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वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi

Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है.

वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.

Essay on Rainy Season in Hindi

Get Some Essay on Rainy Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words

हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.

भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.

बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.

Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words

भूमिका –

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.

गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.

सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.

ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.

हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.

हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.

जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.

बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.

और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.

वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.

जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.

निष्कर्ष –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.

वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.

Full Essay on Rainy Season in Hindi

प्रस्तावना –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.

ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.

वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.

वर्षा ऋतु का आगमन –

जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.

किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.

नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.

वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ –

वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.

(1) किसानों को –

किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.

किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.

इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.

(2) पर्यावरण –

हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.

इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.

(3) जीव – जंतुओं –

भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.

लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.

जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.

(5) व्यापार में तेजी –

हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.

अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.

(6) देश की प्रगति –

हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.

इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.

वर्षा से हानि –

वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –

(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.

और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.

(2) मौसमी बीमारियां –

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.

(3) भू-कटाव –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.

भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.

वर्षा ऋतु के त्योहार –

वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.

अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.

वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.

उपसंहार –

वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.

खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.

चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.

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7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”

वर्षा ऋतु पर निबंध

very good letters

Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद

आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद

करन राणा आप का बहुत बहुत आभार

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वर्षा ऋतु पर निबंध- Rainy Season Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Rainy Season Essay in Hindi ( Varsha Ritu Par Nibandh  ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 600 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Rainy Season in Hindi | 4 well written essay on Rainy Season in Hindi Language. वर्षा ऋतु पर पूरी जानकारी जैसे की सामान्य परिचय, प्राकृतिक शोभा, जन-जीवन, लाभ-हानि अदि के बारे बताया गया है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध | Rainy Season Essay in Hindi

10 Lines Essay on Rainy Season ( 100 words )

1. वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है।

2. वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं।

3. वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है।

4. वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है।

5. वर्षा ऋतु से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है

6. इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है।

7. वर्षा हमें नव जीवन देती है।

8. अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है।

9. वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं।

10. वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Short Essay on Rainy Season in Hindi ( 200 words )

गर्मी के बाद वर्षा ऋतु आती है। तेज गर्मी के बाद आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है और बारिश होने लगती है। सभी जीव-जन्तु प्रसन्न हो जाते हैं।

वर्षा ऋतु चार महीने जून से सेप्टेंबर तक रहती है। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदी, नाले पानी से भर जाते हैं। मेंढ़क टर्र-टर्र करने लगते हैं। मोर खुशी से नाचने लगता है।

इस मौसम में लोग छाते, रेनकोट में इधर-उधर जाते नज़र आते हैं। बच्चों को पानी में भीगना और खेलना बहुत अच्छा लगता है। वे कागज की नाव बनाकर पानी में तैराते हैं।

वर्षा ऋतु में सबसे ज्यादा किसान खुश रहता है। वर्षा होते ही वह खेतों में बीज बो देता है। अच्छी वर्षा होती है, तो फसल भी अच्छी होती है।

लेकिन इस ऋतु में कुछ नुकसान भी होता है। तेज वर्षा से बाढ़ आ जाती है। गाँव-नगर पानी में डूब जाते हैं। सामान बह जाता है। अनेक लोग और पशु मर जाते हैं।

लेकिन फिर भी यह मौसम खुशहाली लाता है । इस ऋतु को जीवन देने वाली ऋतु कहते हैं।

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Varsha Ritu Par Nibandh Hindi me ( 300 words )

मनमोहिनी प्रकृति के अनेक रूप हैं। उसके अनेक रूपों में वर्षा ऋतु का रूप विशेष रूप से आनन्ददायक और मन-भावन है। वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के अनन्तर होता है।

भारत में वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है। यद्यपि वर्षा का आरम्भ आषाढ़ मास में हो जाता है और आश्विन मास तक रहता है। इसी कारण इसे चौमासा भी कहते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने के कारण जो भीषण गर्मी पड़ती है, उसी के कारण जल भाप बनकर आकाश में उड़ जाता है। उसी से बादल बनते हैं; वे बादल ही पानी बरसाते है।

वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं, शीतल वायु बहने लगती है, बिजली चमकने लगती है और मेघों का गर्जन प्रारम्भ हो जाता है। तदनन्तर झम-झम करके बादल बरसने लगते हैं। वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है। धरती की प्यास बुझ जाती है। नदी-नाले, ताल-तलैया पानी से भर जाते हैं। प्राणि-मात्र आनन्द से भर जाता है। वनों में पपीहा पीहू-पीहू स्वर करने लगता है तो मेघों की काली घटा को देखकर मोर भी नाचने लगते हैं तो मेंढक टर्राने लगते हैं। बागों में वृक्षों पर झूला डालकर उन पर स्त्रियाँ झूलने लगती हैं। बरसात की अंधेरी रात में चमकते जुगनू तारों सी शोभा देते हैं।

वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है। वर्षा से खेतों में हरियाली छा जाती है। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और तरह-तरह के दानों के पौधे अन्न से भर जाते हैं। यही अन्न मानवों को नव जीवन देता है।

अत्यधिक वर्षा होने पर जब बाढ़ आती है तो वर्षा ऋतु हानिकारिणी भी बन जाती है; पर जल रूपी जीवन का दान करने के कारण तथा ग्रीष्म की तपन से रक्षा करने के कारण यह वन्दनीय ही है।

Varsha Ritu Nibandh

Hindi Rainy Season Essay

वर्षा ऋतु पर निबंध | Long Rainy Season Essay in Hindi ( 500 to 600 words )

प्रकृति अपना स्वरूप लगातार बदलती रहती है। कभी बहुत गर्मी पडती है कभी अधिक वर्षा होती है तो कभी अधिक जाड़ा पड़ता है। हमारे देश में चार मौसम और छ: ऋतुएँ होती हैं- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर। हर ऋतु का समय दो महीने का होता है। हर ऋतु में प्राकृतिक शोभा अलग-अलग होती है। वर्षा ऋतु सावन और भादों में मानी जाती है।

प्राकृतिक अवस्था

वर्षा से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है, किन्त इस ऋतु के आने के बाद बदलाव आता है। आकाश में बादल उमड़ने-घुमड़ने लगते हैं। पहले हल्की वर्षा होती है जिसे “दौंगरा” कहते हैं। धीरे-धीरे वर्षा अधिक होने लगती है। प्रायः कई दिनों तक वर्षा होती रहती है। आकाश में बादल छाए रहते हैं जिसके कारण सूर्य का दर्शन नहीं होता है। रह-रह कर बादल दिखाई पड़ता है। खेत, मैदान, बाग-बगीचे हरे-भरे हो जाते हैं। जिसे देखकर सब का मन प्रसन्न हो जाता है। प्रकृति की शोभा बढ़ जाती है। जलाशय पानी से लबालब भर जाते हैं। चारों ओर छातों और बरसातियों की घूम मच जाती है।

वर्षा का प्रभाव जन-जीवन पर बहुत पड़ता है। इस समय लोग अधिक प्रसन्न रहते हैं। किसानों के लिए यह ऋतु वरदान है। वे अपने हल-बैल के साथ निकल पड़ते हैं और खेतों की जुताई-बुआई करते हैं। इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है। अन्य प्राणी भी इस समय आनंदित होते हैं। झींगुरों की झंकार, कोयल की कूक, मेढ़कों की टर्र-टर, मयूर की क्याऊँ-क्याऊँ से वातावरण मुखरित हो जाता है। जन-जीवन में नयापन आ जाता है। लोग तरह-तरह के गीत गाने लगते हैं- जैसे ‘आल्हा, कजली, मल्हार आदि। इस सुखद समय में पेड़ों की डालियों पर लोग झूले डालकर झूलते हैं।

वर्षा में शहरों की अवस्था भिन्न होती है। अधिक वर्षा से सड़कें डूब जाती हैं, आवागमन ठप हो जाता है। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। शहरों के बच्चे वर्षा का आनंद लेने के लिए सड़कों पर निकल आते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा हमें नव जीवन देती है। ग्रीष्म काल की गर्मी से व्याकुल लोगों को इससे राहत मिलती है। हवा में ठंडापन आ जाता है। इस समय थोड़ी बहुत उमस रहती है। हमारा देश कृषि प्रधान है। कृषि पूरी तरह बरसात पर निर्भर है। यदि वर्षा न हो तो खेती का काम होना असम्भव हो जाए। खेत की फसलें सूख जाएँ और लोग भूखों मर जाएँ। वर्षा के कारण खेती होती है, पशुओं को चारा मिलता है। वर्षा के अभाव में बाग-बगीचे उजड़ जाते हैं। सूखा पड़ने से अकाल पड़ जाता है। जिसके कारण जन-धन की बहुत हानि होती है। जल को जीवन कहते हैं। जल की कमी से जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता है।

वर्षा ऋतु की हानियाँ

वर्षा से जहाँ इतने लाभ हैं, वहीं इससे कुछ हानियाँ भी हैं। अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ की चपेट में अनेक गाँव डूब जाते हैं। इसके कारण पशु बह जाते हैं। कहीं-कहीं जन-धन की भी हानि होती है। बाढ़ से हरी-भरी फसलें तबाह हो जाती हैं। अधिक वर्षा से शहर के लोगों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण गाँवों की दशा अधिक खराब हो जाती है। चारों और कीचड़ और पानी के कारण कहीं आना-जाना कठिन हो जाता है। तालाबों, गड्ढों, पोखरों में भरा जल सड़ने लगता है, जिसमें तरह-तरह के मच्छर पैदा हो जाते हैं। इन मच्छरों के काटने से रोग फैलने लगता है। मलेरिया का प्रकोप इसी मौसम में होता है। साँप, बिच्छु जैसे विषैले जीव वर्षा में अधिक पैदा होते हैं। गाँवों के कच्चे मकान वर्षा में गिर जाते हैं।

थोड़ी बहुत हानि के बाद भी वर्षा से लाभ अधिक है। हमारी सरकार बाढ़ पर काबू पाने के लिए बाँधों का निर्माण कर रही है, जिससे बाढ़ पर नियंत्रण लग रहा है। इससे बिजली पैदा की जा रही है। नदियों से नहरें निकाल कर सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। हमें वर्षा का स्वागत करना चाहिए। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। लोग आनंद से आल्हा और कजली गाते हैं। वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।

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8 Best Varsha Ritu Essay in Hindi | वर्षा ऋतु निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Varsha Ritu in Hindi पर 8 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

ऋतुओं की रानी: वर्षा

10 lines essay on varsha ritu in hindi.

  • वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में आती है। यह सितंबर तक जारी रहती है।
  • यह ऋतु हमें सूरज की चिलचिलाती गरमी से राहत दिलाती है। इस ऋतु में प्यासी धरती को जल मिलता है। इस ऋतु में आसमान में बादल उमड़ने-घुमरने लगते है।
  • बादलों को देखकर मोर नाचने लगते है। नदियों तथा तालाब पानी से भर जाते है। झर-झर करते झरने और कल-कल करती नदियाँ इठलाने-बलखाने लगती है।
  • पक्षियों का कलरव पूरे वातावरण को मंत्रमुग्ध कर देता है। पेड़-पौधे हरे-भरे तथा ताजा हो जाते हैं।
  • Varsha Ritu में इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है। किसानों के लिए तो यह ऋतु वरदानस्वरूप है। इस समय वे खेतों में नई-नई फसलें लगाते है।
  • बच्चे वर्षा के पानी में खेलना पसंद करते है।
  • लेकिन कभी-कभी भारी वर्षा मानव जीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। सड़को तथा नालियों में पानी भर जाता है।
  • वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। तरह-तरह के कीड़ोंमकोड़ों के काटने से भयंकर बीमारियों उत्पन्न हो जाती है।
  • कहीं-कहीं अतिवृष्टि के कारण बाढ़ आ आती है जिससे जान-माल को काफी नुकसान पहुँचता है। ये चीजे हमारे जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है।
  • फिर भी, हम सभी वर्षा ऋतु का दिल खोलकर स्वागत करते है। यह हमे नया जीवन तथा ताजगी देती है।

Varsha Ritu Essay in Hindi (250 Words)

वर्षा को ऋतुओं की रानी कहा गया है। इसका कारण है इसी के कारण पेड़-पौधे, लता व वनस्पतियों की उत्पत्ति एवं विकास होता है। वसंत ऋतु हो या ग्रीष्म, शिशिर हो या हेमंत, वर्षा हो या फिर शरद ऋतु, इन सभी में वर्षा के कारण ही परिवर्तन होता है।

ज्येष्ठ माह की गर्मी के कारण समस्त जीव व्याकुल रहते हैं। ऐसे में वर्षा उन्हें शीतलता प्रदान करती हैं।

वर्षा होने से चारों ओर हरियाली-ही-हरियाली दिखाई देती है। ताल-तलैया जल से भरकर बहने लगते हैं। मेंढक के टर्राने की आवाज़ सुनाई देती है। नदियों में भरपूर जल होता है। किसानों के मुख से अकस्मात् ही गीत के स्वर फूट पड़ते हैं। धान की रोपाई के समय गीत की बहार होती है। उत्तर भारत में गीत, कजली आल्हा गाए जाते हैं। रक्षा बंधन, जन्माष्टमी आदि त्योहार भी इसी समय मनाए जाते हैं। 

Varsha Ritu में कभी-कभी भीषण बाढ़ भी आती है। इसके कारण लोगों को अपने घरों को छोड़ना पड़ता है। बाढ़ और तेज़ वर्षा के कारण मकान गिर जाते हैं। करोड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो जाती है। भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बाढ़ के बाद बीमारियाँ फैलती हैं। इसके परिणामस्वरूप लोगों को अपूर्णनीय क्षति होती है। वस्तुतः फिर भी वर्षा के अभाव में जीवन संभव नहीं है। यही कारण है कि हम सभी ऋतु की रानी वर्षा का भरपूर स्वागत करते हैं।

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Varsha Ritu Par Nibandh in Hindi (350 Words)

भारत में प्रति वर्ष छह: ऋतुएं में आती है – हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, और शरद। सभी ऋतुओं का अपना महत्व तथा अपनी विशेषताएं है, पर इन में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है इसे ऋतुओं की रानी की उपाधि दी गई है।

About Varsha Ritu in Hindi

मई जून के महीने में भयंकर गर्मी पड़ती है धरती का कोना कोना तपने लगता है पेड़ पौधे सूख जाते हैं सभी जीव जंतुओं का गर्मी से बुरा हाल हो जाता है। जुलाई के आगमन के साथ ही वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है। आसमान में घटा छा जाती है काले काले बादल घिर जाते हैं। बादलों को देखकर सभी खुश हो जाते हैं ठंडी हवा से गर्मी से राहत मिलने लगती है। रिमझिम बारिश की बूंदे बरसने लगती है बारिश के बाद चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदी नाले तालाब आदि सब पानी से लबालब भर जाते हैं। सब कुछ नया नया सा प्रतीत होने लगता है।

Varsha Ritu Mein Kya Kya Hota Hai

कई बार बारिश के कारण बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है कभी-कभी मुसलाधार पानी बरसने लगता है लगातार वर्षा होने के कारण नदियों में बाढ़ आ जाती है। नदी किनारे के पेड़ पौधे उखड़ कर वह जाते हैं। गांव नगरों में पानी भर जाता है मकान ढह जाते हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं। सारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है शहरों में तो वर्षा के कारण और भी बुरा हाल हो जाता है रास्ते में कीचड़ और गंदगी हो जाती है। सड़कों पर गड्ढे में पानी भर जाता है वाहनों का लंबा जाम लग जाता है।

वर्षा में कई प्रकार के कीड़े मकोड़े मच्छर मक्खी आदि पैदा हो जाते हैं। इनसे कई बीमारियां फैल जाती है। इन बीमारियों से बचना आवश्यक हो जाता है, यदि बारिश ना हो तो भी स्थिति खराब हो जाती है। कई राज्यों में सूखा पड़ जाता है। कृषि के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल पाता अन्यथा वनस्पतियां उत्पन्न नहीं हो पाती। इन सभी समस्याओं के बावजूद वर्षा ऋतु हमारे जीवन का आधार है। इसके कारण ही पानी आदि संभव हो पाते हैं इसलिए ऋतुओं की रानी की सभी प्रतीक्षा करते हैं।

वर्षा ऋतु निबंध in Hindi (400 Words)

Varsha Ritu ऋतुओं की रानी है। सारे संसार में सभी ऋतुओं में यह एक ख़ास ऋतु है। संसार के बड़े-बड़े कवियों एवं लेखकों ने इस ऋतु की काफी प्रशंसा की है और इसपर अच्छी-अच्छी कविताएं अवं निबंध लिखी हैं। यह ऋतु इंसान, जानवर, पेड़-पौधों को जीवन यापन करने में मदद देती है, प्यासों को पानी देती है और माँ की तरह मनुष्य का पालन-पोषण करती है।

प्राकृतिक सौंदर्य

इसके प्रभाव से प्रकृति लहलहा उठती है; सूखे पेड़ – पौधों और सूखी पत्तियों में नयी जान आ जाती है। पुरे संसार में हरियाली छा जाती है। भिन्न-भिन्न प्रकार के पशु – पक्षी अपनी मधुर स्वर से वन और उपवनों की शोभा बढ़ाते हैं।

तालाब में मेंढक टर्र-टर्र आवाज़ करने लगते हैं, दुबली-पतली लताएँ बढ़कर फैलने लगती हैं और वृक्षों से लिपटने लगती हैं। घने जंगलों में मोर पंछी मस्त होकर नाचने और झूमने लगते हैं। सारी प्रकृति एक नयी उमंग और एक नया रूप धारण कर नये जीवन का अभिनंदन करती है। सूखी नदियां किनारों को तोड़ती-मरोड़ती आगे बढ़ती हैं। और कभी-कभी किनारों के पेड़-पौधों को उखाड़-पछाड़कर गिराने लगती हैं।

इस ऋतु में ऐसा लगता है, किसी ने सारी भूमि पर हरी चादर बिछा दी हो। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे, ताल-तलैया, आहर-पोखर-सभी भरे-पूरे हो उठते हैं। आकाश काले मेघों से भर बिजली चमकाते है और कभी भी बादल गरजते हैं। जब वर्षा की नन्हीं बूंदें छोटे-बड़े पत्तों पर गिरती हैं तब ऐसा लगता है मानो मोती झर रहे हों। गाँव के किसान झूम उठते हैं।

Varsa Ritu संसार के लिए नये जीवन का अमृत अथवा बहुमूलय उपहार लेकर आती है। सभी नया जीवन पाकर असीम आनंद का अनुभव करते हैं। यदि वर्षा न हो तो चारों ओर हाहाकार मच जाय, अन्न की उपज न हो और सारे लोग भूख से तड़प कर मर जाएँ, देश में अकाल की स्तिथि होने लगे। इतना ही नहीं, मनुष्य की तरह पशु-पक्षी अन्य जानवर भी मर जाएँगे। वर्षा ऋतू के आभाव में जब पशुओं को खाना नहीं मिलता है, तब उनकी भी हालत गंभीर होने लगती है।

Varsha Ritu कभी जीवन प्रदान करती है, तो कभी जीवन बर्बाद भी कर देती है। अधिक वर्षा के कारण गांवों और शहरों को डूबा (बाढ़) भी देती है। शहर तो साफ-सुथरी कर जाती हैं, किंतु गाँवों की राहों में कीचड़ जैसी गन्दगी हो जाने के कारण लोगों के आने-जाने में बड़ी कठिनाई होती है।

इस ऋतु में जहरीले कीड़े, मच्छर और मक्खियां बड़ी संख्या में निकल आती हैं, जिनसे मलेरिया, हैजा आदि रोग भयानक रूप धारण कर लेते हैं। लगातार वर्षा होने के कारण गरीबों के मिटटी के घर गिर पड़ते हैं और वे बेघर और लाचार हो जाते हैं। यदि बाढ़ आ जाती है तो, खेत-खलियान और गाँव-घर सब बर्बाद हो जाते हैं।

Varsha Ritu खुशियों, उत्साह और आशा की ऋतू है। यह जीवन-यापन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि सभी ऋतुओं में इसका सबसे ऊँचा स्थान है यदि यह न होती, तो जीवन और जीवनशैली की सत्ता ही हमेशा के लिए ख़तम हो गयी होती।

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Varsha Ritu Essay in Hindi (500 Words)

Varsha Ritu ऋतुओं में पटरानी है। यह जब सज धज कर आती है, तब सारी सृष्टि चहक उठती है; यह जब कोपभवन में जाती है, तब एक दशरथ की बात कौन कहे, हरेक प्राणी की आँखों के आगे अँधेरा-सा छाने लगता है। वैसे तो इस ऋतु का पर्यटन काल आश्विन से कार्तिक तक है, किन्तु राम-नाम के युगल वर्णो जैसे पवित्र सावन और भादों मास ही इसकी मनोवांछित लीला-भूमि हैं।

वर्षा ऋतू के गुणगान

Varsha Ritu में प्राकृतिक सौन्दर्य अपनी तरुणाई पर रहता है। लगता है जैसे हरी मखमली कालीन पर प्राकृतिक -सुन्दरी लेटी हो। इस ऋतु का गुणगानं वैदिक ऋषियों ने ‘निकामे निकामे नः पर्जन्योऽभिवर्षतु’, अर्थात् ‘हमारे मन-मुताबिक बादल बरसा करें कहकर किया था।

तबसे शायद ही कोई उत्कृष्ट कवि हो, जिसने इसकी महिमा न गायी हो। आदिकवि वाल्मीकि ने लिखा है कि बिजली की पताका और बलाका की माला धारण किये हुए शैलशिखर-से डीलडौलवाले मेघ रणमत्त गजेन्द्र की तरह गर्जन करते हैं। वर्षा-ऋतु के आगमन से सर्वत्र संगीतोत्सव हो जाता है – भौरे का गुंजन वीणा की झंकार है, मेढक की ध्वनि कण्ठताल है तथा मेघगर्जन मृदंग की धमक है।

पंतजी ने लिखा है

झमझम-झमझम मेघ बरसते हैं सावन के छमछम गिरती बूंदें तरुओं से छन-छनके, चमचम बिजली लिपट रही रे उर से घन के थम-थम दिन के नभ में सपने जगते मन के।

‘नजीर’ अकबराबादी फरमाते हैं

बादल हवा के ऊपर ही मस्त छा रहे हैं। झड़ियों की मस्तियों से धूमें मचा रहे हैं। ड़ते हैं पानी हरजा जल-थल बना रहे हैं। गुलजार भींगते हैं, सब्जे नहा रहे हैं। क्या-क्या मची हैं, यारो, बरसात की बहारें।

Varsha Ritu ke फायदे

वर्षा ऋतु केवल नयन-रंजन ही नहीं करती, इसके आगमन पर ही कृषि का फल निर्भर करता है-ऐसा कविकुलगुरु कालिदास ने ठीक ही कहा है।

अँगरेजी की एक कहावत है “Handsome is that handsome does” वर्षा ऋतु सुन्दर इसलिए भी है कि यह सुन्दर काम करती है। सारे संसार में अकाल का ताण्डव हो जाय, भूख की ज्वाला में सृष्टि की हर खूबसूरत कली मुरझा जाय, यदि वर्षा देवी का पदार्पण न हो। सावन की बदरिया बरसकर भले ही, किसी दीवानी मीरा को उसके मनभावन के आवन की सुधि दे जाय, किन्तु हमें तो इसमें नवजीवन की शिवा के आगमन की ही सूचना मिलती है।

Varsha Ritu के नुकसान

कभी-कभी अतिवष्टि (बाढ़) हो जाती है और इसमें हमें किसी इन्द्रकोप की भनक मिलने लगती है और तब सरकार को बड़ी मुश्किल से गोवर्द्धन पर्वत उठाना पड़ता है; किन्त अतिवष्टि से जो जन धन की क्षति होती है, उसकी पूर्ति असम्भव है। सचमुच ‘अति’ होती ही बुरी है- अति सर्वत्र वर्जयेत् ! फिर भी, वर्षाऋतु महारानी ही नहीं, वह महादेवी है जिसके कृपा-कटाक्ष के लिए हम सभी लालायित रहते हैं।

इसके आज्ञाकारी अनुचर मेघ से हम कह उठते हैं—’हे मेघ । तुम सूर्य के लाल नयन में काजल डालकर उसे सुला दो, वृष्टि के चुम्बन बिखेरकर तुम चले जाओ, जिससे हमारे अंग हर्ष से फड़क उठे।

सूर्येर रक्तिम नयने तुमि मेघ ! दाउ से कज्जल पाड़ाओ घूम। वृष्टिर चुम्बन बिथारि चले जाउ-अंगे हर्षेर पडक झम !

वर्षा ऋतु पर निबंध (600 Words)

भारतवर्ष षट् ऋतुओं का देश है। यहाँ ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत और वसंत का ऋतुचक्र एक-दूसरे के पीछे चलता हुआ एक वर्ष की अपनी मंजिल का घेरा पार कर लेता है। यों तो अपने विशेष रूप-सौंदर्य में हर ऋतू का अपना विशिष्टि स्थान है; पर वसंत को हमारे यहाँ ऋतुराज और वर्षा को ऋतुओं (Varsha Ritu) की रानी कहा गया है। सच्चाई यह है कि हमारे इस कृषि-प्रधान देश भारत में वसंत का वह महत्त्व नहीं है, जो वर्षा का है।

बंसत फरवरी और मार्च इन दो महीनों में अपना सौंदर्य और रूप-रंग चराचर पर बिखेरता हुआ आता है, पर इस देश की 90 प्रतिशत जनता न उसका आगमन देख पाती है और न उसके प्रस्थान को ही अनुभव करती है। कुछ गिने-चुने भले ही वसंत में फूलो-भरी प्रकृति की शोभा देखकर मुग्ध हो उठे, पर अधिकांश के लिए तो उसका आना या न आना दोनों बराबर हैं, जबकि वर्षा के संबंध में यह नहीं कहा जा सकता।

Varsha Ritu को ‘चौमासा’ भी कहा गया है; अर्थात् वर्षा के चार महीने माने जाते हैं। – आषाढ़, सावन, भादों और आश्विन । जेठ को कठिन गर्मी से जब धरती गर्म तवे की तरह जलने लगती है, धूल के गुब्बार नाचते हुए आकाश की तरफ उठकर बहुत ऊँचे चले जाते हैं, दूर-दूर दोपहरी का घना सन्नाटा, काँपती हुई धरती, प्यासे चराचर त्राहि-त्राहि कर उठते हैं तो वर्षा रानी का हृदय पसीज उठता है।

पूर्व दिशा से ठंडी-ठंडी हवा बहने लगती है जो इस बात का सन्देश देती है कि वर्षा रानी की सवारी बहुत दूर नहीं है। अचानक आकाश पर काले-काले बादल लहराने लगते हैं। क्षितिज पर उल्लास से भरे सफेद-सफेद बगलों की पंक्तियाँ उड़ती हैं; अधमरे पशु-पक्षियों और नर-नारियों में नव जीवन का संचार हो उठता है और सबकी आँखें आकाश की ओर प्रतीक्षा में लग जाती है-कब झिमिर-झिमिर वर्षा की अमृत फुहारें बरसने लगें।

सावन और भादों के दोनों महीनों में आकाश काले-काले बादलों से घिरा रहता है। बीच-बीच में बादल गरजते हैं, बिजली चमकती है, धुंआधार वर्षा होती है और तेज़ हवाएँ चलती हैं। कभी-कभी ओले भी गिरते हैं। नद-निर्झर उछल पड़ते हैं; तालाब पानी से भर जाते हैं; गाँव की गलियों और खेत-खलिहानों में पानी भर जाता है। रास्ता चलना कठिन हो जाता है-विशेष रूप में गाँव में रात के समय बरसती वर्षा में बड़ा भयानक दृश्य उपस्थित हो जाता है। ऐसे समय में घोर अंधकार में वर्षा के थपेड़ों को झेलकर इधर से उधर जा पाना सचमुच बड़ी टेढ़ी खीर है।

कभी-कभी तो सुबह से ही आकाश काले-काले बादलों से भरा होता है। मौसम बड़ा सुहावना हो जाता बै। लगता है कि बादल दिन-भर रहेंगे, पर बरसेंगे नहीं। ऐसे मौसम में लोग आनंद मनोरंजन और पिकनिक के विविध कार्यक्रम बनाकर घरों से निकल पड़ते हैं और मौसम का भरपूर आनंद उठाते हैं। उस समय हमें तुलसी की यह चौपाई बहुत याद आती हैं

वर्षाकाल मेघ नभ-छाए। गरजत लागत परम सुहाए।

Varsha Ritu एक सुहावनी ऋतु है। इस ऋतु में लहराते हुए खेत, जंगल और वन बड़े लुभावने लगते हैं, जब बरसती हुई रिमझिम फुहारों में खेतों में मोर नाचते हैं, पपीहे पुकारते हैं और आम मीठे मधुर रस से भरकर चूसने वालों को निमंत्रित करते हैं तो लोग मनाते हैं कि वर्षा की यह सुहावनी ऋतु कभी न जाए; पर ऐसा नहीं होता। चार – पाँच दिन में ही लोग ऊब जाते है और सूर्य को देखने के लिए लालायित हो उठते हैं।

Varsha-Ritu-Essay-in-Hindi

Varsha Ritu Essay in Hindi (1000 Words)

अभी किचित् आशा न थी कि गर्मी की तपन को झूठलाती हुई अकस्मात वर्षा हो जाएगी। गर्मी की तपन से सभी परेशान थे। वृक्षों के नीचे जहाँ तहाँ मोर विश्राम कर रहे थे। केकारव कर गर्मी से अपनी व्याकुलता को प्रकट कर रहे थे। मुर्झाए से बिना जल के अपनी व्यथा को कह रहे थे। तालाब में नित्य आने वाले पक्षी प्यास की व्याकुलता से चोंच उठाए चीख रहे थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि प्रार्थना कर रहे हों कि मेघ जल्दी आओ और हमारी प्यास बुझाओ। मैं मित्रो के साथ ताज-महल के सौंदर्य-दर्शन के लिए आगरा जा रहा था। हम सब कार में थे।

गर्मी के कारण इस यात्रा का निर्णय उचित नहीं लग रहा था। लम्बी यात्रा के बाद पेड़ों की घनी छाया में रुके। जहाँ रूके वहाँ सड़क से कुछ दूर तालाब था। जहा पंछियों की मानसिकता को देखा और परखा। कार खड़ी करके कुछ ही कदमों पर होटल में गए। थोडी देर रुके विश्राम किया। कुछ ही समय बीता होगा कि लगा पक्षियों की प्रार्थना मेघों ने सुन ली और आँधी-तूफान मेघों के साथ आ गया हम देखते ही रह गए और हैरान हुए।

मुसलाधार वर्षा और दिन में ही अंधेरा

तूफान के साथ आकाश में घोर-गर्जना करते हुए बादल घिर आए। मोटी-मोटी बूंदें गिरने लगीं। इतनी ही देर में होटल यात्रियों से भर गया। सभी वर्षा से बचने का प्रयास करने लगे। तालाब में उपस्थित पक्षी सारस द्विगुणित शोर करने लगे। छाया में बैठे मोरों ने पेड़ों की शाखाओं का सहारा लिया प्रसन्नता बिखेरते हुए केकारव करने लगे। देखते ही देखते आकाश में इतने घने बादल छा गए कि दिन में ही अंधेरे का आभास होने लगा।

सूर्य का प्रचण्ड ताप शान्त हो गया। सबसे अच्छा लग रहा था पेड़ों पर बैठे, कलरव करते हुए या नाचते हुए मोर । होटल में एकत्र भीड़ आश्चर्य करते हुए प्रकृति का अदभूत खेल बताते हुए बातें कर रहे थे। देखते ही देखते गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई। वाहन जहाँ के तहाँ थम गए।

तूफान के साथ बौछारें होटल में अन्दर आने लगी और सबको भिगोने लगीं। गर्मी में ठिठुरन होने लगी। बौछारो से बचने का प्रयास करने लगे, किन्तु पर्याप्त स्थान न होने के कारण कोई भी बौछारों से बिना भीगे न बच सके। कंपकंपी बढ़ने लगी। वर्षा ने दिन में ही अंधेरे का आभास कराकर अपना चमत्कार दिखाया। थोड़ी देर वर्षा थमी। लोग होटल से बाहर आए, निगाह पसारी, देखा सभी खेत और समीप का तालाब लबालब भर गया। सबने अपने कपडे निचोडे। हम सबके पास दूसरे कपड़े थे। कार की ओर लपके और कपड़े बदले। वहाँ से लौटना उचित समझा और लौट पड़े।

केवल अभी वर्षा थमी थी, या कहो कि बादल श्वाँस ले रहे थे या इण्टरवल हो गया था, बिजली चमक-चमक कर सिंहनाद करके विज्ञापन दिखा रही थी और भय पैदा कर रही थी। कार लौटा कर मोड़कर वापस आने का मन बना कर लौटने लगे क्योंकि ताजमहल के सौन्दर्य को देखने का उत्साह बिजली की चमक ने पूर्णतः समाप्त कर दिया।

वर्षा के आनन्द में भय

अब ताजमहल के सौन्दर्य दर्शन से प्रकृति का सौन्दर्य मनोहारी और भयदायक अधिक लग रहा था। अब गर्मी नहीं सूर्य की तपन नहीं थी। इधर-उधर निहार रहे थे। पेड़ों की मुर्झाई पत्तियाँ नाँच-नाँच कर हवा के साथ साँय-साँय कर रही थीं। पुरी तरह आनन्द विभोर दिखाई दे रही थी।

पत्तियों के साथ कार भी सॉय-साँय करते हुए वेग से बढ़ रही थी। इतने में इष्टरवल समाप्त हआ, वर्षा ने फिर दूसरा दृश्य दिखाना शुरू कर दिया। हृदय को कँपा देने वाली बार-बार बिजली कडकने लगी। सर्प सी लहरियाँ लेते हुए बिजली कौंधने लगी। ऐसी लगती कि बिजली की चमक हमें ही छू लेना चाहती है।

वर्षा का आनन्द और भय दाना के साथ समाए हुए थे। वर्षा का वेग पल-पल तेज होता जा रहा था कि कार की गति कम करनी पड़ी। सामने स आते वाहन लाइट जलाने पर समीप आने पर ही दिखाई देते थे। आगे बढ़े और देखा कि प्रकृति का सौन्दर्य व्यवधान बन गया। छोटे-बड़े वाहन पक्की सड़क से नीचे उतरने पर दल-दल हुए धरती में धंस गए।

वर्षा के कारण निकलने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा था। लोग काँप रहे थे। फिर थोड़ी दूर पर विशाल वृक्ष गिर कर चुनौती दे रहा था कि अब मुझे पार कर नहीं निकल सकते। पीछे धंसे वाहनों की तरह कहीं हमारी कार भी दल-दल में न धंस जाए। साहस बटोरकर मन में भय लिए राम-राम करते हुए धीरे-धीरे किनारे से निकल गए। घर की सीमा में पहुँचे। राहत की सांस लौटी, दिन में अंधेरा था अब सांय और रात का अंधेरा होने वाला था। दिन में ही तारे कैसे दिखाई देते हैं, यह आज साक्षात् अनुभव हो गया। चारों ओर पानी ही पानी था।

जान बची तो लाखों पाए

यद्यपि घर तक जाने का रास्ता पक्का था, किन्तु पानी ने उसे पूरी तरह ढक लिया था। धीरे-धीरे अनुमान से रास्ता ढूँढ़ते हुए रेंगते हुए अन्ततः घर पहुँचे। घर पहुँचते ही अपने परिवार और पड़ौसी हमें उसी दिन लौटा हुआ पाकर उपहासात्मक प्रश्नों की बौछार कर रहे थे। ताजमहल क दर्शन हुए? कैसा था ताजमहल, वर्षा में उसकी धूल आदि धुल गई होगी और अधिक सुन्दर, चमकदार लगा होगा ? ऐसे-ऐसे प्रश्न किए जा रहे थे। कोई कह रहे थे-वर्षा का आनन्द जो इन्होंने लिया, और कोई क्या लेगा। यही क्या कम है-कि जान बची तो लाखों पाए, लौट के बुद्धू घर आए। भगवान का शुक्र है सही-सलामत घर आए।

वर्षा ऋतू के नुक्सान

प्रकृति के ऐसे चमत्कारों में भी एक चमत्कार है, कि गए थे, भयावह गर्मी थी, और लौटे कंपा देने वाली ठण्ड और चारों ओर पानी। एक ही दिन में धरती की प्यास बुझ गई। पक्षियों के रेन-बसेरे नष्ट हो गए। पशुओं के लिए कयामत बन गई। झोंपड़ी आदि में रहने वालों के लिए वर्षा कहर बन गई। यह वर्षा हमारे लिए अनेक प्रश्न खड़े कर गई कि प्रकृति से कोई पार नहीं पा सकता है। अनुकूल वर्षा ही हित कर होती है।

वर्षा का अभाव अकाल का कारण होता है। त्राहि-त्राहि का स्वर धीरे-धीरे सुनाई देता है तो अतिवर्षा विनाश का ताण्डव करती है। अतिवर्षा में यकायक ही त्राहि-त्राहि का स्वर एक साथ ही फूट पड़ता है। श्रावण माह के गीत चीख-पुकारों में बदल जाते हैं। नदियाँ अपने प्रवाह में गाँवों को डुबोती हुई फसलों को चौपट करती हुई उच्छृखल हो जाती हैं।

सारी व्यवस्थाएँ चरमरा जाती हैं। जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो तड़प उठता है। यही वर्षा प्राणि-जगत, वनस्पति जगत का आधार है। अतः इसके अति और अभाव दोनों रूप भयावह होते हैं। नदी-नालों का वर्षा में इतराना, इठलाना, मेढ़कों का टर्राना, मोरों का नाचना, प्रकृति का उन्माद तभी अच्छा लगता है जब वर्षा अनुकूल होती है। वह अमृत-तुल्य होती है। ऐसी वर्षा के प्रति तुलसीदासजी ने कहा है

वर्षाकाल मेघ नभ छाए। गरजत लागत परम सुहाए।

तो दोस्तों आपको यह Varsha Ritu Hindi Essay पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध

भारत में मुख्य रूप से तीन ऋतु है, जिसमें वर्षा ऋतु लोगों की प्रिय ऋतु होती है। वर्षा ऋतु शुरू होते ही विद्यालयों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है।

Varsha Ritu Par Nibandh

निबंध के जरिए बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु में उत्पन्न धरती के अनुपम सौंदर्य से अवगत हो सके।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस लेख में हम अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु निबंध हिंदी (varsha ritu essay in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिससे हर कक्षा के विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी।

वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्द

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसके कारण यहां पर वर्षा ऋतु का बहुत ही ज्यादा महत्व है। किसान वर्षा पर ही निर्भर होते हैं, इसीलिए वे साल भर बहुत बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं। क्योंकि वर्षा ऋतु शुरू होते ही किसान हल लेकर अपने खेत फसल बुवाई के लिए चले जाते हैं।

वर्षा ऋतु भारत में जून महीने में प्रारंभ होती है और सितंबर महीने तक यह मौसम रहता है। वर्षा ऋतु के दौरान चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे भी लगते हैं, खुशी के मारे झूम रहे होते हैं। वर्षा ऋतु में मोर अपने पंख फैला कर नाचते हैं।

आकाश में उत्पन्न इंद्रधनुष बहुत खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करते हैं। बाजार में केला, जामुन, अनानास, सीताफल और अनार जैसे वर्षा ऋतु के फल बिकने लगते हैं। चारों तरफ मेढ़क के टरटराने की आवाज आती है। आसमान घने काले बादल से घिर जाता हैं।

वर्षा ऋतु में बच्चे कागज का नाव बनाकर पानी में खेलते हैं। पहली बारिश की बूंद जब मिट्टी पर पड़ती है तो उसकी खुशबू लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। वर्षा ऋतु हर किसी का पसंदीदा मौसम होता है।

Varsha Ritu Par Nibandh

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द

भारत में तीन प्रमुख ऋतु है, जिसमें से एक है वर्षा ऋतु। भारत में जुलाई महीने में शुरू होती है और फिर सितंबर महीने तक रहती है। वर्षा ऋतु का आगमन होते ही आसमान पूरी तरीके से काले बादल से ढक जाता है।

फिर बादल की गरज और बिजली की चमक के साथ वर्षा की बूंदे धरती पर अपना कदम रखती है। बारिश की बूंदे जैसे ही मिट्टी पर गिरती है, उसकी खुशबू वातावरण को मनमोहन बना देती है। सूरज की जब किरण वर्षा की बूंदों पर पड़ती है तो नीले आसमान में रंग-बिरंगे इंद्रधनुष से देखने लायक दृश्य उत्पन्न होता है।

वर्षा ऋतु का इंतजार न केवल इंसान बल्कि जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी उत्सुकता से करते हैं। जब वर्षा ऋतु शुरू होती है तब पेड़-पौधे भी खुशी से झूम उठते हैं। वर्षा ऋतु के खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे गाय भैंस के लिए चारा आ जाता है।

वर्षा ऋतु के कारण पानी के हर एक स्त्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंवे सब में पानी भर जाता हैं। वर्षा ऋतु में लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं।

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है लेकिन कभी कबार अत्यधिक वर्षा के कारण भयंकर बाढ़ भी आ जाता है, जिससे जानमाल का बहुत नुकसान होता है।

वहीं कभी कबार बहुत कम वर्षा होती है, जिसके कारण सूखा भी पड़ जाता है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ओणम, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार वर्षा ऋतु में ही आते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 250 शब्द

वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है।

इस ऋतु का इंतजार लोगों के साथ ही जानवरों, पेड़-पौधों, पक्षियों को भी रहता है। सभी इसका उत्सुकता से इंतजार करने के साथ ही इसके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं।

गर्मी की ऋतु में अधिक गर्मी होने के कारण नदी, तालाब, महासागर आदि से जल आकाश में वाष्प के रूप में चला जाता है और वहां पर बादल का निर्माण करता है। फिर जब बादल चलते है तो आपस में टकराते या फिर घर्षण करते हैं तो आकाशीय बिजली गरजती है और वर्षा होती है।

वर्षा ऋतु में वर्षा होने से सभी को आनंद और सुकून की अनुभूति होती है और वातावरण को खुशनुमा बना देती है। आसमान में नीले रंग के चमकदार बादल और सात रंगों से भरा हुआ इन्द्रधनुष दिखाई देता है। जिसका सभी लोग बेसब्री से इन्तजार करते हैं।

भारत देश में गर्मी का तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है, जिसके कारण नदी और तालाब सूख जाते हैं और जिसके कारण जानवर आदि भी प्यास से मरने लग जाते हैं। वर्षा ऋतु आने आने पर सभी के चहरे खिल उठते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द

3 से 4 महीने तक भीषण गर्मी और तपती ज्वाला में जलने के बाद मनुष्य सहित हर एक जीव जंतु और पेड़ पौधों को बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार रहता है। वर्षा ऋतु हर ऋतु की तरह ही मनुष्य और प्राणी के लिए बहुत महत्व रखता है।

हालांकि पूरी दुनिया में हर जगह पर वर्षा ऋतु के आगमन का समय अलग-अलग होता है। इसके साथ ही इसका अंतराल भी कम ज्यादा होता है। कुछ जगह तो ऐसी भी है, जहां पर साल भर वर्षा होती रहती हैं।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया के हर जगह अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बात करें भारत में तो भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जून महीने में होता है और सितंबर महीने तक यह रहता है।

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ता है, उसके बाद यह उत्तर भारत की ओर आता है।

वर्षा ऋतु का आगमन होते ही कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग अपने घर की मरम्मत करने लगते हैं और किसान खेती की तैयारी करने लगते हैं।

प्रकृति का दृश्य

वर्षा ऋतु में धरती का श्रृंगार होते हुए नजर आता है। चारों तरफ हरे-भरे घास और पेड़ पौधे वातावरण में हरियाली भर देते हैं। रंग बिरंगे फूल प्रकृति को और भी खूबसूरत बना देते हैं। वर्षा ऋतु में मानो धरती खिल उठती है।

पेड़ पौधे झूम उठते हैं, बागों में लगी अमिया पक्कर आम बन जाते हैं। प्रकृति और भी खूबसूरत और मनमोहक हो जाता है। चारों तरफ मिट्टी की मनमोहक सुगंध वातावरण को और भी प्रफुल्लित बना देती है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण यहां पर वर्षा ऋतु हर एक किसानों के लिए सबसे खास ऋतु होता है। क्योंकि इस ऋतु में ही वे खेती करना शुरू करते हैं और हर किसी को अन्य मिल पाता है।

वर्षा ऋतु के कारण सूखी नदियों में दोबारा पानी आ जाता है। पेड़ पौधों को फिर से नया जीवन मिल जाता है।

वर्षा ऋतु का नुकसान

वर्षा ऋतु मनुष्य के लिए जरूरी है लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण मनुष्य को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आवश्यकता से ज्यादा बारिश होने के कारण नदियों के पानी का स्तर बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आ जाती है और बाढ़ के कारण कई जान माल का नुकसान होता है।

अत्यधिक बारिश होने के कारण फसलें भी खराब हो जाती हैं। नदी नाले गड्ढों में गंदा पानी इक्कठा होने के कारण मच्छर का उपद्रव बढ़ जाता है और कई तरह की बीमारी फैलने लगती हैं।

जल ही जीवन है और जल के स्त्रोतों में पानी बरसा के कारण ही आ पाता है। अगर वर्षा ऋतु ना हो तो पीने के पानी की कटौती हो जाएगी। वर्षा ऋतु ना हो तो किसान फसल नहीं पैदा कर पाएगा और फिर अन्न की कमी हो जाएगी।

इस तरह वर्षा ऋतु हर तरह से मनुष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। यह मनुष्य के साथ ही जीव जंतु सभी के लिए जरूरी है।

यह भी पढ़े: भारत में ऋतुएँ पर निबंध

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द

तपती और चिलचिलाती हुई गर्मी को दूर करने के लिए वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में जुलाई में होता है, जो सितम्बर तक चलता है। वर्षा ऋतु मनुष्य के साथ पेड़, पौधों और जीव जगत को एक नया उत्साह दे जाता है।

वर्षा ऋतु में गर्मी के कारण सूखे पड़े नदी, तालाब और महासागर फिर खिल उठते हैं और पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। जब तपती जमीन पर जल की बूंदे गिरती है और फिर कुछ दिन बाद पूरा वातावरण हरा भरा हो जाता है।

किसान वर्ग को वर्षा ऋतु का बेशब्री से इंतजार रहता है। इस ऋतु के आने के पश्चात किसान अपने खेत में नई फसल की पैदावार करते हैं। वर्षा होने के कारण धूल भरी आंधियों से निजात मिल जाती है।

हमारे जीवन में वर्षा ऋतु का महत्व उतना ही है, जितना अन्य ऋतुओं का है। यह ऋतु जब शुरू होती है तो हमें तेज गर्मी से राहत मिलती है और इससे पेड़ पौधों को बहुत फायदा होता है। ऐसा मान सकते हैं कि सभी को एक नया जीवन मिल गया हो।

गर्मी अधिक पड़ने के कारण सभी तालाब, नदियां आदि सूख जाते हैं जिसके कारण वातावरण गर्मी से भर जाता है और सभी को परेशानी होने लग जाती है। जब वर्षा ऋतु आती है तो वर्षा होने से ठंडी हवा चलने लग जाती है और चारों ओर पानी से भरे तालाब, हरे भरे पेड़ पौधे और हरियाली छा जाती है, जो सबको उत्साह से भर देती है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। इसके लिए वर्षा ऋतु अपना अहम योगदान अदा करती है। वर्षा ऋतु में सभी किसानों के चहरे खिल उठते हैं।

सभी किसान खुशी ख़ुशी अपने खेतों में फसल की पैदावार करते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते हैं। जिसके कारण उनकी आमदनी हो जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे

वर्षा ऋतु के कई सारे फायदे है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • इसके कारण हमें चिलचिलाती और कड़कड़ाती धूप से निजात मिलती है।
  • चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता है। पेड़ और पौधे खिल उठते हैं।
  • नदी और तालाब पानी से भर जाते हैं, जिसके कारण वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है।

वर्षा ऋतु के नुकसान

वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • वर्षा आने के कारण चारों और कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
  • गढ़ों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
  • रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

वर्षा ऋतु के आने का सभी लोग इंतजार करते हैं और इसके स्वागत के अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली और आकाश में नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता है, जो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है।

सुहाने मौसम में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनने को मिलती है और मोर के पंख फैलाकर झुमने लग जाते हैं। चारों तरफ आनंद और उल्लास छा जाता है।

यह भी पढ़े: बारिश पर निबंध

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द

ग्रीष्म ऋतु के बाद में आने वाली वर्षा ऋतु प्रकृति में बहुत बदलाव कर जाती है। ग्रीष्म ऋतु में तेज कड़कड़ाती धूप से सभी लोग, जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं।

लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार होने लग जाता है। सभी इसके आने से पहले अपनी तैयारियों में लग जाते हैं।

वर्षा ऋतु के आने पर सभी ओर नया दृश्य देखने को मिलता है, जो मन को भाने वाला और रोमांचित करने वाला होता है। लोगों के साथ पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी इसका बेशब्री से इन्तजार करते हैं।

वर्षा ऋतु का समय

मई-जून में जब ग्रीष्म ऋतु अपने पूरे प्रकोप में होती है तो फिर वर्षा ऋतु उसके प्रकोप को भंग करने के लिए उसके पश्चात आती है।

इसके आने का समय जून के मध्य का होता है और यह लगभग दो महीने तक सक्रिय रहती है। हिंदी महीनों में इसका समय सावन भदो का होता है।

मई और जून के महीने में गर्मी अपने पूरे प्रभाव में होती है। इसके कारण नदी, तालाब, महासागर आदि सूख जाते हैं और धरती पर पानी की कमी होने लगती है। इसके कारण प्रकृति में मौजूद पेड़-पौधे सूखने लगते हैं और जीव-जन्तु प्यास से बिलखने लगते है।

तेज गर्म हवाएं आंधियों के रूप में चलने लगती है। तापमान अधिक होने के कारण नदियों, तालाबों आदि का पानी भाप के रूप में आसामान में बादल के रूप में जमा होने लगता है।

जब हवाओं के साथ बादल चलते है तो आपस में एक दूसरे से टकराते है या फिर आपस घर्षण करते हैं तो तेज गर्जनाहट होती है और आकाशीय बिजली कड़कड़ाती है। फिर वर्षा होनी शुरू होती है।

वर्षा होने के बाद सभी ओर पानी ही पानी हो जाता है। सभी नदी, तालाब, महासागर के साथ पूरी जमीन अपनी प्यास बुझाती है। फिर कुछ ही दिनों बाद पूरा वातावरण नए रूप में हमारे सामने आता है।

वर्षा ऋतु का दृश्य

जब वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है तो पूरे नीले आसमान में चमकदार और सफेद बादल आ जाते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान इन्द्रधनुष भी आसमान में दिखाई देने लगता है।

वर्षा होने के बाद पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है और चारों ओर पेड़-पौधों पर हरियाली अपना कब्ज़ा जमा लेती है। सभी खेत फसलों से लहराने लगते हैं।

सभी ओर पक्षियों की चहचहाट सुनने को मिलती है और मोर इस मौसम में पंख फैलाकर नाचने लगते है। सभी पक्षियों के साथ ही सभी जानवरों में वर्षा ऋतु की खुशी देखने को मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व है। इसी प्रकार वर्षा ऋतु का महत्त्व भी अलग है। यह तो हम जानते ही है कि “जल है तो जीवन है” और “जल ही जीवन है” हमारे जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

यदि यह नहीं होगा तो जीवन संभव नहीं है। इसलिए यदि वर्षा नहीं होगी तो धरती पर पानी की कमी हो जाएगी और अकाल का सामना करना पड़ेगा।

जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए वर्षा ऋतु बहुत ही अहम योगदान देती है। उनके लिए पीने के लिए पानी और खाने के लिए पेड़-पौधे, झाड़ियां आदि वर्षा से ही संभव है।

भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। इसके लिए वर्षा का होना बहुत ही जरुरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष योगदान है। यदि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो सभी को किसानों को अधिक आमदनी होगी। यह सभी वर्षा से ही संभव है।

  • वर्षा ऋतु आने से पूरे वातावरण से गर्मी दूर हो जाती है और पूरा वातावरण ठंडा और शांत हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली, पेड़-पौधों और नदी, तालाब खिल उठते हैं।
  • वर्षा ऋतु में सभी खेत फसलों से लहराने लगते है।
  • सभी जानवरों के लिए खाने के लिए हरी घास आ जाती है।
  • चोरों तरफ हरियाली ही हरियाली हो जाती है।
  • भूमिगत जल में काफ़ी सुधार हो जाता है।
  • पेड़ों पर पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनाई देने लग जाती है।
  • वर्षा आने से चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक हो जाने के कारण बाढ़ आने की संभावना अत्यधिक हो जाती है।
  • अधिक वर्षा हो जाने के कारण फसलें भी ख़राब हो जाती है।
  • गड्ढों में पानी इकठ्ठा हो जाने के कारण मच्छर पैदा हो जाते है, जो कई सारी बीमारीयों को अंजाम देते है।
  • चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।

वर्षा ऋतु के दौरान आने वाले त्योहार

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विश्व में सबसे अधिक त्यौहार भारत देश में मनाये जाते है। कई त्यौहार ऋतुओं के आधार पर भी मनाये जाते हैं।

जन्माष्टमी, तीज, रक्षाबंधन, ईद उल जुहा, मुहर्रम, ओणम, गणेश पूजा, प्रकाश वर्ष आदि त्यौहार वर्षा ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले त्यौहार है। इसलिए वर्षा ऋतु को तीज-त्योहारों का मौसम भी कहा जाता है।

वर्षा का होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि वर्षा नहीं होगी तो हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अधिक वर्षा के होने के काफी सारे नुकसान तो होते ही है लेकिन हमारे जीवन के लिए वर्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इससे काफी लोगों की आमदनी होती है और यह देश की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करती है।

यहां पर हमने अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु हिंदी निबंध (varsha ritu nibandh in hindi) शेयर किये है, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

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Rahul Singh Tanwar

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वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में | Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतू की जानकारी और निबंध – varsha ritu essay in hindi.

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

(बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh)

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं।

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। इसलिए हमें, आसपास साफ-सफाई में ध्यान देना चाहिए और बरसात में भींगने से बचना चाहिए ।

Q : वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

Ans : वर्षा सभी जिव-जन्तुओ के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

Q : वर्षा ऋतु में कौन सी फसल बोई जाती है?

Ans : वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर,अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।

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वर्षा ऋतु पर निबंध Hindi Essay on Rainy Season

वर्षा ऋतु पर निबंध :हमारा भारतवर्ष ऋतुओं का देश है। यहाँ पर प्रत्येक ऋतू अपनी प्राकृतिक शोभा के साथ आती। है अपने सौंदर्य के छठा को चरों और फैला देती है। यद्यपि सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी विशेषताएं और महत्त्व है

वर्षा ऋतु पर निबंध - Hindi Essay on Rainy Season 

वर्षा ऋतु पर निबंध

वरषहिं जल्द भूमि नियराये, जथा नवहिं बुध विद्या पाए। 

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वर्षा ऋतु पर निबंध (rainy season essay hindi).

Varsha Ritu Nibandh :- प्रकृति के विविध रंगों से सजी हर एक ऋतु अपने आप में एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। हमारे देश में छह प्रमुख ऋतुएं होती हैं, और उनमें से एक वर्षा ऋतु विशेष रूप से प्रिय है। जब गरजते बादल आकार बदलकर आते हैं और धरती पर सुखद वर्षा की बूँदें बरसती हैं, तो यह सब एक सुंदर तस्वीर का निर्माण करता है।

वर्षा ऋतु हमें अपनी जीवनशैली को बदलने, संघर्षों से निपटने, और प्रकृति के साथ संबंध बनाने का एक अद्भुत मौका प्रदान करती है।

इस वर्षा ऋतु पर हिंदी में लिखे गए निबंध में, हम संक्षेप में वर्षा ऋतु के अनेक पहलूओं को समझेंगे। हम देखेंगे कि इस ऋतु का महत्व क्या है और इसके आगमन का स्वागत कैसे किया जाता है।

साथ ही, हम वर्षा ऋतु की सुंदरता और विशेषता को भी गहराई से समझेंगे जो प्राकृतिक सौंदर्य के नए आयाम को प्रदर्शित करती है। इसके साथ ही, हम देखेंगे कि वर्षा ऋतु के आनंद और अनुभव कैसे हमारे जीवन में नए उत्साह का स्रोत बन सकते हैं।

आइए, इस निबंध के माध्यम से वर्षा ऋतु के माधुर्य, मनोहर दृश्य, और समस्याओं के साथ एक साथ यात्रा करें और इस ऋतु के अद्भुत गुणों का आनंद उठाएं।

वर्षा ऋतु का अनुभव करके, हम सभी आँखों को बहुत समृद्ध और सुंदर प्रकृति के साथ भरने का अवसर प्राप्त करते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

1. परिचय.

वर्षा ऋतु हमारे देश में आने वाली छह मुख्य ऋतुओं में से एक है, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस ऋतु के आगमन का हम सभी बेताबी से इंतजार करते हैं और उसका स्वागत करते हैं।

वर्षा ऋतु का महत्व और इसके आगमन का स्वागत एक विशेष उत्सव के रूप में देखा जाता है, जो हरियाली और ताजगी से भर देने वाला होता है।

वर्षा ऋतु का महत्व विश्वास का विषय है। यह ऋतु जल-संसाधनों को भरने, फसलों को उत्पन्न करने, और पृथ्वी को तरोताजा करने में मदद करती है। इस दौरान होने वाली बारिश बिजली और जल प्रदूषण को भी कम करती है और मौसम को शुद्ध करती है।

वर्षा ऋतु का महत्व खेती और उद्यानिकी में भी बहुत बड़ा होता है, क्योंकि इस दौरान फसलों की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है। वर्षा ऋतु ने समृद्ध जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है और हमारी प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होती है।

वर्षा ऋतु के आगमन का स्वागत हमारे जीवन में नई खुशियों का संचार करता है। जैसे ही गरजते बादल आकर धरती पर बरसते हैं, हमारे दिल में नए उत्साह और जीवंती का आभास होता है। वर्षा ऋतु के आगमन से हमारे आस-पास की सृजनशीलता और सुंदरता को नई चार्मधारी मिलती है।

यह ऋतु हमारे संबंधों में नया चेतना और सम्मान भर देती है और हमारे आस-पास की प्रकृति को जागृत करती है। इसलिए, वर्षा ऋतु के आगमन का हम सभी खास स्वागत करते हैं और उसे अपने दिल में खास स्थान देते हैं।

इस तरह से, वर्षा ऋतु का महत्व और इसके आगमन का स्वागत अधिकतर लोगों के दिल में एक खास स्थान रखते हैं।

यह एक ऐसा समय होता है जब हम अपने आस-पास की प्रकृति के साथ गहरा संबंध बना सकते हैं और नई उत्साह भरी शुरुआत कर सकते हैं। इस ऋतु के आगमन का स्वागत हरियाली और प्रकृति के बहुमूल्य विरासत के प्रति हमारी संवेदनशीलता को प्रकट करता है और हमारे जीवन को सुंदरता से सजाता है।

2. वर्षा ऋतु की विशेषता

वर्षा ऋतु एक ऐसी अद्भुत प्रकृतिक ऋतु है जो मौसम के बदलने के साथ सभी को मोह लेती है। यह ऋतु अपने विशेषता और सौंदर्य से जानी जाती है।

इसमें कुछ विशेषताएं हैं, जो हमें उसके खास महत्व को समझाती हैं:

मौसम का बदलना

वर्षा ऋतु का सबसे खास विशेषता है उसके मौसम के बदलने का अनुभव। इस ऋतु में आकाश गाढ़े सफेद बादलों से घिर जाता है और बिजलियाँ चमकती हैं। जल की धाराएं बरसने लगती हैं और पृथ्वी सरसराती है।

बारिश के गीले बूंदों की खुशबू से हर कोने में तरोताजा महसूस होता है। इस अनोखी मौसम के संबंध में हर किसी का दिल बग़ावता है और सबको उत्साह होता है कि कैसे वर्षा अपनी आँखों के सामने प्राकृतिक तस्वीरों की झलक दिखाती है।

प्रकृति की सुंदरता

वर्षा ऋतु के आगमन से पृथ्वी नए रंगों में सजती है। नीले आकाश में गरजते बादल, हरा-भरा पेड़-पौधे और समुद्र की लहरें वर्षा के साथ एक मनमोहक दृश्य साज़िश करते हैं।

यह ऋतु प्रकृति की सुंदरता का सबसे विशेष समय है, जब हम अपने आस-पास की सृजनशीलता का आनंद लेते हैं और दिलों को बहुत समृद्ध करते हैं। वर्षा के साथ प्राकृतिक रंगों की भरमार हमारे मन में आनंद का वातावरण पैदा करती है।

वन्यजीवन का उत्साह

वर्षा ऋतु वन्यजीवन के लिए एक आनंदमय समय होती है। इस ऋतु में जंगली पशुओं और पक्षियों के उत्साह का आभास होता है। बारिश के साथ जंगल के वन्य संसार में नई जीवन की उत्पत्ति होती है और वन्यजीवन अपने आस-पास के वातावरण को आनंदितता से भर देता है।

वर्षा ऋतु वन्यजीवन के लिए एक सुंदर समय होती है जब हम इन प्राकृतिक रंगों का अनुभव कर सकते हैं और प्रकृति के संसाधनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं इसे हमारे लिए विशेष बनाती हैं। यह ऋतु हमारे दिलों को हर्षित करती है और हमें प्रकृति के साथ एक सार्थक और सुंदर संबंध बनाने का मौका प्रदान करती है।

वर्षा ऋतु का आनंद उठाने के लिए हम सभी को इसे सबसे अच्छे तरीके से समझने की आवश्यकता है और इसके सुंदरता को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना है।

3. वर्षा ऋतु का मनोहर दृश्य

वर्षा ऋतु हमें सर्वांगीण सुंदरता का अनुभव कराती है, जो हमारे दिलों को मोह लेती है। इस ऋतु में प्रकृति की रंग-बिरंगी छवियाँ हमारे समीप से होती हैं जो हमें अद्भुत लगती हैं और हमारे मन को आनंद से भर देती हैं।

वर्षा ऋतु में जलप्रपात और झीलों का सौंदर्य भी हमारे दिलों को छु जाता है और हमें उनकी खोज करने का उत्साह देता है। इस ऋतु के दृश्य का आनंद उठाने से हम अपने जीवन की अनमोल यादें बना सकते हैं और प्रकृति की अद्भुत रचना को समझने का अवसर प्राप्त करते हैं।

सार्वभौमिक सुंदरता

वर्षा ऋतु की सबसे खास विशेषता है उसकी सार्वभौमिक सुंदरता। इस ऋतु के आगमन से पृथ्वी एक नए रंगों में सज उठती है और हर कोने में बसा प्राकृतिक सौंदर्य हमारे दिलों को छू जाता है।

गरजते बादल, विराजमान धरती पर सुंदर गुलाबी फूल, हरी-भरी पेड़-पौधे, और समुद्र की लहरें वर्षा के दृश्य को अत्यंत मनोहर बनाती हैं। इसका दृश्य हमारे मन को आनंद से भर देता है और हमारे आस-पास की सृजनशीलता के प्रति हमारी भावनाएं प्रकट होती हैं।

प्रकृति की रंग-बिरंगी छवियाँ

वर्षा ऋतु में प्रकृति की रंग-बिरंगी छवियाँ हमारे दिलों को आकर्षित करती हैं। बारिश के बादल, रंगीन फूल, हरियाली से भरी पृथ्वी, और बहती हुई नदियाँ सभी हमें अद्भुत लगते हैं।

वर्षा ऋतु में प्रकृति की इस खूबसूरत छवियों का आनंद उठाने से हमें अपने जीवन की साधारण बातों में भी ख़ासी खुशियाँ मिलती हैं और हम एक सुखद भावनाओं का अनुभव करते हैं।

जलप्रपात और झीलों का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के दौरान जलप्रपात और झीलें भी हमारे दिलों को आकर्षित करती हैं। बारिश के पानी से भरी हुई झीलों के किनारे घूमने और जलप्रपातों का सौंदर्य देखने से हमारे जीवन को नई ऊर्जा मिलती है। यहां हम अपने दिनचर्या की भागदौड़ से रहते हैं और प्रकृति की शांति और सुंदरता का आनंद उठाते हैं।

इन जलप्रपातों और झीलों के सौंदर्य का साक्षात्कार करने से हमारे मन को चैन मिलता है और हम अपने जीवन के मौल्यवान क्षणों को यादगार बनाते हैं।

वर्षा ऋतु के मनोहर दृश्य हमें प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत अनुभव कराते हैं और हमें उस समय का आनंद उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। वर्षा के इन मनमोहक दृश्यों के साथ हम अपने जीवन को सजाते हैं और प्रकृति की रंग-बिरंगी खूबसूरती का मजा लेते हैं।

4. वर्षा ऋतु के अनुभव

वर्षा ऋतु वह समय होता है जब हम अपने जीवन के सबसे खास और यादगार अनुभवों को अनुभव करते हैं।

बारिश के मौसम का आनंद लेने से लेकर बारिश के गीत और नृत्य से आनंदित होने तक वर्षा ऋतु हमें खुशियों और भावनाओं का एक अलग दुनिया में ले जाती है।

बारिश के मौसम का आनंद

वर्षा ऋतु में बारिश के मौसम का आनंद लेना हमारे जीवन का एक अनोखा और यादगार अनुभव होता है। बारिश के पानी की बूँदों के साथ हमारे दिलों में खुशी का गीत गुंजता है और हम उस आनंदभरे वातावरण का आनंद उठाते हैं।

बारिश की धुंधली धुंध में भटकते हुए, प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने में हमें खास आनंद मिलता है। बारिश के मौसम में खिसकती हुई ब्रीज़ का लहराना आनंद हमारे मन को शांति और सुखदता से भर देता है।

बारिश के गीत और नृत्य

वर्षा ऋतु में बारिश के गीत और नृत्य हमारे दिलों को खुशियों से भर देते हैं। इस मौसम में गाते हुए और नाचते हुए हम सभी अपने दिल के भावों को अभिव्यक्त करते हैं।

बारिश के मौसम में हम सभी अपनी प्रिय गानों का मजा लेते हैं और उनके साथ नृत्य करके खुशियों का एक संवेदनशील संयोग बनाते हैं। बारिश के गीत और नृत्य हमें खुशियों की लहर में ले जाते हैं और हमारे जीवन को रंगीन बना देते हैं।

बारिशी दिनों की यादें

वर्षा ऋतु के दौरान हमारे दिलों में सबसे खास और यादगार बारिशी दिनों की यादें बनती हैं। उठते ही घर से बाहर निकलने, बारिश की बूँदों का संबोधन करने, और उनसे भीगते हुए घूमने का आनंद हमें खास अनुभव कराता है।

बारिशी दिनों की यादें हमारे जीवन में खास जगह रखती हैं और हम उन्हें खासी उम्र तक याद करते हैं। बारिशी दिनों की यादें हमारे मन को आनंद और सुखदता से भर देती हैं और हमें अपने दोस्तों और परिवार के साथ बिताए गए मौसम की यादें ताजगी देती हैं।

वर्षा ऋतु के ये अनुभव हमारे जीवन की सबसे यादगार और रोमांचक कहानियों को बना देते हैं।

बारिश के मौसम के आनंद से लेकर बारिश के गीत और नृत्य के साथ वर्षा ऋतु हमें प्रकृति के साथ एक संवेदनशील और अनुभवपूर्ण समय का आनंद उठाने का मौका प्रदान करती है।

5. वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा ऋतु विश्व के लिए एक आनंदमयकारी ऋतु है जो कई तरह के लाभ प्रदान करती है।

यह ऋतु कृषि के लिए फायदेमंद होती है, पृथ्वी को तरोताजा करती है और जल संसाधनों को भरने में सहायक होती है।

कृषि के लिए फायदेमंद

वर्षा ऋतु कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बारिश के पानी से भरी जमीन विभिन्न फसलों को उत्पन्न करने में मदद करती है और खेती को सफल बनाती है।

बारिश के पानी से कृषि क्षेत्रों की सिंचाई होती है, जिससे फसलें सुखा नहीं पड़तीं और उन्हें पूरे विकास के लिए अवसर मिलता है। इसके साथ ही बारिश के पानी से धरती की मिट्टी तरोताजा होती है जिससे उसमें पोषक तत्व बने रहते हैं और फसलों की उत्पादनता में वृद्धि होती है।

पृथ्वी को तरोताजा करने वाली

वर्षा ऋतु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो पृथ्वी को तरोताजा बनाती है। बारिश के पानी से धरती के पौधों, पेड़-पौधों और फूलों को पोषण मिलता है और वे नए-नए रंगों में खिलते हैं।

इसके साथ ही बारिश के बाद धरती पर एक नई जान पैदा होती है जो हमारे दिलों में आनंद का एहसास कराती है। बारिश के पानी से भरी नदियाँ और झीलें पृथ्वी को सुंदरता से सजाती हैं और उनके आस-पास का वातावरण शांतिपूर्ण और सुखद होता है।

जल संसाधनों को भरने वाली

वर्षा ऋतु जल संसाधनों को भरने में मदद करती है जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। बारिश के पानी से नदियाँ, झीलें और तालाबों की स्तर में उच्चाई आती है और वे भर जाते हैं।

इससे जल संसाधनों की कमी पूरी होती है और उन्हें नई ऊर्जा का संचय करने में सहायक होता है। बारिश के पानी से भरे जल संसाधनों से हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा समृद्ध होता है और हमें विभिन्न गतिविधियों के लिए उपयुक्तता का अवसर मिलता है।

वर्षा ऋतु के ये लाभ विभिन्न प्रकार से हमारे जीवन को सुखी और समृद्ध बनाते हैं।

इस ऋतु के आगमन के साथ हम सभी को इन लाभों का आनंद उठाने का अवसर मिलता है और हम प्रकृति की इस अनमोल वरदान का धन्यवाद करते हैं।

6. वर्षा ऋतु में होने वाली समस्याएं

वर्षा ऋतु अपने सौंदर्य और फायदों के साथ-साथ कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

यहां हम वर्षा ऋतु में होने वाली कुछ मुख्य समस्याओं के बारे में चर्चा करेंगे:

बाढ़ और उसके प्रभाव

वर्षा ऋतु में भारी बारिश के कारण बाढ़ और जल प्रलय की समस्या हो सकती है। बाढ़ के आगमन से सड़कें, गांवों, और शहरों में जल भर जाता है और इससे लोगों को आपसी संबंधों को तोड़ने का सामना करना पड़ता है।

इससे भूमि की खेती भी प्रभावित होती है और उपजाऊ भूमि के नुकसान का सामना करना पड़ता है। बाढ़ के प्रभाव से लोगों के घरों और संपत्ति का नुकसान भी हो सकता है और इससे लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।

जल-लोचन और पेयजल की कमी

वर्षा ऋतु में भारी बारिश के कारण जल-लोचन और पेयजल की कमी हो सकती है। बारिश के पानी का सही रूप से संचय न होने से जल-लोचनों की स्तर में कमी होती है और इससे जल संसाधनों की कमी होती है।

यह समस्या खासकर गांवों और छोटे शहरों में होती है जहां पेयजल की आपूर्ति विकासशील तरीकों से नहीं होती है। इससे लोगों को शुष्कता की समस्या का सामना करना पड़ता है और उन्हें पेयजल की कमी का अनुभव करना पड़ता है।

जल-प्रदूषण की चुनौती

वर्षा ऋतु में जल-प्रदूषण की समस्या हो सकती है जिससे पानी के स्रोतों और जल-संसाधनों में कीटाणु, धूल, प्लास्टिक, कीचड़ आदि का मिल जाना शामिल होता है। यह समस्या जल-स्रोतों को प्रदूषित करके उन्हें अनुपयुक्त बना सकती है और लोगों को जल संसाधनों के उपयोग में दिक्कतें उत्पन्न होती हैं।

इससे जल-संसाधनों की सुरक्षा और स्वच्छता में समस्याएं हो सकती हैं और इससे पानी संबंधित बीमारियों की उत्पत्ति हो सकती है।

वर्षा ऋतु में होने वाली इन समस्याओं का सामना करने के लिए हमें जल्द से जल्द समाधान ढूंढने की आवश्यकता होती है ताकि हम वर्षा ऋतु के सुंदरता और फायदों का भी आनंद ले सकें और समस्याओं का समाधान कर सकें।

7. वर्षा ऋतु और हमारा संबंध

वर्षा ऋतु एक प्रकृति का अद्भुत उत्सव है जो हमारे जीवन के और हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह ऋतु हमारे संबंधों में एक नई जीवनदानी लेकर आती है और हमारे जीवन में खास एहसास और आनंद भर देती है।

इस संबंध का अनुभव करने से हम वर्षा ऋतु के लाभ का उपयोग करते हैं, उसके संग मिलने वाले आनंद का आनंद लेते हैं, और वर्षा ऋतु के साथ समझौता करने की आवश्यकता महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ का उपयोग

वर्षा ऋतु के लाभ हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम इस ऋतु में जल-संसाधनों का सदुपयोग करते हैं, खेती के लिए पानी का संचय करते हैं, और प्रकृति की सुंदरता का आनंद उठाते हैं।

इसके साथ ही हम वर्षा ऋतु के लाभ का उपयोग करके अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाते हैं।

वर्षा ऋतु के संग मिलने वाले आनंद

वर्षा ऋतु के संग मिलने वाले आनंद हमारे जीवन के एक खास हिस्से को बनाते हैं। बारिश के मौसम में भीगना, बारिश के गीत और नृत्य का मजा लेना, और बारिशी दिनों की यादें बनाना हमें खुशियों का आनंद देता है।

वर्षा ऋतु के संग हम अपने प्रियजनों के साथ बिताए गए समय का मजा लेते हैं और उन्हें यादगार बनाने का अवसर प्राप्त करते हैं।

वर्षा ऋतु के साथ समझौता करने की आवश्यकता

वर्षा ऋतु के साथ समझौता करने की आवश्यकता है क्योंकि इस ऋतु में होने वाली समस्याएं भी हमें चुनौती देती हैं। बाढ़, जल-लोचन और पेयजल की कमी, और जल-प्रदूषण जैसी समस्याएं हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं और हमें समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करती हैं।

इसके साथ ही हमें वर्षा ऋतु के साथ समझौता करके प्रकृति की सुंदरता का सम्मान करना भी आवश्यक है और हमें इसके संरक्षण के लिए अपने जीवन में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

वर्षा ऋतु हमारे संबंधों में नई उमंगें और नई चुनौतियों का सामना करने का एक मौका प्रदान करती है। हमें इस ऋतु के साथ संबंध बनाकर उसके लाभ का उपयोग करना चाहिए, उसके संग मिलने वाले आनंद का आनंद लेना चाहिए, और उसके साथ समझौता करने की आवश्यकता को समझना चाहिए।

हम इस ऋतु की खूबसूरती और सार्वभौमिकता का मजा लेते हैं और उसके साथ मिलकर प्रकृति की रंग-बिरंगी छवियों का आनंद उठाते हैं।

इस प्रकार, वर्षा ऋतु हमारे जीवन का एक ख़ास हिस्सा बनती है और हमें आनंददायक और संवेदनशील अनुभवों का सौभाग्य प्रदान करती है।

8. समापन

वर्षा ऋतु एक रमणीय और सुंदर ऋतु है जो प्रकृति की अनमोल सौंदर्यता का प्रदर्शन करती है। इस ऋतु का संदेश हमें प्रकृति के साथ सम्बंध को मजबूत करने और उसके सौंदर्य का आनंद लेने का प्रेरणा देता है। वर्षा ऋतु के समय, प्रकृति हमें अपने भविष्य के लिए एक समृद्ध भूतिक वातावरण बनाने के लिए प्रेरित करती है।

वर्षा ऋतु हमें संतुलन और सजीवता का संदेश देती है। बारिश के पानी के साथ हम प्रकृति की समृद्धि और विविधता का आनंद लेते हैं। इस ऋतु में हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि हम प्रकृति के साथ सद्विचार में रहने की आवश्यकता है और उसका सम्मान करना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय, हमें प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर मिलता है। बारिश के पानी से प्रकृति की सृजनशीलता और सुंदरता बढ़ जाती है। हरे-भरे वन, चमकते हुए फूल, जलप्रपात, झीलें और नदियाँ हमें प्रकृति की सुंदरता में खो जाने का मौका देती हैं।

वर्षा ऋतु हमें प्रकृति के साथ संबंध बनाने और उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करती है। हमें इस ऋतु के समय में बारिश के पानी का उचित उपयोग करना चाहिए और जल संसाधनों की संरक्षण को ध्यान में रखना चाहिए।

इसके साथ ही हमें वर्षा ऋतु के समय में अपने जीवन को स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण में जीने के लिए प्रेरित करती है, जिससे हम एक समृद्ध और सुस्तिर भविष्य बना सकें।

समग्र रूप से, वर्षा ऋतु हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें प्रकृति के साथ मिलकर जीने और समृद्ध भविष्य की राह दिखाती है। हमें इस ऋतु के सौंदर्य का आनंद लेना चाहिए और उसके संदेश को अपने जीवन में अमल में लाने की चेष्टा करनी चाहिए।

प्रकृति के साथ मिलकर हम एक समृद्ध और समरस्त भविष्य की नींव रख सकते हैं और इससे हमारे जीवन को खुशियों से भर देने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध 100 Words

वर्षा ऋतु प्रकृति की एक सुंदरता भरी ऋतु है। यह भारत में जून से सितंबर तक चलती है। वर्षा ऋतु में बादल घिर जाते हैं और बारिश के पानी से पृथ्वी नयी जीवन प्राप्त करती है।

यह ऋतु किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होती है, क्योंकि यह फसलों को उचित पानी प्रदान करती है। इसके साथ ही, वर्षा ऋतु के आगमन के साथ हम सभी बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं और प्रकृति की इस अनमोल वरदान का धन्यवाद करते हैं।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध 150 शब्द

वर्षा ऋतु हमारे देश में एक महत्वपूर्ण और प्यारी ऋतु है। यह जून से सितंबर तक चलती है और प्रकृति को नई जीवनदानी देती है। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही बादल घिर जाते हैं और जल के प्रवाह से पृथ्वी नयी सजीवता प्राप्त करती है।

इस ऋतु में भूमि खूबसूरत हरे-भरे वन बन जाती है, जलप्रपात और झीलें खूबसूरत नजारों का सौंदर्य प्रदर्शित करती हैं।

वर्षा ऋतु किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होती है, क्योंकि यह फसलों को उचित पानी प्रदान करती है और उनकी खेती में सहायक बनती है। इससे प्राकृतिक जल संसाधन भी भर जाते हैं। वर्षा ऋतु के समय, हम भी बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं, बारिशी दिनों को मस्ती से बिताते हैं और इसकी यादें बनाते हैं।

वर्षा ऋतु का संदेश है कि हमें प्रकृति के साथ सद्विचार में रहने की आवश्यकता है और इसका सम्मान करना चाहिए।

हमें वर्षा ऋतु के सौंदर्य का आनंद लेने और प्रकृति के साथ मिलकर बनाएं एक समृद्ध भविष्य की राह दिखाने का समय है। इस ऋतु का सम्मान करते हुए हम भविष्य में एक आदर्श पर्यावरण बनाने में सक्रिय योगदान कर सकते हैं।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध 200 शब्द

वर्षा ऋतु भारतीय सभ्यता के लिए एक आदर्श ऋतु है। यह जून महीने से सितंबर महीने तक चलती है और इस दौरान पृथ्वी को नई जीवनदानी मिलती है। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही बादल आसमान को घेर लेते हैं और बारिश के पानी से पृथ्वी की सृजनशीलता और सुंदरता बढ़ जाती है।

इस ऋतु में भूमि हरे-भरे वनों से आच्छादित हो जाती है, जलप्रपात और झीलें खूबसूरत नजारों का सौंदर्य प्रदर्शित करती हैं।

वर्षा ऋतु किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होती है। इस दौरान फसलों को उचित पानी प्रदान होता है और उनकी खेती में सहायक बनती है। वर्षा ऋतु से प्राकृतिक जल संसाधन भी भर जाते हैं। इसके साथ ही, वर्षा ऋतु के समय हम भी बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं, बारिशी दिनों को मस्ती से बिताते हैं और इसकी यादें बनाते हैं।

वर्षा ऋतु का संदेश है कि हमें प्रकृति के साथ सद्विचार में रहने की आवश्यकता है और इसका सम्मान करना चाहिए। हमें वर्षा ऋतु के सौंदर्य का आनंद लेने और प्रकृति के साथ मिलकर बनाएं एक समृद्ध भविष्य की राह दिखाने का समय है।

इस ऋतु का सम्मान करते हुए हम भविष्य में एक आदर्श पर्यावरण बनाने में सक्रिय योगदान कर सकते हैं और अपने देश की समृद्धि और समृद्धि को सुनिश्चित कर सकते हैं।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध 300 शब्द

वर्षा ऋतु भारत में एक बहुत ही प्रिय और आनंदमयी ऋतु है। यह जून महीने से सितंबर महीने तक चलती है और इस दौरान भगवान वायु द्वारा आकर्षित होने से बादल आकार लेते हैं और धरती पर वर्षा के पानी के रूप में बरसते हैं। वर्षा ऋतु धरती को नई जीवनदानी प्रदान करती है। यह ऋतु प्राकृतिक सौंदर्य और सजीवता को आकर्षित करती है।

वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही भूमि हरियाली से सज जाती है और ताजगी प्राप्त कर लेती है। इस दौरान वन्यजीवन भी खूबसूरत रूप धारण कर लेता है। प्रकृति के सभी रूप वर्षा ऋतु में अपनी सुंदरता को प्रकट करते हैं। झीलें, नदियाँ, जलप्रपात, पेड़-पौधे, फूल, गहरी हरियाली आदि वर्षा के अद्भुत सौंदर्य का दर्शन कराते हैं।

वर्षा ऋतु किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होती है। बारिश के पानी से उनकी फसलें अच्छी मात्रा में उग जाती हैं और उनके जीवन को समृद्ध बनाती है। इससे कृषि उत्पादन बढ़ता है और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान होता है।

वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही हम भी इसका आनंद लेते हैं। बारिश के मौसम में भीगने, बारिश के गीत और नृत्य का मजा लेने, और बारिशी दिनों की यादें बनाने हमें आनंददायक अनुभव प्रदान करते हैं।

हमें वर्षा ऋतु के सौंदर्य का आनंद लेने और प्रकृति के साथ मिलकर एक समृद्ध भविष्य बनाने में योगदान करने की आवश्यकता है। इस ऋतु का सम्मान करते हुए हम भविष्य में एक प्रकृति संरक्षित, स्वच्छ, और समृद्ध देश का निर्माण कर सकते हैं।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध 500 शब्द

वर्षा ऋतु भारतीय सभ्यता में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रिय ऋतु है। यह ऋतु जून महीने से सितंबर महीने तक चलती है और इस दौरान धरती को नई जीवनदानी मिलती है।

वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही बादल आसमान को घेर लेते हैं और बारिश के पानी के रूप में धरती पर विराजमान हो जाते हैं। यह ऋतु प्राकृतिक सौंदर्य का प्रदर्शन करती है और सभी को अपनी माधुर्य से मोहित कर लेती है।

वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में खास रूप से महत्वपूर्ण होता है। कृषि व्यवसाय धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोन से इस ऋतु का बहुत महत्व है। इस दौरान धरती की सृजनशीलता और खूबसूरती चार चाँद लगा देती है।

प्रकृति का यह चमत्कारिक नजारा हम सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। वन्यजीवन, पर्वतों के शीतल वन, नदियाँ, झीलें आदि वर्षा के अद्भुत सौंदर्य का दर्शन कराते हैं।

वर्षा ऋतु के आगमन से हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं। कृषि उत्पादन में वृद्धि, प्राकृतिक जल संसाधन भरना, जल संरक्षण, और पेयजल की समस्या का समाधान वर्षा ऋतु के महत्वपूर्ण लाभ हैं।

कृषि उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों को फसल के अधिक उत्पादन की संभावना होती है जो उनके लिए आर्थिक संवृद्धि का कारण बनता है। वर्षा ऋतु के पानी से पृथ्वी के नापाक जल संसाधन भर जाते हैं और पेयजल की कमी की समस्या का समाधान होता है।

वर्षा ऋतु के समय, लोग बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं। बारिश में भीगना, बारिश के गीत और नृत्य करना, और बारिशी दिनों को मस्ती से बिताना लोगों का पसंदीदा काम होता है।

बच्चे बारिशी दिनों में उछल-कूद करते हैं और उनके खेलने के नटखट अवसर बढ़ाते हैं। बड़े लोग भी इस ऋतु में नदी-तलाबों में घूमने, ट्रेकिंग, और प्राकृतिक स्थलों की यात्रा का आनंद लेते हैं।

वर्षा ऋतु के आगमन से एक संबंधित समस्या भी उत्पन्न होती हैं जैसे कि बाढ़, जल-लोचन, और जल-प्रदूषण। बाढ़ आने से उत्पन्न जल-लोचन और जल-प्रदूषण की समस्या हमारे स्वच्छ जल संसाधनों को प्रभावित करती हैं।

ये समस्याएं धरती को नुकसान पहुंचाती हैं और इसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए हमें एक सावधान और जिम्मेदारीभरे तरीके से धार्मिक बने रहने की आवश्यकता है और इन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए समुचित कदम उठाने की जरूरत होती है।

वर्षा ऋतु हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे हमें अपने पर्यावरण का संवारना करने की अहमियत समझाई जाती है और हमें प्रकृति के साथ मिलकर रहने के लिए प्रेरित करती है।

हमें इसका सम्मान करने और इसके सौंदर्य का आनंद लेने के साथ-साथ इसके संरक्षण में अपना योगदान देने की आवश्यकता है। वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश है कि हमें प्रकृति के साथ एक साथ रहकर समृद्ध और सुखी भविष्य की रचना करनी है और हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 10 लाइन हिंदी में

  • वर्षा ऋतु भारत में गर्मी के बाद आने वाली एक सुंदर ऋतु है।
  • यह ऋतु जून महीने से सितंबर महीने तक चलती है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से पृथ्वी की सजीवता बढ़ जाती है।
  • इस दौरान धरती की हरियाली और सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है।
  • वर्षा ऋतु किसानों के लिए फसलों की उचित पोषण की विधि प्रदान करती है।
  • इस ऋतु में बारिश के बूंदों की आवाज़ सुनकर धरती को नई जीवनदानी मिलती है।
  • वर्षा ऋतु के दौरान हम बारिश के मौसम का आनंद उठाते हैं और छपछपा कपड़ा पहनकर घूमते हैं।
  • इस ऋतु में प्रकृति की सुंदरता के साथ जलप्रपात और झीलों का सौंदर्य भी देखा जा सकता है।
  • वर्षा ऋतु के समय बारिशी दिनों में खेलना और मिट्टी के गीले सन्दर्भों में नृत्य करना बच्चों को खुशी प्रदान करता है।
  • इस ऋतु का संदेश है कि हमें प्रकृति के साथ सद्विचार में रहने की आवश्यकता है और इसके सम्मान करना चाहिए।

वर्षा ऋतु पर निबंध 15 लाइन हिंदी में

  • वर्षा ऋतु भारतीय सभ्यता में एक महत्वपूर्ण ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से पृथ्वी नई जीवनदानी प्राप्त करती है।
  • बादल आसमान को घेरते हैं और बारिश के पानी के रूप में धरती पर बरसते हैं।
  • इस दौरान भूमि हरियाली से सज जाती है और ताजगी प्राप्त कर लेती है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से वन्यजीवन अपनी सुंदरता को प्रकट करता है।
  • कृषि उत्पादन में वर्षा ऋतु का बहुत महत्व होता है।
  • यह ऋतु किसानों के लिए फसलों की उचित पोषण की विधि प्रदान करती है।
  • बारिश के मौसम में भीगने, बारिश के गीत और नृत्य करने का आनंद लेते हैं।
  • वर्षा ऋतु के समय धरती की हरियाली और सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है।
  • इस ऋतु में पेड़-पौधों की गहरी हरियाली देखने का मजा होता है।
  • वर्षा ऋतु के समय झीलों और प्राकृतिक स्थलों की यात्रा का आनंद लिया जा सकता है।
  • बच्चे बारिशी दिनों में खेलकर खुशी का आनंद लेते हैं।
  • वर्षा ऋतु का संदेश है कि हमें प्रकृति के साथ सद्विचार में रहने की आवश्यकता है।
  • हमें वर्षा ऋतु के सौंदर्य का आनंद लेने और प्रकृति की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 20 लाइन हिंदी में

  • वर्षा ऋतु भारतीय सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमयी ऋतु है।
  • यह ऋतु जून महीने से सितंबर महीने तक चलती है और प्रकृति को नई जीवनदानी प्रदान करती है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से धरती आर्द्रता से भर जाती है और हरियाली से सज जाती है।
  • बादल आसमान को ढक लेते हैं और बारिश के बूँदों के साथ धरती को नाचने का मौका मिलता है।
  • वर्षा ऋतु के समय वन्यजीवन खुशहाली से घुमता है और उसकी सुंदरता चार चाँद लगा देती है।
  • कृषि उत्पादन में वर्षा ऋतु का बहुत महत्व होता है और इससे किसानों को फसल की उचित पोषण विधि मिलती है।
  • बारिशी दिनों में भीगने और बारिश के मौसम में नचने-गाने का मजा हमें खास रूप से मिलता है।
  • वर्षा ऋतु के समय प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए अनेक प्राकृतिक स्थल होते हैं।
  • वर्षा ऋतु के समय झीलें, पेड़-पौधे, और वन्यजीवन की खुशबू से घिरी धरती दिखाई देती है।
  • इस ऋतु में बच्चे छपछपा कपड़ा पहनकर खेलने का मजा लेते हैं और खुशियों में खो जाते हैं।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से पेयजल की कमी की समस्या का समाधान होता है।
  • बारिशी दिनों में चाय का मजा लेना और पकोड़े खाना लोगों का पसंदीदा काम होता है।
  • वर्षा ऋतु के आगमन से वन्यजीवन अपने निवास स्थान से बाहर निकलकर खेलता है और उसकी रंग-बिरंगी खूबसूरतता आकर्षित करती है।
  • वर्षा ऋतु के दौरान धरती का मनोहर दृश्य देखकर हमें अद्भुत सुंदरता का अनुभव होता है।
  • इस ऋतु में हुई बारिश के गीत और नृत्य हमें आनंददायक अनुभव प्रदान करते हैं।
  • वर्षा ऋतु के समय जलप्रपात और झीलों का सौंदर्य हमें मोह लेता है।
  • इस ऋतु का आनंद लेने के लिए हमें अपने जीवन को सरल बनाने और प्रकृति का संरक्षण करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
  • वर्षा ऋतु के समय हमें प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेना चाहिए और उसे समर्थन करना चाहिए।
  • हमारे लिए वर्षा ऋतु का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और हमें इसे सम्मान करना और इसके सौंदर्य का आनंद लेना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

वर्षा ऋतु कब और कैसे शुरू होती है.

वर्षा ऋतु भारत में जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह उत्तरी और दक्षिणी भूभाग में अलग-अलग दिनों पर आती है।

वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

वर्षा ऋतु का महत्व धरती को ताजगी प्रदान करने, प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने, और कृषि उत्पादन में मदद करने में होता है।

वर्षा ऋतु में होने वाली समस्याएं क्या हैं?

वर्षा ऋतु में होने वाली समस्याएं में बाढ़, जल-लोचन, और जल-प्रदूषण की चुनौतियां शामिल होती हैं।

वर्षा ऋतु के आगमन से कृषि को कैसे फायदा होता है?

वर्षा ऋतु के आगमन से कृषि को पोषण मिलता है और फसलों का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे किसानों को लाभ होता है।

वर्षा ऋतु के दौरान हमें क्या खास अनुभव होता है?

वर्षा ऋतु के दौरान हम बारिश के मौसम में भीगने, बारिश के गीत और नृत्य करने, और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं।

वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति को कैसे प्रभावित किया जाता है?

वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति की सुंदरता और हरियाली बढ़ जाती है और वन्यजीवन खुशहाल होता है।

वर्षा ऋतु के समय किसानों को कैसे लाभ होता है?

वर्षा ऋतु के समय किसानों को फसलों के उचित पोषण की विधि मिलती है, जिससे उन्हें अधिक उत्पादन होता है।

वर्षा ऋतु के दौरान कैसे अपना स्वास्थ्य रखें?

वर्षा ऋतु के दौरान स्वच्छ और सुखद जल पीना, साबुन से हाथ धोना, और सुरक्षित खान-पान करना अपने स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु के समय घरेलू संक्रमणों से बचने के उपाय क्या हैं?

वर्षा ऋतु में घरेलू संक्रमणों से बचने के लिए साफ़ पानी पीना, हाथ धोना, और स्वच्छ वातावरण बनाए रखना जरूरी है।

वर्षा ऋतु में होने वाले पेयजल की कमी को कैसे दूर करें?

वर्षा ऋतु में पेयजल की कमी को दूर करने के लिए बारिश के पानी को संग्रहीत करके उपयोग कर सकते हैं और छतों पर टंकी लगाकर रख सकते हैं।

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Varsha Ritu Par Nibandh (Essay) in Hindi

बारिश का सीजन मानसून (वर्षा ऋतु ) पर निबंध

वर्षा ऋतु बड़ी सुहानी है, सब ऋतुओं की रानी है

देती हमको पानी है, ये तो जीवनदायिनी है !

वर्षा ऋतु पर निबंध : Varsha Ritu Par Nibandh (Essay) in Hindi

Varsha Ritu Par Nibandh (Essay) in Hindi

प्रस्तावना : मई की छुट्टियां खत्म होने के बाद हम सभी को अगर किसी का इंतजार होता है, तो वह है बारिश। भारत में बारिश का सीजन करीबन 3 से 4 महीनों तक चलता है।

भारतीय उप महाद्वीप के लोग बारिश को ‘ मानसून ‘ कहते है। विभिन्न देशों और विभिन्न प्रदेशों में बारिश के मौसम की एक विशिष्ट अवधि तय नहीं है। उष्ण कटिबंध वर्षा वनों में पूरे वर्ष भर बारिश होती है तो, सहारा जैसे रेगिस्तान में बहुत ही कम वर्षा होती है।

वर्षा कैसे होती है।

बारिश, हवा में जल और वाष्प के संघनन के कारण होती है। सूरज के किरणों की गर्मी धरती पर पानी का तापमान बढ़ा देती है। इसी कारण महासागरों और नदियों का पानी वाष्पित होने लगता है और वायुमंडल में बाष्प भरने लगता है।

वायुमंडल में बाष्प स्थापित होने के बाद यह बादल का रूप ले लेता है और कम दबाव का क्षेत्र प्रस्थापित हो जाता है। यह दबाव बादलों को महासागरों से धरती की ओर धकेलता है। धरती पर आते-आते बादल ठंडे पड़ते है और बारिश होने लगती है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून की हवा भारत में भारी वर्षा का कारण बनती है। तो कभी-कभी बारिश तेज हवा, तूफान, बादलों के तेज गरजना, बिजली के साथ भी होती है।

वर्षा ऋतु का आनंद l 

मई की महीने में गर्मी से भला कौन परेशान नहीं होता है और इसी गर्मी को शांत करने का महत्वपूर्ण काम करती है बारिश। इसीलिए लोग पहली बारिश का बेसबरी से इंतजार करते है और बारिश होते ही इसके आनंद में फुला नहीं समा पाते है।

बारिश शुरू होते ही बारिश के लिए आवश्यक चीजें जैसे छत्री, रेनकोट, प्लास्टिक आदि की तैयारियों में सब जुट जाते हैं। किसान खेतों में बीज लगाने की तैयारी में जुट जाता है। साथ ही स्कूल में जाने वाले बच्चे अपनी नई कक्षा में दाखिल होने की तैयारी करते है।

लेकिन सच देखा जाए तो बारिश का असली मजा बारिश में भीगे बिना नहीं आता है। साथ में गरम चाय और पकोड़े बिना बारिश जैसे अधूरी ही मानी जाती है। बारिश अपने साथ कई सारे त्योहारों को भी लाता है।

वर्षा ऋतु का महत्व l 

हर साल हम मौसम विभाग से मानसून के पूर्वानुमान का इंतजार करते है, की आखिर बारिश कब होगी। मानसून की खबरें मिलते ही, सभी का दिल खुशी से झूम उठता है।

बारिश के इन 4 महीनों के दौरान भू जल को फिर से भरा जाता है। कुएं, झील, तालाब, जलाशय बारिश के पानी से भर जाते है। बिना बारिश के यह धरती सुख जाएगी और बंजर रेगिस्तान बन जाएगी।

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ पर होने वाली खेती मुख्य रूप से हर वर्ष होने वाली बारिश पर निर्भर करती है। किसानों के लिए बारिश का महत्व अनन्य साधारण है। खेत में भरपूर फसल उगना हर किसान के लिए बारिश के वरदान से कम नहीं है।

बारिश होते ही, गर्मी के मौसम में सुखी हुई जमीन नर्म हो जाती है। जिससे उसकी खुदाई करना और बीज बोना किसान के लिए आसान हो जाता है। बीज बोने के बाद मिलने वाली प्राकृतिक बारिश फसल को उगाने और बढ़ने में मदद करती है।

हालांकि की बारिश के मौसम में खेत में अच्छा उत्पादन मिलता है। लेकिन यही बारिश जब बाढ़ का रूप ले लेती है, फसलें पानी के नीचे आ जाती है और किसानों को भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ता है।

बारिश का मौसम शुरू होते ही, नदियाँ और झरने फिर से बहने लगते है। सूखे तालाब और जलाशय फिर से भर जाते है। भू जल की निचतम मात्रा फिर से बढ़ जाती है, जिससे बारिश के बाद पानी उपलब्ध होता है।

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वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं।

मानसून जितना सुहाना लगता है, यह अपने साथ कई सारी भयानक चीजें भी लाता है। अक्सर हमें बारिश केआनंद के साथ कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है।

शहरों में बारिश की वजह से होने वाली समस्याएं अधिक है। भारी बारिश शहर की नालियों को चोक कर देती है। हमारे देश में ड्रेनेज सिस्टम बारिश के पानी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

पानी के जमाव के कारण रेलवे रास्ते, सड़क पर पानी जमा हो जाता है, जिससे इन रास्तों को बंद करना ही पड़ता है। और इसका नतीजा अन्य रास्तों पर ट्रैफिक जाम, भीड़ में दिखाई देता है। भारी ट्रैफिक के कारण लोग एक जगह से हिल भी नहीं पाते है।

कई बार खबरों में हम सुनते है की रास्तों पर पानी जमा होने की वजह से पूरा शहर बंद करने की नौबत आ जाती है। जमे हुए पानी के कारण लोगों को रास्ते अच्छे से नजर नहीं आते, और कई लोग इसी पानी के जमाव में बह जाते है। ट्रैफिक में अपनी कार में फंसे हुए लोग एक जगह से न निकलने पर अपनी जान खो बैठते है।

ज्यादा बारिश के कारण नदियां और झील अपने किनारों की सीमा का उल्लंघन करती है। जिस कारण किनारों पर स्थित गांव और बस्तियाँ पानी से भर जाती है। बाढ़ की स्थिति गरीब लोगों के जीवन को बिगाड़ कर रख देती है।

जरूरत से ज्यादा बारिश उगी हुई फसल को पानी के नीचे बहा देती है। कभी-कभी मौसम से परे होने वाली बारिश अच्छे से उगी हुई फसल को भी बर्बाद कर देती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

मनुष्य की कृति का बारिश पर असर।

मनुष्य की अनेक गतिविधियों का बारिश के चक्र पर बुरा असर पड़ता है। इंसानों द्वारा की गई जंगल की कटाई इसका मुख्य कारण है। एक क्षेत्र में कटी हुई जंगल की कटाई दूसरे क्षेत्र में कम बारिश का कारण बनती है।

जंगल और पेड़ बारिश के गिरने के लिए महत्वपूर्ण है, और इन जंगलों का नष्ट होना बारिश की कमी का कारण है।

जीवाश्म ईंधन के जलने से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे वाष्पीकरण और बर्फ पिघलने या जल चक्र की अन्य प्रक्रियाओं पर विपरीत परिणाम करती है।

जीवन में आने वाली हर चीज की तरह उचित समय पर होने वाली बारिश का स्वागत ही किया जाता है। हालांकि बारिश का उचित मात्रा का होना आवश्यक है। ज्यादा बारिश बाढ़ की वजह बनता है, तो कम बारिश अकाल का कारण, किसी भी हालात में दोनों भी नुकसानदायक ही है।

पर्याप्त वर्षा अच्छी फसल को सुनिश्चित करती है, तो देर से बारिश होने पर इसका बुरा प्रभाव पेड़, पौधों और फसल पर होता है। मानसून अगर ज्यादा समय तक जारी रहे, तो यह कई सारी बीमारियों को निमंत्रण भी देता है।

बारिश एक नैसर्गिक बदलाव होने पर भी मनुष्य की कुछ गतिविधियों का इसपर बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन इसके विपरीत परिणामों का सामना भी इंसान को ही करना पड़ता है।

Varsha Ritu Par Nibandh (Essay) in Hindi

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वर्षा ऋतु पर निबंध (class 4 to 10) – Rainy season essay in hindi

  • Post author: Sachin Rathi
  • Post published: April 12, 2023
  • Post category: Essay / Hindi essay
  • Post comments: 0 Comments

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नमस्कार मित्रो, इस आर्टिकल में हमने वर्षा ऋतु पर एक सुन्दर निबंध लिखा है। यह निबंध एकदम सरल और आसान भाषा में लिखा गया है। यह निबंध सभी तरह के छात्रों जैसे स्कूल के, कॉलेज के, या किसी भी कम्पटीशन एग्जाम के छात्रों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। इस निबंध को पूरा पढ़ने के बाद आपको कही ओर  varsha ritu essay in hindi  खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्षा ऋतु पर निबंध || varsha ritu essay in hindi || Rainy season essay in hindi

Table of Contents

वर्षा ऋतु पर निबंध for class 4 to 8 – (400 शब्द)

भारत में चार मौसम होते हैं, जिनमें से प्रत्येक की मौसम की स्थिति का अपना सेट होता है। बरसात का मौसम, जो आमतौर पर जून से सितंबर तक चलता है, किसानों और पौधों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दौरान वातावरण में नया उत्साह देखने को मिलता है और यह मौसम लोगों के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। वर्षा ऋतु आमतौर पर आषाढ़, श्रावण और भादो के महीनों में आती है, और मैं विशेष रूप से इसका आनंद लेता हूँ क्योंकि यह ग्रीष्म ऋतु के बाद आता है, जो वर्ष का सबसे गर्म मौसम होता है। चिलचिलाती धूप, लू और तमाम तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं के कारण मैं गर्मी के मौसम में बहुत परेशान हो जाता हूं। हालांकि बरसात का मौसम आते ही सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं और उसके स्वागत की तैयारी करते हैं। बरसात के मौसम में सभी को राहत और शांति का अहसास होता है। भारत में बरसात के मौसम को बरसात के नाम से जाना जाता है।

वर्षा ऋतु का आरंभ

भारत में बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस समय के दौरान, गर्मी की तपिश के दौरान मौसम आमतौर पर ठंडा और अधिक सुखद होता है। आकाश आमतौर पर चमकीला नीला होता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है। वातावरण बहुत सुखद लगता है, और बादल सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के आकार जैसे दिखते हैं।

वर्षा ऋतु का प्रभाव

बरसात के मौसम में बारिश का प्रकृति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। नदियाँ और नाले सूज जाते हैं और अवरुद्ध हो जाते हैं, और मिट्टी गीली और मैली हो जाती है। इससे पौधों को बढ़ने और जानवरों को भोजन खोजने में मुश्किल हो सकती है।

सभी पेड़ और पौधे नए हरे पत्ते उग रहे हैं और बगीचे और मैदान हरे-भरे घास से ढके हुए हैं। नदियों और तालाबों जैसे प्राकृतिक स्रोतों से पानी जल्दी भर सकता है, और सड़कें और खेल के मैदान भी कीचड़ से भर सकते हैं।

वर्षा की विशेषताएं

बारिश के मौसम में, किसान फसल उगा सकते हैं, और जानवर बड़े हो सकते हैं क्योंकि यह गीला होता है। लोग बारिश में खुश होते हैं क्योंकि वे साल के इस समय पके हुए स्वादिष्ट आमों का आनंद ले सकते हैं। बारिश फसलों को पानी देने और सूखे कुओं, तालाबों और नदियों को फिर से भरने में भी मदद करती है।

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प्रस्तावना:

बरसात के मौसम में अक्सर आसमान बादलों से ढका रहता है। ये बादल गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। धरती पर जो हरियाली है, वह हरी मखमल जैसी लगती है। वृक्षों पर नए पत्ते आने लगते हैं और लताएँ फिर हरे रंग के ऊँचे स्तम्भों के समान दिखने लगती हैं। इस समय के दौरान खेत अच्छा नहीं करते हैं क्योंकि बारिश का पानी उन्हें मैला बना देता है। लेकिन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए बारिश का मौसम खुशी का समय होता है क्योंकि इसका मतलब है कि भगवान किसानों को अधिक फसल पैदा करने का मौका दे रहे हैं। बरसात के मौसम में जानवर भी बड़े हो जाते हैं क्योंकि वे कीचड़ में उगने वाले पौधों को खा सकते हैं।

वर्षा के समय इंद्रधनुष

भारत में बरसात का मौसम आमतौर पर जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। यह लोगों के लिए आशा और राहत का समय है, क्योंकि गर्म मौसम अंत में समाप्त हो जाता है। प्रकृति में सब कुछ इसके बारे में उत्साहित है – लोगों से लेकर पौधों, जानवरों और यहां तक ​​कि पेड़ों तक। हर कोई बारिश के मौसम का आनंद लेता है और इससे मिलने वाली राहत के लिए आभारी महसूस करता है।

आसमान बहुत चमकीला और साफ दिखाई देता है, नीले रंग के साथ और कभी-कभी रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है। पर्यावरण सुंदर और आकर्षक दिखता है, और मैं अक्सर हरे-भरे वातावरण और अन्य चीजों की तस्वीरें लेता हूं ताकि यह मेरे कैमरे में एक स्मृति बनी रहे। आसमान में सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के बादल चलते देखे जा सकते हैं.

इस मौसम में हम आम का आनंद लेते हैं क्योंकि बारिश हमें फसल उगाने और हमारे कुओं और नदियों को भरने में मदद करती है। कहा जाता है कि जल ही जीवन है क्योंकि यह हमें अपना जीवन जीने में मदद करता है।

बीमारियों के फैलने का डर

वर्षा ऋतु में पेड़-पौधे नई हरी पत्तियों से भर जाते हैं, बाग-बगीचे सुंदर दिखने वाली हरी मखमली घासों से आच्छादित हो जाते हैं और नदियों, झीलों, तालाबों, गड्ढों जैसे जल के प्राकृतिक स्रोत जल से भर जाते हैं। सड़कों और खेल के मैदानों में भी पानी भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। बरसात के मौसम के कुछ फायदे और नुकसान हैं।

लोगों को गर्मी से तो काफी राहत मिली है, लेकिन हवा में कई संक्रामक बीमारियां फैलने का भी डर है। यह उन किसानों के लिए अच्छा है जो फसल उगा रहे हैं, लेकिन इससे डायरिया, पेचिश, टाइफाइड और पाचन संबंधी कई समस्याएं भी होती हैं।

वर्षा का महत्व

देश में बारिश इसलिए जरूरी है क्योंकि यहां रहने वाले ज्यादातर लोग किसान हैं। उनकी आजीविका बारिश पर निर्भर करती है, और जब बारिश होती है, तो नदी और नाले पानी से भर जाते हैं। यह किसानों के लिए अच्छा है, क्योंकि इसका मतलब है कि सूखी नदियों और नालों को सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बारिश मानव जीवन के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अप्रैल और मई में गर्मी के मौसम से राहत दिलाती है।

वर्षा के फायदे और नुकसान

बारिश जीवन का अहम हिस्सा है। इसके बिना, फसलें नहीं उगतीं, और लोगों को बिजली जाने और बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता। बरसात के मौसम का आगमन कई लोगों के लिए उत्साह और आशा का समय होता है, क्योंकि सड़कों और जल निकासी व्यवस्था में साफ पानी बहने लगता है और बीमारियां गायब होने लगती हैं।

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varsha ritu essay in hindi 10 lines

  • भारत में बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है।
  • इस समय के दौरान, गर्मी की तपिश के दौरान मौसम आमतौर पर ठंडा और अधिक सुखद होता है।
  • आकाश आमतौर पर चमकीला नीला होता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है।
  • वातावरण बहुत सुखद लगता है, और बादल सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के आकार जैसे दिखते हैं।
  • बरसात के मौसम में बारिश का प्रकृति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
  • बारिश के मौसम में, किसान फसल उगा सकते हैं।
  • बरसात के मौसम में अक्सर आसमान बादलों से ढका रहता है।
  • वर्षा ऋतु में पेड़-पौधे नई हरी पत्तियों से भर जाते हैं।
  • बरसात के मौसम का आगमन कई लोगों के लिए उत्साह और आशा का समय होता है।
  • बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता है जब हवा साफ हो जाती है और आप आसमान को देख सकते हैं।

निष्कर्ष (varsha ritu essay in hindi):

बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता है जब हवा साफ हो जाती है और आप आसमान को देख सकते हैं। वर्षा ऋतु में प्रकृति फलों और फूलों से भर जाती है। लोगों को बरसात का मौसम बहुत पसंद होता है क्योंकि यह ऐसा समय होता है जब उनके बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है और बारिश ज्यादा होती है। इसलिए बरसात के मौसम में लोगों को सावधान रहना चाहिए और अपना ख्याल रखना चाहिए। बहुत अधिक बारिश कभी-कभी बाढ़ का कारण बनती है। कई जगहों पर बारिश की वजह से गांवों में पानी भर जाता है और लोगों के घरों और संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। खेतों में पानी भर जाता है, फसलें नष्ट हो जाती हैं और किसान पीड़ित होते हैं। वर्षा ऋतु हर्ष और उत्साह का सूचक है। बरसात का मौसम आते ही हर उम्र के लोग इसका लुत्फ उठाते हैं। हवा मीठी महकती है और धरती गीली लगती है। बरसात के मौसम में आसमान में इन्द्रधनुष देखा जा सकता है। तरह-तरह के पक्षी गाने लगते हैं। स्कूल और घर में लोग एक साथ बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं।

अंतिम शब्द – इस आर्टिकल में आपने v arsha ritu essay in hindi पढ़ा। आशा करते है, आपको ये निबंध पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों शेयर जरूर करे।

FAQS: (varsha ritu essay in hindi)

 बरसात का मौसम वर्ष का एक ऐसा समय होता है जब हवा आमतौर पर नम और गर्म होती है

वर्षा ऋतु जून-जुलाई माह में होती है।

बारिश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पौधों और नदियों जैसी चीजों को पानी देने में हमारी    मदद करती है। यह बिजली संयंत्रों की भी मदद करता है।

    तीन प्रकार की वर्षा होती है: संवहन वर्षा, पर्वत या उच्चावच वर्षा, और चक्रवाती   या अग्र वर्षा।

   नीलकंठ और राधा को वर्षा ऋतु सबसे अच्छी लगती थी।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (बारिश का महीना) Rainy Season Essay in Hindi

बारिश का महीना: वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi

इस लेख मे बारिश का महीना: वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi हिन्दी मे लिखा गया है। इसमे आप बारिश के महीने का महत्व, उत्साह, सौन्दर्य और मनुष्य के जीवन मे वर्षा ऋतु के महत्व, लाभ-हानी के विषय मे बताया गया है।

आईए वर्षा ऋतु पर निबंध को शुरू करते हैं –

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (वर्षा ऋतु पर निबंध हिन्दी में)

वर्ष ऋतु क्या होता है.

वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। साधारण भाषा में इसे “पानी बरसने वाला मौसम” भी कहा जाता है। इसे “मॉनसून” के नाम से भी जाना जाता है। भारत में वर्षा ऋतु 3 महीने चलती है- जुलाई, अगस्त और सितंबर।

तारीख के अनुसार 15 जून से 15 सितंबर तक का समय वर्षा ऋतु कहलाता है। भारत में मानसून अरब सागर से उठता है और सबसे पहले केरला राज्य में प्रवेश करता है। फिर यह धीरे-धीरे उत्तरी भारत में पहुंचता है और वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है।

भारत के लिए वर्षा ऋतु का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भारत एक गर्म जलवायु वाला देश है। यहाँ मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में काफी गर्मी होती है। मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और दूसरे जीव जंतु गर्मी से बेहाल रहते हैं।

सभी वर्षा ऋतु की प्रतीक्षा करते हैं और जैसे ही वर्षा शुरू होती है सभी को आराम मिलता है। गर्मी से राहत मिलती है। किसानों के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं होती है। इस लेख में हम आपके लिए वर्षा ऋतु पर एक अच्छा निबंध प्रस्तुत करेंगे।

वर्षा ऋतु: प्रकृति परिवर्तन का प्रतीक

परिवर्तन प्रकृति का विशेष नियम है। वर्षा ऋतु भी परिवर्तन को दर्शाती है। जिस तरह वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है, उसी तरह ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। फिर शीत ऋतु आती है। प्रकृति (कुदरत) कभी किसी एक जगह स्थिर नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। वर्षा ऋतु समय को भी प्रदर्शित करती है। जिस तरह समय हमेशा बदलता रहता है उस तरह मौसम और ऋतुये भी हमेशा बदलती रहती हैं।

पढ़ें: भारत के 6 ऋतु पर जानकारी

वर्षा ऋतु सुख-दुख के चक्र को दर्शाती है

जिस तरह जीवन में सुख और दुख का चक्र निरंतर चलता रहता है, उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य को भिन्न-भिन्न रूपों में सुख और दुख का एहसास कराती रहती है। ग्रीष्म ऋतु आने पर सभी जगह पानी की कमी हो जाती है। गर्मी बढ़ने से लोगों को कहीं भी चैन नहीं मिलता है। वह हमेशा परेशान दिखते हैं। सब लोग बार बार यही कहते हैं कि “गर्मी बहुत है” मनुष्य के साथ पशु पक्षी, गाय, भैंस, बकरियां और दूसरे जीव भी बेहाल हो जाते हैं।

मनुष्य तो किसी तरह पानी खोज कर अपनी प्यास बुझा लेता है, बेजुबान पशु अपनी समस्या किसी को नहीं बता सकते। बस पानी की तलाश में यहां से वहां घूमते रहते हैं। लेकिन जैसे ही वर्षा ऋतु शुरू होती है सभी को भरपूर मात्रा में पानी पीने को मिल जाता है।

हरी घास मैदानों में उग जाती है। इसे खाकर पशु अपनी भूख मिटाते हैं। इस तरह यदि प्रकृति एक तरफ समस्या उत्पन्न करती है तो दूसरी तरफ उसका समाधान भी खुद ही प्रस्तुत करती है।

वर्षा ऋतु का अनुपम सौंदर्य

वर्षा ऋतु का सौंदर्य देखते ही बनता है। जैसे ही वर्षा शुरू होती है चारों ओर हरियाली छा जाती है, जो आँखों को सुकून पहुँचाती है। हरियाली देखकर पशु पक्षी के साथ मनुष्य भी प्रसन्न हो जाता है। मोर वनों में पंख फैलाकर नृत्य करते हैं। और अपनी खुशी दिखाते हैं।

नदियाँ, तालाब, झील पानी से भर जाते है। किसान खेती में लग जाते है। खेतों में धान मक्का गन्ना जैसी फसलें लहलहा उठती हैं। गर्मी से राहत मिलती है। जब मौसम अनुकूल होता है तो काम करना भी आसान हो जाता है।

आम, अमरूद और दूसरे फलों की मिठास बढ़ जाती है। पेड़ पौधों पर नई पत्तियां और फूल आ जाते हैं। जो पेड़ पौधे सूख रहे होते हैं उनमें नई जान आ जाती है। बच्चे छतों पर जाकर नहाते हैं और वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं। वर्षा ऋतु आने पर हाथी जोर जोर से चिघाड़ते हैं।

वे भी वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं। विभिन्न प्रकार की चिड़िया चहचहाने लग जाती हैं। पपीहे पी पी और कोयल कू कू की ध्वनि कर आनंदित होते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

भारत के लिए वर्षा ऋतु का महत्व बहुत अधिक है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की 80% आबादी गांव में निवास करती है, जो कृषि करके अपना जीवन यापन करती है। किसानों को वर्षा ऋतु का विशेष रूप से इंतजार रहता है। भारत की कृषि वर्षा पर आश्रित है। देश में कृत्रिम साधनों द्वारा सिंचाई की बहुत कमी है। इसलिए किसान वर्षा ऋतु में अपनी फसल की बुआई करते हैं।

जिस साल अच्छी वर्षा हो होती है, फसल भी अच्छी होती है। परंतु कई बार सूखा पड़ जाता है जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। वर्षा ऋतु से पृथ्वी का भूजल स्तर भी बढ़ जाता है। जिन स्थानों पर सूखे की समस्या होती है, वहां पर भी पानी उपलब्ध हो जाता है। कुएं भी पानी से भर जाते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा ऋतु के बहुत से लाभ है। पेड़-पौधों और वनों के लिए वर्षा ऋतु बहुत लाभदायक होती है। पेड़ों पर नई पत्तियां और फूल आ जाते हैं। उनकी पत्तियां धुल जाती हैं। जो पेड़ पौधे ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी से सूखने वाले थे अब उनमें फिर से नई जान आ जाती है।

वर्षा ऋतु का समय खेती करने के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि खेतों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। वर्षा ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है। मौसम अनुकूल हो जाता है, जिससे सभी लोगों की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है। वर्षा ऋतु में झीलें तालाब और नदियां पानी से भर जाती हैं जिससे बिजली अधिक मात्रा में बनने लगती है।

वर्षा ऋतु का साहित्य में उल्लेख

वर्षा ऋतु एक सुहावनी ऋतु है। इसका उल्लेख साहित्य में अनेक कवियों और लेखकों ने किया है। कालिदास द्वारा रचित गीतिकाव्य “मेघदूत” में यक्ष उमड़ते हुए बादलों को अपना दूत बनाकर अपना संदेश अपनी प्रेमिका को भेजना चाहता है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने वर्षा का वर्णन करते हुए लिखा है –

वर्षा काल मेघ नभ छाये । गर्जत लागत परम सुहाये ।। दामिनी दमक रही घन माहीं । खल की प्रीति यथा थिर नाहीं ।।

अर्थ: काले मेघा बादलों को देखकर बहुत अच्छा लगता है। कौंधती हुई बिजली चांदी की तरह चमकती है। बादल प्यासे वृक्षों की प्यास बुझाते हैं। यदि वर्षा नहीं होगी तो सब तरफ त्राही त्राही मच जाएगी।

कवियों ने वर्षा ऋतु पर अनेक कविताएं लिखी हैं। फिल्मों और टीवी सीरियल्स में बारिश के मौसम में नायक और नायिका के रोमांस को विशेष रूप से दिखाया जाता है। भारतीय फिल्मों में बारिश पर हजारों लाखों गाने (गीत) बने हैं जिन्हें हमेशा ही पसंद किया गया है।

वर्षा ऋतु से हानियां

एक और जहां वर्षा ऋतु के कई फायदे हैं, वहीं कुछ हानियां भी हैं। वर्षा ऋतु में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। मच्छर बारिश के रुके हुए पानी में अंडे देते हैं और अपनी संख्या बढ़ाते हैं। मच्छरों के बढ़ने से डेंगू, चिकनगुनिया , मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे रोग उत्पन्न होते हैं। वर्षा ऋतु में कीड़े मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं। सांप, बिच्छू, कीट, पतंगे अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और मनुष्य के लिए खतरा पैदा कर देते हैं।

वर्षा ऋतु में नदी, नाले उपर तक बहने लगते हैं, जिसके चारों ओर गंदगी फैलती है । इतना ही नहीं लगातार पानी बरसने से सड़के बार बार गीली हो जाती हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। गंदगी बढ़ती है। लोगों को आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वर्षा ऋतु का विनाशकारी रूप

एक तरफ जहां वर्षा ऋतु सभी के लिए बहुत लाभदायक होती है, वहीं दूसरी तरफ यदि आवश्यकता से अधिक वर्षा हो जाये है तो बाढ़ आ जाती है। बड़े-बड़े क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं। भारत में बिहार राज्य में हर साल बाढ़ आती है जिसमें लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

पिछले साल (सन 2018 में) केरला में भीषण बाढ़ आई थी जिसमें 350 से अधिक लोग मारे गए और 20000 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ। इस तरह वर्षा ऋतु का भयावह और अप्रिय चेहरा भी देखने को मिलता है।

वर्षा ऋतु में होने वाले त्यौहार और व्रत

भारत में वर्षा ऋतु का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं- शिवरात्रि , आषाढ़ अमावस्या, जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा , देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रत नियम, गुरु पूर्णिमा , सावन सोमवार व्रत, नाग पंचमी , रक्षाबंधन, कजरीतीज। श्री कृष्ण जन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार मनाये जाते है।

क्या होगा यदि वर्षा ऋतु ना आये?

दोस्तों, क्या आपने सोचा है कि क्या होगा यदि वर्षा ही ना आये। तब पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य सभी प्यास से व्याकुल हो जाएंगे। एक एक बूंद को सभी जीव तरस जायेंगे। बहुत जीव तो काल के गाल में समा जाएंगे। खेती-किसानी चौपट हो जाएगी।

पानी न बरसने से अनाज का एक दाना भी खेतों में नही निकलेगा, तो मनुष्य क्या खाएगा? यह सब सोचकर ही मन में भय उत्पन्न हो जाता है। इसलिए प्रकृति ने वर्षा ऋतु का वरदान समस्त जीवो को दिया है। वर्षा ऋतु को “जन्म” और “पुनर्जन्म” का समय भी कहा जाता है। सभी जीवो के लिए यह ऋतु  अत्यंत आवश्यक है।

वर्षा ऋतु सभी जीवो के लिए एक अनमोल वरदान है. हम सभी को इस मौसम का स्वागत पूरे हर्षोल्लास से करना चाहिए. वर्षा ऋतु आने पर ना सिर्फ गर्मी से राहत मिलती है, बल्कि यह चारों ओर हरियाली लेकर भी आती है. यह मौसम मन को प्रसन्नता प्रदान करता है. इसलिए हमें ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए कि उसने वर्षा ऋतु का उपहार हमें दिया है. 

3 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध (बारिश का महीना) Rainy Season Essay in Hindi”

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  • Hindi Grammar /

Varsha Ritu Par Nibandh: जानिए वर्षा ऋतू पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

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  • Updated on  
  • जनवरी 11, 2024

Varsha Ritu Par Nibandh

भारत में वर्षा ऋतु आम तौर पर जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं की शुरुआत के साथ शुरू होती है। हवाओं में यह मौसमी बदलाव हिंद महासागर से नमी युक्त हवा लाता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक वर्षा होती है। बारिश नदियों, झीलों और जलाशयों जैसे जल स्रोतों को फिर से भरने में मदद करती है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक सभी वर्षा ऋतु के लिए उत्साहित रहते हैं। वर्षा ऋतु के महत्व के बारे में जानकारी प्रत्येक विद्यार्थी को होनी चाहिए। इसलिए कई बार वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है। Varsha Ritu Par Nibandh के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 1, वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 2, भारत में वर्षा ऋतु , वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु के दिनों का अनुभव, वर्षा ऋतु पर निबंध पर 10 लाइन्स .

भारत में बरसात का मौसम जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं के आगमन के साथ शुरू होता है। हिंदी में यह आषाढ़ और सावन के महीनों में आता है। वर्षा ऋतु के समय लोग ठंडे, साफ वातावरण और बारिश के कारण हुए ताज़ा बदलाव का आनंद लेते हैं। वर्षा ऋतु हरी-भरी हरियाली आंखों को सुकून देती है। जिसमें चिलचिलाती गर्मी के बाद प्राकृतिक पानी की बदौलत पौधे, पेड़ और घांस बहुत सुहावनी लगती हैं।

यह सीज़न हमारे कुछ पसंदीदा त्योहारों के उत्सव का भी प्रतीक है, जैसे कि रक्षा बंधन, 15 अगस्त, तीज और भी बहुत कुछ। बरसात के मौसम का एक आनंद विभिन्न प्रकार के ताजे फलों और पके आमों का आनंद लेना है। हम इन क्षणों और हमारे चारों ओर मौजूद जीवंत हरे परिदृश्य का आनंद केवल वर्षा ऋतु में ही ले सकते हैं। 

इस बात को और भी खास बनाती है वह है बारिश के दौरान हमारी माताओं का हमारे लिए तैयार किया गया स्वादिष्ट खाना। पकौड़े जैसे स्नैक्स से लेकर इडली, हलवा जैसे व्यंजन और चाय और कॉफी जैसे आरामदायक पेय पदार्थ तक, बारिश का मौसम न केवल आनंद लाता है, बल्कि एक नया स्वाद भी लाता है जो आनंद को और भी अधिक बढ़ा देता है।  

Varsha Ritu Par Nibandh सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

कई लोगों को, बरसात का मौसम पसंद है क्योंकि यह गर्मी से राहत दिलाता है। इस मौसम में मुझे ख़ुशी और ठंडक महसूस होती है। भारत में, विशेष रूप से किसानों के लिए, बारिश का मौसम महत्वपूर्ण है, और वे स्वस्थ फसल पाने के लिए अच्छी बारिश के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते हैं। बारिश पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों – पौधों, पेड़ों, जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों के लिए एक जीवन रेखा की तरह है।

जब बारिश का मौसम आता है तो ऊपरी मंजिल या छत पर जाकर बारिश में भीगने में मजा आता है। हम में से कई बारिश में नाचते और गाते हुए बहुत अच्छा समय बिताते हैं। कभी-कभी, स्कूल के दिनों में भी, हम स्कूल जाते समय या स्कूल बस में बारिश में नहा लेते हैं। स्कूल में शिक्षक हमें कहानियाँ और कविताएँ सुनाकर बरसात के मौसम को और अधिक मनोरंजक बनाते हैं।

स्कूल के बाद बच्चे अक्सर बारिश में खेलने के लिए बाहर जाते हैं। पूरा वातावरण हरियाली से जीवंत हो जाता है और सब कुछ ताज़ा और सुंदर दिखता है। वर्षा जल सभी जीवित चीजों के लिए एक पुनर्जीवन शक्ति की तरह है। यह आनंद का समय है जो दुनिया में नया जीवन लाता है। किसानों के लिए वर्षा का पानी अमृत की तरह होता है क्योंकि ये उनके खेत की फसलों के लिए आवश्यक है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध सैंपल 3

Varsha Ritu Par Nibandh सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

बरसात के दिन विशेष होते हैं और अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मायने रखते हैं। लोग विभिन्न कारणों से बारिश के मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। वर्षा ऋतु  सभी लोगों के लिए राहत की अनुभूति लेकर आती है। मौसम चाहे जो भी हो, बरसात का दिन हमारी आत्मा को आराम और सुकून देता है। हर कोई, उम्र की परवाह किए बिना, बरसात के दिनों में आनंद पाता है। इसलिए, बरसात के दिन कई कारणों से बहुत महत्व रखते हैं। 

भारत में वर्षा ऋतु, जिसे दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्मकालीन मानसून के रूप में जाना जाता है, पूरे देश में लगभग चार महीने मध्यम से भारी वर्षा लाती है। यह मानसून दक्षिणी हिंद महासागर में उत्पन्न होता है। वहाँ भूमध्यरेखीय व्यापारिक हवाएँ एक उच्च दबाव क्षेत्र बनाती हैं। दक्षिण एशिया में गर्म जलवायु के कारण, एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होता है, और हवाएँ दक्षिण-पश्चिम से मुख्य भूमि भारत में नमी ले जाती हैं।

भारतीय मानसून दो भागों में आता है- अरब सागर का मानसून और बंगाल की खाड़ी का मानसून। अरब सागर का मानसून पश्चिम भारत में थार रेगिस्तान को कवर करता है और बंगाल की खाड़ी के मानसून से अधिक मजबूत होता है।  बंगाल की खाड़ी का मानसून भारत के पूर्वी तट के साथ-साथ चलता है, जो उत्तर में भारत-गंगा के मैदानों तक पहुँचने से पहले ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से होकर गुजरता है।

जैसे-जैसे मानसून आगे बढ़ता है, देश ठंडा हो जाता है और समय के साथ मानसून कमजोर हो जाता है। अगस्त के मध्य तक यह उत्तर भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है। मुंबई में आमतौर पर 5 अक्टूबर तक मानसून समाप्त हो जाता है, और भारत में नवंबर के अंत तक मानसून का मौसम समाप्त हो जाता है।

जैसा की पहले बताया गया है, सभी उम्र के लोग बरसात के दिनों का आनंद लेते हैं, और बच्चे अक्सर वर्षा ऋतु बारे में सबसे अधिक उत्साहित होते हैं। बरसात के दिन सुहाना मौसम लेकर आते हैं जो बच्चों का उत्साह बढ़ा देता है। यह उन्हें बाहर जाने, बारिश में खेलने, पोखरों में कूदने और यहां तक कि कागज की नावें बनाने का अवसर प्रदान करता है।

छात्रों के लिए, बरसात का दिन स्कूल से छुट्टी के समान होता है, जिससे सामान्य दिनचर्या से राहत मिलती है क्योंकि स्कूल अक्सर छुट्टी घोषित कर देते हैं। शुरुआत में बारिश में स्कूल जाने और फिर पता चले कि स्कूल बंद है, इसका आनंद एक अनोखा अनुभव है। छात्र इस समय का लाभ आराम करने और विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए उठाते हैं, जैसे की दोस्तों के साथ समय बिताना।

आम व्यक्ति के नजरिए से बरसात के दिनों को देखने पर हम देखते हैं कि यह किस तरह गर्मी से राहत देता है, मूड ठीक करता है और दैनिक जीवन सुख लेकर आता है। सरल शब्दों में, बरसात के दिन जीवन के तनावों के बीच तरोताजा होने का मौका देते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम देखते हैं कि बारिश के दिन किसानों के लिए बहुत महत्व रखते हैं। वे फसल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वर्षा ऋतु फसलों को पनपने के लिए आवश्यक पानी प्रदान करती हैं, जिससे अंततः किसानों को लाभ होता है।

बरसात के दिनों के बारे में सोचने से हमारे मन में विशेष यादें ताजा हो जाती हैं और बचपन का एक विशेष अनुभव हमारे कईओं के दिल के सबसे करीब है। हमें वो दिन याद है जब हमारे शिक्षक हमारी परीक्षा लेने वाले होते थे, और अचानक भारी बारिश होने लगती थी।

बचपन के समय सुबह सुबह जागने पर हमें पता चलता था की भारी बारिश के कारण स्कूल बंद कुछ दिनों तक बंद रहेगा।

जब हम यह खबर सुनते थे तो हमें बहुत खुशी होती थी।  अपने पिता के साथ घर लौटते हुए, हम जल्दी से आरामदायक कपड़े पहने और अपनी छत पर जाकर बारिश का आनंद लेते थे।  हमने अपने भाई-बहनों के साथ खेलकर बहुत अच्छा समय बिताया और हमने कागज की नावें भी बनाईं।  उसी समय हमें पता चलता था कि मां प्याज के पकौड़े बना रही थीं। हमेशा पकौड़ों के साथ में चटनी भी बनाई जाती थी। बारिश को देखते हुए हमने स्वादिष्ट पकौड़ों का स्वाद लेते थे।  यह हमारे लिए सबसे यादगार बरसात के दिनों में से है। 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्षा ऋतु साल को सबसे सुखद और महत्वपूर्ण समय है, खासकर ऐसे देश के लिए जहां कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।  यह मौसम न केवल प्राकृतिक रूप से उपलब्ध मीठे पानी के स्रोतों को ताज़ा करता है बल्कि हमारे ग्रह पर जीवन को भी पुनर्जीवित करता है। पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी एक मूलभूत आवश्यकता है और इसकी एक बड़ी मात्रा वर्षा ऋतु के दौरान होने वाली बारिश से आती है।  गीले या बरसात के मौसम के बिना, पृथ्वी के कई हरे-भरे क्षेत्र जल्दी ही रेगिस्तान में बदल जाएंगे, जहां जीवन का बहुत कम या कोई संकेत नहीं होगा।

Varsha Ritu Par Nibandh जानने के बाद अब वर्षा ऋतु पर निबंध पर 10 लाइन्स भी जान लेते हैं, जो नीचे दी गई हैं-

  • बरसात का मौसम ठंडी हवा और ताज़गी भरी बारिश के साथ सुखद मौसम लेकर आता है।
  • किसानों के लिए बीज बोने और फसलों की वृद्धि शुरू करने का यह आदर्श समय है।
  • स्कूल की छुट्टियों के कारण बच्चे इस मौसम को पसंद करते हैं, जिससे यह साल का उनका पसंदीदा समय बन जाता है।
  • हालाँकि, बरसात का मौसम पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा भी लेकर आता है।
  • इस दौरान जल निकायों को पर्याप्त वर्षा जल प्राप्त होता है, जो उनकी पुनःपूर्ति में योगदान देता है।
  • बारिश और बिजली गिरने के कारण लोग अक्सर सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहना पसंद करते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवार के साथ सुखद समय बिताने का बेहतरीन मौका देती है।
  • मौसम का आनंद बढ़ाने के लिए लोग पकोड़े, हलवा और इडली जैसे विभिन्न व्यंजन बनाते हैं।
  • वर्षा ऋतु हमें विभिन्न प्रकार के फल, फूल और सब्जियाँ उपहार में देती है।
  • गणेश पूजा, रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) जैसे कई सारे त्यौहार इसी मौसम में आते हैं।

वर्षा ऋतु विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण है, विशेषकर कृषि क्षेत्रों में, क्योंकि यह फसलों के लिए आवश्यक पानी प्रदान करती है।  यह मीठे पानी के स्रोतों को भी भर देती है और ग्रह पर जीवन को फिर से जीवंत करती है।

वर्षा ऋतु की अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन कई क्षेत्रों में, यह लगभग चार महीने तक चलती है, जिससे हल्की से भारी वर्षा होती है।

लोग अक्सर इनडोर गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, परिवार के साथ समय बिताते हैं, पकोड़े जैसे विशेष व्यंजन पकाते हैं और ठंडे मौसम का आनंद लेते हैं। किसान इस समय का उपयोग बीज बोने में करते हैं।

हाँ, वर्षा ऋतु पानी के कारण होने वाली बीमारियाँ और बाढ़ या परिवहन व्यवधान का खतरा ला सकती है। हालाँकि, इसके लाभ आमतौर पर कमियों से अधिक होते हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Varsha Ritu Par Nibandh के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)- हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई बारिश के मौसम का स्वागत करना, उसका आनंद उठाना और उससे प्यार करना बखूबी जानता है। किसी को बरसात के मौसम में घूमना पसंद होता है, तो किसी को बरसात में भीगना अच्छा लगता है। वर्षा ऋतु के मौसम में पेड़-पौधों पर हरियाली की सुंदरता भी और बढ़ जाती है। इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी वर्षा ऋतु के आगमन से प्रसन्न हो उठते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

अगर आप वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप Varsha Ritu Essay In Hindi पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season Essay In Hindi) पढ़कर जान सकते हैं कि वर्षा ऋतु कब आती है और वर्षा ऋतु का क्या महत्त्व है। हमनें Varsha Ritu In Hindi Essay एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Varsha Ritu Nibandh In Hindi को आसानी से समझ सकें।

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बच्चों को स्कूलों में अकसर निबंध प्रतियोगिता में Essay About Rainy Season In Hindi लिखने के लिए दे दिया जाता है, जिसमें वह Varsha Ritu Nibandh लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Varsha Ritu Par Nibandh Hindi Mein पढ़कर वर्षा ऋतु के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपना एक बेहतर Essay In Hindi On Varsha Ritu लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप Essay In Hindi On Rainy Season के साथ-साथ वर्षा ऋतु पर 10 लाइन भी पढ़ सकते हैं। Hindi Essay On Varsha Ritu पढ़ने के लिए नीचे देखें।

वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season Essay In Hindi)

भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु मानी जाती है। जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। वर्षा ऋतु के आने पर बच्चों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। पर्यावरण के लिए वर्षा बहुत जरूरी होती है। वर्षा हमारे लिए ही नहीं पृथ्वी के लिए भी बहुत जरूरी है। भारत में वर्षा किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि उनकी फसल की बुआई और सिंचाई वर्षा पर ही निर्भर रहती है। अगर यही वर्षा देर से आए, तो उनकी फसल खराब होने की संभावना रहती हैं। हर किसी ने बारिश के पानी में कागज से बनी हुई नाव के साथ खेलते हुए बच्चों का सुन्दर दृश्य जरूर देखा होगा।

ये निबंध भी पढ़ें

वर्षा ऋतु का आगमन

वर्षा ऋतु का आगमन श्रावण माह से शुरू होता है और भादो माह तक रहता है। अंग्रेजी भाषा में इसे जुलाई से सितंबर तक के महीने को कहा जाता हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ आपको हरियाली नज़र आयेगी। वर्षा ऋतु को मानसून भी कहा जाता है। इस मौसम में बरसात सबसे ज्यादा होती है। आपको हर तरफ पानी ही पानी नजर आएगा। पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते, आम के फलों से लदे पेड़, उस पर चिड़ियों का बैठकर चहचाना, ये मनमोहक दृश्य आपको वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। चाहे वो मनुष्य हों, पेड़-पौधे हों या पशु-पक्षी हों। गांव के खेतों में लहराते धान को देखकर वर्षा ऋतु की जो मनमोहक प्रस्तुति हमारे मन में उत्पन्न होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना शायद ही किसी के लिए आसान हो। इस मौसम में धान के अलावा और भी फसलों का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।

उत्पादन में अधिक वृद्धि- अगर सही समय पर वर्षा ऋतु का आगमन हो जाए, तो किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है जिसे निम्नलिखित तरीकों से बताया गया है।

  • सिंचाई के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • वर्षा ऋतु में एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन।
  • सिंचाई के पैसों की बचत।
  • वर्षा का पानी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करता है।

छोटे जीव-जंतु को राहत- जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके कारण छोटे-छोटे जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। जुलाई के माह में जब बारिश होती है, तो उनको राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु का उद्देश्य

वर्षा ऋतु का उद्देश्य है जीवन के चक्र को चलाना तथा उसे नया रूप देना। वर्षा ऋतु 3 से 4 महीने रहती है और फिर चली जाती है। वर्षा ऋतु में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने शुरू हो जाते हैं, जमीन पर छोटी-छोटी नई घास की चादर बिछ जाती है। बारिश की पहली बूंद जब धरती पर गिरती है, तो जमीन से निकलने वाली खुशबू आप का मन मोह लेगी। वर्षा ऋतु में त्योहारों का आगमन और किसानों में एक अलग जोश के साथ खेती करना उत्साह देखा जा सकता है। वर्षा से हमें गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के लाभ

बारिश हमारे और हमारे देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। वर्षा ऋतु के लाभ निम्नलिखित हैं-

पानी को इकट्ठा करने का समय-

वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मौसम है जहां हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके रखने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम तालाब, नहर, कुएं, गड्ढे आदि जगह पर पानी को इकट्ठा करके रख ले और बाद में इसका उपयोग हम खेत की सिंचाई, पेड़ों को पानी देना आदि जैसी चीजों के लिए करें।

पानी कम खर्च करने का सुनहरा मौका होती है वर्षा ऋतु-

वर्षा ऋतु में हम पानी का सबसे कम उपयोग कर सकते हैं क्योंकि बारिश के कारण पेड़-पौधे को अपने आप ही पानी मिल जाता है। तो हमें उन्हें पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आप पानी की बचत भी कर सकते हैं।

पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग-

वर्षा ऋतु में हम पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में मौसम ठंडा रहता है।

वर्षा ऋतु से हानि या समस्या

बाढ़ की संभावना–

लगातार तेज बारिश होने के कारण लोगों को बाढ़, सुनामी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

बारिश से फसल का नुकसान–

तेज बारिश होने की वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान भी होता है जिसके कारण उनकी साल भर की मेहनत खराब जाती है।

फसल खराब होने से अनाज उत्पादन में गिरावट–

तेज बारिश के कारण किसानों का अनाज खराब हो जाता है, तो उनके द्वारा खेतों में लगाई गई लागत तक नहीं निकल पाती है, जिसके कारण किसान वर्ग के लोगों को काफी निराशा झेलनी पड़ती है। और बाजार में फसल कम दाम पर बिकती है।

संक्रामक/वायरस फैलने का डर–

वर्षा ऋतु में हर जगह पानी भर जाता है जिसके कारण बच्चों और बड़ों में वायरस फैलने का भय बना रहता है, जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रकृति पर वर्षा का प्रभाव–

तेज वर्षा के कारण पेड़-पौधे गिर जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान होता है।

लोगों की  मृत्यु–

तेज बारिश के कारण चलती हुए सड़कों पर अचानक पेड़ गिरने से सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है, जिसका मुख्य कारण वर्षा है।

वर्षा ऋतु में बचाव हेतु बातें

  • वर्षा ऋतु में आप घर में ही रहें।
  • वायरस से बचने के लिए घर को साफ-सुथरा रखें।
  • बाहर के खाने की चीजों से बचें।
  • स्वच्छ जल का प्रयोग करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में आपको गेहूं, दही, अंजीर, खजूर और छाछ का सेवन करना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  • घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को नदी, नालों में ना फेंके।
  • कुछ मामूली सी सावधानियां बरतकर हम सभी हैजा जैसे भयंकर रोग से बचाव कर सकते हैं।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गंदे पानी को ना पिएं।
  • अगर आपको डायरिया जैसी बीमारी का एहसास हो, तो आपको तुरंत जीवन रक्षक घोल का सेवन करना चाहिए।
  • जीवन रक्षक घोल आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
  • इस घोल के पैकेट को आप वर्षा ऋतु के मौसम में जरूर अपने घरों में लाकर रखें।
  • वर्षा ऋतु में आप कभी भी छोटे बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं।
  • अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त होने लगें, तो उसे तुरंत मां का दूध पिलाएं या फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • वर्षा ऋतु में पशुओं में भी अनेक बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को पशुओं से संबंधित दूध को जांच करने के बाद ही पिलाएं।
  • वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में मांसाहारी चीजों को खाने से बचें क्योंकि यह उनके प्रजनन का मौसम होता है।
  • वर्षा ऋतु सुहाना मौसम होता है इसलिए आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
  • इस मौसम में आपको कालरा, डायरिया का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • इस मौसम में आपको संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिसके लिए आपको दिनचर्या के तरीके में थोड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे में आप बीमारियां होने से बचाव कर पाएंगे।
  • पानी को आप जब भी पिएं उबालकर ही पिएं।
  • कटे फल, सब्जियां आदि को खुला बिल्कुल ना रखें।
  • साफ-सुथरे बर्तन का ही प्रयोग करें।
  • फलों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • सब्जियों को पकाने से पहले उन्हें धोकर सुखा लें।
  • वर्षा ऋतु में बचे हुए भोजन का प्रयोग ना करें।
  • पत्तेदार सब्जियों के प्रयोग से बचें।

हमारे शरीर में खानपान के अलावा भी मौसम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम मौसम के अनुकूल भोजन और फलों का इस्तेमाल करें, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक ना हो। वर्षा ऋतु में हमें ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें तथा नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेज होगी। बारिश होने पर आप छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि बारिश के पानी से आपके बालों को कोई नुकसान ना हो।

वर्षा ऋतु संसार के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसे हम अपनी जीविका के साधन के रूप में देख सकते हैं। जैसे पानी के बिना नदी का कोई मोल नहीं होता है ठीक वैसे ही बारिश के बिना इंसान और प्रकृति का भी कोई मोल नहीं होता है।

वर्षा ऋतु पर छोटा निबंध

वर्षा ऋतु प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाने वाली ऋतु है। प्रकृति में ऋतुओं के बदलाव से वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसके बाद ही वर्षा होती है। इसीलिए हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उनका कम से कम दोहन करें। अगर हम प्रकृति की रक्षा नही करेंगे, तो एक दिन हम विनाश की ओर बढ़ जाएंगे। वर्षा ऋतु में हर साल होने वाली बारिश की मात्रा में कमी आ रही है। वर्षा ऋतु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। लोग लगातार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते बारिश कम होती जा रही है।

पेड़ों को लगाने का सही समय वर्षा ऋतु ही माना जाता है। इस मौसम में नए-नए पेड़ों को लगाया जाता है ताकि उनका सही से विकास हो सके। छोटे पेड़ों को लगाने का उद्देश्य होता है उन्हें भरपूर वर्षा का पानी मिले जिससे वह मजबूत हो जाएं। वर्षा ऋतु को सुहावना मौसम भी कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में लोग घूमने के लिए ज्यादातर बाहर जाते हैं। इस मौसम में चारों तरफ आकर्षित करने वाली चीजें ही आपको देखने को मिलेंगी। इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। इस मौसम में आपको सात रंगों वाला इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में सफेद, भूरे और काले बादलों को घूमते हुए आपने जरूर देखा ही होगा, जिसे बच्चे देखकर बहुत खुश होते हैं।

वर्षा ऋतु ना सिर्फ अपने साथ खुशियां लेकर आती है बल्कि बहुत सारी कठिनाइयां भी लेकर आती है। बरसात होने पर जगह-जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और सुनामी आपदाएं जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं-

  • वर्षा ऋतु में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन में कुछ लोग अपने आप को ढाल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में बीमार पड़ जाते हैं।
  • ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी पड़ता है।
  • तेज वर्षा होने के कारण कमजोर पेड़ गिरकर टूट जाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन से पेड़ों को बहुत नुकसान होता है।
  • तेज बारिश के चलते फसलें गल जाती हैं या खराब हो जाती हैं।
  • इस मौसम में बहुत सारे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े बाहर निकल कर आने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को खतरा बढ़ जाता है।

इस मौसम में आकाश बहुत साफ, चमकदार और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है। वर्षा ऋतु में आसमान बहुत अच्छा दिखाई पड़ता है, ये दृश्य आपका मन मोह लेता है। वर्षा और मनुष्य का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है। अगर पेड़-पौधे ही ना हों, तो वर्षा ऋतु का आगमन काफी देर से होगा।

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन

  • भारत में वर्षा ऋतु एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु का आगमन जून के महीने में हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु किसान वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • वर्षा ऋतु बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी पसंदीदा ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु उत्साह और उमंग लेकर आती है।
  • वर्षा ऋतु धान की खेती के लिए सबसे अच्छी ऋतु मानी जाती है।
  • वर्षा ऋतु पानी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा स्रोत है।
  • वर्षा ऋतु में आप तरह-तरह के फलों का आनंद ले सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु लोगों को जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने आती है।
  • वर्षा ऋतु को हरियाली के लिए भी जाना जाता है।

वर्षा ऋतु से संबंधित कुछ प्रश्न (FAQs)

प्रश्न- वर्षा ऋतु के फायदे क्या हैं?

उत्तरः वर्षा होने के कारण अच्छी फसल उगती है, जिसके चलते बाजार में किसान वर्ग को अच्छे पैसे मिलते हैं। वर्षा होने के कारण जामुन जैसे फल जल्दी पकने लगते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से होने वाले हानियों का वर्णन करें ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में लोगों को वायरस फैलने का खतरा बना रहता है और आपदा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से फैलने वाले वायरस का नाम बताइए ?

उत्तरः सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी फसल उगाई जाती है ?

उत्तः वर्षा ऋतु में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों को उगाया जाता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में ही पेड़ों को लगाने के लिए क्यों सबसे अच्छा ऋतु माना जाता है ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में पेड़ों को इसलिए लगाया जाता है ताकि उन्हें वर्षा का जल मिल सके। वर्षा जल के कारण ही पौधे में मजबूती आ जाती है और वह आसानी से उग जाते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु कब आती है?

उत्तरः वर्षा ऋतु जून या जुलाई में आकर सितंबर तक रहती है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

उत्तरः वर्षा ऋतु हमें भीषण गर्मी से राहत देने का काम करती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें

  • वाक्य छोटे हों।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • निबंध पढ़ते समय लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में आप कविता का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने से पहले आप किन-किन बिंदुओं का उल्लेख करने वाले हैं इसका पता आपको पहले ही होना चाहिए ताकि लिखते समय आप जल्दी से अपना निबंध पूरा कर सकें।
  • ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए जिसका अर्थ आपको मालूम ना हो ।
  • निबंध को हमेशा हेडिंग के साथ लिखें। इससे आपका निबंध और ज्यादा आकर्षक दिखेगा।
  • अपने निबंध में आप वर्षा ऋतु से संबंधित चित्रों को भी लगा सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ज्यादा से ज्यादा सृजनात्मक लेखन का ही प्रयोग करें।

वर्षा ऋतु के निबंध में हमने काफी सारे बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप इसे पढ़कर काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं जैसे हम वर्षा ऋतु में कौन-कौन से तरीकों का उपयोग करके संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। वर्षा ऋतु से संबंधित निबंध लिखने का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होंगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद | Paragraph on Rainy Season in India

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वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद | Paragraph on Rainy Season in India!

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जुलाई के महीने में होता है तथा सितंबर के महीने तक वर्षा होती रहती है । यह ऋतु किसानों के लिए वरदान सिद्ध होती है । वे इस ऋतु में खरीफ की फसल बोते हैं । वर्षा ऋतु वनस्पतियों के लिए भी वरदान होती है । वर्षा काल में पेड-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं । वर्षा-जल से उनमें जीवन का संचार होता है । वन-उपवन और बाग-बगीचों में नई रौनक और नई जवानी आ जाती है । ताल-तलैयों व नदियों में वर्षा-जल उमड़ पड़ता है । धरती की प्यास बुझती है तथा भूमि का जलस्तर बढ़ जाता है । मेढक प्रसन्न होकर टर्र-टर्र की ध्वनि उत्पन्न करने लगते हैं । झींगुर एक स्वर में बोलने लगते हैं । वनों में मोरों का मनभावन नृत्य आरंभ हो जाता है । हरी- भरी धरती और बादलों से आच्छादित आसमान का दृश्य देखते ही बनता है । वर्षा ऋतु गर्मी से झुलसते जीव-समुदाय को शांति एवं राहत पहुंचाती है । लोग वर्षा ऋतु का भरपूर आनंद उठाते हैं ।

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Varsha Ritu Nibandh

Varsha Ritu Nibandh: वर्षा ऋतु पर निबंध कक्षा 6 से 12 के लिए उपयोगी

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Varsha Ritu Nibandh

यहां हम आपको एक शानदार Varsha Ritu Par Nibandh उपलब्ध करा रहे हैं. यदि आप कक्षा 6,7,8,9,10,11 और 12 के विद्यार्थी हैं. और आपको Varsha Ritu Nibandh चाहिए तो यह varsha ritu nibandh in hindi आपके लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी होने वाला है. इस Varsha Ritu Nibandh को कक्षा 6 से 12वीं तक के सभी विद्यार्थी उपयोग कर सकते हैं इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी Varsha Ritu Nibandh लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Varsha Ritu Nibandh

Varsha Ritu Par Nibandh 200 शब्दों में (वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द in Hindi)

वर्षा ऋतु को हम बरसात के नाम से जानते हैं. हमारे देश भारत में वर्षा वर्षा ऋतु जून महीने से ही प्रारंभ हो जाती है. जो कि सितंबर महीने सर चलती है. पहली बार बारिश होने पर सभी किसान अपने हल लेकर खेतों में बुवाई के लिए चले जाते हैं. बारिश के मौसम में चारों तरफ हरियाली छा जाती है. मोर अपने पंख बिखेर कर नाचने लगते हैं. वर्षा के दौरान कभी-कभी इंद्रधनुष भी दिखने लगता है जो बहुत ही ज्यादा सुंदर दिखाई देता है. वर्षा वर्षा ऋतु के दौरान आकाश में काले काले बादल छा जाते हैं. कभी-कभी जोर जोर से बिजलिया भी कड़कती है.

बारिश में सभी जानवरों के लिए खाने के लिए हरी हरी घास आ जाती है. बरसात के मौसम में हमारे गांव में झूले भी बन जाते हैं जहां पर कई सारी औरते और पुरुष पेड़ों की डालों पर झूले बांधकर झूले झूलते हैं. बरसात का मौसम बहुत ही ज्यादा सुहावना लगता है. बारिश के मौसम में सभी सूखे नदी-नाले पानी से भर जाते हैं. बारिश का मौसम हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि बारिश के पानी से ही हमें पीने का पानी मिलता है. बारिश से ही किसानों की फसलें पैदा होती है. बारिश में मुझे गीला होना बहुत पसंद है लेकिन बाद में मम्मी पापा की डाट भी पड़ती है. सच में मुझे बारिश बहुत ज्यादा पसंद है.

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 100 शब्दों

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प्रस्तावना: बरसात के मौसम को ही हम वर्षा ऋतु के नाम से जानते हैं. वर्षा ऋतु में जब पहली बारिश होती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है. जिसको सूंघने के बाद मन प्रफुल्लित हो जाता है. इसके आने से चारों तरफ हरियाली का माहोैल हो जाता है.

वर्षा ऋतु के आने का समय: वर्षा ऋतु भारत की विभिन्न ऋतुओ मे से एक हैं. भारत में वर्षा ऋतु गर्मी की छुट्टियां खत्म हो जाने के बाद आती है. वर्षा ऋतु लगभग जून महीने में शुरू हो जाती है. जोकि सितंबर महीने तक जारी रहती है. वर्षा आने के बाद सभी लोगों को गर्मी की तपन से राहत मिलती है. वर्षा आने के बाद हमारे देश के किसान वर्षा आने की खुशी में हर्षोल्लास से भर जाते हैं. किसान वर्षा ऋतु को मानसून के नाम से संबोधित करते हैं. पहली बार जब बारिश होती है तो बादल जोर-जोर से गरजते हैं और झमा-झम बारिश होती है. पहली वर्षा होने के बाद किसान अपने खेतों में बुवाई चालू कर देते हैं. हमारे देश में वर्षा ऋतु का बहुत ज्यादा महत्व है क्योंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश है.

प्रकृति में परिवर्तन: जैसे ही वर्षा शुरू होती है सूखे हुए पेड़ों में भी जाना जाती है मुरझाए हुए फूल खिल उठते हैं. मोर अपने पंख फैलाकर मनमोहक तरीके से नृत्य करने लगते हैं. वर्षा रितु के दौरान बहुत बार हमें इंद्रधनुष देखना को भी मिलता है जिसमें 7 रंग होते हैं जो कि मुझे बहुत ही अच्छा लगता है. पहली वर्षा तेज हवा के साथ आती है जो ऐसी लगती है मानो पहली वर्षा में सभी पेड़-पौधे नाच गा रहे हो. वर्षा आते ही सभी लोगों को भयंकर गर्मी से छुटकारा मिल जाता है. हमारे घर के कूलर पंखे बंद हो जाते हैं. पूरा पर्यावरण हरियाली से भर उठता है. 

वर्षा ऋतु का महत्व: हमारे देश में वर्षा ऋतु बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है इसका महत्व इसलिए अधिक बढ़ जाता है क्योंकि हमारे देश में अधिकतर किसान निवास करते हैं जिनका जीवन खेती पर ही निर्भर होता है और खेती बरसात पर निर्भर करती है. इस प्रकार वर्षा ऋतु हमारे जीवन के साथ-साथ देश के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसके आने से सुखे नदी-नाले पानी से भर जाते हैं.

उपसंहार: वर्षा ऋतु मुझे सभी मौसम मे से सबसे अच्छी लगती है. सबसे ज्यादा अच्छा मुझे बारिश में गीला होना लगता है. लेकिन इसके साथ ही मम्मी पापा की डांट भी मिलती है. पर बरसात में गीले होने का मजा बहुत ज्यादा आता है. बरसात पूरे पर्यावरण को बदल देती है चारों तरफ हरियाली छा जाती है जो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छी लगती है.

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Varsha Ritu Nibandh in Hindi (वर्षा रितु पर Full Essay)

प्रस्तावना : वर्षा ऋतु यानी की बारिश का मौसम चार ऋतुओं में से एक है। चारों मौसम की तरह वर्षा ऋतु का मौसम भी धरती के प्राणियों के जीवन के लिए जरूरी है। धरती के अलग अलग स्थानों पर वर्षा ऋतु का आगमन समय भिन्न हो जाता है कहीं कहीं यह जून के मध्य में शुरू होती है एवं कहीं पर जुलाई या अगस्त के शुरुआत में। वहीं वर्षा ऋतु का समय अंतराल भी कहीं कहीं 2 से चार माह का होता है वहीं सावन में वर्षा ऋतु अपने चरम पर होती है। भीषण गर्मी की तपती ज्वाला में जलने के बाद मनुष्यों के साथ साथ अन्य प्राणियों को भी वर्षा ऋतु की फुहारों का बड़ा बेसब्री से इंतजार रहता है। केवल बारिश ही गर्मी के ताप से राहत दिला सकती है और इसके बाद प्रकृति में हर जगह ठंडक बढ़ जाती है।

वर्षा ऋतु का आगमन : वर्षा ऋतु का आगमन जून माह के प्रारंभ एवं मध्य आते आते होता है। वर्षा ऋतु के आने पर मानों सुखी धरती को नया जीवन मिल जाता है। अगर भारत देश की बात करें तो यहां मानसून का आगमन अरब सागर से होकर पहले तो केरल राज्य की ओर जाता है एवम इसके बाद मानसून उत्तरी भारत में प्रवेश करता है। बारिश का मौसम आते ही लोग विशेष प्रबंध करने लगते हैं कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग अपने घर की मरम्मत करने लगते हैं। किसान और भी दौगुने उत्साह से खेती करने लगते हैं और बागों में झूले डालने लगते हैं समस्त प्रकृति झूम उठती है।

प्रकृति का दृश्य : प्रकृति का सबसे मनोरम दृश्य के दर्शन वर्षा ऋतु के आगमन पर ही देखने को मिलता है। वर्षा ऋतु के आने से सारी धरती खिल उठती है नई कपोलें खिलने लगती है, आसमान में घटाएं छाने लगती है। धरती का श्रृंगार नए नए रंगों के फूलों से फलों से लदे वृक्षों से होता दिखाई पड़ता है और इसका सौंदर्य और भी निखर जाता है। बागों में लगी अमियां पककर आम बन जाती है खेत खलिहान और भी हरे भरे दिखाई देते हैं।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान : बारिश पानी का प्रमुख स्त्रोत है और पानी जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है। जैसा की हम सब जानते हैं की भारत एक कृषि प्रधान देश है ऐसे में खेती किसानी का काम भी बारिश पर हो निर्भर है बारिश के पानी लगने के बाद ही असल में फसल अच्छी उगती है बिना बारिश के अन्न भी उगाना संभव नहीं है ऐसे में वर्षा ऋतु मानव के जीवन के लिए बहुत अवशयक है। वहीं वर्षा ऋतु के आने पर लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है जैसे बारिश आते ही सड़कों एवं गड्ढों में गंदा पानी इक्कठा होने लगता है जो की कई बीमारियों का घर बनता है। बारिश के कारण बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है एवम कई स्थानों पर बाढ़ जैसी समस्या देखने को मिलती है जिससे जन धन की हानि होती है।

वर्षा ऋतु का महत्व : वर्षा ऋतु मानव जीवन के संचालन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बारिश के होने पर ही नदियों को पानी और मिलता है धरती पर अन्न उगता है। बारिश के न होने पर नदियां सुखी पद जाती है धरती पर खेतों में फसलें बारिश के आने पर ही उगती हैं। अप्रैल एवं मई माह की प्रचंड गर्मी के बाद बारिश के होने पर मानो धरती के समस्त प्राणियों को शितलता मिलती है।  

उपसंहार : अन्य ऋतुओं की तरह वर्षा ऋतु भी प्रकृति और मानव जीवन के लिए महत्व रखती है। या ऐसा कहा जाए की बिना वर्षा के तो मानव जीवन संभव ही नहीं है क्योंकि पानी मनुष्य जीवन का अति आवश्यक घटक है। वर्षा ऋतु में धरती का अनुपम सौंदर्य देखने को मिलता है।

Rainy Season Essay 10 Lines
10 lines on raksha bandhan in hindi

Hindi Essay Varsha Ritu Par Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस Varsha Ritu Nibandh से जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Rainy Season Essay अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Rainy Season Essay कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार  रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Essay Topics

वर्षा ऋतु पर निबंध (Top 3 Varsha Ritu Essay in Hindi)

मस्कार दोस्तों, आप सभी का Essay Topics ब्लॉग में स्वागत है. आज हम “वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season or Varsha Ritu Essay in Hindi)” आर्टिकल में सर्वश्रेष्ठ 3 हिंदी निबंध देखने जा रहे हैं। वर्तमान में किसी भी परीक्षा में किसी भी विषय का निबंध अनिवार्य पूछा जाता है और यह विषय सभी छात्रों के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसी वजह से हमने यहां वर्षा ऋतु के बारे में तीन Hindi निबंधों का उदाहरण दिया है, आपको यह उदाहरण जरूर पसंद आएगे।

हम भारत में रहते हैं और हम बहुत  भाग्यशाली  भी हैं क्योंकि हम सभी मौसमों का आनंद ले सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि  भूगोल  की दृष्टि बहुत कम देशों की है जहां आप विभिन्न  मौसमों  का अनुभव कर सकते हैं । तो चलिए हमारे तीन निबंधों के उदाहरण पर चलते हैं। आपको इन निबंधों को कॉपी करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आपको यहां से मार्गदर्शन प्राप्त करना है और अपना एक सुंदर निबंध लिखना है, जो यहां दिए गए उदाहरण से और अन्य छात्रों की तुलना में बेहतर हो।

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वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season or Varsha Ritu Essay in Hindi)

बरसात के मौसम को अंग्रेजी में Rainy Season के रूप में भी जाना जाता है, यह भारत में शीर्ष 4 मौसमों में से एक है। आमतौर पर हमारे देश में बारिश का मौसम 15 जून से शुरू होता है, जबकि दक्षिण पश्चिम भारत से आने वाली मानसूनी हवाएं पूरे देश में चलती हैं। इस समय उत्तर पश्चिम भारत में ग्रीष्म ऋतु में निम्न वायुदाब का क्षेत्र अधिक तीव्र और स्थिर होता है।

इस निम्न दबाव के कारण दक्षिण-पूर्वी बहने वाली हवाएँ, जो भारत की ओर आकर्षित होती हैं और भारतीय प्रायद्वीप से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर बहती हैं। जब दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएँ स्थलीय भागों में प्रवेश करती हैं, तो वे गरज और बिजली के साथ भारी वर्षा करती हैं। इस प्रकार की वायु का आगमन और इसके कारण होने वाली वर्षा को मानसूनी वर्षा कहते हैं।

500 शब्द का मेरी प्रिय ऋतु वर्षा ऋतु पर निबंध (500 Words Long Varsha Ritu Essay In Hindi For Class 7, 8, 9, 10, 11 and 12)

ग्रीष्म, वर्षा, सर्दी, पतझड़ और वसंत इस प्रकार भारत में प्रत्येक मौसम की अपनी अपनी विशिष्ट शैली होती है। गर्मी के मौसम की भीषण गर्म वातावरण के बाद बारिश का मौसम हर जीव-जंतु को नया जीवन देने के लिए आता है। असह्य गर्मी से तबाह हो चुके वन्यजीवों के लिए बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ ही उभरने का एक नया मौका है।

बारिश के आगमन के साथ ही तेज बारिश के साथ मौसम अचानक सुहाना हो जाता है। सम्पूर्ण धरती पर हरियाली लौट आती है क्योंकि यह पृथ्वी को एक नई हरी चादर से ढक देती है। आषाढ़ और श्रवण यह दो महीने मुख्य रूप से बरसात के मौसम माने हैं, लेकिन उसके बाद भी भारत में कही हिस्सों में कुछ समय के लिए बारिश होती है।

सामान्य रूप से पूरे देश में चार महीने की अवधि के लिए बारिश होती है, इसलिए इस बरसात के दिन को चातुर्मास भी कहा जाता है। भारत में यह मौसम एक साथ शुरू नहीं होता है। जून की शुरुआत में केरल से शुरू होकर यह अगले एक महीने तक पूरे देश में बारिश होती है। भारत में वर्षा का बहुत महत्व है, क्यों की हमारे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से मानसून यानी बारिश के मौसम पर निर्भर है।

बारिश के आगमन के साथ ही माहौल फिर से खुशनुमा हो जाता है। अगर हम अपने देश की बात करें तो भारत में मानसून में ही बारिश होती है, जो देश के पश्चिमी तट से होकर गुजरती है और फिर उत्तरपूर्वी हिस्सों में चली जाती है। आज भी भारत में 70% से अधिक लोग कृषि और कृषि व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। इसका मतलब है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था ज्यादातर बारिश के मौसम पर निर्भर है।

rainy season essay in hindi- वर्षा ऋतु पर निबंध

यह न केवल मनुष्य बल्कि जीवित सभी जानवरों, पक्षियों, पेड़ों और पौधों को नया जीवन प्रदान करता है। बारिश के साथ प्रकृति ने नया रूप धारण कर लेती है। हिंदू धर्म में, भगवान इंद्र को वर्षा का देवता माना जाता है, यही कारण है कि बारिश का मौसम शुरू होते ही कई स्थानों पर भगवान इंद्र की पूजा की जाती है। प्राचीन काल से ही लोग अलग अलग तरह से बारिश का आनंद लेते रहे हैं।

रक्षाबंधन और जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार इसी ऋतु में मनाए जाते हैं। लगातार हो रही बारिश से हर नदी नाला भर जाता है, जो आने वाले कई महीनों तक सभी जानवरों की पानी की जरूरत को पूरा करेगा। खेती के लिए बरसात के मौसम आशीर्वाद के समान है।

बारिश होने पर किसान खेतों में बीज बोते हैं। अच्छी बारिश एक अच्छी फसल देता है, जो अगले साल तक सभी की खाने की चिंता को कम कर देगी। गर्मी में सूरज की गर्म लहार के बाद बारिश की चार बुँदे सभी जीवित प्राणी को आनंदित कर देती है और बारिश गिरते ही आपको मोर की मनमोहक आवाज सुनाई देती है.

इन्द्रधनुष के बीच बादल बहोत ही सुंदर लगते हैं, मानो अप्सरा की आंखें पर काजल बन के इसकी शोभा बढ़ा देती हैं। सबसे पहले तो वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही मौसम सुहाना हो जाता है क्योंकि यह मौसम से काले जाल की गर्मी को दूर कर ठंडक का अहसास देता है।

वर्षा सभी जानवरों, पक्षियों, पौधों और मनुष्यों की पानी की जरूरतों को पूरा करती है। बारिश सभी पौधों को पुनर्जीवित करती है और उनके नए बीजों को अंकुरित करती है। वर्षा वातावरण में स्थिरता लाती है और वायु प्रदूषण को भी कम करती है।बारिश सभी जीवित चीजों की खाद्य समस्या को हल करने में मदद करती है। इसी तरह से यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतू है.

यह भी जरूर पढ़े- 100+ हिंदी निबंध के उदहारण (PDF के साथ)

300 शब्द ऋतुओं का राजा वर्षा ऋतु पर निबंध (300 Words Short Rainy Season or Varsha Ritu Essay In Hindi)

गर्मी के बाद बरसात का मौसम शुरू हो जाता है और जब वर्षा होती है तो आकाश घने बादलों से ढक जाता है। मुख्य रूप से भारत में, आषाढ़ और श्रावण के दो महीनों को मानसून का मौसम माना जाता है, जब पूरे भारत में बारिश देखने को मिलती है।

वर्षा ऋतु का आगमन

भारत में कुदरत ने ऋतुओं के क्रम को इस तरह बनाए रखा है कि जब एक बिदाई करता है तो दूसरे का आगमन बहुत सुखद लगता है। ग्रीष्म ऋतु के मौसम की भीषण गर्मी से जब पूरी धरती गर्म हो जाती है तो ऐसा लगता है जैसे धरती जल रही है, हर प्राणी गर्मी से त्रस्त हो जाता है।

हवा धूसरित हो जाती है, प्यासे जानवर हर बूंद के लिए तरसते हैं. किसानों की निगाहें आसमान पर होती है और ऐसी विकट स्थिति में जब आसमान में बादल मंडराने लगते हैं तो सभी का मन शांति से भर जाता है. वर्षा ऋतु के आगमन से मनुष्य, पशु, पक्षी, पेड़-पौधे सभी खुश हो जाते हैं।

short varsha ritu essay in hindi- लघु वर्षा ऋतु पर निबंध

ऐसा लगता है कि आसमान में काले और सफेद बादल अभी बरसने लगेंगे। थोड़े समय में बारिश शुरू हो जाती है और धरती बिजली से कांपने लगती है। ऊष्मा भरी गर्मी का कहर थमने थमने लगता है. चिड़ीया, मोर, किसान और अन्य पशु और पक्षी खुशी से नाचने लगते हैं। वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और वर्षा को ऋतुओं की रानी कहा जाता है। दक्षिण-पश्चिम भारत से मानसूनी हवाएँ चलती हैं।

इस हवाओ के कारण भारत के विभिन्न भागों में भारी वर्षा होती है। इस मौसम में ज्यादातर आसमान में बादल छाए रहते हैं। एक ठंडी हवा चलती है, बिजली चमकने और गरज के साथ लगातार बारिश होती है। श्रावण के महीने में हो रही ऐसी लगातार बारिश को श्रवण धारा कहा जाता है, जिससे कई क्षेत्रों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आती है।

सभी कुओं, झीलों और नहरों में पानी भर जाता है। वर्षा ऋतु की शुरुआत के साथ, पृथ्वी की सतह का रूप और रंग बदल जाता है। खेत बारिश के पानी से भर जाते है। हम चारों ओर से हरियाली से घिरे हैं, वहीं हरियाली धरती की सुंदरता को सौ गुना बढ़ा देती है। 

इंद्रधनुष के सात रंगों की उपस्थिति आकाश को सुशोभित करती है, इसकी क्षण भर सुंदरता सार्वजनिक जीवन को मंत्रमुग्ध कर देती है। आसमान में काले बादलों को देखकर मोर पंख खोलकर नाचने लगता है। ऐसे ही चार महीने तक यह ऋतु चलती है और धीरे धीरे ठंडी शुरू हो जाती है.

10 लाइन वर्षा ऋतु पर निबंध या वाक्य (10 Lines Varsha Ritu Essay In Hindi For Class 3, 4 and 5)

  • ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु जून से प्रारंभ होती है।
  • बरसात के मौसम के दौरान, आकाश चमकीले नीले और काळा बादलों और सात रंगों से भरा इंद्रधनुष से ढका होता है।
  • किसान बेसबरी से बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
  • बारिश से गर्मी, धूल और प्रदूषित हवा से राहत मिली है।
  • हमारे आसपास का वातावरण हरा भरा हो जाता है।
  • नदियों और झीलों में बाढ़ आ जाती है जिससे ठंडी हवा वातावरण में प्रवाहित हो जाती है।
  • पक्षी चहकते हैं और मोर एक सुखद वातावरण में पंख फड़फड़ाते उसका मजा लेते हैं।
  • भूजल में काफी सुधार होता है और पानी का स्तर बढ़ जाता है, जो आने वाले वर्ष के कही महीनो तक हमारी पानी की जरुरत पूरी करेंगे।
  • सभी जानवरों को खाने के लिए हरी घास मिलती है।
  • बरसात के दिनों में तो सभी किसान खेत में फसल लगाने लगते हैं।

भारत में कुल कितनी ऋतु है?

मुख्य रूप से सर्दी, गर्मी और मानसून ऋतु भारत में बारी बारी से आती है, इन सभी की अवधि एक सामान होती है.

वर्षा ऋतु का आगमन कब होता है?

भारत में बारिश का मौसम 15 जून से शरू होता है और थोड़े दिनों के अंदर पुरे भारत में बारिश होने लगती है.

वर्षा ऋतु अवधि कितनी होती है?

यह ऋतू भारत में 4 महीने चलता है और उसके बाद धीरे धीरे ठंडी का मौसम शुरू होता है.

आशा करता हूँ की आपको “वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Varsha Ritu Essay in Hindi)” आर्टिकल बहुत ही उपयोगी और मजेदार लगा होगा। इस निबंध के उदहारण द्वारा आपको अपना एक सुन्दर निबंध लिखना है, ना की सीधा ही रट्टा लगाना है. ऐसी ही हिंदी में मजेदार निबंध उदहारण के लिए हमारे ब्लॉग www.essay-topics.com की मुलाकात लेते रहिए और हमें YouTube , Facebook और Instagram पे फोलो करना ना भूले।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम वर्षा ऋतु   पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi) लिखेंगे। वर्षा ऋतु पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

वर्षा ऋतु पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

प्रकृति को चिर सहचरी रही है। सृष्टि के आरम्भ से मानव प्रकृति की शुद्ध, सात्विक ममतामयी क्रोड में आन्द्भूति करता रहा है। प्रकृति ने इसे मस्त हवाओं के पालने में झुलाया है।पक्षियों का मधुर संगीत सुनाया है, चंद्रिका सुधा में स्नान कराया है।

प्रकृति का क्षेत्र सीमातीत है प्रातः काल का सूर्य, शाम का चंद्रमा, आकाश में घुमड़ते काले-काले बादल, नीला अम्बर, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, खाईंया, झरने, लहराते खेत, व्रक्ष की शाखाओ पर बैठकर चह चहाते पक्षी हर पल हमे नया-नया संदेश देते है।

कुछ “चुपके से समझा जाता यह मस्त फिजा का सुना पन” प्रकृति का सौंदर्य का स्वरूप अवर्णनीय है। विश्व मे पग-पग पर प्रकृति अपना रुप लुटाती रहती है। पर इसी सभी मोसम में वर्षा ऋतु एक ऐसा मौसम है जो हमारे मन को प्रफुलित किये बिना नही मानता।

वर्षा ऋतु का दृश्य

वर्षा ऋतु सुधा-वर्ष्टि करती हुई आती है। सर्वत्र उल्लास छा जाता है और खेत लहलहाने लगते है। पेड़ झूम झूम के गाने लगते है, बन्द कलिया खुल उठती है। ओंस की बूंदे मोती की तरह चमकने लगती है। वर्षा ऋतु में आकाश में दमकती बिजली कितनी सुंदर लगती है। वर्षा ऋतु किं प्रकृति की सुंदरता का चित्रण करते हुए तुलसीदास जी ने कह है।

वर्षा काल मेघ नभ छाए, गरजत लागत परम् सुहाए दामनी दमक रही धन माही, खल की प्रीति जथा थिर नाहीं।।

वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष का सुंदर दृश्य

दोस्तो मौसम कोई भी हो पर वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मोसम है जिसमे आपको इंद्रधनुष के भी दर्शन हो जाते है।और सच मानिए इसको देखकर ऐसा लगता है, मानो प्रकृति का वो सुंदर दृश्य है जिसे देखने के लिए ही हम इस मौसम का इंतजार कर रहे थे।

हमारे देश भारत मे वर्षा ऋतु जुलाई महीने से सितंबर महीने के अंत तक रहता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण से अश्विन महीने के अंत तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी को जीवन मे उम्मीद ओर राहत की फुहार लेकर आता है।

इन्सानो के साथ-साथ पेड़ पौधे, पक्षी, जानवर सभी उत्सुकता के साथ इस वर्षा ऋतु के मौसम का इंतजार करते है। इसके स्वागत के लिए ढेर सारी तैयारियां करते है। इस मौसम के आते ही सभी राहत की सांस लेते है।

आकाश बहुत ही सुंदर चमकदार साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई देने लगता है। कई बार तो सात रंगों का इंद्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है, मानो जैसे की मनमोहक तस्वीर हो जिसकी पिक्चर लेने का मन हर किसी का करेगा। ओर वाकई वर्षा ऋतु की ऐसे अद्भुत दृश्य तो देखते ही बनता है।

वर्षा ऋतु का आगमन काल

वसंत ऋतु के बाद सूर्य बिल्कुल उत्तरायण हो जाता है। इसके कारण भीषण गर्मी पड़ती है। उस समय पृथ्वी जलने लगती है, पेड़ पौधे झुलस जाते है, पशु-पक्षी आदि सब चराचर व्याकुल हो जाते है।

गर्मि की भीषणता से नदी नाले, झील, पोखरे ओर समुद्र सूखने लगते है। यही जलवाष्प का रूप धारण कर लेते है ओर आकाश में उस जाता है और गिर ठंडक मिलने से यह वाष्प बादल बन कर बारिश के रूप में बरसने लगते है।

जब नीले-नीले मेघ गर्जन करते हुए अपने जीवन (जल) द्वारा सब जंतुओं को नया जीवन देने लगते है, तो वर्षा ऋतु आरम्भ हो जाता है और जीवन शब्द का जल सार्थक हो जाता है। वर्षा ऋतु में मेघो से जो वर्षा गिरती है, वह पहली बारिश होती है।

उसकी महक कहे या सुगंध मन को प्रफुलित कर देती है। सूखे पेड़ -पौधे मैदानी क्षेत्र सभी जगह पर घास ओर पेड़-पौधे लग जाते है। हर जगह पानी-ही पानी हो जाता है। सूखे नदी, तालाब, कुएं आदि में पानी भर जाता है।

खेती के लिए तो जल अतिआवश्यक होते है और वर्षा अपना जल भरपूर इस मौसम में लाती है। वातावरण साफ सुथरा हो जाता है, कई जगह पर तो वर्षा के आगमन पर लोकगीत गाने की परम्परा है। घरों के किचन गार्डन हरे भरे हो जाते है। जिससे सब्जियां घर मे ही आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

वर्षा ऋतु   के साथ ही अन्य ऋतुएं की जानकारी

सर्वप्रथम तो हमे वर्षा ऋतु   की जानकारी के साथ ही ये भी पता होना चाहिए, कि ऋतुएं क्या होती है। वर्षा ऋतु , ग्रीष्म ऋतु , शरद ऋतु यह मुख्यतः तीन ऋतु या मोसम होते है। पतझड़ ओर अन्य हिन्दू कलेंडर के अनुसार ऋतुओं के नाम महीनों के नाम पर ही आधारित होते है,   जो इस प्रकार है।

  • चैत्र (मार्च-अप्रेल)
  • वैशाख (अप्रेल -मई)
  • ज्येष्ठ (मई-जून)
  • आषाढ़ (जून-जुलाई)
  • श्रावण (जुलाई-अगस्त)
  • पदर्पक्ष (अगस्त-सितम्बर)
  • आश्विन (सितम्बर-अक्टूबर)
  • कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर)
  • मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसम्बर)
  • पोषमास (दिसम्बर-जनवरी)
  • माघमास (जनवरी-फ़रवरी)
  • फाल्गुनमास (फरवरी-मार्च)

इस प्रकार हमारे भारत देश   मे छः ऋतुएं क्रमशः बसन्त , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , हेमंत ओर शिशिर आकर भारत   के वातावरण को उल्लासमय बनाती है। प्रचंड गर्मी , प्रबल शीत   अधिक वर्षा , मनोहर शरद , ओर बसन्त जैसे   ऋतुओं की बाते ही निराली है।

भारत मे ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड गर्मी से व्याकुल होकर समस्त प्राणी आपसी वैर भाव भूलकर निर्भय होकर एक साथ रहते है और   ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है।

वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आता   है। शरद ऋतु में चारों ओर धुन्ध – कोहरा छा जाता है। रूह को भी ठंडा करदेने वाली वायु चलती है। सूर्य की किरणें अत्यंत सुखद प्रतीत होती है।चकोरी सूर्य को ही चन्द्रमा मानकर दिन में भी रात्रि जैसा आनंद लेती है।

शरद ऋतु में पुष्प खिलने लगते है, प्रकृति रूपसी बनकर ऋतुचक्र को घुमाती हैं, तब थिरकती हुई हेमंत ऋतु के दर्शन होते है। वह भी अपनी पूर्ण लीलाएं प्रस्तुत करती है। इस प्रकार ऋतुचक्र उप्परलिखे महीनों के अनुसार चलता रहता है।

बारिश के मौसम   से हानिया

यधपि वर्षा ऋतु हमारे लिए बडा उपयोगी है। इस समय वायु के प्रकोप से हैजा, मलेरिया, चिकनगुनिया, मौसमी बुखार आदि भयंकर रोग पैदा होते है। जिनमे अनेको मनुष्य काल के मुँह में चले जाते है।

कभी-कभी भीषण वर्षा से बाढ़ आ जाती है और गांव, घर और चोपय बह जाते है। सड़के कट जाती है, रेलों के पल टूट जाते है और बहुत से कार्य स्थगित हो जाते है। कभी कभी अत्यधिक वर्षा से खेती मारी जाती है, मकान गिर जाते है।

बिजली के प्रकोप से कभी-कभी अनेक मनुष्य की अकाल मृतु हो जाती है। सड़को पर जल और कीचड़ होने के कारण घर से बाहर निकलना या एक स्थान से दूसरे स्थान जाना बड़ा कठिन हो जाता है। बच्चे खेल कूद भी नही कर पाते है। रातों मद मच्छरों के कारण नींद भी नहीं आती है। सच तो यह हैं कि जहां वर्षा से सुख है वही दुख भी है।

बारिश के मौसम   से लाभ

वर्षा ऋतु से अनेको लाभ भी है। हमारा देश भारत तो कृषि प्रधान देश है और कृषि ही हमारे देश का आधार है। वर्षा से मनुष्यो के लिए अन्न ही पैदा नही होता, वर्ण पशुओं के लिए चारे की इतनी अधिकता हो जाती है कि वर्ष भर के लिए चारा बहुत हो जाता है।

कहि-कहि वर्षा के पानी को बांध इत्यादि से रोककर उपयुक्त लाभ उठाया जाता है। पानी को ऐसे स्थानों पर इकट्ठा कर लेते हैं कि बाद में इसका उपयोग पीने के काम आ सके। गर्मी के भीषण ताप से लोगो मे जो सुस्ती समा जाती है। वह वर्षा के आगमन से दूर हो जाती हैं। वर्षा के मनभावन दृश्य मन को खुश कर देते है।

वर्षा ऋतु में रोज़गार में व्रद्धि

वर्षा ऋतु में जब सही समय मे वर्षा का आगमन होता है। तो खेत ओर कई अन्य कार्यों में धन का आगमन होता है। जंगल हरे भरे हो जाते है जिससे लकड़ी के कई फर्नीचर ओर भी   घरेलू चीज़ो का निर्माण कार्य होता है। फैक्ट्रियों में वस्त्रों का निर्माण होता है। खाने पीने की चीज़ो को बेचा जाता है। इस प्रकार रोजगार के कई राह खुलते है।

किसानों के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

सभी के लिए वर्षा ऋतु का महत्व है। परंतु सबसे अधिक महत्व किसानों के लिए है। क्योंकि खेती के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है, ताकि फसलों को पानी की कमी न हो।

इसलिए समान्यतः किसान कई सारे गढ़े ओर तालाब बनाकर रखते है। जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिए ईशवर के द्वारा दिया गया एक वरदान है।

बारिस न होने पर वे इन्द्र देव से वर्षा के लिए प्राथनां करते है और अंतः उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल ही जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है, क्योंकि आकाश में यहाँ वहाँ काले, सफेद बादल भृमण करते है। यही बादल अपने साथ पानी लाते है और जब मानसून आता है, तो बारिश का अगम्न होता है।

बारिश के मौसम   का आनन्द

वर्षा ऋतु के आने से आप सब को पता ही है कि वर्षा ऋतु ीय सुंदरता बाद जाती है। और इस मौसम में बाहर ऐसी जगह घूमने का आनंद ही कुछ और है जहाँ हरियाली हर जगह हरी चादर ओढे हुए हो।

अक्सर नैनीताल, कश्मीर और वो सभी पहाड़ी इलाके जहां वर्षा ऋतु में मोसम एक मनमोहक दृश्य तुल्य हो ऐसे जगह घूमने का आनंद ही कुछ और है। ऐसे मोसम में नोकायन का भी अपना एक अलग ही मज़ा होता है।

किसी ने कहा है कि “तारो से भरी चाँदनी रात रोगी को नर्स से अधिक सुख दे सकती है, यदि वो उसकी भाषा समझने लगे। “कहने का तातपर्य प्रकृति द्वारा दिए गए मौसम में वर्षा ऋतु अत्यधिक मन को मोह लेता है।

वर्षा ऋतु से वातावरण स्वच्छ होता है और हर जगह हरियाली छा जाती है। इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए और वर्षा ऋतु जैसे मौसम का आनंद लेना चाहिए।

इन्हे भी पढ़े :-

  • 10 Lines On Rainy Season In Hindi Language
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध (Summer Season Essay In Hindi)
  • वसंत ऋतु पर निबंध (Spring Season Essay In Hindi)
  • बारिश के दिन पर निबंध (Rainy Day Essay In Hindi)
  • पर्यावरण पर निबंध (Environment Essay In Hindi)
  • बारिश पर हिंदी निबंध (Rain Essay In Hindi)

तो यह था वर्षा ऋतु पर निबंध, आशा करता हूं कि वर्षा ऋतु पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Varsha Ritu) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi : भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत के कई हिस्सो में खूब बारिश होती है। इस ऋतु में बारिश के आनंद के साथ-साथ कई तरह के त्यौहार भी आते हैं, जैसे – रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी।

Varsha Ritu की शुरूआत जून महीने से होती है और लगभग सितंबर महीने तक चलती है। यह मौसम सिर्फ इंसानों को नही बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत देता है। वर्षा ऋतु में कई जगहों पर मनोहर दृश्य देखने को मिलते है। इस मौसम में प्रकृति अपने पूरे रंगों में सज जाती है।

वर्षा ऋतु शुरू होते है ही स्कूलों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है। क्योंकि निबंध से बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु से उत्पन्न सौंदर्य, और वर्षा ऋतु के लाभ एवं हानि के बारे में जान पाते है। चलिए मैं आपको Varsha Ritu Essay in Hindi लिखने का तरीका बताता हूँ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस आर्टिकल में, मैं आपको अलग-अलग सीमा पर बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) लिखकर दूंगा। इस लेख से आप किसी भी कक्षा के लिए Varsha Ritu Par Nibandh लिख सकते है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु प्रकृति का एक बहुत बड़ा और अद्भुत उपहार है, क्योंकि इसके बिना धरती पर जीवन संभव नही है। इस ऋतु में आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है, और बिजली चमकने लगती है। इसके बाद धरती पर पानी के फुहारें पड़ने लगते है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जंतु और खेत-खलिहान सभी पानी से तृप्त हो जाते है।

Varsha Ritu का आगमन श्रावण मास से होता है और भाद्रपद मास तक रहती है। इस ऋतु में खेतों में फसलों की बुवाई और रोपाई की जाती है। सभी किसान वर्षा के पानी का भरपूर उपयोग करते हैं, ताकि सुंदर और अच्छी फसल उग सके। इसके अलावा वर्षा के पानी से नदियां और तालाब भी भर जाते हैं।

इस ऋतु के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी है, जैसे- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया प्रकार के गंभीर रोग। इसलिए बरसाती मौसम में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा वर्षा ऋतु में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा होता है।

वर्षा ऋतु एक सुंदर और मनमोहक ऋतु है, जिससे पूरी प्रकृति को काफी फायदे मिलेते हैं। Rainy Season Essay In Hindi से हमें इस ऋतु के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

प्रस्तावना.

वर्षा ऋतु भारत की अन्य ऋतुओं में से सबसे अधिक प्रिय ऋतु है। जब बारिश का मौसम आता है तो प्रकृति में अनेक मनोहर बदलाव देखने को मिलते है। यह मौसम हमें जून-जुलाई के समय की तेजी गर्मी से राहत देता है। इस मौसम में बच्चे-बुढ़े सभी आनंदित हो जाते हैं। सच में Rainy Season (बरसात का मौसम) काफी मनमोहक है।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। लेकिन अगर भारत की बाते करें तो भारत में गर्मी के मौसम के बाद यानी जून महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। यह ऋतु लगभग सितंबर महीने तक रहती है।

भारत में वर्षा ऋतु अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ती है, और फिर उत्तरी भारत की तरफ आती है। वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति अपना संकेत देना शुरू कर देती है, और किसान खेती की तैयारीयां शुरू कर देते है।

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

Varsha Ritu प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतु है, क्योंकि इस ऋतु के बिना प्रकृति नष्ट हो जाएगी। बारीश के मौसम की वजह से ही यह प्रकृति जीवित है। यह ऋतु मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्षा ऋतु की वजह से ही पेड़-पौधे जीवत है।

इस वर्षा ऋतु से ही सूखी नदिया और तालाब दोबार भरते है। और सभी जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। इसी ऋतु की वजह से फसले उगती है, जिसे खाकर हर जीव-जंतु जीवित रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु इस प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

हम सब जानते है कि जल ही जीवन है, और बिना वर्षा ऋतु के जल का अस्तित्व खतरें में आ जाएगा। और अगर धरती से जल खत्म हो जाए तो पूरी पृथ्वी सुनसान हो जाएगी। मतलब कोई भी जीव-जंतु या पेड-पोधा नही बचेगा। इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है और वर्षा ऋतु को संतुलित रखना है।

Varsha Ritu Essay in Hindi से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

बारिश प्रकृति की एक महत्वपूर्ण देन है। जब धरती पर पहली बार बारिश गिरती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है, जिससे सूंघने से मन खुश हो जाता है। गांवों में वर्षा ऋतु के बाद अनेक मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। वर्षा के आने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

वर्षा ऋतु क्या है

वर्षा ऋतु को भारत में बरसात का मौसम भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में भारत की कई जगहों पर अच्छी बारिश होती है। यह ऋतु अक्सर जून से सितंबर माह तक रहती है। इस ऋतु में आसमान में काले बादल छा जाते है और बिजली कड़कने लगती है। तेज हवाएं चलती है और फिर बूँद-बूँद बारिश होने होती है।

और जब बारिश धरती पर पहुंचती है तो प्रकृति में एक नई ऊर्जा संचरित होती है, जिससे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है और फूल खिल जाते है। पक्षी मुधर स्वर निकालते है और बच्चे-बूढ़े सभी वर्षा का आनंद लेते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु प्रकृति और पृथ्वी के हर जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु प्रकृति को नयी ऊर्जा देती है जिससे सभी को नया जीवन मिलता है। वर्षा के पानी से ही खेत हरे-भरे होते है। और साथ ही नदियाँ और तालाब भर जाते है, जिससे पशु-पक्षि सभी पानी पीते है।

यह ऋतु तेजी गर्मी के मौसम के बाती है जिससे सभी जीव-जंतुओं को गर्मी से राहत मिलती है, और मौसम ठंडा हो जाता है। इस ऋतु के बाद प्रकृति एक नए मनमोहक रूप में आ जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह प्रकृति को नया जीवन देती है। इस ऋतु से फसलों की वुबाई और रोपाई हो पाती है। बारिश से फसले अच्छी होती है और अकाल की संभावना भी कमा होती है। इस ऋतु से पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है। इसके अलावा इस ऋतु से भीषण ग्रमी के बाद मौसम ठंडा भी होता है।

इस ऋतु के लाभ के साथ कुछ हानियां हैं, जैसे- मौसमी रोग (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि), बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएं, बिजली गिरना। आप बारिश के इन नुकसानों से बच भी सकते है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी रखनी होगी।

वर्षा ऋतु सभी जीव-जंतु के लिए आनंद और उत्साह का सूचक है। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में भी अनेक मनमोहक बदलाव देखने को मिलते है। यह ऋतु केवल मानव जाति नही बल्कि सभी जीव-जंतु पेड़-पौधे में नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

Varsha Ritu बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु है क्योंकि इस ऋतु के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। बारिश के मौसम में प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलता है। Rainy Season Essay In Hindi में समझना काफी महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

वर्षा ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक लोकप्रिय ऋतु है, जिसका आगमन मई महीने में होने लग जाता है, और यह ऋतु सितंबर महीने तक चलती है। पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर वर्षा ऋतु का आगमन अलग-अलग समय पर होता है।

यह ऋतु गर्मी के मौसम के बाद आती है और सभी जगह ठंडक कर देती है, इसलिए मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह ऋतु हमें गर्मी से राहत देती है और साथ ही हमें एक अलग तरह का उत्साह भी देती है। बरसात के मौसम का आनंद बच्चे से बूढ़े तक सभी लोग लेते है।

इस Rainy Season Essay In Hindi में वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार, और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया है।

वर्षा ऋतु के आगमन का समय

भारत देश में, वर्षा ऋतु जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह ऋतु हमारे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से शुरू होती है। मानसून, मौसमी हवाएं है जो हिंद महासागर से आर्द्र हवा लाती है। यह आर्द्र हवा भारत के तटीय क्षैत्रो में आती है और फिर उत्तर की ओर चली जाती है।

वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरा मौसम ठंडा और आर्द्र हो जाता है। बारिश के मौसम में भारत के अनेक जगहों पर भारी और लगातार बारिश होती है। भारत में यह बारिश कुछ जगहों पर कम होती है तो कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा होती है। और कुछ जगहों पर मौसम कुछ महीने तक गीला ही रहता है।

वर्षा कैसे होती है

वर्षा संघनन प्रकार की एक प्रक्रिया द्वारा बनती है। जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदो या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाती है, तो इसे संघनन कहा जाता है। और फिर यह पानी की बूंदे बादलों का रूप लेती है।

वर्षा का निर्माण कुछ इस प्रकार होता है:

1. सबसे पहले धरती का जल सूर्य की गर्मी से गर्म होकर जलवाष्प में बदलता है और फिर यह जलवाष्प ऊपर की तरफ जाती है।

2. जब जलवाष्प ऊपर जाती है तो वायु का तापमान धीरे-धीरे कम होता है। और फिर कम तापमान से जलवाष्प संघनित हो जाती है। इसके बाद पानी की बूदें बादलों में एकत्रित हो जाती है।

3. इसके बाद जब बादल भारी हो जाते है तो यह टूटते है, जिससे पानी की बूंधे धरती पर गिरती है। कभी-कभी बादल एक-दूसरे से टकराकर भी बारिश के रूप बरसते है।

4. वर्षा का पानी दोबार सूर्य की गर्मी से वाष्प में बदलता है। और फिर यह वापिस एक चक्र के रूप में चलता रहता है।

वर्षा ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के समय प्रकृति का सौंदर्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस ऋतु के आगमने के बाद प्रकृति में एक नयी ऊर्जा भर जाती है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हर-भरे हो जाते है। इनके पत्ते नए और चमकीले हो जाते है। सभी फूल खिल जाते है और वातारण में सुगंद फैल जाती है।

इस ऋतु में पूरा आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है और मौसम ठंडा होने लग जाता है। और जब बारिश होती है तो धरती सुगंधित हो जाती है। हवाओं में एक अलग ही खुशबु फैल जाती है, जो मन को काफी खुश करती है।

बारिश से सभी सड़के, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न हो जाते है। इससे सभी तालाब और नदिया भर जाती है, जिसका फायदा सभी जीवों को मिलता है।

वर्षा ऋतु का महत्व प्रकृति के लिए काफी ज्यादा होता है। क्योंकि जब वर्षा ऋतु आती है तो प्रकृति में नयी ऊर्जा से नवजीवन का संचार होता है। इस ऊर्जा पर सभी जीव-जंतु और पैड़-पौधे आश्रित होते हैं।

किसानों के लिए इस ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि किसान इसी ऋतु में फसलों की बुवाई और रोपाई करते है। इससे फसले काफी अच्छी उगती है और अकाल की संभावना भी कम हो जाती है।

यह ऋतु पशु-पशी और जीव-जंतु के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में नदियां और तालाब भर जाते है। जिससे सभी जीव पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। इसके अलावा बरसात के मौसम की वजह से मौसम ठंडा हो जाता है और लोगों गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के फायदे या लाभ

वर्षा ऋतु से हमें कई लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • प्रकृति को एक नया जीवन मिलता है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • बरसात से अच्छी फसले उगती है और अकाल की समस्या खत्म हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि में नमी रहती है, और इससे भूमि उपजाऊ बनती है।
  • बारिश के पानी से नदिया और तालाब भर जाते हैं, जिससे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है।
  • तेज गर्मी के मौसम के बाद जब वर्षा ऋतु आती है तो मौसम पूरा ठंडा हो जाता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

इस तरह वर्षा ऋतु के अनेक फायदे हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान और इसके उपाय

वर्षा ऋतु के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है। ये नुकसान निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  • बारिश की वजह से मौसमी रोग फैलते हैं, जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि।
  • तेजी बारिश से कई बार बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी आती हैं।
  • अधिक बारिश होने से कई बार फसले खराब हो जाती है।
  • बारिश की वजह से जगह-जगह पर कीचड़ भी होता है।
  • बारिश के मौसम में बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

वर्षा ऋतु के ये कुछ नुकसान है, लेकिन इस ऋतु में सावधानी रखकर इन नुकसान से बचा जा सकता है। बारिश के मौसम में हम छाता या रेनकोट का इस्तेमाल करके और घर के आसपास पानी को जमा न होने देकर बीमारियों से बच सकते है।

बाढ़ व भूस्खलन से बचने के लिए संभावित क्षैत्रों से दूर रहना चाहिए, और चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इसके अलावा बिज़ली से बचने के लिए हमें तेजी बारिश के दोरान घर से बाहर नही निकलना चाहिए। और घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो गीले स्थानों से बचकर चलना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय आने वाले त्यौहार

वर्षा ऋतु के दौरान भारत में कई तरह के त्यौहार मनाते जाते हैं, जो मई से सितंबर के बीच जाते हैं। ये त्योहार निम्नलिखित हैं- होली, बसंत पंचमी, राम नवमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन। हालांकि इसके अलावा और भी अन्य त्यौहार मनाते जाते हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समुदायों में मनाए जाते है।

वर्षा ऋतु इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना वर्षा के पृथ्वी पर पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इस ऋतु का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए बारिश बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को बारिश के पानी का सदुपयोग करना चाहिए और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाए रखना होगा।

उम्मीद है कि Varsha Ritu Essay in Hindi , आपके लिए काफी फायदेमंद रहा होगा।

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Varsha Ritu Hindi Nibandh |वर्षा ऋतु हिंदी निबन्ध | Best Essay In Hindi 500+ Words

Varsha Ritu Hindi Nibandh

Varsha Ritu Hindi Nibandh

भारत में चार मुख्य ऋतुएं होती हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद, और हमारे अद्वितीय मौसम की रानी – वर्षा। यह ऋतु वस्त्रहीन, सुहावनी हवा, और गांव के पेड़-पौधों के हरे-भरे दृश्य के साथ आती है। यह हरियाली और खुशबूदार मिटटी के साथ साथ प्रकृति की नवीनता और शांति का समय है।

वर्षा का आगमन हर साल बड़ी उत्साह से मनाया जाता है। लोग इसे आकांक्षा के साथ इंतजार करते हैं क्योंकि यह मौसम न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का परिचय कराता है, बल्कि कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण है। वर्षा के आगमन से सूखे की पीड़ा दूर होती है और नदियों, झीलों, और कुएँ भर जाते हैं, जिससे खेतों की सिंचाई होती है और किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद होती है।

वर्षा की धारा के साथ आते ही प्रकृति में नया जीवन का संचार होता है। पेड़-पौधे नई पत्तियों और फूलों से सज जाते हैं, और हरियाली से भर जाती है। पक्षियों का चहचहाना और उड़ना, गाय के घास पर चारना, और भालू का खेलना, सबकुछ वर्षा के आगमन के साथ शुरू हो जाता है। यह वर्षा की सुंदरता का समय है जब प्रकृति ने अपनी सबसे खूबसूरत चेहरा प्रस्तुत करती है।

वर्षा के दिनों में हवा में गरमी की चाह होती है, और धरती की वाष्पण और धूल से वायुमंडल को शुद्ध करती है। यह मौसम गरमियों के बाद आता है, जो लोगों को ठंड की राहत देता है और उन्हें ताजगी का अहसास कराता है। वर्षा के दिनों में बारिश की बूंदों का स्वागत भी खास होता है। वहाँ बारिश की ध्वनि, पृथ्वी की गंध, और भीगती मिटटी की खुशबू सब कुछ बदल देता है।

वर्षा ऋतु के दिनों में लोग अपने घरों के छत पर बैठकर बारिश का मजा लेते हैं। कुछ लोग घर के अंदर ही रहकर गर्म चाय का आनंद लेते हैं, जबकि कुछ अन्य लोग खुले आसमान के नीचे बारिश में नहाने का मजा लेते हैं। इसमें एक अलग ही रोमांच होता है, जो लोगों को वर्षा के आनंद में भिगोने के लिए प्रेरित करता है।

वर्षा का आगमन भी गीतों, कविताओं, और कहानियों में विविधता का विस्तार करता है। कई लोकगीत और कविताएं वर्षा की मिठास और रोमांच को व्यक्त करती हैं, और लोग उन्हें सुनकर और पढ़कर वर्षा के मौसम का आनंद लेते हैं।

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समाप्त में, वर्षा ऋतु भारत की सबसे रोमांचक, सुंदर, और मनमोहक ऋतु है। यह मौसम लोगों को नई उम्मीदें, नयी खुशियाँ, और नई शक्ति देता है और

और संघर्षों का सामना करने की ताकत प्रदान करता है। वर्षा की बूंदों की चमक, धरती पर गीलापन, और हरियाली की चमक सबको आकर्षित करती है। यह एक ऐसी ऋतु है जो हर किसी को अपनी खूबसूरती में मदहोश कर देती है। वर्षा का आगमन हर किसी के लिए खुशियों और उत्साह का समय होता है।

इसके अतिरिक्त, वर्षा ऋतु की महत्वपूर्ण भूमिका भी प्राकृतिक परिसंपत्तियों की संरक्षण और उनके संतुलन की दिशा में होती है। यह जल संसाधन की ऊर्जा को बचाने, जीवन को ताजगी और ऊर्जा से भर देने और पृथ्वी के जीवन को संबलित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

वर्षा की ऋतु का अपना महत्व और सुंदरता है। यह एक समय है जब प्रकृति अपनी सजीवता और रंगमंच की खुशबू से भर जाती है। वर्षा की धारा लोगों को नई उम्मीद और जीवन के नए आगाज के साथ संतुष्टि और खुशी प्रदान करती है। इसे न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का समय माना जाता है, बल्कि एक नये आरंभ का भी संकेत माना जाता है।

वर्षा ऋतु का सौंदर्य और महत्व हमें यह सिखाता है कि प्रकृति के साथ मिलकर जीना हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह हमें प्राकृतिक संतुलन की महत्वता को समझने और उसकी रक्षा करने की जरूरत को समझाता है। वर्षा ऋतु की खूबसूरती, शांति, और नई शुरुआतें हमें हमेशा प्रेरित करती रहती हैं कि हम अपने पर्यावरण की देखभाल करें और इसे स्वच्छ और सुरक्षित रखें। इसी तरह, वर्षा ऋतु हमें प्रेम और समरसता के साथ प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करने की शिक्षा देती है और हमें अपने जीवन को संतुलित और सुखमय बनाने में मदद करती है।

varsha ritu essay in hindi

वर्षा ऋतु का महत्व

भारत में वर्षा ऋतु एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक घटना है जो समृद्धि, संतुलन, और जीवन की सामान्यता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्षा के आगमन के साथ ही प्रकृति को नई ऊर्जा और जीवन की सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा, यह ऋतु वनस्पति, जीवन, और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण प्रदान करती है।

वर्षा का महत्व विभिन्न पहलुओं में देखा जा सकता है। पहले, यह कृषि के लिए अत्यंत आवश्यक है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत है और वर्षा के बिना कृषि संभव नहीं है। वर्षा से भरी भूमि में अधिक उपजाऊ फसलें उगती हैं, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन का लाभ मिलता है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

दूसरे, वर्षा प्राकृतिक जल संसाधन को पुनर्चक्रण करती है। वर्षा के पानी के स्रोत के रूप में, नदियाँ, झीलें, और कुएं भर जाते हैं, जो जल संसाधन को पुनर्चक्रण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, वर्षा ने प्राकृतिक संतुलन को भी स्थापित किया है, जिससे वायुमंडल की गुणवत्ता में सुधार होता है और जलवायु परिवर्तन का सामना किया जा सकता है।

तीसरे, वर्षा मानव जीवन के लिए आवश्यक है। यह न केवल जल संभावनाओं को बढ़ाती है, बल्कि मौसम की सुंदरता और शांति का संदेश भी लेकर आती है। वर्षा के दिनों में गर्मी की चिंगारी बुझ जाती है और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का समय होता है। इसके साथ ही, वर्षा ने कला, संगीत, और साहित्य को भी प्रेरित किया है, जिससे लोग उसका आनंद ले सकते हैं और इसे मानव संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बना सकते हैं।

वर्षा का महत्व न केवल प्राकृतिक परिस्थितियों में है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी यह आवश्यक है। यह एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है जो हमें जीवन की सामान्यता और संतुलन को बनाए रखने में सहायक है। इसके अलावा, यह हमें प्राकृतिक संसाधनों की समझ और संरक्षण के लिए भी प्रेरित करता है। इसलिए, हमें वर्षा का महत्व समझना और इसकी संरक्षण के प्रति सजग रहना चाहिए। वर्षा का महत्व न केवल प्राकृतिक परिस्थितियों में ही है, बल्कि इसका महत्व समाज और व्यक्तिगत स्तर पर भी है। वर्षा के आगमन से अनेक लोगों की उम्मीदें और खुशियाँ जुड़ी होती हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, वर्षा की अवधि में अनाज की उपज में वृद्धि होती है जो किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करती है। यह उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करता है और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है।

वर्षा ऋतु पर कविता

बूँद-बूँद बारिश की, हरे-भरे वृक्ष लायी। खुशी से भरा जीवन हमारा, वर्षा ऋतु लायी।

गरजते बादल आए, बरसात की बहारें। नन्हे-मुन्ने बच्चों को, खेलने का भान दें।

मिटटी की खुशबू सहेली, पेड़-पौधों की रानी। वर्षा ऋतु की आई, मिठास भरी कहानी।

छत्ते पर बैठ बारिश में, नाचे खुशी-खुशी। बच्चों की मिटटी में, लिखें हम नई कहानी।

गगन से गीली बूँदें, खुशियों का संगीत लें। प्रकृति का नाचना, खुशियों से भरा हो यह पल।

बारिश की धारा गाती, खुशियों का संगम हो। प्रकृति की महिमा में, खुशियों का विस्तार हो।

वर्षा ऋतु की मधुरता, बच्चों को भाती प्यारी। प्रकृति का उपहार है, जीवन की यह बारी।

इस प्रकार, वर्षा ऋतु की मधुरता और सुंदरता को बच्चों के साथ मनाने के लिए यह कविता एक प्रेरणादायक रूप से आती है। वर्षा की रिमझिम और बूँदों की खुशबू से हमारा जीवन खुशियों से भरा और उत्साहित होता है।

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भारत की ऋतुएँ पर निबंध (Seasons in India Essay in Hindi)

किसी क्षेत्र का ऋतु, उस क्षेत्र का औसत मौसम है, जो एक निश्चित समय में उस क्षेत्र पर प्रभाव डालता है। भारत का ऋतु चक्र छः कालखंडों में विभाजित है। यह एक-दूसरे से परस्पर पूर्ण रूप से असमान हैं। ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और वसंत यह भारत के छः प्रमुख ऋतुएँ हैं। महाकवि कलिदास द्वारा रचित ऋतु-संहार में भारत के ऋतुओं का बड़ा सुंदर दार्शनिक वर्णन मिलता है।

Rainy Season Essay in Hindi

भारत की ऋतुएँ पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Seasons in India in Hindi, Bharat ki Rituyen par Nibandh Hindi mein)

भारत की ऋतुएँ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

पृथ्वी के सूर्य के परिक्रमा करने के फलस्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन होता है। जिससे गर्मी, बरसात और ठंड का अनुभव हम सभी को प्राप्त होता है।सालों से होती आ रही ऋतु परिवर्तन के वजह से मनुष्य तथा जीव-जन्तुओं ने स्वयं को उसके अनुकूल ढाल लिया है। फिर भी प्राकृतिक शक्ति के रूप में ऋतु परिवर्तन हमारे जीवन परगहरा प्रभाव डालती है।

भारत में ऋतु के प्रकार

भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती है – वर्षा, ग्रीष्म, शरद, शिशिर, हेमंत और बसंत ऋतू। सभी ऋतुएँ दो माह कीहोती है। प्रत्येक ऋतु अपने साथ एक अलग आनंद और उत्साह लेकर आती है। ऋतू वर्ष की एक कालखंड होती है, जिसमे मौसम की दशाएं खास प्रकार की होती है।

भारत में ऋतु परिवर्तन

मई-जून की धूप से तपती धरातलव लू से लोग व्याकुल हो जाते हैं। आसमान छूते तापमान के कारण पंक्षीयों के लिए पेड़ पर पानी रखा जाता है तथा जगह-जगह सड़क के किनारे पर मुसाफिरों के लिए भी पानी का प्रबंध किया जाता है। बरसात का मौसम शुरू होते ही कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण नदियों का स्तर इस प्रकार बढ़ता है की गांव के गांव खाली करने पड़ जाते हैं और शहर भी उससे अछुते नहीं रह पातें।

पृथ्वी के अस्तित्व में आने के समय से ही पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन की घटना घटित होती आ रही है। यह मानव जाति के साथ-साथ जीव-जन्तु, वनस्पति इन सभी को प्रभावित करती है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

भारत विश्व के सुंदर देशों में से एक देश है। इसके संदुरता का मुख्य कारण प्रकृति प्रदत्त वातावरण तथा समय-समय पर बदलने वाली ऋतुएँ हैं। पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमने तथा सूर्य की परिक्रमा करने के परिणाम स्वरूप बारह महिने में छः बार ऋतु परिवर्तन होता है।

भारत के ऋतु चक्र का वर्णन

ग्रीष्म ऋतु ( Summer Season)

भारतीय पंचांग के अनुसार वर्ष की शुरूआत चैत्र माह से होती है, तथा भारत में ऋतु चक्र का प्रारंभ भी ग्रीष्म ऋतु (गर्मी) चैत्र (मार्च-अप्रैल) माह से होती है। शुरूआती गर्मी में जहां हवां के माध्यम से आनंद की प्राप्ति होती है वहीं कुछ समय पश्चात बढ़ते गर्मी के पारे के वजह से स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद भी गर्मी के मौसम, परिवार व दोस्तों के साथ पिकनिक और छुट्टी पर कहीं दूर जाने का सुखद आनंद की प्राप्ति कराता है।

वर्षा ऋतु (Rainy Season)

झुलसा देने वाली गर्मी के वजह से जो तलाब, नदी, कुए तथा धरती सूख गए थे। वह सभी अब बरसात के वजह से हरे भरे हो गए है। बरसात के मौसम में चारों ओर हरियाली छा जाती है।

शरद ऋतु (Autumn Season)

अब आसमान का नीला रंग साफ तौर पर देखा जा सकता है। सफेद बादल आपस में खेलते प्रतीत होते हैं। इस मौसम में फल तथा अनेक प्रकार के फूल खिलते हैं, इसके साथ ही किसान द्वारा लगाए गए धान की पैदावार शुरू हो जाती है। सुबह-सुबह घास पर ओंस की बूंदे जीवन में नई ऊर्जा को भर देती हैं। शरद ऋतु को कवियों द्वारा “शरद सुंदरी” भी कहा गया है।

हेमंत ऋतु ( Pre Winter season)

हेमंत ऋतु में ठंड की शुरूआत हो जाती है पर अभी उतनी ठंड नही लगती। इस ठंड में घूमने योग्य मौसम होता है।

शिशिर ऋतु /शीत ऋतु (Winter Season)

शीत ऋतु में ठंड अपनी चरम सीमा पर रहता है। जिससे कई दिनों तक धूप का नामोनिशान नहीं मिलता, दूर तक फैली धूंध लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल कर देती है। यह सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध (Hemisphere) से दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर जाने के वजह से होता है।

वसंत ऋतु ( Spring Season)

सबसे आखिर में वसंत ऋतु आता है, वसंत को ऋतुओं का राजा तथा वसंत दूत भी कहा जाता है। यह मौसम न तो ज्यादा गर्म होता है और न ज्यादा ठंडा। इस मौसम में शिशिर (शीत ऋतु) में पेड़ों से झड़ें पत्तों की टहनियों पर नये पत्ते पनपने लगते हैं। ऐसा कहा जाता है वसंत में पुष्प, पेड़, नदियों तथा तालाबों में सुगंध भर जाता है।

पृथ्वी की परिक्रमा के फलस्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन देखा जाता है। प्रत्येक ऋतु एक-दूसरे से भिन्न हैं परंतु सभी प्रकृति पर अपना प्रभाव डालने का सामर्थ्य रखते हैं।

Essay on Seasons in India in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

मुख्य रूप से तीन प्रकार के ऋतु वातावरण में समय-समय पर मौजूद होती है। जिसमें गर्मी, ठंडी और बरसात प्रमुख है पर कभी ज्यादा गर्मी पड़ती है तो कभी समान्य, ठंड के साथ भी समान स्थिति पायी जाती है। इस कारणवश इनका विभाजन छः हिस्सों में कर दिया गया है।

ऋतु परिर्वतन के प्रमुख कारण

ग्रीष्म ऋतु – जब सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर अग्रसर होता है इसके फलस्वरूप भारत में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। इसके साथ ही तापमान भी उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता है। इससे पूरा देश ताप से तपता है। मई-जून के महिने में उत्तरी पश्चिम (राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब) का तापमान बढ़कर 47 डिग्री से. (47 0 C) हो जाता है। वहीं उत्तर भारत के शुष्क भागों में इस समय दोपहर में गर्म हवाएं चलती हैं जिन्हें ‘लू’ कहा जाता है। भारत समेत उत्तरी गोलार्द्ध पर पड़ने वाले सभी देशों में, अन्य दिनों की तुलना में 21 जून सबसे बड़ा दिन होता है। ऐसा सूर्य के कर्क रेखा से गुजरने पर सूर्य की किरण उत्तरी गोलार्द्ध पर अधिक समय तक लम्बवत पड़ने के वजह से होता है।

ग्रीष्म का उपहार – ग्रीष्म ऋतु में गर्मी अधिक पड़ने के कारण वर्षा ऋतु में बरसात भी अधिक होता है, जिससे किसान के फसलों की उत्पादन में वृद्धि होती है।

शीत ऋतु – भूमध्यसागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली शीतोष्ण चक्रवात पाकिस्तान तथा ईराक को पार करने के पश्चात भारत में प्रवेश करती। जिससे जम्मू काश्मीर, पश्चिमी पंजाब आदि क्षेत्रों में हलकी वर्षा के साथ शीत ऋतु का आगमन होता है। उत्तरी भारतीय क्षेत्रों में वर्षा तथा हिमपात (बर्फ़ गिरना) के कारण शीत ऋतु अपने चरम पर पहुंच जाता है। भारत में शीत ऋतु की समयावधि 15 दिसम्बर से 15 मार्च है। खगोलीय कारणों के वजह से सूर्य के प्रकाश का पृथ्वी पर न पड़ने के वजह से 21 दिसम्बर का दिन साल का सबसे छोटा दिवस होता है।

शीत ऋतु की संदुरता , रात में चंद्रमा के चांदनी से सारा जग जगमगा उठता है तथा दिन में तालाब में खिले पुष्पों पर भवरे आदि बैठ कर शरद की शोभा बढ़ाते हैं।

वर्षा ऋतु – भारत में दक्षिणी पश्चिमी मानसून हवाओं के प्रवाहित होने से पूरे देश में वर्षा होती है। दक्षिण से चलने वाली हवाएं बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से होकर गुजरते हुए सागर की नमी को स्वयं में समाहित कर लेती है। जहां-जहां यह पर्वतों से टकराती है वहां वर्षा होती है। यही कारण है राजस्थान में वर्षा न होने का, क्योंकि राजस्थान में एक भी पर्वत श्रृंखला नहीं है। बंगाल की खाड़ी पर हवा के माध्यम से ऊपर उठती नमी गारो-खासी पर्वत से टकराकर मेघालय के मासिनराम तथा चेरापूंजी गांव में विश्व में सर्वाधिक वर्षा का कारण बनते हैं। इस गांव में निवास करने वाले लोग घर से बाहर बिना छाता कभी नहीं जाते तथा घने बादल के सुंदर दृष्य को हम पास से देख सकते हैं।

वर्षा के आगमन सेचारों ओर हरियाली छा जाती है। प्रकृति का सबसे सुंदर स्वरूप देखने का सुख वर्षा ऋतु में प्राप्त होता है।

पृथ्वी के विभिन्न भौगोलिक क्रियाओं के परिणाम स्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन देखा जाता है। पाषण काल (जब से मनुष्य जाति अस्तित्व में आए), उस समय से पूर्व से ऋतु परिवर्तन होने के सबूत प्राप्त होते हैं अतः इससे स्पष्ठ है, ऋतु परिवर्तन प्राकृतिक घटनाओं द्वारा होता है।

Essay on Seasons in India

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर – ऋतु वर्ष की एक निश्चित अवधि है जिसमें मौसम का अलग अलग रूप देखने को मिलता है।

उत्तर – ऋतु 6 प्रकार की होती है – ग्रीष्म, शरद, वर्षा, हेमंत, शिशिर तथा वसंत ऋतु।

उत्तर – हेमंत ऋतु की अवधि नवंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी के दूसरे सप्ताह तक रहती है।

उत्तर – शिशिर ऋतु को पतझड़ का मौसम भी कहते हैं इसमें कड़ाके की ठंड पड़ती है।

उत्तर – शरद ऋतु आश्विन और कार्तिक महीने में आती है।

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वसंत ऋतु पर निबंध – 100, 150, 1000 शब्द | Spring Season Essay in Hindi

सभी ऋतुओं में वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है इसलिए इसे ऋतुराज बसंत भी कहते हैं। मार्च में इस ऋतु का आगमन होता है। आज हम वसंत ऋतु पर निबंध लिखने वाले हैं। इस Spring Season Essay in Hindi को class 4, 5, 6,8 से 10 तक के विद्यार्थी अपने होमवर्क या परीक्षा के लिए उपयोग कर सकते हैं।

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बसंत ऋतु पर निबंध 100 शब्द 

सर्दी के मौसम के बाद वसंत ऋतु का आगमन होता है। यह कड़ाके की ठण्ड से राहत दिलाता है और इस मौसम में न तो अधिक ठण्ड होती है न ही अधिक गर्मी। इस ऋतु में पेड़-पैधों में नई पत्तियां आती हैं, चारो ओर पक्षियों की मनमोहक आवाजें सुनाई देतीं हैं। वसंत ऋतु में प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती है इसलिए इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है।

बंसत ऋतु के आगमन पर बंसत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। बंसत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती का जन्मदिवस भी होता है। महाशिवरात्रि, होली, बैसाखी जैसे त्यौहार भी इस ऋतु में आते हैं और बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। वसंत ऋतु समस्त प्राणी जगत में एक नयी उर्जा का संचार करता है और यह ऋतु हर किसी को पसंद है।

यह भी पढ़ें: वसंत ऋतु पर 10 वाक्य – 10 lines on spring season in Hindi

बसंत ऋतु पर निबंध 150 शब्द

 भारत में फरवरी और मार्च में वसंत ऋतु आता है। वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा या ऋतुराज बसंत भी कहा जाता है। इस ऋतु के आने से प्रकृति में कई सारे बदलाव होते हैं। वृक्षों पर नए पत्ते आ जाते हैं, आम के पेड़ पर बौर लग जाते हैं, सरसों के खेतों में पीले-पीले खूबसूरत फूल खिल उठते हैं। कोयल की कू-कू बड़ी ही प्यारी लगती है। इन दिनों आसमान साफ़ होता है और दिन में पक्षी उड़ते हुए दिखाई देते हैं और रात में चाँद की चांदनी मनमोहक दिखाई देती है।

वसंत ऋतु के आगमन से किसानो की फसलें भी पकने लगतीं हैं। पेड़-पौधे, सभी जीव-जंतु और मनुष्य इस मौसम में जोश और उल्लास से भरे होते हैं। बसंत ऋतु बहुत ही सुहावना होता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी एक अच्छा मौसम होता है क्योंकि इन दिनों वातावरण का तापमान सामान्य होता है।

इस समय स्कूल में परीक्षाएं भी होती हैं और परीक्षा खत्म होते ही गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो जाती हैं। वसंत ऋतु में होली का त्यौहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती की पूजा की जाती है और बेहतर भविष्य और खुशहाली की कामनाएं की जातीं हैं।

वसंत ऋतु हिंदी निबंध- Spring Season Essay in Hindi

दोस्तो हर मौसम की अपनी एक सुंदरता होती है, पर बसंत ऋतु खुद में बहुत खूबसूरत होता है। बसंत ऋतु को ऋतुओं मे राजा का दर्जा प्राप्त है। मार्च, अप्रैल और मई का महिना खासतौर से बसंत लेकर आता है और इस समय प्रकृति में मोतियों की भाँति चमक होती है। इस मौसम मे न तो अधिक ठण्ड होती है न अधिक गर्मी ही रहती है, ये नमी वाला मौसम होता है जो हमारे शरीर मे नई ऊर्जा का प्रवाहन करता है।

तीन महीने कड़ाके की ठण्ड पड़ने के बाद भारत मे बसंत ऋतु का आगमन होता है। बसंत ऋतु में मद्धम मद्धम ठण्डी हवाएं बहती है जो हम सबको शीतलता का एहसास कराती है। इस तरह से हम यह कह सकते है कि बसंत ऋतु कई मायनों में एक बहुत ही सुन्दर ऋतु है जो अपने साथ एक उत्सव का माहौल लेकर आता है क्योंकि इस दौरान कई ऐसे विशेष त्यौहारों का आगमन होता है जिसे न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

चारो ओर हरियाली छाई रहती है :- 

हरियाली किसे पसंद नही आती है और बसंत ऋतु तो एक ऐसा ऋतु है जो खासतौर पर इसी के लिए जाना जाता है। इस मौसम में रंग बिरंगे फूल प्रकृति की रौनक बढ़ाते है, और हरी भरी पत्तियाँ शाखों में इक नई जान भर देती है जिस से इसकी सुंदरता अत्यंत बढ़ जाती है। इस मौसम मे चिड़िया चहचहाती है, कोयल गुनगुनाती हैं और आसमान बहुत साफ नजर आते है।

ये मौसम किसानों के लिए बहुत उम्मीदों भरा होता है क्योंकि इस समय उनकी फसले पकने लगती है और उसकी कटाई का वक़्त हो जाता है। खेतों मे लगे सरसो के फूल देखने मे बहुत सुंदर प्रतीत होते है और उपवनों की छटा देखने लायक होती है। पशु पक्षियों के लिए बसंत ढेरों उपहार लेकर आता लेकर आता है, उनके पास वृक्षों पर लगे पत्तियाँ एवं स्वादिष्ट फलों को खाने के कई विकल्प होते है, इस प्रकार वो इस मौसम का भरपूर आनन्द उठाते है। 

सुहावने हो जाते है दिन :-

हम सभी में ज्यादातर लोगों को भी ये बसंत ऋतु बहुत प्रिय होता है क्योंकि शीत ऋतु की कई ठण्डी शामे बिताने के बाद वो इन दिनों वो अपने मन पसन्द हल्के कपड़े पहन सकते है एवं राहत भरी हवाओं का लुत्फ़ उठा सकते है। बसंत का हर दिन बहुत सुहावना रहता है, चारों ओर सुंदर नज़ारे दिखाई देते है, बागों मे सुंदर फूल खिल कर अपना पूर्ण आकार ले चुके होते है और ये दिन नई उमंगों से भरे होते हैं।

बसंत कवियों को बहुत सुंदर अनुभूति करता है जिससे प्रभावित होकर वो एक से बढ़कर एक कविताओं की रचना करते हैं, उनका मस्तिष्क इस वक़्त और भी ज्यादा सृजनात्मक हो जाता है क्योंकि बसंत के मौसम मे तन एवं मन दोनों को बहुत सुंदर अनुभूति होती है जिससे दिमाग मे बेहतर विचारों की उत्पति होती है। 

माता सरस्वती का जन्मदिन :- 

बसंत ऋतु की बात हो और माता सरस्वती का जिक्र ना हो बसंत पंचमी तो हम सब मनाते है क्योंकि इस दिन माता सरस्वती के जन्म के रूप में माना जाता है। जिसे हर भारतीय एक पर्व के रूप मे मनाता हैं एवं विधा की देवी माता सरस्वती से स्वस्थ एवं अच्छे मस्तिष्क एवं ज्ञान की कामना करते हैं।

इस दिन जगह जगह सरस्वती माँ की मूर्ति भी स्थापित की जाती है जिसे बहुत पूरी आस्था के साथ सजाया जाता है एवं इसके 2 से 3 दिनों बाद बहुत हर्ष उल्लास से लोगों की एक टोली नाचते गाते मूर्ति विसर्जन के लिए जाती है। ताकि माँ अगले साल फिर आये और हम सब को आशीर्वाद दे। बसंत पंचमी वाले दिन स्कूल एवं कॉलेज जाने वाले विधार्थी पूरे भक्ति भाव से माता सरस्वती की विशेष पूजा करते हैं ताकि मा सदैव उनपर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखे। ये दिन हिंदू धर्म मे काफी महत्वपूर्ण होता है, पीला रंग सरस्वती माँ का पसन्दीदा रंग है इसलिए बहुत से लोग इस दिन पीले रंग के वस्त्रों को धारण करते हैं।

सबका लोकप्रिय मौसम है बसंत :-

दोस्तो चूंकि बसंत ऋतु शीत ऋतु के बाद आती है, ठण्ड मे कुछ दिन ऐसे भी होते है जो बदन को कपकपा देते हैं और उन दिनों का सामना करने के बाद लोग खुशी खुशी बसंत का स्वागत सत्कार करने लगते हैं एवं लोग अपने ठण्ड के उनी कपड़ों को रखकर हल्के वस्त्र निकाल लेते हैं जो उनके शरीर को राहत दे सके।

इस मौसम मे लोगों मन काफी स्थिर रहता ही इसलिए बहुत से लोग अपने नये काम की भी शुरुवात करते हैं। बच्चों को बसंत और भी ज्यादा प्रिय होता है क्योंकि ये उनके लिए कई उपहार लेकर आता है, जैसे उनकी परिक्षाये खत्म होने के कगार पर होती है और कुछ दिनों के पश्चात उनकी छुट्टियां शुरू हो जाती है और वो फिर खेल कूद मे खुद को व्यस्त कर लेते हैं और मौसम का भी भरपूर आनन्द उठाते हैं। 

बसंत ऋतु के त्यौहार :- 

भारत मे मनाये जाने वाले पर्व पूरे विश्व मे बहुत प्रसिद्ध हैं जो अब भारत के अलावा अन्य देशों में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ की संस्कृति, परम्परा एवं हर स्थान अपने आप मे ही एक कहानी संजोये है जो इतिहास बयाँ करती हैं। बसंत ऋतु मे त्योहारों का आगमन तो बसंत पंचमी से ही हो जाता है जिसके बाद महाशिवरात्रि, बैसाखी और होली जैसे प्रमुख त्यौहार आते हैं जो हर भारतवासी एक उत्सव की तरह मनाता है और पूरा देश खुशियों से झूम उठता है। भारत मे मनाये जाने वाले प्रत्येक त्योहारों की अपनी एक कहानी है जिसे मनाकर हम उस कहानी को जीवंत करने का काम करते हैं। हर त्यौहार मे एक अच्छा संदेश छुपा होता है जिससे हर व्यक्ति को प्रेरणा लेकर अपने जीवन मे उतारना चाहिए। 

बसंत ऋतु एक सुंदर मौसम की भाँति हम सबके जीवन मे प्रवेश करता है और बहुत कुछ अच्छी सीख देकर जाता है। इस मौसम मे हर व्यक्ति को योगा आदि अवश्य करना चाहिए जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहे और मन शांत रहे, शरीर कार्यरत रहेगा तो शरीर कई बिमारियाँ से निरोग रहेगा। बसंत ऋतु प्रकृति का एक बहुत सुंदर उपहार है जो हर व्यक्ति को प्राप्त होता है।

  • सभी 6 ऋतुओं के नाम हिंदी अंग्रेजी में एवं जानकारी
  • शीत ऋतु पर निबंध हिंदी में 100, 200 शब्द
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आपको बसंत ऋतु के बारे में निबंध कैसी लगी? हमें जरुर बताएं।

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COMMENTS

  1. वर्षा ऋतु पर निबंध

    यह वेब पृिंच पर वर्षा ऋतु के सुन्दर और पसंद पर के बारे में कुछ सरल शब्दों में निबंध पढ़ेंगे। आप स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता में लिख सकते हैं

  2. वर्षा ऋतु पर निबंध

    यहाँ पर वर्षा ऋतु के सुन्दर और कम समान के समानता के बारे में कुछ परायी है. किसानों, पौधों, पृथ्वी के साथ-साथ के सम्बन्ध में कुछ परायी है.

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