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गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi : दोस्तों आज हम ने गाय पर निबंध लिखा है जिस में हमने गाय की विशेषता उसके उपयोग गाय की नस्लें आदि के बारे में चर्चा की है.

अक्सर स्कूल के विद्यार्थियों को परीक्षाओं में Gay Per Nibandh  लिखने के लिए दिया जाता है यह निबंध उन सभी विद्यार्थियों को गाय के ऊपर निबंध लिखने में सहायता करेगा.

गाय पर लिखे गए निबंध की सहायता से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 और 12 के विद्यार्थियों को निबंध लिखने में सहायता होगी यह निबंध हमने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अलग अलग समय सीमा में लिखा है.

Essay on Cow in Hindi

Get Some Essay on cow in hindi for student under 100, 150, 300 and 700 words.

10 line Essay on Cow in Hindi

1. गाय एक पालतू जानवर है.

2. गाय के एक मुहं और दो कान होते है.

3. गाय के दो बड़ी आंखें होती है.

4. गाय का नाक बड़ा होता है.

5. गाय के एक लंबी पूछ होती है.

6. गाय के चार पैर होते है.

7. गाय के चार थन होते है.

8. गाय का शरीर बड़ा और पीछे से चौड़ा होता है.

9. गाय सुबह शाम स्वादिष्ट दूध देती है.

10. गाय सफेद, काले, भूरे, रंग की होती है.

Best Essay on Cow in Hindi 150 words

गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है. गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हष्ट पुष्ट बनाती है.

गाय एक शाकाहारी जानवर है जिसको आमतौर पर घरों में पालतू पशु के रूप में पाला जाता है. यह बहुत ही शांत किस्म की होती है और हर प्रकार के वातावरण में यह आसानी से ढल जाती है. गाय को खाने में हरी घास, फूल, पत्ते और खल बहुत पसंद है.

गाय के दो सिंग होते है जिनकी सहायता से वह अपनी रक्षा करती है. गाय 1 दिन में 30 से 40 लीटर पानी पी जाती है. गाय के दो बड़े कान होते है. इसका एक बड़ा और चौड़ा मुख होता है.

इसके दो आंखें होती है. गाय के चार पैर और चार थन होते है. इसके एक लंबी पूछ होती है. गाय का शरीर बड़ा और हष्ट पुष्ट होता है.

Gay Per Nibandh / lekh 300 words

गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती हैं और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है. हमारे भारत देश में गाय कोई हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है यहां पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध होता है.

हमारे देश के गांव के लगभग हर घर में गाय को पालतू पशु के रूप में पाला जाता है और इसका दूध निकाल कर बेचा जाता है. गाय बहुत ही सुंदर होती है यह सफेद, काले, भूरे इत्यादि रंगों में पाई जाती है. इसकी कद काठी प्रत्येक देश में अलग प्रकार की देखने को मिलती है.

यह हमेशा शांत रहती है लेकिन जब भी इसको खतरा महसूस होता है तो यह अपने सींगो की सहायता से अपनी रक्षा करती है. इसकी कद काठी बहुत ही सुदृढ़ होती है. गाय एक शाकाहारी पशु है जो कि खाने में हरा चारा खाती है.

यह भी पढ़ें –  बिल्ली पर निबंध – Essay on Cat in Hindi

इसके शरीर पर अन्य जानवरों की अपेक्षा छोटे बाल होते है. गाय की दो बड़ी आंखें होती है. इसकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है यह अपने मालिक को एक क्षण में पहचान लेती है. इसके दो बड़े-बड़े कान होते है. इसके चार पैर और एक पूछ होती है.

गाय के एक नाक एक मुंह होता है इसका सर चौड़ा होता है. यह अपने आप को हर प्रकार के वातावरण के अनुसार ढाल सकती है. इसके चार थन होते है जिनसे पोष्टिक दूध निकलता है. गाय के मुंह में ऊपर वाले जबड़े में दांत नहीं होते और इसके नीचे वाले जबड़े में 32 दांत होते है.

गाय भी इंसानों की तरह ही 9 महीने का गर्भ धारण करती है. एक व्यस्क गाय 1 दिन में 30 से 50 लीटर पानी पी जाती है. गाय एक बार चारा खाने के बाद पूरे दिन उसे चबाती रहती है यह 1 मिनट में लगभग 50 बार चबाती (जुगाली) करती है.

Essay on Cow in Hindi 700 words

प्रस्तावना –

गाय एक पालतू पशु है जो कि आमतौर पर सभी जगह पर पाई जाती है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 190 मिलियन गायों की जनसंख्या है. पूरे विश्व भर से ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है.

भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर सभी 322 करोड़ देवताओं का वास होता है साथ ही भारत में रहने वाले लोगों ने गाय को मां की संज्ञा दी है. भारत में गाय का बहुत ख्याल रखा जाता है और गाय की पूजा भी की जाती है.

गाय का संबंध भगवान श्री कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि उन्हें गाय बहुत पसंद थी और वे उन्हें खूब प्यार दुलार देते थे.

गाय की रचना –

गाय की रचना वैसे तो सभी देशों में समान ही पाई जाती है लेकिन गाय की कद काठी और नस्ल में फर्क होता है. कुछ गाय अधिक दूध देती हैं तो कुछ कम देते है. गाय का शरीर बहुत बड़ा होता है इसका वजन 720 किलो से भी अधिक होता है.

गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है. गाय के दो बड़े कान होते हैं जिनकी सहायता से वे धीमी धीमी और अधिक तेज आवाज भी सुन सकती है. गाय के दो बड़ी आंखें होती हैं जिनकी सहायता से भी लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है.

गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है जिसकी सहायता से भी किसी वे किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है. गाय का मुंह है ऊपर से चौड़ा और नीचे से पतला होता है. इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है. गाय के एक लंबी पूछ होती है जिसकी सहायता से वे अपने शरीर पर लगी हुई मिट्टी को हटाती रहती है.

गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है. गाय के मुंह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दांत पाए जाते है इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है. गाय के एक बड़ी नाक होती है. गाय के दो बड़े सिंग होते है.

गाय का उपयोग –

गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है.

पुराने जमाने में गायों को खेतों में हल जोतने के काम में भी लिया जाता था. गाय के दूध से दही छाछ पनीर और अन्य दूध से बनने वाली मिठाइयां बना सकते है.

गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के काम में लिया जाता है साथ ही गाय की गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

वर्तमान में लोग गायों का मांस भी खाने लगे है जिसे “बीफ” कहा जाता है. गाय अपने पूरे जीवन भर में कुछ ना कुछ देती ही रहती है. गाय के मरणोपरांत इसकी हड्डियों से कई शिल्प कलाकृतियां बनाई जाती है और इसकी खालको सुखा कर चमड़े के रूप में उपयोग में लिया जाता है.

गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है.

गाय की नस्लें –

भारत में कई प्रकार की नस्ल की गाय पाई जाती है. जिनमें कुछ अच्छे दूध देने वाली होती है तो कुछ मजबूत शरीर वाली होती हैं जिससे उनके बछड़े भी मजबूत शरीर वाले पैदा होते हैं और उनसे खेतों में हल जोतने के रूप में काम में लिया जाता है.

यह भी पढ़ें –  कौआ पर निबंध – Essay on Crow in Hindi

भारत में पाई जाने वाली गाय की प्रमुख नस्लें – साहीवाल जाति, नागौरी, पवाँर, भगनाड़ी, राठी, मालवी, काँकरेज, सिंधी, दज्जल, थारपारकर, अंगोल या नीलोर इत्यादि है.

उपसंहार –

गाय शांतिप्रिय और पालतू पशु है हमारे भारत में गाय को मां का दर्जा इसीलिए दिया गया है क्योंकि यह में जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए और हमेशा अपने जीवन को शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहिए और दूसरे लोगों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा  Essay on Cow in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

13 thoughts on “गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi”

It’s my pleasure to connect with you 👍

Aapka easy padh kar bahut khushi hui!

Thank you Usha Thakur

कुछ लोग गोयो को पलते नही बल्की गयौ का करोबार करते है इसके बारे मे भी लिखिए विशेषता तो सबको पता है।

Hum jald hi likhnge

Dhanyawad ye gay ke nibhand ke liy

Dhanyawad Àmåñ Sharma

धन्यवाद निबंध के लिए।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अजोय

gay par egi nibhand

Hame khushi hui aap ko nibandh accha laga, aise hi hindi yatra par aate rahe dhanyawad.

Cow par sab nibandh janta h isko Google pr dalna kya tha!

jaruri nahi hai sabhi ko nibandh likhna aata ho.

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Updated On: June 13, 2024 03:00 pm IST

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गाय भारत का एक महत्वपूर्ण पशु है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह पूज्यनीय है और इसे गौ माता की संज्ञा दी गई जाती है। जब मुद्रा प्रचलन में नहीं हुआ करती थी तो वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए गायों का प्रयोग होता था। कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था में गायों काो सदैव प्रमुख स्थान रहा है। यही वजह है कि छोटी कक्षाओं के छात्रों के अंदर गाय को लेकर जागरूकता हो, इस सोच के साथ उन्हें गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में यहाँ देखें

कई बार परीक्षा में भी महत्वपूर्ण अंकों के लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने से संबंधित प्रश्न स्कूली छात्रों से पूछे जाते हैं। साथ ही कई ऐसे भी छात्र होते है जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ बेहद कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on Cow in hindi) लिखने में परेशानी महसूस हो सकती है। वहीं कइयों को निबंध लिखने से संबंधित प्रारूप की सटीक जानकारी नहीं होती है, ऐसे में उनके लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखना एक कठिन कार्य बन जाता है।

यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी कारण की वजह से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) ऑनलाइन तलाश रहे हैं, तो ऐसा समझ लीजिए कि आज आपकी यह तलाश खत्म हो गई है क्योंकि आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) विशेष इस लेख की सहायता से न सिर्फ आपको गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने में सहायता मिलेगी, बल्कि इस लेख के माध्यम से आप अन्य किसी भी लेख को लिखने के तरीके को भी जान व समझ सकते हैं। हालांकि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें। इसकी जगह पर आप गाय पर निबंध (Cow Essay in hindi) को लिखने के तरीके व मर्म को समझकर स्वयं ही गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने की कोशिश करें। इससे आपको जीवन में फिर कभी किसी लेख को लिखने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। न सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। यही वजह है कि गाय भारत में अन्य पशुओं के मुक़ाबले एक विशेष स्थान रखती है।

गाय हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। उसे देवी स्वरूप में पूजा जाता है और यह कई हिंदू अनुष्ठानों और समारोहों का अभिन्न व महत्वपूर्ण हिस्सा है। गायों को एक ऐसे पशु के रूप में भी देखा जाता है जो हमें दूध, मक्खन, घी आदि प्रदान कर सकता है। यहां इस लेख में गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) के कुछ उदहारण दिए गए हैं जिनकी सहायता लेकर आप गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) सहित अन्य निबंधों को भी आसानी से लिख सकते हैं।

गाय एक पालतू पशु है। सभी पशुओं में गाय को सबसे भोली तथा दयालु जानवर माना जाता है। गाय एक चौपाया जानवर है। इसकी एक नाक, एक मुँह, दो आँखें, दो कान तथा दो सींग होते हैं। यह एक शाकाहारी जानवर है। ये मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। गायें हमें दूध देती हैं जो हमारे भोजन में पौष्टिक आहार का एक प्रमुख श्रोत है। गाय दुनिया भर में दूध की प्राथमिक स्रोत है। गायों से मिलने वाले दूध के कारण हम स्वस्थ और मजबूत रहते हैं। दूध विभिन्न बीमारियों की रोकथाम सहित हमें कई और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। साथ ही यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। दूध से कई और उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनमें मक्खन, मिठाई, दही, पनीर, खोया आदि प्रमुख हैं।

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भारत की बहुसंख्यक आबादी हिंदू धर्म में आस्था रखती है। हिंदू धर्म में गायों को एक पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है। हिन्दू धर्म के अनुयायियों के अनुसार गाय देवी स्वरूप है तथा पूजनीय है। यहाँ तक कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। इस वजह से, लोग अक्सर गाय को "गौ माता" के रूप में भी संबोधित करते हैं। हिंदू अनुयायी गौहत्या को पाप मानते हैं। हालांकि, बहुसंख्यकों के आस्था का प्रतीक होने के बावजूद भी कई गायें भारत में ऐसी भी हैं, जो बेहद बुरी परिस्थितियों में रह रही हैं। कई गायों को काम का ना रहने पर सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसकी वजह से वे कई बार दुर्घटनाओं व बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। हालांकि भारत में आजकल कई ऐसे समूह हैं जिनका ध्यान केवल गौ रक्षा पर ही है। वे गायों को नुकसान से बचाने का प्रयास करते रहते हैं, पर इसके बावजूद भी भारत में गायों की जमीनी हकीकत बेहद जुदा है। इसके अलावा, गायों को किसी भी अन्याय से बचाने के लिए सरकार की तरफ से भी काफी सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इनकी रक्षा के लिए सरकार के अलावा भी कई लोग गठबंधन बनाकर सकारात्मक दिशा में काम रहे हैं।

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गाय के दूध का उपयोग दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और घरेलू सामान के उत्पादन के लिए किया जाता है। गाय के दूध का उपयोग दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन, विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ, खोया, पनीर आदि जैसे उत्पादों की एक पौष्टिक एवं विशाल खाद्य श्रृंखला के निर्माण के लिए किया जाता है। पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहने वाले रोगी भी गाय के दूध का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसे बेहद सुपाच्य खाद्य पदार्थ माना जाता है। गाय का दूध हमें शारीरिक रूप से मजबूत और पोषित करता है। यह तक कि यह हमें कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों से भी बचाता है। यह रोग के खिलाफ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। लोग गाय के गोबर का उपयोग वास्तव में एक समृद्ध उर्वरक के रूप में करते हैं। यह ईंधन और बायोगैस का भी एक बेहतरीन उत्पादक है। गाय के गोबर का उपयोग कीट विकर्षक के रूप में भी किया जाता है। लोग इसका उपयोग भवन निर्माण सामग्री और कागज बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में भी करते हैं। आयुर्वेद में गौमूत्र का उपयोग भी कई तरह की बीमारियों के उपचार में किया जाता रहा है।

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हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। इन्हें बेहद पवित्र माना जाता है और अक्सर इन्हें विशेष सम्मान भी दिया जाता है। गाय अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण जानवर है। इसकी वजह से हमें दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद प्राप्त होते हैं। हालांकि, भारत में गायों के प्रति मानवीय संवेदना का बड़ा महत्व है। वे सभी लोग जो गौपालक हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे गायों के खानपान का अच्छी तरह से ध्यान रखें और साथ ही उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। गाय ना सिर्फ पवित्र प्राणियों के रूप में पूजनीय है, बल्कि उनका आर्थिक महत्व भी बहुत अधिक है। ये हमें दूध, मक्खन, घी, दही और पनीर प्रदान करती है। इनका उपयोग खेतों की जुताई और माल के परिवहन के लिए भी किया जाता है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत में 300 मिलियन से अधिक गायें रह रही हैं। गाय अपने धार्मिक महत्व के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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गाय हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच सबसे अधिक पाले जाने वाले जानवरों में से एक हैं और साथ ही उन्हें पवित्र भी माना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। गाय को धरती माता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। गायों को भोजन और आय के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है और उनके प्रति मानवीय व्यवहार अपेक्षित है। गाय कई हिंदुओं की आजीविका के लिए आवश्यक है और वह कई हिंदू समारोहों और अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गायों के साथ कभी भी दुर्व्यवहार या उन्हें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें पवित्र प्राणी के रूप में देखा जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय को नुकसान पहुंचाना धरती माता को नुकसान पहुंचाने के समान है। इसलिए, हिंदू धर्म के अनुयायी गायों की बेहद देखभाल और उनका अत्यंत सम्मान करते हैं।

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अफसोस की बात है कि सभी गायों के साथ मानवीय व्यवहार नहीं किया जाता है। कई गायें बेहद तंग और गंदी परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं। वे अक्सर कुपोषित और निर्जलित होती हैं। उनके बछड़ों को जन्म के कुछ ही समय बाद ही उनसे छीन लिया जाता है, जिससे उन्हें बहुत कष्ट होता है। कभी-कभी, मांस के लिए उनका क्रूर तरीकों से कत्ल भी किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम गायों के साथ दया और सम्मान के साथ व्यवहार करें। भारत में गायों के प्रति मानवीय व्यवहार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। डेयरी उत्पादों, मांस और चमड़े के लिए उनका लगातार शोषण किया जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास जीवन की गुणवत्ता अच्छी हो और उन्हें किसी भी तरह की अनावश्यक पीड़ा को ना उठाना पड़े। हिंदुओं का मानना है कि गायों का सम्मान और देखभाल करना महत्वपूर्ण है। भारत में कई ऐसे कानून हैं जो गायों को दुर्व्यवहार से बचाते हैं।

जहां गाय को हिंदू धर्म में सभी जानवरों के बीच उच्च स्थान प्राप्त है, वहीं वे आर्थिक तौर से भी काफी विशेष मानी जाती हैं। गायें दूध, मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पाद की प्राथमिक स्रोत है, जो भारत में दैनिक आहार का मुख्य हिस्सा है। गायों से प्राप्त होने वाले डेयरी उत्पाद भारत में कई परिवारों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। इसके अलावा, गायों से प्राप्त गोबर का उपयोग खाद बनाने के लिए किया जाता है, जो फसलों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक खाद है। गायों के चमड़े का उपयोग जूते, बेल्ट और अन्य सामान बनाने के लिए भी किया जाता है जिसकी दुनिया भर में मांग है।

हम उम्मीद करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) से संबधित आपकी सभी समस्याओं का सामाधान हो गया होगा। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण निबंधों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

गाय के बारे में निबंध कैसे लिखा जाता है?

इस लेख में गाय पर निबंध के बारे में जानकारी दी गई है। छोटे बच्चों के लिए निबंध की शुरुआत इस प्रकार की जा सकती है। गाय एक सौम्य घरेलू जानवर है जिसे बहुत से लोग अपने खेतों में पालते हैं। ये जानवर अपने शांतिपूर्ण स्वभाव के लिए जाने जाते हैं और इन्हें अक्सर विभिन्न कारणों से पाला जाता है। गाय के चार पैर और बड़ा शरीर होता है। उनके दो सींग, दो आंखें, दो कान, एक नाक और एक मुंह होता है।

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essay writing on cow in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Cow  (गाय) for classes 1 to 12

गाय पर निबंध – इस लेख में  गाय को माता क्यों कहते हैं, गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है, गाय का उपयोग क्या है, आदि  के बारे में जानेंगे | गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है और इसे ”गौ-माता” कहकर संबोधित किया जाता है। गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती है और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है। हमारे भारत देश में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में गाय पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में गाय पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • गाय पर 10 लाइन
  • गाय पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • गाय पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

   

गाय  पर 10 लाइन 10 lines on Cow in Hindi

  • गाय एक पालतू जानवर है जिसे कई लोग दूध आपूर्ति के लिए पालते हैं।
  • गाय का मुख्य आहार हरा चारा, भूसा और चोकर होता है।
  • गाय के नर बच्चे को ‘बछड़ा’ और मादा बच्चे को ‘बछिया’ कहा जाता है।
  • गाय के नर बछड़े बड़े होने पर कृषि उद्योग और गाड़ी खींचने के काम आते है।
  • गाय के दूध को अमृत के समान माना जाता है।
  • गाय के दूध से घी, मक्खन जैसे अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ भी बनाये जाते है।
  • गाय के गोबर का उपयोग उर्वरक के रूप में खेतों में उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।
  • हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है और उसकी हत्या करना महापाप माना जाता है।

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Short Essay on Cow in Hindi गाय पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

गाय पर निबंध – गाय वैदिक काल से ही दूध और अन्य मूल्यवान संसाधनों का स्रोत रही है। प्रारंभ में, गायों का उपयोग मुद्रा के रूप में किया जाता था, और किसी व्यक्ति की संपत्ति उनके पास मौजूद गायों की संख्या से मापी जाती थी। इसके अलावा, हिंदू धर्म में गाय को माता माना गया है और उसकी सेवा करना पुण्य माना जाता है, वहीं उसकी हत्या करना घोर पाप माना जाता है।

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

गाय एक जानवर है। उसके चार पैर, दो आंखें और दो कान होते हैं। उसके दो सींग और एक लंबी पूंछ होती हैं। गाय बहुत रंग की होती है। कुछ उजली, कुछ काली, कुछ भूरी होती है। गाय हरा घास और भूसा खाती है और हमें दूध देती है। उसका दूध मीठा और पौष्टिकता से भरपूर होता है और दूध से दही, पनीर और मक्खन जैसे अन्य खाद्य पर्दाथ भी बनाया जाता है, जिसका सेवन सभी लोग करते हैं। इसके अलावा, गाय से प्राप्त गोबर का उपयोग खेती में खाद के रूप में किया जाता है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है। बहुत से लोग दूध के लिए गायों को पालते है। हिन्दू, गाय को गौमाता कहते है।    Top    

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

गाय सभी जानवरों में सबसे उपयोगी जानवर है क्योंकि यह अपने दूध के माध्यम से लोगों का भरण-पोषण करती है। इसके दूध में कैल्शियम व अन्य विटामिन्स होते है जो मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त, दही, पनीर, घी-मक्खन आदि जैसे डेयरी प्रोडक्ट भी इसके दूध से बनाया जाता है जो लोगों के दैनिक आहार का हिस्सा होता है। इसलिए बहुत से लोग दूध की आपूर्ति व अन्य जरूरतों के लिए इसे अपने घर पर पालते है। गाय का मुख्य आहार घास और भूसा होता है और इससे प्राप्त होने वाला गोबर कृषि में उर्वरक के रूप में किया जाता है, जिससे फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। नर गाय जिन्हें बैल कहा जाता है, का उपयोग खेतों की जुताई या गाड़ी खींचने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। 

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गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

गाय एक महत्वपूर्ण पालतू जानवर है जो पूरी दुनिया में विभिन्न आकृतियों, रंगों और आकारों में पाई जाती हैं। विश्व स्तर पर गायों की 1000 से अधिक नस्लें हैं। विदेशी नस्ल की गायों को जर्सी बोलते है। भारत में, 30 से अधिक गाय की नस्लें हैं, जिनमें लाल सिंधी, साहीवाल, गिर, देवनी, थारपारकर आदि देश की मुख्य दुधारू गाय की नस्लें हैं। ये नस्लें उच्च गुणवत्ता वाला दूध देती है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। ऐसा कहा जाता है कि गायों में सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने की विशेष क्षमता होती है जिससे उनके दूध, घी आदि में स्वर्णक्षार पाये जाते हैं, जो आरोग्य व प्रसन्नता के लिए ईश्वरीय वरदान है। बहुत से लोग दूध की आपूर्ति और उस दूध से अन्य डेयरी उत्पाद बनाने सहित विभिन्न कारणों से अपने घरों में गाय पालना पसंद करते हैं। गायों का स्वभाव नम्र होने के कारण उन्हें संभालना आसान होता है। गाय पालने से दूध की आपूर्ति तो होती ही है साथ ही इनकी सेवा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि भी होती है। इसके अलावा, हिंदू धर्म में गाय को बहुत पवित्र माना जाता है। इनके दूध, धी का पूजा-पाठ अनुष्ठानों और समारोहों में बहुत महत्व रखता है। दूध-घी से पंचामृत बनाया जाता है और घी हवनों में प्रयोग होता है। इसके दूध के अलावा इनके गोबर का भी इस्तेमाल ईंधन और खाद के तौर पर किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा, गाय के नर बछड़े, जब व्यस्क हो जाते हैं, तो वह खेतों की जुताई और गाड़ियाँ खींचने के काम आते है। 

गाय पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

गाय, जो हजारों वर्षों से मानव समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, एक पालतू स्तनपायी जानवर है, जो दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं और कई नस्लों में मौजूद हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग विशेषताएं हैं। गायों की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक उनका सौम्य और नम्र स्वभाव है। वे आम तौर पर शांत जानवर होते हैं जिससे उनको संभालना आसान होता है। उनके शांतिपूर्ण आचरण व गुणों के कारण हिन्दू धर्मों में उनको विशेष महत्व दिया गया है। गायों को मुख्य रूप से उनके दूध के लिए पाला जाता है, जो एक पोषक तत्व से भरपूर तरल पदार्थ है। जिसका सेवन मनुष्य विभिन्न रूपों जैसे पनीर, मक्खन और दही में करता है। दूध न केवल कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है बल्कि इसमें अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज भी शामिल हैं। दूध के अलावा गायों से अनगिनत लाभ मिलते है जैसे जब उनके बछड़े बड़े हो जाते है तो बैल बनकर खेतों में हल चलाने, बैलगाड़ी चलाने के काम आते है तथा इनसे प्राप्त गोबरों का उपयोग उपले बनाने में व कच्चे फर्श को लीपने में किया जाता है साथ ही गोबरो का खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल होता है, जिससे फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। मनुष्यों के भरण-पोषण के अलावा, गायें अपने पाचन तंत्र के माध्यम से पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। उनके पास एक अद्वितीय पाचन तंत्र है जिसे जुगाली करनेवाला कहा जाता है, जो उन्हें सेलूलोज़-समृद्ध पौधों को कुशलतापूर्वक तोड़ने की अनुमति देता है। इस प्रक्रिया के दौरान, गायें मीथेन छोड़ती हैं, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती है। परिणामस्वरूप, गाय का उत्सर्जन पर्यावरणीय स्थिरता पहलों का केंद्र बन गया है, जिससे मीथेन उत्पादन को कम करने के लिए आहार संशोधन और खाद प्रबंधन तकनीकों जैसे नवीन दृष्टिकोण सामने आए हैं। इसके अलावा गायें आय के स्रोत भी है, कई देशों में इनके मांस,  खाल और दूध रोजगार और आर्थिक स्थिरता का जरिया है।   Top  

गाय पर हिंदी में निबंध – Essay on Cow for Class 1 to 12th

गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi – इस लेख में हम गाय के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। यह निबंध काफी सरल तथा ज्ञानवर्धक है। इन निबंधों के माध्यम से हमने गाय से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे कि गाय को माता क्यों कहते हैं? गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है? गौपालन का इतिहास क्या है? गाय सबसे अच्छा पालतू जीव क्यों है? गाय का खान-पान क्या है? गाय का उपयोग क्या है? आदि पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।

सामग्री – (Content)

  • गाय की उत्पत्ति
  • गाय की पहचान

गाय की नस्ल व् रंग

गाय की शारीरिक सरंचना

  • गाय की देखभाल और खान-पान
  • गाय का धार्मिक महत्त्व
  • गाय से प्राप्त होने वाले लाभ
  • गाय की वर्तमान दशा

  प्रस्तावना गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है। गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हृष्ट  पुष्ट बनाती है। गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती है और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है। हमारे भारत देश में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। यहाँ पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध है।  विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है। भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। कई देशों में गाय को पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है और भारत में इसे एक देवी की तरह पूजा जाता है। हिंदू समाज ने गाय को माँ का दर्जा दिया है और इसे ”गौ-माता” कहकर संबोधित किया जाता है।   Top  

गाय की उत्पत्ति गाय की उत्पत्ति की पुराणों में कई प्रकार की कथाएँ मिलती है। पहली तो यह कि जब ब्रह्मा एक मुख से अमृत पी रहे थे तो उनके दूसरे मुख से कुछ फेन (झाग) निकल गया और उसी से आदि-गाय ‘सुरभि’ की उत्पत्ति हुई। दूसरी कथा में कहा गया है कि दक्ष प्रजापति की साठ लड़कियाँ थी उन्हीं में से एक सुरभि भी थी। तीसरे स्थान पर यह बतलाया गया है कि सुरभि अर्थात स्वर्गीय गाय की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय चौदह रत्नों के साथ ही हुई थी। सुरभि से सुनहरे रंग की कपिला गाय उत्पन्न हुई। जिसके दूध से क्षीर सागर बना। भगवत पुराण के अनुसार, सागर मंथान (समुद्रमंथन) के दौरान दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) के निर्माण की कहानी को प्रकाश में लाता है। पांच दैवीय कामधेनु (वैदिक गाय जो हर इच्छा को पूरा करती है), जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभी, सुशीला, बहुला मंथन में से उभरी है और यहाँ से दिव्य अमृत पंचगव्य की उत्पत्ति होती है। कामधेनु या सुरभी ब्रह्मा द्वारा ली गई, दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) ऋषि को दी गई, ताकि उसके दिव्य अमृत पंचगव्य का उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जा सके।   Top  

गाय की पहचान हमारे शास्त्रों में गाय को पूजनीय बताया गया है इसीलिए हमारी माताएं बहने रोटी बनाती है तो सबसे पहली रोटी गाय की होती है गाय का दूध अमृत तुल्य होता है। जिस ‘गाय’ का हमारे भारत के वेदों-ग्रंथों में और श्रीमद् भगवत पुराण में वर्णन किया गया है, वह कामधेनु गौ-माता और उनके गौ-वंशज हैं। दिव्य कामधेनु गौ-माता (और उनके गौवंशज) को मुख्य 2 विशेषता हैं – 1. सुंदरकूबड़ (Hump) है। 2. उनकी पीठ पर और गर्दन के नीचे त्वचा का झुकाव है – गलकंबल (Dewlap)। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान-प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय को उपयोग में लाया जाता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गो-संख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।   Top  

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भारत में गाय की लगभग 30 नस्लें पाई जाती हैं। रेड सिन्धी, साहिवाल, गिर, देवनी, थारपारकर आदि नस्लें भारत में दुधारू गायों की प्रमुख नस्लें हैं। लोकोपयोगी दृष्टि में भारतीय गाय को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। पहले वर्ग में वे गाएँ आती हैं जो दूध तो खूब देती हैं, लेकिन उनकी पुंसंतान अकर्मण्य अत: कृषि में अनुपयोगी होती है। इस प्रकार की गाएँ दुग्धप्रधान एकांगी नस्ल की हैं। दूसरी गाएँ वे हैं जो दूध कम देती हैं किंतु उनके बछड़े कृषि और गाड़ी खींचने के काम आते हैं। इन्हें वत्सप्रधान एकांगी नस्ल कहते हैं। कुछ गाएँ दूध भी प्रचुर देती हैं और उनके बछड़े भी कर्मठ होते हैं। ऐसी गायों को सर्वांगी नस्ल की गाय कहते हैं। गाय के रंग : गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है।   Top  

गाय की शारीरिक सरंचना वैसे तो सभी देशों में समान ही पाई जाती है लेकिन गाय की कद-काठी और नस्ल में फर्क होता है। कुछ गाय अधिक दूध देती हैं, तो कुछ कम देती है। गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है। गाय के दो बड़े कान होते हैं, जिनकी सहायता से वे धीमी-धीमी और अधिक तेज आवाज भी सुन सकती है। गाय की दो बड़ी आंखें होती हैं, जिनकी सहायता से भी लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है। गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है, जिसकी सहायता से वह किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है। गाय का एक मुँह होता है, जो ऊपर से चौड़ा और नीचे से पतला होता है। इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है। गाय के एक लंबी पूछ होती है, जिसकी सहायता से वे अपने शरीर पर लगी हुई मिट्टी को तथा मक्खियों को हटाती रहती है। गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है। गाय के मुँह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दाँत पाए जाते हैं, इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है। गाय के एक बड़ी नाक होती है। गाय के दो बड़े सींग होते हैं। परन्तु कुछ नस्लों की गायों के सींग नहीं होते।   Top   गाय की देखभाल और खान-पान

विभिन्न देशों में अलग आकृति और आकार की गाय पायी जाती है। हमारे देश में यह छोटे कद की होते हैं जबकि कुछ देशों में यह बड़े कद-काठी और शारीरिक बनावट की होती है। इसकी पीठ लम्बी और चौड़ी होती है। हमें गाय की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए और उसे अच्छा भोजन और साफ पानी देना चाहिए। यह हरी घास, भोजन, अनाज और अन्य चीजें खाती है। पहले वह खाना अच्छी तरह से चबाती है और धीरे-धीरे उसे पेट में निगल जाती है। दूध उत्पादन बढ़ाने तथा उसकी उत्पादन लागत कम करने के लिए गाय को सन्तुलित आहार देना चाहिए। संतुलित आहार में गाय की आवश्यकता के अनुसार समस्त पोषक तत्व होते हैं, वह सुस्वाद, आसानी से पचने वाला तथा सस्ता होता है। दूध उत्पादन में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, पशु को बारह मास पेट भर हरा चारा खिलाना चाहिए।

इससे दाने का खर्च भी घटेगा तथा गाय का नियमित प्रजनन भी होगा। गाय को आवश्यक खनिज लवण नियमित रूप से देने चाहिए। गाय को आवश्यक चारा- दाना- पानी नियत समय के अनुसार ही देना चाहिए। समय के हेर-फेर से भी उत्पादन प्रभावित होता है।

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गाय का धार्मिक महत्त्व भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास है। यही कारण है कि दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है। प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। युद्ध के दौरान स्वर्ण, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम गोपाल भी है।

हिंदू धर्म में यह माना जाता है की गौ-दान सबसे बड़ा दान होता है। गौ-दान से मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। हिंदुओं के तीज-त्योहार बिना गौ के घी के पूरे नहीं होते। तीज-त्योहार के दिन घर को गौ के गोबर से ही लीपा जाता है। उस पर देवताओं की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है। कई लोग किसी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन को बड़ा शुभ मानते हैं।

वहीं गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। गाय को अमृत जैसे दूध देने व अन्य गुणों के चलते, इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौ-माता कहा जाता है।   Top  

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गाय से प्राप्त होने वाले लाभ (i) गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है। (ii) बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है, वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है। माना जाता है कि भैंस का बच्चा (पाड़ा) दूध पीने के बाद सो जाता है, जबकि गाय का बछड़ा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल-कूद करता है। (iii) गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। यह बीमारों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी आहार माना जाता है। (iv) गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बनाता है। यह हमें संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर देता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। (v) गाय के दूध के नियमित रूप से सेवन करने से हमारा दिमाग तेज और याददाश्त मजबूत हो जाती है। (vi) इसके दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। (vii) गाय के घी और गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है. (viii) गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है। (ix) गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के काम में लिया जाता है साथ ही गाय की गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। (x) गाय न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है बल्कि मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से दैनिक जीवनोपयोगी सामान तैयार होता है। गाय की हड्‍डियों से तैयार खाद खेती के काम आती है।   Top   गाय की वर्तमान दशा अधिक दूध की मांग के आगे नतमस्तक होते हुए भारतीय पशु वैज्ञानिकों ने बजाय भारतीय गायों के संवर्द्धन के विदेशी गायों व नस्लों को आयात कर एक आसान रास्ता अपना लिया। इसके दीर्घकालिक प्रभाव बहुत ही हानिकारक हो सकते हैं। आधुनिक गोधन जिनेटिकली इंजीनियर्ड है। इन्हें मांस व दूधउत्पादन अधिक देने के लिए सुअर के जींस से बनाया गया है। भारतीय नस्ल की गायें सर्वाधिक दूध देती थीं और आज भी देती हैं। ब्राजील में भारतीय गोवंश की नस्लें सर्वाधिक दूध दे रही हैं। अंग्रेजों ने भारतीयों की आर्थिक समृद्धि को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचा था।

ज्योतिष शात्र के अनुसार भारतीय गोवंश की रीढ़ से सूर्य केतु नामक एक विशेष नाड़ी होती है, जब इस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तब यह नाड़ी सूर्य किरणों के तालमेल से सूक्ष्म स्वर्ण कणों का निर्माण करती है। यही कारण है कि देशी नस्ल की गायों का दूध पीलापन लिए होता है। इस दूध में विशेष गुण होता है। विदेशी नस्ल की गायों का दूध त्याज्य है। ध्यान दें कि अनेक पालतू पशु दूध देते हैं, पर गाय का दूध को उसके विशेष गुण के कारण सर्वोपरि पेय कहा गया है। राजनीतिक पार्टियां जिस गाय माता के नाम से वोट बटोरने का काम करती है आज उस गाय माता की दशा को देखकर क्षेत्र के कोई भी नेता में राजनेता शुद्ध तक लेने को तैयार नहीं है। हर गांव गली मोहल्ले व बाजारों में गाय माता की दशा में कोई विचार नहीं कर रहा है। किसान के पास अत्यधिक खेती होने के कारण किसान गाय माता के डंडा मारकर शहरों की ओर धकेलते नजर आते हैं, वहीं दूसरी ओर शहरों में स्थित दुकानों के सामने गाय के भूखे रहने के कारण इधर-उधर अपना निवाला देखने में ही दुकानदार भी गाय माता को डंडा मारकर भगाते नजर आ रहे हैं। वर्तमान में ना तो सरकार इन गायों की सुध ले रही है और ना ही किसान। बस स्टैंड पर और मुख्य रोड़ों के बीचों-बीच गायों के झुण्ड बैठने से आवागमन में बाधा नजर आती है फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के आंखें व कान दोनों ही गाय माता के निवाले तक की व्यवस्था नही कर सकते।

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  उपसंहार गाय शांतिप्रिय और पालतू पशु है। हमारे भारत में गाय को माँ का दर्जा इसीलिए दिया गया है, क्योंकि यह हमें जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है। हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए रोज गाय का दूध पीते हैं। डॉक्टर मरीजों को हमेशा गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं।

गाय का दूध नवजात शिशुओं के लिए अच्छा व आसानी से पच जाने वाला भोजन है। यह स्वभाव से बहुत ही सीधा पशु होता है। हमें इसके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए और हमेशा अपने जीवन को शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहिए और दूसरे लोगों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

दुर्भाग्य से शहरों में जिस तरह पॉलिथिन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है, उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी ‘आस्था’ और ‘अर्थव्यवस्था’ के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

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Essay On Cow In Hindi: गाय पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Cow in Hindi : जैसा की हम सब जानते है की गाय का पूरी दुनिया में बहुत बड़ा महत्व है, लेकिन अगर हमारे देश भारत के संदर्भ में बात की जाए प्राचीन समय से ही यह भारत की इकोनॉमी की नींव साबित हुई है। फिर चाहे वो दूध का मामला हो या खेती में काम आने वाले बैलों का। हमारे भारत में गाय को गौ माता के रूप में मानते है और इनकी पूजा करते है। हमारे देश में गाय माता को और भी नामो से जाना जाता है जैसे सुरभि, कपिला, नंदनी, श्यामा आदि नामो से जाना जाता है। हमारे भारत में गाय को लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है।

Essay On Cow in Hindi

इस लेख में मैं आपको गाय पर निबंध लेखन शेयर कर रहा हूँ। आपने देखा होगा की स्कूल में अक्सर बच्चो को गाय पर निबंध ( Essay on cow in Hindi ) लेखन का टास्क दिया जाता है। पर सारे क्षात्रो को यह लिखने पे दिकत होती है पर इस लेख को पढने के बाद सारी प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।

गाय, हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण जीव है जिसका महत्व भारतीय सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से हमेशा से ही उच्च रहा है। इस निबंध में, हम गाय के महत्व को और भी गहराई से समझेंगे और उसके आपके जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। गाय के प्राकृतिक और सामाजिक महत्व को जानने के लिए इस निबंध को पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

Essay On Cow In Hindi: गाय पर निबंध

गाय की उपयोगिता:.

कहा जाता है की गाय का दूध औरों जानवरों की अपेक्षा सबसे अधिक प्रोटीन (Protein) वाला पाया जाता है। गाय का दूध दिमाग को तेज और मजबूत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होता है खास तौर पे बच्चो ले लिए ज्यादा उपयोगी साबित होता है। दूसरे पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत मददगार साबित होता है। बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है।

यह बीमारों और बच्चों के लिए बहुत ही यूजफुल आहार माना जाता है। इसके अलावा दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। गाय के दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक ayurvedic medicines बनाने के काम भी काम आता है।

गाय वफादार, घरेलू और मासूम पालतू जानवरों में से एक है। यदि गायों से प्यार किया जाए तो वे इंसानों को हानि नही पहुंचाती हैं। इससे लोग अपने घरों में गाय रखते हैं और तमाम तरह के लाभ प्राप्त करते हैं। वे मनुष्यों के लिए अलग अलग प्रकार से उपयोगी हैं। गायों को पालतू जानवर के रूप में रखने के कई उद्देश्य लोगों के लिए समान हैं चाहे आम लोग हों या चाहे किसान हों। गायों के अलग अलग विशिष्ट लाभ(benefit) हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि वे मानव जाति की मदद के लिए किस तरह का काम कर रही हैं।

गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण खाद माना जाता है। गाय के मरने के बाद उसका चमड़ा, हड्डियां व सींग सहित सभी अंग किसी न किसी काम आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भैंस का बच्चा दूध पीने के बाद सो जाता है जबकि गाय का बच्चा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल कूद करता है।

गौ माता न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है वरन मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से डेली जीवनोपयोगी वस्तु तैयार होता है। गाय की हड्‍डियों (Bones) से निर्मित खाद खेती के काम आती है।

साइंटिस्ट ने इसके गुण भी बताए हैं। यह न केवल दूध, दही, मक्खन, पनीर, छाछ या अन्य बल्कि डेयरी उत्पाद भी सभी फायदेमंद होते हैं।  पनीर खाने से आपको Protein मिलता है। गाय का घी खाने से आपकी मजबूती प्राप्त होती है।

आयुर्वेद में इसका बहुत विशाल महत्व है। यदि किसी व्यक्ति को अनिद्रा(sleeplessness) हो तो दो बूंद गाय के घी से ही ठीक कर सकता है। साथ ही यदि आप रात को पैरों के तलुवों पर ghee लगाकर सोते है तो आपको काफी अच्छी नींद आएगी।

गाय के मक्खन का धार्मिक महत्व है। इससे हवन पूजा आदि के लिए प्रयोग किया जाता है।  और हमारे युग और साधु संत कुछ भी करते हों, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। जब गाय कुंड में घी और अक्षत (चावल) डालती है तो आग के संपर्क में आने पर सबसे महत्वपूर्ण गैसें निकलती हैं जो पर्यावरण के लिए उपयोगी है।

भौतिक आकार (Physical Appearance):

गाय का स्वभाव बहुत शांत प्रकार का होता है।  गाय पालतू होती है। गाय एक शाकाहारी पशु है।  गाय घास, अनाज, भूसी, केक, भूसी, चोकर, पुल और पेड़ों की पत्तियां आदि चीज ग्रहण करती हैं। गाय पहले चारे को निगल लेती है और फिर उसे थोड़ा सा मुंह में लेकर चबा लेती है जिसे चबाना कहते हैं। गाय एक बार में एक ही बछड़े को जन्म देती है। वह अपने बछड़े से बहुत प्यार करती है।  गाय भी बैठ कर मुँह से चबाती है।

पशुओं में गाय से जायदा सुनहरा और शानदार पशु कोई नही देखने को मिलता इनके जैसे मासूमियत किसी और पशु में देखने को नहीं मिलती।

गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है। इसकी दो मासूम आँखें, दो बड़े कान, चार पैर, एक मुँह, एक बड़ी नाक, चार अंग और पीठ पर एक लंबी पूंछ होती है। उम्र और नस्ल के आधार पर इसके सिर पर दो सींग भी हो सकते हैं। गायों के शरीर का आकार आमतौर पर बड़ा होता है जबकि उनका सिर उनके शरीर के आकार की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा होता है।

गाय एक मादा शाकाहारी स्तनपायी है। पुरुष को बैल के रूप में जाना जाता है। इसी तरह गाय के मादा बच्चे को Heifer(बछिया) कहा जाता है जबकि गाय के नर बच्चे को बछड़ा कहा जाता है। एक बार बच्चे के जन्म के बाद, बछिया को गाय कहा जाता है। जब कई गायों को एक साथ देखा जाता है तो पूरे समूह को झुंड के नाम से जाना जाता है।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious importance of cow):

भारत में गाय को देवी का दर्जा दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। यही कारण है कि Diwali के दूसरे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है।

प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। कहा जाता है की युद्ध के दौरान सोना, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न और सफल माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम Gopal भी है।

श्रीकृष्ण के जीवन में गाय का बहुत महत्व रहा है और उनका बचपन ग्वालों के बीच बीता है। लोग भगवान कृष्ण को गोविंदा और गोपाल कहते थे, जिसका अर्थ है गायों का रक्षक और मित्र। गाय का दूध बच्चों और रोगियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। गाय को परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीन काल में गायों की संख्या से व्यक्ति की समृद्धि का पता चलता था।

गाय का भोजन (Food):

शाकाहारी और जुगाली करने वाले जानवरों के रूप में गाय घास जैसे ताजा और बेहतरीन अंकुरित अनाज खाना पसंद करती हैं। वे फल, सब्जियां और अन्य शाकाहारी भोजन खाना भी पसंद करते हैं।

गाय का स्वभाव (Habits):

गऊ माता ज्यादातर सामाजिक होती हैं इसलिए समूह में रहना पसंद करती हैं। इन्हें घूमने के लिए खुली जगह पसंद होती है जहां इनके खाने के लिए ढेर सारी घास मौजूद हो। वे मैदानी इलाकों में घूमते हैं और अपने आहार के पूरक के लिए और अपने नवजात शिशुओं के लिए दूध का उत्पादन करने के लिए अतिरिक्त घास के रूप में घास खाते हैं।

गाय का जीवन काल (Lifespan of Cow):

एक गाय का एवरेज lifespan लगभग 15 से 20 वर्ष का होता है। हालांकि dairies और खेतों में गाय मुश्किल से ही चार से छह साल तक जीवित रहती हैं क्योंकि पर्याप्त दूध देने या अधिक परिश्रम करने के लिए अत्यधिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। एक बार जब दूध का उत्पादन कम हो जाता है या बंद हो जाता है तो ज्यादातर गायों को मांस और चमड़े के लिए बूचड़खानों में बेच दिया जाता है या सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे उनके साथ दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं।

यह एक कड़वा सच है लेकिन ज्यादातर गायें खुद को कैद में महसूस करती हैं और जीवन भर संघर्ष करती हैं। इसके अलावा आजकल नर बछड़ों को अक्सर मार दिया जाता है या छोड़ दिया जाता है।

मानव समाज के लिए इतनी लाभदायक होते हुए भी गाय की वर्तमान स्थिति बहुत खराब है। आज गायों का मांस दुकानों में बेचा और खाया जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे काटने के लिए भेज दिया जाता है। गाय का सम्मान करना और उसके जीवन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

दुर्भाग्यवश शहरों में जिस तरह पॉलीथीन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी आस्था और साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

गाय बहुत ही प्यारा और अच्छा जानवर है और हमें इस प्यारे और अच्छे जानवर का ख्याल रखना चाहिए। हमारे लिए यह शर्म की बात है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे छोड़ दिया जाता है। हमें गाय के साथ दया का व्यवहार करना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। गाय को बचाने के लिए सरकार को अधिक अधिक गौशालो का निर्माण करना चाहिए जिससे गाय आसानी से अपना जीवन पूर्ण कर सके।

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गाय पर निबंध | Essay On Cow In Hindi

Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध : भारतीय संस्कृति में गौ का बड़ा महत्व माना गया हैं इन्हें प्राणी न मानकर माँ का दर्जा प्राप्त हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार गाय के शरीर के विभिन्न हिस्सों में तैतीस कोटि देवी देवताओं का वास होता हैं.

आज के 5, 10 लाइन, 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में गाय का निबंध  को आप गाय पर छोटा बड़ा हिन्दी निबंध के रूप में याद कर सकते हैं.

गाय पर निबंध Essay On Cow In Hindi

This Article is Written To Each Guy Who wants To Detail, About Essay On Cow In Hindi. Most Important For Our Student Friends Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 And For 12th Student Can Use This  Essay For Speech OR Discovery Details About Indian Cow.

The cow (gaay) is an important domestic pet animal. It’s found all over the world. in India (the Hindus religion follower) called the cow’ as the mother. this short and big-length Essay On Cow In Hindi And English is helpful for students.

mostly in our exams asked about cow essay writing questions comes always. this cow essay will help you to write a better article on a cow in your own language.

the cow is a domestic animal. it is very useful to us. it gives us milk. motherless babies are given cow’s milk. her milk is a complete diet.

we call the cow ”our mother”. the leather of the dead cow is useful also. she is a four-footed animal. she has two horns. her tail is long. she keeps files away with her tail. she has four teeth for milling. in order to get pure aid fresh milk, it is better to keep a cow.

her calves become bullocks. they plow our fields. butter, curd, and sweets are made from cow’s milk. cow’s milk is a perfect diet. she eats grass and hay. sick persons are fed on her milk. cow dung is good manure for agriculture.

Essay On Cow In English For Class 1:  Dear Students it is a Very Good Idea to Check Essay On Cow In English For Class 1 for children and kids students they read in class first.

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Essay On Cow In English

in all pet Animals, the cow is the most important in India. according to the Hindu faith, they called the mother to the cow.  tells you why Hindus called mother or maa to cow, what is uses or importance of Indian cow.

The cow is a very versatile animal of great importance in scientific and spiritual terms. Science has also accepted the importance of the cow.  Cow’s milk is considered an elixir. In India, the cow is considered a sacred animal.

Hundreds of Hindus worship in India. The biggest feature of the cow is that it gives many things to mankind, instead of asking for anything. Many families spend their livelihoods selling cow’s milk and ghee.

Religious significance: Tea-festival of Hindus is not complete without ghee. At the Teej festival, the house is leaked from cow’s dung. The idols of the deities are seated on it. Many people consider cow’s philosophy auspicious before doing some urgent work.

At the same time, Cow’s dung has been considered very useful for cultivation. Due to the milk-giving and milk properties like cow’s nectar, it has been considered as earthly mother’s worship. That is why the cow is called cow mother.

Apart from this, the Kunda made from cow dung in villages is used as fuel. It is very sad that with the development of technology we are forgetting the importance of cows.

A cow has also had great importance in the life of Lord Krishna. Krishna’s childhood has passed between the Guawans. They used to call them Govinda and Gopal, which means the guards and friends of cows.

Cow’s milk is very useful for children and patients. The cow is cool with nature. The cow has a very big body. It has four legs, two horns, and one long tail.

It has two ears People in India worship the cow. There is a lot of hair in the lower part of the cow’s tail.

Which are of many colors, in which there is black, brown and white hair with red color. There are bus teeth in the lower part of the cow’s jaw. The cracks of his feet are different.

There are many types of cows. There are many types of cows on the basis of color also. If there is some black then some white, some cows are of red and mixed colors.

The cow is found in almost every country in the world. In every country, the cow is different depending on size and length width.

The wild cow lives in the forest. The cow eats grass and leaves. He gives birth to a calf or calf at a time.

She loves her bull very much. The cow also starts to chew with its mouth. The cow gives milk, which makes curd, cheese, butter, and many types of desserts. We should take care of such cute animals.

Short Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है। गाय हमें दूध देती है। नन्हें बच्चों के लिए गाय का दूध सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें सभी पोषक तत्व विद्यमान रहते है।

हम गाय को ‘हमारी मां’ कहते हैं। मृत गाय का चमड़ा भी उपयोगी है। वह चार पैर वाला जानवर है। उसके दो सींग हैं। उसकी पूंछ लंबी है। गाय मच्छर व् मक्खियों को अपनी पूंछ द्वारा दूर करती है, यह अपने चार बड़े जबड़ों की मदद से जुगाली करती है।

गाय का ताजा दूध पौष्टिक होता है. बीमार से लेकर एकदम स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह दूध बहुत फायदेमंद है।

गाय का बछड़ा बड़ा होने पर बैल के रूप में भार ढ़ोने व कृषि के रूप में हल चलाने के काम आता है. गाय के दूध से दही, घी, मक्खन, पनीर, मिठाई व मावा बनाए जाते है. इसलिए गाय का दूध पौष्टिक आहार है, जिनमें भोजन के लिए आवश्यक सभी तत्व व विटामिन उपलब्ध हो जाते है.

गाय घास चरती है, एक अच्छी नस्ल की गाय ३०-४० लीटर दूध प्रतिदिन देती है. गाय के गोबर को देशी खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है.

मेरी गाय मेरा प्रिय पशु है. सभी पालतू पशुओं में गाय का अत्यधिक महत्व है. हमारे देश में गाय को माता की तरह मानते है. गाय का स्वभाव सरल होता है.

पालतू जानवरों में यह सबसे अधिक भोली और समझदार होती है. इसके एक लम्बी पूछ, चार पैर, दो सींग, दो कान, दो आँखे और चार थन होते है.

गाय काली, सफेद, भूरी, लाल चितकबरी आदि रंग की होती है. गाय घास, खल, चारा आदि खाती है. गाय हमे दूध देती है. गाय का दूध मीठा और ताकतवर होता है.

इससे दही घी, मक्खन, मावा आदि बनते है. इसके गोबर से खाद बनती है. गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते है जो खेती के काम में सहायक होते है. इस तरह गाय अत्यंत उपयोगी पशु है.

1500 शब्द गाय पर निबंध (कक्षा 11,12 के लिए)

गाय मनुष्य को ज्ञात सबसे उपयोगी जानवरों में से एक है। इसने हजारों वर्षों तक मनुष्य की सेवा की है। यह बहुत शांत, शांत जानवर है। इसे गुस्सा बहुत कम ही आता है।

एक बैल का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि वह हमें दूध देता है। ताजा दूध हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। हम इसे सादा या कुछ स्वादों को जोड़कर पी सकते हैं। हम इससे कई चीजें भी बना सकते हैं जैसे मक्खन, घी, आइस-क्रीम, मिठाई और कई अन्य चीजें।

एक गाय का दूसरा उपयोग यह है कि इसका उपयोग खेतों तक एक कुदाल को खींचकर किया जा सकता है। अब-भारत में कुछ किसान इस काम के लिए बैल का उपयोग करते हैं।

बैलगाड़ी खींचने के लिए भी गायों का उपयोग किया जाता है। वे काफी तेज दौड़ सकते हैं और उनके बाद भारी भार भी खींच सकते हैं। वे बहुत धैर्यवान जानवर हैं और थके होने के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं।

एक गाय ज्यादातर घास पर रहती है। इसे अच्छी तरह से खिलाया जाना है। तभी यह बहुत सारा दूध देती है। हमें गायों के प्रति बहुत दयालु होना चाहिए, क्योंकि वे बहुत उपयोगी हैं, नम्र जानवर हैं और हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

हमें उन्हें कभी भी हरा नहीं करना चाहिए और न ही किसी भी तरह से उन्हें पीड़ा पहुंचानी चाहिए। एक बछड़े को हमेशा अपनी मां के साथ रहने की अनुमति होनी चाहिए। उन्हें अलग नहीं किया जाना चाहिए।

गायों को उनके मांस के लिए भी मार दिया जाता है। उन्हें बहुत अधिक चारा दिया जाता है और जब वे मोटे होते हैं तो उन्हें मार दिया जाता है। भारत में बहुत से लोग मांस खाना पसंद नहीं करते हैं। वे इसे गाय को चोट पहुंचाना पाप मानते हैं।

गोबर को सूखने के बाद ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। चमड़े का सामान गाय की खाल से बनाया जाता है। इस प्रकार गायें मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई हैं।

उन्हें भारत में पवित्र जीव के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। आइए हम इन कोमल जानवरों के साथ दयालुता से पेश आएं।

गाय के दूध में क्या कितना

  • प्रोटीन्स- 4.0 प्रतिशत
  • कार्बोहाइड्रेट- 4.0 प्रतिशत
  • उर्जा (कैलोरी) – 6.5 प्रतिशत
  • पानी- 87.3 प्रतिशत
  • वसा- 4.0 प्रतिशत
  • खनिज( मिनरल्स)- 0.7 प्रतिशत

गावो विश्वस्य मातर: अर्थात गाय विश्व की माता है, सूर्य, वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ होम में दी हुई आहुति से जो खुराक पुष्टि मिलती है, वह गाय के घी से ही मिलती है.

होम में गाय के घी की ही आहुति दी जाती है, जिससे सूर्य की किरने पुष्ट होती है. किरणों के पुष्ट होने से वर्षा होती है और वर्षा से सभी प्रकार के अन्न, पौधे, घास आदि पैदा होते है, जिससे सम्पूर्ण स्थावर- जंगम, चर, अचर प्राणियों का भरण पोषण होता है.

हिन्दुओं के गर्भाधान, जन्म, नामकरण आदि जितने भी संस्कार है, उन सब में गाय के दूध, घी, गोबर आदि की मुख्यता होती है. द्विजातियों को जो यज्ञोपवीत दिया जाता है उसमे गाय का पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र) का सेवन कराया जाता है.

यज्ञोपवीत संस्कार होने पर वे वेद पढ़ने के अधिकारी होते है, जहाँ विवाह संस्कार होता है, वहाँ भी गाय के गोबर का लेप करके शुद्धि करते है. विवाह के समय गोदान का विशिष्ट महत्व है.

पुराने जमाने में वाग्दान (सगाई) के बैल दिया जाता था. जननाशौच और मरणाशौच मिटाने के लिए गाय का गोबर और गोमूत्र ही काम में लिया जाता है, क्योकि गाय के गोबर में लक्ष्मी का गोमूत्र में गंगाजी का निवास है.

जब मनुष्य बीमार हो जाता है, तब उसको गाय का दूध पीने के लिए देते है, क्योकिं गाय का दूध तुरंत बल, शक्ति देता है. अगर बीमार मनुष्य को अन्न भी न पचे तो उसके पास गाय के घी और खाद्य पदार्थों की अग्नि में आहुति देने पर उसके धुंए से उसको खुराक मिलती है. जब मनुष्य मरने लगता है तब उसके मुह में गंगाजल या गाय का दही देते है.

इसका कारण यह है कि कोई मनुष्य यात्रा के लिए रवाना होता है तो उसे गाय का दही देना मांगलिक होता है, जो सदा के लिए यहाँ से रवाना हो रहा है उसको गाय का दही अवश्य देना चाहिए जिससे परलोक में उसका मंगल हो. अंत काल में मनुष्य को जैसे गंगाजल देने का महात्म्य है, वैसा ही महात्म्य गाय का दही देने का है.

वैतरणी से बचने के लिए गोदान किया जाता है. श्राद्ध कर्म में गाय के दूध की खीर बनाई जाती है, क्योकि पवित्र होने से इस खीर से पितरों को अधिक तृप्ति होती है. मनुष्य, देवता पितर आदि सभी को गाय के दूध घी आदि से पुष्टि मिलती है. अतः गाय विश्व की माता है.

गाय के अंगो में सम्पूर्ण देवताओं का निवास बताया जाता है. गाय की छाया भी बड़ी शुभ मानी गई है. यात्रा के समय गाय या सांड दाहिने आ जाए तो शुभ माना जाता है.

और उसके दर्शन से यात्रा सफल हो जाती है.गाय के शरीर का स्पर्श करने वाली हवा भी पवित्र होती है. उसके गोबर गोमूत्र भी पवित्र होते है. जहाँ गाय बैठती है, वहां की भूमि पवित्र होती है, गाय के चरणों की रज (धूल) भी पवित्र होती है.

गाय से अर्थ, काम और मोक्ष इन चारो की सिद्धि होती है. गोपालन से, गाय के दूध, घी, गोबर आदि से धन की वृद्धि होती है. कोई भी धार्मिक कृत्य गाय के बिना नही होता है.

सम्पूर्ण धार्मिक कार्यों में गाय का दूध, दही, घी, गोबर काम में आता है, कामनापूर्ति के लिए किये जाने वाले यज्ञों में भी गाय का घी काम आता है.

बाजीकरण आदि प्रयोगों में गाय के दूध और घी की मुख्यता रहती है. निष्काम भाव से गाय की सेवा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गाय की सेवा करने मात्र से अंतकरण निर्मल होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने भी नगे पाँव गायो को चराया था. जिससे उनका नाम गोपाल पड़ा.

प्राचीनकाल में ऋषिलोग वन में रहते हुए अपने पास गाये रखा करते थे. गाय के दूध घी का सेवन करने से उनकी बुद्धि बड़ी विलक्षण हुआ करती थी,

जिससे वे बड़े बड़े ग्रंथो की रचना किया करते थे. आज कल तो उन ग्रंथो को तो ठीक ठाक समझने वाले भी कम है. गाय के दूध घी से दीर्घायु होते थे.

गाय के घी का एक नाम आयु भी है. बड़े बड़े राजा लोग उन ऋषियों के पास आते थे और उनकी सलाह से राज्य चलाते थे. गाय इतनी पवित्र है कि देवताओं ने भी अपना निवास स्थान बनाया है. जिसका गोबर और गोमूत्र इतना पवित्र है, फिर वह स्वयं कितनी पवित्र होगी.

एक बार गाय का पूजन करने से सब देवताओं का पूजन हो जाता हैं जिससे सब देवताओं को पुष्टि मिलती है. पुष्ट हुए देवताओं के द्वारा सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन, पालन, रक्षण होता है.

गां च स्प्रश्ती यों नित्यं स्नातों भवति नित्यशः अतो मर्त्यः प्रपुष्टस्तु सर्वपापै: प्रमुच्यते गवां रज: खुरोभ्दूत शिरसा यस्तु धारयेत् स च तीर्थजले स्नातः सर्वपापै: प्रमुच्यते

जो मनुष्य प्रतिदिन गौ का स्पर्श करता है, वह प्रतिदिन तीर्थ में स्नान करने का फल प्राप्त करता है. गौ के द्वारा मनुष्य सर्वविध घोर पापों से मुक्त हो जाता है.

जो मनुष्य गौ के खुर से उड़ी धूलि को अपने मस्तक पर धारण करता है, वह समस्त तीर्थों के जल में स्नान करने का फल प्राप्त करता है और समस्त पापों से छुटकारा पा जाता है.

भारतीय गाय की सभी नस्ल की जानकारी और पहचान

  • अमृतमहल नस्ल की गाय (Amritmahal breed’s cow)-  यह नस्ल मैसूर राज्य में पाई जाती है. इस जाति का रंग खाकी तथा मस्तक,गला और थुहा काले रंग का होता है. इस नस्ल के बैल मध्यम कद के और फुर्तीले होते है.
  • हल्लीकर नस्ल (Fresh breed)-  नस्ल के गोधन मैसूर राज्य में पाए जाते है. यह एक स्वतंत्र नस्ल है, इसका ललाट उभरा हुआ और बिच में चीरा हुआ सा होता है. इस नस्ल की गाय अपेक्षाकृत अधिक दूध देती है, इनके सिंग लम्बे और नुकीले तथा कान छोटे होते है.
  • कंगायम नस्ल (Kangayam breed) –  इस नस्ल के गोधन कोयम्बटूर के दक्षिणी एवं दक्षिणी पूर्व के तालुकों में पाए जाते है. इनमे दूध बहुधा कम होता है. कहते है इनके छोटे कान, मस्तक मध्यम, प्रिमानका, गर्दन ओछी तथा पूंछ काफी लम्बी होती है, यह नस्ल सर्वांगी मानी गई है.
  • खिल्लारी नस्ल (Khillari breed)-  इस नस्ल के गोधन का रंग खाकी, सिर बड़ा, सींग लम्बे और पूंछ छोटी होती है, इनका गलकबल काफी बड़ा होता है.
  • कृष्णातटकी कृष्णावेली गाय की नस्ल (Krishna Valley cattle)-  इस जाति की गायें मुंबई के दक्षिणी भाग एवं हैदराबाद राज्य के कृष्णा नदी के तट पर पाई जाती है. इस नस्ल की गाय बहुत अधिक दूध देती है. गाय की यह नस्ल कई जातियों के मिश्रण से बनी है. इनका थुहा काफी बड़ा सिंग और पूंछ छोटे और गलकंबल काफी बड़ा होता है.
  • बैग्लूर नस्ल (Baglur breed)-  इस नस्ल की गाय मद्रास के कोयम्बटूर के बरगूर नामक पहाड़ में बहुतायत मिलती है. सहनशक्ति एवं तेज चाल में कहते है ये अद्वितीय होते है, इन गायों का दूध बहुत कम होता है, इनका सिर लंबा, ललाट कुछ उभरा हुआ और पूंछ छोटी होती है.
  • आलम बदी नस्ल (Alam Badi Breed)-  इस नस्ल को मैसूरी हल्कीकर नस्ल की शाखा मानना चाहिए. इस नस्ल के बैल बड़े परिश्रमी और तेज होते है तथा थोड़ी खुराकापर ही निर्वाह कर सकते है. इन गायों के दूध कम होते है. इनका ललाट उभरा हुआ और लम्बा संकरा होता है, और सींग लम्बे होते है.
  • गीर नस्ल (geer nasl)-  इस नस्ल की भारतीय गाय की पीठ मजबूत, सीधी और समचौरस होती है. कुल्हे की हड्डियाँ प्राय उभरी हुई होती है, पूंछ लम्बी होती है, गीर गाय की नस्ल प्राय एक रंग की नही होती है, वे काफी दूध देती है. इस जाति के बैल मजबूत होते है, यदपि वे मैसूर के बेलों की अपेक्षा कुछ सुस्त और धीमे होते है.
  • देवनी नस्ल (devanee nasl) – यह नस्ल महाराष्ट्र प्रान्त की डांगी नस्ल से मिलती जुलती है, इसमे गीर नस्ल में काफी समानता है, इस नस्ल की गाय के सिर सींग और गीर नस्ल के एक से होते है, इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा काम देते है. तथा गौएँ निजाम राज्य की अन्य नस्लों की तुलना में काफी अच्छा दूध देती है.
  • डांगी नस्ल (Stew breed) – इस नस्ल की गाय महारास्ट्र प्रान्त के अहमदनगर और नासिक जिलों में बांसदा, धर्मपुर, जौहर, डांग्स क्षेत्रों में पाये जाते है. वे बड़े परिश्रमी होते है और धान के खेतों में लगातार काम करने से इनके स्वास्थ्य कोई अवांछनीय प्रभाव नही पड़ता, इस नस्ल की गाएं दूध कम देती है. इन गौओं का रंग लाल और सफेद अथवा काला और सफेद होता है.
  • मेवाती नस्ल (Mewati breed)-  इस नस्ल के गाये बहुत सीधी होती है बैल भारी हलों और छ्कड़ो में जोते जाते है. गाए काफी दुधारू होती है. इनमे गीर जाति के लक्ष्ण पाए जाते है तथा कुछ बातों में हरियाना नस्ल के गोधन से भी मिलते है. जिससे यह पता चलता है कि यह एक मिश्रित जाति है, इनका रंग सफेद और मस्तक काले रंग का होता है, इनकी टाँगे कुछ ऊँची होती है.
  • निमाड़ी नस्ल (Nimadi breed)-  इस नस्ल के जानवर बहुत फिर्तिले होते है. इनका रंग व मुह की बनावट गीर जाति की सी होती है. इनके कान मध्यम परिणाम के होते है. सामान्य तौर पर इनका रंग लाल होता है, जिस पर जगह जगह सफेद धब्बे होते है. इस जाति की गाये काफी दूध देती है.
  • कांकरेज नस्ल (Cancroid breed)-  इस जाति के गोधन भारतवर्ष में विशेष मूल्यवान समझे जाते है. यह नस्ल काठियावाड़, बडौदा राज्य एवं सूरत तक फैली हुई है. इस नस्ल के गोधन चलने तथा गाड़ी खीचने में बहुत तेज होते है. कांकरेज जाति की गायों की छाती चोडी, शरीर सबल, ललाट चोड़ा और सींग मुड़े हुए होते है. इनके कान लम्बे और झुके हुए होते है, इनकी चमड़ी भारी गलकबल साधारण प्रिमाणिका होता है. पूंछ अपेक्षाकृत छोटी होती है.
  • मालवी नस्ल (Malviya breed)-  इस जाति की गायों की प्राकृतिक गौचर भूमियों में पाला जाता है, सडको पर हल्की गाडियों को खीचने में तथा खेती में इसका विशेष उपयोग होता है, परन्तु बुढ़ापे में इनका रंग बिलकुल सफेद हो जाता है. मालवी नस्ल के दो अवांतर भेद होते है. 1. ग्वालियर जिले  के दक्षिण पश्चिम भाग में बड़ी रास के गोधन 2. इस भाग के दक्षिणी पश्चिमी भाग में पाये जाने वाले छोटी रास के गोधन. इस नस्ल की गाय कम दूध देती है.
  • नागौरी नस्ल (Nagauri breed)-  इस नस्ल के गोधन जोधपुर मारवाड़ के उत्तरी पूर्वी भाग में पाये जाते है. इस जाति के बैल आकार में बड़े होते है. और तेज दौड़ने के लिए प्रसिद्ध होते है. इनका मुह अपेक्षाकृत संकरा व लम्बा होता है तथा ललाट चपटा. इनकी चमड़ी पतली,गलकंबल, छोटा और पूंछ छोटी होती है इस नस्ल की गाये कम दूध देती है.
  • थारपारकर गाय की नस्ल (Breed of tharparkar cow)-  कच्छ, जोधपुर, जैसलमेर जिलों में इस जाति की गायें बड़ी संख्या में पाली जाती है. इस भूभाग में बालू के टीले बहुत पाये जाते है और वर्षा कम होती है. इस जाति के बैल बड़े परिश्रमी और खाकी सफेद रंग के होते है. इस नस्ल की गाय भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्लों में से एक है. बैल मध्यम परिणाम के होते है, अतएवं खेती एवं गाडियों में जुतने के काम आते है, इनमे कई गुण ऐसें होते है, जिनके कारण इनकी बहुत कदर की जाती है. गाये अधिक दूध देती है, बैल अधिक मेहनत कर सकते है और खुराक पर निर्वाह कर सकते है. इनका मुह काफी लम्बा, ललाट कुछ उभरा हुआ और थुहा मध्यम परिमाण का होता है.
  • बचौर नस्ल (bachaur nasl)- इस नस्ल की गाय बिहार राज्य के अंतर्गत सीतामढ़ी जिले के बचौर एवं कोइलपुर परगने में पायी जाती है. इस जाति के बैल काम करने में अच्छे होते है. इनका रंग खाकी, ललाट चौड़ा आँखे बड़ी बड़ी और कान लटकते हुए होते है.
  • पंवार नस्ल (Pew breed)-  यह पीलीभीत जिले के पटनापुर तहसील में और खेरी के उतर पश्चिम भाग में पाई जाती है. शुद्ध पंवार नस्ल के गाय बैल मुह संकरा तथा सींग लबें और सीधे होते है, इनका रंग प्राय काला और सफेद होता है, इनकी पूंछ लम्बी होती है और ये बड़े क्रोधी और फुर्तीले होते है. ये मैदानों में स्वच्छ रूप से चरना पसंद करते है. गौएँ कम दूध देती है.
  • भगनारी नस्ल (Bhagannari breed)-  नारी नदी के तटवर्ती भाग में पाये जाने के कारण गाय की इस नस्ल को भगनारी कहते है. इस नस्ल के गोधन अपना निर्वाह नदी तट पर उगने वाले घास और अनाज की भूसी आदि से करते है, इस नस्ल की गाये अधिक दूध देती है.
  • दज्जाल नस्ल (dajjaal nasl)-  भगनारी नस्ल का ही दूसरा नाम है, इस नस्ल की गाय पंजाब के देरागजी खां जिले में बड़ी संख्या में पाई जाती है. कहते है कि लगभग बहुत वर्ष पूर्व इस जिले में भगनारी नस्ल के बैल बहुत खास नस्ल के लिए भेजे गये थे. यही कारण है कि देरागाजीखां में इस नस्ल के काफी गौधन है. यही से पंजाब के अन्य भागो में भेजे जाते है.
  • गावलाव नस्ल (gaavalaav nasl)-  यह नस्ल मध्यप्रदेश राज्य की सर्वश्रेष्ट गाय की नस्ल है. इस जाति के सर्वोतम गौधन सतपुड़ा की तराई के वर्धा जिले में, संसार तहसील एवं कुराई परगने में और बइहर तहसील के दक्षिणी भाग में तथा नागपुर जिले के कुछ भाग में पाए जाते  है. ये प्राय मध्यम कद  के होते है, गायों का रंग प्राय निरा सफेद होता है और बैलो का सिर खाकी रंग का होता है, इनका सिर काफी लम्बा एवं संकरा, सींग छोटे और गलकंबल बड़ा होता है, खिल्लारी जाति के बैलों की भाह्ज.
  • हरियाना नस्ल की गाय (Haryana breed’s cow)-  इस नस्ल की गाय बड़ी संख्या में दूध देने के लिए कलकते आदि बड़े नगरो में भेजी जाती है. इस नस्ल के गोधन संयुक्त प्रान्त और राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है. हरियाना जाति के बैल सफेद एवं खाकी रंग के होते है. कलकते में बरसात से पूर्व इनका रंग प्राय सफेद हो जाता है. बैलों की गर्दन और थुले काले होते है. गायो और सांडो के सींग छोटे और मोटे होते है. परन्तु बैल के सींग प्राय मुड़े हुए होते है.
  • हाँसी हिंसार नस्ल (Hansi Hissar breed)-  पंजाब के हिंसार जिले में हाँसी नदी के आस-पास यह नस्ल पाई जाती है. इससे इसका नाम हाँसी हिंसार पड़ा. इस नस्ल की गाये हरियाणा नस्ल के जैसी ही होती है, परन्तु उनकी अपेक्षा अधिक परिश्रमी होते है. इनका रंग सफेद और खाकी होता है. इस जाति के बैल परिश्रमी होते है. पर गाय हरियाणा नस्ल की खूबी को नही पा सकी.
  • अंगोल नस्ल (Angol breed)-  मद्रास प्रान्त का अंगोल नाम का इलाका गायों के लिए प्रसिद्ध है. गंतूर जिले के किसान प्राय इन गोधन को पालते है. इस जाति के गोधन प्राय सीधे और बैल मजबूत होते है. परन्तु अधिक भारी होने के कारण वे अधिक चलने में उपयोगी नही होते है. इस जाति के गोधन बहुत बड़ी संख्या में अमेरिकन नस्ल की गाय  की नस्ल को सुधारने के लिए अमेरिका भेजे जाते है. ये थोड़ा सा सुखा चारा खाकर निर्वाह कर सकते है. इनके शरीर अपेक्षाकृत लम्बे और गर्दन छोटी होती है. ये अपने डील डोल तथा शरीर की गठन के लिए प्रसिद्ध है.
  • राठी नस्ल (Rathi breed)- ये बहुत फुर्तीले और मध्यम परिमाण के हल चलाने के लिए एवं सड़क पर चलने के उपयोगी होते है. इनकी गाये भी दुधार होती है. इन तीन गुणों के कारण राठी नस्ल को कामधेनु कहा जाता है. जबकि नागौरी नस्ल की गाय और बैल अमीर लोगों की कामधेनु कहा जाता है.
  • केनवारिया नस्ल (Canvaria breed)-  यह बुंदेलखंड की प्रमुख नस्ल है. और संयुक्त प्रान्त के बांदा जिले के केण नदी के तट पर पाई जाती है. इस जाति की गाय कम दूध देती है. इनका रंग खाकी होता है. इनका मस्तिष्क ओछा किन्तु छोड़ा तथा सींग मजबूत तथा तीखे होते है.
  • खैरीगढ़ नस्ल (Khairigad breed)-  यह नस्ल संयुक्त प्रान्त के खेरीगढ़ क्षेत्र में पाई जाती है. ये गोधन प्राय सफेद रंग के तथा छोटे संकरे मुह् के होते है. वे केनवारिया नस्ल से मिलते जुलते होते है, ये क्रोधी व फुर्तीले होते है तथा मैदानों में स्वछन्द चरने से स्वस्थ व प्रसन्न रहते है. इनकी गाये दूध कम देती है ये तराई प्रदेश में उपयुक्त होते है.
  • साहिवाल नस्ल (Sahival breed)-  ये मुख्यतया दूध देने वाले गोधन होते है. जो प्राचीन काल में पंजाब के मध्य तथा दक्षिणी भागों में बहुत बड़ी संख्या में पाले जाते थे. दुधारू होने के कारण इस जाति की गायें बड़ी संख्या में शहरों में ले जाई जाती है.
  • लाल रंग की सिंधी नस्ल (Red colored syndi breed)-  यह नस्ल मूलतः कराची के आस-पास और उसके पूर्व के प्रान्त में पाई जाती है. ये आकार में छोटी होती है. किन्तु इनमे दूध देने की अधिक क्षमता होती है. ये चाहे जहा पल सकती है. ये लाल रंग की होती है और मुह पर गलकंबल में कुछ सफ़ेद धब्बे बहुधा रहते है. इनके कान मध्यम परिमाण के होते है, इनकी खुराक में कम खर्चा लगता है और थोड़ी खुराक में ही अपना स्वास्थ्य अच्छा रख लेती है.
  • सीरी नस्ल (Seri breed-  इस जाति की गाय दार्जलिंग के पर्वतीय प्रदेश में तथा सिक्किम एवं भूटान में पाई जाती है. इनका मूल स्थान भूटान ही माना जाता है. और इस जाति के सर्वोतम गोधन दार्जलिंग लाए जाते है. ये प्राय काले और सफेद अथवा लाल रंग के होते है. इनके शरीर बारह महीनों घने बालो से ढके रहते है. जो पर्वतीय प्रदेशो में कड़ाके की सर्दी और मुसलाधार वर्षा से रक्षा करते है. सीरी जाति के गोधन देखने में भारी होता है. थुहा काफी आगे निकला हुआ और कान बहुधा छोटे होते है. इस जाति के बेलों की बड़ी कद्र होती है.

गाय के दूध के फायदे

आहार शास्त्रियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य केवल गाय के दूध का ही सेवन करता रहे तो शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व उससे मिल जाते है. गो दुग्ध से शरीर अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अशक्त रोग प्रतिरोधक और क्षमतावान हो जाएगा.

इसमे प्रोटीन 0.94, सिन्ग्धता 1.09, आश्रेव्ताशार 1.6, उष्णांक 1.8 तथा चारों विटामिन 1.25% होता है. गाय के एक पौंड दूध से प्राप्त शक्ति 4 अंडो और 250 ग्राम से अधिक प्राप्त होने वाली शक्ति से अधिक है. भैंस के दूध में चिकनाई अधिक होती है, जिसके कारण वह सुपाच्य नही होता है.

नवजात शिशु ( Cow Milk FOR  Babies)  के लिए माँ के दूध से अतिरिक्त केवल गाय का दूध ही एकमात्र विकल्प है. वह बच्चे के लिए माँ के दूध की तरह ही गुणकारी है. गाय के दूध में क्षार अधिक होते है

और पाचक रसों का पर्याप्त समावेश होता है, जिसे बच्चे का पाचन तन्त्र आसानी से पचा लेता है. माँ के दोध की तरह पोषक दूध देने के कारण ही गाय को माता माना गया है.

वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार गाय के दूध में 21 प्रकार के अमीनो एसिड, 11 प्रकार के फेटिएसिड, 6 प्रकार के विटामिन, 8 प्रकार के किण्व, 25 प्रकार के धातु तत्व, 2 प्रकार की सुगर, 4 प्रकार के फास्फोरस तथा 19 प्रकार के नाइट्रोजन तत्व उपलब्ध होते है. इसके अलावा कैलिस्यम, फास्फोरस, लोहा, तांबा, आयोडीन,फ्लोरिन, सिकोन आदि मुख्य खनिज गाय के दूध में पाये जाते है.

मुख्य पाए जाने वाले एंजाइम पेरिविक्टेज, रिटक्टेड, लाईरपेज, प्रोटिएज, लोक्टेज, फास्फेटेज, ओलिंनेज, गैटालेज आदि है. विटामिन ऐ, कैरोटिन डीई, टोकोकेरोल, विटामिन बी-1, बी-2, रिबोफ्लोविन, बी-3, बी-4 तथा विटामिन सी है.

आयुर्वेद में गाय के दूध को प्रकृति प्रदत रसायन कहा गया है. जो दुर्बलता हटाकर रोगियों को नवजीवन प्रदान करता है. प्रसव से पूर्व तथा प्रसव के उपरांत स्तन पान काल में माँ के शरीर में होने वाली सभी प्रकार की कमी को गाय के दूध से ही पूरा किया जाता है.

रक्त अल्पता, संग्रहणी, पाण्डुरोग, पित्त तथा क्षय रोगों की औषधि के साथ साथ पथ्य के रूप में गाय के दूध का सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है.

गाय के दूध के नित्य सेवन से शरीर मजबूत होता है. कफ, वात जनित रोगों का शमन होता है. यह बल व ओज बढ़ाता है. मस्तिष्क एवं ज्ञान तन्तुओं को पोषण देने में गाय का दूध अनुपम है. यह सभी प्रकार के रोगों एवं वृद्धता का नाश करता है.

डॉक्टर पिल्स ने गाय के दूध पर किये गये परिक्षण में पाया कि गाय कोई विषैला पदार्थ खा लेती है, तो भी उसका प्रभाव उसके दूध में नही आता है. न्यूयोर्क की विज्ञान अकेडमी की बैठक में अन्य वैज्ञानिकों ने भी डॉक्टर पिल्स के इस कथन की पुष्टि की थी.

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गाय पर निबंध Essay on Cow in Hindi

गाय पर निबंध Essay on Cow in Hindi

गाय पर निबंध (Essay on Cow in Hindi) कक्षा तीन से नौ तक परीक्षाओं में विभिन्न रूप से पूछा जाता है। अगर आप गाय के ऊपर निबंध की तलाश में है तो यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध होगा। इस लेख में गाय क्या है तथा गाय पालने के फायदे व महत्व इसलिए हो अद्वितीय बनाते हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (गाय पर निबंध Essay on Cow in Hindi)

गाय से हमे अनेक प्रकार के फायदे होते है। हमारे हिन्दू धर्म मे गाय को माता माना जाता है। सब लोग उसकी पूजा करते है।

गाय क्या है? What is Cow in Hindi?

  • गाय एक पालतू जानवर है। जिसके नर प्रजाति को बैल तथा मादा प्रजाति को गाय के नाम से संबोधित किया जाता है।

अगर गाय की शारीरिक संरचना की बात करें तो एक मुंह, एक जोड़ी आंखें, चार थन, एक जोड़ी सिंघ, दो नथुने तथा चार पैर होते हैं। 

गाय के पैर में लगे हुए खूर उसके लिए जूतों का काम करते हैं। गाय की पूंछ लंबी होती है तथा किनारे पर एक बाल का गुच्छा होता है जिससे वह मक्खियां उड़ाने के लिए प्रयोग करती है।

गाय एक दुधारू पशु है। जिसके दूध को मनुष्य तथा अन्य पालतू जानवरों के लिए बेहतरीन माना जाता है। मानव के द्वारा उपयोग में ली जाने वाली ज्यादातर खाद्य पदार्थ दूध पर ही निर्भर होते हैं।

भारत के अलग-अलग स्थानों पर गायों की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती हैं। जैसे जर्सी गाय यह ज्यादा दूध देने के लिए प्रसिद्ध है लेकिन यह विदेशी प्रजाति मानी जाती है।

भारत में 40 से भी ज्यादा नस्लों की गाय पाई जाती हैं जिन्हें उनके दूध देने की क्षमता से पहचाना जाता है। भारत में गाय की मुख्य प्रजातियों में गिर, साहिवाल, सुरती और हरियाणवी को शामिल किया जाता है।

गाय पालन के फायदे Benefits of cow farming in Hindi

घर में गाय पालने के अनेकों फायदे हो सकते हैं। जिसमें सबसे पहला फायदा गाय के दूध से होता है। गाय के दूध में जरूरी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और मिनरल होते हैं जो पोषण के लिए जरूरी होते हैं।

गाय के दूध से दही, छास, पनीर जैसे बहुत से खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं जिनमें भरपूर मात्रा में विटामिन और प्रोटीन मौजूद होते हैं।

दूध और पनीर यह भारत में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली खाद्य पदार्थों में से एक है जो गाय तथा भैंस के दूध से ही बनाए जाते हैं।

सनातन संस्कृति में हर किसी को गाय पालने और गाय की सेवा करने का ज्ञान दिया जाता था क्योंकि गाय से अनेकों फायदे होते हैं। जैसे कि गाय ही एकमात्र पशु है जो ऑक्सीजन ग्रहण करती है और ऑक्सीजन ही त्यागती है।

अन्य दुधारू पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत ही ज्यादा फायदे कारक होता है खास कर बच्चों को गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है

जहां भैंस का दूध भारी तथा सुस्ती लाने वाला होता है वही गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है माना जाता है कि भैंस का बच्चा दूध पीने के बाद सो जाता है वहीं गाय का बच्चा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछलता कूदता रहता है।

दुनिया के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा दूध से जुड़ा हुआ है। जिसमें गाय का दूध भी मुख्य रूप से पसंद किया जाता है। आज भी  गाय के ऑर्गेनिक दूध की मांग बहुत जोरों शोरों से है।

गाय के दूध को बेचकर एक बड़ा जनसमुदाय अपने लिए आजीविका कमाता है। गाय के गोबर से बेहतरीन उर्वरक बनाए जाते हैं। ऐसे उर्वरकों को बनाने में खर्च तथा उसके खराब असर न के बराबर होते हैं।

जहां गाय जीवित रहने पर हर प्रकार से मनुष्य के लिए जरूरी चीजें प्रदान करती हैं वही मरने के पश्चात भी वह अपने चमड़े तथा हड्डियों के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरलता प्रदान करती है।

भारत में गाय का महत्व Importance of cow in India in Hindi

कहा जाता है कि आजादी से पहले हर भारतीय परिवार के पास कम से कम एक गाय जरूर होती थी। ऐसी मान्यता है कि जिसके घर में गाय की उपस्थिति होती है उस घर में भुखमरी नहीं आती।

सनातन संस्कृति में गाय को विशेष महत्व प्रदान किया जाता है। गाय की इतनी खूबियों के कारण ही इसे देवता का दर्जा प्राप्त है। 

ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है इसलिए दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की पूजा की जाती है जिसमें मोर पंखों से उसका श्रृंगार किया जाता है।

गाय को पालने के लिए ज्यादा खर्च की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि गाय सिर्फ हरे और सूखे चारे पर निर्भर रहती है। गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिससे हवा में रहे बैक्टीरिया का नाश होता है।

पाश्चात्य रिसर्च के अनुसार गाय के पीठ पर 5 मिनट हाथ फेरने से मन प्रसन्न रहता है। प्राचीन भारत में गाय को समृद्धि का प्रतीक माना जाता था और युद्ध के समय सोना चांदी और अन्य आभूषणों के साथ गाय को भी लूट लिया जाता था।

प्राचीन समय में जिस राज्य में जितनी गाय होती थी उसको उतना ही संपन्न माना जाता था। यही कारण है की भगवान कृष्ण ने अपनी ज्यादातर लीलाएँ एक ग्वाले के रूप में की हैं। इसलिए उनका एक नाम गोपाल भी है।

दुर्भाग्य से आज गायों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो रही हैं। शहरीकरण और पाश्चात्य शिक्षा के कारण भारतीयों का एक बड़ा जनसमूह गायों को सिर्फ एक सामान्य पशु के रूप में देखने लगा है।

कई स्थानों पर गाय भूख और प्यास के कारण दम तोड़ देती हैं, कई जगहों पर अन्न की तलाश में वे रोड पर निकल आती हैं तथा एक्सीडेंट से उनकी हानि भी होती है।

सामाजिक परिस्थिति और बौद्धिक ज्ञान की अल्पता के कारण मनुष्य ने गायों को दुत्कारना शुरू कर दिया जिसके कारण वे जहरीले पदार्थ जैसे प्लास्टिक इत्यादि को खाने के लिए मजबूर हो जाती हैं तथा उन्हें तमाम रोगों और मृत्यु का सामना करना पड़ता है।

दुनिया का एक बड़ा तबका अपनी राक्षसी प्रवृत्ति के कारण गायों को मारकर उनका भक्षण करता है। गायों की इस स्थिति के लिए भारतीयों का उनके वास्तविक धर्म और ज्ञान के प्रति विमुखता ही है।

वर्तमान भारतीय सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए तमाम कदम उठाए हैं तथा गायों की हत्या करने पर विशेष दंड का प्रावधान बनाया है जिससे गायों की स्थिति कुछ प्रतिशत बेहतर हुई है।

गाय पर 10 लाइन Best 10 Lines on Cow in Hindi

  • भारत में 40 से भी ज्यादा नस्लों की गाय पाई जाती हैं जिन्हें उनके दूध देने की क्षमता से पहचाना जाता है।
  • गाय एक दुधारू पशु है। जिसके दूध को मनुष्य तथा अन्य पालतू जानवरों के लिए बेहतरीन माना जाता है। 
  • भारत में गाय की मुख्य प्रजातियों में गिर, साहिवाल, सुरती और हरियाणवी को शामिल किया जाता है।
  • गाय के दूध में जरूरी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और मिनरल होते हैं जो पोषण के लिए जरूरी होते हैं।
  • गाय के दूध से दही, छास, पनीर जैसे बहुत से खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
  • सनातन संस्कृति में हर किसी को गाय पालने और गाय की सेवा करने का ज्ञान दिया जाता था।
  • जहां भैंस का दूध भारी तथा सुशील आने वाला होता है वही गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है।
  • दुनिया के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा दूध से जुड़ा हुआ है। जिसमें गाय का दूध भी मुख्य रूप से पसंद किया जाता है।
  • दुर्भाग्य से आज गायों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो रही हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on the cow in Hindi) पढ़ा। अगर यह निबंध आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi : गाय एक बहुपयोगी पालतु पशु है जिसका उल्लेख हमारे वेदों में भी किया गया है। भारत देश में गाय को देव तुल्य माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। यह पशु भारत में सबसे अधिक पाया जाता है जो भारतीयों का काफी प्रिय पशु है।

मानव जीवन के लिए गाय काफी ज़रूरी पशु है, इसलिए स्कूलों में बच्चों को गाय के बारे में ज़रूर पढ़ाया जाता है। कई बार बच्चों को प्रोजेक्ट के रूप में गाय पर निबंध लिखने के लिए भी दिया जाता है। अगर आपको भी गाय पर निबंध लिखने के लिए कहा गया है तो इस आर्टिकल की मदद से एक शानदार Essay on Cow in Hindi में लिख सकते है।

गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

गाय एक बहुपयोगी शाकाहारी पशु है। यह केवल भारत के लिए नही, बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी जरूरी पशु है। गाय को भारत में मां का दर्जा दिया गया है, क्योंकि गाय बिल्कुल मां की तरह दुध देती है। गाय को हिंदू धर्म में एक पवित्र पशु माना जाता है।

गाय का शरीर लंबा और चौड़ा होता है, जिसके चार पैर, दो सींग, एक लंबी पूंछ और दो कान होते हैं। गांय का रंग सफेद, काला, भूरा या चिकतकबरा हो सकता है। गाय एक शाकाहारी पशु है जो घास, फल, सब्जियां और अनाज खाती है।

भारत में गाय के प्रति काफी धार्मिक आस्था है। लोग गाय की पूजा करते है क्योंकि लोगों का मानना है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय से हमें दूध मिलता है जिससे बहुत सारी चीज़े बना सकते हैं, जैसे- पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि। इसके अलावा गाय का गोबर और मूत्र भी काफी उपयोगी है।

गाय की भूमिका (Role Of Cow)

भारत में गाय को हिंदू धर्म में “ गौ माता ” कहा जाता है और उनकी पूजा की जाती हैं। गाय का धार्मिक और आर्थिक काफी महत्व है। भारतीय ग्रंथों में गाय का काफी उल्लेख किया गया है। बताया जाता कि गाय भगवान शिव की सवारी है जिसे नंदी बोला जाता है।

आर्थिक दृष्टि से बात करें तो गाय हमें दूध देती है जिससे अनेक तरह के अन्य सामान बनते है, जैसे- घी, मक्खन, दही, छाछ, पनीर आदि। गाय के दूध में भरपुर मात्रा में प्रोटिन होता है। इसलिए दूध की डिमांड भारत के अलावा अन्य सभी देशों में होती है।

गाय के घी और गोमूत्र से आयुर्वेदिक औषधियां भी बनायी जाती है। और गाय के गोबर से फसलों के उत्तम खाद बनायी जाती है। गाय के गोबर का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा गाय की मृत्यु के बाद उसके चमड़े, हड्डियां और सींग भी काफी काम आते है। इसलिए गाय आर्थिक दृष्टि से भी काफी उपयोगी है।

गाय की प्रमुख नस्लें

भारत में गायों की काफी सारी नस्ले हैं। ये नस्ले 50 से भी ज्यादा हैं। सभी गाय मुख्यत: तीन से चार रंगों में पायी जाती हैं, जिनमें काली, सफेद, भूरी या लाल शामिल होती हैं।

गायों की निम्नलिखित प्रमुख भारतीय नस्ले हैं-

साहीवाल : यह भारत की सबसे ज्यादा पॉपुलर नस्ल है जो दूध उत्पादन के लिए सबसे अच्छी गाय है। इसके दूध में वसा काफी उच्च मात्रा में होती है।

लाल सिंधी : यह भी एक प्रसिद्ध दूध उत्पादन गाय है, जो पाकिस्तान के सिंध क्षैत्र में उत्पन्न हुई थी।

गिर गाय : यह गाय भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गाय मानी जाती है। यह एक दिन में 50 – 80 लीटर दूध देती है।

राठी गाय: यह राजस्थानी गाय है जो 6 – 8 लीटर तक दूध देती है।

कांकरेज गाय : यह भी राजस्थानी गाय है जो 5 – 10 लीटर तक दूध देती है।

थारपरकर गाय : इस गाय को भी सर्वश्रेष्ठ दुधारू गाय में गिना जाता है।

हरियाणवी गाय: यह सफेद रंग की गाय होती है जो दूध का अच्छा उत्पादन करती है। इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा कार्य करते है।

गाय के लाभ (Benefits Of Cow)

गाय से हमें अनेक तरह लाभ मिलते हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं-

  • गाय का दूध हमारे लिए बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है।
  • गाय के दूध से अनेक तरह की चीज़े बनती हैं, जैसे- मक्खन, घी, पनीर, दही आदि।
  • गाय से देश की आर्थिक स्थिति को भी काफी लाभ मिलता है।
  • गाय के मूत्र से कई तरह की औषधियां भी बनती है।
  • गाय के गोबर का उपयोग ईंधन और खाद के रूप में होता है।
  • गाय खेतों की जुताई में भी मदद करती है।
  • गाय के गोबर से रेशम भी बनाया जाता है।

गाय की विशेषताएं

गाय की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • गाय के पालतू और घरेलू पशु है।
  • यह एक काफी उपयोगी पशु है।
  • यह एक शाकाहारी पशु है।
  • इसके दूध में प्रोटिन काफी ज्यादा होता है।
  • इसका गोबर और गोमूत्र भी काफी उपयोगी होता है।
  • गाय एक शांत और सौम्य पशु है।

गाय का धार्मिक महत्व

भारत में गाय का काफी धार्मिक महत्व है। गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है। हिंदू धर्म ( Hinduism ) में, गाय को जीवन का स्रोत माना जाता है। भारत में हर कोई गाय माता की पूजा करता है क्योंकि गाय माता की पूजा करने से हमें आशीर्वाद मिलता है। और भगवान हमारी इच्छाओं को पूरा करते है और हमें मुशीबतों से बचाते है।

गाय को भारत में कामधेनु और नंदी भी कहा जाता है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता हैं, इसलिए गाय पुजनीय पशु है। गाय को भगवान कृष्ण की सवारी माना जाता है। और गाय को भगवान शिव की भी सवारी माना जाता है, इसीलिए इसे नंदी भी कहा जाता है। इसके अलावा गाय को लक्ष्मी माता का भी अवतार माना जाता है।

इस तरह गाय का काफी धार्मिक महत्व है।

गाय की शारीरिक बनावट

गाय एक शांत और सौम्य पशु है, जिसका शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो कान, दो आंखें, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूछ होती है। गाय की एक लंबी पूंछ होती है, जिसके किनारे पर बालों का गुच्छा भी होता है। गाय के ऊपरी भाग पर एक उभार भी होता है।

भारत में गाय की 50 से अधिक नस्ले हैं, जिसकी वजह से अलग-अलग गाय की नस्लों में अलग-अलग रंग और शारीरिक सरंचना देखने को मिलती हैं।

गाय की देखभाल

गाय एक घरेलू पशु है जिसकी देखभाल काफी अच्छी तरह से की जाती है। गाय को शुद्ध शाकाहारी चीज़े, जैसे घास, सब्जीयां आदि खिलायी जाती है। गाय को समय-समय पर पानी पिलाया जाता है।

गाय को एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित जगह पर रखना बेहद जरूरी है, ताकि काफी को कोई भी बीमारी न लगे। इसके अलावा गाय कों को नियमित रूप से डॉक्टर से जांच भी करवानी चाहिए।

Essay On Cow In Hindi 10 Lines

  • गाय एक पालतू और बहुपयोगी पशु है।
  • गाय हमें दूध, गोबर और मूत्र प्रदान करती है।
  • गाय का दूध बहुत पोष्टिक होता है जिसमें प्रोटीन काफी ज्यादा होता है।
  • गाय के गोबर को ईंधन और खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • गाय के मूत्र से अनेक तरह की औषधियां बनायी जाती है।
  • गाय हमें रेशम भी प्रदान करती है।
  • गाय खेतों की जुताई में भी काफी योगदान देती है।
  • गाय को हिंदू धर्म में एक पवित्र पशु माना जाता है।
  • गाय का काफी ज्यादा धार्मिक भी महत्व है, इसलिए गाय की पूजा की जाती है।
  • भारत में गाय की अनेक नस्ले है जो काफी अच्छा दूध देती है, जैसे- साहीवाल, लाल सिंधी, हरियाणवी, थारपकर, कांकरेज, राठी आदि।

निष्कर्ष

गाय एक पालतू पशु है जो भारत में सबसे अधिक पाया जाता है। यह मानव जीवन के लिए बहु उपयोगी पशु है, क्योंकि यह हमें दूध, गोबर और गोमूत्र प्रदान करती है। गाय मनुष्यों के प्रति काफी अनुकूल होती है, जिसे पालना बहुत आसान होता है। गाय एक पवित्र पशु है जिसकी हमें देखभाल और सम्मान करना चाहिए।

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Hindi Essay

गाय पर निबंध | Essay on Cow in Hindi 500 Words | PDF

Essay on cow in hindi.

Essay on Cow in Hindi 500 + Words (Download PDF) गाय पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि गाय पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

गाय एक पालतू जानवर है। गाय का महत्व पूरे विश्व में माना जाता है , जो आमतौर पर हर जगह पाई जाती है। लेकिन अगर हम भारत की बात करें तो यह प्राचीन काल से ही भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चाहे वह दूध की बात हो या दूध से बनी मिठाई या भोजन की।

Essay on cow in Hindi

प्राचीन समय में, किसी के पास गायों को होना समृद्धि का संकेत माना जाता था। दूध उत्पादन के अलावा, यह एक बहुत ही उपयोगी घरेलू जानवर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 190 मिलियन गायों की आबादी है।

एक गाय एक पालतू जानवर है, इसलिए इसे आमतौर पर घरों में पाला जाता है। गाय का दूध बहुत पौष्टिक होता है। एक गाय आमतौर पर एक बार में पांच से दस लीटर दूध देती है। गाय की दूध से मिठाई, छाछ, मक्खन, पनीर और दही बनाया जाता है और अन्य मिठाई गाय के दूध से बनाया जाता है। यह बीमार व्यक्ति और बच्चों के लिए बहुत उपयोगी आहार माना जाता है।

गाय का दूध अन्य जानवरों की तुलना में बहुत फायदेमंद माना जाता है। जब भैंस और गाय के दूध की तुलना की जाती है, जहां भैंस का दूध सुस्ती लाता है, जबकि गाय का दूध बच्चों में बहुमुखी प्रतिभा को बनाए रखता है। बच्चों को विशेष रूप से डॉक्टरों और विशेषज्ञ द्वारा गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है।

इसके गोबर का उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, गोबर को सुखाया जाता है और ईंधन के काम में उपयोग किया जाता है। फसलों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक है । गोमूत्र बहुत पवित्र माना जाता है। गाय के घी और गोमूत्र का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है।

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यहजीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है। मृत्यु के बाद भी, उसके शरीर के हर अंग का उपयोग किया जाता है। इसकी हड्डियों से कई कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए गाय के चमड़े, सींग, खुरों का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है। गाय की हड्डियों से तैयार खाद का उपयोग खेती के लिए किया जाता है और इसकी खाल को सुखाकर चमड़े के रूप में उपयोग किया जाता है।

शारीरिक संरचना:

सभी देशों में गाय की संरचना समान पाई जाती है, लेकिन गाय की ऊंचाई और नस्ल में अंतर होता है। कुछ गाय अधिक दूध देती हैं और कुछ कम देती हैं। गाय के दो कान, चार थन, एक मुंह, दो आंखें, दो सींग और दो नथुने होते हैं।

यह एक चार पैरों वाला जानवर है और उसके चारों पैरों पर खुर हैं, पैरों के खुर गाय के जूते के रूप में काम करते हैं। जिसके साथ वे किसी भी कठिन स्थान पर चल सकते हैं।

इसकी पूंछ लंबी होती है और इसके किनारे पर एक गुच्छा भी होता है, जिसका उपयोग वह मक्खियों को उड़ाने आदि के लिए करती है। गाय की कुछ प्रजातियों में सींग नहीं होते हैं। इसके मुंह के निचले जबड़े में केवल 32 दांत पाए जाते हैं, इसलिए गाय लंबे समय तक भोजन चबाती रहती है।

गायों की प्रमुख नस्लें:

दुनिया भर में गायों की कई नस्लें हैं, जिनमें से कुछ अच्छा दूध देती हैं और कुछ के शरीर मजबूत होते हैं। भारत में, मुख्य रूप से गाय की नस्लें हैं जैसे कि साहीवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार), गिर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, और कच्छ), करण फ्राई (राजस्थान) आदि।

विदेशों में भी गायों के कई प्रकार हैं। जिसमें जर्सी गाय सबसे लोकप्रिय है। क्योंकि यह अधिक दूध देती है। भारतीय गायें आकार में छोटी होती हैं, जबकि विदेशी गायों का शरीर थोड़ा भारी होता है। गाय कई रंगों की होती है जैसे लाल, काली, सफेद, दबी हुई।

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गाय का धार्मिक महत्व:

अन्य देशों में, गाय को केवल एक घरेलू जानवर माना जाता है, लेकिन भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। गाय को प्राचीन भारत और वर्तमान समय में भी समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। ऐसा माना जाता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवता निवास करते हैं।

भारत में कई स्थानों पर लोगों और संस्थानों द्वारा गौ आश्रय का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से आवारा और घायल गायों को भोजन दिया जाता है और उनका उपचार किया जाता है।

गाय शांति प्रिय और पालतू होती है। दुर्भाग्य से, शहर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिस तरह से शहरों में पॉलिथीन का उपयोग कर फेंक दिया जाता है। इसके सेवन से समय से पहले गायें मर जाती हैं। हमारे भारत में गाय को माँ का दर्जा दिया गया है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह जीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है, इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीखना चाहिए।

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FAQs. on Cow

गाय हमारे लिए कैसे उपयोगी है.

उत्तर – गाय सबसे उपयोगी घरेलू जानवर है। इसका मनुष्यों और पर्यावरण को कई अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है जिसे हम पहचानने या सराहना करने में विफल होते हैं। गायों को दूध और अन्य डेयरी उत्पादों के लिए डेयरी जानवरों के रूप में बढ़ाया जाता है और यह माना जाता है कि, गाय का घी बच्चों के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।

गाय क्या खाती है?

उत्तर – गाय घास खाती है और 50 प्रतिशत से अधिक गाय चारा वास्तव में घास है। जबकि लोग अक्सर सोचते हैं कि डेयरी गायों को उच्च अनाज वाला आहार दिया जाता है, लेकिन वास्तव में, वे मकई, गेहूं और जई के पत्तों और तनों को खाने की तुलना में अधिक बार नहीं खाते हैं।

हम गायों की पूजा क्यों करते हैं?

उत्तर – हिंदू धर्म में, अधिकांश हिंदू, हालांकि, शाकाहारी हैं और वे गाय को जीवन का एक पवित्र प्रतीक मानते हैं जिसे संरक्षित और पूजनीय होना चाहिए। वेदों की शास्त्र पुस्तक में गाय को सभी देवताओं की माता अदिति माना गया है।

गाय एक घरेलू जानवर क्यों है?

उत्तर – गायों को उनके दूध के लिए पालतू बनाया जाता है और खेतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका उपयोग परिवहन के लिए किया जाता है, और उनके गोबर का भी। गोबर का उपयोग महत्वपूर्ण ईंधन उर्वरक के रूप में किया जाता है। कृषि में, गायों के वर्चस्व के पीछे यह एक प्रमुख आर्थिक शक्ति है। हरित क्रांति के बाद, भारतीय खेती कुछ हद तक आधुनिक हो गई है।

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Essay on cow in hindi गाय पर निबंध.

Write an essay on Cow in Hindi.  गाय पर निबंध। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए गाय पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss very important topic i.e essay on Cow in Hindi. Cow essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Cow in Hindi is defined in more than 350 words. Learn an essay on Cow in Hindi and bring better results.

hindiinhindi Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi 150 Words

गाय बहुत उपयोगी पशु है। यह एक घरेलू जानवर है। गाय विभिन्न रंगो की होती है। वह हमें दूध देती है मक्खन, दही और मिठाईयाँ भी इसके ही दूध से बनती है। गाय का दूध हमारे लिए बहुत उपयोगी है। गाय रंगों में भिन्न है। इसके दो सींग होते है। इसके दो कान और दो आंख होती है और इसकी एक लम्बी पूंछ होती है।

हर कोई गाय को माँ की तरह सम्मान करता है। गाय की पूजा भारत में की जाती है। हिन्दु लोग इसे सम्मान से गऊ माता कहते है। गाय घास, भोजन, अनाज और कई अन्य चीजें खाती है। गाय को गोबर एक अच्छा उर्वरक होता है जो आम तौर पर फसलों के विकास के लिए खेतों में उपयोग किया जाता है। गाय हमारे खेतो में हल भी चलाती है। हम उसे माता के रूप में पूजा करते है। वह जानवरों में सबसे पवित्र प्राणी है वह हमारी राष्ट्रीय पशु है। मै गाय को बहुत पसंद करता हूँ।

Essay on Cow in Hindi 200 Words

गाय एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण घरेलू जानवर है। यह भारत में “गौ माता” के रूप में जाना जाता है। यह हमें पौष्टिक दूध देती है। गाय सभी जानवरों में सबसे पवित्र पशु के रूप में माना जाता है। यह दुनिया के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। यह स्वभाव से बहुत ही सीधा जानवर होता है। भारत में गाय प्राचीन समय से ही देवी के रूप में पूजी जाती है। गाय का दूध त्योहारों और पूजा के दौरान देवी और देवता के प्रतिमा का अभिषेक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। गाय भिन्न भिन्न आकार व रंग रूप की होती हैं। इसके चार पैर, एक दो कान, पूंछ, दो आंख, एक मुंह, एक नाक, एक सिर और विशाल पीठ वाला एक घरेलू जानवर है। यह हरी घास, भोजन, अनाज खाती है। गाय खेतों में हरी घास खाना ज्यादा पसंद करती है।

गाय देश के लगभग हर क्षेत्र में पाया जाता है। गाय की दूध से दही, पनीर, घी, मट्ठा, मक्खन, मिठाई, खोया और कई सारी चीजें बनाई जाती है। डॉक्टर मरीजों को हमेशा गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं। हमें गाय को कभी चोट नहीं पहुँचानी चाहिए और उन्हें समय – समय पर उचित भोजन और पानी देना चाहिए।

Essay for Cow in Hindi in 300 Words

गाय एक बहुत ही उपयोगी पालतू जानवर है, जिसे भारत में माता के समान पूजा जाता है। हिंदू धर्म के लोग गाय को “गाय हमारी माता है” के रूप में पूजते हैं। गाय दुनिया भर के सभी देशों में पाई जाती है पर भारत में इसका एक अलग ही महत्व है। धरती पर भगवान के रूप में गाय में 33करोड़ देवी-देवता विराजमान है, इसलिए गाय हिन्दुओं के लिए बहुत ही पवित्र जानवर है। देवी-देवताओं के का रूप गौ-माता, 14 रत्नों से एक मुख्य रत्न है। ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति, गाय की सेवा पूरे तन-मन से करता है, उसकी सारी विपदाएं, और समस्याएं गाय माता हर लेती है।

गाय का स्वभाव बहुत ही सीधा साधा होता है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो भोजन में अनाज, हरी घास, चारा खाती है। गाय को सबसे ज्यादा खेतों की हरी-भरी घास खाना पसंद है। गाय के दूध से हम बहुत सारी चीजें बना सकते हैं जैसे की दही, पनीर, क्रीम, मक्खन, मिठाई आदि। गाय का दूध मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह हमारी उनकी प्रतिरोधक क्षमता को प्रदान बढ़ाने में मदद करता है। दूध देने के कारन मनुष्य के लिए गाय बहुत ही फायदेमंद जानवर है। गाय का दूध हमें स्वस्थ रखता है और नवजात शिशुयो के लिए गाय का दूध बहुत ही अच्छा है।

गाय 12 महीने में एक बार बछड़े को जन्म देती है, जिसको वह चलना और दौड़ना नहीं सिखाती। बछड़ा अपने आप ही यह गुण सीखता है। बछड़ा कुछ दिनों तक ही गाय का दूध पीता है और फिर गाय की तरह ही हरी घास खाना शुरू कर देता है।

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गाय पर हिन्दी में निबंध | Essay on Cow in Hindi Language | गाय पर निबंध

By: Amit Singh

Essay on Cow in Hindi – FAQ

गाय पर 10 लाइन निबंध/gai par nibandh 10 line/the cow essay in hindi/cow par hindi essay writing.

भूमिका – गाय एक बहुत ही उपयोगी पशु है। गाय से हमें दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र मिलता है जिसके कई औषधीय महत्व होते हैं। गाय भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में पाई जाती है। देश दुनिया में गाय को पाला जाता है। हालांकि भारत में गाय को विशेष दर्जा दिया गया है। भारत में हिंदू धर्म के लोग गाय को माता का दर्जा देते हैं। इसे हिंदू धर्म में देव तुल्य स्थान प्राप्त है। यही वजह है कि गाय के दूध का इस्तेमाल देवी-देवता के अभिषेक के लिए भी किया जाता है।

#सम्बंधित : Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध।

विज्ञान पर निबंध भ्रष्टाचार पर निबंध गणतंत्र दिवस पर निबंध मेरा विद्यालय पर निबन्ध मेरी माँ पर निबंध

गाय की शारीरिक संरचना

यदि बात करें गाय की शारीरिक संरचना की तो इसके चार पैर, दो सींग, दो आंखें, दो कान और एक लंबी सी पूँछ होती है। गाय खुर के जरिए चलती है। गाय के ये खुर उसके लिए जूतों का काम करते हैं।

गाय की अलग-अलग प्रजातियों की शारीरिक संरचना थोड़ी भिन्न होती है। गाय की कुछ प्रजातियों में सींग बाहर की और होती है, तो कुछ प्रजातियों में सींग नजर ही नहीं आती। इसके अलावा अन्य देशों में पाई जाने वाली गाय, भारत की गायों की तुलना में आकार में थोड़ी बड़ी होती है।

Essay on Cow in Hindi

यहाँ पढ़ें : छह ऋतु के नाम हिंदी में

गाय के प्रकार

वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो गाय अलग-अलग प्रकार की पाई जाती है। गाय का रंग, रूप और आकार जलवायु के हिसाब से अलग-अलग होता है। विभिन्न देशों में गाय की अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं। आइए जानते हैं भारत में पाई जाने वाली गाय के सभी प्रकारों और किस्मों के बारे में।

भारत में महत्वपूर्ण गायों में से एक गाय है, लाल सिंधी। हालांकि यह गाय मूल रूप से सिंध प्रांत में पाई जाती है। लेकिन यह दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी पाई जाती है। इस गाय का नाम लाल सिंधी इसलिए है क्योंकि इसका रंग लाल है। यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है।

  • मेवाती और हासी हिसार

हरियाणा में गाय की प्रमुख नदियों में मेवाती और हासी हिसार प्रमुख है। मेवाती गाय का इस्तेमाल कृषि कार्य में किया जाता है जबकि हासी हिसार गाय हरियाणा के हिसार में पाई जाती है।

  • दज्जल और धन्नी

गाय की यह प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। दज्जल और धन्नी प्रजाति की गाय काफी लोकप्रिय है। इन गायों में धन्नी प्रजाति की गाय दूध नहीं देती।

  • राठी नस्ल, थारपरकर, कांकरेज

गाय की तीनों प्रजातियां राजस्थान में पाई जाती हैं। राठी नस्ल की गाय प्रतिदिन 6 से 8 लीटर दूध देती है। इनमें से थारपरकर गाय जोधपुर, जैसलमेर में ज्यादा पाई जाती है। वही कांकरेज गाय राजस्थान के बाड़मेर, जालौर और सिरौही में पाई जाती है।

भारत के गुजरात में मौजूद गिर जंगलों में पाई जाने वाली गाय की यह प्रजाति भारत की सबसे दुधारू गाय है। यह दिन में 50 से 80 लीटर दूध देती है। इस गाय की सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी मांग है। इसे भारत के अलावा ब्राजील और इजराइल में भी पाला जाता है।

गाय की यह प्रजाति भारत के अधिकतर क्षेत्रों में पाई जाती है। इस गाय को हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब में पाला जाता है। यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर दूध देती है।

भारत में जर्सी गाय भी काफी लोकप्रिय है। हालांकि यह एक विदेशी नस्ल की गाय है। लेकिन यह गाय दूध काफी मात्रा में देती है इसीलिए इसे काफी पसंद किया जाता है।

यह थी भारत में पाई जाने वाली गायों की कुछ नस्लें। इसके अलावा विदेशों में कई तरह की गाय पाई जाती है। हालांकि ये भारतीय गायों के मुकाबले आकार और रंग रूप में भिन्न होती है। गाय अलग-अलग रंगों में पाई जाती हैं। कुछ गाय सफेद, काले, लाल, भूरे रंग की होती हैं, तो कुछ चितकबरी होती हैं।

गाय की उपयोगिता

गाय से हमें कई चीजें प्राप्त होती हैं। जैसे कि गाय से मिलने वाले दूध का इस्तेमाल दही, मक्खन, पनीर जैसे कई डेयरी उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है। गाय का दूध, प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है। इसके साथ ही बच्चों को भी गाय का दूध पीने की सलाह दी जाती है। गाय के दूध से बनने वाला घी सर्दी-खांसी को दूर भगाने में मदद करता है।

गाय का दूध ही नहीं बल्कि गाय के उत्सर्जन उत्पाद जैसे कि गोबर और मूत्र का भी कई इस्तेमाल किया जाता है। गाय के गोबर और मूत्र से कई औषधियों का निर्माण किया जाता है। इसके अलावा इसके गोबर का इस्तेमाल उपले बनाने के लिए किया जाता है। जिनकी की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के लोग चूल्हा जलाकर खाना पकाते हैं।

गाय का गोबर फसलों के लिए भी खाद का काम करता है। गाय सिर्फ जीवित रहते हुए ही मनुष्य उपयोगी नहीं होती वरन मृत्यु के बाद भी इसके चमड़े, हड्डियों तथा सींग का इस्तेमाल करें कार्यों के लिए किया जाता है।

ज्यादातर लोग गाय को सिर्फ दूध के लिए पालते हैं क्योंकि गाय का दूध समस्त पशुओं की तुलना में काफी उपयोगी माना जाता है। छोटे बच्चों को भी गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि गाय का दूध बच्चों से सुस्ती को दूर कर उनमें चंचलता बनाए रखता है। गाय के दूध में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

गाय का धार्मिक महत्त्व

भारत में गाय सिर्फ एक पशु नहीं बल्कि इसे मां तुल्य माना जाता है। भारत में गाय को देवी का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि एक गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि गाय के लिए गोवर्धन पूजा की जाती है।

हालांकि, गाय सिर्फ अभी से ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। प्राचीन काल में लोग बड़ी मात्रा में गाय पाला करते थे क्योंकि उस दौरान गाय समृद्धि का प्रतीक हुआ करती थी। यानी कि जिसके पास जितनी गाय होगी, वह उतना ही समृद्ध माना जाएगा। प्राचीन काल में चोर सिर्फ सोने-चांदी और आभूषणों को ही नहीं चुराते थे, उस दौरान वे गायों को भी चुराते थे। इससे हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि उस दौरान गाय कितनी महत्वपूर्ण हुआ करती थी।

क्या गाय पालतू जानवर है?

जी हाँ गाय एक पालतू जानवर है. लोग गाय को पालते है, उसका दूध पीते है. गाय की सेवा करते है और हिन्दू धर्म में गाय का धार्मिक महत्व भी है

गाय क्या क्या करती है?

गाय से उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को ‘माता’ (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं।

गाय क्या खाती है?

एक स्वस्थ गाय दिन में करीब 8-10 किलो चारा खाती है। खाने में घास, जवार, मूंगफली और दालों के छिलके आते हैं इसके अलावा गायों को करीब खल, चापड़, तिल्ली की खड़, कपासिया दिया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में तो गाय की अच्छी देखभाल हो जाती है, लेकिन शहरों में रहने वाली गाय की स्थिति बेहद खराब है। दरअसल, शहरों में गायों को उचित खानपान नहीं मिलता जिस वजह से वे रास्ते और कूड़े-कचरे से खाना तलाश करती है। इसी दौरान कई गाय पॉलिथीन खा लेती है और इसे खाकर उनकी मृत्यु हो जाती है।

ऐसे में गायों की रक्षा के लिए उनके लिए उचित खानपान का प्रबंध करना चाहिए। गाय मनुष्य के जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही गाय से कई लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में गाय की देखरेख सही ढंग से की जानी चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

REFERENCE Essay on Cow in Hindi, WIKIPEDIA

essay writing on cow in hindi

I am a technology enthusiast and write about everything technical. However, I am a SAN storage specialist with 15 years of experience in this field. I am also co-founder of Hindiswaraj and contribute actively on this blog.

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गाय पर निबंध - Cow Essay in Hindi - Cow Par Nibandh - Essay on Cow in Hindi Language

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रुपरेखा : गाय का परिचय - गाय के प्रकार - गाय की दूध - गाय के स्वभाव - गाय का महत्व - श्री कृष्ण के जीवन में गाय - गाय के लाभ - वर्तमान के गाय - उपसंहार।

गाय मनुष्य की प्राचीन काल से मित्र रही है। गाय एक बहुउपयोगी पशु है जिसका वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है। विज्ञान ने भी गाय की महत्वता को स्वीकार किया है। गाय के दूध को अमृत का दर्जा दिया गया है । गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है तथा भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। भारत में करोड़ों लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानव जाति को बहुत कुछ देती है लेकिन बदले में कुछ नहीं मांगती है। बहुत से परिवार गाय के दूध, दही अवं घी को बेचकर अपना जीवन जीवित करते हैं।

गाय के कई प्रकार होते है। गाय का शरीर बड़ा और शक्तिशाली होता है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो कान और एक लम्बी पूंछ होती है। गाय के जबड़े के सिर्फ नीचे के हिस्से में दांत होते हैं। गाय के पैरों के खुर अलग-अलग होते हैं। गाय की आँखें बड़ी व खूबसूरत होती हैं। गाय कई प्रकार की होती है। गाय के रंग के आधार पर गायों के अनेक प्रकार होते हैं। कुछ गाय काली रंग की होती हैं, कुछ सफेद रंग की होती हैं, कुछ लाल रंग की होती है तथा कुछ मिश्रित रंगों की होती हैं। जंगली गाय का भी एक प्रकार होते है। भारत में मुख्य रूप से साहीवाल, गीर, लाल सिंधी, थारपारकर, दज्जल, मेवाती, जैसे आदि गाय पाए जाते हैं।

गाय संसार के लगभग हर क्षेत्र में पाई जाती हैं। हर देश में गाय का आकार एवं लंबाई -चौड़ाई के आधार पर अलग-अलग होती हैं। यूरोप, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया की गायें बहुत ही दूध देने वाली होती हैं। हमारे देश में उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व गुजरात की गायें अधिक दूध देने वाली होती हैं। गाय की दूध सेहद के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। गाय के दूध से दही, घी, खुवा, मिठाई, जैसे अनेक पदार्थ बनते है। गाय की दूध बच्चों के लिए अमृत के समान पवित्र होता है। गाय के दूध के घी खाने से मनुष्य आजीवन तंदरुस्त रहते है।

गाय का स्वभाव बहुत ही शांत होता है। इसीलिए गाय सबसे प्रिय पालतू पशु है। गाय एक शाकाहारी जानवर है। गाय केवल घास, अन्न, भूसा, खली, भूसी, चोकर, पुवाल और पेड़ों की पत्तियां खाती हैं। गाय पहले चारा निगल जाती है फिर उसे थोडा-थोडा मुंह में लेकर चबाती है इसे हम जुगाली करना कहते हैं। गाय एक समय में केवल एक बछड़ा या बछड़ी को जन्म देती है। गाय अपने बछड़े को बहुत प्यार करती है तथा उन दोनों का प्यार देख मन प्रसन्न हो जाता है।

हिन्दुओं के तीज-त्यौहार बिना गाय के घी के पूरे नहीं होते हैं। त्यौहार के दिन घर को गाय के गोबर से लिपा जाता है। उस पर भगवान की प्रतिमाओं को बिठाया जाता है। बहुत से लोग किसी भी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन करना बहुत ही शुभ मानते हैं। गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। गाय के उत्सर्जी पदार्थ जैसे गोबर और मूत्र का भी इस्तेमाल होता है। पंचगव्य जैसे दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। गाय के अमृत के समान दूध और अन्य गुणों की वजह से इसे धरती माता के समान पूज्य माना जाता है। इसलिए गाय को गौ माता भी कहा जाता है। गांवों में गाय के गोबर से बने उपलों को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत ही दुःख की बात है कि प्रोद्योगिकी के विकास के साथ हम गाय की महत्ता को भूलते जा रहे हैं। गाय का महत्व मनुष्य जीवन के लिए अति लाभदायक प्रसिद्ध होता है।

भगवान श्री कृष्ण के जीवन में गाय की बहुत मानता थी। भगवान श्रीकृष्ण का बचपन ग्वालों के बीच बीता है। भगवान श्रीकृष्ण को लोग गोविंदा व गोपाल कहकर बुलाते थे जिसका अर्थ होता है गायों का रक्षक तथा मित्र। गाय का दूध बच्चों एवं रोगियों के लिए बहु-उपयोगी होता है। गाय को एक परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीनकाल में गायों की संख्या से व्यक्ति की संपन्नता का पता चलता था।

गाय से अनगिनत लाभ है जैसे गाय दूध देती है जिससे दही, पनीर, घी, मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। गाय के दूध से बहुत सारी मिठाईयां भी बनती हैं। जब उसका बछड़ा बड़ा हो जाता है तो बैल बनकर कृषि के काम आता है। गाय का गोबर खाद व ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। गाय के बछड़ा हल चलाने, बैलगाड़ी चलाने व राहत चलाने के काम में आता है। गाय के गोबर का प्रयोग उपले बनाने में, खेतों में खाद बनाने व कच्चे फर्श को लीपने में किया जाता है। गाय के मूत्र का प्रयोग कैंसर जैसी घटक बिमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।

मानव समाज के लिए इतने उपयोगी होने के बावजूद भी गाय की वर्तमान दशा बहुत बुरी है। आज दुकानों में गायों का मांस बेचा जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे चंद पैसों के लिए उसे भेज दिया जाता है। दुनिया में ऐसी कई जगह है जहां गाय के मांस को खाया जाता है। कई जगह गाय का बछड़ा होते ही उसे उसकी माँ से अलग कर उसे बेच दिया जाता है। मानव जाति का ये कर्तव्य है कि गाय का आदर करें तथा उसे हर संभव रक्षा करें।

गाय बहुत ही प्यारा और उपयोगिता पशु है हमें इनका आदरपूर्वक ख्याल रखना चाहिए। यह हमारे लिए बहुत ही शर्म की बात है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो कई लोग उसे बेच देते है तथा उसका पालन पोषण करना छोड़ देते है। गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तो आज भी रीढ़ है। शहरों में जिस पॉलिथीन का उपयोग किया जाता है वह ऐसे ही फेंक दिया जाता है उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दशा में भी हमें गंभीरता से विचार करने होगा ताकि आस्था और अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। गाय की सुरक्षा करने तथा उनका पालन पोषण में मनुष्य को हर संभव प्रयास करना चाहिए।

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essay writing on cow in hindi

Essay on Cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में

Essay on Cow in Hindi

Table of Contents

Essay on Cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में {100 Words}

Essay on Cow in Hindi: गाय भारत की एक सबसे अधिक सम्मानित जानवर है, जिसे माँ का दर्जा मिला हुआ है। भारतीय शास्त्रों में लिखा हुआ की गाय में 33 प्रकार के देवताओं का वास होता है।

इसी वजह से गाय को भारत मे पूजा जाता है। गाय का दूध काफी उत्तम माना जाता है। गाँवों में खासकर घर घर मे गाय होती है। यह दिन में दो बार दूध देती है। यदि गाय का दूध छोटे बच्चों को पिलाया जाए तो उनमें स्फूर्ति आती है।

गाय एक बहुत ही संवेदनशील जानवर भी मानी जाती है। यदि घर में किसी तरह का दुख है तो गाय भी अक्सर दुखी नजर आती है। हिन्दू धर्म के लोग गाय माँ की तरह पूजते हैं।

गौ सेवा इस संसार से मुक्ति का द्वार भी माना जाता है इसलिए गाय का महत्व हमारे समाज मे और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

10 Lines On Cow in Hindi

  • गाय एक चार पैरों वाली जानवर है, जिसके दो आँख, दो कान, एक मुँह, दो सींग, एक लंबी पूँछ और 2 आँखे होती है।
  • गाय के चार थन होते हैं , जिनसे दूध निकलता है।
  • भारत मे गाय को माँ का दर्जा दिया गया है , इसीलिए गाय की पूजा की जाती है।
  • गाय एक शाकाहारी जानवर है जो घास, भूसा आदि खाती है।
  • गाय की विभिन्न नस्लें मौजूद है, जो अलग अलग देशो में पाई जाती है।
  • गाय के दूध से विभिन्न प्रकार की मिठाईयां बनती है।
  • गाय एक अहिंसक और सामाजिक जानवर है।
  • भारत मे गौ पालन का विशेष महत्व है इसलिए गाय पाला जाता है।
  • गाय के लिए गौ शालाएं भी खुलवाई जाती है जहाँ आवारा गायों को रखा जाता है।
  • गाय के गोबर का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है।

5 Sentences About Essay On Cow in Hindi

  • गाय के गोबर का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है।
  • गौ मूत्र का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
  • मादा गाय साल भर में 1 बच्चे को जन्म देती है।
  • नर गाय को बैल कहा जाता है।
  • एक स्वस्थ गाय 18-20 वर्ष तक जिंदा रहती है।

Essay on Cow For Class 1 in Hindi (150words)

प्रस्तावना .

हमारे समाज मे गाय को एक विशेष स्थान दिया गया है। ये एक पूज्यनीय जानवर है, जिसका महत्व बहुत ज्यादा है। गाय न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से बहुत अहम जानवर है बल्कि गाँवों की अर्थव्यवस्था में भी बहुत अहम किरदार निभाती है।

गाय की संरचना.

गाय एक चतुष्पदी जानवर है। सभी चतुष्पदी जानवरों की तरह इसके भी चार पैर रहते हैं। दो आँखें, दो कान और एक मुँह के अलावा गाय के सिर में दो सींग होती है, जिससे वो अपनी सुरक्षा करती है।

गाय में एक उदर होता है जो काफी बड़ा होता है। शरीर के पिछले हिस्से पर एक लंबी पूछ होती है,जिसकी सहायता से वो अपनी सफाई करती है।

गाय जुबाली भी करती है। यानी कि पहले वो खा लेती है, जो उसके पेट मे चला जाता है। इसके बाद पेट मे गए भोजन को दोबारा गाय खिंचती है और फिर से चबाती है।

यदि गाय जुबाली करती है तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ है। यदि गाय जुबाली नही करती तो गाय बीमार है।

गाय एक बहुत ही फायदेमंद जानवर है। इसका दूध पीने से छोटे बच्चो में फुर्ती आती है और दिमाग तेज होता है।

Short and Long Essay on Cow in Hindi (300words)

गाय एक सी पशु है जिसको माँ का दर्जा दिया गया है। खासकर यदि भारत मे मौजूद हिन्दू समुदाय की बात करें तो गाय उनकी आस्था का केंद्र है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में लिखा हुआ है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास रहता है।

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में गाय की सेवा करता है और उनका खयाल रखता है तो मृत्यु के उपरांत उसे भवसागर से मुक्ति मिल जाती है।

गाय से प्राप्त चीजों की उपयोगिता.

गाय से हमें गोबर, गौ मूत्र, दूध, दही, मक्खन, छाछ और आदि मिलता है, जिनका अलग अलग उपयोगी होता है।

गाय से मिलने वाली सभी चीज़े उपयोग में आती है। इसी वजह से प्राचीन काल से ही गाय हमारे जीवन का हिस्सा रही है।

गाय के गोबर से गोबर गैस बनाई जा सकती है। साथ ही गोबर की खाद भी बना सकते हैं, जिसे खेतों में डालने के बाद उनकी उर्वरक क्षमता बढ़ती है, और किसी तरह का नुकसान भी नही होता।

जब गाय बनी हमारे जीवन का हिस्सा.

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में किसानों को किसी ऐसे जानवर की जरूरत थी जो उनके साथ रह भी सकें और उनकी जरूरतें पूरी कर सकें।

इस जगह पर गाय सबसे उपयुक्त रही क्योंकि खेतों की फसल के बाद जो अतिरिक्त कचरा बचता था, वह गाय खा सकती थी।

साथ ही खेतों में घास भी मिल जाती थी, जिससे उनका भरण पोषण हो जाता था। गाय की एक और सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये बहुत ही शांत स्वभाव की होती है। उनसे किसी को कोई खतरा नही होता है। इस वजह से किसी को गाय पालने में भी दिक्कत नही होती है।

गाय का महत्व बहुत ज्यादा है। हम सब गाय को पूजते हैं, उन्हें माँ का भी दर्जा देते हैं लेकिन धरती का यह खूबसूरत जीव कभी कभी धार्मिक विवादों का केंद्र बन जाता है और इंसानों की इस लड़ाई में बेवजह इस जानवर से अच्छा व्यवहार नही किया जाता।

इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि जानवरों में भी जान होती है और उन्हें भी दर्द होता है। जानवरों के भी अधिकार है और उन्हें उन अधिकारों से वंचित नही करना चाहिए।

Essay on Cow in Hindi (1000words)

वैसे तो हर एक जानवर बहुत ही प्यारा होता है लेकिन सभी मामलों में गाय को शास्त्रों में एक विशेष स्थान दिया गया है। गाय वह जानवर है जिनकी पूजा होती है और घर मे बनी पहली रोटी गाय को देने के लिए कहा जाता है।

शास्त्रों में इस लिखा है कि गाय जन्म उस वक़्त हुआ था जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन चल रहा है। समुद्र मंथन से कई चीज़े निकली थी, जिनमे से एक गाय भी थी।

गाय के सभी प्रकार

गाय भी अलग अलग प्रकार की होती है, जैसे कि हमारे देश मिलने वाली देश गाय कद में छोटी होती है वही दूसरे देशों की गाय का कद बड़ा होता है। रंग-रूप,कद-काठी और दूध देने की क्षमता के आधार पर गाय को कई अलग अलग वर्गों में विभाजित किया गया है:-

साहीवाल प्रजाति की गाय गाय

साहीवाल गाय का जन्म पाकिस्तान के साहीवाल में माना जाता है। यह गाय देशी नस्ल की सभी गायों की तुलना में सबसे ज्यादा दूध देती है।

यदि इस गाय को सही भोजन दिया जाए तो यह प्रतिदिन 18-20 लीटर दूध देने में सक्षम है। इस गाय की कीमत भारत मे 40,000-60,000 रु. तक रहती है।

भारत मे यह गाय मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब में मिलती है। जो दूध का व्यापार करते हैं उन्हें यह गाय बहुत ही ज्यादा पसंद आती है।

गीर प्रजाति की गाय

ये भी भारतीय मूल की ही गाय है जो दक्षिण भारत के कठियाबाद में मुख्य रूप से मिलती है। एक वयस्क गाय प्रतिदिन 12 लीटर से भी ज्यादा दूध दे सकती है। ऐसी इन गायों की उम्र अधिकतम 15 वर्ष तक होती है।

अपने पूरे जीवनकाल में ये गायें 10-12 बच्चों को जन्म देती है। देशी नश्ल की ये गायें भी बहुत दुधारू मानी जाती है और दूध का व्यापार करने वाले लोग अधिकतर इन्ही को पालते हैं।

लाल सिंधी प्रजाति की गाय.

यह गाय पंजाब के सिंध प्रांत में मिलती है इसलिए इसके नाम के सिंधी शब्द जुड़ा है। इसका रंग गहरा लाल होने की वजह से लाल सिंधी गाय कहा जाता है।

यह गाय साल में औसतन 1600 लीटर दूध दे ही देती है। इस वजह से इसे भी दुधारू गाय माना जाता है। इसका शारीरिक आकार भी औसत ही होता है।

राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर प्रजाति की गाय.

यह गाय मुख्य रूप से राजस्थान में मिलती है। यह भी एक देशी नश्ल की दुधारू गाय मानी जाती है, जो प्रतिदिन 6-8 लीटर दूध दे ही देती है।

इन्ही गायों के ऊपर एक यूनिवर्सिटी में शोध हुआ था, जिसमे इनके खान पान पर विशेष ध्यान देने के बाद इनकी दूध देने के क्षमता दोगुना से भी ज्यादा हो गई थी।

कंगायम प्रजाति की गाय.

इस प्रजाति की गायें दक्षिण भारत के कोयंबटूर में अधिक पाई जाती है। एक बार जब ये गायें दूध देना शुरू कर देती है तब से लेकर 12 साल तक दूध देती है। इस नश्ल की गायें बहुत ही ज्यादा फुर्तीली होती है।

मेवाती प्रजाति की गाय

इस प्रजाति की गाय मुख्य रूप से हरियाणा राज्य में मिलती हैं। इन गायों के पैर लंबे होते हैं साथ ही गिर जाति के गायों से इनके कुछ लक्षण मिलते जुलते है। ऐसी गायें दुधारू मानी जाती है जो कम से कम 12 वर्षों तक तो दूध देती ही है।

गाय का महत्व (Importance of Cow in Hindi)

भारत मे गाय को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है,खासकर गाँवों में। कई लोगो के जीविका का आधार ही गाय होती है। वो गायों से मिलने वाले दूध को बेचते हैं और पैसे कमाते हैं। इसके अलावा भी गाय के कई महत्व है.

गाय का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व (Religious and spiritual importance of Cow)

भारत मे गाय सिर्फ एक जानवर नही है बल्कि करोड़ो हिंदुओ के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास होता है। गाय जिस भूमि पर कदम रख देती है वह भूमि पवित्र हो जाती है। गाय को पवित्रता का प्रतीक माना गया है। साथ ही गाय सबसे पवित्र जानवर भी है।

भारत मे कई ऐसे त्यौहार है जहाँ जब न सिर्फ गायों की पूजा होती है बल्कि साथ बैल भी पूजे जाते हैं। दीपावली के पहले भगवान धनवंतरी के साथ गाय को भी पूजा जाता है।

वही श्रावण मास के आखिरी में बैल को भी पूजा जाता है। गायों का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। जब कोई व्यक्ति अपनी मृत्युशैया पर होता है तब उसके हाथों से गौदान करवाया जाता है।

इसके पीछे मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को रास्ता दिखाने का काम गाय ही करती है। हमारे रसोई में बनने वाली पहली रोटी गाय को ही दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि पहली रोटी गाय को देने से रसोई में माँ अन्नपूर्णा का निवास हमेशा बना रहता है।

कृषि क्षेत्र में गाय का महत्व (Importance of Cow in Agriculture)

किसी एक गाय को कुल गोबर 5 एकड़ भूमि को उर्वरक बना सकता है, साथ मे गौमूत्र 10 एकड़ भूमि से कीट-पतंगों का सफाया कर सकते हैं। गाय के गोबर और मूत्र से जो खाद बनती है वह न सिर्फ भूमि की उर्वरक छमता को बढ़ाती है बल्कि साथ पानी का खपत भी कम होता है। खेतों में गोबर की खाद डालने से 5 गुना कम पानी की जरूरत पड़ती है।

गाय के दूध से बनने वाले उत्पाद का महत्व (Importance of Cow’s Milk Product)

गाय के दूध से बनने वाले उत्पादों का महत्व न सिर्फ भारत मे है बल्कि पूरी दुनियाँ में है। गाय के दूध से घी, दही, छाछ, पनीर आदि चीज़े बनती है जो न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से तो बहुत अच्छी है ही साथ मे लोगो को रोजगार भी उपलब्ध कराती है।

भारत जैसे देश में जहाँ हर माह कोई न कोई त्यौहार जरूर आता है, मिठाई की खपत बहुत ही ज्यादा होती है। जिन लोगो के पास पास अच्छी मिठाई बनाने का हुनर है वो अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

गाय के गौ मूत्र का महत्व (Importance of Cow Urine)

भारतीय आयुर्वेद (Essay on Cow in Hindi) में गौमूत्र का बहुत अधिक महत्व है। इसमे कई ऐसी दवाइयों का जिक्र किया गया है जिसमे गौमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

खासकर त्वचा से संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए गौमूत्र बहुत ही ज्यादा उपयोगी है।

महाभारत के नकुल को गौमूत्र से जुड़ी कई उपाय मालूम थे जिनका जिक्र मिलता है। इसमे बताया गया है कि यदि किसी जहरीली वस्तु को 3 से 7 दिन गौ मूत्र में रखा जाए तो उसका जहर खत्म हो जाता है।

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि गौ मूत्र को यदि पूरे घर मे छिड़का जाए तो इससे घर मे शुद्धता आती है।

गाय के गोबर का महत्व (Importance of Cow Dung)

गाय के गोबर (Essay on Cow in Hindi) का उपयोग लोग ईंधन के तौर पर भी करते हैं। गोबर के कंडों से गाँव मे भोजन बनता है। गोबर की मदद से ही गोबर गैस और गोबर की खाद बनती है। गोबर की खाद खेतों में डालने से इसकी उर्वरक क्षमता में काफी इजाफा होता है।

गोबर के कंडे जलाने से वातावरण में मौजूद कीटाणुओं का खात्मा होता है साथ ही वातावरण का तापमान संतुलित रहता है। 1984 में जो भोपाल गैस हादसा हुआ था, उसमे करीब 20,000 से भी ज्यादा लोगो की मृत्यु हो गई थी, जिनके घर मे गोबर से छपाई हुई थी, वो सभी बच गए थे।

गाय की घी का महत्व.

जिस तरह से पीपल का पेड़ स्वच्छ ऑक्सीजन देता है, जबकि बाकी अभी पेड़ Co2 छोड़ते हैं,ठीक उसी तरह घी से भी ऑक्सीजन मिलता है। यदि हम गाय के जलते हुए कंडे में एक चम्मच घी भी डालते हैं तो 1 टन ओसिज़न पैदा होती है। इसी वजह से हवन करते वक़्त गाय के गोबर से बने कंडे और घी से हवन किया जाता है।

गाय एक ऐसा जानवर जो बहुत उपयोगी है। उसके द्वारा हमें जो भी मिलता है वो सब कुछ हमें फायदा ही पहुचाता है। लेकिन फिर भी गायों की स्थिति उतनी अच्छी नही है।

खासकर शहर की गायें, सड़क की गायें पन्नी, कागज खाती है जिससे उनके पेट मे ये सब जमा हो जाता है और फिर इसकी वजह से इनकी मृत्यु हो जाती है। इस पर कुछ ध्यान देना जरूरी है।

कामधेनु गाय से संबंधित प्रचलित कहानी.

ऐसा कहा जाता है प्रथम गाय कामधेनु गाय थी जिसका जन्म समुद्र मंथन से हुआ था। कामधेनु गाय से जो भी मांगा जाता है वह मिल जाता था।

कामधेनु गाय सभी की इच्छा पूर्ति करने वाली थी। इसी वजह से हर कोई कामधेनु गाय को पाना चाहता था। लेकिन कोई पा नही सका।

कामधेनु गाय के बारे में एक कथा बहुत ही ज्यादा प्रचलित है। एक बार सहस्त्रार्जुन ऋषि जमदग्नि के आश्रम गए। ऋषि के पुत्र परशुराम थे। ऋषि ने राजा और उसकी विशाल सेना का पूरे दिल से स्वागत किया।

सभी सेना के लिए भोजनादि का प्रबंध किया। लेकिन राजा यह देखकर हैरान था कि सेवकों की संख्या भी ज्यादा नही है फिर भी इतना जल्दी सब कुछ कैसे हो रहा है।

तब राजा को पता चला कि ऋषि के पास एक गाय है जो इच्छा पूर्ति कर देती है। गाय के बारे में सुनते ही राजा के मन मे गाय लेने की लालसा जाग उठी। उसने तुरंत ऋषि से गाय लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन ऋषि ने यह कहते हुए मना कर दिया कि आश्रम में ज्यादा सेवक नही है।

लेकिन राजा को तो ले ही जाना था। इसलिए उसे गुस्सा आ गया और उसने ऋषि का आश्रम तहस नहस कर दिया और जबरजस्ती गाय ले जाने की कोशिश करने लगा।

लेकिन वह ऐसा कर नही पाया और गाय स्वर्ग चली गई। इसके बाद जब भगवान परशुराम आये और यह सब देखा तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सहस्त्रबाहु को मारने का संकल्प किया।

इसके बाद वो सहस्त्रबाहु ही नगरी उसे मारने के लिए निकल पड़े। उसके बाद सहस्त्रबाहु अर्जुन और भगवान परशुराम के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमे परशुराम को विजयी प्राप्त हुई। इस युद्ध मे सहस्त्रबाहु को परशुराम ने कई टुकड़ों में काट दिया था।

गौ माता के उद्धरण ( Gau Mata Quotes in Hindi)

गाय का मान ही राम का मान है। राम का जन्म गौ का ही वरदान है॥ गाय के वंश से भूमि हँसती सदा। गाय में राष्टृ की शान वसती सदा॥ गोबर से उर्वरा धरती को करती हैं। चमड़ी भी अपनी हमको अर्पित करती हैं॥ रोम-रोम जिनका करता है उपकृत हमको। दूध-दही-घृत से पूरित करती जीवन को॥

खेतों में इसके गोबर से, हम सोना उपजायें। भारत की पावन भूमि से, कटता गोवंश बचायें॥ गोरक्षा कर कृष्ण चन्द्रजी, गोवर्धन, गोपाल कहलाये। गोरूपी पृथ्वी की पुकार सुन, प्रभु श्रीराम जन्म ले आये॥

(Essay on Cow in Hindi) जब गाय नहीं होगी, गोपाल कहां होंगे। हम सब इस दुनियाॅ में, खुशहाल कहाॅ होंगे॥ जब गाय नहीं होगी……. सिंगो पर गऊ माॅ ने; सृष्टि ये धारी है। भोले शिवशंकर की, नन्दी पे सवारी है। नन्दी के बिना भोले, असवार कहाॅ होंगे॥ जब गाय नहीं होगी……. हत्या कर परोस देते हैं तन थाली में। रक्त बहा देते हैं माता का नाली में॥ चलो करें संकल्प बंद हो इनकी ह्त्या। वरना पाप डंसेगा हमको बनकर कृत्या॥

सब वेद पुराण गाय की महिमा गाते है, गाय की रक्षा करने स्वयं भगवान आते है .

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गाय पर निबंध 500 शब्दों में | Cow Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

Cow Essay in Hindi, गाय पर निबंध 100 से 500 शब्दों में, Cow Essay 10 Lines, गाय पर 10 लाइन

गायों का जिक्र हमारे वेद-पुराण में भी पाया जाता है। गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। कहा जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसीलिए हमारे देश में गाय की पूजा की जाती है। गाय को प्राचीन काल से ही पाला जा रहा है। ऐसा माना जाता है जिस घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष भी स्वतः खत्म हो जाते हैं।

Table of Contents

Cow Essay in Hindi – गाय पर निबंध 100 – 500 शब्दों में

Cow Essay in Hindi - गाय पर निबंध 100 - 500 शब्दों में

यह हमने छोटे व बड़े, गाय पर निबंध लिखे है जो आपके लिए काफी हेल्पफुल होगे। आगे सभी निबंध दिए गये हैं।

Cow Essay 10 Lines – गाय पर 10 लाइन

  • गाय एक शाकाहारी पालतु पशु है, यह हमें दूध देती है।
  • गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है।
  • भारत में गाय को गौ-माता का दर्जा दिया गया है।
  • गाय हरी घास और भूसा खाती है।
  • गाय भिन्न-भिन्न रंग-रूप और आकार की होती है।
  • गाय के दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है।
  • गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि कई चीजें बनाई जाती है।
  • गाय का दूध बेहद पौष्टिक और लाभदायक होता है।
  • गाय के घी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है।
  • गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है।

Cow Essay 10 Lines - गाय पर 10 लाइन

क्या आप 🤔 100 जानवरों के नाम हिंदी व अंग्रेजी में जानते हैं?

गाय पर निबंध 100 शब्दों में

गाय एक पालतू पशु है। यह शाकाहारी होती है और यह हमें दूध देती है। गाय को हम गौ माता कहते हैं। हिंदू धर्म में गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। गाय हरी घास और भूसा खाती है। गाय भिन्न-भिन्न रंग-रूप और आकार की पूरे विश्व में पाई जाती है। गाय के शारीरिक संरचना में दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। गाय का दूध अत्यधिक पौष्टिक और फायदेमंद होता है । गाय के घी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। गाय के घी का उपयोग खाने के साथ, हवन आदि में किया जाता है। गाय के दूध, दही,घी, गोबर और गोमूत्र से पंचगव्य बनता है।

यह भी पढ़ें Mahatma Gandhi Essay in Hindi – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निबंध 500 शब्दों में

गाय पर निबंध 300 शब्दों में

भारत में गाय को गौ माता का दर्जा दिया गया है। गाय का स्वभाव बहुत सरल होता है। प्राचीन काल से ही गाय को देवी का रूप माना जाता है। और गाय की पूजा की जाती है। सभी मंगल कार्य में गाय से बनी चीजों (पंचगव्य) का उपयोग किया जाता है जैसे दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर। इन तत्वों में औषधीय गुण भी होता है इसलिए बहुत सी दवाइयों के निर्माण में गाय के घी और गोमूत्र का उपयोग किया जाता है।

गाय की संरचना:

गाय विभिन्न रंग-रूप और आकार की होती है, और पूरे विश्व में पाई जाती है। गाय के शारीरिक संरचना में दो सींग, दो कांन, दो आंख, एक नांक, चार पैर, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है। जिससे वह मक्खियां उड़ाती है। गाय के पैरों में खुर होती है जो चलने व दौड़ने में मदद करती है। कुछ गाय की प्रजातियों में सींग नहीं पाई जाती है। गाय का दूध बेहद पौष्टिक होता है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

Cow essay in Hindi - गाय पर निबंध

गायों पर संकट:

गायों पर सबसे बड़ा संकट पॉलिथीन है। कचरे के ढेर में पड़ी ना सड़ने वाली पॉलिथीन को गाय खा जाती है जिससे उसके पेट में जाकर वह फंस जाती है। इस वजह से गायों की मृत्यु हो जाती है। इसके साथ ही कई प्रकार के रोग गायों को हो जाते हैं जिससे उनकी मौत हो जाती है। हाल ही में Lumpy Skin Disease नामक रोग गायों के लिए बेहद दर्दनाक रहा है जिससे बहुत सारी गायों की मृत्यु तक हो गई है।

गाय शुद्ध शाकाहारी होती है और इसका भोजन भी बहुत ही साधारण होता है। यह हरी घास, अनाज और भूसा खाती है। हिंदू धर्म में गायों का सभी जानवरों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है और हमारे यहां गाय की पूजा होती है। लेकिन हम मानव की कुछ गलतियों के कारण गायों पर संकट पैदा हो जाता है। जैसे पॉलिथीन खाने से गायों की मौत हो जाती है। अतः हमें पॉलिथीन का समुचित प्रयोग करना चाहिए।

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गाय पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना :.

गायों का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। प्राचीन काल में भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी गायों को ही कहा जाता था। क्योंकि गाय से दूध के साथ साथ उसके बछड़े से किसान खेती करते थे। वैदिक काल में गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि की निशानी हुआ करती थी। आज भी गाय का बहुत अधिक महत्व है। गाय के दूध में अत्यधिक पौष्टिकता होती है। इसी कारण से छोटे बच्चों से लेकर मरीजों तक को गाय का दूध दिया जाता है। गाय को गौ माता कहा जाता है। और गायों की पूजा की जाती है।

गाय की शारीरिक संरचना :

गाय के शारीरिक संरचना में एक मुंह, दो आंखें, दो कान, चार थन, दो सींग, दो नथुने तथा चार पैर वह एक पूछ होती है। पैरों मैं खुर होती है जो गाय के लिए जूतों का काम करते हैं। जिससे चलने व दौड़ने में मदद मिलती है। गाय की पूंछ लंबी होती है तथा उसके छोर पर एक बालों का गुच्छा भी होता है, जिससे वह शरीर पर बैठने वाली मक्खियां आदि को उड़ाने मे प्रयोग करती है। गाय की कुछ प्रजाति में सींग नहीं होते है।

गायों की प्रमुख नस्लें :

गायों की कई नस्लें होती हैं, हमारे भारत में मुख्‍यत: सहिवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार), गीर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, कच्छ), करन फ्राइ (राजस्थान), नीमाड़ी, मालवी, गावलाव (मध्य-प्रदेश) आदि हैं। विदेशी नस्ल में जर्सी गाय सर्वाधिक लोकप्रिय है। यह गाय दूध भी अधिक देती है। भारतीय गाय छोटी होती है, वहीं विदेशी गायों का शरीर थोड़ा भारी होता है।

गाय का महत्व :

गायों का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। आर्थिक दृष्टि से गायों से प्राप्त होने वाला दूध लोगों की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन है। तो वही धार्मिक दृष्टि से गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है।

गाय का आर्थिक महत्व:

हमारे जीवन यापन में प्राचीन काल से लेकर अब तक गायों का बेहद ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गाय के दूध से कई प्रकार की चीजें बनाई जाती है जैसे गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। जो कई लोगों की आमदनी का मुखिया स्रोत होता है। गायों के बछड़े बड़े होकर हल खींचने का काम करते हैं जिससे किसान को खेती करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही गाय के गोबर से आज बनाई जाती है जो खेती के लिए सबसे उपयुक्त खाद मानी जाती है।

गाय का धार्मिक महत्व :

हिंदू धर्म में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास होता है। दीवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। गाय के घी का पूजा हवन आदि में बहुत अधिक महत्व होता है। गाय के घी को हवन में डालने से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसा माना जाता है जिन घरों में गाय होती हैं उस घर की समृद्धि होती है।

गाय का औषधीय महत्व :

गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का पानी को सामूहिक रूप से पंचगव्य कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि की मान्यता है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में गाय का घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। गाय का दूध सुपाच्य होता है जिस वजह से छोटे बच्चे और रोगी को भी गाय का दूध पिलाया जाता है।

गाय शुद्ध शाकाहारी होती है और इसका भोजन भी बहुत ही साधारण होता है। या हरी घास, अनाज और भूसा खाती है, इसलिए इसे कोई भी साधारण परिवार आसानी से पाल सकता है। गायों का आर्थिक तथा धार्मिक दोनों में महत्व है। गाय के दूध से खाने के लिए बहुत सारी चीजें बनती हैं जैसे दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर व मिठाईयां इत्यादि। गाय का दूध काफी सुपाच्य होता है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मैं मदद करता है।

इस लेख में आज आपने गाय पर निबंध (Cow Essay in Hindi) लिखना सीखा है। उम्मीद करता हूँ कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद!

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FAQ Cow Essay

गाय पर निबंध कैसे लिखा जाए.

गाय पर निबंध लिखना काफी आसान है आप जो भी गाय के बारे में जानते हैं उसे अपने निबंध में एक व्यवस्थित तरीके से लिख दे। उदाहरण के लिए आप इस निबंध को देख सकते हैं। Cow Essay in Hindi और एक अच्छा निबंध लिखने के लिए किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए यह लेख पढ़ें।

गाय से मनुष्य को क्या लाभ है?

गाय के दूध से कई प्रकार की चीजें बनाई जाती है जैसे गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, और कई प्रकार की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। जो कई लोगों की आमदनी का मुखिया स्रोत होता है। गायों के बछड़े बड़े होकर हल खींचने का काम करते हैं जिससे किसान को खेती करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही गाय के गोबर से आज बनाई जाती है जो खेती के लिए सबसे उपयुक्त खाद मानी जाती है।

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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)- जिस देश में आज भी पहली रोटी गाय के नाम की निकाली जाती हो, गाय को माँ के समान पूजा जाता हो, गौमाता या गैया कहकर पुकारा जाता हो, गौशाला में जाकर चारा खिलाया जाता हो और उनकी सेवा की जाती हो, उस देश में गौ हत्या होना और गौ रक्षा पर सवाल खड़ा होना वाकई अपमानजनक बात है। हमारे देश में पौराणिक काल से ही सभी जानवरों में गाय (Cow) का महत्व सबसे अधिक रहा है। शहरों से ज़्यादा गांव के लोग इस बात को ज़्यादा अच्छे से समझते हैं कि हमारे लिए गाय क्या महत्व रखती है। हिंदू धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है और गाय से मिलनी वाली हर चीज़ गाय का दूध, गौमूत्र, गाय का गोबर आदि सभी दैवीय हैं।

गाय जिसे हम अंग्रेजी में Cow बोलते हैं। वो गाय जिस पर हम शुरुआती शिक्षा के दौरान स्‍कूल में अक्‍सर निबंध लिखते आए हैं, वो गाय जिसकी हम माँ के समान पूजा करते हैं, वो गाय जिससे हमें दूध प्राप्त होता है, वो गाय जिसमें सभी देवी-देवता वास करते हैं, वो गाय जिसे द्वापर युग में भगवान कृष्ण चराया करते थे, वो गाय जिसके सिर पर दों सींग होते हैं, पीछे एक लंबी सी पूंछ होती है, चार बड़ी-बड़ी टांगे होती हैं और दो बड़ी-बड़ी आंखे होती हैं। हिंदू संस्कृति के अनुसार गाय पूरे भारतवर्ष के लोगों की माता है, जो पूजनीय और वंदनीय है। हिंदू धर्म के लोगों में ऐसी मान्यता है कि गाय की सेवा से बढ़कर और कोई सेवा नहीं है। हिंदुस्तान में आज भी पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है। गाय भारत के गांवों की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने मुख्य भूमिका निभाती है।

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गाय का महत्व

ये मान्यता है कि गायों का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था और उन्हें स्वर्ग में जगह मिली थी। हमारी पौराणिक कथाओं में भी गायों की महिमा और उनके महत्व के बारे में बताया गया है। गाय सभी जानवरों में सबसे सीधी पशु है, जो जिंदा रहने तक ही नहीं बल्कि मरने के बाद भी इंसानों के काम आती है। गाय का घी, गाय का दूध, गौमूत्र और गाय का गोबर भी अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है कि गाय बहुत ही गुणकारी पशु है।

गाय का दूध ही नहीं बल्कि गाय के दूध से बनीं दूसरी चीज़ें, जैसे- दही, मक्खन, पनीर, छाछ आदि सभी डेयरी उत्पाद बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इन सभी चीज़ों का सेवन करने से हमें ताकत और प्रोटीन मिलता है। गांवों में आज भी गाय के गोबर के उपले बनाकर उन्हें आग जलाने के काम में लिया जाता है और गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है, जो खेती के काम में आती है। आयुर्वेद में भी इन सभी चीज़ों का अधिक महत्व है। कुल मिलाकर देखा जाए, तो गाय का हम सभी के जीवन में बहुत महत्व है।

गाय के प्रकार

हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार की गाय पाई जाती हैं, जैसे-

साहीवाल गाय- उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब

गिर गाय- गुजरात

लाल सिंधी गाय- कर्नाटक

राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर- राजस्थान

दज्जल, धन्नी- पंजाब

मेवाती- हरियाणा

गाय की उपयोगिता

गाय एक पालतू जानवर है, जिस घरों और गौशाला में पाला जाता है। गाय का दूध सुबह और शाम के समय निकाला जाता है। अच्छी नस्ल की गाय एक समय में पांच से दस लीटर तक दूध दे सकती है। दुधारू गाय की नस्ल और कुछ अलग नस्ल की गाय ज़्यादा दूध भी देती हैं। गांवों में किसान गाय-बैलों को खेतों में हल जोतने के काम में लेते हैं, बैलगाड़ी बनाकर उसकी सवारी करते हैं और माल ढोने के काम में भी लेते हैं। गाय का दूध दही, छाछ, पनीर, मिठाइयां बनाने के काम में लिया जाता है। गाय का गोबर सुखाकर उसे ईंधन के काम में लिया जाता है और खेतों में खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

अब तो लोग गाय का मांस भी खाने लगे हैं, जिसे बीफ के नाम से जाना जाता है। गाय अपने पूरे जीवन में हमें कुछ ना कुछ देती ही रहती है। एक गाय के मरने के बाद उसकी हड्डियाँ कलाकृतियाँ बनाने के काम में ली जाती हैं और गाय की चमड़ी का इस्तेमाल चमड़े की चीज़ों को बनाने के लिए किया जाता है। गाय के मूत्र यानी कि गौमूत्र को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। गौमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियाँ और दवाइयाँ बनाने के लिये इस्तेमाल में लिया जाता है, जिससे कई बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है।

धर्म और जाति से ऊपर उठकर हमें इंसानियत के नाते हमेशा गाय की रक्षा करनी चाहिए, सेवा करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। गाय भले ही बोल न पाती हो लेकिन हमें इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि हमारी वजह से उन्हें को तकलीफ न पहुँचे। अगर हम गाय की रक्षा नहीं कर सकते, तो हमें उन्हें दुखः भी नहीं पहुँचाना चाहिए।

गाय पर निबंध कक्षा 1 से 12 के लिए

अगर आप और आसान भाषा में Cow Nibandh In Hindi पढ़ना चाहते हैं, तो नीचे से आप हिंदी में गाय पर निबंध कक्षा 1 से 12 (Cow Essay In Hindi For Class 1st to 12th) तक के लिए प्राप्त कर सकते हैं।

गाय पर आसान निबंध 100 शब्द

गाय पर निबंध (Gay Par Nibandh)- गाय एक पालतू और शाकाहारी पशु है। गाय का स्वभाव बहुत की कोमल होता है। हिंदू धर्म के लोग गाय की पूजा करते हैं। भारत में गाय को गौमाता कहकर बुलाया जाता है। गाय के चार पैर, एक लंबी पूंछ, दो सींग, दो कान, दो आंखें, एक बड़ी नाक, एक बड़ा मुंह और एक सिर होता है। देश के हर राज्य में अलग-अलग तरह की गाय पाई जाती हैं। गाय से हमें दूध मिलता है। गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। गाय के दूध से घी, दही, मक्खन, छाछ, मिठाई आदि तैयारी की जाती है। गाय हरी घास और चारा खाती है। गाय के गोबर से बनी खाद खेती के काम में ली जाती है। हम सभी को गाय का सम्मान करना चाहिए।

गाय पर 10 लाइनें

गाय का निबंध 10 लाइन (Gay Par Nibandh 10 Line)-

1. गाय को इंग्लिश में काऊ (Cow) कहा जाता है।

2. गाय एक पालतू जानवर है।

3. हिंदू धर्म के लोग गाय को माँ मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

4. गाय केवल शाकाहारी भोजन, घास और चारा खाती है।

5. गाय का दूध पीने से हमारे शरीर को ताकत मिलती है।

6. गाय के दूध से घी, दही, मलाई आदि बहुत सी खाने की चीज़ें बनाई जाती हैं।

7. गाय का वजन 400 से 500 किलो तक होता है।

8. गाय के मूत्र से कई आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाई जाती हैं।

9. गाय बहुत ही लाभकारी जानवर है।

10. हम सभी को गाय की सेवा और उनकी रक्षा करनी चाहिए।

गाय पर अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

People also ask on cow par nibandh in hindi

प्रश्न- क्या गाय पालतू जानवर है?

उत्तरः हाँ, गाय एक पालतू जानवर है।

प्रश्न- गाय का वाक्य क्या होगा?

उत्तरः मोहन सोहन की गाय को लेकर नौ-दो ग्यारह हो गया।

प्रश्न- गाय हमें क्या-क्या देती है?

उत्तरः गाय हमें दूध देती है।

प्रश्न- गाय के पैर छूने से क्या होता है?

उत्तरः हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवाताओं का वास होता है और उनके पैरों में सारे तीर्थ का वास माना गया है। गाय के पैर छूने से पुण्य मिलता है।

प्रश्न- गायों को पालने वाले को क्या कहते हैं?

उत्तरः गायों को पालने वाले को गौ सेवा करने वाला कहते हैं।

प्रश्न- काली गाय का क्या महत्व है?

उत्तरः हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार काली गाय को घास खिलाने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

In this Article

गाय पर सबसे आसान 5 लाइन (5 Lines On Cow In Hindi)

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गाय एक बहुत सीधी-साधी और सबकी प्रिय पालतू जानवरों में से एक है, जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हम मनुष्यों को कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो आंखें और दो कान, मुंह और एक पूँछ होती है। यह भोजन के रूप में घास खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हम ताकतवर बनते हैं। हिन्दू धर्म में गाय को एक माँ का दर्जा दिया गया है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।

स्कूल में बच्चों को मेरी गाय पर निबंध लिखने के बारे में अक्सर पूछा जाता है, यहाँ हम आपको सबसे आसान शब्दों में गाय पर लेख लिखने के बारे में बताने वाले हैं। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6 के बच्चों के लिए यह निबंध सबसे उपयोगी होगा। तो आइए देखते हैं:

गाय हमारी माता होती है, और इसपर निबंध लिखना सबसे आसान होता है। तो आइए, मेरी गाय पर 5 छोटे व आसान वाक्य लिखना सीखते हैं:  

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
  • दुनिया में कई प्रकार के रंगों की गाय पाई जाती हैं।
  • गाय शांत स्वभाव की होती है।
  • गाय घास, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है।

गाय का उल्लेख तो वेदों और पुराणों में भी किया गया है। गाय को पालतू जानवरों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। गाय में बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे 10 आसान पंक्तियों को पढ़ें। यह कक्षा 1 के बच्चों में लिए संक्षेप में लिखा गया है। यदि आपको 100 शब्दों में गाय पर छोटा निबंध भी जानना है तो नीचे दी गई 10 लाइन की पक्तियों को पढ़ें।

  • गाय हमारी माता होती है।
  • गाय का एक बड़ा शरीर, चार पैर, दो सींग, दो आँखें और एक पूँछ होती है।
  • ये शुद्ध शाकाहारी जानवर है।
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
  • भारत में गाय की 30 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती हैं।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
  • गाय एक बहुत वफादार जानवर है।
  • गाय हमें दूध देती है।
  • गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

गाय से मिलने वाले विभिन्न लाभ केवल इसे पूजनीय नहीं बनाते बल्कि इनमें सारा ब्रह्मांड समाया है। अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे कि हर शुभ काम के लिए गाय से प्राप्त हुई चीजों का उपयोग होता ही है। अगर आपको हिंदी में गाय पर शॉर्ट कम्पोजिशन या पैराग्राफ लिखना है तो इस एस्से को पढ़े:

गाय हमारी माता है, जिन्हें हिन्दू धर्म में पूजा जाता है। खेती, परिवहन और अनेक प्रकार से मानव विकास में गाय की एक अहम भूमिका रही है। गाय के चार पैर, दो सींग, एक नाक, दो आँखें, दो कान और एक पूंछ होती है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो घास और पत्तियों खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हमारी हड्ड़ियां मजबूत होती है। गाय के दूध से हम विभिन्न डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि तैयार करते हैं। गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर पाया जाता है। गाय का दूध दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही यह कई प्रकार में भी उपलब्ध है। गाय स्वभाव की सीधी और मेहनती जानवर है। किसान खेतों में फसलों की कटाई और जमीन की जुताई के लिए इनकी सहायता लेते हैं। इतना ही नहीं इनके गोबर का इस्तेमाल गांवों में ईंधन और खाद के तौर पर भी किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है।

गौमाता हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती है। इनसे हमें अनेकों फायदे मिलते हैं। इसका हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्व को समझना चाहिए और उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए।

गाय पर निबंध 200-300 शब्दों में

हम सब जानते हैं कि गाय अनेक प्रकार से सब को लाभ प्रदान करती और हमे उनकी इस निस्वार्थ सेवा का आभारी होना चाहिए। यह न सिर्फ किसानों के लिए मददगार साबित होती है, बल्कि इसके द्वारा दिए गए दूध से कई सारे लोगों को रोजगार मिलता है। अगर आपके बच्चे की पसंदीदा जानवर गाय है और वो गाय पर लेख लिखना चाहता है तो उसके लिए 400 से 600 का निबंध दिया गया है। आइए देखते हैं:

गाय क्या है? (What is Cow?)

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे समाज में सम्मानित जानवरों में से एक मानी जाती है। गाय को इंसानों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी हिस्सों में इसकी पूजा भी की जाती है। गाय हमे दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी, आदि सहित कई प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

गाय की भूमिका? (Role of Cow)

गाय को हिन्दू धर्म में ‘गौ माता’ कहा जाता है और उनकी पूजा भी होती है। बात करें लोगों के जीवन में गाय की क्या भूमिका है तो गाय हमें दूध देती है। दूध से मिलने वाले कई फायदे हैं, जो इंसान के मानसिक और शारीरिक विकास लिए बेहद जरूरी है। दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिससे इंसान के शरीर को लाभ होता है। गाय सिर्फ हमे दूध या उससे बने उत्पाद ही नहीं प्रदान करती है बल्कि ये हमारी खेती को सफल बनाने में कई प्रकार से भूमिका निभाती है, चाहे वो गोबर से खाद बनाना हो या या जमीन की जुताई कर के उसे अधिक उपजाऊ बनाना हो।

गाय के प्रकार और रंग (Types of Cow and their Colors)

भारत में लगभग 30 तरीके की गाय की नस्लें पाई जाती है। सभी गाय मूल रूप से तीन से चार रंगों में पाई जाती है जिनमें काली, लाल, भूरी या सफेद शामिल है।

गाय के लाभ (Benefits of Cow)

गाय के गोबर और गौ मूत्र के कई फायदे हैं। ये दोनों चीजें कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं। इसके साथ गाय का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है, यह कई तरह के डेरी उत्पादों को बनाने में मदद करता है।

गाय का महत्व (Importance of Cow)

गाय का इंसान के जीवन में बहुत अहमियत है। हमारे इस्तेमाल के लिए गाय अनाज एकत्र करने के बाद बचे पौधे के हिस्सों को खा सकती हैं जो उसका चारा होता है। किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके इस तरह से पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु चारा के रूप में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious Importance of Cow)

गाय को हिंदू पौराणिक कथाओं में पवित्र माना जाता है। सदियों से, हिंदुओं द्वारा इसे देवी की तरह पूजा जाता रहा है। हिंदू अक्सर गाय को “गौ माता” के रूप में भी संदर्भित करते हैं जिसका अर्थ है गाय माता क्योंकि वे जिस प्रकार हमें लाभ पहुंचाती है वे केवल एक माँ ही कर सकती है। गाय देवी समान है और इसलिए उन्हें मारना पाप माना जाता है।

गाय की शारीरिक बनावट (Body Structure of a Cow)

गाय का शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो आंखें-कान, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूंछ होती है।

गाय की उपयोगिता (Utility of Cow)

  • भारत में गायों को पवित्र माना जाता है और उनके दूध का बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है।
  • यह खेती करने के लिए उपयोगी है।
  • सामान लाने ले जाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
  • गाय का घी बच्चों के दिमाग के विकास में मदद करता है।
  • यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

गाय का उपसंहार (Cow’s Epilogue)

गाय हमें दूध, घी व अन्य सेवाएं देती है। बदले में मानव प्रजाति उसको सिर्फ कष्ट दे रही है। हम गाय सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं जिससे वे प्लास्टिक और अन्य जहरीले पदार्थो का सेवन कर लेती हैं और बीमार हो जाती हैं जो अक्सर उनकी मृत्यु का कारण भी बन जाता है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव कहीं न कहीं हमारे ऊपर भी पड़ता है।

गाय की वर्तमान स्थिति (Current Status of Cow)

बदलते समय में केवल नाम मात्र गाय हमारी माता है लेकिन यह दुखद बात है कि हमारी ओर से मिलने वाली सेवा एक माँ को मिलने वाली सेवा के सामान नहीं है। जब गाय से मिलने वाले दूध व अन्य उत्पाद से समस्त मानव लाभ उठाता है तो उसका खयाल रखने के लिए भी समस्त मानव प्रजाति को एक जुट होना होगा। कोई भी गाय बेसहारा सड़कों पर न घूमे ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना और जहरीले पदार्थों से बचाया जा सके और उसके लिए उनके रहना खाने की वयवस्था होनी चाहिए। इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा। कई ऐसे लोग भी हैं जो गाय के माध्यम से अपनी रोजी रोटी भी चला रहे हैं उनके लिए यह मदद करेगा।

  • गाय आपको 6 मील दूर से सूंघ सकती हैं।
  • गाय एक अच्छी तैराक होती हैं।
  • गाय का चार भाग में पेट होता है।
  • गाय प्रतिदिन 40 गैलन तक लार का उत्पादन कर सकती हैं।
  • गाय लगभग 360 डिग्री तक देख सकती है।

गाय से जुड़े ऐसे काई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह प्रश्न कौन से हैं।

1.   गाय का गोबर कैसे उपयोगी है?

गाय के गोबर कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं।

2.   क्या गाय पालतू जानवर है?

जी हाँ, गाय एक पालतू जानवर है और लोग इसे घरों में पालते हैं।

3.   गाय के दूध में क्या पाया जाता है?

गाय के दूध में फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी और बी और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

4.   गाय को माता क्यों माना जाता है?

हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए इन्हे माँ का दर्जा दिया है। कई जगह पर इनकी पूजा की जाती है और बच्चे इन्हे गौ माता कहते है।

5.   गाय कितने साल तक जीती है?

गायों की औसत उम्र 15 से 20 साल होती है।

अगर आपका बच्चा क्लास 1 या 2 में है और उसे गाय पर पैराग्राफ, कुछ लाइन्स, निबंध या हिंदी में एस्से लिखना है तो इस लेख में दिए गाय पर अनुच्छेद से आपके बच्चे को न केवल अच्छा लिखना आएगा बल्कि उसको गाय से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी भी प्राप्त होगी।

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10 Lines on Cow in Hindi | गाय पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Cow in Hindi & English. In these few / some lines on Cow, you will get information about Cow in Hindi. A short essay on Cow in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,5,6,7,8,9,10,11,12. हिंदी में गाय पर 10 लाइनें, Checkout- Cow Essay in Hindi

10 Lines on Cow in Hindi

( Set- 1 ) Easy cow essay in hindi for 1st class

1. गाय पालतू पशु है।

2. यह कई रंगों की होती है।

3. कपिला गाय सब से उत्तम मानी जाती है।

4. इसकी चार टांगें, लंबी पूँछ और दो सींग होते हैं।

5. इसका दूध बड़ा गुणकारी होता है।

6. इसके दूध से पनीर, दही, मक्खन और घी बनते हैं।

7. इसका बछड़ा बैल कहलाता है।

8. बैलों की सहायता से खेती की जाती है।

9. इसका गोबर और मूत्र भी रोग नाशक होते हैं।

10. इन गुणों के कारण इसे गौ माता कहा जाता है।

11. श्रीकृष्ण जी गौओं से बहुत प्यार करते थे।

12. इसी कारण उन्हें ‘गोपाल’ कहा जाता है।

13. गौ की रक्षा करना हम सबका कर्त्तव्य है।

( Set- 2 ) Ten Sentence about Cow in Hindi | गाय पर 10 लाइन निबंध

1. गाय की चार पैर, दो आंखें, दो कान, एक सींग और एक पूंछ होती है।

2. गाय बहुत उपयोगी और घरेलू जानवर होता है जिसे ज्यादातर लोग,गाँव मे पालते है।

3. गाय हमें दूध देती है जो एक पूर्ण आहार है, जिसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा हमे मिलती है।

4. गाय के दूध से हम दही, छाछ, घी, खोया, पनीर आदि प्राप्त करते हैं।

5. गाय अनेक रंगों की पायी जाती है, जिनमें से काला, सफेद और भूरा रंग मुख्य है लेकिन सफेद गाय को ज्यादातर पसंद किया जाता है।

6. गाय का मूत्र अनेक बीमारियों को दूर करता है और गाय का गोबर खाद बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।

7. गाय का वैज्ञानिक नाम बोस टौरस (Bos taurus) होता है।

8. सामान्यतः एक गाय का जीवन-काल 20-25 वर्ष ही होता है।

9. भारत मे पायी जाने वाली गायों में गिर प्रजाति की गाय ज्यादा दूध देती है।

10. हिन्दू धर्म में गाय को माता की मान्यता दी जाती है।

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( Set- 3 ) 10 Lines on Cow in Hindi Language | cow par nibandh 10 line

1. गाय की गर्भावस्था मानव जितनी अर्थात 9 महीने तक  होती है।

2. वर्ष 1930 में एल्म फार्म ओलाइ (Elm form ollie) नामक पहली गाय ने हवाई जहाज में यात्रा की थी।

3. गाय सीढियों पर आसानी से चढ़ सकती है लेकिन उतर नही सकती है।

4. गाय के फुटप्रिंट अर्थात खुर अलग-अलग होते हैं जो उनकी पहचान बता सकते हैं।

5. गाय की सुगने की शक्ति बहुत ज्यादा होती है और एक गाय 6 मील दूर तक का भी सूंघ सकती है।

5 lines on cow in Hindi for class 1

6. गाय एक दिन में 40 पाउंड घास खा सकती है और 35 गैलन पानी पी सकती है

7. गाय के सिर्फ निचले जबड़े में ही 32 दांत होते हैं

8. गाय की दृष्टि 360° डिग्री (degree) तक होती है जिससे वो लगभग हर दिशा में देख सकती हैं।

9. गाय अपना खाना पचाने के लिए जुगाली (मुंह चलाना) करती हैं।

10. दुनिया की सबसे बड़ी गाय ब्लॉसम (Blossom) थी, जिसका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है।

( Set- 4 ) गाय का निबंध 10 लाइन  Gay Par Nibandh 10 line | Cow essay in hindi 10 lines

1. सभी पशुओं में से गाय को सबसे पवित्र पशु माना जाता है।

2. गाय दुध देने वाली पशु है और इसके दुध से फूर्ती आती हैं, याद्दाश्त तेज रहती है और देखने की क्षमता भी ज्यों कि त्यों रहती है।

3. गाय स्वभाव से बहुत ही साधारण और निर्मल होती है।

4. हिंदुओ के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है।

5. गाय के दुध से बहुत से मिष्ठान, पनीर और दही आदि बनाए जाते हैं।

6. गाय घास चारा औक अनाज आदि खाती हैं।

7. गौमूत्र से बहुत सी बिमारियों का इलाज किया जाता है।

8. गाय की बहुत सी नस्लें पाई जाती है।

9. गाय का प्रयोग कृषि कार्यों में भी किया जाता है।

10. गाय एक शाकाहारी पशु है और इसे कामधेनु के नाम से भी जाना जाता है।

10 Lines on Cheetah in Hindi

10 Lines on Elephant in Hindi

( Set- 5 ) 10 Lines Essay on Cow in Hindi

1. गाय को भारतवर्ष में एक पूजनीय पालतू पशु माना जाता है ।

2. गाय का मनपसंद भोजन घास और भूसा होता है ।

3. गाय के 32 दांत होते हैं, जिससे वह एक मिनट में लगभग 45 बार चबा सकती है ।

4. गाय संसार के सभी देशों में पाई जाती है । यह सफेद, काली, भुरी आदि रंगों की होती है ।

5. गाय औसतन 18 से 20 साल तक जीवित रह सकती है, उसका जीवन काल मुख्य उसकी नस्ल पर निर्भर करता है।

6. गाय से ताजा दूध प्राप्त होता है जो बहुत ही स्वादिष्ट वे पौष्टिक होता है ‌।

7. गाय एक बहुत ही उपयोगी पशु जिसे हम “गौ माता” भी कहते है ।

8. 1 दिन में सबसे अधिक दूध देने का रिकॉर्ड उरबे ब्लैंका नामक एक गायके नाम है, जिसने एक दिन में 265 Ibs दीया था ।

9. “Cow Chip Throw” नाम की एक विश्व चैंपियनशिप बीवर,ओकलाहोमा में आयोजित की जाती है ।

10. दुनिया भर में प्रतिदिन 900000 गाये मांस के लिए मार दी जाती है ।

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10 Lines on Importance of Trees in Hindi

इस लेख के माध्यम से हमने 10 Lines on Cow in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Few Lines on cow in Hindi

class 2 essay on cow in Hindi for class 1

cow pe essay 10 lines in Hindi

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Essay On Cow In English And Hindi | गाय पर निबंध

प्रिय छात्रों, आज के लेख में मैंने गाय पर निबंध (Essay On Cow) हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओ बताया है।

Essay On Cow In English

Body And Colour  

  • The cow is a pet animal.
  • She is a four-footed animal.
  • She has two ears, two horns and a longs bushy tail.
  • Cows are of many colours.
  •  Some cows are white, some are black and some brown.
  • The cow eats green grass and straw. 
  • She likes to eat oilcake.
  • She is also very fond of leaves and bread also.
  • The cow is a gentle animal.
  • She does not hurt anybody.
  • Children often play near her.
  • Hindus call her ‘Gau Mata’.
  • The cow is a very usefull animal.
  • She gives us sweet milk.
  • Her milk makes us Healthy.
  • It is very useful for children.
  • We make butter, ghee and curd from her milk.

Essay Of Cow In Hindi

शरीर और रंग

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • वह चार पैरों वाला जानवर है।
  • उसके दो कान, दो सींग और एक लंबी झाड़ीदार पूंछ है।
  • गाय कई रंगों की होती हैं।
  • कुछ गाय सफेद, कुछ काली और कुछ भूरी होती हैं।
  • गाय हरी घास और भूसा खाती है।
  • उसे ऑइलकेक खाना पसंद है।
  • उन्हें पत्ते और ब्रेड भी बहुत पसंद हैं।
  • गाय एक कोमल जानवर है।
  • वह किसी को दुख नहीं पहुंचाती।
  • बच्चे अक्सर उसके पास खेलते हैं।
  • हिंदू उन्हें ‘गौ माता’ कहते हैं।
  • गाय एक बहुत ही उपयोगी जानवर है।
  • वह हमें मीठा दूध देती है।
  • उसका दूध हमें स्वस्थ बनाता है।
  • यह बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है।
  • हम उसके दूध से मक्खन, घी और दही बनाते हैं।

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