकर नाचते गाते हैं। इस दिन सभी लोग रात को नए अनाज की बालों को होली की आग में भूनकर उसके दानों को सब में बाँटते हैं और आपसी बैर-भाव को भुलाकर एक दुसरे से गले मिलते हैं। संध्या समय महिलाएं और बच्चे होली की पूजन करते हैं।

होली का अगला दिन दुल्हैंडी का होता है। इस दिन लगभग दोपहर के दो बजे तक रंग और गुलाल से होली खेली जाती है। इस होली के रंग, गुलाल में बच्चे, जवान और बूढ़े पुरुष-महिलाएं सभी हिस्सा लेते हैं। कुछ लोग गुलाल की जगह चंदन का टिका लगाते हैं और आपस में गले मिलते हैं।

गली-मुहल्लों और सड़कों पर अनेक टोलियाँ नाचती-गाती दिखाई पड़ती है। ब्रज की होली बहुत प्रसिद्ध है। इस दिन लोग पकवान बनाते हैं और दुसरे लोगों को मिष्ठान आदि खिलाते है। होली के दिन कुछ लोग तो भांग आदि का भी सेवन करते हैं।

Short and Long Essay on Holi in Hindi (300 Words)

होली रंगों का त्योहार है। यह एक मौसमी त्योहार (seasonal festival) है और हिंदुओं के लिए सबसे सुखद त्योहार है। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। यह मार्च के महीने में चैत के पहले दिन मनाया जाता है। इसकी पृष्ठभूमि में एक कहानी (story) है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्याचारी राजा (tyrannical king) था। वह ईश्वर में विश्वास नहीं करता था। उसने अपनी प्रजा को भगवान की पूजा करने से प्रतिबंधित कर दिया।

उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान का भक्त था। दुष्ट राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को आग में जिंदा जलाने का आदेश दिया। एक दिव्य उपहार के अनुसार, होलिका आग में नहीं जल सकती थी, लेकिन भगवान की महिमा अद्भुत है। होलिका जल गई और प्रह्लाद का कुछ नहीं हुआ। होलिका दहन उसी घटना को मनाने के लिए होली से एक रात पहले किया जाता है।

होलिका दहन के बाद का दिन हास्य और रंग का होता है। सभी बच्चे, लड़के और लड़कियां रंगों में खेलते हैं। लोग सड़कों पर और सड़कों पर, ड्रम बजाते हुए, गाने गाते हुए समूहों में हँसते, गाते और नाचते हैं। हास्य विनोद अपनी सीमा तक पहुँचता है।

वे अवीर लेते हैं (लाल, हरा, पीला रंग जिसे लोग होली के दिन माथे पर लगाते हैं, इसे अवीर कहा जाता है।) अपने हाथों में और इसे अपने दोस्तों और परिवारों के माथे पर लगाते हैं। शाम को लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं। होली आनंद देने वाला त्यौहार है।

यह त्योहार लोगों को चिंतामुक्त (tension free) करता है। लोग विभिन्न ढंग से अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हैं। कुछ लोग इस अवसर पर कीचड़ और गंदे पानी डालते हैं। यह उचित नहीं है। कुछ लोग नशीली वस्तुओं का सेवन करते हैं। गंदे गाने गाते है और नारियों का अपमान करते हैं।

असामाजिक तत्व इस अवसर को गन्दा बनाते हैं। होली का त्योहार हमें प्रेम की शिक्षा देता है। इसे उचित ढंग से मनाना चाहिए। हम लोगों को सभी नागरिक की तरह व्यवहार करना चाहिए। यह त्यौहार हमें भाईचारे का पाठ पढ़ाता है।

Write a Short Essay on Holi in Hindi

होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस समय ग्रीष्म ऋतु (summer season) की शुरुआत हो जाती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। एक कथा है, प्राचीन काल में हिरनकश्यप नाम का एक असुर राजा हुआ करता था। वह खुद को ईश्वर से भी महान समझता था। उसका पुत्र प्रहलाद परम ईश्वर भक्त था।

हिरनकश्यप ने प्रहलाद को ईश्वर भक्ति छोड़कर अपनी भक्ति करने का आदेश दिया लेकिन प्रहलाद ने अपने पिता का आदेश नहीं माना तो हिरनकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को मारने का निश्चय किया। हिरनकश्यप की एक बहन भी थी जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था जिससे उस पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता था।

इसलिए असुर राजा ने अपनी बहन को प्रहलाद को लेकर आग में बैठने का आदेश दिया। होलिका अपने भाई का आदेश मानकर प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई। मगर हुआ यूँ कि, प्रहलाद को आग भी नहीं जला सकी, जबकि होलिका आग में न जलने का वरदान प्राप्त होते हुए भी आग में जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गया।

इस कहानी के आधार पर होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक कहा जाता है। इसलिए सभी लोग मिलजुल कर होली का त्यौहार मनाते हैं। होली के दिन रंगों से खेलते हैं, सभी एक-दुसरे पर रंग मलते हैं। बच्चे पिचकारियों में रंग भर कर एक दुसरे पर रंग की पिचकारी मारते हैं।

छोटे-बड़ो की टोलियाँ हर गली-मोहल्लों में गाते -बजाते निकलती हैं और बुरा ना मान होली है, कहकर सब पर रंग छिड़कते हैं। इस दिन सभी कटुता को भूलकर प्रेम के रंग में रंग जाते हैं।

इसलिए होली को मेल-मिलाप का त्यौहार भी कह सकते हैं। होली का त्यौहार हमारे लिए एक संदेश हैं कि, अपने मन की बुराइयों को खत्म करके अच्छाईयों को अपनाओ, यही प्यार भरे जीवन की राह है।

Holi Essay in Hindi for Students and Children

होली रंगों का त्यौहार है जो हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन, सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इजहार करने के लिए रंग और गुलाल लगाते हैं। यह उत्साह और भाईचारे से भरा त्योहार है। इस दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, हलवा आदि बनाया जाता है और आपस में खाते हैं।

इस त्योहार को मनाने के पीछे एक भक्त की कथा है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा हुआ करता था जो अपनी प्रजा को स्वयं की पूजा करने के लिए कहता था और खुद को दिव्य मानता था। गरीब लोग डर से राजा की पूजा करते थे, लेकिन राजा का पुत्र, जिसका नाम प्रहलाद था, भगवान विष्णु का परम भक्त था।

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफरत करता था और अपने पुत्र को विष्णु की पूजा करने से मना करता था। सभी प्रयासों के बाद, जब प्रह्लाद ने विष्णु की पूजा करना बंद नहीं किया, तो एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन के साथ, जिसका नाम होलिका था, भक्त प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई।

होलिका को ब्रह्मा से वरदान मिला था कि वह आग से नहीं जलेगी। होलिका प्रहलाद को जलती हुई अग्नि में लेकर बैठ जाती है, लेकिन प्रह्लाद का बाल बांका नहीं हुआ और होलिका उसी अग्नि में अपने बुरे कर्मों से भस्म हो गयी।

इस तरह, भगवान द्वारा भक्त की स्मृति में और सत्य पर असत्य की जीत के प्रतीक के रूप में होली का त्योहार मनाया गया। तब से लेकर आज तक, होली से एक दिन पहले हर कोई होलिका दहन करता है और दूसरे दिन रंगों के साथ होली का त्योहार मनाता है।

Essay on Holi in Hindi (350 Words)

त्यौहार जीवन की एकरसता को तोड़ने और उत्सव के द्वारा नई रचनात्मक स्फूर्ति हासिल करने के लिए हुआ करते हैं। संयोग से मेल-मिलाप का अनूठा त्यौहार होने के कारण होली में यह स्फूर्ति हासिल करने और साझेपन की भावना को विस्तार देने के अवसर ज्यादा हैं। देश में मनाए जाने वाले धार्मिक व सामजिक त्योहारों के पीछे कोई न कोई घटना अवश्य जुड़ी हुई है।

शायद ही कोई ऐसी महत्वपूर्ण तिथि हो, जो किसी न किसी त्यौहार या पर्व से संबंधित न हो। दशहरा, रक्षाबंधन, दीपावली, रामनवमी, वैशाखी, बसंत पंचमी, मकर संक्रांति, बुद्ध पूर्णिमा आदि बड़े धार्मिक त्यौहार है। इनके अलावा कई क्षेत्रीय त्यौहार भी है। भारतीय तीज त्यौहार साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं।

रंगों का त्यौहार होली धार्मिक त्यौहार होने के साथ-साथ मनोरंजन का उत्सव (entertainment festival) भी है। यह त्यौहार अपने आप में उल्लास, उमंग और उत्साह लिए होता है। इसे मेल व एकता का पर्व भी कहा जाता है। हंसी ठिठोली के प्रतीक होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार कहलाता है।

इस त्यौहार में लोग पुराने बैरभाव त्याग एक दुसरे को गुलाल लगाकर बधाई देते हैं और गले मिलते हैं। इसके पहले दिन पूर्णिमा को होलिका दहन और दुसरे दिन के पर्व को धुलेंडी कहा जाता है। होलिका दहन के दिन गली-मुहल्लों में लकड़ी के ढेर लगा होलिका बनाई जाती है।

शाम के समय महिलाएं-युवतियां उसका पूजन करती हैं। इस अवसर पर महिलाएं श्रंगार आदि कर सजधज के आती है। बृज क्षेत्र में इस त्यौहार का रंग करीब एक पखवाड़े पूर्व चढ़ना शुरू हो जाता है। होली भारत का एक ऐसा पर्व है जिसे देश के सभी निवासी सहर्ष मनाते हैं।

हमारे तीज त्यौहार हमेशा साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं। यह साझापन होली में हमेशा दिखता आया है। मुगल बादशाहों की होली की महफिलें इतिहास में दर्ज होने के साथ यह हकीकत भी बयां करती है कि रंगों के इस अनूठे जश्न में हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं।

मीर, जफर और नजीर की शायरी में होली की जिस धूम का वर्णन है वह दरअसल लोक परंपरा और सामाजिक बहुलता का ही रंग है।

Holi Festival Essay in Hindi (400 Words)

होली एक ऐसा रंग बिरंगा त्यौहार है जिसे हर धर्म के लोग पुरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व हर साल बसंत ऋतू के समय फाल्गुन महीने में आता है। यह हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बहुत सुन्दर और रंगीन नजर आते है।

हिन्दू पौराणिक ग्रंथो के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक दुष्ट बहन थी होलिका, जो अपने भाई के पुत्र प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर आग में जलाना चाहती थी। प्रहलाद भगवान् विष्णु के परम भक्त थे, जिन्होंने होलिका की आग से प्रहलाद को बचाया और आग में होलिका को राख कर दिया। तभी से हिन्दू धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई की विजय के रूप में हर साल होली का त्यौहार मनाते हैं।

होली रंगों का त्योहार है। होली खेलने के लिए लोग तरह-तरह के रंगों का इस्तेमाल करते हैं। पुराने जमाने के लोग प्राकृतिक रंग का प्रयोग करते थे। जिसकी वजह से उनकी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। लेकिन अब लोग  रासायनिक आधारित (chemical based) रंग का इस्तेमाल करते हैं। गुलाल का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। किसी को जबरदस्ती रंग नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी -किसी की त्वचा संवेदनशील होती है।

केमिकल वाले रंग त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। होली का ये उत्सव फाल्गुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है। सभी रात में एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास और गोबर के ढेर को जलाकर उसमें हरी खेजड़ी का एक बड़ा लक्कड़ प्रहलाद के रूप में खड़ा करके होलिका दहन की रिवाज को संपन्न करते हैं।

इसमें महिलाएं रीति से संबंधित गीत गाती है और पुरुष भांग लेकर धमाल गाते है और होली खेलने के लिए सुबह का इंतजार करते हैं। इस दिन सभी लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर स्वादिष्ट पकवानों और मिठाइयाँ (sweets) बांटकर खुशी का इजहार करते हैं। होली भारत और भारत में रहने वाले हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।

लेकिन होली हिन्दू ही नहीं सभी लोग मनाते हैं क्योंकि होली उत्साह, नई आशा और जोश के साथ मनाई जाती है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक, कार्यालय, विश्व विद्यालय और दुसरे सभी संस्थान बंद रहते हैं।

ताकि सभी लोग अपने परिवार के साथ इस रंगीले त्यौहार का लुप्त उठा सके। यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन लोग अपने बीच के सारे मतभेद को भूल जाते हैं।

Best Essay on Holi in Hindi (450 Words)

होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते-बजाते, हँसते-हँसाते अपने खेतों पर जाते हैं। वहां से वे जौ की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते हैं। जब होली में आग लगती है तब उस अधपके अन्न को उसमें भुनकर एक-दुसरे को बाँटकर गले मिलते हैं।

होलिका दहन के संबंध में कहानी प्रसिद्ध है। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आगे उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप ईश्वर को नहीं मानता था। वह खुद को ही बड़ा मानता था। उसका बेटा प्रहलाद उसके पिता के विपरीत ईश्वर पर विश्वास करता था। पिता ने उसे ऐसा करने के लिए बार-बार समझाया, किंतु प्रह्लाद पर कोई असर नहीं हुआ।

इससे हिरण्यकश्यप बहुत क्रूद्ध हुआ। उसने अपने पुत्र को तरह-तरह से त्रास दिए, लेकिन प्रहलाद अपने निश्चय से डिगा नहीं। अंत में हिरनकश्यप ने उसे अपनी बहन होलिका के सुपुर्द कर दिया। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका तो जल गई लेकिन भक्त प्रहलाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय है।

एक कथा के अनुसार, भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों से रासलीला की थी। इसी दिन नंदगाव में सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियाँ मनाई थी। नंदगाव और बरसाने की ब्रजभूमि पर इसी दिन बूढ़े और जवान, स्त्री और पुरुष सभी ने एक साथ मिलकर जो रास-रंग मचाया था, होली आज भी उसकी याद ताजा कर जाती है।

पहले प्रतिभोज का आयोजन होता था, गीतों, फागों क उत्सव होते थे, मिठाइयाँ बाँटी जाती थी। बीते वर्षों की कमियों पर विचार होता था। इसके बाद दुसरे दिन होली खेली जाती थी। छोटे-बड़े मिलकर होली खेलते थे। अतिथियों को मिठाइयाँ और तरह-तरह के पकवान खिलाकर तथा गले मिलकर विदा किया जाता था।

लेकिन आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चुका है। इसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है। होली की जलती आग में घरों के किवाड़, चौकी, छप्पर आदि जलाकर राख कर दिए जाते हैं। खेत-खलिहानों के अनाज, मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है।

रंग के बहाने दुश्मनी निकालना, शराब के नशे में मन की भड़ास निकालना आज होली में आम बात हो गई है। यही कारण है कि आज समाज में आपसी प्रेम के बदले दुश्मनी पनप रही है। जोड़ने वाले त्यौहार मनों को तोड़ने लगे हैं।

होली की इन बुराइयों के कारण सभी और समझदार लोगों ने इससे किनारा कर लिया है। रंग और गुलाल से लोग भागने लगे हैं।

Essay on Festival of Colours in Hindi (500 Words)

भारत मेलों और त्योहारों की भूमि है। शायद ही कोई महीना किसी मेले या त्योहार के बिना गुजरे। होली रंगों का त्योहार है। यह आमतौर पर मार्च के महीने में आता है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। यह मौज-मस्ती और तुच्छता का त्योहार है। यह उल्लास और उमंग का अवसर है। पुरुष, स्त्रीत्व बच्चे सभी उच्च आत्माओं में हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। लोग एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे एक दूसरे के चेहरे रंग रगड़ते हैं, गोल पाउडर रंग एक दूसरे पर फेंकते हैं। दिन व्यावहारिक चुटकुले, मजेदार और हँसी द्वारा चिह्नित है। बच्चे अपने हाथों में रंगीन पानी और पानी पंप की बोतलों के साथ सड़कों पर चले जाते हैं।

ड्रमों को पीटा जाता है और गाने गाए जाते हैं और पूरा वातावरण खुशी के जयकारों के साथ बजता है। पुराने लोगों को भी नहीं बख्शा जाता। जो लोग बचते हैं रंग लगवाने से उन पर रंगीन पानी की बाल्टी डाली जाती है। सभी सिर रंग की धूल से भरे हुए हैं, सभी कपड़े रंगीन पानी से गीले हैं और सभी चेहरे रंगीन और पहचान से परे होते हैं।

पानी और रंग फेंकना दोपहर में समाप्त हो जाता है। लोग खुद को साफ करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। स्वादिष्ट व्यंजन 'भांग' से तैयार किए जाते हैं, यह माना जाता है कि यह भगवान शिव का पसंदीदा पेय है। लोग खाना खाते हैं, डांस करते हैं।

पारंपरिक शैली में मथुरा और बृंदाबन में होली मनाई जाती है। 'रास-लीलाएँ' की जाती हैं और भगवान कृष्ण और उनकी गोपियों की यादें एक हज़ार तरीकों से पुनर्जीवित होती हैं।

वहाँ, इसका धार्मिक स्पर्श है और होली के त्योहार में भाग लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कई मिथक और किंवदंतियाँ होली से जुड़ी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रह्लाद अपने पिता हिरणकश्यप द्वारा यातनाएं देता था, क्योंकि प्रह्लाद को ईश्वर में दृढ़ विश्वास था। महान यातनाओं के बावजूद प्रह्लाद ने ईश्वर में अपना विश्वास नहीं छोड़ा।

तब हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रहलाद के साथ दफन चिता में बैठने के लिए कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद आग की लपटों से अछूता नहीं रहा। इस प्रकार होली प्रह्लाद की भक्ति और उनके पिता हिरणकश्यप की क्रूरता को याद करती है।

हर साल एक अलाव जलाया जाता है और खलनायक के लिए होलिका जलाई जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नामक दैत्य का वध किया।

होली का अब तक एक और महत्व है। यह एक मौसमी त्योहार है, यह कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। गेहूं की फसलें खेतों में पकी हुई हैं और होली के तुरंत बाद कटाई शुरू हो जाती है। जो भी होली का महत्व हो सकता है, वह निश्चित रूप से एक रंगीन त्योहार है।

यह हमारे जीवन को मस्ती और आनंद, उल्लास और हंसी के बेहतरीन रंगों से भर देता है, लोग सभी पुरानी दुश्मनी भूल जाते हैं और रंगों के इस त्योहार को मनाते हैं।

निष्कर्ष, (Conclusion)

हमारे द्वारा यहाँ प्रस्तुत कराए गए होली पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित होंगे। इनकी सहायता से students होली पर उत्कृष्ट निबंध लिख सकते हैं।

और हाँ, होली के खूबसूरत रंगों की तरह आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत रंगों भरी उमंग भरी शुभकामनायें। Happy Holi 2024.

यह भी पढ़ें:

  • होली क्यों मनाई जाती है? Why is Holi Celebrated in Hindi

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Holi Essay

Holi Essay, Holi Nibandh Hindi, Holi Essay in Hindi for Child

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यहां हम आपको “Holi Essay” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Holi in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

10 Lines on Holi in Hindi Holi Essay in Hindi

Holi Festival Essay (100 words)

भारत को हमेशा से ही एक अभिन्न त्योहारों का का देश माना जाता है। यहां विभिन्न प्रकार और परंपराओं के त्योहार मनाए जाते हैं। इन सभी त्योहारों में से एक मुख्य त्योहार होली का भी है। होली का त्योहार पूरे भारत में सभी जाति धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। होली के त्यौहार को भाईचारे और सद्भावना का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग पुराने से पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक दूजे को रंग लगाकर अपना भाईचारा बढ़ाते हैं। भारत की संस्कृति में कई सारे त्यौहार मनाए जाते हैं। उनमें से एक होली भी है जो लोगों के जीवन में उत्साह और उमंग हमेशा बनाए रखना है।

Holi Essay in Hindi for Child (200 words)

प्राचीन काल से ही भारत की संस्कृति में कई सारे त्यौहार अपने अलग-अलग महत्व के साथ मनाए जाते हैं। सभी त्योहारों को मनाने की अपनी अलग रीति रिवाज और खुशी होती है। ऐसे ही एक भारत का पुराना त्यौहार है। जिसे हम रंगों का त्योहार या होली के नाम से जानते हैं। होली का त्यौहार हर साल फरवरी या मार्च के महीने में मनाई जाती है। विशेष रुप से होली फाल्गुन मास के दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग होलिका दहन करके अगले दिन चैत्र मास की कृष्ण पक्ष को होली का त्यौहार मनाते हैं।

होली का त्यौहार भारत देश में सबसे प्रिय त्योहार माना जाता है इस दिन सभी जाति समुदाय संप्रदाय के लोग एक साथ बिना किसी मनमुटाव के होली का त्यौहार मनाते हैं। सभी लोग आपसी भाईचारा दिखाते हुए एक दूजे को रंग-बिरंगे गुलाल लगाते हैं। होली के दिन सभी लोग अपने घरों या आसपास के किसी गार्डन में एकत्रित होकर होली का पर्व मनाते हैं। दिन युवा व्यक्ति भांग का सेवन कर होली के उत्सव में धूम मचाते हैं। होली का महत्व सभी के जीवन में काफी होता है, क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने सारे दुख-दर्द गिले-शिकवे भूलकर एक दूजे के साथ खुशी-खुशी यह त्यौहार मनाते हैं।

Holi pe Essay in Hindi (300 words)

होली का त्योहार भारत में सबसे ज्यादा खुशी और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां त्यौहार अपने साथ एक अलग प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। जिससे कि लोग होली के प्रति काफी उत्साहित नजर आते हैं। फागुन मास लगते ही जैसे-जैसे ठंडी कम होती जाती है। वैसे ही मौसम खुशनुमा और होली का आगमन हो जाता है। भारत में लोग होली के आगमन से काफी प्रसन्न होते हैं और उसे मनाने के लिए काफी उत्साहित भी होते हैं। यह त्यौहार किसी विशेष जाति संप्रदाय का त्योहार नहीं बल्कि पूरे देश का त्यौहार होता है।

होली कैसे मनाई जाती है?

होली का त्योहार फाल्गुन माह में मनाया जाता है। होली के 1 दिन पहले होलिका दहन की जाती है जिसमें लकड़ी कंडे डालकर लोग आग लगाकर उसके चारों और नाचते गाते हैं। तथा दूसरे दिन सुबह की होलिका दहन की पूजा के साथ होली का शुभारंभ किया जाता है। इस दिन लोग अपने बड़े बुजुर्गों को रंग लगाकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं छोटे बच्चे एक दूजे के साथ काफी मस्ती भरी होली खेलते हैं। इस दिन गली मोहल्ले में सभी जगह लोग साउंड सिस्टम लगाकर होली के गीत लगाकर नाचते गाते हैं। नवविवाहित जोड़े होली के लिए काफी उत्सुक रहते हैं वह भी अपने प्यार को व्यक्त करने के लिए होली के रंगों का सहारा लेते हैं। बड़ी धूमधाम के साथ होली पूरे देश में मनाई जाती है।

Holi Essay

होली के त्यौहार के दिन लोग आपसी रंजिश भूल कर एक दूजे को गले लगाकर अपना दोस्त बना लेते हैं। इस त्यौहार को प्रेम और सद्भावना का प्रतीक भी कहा जाता है। लेकिन समाज के कुछ ऐसे आपराधिक तत्व हैं जो इस त्यौहार को गलत नजरिए से देखते हैं। कुछ लोग इस दिन मदिरा पीकर या जुआ खेलकर त्यौहार की पवित्रता को नष्ट करते हैं। भारत की संस्कृति में हर त्यौहार को एक पवित्रता के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कुछ लोग त्यौहार की पवित्रता और उसकी अहमियत को कम करते हैं। होली जैसा त्यौहार इंसान के जीवन में नई उमंग और खुशियां लेकर आता है। इस दिन लोग अपनी कई पुरानी यादें होलिका दहन में जलाकर जीवन की नई शुरुआत करते हैं।

Holi Nibandh Hindi (500 words)

भारत में पूरे साल अलग-अलग तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन इन सभी त्योहारों की शुरुआत होली त्यौहार के बाद होती है। होली नए साल के साथ आने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। भारत में होली एक काफी प्रसिद्ध त्योहार है जिसे भारत के हर राज्य में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि होली का त्यौहार भारत के अलावा कनाडा अमेरिका बांग्लादेश जैसे कुछ देशों में भी मनाया जाता है। होली का त्योहार रंगों का त्योहार माना जाता है।सभी लोगों को अपने जीवन में नए रंग पसंद होते हैं। शायद इसीलिए पूरे विश्व में होली इतनी पसंद की जाती है।

होली कब मनाई जाती है? (How to celebarte Holi?)

होली का त्यौहार फागुन माह में मनाई जाती है। फागुन मास में ठंड की विदाई के साथ हल्की हल्की गर्मी होती है, और मौसम काफी खुशनुमा होता है। होली का त्योहार विशेष रूप से 2 दिन मनाया जाता है पहले दिन फागुन माह को सभी लोग होलिका दहन करते हैं इसके अगले दिन चैत्र माह की कृष्ण पक्ष को होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली का त्यौहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। इसमें से मथुरा वृंदावन की होली विश्व में सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। वृंदावन जैसा होली का त्यौहार पूरे विश्व में कहीं नहीं मनाया जाता।

होली क्यों मनाते हैं? (Why we Celebarte Holi?)

पौराणिक कथाओं एवं विष्णु पुराण के अनुसार राक्षस राजा हिरणकश्यप का 1 पुत्र था जिससे प्रहलाद नाम से जाना जाता था। राक्षस राजा का पुत्र होने के बाद भी प्रह्लाद हमेशा विष्णु भगवान की भक्ति में खोया रहता था। जिससे उसके पिता हिरण कश्यप को काफी तकलीफ होती थी। उन्होंने प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रयास किए। एक दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने राजा से कहा कि मुझे भगवान ब्रह्मा ने आग में ना जलने का वरदान दिया है। मैं प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाऊंगी। जब होली का प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी तो भगवान का वरदान होने के बाद भी वह आग में जल गई और प्रह्लाद जीवित रहा। तभी से होलिका दहन का त्यौहार मनाया जाता है और अगले दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है।

होली का महत्व (Importance of Holi)

होली का त्योहार अच्छाई पर बुराई का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए लोग इस दिन अपनी सारी बुरी आदतें भूलकर अच्छाई को अपनाते हैं। इस दिन लोग अपने सालों पुराने मतभेद वाद-विवाद को भूलकर गले लग कर भाईचारे का संबंध बनाते हैं। यह त्यौहार इंसानों के मन से ऊंच नीच जात पात का भेदभाव खत्म कर सभी लोगों को एक समान होने की प्रेरणा देता है। इस दिन अमीर गरीब सब लोग बड़े प्रेम के साथ होली का त्यौहार मनाते हैं और मिठाई बांट कर एक दूजे को होली की बधाई देते हैं। इसलिए इस त्यौहार को दोस्ती का प्रतीक माना जाता है और भारत में इस त्यौहार का इतना महत्व है।

होली जैसे बड़े त्यौहार के बाद ही भारत में अन्य त्योहारों का शुभारंभ होता है। होली को मनाने के कुछ और भी कारण है जैसे कि किसानों की फसल आने की खुशी में भी होलिका दहन और होली का त्यौहार मनाया जाता है। मैं होली का त्यौहार सबसे पसंदीदा त्यौहार है इसे मनाने के लिए सभी लोगों के पास अपने अपने अलग रीति रिवाज होते हैं। लेकिन कुछ लोग इस त्यौहार को गलत ढंग से भी मनाते हैं। कुछ लोग इस त्यौहार को सिर्फ नशा करने के लिए मनाते हैं जिससे कि देश की संस्कृति और होली जैसी पवित्र त्यौहार का अपमान होता है।

Holi ka Nibandh Hindi mein

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Holi Essay” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Holi ka Nibandh Hindi mein अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Holi Nibandh Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Essay on Holi for Students and Children

500+ words essay on holi.

Holi is known as the festival of colours. It is one of the most important festivals in India . Holi is celebrated each year with zeal and enthusiasm in the month of March by followers of the Hindu religion. Those who celebrate this festival, wait for it every year eagerly to play with colours and have delectable dishes.

Essay on Holi

Holi is about celebrating happiness with friends and family. People forget their troubles and indulge in this festival to celebrate brotherhood. In other words, we forget our enmities and get into the festival spirit. Holi is called the festival of colours because people play with colours and apply them to each other’s faces to get coloured in the essence of the festival.

History of Holi

The Hindu religion believes there was a devil king named Hiranyakashyap long ago. He had a son named Prahlad and a sister called Holika. It is believed that the devil king had blessings of Lord Brahma. This blessing meant no man, animal or weapon could kill him. This blessing turned into a curse for him as he became very arrogant. He ordered his kingdom to worship him instead of God, not sparing his own son.

Following this, all the people began worshipping him except for his son, Prahlad. Prahlad refused to worship his father instead of God as he was a true believer of Lord Vishnu. Upon seeing his disobedience, the devil king planned with his sister to kill Prahlad. He made her sit in the fire with his son on the lap, where Holika got burned and Prahlad came out safe. This indicated he was protected by his Lord because of his devotion. Thus, people started celebrating Holi as the victory of good over evil.

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The Celebration of Holi

People celebrate Holi with utmost fervour and enthusiasm, especially in North India. One day before Holi, people conduct a ritual called ‘Holika Dahan’. In this ritual, people pile heaps of wood in public areas to burn. It symbolizes the burning of evil powers revising the story of Holika and King Hiranyakashyap. Furthermore, they gather around the Holika to seek blessings and offer their devotion to God.

The next day is probably the most colourful day in India. People get up in the morning and offer pooja to God. Then, they dress up in white clothes and play with colours. They splash water on one another. Children run around splashing water colours using water guns. Similarly, even the adults become children on this day. They rub colour on each other’s faces and immerse themselves in water.

In the evening, they bathe and dress up nicely to visit their friends and family. They dance throughout the day and drink a special drink called the ‘bhaang’. People of all ages relish holi’s special delicacy ‘gujiya’ ardently.

In short, Holi spreads love and brotherhood. It brings harmony and happiness in the country. Holi symbolizes the triumph of good over evil. This colourful festival unites people and removes all sorts of negativity from life.

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English that goes straight to the heart

Essay on Holi

Holi is one of the most famous and light-hearted festivals which is celebrated by billions of people. It is the day of festivity of the victory of good over evil.

Here, we present you with a brilliant essay on Holi.

Daily Test - Attempt Now

Essay on Holi

Essay on Holi (200 Words)

Holi, the vibrant festival of colors, is eagerly anticipated by people of all ages. As one of the main festivals celebrated in India, Holi holds great importance and carries a significant impact on Hindu mythology. It is observed throughout the country with immense zeal and enthusiasm during the month of March.

The festival derives its name from ‘Holika,’ the sister of the ruthless King Hiranyakashipu. Holi is a joyous occasion that brings people closer to their loved ones. People wholeheartedly enjoy Holi by splashing and smearing each other with a delightful array of colors and colored water, transforming everyone into living rainbows.

Children, in particular, eagerly await Holi, engaging in playful pranks and drenching others with color-infused water. They fill balloons and water guns, known as Pichkaris, with colored water, joyfully targeting passersby on the streets. They also apply a touch of color to the feet of their elders, seeking blessings from them and from the divine.

Holi is one of the most renowned and lighthearted festivals, celebrated by billions of people. It is observed not only in every town and city in India but also by the Indian diaspora across the globe. Holi serves as a day of jubilant celebration, symbolizing the victory of good over evil, spreading joy, and fostering unity among individuals.

Essay on Holi (300+ Words)

Holi, the eagerly anticipated festival of colors, holds immense importance and impact on Hindu mythology . Celebrated throughout India with great zeal and enthusiasm, Holi is a vibrant and joyous occasion that brings people closer to their loved ones.

The festival derives its name from ‘Holika,’ the sister of the fierce King Hiranyakashipu. In ancient times, King Hiranyakashipu had a son named Prahlad, a devout follower of Lord Vishnu, despite his father’s orders to worship him instead. Enraged by this defiance, Hiranyakashipu decided to kill Prahlad. He called upon his sister Holika, who possessed a boon that made her immune to fire. Holika was instructed to sit with Prahlad on her lap and enter a blazing fire. However, instead of Prahlad, Holika was consumed by the fire while Prahlad remained unharmed, protected by Lord Vishnu. Holi, therefore, teaches us that evil forces meet their end and signifies the victory of good over evil.

Holi is a delightful festival that fosters closer bonds among people. It is celebrated with joy and enthusiasm as participants play with vibrant colors and splash colored water on one another. Soon, everyone is covered from head to toe in a beautiful array of rainbow hues.

Children eagerly await Holi, indulging in playful pranks and drenching others with colored water. They also apply a touch of color to the feet of their elders, seeking blessings from them and from the divine. Dancing and singing in joy and happiness, Holi becomes a time of togetherness and celebration.

Holi conveys a message of living a life of truth, joy, and peace, while also encouraging us to confront and defeat evil forces. It symbolizes the eradication of negativity and inspires us to embrace goodness. Holi marks a day of happiness, joy, and triumph over malevolence. It motivates individuals to stand against demons and exemplifies the victory of good over evil.

Essay on Holi (500+ Words)

Holi, the eagerly anticipated festival of colors, holds a special place in the hearts of people. As one of the main festivals celebrated in India, Holi carries great significance and leaves a lasting impact on Hindu mythology. It is celebrated with fervor and enthusiasm throughout the country in the month of March. The vibrant colors of Holi symbolize love, joy, and happiness.

The festival derives its name from ‘Holika,’ the sister of the fierce King Hiranyakashipu. Long ago, King Hiranyakashipu had a son named Prahlad, who was a devoted prince. However, Hiranyakashipu, a malevolent ruler, did not believe in God, including Lord Vishnu. He demanded that people and his son worship him instead. Despite his father’s orders, Prahlad remained a steadfast devotee of Lord Vishnu.

Enraged by Prahlad’s refusal to worship him, Hiranyakashipu decided to kill his son. He sought the assistance of his sister Holika, who had the power to remain unharmed in the midst of fire. Hiranyakashipu instructed Holika to sit with Prahlad on her lap and enter a blazing fire. To everyone’s astonishment, it was Holika who perished in the flames, while Lord Vishnu protected Prahlad. Holi, therefore, teaches us that every evil force meets its end and signifies the victory of good over evil.

Holi is a delightful festival that brings people closer to their loved ones. It is celebrated with immense joy and enthusiasm. People play with vibrant colors and throw colored water, resulting in a colorful spectacle where everyone is covered from head to toe in the hues of the rainbow. Children eagerly await Holi, engaging in playful pranks and splashing colored water on others.

Children fill balloons and water guns, known as Pichkaris, with colored water and playfully target people on the streets. They also apply a touch of color to the feet of their elders, seeking blessings from them and from the divine. Dancing and singing with boundless happiness, Holi becomes a time for celebration and joy.

During Holi, people come together to dance and sing with great enthusiasm. They meet one another, smearing colors on each other’s cheeks, and share in the happiness and joy of the occasion. Some even prepare buckets filled with colored water, freely splashing it on those they encounter on the streets. People exchange greetings and offer various kinds of sweets as a sign of welcome.

Holi imparts a message to live life with truth, joy, and peace, and to combat any evil spirits that may exist. It signifies the eradication of negativity and inspires belief in virtuous actions. Holi is a day of happiness, joy, and triumph over malevolence. It motivates individuals to stand against demons and exemplifies the victory of good over evil.

Holi is celebrated with tremendous enthusiasm in every town, city, and even among Indians residing in foreign countries. It is a public and religious holiday, and thus, most government and non-government organizations, including public offices, banks, and post offices, remain closed on Holi.

Essay on Holi (550+ Words)

Holi is a vibrant and joyous festival celebrated in India, known as the festival of colors. It holds immense significance in Hindu mythology and is eagerly anticipated each year. Celebrated with great enthusiasm across the country, Holi takes place in the month of March. The festival is characterized by its lively atmosphere, filled with love, delight, and a sense of unity among people.

The name “Holi” is derived from “Holika,” the sister of the wicked King Hiranya Kashyap. According to the ancient tale, King Hiranya Kashyap, who did not believe in God or Lord Vishnu, demanded that people worship him instead. However, his son, Prince Prahalad, remained a devout follower of Lord Vishnu and continued to worship the deity.

Infuriated by his son’s devotion to Lord Vishnu instead of himself, King Hiranya Kashyap decided to eliminate Prahalad. He enlisted the help of his sister, Holika, who possessed a boon that made her immune to fire. Holika was instructed to take Prahalad on her lap and set him ablaze. However, divine intervention protected Prahalad, and it was Holika who was reduced to ashes. This tale symbolizes the triumph of good over evil and teaches the lesson that every evil force eventually meets its end.

Holi brings people closer to their loved ones and fosters a sense of unity. The festival is celebrated with immense joy and enthusiasm, as people engage in various colorful activities. They play with vibrant colors and water, resulting in everyone being covered from head to toe in a rainbow of hues. Children, in particular, eagerly await Holi, enjoying color pranks and drenching others with water and balloons filled with colored water. They also seek blessings from their elders by applying a little color to their feet. Dancing and singing in jubilation, people celebrate the festival with immense happiness.

During Holi, people come together to dance and sing with great zeal. They meet and express their joy by applying colors to each other’s cheeks. Some even prepare buckets of colored water to playfully drench passersby on the streets. Welcoming one another warmly, people exchange sweets and extend their heartfelt greetings.

Holi is one of the most renowned and lighthearted festivals, celebrated by billions of people. It signifies the victory of good over evil and holds profound significance in Hindu mythology. The festival emphasizes the importance of true happiness and inner peace.

Holi imparts a message to live life with truth, joy, and peace, encouraging individuals to combat any forces of evil. It represents the eradication of negativity and instills faith in virtuous actions. Holi is a day filled with happiness, joy, and the triumph of good over evil. It serves as a reminder to stand against demons and celebrate the victory of righteousness.

This exuberant festival is celebrated with immense enthusiasm in every town and city of India, as well as by the Indian diaspora around the world. Holi is observed as a public and religious holiday, leading to the closure of government and non-government organizations, including public offices, banks, and post offices. Schools and colleges also remain closed, allowing people to plan long tours with their families.

Holi’s vibrant spirit and its underlying message make it a cherished and widely celebrated festival. It brings people together, spreads happiness, and reinforces the values of love, unity, and the triumph of good over evil.

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Holi Essay for Students in English: 100, 200, 500 Words Essay

English Icon

  • Essay on Holi Festival

India is a land that represents the blending of diversities, beliefs, and cultural celebrations we call "festivals". Holi is a festival celebrated with colours that represent the power of love and the triumph of good over evil. Here are a few sample essays on the topic ‘Holi’.

  • 100 Words Essay on Holi

Holi is a festival of color celebrated by Hindus all over India. The Hindus celebrate Holi as a festival of love and happiness, in which they shed animosity, greed, and hatred in order to embrace a new life of love and togetherness.

Holi festival is celebrated in the spring season, during the month of Phalgun in the Hindu calendar, which usually corresponds with the Gregorian calendar month of March or occasionally late February. It is a two-day festival that begins with Holika Dahan on a full moon night. The main Holi festival occurs the day following Holika Dahan. It also coincides with the wheat harvest and is associated with prosperity and happiness.

200 Words Essay on Holi

500 words essay on holi.

Holi Essay for Students in English: 100, 200, 500 Words Essay

Indians love celebrating Holi, also known as the "Festival of Colors". It is observed on the full moon day of the Hindu calendar's 'Phalgun' month and in March on the Gregorian calendar. People take part in the festival by painting their faces with both dry and wet colours. People also participate in the celebration by singing folk songs and dancing.

Holi Festival Celebration

A day before Holi festival in India, a ritual known as 'Holika Dahan' is performed in which a large pile of bonfires is burned in cities and villages. The 'Holika Dahan' represents the burning of evil and negative powers and revisits the story of Holika, Hiranyakaskyap's evil sister, who attempted to kill his nephew Prahlad by sitting in the bonfire. But, by the grace of God, Holika, who had received a boon of immortality, was burned to ashes, while Prahlad was saved unharmed. People also visit Holika while chanting devotional mantras and singing bhajans in order to obtain health and prosperity.

People splash watercolours on each other during the day. To celebrate the festival, children use water cannons or 'pichkari' to throw watercolours. People dress up in attractive attire and visit their friends and relatives in the evening, hugging them with 'gulal,' the dry colors. People also sing folk songs and dance to popular Holi songs.

Holi festival is a very popular festival of colors celebrated with great joy by the people of India every year in the month of 'Phalgun' or March. It is a festival of fun and frolic activities, especially for children, that begins a week before and ends a week after the festival. In the month of March, Hindus all over the country, particularly in North India, celebrate Holi.

The Festival's Legend and Story

For years, Indians have celebrated Holi with many stories and legends. It is a very important and significant festival. According to Hindu mythology, the Holi celebration began many years ago when Holika was burned in a fire while attempting to kill her own nephew in the fire.

It is believed that a demon king named Hiranyakashyap, the father of little Prahlad, attempted to burn his own son alive when Prahlad refused to worship him because Prahlad was a great devotee of Lord Vishnu. When Hiranyakashyap's many attempts to kill Prahlad failed, he ordered his own sister, Holika, to sit in the fire with Prahlad in her lap because she was cursed for never being harmed by fire.

However, this strategy also failed because little Prahlad was a devotee of Lord Vishnu and was saved by his God. Holika was burned in the fire, tand Prahlad was saved. Every year since then, Hindus have celebrated Holi. Holi is a festival that celebrates the victory of good over evil by spreading love, brotherhood, harmony, and happiness. It is the festival during which people forget their rivalry and hug their enemies, forgetting all the hatred and negativity.

Customs of Holika

The day before Holi, people build a pile of wood on a crossroads and burn it to symbolise Holika and celebrate the 'Holika Dahan' ceremony. People also perform many rounds of the burning Holika and worship it in order to be blessed with prosperity and good health by burning all sins and diseases in the fire. In north India, people massage the body with mustard paste and then burn it in Holika, hoping to rid the body of all diseases and evils.

How People Celebrate Holi

The following day, after 'Holika Dahan,' people gather in one place to celebrate the colourful festival of Holi by throwing colours at each other in a playful manner. The preparations for Holi begin a week before the main celebration. People, especially children, are overjoyed and begin purchasing different colours a week before the event.

They, too, begin to play with colours with their friends, neighbors, and relatives and use 'pichkari' and small balloons to splash water. The celebration starts in the morning when people dressed in bright colours visit their friends and relatives and colour them. Holi festival delicacies include 'gujhiya,' sweets, 'Pani puri,' 'dahi bade,' chips, and so on, are enjoyed by both guests and hosts.

Holi is a festival that is primarily about spreading brotherhood and love. The bright colours used in the festival represent prosperity and happiness. Holi also represents the triumph of good over evil, which is at the heart of most Indian festivals. It also teaches us to walk the righteous path and avoid societal evils.

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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Essay on Holi in English [100, 150, 200, 500 Words]

Essay on Holi in English:  Holi is the festival of colours. In this article, you are going to learn how to write an essay on Holi festival in English. Here, we’ve included both short and long essays on Holi (100, 150, 200, and 500 Words). These essays will be helpful for the students of classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, and 12. So, let’s begin.

Table of Contents

Short Essay on Holi: 100 Words

Holi is one of the most popular festivals in India. It is a festival of colours, joy, and friendship. It is celebrated in the month of March. It is generally celebrated to mark the victory of good over evil. People celebrate the festival by smearing each other with colours. People play with water guns, pichkaris, and water balloons to make Holi more colorful.

People forget their enmities and celebrate the festival of colours. People wear white clothes and visit each other’s houses. Sweets and delicious dishes are prepared on the day of Holi. People distribute gifts to their loved ones. Holi is the symbol of unity, harmony, and brotherhood.

Essay on Holi in English

Holi Essay in English: 150 words

Holi is an important festival of the Hindus. It is a festival of colours. The festival of Holi is celebrated in the spring season for two days. The celebration begins with Holika Dahan on the night before the festival and the following day is called Holi.

On the occasion of Holi people are very happy. They forget their cares and anxieties. They make delicious food. They put on new dresses. They sprinkle coloured water on one another. They smear coloured powder on the faces of others. They sing, dance, and jump about. They bens drums and sing Holi songs. They are almost mad with joy. They forget what they are. In the evening they visit their friends, relatives and neighbours. They embrace one another. They smear abir on the faces of others.

Holi is a happy occasion when we mix freely with all. We forget the social distinction between the rich and the poor. This colour of festival unites people and removes all sorts of negativity from life.

Holi Festival Essay in English

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Holi Festival Essay in English: 200 Words

Holi is one of the most well-known festivals in India. It is celebrated in the month of March. It celebrates the arrival of spring and marks the victory of good over bad.

People celebrate Holi by splashing water and smearing each other with colours. People dress up in white clothes and visit family and friends to throw colors on each other. Children enjoy the day by playing with water guns and water balloons. People exchange sweets and gifts on this precious occasion.

This festival has a cultural and religious significance. In ancient times there was an evil king named Hiranyakashipu. He did not believe in God.  His son Prahlad was a devotee of God. The evil king ordered his sister Holika to sit on a pyre with Prahlad in her arms. Holika got burnt but nothing happened to Prahlad. In memory of this incident, Holika Dahan is done on the night before Holi. Religious rituals take place on the night before Holi to symbolize the destruction of evil.

Holi is the festival of love, harmony, friendship, and brotherhood. The colourful festival of Holi is the symbol of unity which inspires us to forget enmity and move on the path of goodness.

Paragraph on Holi in English

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Essay on Holi in English: 500 Words

Introduction.

India is a land of fairs and festivals. Hardly a month passes without some fair or festival. Holi is a festival of colours. It is a festival of fun and frivolity. It is an occasion for gaiety and mirth. Men, womanhood children are all in high spirits. In different states of India, it is celebrated in different ways.

Time of celebration

Holi usually comes in the month of March. It marks the end of winter and the beginning of summer. It is a seasonal festival, It marks the beginning of the harvesting season. The wheat crops are ripe in the fields and vesting starts soon after Holi.

How it is celebrated

People sprinkle coloured water on one another. They smear one another’s face with gulal. Coloured water and powders are thrown at one another. The day is marked by practical jokes, fun and laughter. Children move about in streets with bottles full of coloured water and water pumps in their hands. Drums are beaten, songs are sung and the whole atmosphere reasons with shouts of joy. Even old people are not spared. Buckets of coloured water are poured on those who resist. All heads are full of colour dust, all clothes are wet with coloured water and all faces are coloured and smeared beyond recognition.

Throwing of water and colours comes to an end in the afternoon. People wash themselves clean and put on clean clothes. Delicious dishes are prepared and feasts are held. An intoxication is prepared from ‘Bhang’. It is believed to be the favourite drink of Lord Shiva. People eat, drink dance and make merry. Fools’ clubs hold their meetings and pass foolish resolutions. The greats fool is elected as the president of the club.

Holi is celebrated in Mathura and Brindaban in a traditional style. ‘Ras-Leelas’ are performed and memories of Lord Krishna and his Gopis revived on a thousand ways. There, it has a religious touch and people come from far and wide to participate in the Holi festival.

The legend of Holi

Many myths and legends are connected with Holi. It is said that Prahlad was put to by his father Hirnakshap, Because led had a firm faith in God. Inspite of great tortures, Prahlad did not give up in faith in God. Then Hirnakshap asked his sister Holika to sit in a burning pyre with Prahlad in her arms. Holika was burnt to ashes but Prahlad remained untouched by the flames. Thus Holi commemorates the devotion of Prahlad and the cruelty of his father Hirnakshap. A bonfire is lighted every year and Holika is burnt for her villainy. According to another legend, Lord Krishna killed a giantess named Pootna on this day. Holi has yet another significance.

Whatever may be the significance of Holi, it is certainly a colourful festival. It fills our life with fine colours of fun and joy, mirth and laughter. People forget all old enmities and celebrate this festival of colours.

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